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RE: Sex Kahani हलवाई की दो बीवियाँ और नौकर
बेला: अच्छा-2 ठीक है सोनू मैने कुछ भी जान बूझ कर नही किया…सेठ जी तो मेरे साथ ज़बरदस्ती कर रहे थे….
छन्डीमल: (बेला की बात सुन कर चन्डीमल की और गान्ड फॅट जाती है….) ज़बरदस्ती मेने कब करी है ज़बरदस्ती तुम्हारे साथ छीनाल….साली खुद तू चुदने को तैयार हुई थी पैसे के लिए….
सोनू: तू चुप कर बाई….और तू साली ये तेरे साथ ज़बरदस्ती कर रहा था…..?
बेला: हां सोनू सच कह रही हूँ कसम से…..
सोनू: चल ठीक है…..मैं भी यही कहूँगा कि, सेठ तुम्हारे साथ ज़बरदस्ती कर रहा था…पर ये बात अब तुम्हारी मालकिन तक ज़रूर पहुचेगी ….
बेला: सच सोनू ये मेरे साथ ज़बरदस्ती ही कर रहा था…..
सोनू: चुप साली रांड़….मैं देख रहा था….कि क्या ज़बरदस्ती हो रही थी तुम्हारे साथ….अब अगर भलाई चाहती है तो जो मैं कहता हूँ वही कर….
बेला: जो तुम कहो…
सोनू: चल साली अब ये बाकी के कपड़े भी उतार दे…..
बेला ने एक बार चन्डीमल की तरफ ऐसे देखा जैसे उसके पास अब और कोई चारा ना बचा हो…..उसने अपने ब्लाउस और पेटिकॉट को उतार फेंका…अब बेला एक दम से नंगी खड़ी थी….सोनू ने भी अगले ही पल अपने सारे कपड़े उतार दिए…जैसे ही सोनू का लंड बाहर आया तो उसे देख कर चन्डीमल की आँखे एक दम से फेल गई…सोनू के लंड के सामने उसे अपना लंड किसी बच्चे के लंड जैसा लग रहा था….करीब 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड देखना तो दूर चन्डीमल ने शायद कभी सुना भी नही था….
सोनू: चल साली नीचे बैठ और मेरा लंड चुस्स……
बेला चन्डीमल की तरफ देखते हुए नीचे बैठ गई….और सोनू के लंड को पकड़ कर मूह में लेकर चूसने लगी…चन्डीमल फटी आँखो से हैरत के साथ ये सब देख रहा था…सोनू का लंड मुँह मे लेने के लिए बेला ने अपना मूह बहुत ज़्यादा खोला हुआ था…और सोनू के लंड के सुपाडे को अपना सर आगे पीछे हिलाते हुए तेज़ी से चूस रही थी….5 मिनिट बाद सोनू ने अपने लंड को बेला के मूह से बाहर निकाला और उसे कंधो से पकड़ खड़ा करते हुए कहा…..
सोनू: चल अब झुक कर कुतिया बन जा और सेठ का लंड चूस…
बेला बेड के किनारे पर अपनी कोहानियों को रख कर झुक गई…और चन्डीमल के मुरझाए हुए लंड को पकड़ कर मूह में भर कर चूसना शुरू कर दिया….सोनू ने बेला के पीछे आते हुए, उसकी मोटी गान्ड को पकड़ कर फैलाया…और अपने लंड के मोटे सुपाडे को बेला की चूत के छेद पर रखते हुए एक ज़ोर दार धक्का मारा….उसी पल बेला ने चन्डीमल के लंड को मूह से बाहर निकला और एक दम से चीख पड़ी,…..”उईइ माँ मर गई अरीयी……फाड़ दी मेरे भोसड़ी तूने सोनू….धीरे आह अहह अह्ह्ह नही आह सोनू धीरे कर ना अह्ह्ह्ह धीरे पेल ना अपना यीए लौडा आह हाइए माइई री……”
जैसे -2 सोनू के लंड के झटके तेज होते जा रहे थी….वैसे-2 बेला की सिसकियाँ पूरे रूम मे गूँज रही थी…और सेठ चन्डीमल का लंड जो एक दम सिकुड चुका था…बेला की चूत मे अंदर बाहर हो रहे सोनू के मुन्सल को देख कर फिर से खड़ा होने लगा था….उसकी नज़र बेला की फूली चूत पर थी….जिसका छेद सोनू के मोटे लंड से पूरी तरह फेला हुआ था….”हाइी सेठ जी ओह्ह्ह देख ना मेरी भोसड़ी का क्या बना दिया है इस छोरे ने आह सेठ जी गजब री गजब हाइई पूरा अंदर जा रहा है….हाइए मेरी चूत…हाइी हाइए देखो ना कैसे पानी छोड़ रही है….”
बेला ने सिसकते हुए चन्डीमल के लंड को फिर से पकड़ कर हिलाते हुए चूसना शुरू कर दिया…चन्डीमल का लंड फिर से खड़ा हो चुका था….पर चन्डीमल बेबस बैठे रहने के सिवाई अब कुछ कर भी नही सकता था….5 मिनिट बाद सोनू के धक्के हद से ज़्यादा तेज हो गए….और बेला काँपते हुए झड़ने लगी….सोनू ने एक दम से अपना लंड जैसे ही बेला की चूत से बाहर निकाला……बेला उसी पल नीचे फर्श पर पैरो के बल बैठ गई….और उसकी चूत से मूत की मोटी धार तेज सीटी जैसी आवाज़ के साथ बाहर आने लगी….सोनू ने बेला के बालो को पकड़ कर अपने लंड को तेज़ी से हिलाते हुए अपना पानी उसके मूह पर छोड़ना चालू कर दिया….ये देख उधर चन्डीमल के लंड भी तेज सरसाहट हुई….और उसके लंड ने भी पानी छोड़ दिया….
नीचे फर्श पर बेला का मूत चारो तरफ फेल रहा था…सोनू ने झड़ने के बाद. अपने पयज़ामे को पहना और बाहर आ गया….बेला को जैसे ही होश आया उसने अपने कपड़े पहने और सॉफ सफाई की और बाहर आ गई,….पर चन्डीमल की गान्ड अभी भी फट रही थी कि, जब सोनू रजनी को बताएगा तो क्या होगा…..
छन्डीमल की हालत ये सोच -2 कर बुरी हो रही थी कि, अब क्या होगा….उसके बाद से ना तो बेला उसके रूम मे आई थी और ना ही सोनू….रात के 8 बज रहे थे…बेला खाना लेकर चन्डीमल के कमरे मे आई…..और बेड पर खाना रख कर जैसे ही मुड़ने लगी तो, चन्डीमल ने उसे रोक लिया….”सुनो बेला रजनी आ गई है क्या…” बेला ने चन्डीमल की तरफ देखा और हां मे सर हिला दिया…..
छन्डीमल: उस सोनू के बच्चे ने रजनी से कुछ कहा तो नही…..
बेला: नही अभी तक तो नही…..
छन्डीमल: अच्छा अब तू जा……
बेला रूम से बाहर आ गई….चन्डीमल की ऐसी हालत देख कर उसकी हँसी रुक नही रही थी…..इसलिए वो घर के पीछे की तरफ चली गई…कि कही रजनी को सच में पता ना चल जाए…….दीपा अपने रूम मे थी….और रजनी किचन मे…सोनू किचन मे दाखिल हुआ और रजनी को जो दोपहर मे हुआ सब बता दिया….रजनी भी चन्डीमल की इस हरक़त पर हँसने लगी….और फिर एक दम से चुप हो गई…जैसे बहुत ही गहरी सोच में हो….
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RE: Sex Kahani हलवाई की दो बीवियाँ और नौकर
रजनी: (थोड़ी देर सोचने के बाद) सोनू तू मुझे सेठ के सामने चोदना चाहता था ना….अब देख मैं अपने पति के सामने ही कैसे तेरा लंड लूँगी….
सोनू: पर तुम तो कह रही थी कि, पैट से हो…….?
रजनी: पैट से हूँ…और देखना उसके सामने तुम्हारा लंड लूँगी….वो भी अपनी गान्ड मे…बोल उसके सामने मेरी गान्ड मारेगा ना…..
सोनू: यही तो मैं चाहता हूँ…..
रजनी: तो ठीक है…फिर आज रात को तैयार रहना……
सोनू: मुझे कॉन सा तैयारी करनी है….तैयारी तो तुम कर लेना….गान्ड के छेद को अच्छे से तैल लगा लेना…देखना कैसे लंड पेलता हूँ तेरी गान्ड मे आज फाड़ कर रख दूँगा….
रजनी सोनू की बात सुन कर हसने लगी…..”पर दीपा का क्या करना है….उसके होते हुए तो कुछ भी नही हो सकता….”
सोनू ने थोड़ी सी चिंता दिखाते हुए कहा….”तू उसकी फिकर ना कर उसका भी इलाज है मेरे पास…...
रात को सब के खाना खाने के बाद, रजनी ने बेला से कहा कि, वो आज रात दीपा को अपने साथ अपने घर ले जाए....रजनी ने अपने प्लान के बारे मे बेला को बता दिया था कि, आज रात घर मे क्या होने वाला है....और उसके लिए दीपा को घर से दूर रखना ज़रूरी था.....दीपा को भी रजनी ने बेला के साथ उसके घर जाने को कहा...क्योंकि रजनी ने कहा था कि, जब तक तुम्हारी शादी सोनू के साथ नही हो जाती तब तक तुम बेला के घर पर रात को सोया करोगी.....
दीपा बेला के साथ उसके घर चली गई....अब रजनी को वो कदम उठाना था....जिसको उठाने के लिए उसे पूरी हिम्मत से काम लेना था...वो एक ग्लास में पानी भर कर चन्डीमल के रूम मे गई....क्योंकि चन्डीमल के दवाई लेने का टाइम हो चुका था.....चन्डीमल के रूम मे दो लॉल्ट्न जल रही थी. जिसे पूरे रूम मे काफ़ी उजाला था.....
रजनी ने चन्डीमल को दवाई दी.....और फिर खाली ग्लास चन्डीमल से लेकर टेबल पर रख कर वापिस आ कर बेड पर बैठ गई....चन्डीमल दोपहर से ही बहुत घबराया हुआ था.....और रजनी को इस तरह पास मे बैठे देख कर चन्डीमल की हालत और पतली हो गई थी....कुछ देर खामोश रहने के बाद रजनी ने चन्डीमल की ओर आँखे निकाल कर देखते हुए कहा.....
रजनी: आज तो आपने हद ही कर दी......कब सुधरोगे तुम......हाथ पैर तुड़वा कर बेड पर बैठे हो...फिर भी अपनी उँची हरक़तों से बाज़ नही आते तुम.....
चन्डीमल: (रजनी की बात सुन कर घबरा गया और हड़बाते हुए बोला. ) म म मेने क्या किया.....?
रजनी: अच्छा अब ये भी मुझे बताना पड़ेगा.....कि तुमने क्या किया.. चल ठीक है तू मेरे मूह से ही सुनना चाहता है तो सुन.....दोपहर को क्या किया तुमने बेला के साथ.....ज़बरदस्ती की उसके साथ....गाओं वाले धक्के देकर हमे बाहर निकाल देंगे.....अगर बेला ने पंचायत मे कहा तो....
चन्डीमल: मेने कोई ज़बरदस्ती नही की उसके साथ सच......
रजनी: बहुत शॉंक चढ़ा है तुम्हे चुदाई का....
चन्डीमल: नही नही ऐसी बात नही है रजनी धीरे बोलो दीपा कही सुन ना ले.....
रजनी: अब तुम्हे दीपा का ख़याल आ रहा है....उस वक़्त तुम्हे दीपा का ख़याल नही आया कि, मेरे एक जवान बेटी भी है.....
चन्डीमल: मुझसे ग़लती हो गई रजनी मुझे माफ़ कर दो...आगे से ऐसा नही होगा.....
रजनी: बहुत शॉंक चढ़ा है ना तुम्हे दूसरो की औरतों को चोदने का... और अगर कोई मेरे साथ ऐसे हरक़त करता तो....
चन्डीमल: धीरे बोल करम्जलि दीपा घर पर है....माफी माँग तो रहा हूँ तुम से.....
रजनी: तुम दीपा की फिकर ना करो...वो बेला के घर पर है उसके साथ... और तुमने जो किया है उसकी सज़ा तो तुम्हे मिलेगे ही....तुमने मुझे धोका दिया है ना....तो सुन मेने भी तुझे आज तक धोके मे रखा है.....
चन्डीमल: क्या कहा तुमने मुझे धोके मे रखा है....पर क्यों...?
रजनी: तुम्हे क्या लगता है कि, तुझ मे बच्चा पैदा करने की ताक़त है नही है ना.....ये मैं भी अच्छे से जानती हूँ और तू भी.....अर्रे औरत की कोख मे बीज डालने के लिए ताक़त होनी चाहिए....तब जाकर औरत दूध से होती है....बच्चा आसमान से नही टपकता.....
चन्डीमल मूह फाडे रजनी की बातों को हैरानी से सुन रहा था..."और तुझे क्या लगता है कि, मेरी कोख मे जो बच्चा है वो तेरा है....." चन्डीमल के चेहरे का रंग पीला पड़ चुका था....."तो किसका बच्चा है तुम्हे पैट मे...." चन्डीमल ने काँपति हुई आवाज़ मे पूछा....
रजनी: मेरी कोख मे सोनू का बीज़ है...मैं उसके बच्चे को जनम दूँगी…..
चन्डीमल: (रजनी की बात सुन कर चन्डीमल गुसे से पागल हो गया…) क्या हरामजादि तू भी उस दो टके के लड़के से चुदवाती फिर रही है…..मैं तुम दोनो को जिंदा नही छोड़ूँगी……
रजनी: हां -2 मार दो हमे…..फिर तुम्हारी बेटी खुद भी आत्म हत्या कर लेगी. और तुम इस कमरे मे तडप-2 कर मरना…….शूकर करो कि ये बात किसी और को नही पता….पूरा गाओं और समाज यही जानता है कि, मेरी कोख मे तुम्हारा बच्चा पल रहा है...और तुम्हारे वंश का नाम इस से आगे बढ़ेगा….और अगर तुम ये चाहते हो कि, सब को पता चले कि ये बच्चा तुम्हारा नही सोनू का है, तो वो भी करके देख लो. लोग मुझ पर नही तुम पर हँसे गे….तुम पर थूकेंगे……
चन्डीमल एक दम से आसमान से जामीन पर आ गिरा…उसे अपने किए हुए सभी बुरे काम अब याद आने लगे थे….”तूने मेरे साथ ऐसा क्यों किया…रजनी…बता ना आख़िर क्या कमी रखी है थी मेने जो तुमने मेरे साथ इतना बड़ा धोका किया….”
रजनी: कमी कॉन सी कमी अर्रे ये पूछ कि कॉन सा सुख दिया है तुमने मुझे….सुनो शुरू से बताती हूँ….जब ब्याह कर आई थी यहाँ पर…..
सबसे पहले मेरी शादी मेरी मरजी के खिलाफ हुई थी…तुमने उस समय मेरे माँ बाप की ग़रीबी का फ़ायदा उठाया था….दूसरी जब इस घर मे आई ही थी कि, तुमने दीपा को मेरी गोद मे थमा दिया…तीसरी जब तुम्हारी माँ जिंदा थी….तब उसने बच्चा ना होने पर मेरे ऊपेर जो ज़ुल्म किए थे….और जिसे देख तुम अपनी आँखे झुका लेते थे….और तो और खुद भी बच्चा ना होने पर मुझे कितना बार पीटा है तुमने….जानवरो की तरह….तीसरी मेरे होते हुए एक और शादी कर ली….
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RE: Sex Kahani हलवाई की दो बीवियाँ और नौकर
मैने आज तक सिर्फ़ सहा है……पर अब और नही….अब दर्द सहने की तुम्हारी बारी है…मैं कल ही पूरे गाओं मे चीख-2 कर ये बता दूँगी कि, मेरे पैट मे सोनू का बच्चा है….तुम्हारा नही…..और ये भी बता दूँगी….कि तुम शुरू से ही ना मर्द हो…इसलिए सीमा भी तुम्हे छोड़ कर चली गई है…….
छन्डीमल: नही-2 रजनी मैं तुम्हारे हाथ जोड़ता हूँ…..ऐसा वैसा कुछ ना करना… मैं तो पहले से ही मरा हुआ हूँ….अब गाओं वालो के सामने और शर्मिंदा होकर मरना नही चाहता…….
रजनी: तुम्हारे इस तरह हाथ जोड़ने से कुछ नही होगा….तुम्हे तुम्हारी ग़लती के सज़ा मिलेगी…गाओं वालो के साथ-2 तुम्हारी बेटी को भी तुम्हारी करतूतों का पता चल जायगा….
छन्डीमल: नही रजनी मैं मैं तुम्हारे हाथ जोड़ता हूँ…..मैं आगे से इस कोने मे पड़ा रहूँगा….तुम जो भी कहोगी वैसे ही होगा….वैसे भी मेने सब कुछ तो तुम्हारे नाम कर दिया है…..और आगे भी तुम जो करना चाहती हो करो…बस मेरी बेटी को कुछ मत कहना…..
रजनी: ठीक है…..पर सज़ा तो तुम्हे मिलेगी ही……तुमने सोनू को इसलिए जैल भेजा था ना कि तुमने सोनू और दीपा को रंगे हाथों पकड़ लिया था….अब देख तू अपनी आँखो से देखना….तुम्हारी ये पत्नी तुम्हारे उस नौकर के लंड से कैसे अपनी गान्ड चुदवाती है….और हां जो मैं कहूँ वो करना नही तो अंज़ाम बहुत बुरा होगा….
ये कह कर रजनी रूम से बाहर चली गई….चन्डीमल मन ही मन अपनी किस्मत को कोस रहा था….अब उसे अपने किए हुए बुरे कामो पर अफ़सोस हो रहा था…जब तक चन्डीमल के माँ बाप जिंदा थे….तब तक चन्डीमल ने किसी बात की परवाह नही की थी….घर समृद्ध था इसलिए चन्डीमल शुरू से ही बिगड़ चुका था…कम उमर मे ही नशे और रंडीबाजी की लत लग चुकी थी…..30 साल तक होते-2 वो अंदर से एक दम खोखला हो चुका था…..
अब जो भी था..चन्डीमल को इसी तरह जीना था…..पूरे घर मे सन्नाटा छाया हुआ था….तभी उसे रजनी के पैरो मे पहनी हुई पायल की आवाज़ अपने कमरे की तरफ बढ़ती हुई सुनाई दी….सोनू के लंड से सुबह बेला को चुदते देख चन्डीमल फिर से हार्ड हुआ था..और झाड़ा भी था…चन्डीमल को खुद पर हैरानी हो रही थी कि, जैसे ही उसने सुना था कि, रजनी भी उसके सामने सोनू से चुदवाने वाली है…उसके लंड मे उसी पल से सरसराहट शुरू हो गई थी…….
अब रजनी को अपने कमरे की तरफ आता सुन कर चन्डीमल का दिल जोरो से धड़कने लगा था….तभी रजनी रूम मे दाखिल हुई….तो चन्डीमल अपनी आँखे फाडे सामने खड़ी रजनी के हुष्ण को देखता रह गया…रजनी मरून कलर के ब्लाउस और पेटिकॉट मे उसके सामने खड़ी थी…होंटो पर लाल रंग का लिप कलर दूर से ही चमक रहा था….उसका पेटिकॉट नाभि से नीचे बँधा हुआ था…उसका पैट अब बच्चे की वजह से थोड़ा बाहर आ चुका था…और उसका बदन भी भर चुका था….
रजनी रूम मे आई, और चन्डीमल के पास जाकर बेड पर बैठ गई….दोनो कुछ नही बोल रहे थे….थोड़ी देर बाद सोनू एक दम से रूम मे आया….उसने एक बार मुस्कराते हुए चन्डीमल की तरफ देखा और फिर रज़नी की तरफ…रजनी भी सोनू की तरफ देख कर मुस्करा उठी…….सोनू ने रूम का डोर बंद किया…और डोर के पास ही खड़े होकर अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए…कुछ ही पॅलो मे सोनू एक दम नंगा हो चुका था….
उसका आधा तना हुआ लंड उसकी जाँघो के बीच मे झूल रहा था….सोनू बेड की तरफ बढ़ा तो रजनी ने सोनू की तरफ देखते हुए अपने ब्लाउस के बटन खोलने शुरू कर दिए…चन्डीमल ये सब अपनी फेली हुई आँखो से देख रहा था….जैसे जैसे रजनी के ब्लाउस के बटन खुल रहे थे….रजनी की 36 साइज़ की गुदाज़ चुचियाँ जो कि बेहद ही गोरी थी उसकी आँखो के सामने आती जा रही थी…..रजनी ने एक एक करके अपने ब्लाउस के सारे बटन खोल दिए….
रजनी की चुचियाँ बाहर उछल पड़ी…चन्डीमल बुत बना हुआ ये सब देख रहा था… सोनू बेड पर चढ़ा और रजनी के सामने जाकर खड़ा हो गया….रजनी चन्डीमल की कमर के दूसरी तरफ बैठी थी….और सोनू उसके दूसरी तरफ खड़ा था….बीच मे चन्डीमल ये सब अपनी आँखो के सामने होता देख रहा था…सोनू ने अपने दोनो हाथों से रजनी के बालो को जो कि जुड़े मे बँधे हुए थे….उसे खोल दिया…. जैसे ही रजनी के लंबे काले बाल खुले तो उसका हुष्ण और निखर कर सामने आ गया..
फिर सोनू ने उसके खुले हुए बालो मे अपने उंगलयों को फन्साते हुए उसके फेस को अपने लंड पर झुकाना शुरू कर दिया…..रजनी ने एक बार चन्डीमल की तरफ देखा और फिर मुस्कराते हुए सोनू के लंड को पकड़ कर अपने होंटो के पास ले आई…और फिर चन्डीमल की आँखो मे देखते हुए, अपनी जीभ बाहर निकाल कर सोनू के लंड के सुपाडे के चारो तरफ घूमाते हुए चाटने लगी….”अह्ह्ह्ह रजनी मेरे जान…” सोनू ने सिसकते हुए रजनी के सर को कस्के पकड़ लिया…..”आह चुस्स ना मेरी जान….” और फिर रजनी ने सोनू के लंड के मोटे सुपाडे को अपने होंटो में भर लिया और चन्डीमल की ओर देखते हुए अपने सर को आगे पीछे हिलाते हुए उसके लंड के सुपाडे को चूसना शुरू कर दिया…..
छन्डीमल की आँखो के सामने सोनू के लंड का मोटा सुपाडा उसकी पत्नी रजनी के लिपस्टिक लगे लाल होंटो के बीच दबता हुआ अंदर बाहर हो रहा था…और रजनी पूरी मस्ती मे आकर सोनू के लंड के सुपाडे को चूस रही थी….फिर रजनी ने सोनू के लंड से हाथ हटा कर सोनू के बॉल्स को पकड़ कर धीरे-2 मसलना शुरू कर दिया…फिर एक दम से सोनू के लंड को मूह से बाहर निकाला और उस पर थूका और फिर अपने थूक को उसके लंड पर अपने हाथ से फेलाते हुए लंड को मूठ मारने वाले अंदाज़ मे हिलाने लगी…..
जैसे-2 रजनी का हाथ सोनू के लंड पर हिलता….उसके हाथ मे पहनी हुई लाल चूड़ियाँ खनक उठती….ये देख कर चन्डीमल का लंड भी उसके धोती मे सर उठाने लगा था… फिर रजनी ने सोनू के लंड को ऊपेर की तरफ करते हुए उसके पैट से लगा दिया..और अपने सर को उसकी जाँघो के बीच मे झुकते हुए उसके बॉल्स को मूह मे भर कर चूसना शुरू कर दिया…..”अहह रजनी ओह्ह्ह्ह हाआँ चुस्स्स वैसे भी बहुत दिन हो गए… तुम्हे मेरे लंड को चूसे हुए…..”
रजनी ने फिर सोनू के बॉल्स को मूह से निकाला और अपने होंटो पर लगे हुए थूक को चन्डीमल की ओर देखते हुए मुस्कराते हुए अपने हाथ से सॉफ करने लगी….सोनू अपने घुटनो को थोडा सा मोड़ कर खड़ा हो गया….और अपने एक हाथ से लंड को पकड़ कर रजनी की दोनो चुचियों के दर्मया रखा तो रजनी ने खुद ही अपनी दोनो चुचियों को पकड़ कर उसके लंड को बीच मे दबा लिया…सोनू ने रजनी के कंधो को पकड़ कर अपने लंड को उसकी चुचियों के बीच मे रगड़ना शुरू कर दिया…
जब सोनू के लंड का सुपाडा रजनी की चुचियों के बीच से ऊपेर की तरफ बाहर निकलता तो रजनी अपने होंटो से उसे चूम लेती….फिर सोनू ने रजनी की ओर देखते हुए उसे इशारा किया तो रजनी मंद-2 मुस्कुराने लगी….और अगले ही पल उसने चन्डीमल की धोती पकड़ कर खोल कर उसके बदन से अलग कर दी….चन्डीमल का लंड भी अब हार्ड हो चुका था…चन्डीमल बेड के पुस्त से पीठ टिका कर बैठा हुआ था…
रजनी चन्डीमल की जाँघो के बीच मे आई….और डॉगी स्टाइल मे आते हुए उसने चन्डीमल के लंड को मूह मे भर कर चूसना शुरू कर दिया….सोनू जल्दी से रजनी के पीछे आया….और उसके पेटीकोत को पकड़ कर उसकी कमर पर उठा कर रख दिया.. जैसे ही सोनू की आँखो के सामने रजनी के मोटी गान्ड आई…जो पैट से होने के कारण और मोटी और फेल गई थी….सोनू के लंड ने ज़ोर का झटका खाया…और अगले ही पल सोनू ने ढेर सारा थूक लेकर उसकी गान्ड के छेद पर लगा दिया…फिर अपनी एक उंगली को धीरे-2 रजनी की गान्ड के छेद मे डाल कर अंदर बाहर करने लगा…..
क्योंकि रजनी पहले भी कई बार सोनू से अपनी गान्ड चुदवा चुकी थी….इसलिए उसे ज़्यादा तकलीफ़ नही हो रही थी….फिर सोनू एक दम से अपने घुटनो के बल बैठा और अपने लंड के सुपाडे को रजनी की गान्ड के छेद पर टिकाते हुए अंदर की ओर दबाने लगा…रजनी की गान्ड का छेद धीरे-2 फेलता हुआ सोनू के लंड के मोटे सुपाडे के चारो तरफ फेलता हुआ चढ़ने लगा….और कुछ ही पलो मे सोनू के लंड का सुपाडा रजनी की गान्ड के छेद मे था….
रजनी: (चन्डीमल के लंड को मूह से बाहर निकालते हुए) आह सोनू घुस्स गया…हाई मेरी गान्ड मा री….धीरीए करना सोनू….
जैसे ही चन्डीमल ने सुना कि सोनू का लंड रजनी की गान्ड के छेद मे घुस चुका है तो चन्डीमल के लंड ने ज़ोर से झटका खाया…अगले ही पल सोनू ने एक ज़ोर दार धक्का मारा और अपना पूरा का पूरा लंड रजनी के गान्ड मे पेल दिया…”उंघ अहह” रजनी ने एक दम मचलते हुए चन्डीमल के टट्टो को पकड़ कर मसल दिया……”अह्ह्ह्ह रजनी……धीरे….” छन्डीमल एक दम से सिसक उठा.. उधर सोनू के धक्के शुरू हो गए थे…उसकी जांघे पूरे ज़ोर-2 से रजनी की मोटी गान्ड पर टकरा कर थप-2 की आवाज़ कर रही थी….अब रजनी सिर्फ़ चन्डीमल के लंड को हाथ से पकड़े हुए थी….और अपने आँखे बंद करके मस्ती से सिसिया रही थी….
सोनू ने कुछ धक्को के बाद अपने लंड को रजनी की गान्ड के छेद से बाहर निकाला और खड़ा होते हुए रजनी को दूसरी तरफ घूमने को कहा….रजनी अपनी दोनो टाँगो को चन्डीमल की कमर के दोनो तरफ करके घूम गई…..अब रजनी की फेली हुई गान्ड और चूत चन्डीमल के आँखो के सामने थी….उसकी गान्ड का छेद सोनू के लंड से हुई ठुकाई से लाल पड़ चुका था….और अभी भी थोड़ा सा खुला था….तभी सोनू रजनी के पीछे और चन्डीमल के फेस के आगे आकर खड़ा हो गया…और रजनी के ऊपेर झुकते हुए अपने लंड के सुपाडे को उसकी गान्ड के छेद पर लगा दिया…
इस पोज़ीशन मे चन्डीमल को सोनू का लंड जो कि रजनी की गान्ड के छेद पर भिड़ा हुआ था सॉफ दिखाई दे रहा था….”चल साली अपनी गान्ड पीछे की ओर कर..” सोनू ने रजनी के खुले हुए बालो को पकड़ कर पीछे की तरफ खेंचते हुए कहा तो रजनी ने सीसियाते हुए, अपनी गान्ड को पीछे की ओर धकेलते हुए, सोनू के लंड के सुपाडे पर दबाना शुरू कर दिया….सोनू के लंड का मोटा सुपाडा फिर से रजनी की गान्ड के छेद को फेलाता हुआ अंदर जा घुसा…और अगले ही पल सोनू ने फिर से ज़ोर दार धक्का मारा…..”हाइई सेठ जी मैं मरी….फाड़ दी सोनू ने मेरी गान्ड….”
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RE: Sex Kahani हलवाई की दो बीवियाँ और नौकर
और अगले ही पल सोनू ने अपनी जीभ दीपा की गहरी नाभि मे डालते हुए उसे जीभ से कुरेदना शुरू कर दिया…..”सीईईईईईईई उंघह अहह आईसीए मत करिए ना….” दीपा ने मचलते हुए कहा….सोनू ने दीपा की नाभि मे अपनी जीभ घूमाते हुए उसके पेटिकॉट के नाडे को पकड़ लिया….और फिर एक दम से खेंच दिया….जैसे ही पेटिकॉट का नाडा खुला दीपा के दिल के धड़कने और तेज हो गई,….
अगले ही पल सोनू उठ कर घुटनो के बल बैठ चुका था…..उसने दीपा के पेटिकॉट को पकड़ कर नीचे सरकाते हुए उसके बदन से अलग कर दिया….दीपा ने शरमाते हुए अपनी जाँघो को भीच लिया….सोनू ऊपेर की तरफ बढ़ा और दीपा के होंटो पर अपने होंटो को रख कर उसके होंटो को चूस्ते हुए उसके ब्लाउस के हुक्स खोलने लगा…धीरे-2 सोनू ने दीपा के ब्लाउस के सारे बटन खोल दिए….और दीपा को कंधो से पकड़ कर अपनी गोद मे बैठाते हुए उसके ब्लाउस को खोलने लगा….
कुछ ही पॅलो मे दोनो एक दम नंगे हो चुके थे….सोनू दीपा के ऊपेर लेटा हुआ था….और उसकी चुचियों को मसलते हुए चूस रहा था….दीपा भी गरम होकर रंग मे आ चुकी थी….वासना का नशा अब शरम हया पर हावी हो चुका था… और वो मस्ती मे सिसकते हुए सोनू की पीठ को अपने दोनो हाथों से सहला रही थी… नीचे सोनू का लंड जो एक दम तना हुआ था…..दीपा की चूत के छेद पर दस्तक दे रहा था…और दीपा की चूत से निकल रहा कामरस उसके लंड के सुपाडे को भिगो रहा था….जैसे ही सोनू ने अपने लंड को पकड़ दीपा की चूत मे घुसाना शुरू किया. तो दीपा ने अपना हाथ नीचे लेजाते हुए सोनू के लंड को पकड़ लिया…..
सोनू मुस्कराते हुए दीपा की तरफ देखने लगा…..”क्या हुआ मेरी जान….” दीपा सोनू की तरफ देख कर मुस्कुराइ…और फिर शरमाते हुए उसने दूसरी तरफ मूह करके सोनू के लंड के सुपाडे को अपनी गान्ड के छेद पर लगा दिया….जैसे ही सोनू को अहसास हुआ कि, उसका सुपाडा दीपा की गान्ड के छेड़ से भिड़ा हुआ है….वो एक दम से चोंक गया…और दीपा के गालो पर अपने होंटो को रगड़ते हुए धीरे से बोला…. “ओह्ह मेरी जान तुमने मेरे डंडे को ग़लत सुराख पर लगा दिया है…..”
दीपा: (शरमाते हुए) जानती हूँ…..आप को सुहाग रात मुबारक हो….
सोनू: क्या…? देख लो बहुत दर्द होता है पहली बार….
दीपा: जानती हूँ…..माँ भी तो लेती है पीछे वाले सुराख मे…..
सोनू: उसकी बात अलग है….पर तुम सहन नही कर पाओगि…..
दीपा:आपके लिए मैं कुछ भी सह लूँगी……
सोनू: पक्का देख लो…..
दीपा ने हां मे सर हिला दिया….दीपा की चूत से कामरस बह कर उसकी गान्ड के छेद पर आ रहा था…इसलिए उसकी गान्ड का छेद पहले से चिकना हो चुका था…सोनू ने अपने लंड से दीपा का हाथ हटाया…और फिर अपने लंड को पकड़ कर दीपा की गान्ड के छेद पर रगड़ते हुए एक ज़ोर दार धक्का मारा….”फतच जैसी आवाज़ से सोनू के लंड का मोटा सुपाडा दीपा की गान्ड के कुंवारे छेद को खोलता हुआ अंदर जा घुसा…..दीपा की आँखे दर्द के मारे एक दम से पथरा गई….उसके आँखो के कोने से आँसुओं की धार बह निकली….सोनू एक दम से रुक गया….पर दीपा ने उसकी जाँघ पर मुक्का मारते हुए अपने दांतो को पीसते हुए बोला…” क क करो ना….. डाल दो अपनी दीपा के आख़िर बचे सुराख मे अपने डंडे को….आज मैं पूरी तरह से तुम्हारी हो जाना चाहती हूँ.,…..”
सोनू ने भी अपनी ताक़त को इकट्ठा किया…और एक और ज़ोर दार झटका मारा….लंड दीपा की गान्ड के छेद को फाड़ता हुआ पूरा का पूरा अंदर जा घुसा…एक पल के लिए तो दीपा की साँसे ही रुक गई….पर कुछ देर बाद दीपा ने खुद ही अपनी गान्ड को ऊपेर की तरफ उछालना शुरू कर दिया…सोनू दीपा का ये रूप देख कर एक दम से दंग रह गया….उसने झुक कर फिर से दीपा की चुचियों को चूसना शुरू कर दिया,… और अपने लंड को धीरे-2 अंदर बाहर करने लगा….
कुछ और देर बाद सोनू अब अपनी पूरी रफतार पर पहुच चुका था….हैरानी की बात ये थी कि, दीपा की चूत अब भी पानी छोड़ रही थी….शायद दीपा को अब गान्ड मरवाने मे भी मज़ा आ रहा था…”आह दीपा तुम्हारी आह बहुत टाइट है…आ मैं झड्ने वाला हूँ….”
दीपा: जी वहाँ मत छोड़ना …..आगे डाल कर छोड़ना…..
दीपा ने अपना हाथ नीचे ले जाते हुए सोनू के लंड पर रखा और लंड को पकड़ कर बाहर निकाला और फिर अपनी चूत के छेद पर टिका दिया,…..अगले ही पल सोनू का लंड दीपा की चूत मे अंदर बाहर होने लगा….दीपा अपनी चूत की दीवारों पर लंड के रगड़ महसूस करके एक दम मस्त हो गई थी…उसकी सिसकारियाँ पूरे रूम मे गूंजने लगी थी…..” आह सीईइ ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह उंह हाँ छोड़िए ना अपना पानी मेरे अंदर आह भर दीजिए मेरी चूत को अपने पानी से……” दीपा ने अपनी गान्ड को ऊपेर की ओर उछालते हुए कहा…..
10 मिनिट की चुदाई के बाद सोनू ने अपने टॅंक की तोप को उसकी बच्चेदानी मे धंसा कर पानी छोड़ना शुरू कर दिया…अपनी चूत मे गरम लावा महसूस करते ही…दीपा एक दम से सिसक उठी…और उसकी चूत ने भी पानी छोड़ना शुरू कर दिया…….
तो दोस्तो इस तरह सोनू को अब तीन तीन चूते घर मे ही मिल चुकी थी . चन्डीमल तो वैसे भी अपाहिज हो चुका था
वो बेचारा तो वैसे भी किसी काम का नही था हाँ बेला रजनी के कहने से उसके लंड को चूस कर उसे शांत कर देती थी
एंड….
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