RE: Sex Hindi Kahani तीन घोड़िया एक घुड़सवार
तभी रश्मि को वो बात याद आ गई जब अजय उसकी और उसकी मम्मी गीता की पनती को सूंघ सूंघ कर अपना लंड हिला रहा था, अजय एक बात पुँच्छू सच सच बताएगा, हाँ दीदी पुछो, अजय अच्छा ये बता, कोई लड़का किसी औरत की पॅंटी को सूँघे तो इसका क्या मतलब होता है, दीदी सिंपल सी बात है कोई लड़का किसी की पॅंटी सुन्घ्ता है मतलब वह उस औरत की चूत सूंघने की कल्पना करता है क्यो कि वह पॅंटी तो औरत की चूत को ही कसे होती है ना, और वह उस औरत को चोदना चाहता है इसीलिए उसकी पॅंटी को सूंघ कर उसकी चूत की खूशबू को महसूस करता है, रश्मि अजय से तो इसका मतलब ये हुआ कि तू मम्मी को भी चोदना चाहता है, रश्मि के मूह से यह सुनते ही अजय का मूह खुला का खुला ही रह गया, हड़बड़ा कर ये तुम क्या कह रही हो दीदी, मैं ऐसा क्यो सोचूँगा, रश्मि तो फिर तू उस दिन मम्मी की पॅंटी को अपने कमरे मे अपना लंड हिला हिला कर क्यो सूंघ रहा था, अब तो अजय की बोलती बंद हो चुकी थी, और वह बात को संभालने की कोशिश करता हुआ अरे दीदी वो तो मैं तुम्हारी पॅंटी समझ कर सूंघ रहा था , रश्मि अजय बनो मत तुम्हारे हाथ मे दो पॅँतिया थी एक मम्मी की और एक मेरी, अब अजय समझ गया कि दीदी को सब पता चल चुक्का है और वह अपनी खुद की बातो मे फस चुक्का है.
सॉरी दीदी तुम ठीक कह रही हो मैं मम्मी की पॅंटी भी सूंघ रहा था, रश्मि मतलब तुम मम्मी को चोदने की नज़र से देखते हो, हाँ दीदी, अजय तुम्हे ऐसा नही सोचना चाहिए वो हमारी मा है, अजय मैं क्या करू दीदी इसमे भी मेरी ग़लती नही है, एक दिन जब मैं तुम्हे नंगी देखने के चक्कर मे बाथरूम के छेद से अंदर देखा तो वहाँ तुम नही थी बल्कि मम्मी पूरी नंगी होकर खड़ी खड़ी अपनी फूली हुई चूत के बाल बना रही थी , लगभग वह अपनी चूत के बाल बना चुकी थी और फिर मग से पानी डाल कर अपनी फूली हुई गोरी गोरी चूत को रगड़ने लगी जब मम्मी की चूत पूरी चिकनी हो गई तो मम्मी ने अपनी चूत मे अपनी दो उंगलिया डाल कर अपनी मोटी मोटी गंद खड़े खड़े हिलाने लगी, दीदी यह सब देख कर मुझसे रहा नही गया और मेरा लंड खड़ा हो गया, रश्मि ने अजय के लंड को अपने हाथो से दबाते हुए अजय लंड तो तुम्हारा अभी भी मम्मी का नाम लेते ही खड़ा हो गया है और अजय के लंड को कस कर दबा दिया, रश्मि फिर क्या हुआ, फिर दीदी मम्मी ने मूह दूसरी तरफ घुमा कर शायद मिरर मे अपनी चूत देखने लगी अब मम्मी की मोटी फुटबॉल जैसी गंद मेरी तरफ थी , रश्मि अजय का लंड लगातार सहलाए जा रही थी और बड़े गोर से उसकी बाते सुन रही थी अब अजय ने भी रश्मि की चूत की फांको की दरार मे अपनी उंगली चेलाते हुए, क्या बताऊ दीदी मम्मी के मोटे मोटे चूतड़ देख कर मुझसे रहा नही गया और मैने वही अपने पाजामे से अपना लंड निकाल लिया और मम्मी के मोटे मोटे चूतादो को देखते देखते मैं यह सोचने लगा कि मैं मम्मी की मोटी गंद को अपने लंड से चोद रहा हू और अपना पानी वही खड़े खड़े निकाल दिया, उस दिन मैने पहली बार अपनी मम्मी को पूरी नंगी देखा था, और पहली बार मम्मी के नाम की मूठ मारी थी,
रश्मि अजय की बातो को सुन कर गरमाने लगी थी और ज़ोर ज़ोर से अजय का लंड मसल रही थी, रश्मि तो अजय क्या तुम्हे मम्मी की चूत और चूतड़ इतने पसंद आए, हाँ दीदी मैने आज तक इतने मोटे मोटे चूतड़ और इतनी फूली हुई चूत कभी नही देखी, उस दिन से मैं मम्मी को रोज नंगी नहाते हुए देखने लगा, रश्मि तो क्या अजय मम्मी बाथरूम मे रोज नंगी ही नहाती है, अजय हाँ दीदी तुम जानती नही हो हमारी मम्मी बहुत चुदासी औरत है और वह एक तगड़ा लंड अपनी चूत मे चाहती है, क्यो कि मैने मम्मी को हर दूसरे दिन अपनी चूत को रगड़ रगड़ कर मूठ मारते देखा है, पापा के लंड से अब मम्मी की प्यास नही बुझ पाती है,
रश्मि तो क्या अगर मम्मी तुझे चोदने को दे तो तू मम्मी को चोद देगा और अजय का लंड कस कर अपने हाथो से दबा देती है, अजय अपनी दीदी की चूत मे दो उंगलिया पेलता हुआ उसे अपने सीने से लगाते हुए, अरे दीदी तुम तो मम्मी को चोदने की बात करती हो मैं तो अपनी कल्पनाओ मे तुम्हे और मम्मी दोनो को एक साथ नंगी करके हज़ारो बार चोद चुक्का हू, उस चुदाई मे तुम मेरे लंड पर चढ़ कर चुद्ती हो और मम्मी पूरी नंगी होकर मेरे मूह पर बैठ कर चुद्ती है और मैं नीचे से तुम्हारी चूत मे अपना लंड पेलता हू और मम्मी की चूत मे अपनी जीभ पेल पेल कर चोद्ता हू,
क्रमशः......................
|