Sex Kahaniya अंजाना रास्ता
06-16-2018, 12:12 PM,
#21
RE: Sex Kahaniya अंजाना रास्ता
एक बार तो राज भी डर गया था.पर अंजलि दीदी जैसी जवान खूबसूरत लड़की को वो

इतना करीब लाकर कैसे छोड़ सकता था.

"तू चुप चाप जा कर उप्पर बैठा जा..नही तो तेरी गंद भी मार लूँगा आज

मैं…"राज दीदी की चूत पर लंड लगाता हुआ बोला. अपनी चूत पर लंड को महसूस

करते ही दीदी की आँखे डर से फैल गयी और रोते हुए मेरी तरफ़ देख कर

बोली.." अनुज मुझे बचा ले .इस दरिंदे से….." मेरे लिए इतना काफ़ी था और

पास एक लोहे की रोड को मैने अपने हाथ मे लिया और…

"आआआहह……………"

एक आवाज़ हमारे घर मे गूँज गयी ये आवाज़ राज की थी उसके सर से खून निकलने

लगा था..क्योंकि मैने वो रोड उसके सर पर मार दी थी. मेरा ये रूप देख राज

के तो तोते ही उड़ गये वो अपने सर को पकड़ हमारे घर से भाग गया..और दीदी

रोते हुए मेरे गले लग गयी मुझे भी रोना आ गया मुझे अपने ग़लती का अब

आहसास हो गया था..

दोस्तो उस रात मैने दीदी को अब तक जो भी हुआ था वो सारी बाते बता दी. मैं

दीदी के पास बैठा ये सब बता रहा था और रो रहा था .दीदी ने मुझे प्यारसे

अपने सीने से लगा लिया. और बोली ." कोई बात नही अनुज ..मुझे खुशी है तूने

मुझे वो सारी बाते बताई…और आज जो तूने मेरे लिए किया उससे पता चलता है कि

तू मुझे कितना प्यार करता है…." अंजलि दीदी की आँखो से भी आसू टपक रहे

थे. फिर दीदी ने मेरा सर अपने सीने से उतर कर अपने हाथो मे लिया .दीदी के

मुलायम हाथो की नर्माहट मुझे बहुत सकून दे रही थी..हम दोनो अब एक दूसरे

की आँखो मे देख रही थी..

" पगले अगर तू मुझे इतना प्यार करता था तो तूने मुझे ये सब पहले क्यो नही

कहा…हम दोनो लगतार एक दूसरे के आखो मे देख रहे थे दोनो की आँखो आँसू से

नम थी..

" तुझको मे एक बात कहू" दीदी बोली

"जी..बोलो" मैं दीदी की खूबसुर्रत आँखो को गौर से देखता हुआ बोला

"आइ लव यू….." ये कहते हुए अंजलि दीदी थोड़ा आगे की तरफ़ झुकी और उन्होने

अपने काँपते हुए होठ मेरे होंठ पर रख दिए.

"आइ लव यू टू….." इसी के साथ मेरे होठ खुले और दीदी की गर्म गर्म जीभ

मेरे मूह को शुक्रिया बोलने के लिए मेरे मूह के अंदर आ गयी. मैने उनकी

जीब को चूसना शुरू कर दिया हम दोनो पर सेक्स का नशा चढ़ चुका था हमारी

साँसे एक दूसरे से टकरा रही थी अंजलि दीदी के कबूतर भी अपने पंख

फड़फड़ाने लगे कबूतरो की फड़फड़ाहट देख कर मेरे हाथ भी उनको पकड़ने के

लिए मचलने लगे मैने अंजली दीदी के कबूतरो को बड़े प्यार से सहलाना शुरू

कर दिया

दीदी ने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया और अपनी छाती से लगाती हुई बोली

"हाय रे मेरा सोना….मेरे प्यारे भाई…. तुझे दीदी सबसे अच्छी लगती

है….तुझे मेरी चुत चाहिए….मिलेगी मेरे प्यारे भाई मिलेगी….मेरे राजा….आज

रात भर अपने हलब्बी लण्ड से अपनी दीदी की बूर का बाजा बजाना……अपने भैया

राजा का लण्ड अपनी चुत में लेकर मैं सोऊगीं……हाय राजा…॥अपने मुसल से अपनी

दीदी की ओखली को रात भर खूब कूटना…..अब मैं तुझे तरसने नहीं दूंगी….तुझे

कही बाहर जाने की जरुरत नहीं है…..चल आ जा…..आज की रात तुझे जन्नत की सैर

करा दू….." फिर दीदी ने मुझे धकेल कर निचे लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ कर

मेरे होंठो को चूसती हुई अपनी गठीली चुचियों को मेरी छाती पर रगड़ते हुए

मेरे बालों में अपना हाथ फेरते हुए चूमने लगी. मैं भी दीदी के होंठो को

अपने मुंह में भरने का प्रयास करते हुए अपनी जीभ को उनके मुंह में घुसा

कर घुमा रहा था. मेरा लण्ड दीदी की दोनों जांघो के बीच में फस कर उसकी

चुत के साथ रगड़ खा रहा था. दीदी भी अपना गांड नाचते हुए मेरे लण्ड पर

अपनी चुत को रगड़ रही थी और कभी मेरे होंठो को चूम रही थी कभी मेरे गालो

को काट रही थी. कुछ देर तक ऐसे ही करने के बाद मेरे होंठो को छोर का उठ

कर मेरी कमर पर बैठ गई. और फिर आगे की ओर सरकते हुए मेरी छाती पर आकर

अपनी गांड को हवा में उठा लिया और अपनी हलके झांटो वाली गुलाबी खुश्बुदार

चुत को मेरे होंठो से सटाती हुई बोली "जरा चाट के गीला कर… बड़ा तगड़ा लण्ड

है तेरा…सुखा लुंगी तो…..साली फट जायेगी मेरी तो….." एक बार मुझे दीदी की

चुत का स्वाद मिल चूका था, इसके बाद मैं कभी भी उनकी गुदाज कचौरी जैसी

चुत को चाटने से इंकार नहीं कर सकता था, मेरे लिए तो दीदी की बूर रस का

खजाना थी. तुंरत अपने जीभ को निकल दोनों चुत्तरो पर हाथ जमा कर लप लप

करता हुआ चुत चाटने लगा. इस अवस्था में दीदी को चुत्तरों को मसलने का भी

मौका मिल रहा था और मैं दोनों हाथो की मुठ्ठी में चुत्तर के मांस को

पकड़ते हुए मसल रहा था और चुत की लकीर में जीभ चलाते हुए अपनी थूक से बूर

के छेद को गीला कर रहा था. वैसे दीदी की बूर भी ढेर सारा रस छोड़ रही थी.

जीभ डालते ही इस बात का अंदाज हो गया की पूरी चुत पसीज रही है, इसलिए

दीदी की ये बात की वो चटवा का गीला करवा रही थी हजम तो नहीं हुई, मगर

मेरा क्या बिगर रहा था मुझे तो जितनी बार कहती उतनी बार चाट देता. कुछ ही

देर दीदी की चुत और उसकी झांटे भी मेरी थूक से गीली हो गई.
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