XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
08-17-2021, 12:37 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
पड़ोस वाली आंटी और नौकरानी

रात को नैना से सोने से पहले मैंने बात की, मैंने उसको बताया कि यह हमारी कोठी में औरतों का बहुत आना जाना हमारे लिए शायद ठीक नहीं होगा आगे चल कर के… इसका कुछ उपाय सोचना चाहिये.नैना बोली- आप ठीक कह रहे हो छोटे मालिक, आप बताओ क्या करें?
मैं बोला- पहला काम तो यह करो कि जो औरत तुमसे मिलने आये उसको समझा दो कि तुम कोई पैसा लेकर यह दाई वाला काम नहीं कर रही हो, तुम यह ज़रूर कहो कि तुम कुछ औरतों की तकलीफ दूर करने और उनकी भलाई करने की कोशिश कर रही हो. तुम जिस भी औरत की हेल्प करना चाहती हो, पहले उसको अपनी एक खाली कोठरी में बुला लो! क्यों ठीक है न?नैना बोली- हाँ छोटे मालिक, ठीक कह रहे हैं आप!
मैं बोला- उस कोठरी को थोड़ा ठीक-ठाक कर लो जैसे चारपाई जिस पर अच्छी सी चादर, तकिए और कुर्सी टेबल स्टोर से ले कर वहाँ लगा लो, जिस भी औरत को बुलाओ, उसकी हैसियत देख लो, अगर वो सेठानी या ऊँचे घर की लगती है तो उसको अंदर बैठक में बुला लो बाकी को उस कोठरी में, क्यों ठीक है?नैना बोली- बिल्कुल ठीक कह रहे हैं आप!

मैं बोला- और फिर अपने चौकीदार लखन लाल को भी अपने साथ मिला कर रखो, उसको यदा कदा खाना वगैरह भेज दिया और अगर घर में मीट या चिकन इत्यादि बनता है तो उसको भी थोड़ा सा भिजवा दिया ताकि उसका परिवार भी खुश रहे, पैसे की मदद तो मैं करता ही रहूंगा ही.नैना बोली- यह बिल्कुल ठीक है, इससे उसका मुंह भी बंद रहेगा.
मैं बोला- वो पड़ोसी आंटी का क्या नाम बताया था तुम ने?नैना बोली- सुमित्रा जी, क्यों?मैं बोला- तुम देख लो, अगर वो फ्री हों तो आज दोपहर में ही बुला लो.नैना बोली- ठीक है छोटे मालिक, मैं फ़ोन पर उससे पूछ लूंगी लेकिन एक दिक्कत है.मैं बोला- वो क्या?
नैना बोली- वो कह रही थी कि उनकी नौकरानी भी साथ आयेगी. परसों मैंने उसकी नौकरानी से भी बात की, दिखने में जवान और सुन्दर है, अच्छा जिस्म है, और वो नौकरानी लगती ही नहीं!मैं बोला- तुमने आंटी से पूछ लिया था क्या? उसको सारी बातें मालूम है क्या? और वो अगर कमरे में रहेगी तो क्या वो चुदाई के लिए तैयार होगी?नैना हंस दी और बोली- अरे छोटे मालिक, वो तो आपकी पक्की आशिक हुई पड़ी है! और किसी भी कीमत पर आपसे चुदवाना चाहती है, उसका नाम शान्ति है, उसकी उम्र 19 की है और ब्याहता है लेकिन पति मुंबई में काम करता है, साल में एक हफ्ते के लिए आता है और उसकी चुदाई करता है, बाकी सारा साल ऊँगली के सहारे रहती है.
मैं बोला- यह सब काम तुम्हारा है तुम अपनी पक्की तसल्ली कर लो, सब ठीक हो तभी बुलाना दोनों को, ठीक है?नैना बोली- आप बेफिक्र रहे छोटे मालिक, मैं पूरा ध्यान रखूंगी.
मैं कालेज के लिए निकल पड़ा और जाते जाते लखन लाल को 10 रूपए देता गया.
दोपहर को कॉलेज से आया तो नैना झट से ठंडा शर्बत ले आई और बोली- सब ठीक है, आप फ़िक्र न करें, दोनों से बात हो गई है और पड़ोसन कह रही थी शांति की वो ज़िम्मेदारी लेती है और वो उसके हर राज़ में शामिल है.मैं बोला- तुमने आंटी को कह दिया है न कि कमरे में तुम भी रहोगी और तुम्हारे सामने ही सब कुछ होगा?नैना बोली- हाँ हाँ, यह बात साफ़ है, आप थोड़ा सा आलखन कर लो, वे 3 बजे के आस पास आएँगी.
मैं खाना खाकर थोड़ा लेट गया, न जाने कब मेरी आँख लग गई और फिर नैना ने मुझको जगाया और बताया कि आंटी आ गई हैं,
मैं उठा और मुँह हाथ धोए और थोड़ी खुशबू भी लगाई और फिर मैं बैठक में आ गया. आंटी को नमस्ते की और उसके साथ आई शांति को भी देखा, देखने में अच्छी खासी लड़की थी लेकिन आँखों में चंचलता ज़रूर झलक रही थी.
फिर नैना ने दोनों को ठंडा कोकाकोला पिलाया और उसके बाद हम सब मेरे कमरे में आ गए थे.
नैना ने आज वहाँ रेशमी चादर बिछा रखी थी और थोड़ा हट कर एक तख्तपोश डलवा दिया था जिस पर मोटा गद्दा और सुन्दर चादर डाल रखी थी.
मैंने कहा- आंटी जी, आपको कोई ऐतराज़ तो नहीं अगर नैना यहाँ रहे, वो काफी मदद कर देती है.आंटी बोली- सतीश, तुम मुझको आंटी मत बुलाओ, मेरा नाम सुमित्रा है लेकिन तुम मुझको सुमी बुला सकते हो.मैं बोला- ठीक सुमी जी, हम दोनों का घर का नाम एक दूसरे से बहुत मिल रहा है जैसे सोमु और सुमी… वाह क्या बात है!
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08-17-2021, 12:37 PM,
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सुमी बोली- वोही तो, नैना बताओ अब क्या करना है?नैना बोली- अब एक दूसरे के कपड़े उतारने शुरू कर दो, सोमु आपके उतारेगा और आप सतीश के!मैं बोला- यह तो ठीक नहीं है, पहले तो यह होना चाहये.
यह कह कर मैंने सुमी को बाँहों में भर लिया और उसके लबों पर एक गरमागरम चुम्मी कर दी और अपने हाथ उसके चौड़े चूतड़ों पर रख दिए. उसने एक खूबसूरत सिल्क साड़ी पहन रखी थी जिस पर हाथ रखते ही फिसल जाता था.फिर मैं उसके मुंह से फिसल कर उसके गोल और मोटे उरोजों पर मुंह पर जमा दिए और उसके ब्लाउज के ऊपर से उसको चूमने लगा.
अब तक उसकी शर्म भी कम हो चुकी थी और उसने भी मेरे खड़े लौड़े को पकड़ लिया अपने हाथों में और धीरे धीरे मुट्ठी मारने लगी.अब मैंने उसकी साड़ी उतारनी शुरू की और फिर उसके ब्लाउज में हाथ डाला, और उसके बाद उसकी ब्रा को भी उतार दिया.तब तक वो भी मेरे कपड़ों के साथ लगी हुई थी और फिर हम दोनों एक साथ ही नंगे हुए.
मैं उसकी ख़ूबसूरती को देखने लगा और वो मेरे लंड की लम्बाई और मोटाई को नापने लगी. अब वो थोड़ा झुकी और मेरे लंड को मुँह में डाल लिया मैं भी उसके चुचूकों को चूसने लगा.
वो मेरे लंड को चूसते हुए मेरे अंडकोष को भी चूमने की कोशिश कर रही थी.मैं भी आहिस्ता से अपना मुंह नीचे लाया और उसकी बालों से भरी चूत को एक गर्म चु्म्मी दे डाली. फिर उसके भग को मुंह में लेकर गोल गोल चूसने लगा, उसके शरीर में हल्की सी कम्पन्न हुई और उसने थोड़ी देर के लिए मेरे मुंह को अपनी मखमली जांघों में कैद कर लिया.
मैं उठा और बाकी लोगो को देखने लगा, शांति भी पूरी नंगी हो चुकी थी और नैना उसके मम्मे चूस रही थी. वो दिखने में काफी सेक्सी लग रही थी, उसके मम्मे कॅाफ़ी मोटे और जानदार लग रहे थे और चूतड़ भी गोल और तगड़े थे, पेट एकदम स्पाट और चूत गहरे काले बालों से ढकी हुई थी, सब प्रकार से वो भी एक सेक्सी लड़की लग रही थी.
अब मैं सुमी को लेकर अपने पलंग पर आ गया और उसको लिटा दिया और खुद उल्टा लेट कर उसकी जांघों में उसकी चूत पर अपना मुँह टिका दिया और अपना लंड उसके मुंह की तरफ कर दिया.सुमी समझ गई और उसने मेरे लंड को मुंह में डाल लिया और लोलीपोप की तरह उसको चूसने लगी और मैं भी उसकी बालों से भरी सुगन्धित चूत को चूसने और चाटने लगा.
थोड़ी देर में ही वो काफी तेज़ी से टांगों को बंद और खोलने और बंद करने लगी, उसके शरीर से एक ज़ोरदार कंपकंपाहट उठी और उसकी चूत से भी सफ़ेद क्रीम जैसा पानी निकला जो मैं बिना किसी हिचक के चाट गया.
अब मैं उठा और अपना लंड उसकी चूत में पूरा डाल दिया, धीरे धीरे चोदने लगा और वो भी चूतड़ उठा उठा कर हर गहरे धक्के का जवाब देने लगी.उसकी आँखें बंद थी और वो मुझको होटों पर कभी चुम्बन करती थी, कभी वो मुझको खींच कर अपनी छाती से लगाती थी और जब मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी तो उसके मुंह से हल्के से ‘हाय… उफ्फ्फ्फो… मर गई रे…’ जैसे शब्द निकल रहे थे.
उधर नैना को शांति को बड़े प्यार से चोद रही थी, कभी मुंह से कभी ऊँगली से और उसके मम्मों को भी कस कर चूस रही थी..जब मैंने देखा कि सुमी छूटने की कगार पर है तो मैंने उसको बड़ी तेज़ी से चोदना चालू किया और 5-6 मिन्ट में ही वो छूट गई.मैं उसके ऊपर से उतरा और उसके साथ ही लेट गया, उसने अपना सर मेरे कंधे पर डाल दिया और आलखन करने लगी.
थोड़ी देर बाद मैंने उसको कहा- तुम ऊपर से आ जाओ मुझको चोदो.वो एकदम खुश हो गई और झट ही ऊपर आकर बैठ गई और अपने हाथ से लंड चूत के अंदर डाला और पूरा अंदर ले कर फिर पूरा बाहर निकाला और इस तरह वो मुझको मज़े से चोदने लगी.
हल्की स्पीड के बाद वो एकदम तेज़ी में गई और मैं भी उसके मम्मों को चूसने लगा.इस पोजीशन में उसको बहुत मज़ा आ रहा था और वो शीघ्र ही झड़ गई और मेरे ऊपर पसर गई.वो उठी और बाथरूम में चली गई.
उधर नैना ने मुझको इशारा किया और मैं शांति के पास तख्तपोश पर चला गया, वहाँ जाते ही मैं उसके सारे जिस्म पर हाथ फेरने लगा और उसकी चूत में भी ऊँगली डाली तो वो एकदम से बहुत पनिया रही थी. उसने कमर में एक काला धागा भी बाँध रखा था.
मैंने उसको फ़ौरन घोड़ी बना कर चोदना शुरू किया, उसकी चूत एकदम टाइट और मस्त थी.
मेरे लंड को अंदर जाने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी क्यूंकि लगता था कि उसकी चूत बहुत ही कम इस्तेमाल हुई थी. फिर मैंने धीरे धीरे चुदाई तेज़ कर दी और उसकी चूत के गीलेपन के कारण चुदाई का आनन्द बहुत ही ज़्यादा आ रहा था और मैं पूरा मज़ा लेते हुए शांति को चोदने लगा.वो भी हर धक्के का जवाब अपने चूतड़ों को आगे पीछे कर के दे रही थी.
फिर मैंने अपनी स्पीड इतनी तेज़ कर दी कि वो अपने धक्कों पर टिक नहीं सकी और चुदाई का आनन्द लेने लगी और 10 मिन्ट की स्पीड चुदाई से उसका ज़बरदस्त छूट गया.फिर उसको आधा बिस्तर पर और आधा नीचे रख कर चोदने लगा और उसकी टांगें अपने आप ही मेरे चूतड़ों को घेर कर लिपट गई. अब मैंने उसकी टांगों को अपने कंधे के ऊपर रखा और ज़ोर ज़ोर से उसको लंड के अंदर बाहर का खेल शुरू कर दिया.
उधर देखा तो सुमी और नैना हमारे पास ही खड़े थे और सुमी मुझको बड़े ध्यान से देख रही थी कि यह लौंडा कैसे इतनी चुदाई कर पा रहा है. वैसे उम्र के हिसाब से तो मैं एक लौंडा ही था हालांकि मेरे कद बुत से कोई कह नहीं सकता था कि मैं एक एक लौंडे के समान हूँ.थोड़े ही समय में शांति का बहुत ही जोरदार छूटा और कुछ समय वो मेरे से लिपट कर तिलमिलाती रही, फिर जब वो संयत हुई तो उस ने मुझको पकड़ कर मेरे मुंह पर चुम्मियों की बरखा लगा दी.
सुमी और नैना हैरान थी कि यह क्या कर रही है लेकिन मैं समझ गया था कि शांति लंड की भूखी है इस वजह से वो ज़्यादा ही भावुक हो गई थी.जब वो उठी तो मैंने उससे पूछा कि उसका पति आखिरी बार कब आया था.तो वो बोली- 3 साल हो गए हैं.मैंने पूछा- तुम मुझसे क्यों चुदवाने के लिए राज़ी हो गई?
वो बोली- आप कोई मर्द थोड़े ही हैं, आप तो दिखने में एक लड़के ही लगते हैं और मुझको लगता ही नहीं था कि मुझको किसी मर्द ने चोदा है लेकिन मेरी चूत तो यही चिल्ला चिल्ला कर कह रही है कि मुझको किसी महामर्द ने चोदा है जिसकी चुदाई की शक्ति अपार है.यही जवाब सुमी का भी था, उसने तो यहाँ तक कह दिया कि सोमु तुम बड़ी किस्मत वाले हो क्यूंकि तुम्हारा शरीर एक कम उम्र के लड़के की तरह है लेकिन तुम में एक पूरे जवान मर्द की ताकत है और शायद उस से भी ज़्यादा है.
फिर जल्दी से कपड़े पहन लिए हम सब ने और बाहर बैठक में आ गए.वहीं पर सुमी ने कहा- नैना जी, मुझको सतीश से ही करवाना है गर्भाधान… अगर उसको ऐतराज़ न हो तो?मैंने कहा- मुझको क्या ऐतराज़ हो सकता है, आप अपनी इज़्ज़त दाँव पर लगा रही हो और मेरी तरफ से पूरी कोशिश होगी कि यह सारा मामला गुप्त रखा जाएगा.
नैना ने बताया- सुमी जी की माहवारी 11 दिन पहले शुरू हुई थी सो यह 2- 3 बाद गर्भादान के लिए फिट हो जाएंगी. आप समय फिक्स कर लेना और सोमु को मैं स्पेशल डाइट देकर तैयार कर दूंगी. और आपको जो स्पेशल डाइट मैंने लिख कर दी है वो आप ज़रूर खाएँ.
फिर वो सब चाय और नाश्ते में लग गए. नाश्ते के बाद वो दोनों जाने लगी तो नैना ने उनको कहा- आप परसों इसी वक्त आ जाना.

कहानी जारी रहेगी.
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08-17-2021, 12:37 PM,
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पड़ोस वाली आंटी और नौकरानी की मस्त चुदाई

दो दिन बाद जब मैं कॉलेज से घर आया तो नैना ने बताया- सुमी और शांति आज फिर आने वाली हैं..मैं बोला- ठीक है मैं तब तक खाना खा लेता हूँ, तुम ने उनको सारी बात समझा दी है न?नैना बोली- बिल्कुल समझा दिया है. आज मैंने आपके लिए बकरे के पाये का सूप बनवाया है औए साथ में ही गुर्दे कपूरे की करी भी बनवा दी है.मैं बोला- पाये का सूप? उफ्फ, वो मैं कैसे पियूँगा नैना रानी, मैंने पहले कभी पिया ही नहीं न!नैना बोली- छोटे मालिक पाये का सूप तो आपको पीना पड़ेगा, आप उसको चखिए तो सही, थोड़ा पीजिये तो सही और फिर देखिये तो सही नैना का कमाल.
तभी पारो खाना ले आई.सूप का कटोरा सबसे पहले मेरे सामने रखा गया, मैंने भी नाक बंद कर के एक चम्मच सूप पिया और पीते ही आनन्द विभोर हो गया और चिल्लाया- यह होता है पाये का सूप? पहले बताना था… यह तो शोरबा-ऐ-वाजिदअलीशाह है और यह तो हमने गाँव में कई बार पिया है.
फिर खाना खाकर मैं थोड़ा आलखन करने के लिए अपने कमरे में चला गया और ना जाने कब मेरी नींद लग गई.
जब नैना ने जगाया तो सुमी मेरे ऊपर चढ़ी हुई थी और मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर डाल कर हल्के हल्के ऊपर नीचे हो रही थी. सुमी एकदम नंगी थी और मैंने भी जब अपने को देखा तो मैं भी नंगा था.इधर उधर देखा तो नैना भी नंगी और साथ ही शांति भी पूरी नंगी थी.
जब नैना ने देखा कि मैं जग गया हूँ तो वो मेरे पास आई और बोली- सॉरी छोटे मालिक, आप सो रहे थे और आपका एकदम खड़ा था, तो हमने सोचा कि आप को जगा देते हैं लेकिन सुमी जी बोली कि आपका चोदन कर देते हैं तो हम सबने आपको एक एक बार चोद रखा है.मैं बोला- उफ़ मेरी माँ, तभी मैं कहूँ कि यह सपने में मुझ को परियां क्यों चोद रहीं हैं? मुझको क्या मालूम था कि सच में मेरे ऊपर परियां चढ़ी बैठी हैं.

यह सुन कर सब हंस पड़ी. अब सुमी ने तेज़ी से मुझको चोदना शुरू कर दिया था और उसके चेहरे से लग रहा था कि उसका जल्दी ही छूटने वाला है, मैंने भी नीचे से धक्के मारने शुरू कर दिये थे और मेरे ज़ोर के धक्कों से सुमी जल्दी ही स्खलित हो गई.
अब नैना ने कहा- सुमी को घोड़ी बना कर चोदो!और वो झट से घोड़ी बन गई, मैंने भी अपनी पोजीशन लेकर उसकी चूत के मुख पर लंड रख दिया, गीली उबलती हुई चूत में अपना लोहे के समान कड़ा लंड धीरे धीरे से चूत में डालने लगा.मुझको ऐसा लग रहा था कि आज मेरा लंड कुछ ज़्यादा मोटा और लम्बा हो गया है.फिर मैंने अपना पूरा ध्यान सुमी की चुदाई में लगा दिया.
नैना पास में खड़ी होकर सुमी के मम्मों का चूषण और मर्दन कर रही थी और साथ ही हाथ से उसकी भग को भी सहला रही थी.इस दोहरे हमले सुमी ज़्यादा देर सहन नहीं कर सकी और 5-6 मिन्ट में ही उसका छूट गया.
अब नैना ने मुझको इशारा किया कि मैं भी अपना छूटा दूँ.अब मेरे धक्के लम्बे और गहरे होने लगे, मैंने कस कर सुमी की गांड को अपने लौड़े के साथ जोड़ दिया और तेज़ धक्कों की बौछार शुरू कर दी, हर धक्के में लंड के साथ यह महसूस करने की कोशिश कर रहा था कि सुमी की बच्चेदानी का मुंह किस तरफ है.जब मुझ बहुत को थोड़ा आभास हो गया तो मैंने अपने लंड को उसी दिशा में रखा ताकि जब छूटे तो वीर्य सीधे बच्चेदानी के मुंह के अंदर जाए.अब जब मुझको यकीन हो गया तो मैंने लंड का फव्वारा छोड़ दिया और वो सीधा बच्चेदानी के अंदर चला गया, ऐसा मुझको लगा.नैना ने सुम्मी की टांगें एकदम ऊपर कर दीं और उसके चूतड़ों के नीचे एक मोटा तकिया रख दिया था.
तब तक मैंने शांति को घेर लिया और उसकी एकदम कसी चूत जो गीली हो रही थी, मैंने ऊँगली से भग को मसलना शुरू कर दिया, उसके छोटे लेकिन रसीले होटों को भी चूमने लगा.
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08-17-2021, 12:37 PM,
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फिर मैंने उसके चूतड़ों के नीचे हाथ रख कर उसको ऊपर उठा लिया और अपने तने हुए लौड़े को चूत के मुंह पर रख कर ज़ोर का एक धक्का मारा और चूत की कसावट के बावजूद लौड़ा एकदम अंदर हो गया.अब मैं ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा और शांति भी उसी तरह जवाब देने लगी और 5 मिन्ट में वो भी झड़ गई, झड़ते हुए उसने मुझको कस कर अपने सीने से लगा लिया.उसकी रसीली चूत से निकला सारा माल मेरे हाथों में गिरा हुआ था और जब मैंने उसको नीचे उतारा तो वो सारा का सारा रस उस के मम्मों पर मल दिया और कुछ उसके मोटे गोल चूतड़ों पर लगा दिया.
सुमी ने उठ कर मुझ को गले लगा लिया और ज़ोरदार चुम्मी मेरे होटों पर जड़ दी. मैंने भी उसके मम्मों के चुचूक को बारी बारी से चूसा.तब सुमी बोली- मज़ा आ गया आज तो चुदाई का! आज तुम्हारा लंड भी कुछ ज़्यादा लम्बा और मोटा लगा मुझको! क्यों शांति?शांति बोली- हाँ, मुझ को भी लगा कि आज सतीश जी का हथियार कुछ बदला हुआ है, ज़्यादा मोटा और लम्बा है आज शायद.
नैना मुस्कराते हुए बोली- हाँ, वो तो होना ही था, आज छोटे मालिक को स्पेशल डाइट जो खिलाई है मैंने ताकि वो सुमी जी का गर्भाधान कर सके. चलो नाप लेते हैं सब के सामने.
यह कह कर वो इंच टेप ले आई और मेरे लंड को नापने लगी.नाप लेने के बाद वो बोली- सुमी जी, आप नापिये मुझसे शायद कुछ गलती हो रही है?
अब सुमी मेरे लंड का नाप लेने लगी और बोली- हाय लखन, यह तो पूरे 9 इंच लम्बा निकल रहा है और 4 इंच मोटा है. उफ़ क्या मैं 9 इंच अंदर ले गई थी?नैना बोली- आपके पति ठाकुर साहिब का कितना बड़ा है?
सुमी बोली- वो तो 5-6 इंच लम्बा है और मोटा भी कम है.
नैना बोली- क्या आप अपने पति की चुदाई से खुश हो जाती हैं यानि क्या वो आपका छूटा देते हैं?
सुमी बोली- कभी कभी मैं छुट जाती हूँ लेकिन ज़्यादा टाइम वो बहुत जल्दी करते हैं, तो मैं रह जाती हूँ.मैं बोला- फिर कैसे काम चलाती हो आप?
सुमी बोली- वो क्या करें, मज़बूरी मं ऊँगली से या फिर शांति और मैं एक दूसरी का छूटा देती हैं.
मैं बोला- वो कैसे?
शांति बोली- हम एक दूसरी को काफ़ी चूमना चाटना करती हैं जिससे हम दोनों का काम हो जाता है.मैं बोला- अच्छा शांति, तुम्हारा पति कैसे चोदता था तुमको? तुम्हारा छुटा देता था कि या फिर वो बीच में ही छोड़ देता था?
शांति उदास हो कर बोली- वैसे हमारे मर्दों को चोदना आता ही नहीं, ख़ास तौर पर गाँव वालों को! बहुत सारे मर्दों को यह पता ही नहीं कि स्त्री का भी छूटता है, वो सोचते हैं कि लंड चूत में डाल ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने से ही औरत खुश हो जाती है और बच्चा पैदा हो जाता है.
सुमी बोली- शांति ठीक कह रही है, आमतौर से मर्दों में यह भ्रान्ति है कि औरत का छूटना ज़रूरी नहीं बच्चा पैदा करने के लिए! और वो अक्सर कुछ ज़ोर के धक्के चूत में मार कर मूंछों को ताव देते रहते हैं कि मेरे जैसा मर्द है ही कोई नहीं दुनिया में! लेकिन सतीश, तुमको बढ़िया चुदाई किसने सिखाई?मैं हंस कर बोला- मेरी गुरु नैना रानी है और कोई नहीं. वो मुझको ठीक ढंग से सिखा रही है.
नैना बोली- जब मैं छोटे मालिक के घर आई थी तो इनकी देखभाल करने के लिए मुझको नियुक्त किया गया था और मैंने पूरी कोशिश की छोटे मालिक को पूरी ट्रेनिंग दूँ जिससे वो आगे चल कर कोई तकलीफ न उठा पाएं. मैं एक पूरी तरह से ट्रेन्ड नर्स और दाई हूँ. अब आप दोनों का भी नाप ले लेती हूँ.
यह कह कर नैना इंच टेप और मुझको इशारा किया और मैं कॉपी में इनका नाम लिख कर नाप नोट करने लगा.पहले सुमी जी का नाप निकला- 36-30-40 और शांति का नाप निकला- 32-26-34दोनों ही बहुत सेक्सी थीं. लेकिन सुमी के मोटे चूतड़ों से मैं बहुत ही प्रभावित हुआ था.
थोड़ी देर बाद दोनों ही अपनी कोठी चली गई.

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08-17-2021, 12:38 PM,
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भाभी की चूत चुदाई की प्यास

जब मैं कॉलेज से वापस आया तो नैना मुझको बैठक में मिली और बोली- भाभी तुम्हारा खाने पर इंतज़ार कर रही है.
नैना खाना लेने रसोई गई ही थी कि भाभी बैठक मैं आ गई और आते ही मुझको एक बहुत प्रगाढ़ आलिंगन दिया और मेरे होटों पर चुम्मी दी.वैसे ही मैंने उनका स्वागत किया और पूछा- क़ैसी हो भाभी जान? नीचे ऊपर सब ठीक है ना?भाभी ज़ोर से हंस दी और बोली- ऊपर तो ठीक है लेकिन नीचे अभी भी कुछ कुछ हो रहा है.मैं भी शरारत भरी मुस्कान के साथ बोला- लगता है कि नीचे का कोटा अभी पूरा नहीं हुआ शायद!भाभी भी शर्माते हुए बोली- कहाँ होगा लला, बरसों की प्यास है, ऐसे थोड़ी ही जायेगी.मैं बोला- भाभी जान, आप फ़िक्र ना करो, अब मैं आ गया हूँ आपकी प्यास यूँ ही मिट जायेगी देखती जाओ. वो नैना से आप की बात हुई क्या?
नैना कमरे में आते हुए कहा- पूरी बात हो गई है छोटे मालिक, सुना है रात में आपकी काफी चुदाई हुई है क्या?मैं बोला- तुम को कैसे पता चला?नैना बोली- वो रेडियो पर खबर थी और अखबार में भी छपा है यह सब!भाभी और मैं बड़े ज़ोर से हंस दिए.
मैं बोला- सच्ची? कहीं हम दोनों की फ़ोटो तो नहीं छपी न?नैना बोली- हाँ छपी है और दिखाया है कि गाय सांड पर चढ़ी हुई है और बेचारा सांड टाएँ टाएँ फिस हो रहा है.भाभी और नैना बड़ी ज़ोर ज़ोर से हंस रही थीं..

मैं बोला- भाभी जान के लिए क्या ख़ास बनाया है पारो ने?भाभी बोली- पारो कह रही थी कि हमारे घरेलू सांड को बहुत मेहनत करनी पड़ती है सो सांड और साँडनी के लिए कुछ ख़ास बनाया गया है.मैं बोला- मैं इतने दिनों से कई गायों की सेवा कर रहा हूँ और मेरे लिए कुछ ख़ास नहीं बनाया गया है.नैना बोली- आज आपको फिर पाये का सूप यानि पाये का शोरबा पीना पड़ेगा ताकि आप का लंडम षंडम लम्बा और मोटा हो जाए हमारे ख़ास मेहमान के लिए!
बस इसी तरह हंसी मज़ाक में खाना हो गया और फिर भाभी और नैना मेरे साथ मेरे कमरे में आ गई.वहाँ नैना ने बताया- मैंने भाभी को समझा दिया है कि भैया को एक पूर्ण पुरुष बनाया जा सकता है यदि भाभी साथ दे तो! भाभी का चेकअप किया है और वो बिल्कुल नार्मल है और भैया द्वारा ही गर्भवती हो सकती है यदि कोशिश की जाए तो!मैं बोला- तो भैया में जो कमी है वो कैसे पूरी करोगी?नैना बोली- मैंने भाभी को समझा दिया है कि क्या दवा देनी है और कैसा भोजन देना है. कल जब भैया वापस आएंगे तो भाभी उनको समझा देगी और ज़रूरत पड़ी तो चुदाई का असली तरीका भी दिखा दिया जाएगा.
मैं चौंकते हुए बोला- वो कैसे संभव है यार?भाभी बोली- अगर तुम तैयार हो तो तुम और नैना हम दोनों के सामने चुदाई करके दिखाओगे? और भैया को समझा दोगे कि चुदाई का सही तरीका क्या है?मैं कुछ परेशान हो कर बोला- अरे वाह, यह कैसे संभव है? मुझको शर्म आएगी भैया के सामने!नैना बोली- कल रात एकदम अनजान भाभी के सामने उनको चोदते हुए शर्म नहीं आई आपको छोटे मालिक?
मैं बोला- देखो नैना, भाभी एक औरत है और क्योंकि वो मुझको चोद रही थी इसलिए मैं तो काफी देर सारी रात की चुदाई को एक सपना मात्र ही समझता रहा. वो तो मुझको काफी देर बाद पता चला कि मैं तो चुद गया हूँ और मुझको चोदने वाली मेरे ऊपर ही बैठी है!!!!नैना और भाभी हंसी के मारे लोटपोट हो रहीं थी.
तब नैना बोली- वाकयी में भाभी ने बड़ी बहादुरी का काम किया. शेर को शेर के पिंजरे में ही हरा दिया. खैर वो तो छोड़ो, अब भैया को सिखाना है सही तरीका चुदाई का… वो कैसे करें?
भाभी बोली- सतीश ही कर सकता है यह काम और वो डर के मारे आगे नहीं आ रहा! सतीश तुम ही बताओ कैसे करें अब?मैं बोला- अभी काफी टाइम है यह सब सोचने का, चलो पहले हो जाए थोड़ी चुदाई भाभी और नैना के साथ!
भाभी फ़ौरन मान गई और नैना पारो को बता आई कि हम सब चुदाई कार्यक्रम में लगे हैं तो किसी को अंदर मत आने देना.
सबसे पहले भाभी ने मेरे कपड़े उतारने शुरू किये और जब मैं नंगा हो गया तो काफी देर वो मुझको देखती रही. मेरा लंड तो तना हुआ ही था, वो उसको हाथ में लेने लगी तो मैंने भाभी का हाथ पकड़ लिया और उनके कपड़े उतारने लगा.
उधर नैना भी अपने कपड़े उतार रही थी.जैसे ही भाभी पूरी नंगी हो गई, नैना उसकी सफाचट चूत को हाथ से सहलाने लगी.

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08-17-2021, 12:38 PM,
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जैसे ही भाभी पूरी नंगी हो गई, नैना उसकी सफाचट चूत को हाथ से सहलाने लगी.
नैना और मैंने भाभी के नंगे जिस्म को भरपूर निगाहों से देखा, बहुत ही सुन्दर और सुगठित शरीर था भाभी का सिवाये उस की सफाचट चूत का, जो चूत लगती ही नहीं थी, वैसे भी चूत के स्थान पर बाल इसीलिए बनाये गए थे ताकि उस जन्मजननी स्थान को उजागर किया जाए, बालों के बिना वहाँ कुछ भी नहीं दिखता है सिवाए एक पतली सी लाइन के!
मैं और नैना जल्दी से भाभी के सुंदर भागों पर अपना कब्ज़ा ज़माने की होड़ में लग गए. मैंने भाभी के मम्मों पर कब्ज़ा जमा लिया और नैना भाभी के चूतड़ों पर काबिज़ हो गई.
मैं बड़े प्यार से उसके काले चुचूकों को मुंह में लेकर गोल गोल घुमाने लगा और उसके मोटे गोल उरोजों को छूने और सहलाने लगा.भाभी के काले घने बाल बहुत लम्बे और रेशमी लग रहे थे.भाभी ने मेरे खड़े लंड को दोनों हाथों में पकड़ रखा था और उस की हल्की हल्की मुठी मार रही थी.नैना ने भाभी में अपनी ऊँगली डाल रखी थी और उसकी भग को मसल रही थी.भाभी भी दोनों हाथों का आनन्द ले रही थी.
तभी नैना ने कहा- भाभी तैयार है!और तभी भाभी और मुझको एक सख्त आलिंगन में ले लिया, हम दोनों को बिस्तर पर ले गई, पहले उसने भाभी को लिटा दिया और मुझको भाभी की चौड़ी हुई टांगों में बैठने का इशारा किया और मैं लेकर वहां बैठ गया और धीरे से लंड को चूत के मुंह और उसकी भग से रगड़ने लगा.
थोड़ी देर में भाभी की अति गीली चूत के ऊपर लंड घिसाई करता रहा और फिर लंड को चूत के ऊपर रख कर हल्का धक्का दिया और लंड सारा का सारा अंदर चला गया भाभी ने अपनी दोनों टांगें मेरी कमर के चारों ओर फैला दी.
अब मैं धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा.
भाभी के रसीले होटों को चूमना और उसके गोल उभरे हुए गालों को किस करना एक अपना ही आनन्द देता था.गर्म भाभी ने गर्मजोशी दिखाते हुए नीचे से ही कमर उठा उठा कर चुदाई में साथ देना शुरू कर दिया.ऐसे में भाभी जल्दी ही छूट गई लेकिन फिर तैयार हो गई.
अब मैंने पोजीशन बदल दी, उनको उठाया और अपनी गोदी में ले लिया और उसकी उभरी हुई चूत में मोटा लंड डाल दिया.वो भी मुझ से पूरी तरह से चिपक गई.
उधर नैना भाभी की आनंद में वृद्धि करते हुए उसके पीछे बैठ गई और हम दोनों को एक सख्त जफ़्फ़ी डाल कर हमको पूरा ही चिपका दिया.मैं लंड चूत में डाल कर बैठा था लेकिन नैना भाभी की गांड को हाथ से पकड़ कर आगे पीछे करने लगी.भाभी मेरे और नैना के बीच में फंसी हुई थी और जैसे नैना चाहती थी वैसे ही हम दोनों को करना पड़ता था.
अब भाभी की चूत का खुलना और बंद होना शुरू हो गया था तो मैंने नैना को आँख का इशारा किया और वो अब तेज़ी से भाभी की गांड को आगे पीछे करने लगी.
फिर भाभी ज़ोर की ‘हाय मैं गई…’ कह कर मेरे साथ और चिपक गई और उसकी चूत मेरे लंड को दोहने लगी.फिर उसने अपना सर मेरी छाती में रख दिया और अपने शरीर की कम्पन से मेरे लंड को जीत की ख़ुशी दे दी.अब मैंने भाभी को लिटा दिया और उसके पीछे बैठी नैना को निशाना बना दिया और जम कर उसकी चुदाई शुरू कर दी.भाभी मेरे इस हमले को देख रही थी और नैना के मम्मों को उँगलियों से मसल रही थी. क्यूंकि नैना चुदाई देख रही थी तो वो बहुत ही गर्म हुई हुई थी, वो भी चंद धक्कों के बाद झड़ गई और मुझको बैठे हुए ही अपने से चिपका लिया.
नैना ने ज़रा हट कर मेरे गीले लंड को अपनी चूत से निकाला और उसको हैरानी से देखने लगी.मैंने पूछा- क्या देख रही हो रानी?नैना बोली- आज यह कुछ और भी लम्बा और मोटा हो गया है.
भाभी ने भी मेरे लंड को हाथ में लिया और कहा- यह रात से तो और मोटा और लम्बा हो गया है नैना, यह कैसे?नैना हँसते हुए बोली- यह सब मेरी खुराक का कमाल है, आप आगे आगे देखिये, मैं छोटे मालिक के लंड को लोहे का हथोड़ा बना दूंगी, सख्त सख्त चूत को फाड़ कर रख देंगे यह!हम सब हंस पड़े.तब नैना ने भाभी से पूछा- और चुदाना है क्या?भाभी हँसते हुए बोली- नहीं नैना रानी, इतना ही काफी है, और फिर रात भी तो है अपने पास!
मैं और भाभी एक दूसरे के गले में बाहें डाल कर सो गए थोड़ी देर के लिए, मैं भाभी के मोटे मम्मों को बड़ी ललक से देख रहा था और बार बार उनको चूस भी रहा था.लेकिन मेरे दिमाग में ‘भैया को कैसे मनाएँगे’ का प्रश्न ही चल रहा था. फिर मैंने सोचा भैया को मनाने का काम सिर्फ भाभी का है और किसी का नहीं… तो भाभी को पूरी कोशिश करनी होगी भैया को राज़ी करने में!यह ही सब सोचते हुए मैं गहरी नींद में सो गया.
जब उठा तो भाभी जा चुकी थी, सिर्फ मैं ही लेटा हुआ था एकदम नंगा. मैं उठ कर नहाने चला गया और फ्रेश होकर बैठक में आकर बैठ गया जहाँ नैना मेरे लिए चाय ले आई थी.
चाय पीते हुए हम दोनों भैया के बारे में सोचते रहे कि कैसे मनाया जाए उनको!मैंने नैना से पूछा- अगर भैया कहें कि मैं नैना की भी लूंगा तो क्या तुम तैयार हो जाओगी?नैना बोली- आपका क्या विचार है? मुझको क्या करना चाहिए?मैं बोला- नहीं नहीं, तुम अपनी मर्ज़ी बताओ?नैना बोली- मेरी मर्ज़ी तो जो आप की मर्ज़ी होगी वही मेरी भी होगी.मैं मुस्करा दिया- तुम बड़ी चलाक लोमड़ी हो! चलो जब मौक़ा आएगा तो देखेंगे.
यह बात करके हम दोनों भी बैठक में आ गए जहाँ भाभी पहले से बैठी थी.

कहानी जारी रहेगी.

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08-17-2021, 12:38 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
भाभी के साथ मस्ती की चूत चुदाई

जब उठा तो भाभी जा चुकी थी सिर्फ मैं ही लेटा हुआ था एकदम नंगा. मैं उठ कर नहाने चला गया और फ्रेश होकर बैठक में आकर बैठ गया जहाँ नैना मेरे लिए चाय ले आई थी.चाय पीते हुए हम दोनों भैया के बारे में सोचते रहे कि कैसे मनाया जाए उनको!
मैंने नैना से पूछा- अगर भैया कहें कि मैं नैना की भी चूत लूंगा तो क्या तुम तैयार हो जाओगी?नैना बोली- आपका क्या विचार है? मुझ को क्या करना चाहिए?मैं बोला- नहीं नहीं, तुम अपनी मर्ज़ी बताओ?नैना बोली- मेरी मर्ज़ी तो जो आपकी मर्ज़ी होगी, वही मेरी भी होगी.
मैं मुस्करा दिया- तुम बड़ी चालाक लोमड़ी हो! देखो नैना, आज तक तुमने मेरे लिए कई औरतों का इंतज़ाम किया और कभी कोई ऐतराज़ नहीं उठाया तो अगर तुमको भी कोई मर्द पसंद कर लेता है तो मुझको ख़ुशी ही होगी. क्यों मैंने ठीक कहा न?नैना ज़ोर से हंस दी और बोली- छोटे मालिक, आपकी उम्र तो ज़्यादा नहीं है लेकिन आप बात बड़ी ही सुलझी हुई करते हो!
यह बात करके हम दोनों भी बैठक में आ गए जहाँ भाभी पहले से बैठी थी.मैंने बात छेड़ते हुए कहा- भाभी कल रात जब आप मेरे कमरे में आई तो क्या आपको किसी किस्म की झिझक हुई थी? यानि अगर मैं जाग जाता हूँ तो कहीं शोर न मचाऊँ? ऐसा आपने सोचा था क्या?भाभी बोली- हाँ सतीश, मैं पहले बहुत डर गई थी यह सोच कर कि न जाने सतीश क्या कहे? कहीं शोर न मचा दे या फिर मुझको बुरा भला न कहने लगे? लेकिन तुम्हारा खड़ा लंड देखा तो मन पक्का कर लिया कि आज इस छोकरे को तो चोद ही दूंगी, बाद की बाद में देखी जायेगी.मैं बोला- अच्छा भाभी, आप में इतनी हिम्मत है क्या?

भाभी बोली- वो क्या है सतीश, तुम्हारे पयज़ामे का टेंट इतना ऊंचा खड़ा था कि मेरा पहले मन हुआ कि देखूँ कि क्या छुपा रखा है पायज़ामे में? जब अंदर घुस कर मैंने अपना मुंह नीचे करके पायजामा सरकाया तो तुम्हारा लंड ज़ोर से मेरे मुंह पर आकर लगा. पहले तो मैं हैरान हुई कि यह क्या लगा मुझको, लेकिन जब मैंने तुम्हारे लंड को लहराते देखा तो मुझको गुस्सा आ गया कि इस छोटे छोकरे की इतनी हिम्मत कि मुझको अपने लंड से थप्पड़ मारे!
मैं और नैना हंसी के मारे लोटपोट हो गए मैं बोला- फिर क्या हुआ?भाभी बोली- फिर क्या था, मैंने अपनी नाइटी ऊपर उठाईं और तुम्हारे लंड पर धीरे से बैठ गई, मेरी चूत तो गीली हो रही थी, उसके मुंह पर रखते ही वो इसको पूरा का पूरा अपने अंदर निगल गई.
मैं और नैना बड़े ध्यान से सारी बात सुन रहे थे, भाभी की बातें सुनने के बाद मेरे दिमाग में एक ख्याल आया कि क्यों न भाभी वाली कहानी फिर से दोहराएँ भैया के साथ?
मैंने नैना और भाभी को भी यह बात बताई, मैंने कहा- जब भैया आ जाएँ, उस रात आप तो भैया के साथ सोयेंगी. इधर मैं और नैना अपने कमरे में सो जाएंगे. भैया के सोने के ठीक एक घंटे बाद तुम उनको जगा देना कि कुछ अजीब आवाज़ें आ रही हैं, उठो चल कर देख तो लो. भैया को लेकर जैसे ही तुम बाहर निकलोगी तो हमारे कमरे से ‘अह्ह्ह उह्ह्ह’ की आवाज़ें आ रही होंगी. तुम भैया को लेकर हमारे कमरे में आ जाना जहाँ नैना को मैं चोद रहा हूँगा और वो ज़ोर ज़ोर से आह उह्ह कर रही होगी.
नैना बोली- यह ठीक है, ऐसा करने से भाभी के ऊपर भी बात नहीं आएगी और हम चुदाई का पहला पाठ भी भैया को पढ़ा देंगे, क्यों भाभी?मैं बोला- लेकिन भाभी, भैया अंदर आने से ज़रूर कतराएँगे कि किसी के चुदाई में दखल मत दें लेकिन आपको उनका हाथ पकड़ कर अंदर लाना होगा और एक और चुपचाप खड़ा कर देना होगा.
भाभी बोली- यह मैं कर लूंगी. और हो सका तो उनके बैठे हुए लंड को हाथ से खड़ा करने की कोशिश ज़रूर करूंगी.
मैं उठा और झट से भाभी को एक ज़ोरदार किस कर दी होटों पर और फिर नैना को भी होटों पर किस की और कस कर एक जफ़्फ़ी भी डाली.हमारा यह प्लान तो बन गया और अब भैया के आने की इंतज़ार करने लगे.
उस रात को मैंने और नैना ने भाभी को हर तरह से चोदा, कभी घोड़ी, कभी गोद में उठा कर और कभी गोद में बिठा कर कभी आगे से और कभी पीछे से यानि कोई भी पोजीशन नहीं बची जिससे हम दोनों ने भाभी को न चोदा हो.सुबह होने तक भाभी निढाल हो चुकी थी और कहने लगी- मेरी तो पूरी तृप्ति हो गई, सारे जीवन में ऐसी चुदाई नहीं हुई.
फिर नैना ने भाभी को धर दबोचा कभी वो नीचे और कभी भाभी नीचे, यहाँ तक भाभी ने हाथ जोड़े- बस बाबा, अब और नहीं.फिर हम तीनों एक दूसरे को जफ़्फ़ी डाल कर सो गए.रात को जब भी मेरी नींद खुलती तो मैं दोनों की चूत में ऊँगली डाल कर देखता था कि कौन सी ज़्यादा गीली है.जो भी ज़्यादा गीली होती उस चूत पर चढ़ जाता था और जब तक वो छूट नहीं जाती थी तब तक उसको चोदता रहता था.उसके बाद मैं लंड को नैना की चूत में पीछे से डाल कर सो जाता था.

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08-17-2021, 12:38 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
सुबह मेरी नींद तब खुली जब शायद नैना मेरे लिए चाय लेकर आई थी, तब तक भाभी जा चुकी थी अपने कमरे में!
मैं बाहर निकला और चुपके से भाभी के कमरे की तरफ चला गया. भाभी शायद बाथरूम में नहा रही थी. मैंने बाथरूम का हैंडल घुमाया तो खुला हुआ था, मैं दरवाज़ा खोल कर चुपके से अंदर आ गया, देखा कि भाभी मुंह पर साबुन लगा रही थी और उसको पता नहीं चला कि मैं अंदर आ गया हूँ.
अभी साबुन लगाते हुए वो उसके हाथ से फिसल गया और थोड़ी दूर चला गया और भाभी बंद आँखों से ही हाथ इधर उधर करके उस को ढूंढने लगी.मुझको शरारत सूझी और मैंने साबुन को पकड़ा और भाभी के हाथों में दे दिया.पहले तो भाभी कुछ नहीं समझी लेकिन फिर जब समझ आई तो झट से बोल पड़ी- कौन अंदर आया है?
भाभी पानी डालने के लिए लोटा ढून्ढ रही थी वो मैंने हटा दिया और उसकी जगह अपना खड़ा लंड निकाल कर भाभी के हाथ में दे दिया.भाभी तो पहले परेशान हो गई कि यह क्या चीज़ हाथ में आ गई, लेकिन वो जल्दी ही संभल गई और पहचान गई कि यह सतीश का लंड है.उसने झट उसको अपने मुंह में डाल दिया और उसको चूसने लगी हालांकि उसकी आँखें बंद ही थी.
अब मैंने उसके मुंह पर पानी का लोटा डाला तो सारा साबुन साफ़ हो गया और भाभी ने आँखें खोली और मुझको देखा तो एकदम से खुश हो गई, उसने मेरे को अपनी नंगी छातियों से चिपका लिया और मेरा पायजामा भी खींच कर उतार दिया और कुरता भी उतार दिया.अब हम दोनों नंगे हो गए और एक दूसरे को नहलाने लगे.
मैंने भाभी को फिर से साबुन लगा दिया और उसको मल मल कर नहलाने लगा. थोड़ा सा साबुन उसकी चूत में भी लगाया और ज़ोर से रगड़ा.भाभी ने भी मेरे लौड़े को भी साबुन से साफ़ किया, फिर नंगी भाभी ने मुझको भी नहलाया और छोटे बच्चे की तरह से मेरा हर अंग साफ़ किया.अब जब मैंने नंगी भाभी को पुनः देखा तो मेरा लंड एकदम से अकड़ गया और मैंने भाभी को दीवार के ऊपर हाथ रख दिए और फिर पीछे से अपना खड़ा लंड उसकी चूत में डाल दिया और उसकी मस्त चुदाई शुरू कर दी..
थोड़ी देर ऐसी चुदाई के बाद ही मैंने भाभी को सीधा खड़ा किया और उसकी एक टांग को अपने ऊपर लेकर लंड को चूत में डाल दिया.
काफी देर ऐसे चोदने के बाद भाभी काफ़ी तीव्र रूप से झड़ गई और मुझको अपने से लिपटा कर ज़ोर ज़ोर से काम्पने लगी और हाय हाय करने लगी.मैंने भाभी को कस कर अपने से लिपटाये रखा, जब वो थोड़ी शांत हुई तो मेरे मुंह को चुम्बनों से भर दिया.भाभी बोली- सतीश यार, तुम तो मुझको बिगाड़ कर ही रख दोगे, अब तुम्हारे बिना मैं कैसे जी पाऊँगी, उफ़्फ़, क्या चुदाई है तुम्हारी.
फिर हम एक दूसरे का जिस्म सुखाते हुए बाहर निकले और सामने ही नैना को मुस्कराते हुए पाया.हम दोनों को नंगा देख कर वो भी बड़ी खुश हुई और झट से मुझको बड़े तौलिये में ढक कर मेरे कमरे में ले आई.नैना ने आते ही कहना शुरू कर दिया- छोटे मालिक, आपने इतना बड़ा रिस्क लिया. कहीं भैया आ जाते तो? और आपने कॉलेज नहीं जाना था आज?
मैं भी मस्ती में था, नैना को एक मीठा सा चुम्बन दिया और कहा- नैना मेरी जान, आज इतवार है, कहीं भी नहीं जाना है. सिवाए तुम लोगों की चुदाई के और क्या काम है मेरे पास?नैना अब हंसने लगी और मुझको आलिंगन में ले लिया और खूब मुंह चूमने लगी.

कहानी जारी रहेगी.

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08-17-2021, 12:38 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
भैया भाभी का चूत चुदाई खेल

मैं भी मस्ती में था, नैना को एक मीठा सा चुम्बन दिया और कहा- नैना मेरी जान, आज इतवार है, कहीं भी नहीं जाना है. सिवाए तुम लोगों की चुदाई के और क्या काम है मेरे पास?नैना अब हंसने लगी और मुझको आलिंगन में ले लिया और खूब मुंह चूमने लगी.
शाम होते ही भैया भी वापस आ गए, जब वो नहा धोकर फ्रेश हो गये तो मैं बैठक में जा कर बैठ गया.भैया से उनका हाल चाल पूछा और ‘कैसा रहा उनका ट्रिप…’ ये बातें होती रहीं.
फिर नैना चाय ले आई हम सबके लिए, भाभी सबको चाय देने लगी और थोड़ा सा नाश्ता भी किया.फिर भैया आलखन करने की खातिर अपने कमरे में चले गए और भाभी फिर बैठक में आ कर बैठ गी.
तब नैना ने भाभी को कहा कि आज रात को भैया को नींद की गोली मत खाने देना वरना सारा प्लान चौपट ही जाएगा.
रात को भैया और हम सबके लिए पारो ने पाये का शोरबा बनाया था और साथ में बटेर का मीट बनाया था और जाफरानी पुलाव के साथ मखनी दाल बनाई थी उसने!

भैया खाने के बाद बोले- मज़ा आ गया, आज से पहले कभी इतना स्वादिष्ट खाना नहीं खाया.भाभी भी बोली- वाकयी इतना लज़ीज़ खाना आम तौर पर नहीं मिलता.
पारो को बुला कर भाभी भैया ने खाने की बड़ी तारीफ की. फिर कोकाकोला पी कर हम सब अपने कमरों में चले गए.भाभी जाते हुए आँख मार गई कि सब प्लान के मुताबिक चल रहा है.
नैना दरवाज़े बंद करके मेरे कमरे में आ गई, उसने बताया कि आज खाना खाते वक्त भैया ने उसके चूतड़ पर हाथ फेरा था और हल्के से आँख भी मारी थी.नैना ने यह भी बताया कि जब से वो आये हैं, उसको अजीब नज़रों से देख रहे हैं.मैंने कहा- नैना रानी, भैया तुम पर आशिक हो गए हैं और वो आज रात तुमको चोदने की कोशिश करेंगे.यह कह कर मैंने नैना को अपनी तरफ खींच लिया और उसके लबों पर एक प्रगाढ़ चुम्बन दे दिया.
नैना बहुत खुश हो रही थी कि चलो भैया की मदद हो जायेगी.फिर हम दोनों ने धीरे धीरे एक दूसरे के कपड़े उतारने शुरू कर दिये और मैंने नैना के मोटे मम्मों को चूसना शुरू किया. नैना के मम्मे मेरे द्वारा रोज़ चूसे जाने के बाद भी ज़रा भी ढीले नहीं पड़े थे और वैसे ही सख्त और सॉलिड बने हुए थे.
इसी तरह उसके मोटे और गोल चूतड़ भी सख्त और मोटे थे, उसको नंगी देख कर कोई भी मर्द जिसके लंड में दम है, उसके लिए पागल हो जाये.वो ज़रूर अपने मम्मों की ख़ूबसूरती को बढ़ाने और क़ायम रखने के लिए जड़ी बूटियों का इस्तमाल करती होगी.मैं उसकी टांगों के बीच बैठ गया और उसकी बालों से भरी चूत को चाटने लगा, उसके भग को जीभ से गोल गोल चूसने लगा.नैना के चूतड़ अपने आप ही मेरे मुंह को घेर रहे थे और उसको दबा रहे थे.
मैंने एक ऊँगली उसकी गांड के अंदर भी डाल दी और ऊँगली को अंदर बाहर करने लगा.
जब नैना एकदम मस्त गीली और तड़फड़ाने लगी, तभी मैंने अपने हाथों को उसके चूतड़ों के नीचे रख दिया और उसको अपनी बाँहों में उठा लिया और अपने लंड को उसकी खुली चूत के अंदर धकेल दिया.अब वो मेरे हाथों को झूला बना कर अपने चूतड़ों को आगे पीछे करने लगी और खूब मस्ती से मुझको चोदने लगी, मैं भी उसको उठा कर कमरे के बाहर तक ले आया यह देखने के लिए कि भाभी भैया क्या कर रहे हैं.
तभी भाभी के कमरे का दरवाज़ा खुला और भाभी अचानक सामने आ गई, हमको इस तरह चुदाई करते देख के वो फिर कमरे में जल्दी चली गई और खूब हँसते हुए फिर आ गई, आते ही पूछा- यह क्या हो रहा है बच्चो?मैंने कहा- भाभी, नैना कह रही थी कि झूला झूलना है तो मैं इस छोटे बच्चे को झूला झूला रहा था.
भाभी मेरे कमरे में आकर बहुत ज़ोर से हंसी और बोली- झूला छोड़ो और प्लान के मुताबिक ज़ोरदार चुदाई की आवाज़ों को निकालो नहीं तो मेरा मियां तो गहरी नींद में सो जायेगा.
मैंने नैना को बिस्तर पर पटक दिया और खुद उसकी टांगों में बैठ कर अपने लम्बे लंड को नैना की चूत में फिर से डाल दिया और ज़ोरदार चुदाई करने लगा.नैना ने भी ‘हाय हाय मर गई रे… फाड़ देगा ससुरा हमार चुतऱिया को… ऊह्ह ओह्ह्ह… हाय हाय…’ थोड़ी देर ही ऐसे आवाज़ें निकाली.
भाभी भैया को हाथ से पकड़ कर ले आई हमारे कमरे में, हम दोनों ने चुदाई क्रम जारी रखा और मैं और भी ज़ोर ज़ोर के धक्के मारता रहा.मैंने चोर आँखों से देखा कि भैया की नज़रें तो नैना के नंगे जिस्म पर अटकी हुई थी और उसकी चूत में जा रहे मेरे लंड को ही देख रहीं थी.
भाभी ने भैया का पायजामा नीचे खिसका दिया था और भैया के खड़े लंड को पकड़ रही थी.
भैया ने अपना लंड भाभी के हाथ से छुड़ा लिया और खुद ही उसकी मुट्ठी मारने लगे थे. यह देख कर मैं नैना के ऊपर से उठ गया और पलंग के नीचे आ गया.

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08-17-2021, 12:38 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
भैया ने आव न देखा ताव और झट से नैना की खुली चूत में अपना लंड डाल दिया जो 5- 6 इंच लम्बा था और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगे.नैना ने अपने टांगें बंद कर ली और भैया से कहा- धीरे धीरे करो आप!और जब भैया थोड़ा आहिस्ता हुए तो उसने धीरे धीरे अपनी टांगें पूरी खोल दी.
भाभी ने भैया की कमर पकड़ ली और उनको स्पीड तेज़ नहीं करने दी.उधर मैं अपना तना हुआ लंड भाभी की नाइटी को ऊपर उठा कर पीछे से उसकी उभरी हुई चूत में डाल दिया और धीरे से धक्के मारने लगा.
नैना ने भाभी को इशारा किया कि भैया की कमर को छोड़ दें.अब नैना ने धीरे से अपनी चूत की पकड़ को तेज़ किया और भैया उस हिसाब से अभी भी धीरे धक्के मार रहे थे.तब नैना नीचे से चूतड़ हिलाने लगी और भैया की हर धक्के का जवाब देने लगी.
मैंने भाभी को बाकायदा तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया. भाभी बेतहाशा गीली हो चुकी थी और वो भी घोड़ी बन गई थी, उन्होंने अपने दोनों हाथ पलंग पर रख दिए थे और पीछे से मैं खड़ा होकर उनकी ज़ोरदार चुदाई कर रहा था.
उधर देखा कि भैया अब काफी तेज़ी से नैना को चोद रहे थे और नैना भी झड़ने के करीब पहुँच गई थी. इधर भाभी एक बार झड़ चुकी थी और दूसरे झड़ाई की तैयारी में थी.
भाभी भैया की चुदाई को बड़े ध्यान से देख रही थी और काफी खुश लग रही थी कि भैया इतनी देर नैना की चूत में टिक गए थे.फिर भैया एक ज़ोरदार हुंकार भर कर नैना की चूत के अंदर झड़ गए और उसके ऊपर पसर गए, उनकी आँखें बंद थी और वो ज़ोर ज़ोर से सांस ले रहे थे.
नैना उनके नीचे से उठी और उसकी जगह भाभी लेट गई.जब भैया ने आँखें खोली तो बगल में भाभी को पाया.यह देख कर कर वो थोड़ा चकराए फिर संयत होते हुए बोले- तुम कहाँ से आ गई सुमी डार्लिंग, मैं तो नैना को चोद रहा था ना?.
भाभी बोली- हाँ वही तो, आप इतना बढ़िया चोद रहे थे उसको, कि बेचारी का दो बार छूट गया. ऐसा तो आपने कभी किया ही नहीं मेरे साथ?यह कहते हुए भाभी भैया के लंड के साथ खेल रही थी और थोड़ा ही उसको छेड़ने पर ही भैया का लंड एकदम तन गया और भाभी एकदम से उस पर चढ़ बैठी और भैया को ऊपर से चोदने लगी.भैया का आत्मविश्वास जागृत हो गया और वो अब मज़े से भाभी को चोदने लगे कभी धीरे और कभी तेज़, भाभी का जल्दी अपने पति के साथ भी छूट गया और भैया का भी उनके अंदर छूट गया.
दोनों बड़े प्रसन्न हो गए.
फिर नैना बोली- भैया को अब अगला कदम सिखाना है कि कैसे वो अपने पर पूरा कंट्रोल रख सकते हैं. भाभी और भैया आप मुझको और छोटे मालिक को चोदते हुए देखेंगे. जब भी भैया, आपका खड़ा हो जाये, छोटे मालिक मेरे ऊपर से हट जाएंगे और आप उनकी जगह ले लेना. ठीक है? कोई ऐतराज़ तो नहीं किसी को?
फिर मैंने और नैना ने बढ़िया चुदाई का खेल खेला और बीच में ही भैया अपने खड़े लंड को लेकर मुझ पर चढ़ गए और मैं भाभी पर चढ़ गया. नैना भैया को तेज़ और फिर आहिस्ता चोदने की कला सिखाने लगी और उनको जैसे ही उनका छूटने वाला होता तो एकदम रोक देती और फिर धीरे से फिर चुदाई का खेल शुरू कर देती.
नैना ने भैया के साथ यह खेल 3-4 बार किया और उनको छूटने से हर बार रोक दिया.अब भैया को इतना आत्मविश्वास हो गया था कि वो जब चाहे तेज़ और जब चाहे आहिस्ता चुदाई कर सकते थे.
फिर नैना ने भैया को भाभी के साथ भिड़ा दिया और दोनों ‘रोको और फिर चलो’ का खेल बड़ी अच्छी तरह से खेलने लगे.भैया हैरान थे कि उनका इतनी देर कैसे रुक गया.
अंत में नैना ने मुझको और भाभी के साथ यही खेल करने के लिए कहा, इस खेल की डायरेक्टर नैना ही थी, उसने कहा- छोटे मालिक भाभी को घोड़ी बना कर चोदेंगे क्योंकि इस अवस्था में चूत लंड को सख्ती से पकड़ कर रखती है और गाय की तरह दूध दोहती है लंड से!
मैंने भाभी को ऐसे ही चोदा और नैना ने भाभी को चूत को सिकोड़ना भी बताया और कैसे लंड से दूध निकालते हैं वो भी सिखाया.भाभी इस सारे काण्ड में 4-5 बार झड़ गई थी.
नैना हम सबके लिए ख़ास तौर से बनाया हुआ दूध ले कर आई जिसको पीकर हम सब में एक नया जोश भर गया.भैया ने ख़ास तौर पर कहा कि कल वो नैना के साथ यही सबक दोबारा खेलेंगे.
फिर हम सब काफी थक चुके थे तो वो हम सब फर्श पर गद्दे बिछा कर एक दूसरे की बाँहों में सो गए.

कहानी जारी रहेगी.

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