Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
07-03-2018, 11:58 AM,
#10
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
मैं और भैया मार्केट पहुँच चुके थे और मैने एक बुक शॉप से जो बुक्स लेनी थी वो भी ले ली थी. अब मुझे भूख लगी तो मैने भैया को कुछ खिलाने के लिए बोला. भैया ने बाइक स्टार्ट की मुझे पीछे बिठाया और हम पास में ही एक बहुत ही अच्छे रेस्टौरेंट में जाकर बैठ गये. हमने जूस ऑर्डर किया और करूँ भाभी का वेट करने लगे. भैया ने फोन करके भाभी को उसी रेस्टौरेंट पे आने को बोला था. हमने जूस ख़तम ही किया था कि एक बहुत ही सुंदर लड़की अपनी स्कॉटी स्टॅंड पे लगाकर हमारी तरफ आने लगी. जैसे ही वो हमारे पास आई तो भैया ने उठ कर उसे हग किया और कहा.
हॅरी-रीतू ये है तुम्हारी भाभी करुणा.
मैने भी उठ कर भाभी को गले लगाया और उन्हे बैठने के लिए कहा. वो हमारे साथ ही बैठ गई और भैया ने भाभी से पूछा.
हॅरी-कुछ पियोगी करू.
करू-यस तुम्हारा खून.
भाभी की बात सुनते ही मुझे हँसी आ गई.
हॅरी-अब क्या हुआ यार.
करू-मुझे ये बताओ तुमने मना क्यूँ किया था मिलने से.
हॅरी-करू यार अब छोड़ भी पुरानी बातें देख रीतू तुझसे मिलने आई है.
मैने देखा भैया मेरा नाम लेकर डाँट से बचना चाहते थे.
मे-नो नो भाभी हम बाद में मिलेंगे पहला आप भैया का खून पियो जी भर के.
मेरी इस बात से भाभी और भैया दोनो मुस्कुराने लगे और भाभी हँसती हुई बोली.
करू-हॅरी ये बिल्कुल वैसी ही है जैसा तुमने बताया था. एकदम क्यूट सी गुड़िया.
अब भाभी को क्या पता था कि उनकी इस क्यूट सी गुड़िया ने कैसे अपने जलवे दिखाकर आकाश के होश उड़ा रखे हैं.
हॅरी-हां करू ये हमारे घर में सबसे प्यारी है शादी के बाद तुझे भी इसका पूरा ख़याल रखना पड़ेगा.
करू गुस्से से भैया को देखते हुए बोली.
करू-शादी तो तभी होगी जब तुम बात आगे बढ़ाओगे. एकदम घोन्चु हो तुम.
मैं 'घोन्चु' वर्ड सुनते ही फिरसे हँसने लगी और धीरे से कहा.
मे-भैया का दूसरा नाम 'घोन्चु'
भैया को मेरी कही ये बात सुन गई और वो बोले.
हॅरी-रीतू तू भी इसके साथ मिल गई.
करू-मेरी ननद है वो मेरा ही साथ देगी.
हॅरी-तुम्हारी ननद बाद में है पहले मेरी बेहन है वो समझी.
करू-अरे तो जल्दी से अपने पेरेंट्स से बात करो ना शादी की ताकि ये रीतू मेरी ननद बने और में इसे जी भर के प्यार करू.
भाभी की बात सुनते ही मेरे दिमाग़ में घंटी बजी 'कहीं करू भाभी लेज़्बीयन तो नही'
हॅरी-करू यार मुझे समझ नही आ रहा मैं कहाँ से बात शुरू करू मम्मी पापा के साथ.
करू-मुझे नही पता मैने भी तो अपने मम्मी पापा से बात की है अब तुम क्यूँ नही कर रहे हो.
अब मैने उन्हे रोकते हुए कहा.
मे-अटेंशन प्लीज़. इस मामले में मैं आपकी हेल्प कर सकती हूँ.
मेरे मूह से ये बात सुनते ही वो दोनो अपनी कुर्सी' उठाकर बिल्कुल मेरे पास आ गये और भाभी उत्सुकता के साथ बोली.
करू- वो कैसे रीत. वैसे मुझे पता है मेरी स्वीतू ही ये काम कर सकती है.
हॅरी-हां हां स्वीतू बता ना कैसे.
मे-आप लोग शादी की टेंशन छोड़ दो.
मेरी बात सुनते ही भाभी बोली.
करू-ये लो भाई घोन्चु और बेहन महा घोन्चु. अरे पागल अगर टेंशन ही छोड़ दी तो शादी कैसे होगी.
मे-ओह हो भाभी पूरी बात तो सुनो. मेरा मतलब था कि शादी की बात मैं करूँगी घर में आप टेंशन मत लो मगर मेरी भी एक शर्त है.
करू-अरे तू बोल ना मुझे सारी शर्तें मंज़ूर है.
मे-देखो देखो कितनी जल्दी है शादी की.
करू-जब तेरे सामने ऐसी सिचुयेशन आएगी ना तब पूछूंगी तुझसे.
मे-ओक ओके अब शर्त सुनो.
'मुझे एक मोबाइल चाहिए वो भी महंगा वाला'
करू-अरे बस इतनी सी बात. पक्का रहा तेरी भाभी तुझे मोबाइल दिलाएगी.
मे-ओके तो फिर कुछ दिन सबर करो. जल्दी ही गुड न्यूज़ मिलेगी आपको.
करू भाभी ने मेरी गालों पे किस करते हुए कहा.
करू-तू सचमुच कमाल की है रीतू.
हॅरी-रीतू यार ध्यान से बात करना घर पे.
मे-भैया आप जानते तो हो मुझे. वैसे भी भाभी अब मुझे पसंद आ गई हैं अब तो ये ही मेरी भाभी बनेगी.
करू-ओके तो चलो अब सबसे पहले रीतू को मैं फोन दिलाउन्गी.
हॅरी-छोड़ ना करू मैं दिला दूँगा इसे.
करू-ऐसे कैसे अपनी ननद को मोबाइल के रूप में पहला गिफ्ट मैं ही दूँगी.
फिर हम एक मोबाइल की शॉप में गये और मैने काफ़ी मोबाइल्स देखे और आख़िर में नोकिया न97 मुझे पसंद आ गया और उसके साथ टाटा डोकोमो का कनेक्षन मैने ले लिया. करू भाभी ने बिल पे किया और हम वहाँ से निकलकर फिरसे रेस्टौरेंट में आ गये. बहुत भूख लग रही थी हमने वहाँ से लंच किया और फिर भाभी और मैने मोबाइल. नंबर एक्सचेंज किए और मैं और भैया भाभी को बाइ बोल कर घर की तरफ निकल पड़े.
रास्ते में भैया ने मुझसे पूछा.
हॅरी-कैसी लगी तुम्हारी भाभी.
मे-बहुत अच्छी भैया अब तो वो ही मेरी भाभी बनेगी चाहे कुछ भी हो जाए.
हॅरी-सम्भल कर बात करना मम्मी पापा से.
मे-फिकर नोट भैया मम्मी पापा को तो मैं एक चुटकी में मना लूँगी.
हॅरी-काश ऐसा ही हो.
ऐसे ही बातें करते करते हम घर पहुँच गये. मैने अपना नया मोबाइल. मम्मी को दिखाया तो वो हैरान होते हुए बोली.
मम्मी-ये किसने दिलवाया.
मे-भैया ने अपनी पॉकेट मनी में से.
मैने झूठ बोल दिया.
तभी पापा वहाँ पे आए और मम्मी ने उन्हे गुस्से से कहा.
मम्मी-देखो हॅरी ने इसे मोबाइल. दिला दिया. क्या ज़रूरत थी इसकी.
पापा-अरे कोई बात नही एक ना एक दिन तो इसे मोबाइल लेना ही था.
मैने खुश होकर मोबाइल. उठाया और अपने रूम में चली गई.
मैं अपने रूम में देर रात तक न्यू मोबाइल से छेड़ चाड करती रही. कभी किसी फंक्षन को खोल देती तो किसी को बंद कर देती. आख़िरकार 12 वजे के करीब मुझे नींद आई और मैं घोड़े बीच कर सो गई. सुबह जल्दी उठी और जल्दी जल्दी नहा धो कर रेडी हो गई. नाश्ता वगेरा करने के बाद मैने अपना मोबाइल उठा कर बॅग में रखा. मोबाइल बॅग में रखते हुए मुझे भैया ने देख लिया और कहा.
हॅरी-ओये रीतू मोबाइल का स्कूल में क्या काम ला पकड़ा मुझे घर आकर ले लेना.
मे-भैया प्लीज़ आज लेजाने दो मुझे अपने फ्रेंड्स को दिखाना है प्लीज़.
हॅरी-ओके मगर सिर्फ़ आज कल इसे घर पे ही छोड़ के जाना.
मैं खुश होते हुए
मे-थॅंक यू भैया. यू आर बेस्ट इन वर्ल्ड.
हॅरी-ठीक है ठीक है जा अब लेट हो जाएगी.
मैने अपना बॅग उठाया और बस स्टॉप की तरफ चल पड़ी.
वहाँ रोज़ की तरह मजनू पहले से ही मेरे इंतेज़ार में था. मैं आकाश से थोड़ी दूरी पे जाकर खड़ी हो गई और वो आदत के मुताबिक मेरे पास आ गया और बोला.
आकाश-हाई रीत डार्लिंग बड़ी खुश दिखाई दे रही हो बात क्या है.
मे-तुम्हे इस से मतलब.
आकाश-राम राम इतना गुस्सा. वैसे उस रात गली में मज़ा आया ना.
मैने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया.
आकाश-वैसे कल कहाँ गई थी हॅरी के साथ निखर कर माशा अल्लाह वाइट चुरिदार में कयामत लग रही थी तुम.
आकाश के मूह से तारीफ सुन कर मैं अंदर ही अंदर बहुत खुश हुई.
मुझे कुछ ना बोलते देख वो झुझलाते हुए बोला.
आकाश-यार इतना तो मैं जानता हू कि तू मेरी छेड़-छाड़ में मज़ा तो खूब लेती है मगर ये नखरा क्यू दिखा रही हो.
मैने उसे घूरते हुए देखा और कहा.
मे-ओये मिस्टर. एक बात ध्यान से सुन लो मैं अब तुषार की गर्ल फ़्रेंड हूँ. मुझे अब दूर रहा करो समझे.
आकाश-मुझे पता है तुषार ने तुझे पटा लिया है.
मैने हैरान होते हुए पूछा.
मे-तुम्हे कैसे पता.
आकाश-मेरा सबसे अच्छा दोस्त है वो मुझे सब पता है कि कैसे उसके हाथ के उपर तूने अपनी गान्ड रखकर मज़े लिए थे उसके साथ.
उसकी बात सुनकर मैने गुस्से से कहा.
मे-शट अप एडियट.....बिल्कुल भी तमीज़ नही तुम्हारे अंदर.
मैने दूसरी तरफ चेहरा घुमा कर खड़ी हो गई. तभी मुझे बस आती हुई दिखाई दी. मैं जल्दी से बस में चढ़ गई. आकाश आज मेरे नज़दीक ही खड़ा था बस एक और लड़का हमारे बीच खड़ा था. मैने देखा वो लड़का मेरे साथ चिपकने की कोशिश कर रहा था. मैने आकाश की तरफ देखा तो वो भी इस बात को नोट कर रहा था. आचनक मेरे मन में शरारत सूझी और मैं खुद ही थोड़ा पीछे को हट कर उस लड़के से सट कर खड़ी हो गई. मेरे ऐसा करने से उसकी हिम्मत बढ़ गई और उसने एक हाथ अपने पेनिस पे लेजा कर उसको ठीक मेरे नितुंबों के बीच सेट कर दिया और धीरे धीरे धक्के लगाने लगा. मैने आकाश को देखो तो वो हमारी तरफ ही देख रहा था और उसके चेहरे पे गुस्सा आसानी से देखा जा सकता था. मुझे आकाश को इस हालत में देखकर बड़ा मज़ा आ रहा था. उस लड़के का पेनिस मुझे बिल्कुल अपने नितंबों के बीच महसूस हो रहा था. मैं आकाश को और जलाने के लिए आकाश को देखकर मुस्कुराती हुई अपने नितंब उसके पेनिस पे इधर उधर करने लगी थी. आकाश की तो आँखें गुस्से में लाल हो चुकी थी. अब उस लड़के के हाथ मेरे दोनो नितंबों के उपर फिरने लगे थे और वो उन्हे ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा था. मेरा शरीर भी अब गरम होने लगा था. मैं लगातार अपने नितंब उसके पेनिस पे इधर उधर कर रही थी. आचनक उसने बहुत ज़ोर से मेरे नितंबों के उपर के मुलायम मास को अपनी हथेलियों में जाकड़ लिया. मेरे पूरे शरीर में मस्ती और दर्द की मिलीजुली लहर दौड़ गई और मेरे मूह से हल्की चीख भी निकल गई. फिर उसने मेरे नितंबों को छोड़ दिया मैने पीछे देखा तो उसने अपने पेनिस वाली जगह को ज़ोर से पकड़ रखा था शायद उसका कम पॅंट में ही निकल गया था. मैने आकाश की तरफ देखा तो वो मुझे ही घूर रहा था. मैने उसकी तरफ मुस्कुराते हुए एक आँख दबा दी. नेक्स्ट स्टॉप हमारा स्कूल ही था जैसे ही बस रुकी तो मैं जल्दी से नीचे उतर गई और महक आगे बैठी थी इसलिए वो पहले ही नीचे उतर गई थी. मैं और महक क्लास की तरफ चल पड़े. क्लास में जाकर मैने महक को अपना न्यू मोबाइल दिखाया जिसे देखकर वो बहुत खुश हुई. हम अपने मोबाइल. नंबर. एक्सचेंज कर रहे थे तभी आकाश अंदर आया और मेरे हाथ में मोबाइल देखकर बोला.
आकाश-ये किसका फोन है.
महक-आकाश रीत ने नया लिया है.
आकाश-वाउ तो अब पार्टी तो बनती है.
मे-बिल्कुल बोलो क्या खाना है.
आकाश अपने होंठों पे जीभ फिराते हुए.
आकाश-कुछ मीठा हो जाए.
महक-पार्टी की बात बाद में करना पहले रीत अपना नंबर. तो लिखवा मुझे.
मैं महक को नंबर. लिखाने लगी तो आकाश ने भी मुझसे नंबर. ले लिया. उसने ये कहा कि उसे नोट्स वगेरा पूछने होंगे तो वो पूछ लेगा. महक के सामने मुझे अपना नंबर. उसे देना ही पड़ा.
फिर मेरी आँखें तुषार को क्लास में ढूँडने लगी. वो वहाँ दिखाई नही दिया. मुझे लगा कि शायद वो लाइब्ररी में ही होगा. मैने लाइब्ररी में जाकर देखा तो वो वही बैठा था. मैं उसके पास गई और उसे अपना न्यू फोन दिखाया तो वो भी बहुत खुश हुआ और उसने भी मेरा नंबर. ले लिया. लाइब्ररी में 3-4 रॅक बने हुए थे जिनमे बुक्स रखी गई थी. तुषार ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे रॅक्स के बीच जो खाली जगह होती है वहाँ ले गया.,
Reply


Messages In This Thread
RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त - by sexstories - 07-03-2018, 11:58 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Incest HUM 3 (Completed) sexstories 76 1,363 3 hours ago
Last Post: sexstories
  बाप का माल {मेरी gf बन गयी मेरी बाप की wife.} sexstories 72 16,118 06-26-2024, 01:31 PM
Last Post: sexstories
  Incest Maa beta se pati patni (completed) sexstories 35 11,508 06-26-2024, 01:04 PM
Last Post: sexstories
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 20,634 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 9,804 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 6,760 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,768,560 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 578,976 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,349,213 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,033,324 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68



Users browsing this thread: 1 Guest(s)