Village Sex Kahani गाँव मे मस्ती
09-18-2017, 12:17 PM,
#46
RE: Village Sex Kahani गाँव मे मस्ती
"आ तेरी गान्ड मांर लूँ मेरे राजा, तेरे जितने बड़ा तो लंड नहीं है मेरा पर तुझे मज़ा आता है ये मुझे मालूम है." कहकर रघु ने मोती की पूंछ उठाई. घोड़े की गान्ड का भूरा छेद खुल और बंद हो रहा था जैसे बड़ी बेचैनी से रघु के लंड का इंतजार कर रहा हो. रघु ने अपना लंड घोड़े की गान्ड पर जमाया और पेलने लगा. मोती भी अपनी गर्दन इधर उधर हिलाता हुआ खुद ही पीछे खिसका जैसे अपने मालिक का लंड लेने की कोशिश कर रहा हो. नतीजा यह हुआ कि एक ही बार मे आराम से रघु का मोटा तगड़ा लंड मोटी की पूंछ के नीचे के छेद मे पक्क से समां गया. चट्टान पर खड़े खड़े रघु अब घोड़े की मजबूत रान पकड़कर उसकी गान्ड मांरने लगा. मोटी शांत खड़ा खड़ा मरवा रहा था, बीच मे ही वह थोडा आगे पीछे होता जैसे रघु का लंड और अंदर लेने की कोशिश कर रहा हो. रघु वासना से हांफ रहा था, उससे यह सुख सहन नहीं हो रहा था. बीच मे वह झुक कर मोटी की पीठ चूम लेता और फिर घचाघाच उसकी गान्ड मांरने लगता. मोती भी मज़ा ले रहा था, रघु के एकाध जोरदार धक्के से जब ज़्यादा मज़ा आता तो वह अपनी नाथनी से फूंकार देता.

रघु अब मस्ती मे पागल हो रहा था. ज़ोर ज़ोर से घोड़े के गान्ड मांरता हुआ बोला. "हाइईईईईईईईईईई या रे, मज़ा आ गया यार, तेरी गान्ड मारू साले खूबसूरत जानवर. अरे तू भी मेरी मांर रे किसी तरह, मैं मर जाऊं, मेरी गान्ड फट जाए पर तेरा ये लंड डाल राजा मेरी गान्ड में, अरे एकाध खूबसूरत घोड़ी भी दिलवा मुझे राजा चोदने को, अरे मर गया रे " कहकर रघु झाड़ गया और हान्फता हुआ मोती को चिपककर खड़ा रहा. मोती गर्दन मोड़ मोड़ कर रघु की ओर देख रहा था और दबे स्वर मे हिनहिना रहा था जैसे कहा रहा हो कि मज़ा आ गया. आख़िर अपना झाड़ा लंड घोड़े की गान्ड से निकालकर रघुने धोती से पोंच्छा और सुस्ताने को ज़मीन पर बैठ गया. मोती प्यार से उसकी गर्दन और कान चाट रहा था. लगता है दोनों की जोड़ी अच्छी जम गयी थी. मैं तो बुरी तरह उत्तेजित था, एक तो पहली बार मानव और जानवरा का संभोग देखा था, और
वह भी समलिंगी. क्या बात थी!

रघु बोला. "अब आ जा मुन्ना, क्यों छिपता है रे फालतू में, आ जा अपने रघु दादा के पास." मुझे लकवा सा मांर गया. याने रघु को मालूम था कि मैं देख रहा हूँ! पहले थोड़ा डरा कि रघु पिटाई ना करे पर उसकी आवाज़ मे भ्रयी मादकता से मेरी जान मे आन आई.

मैं झाड़ी के पीछे से निकला और रघु से लिपट गया. "रघु दादा, तुमको मालूम था मैं देख रहा हूँ? तुमको गुस्सा तो नहीं आया?"

मेरे खड़े लंड को पैंट के ऊपर से ही सहलाते हुए मुझे चूमता हुआ वह बोला. "अरे मैं तब से देख रहा हूँ जब से छुप छुप कर तू हमांरा पीछा कर रहा था. पहले सोचा तुझे डाँट कर भगा दूँ, नहीं तो तेरी माँ गुस्सा करेगी. ये जानवरों से चुदाई देखने को तू अभी छोटा है. पर फिर सोचा तुझे मज़ा आएगा तो दिखा ही दूँ तुझे भी यह जानवरों से रति वाली जन्नत. कैसी लगी मोती के साथ मेरी मस्ती?"

उसके मुन्ह से अजीब सी खुशबू आ रही थी. कुछ जानी पहचानी थी, आख़िर वीर्य ही था, भले ही घोड़े का हो, हाँ ज़्यादा महक वाला था. "बहुत मज़ा आया रघु दादा. और क्या गान्ड मारी तुमने मोती की! यह घोड़ा मरा लेता है चुपचाप, दुलत्ती नहीं झाड़ता? और तुम्हें गंदा नहीं लगा घोड़े की गान्ड मे लंड डालते समय?" मैने मोती का चिकना शरीर सहलाते हुए कहा. मोती की आँखों मे एक अजब तृप्ति थी, वह अपने थुथनी से बार बार मुझे और रघु को धकेल रहा था.

"मराने मे इसे बहुत मज़ा आता है. सिर्फ़ खुद किसीकी मांर नहीं पाया बेचारा, अब तक किसी को चोद भी नहीं पाया. पेट भर कर वीर्य ज़रूर पिलाता है ये अपने यार को. मैं कम से कम दो बार इसका लंड चूस देता हूँ, इससे यह फिदा हो गया है मुझपर. मालूम है मुन्ना, लोटा भर वीर्य निकलता है इसके लंड से. और इसकी गान्ड एकदम सॉफ रहती है. लीद करने के बाद मैं पाइप डालकर इसकी गान्ड अंदर से धोता हूँ, एकदम मखमल की नली जैसी मुलायम है. तेल भी रोज लगाता हूँ इसकी गान्ड के अंदर, इसे अच्छा लगता है, और गान्ड भी मुलायम रहती है"

रघु की बात से मैं समझ गया कि लोटा भर नहीं फिर भी बड़ी कटोरी भरकर वीर्य ज़रूर निकलता है इसके लंड से.
"कैसा लगता है रघु दादा इसके रस का स्वाद?" मैने साहस करके पूछा. जवाब मुझे मालूम था. "मस्त, एकदम मलाई जैसा गाढ़ा. थोड़ा छिपचिपा है घी जैसे, तार छूटते हैं. तू चखेगा मुन्ना?"

मैं क्या कहता? लंड कस कर खड़ा था. जानवरों के साथ इंसानों की रति इतनी उत्तेजक हो सकती है पहली बार मुझे इसका अहसास हो रहा था. दूसरे यह कि मोटी बड़ा सुंदर और सॉफ सुथरा घोड़ा था. मैने पूछा "रघु, इसकी गान्ड काफ़ी ढीली होगी, है ना? याने मेरी ओर माँ और मंजू बाई की तुलना मे तो बहुत बड़ी होगी. फिर तुम्हें मज़ा आता है ऐसी ढीली गांद मांरने में?"

"क्या बातें पूछता है मुन्ना, बहुत होशियार है!" रघु ने मुस्कराकर कहा. "हाँ ढीली है पर यार घोड़े की गान्ड है, बहुत
गहरी, मज़ा आता है कि घोड़े की मांर रहा हूँ. याने समझा ना तू? मैने घोड़ी नहीं खरीदी, नहीं तो घोड़ी ख़रीदकर भी चोद
सकता था. उसका लंड नहीं होता ना! असल मे लंड के लिए खरीदा है इसे, साथ ही एक छेद भी मिल जाता है चोदने को. और ढीली भले ही हो, पर बड़ी गरम है यार, तपती है."

मैं कुछ ना बोला और फिर रघु से आगे पूछने लगा. "रघु दादा, मोती को भी ऐसे इंसानों से चुदाई करने का आदत है लगता है. इसे किसने सिखाया ऐसा करना? तुमने?"
Reply


Messages In This Thread
RE: Village Sex Kahani गाँव मे मस्ती - by sexstories - 09-18-2017, 12:17 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,709,523 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 570,034 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,322,430 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,005,569 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,774,147 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,181,637 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,125,327 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,643,226 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,218,972 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 305,142 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 5 Guest(s)