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Sex Hindi Kahani जीजा साली का प्यार
जीजा साली का प्यार--1
भरी जवानी मे औरत के बिना जीवन गुजारना और ऊपर से एक बच्चे की परवरिश की ज़िम्मेदारी सचमुच बड़ा ही मुश्किल था. लेकिन छ्होटी साली कामिनी ने नवजात बच्चे को अपने छाती से लगा कर घर को काफ़ी कुच्छ संभाल लिया.
अपनी दीदी के गुजरने के बाद कामिनी अपनी मा के कहने पर कुच्छ दिनो के लिए मेरे पास रहने के लिए आ गयी थी. कामिनी तो वैसे ही खूबसूरत थी, बदन मे जवानी के लक्षण उभरने से और भी सुंदर लगने लगी थी.
औरत के बिना मेरा जीवन बिल्कुल सूना सूना सा हो चुका था. लेकिन सेक्स की आग मेरे शरीर और मन मे दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही थी. राते गुजारना मुश्किल हो गया था. कभी कभी अपनी साली कामिनी के कमसिन गोलाईयो को देख कर मेरा मन ललचाने लगता था. जैसा नाम वैसा ही उसका कमसिन जिस्म. कामिनी जो काम की अग्नि को बढ़ा दे.
मगर वह मेरी सग़ी साली थी यही सोच कर अपने मन पर काबू कर लेता था. फिर भी कभी कभी मन बेकाबू हो जाता और जी चाहता कि कामिनी को नंगी करके अपनी बाहो मे भर लू. उसके छ्होटी छ्होटी कसी हुए चूचीयो को मूह मे भर कर देर तक चूसता रहू और फिर उसे बिस्तर पर लेटा कर उसकी नन्ही सी चूत मे अपना मोटा लॅंड घुसा कर खूब चोदू.”
एक दिन मैं अपने ऑफीस के एक दोस्त के साथ एक इंग्लीश फिल्म देखने गया. फिल्म बहूत ज़्यादा सेक्सी थी. नग्न और संभोग के द्रश्यो की भरमार थी. फिल्म देखते हुए मैं कई बार उत्तेजित हो गया था सेक्स का बुखार मेरे सर पर चढ़ कर बोलने लगा था. घर लौटते समय मैं फिल्म के चुदाई वाले सीन्स को बार बार सोच रहा था और जब भी उन्हे सोचता, कामिनी का चेहरा मेरे सामने आ जाता मैं बेकाबू होने लगा था. मैने मन बना लिया कि आज चाहे जो भी हो, अपनी साली को चोदूगा ज़रूर.
घर पहुचने पर कामिनी ने दरवाजा खोला. मेरी नज़र सबसे पहले उसके भोले भाले मासूम चेहरे पर गयी फिर टी-शर्ट के नीचे धकी हुई उसकी नन्ही चूचियो पर और फिर उसके टाँगो के बीच चड्धी मे छुपी हुए छ्होटी सी मक्खन जैसी मुलायम बुर पे..
मुझे अपनी और अजीब नज़रो से देखते हुए कामिनी ने पूच्छा, “क्या बात है जीजू, ऐसे क्यो देख रहे है?"
मैने कहा, "कुच्छ नही . कामिनी..बस ऐसे ही...... तबीयत कुच्छ खराब हो गई."
कामिनी बोली. "आपने कोई दवा ली या नही?अभी नही."
मैने जबाब दिया और फिर अपने कमरे मे जा कर लूँगी पहन कर बिस्तर पर लेट गया.
थोड़ी देर बाद कामिनी आई और बोली, "कुच्छ चाहिए जीजू
मंन मे आया कि कह दू."“साली मुझे चोद्ने के लिए तुम्हारी चूत चाहिए." पर मैं ऐसा कह नही सकता था.
मैने कहा ". कामिनी मेरी टाँगो मे बहुत दर्द है. थोड़ा तेल ला कर मालिश कर दो.."
"ठीक है जीजू," कह कर कामिनी चली गयी और फिर थोड़ी देर मे एक कटोरी मे तेल लेकर वापस आ गयी. वो बिस्तर पर बैठ गयी और मेरे दाहिने टाँग से लूँगी घुटने तक उठा कर मालिश करने लगी.
अपनी 18 साल की साली के नाज़ुक हाथो का स्पर्श पाकर मेरा लॅंड तुरंत ही कठोर होकर खड़ा हो गया.
थोड़ी देर बाद मैने कहा, ". कामिनी ज़्यादा दर्द तो जाँघो मे है. थोड़ा घुटने के उपर भी तेल मालिश कर दे."
"जी जीजू" कह कर कामिनी ने लूँगी को जाँघो पर से हटाना चाहा. तभी जानबूझ कर मैने अपना बाया पैर उपर उठाया जिससे मेरा फुनफूनाया हुआ खड़ा लॅंड लूँगी के बाहर हो गया.
मेरे लॅंड पर नज़र पड़ते ही कामिनी सकपका गयी. कुच्छ देर तक वह मेरे लॅंड को कनखियो से देखती रही. फिर उसे लूँगी से ढकने की कोशिश करने लगी.
लेकिन लूँगी मेरे टाँगो से दबी हुई थी इसलिए वो उसे धक नही पाई.
मैने मौका देख कर पूछा, "क्या हुआ कामिनी?”
“जी जीजू. आपका अंग दिख रहा है." कामिनी ने सकुचाते हुए कहा
“आंग, कौन सा अंग?" मैने अंजान बन कर पूच्छा.
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RE: Sex Hindi Kahani जीजा साली का प्यार
जब कामिनी ने कोई जवाब नही दिया तो मैने अंदाज से अपने लॅंड पर हाथ रखते हुए कहा, "अरी! ये कैसे बाहर निकल गया?"
फिर मैने कहा, "साली जब तुमने देख ही लिया तो क्या शरमाना, थोड़ा तेल लगा कर इसकी भी मालिश कर दो."
मेरी बात सुन कर कामिनी घबरा गयी और शरमाते हुए बोली, "जीजू, कैसी बात करते है, जल्दी से ढाकिये इसे."
"देखो कामिनी ये भी तो शरीर का एक अंग ही है, तो फिर इसकी भी कुच्छ सेवा होनी चाहिए ना.तुम्हारी दीदी जब थी तो इसकी खूब सेवा करती थी, रोज इसकी मालिश करती थी. उसके चले जाने के बाद बेचारा बिल्कुल अनाथ हो गया है. तुम इसके दर्द को नही समझोगी तो कौन समझेगा?" मैने इतनी बात बड़े ही मासूमियता से कह डाली.
“लेकिन जीजू, मैं तो आपकी साली हू. मुझसे ऐसा काम करवाना तो पाप होगा,”
ठीक है कामिनी, अगर तुम अपने जीजू का दर्द नही समझ सकती और पाप - पुन्य की बात करती हो तो जाने दो." मैने उदासी भरे स्वर मे कहा.
मैं आपको दुखी नही देख सकती जीजू. आप जो कहेंगे, मैं कारूगी."
मुझे उदास होते देख कर कामिनी भावुक हो गयी थी.. उसने अपने हाथो मे तेल चिपॉड कर मेरे खड़े लंड को पकड़ लिया. अपने लंड पर कामिनी के नाज़ुक हाथो का स्पर्श पाकर, वासना की आग मे जलते हुए मेरे पूरे शरीर मे एक बिजली सी दौड़ गयी.
मैने कामिनी की कमर मे हाथ डाल कर उसे अपने से सटा लिया.
“बस साली, ऐसे ही सहलाती रहो. बहुत आराम मिल रहा है." मैने उसे पीठ पर हाथ फेरते हुए कहा.
थोड़ी ही देर मे मेरा पूरा जिस्म वासना की आग मे जलने लगा. मेरा मन बेकाबू हो गया. मैने कामिनी की बाह पकड़ कर उसे अपने उपर खींच लीया. उसकी दोनो चूचिया मेरी छाती से चिपक गयी. मैं उसके चेहरे को अपनी हथेलियो मे लेकर उसके होंठो को चूमने लगा.
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RE: Sex Hindi Kahani जीजा साली का प्यार
कामिनी को मेरा यह प्यार शायद समझ मे नही आया.वो कसमसा कर मुझसे अलग होते हुए बोली. "जीजू ये आप क्या कर रहे है?”
कामिनी आज मुझे मत रोको. आज मुझे जी भर कर प्यार करने दो.”
“लेकिन जीजू, क्या कोई जीजा अपनी साली को ऐसे प्यार करता है?" कामिनी ने आश्चर्या से पूछा.
“साली तो आधी घर वाली होती है और जब तुमने घर सम्हाल लिया है तो मुझे भी अपना बना लो. मैं औरो की बात नही जानता, पर आज मैं तुमको हर तरह से प्यार करना चाहता हू. तुम्हारे हर एक अंग को चूमना चाहता हू. प्लीज़ आज मुझे मत रोको कामिनी." मैने अनुरोध भरे स्वर मे कहा.
“मगर जीजू, जीजा साली के बीच ये सब तो पाप है” , कामिनी ने कहा.
"पाप-पुन्य सब बेकार की बाते हैं साली. जिस काम से दोनो को सुख मिले और किसी का नुकसान ना हो वो पाप कैसे हो सकता है? "
“लेकिन जीजू, मैं तो अभी बहुत छ्होटी हू." कामिनी ने अपना डर जताया.
“यह सब तुम मुझ पर छोड़ दो. मैं तुम्हे कोई तकलीफ़ नही होने दूँगा", मैने उसे भरोसा दिलाया.
कामिनी कुछ देर गुमसुम सी बैठी रही तो मैने पूछा, "बोलो साली, क्या कहती हो?”
ठीक है जीजू, आप जो चाहे कीजिए. मैं सिर्फ़ आपकी खुशी चाहती हू."
मेरी साली का चेहरा शर्म से लाल हो रहा था. कामिनी की स्वीकरति मिलते ही मैने उसके नाज़ुक बदन को अपनी बाहो मे भींच लीया और उसके पतले पतले गुलाबी होंठो को चूसने लगा.
मैं अपने एक हाथ को उसकी टी-शर्ट के अंदर डाल कर उसकी छ्होटी छ्होटी चूचियो को हल्के हल्के सहलाने लगा. फिर उसके निप्पल को चुटकी मे लेकर मसलने लगा.
थोड़ी ही देर मे कामिनी को भी मज़ा आने लगा और वो शी....शी. .ई.. करने लगी.
मज़ा आ रहा है जीजू.... आ... और कीजीए बहुत अच्छा लग रहा है.
अपनी साली की मस्ती को देख कर मेरा हौसला और बढ़ गया. हल्के विरोध के बावजूद मैने कामिनी की टी-शर्ट उतार दी और उसकी एक चूची को मूह मे लेकर चूसने लगा. दूसरी चूची को मैं हाथो मे लेकर धीरे धीरे दबा रहा था.
कामिनी को अब पूरा मज़ा आने लगा था.
क्रमशः.....................
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RE: Sex Hindi Kahani जीजा साली का प्यार
जीजा साली का प्यार--2
गतान्क से आगे,,,
वह धीरे धीरे बुदबुदाने लगी. "ओह. आ... मज़ा आ रहा है जीजू...और ज़ोर ज़ोर से मेरी चूची को चूसिए.. अयाया...आपने ये क्या कर दिया? ओह... जीजू.
अपनी साली को पूरी तरह से मस्त होती देख कर मेरा हौसला बढ़ गया. मैने कहा, कामिनी मज़ा आ रहा है ना?
हा जीजू बहुत मज़ा आ रहा है. आप बहुत अच्छी तराहा से चूची चूस रहे है." कामिनी ने मस्ती मे कहा.
आअब तुम मेरा लॅंड मूह मे लेकर चूसो, और ज़्यादा मज़ा आएगा", मैने कामिनी से कहा.
ठीक है जीजू. "
वो मेरे लंड को मूह मे लेने के लिए अपनी गर्दन को झुकाने लगी तो मैने उसकी बाह पकड़ कर उसे इस तरह लिटा दिया कि उसका चेहरा मेरे लंड के पास और उसके चूतड़ मेरे चेहरे की तरफ हो गये.
वो मेरे लंड को मूह मे लेकर आइसक्रीम की तरह मज़े से चूसने लगी. मेरे पूरे शरीर मे हाई वोल्टेज का करंट दौड़ने लगा. मैं मस्ती मे बड़बड़ाने लगा.
हा कामिनी, हा.. शाबाश.. बहुत अच्छा चूस रही हो, ..और अंदर लेकर चूसो."
कामिनी और तेज़ी से लंड को मूह के अंदर बाहर करने लगी. मैं मस्ती मे पागल होने लगा.मैने उसकी स्कर्ट और चड्धी दोनो को एक साथ खींच कर टाँगो से बाहर निकाल कर अपनी साली को पूरी तरह नंगी कर दिया और फिर उसकी टाँगो को फैला कर उसकी चूत को देखने लगा.
वाह! क्या चूत थी, बिल्कुल मक्खन की तरह चिकनी और मुलायम. छोटे छोटे हल्के भूरे रंग के बाल उगे थे.
मैने अपना चेहरा उसकी जाँघो के बीच घुसा दिया और उसकी नन्ही सी बुर पर अपनी जीभ फेरने लगा. चूत पर मेरी जीभ की रगड़ से कामिनी का शरीर गनगना गया. उसका जिस्म मस्ती मे कापने लगा.
वह बोल उठी. "हाय जीजू.... ये आप क्या कर रहे है... मेरी चूत क्यो चाट रहे है...आ... मैं पागल हो जाऊंगी... ओह.... मेरे अच्छे जीजू... हाय.... मुझे ये क्या होता जा रहा है."
कामिनी मस्ती मे अपनी कमर को ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे करते हुए मेरे लंड को चूस रही. उसके मूह से थूक निकल कर मेरी जाँघो को गीला कर रहा था. मैने भी चाट-चाट कर उसकी चूत को थूक से तर कर दिया था. करीब 10 मिनट तक हम जीजा- साली ऐसे ही एक दूसरे को चूसाते चाटते रहे.
हम लोगो का पूरा बदन पसीने से भीग चुका था. अब मुझसे सहा नही जा रहा था.
मैने कहा. " कामिनी साली अब और बर्दाश्त नही होता. तू सीधी होकर, अपनी टांगे फैला कर लेट जा. अब मैं तुम्हारी चूत मे लंड घुसा कर तुम्हे चोद्ना चाहता हू.
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RE: Sex Hindi Kahani जीजा साली का प्यार
मेरी इस बात को सुन कर कामिनी डर गयी.. उसने अपनी टांगे सिकोड कर अपनी बुर को च्छूपा लिया और घबरा कर बोली.
"नही जीजू, प्लीज़ ऐसा मत कीजिए. मेरी चूत अभी बहुत छ्होटी है और आपका लंड बहुत लंबा और मोटा है. मेरी बूर फट जाएगी और मैं मर जाऊंगी.
प्लीज़ इस ख़याल को अपने दिमाग़ से निकाल दीजिए.
डरने की कोई बात नही है कामिनी. मैं तुम्हारा जीजा हू और तुम्हे बहुत प्यार करता हू. मेरा विश्वास करो मैं बड़े ही प्यार से धीरे धीरे चोदुन्गा और तुम्हे कोई तकलीफ़ नही होने दूँगा , मैने उसके चेहरे को हाथो मे लेकर उसके होटो पर एक प्यार भरा चुंबन जड़ते हुए कहा.
लेकिन जीजू, आपका इतना मोटा लंड मेरी छ्होटी सी बूर मे कैसे घुसेगा? इसमे तो उंगली भी नही घुस पाती है." कामिनी ने घबराए हुए स्वर मे पूछा.
इसकी चिंता तुम छोड़ दो कामिनी और अपने जीजू पर भरोसा रखो. मैं तुम्हे कोई तकलीफ़ नही होने दूँगा." मैने उसके सर पर प्यार से हाथ फेरते हुए भरोसा दिलाया.
मुझे आप पर पूरा भरोसा है जीजू, फिर भी बहुत डर लग रहा है. पता नही क्या होने वाला है." कामिनी का डर कम नही हो पा रहा था.
मैने उसे फिर से धाँढस दिया. "मेरी प्यारी साली, अपने मन से सारा डर निकाल दो और आराम से पीठ के बल लेट जाओ. मैं तुम्हे बहुत प्यार से चोदून्गा. बहुत मज़ा आएगा.
ठीक है जीजू, अब मेरी जान आपके हाथो मे है", कामिनी इतना कहकर पलंग पर सीधी होकर लेट गयी लेकिन उसके चेहरे से भय सॉफ झलक रहा था.
मैने पास की ड्रेसिंग टेबल से वैसलीन की शीशी उठाई.. फिर उसकी दोनो टाँगो को खींच कर पलंग से बाहर लटका दिया. कामिनी डर के मारे अपनी चूत को जाँघो के बीच दबा कर छुपाने की कोशिश कर रही थी.
मैने उन्हे फैला कर चौड़ा कर दिया और उसकी टाँगो के बीच खड़ा हो गया.
आब मेरा तना हुआ लंड कामिनी की छ्होटी सी नाज़ुक चूत के करीब हिचकोले मार रहा था.
मैने धीरे से वैसलीन लेकर उसकी चूत मे और अपने लंड पर चिपॉड ली ताकि लंड घुसाने मे आसानी हो.
सारा मामला सेट हो चुका था.. अपनी कमसिन साली की मक्खन जैसी नाज़ुक बूर को चोदने का मेरा बरसो पुराना ख्वाब पूरा होने वाला था.
मैं अपने लंड को हाथ से पकड़ कर उसकी चूत पर रगड़ने लगा. कठोर लंड की रगड़ खाकर थोड़ी ही देर मे कामिनी की फुददी (क्लाइटॉरिस) कड़ी हो कर तन गयी.
वो मस्ती मे कापने लगी और अपने चूतड़ को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी.
बहुत अच्छा लग रहा है जीजू....... ओ..ऊ... ओ..ऊओह ..आ बहुत मज़ा आआअरहा है... और रगड़िए जीजू...तेज तेज रगड़िए.... "
वो मस्ती से पागल होने लगी थी और अपने ही हाथो से अपनी चूचियो को मसलने लगी थी.
मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था.
मैं बोला, मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है साली. बस ऐसे ही साथ देती रहो. आज मैं तुम्हे चोदकर पूरी औरत बना दूँगा."
मैं अपना लंड वैसे ही लगातार उसकी चूत पर रगड़ता जा रहा था.
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07-11-2017, 12:40 PM,
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RE: Sex Hindi Kahani जीजा साली का प्यार
जीजा साली का प्यार--3
गतान्क से आगे,,,
अपनी दुलारी साली को दर्द से बिलबिलाते देख कर मुझे दया तो बहुत आई लेकिन मैने सोचा अगर इस हालत मे मैं उसे छोड़ दूँगा तो वो दुबारा फिर कभी इसके लिए राज़ी नही होगी.
मैने उसे हौसला देते हुए कहा. "बस साली थोड़ा और दर्द सह लो. पहली बार चुदवाने मे दर्द तो सहना ही पड़ता है. एक बार रास्ता खुल गया तो फिर मज़ा ही मज़ा है."
मैं कामिनी को धीरज देने की कोशिश कर रहा था मगर वो दर्द से छटपटा रही थी.
मैं मर जाऊंगी जीजू... प्लीज़ मुझे छोड़ दीजिए...बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा है.. प्लीज़ जीजू...निकाल लीजिए अपना लंड", कामिनी ने गिड़गिदाते हुए अनुरोध किया.
लेकिन मेरे लिए ऐसा करना मुमकिन नही था. मेरी साली कामिनी दर्द से रोती बिलखती रही और मैं उसकी टाँगो को कस कर पकड़े हुए अपने लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करता रहा. थोड़ी थोड़ी देर पर मैं लंड का दबाव थोड़ा बढ़ा देता था ताकि वो थोड़ा और अंदर चला जाए.
इस तरह से कामिनी तकरीबन 15 मिनट तक तड़पती रही और मैं लगातार धक्के लगाता रहा.
कुछ देर बाद मैने महसूस किया की मेरी साली का दर्द कुच्छ कम हो रहा था. दर्द के साथ साथ अब उसे मज़ा भी आने लगा था क्योकि अब वह अपने चूतड़ को बड़े ही लय-ताल मे उपर नीचे करने लगी थी.
उसके मूह से अब कराह के साथ साथ सिसकारी भी निकलने लगी थी.
मैने पूछा. "क्यो साली, अब कैसा लग रहा है? क्या दर्द कुछ कम हुआ?
हा जीजू, अब थोड़ा थोड़ा अच्छा लग रहा है. बस धीरे धीरे धक्के लगाते रहिए. ज़्यादा अंदर मत घुसाईएगा. बहुत दुखता है." कामिनी ने हान्फ्ते हुए स्वर मे कहा.
ठीक है साली, तुम अब चिंता छोड़ दो. अब चुदाई का असली मज़ा आएगा."
मैं हौले हौले धक्के लगाता रहा. कुछ ही देर बाद कामिनी की चूत गीली होकर पानी छोड़ने लगी..
मेरा लंड भी अब कुछ आराम से अंदर बाहर होने लगा.
हर धक्के के साथ फॅक-फॅक की आवाज़ आनी शुरू हो गयी.
मुझे भी अब ज़्यादा मज़ा मिलने लगा था.
कामिनी भी मस्त हो कर चुदाई मे मेरा सहयोग देने लगी थी.
वो बोल रही थी, आब अच्छा लग रहा है जीजू, अब मज़ा आ रहा है.ओह जीजू.....ऐसे ही चोदते रहिए....और अंदर घुसा कर चोदिये जीजू....आ आपका लॅंड बहुत मस्त है जीजू जी.....बहुत सुख दे रहा है.
कामिनी मस्ती मे बड़बदाए जा रही थी. मुझे भी बहुत आराम मिल रहा था.
मैने भी चुदाई की स्पीड बढ़ा दी. तेज़ी से धक्के लगाने लगा. अब मेरा लगभग पूरा लंड कामिनी की चूत मे जा रहा था मैं भी मस्ती के सातवे आसमान पर पहुच गया और मेरे मूह से मस्ती के शब्द फूटने लगे.
हाई कामिनी, मेरी प्यारी साली, मेरी जान...आज तुमने मुझ से चुदवा कर बहुत बड़ा उपकार किया है.... हा.... साली. तुम्हारी चूत बहुत टाइट है....बहुत मस्त है...तुम्हारी चूची भी बहुत कसी कसी है. ओह्ह....बहुत मज़ा आ रहा है.
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07-11-2017, 12:40 PM,
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RE: Sex Hindi Kahani जीजा साली का प्यार
कामिनी अपने चूतड़ उछाल-उछाल कर चुदाई मे मेरी मदद कर रही थी. हम दोनो जीजा साली मस्ती की बुलंदियो को छू रहे थे.
तभी कामिनी चिल्लाई, ...जीजू... मुझे कुछ हो रहा है......आ हह....जीजू.... मेरे अंदर से कुछ निकल रहा है.... ऊहह.. जीजू... मज़ा आ गया.....ह..उई.... माअं....
कामिनी अपनी कमर उठा कर मेरे पूरे लंड को अपनी बूर के अंदर समा लेने की कोशिश करने लगी.
मैं समझ गया कि मेरी साली का क्लाइमॅक्स आ गया है.
वह झाड़ रही थी.
मुझ से भी अब और सहना मुश्किल हो रहा था.
मैं खूब तेज-तेज धक्के मार कर उसे चोदने लगा और थोड़ी ही देर मे हम जीजा साली एक साथ स्खलित हो गये.
बरसो से ईकात्ठा मेरा ढेर सारा वीर्य कामिनी की चूत मे पिचकारी की तरह निकल कर भर गया..
मैं उसके उपर लेट कर चिपक गया.
कामिनी ने मुझे अपनी बाँहो मे कस कर जाकड़ लिया.
कुछ देर तक हम दोनो जीजा-साली ऐसे ही एक दूसरे के नंगे बदन से चिपके हान्फ्ते रहे.
जब साँसे कुछ काबू मे हुई तो कामिनी ने मेरे होटो पर एक प्यार भर चुंबन लेकर पूछा, "जीजू, आज आपने अपनी साली को वो सुख दिया है जिसके बारे मे मैं बिल्कुल अंजान थी. अब मुझे इसी तरह रोज चोदियेगा. ठीक है ना जीजू?"
मैने उसकी चूचियो को चूमते हुए जबाब दिया, "आज तुम्हे चोद्कर जो सुख मिला है वो तुम्हारी दीदी को चोद्कर कभी नही मिला..तुमने आज अपने जीजू को तृप्त कर दिया."
वह भी बड़ी खुश हुई और कहने लगी, “आप ने मुझे आज बता दिया कि औरत और मर्द का क्या संबंध होता है.”
वा मेरे सीने से चिपकी हुई थी और मैं उसके रेशमी ज़ुल्फो से खेल रहा था..
कामिनी ने मेरे लंड को हाथ से पकड़ लिया.
उसके हाथो के सपर्श से फिर मेरा लंड खड़ा होने लगा, फिर से मेरे मे काम वासना जागृत होने लगी.
जब फिर उफहान पर आ गया तो मैने अपनी साली से कहा पेट के बल लेट जाओ.
उसने कहा, क्यूँ जीजू?
मैने कहा, “इस बार तेरी गांद मारनी है. “
वह सकपका गयी और कहने लगी, “कल मार लेना.”
मैने कहा, “आअज सब को मार लेने दो कल पता नही में रहूं कि ना रहूं.”
यह सुनते ही उसने मेरा मूह बंद कर लिया और कहा, "आप नही रहेंगे तो मैं जीकर क्या करूँगी?"
वह पेट के बल लेट गयी. मैने उसकी चूतर के होल पर वसलीन लगाया और अपने लंड पर भी, और धीरे से उसकी नाज़ुक चूतर के होल मे डाल दिया.
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