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hotaks
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RE: xxx indian stories आखिरी शिकार
राज चुप रहा।
"तुम कभी मेरे भाई से मिले हो ?"
"नहीं ।" - राज कठिन स्वर से बोला ।
"इसीलिये तुम्हें इन लोगों पर विश्वास है। इसलिये भी कि उनमें से दो तुम्हारे देश के हैं। लेकिन अगर तुम मेरे भाई से मिले होते तो तुम इस बारे में सोचते भी नहीं कि मेरा भाई गद्दार हो सकता है।"
"लेकिन हकीकत सामने है । फ्रेडरिक की फूटी आंख, उसके कन्धे से उखाड़ दी गयी बांह और रोशनी का क्षत-विक्षत शरीर इस बात का सबूत है कि जो ये लोग कहते हैं, वह सच है।"
"कहीं कोई गड़बड़ जरूर है ।" - मारिट दृढ स्वर से बोली - "अब ये लोग चाहते क्या हैं ?"
“जार्ज को खोज निकालना । और सच पूछो तो ये लोग तुम्हारे भाई को खोज निकालने में तुम्हारी मदद चाहते हैं।"
"ये एक ऐसे आदमी को खोज निकालना चाहते हैं जो छ: महीने पहले मर चुका है ।" "ऐसा ही समझ लो।" "कैसे खोजेंगे ये मेरे भाई को ?"
"तुम्हारे भाई का डेनवर के पास कोई टापू है ?" "तुम्हें कैसे मालूम ?" - मारिट हैरानी से बोली ।
"सवाल मत करो | मेरे सवाल का जवाब दो ।"
"हां है ।"
"तुम्हें मालूम है, वह टापू कहां है ?"
"मालूम है । अपने भाई की मृत्यु के बाद अब उस टापू की स्वामिनी मैं हूं।"
"तुम्हें हम लोगों को उस टापू तक ले जाना है।" “और आप लोग समझते हैं कि मेरा भाई वहां छुपा हुआ है ?"
"मुझे नहीं मालूम लेकिन बाहर बैठे लोगों को विश्वास है कि तुम्हारा भाई तुम्हें मुक्त कराने के लिये उनके पीछे जरूर आयेगा ।"
“कब्र में से उठकर ।" - मार्गरेट व्यंग्यपूर्ण स्वर में बोली।
राज चुप रहा।
"अगर मैं उन्हें उस टापू तक न ले जाऊं तो?"
"तुम समझदार लड़की हो । मुझे विश्वास है तुम ऐसी कोई जिद नहीं करोगी । तुमने जान फ्रेडरिक की दाई आंख पर चढा पैच देखा है ?
तुमने उस बेचारे का दायां कन्धा देखा है जहां से एक समूची बांह उखाड़ ली गयी है ? क्या तुम चाहोगी कि वे लोग तेज धार वाले चाकू से तुम्हारी भी आंखें निकाल लें या तुम्हारी बांह तुम्हारे कन्धे से उखाड़ दें । क्या तुम यह भीषण यातना बरदाश्त कर सकती हो?"
मार्गरेट का चेहरा राख की तरह सफेद हो गया ।
"तुम्हारी सूरत बता रही है, तुममें इतनी हिम्मत नहीं । इस हालत में तुम्हारे लिये यही अच्छा है कि जो वे चाहते हैं तुम करो । तुम इन लोगों को उस टापू तक ले जाओ । बदले में मैं तुमसे वादा करता हूं कि ये तुम्हें किसी प्रकार की शारीरिक हानि नहीं पहुंचायेंगे । वैसे भी अगर तुम्हें
विश्वास है कि तुम्हारा भाई मर चुका है तो तुम्हें इन लोगों को टाप तक ले जाने से कोई नकसान नहीं पहुंचने वाला है । मरे हुये आदमी को ये लोग दुबारा नहीं मार सकते ।" "अगर मेरा भाई जिन्दा है" - मारिट एक-एक शब्द पर जोर देती हुई बोली - "तो उस टापू पर इन लोगों की खैर नहीं । उस टापू का चप्पा चप्पा जार्ज का जाना-पहचाना है । वह इन लोगों को भूनकर रख देगा और इन्हें खबर भी नहीं होगी । वैसे सम्भव यह भी है कि वे खुद ही परलोक सिधार जायें |"
"क्या मतलब?"
"उस टापू पर साल में आठ महीने धुंध छाई रहती है और वहां ऐसा भयंकर दलदल है कि अनजान आदमी का टापू पर पांव रखना खतरनाक है । इन लोगों को खबर भी नहीं होगी और कोई दलदल उन्हें निगल जायेगा ।"
राज के शरीर में सनसनी-सी दौड़ गई ।
"जार्ज और मेरे अतिरिक्त कोई नहीं जानता कि उस टापू के भयंकर दलदल कहां हैं । इन लोगों का उस टापू पर कदम रखना ही अपनी मौत को बुलाना देना है।"
"यानी कि तुम इन लोगों को टापूतक ले जाने के लिये तैयार हो?" - राज बोला ।
मार्गरेट एक क्षण हिचकिचाई फिर उसने धीरे से सहमतिसूचक ढंग से सिर हिला दिया ।
दिन ढल चुका था।
जान फ्रेडरिक, अनिल साहनी, रोशनी, राज और मारिट चुपचाप हावर्ड के काटेज के बाहरी कमरे में बैठे थे । वे लोग गहन अन्धकार छा जाने की प्रतीक्षा कर रहे थे।
हावर्ड पिछवाड़े के बैडरूम में पड़ा था । एक पलंग की चादर फाड़कर रस्सी बना ली गई थी
और उसी से उसके हाथ-पांव और मुंह बांध दिये गये थे।
जब काफी अन्धेरा हो गया तो राज अपने स्थान से उठ खड़ा हुआ । उसने प्रश्नसूचक नेत्रों
से जान फ्रेडरिक की ओर देखा ।
जान फ्रेडरिक ने सहमतिसूचक ढंग से सिर हिला दिया।
"चलो ।" - राज मार्गरेट के समीप पहुंचकर उसकी बांह थामता हुआ बोला | मार्गरेट चुपचाप उठ खड़ी हुई।
दोनों काटेज के पिछवाड़े में आ गये ।
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RE: xxx indian stories आखिरी शिकार
अनिल साहनी और रोशनी एक बनती हुई इमारत की तीसरी मंजिल पर छुपे हुये थे । वह इमारत प्रिंस एल्बर्ट रोड के बहत समीप थी । इमारत ग्यारह मंजिलों तक उठाई जा चुकी थी और अभी और ऊंची बन रही थी । यह उनका सौभाग्य था कि वे लोग इस इमारत की तीसरी मंजिल पर पहुंचकर छुपने में सफल हो गये थे । बहुत-सी घटनायें थीं जिनका जिक्र नौ बजे के न्यूज ब्राडकास्ट में नहीं था । जैसे मिशन कम्पाउन्ड के पिछवाडे की गली में जिस पलिसमैन को घायल करके वे दोनों भागे थे, वह अपनी सीटी बजाने में सफल हो गया था और जो दो पुलिसमैन राज और मार्गरेट के पीछे भाग रहे थे उनमें से एक सीटी की आवाज सुनकर वापिस आ गया था । उसने अनिल साहनी और रोशनी को भागते देखा था और उन पर अपनी सर्विस रिवाल्वर से फायर झोंकने आरम्भ कर दिये थे।
उस पुलिसमैन की एक गोली अनिल साहनी के बायें कन्धे को फाड़ती हुई गुजर गई थी।
फायरिंग और सीटी की आवाज सुनकर कई और पुलिसमैन उस गली में पहुंच गये थे और उनकी बाकायदा तलाश शुरू हो गई थी। अगर उस बनती हुई इमारत में उन्होंने शरण न ली होती तो वे जरूर पुलिस के हाथों में पड़ जाते
बड़ी कठिनाई से अनिल साहनी ने अपने शरीर से अपना कोट अलग किया । उसके कन्धे से इतना खून बह चुका था और अभी भी बह रहा था कि उसकी कमीज का बाई बांह कलाई तक खून से तर हो गयी थी ।
रोशनी के मुंह से सिसकारी निकल गई ।
"तुम्हारा चाकू कहां है?" - एकाएक वह बोली ।
"कोट की जेब में ।" - अनिल साहनी क्षीण स्वर से बोला - "क्यों?"
रोशनी ने कोई उत्तर नहीं दिया । उसने उसके कोट की जेब से चाकू निकाल लिया । उसने अनिल साहनी की कमीज की खून से तर बांह को कन्धे से काटकर अलग कर दिया । इसी प्रकार उसने कमीज की दूसरी बांह भी कन्धे से काट दी।
उसने अपना रूमाल निकालकर उसके कन्धे के जख्म पर बांधा और फिर जख्म को मजबूती से कमीज की बांह से बांध दिया । खून बहना बन्द हो गया।
"थैक्यू ।" - अनिल साहनी भर्राये स्वर से बोला - "थैक्यू ।"
रोशनी ने ऊपर से उसे उसका कोट पहना दिया ।
दोनों प्रतीक्षा करने लगे।
रात के दस बज गये।
"राज और मारिट का क्या हुआ होगा?" - एकाएक अनिल साहनी बोला |
"वे लोग भाग निकलने में सफल हो गये होंगे।" - रोशनी आशापूर्ण स्वर से बोली । "या शायद वे पुलिस की पकड़ में आ चुके हों !"
"हो सकता है।"
"शायद मामले की पेचीदगियां बढती देखकर राज हमारी मदद से हाथ खींच ले ?"
"मुझे वह ऐसा आदमी तो नहीं लगता था ।"
"लेकिन अगर ऐसा हो भी गया तो क्या हम दोनों जार्ज टेलर की तलाश करके उसका काम तमाम करने में सफल हो पायेंगे?"
"हमें सफल होना ही है ।" - रोशनी दृढ स्वर में बोली - "राज हो या न हो ।"
"वह लड़की कहती थी कि जार्ज टेलर मर चुका था ।"
"वह बकती है । वे ऐसा इसलिए कहती है कि हम उसके भाई को मरा समझदार उसका पीछा छोड़ दें।" - रोशनी कुद्ध स्वर से बोली ।
अनिल साहनी चुप रहा। "हमें हर हालत में जार्ज टेलर को टापू पर पहुंचना है ।" - रोशनी बोली - "रास्ता साफ होते ही हमें डेनवर के लिये रवाना हो जाना है । मुझे उम्मीद है कि वहीं हमारी राज से भी मुलाकात हो जायेगी।"
"डेनवर कैसे पहुंचेंगे हम ?"
"हमें किसकी प्रकार किंग्स क्रास रेलवे स्टेशन पर पहुंचना है । डेनवर के लिये गाड़ियां वहां से जाती हैं।"
"लेकिन क्या हम रेलवे स्टेशन जैसी जगह पर पुलिस की निगाहों से बच पायेंगे? ऐसी जगहों पर तो हमारी विशेष रूप से तलाश हो रही होगी
"हमें कोई साधन निकालना ही पड़ेगा।" - रोशनी दृढ स्वर से बोली - "हमें हर हालत में डेनवर पहुंचना है।"
"कोई साधन सोचा है तुमने ?"
"हां । हम चुपचाप मालगाड़ी पर सवार होकर डेनवर की ओर रवाना हो सकते हैं । मालगाड़ी में हम रेलवे यार्ड से ही सवार हो सकते हैं । इस प्रकार हम रेलवे स्टेशन पर पुलिस की या किसी की भी निगाहों में आने से बचे रह सकते हैं।"
"किंग्स क्रास स्टेशन कहां है ?"
"ग्रेज इन रोड के समीप ।" “
वहां तक कैसे पहुंचेंगे हम ?"
"पैदल चल कर ।"
"लेकिन मैं पैदल नहीं चल सकता।" - अनिल साहनी क्षीण स्वर से बोला - "मेरे शरीर में से बहुत ज्यादा खून बह चुका है । मुझमें पैदल चलने की हिम्मत नहीं है ।"
"तो फिर हमें टैक्सी पर सवार होने का खतरा उठाना पड़ेगा ।" - रोशनी बोली ।
अनिल साहनी चुप रहा।
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RE: xxx indian stories आखिरी शिकार
पुलिसमैन, जो कि पहले ही मिशन कम्पाउण्ड की पिछली गली में पहले राज के और फिर अनिल साहनी के आक्रमण का शिकार होकर अधमरा हो चुका था, रेत के बोरे की तरह भरभरा कर एक ओर गिर गया ।
अगले ही क्षण राज कम्पार्टमेंट से बाहर था ।
उसी क्षण इन्स्पेक्टर वापिस घूमा । जब तक उसकी समझ में आया कि वास्तव में क्या हो गया था, तब तक राज बाहर गलियारे में भागा
जा रहा था । इन्स्पेक्टर ने रिवाल्वर निकाल लिया और उसके पीछे भागा । \
कई लोग अपने-अपने कम्पार्टमेंट से बाहर गलियारे में निकल आये थे । राज उनके बीच में से रास्ता बनाता हुआ आगे बढ रहा था । उस स्थिति में राज को गोली का निशाना बना पाना
सम्भव नहीं था। और इससे पहले कि इन्स्पेक्टर राज के समीप पहुंच पाता राज बोगी के दरवाजे पर पहुंच गया और फिर उसने वहीं से नीचे नदी में छलांग लगा दी।
लगभग तभी बगल की बोगी के दरवाजे में से मार्गरेट नदी में कूद पड़ी।
सौभाग्यवश अगर वे दोनों ही दक्ष तैराक न होते तो उनके लिये इतनी ऊंचाई से छलांग लगा पाना सम्भव नहीं होता।
राज कुछ क्षण पानी के भीतर ही तैरता हुआ आगे बढता रहा फिर जब उसकी सांस टूटने लगी तो उसने पानी के ऊपर सिर निकाला | मार्गरेट भी उससे थोड़ी दूर पानी में तैर रही थी।
नदी का बहाव बहुत तेज था इसलिये वह कुछ क्षणों में ही पुल से इतनी दूर निकल आये थे कि इन्स्पेक्टर का उन्हें गोली का निशाना बना पाना सम्भव नहीं था।
मार्गरेट और राज नदी के बहाव के साथ-साथ तैरने लगे । शीघ्र ही पुल और उस पर खड़ी रेलगाड़ी उनसे काफी दूर हो गई । फिर राज ने रेलगाड़ी को अपने स्थान से रेंगते देखा।
कुछ देर वे यूं ही पूरी शक्ति से नदी के बहाव के साथ तैरते रहे फिर वे दोनों किनारे पर आ गये और नदी के किनारे पर बैठकर हांफने लगे। उनके कपड़े भीगकर उनके शरीर से चिपक गये थे।
"तुमने नदी में छलांग क्यों लगाई ?" - सांस व्यवस्थित हो जाने पर राज ने पूछा ।
"एक ही सवाल बार-बार मत पूछो ।" - वह बोली - "मैं पहले ही बता चुकी हूं कि अगर मेरा भाई जिन्दा है तो मैं उसे चेतावनी देना चाहती हूं कि तुम उसकी हत्या करना चाहते हो ।"
"इतनी ऊंचाई से नदी में कूदने से तुम्हारी गरदन टूट सकती थी।" "तुम्हारी गरदन भी टूट सकती थी लेकिन गरदन न मेरी टूटी है और न तुम्हारी ।"
"तुमने खामखाह अपने आपको झमेले में फंसा दिया ।"
"अब फिजूल बातें करना बंद करो और शुक्र मनाओ कि मेरी वजह से तुम पुलिस के हाथों में पड़ने से बच गये हो ।"
"तुम्हारे लिये तो मेरा पुलिस के हाथों पड़ना ही अच्छा था । फिर मैं तुम्हारे भाई की हत्या कैसे कर पाता?"
"तुम अपने बाकी दो साथियों को भूल रहे हो।"
राज चुप हो गया । वह सोच रहा था कि क्या रोशनी और अनिल साहनी डेनवर पहुंच पायेंगे ।
मार्गरेट अपने शरीर पर हाथ फेर-फेर कर अपने गीले कपड़ों में से पानी निकालने का प्रयत्न करने लगी।
"तुम्हें तो इस इलाके की जानकारी होगी !" - राज भी वही क्रिया दोहराता हुआ बोला । मारिट ने सहमतिसूचक ढंग से सिर हिला दिया |
"यहां डेनवर कितनी दूर हैं ?"
"बीस मील ।" - मार्गरेट बोली - "डेनवर उन पहाड़ियों के पीछे है ।" - मारिट दूर उन पहाड़ियों की ओर, जिनके पीछे से सूर्य उदय हो रहा था, संकेत करती बोली।
"और हम वहां तक पहुंचेंगे कैसे ?"
“पैदल चलने के सिवाय कोई चारा दिखाई नहीं देता लेकिन पैदल चलने से भी बड़ी समस्या है कपड़े सुखाने की और पेट भरने की ।"
"उसका भी इन्तजाम हो जायेगा ।" - राज अनिश्चित स्वर से बोला।
"और यह भी सम्भव है कि इन्स्पेक्टर भी पुल पर ही ट्रेन से उतर गया हो और अब हमारे पीछे आ रहा हो ।"
"मुझे यह कम सम्भव दिखाई देता है । मेरे ख्याल से वह ट्रेन द्वारा डेनवर पहुंचेगा और फिर वहां से पुलिस की सहायता से हमारी तलाश करवायेगा।"
"यह भी हो सकता है।" - मार्गरेट ने स्वीकार किया।
"मार्गरेट, एक बात बताओ?"
"पूछो।" “
क्या तुम्हें वाकई विश्वास है कि जार्ज टेलर मर चुका है ?"
“पहले था लेकिन अब तुम लोगों की बातें सुन कर नहीं रह है । अब मैं वाकई सोचने लगी हूं कि शायद मेरे देश के विदेश मन्त्रालय ने मेरे भाई की शिनाख्त में गलती की हो ।"
"तुम्हारा भाई न केवल जिन्दा है बल्कि वह हाल ही में पांच आदमियों की हत्या भी कर चुका है। और मेरा खुद उससे सामना हो चुका है । उसने मेरी भी हत्या करने की कोशिश की थी।"
"लेकिन तुमने उसकी सूरत नहीं देखी थी । केवल आवाज सुनी थी।"
"वह नि:संदेह जार्ज टेलर था । वह जार्ज टेलर की ही आवाज थी । वह आवाज उसके सिवाय किसी और की हो ही नहीं सकती थी।"
"देखो मिस्टर" - एकाएक मारिट तनिक उच्च स्वर से बोली- "मेरा भाई जिन्दा है या नहीं, इस बारे में मुझे कोई संदेह नहीं है कि मेरा भाई दगाबाज नहीं है, नहीं था । वह अपने साथियों
को धोखा नहीं दे सकता ।"
राज ने जान-बूझकर उस बात का विरोध नहीं किया ।
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