Sex kamukta मेरी बेकाबू जवानी
06-25-2017, 12:32 PM,
#16
RE: Sex kamukta मेरी बेकाबू जवानी
फिर पति जी ज्वेलरी की शॉप मे मेरे लिए बहुत सारे गहने लेने के लिए चले गये.मे अपने ससुराल मे नंगी ही घूम रही थी. मे घर की हर चीज़ को देख रही थी.मेने हॉल मे और आसन वाले रूम मे बहुत सारी नंगी लड़कियो की तसबीर देखी, उसमे से ज़्यादातर पैंटिंग की हुई नंगी तस्वीरे थी. कई तो राजा महाराजे के सेक्स की तस्वीरे थी. मैं जब बेडरूम मे आई तो देखा की अलमारी की बाजू वाली दीवाल पर एक औरत की तस्वीर थी, वो काफ़ी खूबसुरुत थी, उसने अपने बाल खुले रखे थे और एक लाल रंग का कुर्ता पायजामा पहना था, उस तस्वीर के नीचे लिखा था “ स्वर्गीय कविता शर्मा”.मैं समझ गयी की ये मेरे पति जी की पहली पत्नी है, इसलिए मेने दोनो हाथो को जोड़ के उन्हे प्रणाम किया और हम दोनो के आने वाले कल के लिए आशीर्वाद भी माँगा.फिर मे उस कुर्ते को खोजने के लिए अलमारी को खोला. मेने देखा कि उसमे एक भाग मेरे लिए बना था और उस पर मेरा नाम “श्रीमती जया राज शर्मा” और एक भाग मेरे पति देव का था., मैं अपना नाम देख के काफ़ी शर्मा गयी. मेने मेरे भाग मे देखा कि उसमे सारे कपड़े जो बड़े घर की लड़किया पहनती है वैसे थे. जीन्स, टॉप, कुर्ता, पायजामा, लहनगा, चोली, छोटी छोटी चड्डी और ब्रा. मैं उस लाल रंग के कुर्ते पायजामा को खोजने लगी, वो मुझे मिल गया. मेने पहले एक पिंक रंग की चड्डी पहनी, फिर पायजामा पहना जो कि सिल्क का था और वो मेरे जिस्म को गुदगुदा रहा था.फिर मेने कुर्ता पहना, जिस का आगे की ओर का हिस्सा खुला हुवा था, जो मेरे स्तन के आधे हिस्से को बाहर रख रहा था. मेने भी कविता जी के फोटो की तरह खुद को सज़ा दिया और आगे हॉल मे जाके पति जी का इंतेजार करने लगी. 
करीब 1 घंटे के बाद पति जी डोर खोलके अंदर आए, मैं भाग के उनके पास चली गयी और उन्हे अपने जिस्म मे लप्पेट लिया.हम दोनो ने एक लंबी किस की. फिर पति जी ने मुझे उनसे थोड़ा दूर करते हुए मुझे सिर से पाव तक देखा और करीब दो मिनट तक देखते ही रहे….,. फिर मेने पति जी के पैरो को छुआ और उन्होने मेरे सिर पे हाथ रख के कहा “ सदा सुहागन रहो”. फिर मुझे अपनी बाँहो मे उठा के बेडरूम मे ले गये. 
बेडरूम मे मुझे कविता जी की तस्वीर के पास ले गये और तस्वीर को देख के कहने लगे “ कविता ये जया है मेरी पत्नी और तुम्हारी सोतन…. , कविता ये वही लड़की है जिसका जिकर मे तुम्हे कुछ दिनो से कर रहा था, और मेने तुम्हे वचन भी दिया था कि एक दिन इसे तुम्हारी सोतन बना के ही रहूँगा, तुम्हारे गुजर जाने के पहले हम दोनो अपने जिस्म की भूक को मिटा ते थे वैसे ही आज से मे “ राज शर्मा” अपनी छोटी उमर वाली, कमसिन जवानी से भरी, अपने जिस्म को सिर्फ़ मेरे लिए सजाने वाली, जो हर वक़्त मेरे ख़यालो मे खोने वाली “ श्रीमती जया राज शर्मा “ एक दूसरे की जिस्म की भूक को मिटाएँगे और शायद ये भूक कभी ख़तम ही ना हो”. 
मैं ये सब सुनके एक दम पागल सी हो गयी और ये सोचने लगी कि कविता जी और पति देव जी क्या क्या करते थे जिस्म की प्यास को मिटाने के लिए और शरम के मारे अपना मूह उनके गले मे छुपा दिया. पति जी ने ये देखा और बोले “ कविता ये मेरी पत्नी जो है वो बहुत ही शरमाती है बिल्कुल तुम्हारी तरह और मेरी हर बात को अपना कर्तव समझ कर खूब अच्छी तरह उसे निभाती है. सच मे कविता तुम्हारे जाने के बाद मुझे कोई अच्छा साथी नही मिला था, लेकिन अब मुझे मेरी ज़िंदगी मिल गयी है. मैं अपनी पत्नी के जिस्म की प्यास को कभी बुझने नही दूँगा और दिन रात इसके जिस्म को प्यार करूँगा. जया तुमने मेरी पहली पत्नी की जगह लेने की बहुत ही बढ़िया शुरुआत की है”. मेने कहा “ पति जी मेने कविता जी से अपने आने वाले कल के लिए बहुत सारी ख़ुसीया माँगी है”. पति जी मेरी इस बात से खुस हुए और मेरे होंठो को चूम दिया. 
पति जी ने मुझे बेड पे बिठा दिया और खुद मेरे पीछे आके बैठ गये और मुझे पीछे से कमर मे हाथ डाल के ज़ोर से पकड़ लिया, मेरा पूरा जिस्म काप गया. फिर उन्होने मेरे बालो को सिर के उपर से ज़ोर से पकड़ के अपने चेहरे की ओर घुमा दिया और मेरे होंठो को किस करने लगे. पहले धीरे धीरे मेरे होंठो को चूमा और फिर कुछ पल के बाद अपने लेफ्ट हाथ से बालो को ज़ोर से पकड़ के मेरे उपले होंठो अपने दोनो होंठो मे दबाते हुए बहुत ज़ोर से काट दिया., उस दोरान मैं काफ़ी तड़प रही थी और मेरे दोनो हाथो को पति जी के पीठ और बालो मे घुमाने लगी और अपनी हाथो की मुट्ठी से नोचने लगी. करीब पाँच या छे मिनट तक उन्होने मेरे दोनो होंठो को ऐसे ही काट दिया और मेने ने उन्हे नोच दिया. मैं बुरी तरह से हाफ़ रही थी क्यूंकी मेरी साँसे भारी हो रही थी. पति जी ने मुझे अपनी छाती से लगा कर मुझे शांत किया. फिर वो मेरे चेहरे को अपने हाथो मे रख के मेरी ओर देखने लगे, उस वक़्त मेरे बाल मेरे चेहरे के पास आ गये थे और मेरे दोनो होठ लाल हो चुके थे, मेने नज़रे नीचे कर ली थी. मेरे इस समर्पण को देखते हुए उन्होने मेरे दोनो होंठो को एक साथ अपने मूह मे ले लिया और हल्के से उनके उपर जीभ घुमाने लगे, मानो वो मेरे होंठो की मालिस कर रहे हो….,. पति जी मेरे लिए इतना सब करने के बाद मेरी नज़र मे सच मच के भगवान बन गये और मेने अपने दोनो हाथो के उनके पैरो के पास ले जाके उनके चरण सप्र्श किए. मेरे ऐसे करने से उन्होने मुझे सिर पे चूमा और मुझे अपनी बाहोमे भरते हुए उनके जिस्म से सटा दिया. 
पति जी ने कहा “ जया मे आज तुम्हारे लिए सोने की और चीज़े लाया हू, जैसे पहले मेने सोने की चैन दी थी वैसे ही और भी समय आते मैं तुम्हे पहनाउँगा”. पति जी ने पहले सोने के कंगन मेरे हाथो मे पहनाए, फिर पैरो मे सोने की पायल, कानो मे सोने के झुमके, कमर पे सोने का पट्टा, हाथो मे सोन के बजुबंद, सिर पे सोने का माँग टीका. अंत मे उन्होने एक बक्से मे से एक सोने की करीब 15 तोले की चैन निकाली, जिसके साथ एक लोकेट था, उस लोकेट के एक बाजू मे “ राज & जया “ लिखा था और दूसरी बाजू मे “ जिस्म की प्यास “ लिखा था, यानी ये साफ जाहिर था के हमारा रिस्ता एक दूसरे के जिस्म की प्यास को बुझाने के जिए ही बना है. मेने उस लोकेट की दोनो बाजू को चूमा और पति जी ने मेरे गले मे उसे पहना दिया. उसका वजन काफ़ी ज़्यादा था इस लिए मेरी गर्देन थोड़ी सी झुक गयी तो पति जी ने कहा “ जया पहले के जमाने मे औरत अपना सिर उठा के न चल सके इसलिए उसे भारी सोने की चैन पहना ते थे और ये हर औरत का पति धर्म भी होता है कि वो अपने पति देव की हर बात को सिर झुका कर माने और उस मे पूरा सहयोग दे”. 
पति जी ने मुझे बेड से खड़ा किया और मेरे सारे कपड़े जोकि मेने सिर्फ़ उनके लिए पहने थे उन्हे निकाल दिया और मुझे पूरा नंगा कर दिया. उन्होने मुझे बाँहो मे भरते हुए बेड पे पीठ के बल लिटा दिया और खुद मेरे दोनो पैरो के बीच मे आके मेरी चूत के पास अपना मोटा सा लंड सटा दिया. मेरी चूत ने कब पानी छोड़ दिया था मुझे पता ही नही चला, क्यूंकी मे सेक्स मे होती क्रिया से अंजान थी, क्यूंकी मैं अभी भी छोटी बच्ची जैसा ही व्यवहार करती थी. पति जी ने जान लिया था कि मेरी चूत गीली हो चुकी है इसलिए उन्होने मुझे झट से नंगा कर दिया. पति जी अपना मोटा सा लंड मेरी चूत मे डाल ने लगे और मेरे उपर झुक के मेरे होंठो को चूमने लगे. मेरी चूत मे उनका लंड, मोटा होने की बजाह से आसानी से घुस नही रहा था, उन्होने थोड़ा थोडा करते हुए लंड पूरी तरह से चूत मे डाल दिया, उस वक़्त उनके हर एक धक्के से मेरी चूत मे एक नया अहसास हो रहा था, मानो के वो कोई दुख देने वाला दर्द नही बल्कि एक मीठा दर्द करने वाले लंड के ज़रिए पति जी की जिस्म की प्यास बुझाने वाला था. मैं अपने जिस्म की प्यास को बुझाने के लिए पति जी को पूरा सहयोग दे रही थी. 
क्रमशः........ 
Reply


Messages In This Thread
RE: Sex kamukta मेरी बेकाबू जवानी - by sexstories - 06-25-2017, 12:32 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Incest HUM 3 (Completed) sexstories 76 1,030 2 hours ago
Last Post: sexstories
  बाप का माल {मेरी gf बन गयी मेरी बाप की wife.} sexstories 72 15,737 06-26-2024, 01:31 PM
Last Post: sexstories
  Incest Maa beta se pati patni (completed) sexstories 35 11,303 06-26-2024, 01:04 PM
Last Post: sexstories
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 20,498 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 9,756 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 6,721 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,768,297 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 578,952 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,349,058 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,033,233 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68



Users browsing this thread: 2 Guest(s)