02-11-2021, 12:53 PM,
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desiaks
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RE: XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
अईयर :- हाँ ये बात तो है...लेकिन मेरे दिमाग़ में अभी भी एक बात चल रही है.
जेठालाल :- हाँ बोलो अईयर भाई... बिंदास होके...
अईयर :- हम कल रात एक दूसरे के घरों में गये थे...लेकिन हमने ऐसा क्या किया
जो आप सब सुबह उस हालत में थी...
भिड़े और तारक अपने माथे पे हाथ मार देते हैं...
जेठालाल :- अरे ये...अईयर भाई..आप अपने मुँह पे टेप लगा लो...अच्छी भली आग
भुज चुकी थी...आप क्यूँ उसमे दुबारा पेट्रोल छिड़क रहे हो...अकल है आप मे..अकल
नॉनसेन्स कहीं के.....
तारक :- अईयरर्र्र्ररर......तेरा दिमाग़ तो ठीक है...
भिड़े :- ये बेसिश्ट मौश.....अईयर..तुझे क्या ज़रूरत थी ये बोलने की....देव
सदभुधी दे इसे....
सभी अईयर पे चढ़ जाते हैं....
लेकिन जब वो लॅडीस की तरफ देखते हैं तो वो सारे के सारे हैरान रह
जाते हैं..........
ऐसा क्या देख लिया इन्होंने......
वो तो जानने के लिए आपको अगला अपडेट पढ़ना पड़ेगा....
तो मिलेंगे मेरे साथ अगले अपडेट में...
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02-11-2021, 12:54 PM,
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desiaks
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RE: XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
तारक :- अंजलि तुम हंस क्यूँ रही हूँ....
जेठालाल :- हाँ बबीता जी....क्या हो गया अचानक....क्यूँ इतना हंस रहे हो..
अईयर :- जेठालाल...बबीता से में पूछूँगा...तुम दया भाभी से पूछो...
जेठालाल :- हाँ भाई..हाँ....तुम शांति रखो...अभी इतनी ठुकाई हुई है..ज़्यादा
बोलोगे...तो एक दो फटके और पड़ जाएँगे...
अईयर :- जेठालाल.........चिल्लाते हुए...
भिड़े :- अरे तुम लोग शांत रहोगे...तभी तो वो सब बातएँगी की आख़िर क्यूँ हंस
रही हैं.....बोलो माधवी....
माधवी :- हाँ बाबा...बताते हैं...पहले थोड़ा और हंस तो लें....
और सारी लॅडीस फिर से हँसने लगती हैं....
जेठालाल :- अरे दया ...अब प्लीज़ बता दे....क्यूँ हंस रहे हो इतना आप लोग..
तारक :- हाँ अंजलि बताओ अब...
अंजलि :- हँसी को रोकते हुई....हाँ तारक बताते हैं...
तो क्यूँ बहनो बता दे...
दया :- हाँ हाँ अंजलि भाभी....अब बता दीजिए इन सब को...
अंजलि :- तो तारक......आप सब..को ...लग ... रहा ... है....कि .... कल....
रात....आपने.....कुछ.....ग़लत.....किया......है.......
तारक :- हाँ...क्यूँ कि सुबह का नज़ारा देख के तो में खुद हिल चुका हूँ...
अंजलि :- हाँ तो फिर घबराइये मत.....कल रात ऐसा कुछ नही हुआ...जैसा आप
सब सोच रहे हैं...
सबके मुँह से क्य्ाआआआआआआआआआ........
पोपटलाल :- रीता क्या ये मेरे लिए भी है...
रीता :- नही....
पोपटलाल की दुनिया जैसे हिल गई हो....
रीता पोपटलाल को देख के हँसने लगती है....
रीता :- अरे हाँ तुमने भी कुछ नही किया......हाहः...शक़्ल देखो अपनी कैसी हो
गई है....
और सब हँसने लगते हैं......
तारक :- लेकिन अंजलि फिर सुबह तुम लोगों ने वो सब क्यूँ किया???
अंजलि :- अगर हम ऐसा ना करते...तो आप लोगों को ग़लती का अहसास कैसे होता..
दया :- हाँ ... आपको सबको अहसास दिलाने के लिए हमने ये नाटक किया..
जेठालाल :- लेकिन आप लोगों ने ये प्लान कब किया....
दया :- वो हुआ हूँ..कि ..
जेठालाल :- तू रहने दे दया....बबीता जी आप समझाइये...अगर ये समझाने
बैठी तो कल तक समझ नही आएगा....
दया :- क्या आप भी...ऐसा क्यूँ??
जेठालाल :- जेठालाल मुँह बनाते हुए...वो क्या है ना दया..बबीता जी अच्छे से
समझायेन्गी....उनको इंग्लीश भी आता है ना....
दया :- ओह...हाँ..फिर ठीक है...
जेठालाल :- हाँ तो बताइए बबीता जी..
बबीता :- आक्च्युयली जेठा जी..में सबको बता तो देती..लेकिन में चाहती हूँ..कि
अंजलि भाभी बताएँ...
तारक :- अंजलि तुम बताओ...नही तो ये सब किसी को बताने नही देंगी..
अंजलि :- अच्छा ठीक है.....तो उस रात हुआ यूँ था.........................
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02-11-2021, 12:55 PM,
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desiaks
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RE: XXX Kahani Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
तारक :- तो अंजलि ने माधवी भाभी से पूछा क्या.??
अंजलि :- नही में ही बता देती हूँ...
आप जब माधवी भाभी के पास थे..तो आप भी यही बोल रहे थे...अंजलि मैं तुमसे
बहुत प्यार करता हूँ..आइ लव यू सो मच..
तारक शरमा जाता है..हाहहहः...अजीब लगता है..उसका शरमाना...
जेठालाल :- तो फिर तो में भी....यही बोला होगा..बबीता जी को..
बबीता :- क्याअ..
अईयर :- क्या बोल रहे हो जेठालाल...
जेठालाल :- हड़बड़ाता हुआ..अईयर भाई मेरा मतलब है..कि में भी यही बोल रहा होउन्गा
बबीता जी के सामने..
दया :- हाँ यही बोला था आपने बबीता जी. से...
भिड़े :- माधवी कल रात तो मेने नशे में बोला होगा...लेकिन में अभी फिर से
बोलता हूँ...आइ लव यू...
माधवी शरमा जाती है..
तारक :- अंत भला तो सब भला..
पोपटलाल :- लेकिन अभी अंत कहाँ हुआ है..मेहता साहब..मेरा तो रह ही गया है..
रीता तुम बाहर नही आई थी कल..
रीता :- मुझे ज़रूरत ही नही पड़ी..
पोपटलाल :- क्यूँ??
रीता :- तुमने अपना शरीर देखा है...
पोपट लाल :- क्या मतलब् है तुम्हारा..
रीता :- मेरा मतलब है..कल रात जब तुम मेरे गेट के अंदर घुसे...मेने बस तुम्हे
रोकने के लिए तुम्हारा छाता क्या खिचा...तुम खुद ही ढेर हो गये..वहाँ पर...
पोपटलाल :- लेकिन फिर में वहाँ उस हालत में कैसे आया...
रीता :- वो हुआ यूँ..मुझे सुबह अंजलि भाभी..मिली...तो इन्होने सारी कहानी बताई..
और मेने तुम्हारे बारे मे बताया.....तब उन्होने मुझे वो आइडिया दिया..
पोपटलाल :- ओह्ह्ह....अच्छा.....
हाँ अब बोलो अंत भला तो सब भला.....
अंजलि :- लेकिन फिर भी तारक...आप लोगों ने ये अच्छा नही किया था....ऐसा कोई
करता है..
दया :- हाँ ये तो है...
सभी जेंट्स के पास अब कुछ नही बचा था इस बारे में बोलने को...वो सिर्फ़
सॉरी बोल सकते थे...उसके अलावा उनके पास कुछ नही था....
लेकिन एक बार फिर जेठालाल के दिमाग़ की बत्ती जल गई..
जेठालाल :- अगर आप लोग बुरा ना माने..तो में एक बात कहूँ..
दया :- हाँ बोलिए ना टप्पू पापा...
जेठालाल :- क्यूँ ना हम सब बाहर गाओं..कुछ दिनो के लिए घूमने चलें....
सभी लॅडीस ये बात सुन के बहुत खुश हो जाती है...
तारक :- वाहह जेठालाल..तुम तो आज छा गये हो...ये आइडिया सही है..
भिड़े :- जेठालाल खर्चा करने की क्या ज़रूरत है..
सोढी :- ऊओ भिड़ू...अभी खर्चा देखेगा..तो पछताएगा
तारक :- हाँ सोढी सही बोल रहा है..
भिड़े :- हकलाता हुआ..हां..शा.याद ठीक बोल रहे हैं..आप लोग..
माधवी :- क्या बातें कर रहे हैं..
जेठालाल :- वो कुछ नही..बस ये सोच रहे थे कि कहाँ जाए...
रोशन :- अच्छा..फिर ठीक है..हम भी सोचते हैं..
तभी जेठालाल एक जगह का नाम लेता है...जिसे सुन कर सार काफ़ी खुश हो जाते
हैं..सिवाय दो के...
हाँ हमारे भिड़े भाई साहब....और पोपटलाल ...खर्चा करना पड़ेगा ना..लेकिन
फोपट तो वो वहाँ कुछ नही बोले..
बबीता :- वाऊ..मुझे वो जगह जाने की कब्से इच्छा थी..लेकिन कभी टाइम नही मिला
माधवी :- हाँ सही कहा अपने..हम तो कितने सालों से कहीं गये ही नही...
दया :- तो अब चलेंगे ना मज़ा आएगा........
सभी जेंट्स एक साथ....हाँ बहुत मज़ा आएगा.........
तो इसी तरह ये एक बड़ी मुसीबत सुलझ गई..गोकुलधाम से.....
जी हाँ अब जेंट्स शांति की साँस लेंगे....वैसे एक बात तो है...पीना सच में ग़लत
बात है...लेकिन जो लोग पीते हैं...उन्हे ये ध्यान होना चाहिए कि उससे किसी और को
परेशानी ना हो..जैसे कि यहाँ हो सकती थी...
अरे आप लोग बोल रहे होंगे...कहाँ में फिलोष्फी गिरी कर रहा हूँ...
जी हाँ अब नही करूँगा....
मगर देखने वाली बात ये है...कि जेठालाल ने कहाँ जाने का प्रोग्राम बनाया जो सब
लोग इतने खुश हो गये....
में तो सोच ही रहा हूँ....आप सब भी सोचिए.......
पर दोस्तो इस सोसाइटी में समस्याएँ कभी ख़तम नही होती . देखते हैं आगे क्या होता है
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