XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
02-05-2021, 02:46 PM,
#41
RE: XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
जेठालाल :- टप्पू बेटा क्यूँ...तुझे क्यूँ लग रहा है कि ये झूठ बोल रहा है..

तारक :- हाँ बताओ टप्पू..

टप्पू :- पापा तारक अंकल...यही है जिन्होने रोशन आंटी के साथ इतनी गंदी हरकत की है...

सब सब के टप्पू की बात सुन के दंग रह जाते हैं..किसी को कुछ समझ नही आ रहा होता है कि ये कैसे हो सकता है...

तभी सोढी उसकी तरफ भागता है..और उसको पकड़ के एक दो लात और मुक्के मार देता है...उसके मुँह से खून निकलने लगता है...और दर्द से चिल्लाता है...अहह.....और नीचे गिर जाता है...

ये देख के सब सोढी की तरफ भागते हैं...और उसे पकड़ लेते हैं...

चाचाजी :- सोढी ये क्या कर रहा है...शांति रख ऐसे मारा मारी से कुछ नही होगा..इसको इसकी सज़ा मिलेगी...

और फिर सोढी शांत हो जाता है..

तारक और अईयर शिवांग को खड़ा करते हैं..

चाचाजी :- छड़ी उठाते हुए....बोल तूने ऐसा क्यूँ किया ...बोल...

जेठालाल :- अर्रे बापूजी आप शांत रहिए....बोल शिवांक बापूजी कुछ पूछ रहे हैं क्यूँ किया तूने ऐसा...

शिवांक :- बताता हूँ..प्लस्सस मुझे मत मारो सब बताता हूँ...

और फिर शिवांक बताना शुरू करता है...

शिवांक :- उस दिन जब दही हाँडी का प्रोग्राम चल रहा था ... नाचने की वजह से मुझे प्यास लग रही थी..तो में ठंडई के पास चला गया और एक ग्लास गटक गया...थोड़ी देर तक तो सब कुछ ठीक रहा..लेकिन अचानक पता नही मुझे क्या हो गया..मेरा शरीर कुछ अकड़ने सा लगा...ऐसा लगा मानो..कुछ फूल रहा है...शरीर में बहुत ज़्यादा गर्मी लगने लगी...मेने नीचे हाथ लगाया तो मेरा लंड फूल के 4 गुना बड़ा हो गया था...मुझसे वो गर्मी सहन नही हो रही थी....

इसलिए में थोड़ी देर गार्डन में चला गया कुछ देर बैठने ...लेकिन फिर भी मुझे वहाँ आराम नही मिला...

मेरा शरीर गरम होता जा रहा था...ऐसा लग रहा था कि अभी मेरा लंड फॅट जाएगा और तभी मुझे चैन आएगा...मेरी हालत नशे में झूमने जैसी हो गई...मेरे आँखों के सामने अंधेरा छाने लगा..और तभी...

तभी रोशन भाभी मुझे गार्डन में आती दिखाई दी...उस वक़्त मुझे वो सिर्फ़ एक जिस्म दिखाई दे रहा था....मुझे उस वक़्त होश नही था...फिर मेने अपना चेहरा छुपाने की लिए कुछ ढूँढने लगा...मेने इधर उधर नज़र दौड़ाई....लेकिन मुझे कुछ नही मिला...तभी मुझे गार्डन की पीछे एक काला कलर का मास्क दिखाई दिया...जो शायद वहाँ खड़े आदमी ने रखा हुआ था में वहाँ गया और मेने वो मास्क उठा के पहन लिया और फिर.... में चल पड़ा वहाँ और रोशन भाभी के साथ वो कर बैठा जो मुझे नही करना चाहिए था....

तारक :- ह्म्म्म्मम शिवांक जो तुम कह रहे हो अगर में उसको मान लूँ पर तुमने भिड़े को क्यूँ फसाया...तुमने तो मास्क भी पहना हुआ था....

शिवांक :- तारक भाई....जब मेने अपनी गर्मी छोड़ डी...तब में होश में आया ..तब मुझे पता चला कि ये मेने क्या कर दिया है...फिर में बहुत डर गया था..इसलिए मुझे कुछ नही सूझा और मेने भिड़े भाई की नकल कर दी...

शिवांक की बात सुन के सब उसकी तारक देख रहे थे...भिड़े अपने मन में उसे गाली दे रहा था...क्या निर्लज्ज मानव है ये...

सोढी :- अरे हम कैसे मान ले कि ये सच बोल रहा है..इसको तो मार मार के इसका कचूमर बना दूँगा...

तारक :- सोढी तुम इसकी बात को समझो शांत रहो....लेकिन शिवांक ऐसा कैसे तुम्हे इस तरीके का नशा हो गया...

शिवांक :- तारक भाई...मेने जैसे ही वो ठंडाइ पी उसके बाद ही मुझे ये हुआ..शायद उस ठंडई में ही कुछ किसी ने डाल दिया था...

तभी एक जने के दिमाग़ में कुछ आता है...और वो होता है जेठालाल ...

जेठालाल सोचने लगता है...उस दिन उसके पास एक डब्बे में दवाई होती है..जिसे उस दिन उसने वो दवाई बबीता जी के साथ सेक्स करने के लिए खरीदी थी...और जब उसकी नशे की पूडिया गिर गयी...तो उसने वो डब्बे में से गोली निकाली और दो चार हाथ में लेके बोला था...अब क्या फ़ायदा इस दवाई का...और उसे फेंकता है...जो पास में पड़ी ठंडई के ग्लास में गिर जाती है.....वो एक गोली काफ़ी होती है...उस वक़्त जेठालाल ने 4 गोली डाल दी थी..इसलिए शिवांक की ये हालत हुई....अब जेठालाल सोच रहा था...कि ये शिवांक सच बोल रहा है..लेकिन में इसका साथ नही दे सकता ....

तभी अईयर बोलता है...

अईयर :- सोढी शिवांक सही बोल रहा है...

सभी अईयर से पूछते हैं...कैसे?

अईयर :- देखो सोढी...ऐसी दवाई आती है जिससे सेक्स का पवर बहुत ज़्यादा बढ़ जाता है....और अगर एक से ज़्यादा गोली का इस्तेमाल हो तो आदमी शिवांक जैसा हो जाता है...

पोपटलाल :- हाँ मेहता साहब ..अईयर भाई सही बोल रहे हैं...में इस पर आर्टिकल लिख चुका हूँ...ज़रूर इसकी ठंडई में किसी ने ऐसे कुछ गोलियाँ डाल दी होगी...

तारक :- ठीक है अगर हम सब ये बात मान ले...लेकिन ऐसी गोलियाँ सोसाइटी में लाया कौन...

जेठालाल :- अरे मेहता साहब आपको उससे क्या करना है...आप वो छोड़िए पहले ये देखिए कि करना क्या है इसका??

तारक :- मेरे हिसाब से तो इसका फ़ैसला सोसाइटी के बुजुर्ग चंपक चाचाजी को लेना चाहिए...

चाचाजी :- मेरे ख़याल से इसका परिणाम सोढी को लेना चाहिए...क्यूँ कि उसके साथ ये बात हुई है...लेकिन में इतना कहना चाहूँगा...जो भी इसने किया वो इसकी ग़लती नही थी...किसी ने इसके साथ ऐसा किया और इसी अंजाने में ग़लती हुई है...

सोढी :- वैसे तो में माफ़ नही करूँगा...क्यूँ कि में अपनी रोशन ने बहुत प्यार करता हूँ...और उसके साथ कोई ऐसी गंदी हरकत करे...में तो उसे जान से मार दूं..लेकिन चाचाजी भी सही बोल रहे हैं...इसलिए ....में...माफ़ कर देता हूँ..लेकिन इसे रोशन से माफी माँगनी पड़ेगी....

तारक :- सोढी बहुत बढ़िया ..तुमने जो आज किया है वो बहुत ही महान काम है....क्यूँ कि सज़ा देने से ज़्यादा माफ़ करना मुश्किल काम होता है....और सभी तालियाँ बजा देते हैं...

शिवांक :- थॅंक यू सोढी भाई..और में रोशन भाभी के पैर पकड़ के माफी भी माँगूंगा...

तभी तारक टप्पू से पूछता है...बेटा टप्पू तुझे ये कैसे पता चला कि ये शिवांक का काम है...

और सभी एक साथ बोलते हैं हाँ...कैसे पता चला..

टप्पू :- तारक अंकल...जब मुझे ये सब पता चला कि रोशन आंटी के साथ ऐसा हुआ है..तुम हम टप्पू सेना गार्डन में आ गये...ये ढूँढने कि क्या पता कुछ सुराग मिल जाए...तभी मुझे एक बटन मिला...एक शर्ट का बटन .... मुझे शक़ था कि ये बटन उसी आदमी का होगा....मेने काफ़ी कॉसिश करी लेकिन मुझे पता नही चला रहा था कि बटन किसका हो सकता है...

फिर में सोचने लगा....और अचानक से मुझे याद आया...कि मेने ये बटन दही हाँडी वाले दिन किसी की शर्ट में देखा है...मैं सोचने लगा...फिर मुझे ध्यान आया कि मैं उस दिन शिवांक अंकल से टकराया था ....और जब में उनसे टकराया था तो मेने देखा था कि उनकी शर्ट मे बीच का एक बटन नही था...मेने उनसे पूछा कि अंकल आपका बटन टूटा हुआ है...

और फिर वो घबराते हुए बोले....हाँ वो टप्पू में टकरा गया था इसलिए पता नही चला कैसे टूट गया...

जैसे मुझे याद आया कि वो बटन शिवांक अंकल का है...तो मुझे फिर ये प्लान बनाना पड़ा...क्यूँ कि मुझे पता था..वो ज़रूर आएँगे..बटन ढूँडने...

सभी टप्पू की इस प्लान पर तालियाँ बजाते हैं....

तारक:- वाहह टप्पू बेटा तुमने तो बहुत बढ़िया काम किया है....

चाचाजी :- हाँ तो फिर...पोता किसका है....

और फिर शिवांक रोशन से माफी माँगता है और सबसे भी...सब उसकी ग़लती को माफ़ सिर्फ़ इसलिए कर देते हैं...कि उसने जो भी किया अंजाने में किया उसका कोई इंटेन्षन नही था ऐसा करने का....

इसी तरह सब कुछ ठीक हो जाता है....और सोसाइटी की फिर से एक प्राब्लम चली जाती है....लेकिन एक प्राब्लम गई है...दूसरी कभी भी आ सकती है..

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02-05-2021, 02:46 PM,
#42
RE: XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
काफ़ी दिनो की परेशानी के बाद...एक नयी सुबह...सोसाइटी में....

सुबह के 6 बज रहे थे....और एक घर की घंटी बजी....

वो घर है आत्माराम भिड़े का...

कोई घंटी पे घंटी बजाए जा रहा था...

भिड़े :- ए माधवी देख कौन है...कितनी घंटी कोई मार रहा है..शायद दूध वाला होगा...

और अपने हाथ से माधवी को हिलाता है..

माधवी :- उःम्म्म क्या है...क्यूँ तंग कर रहे हो..

भिड़े :- अरे जा के देख कोई है दरवाजे पर..

माधवी :- हाँ जाती हूँ..

और आधी नींद में बाहर आती है...और गेट खोलती है...सामने दूध वाला खड़ा होता है....

दूध वाला माधवी को देख के चौंक जाता है....वो बस उसे देखता हे रहता है....माधवी की आधी नाइटी उसके शोल्डर्स से नीचे खिसकी हुई होती है...जिससे उसका कुछ चुचि का हिस्सा दिखाई दे रहा था...यही नही...आज तो दूध वाले के और भी मज़े आने वाले थे....उसकी नाइटी पता नही कैसे उपर की तरफ हुई थी...और फँस गई थी...जिससे उसके आधी से ज़्यादा गोरी गोरी जाँघ दिखाई दे रही थी...

तभी दूधवाला देखते हुए बोला...मेम्साब कितना दूं....

माधवी :- क्या मतलब?

दूध वाला :- हड़बड़ाता हुआ...मेरा मतलब है दूध....

माधवी :- 2 किलो चाहिए..अभी रूको में पतीला लेके आती हूँ...और वो चली जाती है...

जैसे ही वो पलटी...दूधवाले माधवी की गोल गोल और मस्त बड़ी गान्ड को देखने लगता है....उसका बम्बू खड़ा हो जाता है.....वैसे तो वो रोज़ दूध देने आता था..लेकिन आज माधवी को अधनंगी देख के उससे रहा नही गया...

फिर माधवी आई उसने दूध लिया...और दरवाजा बंद कर दिया...

आज तो सुबह सुबह ही ... मज़े आ गये...अब दिल अच्छा कटेगा....दूधवाला बड़बड़ाते हुए निकल गया.....

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अब सूरज चढ़ने लगा था....8 बज गये थे....हर रोज़ की तरह हमारे जेठालाल सोए पड़े थे....और हर बार की तरह ही दया उसे जगाने आती है...

दया :- टप्पू के पापा उठ जाइए....8 बज गये हैं..बापूजी गुस्सा करेंगे...

जेठालाल :- नींद में...हाँ बॅस 5 मिनट और दाययाअ...

दया मन में सोचती है ....आज फिर से कुछ करना पड़ेगा...नही तो बापूजी आ जाएँगे और फिर इन्हे डाँट पड़ेगी...

और जेठालाल का हाथ उठा के अपने चुचों पे रख देती है....और धीरे धीरे उसका हाथ हिलाने लगती है...

वैसे बता दूं..कि दया बहुत चालाक है ..शकल पे मत जाइए उसकी....उठाना तो उसका बहाना है ..क्यूँ कि उसको भी पता है..कि उसे मज़े मिलते हैं ऐसे उठाने में...

अब दया बहुत तेज़ी से हाथ चुचों पे रख के हिला रही थी..उसके मुँह से हल्की से सिसकयाँ निकल रही थी...वो बहुत धीमी आवाज़ में ले रही थी..आह ओह्ह...

कुछ देर बाद जेठालाल को लगा उसका हाथ कुछ मुलायम चीज़ को छू रहा है....उसने आँख खोल के देखा...तो दया अपना हाथ पकड़ कर उससे चुचों को दबा रही थी.....अब जेठालाल को भी मज़ा आने लगा था...अब उसने सोचा कि क्यूँ ना दया को और थोड़ा मज़ा दे दूं...

एक दम से दया के मुँह तेज़ अहह...निकली ...क्यूँ कि अब जेठालाल दया के चुचों को मसल्ने लगा था....अब वो उन्हे ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था...

दया :- टप्पू के पापा धीरे....कोई आ जाएगा...ही माआ....

जेठालाल :- क्यूँ अब क्या हुआ...अभी तो बड़े मज़े ले रही थी...अब क्यूँ डर रही है....और फिर वो जोरों से उसके निपल खीच लेता है...

इससे दया की सिसकियाँ और तेज़ी से निकल जाती है....

दया :- टप्पू के पापा बॅस...अब और नही....में तो आपको उठाने आई थी....आयईी दयाअ....आराम से...

फिर जेठालाल उसके चुचों को छोड़ देता है...उस वक़्त दया उसे ऐसे देखती है..जैसे पूछ रही हो..में तो बस ऐसे ही बोल रही थी...आपने सच में मुझे छोड़ दिया....

फिर जेठालाल दया को नीचे की ओर इशारा करती है....

लेकिन दया समझ नही पाती...वो बोलती है...

दया :- क्या बोल रहे हैं??

जेठालाल :- ए डोबी नॉनसेन्स...अब तूने अपनी चुचियाँ मसलवा के मेरा वो खंबे जैसा हो गया है...अब तू उसे शांत करेगी कि नही...

दया :- शरमाते हुए....आप भी ना...और अपना हाथ नीचे ले जाने लगती है...तभी..

बापूजी :- जेठिया...ओ जेठिया....उठा कि नही...

जेठालाल :- हड़बड़ाते हुए...हाँ बाबूजी उठा हुआ हूँ...

बाबूजी :- चल अच्छी बात है...जा जल्दी से नहा धो ले...फिर हम साथ में नाश्ता करेंगे....तब तक में अख़बार पढ़ लेता हूँ...

दोस्तों कनफयूज मत हो...बापूजी हॉल में से चिल्ला रहे थे...ना कि जेठालाल के कमरे से....

दया हंसते हुए किचन में भाग जाती है...

जेठालाल :- हे भावगन तू कौन से जन्म का बदला लेता है मुझसे...हॅश..आज शुरुआत ऐसी हुई है..तो बाकी का दिन कैसा जाएगा...और अपने बाथरूम की तरफ चल देता है....

जेठालाल बाथरूम से नहा धोके...हर बार की तरह...सूरज भगवान को जल चढ़ाने गलरी में जाने लगता है...

सूरज भगवान को देख के जल चढ़ा देता है....और जल चढ़ाने के बाद जैसे ही अंदर जाने के लिए अंदर मुड़ता है...तभी
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02-05-2021, 02:46 PM,
#43
RE: XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
सूरज भगवान को देख के जल चढ़ा देता है....और जल चढ़ाने के बाद जैसे ही अंदर जाने के लिए अंदर मुड़ता है...तभी उसकी नज़र किसी पर पड़ती है...और मुँह खुला का खुला रह जाता है...

जी हाँ उस समय ...सी विंग में ...एक हॉट सेक्सी....मोस्ट ब्यूटिफुल जेठालाल के लिए...वहाँ बाहर गलरी में साइक्लिंग कर रही थी....

जेठालाल :- गुड मॉर्निंग बबीता जी....

बबीता जी :- गुड मॉर्निंग जेठा जी...

जेठालाल :- और सुबह सुबह कसरत हो रही है...

और बबीता उधर से स्माइल दे देती है...

इधर जेठालाल का लंड खड़ा हो चुका था...और उसका बहुत बुरा हाल हो रहा था...क्या करता..क्यूँ कि उस वक़्त बबीता...एक मस्त से टॉप में और नीचे एक छोटी सी शॉर्ट....टॉप इतना टाइट था कि साइक्लिंग की वजह से उसके चुचे हिल तो नही रहे थे...लेकिन इतने बड़े लग रहे थे..मानो अभी टॉप को फाड़ेंगे और ताज़ी हवा का आनंद लेंगे....पसीने की वजह से बिल्कुल चिपक चुके थे...और नीचे गोरी गोरी सुंदर.....और बहुत ही सेक्सी जांघे...नज़र आ रही थी...

तभी जेठालाल लाइन मारता है...

जेठालाल :- बबीता जी..आपका ये पर्पल कलर का ड्रेस तो बहुत से...

बॅस सेक्सी बोलने वाला होता है..लेकिन नही बोलता क्यूँ कि उस वक़्त वो काफ़ी दूर खड़ा था..कोई सुन लेता तो क्या सोचता...

बबीता :- क्या जेठा जी..

जेठालाल :- वो आपका ये पर्पल कलर का ड्रेस बाहुत ही सुंदर है..कहाँ से लाई..

बबीता जी :- यू मीन पर्पल राइट...हाँ वो में कल शॉपिंग के लिए गई थी...वहाँ से लाई...आपको पसंद आई..

बबीता भी पीछे रहने वालों में से थोड़े ही थी...

जेठालाल बड़बड़ाते हुए...अरे मस्त तो इतनी है..कि अभी आकर आपको कस के पकड़ लूँ..और दबोच डालूं...

बबीता जी :- आपने कुछ कहा जेठा जी..

जेठालाल :- नही बॅस...सच में बहुत ज़्यादा अच्छी लग रही है आपकी ये ड्रेस...बहुत सुंदर लग रही हैं आप इस ड्रेस में...

बबीता जी :- थॅंक यू सो मच जेठा जी....

और फिर उसका मोबाइल बज उठता है..

बबीता :- अच्छा जेठा जी....मोम का फोन है में आपसे बाद में बात करती हूँ..

जेठालाल :- ओके गुड बाइ...

और सोचता है...सच में आज का दिन खराब ही होगा...और थोड़ी बात करनी थी..पता नही इनकी मम्मी जी को भी अभी ही फोन करना होता है...

और बोलते बोलते अंदर घुस जाता है...

अंदर बापूजी टेबल पर बैठे नाश्ता कर रहे थे...और जेठालाल भी नाश्ता करने बैठ जाता है...

इधर तारक ऑफीस के लिए जाने की तैयारी करने लगता है...वो अंजलि को आवाज़ देता है...

तारक :- अंजलि चाइ मिलेगी...देर हो रही है भाई..

अंजलि :- हाँ जी ली आईइ....

तारक :- क्या यार अंजलि...इतनी लेट...

अंजलि :- तारक..अभी टाइम है..

और तारक के पास में आके बैठ जाती है...

तारक :- क्या बात है अंजलि आज सुबह सुबह मूड बनाया हुआ है..

अंजलि शर्मा जाती है...

अंजलि :- धत्त्त....वो तो बस ऐसे ही..

उधर जेठालाल के घर पे कोरियर आता है...और वो साइन कर के ले लेता है...

और जैसे ही वो कोरियर खोलता है..

जेठालाल :- ओहूओ....ये क्या सबको अँग्रेज़ी का इतना बेराग है...अब मेहता साहब के पास जाना पड़ेगा....

और घर में सबको जय जिनेन्द्र बोल के निकल जाता है...

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02-05-2021, 02:46 PM,
#44
RE: XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
उधर अब तारक और अंजलि...दुनिया को भूल के एक बार फिर...दोनो आपस में अपने होंठ लगा देते हैं...और बेपनाह चूमने लगते हैं....कभी तारक अंजलि के होंठो को चूस्ता है..और कभी अंजलि तारक के होंठों को...फिर दोनो एक दूसरे अपनी अपनी जीभ से लड़ाई करनी शुरू कर देते हैं....दोनो की जीभ एक दुरसे के मुँह में जाने लगती हैं.....तारक का हाथ अंजलि की कमर पे होता है वो उसे कस के पकड़ा हुआ होता है...इधर अंजलि तारक की कमर में हाथ डाल के जकड़ी हुई होती है...

उधर जेठालाल तारक के गेट पे आ जाता है...

जेठा लाल :- अरे क्या बात है आज मेहता साहब का गेट खुला है..चलो फिर अंदर..और जैसे ही अंदर घुसता है..उसे फिर से एक गरम नज़ारा देखने को मिलता है....

क्यूँ कि अभी भी अंदर तारक और अंजलि लगे पड़े थे..अपने चुंबन अभियान में..दोनो को ऐसा देख फिर से जेठालाल का लंड खड़ा हो जाता है....तभी जेठालाल

जेठालाल :- ह्म...उःम्म्म...कृपया गेट बंद कर दें....

आवाज़ सुन के तारक चुंबन तोड़ के देखता है..कि जेठालाल खड़ा है...तो उसकी तरफ देख के एक स्माइल पास करता हाई.....अंजलि तो शर्म के मारे बुरी तरह झेंप जाती है....

तारक :- आओ भाई जेठालाल..आज सुबह सुबह...

जेठालाल :- तो आज आप भी तो सुबह सुबह...

बॅस इतना ही बोलता है..और दोनो हंस देते हैं....अंजलि अभी भी वहीं बैठे बैठे शर्मा रही थी..
तभी तारक बोलता है...

तारक :- अरे अंजलि इसमे शरमाने की क्या ज़रूरत है...जेठालाल तो घर का ही है...चलो..

अंजलि :- आप भी ना..

जेठालाल :- अरे कोई बात नही अंजलि भाभी..मेने कुछ नही देखा...

और फिर इस बार सब हंस पड़ते हैं...

अंजलि :- जेठा भाई..आप बैठिए में आपके लिए चाइ लेके आती हूँ...

फिर जेठालाल तारक के पास आकर बैठ जाता है...

जेठालाल :- क्या बात है मेहता साहब आज सुबह सुबह...कार्यकरम शुरू कर दिया...कम से कम गेट तो बंद कर लिया करो..मेरी जगह और कोई होता तो....

तारक :- अरे भाई ऐसी कोई बात नही है...वो तो बॅस ऐसी ही..अच्छा तुम बताओ यहाँ कैसे आना हुआ..

जेठालाल :- अरे हाँ...ये ली जिए कोरियर आया है..

तारक :- क्या बात है ...तुमने कोरियर का धंधा भी शुरू कर दिया क्या...अहहहहहः...

जेठालाल :- क्या आप भी मज़ाक कर रहे हैं....वो कोरियर इंग्लीश में है...इसलिए..

तारक :- अच्छा भाई ..पढ़ता हूँ...

और तारक पढ़ने लगता है....पूरा पढ़ने के बाद बोलता है...

तारक :- अरे कमाल हो गया जेठालाल तुमने....****** कंपनी की डीलरशिप ली थी....

जेठालाल :- हाँ ली थी ..तो..

तारक :- तो उन्होने एक शानदार पार्टी का आयोजन किया है..जिसमे तुम अपने साथ 5 या 6 मेंबर को साथ ले जा सकते हो...

जेठालाल :- अरे वाहह मेहता साहब..मज़ा आ जाएगा...चलो ठीक है.फिर में सब को फोन कर दूँगा..साथ में चलेंगे...

तारक :- धीरे बोलो जेठालाल..अगर अंजलि ने सुन लिया..तो यहीं पार्टी बना देगी मेरी...ठीक है..फिर..एक काम करते हैं..आज अब्दुल की दुकान पे ये डिसाइड कर लेते हैं..

और फिर जेठालाल तारक से हाथ मिलाता है..और बाहर निकल जाता है...और सोचता है..
आज क्या हो रहा है मेरे साथ...हर जगह मुझे कुछ ऐसा मिल जाता है कि में गरम हो जाता हूँ...और फिर ..में कुछ भी नही कर पाता...आज का दिन सच में पनौती है...बॅस कम से कम एक चीज़ तो अच्छी खबर मिली...और फिर सोसाइटी के बाहर जाने की तरफ चल देता है...!!!!

जेठालाल कॉंपाउंड से सोसाइटी गेट के पास पहुचते हैं..तभी उनके कानो में एक आवाज़ पड़ती है...

हाई जेठा जी...

जेठालाल चौंकाते हुए पलटता है..और देखता है....सामने बबीता जी खड़ी होती हैं....

जेठालाल :- बबीता जी आप...यहाँ ...कब आई...

बबीता :- अरे में तो यहाँ कब से खड़ी हूँ...आपने ही मुझे नही देखा....

जेठालाल :- ऑश सॉरी बबीता जी..वो क्या है मैने ध्यान ही नही दिया...वरना ऐसा हो सकता है आप यहाँ हो..और हम आपको बिना मिले चले जाएँ...

बबीता :- जेठा जी इसमे सॉरी की क्या बात है....

जेठालाल :- और तो सवारी कहाँ जा रही है सुबह सुबह....

बबीता :- जेठा जी वो में बस... ****** वहाँ तक जा रही हूँ कुछ समान खरीदना है....

जेठालाल :- अरे वाहह...वो तो मेरी दुकान के रास्ते में ही हैं....साथ चलते हैं में आपको वहाँ उतार दूँगा...

बबीता :- ओह्ह थॅंक यू जेठा जी...

जेठालाल :- उसमे क्या थॅंक यू बबीता जी...आपके लिए तो ये कुछ नही है....

तभी उधर से...अईयर आ रहा होता है...

अईयर :- चलो बबीता...चलते हैं..वरना लेट हो जाएँगे...

जेठालाल अपने मन में...ये अईयर भाई भी ..बीच में हमेशा टंगड़ी कर देते हैं....क्या इन्हे हर समय बबीता जी के साथ चिपकने की लगी रहती है...

बबीता :- अईयर जेठा जी हमे लिफ्ट दे देंगे..

जेठालाल :- हाँ अईयर भाई चलो...

अईयर :- नहिी..जेठालाल..हम दोनो चले जाएँगे..

बबीता :- अईयर ऐसा क्या करते हो..जेठा जी इतने प्यार से लिफ्ट दे रहे हैं...और वैसे भी जाना तो हमे एक ही तरफ है...

अईयर सोचते हुए..ये जेठालाल...

फिर बोलता है..

अईयर :- ठीक है बबीता जैसा तुम को ठीक लगे..

जेठालाल मन में अईयर भाई बड़ी होशियारी मार रहे हो ...अभी ऑटो में चलो बताता हूँ..

तीनो ऑटो के पास पहुँच जाते हैं...और ऑटो में बैठने लगते हैं..

जेठालाल :- बबीता जी आप पहले बैठिए...

अईयर :- अब में बैठूँगा...

जेठालाल :- हाँ बिल्कुल अईयर भाई आप ही बैठिए...

जब अईयर बैठ जाता है...तो जेठालाल ऑटो के दूसरी तरफ पहुच जाता है..

जेठालाल :- बबीता जी ..आप थोड़ा उधर खिसकेंगी...तो में यहाँ बैठ जाउ...

बबीता :- यॅ श्योर...अईयर थोडा उधर होना...

अईयर तो जल फुक जाता है......लेकिन उसे उधर होना पड़ता है..

जेठालाल मन में अईयर की तरफ देखते हुए...अईयर भाई बड़ी होशियारी दिखा रहे थे ना...

अईयर जेठालाल की तरफ देखते हुए...ये जेठालाल बहुत चालाक है..इसका कुछ करना पड़ेगा...

दोस्तो आगे देखते हैं...कि जेठालाल ऑटो में क्या गुल खिलाते हैं....!!!

जानने के लिए पढ़ते रहें और कमेंट ज़रूर करते रहें

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02-05-2021, 02:46 PM,
#45
RE: XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
ऑटो अपनी रफ़्तार पकड़ चुका था...और इधर जेठालाल का भी बुरा हाल होना शुरू हो गया था...
एक ऑटो तीन जने.....आपस में टच होना तो जायज़ है...

जेठालाल की कोहनी हल्की हल्की बबीता के चुचों पर पड़ रही थी.....और जेठालाल को बस इतना ही चाहिए था अपना लंड खड़ा करने के लिए....उधर बबीता को भी पता चल रहा था कि जेठा जी की कोहनी मेरे बूब्स पर लग रही हैं..उसका भी बुरा हाल होना शुरू हो गया था...

जेठालाल कॉसिश कर रहा था कि किसी भी तरह यहाँ से ध्यान हटाए...लेकिन जब बगल में इतनी हॉट...बड़े बड़े चुचों बड़ी औरत बैठी हो तो कैसे कोई ध्यान हटा सकता है..

फिर जेठालाल को लगा अगर बबीता जी को बुरा लग गया तो क्या होगा...उसने बात करनी शुरू करी..

जेठालाल :- तो बबीता जी..दुकान पे भी आई कभी...अच्छे अच्छे नये पीस आए हैं मोबाइल के...

अईयर :- हमे मोबाइल नही चाहिए ...

जेठालाल :- और हाँ एक नया पीस आया है एलसीडी का...बहुत बढ़िया है..

अईयर :- हमे वो भी नही चाहिए...

जेठालाल :- आप बबीता जी हो...क्या अईयर भाई आप हर बार...बीच में क्यूँ फुदकी मार देते हो...

बबीता :- अईयर..तुम भी ना...

और अईयर सड़ा सा मुँह बना के दूसरी तरफ देखने लगता है...

जेठालाल सोचता है चलो..कम से कम अईयर भाई को पता तो नही चलेगा...लेकिन फिर भी अगर बबीता जी कुछ थोड़ा सा भी हिंट दें..तो में बेफिकर होकर आराम से छू सकूँगा..लेकिन वो कैसे होगा...

तभी ऑटो एक दम तेज़ी से मुड़ता है....और बबीता जेठालाल के उपर की तरफ गिरती है....

जैसे ही बबीता जेठालाल के उपर गिरती है...जेठालाल के हाथ मे बबीता के बड़े पहाड़ जैसे चुचे उसके हाथ में आ जाते हैं..और दब जाते हैं...

जिसकी वजह से हल्की सी आहह बबीता के मुँह से निकल जाती है...

अईयर :- क्या हुआ बबीता??

जेठालाल सोचता है ...कहीं बबीता जी अईयर को बता ना दे...

बबीता :- जेठालाल की तरफ देखते हुए और स्माइल करते हुए...कुछ नही अईयर..वो ऑटो मुड़ा ना..तो इसलिए...

और अईयर फिर से दूसरी तरफ़ देखने लगता है...

इधर जेठालाल को बबीता की तरफ से ग्रीन सिग्नल मिल जाता है...और अंदर ही अंदर मुस्कुरा रहा होता है...

अब जेठालाल अपनी कोहनी को फिर से बबीता के राइट वाले चुचे पे रख देता है...बबीता को फ़ौरन पता चल जाता है...लेकिन इस बार वो सिर्फ़ रखता नही है....हल्के हल्के कोहनी से दबाने लगता है....

बबीता को जैसे शॉक लगता है...वो जेठालाल की तरफ देखती भी है..लेकिन जेठालाल तो ऐसा बैठा था जैसे कुछ हुआ ही नही....और फिर बबीता एक स्माइल दे देती है...

बबीता भी कम थोड़ी थी...अब वो बार बार कभी आगे कभी पीछे होने लगती है...जिससे उसके चुचे और तेज़ी से जेठालाल की कोहनी से टकराते हैं...वो अंदर ही अंदर सिसकियाँ ले रही थी...आह श...आवाज़ तो कर नही सकती थी....
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02-05-2021, 02:46 PM,
#46
RE: XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
जेठालाल का लंड पैंट फाड़ने जैसा हो गया था...उसका बस चलता तो वो ऑटो में ही आज बबीता जी की मार लेता...

अब जेठालाल ने अपना वही हाथ बबीता जी की जाँघ से टच करने लगा....

बबीता की तो जान ही निकल गई....उसके पति के सामने...जेठालाल एक तरफ़ कोहनी से चुचों को दबा रहा था...और दूसरी तरफ जाँघ को भी सहला रहा था....बबीता का मन तो था कि वो अपना हाथ जेठालाल की जाँघ पर रख दे..लेकिन उसको अईयर का डर था...इसलिए वो आज सिर्फ़ मज़े लेना चाहती थी....उसकी चूत एक दम गीली हो चुकी थी..और पैंटी से चिपक चुकी थी...

जेठालाल मन में सोचने लगा....ये बबीता जी मेरे साथ भी तो करें...मेरा यहाँ बुरा हाल हो रहा है...और अपना रोने जैसे चेहरा बबीता जी के सामने करता है....

बबीता समझ जाती है...लेकिन वो सोचती है कि वो कैसे करे....फिर भी वो हिम्मत करके अपना एक हाथ जेठालाल की तरफ बढ़ाती है....तभी...

अईयर :- अरे भैया रोक दो हमे यहीं उतरना है......

दोनो अईयर की बात सुन के चौंक जाते हैं...और जेठालाल अपना हाथ हटा लेता है...

और दोनो एक साथ ही बोल देते हैं...इतनी जल्दी पहुँच गये....

अईयर बबीता के मुँह से सुन के थोड़ा शॉक हो जाता है....लेकिन कुछ रिक्ट नही करता...

जेठालाल को गुस्सा आता है..लेकिन वो जाहिर नही करता...

फिर अईयर और बबीता दोनो ऑटो से उतार जाते हैं....और बबीता जेठालाल को बाइ कर देती है....और फिर ऑटो चलने लगता है...

जेठालाल अपने मन में....आज का दिन पनौती पनौती और सिर्फ़ पनौती से भरा है...इतना अच्छा मौका मिला था ..बबीता जी भी पता नही कैसी गरम थी और मेरा साथ दे रही थी..लेकिन मेरी किस्मत साथ नही देती....और अपने लंड की तरफ देखते हुए..मन में बोलता है...तो सो जा...गिर जा वापिस...आज तेरा कुछ नही होगा...बार बार खड़ा हो जाता है...और परेशानी मुझे होती है....पता नही कौन से जन्म का बदला ले रहा है भगवान मुझसे.....

ऐसे रोते रोते वो भी अपनी दुकान पे पहुँच जाता है.....

सुबह से जेठालाल की किस्मत खराब है...देखते हैं..पूरा दिन कैसा निकलेगा....!!!!!!!!
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02-05-2021, 02:46 PM,
#47
RE: XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
जेठालाल ऑटो से उतर के अपनी दुकान के अंदर चला जाता है....

नटू काका :- गुड मॉर्निंग सेठ जी...

जेठालाल अपना मुँह बना के अपनी जगह पर बैठ जाता है.....उसका मूड सुबह से और ज़्यादा खराब हो चुका था....

नटू काका :- क्या हुआ सेठ जी...एनी प्राब्लम..

जेठालाल :- कुछ नही नटू काका....

नटू काका :- बताइए ना सेठ जी..ये नटवर लाल प्रभुशन्कर उडीए वाला के पास हर प्राब्लम का इलाज है...

जेठालाल :- अरे भाई कुछ नही है...आप अपना काम करो ना...क्यूँ इतनी पंचायत है आपको...

नटू काका :- ओहककक रिलॅक्स....

तभी वहाँ से बाघा दुकान के अंदर आ जाता है...

बाघा :- कैसे हैं नटू काका...

नटू काका :- बसस्स बढ़िया बाघा...अच्छा है तू आ गया...

बाघा :- और सेठ जी कैसे हैं आप...

जेठालाल :- अभी तक तो ठीक था...अब तू आ गया भाई...आगे का पता नही...

बाघा :- क्या...में आपका मतलब समझा नही...

जेठालाल :- जा भाई अपना काम कर...

बाघा :- क्या कम करूँ...

जेठालाल :- नटू काका...इसे बोलो मेरा दिमाग़ खराब ना करे...

नटू काका :- बेटा बाघा...सेठ जी को तंग मत कर...

बाघा :- नटू काका में थोड़ी तंग कर रहा हूँ....वैसे तो जैसे जिसकी सोच....में तो बस यहाँ सेठ जी के बोलने पर ही आया था...

जेठालाल :- मेने ....भाई मेने कब बुलाया...

बाघा :- अपने कल फोन नही किया था...मोबाइल रेपेरिंग के लिए...

जेठालाल :- हाँ वो है...जा नटू काका से ले ले...

और सोचता है.....ये बाघा और नटू काका नाग है नाग...उफफफफ्फ़......

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02-05-2021, 02:46 PM,
#48
RE: XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
उधर सोसाइटी में.....दया अपनी माँ से बातें कर रही थी....

दया :- हाँ माँ....हान्ं....वो पकड़ा गया...हाँ....हमारी सोसाइटी का ही था...लेकिन उसकी कोई ग़लती नही थी ना..उसने जान बुझ के नही किया था...इसलिए उसे छोड़ दिया...हाँ..माँ सही किया.....

तभी पीछे से माधवी अंदर आती है...

माधवी :- दया भाभी..

दया :- अच्छा माँ चलो में तुमसे बाद में बात करती हूँ...हाँ...ठीक है...

और फोन कट कर देती है..

दया :- अरे भिड़े बहेन ... आइए...बैठिए...

माधवी :- अरे नही दया भाभी...वो तो में आपसे आचार और पापड का ऑर्डर लेने आई हूँ...

दया :- अच्छा....तो आप 5किलो आचार...और 5 किलो पापड ....अच्छा आप कम से कम चाइ तो पी के जाइए...

माधवी :- नही दया भाभी..अपभी बहुत काम है...बाद में आती हूँ...

और माधवी चली जाती है...

दोपहर के 2 बज रहे थे....बच्चे स्कूल से वापिस आ चुके थे....और सोसाइटी में हल्ला मचा रहे थे...तभी भिड़े अपनी गॅलरी में से बाहर आके बोलता है..

भिड़े :- ऊऊओ...टप्पू....टप्पू...

टप्पू :- हाँ भिड़े अंकल....और सब बच्चे उसकी तरफ देखने लगते हैं...

भिड़े :- देखो बच्चो...अगले आधे घंटे में ...तुम सब की क्लास है तो टाइम पे आ जाना..

टप्पू :- भिड़े अंकल अभी तो आए हैं हम....अभी इतनी जल्दी क्लास...

गोली :- हाँ भिड़े अंकल....भूक लगी है...और बिना खाए..मुझसे तो पढ़ाई होती ही नही है...

गोगी:- भिड़े अंकल....मुझे टीवी देखना है....

भिड़े :- आईईए गोया...आधा घंटा बहुत होता है खाने को.....और छोटे सोढी...बेटा टीवी बाद में देखना....अगले आधे घंटे में तुम सब उपर होने चाहिए...नही तो मुझसे बुरा कोई नही होगा...

टप्पू सेना :- ओहककक भिड़े अंकल....

और अपनी सड़ी सी शकल बना के...अपने अपने घर चले जाते हैं...

आधे घंटे बाद................

भिड़े ने ट्यूशन स्टार्ट कर दी थी...सभी बच्चे अपना अपना काम कर रहे थे...क्यूँ कि भिड़े ने सबको टेस्ट दे रखा था....तभी भिड़े को प्यास लगी और वो...माधवी को आवाज़ लगाता है...

भिड़े :- माधवी...ज़रा एक ग्लास पानी तो लाना....

माधवी :- खुद आ के ले लीजिए...में आचार बना रही हूँ...

भिड़े कुर्सी से उठ कर...किचेन में पहुँच जाता है...

भिड़े :- माधवी आज सुबह से आचार बना रही हो...ज़्यादा ऑर्डर है क्या...

बोलते बोलते फ्रिज खोलता है...
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02-05-2021, 02:47 PM,
#49
RE: XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
माधवी :- हाँ बहुत ज़्यादा ऑर्डर है....

भिड़े पानी निकाल कर...पानी पीने लगता है....पानी पीते पीते उसका लंड खड़ा होने लगता है.....

क्यूँ कि वो माधवी के पीछे था....और माधवी खड़ी स्लिप पर आचार बनाने का काम कर रही थी...

भिड़े माधवी की हिलती गान्ड हो देखकर पागल हो रहा था....माधवी आचार बनाते टाइम कुछ हिल रही थी...शायद कुछ फॅट रही थी...यानी कुछ मिक्स कर रही थी...

भिड़े से अपने आप पर कंट्रोल नही हो रहा था...वो माधवी की तरफ बढ़ता जा रहा था....

अब भिड़े माधवी के बिल्कुल करीब आ चुका था...माधवी अपने कम में मस्त थी....तभी उसके मुँह से हल्की से अहह निकली....

माधवी :- ये क्या कर रहे हैं आप...

पीछे से भिड़े ने माधवी के गोल गोल और बड़े चुतड़ों को अपने हाथ से मसल दिया था.....

माधवी :- छोड़िए ना....कोई अंदर आ जाएगा तो गड़बड़ हो जाएगी....ओइइ माआ....

अब भिड़े ने ज़ोर से गान्ड को दबा दिया था....

भिड़े :- माधवी...क्या गान्ड है तुम्हारी....अभी इतनी मस्त हिल रही थी कि मुझसे रहा नही गया....

माधवी :- अहह....ओह्ह्ह रुकिये ना...अभी नही.....

माधवी :- ऐसा मत कीजिए....कोई बाहर से अंदर आ जाएगा तो गड़बड़ हो जाएगी...

भिड़े :- माधवी कोई अंदर नही आएगा...सब टेस्ट कर रहे हैं...

बॅस इतना बोलते बोलते वो..पीछे से माधवी की नंगी पीठ पर अपने होंठ रख देता है....

नंगी पीठ पर भिड़े के गीले होंठ पाते ही...मचल उठी ....वो सिसकियाँ ले रही थी...ह.....जीि....श....

माधवी :- देखिए फटाफट कीजिए....अंदर कोई आ जाएगा...

भिड़े :- हाँ ठीक है....

भिड़े से भी नही रहा जा रहा था...क्यूँ कि वो भी बहुत ज़्यादा गरम था..उसका लंड उसकी जीन्स में से बाहर आने को तड़प रहा था....

उसने फटाफट माधवी की साड़ी को उपर किया...फिर पेटिकोट को...और फिर पैंटी को नीचे खिसका दिया ... और अपनी जीन्स भी नीचे कर दी.....

उसका लंड हवा में झूल रहा था.....और एक दम अकडा हुआ था....माधवी की चूत भी गीली थी...और पानी छोड़ रही थी....

तभी भिड़े ने बिना वक़्त गँवाए...लंड को चूत पे सेट किया ...और एक जोरदार धक्का मारा..जिससे पूरा का पूरा लंड चूत के अंदर समा गया......माधवी की ज़ोर से आहह निकली....लेकिन फिर उसने अपने आप को रोका...क्यूँ की बाहर कोई भी सुन सकता था....

माधवी :- क्या करते हैं आप...एक ही बार में...जान निकाल दी..

भिड़े :- सॉरी माधवी..वो मुझसे कंट्रोल नही कर पा रहा था..

माधवी :- मदहोशी भरी आवाज़ में...तो रुक क्यूँ गये...करिए ना जल्दी...आगू बाइइ....

और इतना सुनते ही...भिड़े ने लंड को बाहर निकाला और फिर से एक जोरदार धक्का मारा...और लंड चूत की गहराई में समाता हुआ अंदर चला गया......अब वो तेज़ तेज़ धक्के लगा रहा था...

माधवी....आहह ओह....माआआअ...उईईई....
और्र्रर तेज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़....सोनू के पापपपा...बहुतत्त्तत्त मज़ाअ आ रहा है.....

भिड़े ने अब अपने हाथ माधवी के आगे लाकर ...उसके चुचों पे रख के मसल्ने लगा...

माधवी...अब और सिसकियाँ भर रही थी...ओह्ह....हन्णन्न् ऐसे हीई....बसस्स....में जानंन्णनईए वालीइी हुन्न्ञन्......

उधर भिड़े की रफ़्तार तेज़ हो चुकी थी...वो जबरदस्त झटके लगा रहा था.....

आज इनके घर का किचेन...एक सेक्स किचेन बन गया था.....

भिड़े जबरदस्त धक्का लगा रहा था..लंड माधवी की गीली चूत की वजह से पच पच की आवाज़ें कर रहा था....

भिड़े ने माधवी के चूचों को मसल्ते हुए....निपल्स को खिचने लगा...

माधवी से अब सहा नही जा रहा था...वो धीरे से चिल्लाति हुई...मेंन्न...तोह...गैिईईईईई.... और झड जाती है.....

भिड़े भी माधवी के गरम पानी को सहन नही कर पाता ...और अपना सारा रस चूत के अंदर ही डाल देता है....

भिड़े माधवी के पीछे से उसके उपर गिर जाता है और हाँफने लगता है...और माधवी भी स्लिप को पकड़े हाँफने लगती है...

.......

उधर बाहर टप्पू को एक क्वेस्चन समझ नही आ रहा था...वो सोचने लगा..कि भिड़े अंकल को पानी पीने में इतना टाइम कैसे लग रहा है...और वो सोचता है चलो किचेन में ही जाके पूछ लेता हूँ...और वो किचेन की तरफ जाने लगता है..

इधर माधवी भिड़े..इस बात से अंजान ... ऐसे ही एक दूसरे के उपर पड़े थे...

क्या टप्पू इन दोनो को ऐसी हालत में देखेगा....ह्म्म्म....वी विल सी इन नेक्स्ट अपडेट....!!!!!!
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02-05-2021, 02:47 PM,
#50
RE: XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
टप्पू किचेन की तरफ बढ़ता है.....और कुछ ही मिनट में वो किचेन के अंदर पहुँच जाता है....और देखते ही बोलता है.....

टप्पू :- भिड़े अंकल .... ये क्या कर रहे हो??

भिड़े :- क्या कर रहा हूँ का क्या मतलब है टप्पू...

टप्पू :- भिड़े अंकल..हमे वहाँ बाहर टेस्ट देकर...आप खुद यहाँ मज़े कर रहे हो...

भिड़े :- तो तुम्हे में क्या मज़े करते हुए दिखाई दे रहा हूँ...

टप्पू :- और क्या...आपका तो ये रोज़ का काम है...माधवी आंटी के साथ ..आचार और पापड बनाने का.....और हँसने लगता है...

भिड़े :- टप्पू...तुझे तो में अभी बताता हूँ...

माधवी :- ऐसा क्या है...जाने दो ना..बच्चा है...

भिड़े :- अच्छा ये बता तू यहाँ क्यूँ आया है?

टप्पू :- अरे हाँ...भिड़े अंकल वो मुझे एक क्वेस्चन समझ नही आ रहा..तो इसलिए में यहाँ आ गया...

भिड़े :- अच्छा तुम चलो..में आता हूँ...

फिर टप्पू वहाँ से बाहर चला जाता है...

माधवी :- हस्शह.....बच गये.... और भिड़े की तरफ देखते हुए बोली...

देखा मेने कहा था ना..कोई अंदर आ गया तो...

भिड़े :- हाँ तो क्या हुआ....उसने कुछ देखा तो नही ना...

माधवी :- अच्छा ... अगर आते वक़्त उससे वो बाहर पड़ा हमारा प्लास्टिक वाला बाँस ना गिरा होता...तो हमे पता ही नही चलता कि वो अंदर आ रहा है.....

भिड़े :- अच्छा छोड़ो....लेकिन मज़ा तो आया ना.....

माधवी शरमाते हुए....आप बाहर जाइए..में चाइ लेकर आती हूँ....और फिर भिड़े बाहर चला जाता है...

हुआ ये था...जब टप्पू किचेन की तरफ जा रहा था तो..बाहर एक बाँस रखा था...जिसपे टप्पू का हाथ लग गया और वो गिर गया....अंदर किचेन में जैसे ही दोनो के कानो में वो आवाज़ पड़ी....दोनो घबरा गये....और फिर भिड़े ने जल्दी से अपनी जीन्स उपर कर ली...और माधवी ने भी अपनी पैंटी उपर कर के...अपना पेटिकोट और साड़ी नीचे कर ली....और दोनो ऐसे बैठ के काम करने लगे जैसे कुछ हुआ ही ना हो.....

किस्मत अच्छी थी आज....जो टप्पू ने देखा नही...माधवी ऐसा बोलते बोलते ... भिड़े को चाइ देने चली जाती है...

…………………………
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