XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
08-17-2021, 12:44 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
मैं यह सुन कर हट गया पूनम के ऊपर से और अपना गीला और अकड़ा लंड निकाला और नैना की चूत में डाला.नैना ने कहा- छोटे मालिक, आप मेरे नीचे आ जाओ अब मुझ को मेहनत करने दो आप तो थक गए होंगे.यह कर नैना मेरे ऊपर आ गई और मेरा गीला लंड उसने झट से अपनी चूत में डाल लिया.
पूनम अधखुली आँखों से यह सब देख रही थी लेकिन मैंने आँखें बंद कर लीं और नैना को मेहनत करने दी.जब देखा कि पूनम को शायद नागवार लगा है तो मैंने अपना दायाँ हाथ बढ़ा कर उसको अपने नज़दीक कर लिया और उसके मोटे मुम्मों से खेलने लगा और साथ ही उसके मुंह से मुंह जोड़ कर उसको चूमने लगा.
उधर नैना अपनी ही धुन में मुझको कभी धीरे और कभी तेज़ ऊपर से चोद रही थी.जब नैना ने देखा कि पूनम शायद बुरा मान रही है तो उसने भी पूनम की चूत में उंगली डाल कर उसके भग को सहलाना शुरू कर दिया और जब वो थोड़ी सी गरम हुई तो नैना बोली- पूनम, मैं नीचे आती हूँ, तुम आ जाओ और चुदा लो छोटे मालिक से!
पूनम बोली- नहीं नहीं नैना दीदी, आप लगे रहो, मुझको ज़रा भी बुरा नहीं लगा है.नैना तब बोली- छोटे मालिक आप ज़रा रुको मैं नीचे आती हूँ और आप मुझको ऊपर से धीरे धीरे ही चोद दो!यह कह कर नैना नीचे आ गई और मैं नैना के ऊपर चढ़ गया.तब नैना ने पूनम से कहा- तुम अपनी चूत को मेरे मुंह पर रख दो.
पूनम उठ कर टांगों के सहारे बैठ गई और उसकी चूत नैना के मुंह पर आ गई.अब नैना ने नीचे से पूनम की चूत को चूसना शुरू किया और थोड़ी देर में उसके भग को चूस रही ही थी कि पूनम एकदम अकड़ गई और ऐसा लगा कि वो झड़ गई और वो नैना के ऊपर से उठने लगी लेकिन नैना ने उसको रोक दिया.
उधर मैं ऊपर से नैना को धीरे धीरे चोद रहा था और उसकी गीली चूत को चोदने में बहुत आनन्द आ रहा था. पूनम की चूत को नैना अभी भी चाट रही थी, पूरी जीभ गोल कर के अंदर डाल रही थी या फिर उसकी भग को चूस रही थी और पूनम को अब फिर से बहुत मज़ा आना शुरू हो गया था.मेरी चुदाई से और पूनम की चूत चुसाई से नैना भी जल्दी ही झड़ गई.
फिर हम तीनों बिस्तर पर लेट गए.थोड़ी देर आलखन करने के बाद पूनम बोली- अब मैं अपने कमरे में जाती हूँ.मैंने पूनम को रोक लिया- मित्रवर कहाँ जा रहे हो?पूनम बोली- अपने कमर्वा में जात रहीं.मैं बोला- काहे जात हो, यहीं सोवत नाहीं का?पूनम बोली- नहीं न, तुम डिस्टर्ब्वा होगे ना?मैं बोला- डिस्टर्ब्वा? अभी चुदायन का मज़ा आवत रहिंन और अभो ही ससुर तुम चल पड़े. यही तो कतई ठीक नाही है रे?
यह सुन कर नैना और पूनम ज़ोर ज़ोर से हंस पड़ी, हमने हाथ पकड़ कर पूनम को अपने बिस्तर पर लिटा लिया.हम तीनो एक साथ ही सो गए, एक तरफ पूनम थी और दूसरी तरफ नैना.
रात को मैं काफी बार उन दोनों पर चढ़ा था लेकिन यह याद नहीं किस पर कितनी बार!सुबह जब नींद खुली तो मैं सिर्फ पूनम के साथ नंगा ही सोया था और पूनम भी पूर्ण रूप से नग्न ही थी.
कुछ देर में उसकी चूत के काले बालों से खेलता रहा और फिर उसके मम्मों को चूसने लगा उसकी चूत को हाथ लगाया तो वह काफी गीली हो रही थी.मैं उस पर चढ़ने की सोच ही रहा था कि इतने में नैना चाय के कप ले कर आ गई और मुझको पूनम पर चढ़ने के लिए तैयार होते देख कर बोली- छोटे मालिक, आप तो कभी कभी कमाल ही कर देते हो. बेचारी पूनम पर आप रात में कम से कम 4 बार चढ़े थे और मेरे ऊपर 3 बार और अभी भी आप का मन नहीं भरा है?
मैं हैरान होकर बोला- हाँ, यह हो सकता है नैना रानी, क्यूंकि मेरा रात भर एक बार भी नहीं छूटा सो सारा माल तो मेरे अंदर ही जमा हो रहा है और वो मुझ को बार बार तुम सब को चोदने के लिए विवश कर देता है. मुझ को ऐसा लगता है जैसे मेरे लंड में हर वक्त खुजली होती रहती है और वो तभी शांत होती है जब मैं किसी लड़की पर चढ़ जाता हूँ जंगली सांड की तरह!
मैं यह बातें कर ही रहा था की पूनम की नींद खुल गई और वो मुझको और नैना को देख कर हैरान हो गई और अपने हाथ से अपने नंगे मम्मे और चूत को छिपाने की कोशिश करने लगी.मैं बोला- पूनम बेबी रहने दो, हम सब ने तुम्हारा सब कुछ देख रखा है, उठो और चाय पी लो यार!पूनम मेरे को देख कर बोली- तुम्हारी इत्ती सी तो अभी भी खड़ी है क्या मुझ पर फिर हमला करने वाले थे तुम?मैं हँसते हुए बोला- हाँ, करने वाला ही था कि नैना आ गई और तुम को मेरे पंजों से बचा लिया.
नैना बोली- पूनम, तुम को याद है कि कितनी बार इन्होंने तुम पर हमला किया है रात भर में?पूनम बोली- पूरी तरह तो याद नहीं लेकिन शायद यह मुझ पर 3-4 बार चढ़ा है, मेरी चूत की तो दुर्गति हो गई होगी अब तक!नैना हँसते हुए बोली- घबराओ नहीं, मैंने सुबह देख लिया था, तुम्हारी चूत सही सलामत है, हाँ थोड़ी सी सूजी हुई ज़रूर है.
पूनम रोने का मुंह बना कर बोली- ज़ालिम सतीश, तुम तो मुझको बर्बाद कर दोगे… उफ़ मेरी चूत? नैना दीदी मैं चल तो सकूंगी ना?नैना हँसते हुए बोली- चल तो पाओगी लेकिन छोटे मालिक के सहारे की ज़रूरत पड़ेगी!पूनम रूठते हुए बोली- कभी नहीं, सतीश का सहारा लेना मतलब कई बार चुदाना. कभी नहीं… सतीश का चोदना, चूत का सत्यानाश !!! उफ़ मेरी माँ!
पूनम चाय पीने का बाद कपड़े पहन कर जाने लगी तो मुड़ के मेरी तरफ देखने लगी और मुस्कराते हुए बोली- सतीश आज रात का प्रोग्राम कितने बजे शुरू होगा?नैना हैरान होकर हंसने हुए बोली- छोटे मालिक, यह लड़की आपकी चोट की है, देख लेना यह तुम को हरा देगी.

कहानी जारी रहेगी.

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