Sexbaba Hindi Kahani अमरबेल एक प्रेमकहानी
04-14-2020, 11:52 AM,
#50
RE: Sexbaba Hindi Kahani अमरबेल एक प्रेमकहानी
भाग-9
इधर देवी ने घर पहुच कोमल की चिट्ठी वाला बम फोड़ दिया था. मुंह से तो देवी कुछ न बोल पा रही थी लेकिन चिट्ठी हाथ में पकड़ा बोली, “लो इसमें पढ़ लो सब.” कोमल की माँ पढ़ी लिखी नही थी इसलिए अपने छोटे बेटे को बुला चिट्ठी को पढवाया.

लड़का पढने लगा, "मेरे पूज्य माँ और पापा, में आज बड़ी पत्थर दिल हो तुम्हें छोड़कर जा रही हूँ. तुम्हारा एहसान जिन्दगी भर मुझपर रहेगा. मुझे यह भी पता है कि तुम्हे इस बात से कितना दुःख और बदनामी सहनी पड़ेगी लेकिन मेरी भी कुछ मजबूरियां रही होंगी जब में इतना सब जानते हुए भी भाग़ गयी. माँ ये राज बहुत अच्छा लड़का है. मैंने तो इसके मन को चाहा इसलिए मुझे इसकी जाति विरादरी से कोई लेना देना नहीं है.


माँ और पापा आप जब तक इस चिट्ठी को पढ़ रहे होगे तब तक में काफी दूर पहुंच चुकी होऊंगी. माँ और पापा आप मुझे माफ़ कर देना में जाती तो नही लेकिन एक मजबूरी मुझे भागने के लिए मजबूर कर गयी. माँ मेरी कोख में राज का बच्चा पल रहा है. लेकिन माँ मेरी इस बात में कोई गलती नहीं थी. में तो इस सब के बारे मे जानती ही नही थी. ये सब तो अचानक से हो गया. फिर मुझे आप लोगों की बदनामी का डर लगा और मैंने गाँव से दूर जाने की सोचने ली. फिर आज ऐसा ही कर डाला.


माँ और पापा में जानती हूँ मैंने ये बहुत गलत काम किया है. में खानदान की सबसे निकम्मी लडकी निकली. मुझे जो भी सजा दी जाय वो कम ही होगी. लेकिन माँ तू अपने दिल से बता क्या तू एक स्त्री होने के नाते अपना कोई मन, कोई इच्छा नहीं रखती? क्या तेरा मन पुरुषों की बराबरी करने का नहीं करता?

में मानती हूँ माँ कि सिर्फ यही एक काम नही था जिसमें पुरुषों से स्त्री की तुलना की जाय. दुनियां के बहुत से काम है जिनमे मुझे दिखाना चाहिए था कि में पुरुषों से आगे हूँ लेकिन कमबख्त ये दिल ही न जाने क्या कर बैठा. मुझे इस बात का जिन्दगी भर अफ़सोस रहेगा कि तुम दोनों अपने हाथ से मेरी शादी न कर पाए.


माँ और पापा अब न जाने कब में आप लोगों से मिल पाउंगी. आप लोग हमेशा मेरे दिल के करीब रहोगे. में आपका ही एक टुकड़ा हूँ जो खराब हो चुका है. मुझे वो खराब टुकड़ा समझ माफ़ कर देना. मुझे पता है में खानदान के ऊपर ये कलंक का धब्बा लगा चुकी हूँ लेकिन मेरी मजबूरी भी इसमें उतनी ही दोषी है जितनी कि में.


मुझे पता है पापा कि आप समाज में ठीक से बैठ नही पाओगे, लोग आपको न जाने क्या क्या ताने देंगे लेकिन ये लोग तो वही लोग होंगे जो सीता जी को घर से निकलवाने के लिए जिम्मेदार थे. जिन्होंने उस समय कुछ नहीं बोला. माँ आप को भी मोहल्ले की औरतों की जली कटी सुनने को मिलेगी.

जब लोग आपसे मेरे बारे में कुछ भी बुरा भला कहें तो उनसे कहना कि वो लडकी हमारी बेटी ही नही थी. इस पर मुझे कतई बुरा नही लगेगा. आप दोनों के चरणों में मेरा सर हमेशा झुका रहेगा. आप की इच्छा है कि मेरे सर को आशीर्वाद दो या तलवार से काट डालो. अभी ज्यादा नही लिख पा रही हूँ. जल्दी किसी जगह पर पहुंच तुम्हे खत लिखूगी, भाई बहनों की याद भी मुझे बहुत आएगी. जिनके साथ में खेलकूद कर बड़ी हुई. बाकी की बातें फिर कभी, तुम्हारी गुनहेगार. भगोड़ी कोमल."


कोमल का ये खत पूरे घर पर बिजली की तरह गिरा था. माँ तो अपने दिल को जैसे तैसे थामे बैठी थी. जब बाप को बुलाकर बताया तो बाप की आँखों में आने वाले समय में होने वाली बेइज्जती और बेटी के भाग जाने का गम था. भाई बहनों की हालत तो बताने या समझे जाने के काबिल ही नही थी. बहनें रो रहीं थी लेकिन सब को बाहर निकलते ही समाज से मिलने वाले तानो की बहुत चिंता थी. बाप को तो मानो सांप ही सूंघ गया था.


सब के सब सकते में थे. क्या किया जाय और क्या न किया जाय? कोमल के बाप का नाम तो कुछ और था लेकिन लोग भगत के नाम से ज्यादा जानते थे. भगत ने बच्चों से कहा, “कान खोल कर सुन लो तुम सब लोग. अगर कोई भी कोमल के बारे में पूंछे तो कहना कि बुआ के यहाँ गयी है. समझे? अगर किसी ने भी किसी भी आदमी या औरत को सच बताया तो उसकी खैर नही."


बच्चे अपने बाप की गुस्सा खूब अच्छे से जानते थे और आज तो अपने घर की इज्जत का सवाल था. इसलिए सब ने चुप रहने का फैसला लिया. फिर भगत ने कोमल की माँ से पूंछा, “अब क्या किया जाय? अगर किसी को भी खबर लगी तो बदनामी बहुत होगी. तुम कहों राजू और संतू को बुलाकर बात की जाय? शायद ये लोग कोई रास्ता निकाल दें?

उदास बैठी कोमल की माँ ने हां में सर हिला दिया.


भगत ने अपने पास बैठे एक लडके से कहा, “सुन भाई, चुपचाप से राजू और संतू को बुलाकर ला. कहना तुम्हें पापा बुला रहे है. किसी से कुछ मत कहना. अगर कुछ पूंछे तो कहना मुझे नही पता क्यों बुला रहे हैं."

लड़का भागता हुआ बाहर चला गया. ये राजू और संतू भाई भाई थे. ये लोग भगत के परिवार के ही थे. ये लोग एक ही पुरखों की सन्तान थे. एक बाबा के भगत. एक के संतू और राजू. और एक के पप्पी और दद्दू जिनका घर भी बगल में ही था.


थोड़ी ही देर में राजू और संतू आ पहुंचे. भगत ने सारी बात उन लोगों को कह सुनाई. दोनों के ही होश फाख्ता हो गये थे. उन्हें सपने में भी यकीन नही था कि कोमल ऐसा कुछ कर डालेगी. दोनों के मुंह से बात न निकली. फिर राजू भगत से बोला, “अब क्या करोगे चचा? लडकी तो सत्यानाश करके चली गयी."

भगत उदास हो बोले, “मुझे मालुम होता तो तुम्हे क्यों बुलाता?"


राजू झट से बोला, "देखो वैसे तो ये बात कम से कम लोगों में रहनी चाहिए लेकिन अपने खानदान के लोगों को तो पता चलना ही चाहिए जिससे वे लोग भी हमारी मदद कर सकें? आप ऐसा करो पप्पी और दद्दू को भी बुलबा लो."

ये बात भगत को भी ठीक लगी. उन्होंने लड़का भेज कर उन दोनों को भी बुलवा लिया. पप्पी और दर्दू तुरंत भागे चले आये.

सारी स्थिति उन्हें भी भी बताई गयी. उनकी हालत भी राजू और संतू की तरह हो गयी. उन्हें भी कुछ न सूझता था. फिर सब ने मिलकर दिमाग लगाया. दद्दू थोडा निकम्मे किस्म का इंसान था. उसे हमेशा अपनी पड़ी रहती थी.


आज भी अपने ही फायदे की सोच बोला, “देखो लडकी को ढूढो और मिलने पर बाल पकड घसीट लाओ. अगर ऐसा न कर पाए तो हमारे बच्चो की शादी नहीं होगी. कोई भी आदमी ऐसे खानदान में अपनी लडकी नहीं व्याहेगा. न ही ऐसे खानदान की लडकी को अपने घर में स्वीकारेगा." ____

दद्दू, पप्पी और राजू तीनों के तीन तीन लडके थे. इन तीनों को ही ये बात सही लगी. लडके तो भगत पर भी थे लेकिन उनको फायदे नुकसान से ज्यादा घर की इज्जत की फिकर थी. बात कहीं तक सही भी थी. वैसे ही इस घर के लड़कों को दहेज़ कम मिलता था. ये दाग लगने पर शादी भी बंद हो जानी थी. भगत निराश हो बोले, "तो तुम लोग ही करो जो तुम्हे ठीक लगे. मेरा तो दिमाग ही काम नहीं कर रहा

दद्दू ने राजू और पप्पी की तरफ देखा. राजू बोला, “कोमल उस तेली के लडके राज दूधिया के साथ भागी है न? सबसे पहले लावलश्करले उसी के घर चलो. देसी कट्टा भी लेकर चलना. साला कोई भी कुतुर कुतुर करे तो डरा देना. मेरे हिसाब से घरवालों को जरुर पता होगा कि ये मोहना इस छोरी को कहाँ ले गया होगा?"


पप्पी और दद्दू भी राजू की इस बात से सहमत थे. सारी तैयारी की गयी, ये सारा काम गुप्त रूप से होना था. कुल मिलाकर दस बारह लोग हो गये. इनमे से कुछ लोग अपनी मोटर साईकिल से जा रहे थे वाकी के साईकिल से. सब के चेहरों पर राज के घरवालों के प्रति गुस्सा था. ऐसे में अगर राज मिल जाता तो ये लोग उसका खून भी पी जाते.


इधर राज का दोस्त राज के घर जाकर उसके बाप को राज का दिया हुआ खत दे चुका था. राज के बाप ने उस लडके से ही खत पढने के लिए कहा. लड़के ने खत पढना शुरू किया, "मेरे आदरणीय पापा. में तुम्हे बताये बिना ही ऐसा काम करने जा रहा हूँ जिसे सुन आप बहुत क्रोधित होंगे.

पापा में जिस गाँव में दूध लेने जाता था उस गाँव की एक लडकी से मुझे मोहब्बत हो गयी थी. फिर एक दिन ऐसा आया जब वो मेरे बच्चे की माँ भी बन गयी. पापा उस लडकी का नाम कोमल है. पापा ये वही लडकी है जिसकी एक दिन आपने तारीफ़ की थी.
Reply


Messages In This Thread
RE: Sexbaba Hindi Kahani अमरबेल एक प्रेमकहानी - by hotaks - 04-14-2020, 11:52 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 8,443 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 3,998 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 2,787 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,749,849 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 576,458 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,340,533 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,024,488 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,800,047 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,202,571 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,161,896 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)