11-01-2018, 12:28 PM,
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RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
यूथिका: तुम मुझे जानते भी नही हो और इतनी बकवास करने लगे मेरे बारे मे.. समझते क्या हो तुम खुद को? ईडियट.. ग़लती हो गयी तुमसे बात की जो मैने.. इसीलिए हम इंडियन गर्ल्स देसी लड़को से चॅट नही करती हैं..तुम्हारे सवाल का जवाब मिल गया अब? गुडबाइ..गेट लॉस्ट..
मे: हाँ.इंडियन लड़किया होती ही ईडियट हैं..तभी तो ऐसी बाते करती हैं.. गेट लॉस्ट टू यू टू..
मैने फोन बेड पे रख दिया और कहा;
मे: ह्म्म्म …नाउ लेट्स वेट फॉर दा आउटकम..
आप सोच रहे होगे कि ये क्या चूतिया लड़का हैं जो हाथ आई लड़की से ऐसे बाते करके उसको भगाने के पीछे पड़ा हैं.. वेल. इट मे लुक लाइक दिस.. बट अगर आप किसी से कुछ चाहते हो तो आपको उस इंसान को मनिपुलेट करना ज़रूरी होता हैं. उससे सिवा आपको वो चीज़ कभी नही मिलेगी जो आप चाहते हो.और किसी को मनिपुलेट करने का सबसे आसान तरीका हैं कि ये पता करो कि वो इंसान चाहता क्या हैं? ऐसी कौनसी चीज़ हैं जो वो ढूँढ रहा हैं मगर उसे मिल नही रही हैं? ऐसे लोगो को ये यकीन होता हैं कि कभी ना कभी जो वो ढूँढ रहे हैं,ज़रूर मिल जाएगा..चाहे आज,या कल या परसो..कभी ना कभी तो मिलेगा. एक बार अगर आप ये पता कर लेते हो कि वो इंसान चाहता क्या हैं तो आपको बॅस एक सिंपल सी चीज़ करनी होती हैं.. वो ये कि उस इंसान को इस धोके मे रखो कि वो चीज़ उसे मिलने नही वाली.. और जो चीज़ हमे नही मिलती, उस चीज़ के लिए तड़प बढ़ती ही जाती हैं. जितना तडपाओगे, उतना ही वो अपना आपा खोते जाते हैं और जल्दबाज़ी मे ऐसा कुछ कर देते हैं जिससे कंट्रोल आपके हाथ मे आ जाता हैं.
यूथिका,एक लड़की जो सिर्फ़ इसलिए साइट्स तो साइट्स घूमती हैं ताकि उसे कोई बात करने के लिए मिल जाए. इसका एक ही मतलब हो सकता हैं..वो ये कि वो बोहोत ही ज़्यादा अकेली हैं और चाहती हैं कि कोई उसे सुने जो वो कहना चाहती हैं. लोन्लिनेस ईज़ दा मदर ऑफ डेस्परेशन..और एक डेस्परेट इंसान कुछ भी कर सकता हैं. मैने बॅस उसे इस डेस्परेशन की याद दिलाई हैं. अब मुझे वेट करना हैं कि वो बात उसे कब चुभती हैं और वो कब अपना आपा खो कर मुझे मेसेज करती हैं. अगर मेरा प्लान सक्सेसफुल हुआ तो मैं इस लड़की को जैसा चाहूं वैसा मनिपुलेट कर सकता हूँ. ये मनिप्युलेशन की टेक्नीक आप किसी भी इंसान पे चला सकते हो.. बॅस आपमे उतनी समझ और उतना पेशियेन्स होना चाहिए.
हमेशा से ये सब मैं नही जानता था. नही समझ पाता था कि कैसे किसी को यूज़ किया जा सकता हैं, या किसी को कंट्रोल किया जा सकता हैं. कंट्रोल की पवर क्या होती हैं? नही जानता था. मगर जब आप खुद पवरलेस होते हो तो आपको उसकी एहमियत समझ आती हैं. नेहा से ब्रेक अप होने के बाद मैने इस बात को समझा. सिर्फ़ समझा ही नही, उसे महसूस भी किया हैं कि कंट्रोल जब छूट जाता हैं तो कैसा लगता हैं. सो,ऑनेस्ट्ली, क्रेडिट गोज़ टू माइ डियरेस्ट फरन्ड वरुण.
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RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
10 मिनट हो चुके थे लास्ट मेसेज आने को यूथिका का.
मे: दट’स अबाउट टाइम नाउ.. टिक टिक 1………….
नतिंग..
मे: टिक टिक 2……………
स्टिल नतिंग…
मे: टिक ती……….
‘बीप’
मे: बिंगूऊऊ…..!!!!!
मोबाइल पे मेसेज आया..चेक किया…
‘यू देयर??’……………………
मसेज देख कर मैं मुस्कुरा दिया..नाउ ऑल आइ हॅव टू डू ईज़ टू चेक दा लेवेल ऑफ हर डेस्परेशन. मैने मोबाइल मे से सिम निकाल दिया. उसका एक बड़ा सिंपल रीज़न हैं. हम मसेज पॅक आक्टीवेट करते हैं.पैसे देकर रीचार्ज करवाते हैं. चाहे कोई भी क्यू ना हो, अपने पैसे वेस्ट तो नही जा रहे ना इस बात की गॅरेंटी सभी लोगो को चाहिए होती हैं. इसीलये लोग,स्पेशली हम लोग, मसेज डेलिवर हुए या नही इस के लिए ‘डेलिवरी रिपोर्ट’ आक्टिव करके रखते हैं. अगर मसेज डेलिवर हुआ तो एक रिपोर्ट मेसेज आ जाएगा. सिंपल! अब अगर मेसेज डेलिवर नही हुआ तो बेचैनी बढ़ती जाती हैं. धीरे धीरे..मैने मोबाइल स्विच ऑफ करने से मुझे मेसेज डेलिवर नही हो रहे थे. मगर ये बात उसे नही समझ आएगी., उसकी बेचैनी बढ़ती जाएगी. कॉज़ आइ हॅव पोक्ड हर व्हेयर इट मॅटर्स दा मोस्ट. दा फॅक्ट दट शी ईज़ लोन्ली मेक्स हर वल्नरबल.
आइ नो, आइ नो..आप सोचोगे कि कितना कमीना इंसान हूँ मैं.. मगर भाइयो और उनकी बहनो.. कभी कभी कुछ जीतने के लिए,कुछ हारना भी पड़ता हैं.. जो मुझे चाहिए वो पाने के लिए मैने अपनी अच्छाई खोई..अब यूथिका मेसेज पे मेसेज करेगी..बार बार लगातार..जो मुझे डेलिवर होगे नही..गेम बिगिन्स..
मैं मोबाइल मे से सिम निकाल के आराम से सो गया और अब सीधा कल रात को ही चेक करूगा मैं यूथिका के मेसेज. कल आने वाले उसके मसेज की टोन पर से मैं समझ जाउन्गा की आख़िर ये लड़की चाहती क्या हैं और किस हद तक चाहती है. कुछ ही देर मे मुझे नींद लग गयी और मैं सो गया. अगले दिन सॅटर्डे था इसीलिए मुझे सुबह उठने की ज़्यादा कोई गड़बड़ नही थी. आरामसे सो सकता हूँ. इतना सोच के उतने मे ही मेरे दिमाग़ मे घंटी बजी;
‘आकांक्षा की डाइयरी!!!’
मेरे दिमाग़ मे से ही निकल गया था कि मैने आकांक्षा के रूम मे जीतने भी लॉक्स हैं, सबकी एक एक कॉपी कीस बनाके रखी हैं. ट्यूसडे को आकांक्षा का बर्थ’डे भी हैं. मतलब वो कल ही शॉपिंग को जाएगी. देन आइ कॅन स्नीक इंटो हर रूम आंड सी व्हाट’स नेक्स्ट? मैं एग्ज़ाइटेड हो गया था सोच के कि कल मुझे आगे क्या क्या हुआ वो पता चलेगा..मैं सो गया.
सुबह 9 बजे मेरी नींद खुल गयी. मैं आराम से ब्रश करते करते घर मे घूमने लगा. ऐज एक्सपेक्टेड घर मे कोई नही था. मैने ब्रश किया,बढ़िया सी कॉफी बनाके अपनी रूम मे गया,कॉफी का मग टेबल पे रखा,क्लॉज़ेट खोला और आकांक्षा के रूम की कीस निकाली. उस दिन के बाद आज पहली बार मैं आकांक्षा के रूम मे आया हूँ. ऐज यूषुयल, एवेरितिंग वाज़ पिंक..मुझे समझ नही आता कि ये पिंक का अब्सेशन क्या होता हैं गर्ल्स को इतना? एक बार रूम का एक चक्कर लगाया.. आकांक्षा कैसी भी बेवकूफ़ क्यू ना हो,मगर रूम एक दम क्लीन रखती हैं वो. इनफॅक्ट एक धीमी धीमी सी खुश्बू सी आती हैं उसकी रूम मे. वेरी प्लेज़ेंट!
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