XXX CHUDAI नौकरी के रंग माँ बेटी के संग
09-20-2017, 11:39 AM,
#27
RE: XXX CHUDAI नौकरी के रंग माँ बेटी के संग
मैंने अचानक से ब्रेक दबाया और गाड़ी रोक दी..
‘नाराज़ हो?’ वंदना ने रुंधे हुए गले से मेरी तरफ देखते हुए गेयर पर रखे मेरे हाथ पे अपना हाथ रख कर पूछा।
उसकी आँखों में उस वक़्त इतना प्रेम और इतनी करुणा थी कि मेरा दिल पसीज गया और मैंने अपने बाएँ हाथ से उसके गालों को पकड़ कर प्यार भरे अंदाज़ में उसकी आँखों में देखते हुए न में सर हिलाया।
मेरा यह स्नेह एक बार फिर से उसे रोने पर मजबूर कर गया और उसकी आँखों से आँसुओं की बरसात होने लगी, झट से आगे बढ़ कर वो मेरे सीने से लिपट गई और जोर जोर से रोने लगी…
‘समीर… मैं आपसे बहुत प्यार करने लगी हूँ… बोलो ना… आप मुझसे नाराज़ तो नहीं हो ना… मैं आपके बगैर नहीं रह सकती… मुझसे नाराज़ मत होना.. मैं मर जाऊँगी।’ एक ही सांस में वंदना ने रोते हुए मेरे सीने से चिपक कर वो सारी बातें कह डालीं जो प्यार में पागल हो चुकी एक लड़की अपने चाहने वाले से कहती है।
मैं हक्का बक्का सा उसकी बातें सुनता रहा और उसके बालों को सहलाता हुआ उसे चुप करता रहा।
‘पागल… ऐसे कोई रोता है भला… तुम भी मुझे बहुत अच्छी लगती हो… लेकिन ये प्यार व्यार के बारे में मैंने कभी नहीं सोचा है… अब रोना बंद करो प्लीज!’ मैंने उसे बड़े प्यार से सहलाते हुए चुप करने की कोशिश करते हुए कहा।
जिस जगह हमने गाड़ी रोकी थी, वहाँ से कुछ लोग गुजर रहे थे और हम दोनों को ऐसी हालत में देख कर घूर रहे थे। छोटे शहरों में ऐसा लाज़मी है।
‘अब उठ जाओ..देखो लोग देख रहे हैं… और ये रोना बंद करो वरना तुम्हारी सहेलियाँ कहेंगी कि हमने आपको रुलाया है और मैं भी नहीं चाहता कि मेरी प्यारी वंदना के खूबसूरत से चेहरे पे आँसुओं के कोई भी निशाँ पड़ें… न आज न ही आगे कभी… तुम मुझे वैसे ही पसंद हो, शरारती और हमेशा हंसती हुई…’ मैंने इतना कहकर वंदना को सीधा किया और फिर अपनी जेब से रुमाल निकाल कर उसके आँसू पोंछे।
मेरी बातों ने वंदना को इतना खुश कर दिया कि वो चहक उठी और उसने मुझे पकड़ कर सीधा मेरे होठों पे चूम लिया। जब उसने मुझे चूमा तब बाहर से किसी ने हमें देख लिया और वंदना ने भी यह देखा कि कोई हमें देख रहा है।
‘इस्स्स… बदमाश… यहीं रोकनी थी गाड़ी आपको… कैसे घूर रहे हैं सब? अब चलो यहाँ से!’ वंदना ने लजाते हुए कहा और अपनी सीट पर वापस ठीक से बैठ गई।
‘अच्छा जी… शरारत आप करो और बदमाश हम…’ मैंने भी चुटकी लेते हुए कहा।
‘गंदे कहीं के… अब चलो भी!’ प्यार और मनुहार से उसने मेरे जांघों पे एक मुक्का मारा और हंसने लगी।
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RE: XXX CHUDAI नौकरी के रंग माँ बेटी के संग - by sexstories - 09-20-2017, 11:39 AM

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