Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
07-03-2018, 11:53 AM,
#4
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
गुलनाज़ दीदी के घर से वापिस आने के बाद मैं अपने रूम में गयी और पढ़ने के लिए किताब उठाई मगर मेरा दिल पढ़ने में नही लगा और मैने बुक बंद की और अपने घर की छत पे चली गई और टहलने लगी. शाम का मौसम था थोड़ा थोड़ा अंधेरा आसमान में आने लगा था हवा भी ठंडी चल रही थी जिस से सीने को ठंडक पहुँच रही थी. काफ़ी देर तक मैं वहाँ टहलती रही और फिर जब काफ़ी अंधेरा हो गया तो मैं नीचे आ गई. मम्मी खाना बना रही थी और भैया टीवी देख रहे थे. मैं भैया के पास जाकर बैठ गई. मुझे देखते ही भैया बोले.
हॅरी-स्वीटू कहाँ थी तू.
मे-उपर छत पे थी भैया.
हॅरी-ओके जा मम्मी की हेल्प करा जाकर किचन में.
मे-उम्म्म भैया मैं बहुत थकि हुई हूँ.
हॅरी-थक कैसे गई तू कोई काम तो किया नही तूने दिन भर में.
मे-नही भैया वो मेरी पीठ में दर्द है.
हॅरी-बहाने-बाज़ कब तक मम्मी के हाथ की खाती रहेगी. शादी के बाद देखूँगा तुझे जब सारा दिन किचन में ही गुज़र जाएगा तेरा.
मे-तब की तब देखेंगे. फिलहाल तो मम्मी के सर पे ऐश करलू.
हॅरी-करले बच्चू जितनी ऐश करनी है. पापा को बोल कर लड़का ढूँढते हैं तेरे लिए.
मे-भैया पहले आपको मेरे लिए भाभी ढूँढनी पड़ेगी फिर मेरी शादी की बात करना.
तभी मम्मी बाहर आई और बोली.
मम्मी-किसकी शादी की बात करनी है रीतू.
मे-भैया की.
मम्मी-हां अब तो करनी पड़ेगी.
हॅरी-मम्मी आप भी इस नटखट के साथ मिल गई. अभी मुझे पढ़ना है जब शादी का टाइम आएगा मैं खुद बता दूँगा.
मे-भैया कहीं पहले से तो नही ढूँढ रखी मेरी भाभी.
हॅरी-देखो मम्मी ये बिगड़ती जा रही है.
मम्मी-अरे बुद्धू वो मज़ाक कर रही है. तू जानता तो है इसे.
तभी पापा भी आ गये और फिर हम सब ने मिल कर खाना खाया और फिर सब अपने अपने रूम में चले गये. मैने थोड़ी देर पढ़ाई की और फिर घोड़े बीच कर सो गई. सुबह फिरसे मम्मी ने मुझे उठाया और मैने फ्रेश हो कर चाइ पी और जल्दी से स्कूल के लिए रेडी हो गई. आज भैया को पापा के साथ कहीं जाना था इसलिए मुझे आज बस से जाना पड़ा. वैसे तो बस स्टॉप पे बस कोई रुकती नही थी लेकिन सुबह के टाइम एक बस आती थी जो सभी गाओं में रुक कर जाती थी. और हमारे स्कूल के भी काफ़ी स्टूडेंट उसमे जाते थे. मैं जब स्टॉप पे पहुँची तो देखा आकाश वहीं पे खड़ा था. महक इसी बस से आती थी इसी लिए शायद आशिक़ मियाँ भी बस के आने का ही इंतेज़ार कर रहे थे. मैं जाकर बस स्टॉप पे खड़ी हो गई. एक दो लोग और खड़े थे वहाँ पे मुझे देखते ही आकाश मेरे पास आया और बोला.
आकाश-हाई रीत कैसी हो.
मे-ठीक हूँ तुम बताओ.
आकाश-आज तुम बस से क्यूँ जा रही हो हॅरी कहाँ है.
मे-उसे आज जाना है कही पे.
आकाश-ओके. वो कल कुछ देखा तो नही तुमने.
मे-कब.
आकाश-मुझे और महक को क्लास रूम में.
मे-नही नही मैने नही देखा.
आकाश का ये बात पूछना मुझे कुछ अच्छा नही लगा.
आकाश-थॅंक गॉड तुमने नही देखा. वैसे पता है हम क्या कर रहे थे.
आकाश के इस सवाल ने मुझे एकदम से चौंका दिया. मैने थोड़ा गुस्से में कहा.
मे-मुझे नही पता.
और मैने अपने नज़रे दूसरी और करली.
आकाश-देखना चाहोगी हम क्या करते हैं.
मैने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया. वो आगे कुछ बोलता उस से पहले ही बस आ गई और मैं गॉड का थॅंक करती हुई बस की तरफ बढ़ गई. धीरे धीरे सभी बस में चढ़ने लगे. मैने जब बस में चढ़ने के लिए अपनी एक टाँग उठा कर बस की सीढ़ी पे रखी तभी किसी ने मेरे नितंबों के बीच की दरार में तेज़ी से उंगली फिरा दी. पहली बार किसी मर्द की उंगली अपने नितंबों के बीच पा कर मेरे पूरे शरीर में करंट सा दौड़ गया. मैने पीछे मूड कर देखा तो वो आकाश ही था. मैं उसे गुस्से से घूरती हुई बस में चढ़ गई और आकाश भी मेरे पीछे बस में चढ़ गया. बस में भीड़ देख कर मेरा दिल घबराने लगा क्यूंकी मैं जानती थी कि ये कमीना भीड़ का फ़ायदा ज़रूर उठाएगा. तभी मुझे महक दिखाई दी वो मुझसे 3-4 लोग छोड़कर खड़ी थी. उसने मुझे पास आने का इशारा किया और मैं उन लोगो को साइड करती हुई महक के पास जा पहुँची. मैने चेहरा घुमा कर आकाश की तरफ देखा तो बेचारे का चेहरा ऐसे लटका हुआ था जैसे भगवान ने उसे लंड ना दिया हो. मैं उसे मुस्कुराते हुए उंगूठा दिखा कर चिडाने लगी जैसे कि बहुत बड़ी मात दे दी हो मैने उसे. मैने महक का हाल पूछा और बातें करते करते अगला स्टॉप आ गया. मेरी बदक़िस्मती थी कि जो लोग मेरे और आकाश के बीच खड़े थे वो तीनो उतर गये और आकाश दाँत निकालता हुआ बिल्कुल मेरे पीछे आकर खड़ा हो गया. उसने महक को 'हाई' बोला और फिरसे एक उंगली सलवार के उपर से मेरे नितंबों की दरार में फिराने लगा. मेरे मूह से एक हल्की सी आह निकली जो कि बस के चलने की वजह से हो रहे शोर में ही खो गई. आकाश की उंगली को मेरे नितंबों ने दरार के बीच जाकड़ रखा था. ये सब उत्तेजना के मारे हो रहा था मैं ना चाहते हुए भी उत्तेजित हो गई थी और खुद ही थोड़ा पीछे को हट गई थी शायद मैं आकाश की उंगली को अच्छे से फील करना चाहती थी. मुझे पीछे हट ता देख आकाश ने अपना चेहरा मेरे कान के पास किया और कहा.
आकाश-मज़ा आ रहा है ना तुम्हे.
मैने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया. तभी हमारा स्कूल आ गया और मैने गॉड का थॅंक्स किया और बस से उतर गई.
Reply


Messages In This Thread
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त - by sexstories - 07-03-2018, 11:53 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 13,929 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 6,688 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 4,612 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,756,614 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 577,472 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,343,681 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,028,037 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,805,099 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,206,262 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,168,471 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)