Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
01-12-2019, 02:33 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी

क्या इतफ़ाक़ था कि राजेश और कविता एक तरफ से आइलॅंड हॉपिंग टूर पे निकले और दूरी तरफ से विजय वगेरह भी ...पर होनी ने इनका टकराव कभी भी नही होने दिया क्यूँ दोनो का रास्ता बिल्कुल उलट था ....जहाँ राजेश पहली बार पहुँचा वो विजय का आखरी स्टॉप था ....इसलिए सारा दिन घूमते हुए भी ये आपस में नही टकराए ....आइलॅंड हॉपिंग टूर की सबसे खांसियत थी .....मोटर बोट की राइड ...जो राजेश ने अपने अकेले की लिए बुक करी थी ...किसी और पॅसेंजर को उसमे नही आने दिया था ...अपनी मर्ज़ी से बोट जितनी देर चाहे उतनी देर हर आइलॅंड पर रोकी ...और कविता ने बहुत से मोमेंटोस खरीदे ....

शाम तक ये वापस अपने होटेल पहुँच गये .....कविता आज बहुत चाहक रही थी ...सारा दिन राजेश उसे हँसाता रहा ...कभी कोई नोतंकी करता तो कभी कोई .....एक जगह एक आइलॅंड पे जहाँ कुछ वीरना पन था राजेश ने उसे अपनी बाँहों में भर चूमना शुरू कर दिया था ....इस खुले में उसका चूमना ...कवि पहले तो कितनी घबरा गयी थी...पर धीरे धीरे उसे भी मज़ा आने लगा था .......जैसे ही वो अपने रूम में घुसे कविता लहराती हुई बेड पे गिर पड़ी ......

राजेश ...अरे फ्रेश तो हो जाओ 

कविता ....आज मैं बहुत खुश हूँ......सच तुम को पा कर जिंदगी का नारिया ही बदल गया .....

राजेश ...हां इसीलिए तो छोड़ गयी थी ....

कविता ....देखो ऐसी बातें करोगे तो नाराज़ हो जाउन्गि ......

राजेश ...तोबा तोबा ...मैं तो मज़ाक कर रहा था ....तुम नही जानती ..तुमने वापस आ कर मेरी जिंदगी में नयी उमंग भर दी है ......

कविता ..उसे जीब से चिढ़ाती हुई बात में घुस्स गयी ....

राजेश मुस्कुराते हुए अपने कपड़े उतारने लगा ...जगह जहाँ रेत लगी हुई थी जो उसे अब चुब रही थी ...और अंडरवेर में ही वहीं सोफे पे बैठ कविता के बाहर आने का इंतेज़ार करने लगा और अपने लिए वाइन एक ग्लास में डाल हल्के हल्के सीप लेटे हुए दूर तक फैले समुद्र में उठती गिरती लहरों को देख मज़े लेने लगा ....

कविता जब बाथरूम से बाहर निकली तो राजेश की तो हालत ही खराब हो गयी उसे देख

अपना सर झटक वो बाथरूम में घुस गया और शवर लेने लगा......

कविता ने सारी लाइट्स ऑफ कर दी .....लिविंग रूम के कोनो में बड़ी बड़ी कॅंडल्स रखी हुई थी ...उसने वो जला दी .......रूम सर्विस को शॅंपेन और नोन वेज स्नॅक्स का ऑर्डर कर दिया ...सभी पर्दे हटा ...एक दम ओपन एर जैसे महॉल बना दिया जहाँ सिर्फ़ चार मोमबत्तियों की रोशनी थी और खिड़कियों से झाँकती चाँद की चाँदनी महॉल को और भी कामुक बना रही थी ......फिर कवि ने म्यूज़िक सिस्टम पे एक बहुत ही भीनी आवज़ में म्यूज़िक लगा दिया जिसपे डॅन्स हो सके ......

राजेश बाथरूम से बाहर निकला बाथरोब में तो ये सारी चेंजस देख वो कविता के टेस्ट का कायल हो गया ......इस से पहले वो कुछ बोलता वेटर ने ऑर्डर डेलिवर कर दिया .........

राजेश ...मन में सोचने लगा ...आज तो मेरे कत्ल का पूरा इरादा है मेम्साब का .........

वेटर समान सेंटर टेबल पे लगा बिल साइन करा के चला गया .........और जाने से पहले डिन्नर का भी ऑर्डर ले गया ......

राजेश वेटर के जाने के बाद सिटी बजाने लगा ....और कविता ने शर्मा के चेहरा झुका लिया .........

राजेश धीरे धीरे चलता हुआ कविता के पास पहुँचा उसकी कमर में हाथ डाल डॅन्स करने लगा .....

राजेश ....वह जान क्या रंगीन समा बाँधा है .....बस ऐसे ही मेरी जिंदगी रंगीन करती रहना .......

कविता ने शर्मा के चेरा उसकी चाहती पे छुपा लिया और डॅन्स में उसके साथ देने लगी .........

राजेश म्यूज़िक के साथ एक गीत भी गाने लगा .........



जब कोई बात बिगड़ जाए जब कोई मुश्किल पड़ जाए
तुम देना साथ मेरा ओ हम नवाज
जब कोई बात बिगड़ जाए जब कोई मुश्किल पड़ जाए
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज

ना कोई है ना कोई था ज़िंदगी में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज

हो चाँदनी जब तक रात देता है हर कोई साथ
तुम मगर अंधेरो में ना छोड़ना मेरा हाथ
हो चाँदनी जब तक रात देता है हर कोई साथ
तुम मगर अंधेरो में ना छोड़ना मेरा हाथ

जब कोई बात बिगड़ जाए जब कोई मुश्किल पड़ जाए
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज
ना कोई है ना कोई था ज़िंदगी में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज

वफ़ादारी की वो रस्में निभाएँगे हम तुम कस्में
एक भी साँस ज़िंदगी की जब तक हो अपने बस में
वफ़ादारी की वो रस्में निभाएँगे हम तुम कस्में
एक भी साँस ज़िंदगी की जब तक हो अपने बस में

जब कोई बात बिगड़ जाए जब कोई मुश्किल पड़ जाए
तुम देना साथ मेरा ओ हम नवाज
ना कोई है ना कोई था ज़िंदगे में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा ओ हम नवाज

दिल को मेरे हुआ यकीन हम पहले भी मिले कहीं
सिलसिला ये सदियों का कोई आज की बात नहीं
दिल को मेरे हुआ यकीन हम पहले भी मिले कहीं
सिलसिला ये सदियों का कोई आज की बात नहीं

जब कोई बात बिगड़ जाए जब कोई मुश्किल पड़ जाए
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज
जब कोई बात बिगड़ जाए जब कोई मुश्किल पड़ जाए
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज
ना कोई है ना कोई था ज़िंदगी में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज


कविता ने भी गाने में उसका साथ दिया ....दोनो मस्ती में झूमते रहे गाते रहे .....और जब म्यूज़िक बंद हुआ तो इनका गाना भी अंत तक पहुँच गया था....

फिर राजेश ने शॅंपेन खोली और उसकी फुहार कविता पे छिड़क दी ....

कविता .....ऊऊुुऊउककचह च्चिईिइ गंदे .......चिल्लाती हुई रूम से बाहर बने डेक पे चली गयी .....

राजेश दो पेग बना कर बाहर ले गया ....

कविता ......गंदे ऐसा भी कोई करता है मेरे उपर ही डाल दी .....

राजेश ....जानेमन .....यही तो मज़ा होता है शॅंपेन का अब पी कर देखो लुत्फ़ ही लुत्फ़ आएगा ......

कविता ने उसके हाथ से जाम लिया .....दोनो ने चियर्स किया

राजेश ...तो थे एवरलासटिंग ब्यूटी ऑफ माइ वाइफ 

कविता .....टू दा साउंड हेल्त ऑफ और लव 

दोनो ने जाम ख़तम किया अंदर आए और भूख लग चुकी थी तो स्नॅक्स पे टूट पड़े .....

धीरे धीरे शॅंपेन की बॉटल और स्नॅक ख़तम हो गये और दोनो बाहर टहलने लगे हाथों में हाथ डाल.

कुछ देर बाद इनका डिन्नर भी आ गया ...जिसे दोनो ने बाहर ...चाँदनी रात का लुफ्त लेते हुए खाया .....

डिन्नर ख़तम हुआ .....दोनो ने अपने हाथ मुँह बाथरूम में सॉफ किए .....फिर कविता ने राजेश का नाइट सूट वॉर्डरोब से निकाला और उसे दिया ......पहन लीजिए ....इतना कह वो फिर बाथरूम में घुस गयी ...सारा जिस्म चिपचिपा हो रहा था शॅंपेन की वजह से .....शवर ले कर वो बाथरोब में ही बाहर आ गयी अंदर उसने कुछ नही पहना था क्यूंकी ब्रा और पैंटी तो साथ ले जाना भूल ही गयी थी ....बाथरोब से उसके उरोज़ झाँक रहे थे ....राजेश ने उसकी बात रखते हुए नाइट सूट पहन लिया था....दोनो की नज़र जब एक दूसरे से टकराई तो वहीं जम के रह गयी ...आँखों ने आँखों से बातें शुरू कर दी ...और कविता के चेहरे पे लाज की लाली फैलने लगी ....राजेश के कदम अपने आप उसकी तरफ बढ़ते चले गये और दोनो इतने करीब होगये की सांसो में सांस घुलने लगी .......बहुत इंतेज़ार किया था दोनो ने इस रात का....आज वो रात आ ही गयी थी...जब दो बदन एक दूसरे में समानेवाले थे...दो आत्माओं ने अपना मिलन करना था...दो दिल एक ही सुर गाते हुए धड़कने लगे थे......और दोनो के होंठ करीब आते चले गये.....मिलन की शुरुआत हो गयी.......
Reply


Messages In This Thread
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी - by sexstories - 01-12-2019, 02:33 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  बाप का माल {मेरी gf बन गयी मेरी बाप की wife.} sexstories 72 13,128 06-26-2024, 01:31 PM
Last Post: sexstories
  Incest Maa beta se pati patni (completed) sexstories 35 9,544 06-26-2024, 01:04 PM
Last Post: sexstories
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 19,428 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 9,283 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 6,402 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,766,380 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 578,686 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,348,256 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,032,458 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,812,039 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68



Users browsing this thread: 9 Guest(s)