RE: Sex amukta मस्तानी ताई
उसने शायद सफेद रंग की पॅंटी पहनी थी, उसने मुझे अपनी चूत की तरफ देख ते देख लिया था, पर उसने कोई रिक्षन नही दिया और अपना काम करने लगी, मेरा मॅन कर रहा था साली को वहीं कपड़े धोते हुए ही चोद दूं, मेने उसे पूछा के भोला कहाँ है तो वो कहने लगी के वो किसी काम से बाहर गये हैं शाम तक आजाएँगे, उसने कहा साहेब आप दिन में इतनी धूप में बाहर क्यूँ आए, मेने कहा ऐसे ही, वो बोली आप अंडर रूम में जाके बैठिए में पानी लाती हूँ, में अंडर चले गया, और खाट पे बैठ गया, कुछ देर बाद पार्वती अंडर आई और मटके में से ग्लास पानी भर के मुझे दिया, जब वो मेरे सामने ग्लास दे रही थी तो मेने देखा उसके ब्लाउस के बीच के 2 हुक टूटे हुए है और उसकी सफेद रंग की ब्रा भी दिख रही थी और थोड़ा हिस्सा चुचि का भी दिख रहा था, पल्लू ठीक ना होने की वजह से तो पहले ही उसकी चुचि की लकीर दिख रही थी, अब यह देख मेरा लंड पॅंट में उच्छल ने लगा, मेने सोचा क्यूँ ना इसके उपर ही हाथ सॉफ कर लिया जाए, मेने उससे कहा के तुम्हारा काम हो गया वो बोली हाँ साहेब होगया है बस कपड़े सुखाने हैं, उसने पूछा कोई काम है क्या मेने कहा हां, तो वो बोली में कपड़े सूखा के आती हूँ, में खाट पे लेट गया और उसके आने का इंतज़ार करने लगा, वो मुझे उसके मालिक की तरह ही ट्रीट कर रही थी, कुछ देर बाद वो कपड़े सूखा के आई तो उसने पूछा क्या काम है साहेब, मेने उसके तरफ देखा और कहा तुम तो पूरी गीली हो चुकी हो, वो कहने लगी हां साहेब वो धुले हुए कपड़े कंधे पे रखे तो थोड़ा पानी गिर गया, मेने कहा मेरे पाँव बोहत दर्द कर रहे हैं ज़रा दबा दो, वो बोली साहेब आप जवान आदमी हो और भोला भी घर पे नही है, अगर किसी ने देख लिया तो बिना बात के बदनामी हो जाएगी, मेने कहा भोला तुम कह रही हो शाम को आएगा तो किस बात की चिंता है, चलो दबाओ पाँव वो बोली ठीक है, अब वो मेरे पाँव के पास आके नीचे बैठ गयी और मेरे पाँव दबाने लगी, उसके हाथ शायद काम करने की वजह से सख़्त हो गये थे, मुझे उसके हाथ का स्पर्श अछा लग रहा था, मेने बातों बातों में उससे कहा तुम्हारे हाथ में तो बोहत दम है, वो बोली साहेब काम बोहत हो जाता है इसी वजह से ऐसे हो गये हैं, वो मेरे घुटनो के नीचे का हिस्सा ही दबा रही थी, और अब वो जब झुकती तो उसके चुचियाँ मुझे सॉफ नज़र आती, मेने उससे कहा ज़रा उपर भी दबा दो, वो नीचे बैठे ही घुटनो के उपर दबाने लगी मुझे उसमे मज़ा नही आरहा था, मेने उससे कहा तुम खाट पेर बैठ कर दबाओ ऐसे आछे से नही दबा पा रही हो, वो कुछ बोली नही और खाट पे आके बैठ गयी, मेने सोचा क्यूँ ना इससे सिड्यूस किया जाए, मेने उससे पूछा के शादी को कितना समय होगया वो बोली 4 साल, मेने कहा तो तुम्हारे बच्चे कहाँ है, तो उसकी आँखों में आँसू आगाये, में समझ गया के बात क्या है, वो कहने लगी के उससे बच्चा नही हो पा रहा है, और सब लोग उसे बांझ कह के बुलाते हैं, उसे यह नही पता था के किस की वजह से नही होरहा है, मतलब भोला की वजह से या उसकी वजह से, मेने कहा तो क्या तुमने डॉक्टर से जाँच करवाई तो उसने कहा नही, पर उसे लगता था के उसकी वजह से ही बच्चा नही पा रहा है, फिर मेने उससे कहा के तुम डॉक्टर से जाँच कारवओ पता चल जाएगा के तुम सच में बांझ हो के भोला में तकलीफ़ है, वो बोली उसे इस जाँच के बारे में कुछ नही पता, मेने कहा मुझे मालूम है, वो बोली अगर आप मेरी जाँच डॉक्टर से करवा दे तो बोहत मेहेरबानी होगी, मेने कहा उसके लिए शहेर जाना होगा और पैसे भी लगेंगे, वो बोली साहेब मेरे पास पैसे तो नही है, मेने कहा वो में दे दूँगा पर उसके बदले में मुझे क्या मिलेगा, वो बोली साहेब में ग़रीब हूँ आप को पैसे कहाँ से दे सकती हूँ, मेने कहा पैसे कौन माँग रहा है, और मेने हिम्मत कर के कह दिया के मुझे तो तुम में इंटेरेस्ट है, वो सुन के एक दम चौक गयी और मेरी तरफ देखने लगी, मेने कहा क्या हुआ, वो बोली आपको शरम नही आती मुझसे इस तरीके की बातें करते हुए, मेने कहा सोच लो, इलाज के पैसे तो दूँगा उसके इलावा और भी पैसे दूँगा, वो कुछ देर सोचने लगी और कहने लगी, के अपने आप को बांझ ना साबित करने के लिए में किसी भी काम के लिए तैयार हूँ, फिर क्या था मेरी लॉटरी निकल गयी, मेने उसका हाथ पकड़ लिया वो कुछ नही बोली और शरमाने लगी, में खाट पे बैठ गया, और वो मेरे सामने खड़ी हो गयी, मेने उसके हाथ को मसला और फिर अपना एक हाथ उसकी चुचि पे ले गया और उसे सारी के उपर से दबाने लगा, ओह्ह्ह उसके बूब्स बड़े सख़्त थे, और उन्हे अपने हाथों में भरने में बड़ा मज़ा आरहा था, वो भी कसमसा रही थी, और अपने होंठों को दातों तले दबा रही थी, मुझे बड़ा अरमान था के में किसी के साथ रफ चुदाई करू पर आज तक मेरा वो अरमान पूरा नही हुआ था, पर पार्वती के हां कहने पे मेरा वो अरमान पूरा होता दिख रहा था, फिर में अपने दोनो हाथों से उसकी चुचियाँ दबाने लगा और उसका पल्लू हटा के साइड में कर दिया, अब मेने उसके ब्लाउस के हुक खोलना शुरू कर दिया, वो भी मस्त हुए जा रही थी, मेने धीरे धीरे उसके सारे ब्लाउस के हुक खोल दिया और फिर ब्रा के उपर से उसकी चुचि दबाने लगा, वो भी मस्त हो रही थी, ओह्ह सहीएबब्ब क्य्ाआ कार रहहे हूऊ पुउउरी ताअन मेंन्न हुलचूल्ल्ल्ल सी हूओ रहिी हाीइ, अब मेने उसकी ब्रा को उँचा कर दिया और उसके बूब्स नीचे से बाहर आगाये, मेने देखा के उसके बूब्स बड़े तो नही थे पर टाइट थे, और निपल एक दम कड़क हो चुके था, मेने उसका हाथ पकड़ा और उसे नीचे बिठा दिया और अपना लंड अपनी पॅंट से बाहर निकाला और उसके मूह के सामने रख दिया, वो समझ गयी के क्या करना है, उसने मेरे लंड को अपने हाथों में लिया और फिर उसका टोपा अपने मूह में लिया और उसे लॉलिपोप की तरह चूसने लगी, मेने उससे पूछा इससे पहले किस का लंड मूह में लिया है, वो बोली भोला को अछा लगता है मेरा लंड चूसना, वो फिर उसे चूसने लगी, मेने एक हाथ से उसका सर अपने लंड पे दबाया हुआ था और दूसरे हाथ से उसकी चुचि ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा, उसे दर्द भी हो रहा था और मज़ा भी आरहा था, उसने मेरा लंड पूरा का पूरा अंडर तक ले लिया था, अब मेने दोनो हाथों से उसका सर पकड़ा और लंड उसके मूह में अंडर तक घुसाने लगा, मुझे बड़ा मज़ा आरहा था, वो भी पूरा साथ दे रही थी, अब मेने उससे हटाया और खड़ा हो गया, और फिर उसके मूह की आगे लंड रख दिया, वो उसे चूसने लगी, और मेरे बॉल्स के साथ खेलने लगी, अब मेने उसका सर पकड़ा और उसका मूह चोदने लगा, वो मेरे बॉल्स को दबा रही थी और मेरा लंड अंडर तक ले रही थी, ओह्ह्ह दोस्तों कितना मज़ा आरहा था, उसके मुहह से ऊऊन्नह ऊओह की आवाज़ आरहि थी, फिर मेने अपनी रफ़्तारर बधाई और तेज़ी से उसके मूह को चोदने लगा, उसने अपना एक हाथ मेरी गांद पे रखा और उसे दबाने लगी, ऑश कितना सही ब्लो जॉब दे रही थी, फिर मेने उससे कहा के में झड़ने वाला हूँ, उसने लंड मूह से निकाला और कहा अंडर ही पानी निकाल दो और फिर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी, और साथ साथ मेरे लंड से मूठ भी मारने लगी, मेरे मूह से आवाज़ निकल गयी, ऑश पार्वती अयाया शाबश ऐसे ही चुस्स्स मेराअ लुंद्द्द्द्ड आआअहह मजाआ आअगेय्ाआ तुउउउ तो मस्सस्त लुंद्द्द्द्ड चुस्स्स्ती है रीई अयाया लीयी मेरिइई राणिीई मेराअ लुंदड़ड़ और अपनीई मुहह मीई लीयी अयाया, ओह्ह्ह में झाड़ने वलाआ हूँ,,, उसने अपनी स्पीड और बढ़ा दी, और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी, मेने उसका सर अपने हाथ में पकड़ा और उसके मूह में अपना पानी छोड़ दिया, ऑश मेरी रनीईइ ले मेराअ पाणिि पििई लीयी आआआः और में उसके सर को टाइट पकड़ के रखा और पिचकारी पे पिचकारी छोड़ता गया, उसका गला चोक हो गया था, फिर भी मेने नही छोड़ा और जब शांत हुआ तब मेने अपनी ग्रिप ढीली की और उसे छोड़ड़ दिया, वो मेरा सारा पानी पी गयी और जो मूह से बाहर आया उसे भी चाट लिया, उसकी शकल देख के लगता नही था के उसने कभी लंड चूसने की बात भी सुनी होगी, फिर भोला की आवाज़ आई, हम दोनो घबरा गये, उसने फॉरन अपने कपड़े पहने और बाहर देखने चली गयी, भोला काफ़ी दूर से ही चिल्लाता हुआ आरहा था, मेने भी अपने कपड़े ठीक किए और दूसरे रास्ते से घर की ओर बढ़ चला, हम दोनो ही निराश हुए के हमे चोदने का मौका नही मिला, और में अपना मॅन मारके घर आगेया, जब में घर पोह्चा देखा मा ताइजी और दीदी बैठ के बातें कर रहें थे, फिर मुझसे ताइजी ने पूछा कहाँ गया था मेने बताया ऐसे ही चक्कर मारने चला गया था, फिर कुछ देर बाद तीनो खाना बनाने में लग गये और में अपने रूम में जाके बैठ गया, जब खाना तैयार हुआ तो मुझे नीचे बुलाया और हम सब ने मिलके खाना खाया, में मा से नज़रे नही मिला पा रहा था, खाना खा के में अपने रूम में आगेया, ताइजी ताउजि की मालिश करने चली गयी, मा और दीदी घर के बाकी काम ख़तम करने में लग गये, कुछ देर बाद जब मा रूम में आई, तो वो पलंग पे आके बैठ गयी और इधेर उधेर की बातें करने लगी, वो बात करते हुए अपने पाँव दबा रही थी, मेने मा से पूछा के क्या बात है क्या पाँव दुख रहा है, वो बोली हां आज पाँव ज़रा दुख रहा है बेटा, मेने आछे मंन से उनसे पूछा के क्या में दबा दूं, वो बोली अगर तू थक ना गया हो तो, मेने कहा इसमे क्या थकने की बात, लाइए में दबा देता हूँ, मा पलंग पे लेट गयी और में उनके पाँव दबाने लगा, उन्हे अछा लग रहा था, में सारी के उपर से ही दबा रहा था, फिर मा सोगयि, और में उनके बगल में सो गया, मुझे नींद जल्दी आगाई,
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