RE: Sex kamukta मेरी बेकाबू जवानी
गतान्क से आगे......
घर पे आते ही जब मे सिदःईYआ चढ़ रही थी की तभी पति जी सामने आ गये और मेरे होंठो को चूम के मुझे बाँहो मे उठा लिया और मेरे ससुराल मे ले गये. पति जी ने मुझे घर के अंदर ले जाके सोफे पे बिठा दिया और खुद मेरे पैरो के बीच मे बैठ गये. फिर अपना पूरा जिस्म मेरे जिस्म से लगा दिया और मेरे होंठो को पागलो की तरह चूमने और काटने लगे. मेने उनसे अपने होंठो को छुड़ाने की काफ़ी कोशिश की लेकिन पति जी ने मुझे और भी बहरहमी से होंठो को चूमा और कटा. मेरी आँखो मे आसू भी आ गये थे. फिर 10 मिनट की लड़ाई के बाद उन्होने मुझे छोड़ दिया. मेने सिर को झुकाते हुए पति जी से पूछा “ पति जी कॉलेज मे मुझे बताया गया था कि मेरी मम्मी की तबीयत खराब है “. पति जी ने मुझे फिर से हल्के से चूमा और कहा “ पहले शांत हो जाओ, क्या तुम्हे मेरे उपर ज़रा सा भी विश्वास नही है, तुम्हारी मम्मी मेरी भी तो सास हुई ना, तो क्या मे अपनी प्यारी पत्नी की मम्मी को कुछ होने दूँगा”. फिर से मेरे होंठो को चूमते हुए मुझे बाँहो भर के मुझे बेडरूम ले गये और मुझे बेड पीठ के बल लिटा दिया. फिर पति जी पूरे नंगे हो गये और मेरे उपर लेट गये. पति जी ने मेरे पूरे जिस्म को चूमा और धीरे धीरे करके कॉलेज ड्रेस को निकाल दिया और अपनी अलमारी मे रख दिया. पति जी मेरे बाजू मे आके सो गये और मेरा सिर अपनी छाती के उपर रख दिया और अपने हाथो को मेरे बालो मे घुमाने लगे, मे भी उनकी छाती को चूमने लगी और निपल को चूस ने लगी. इस दौरान पति जी ने कहा “ जया मे आज सुबह तुम्हारे घर गया था, मे तुम्हारी मम्मी-पापा से बात कर रहा था, तुम्हारी मम्मी ने मुझे बताया कि “ भाई साहिब कोई छोटी सी नौकरी हो तो बताना क्यूंकी मे ज़्यादा पढ़ी लिखी नही हू और मेरा समय भी बीत जाए”. दर असल मे भी उन्हे कोई नौकरी करने के लिए ही कहने गया था ताकि हम दोनो पति पत्नी के जैसे रह सके और जिस्म की प्यास को बुझा सके. मे ने ये सुनते ही उनको कहा कि “मेरी पहचान काफ़ी कॉलेज मे है, अरे हा! नज़दीक मे ही एक मुस्लिम कॉलेज है और वाहा पर बच्चो का ख़याल रख सके ऐसी किसी औरत की ज़रूरत है, लेकिन उसमे एक दिक्कत है कि आपको ज़्यादा वक़्त देना पड़ेगा, आपको सुबह 9 बजे से सम को 6 बजे तक वाहा नौकरी करनी पड़ेगी, अगर आपके पति और आपको मंजूर हो तो मे उनसे अभी बात कर लेता हू”. मुस्लिम कॉलेज सुनते ही वो खुश हो गयी और तुरंत हा कर दिया. मेने भी मुस्लिम कॉलेज मे फोन करके तुम्हारी मम्मी की नौकरी पक्की कर दी. मेने कहा “ तो आज से ही आपको कॉलेज मे जाना है”. मेरी बात सुनते ही वो खुश हो गयी, तभी तुम्हारे पापा ने कहा “ अरे लेकिन जया को तो पता नही चलेगा और वो घर बंद देखे गी तो रोने लगेगी”. मेने कहा “ जया की चिंता आप मत कीजये, वो जब कॉलेज से आएगी तो मे उसे बता दूँगा के आप के साथ क्या हुवा है, वो भी इस बात को सुनके खुश हो जाएगी”. पूरी बात सुनके बाद मुझे पति जी के उपर बहुत प्यार आने लगा और मेरी आँखो मे से ख़ुसी के आसू भी आगये और मेने उनके होंठो को चूमने लगी. पति जी मेरे उपर आके अपने लंड को चूत मे डाल के मुझे चोदने लगे, काफ़ी देर ऐसे ही चोदने के बाद पति जी अपने लंड को तेज़ी से अंदर बाहर करने लगे और मेरे जिस्म को अपने हाथो से, मेरे चेहरे और गर्देन को अपने होंठो से काटने लगे. मे इस प्यार से काफ़ी उत्तेजित हो गयी त्ज और दोनो हाथो से पति जी के पीठ को नखुनो से नोच दिया और खून भी निकाल दिया. ऐसे ही करते हुए मे 3 बार पानी निकाल चुकी थी और पति जी 2 बार. फिर हम दोनो ऐसे ही थोड़ी देर के लिए सो गये. मुझे बहुत जोरो से भूक लगी थी इस लिए मेरी नींद टूट गयी. मेने घड़ी मे देखा की अभी 12 बजे थे. मेने देखा कि पति जी मेरे स्तन पे सिर रख के सो रहे थे, मेने उन्हे अपनी बाँहो मे भरते हुए उनके माथे को, आँखो को, गालो को और होंठो को चूम लिया. तुरंत ही नींद से जाग गये और मुझे अपनी बाँहो मे भरते हुयर् मुझे चूम ने लगे, मेरा चेहरा और गर्दन पूरे उनकी होंठो के पानी से भीग गये. फिर पति जी ने कहा “ जया आज से जब भी तुम अपने ससुराल मे होगी तब हम दोनो बिल्कुल नंगे ही होगे, हमारे जिस्म पे कोई कपड़ा नही होगा, हम दोनो जब चाहे तब एक दूसरे के जिस्म को पकड़ के अपना प्यार जाता सके, आइ लव यू जया”. मेने कहा “ पति जी वैसे भी मुझे बिना कपड़े रहना बहुत अच्छा लगता है, आइ लव यू पति जी”. फिट पति जी खड़े हुए और मुझे अपनी बाँहो मे उठा के किचन मे ले गये. किचन मे उन्होने मुझे चूल्हे के पास खड़ा किया और खुद भी बाजू मे खड़े हो गये. पति जी ने कहा “ जया अभी मे नाश्ता बनाता हू, तुम देखना के कैसे बनाता हू, क्यूंकी एक पत्नी का कर्तव्य है के वो उनके लिए खाना बनाए, उन्हे अपने हाथो से खिलाए और उनका ढेर सारा प्यार पाए”. मेने सिर झुकाते हुए कहा “ हा पति जी मैं भी यही चाहती हू के आपको और काम ना करना पड़े मैं ही सारा काम कर लूँगी, जैसे मम्मी करती है”. पति जी ने कहा “ वह मेरी जया रानी तुम ने तो मुझे बहुत खुस कर दिया, तुम्हारी बाते हमेशा मीठी ही होती है तुम्हारे होंठो की तरह”. इतना कहते उन्होने मुझे चूम लिया और मुझे चूल्हे के पास खड़ा किया और वो मेरे पीछे आ गये, मेरे पीछे आते ही उनका मोटा सा लंड मेरी गन्ड पे लगने लगा, मुझे थोड़ी सी उतेजना हो गयी और मेने भी अपनी गाड़ को थोड़ा सा पीछे ले जाके उनका लंड दबाया. पति जी मेरे इस बर्ताव को देख के मुझे और ज़ोर से पकड़ लिया और मेरी गर्देन को चूम ने लगे. फिर हम दोनो ने नाश्ता बनाया और साथ मे खा भी लिया. पति जी ने कहा “ जया रानी हम दोपहर को सिर्फ़ नाश्ता ही करेंगे, जब मे तुम्हे चोद रहा हुंगा तो तुम्हारा पेट खाली हो ने की बजाह से तुम्हे अच्छा लगेगा”. मेने कहा “ जैसा आप कहे, लेकिन पति जी मैं काफ़ी थक जाती हू, मम्मी कहती है कि थकान हो तो दूध पीना चाहिए”. पति जी ने कहा “ अरे वह जया ऐसे ही तुम अपने जिस्म का ख़याल रखना, रही बात दूध की फ़्रीज़ मे बहुत सारा दूध है तुम उसे पे लेना, ठीक है”. फिर नाश्ता और दूध के बाद हम दोनो हॉल मे सोफे पे जाके बैठ गये. पति जी मेरे बाजू मे अपने लेफ्ट हाथ को मेरी गर्दन मे डालते हुए मुझे चूमने लगे. मैं भी उन्हे चूमने लगी. मुझे बहुत ही अजीब सा लग रहा था के अब तक मैं जिस इंसान को जानती नही थी उसी के साथ नंगी बैठी हुई हू. पति जी मुझे 15 मिनट तक किस करते रहे. फिर उन्होने मुझे कहा “ जया तुम्हारे गले मे मंगलसूत्र बहुत अच्छा लग रहा है, खास करके जब वो तुम्हारे दोनो स्तन के बीच मे आता है, जया मैं चाहता हू कि तुम्हे और भी गहने पहनाऊ”. मेने कहा “ हा पति जी मुझे भी गहने पहनने काफ़ी शौक हे”. पति जी ने कहा “ अच्छा तो मैं अभी ही ज्वेलरी शॉप मे जाके तुम्हारे जिस्म को पूरा गहने से सज़ा दू ऐसे सारे गहने लेके आता हू, तुम इतनी देर मे अपना होमवर्क ख़तम कर दो”.
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