Thriller मोड़... जिंदगी के ( completed )
[color=rgb(184,]#16 Flashback..... (Part 2)[/color]
और फिर वो वापस शादी के लिए लौटा ही नही, चारो तरफ उसको ढूंढा गया, मगर वो ऐसे गायब हुआ जैसे ' गधे के सर से सींग'। इधर अनामिका के घर में अफरा तफरी मच गई, रिश्तेदार और परिवार के लोग तरह तरह की बातें बनाने लगे। उसकी सहेलियां भी उनका ही साथ देने लगी।
[color=rgb(41,]"देखा भाग गया न, बोली थी तेरे को कि किसी चक्कर में फसा कर राजदान परिवार को फसाया हैं इन बाप बेटी ने।"[/color]
[color=rgb(41,]"पक्का पहले से संबंध बना कर ब्लैकमेल करके शादी कर रहे होंगे।"........[/color]
गोपाल जी बहुत परेशान थे, उनकी तो दुनिया ही लूट गई थी। इतने बड़े घराने में लड़की का रिश्ता होने वाला था ये सोच सोच कर वो अपने को संसार का सबसे खुशनसीब बाप समझ रहे थे, हालांकि किशन जी ने किसी भी तरह के दहेज लेने से मना किया था, लेकिन उनके भी कुछ अरमान तो थे ही, और वो भी इतना अच्छा रिश्ता देख कुचलें मारने लगे थे। दोनो घर की हैसियत को मिलने के चक्कर में गोपाल जी और गायत्री ने अपनी सारी जमा पूंजी दांव पर लगा दी थी। खैर पैसे तो आते जाते हैं, लेकिन इज्जत, उसका क्या? शादी टूटने में गलती चाहे जिसकी हो इज्जत तो लड़की और उसके घर की ही जाती है न, लड़के वाले तो खैर। वैसे भी जब सामने इतनी अमीर लोग सामने हों तो फिर कहना ही क्या।
उधर किशनजी को जैसे ही पृथ्वी की गुमशुदगी का पता चला वैसे ही उन्होंने अपने सारे कॉन्टैक्ट्स से उसका पता लगवाने की कोशिश की, मगर इनको असफलता ही हाथ लगी। वो भले ही अमीर थे लेकिन गोपाल जी की परेशानी उनसे नही छिपी थी, मगर वो किस मुंह से उनके सामने जाते? आखिर थक हार कर वो बारात बिना शादी किए ही वापस ले गए।
अंत में गोपाल जी परिवार समेत अपने घर को लौट आए। आते ही अनामिका अपने कमरे में।बंद हो गई और रिश्तेदार सब गोपाल और गायत्री को भला बुरा बोल कर अपने अपने घर को निकल गए। मारे शर्म और दुख के वो दोनो भी अपने कमरे में बंद हो गए।
सुबह अनामिका बाहर आ कर देखती है तो पूरा घर खाली होता है, जहां रात तक हर्षोल्लास से पूरा घर गूंज रहा था, वहीं अब मरघट जैसा सन्नाटा भाएं भाएं कर रहा था। अनामिका ने अपने मां बाप के कमरे के दरवाजे को खटखटाया, मगर कोई जवाब नही आया। वो काफी देर तक दरवाजा पिटती रही पर कोई नतीजा नहीं निकला, अब उसका मन अनेक तरह को आशंकाओं से भर उठा, और उसने अपने पड़ोस वाले अंकल को आवाज दे कर सारी बात बताई, वो कुछ लोगों के साथ घर आ कर दरवाजा तोड़ देते हैं, जहां पलंग पर दोनो पति पत्नी मृत अवस्था में मिलते है, दोनो की जान हार्ट अटैक की वजह से गई थी। आनन फनान में आस पड़ोस के लोग अंतिम क्रियाकर्म की तैयारी करते है।
तभी थोड़ी देर में आनंद घर आता है और आपने मां बाप दोनो की अर्थी देख उसके पैरों तले जमीन खिसक जाती है, वो बेचारा जहां एक तरफ अपने प्यार पूर्वी और उसके मां बाप की चिता को आग दे कर बहन की डोली को कंधा देने अपने घर आया था, मगर यहां तो उसको अपने ही मां बाप की अर्थी उसके कंधे के राह देख रही थी। कल की आप धापी में कोई इसको फोन भी नही कर पाया था।
अनामिका जो कल से अब तक आपने आपको संयत करके बैठी थी, आनंद को देखते ही उसके जज्बातों का बांध टूट गया और वो आनंद को देख कर ही बिलख कर बेहोश हो गई।
उधर राजदान निवास में आकाश पृथ्वी को मोनिका के घर से पकड़ कर लाता है और किशन जी के सामने खड़ा कर देता है। उसको देखते ही किशन जी का गुस्सा फूट पड़ता है और वो उसको थप्पड़ मार देते है, और उसको घर से बाहर निकल देते हैं। उधर आकाश भी मोनिका को नोटिस थमा देता है, क्योंकि पृथ्वी ने उसको सारी बात बता दी थी, लेकिन फिर भी उसे पृथ्वी पर बहुत गुस्सा था। उसने साफ साफ पृथ्वी की कोई भी मदद करने से मना कर दिया था क्योंकि वो पहले ही पृथ्वी को चेता चुका था, मगर फिर भी पृथ्वी ने कभी भी किसी से कुछ कहना उचित नही समझा और दोनो परिवारों की इज्जत को भरे बाजार में उछाल दिया था।
किशन जी को जैसे ही गोपाल और गायत्री के मृत्यु की खबर लगती है वो पूरे परिवार सहित उनके घर पहुंच कर आनंद और अनामिका को सांत्वना देने की कोशिश करते हैं, उनको गोपाल के द्वारा सब कुछ गिरवी पर रख देने की बात भी पता चलती है, और वो आनंद को पैसे की पेशकश करते है। पर आनंद उनको अपने घर से भगा देता है। अनामिका गंभीर अवसाद में चली गई थी, और उसका इस शहर में रहना खतरे से खाली नही था। आनंद ने रमाकांत जी, उसके होटल के मालिक और पूर्वी के दादाजी, से बात की, क्योंकि अब उसका इस दुनिया में उनके अलावा कोई नही था जो साथ देता।
रमाकांत जी दोनो को अपने पास बुला लेते हैं, और अनामिका को अपनी पोती पूर्वी की तरह ही मानने लगते हैं, पवन को भी एक बड़ी बहन मिल जाती है। रामाकांतजी उसका बेहतर इलाज करवाते है। जिससे कुछ हो समय में अवसाद से बाहर आ जाती है।
उधर पृथ्वी अब मोनिका के साथ रहने लगता है और कुछ छोटे मोटे काम करने लगता है, किशन जी के प्रभाव के कारण दोनो को शहर में कोई अच्छी जगह पर काम नही मिलता, फिर एक दिन मोनिका को मुंबई की एक कंपनी में जॉब मिल जाती है, और पृथ्वी को एक होटल ग्रुप में, जिनका नया होटल हमीरपुर में ही बन रहा होता है उसमे ज्वाइनिंग मिल जाती है। मोनिका मुंबई निकल जाती है और पृथ्वी हमीरपुर में उसी होटल में ज्वाइन करने आ रहा होता है जब उसका एक्सीडेंट हो जाता है।
|