XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
03-09-2021, 03:17 PM,
RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
जगमोहन ने होंठ भींचकर देवराज चौहान को देखा। तभी कॉल बेल बजी।

चारों चौंके। आधी रात हो रही थी। कौन आ सकता है इस समय?

मैं देखता हूं।” कहने के साथ ही देवराज चौहान ने रिवॉल्वर निकाली और दरवाजे की तरफ बढ़ गया।

दरवाजे के पास पहुंचकर ठिठका देवराज चौहान। सबकी निगाह उस पर थी।

कौन है?” देवराज चौहान ने दरवाजे के पास मुंह ले जाकर पूछा।

“मैं, लक्ष्मण दास ।”

देवराज चौहान ने आवाज को पहचाना, वो लक्ष्मण दास की ही आवाज थी।

रिवॉल्वर सतर्कता से थामे, देवराज चौहान ने दरवाजा खोला।

पोर्च में जल रही रोशनी में लक्ष्मण दास दिखा। फिर सपन चड्ढा नजर आया। परंतु उनके पीछे नजर पड़ते ही देवराज चौहान बुरी तरह चौंका। वो मोना चौधरी थी।

“तुम?" देवराज चौहान के होंठों से निकला। उसने रिवॉल्वर वापस जेब में रख ली।।

मैं तुमसे मिलना चाहती थी।” मोना चौधरी गम्भीर स्वर में बोली-“लेकिन तुम्हारा पता-ठिकाना नहीं जानती थी, इसलिए लक्ष्मण दास को किसी तरह तैयार किया कि वो मुझे तुम तक ले आए तो ये साथ में सपन चड्ढा को भी ले आया।” |

देवराज चौहान अभी भी हक्का-बक्का था। पीछे हटकर, उसने तीनों को भीतर आने का रास्ता दे दिया।

तीनों भीतर आ गए। देवराज चौहान ने दरवाजा बंद किया और पलटा।

मोना चौधरी को सामने पाकर, जगमोहन, बांके और रुस्तम राव चिहुंक पड़े।

“तुम?” जगमोहन के होंठों से निकला।

“बाप ।” रुस्तम राव, बांके से कह उठा–“घोटाला होईला ।”
बांकेलाल राठौर मूंछों पर हाथ फेरते मोना चौधरी को देखने लगा।

मोना चौधरी ने उलझन-भरे ढंग से तीनों को देखा फिर पलटकर देवराज चौहान को देखा, इसके साथ ही बोली।
“तुम लोग मुझे यहां देखकर इतने परेशान हैरान क्यों हो?"

“तुम मोना चौधरी नहीं हो।” जगमोहन दांत भींचकर बोला। मोना चौधरी के चेहरे पर अजीब से भाव उभरे।

मैं मोना चौधरी नहीं हूं कितनी अजीब बात है कि तुम कह रहे...।” ।

“तुम उसकी हमशकल हो, जथूरा की कोई चाल हो।” जगमोहन का स्वर बेहद सख्त था।

“क्या कह रहे हो?” मोना चौधरी हक्की-बक्की थी।

मोना चौधरी इस वक्त दिल्ली में है—वो...।”

*मैं मोना चौधरी हूं।”

नहीं। तुम मोना चौधरी नहीं हो।” जगमोहन ने दृढ़ स्वर में कहा।

“मैं तुम्हारे सामने खड़ी हूं और तुम कहते हो कि मैं, मैं नहीं हूं। मैं दिल्ली में हूं।” । ।

“हां। यही मैंने कहा। असली मोना चौधरी दिल्ली में है। अभी पारसनाथ से मेरी बात हुई है।”

“क्या बकवास कर रहे हो।” मोना चौधरी के माथे पर बल पड़े-“मैं दिल्ली से, लक्ष्मण दास और सपन चड्ढा के साथ आठ बजे की फ्लाइट पर चली थी। ये बात तुम इन दोनों से पूछ सकते हो।”

लक्ष्मण दास और सपन चड्ढा ने तुरंत सिर हिलाया। “मोना चौधरी ठीक कह रही है।” सपन चड्ढा बोला।

कितनी अजीब बात है कि मोना चौधरी सामने खड़ी है और तुम कहते हो कि ये मोना चौधरी नहीं है।” लक्ष्मण दास कह उठा।

जगमोहन कुछ कहता, उससे पहले ही देवराज चौहान ने कहा।

तुम हमसे क्यों मिलना चाहती थीं?”
Reply
03-09-2021, 03:17 PM,
RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
बांके की वजह से।” मोना चौधरी ने बांकेलाल राठौर को देखा–“इसने पारसनाथ के यहां जो किया वो...।”

तुम्हें पारसनाथ ने बताया नहीं कि वो बांके का हमशक्ल था।”

“बताया, ये भी बताया कि मेरी हमशक्ल ने नगीना का अपहरण किया है। लेकिन मुझे इन बातों पर विश्वास नहीं। तुम लोग बांके की गलत हरकत को दबाने के लिए, नया बहाना सुना रहे हो ।” मोना चौधरी ने तीखे स्वर में कहा।

तुम्हारा मतलब कि हम गलत कह रहे हैं।” देवराज चौहान ने चुभते स्वर में कहा।

। “हां ।”

फिर तो हमें तुमसे नगीना की वापसी की बात करनी चाहिए, जो तुम्हारे पास है।" ।

“मैंने ये काम नहीं किया। नगीना का अपहरण मैं क्यों करूंगी?” मोना चौधरी कह उठी।

“हमारे पास आंखों देखे गवाह हैं।”

गवाह झूठे हैं।”

वो सच्चे हैं। नगीना की नौकरानी सत्या ने तुम्हें नगीना के साथ बातें करते देखा, फिर तुम दोनों गायब हो गईं।”

“मैं नगीना से मिली ही नहीं। मुझे नहीं मालूम वो किधर रहती

“हम सत्या को झूठा नहीं मान सकते, जिसने तुम्हें अपनी आंखों से देखा, तुम्हारा हुलिया बताया। नगीना ने सत्या से भी कहा कि वो मोना चौधरी से बात कर रही है।” देवराज चौहान एक-एक शब्द चबाकर बोला।

“तुम गलत कह रहे हो देवराज चौहान, वो मैं थी ही नहीं।” मोना चौधरी ने कहा।

“दूसरी हो सकती है।”

वो दूसरी ही होगी।”

“वो ही तो हम कह रहे हैं कि इस वक्त दो मोना चौधरी और दो बांके, सुनने को मिल रहे हैं। पारसनाथ से जिस बांके ने झगड़ा किया वो नकली था। बांके तो यहां पर हमारे पास था तब।” ।
मोना चौधरी के होंठ भिंच गए।

“ये असली मोना चौधरी नहीं है।” जगमोहन ने कहा और फोन निकाल कर पारसनाथ के नम्बर मिलाने लगा।

बकवास मत करो। मैं मोना चौधरी ही हूं।

” अभी पता चल जाता है।” जगमोहन ने सतर्क स्वर में कहा।

छोरे, यो मामलो तो घनो उलझो गयो।” बांकेलाल राठौर बोला।

“बाप, अपनी खोपड़ी घूमेला है।” रुस्तम राव ने गहरी सांस लेकर कहा।

दिखो तो यो मोन्नो चौधरो ही।” ।

ये ही तो झमेला हेईला कि ये मोना चौधरी दिखेला है।

” जगमोहन की पारसनाथ से बात हुई।

मोना चौधरी कहां है?” मोना चौधरी पर नजर मारते जगमोहन ने पूछा।

“अभी सितारा का फोन आया था कि वो राधा के पास पहुंच गई है।” पारसनाथ की आवाज कानों में पड़ी—“सितारा के पहुंचने तक मोना चौधरी, राधा के पास ही थी। उसके बाद चली गई।

“ये कब की बात है?”

अभी की ।”

अब तुम्हें ये जानकर खुशी होगी कि मोना चौधरी अभी-अभी हमारे पास आई है।”

क्या?"

दिल्ली से मुम्बई वो पलक झपकते ही पहुंच गई। साथ में सपन चड्ढा और लक्ष्मण दास भी हैं।”

“ये नहीं हो सकता।” ।

हुआ पड़ा है ये।” जगमोहन तीखे स्वर में बोला-“मोना चौधरी कहती है कि वो आठ बजे वाली फ्लाइट से दिल्ली से चली।”

“पैसेंजर लिस्ट से सच्चाई पता चल सकती है।”

अब तुम किसे असली मोना चौधरी कहोगे। दिल्ली वाली को या मुम्बई वाली को।”

पारसनाथ की आवाज नहीं आई। तभी मोना चौधरी जगमोहन की तरफ बढ़ते कह उठी।
मुझे बात करने दो, पारसनाथ से।” जगमोहन ने फोन मोना चौधरी को थमा दिया।

पारसनाथ ।” मोना चौधरी फोन पर बोली-“क्या हो रहा है। ये सब?”

मेरा तो दिमाग खराब हो चुका है।

” हुआ क्या?"

घंटा-भर पहले तुमने ही मुझे फोन पर कहा था कि जगमोहन, राधा को घायल करके, महाजन को बेहोश करके ले गया और उसने तुम्हें भी मारने की चेष्टा की। तुमने सितारा को, राधा के पास भेजने को कहा तो मैंने...।”

“मैंने आठ बजे लक्ष्मण दास और सपन चड्ढा के साथ मुम्बई की फ्लाइट पकड़ी थी। कुछ देर पहले ही देवराज चौहान के पास पहुंची हूं। मैं तुम्हें कैसे फोन कर सकती हूं। जगमोहन मुझे कैसे मारने की कोशिश कर सकता है। बकवास कर रहे हो तुम?”

“मैं सही कह रहा हूं मोना चौधरी। तुमने ही मुझे फोन किया था।”

नहीं, वो मैं नहीं थी।”

तो कौन था वो?”
Reply
03-09-2021, 03:17 PM,
RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
ये तुम पता करो। मेरा फोन भी मेरे पास है। मालूम करो तुम्हें फोन करने वाली कौन है?”

। “वो ही होगी, जिसने नगीना का अपहरण किया।”

मोना चौधरी का चेहरा कठोर हो गया। “ढूंढो उसे और खत्म कर दो।”

ये सब जथूरा कोई चाल चल रहा है। जो हम सबमें झगड़ा करवाना चाहता है।”

“तुम उस मोना चौधरी की खबर लो।”

अभी जाता हूँ मैं।” ।

मोना चौधरी ने फोन बंद करके जगमोहन को दिया और बोली।

मैं ही असली मोना चौधरी हूँ। वो कोई बहरूपिया है। पारसनाथ कुछ ही देर में उसे तलाश कर लेगा।”

“हमें नहीं मालूम तुम बहरुपिया हो या दूसरी ।”

मोना चौधरी ने कड़वी मुस्कान के साथ जगमोहन से कहा।
इस बात का यकीन तुम्हें दिलाने की जरूरत नहीं समझती।

” हमें तो जरूरत है।”

क्यों?”

क्योंकि नकली मोना चौधरी के पास नगीना अभी है।”

मैं नकली नहीं, असली हूं।” फिर वो लक्ष्मण दास और सपन चड्ढा से बोली-“चलो, हमें वापस दिल्ली जाना है। जिस काम के लिए मैं मुम्बई आई थी, उसकी अब जरूरत नहीं रही। बांके के बहरूपिये ने, पारसनाथ के यहां झगड़ा किया, ये जान गई हूं मैं ।”

*और।” जगमोहन बोला—“मैंने जो महाजन के यहां किया—वो।”

“वो तुम्हारा बहरुपिया था, जो महाजन को ले गया। मैं उसे ढूंढ़ निकालूंगी। अगर ये काम जथूरा कर रहा है तब वो बचेगा नहीं। हमें पूरी कोशिश करनी है कि इन हालातों के बीच, हममें झगड़ा पैदा न हो।” मोना चौधरी गम्भीर स्वर में कह उठी।

जगमोहन ने देवराज चौहान को देखा। | मोना चौधरी लक्ष्मण दास और सपन चड्ढा के साथ बाहर निकल गई।

चुप्पी-सी आ ठहरी वहां। देवराज चौहान ने सिगरेट सुलगाकर कश लिया।

यो तो अजीब बातों हो रईयो हो।” बांकेलाल राठौर ने गम्भीर स्वर में कहा–“एक-दूसरों के नकली चेहरो सामनो आ रहो हो। अंम किस पर भरोसो करो हो। यो तो खोपड़ी खराबो करनो वालो बातो हौओ हो ।” ।

देवराज चौहान ने कश लिया। आंखों में गहरी सोच के भाव थे।

“सच में दिमाग खराब हो रहा है।” जगमोहन बोला।।

क्यों बाप?” रुस्तम राव देवराज चौहान से कह उठा–“तुम क्या सोचते हो?”

हम इन हालातों को समझते हुए भी, ज्यादा देर तक अपने पर काबू नहीं रख सकते ।” देवराज चौहान ने कहा।

ये क्या कहते हो?”

“मैं ठीक कह रहा हूं। जथूरा ऐसी शानदार चालें चल रहा है। कि समझते हुए भी हम कोई रास्ता नहीं चुन सकते। इसका अंत झगड़े पर ही आकर खत्म होगा और वो अपनी कोशिश में सफल हो जाएगा।” देवराज चौहान ने कश लिया।

“हम सतर्क रहकर...।”

ज्यादा देर सतर्कता का दामन नहीं पकड़े रह सकते। कभी भी कोई भी घटना, किसी का दिमाग खराब कर सकती है और कुछ भी हो सकता है।”

“देवराज चौहानो ठीको बोल्लो हो ।” । जगमोहन के होंठ भिंच गए।

हमारे पास देखते रहने के अलावा, करने को कुछ नहीं है। देखते रहो। सब्र का बांध टूटे तो दूसरे पर झपट पड़ो। बस यही होगा।”

“मैं ये नहीं होने...।”

एकाएक जगमोहन के मस्तिष्क में बिजलियां कौंधीं। उसने दोनों हाथों से अपना सिर थाम लिया। आंखें बंद होती चली गईं। बिजली के तेज धमाके बज रहे थे उसके दिमाग में, फिर सब कुछ शांत होता चला गया। उसके बाद जगमोहन के मस्तिष्क में वो ही जगह देखी, जो वो पहले देख चुका था। वहां नगीना को उसी मुद्रा में बेहोश पड़े देखा, परंतु चंद कदमों के फासले पर, अब महाजन भी वहां बेहोशी की मुद्रा में पड़ा हुआ था। वहां की हर जगह शांत थी। समुद्र की लहरों का शोर कानों में पड़ रहा था। चट्टानों से भरी पथरली जमीन। लम्बे, हवा से हिलते पेड़। नीचे पत्थरों को छोड़कर, हर जगह घास नजर आ रही थी। एक तीन फुटा, घास में से कच्चा रास्ता, एक तरफ जा रहा था।

फिर जगमोहन सामान्य होता चला गया।

देवराज चौहान, रुस्तम राव और बांके की नजरें जगमोहन पर थीं।।

“का हो गयो थारो को, सिरो दर्दो से फट जावो का?” |

जगमोहन ने दोनों हाथ सिर से हटाए, आंखें खोलीं और देवराज
चौहान को देखा।

महाजन, नगीना भाभी के पास बेहोश पड़ा देखा। मैंने पूर्वाभास में देखा है अभी-अभी ।” ।

“तो जथूरा हमें इस तरह ले जाकर एक जगह इकट्ठा कर रहा है।” देवराज चौहान बोला।

यही लगता है।”

“वो कौन सी जगह है?”

“मैं समझ नहीं पाया। लेकिन समुद्र के किनारे चट्टानों-भरी पथरीली जमीन है। वहां घास भी है, पेड़ भी, पगडंडी भी।

” जगमोहन ने गम्भीर स्वर में कहा-“मैं नहीं जानता कि वो जगह कहां पर है।”

छोरो समझो का?

" समझेला है बाप ।”

तभी जगमोहन के कानों में पोतेबाबा की फुसफुसाहट गूंजी। “बहुत देर से तेरे से बात नहीं हुई जग्गू।” जगमोहन चौंककर पलटा। कुछ भी नजर नहीं आया।

पोतेबाबा।” जगमोहन के भिंचे होंठों से निकला। लगता है तू भी मेरे बिना उदास हो गया जग्गू।

” तू कमीना है।” जगमोहन ने दांत पीसकर कहा।
पोतेबाबा के हंसने का स्वर गूंजा।।

पोतेबाबा आ गयो छोरो ।

” नजर नेई आरेला बाप ।” तभी देवराज चौहान ने सिगरेट का धुआं आवाज की तरफ फेंका।।

अगले ही पल पोतेबाबा की आकृति सी नजर आई। चेहरे की आकृति । धुएं की लकीरों जैसी।

“ये सब जथूरा का फेंका कालचक्र है।” पोतेबाबा की आवाज सबने सुनी–“इससे कोई बच नहीं सकता।”

“जथूरा का कालचक्र हमारे सामने फेल हो जाएगा।” जगमोहन ने तीखे स्वर में कहा।

ऐसा कभी नहीं हो सकता। अभी भी वक्त है। मान जा, पीछे हट जा। जथूरा के हादसों में दखल न दे।”

“जो बात नहीं हो सकती, वो कह ही मत।”

“तुम सब का बुरा वक्त आने वाला है। एक वक्त ऐसा आएगा कि तुम लोग अपनी परछाईं पर भी शक करने लगोगे कि वो भी तुम्हारी है कि नहीं। इतने तंग आ जाओगे कि एक-दूसरे की जान लिए बिना नहीं रह पाओगे।”

तंम तो दूर बैठो के मजे लियो हो।” ।

जग्गू, जथूरा नहीं चाहता है कि तुम पूर्वजन्म की यात्रा करो। मामूली सी तो बात है। तुम लोग क्यों...।”

। “मुझे पूर्वाभास कौन करा रहा है पोतेबाबा?” जगमोहन ने पूछा।

ये पता चल जाता तो जथूरा कब का इस मामले को खत्म कर देता। परंतु उसका पता नहीं चल रहा ।” |

“हमें कैसे पता कि पूर्वजन्म को कौन-सा रास्ता जाता है। जथूरा तो खामखाह डर रहा है।” जगमोहन मुस्कराकर बोला । |

“जो तुम्हें पूर्वाभास करा रहा है, वो तुम लोगों को पूर्वजन्म में प्रवेश करने वाले रास्ते पर ले जाएगा।”

ऐसा होगा?”

हां ।”

तो तुम्हें पहले से ही पता है कि ये सब होने वाला है तो हमें रोक क्यों रहे हो?" जगमोहन ने कहा।

“इसलिए कि अगर तुम मान जाओ तो ये सफर रोका जा सकता है। या देवा या मिन्नो में से एक मर जाएं तो पूर्वजन्म की यात्रा हमेशा-हमेशा के लिए रुक जाएगी। तुम लोगों की पूर्वजन्म की यात्रा जथूरा के हक में अच्छी नहीं रहेगी। इसलिए रोका जा रहा है तुम सबको। अगर जथूरा ने तुम लोगों की ये यात्रा रोक दी तो जथूरा बहुत ज्यादा शक्तिशाली हो जाएगा।”

“तड़प रहा होगा जथूरा, हमें रोकने को ।”

“कोशिश तो वो कर ही रहा है। मान जाओ जग्गू। फायदे में रहोगे।”

नगीना कहां है?"

“नगीना और नील सिंह सुरक्षित हैं। एक जगह पर दोनों बेहोश पड़े हैं तुम...।”

यही वो वक्त था, जब देवराज चौहान ने फुर्ती से रिवॉल्वर निकाली और जहां पोते बाबा के खड़े होने का अहसास था, उस तरफ करके गोली चला दी।

तेज धमाका गूंजा फिर सब कुछ शांत हो गया। दो पलों तक तो कोई स्वर ही न उभरा।

“तुमने अपनी कोशिश कर ली देवा ।” पोतेबाबा का मुस्कराता स्वर सबके कानों में पड़ा।

देवराज चौहान के होंठों से गहरी सांस निकली फिर कह उठा।
तो गोली तेरे को नहीं लगी।”

लगी। इस तरह जैसे तुम लोगों को छोटा-सा कंकर लगता है, वैसे मुझे गोली लगी। तुम क्या समझते हो कि तुम्हारे ये मामूली से खिलौने मेरा अहित कर सकेंगे? नहीं, तुम लोग मेरे को नुकसान नहीं पहुंचा सकते। मैं हर तरफ से सुरक्षित होकर, इस दुनिया में आया हूँ।” |
Reply
03-09-2021, 03:17 PM,
RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
देवराज चौहान ने रिवॉल्वर जेब में रख ली।

देवा की इस हरकत से जाहिर है कि तुम लोग, मेरी बात न मानकर अपना खेल ही चालू रखना चाहते हो। मर्जी तुम लोगों की। बुरा भुगतोगे तुम लोग। जथूरा का कालचक्र तुम लोगों को कहीं का नहीं छोड़ेगा ।”

“अंम थारी चुटियो को पकड़कर घुमायो पोतो बाबे ।”

“तुम लोग मामूली इंसान हो मेरे सामने। जाता हूं, अब भुगतना तुम लोग।”

उसके बाद पोतेबाबा की आवाज नहीं आई। | चुप्पी-सी आ ठहरी वहां ।।

“हम लोगों के पास करने को कुछ नहीं है।” देवराज चौहान बोला–“और जथूरा अपने मन की किए जा रहा है।”

,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
Reply
03-09-2021, 03:17 PM,
RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
| जगमोहन से बात करने के बाद पारसनाथ ने उसी पल सितारा को फोन किया।

“मेरे बिना दिल नहीं लग रहा परसू ।” उसकी आवाज सुनने पर, उधर से सितारा ने मजाक में कहा।

मोना चौधरी कहां है?” । ।

“वो तो मेरे आते ही चली गई। बेचारी राधा की हालत खराब है। मुंह सूजा हुआ है। महाजन का पता चला?”

“अभी नहीं। मोना चौधरी ने कुछ कहा कि वो किधर जा रही

| “ऐसी तो कोई बात नहीं हुई। क्यों क्या बात है। उसे फोन कर ले, कोई काम है तो ।”

पारसनाथ ने फोन काट दिया।

जगमोहन के पास मोना चौधरी ने कहा था कि उसका फोन भी उसके पास है। इसलिए पारसनाथ मोना चौधरी को फोन न करना चाहता था। वो कपड़े चेंज करके, कार पर मोना चौधरी के फ्लैट पर पहुंचा। रात के दो बज रहे थे। हर तरफ सुनसानी छाई हुई थी। पारसनाथ ने दरवाजे पर पहुंचकर कॉलबेल दबाई। । फौरन ही दरवाजा खुला। सामने मोना चौधरी थी।

तुम?” उसे देखते ही मोना चौधरी के होंठों से निकला फिर पीछे हट गई।

| उसे गहरी निगाहों से देखते पारसनाथ ने भीतर प्रवेश किया।

मोना चौधरी अभी तक बाहरी कपड़ों में थी।

जगमोहन को हमें जल्दी ही ढूंढ़ना है पारसनाथ।” मोना चौधरी बोली-“वो महाजन के साथ जाने क्या सलूक करे।”

पारसनाथ खामोश रहा।

मोना चौधरी ने उसे देखा फिर कह उठी।
कोई खास बात है पारसनाथ?

” नहीं। खास नहीं। तुम्हारा मोबाइल कहां है?”

मोबाइल?” मोना चौधरी के माथे पर बल पड़े–“वो सामने टेबल पर रखा है।”

पारसनाथ आगे बढ़ा और मोना चौधरी ने मोबाइल उठाया। उलट-पलटकर देखा। फिर अपना फोन निकाला और मोना चौधरी के फोन के नम्बर मिलाने लगा। मोना चौधरी की अजीब-सी निगाह पारसनाथ पर थी।

“क्या बात है पारसनाथ?” तभी मोना चौधरी का फोन बज उठा।

पारसनाथ के होंठ भिंच गए। उसने फोन काटा और वापस टेबल पर रखकर मोना चौधरी को देखा।

मोना चौधरी उसे ही देख रही थी।

कौन हो तुम?” ।

“मैं?” मोना चौधरी के होंठ सिकुड़े–“तुम मुझे पूछ रहे हो कि मैं कौन हूँ?” ।

हां, तुम्हीं से...।”

“तुम्हें क्या हो गया है पारसनाथ?”

जवाब दो ।” पारसनाथ का खुरदरा चेहरा सपाट था।

“मैं-मैं मोना चौधरी हूं।”

इस बात का यकीन दिला सकती हो?” पारसनाथ ने सपाट स्वर में पूछा।

यकीन?” मोना चौधरी हैरत से भर गई–“तुम्हें ये यकीन दिलाना होगा कि मैं मोना चौधरी हूँ?”

हां ।

” क्या तुम मुझे यकीन दिला सकते हो कि तुम पारसनाथ हो?”
दोनों ने एक-दूसरे की आंखों में झांका।

“मुझे राधा का फोन आया और उसने बताया कि जगमोहन महाजन को बेहोश करके कंधे पर डालकर ले गया है। मैं तुरंत महाजन के घर पहुंची तो, बाहर अंधेरे में मैंने जगमोहन को अपने इंतजार में पाया। मेरा उससे झगड़ा हुआ। उसने रिवॉल्वर निकालकर मुझे मारना चाहा, लेकिन बाजी पलट गई। वो भाग गया। मैं राधा के पास भीतर पहुंची तो राधा ने मुझे सब कुछ बताया, तब मैंने तुम्हें फोन करके, सितारा को, राधा के पास भेजने को कहा। सितारा आई तो मैं यहां आ गई। अब तुम यहां आकर मुझसे सबूत मांग रहे हो कि क्या मैं सच में मोना चौधरी हूं।”

पारसनाथ ने सिगरेट सुलगाकर कश लिया फिर गम्भीर स्वर में बोला।
“मैंने घंटा भर पहले मोना चौधरी से बात की है। वो मुम्बई में जगमोहन के पास थी, उसके साथ लक्ष्मण दास और सपन चड्ढा भी थे। वो आठ बजे की फ्लाइट से, दोनों के साथ मुम्बई गई थी। उसका कहना है कि उसका फोन भी उसके पास है।”

“फ...फोन तो मेरे पास है, फिर उसके पास कैसे हो सकता है?” मोना चौधरी बोली।

“जो हुआ वो तुम्हें बता रहा हूं।”

“तुम्हारा मतलब कि महाजन को ले जाने वाला जगमोहन नहीं था। राधा झूठ बोल रही है?”

राधा झूठ क्यों बोलेगी?" ।

“तो फिर मुम्बई में जगमोहन कैसे हो सकता है। वो तो दिल्ली में...।”

“वो मुम्बई में भी है।” पारसनाथ की चुभती निगाह मोना चौधरी पर थी—“मैंने जगमोहन से भी बात की ।”

तुम पागल हो।”

“अभी तो नहीं हुआ।” पारसनाथ मुस्करा पड़ा-“अब तक के हालातों का निचोड़ है कि ये सब खेल, जथूरा की चाल है, वो हममें और देवराज चौहान में झगड़ा कराना चाहता है। मुझसे लड़ने वाला बांके नकली था। महाजन को उठा ले जाने वाला जगमोहन नकली था। परंतु मोना चौधरी कौन-सी असली है, ये मैं समझ नहीं पा रहा हूं। जथूरा हमें उलझा रहा है और हम उलझते जा रहे हैं।” पारसनाथ के स्वर में गम्भीरता थी।

मोना चौधरी मुस्कराकर कह उठी।

“मैं अपने फ्लैट पर हूं। मेरा फोन मेरे पास है। इसी से तुम्हें यकीन कर लेना चाहिए कि मैं ही...।” ।

“मैं आसानी से यकीन करके धोखा नहीं खाना चाहता। इस तरह मैं जथूरा के खेल का मोहरा नहीं बनना चाहता ।”

| “मोहरा तो तुम बन रहे हो, मुझ पर शक करके।” मोना चौधरी बोली।

सपन चड्ढा के बंगले पर फोन करो।” पारसनाथ बोला। | मोना चौधरी ने आगे बढ़कर फोन उठाया और सपन चड्ढा के बंगले का नम्बर मिलाने लगी।
बेल हुई। होती रही। मोना चौधरी ने फोन कानों से लगाए रखा।

पारसनाथ गम्भीर मुद्रा में टहलता कश लेता रहा।
हैलो ।” उधर से नींद भरा, नौकर का स्वर कानों में पड़ा। सपन साहब से मेरी बात कराओ।” मोना चौधरी बोली। मालिक से?

लेकिन आप कौन हैं?”

मोना चौधरी ।” ।

कमाल है। वो आपके साथ तो गए थे। सेठजी के दोस्त भी साथ में थे और अब आप...।”

मोना चौधरी ने फोन बंद करके कहा।

सपन चड्ढा, मेरे साथ वहीं गया है।”

अब समझीं तुम कि मुझे ये जानना है कि असली तुम हो या वो?” ।

“मैं हूँ पारसनाथ, मुझे पहचानो, मैं...।

” “कहने भर से कुछ नहीं होता।”
तो कैसे होता है?” मोना चौधरी का स्वर उखड़ गया। ऐसी कोई बात जिससे मुझे यकीन हो सके कि...” “तुम ही कहते हो कि ये सब चालें जथूरा चल रहा है और तुम ही उसकी चाल में फंसकर मुझे मोना चौधरी नहीं मान रहे ।”
Reply
03-09-2021, 03:17 PM,
RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
पारसनाथ कुछ कहने लगा कि उसका फोन बजा।

पारसनाथ ने स्क्रीन पर आया नम्बर देखा तो उसकी आंखें सिकुड़ गईं।

ये मोना चौधरी के मोबाइल फोन का नम्बर था। पारसनाथ ने टेबल पर पड़े मोना चौधरी के मोबाइल फोन पर नजर मारी। मोना चौधरी को देखा जो कि उसे ही देख रही थी। पारसनाथ ने कॉलिंग स्विच दबाकर फोन कान से लगाया।
"हैलो ।”
“पारसनाथ ।” मोना चौधरी की आवाज कानों में पड़ी—“हमें दिल्ली की टिकट मिल गई है। कुछ ही देर में फ्लाइट यहां से निकल जाएगी। मैं एयरपोर्ट से सीधे तुम्हारे पास आऊंगी। ताजा हालातों पर बात करनी है। बहुत कुछ अजीब-सा हो रहा है।”

तुम अपने फ्लैट पर आना।” मोना चौधरी पर निगाह मारकर पारसनाथ बोला-“मैं तुम्हें वहीं मिलूंगा।”

मोना चौधरी की आंखें सिकुड़ीं।

ठीक है। महाजन का कुछ पता चला?

” “अभी तो नहीं ।”

मैं तीन घंटों तक पहुंच जाऊंगी। फिर बात करते हैं।” उधर से मोना चौधरी ने फोन बंद कर दिया।

पारसनाथ ने फोन जेब में रखते हुए कहा।

“तुम समझ ही गई होगी कि मै मोना चौधरी से बात कर रहा था।”

मैं हूं मोना चौधरी ।”

“सुबह तक वो यहां पहुंचेगी मैं भी रहूंगा और चाहूंगा कि जब वो आए तो तुम बाथरूम में चली जाना। पहले मैं उससे अकेले में बात करूंगा। मैं नहीं चाहूंगा कि वो तुम्हें देखे।” पारसनाथ ने ठोस स्वर में कहा। ।

“यकीन मानो पारसनाथ, मैं मोना चौधरी हूं—असली। वो झूठी है, फ्रॉड है, वो।” ।

“वो भी आ रही है, उसकी भी सुन लेने दो मुझे। मुझे आशा है कि जब तुम दोनों को आमने-सामने कराऊंगा तो असली-नकली का रहस्य खुल जाएगा।” पारसनाथ ने सपाट स्वर में कहा।

“तुम जथूरा की चालों में फंसते जा रहे हो पारसनाथ। तुम...।”

“खामोश रहो। मैं तुम्हारी बातों में फंसने वाला नहीं।” पारसनाथ ने पुनः सपाट स्वर में कहा।
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मोना चौधरी, लक्ष्मण दास और सपन चड्ढा एयरपोर्ट से बाहर निकले तो दिन का उजाला फैलना शुरू हो गया था। मोना चौधरी दोनों से कह उठी।
“तुम लोग जाओ। मैं टैक्सी से चली जाऊंगी।” कहकर वो टैक्सी स्टैंड की तरफ बढ़ गई।

सपन चड्ढा की कार पार्किंग में खड़ी थी।

“तुम मेरे साथ ही चलो लक्ष्मण। मेरे बंगले पर ही नींद लेना फिर खाना खाकर जाना।”

“जैसी तुम्हारी इच्छा।” दोनों पार्किंग की तरफ बढ़ गए।

मोना चौधरी, देवराज चौहान किस मामले में फंसे हैं, क्या तेरे को समझ आ रहा है?” लक्ष्मण दास ने पूछा।

पूर्वजन्म का मामला है, परंतु मुझे ठीक से समझ में नहीं आ रहा।”

“समझ में तो मुझे भी नहीं आ रहा।”

मैं तो मोमो जिन्न के बारे में सोच रहा हूं कि वो कब हमारा पीछा छोड़ेगा। उसने तो सच में हमें अपना गुलाम बना लिया है।”

मुझे नहीं पता था कि जिन्न ऐसे होते हैं।”

इससे भी खतरनाक होते होंगे। पहले कभी हमारा वास्ता, किसी जिन्न से तो पड़ा नहीं कि...।”

सपन।” लक्ष्मण दास ने टोका।।

हां ।” सपन चड्ढा ने चलते-चलते उसे देखा।

हम दोनों खिसक लेते हैं। मोमो जिन्न को पता ही नहीं चलेगा कि हम कहां गए। जब सब ठीक हो जाएगा तो...।”

“उसने हमें पकड़ लिया तो नंगा करके सड़कों पर घुमाएगा।”

ये उसकी खोखली धमकी है।”

“अगर उसने ऐसा कर दिखाया तो?" लक्ष्मण दास ने गहरी सांस ली। फिर कुछ नहीं कहा उसने। दोनों पार्किंग में खड़ी, अपनी कार तक पहुंचे और चल पड़े।
सपन चड्ढा और लक्ष्मण दास बंगले पर पहुंचे।

गेट पर दरबान मौजूद था। दूसरा नौकर लॉन में पौधों को पानी देता दिखा। कार को पोर्च में लाकर छोड़ा और भीतर प्रवेश कर गए। सपन चड्ढा ने कहा।

मैं चाय-कॉफी के लिए कहता...।

” मैं तो सोऊंगा।”

“ठीक है ऊपर कमरे में चलते हैं। एक ही कमरे में सोएंगे।”

पहली मंजिल पर सपन चड्ढा लक्ष्मण दास के साथ अपने बेडरूम में पहुंचा तो दोनों ही ठिठक गए।

सामने चार फीट का मोमो जिन्न दिखा। मोमो जिन्न कमरे में टहल रहा था तो कभी एक तरफ रखी खाली कुर्सी पर बैठ जाता। वो परेशान लग रहा था। उसने दोनों को देखा, परंतु जैसे अपनी परेशानी में व्यस्त रहा।

सपन चड्ढा और लक्ष्मण दास की नजरें मिलीं। इसे क्या हो गया है?” लक्ष्मण दास धीमे स्वर में बोला।

ये कमीना तो हमें देखते ही हम पर सवार हो जाता है, अब बात भी नहीं कर रहा।”

कुर्सी की कील चुभ गई होगी कूल्हे में। तभी तो चहलकदमी कर रहा है।”

मजाक मत कर, जरूर कोई बात है।”

“मैं नींद लेने अपने ही बंगले पर चला जाता तो ठीक रहता। वहां ये तो नहीं मिलता।”

क्या पता तब ये वहां होता।”

“फिर तू तो चैन की नींद ले पाता। मुझे नहीं लगता कि ये हमें सोने देगा। तू बात कर इससे ।”

मैं? इससे बात करना तो मुसीबत मोल लेने जैसा है।”

मुसीबतों में तो हम पहले ही फंसे पड़े हैं। तू बात कर ।” लक्ष्मण दास बोला।

मोमो जिन्न ।” सपन चड्ढा ने पुकारा। मोमो जिन्न एकाएक ठिठका और दोनों को इस तरह देखा जैसे अभी उन्हें देखा हो। उसके बाद कुर्सी पर जा बैठा। बोला तब भी नहीं कुछ। चेहरे पर सोचें थीं।

तबीयत खराब हो तो क्रोसीन दें?” सपन चड्ढा कह उठा।

“ठीक हूँ मैं।” मोमो जिन्न व्याकुल स्वर में बोला।।

मुझे तो तुम ठीक नहीं लग रहे। क्या परेशान हो?

” हां ।”

क्यों? तुम तो जिन्न हो, तुम्हें क्या परेशानी आ सकती है।” लक्ष्मण दास ने कहा।

“तुम्हें किसने कहा कि जिन्न को परेशानी नहीं होती।” मोमो जिन्न के माथे पर बल पड़ गए।

“म्...मैंने किसी किताब में पढ़ा था।”

गलत लिखा था उस किताब में। जिन्न के सामने भी इंसानों की तरह परेशानियां आती हैं।” ।

“तुम्हें क्या परेशानी आ गई?”

“बहुत परेशानी है। जाने क्यों मेरी इच्छाएं जागने लगी हैं।”

इच्छाएं जागने लगी हैं?" सपन चड्ढा ने कहकर, लक्ष्मण दास को देखा।

“इच्छाएं जागने वाली बात जरूर खास है, तभी तो तुम परेशान हो।” लक्ष्मण दास कह उठा।
Reply
03-09-2021, 03:17 PM,
RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
हां, ये बात मुझे बहुत परेशान कर रही है।

” वजह क्या है?”

जथूरा अपने गुलामों की इच्छाओं को खत्म कर देता है कि उसके गुलाम की कोई इच्छा ही न बचे और जो उससे बगावत न सके। सिर्फ उसके बारे में सोचे, उसके लिए ही बेहतर काम करे।” मोमो जिन्न गम्भीर स्वर में कह रहा था—“आज तक का इतिहास है कि जथूरा द्वारा खत्म कर दी गई इच्छाओं का दोबारा जन्म नहीं होता। लेकिन मेरी इच्छाओं का मेरे मन में जन्म हो रहा है। मेरे मन में चाहत उठ रही है इंसानों की तरह कि मैं अच्छे कपड़े पहनें। अच्छा खाऊ। मेरा भी घर-परिवार हो। मैं अपनी मर्जी करूं। कोई मुझे हुक्म न दे।” । ।

“मेरे पास ऐसे कपड़े हैं जो तुम्हें पूरे आ जाएंगे।” सपन चड्ढा
जल्दी ही कह उठा।

मोमो जिन्न ने सपन चड्ढा को घूरा।
म...मैंने कुछ गलत कह दिया क्या?”

बात कपड़ों की नहीं है।” मोमो जिन्न गम्भीर स्वर में बोला-“बात ये है कि मेरे मन में इच्छा उठनी ही नहीं चाहिए। ये बात अगर जथूरा को पता चल गई तो वो मुझे मंत्र पढ़कर, फौरन जलाकर खाक कर देगा।”

फिर तो तुम खतरे में हो।” ।

“मैं जानना चाहता हूं कि ऐसा कौन कर रहा है।”

क्या मतलब?”

मेरे मन में इच्छा जगी नहीं, जगाई गई है। ये किसी शक्ति की शरारत है। उसने जानबूझकर ऐसा किया है।”

“किसने किया है?”

“मैं नहीं जानता। परंतु वो शक्ति जो भी है, जथूरा की दुश्मन है। ऐसा करके वो जथूरा का काम खराब करना चाहती है।”

“तुम उसे ढूंढ़ नहीं सकते? तुम तो जिन्न हो, मिनटों में उसका पता लगा सकते हो।”

वो बड़ी शक्ति है, जिसने मेरे मन में इच्छाएं जाग्रत की। ऐसी ताकतों की तरफ हम नजर उठाकर भी नहीं देख सकते। ये ताकतें हम जिन्नों से बहुत दूर होती हैं।” मोमो जिन्न ने गम्भीरता से कहा।

लक्ष्मण दास ने सपन चड्ढा से कहा। ये कितनी अजीब बातें कह रहा है।”

हमें क्या ये इसकी समस्या है।”

इसकी समस्या के साथ हमारी समस्या भी जुड़ी हुई है। इसने हमें गुलाम बना रखा है।”

“अब ऐसा नहीं है।” मोमो जिन्न बोला। ।

“क्या मतलब?”

मेरे मन में साधारण इंसान जैसी इच्छाएं जगाई गई हैं और इंसान कभी भी दूसरे को गुलाम नहीं बनाता। दोस्त बनाता है। अब तुम मेरे दोस्त हो।” मोमो जिन्न् सोच-भरे स्वर में कह उठा।

परंतु रहोगे हमारे पास ही?”

जथूरा ने जो काम मुझे सौंपा है, उससे मैं पीछे नहीं हट सकता। पीछे हटा तो जथूरा जान जाएगा कि मेरे शरीर का सिस्टम ठीक नहीं चल रहा। शायद उसे ये भी पता चल जाए कि मेरे में इच्छाएं जाग्रत हो गई हैं। मैं मरना नहीं चाहता। इसलिए जथूरा को ऐसा दिखावा करते रहना जरूरी है कि मैं उसका काम कर रहा हूं।”

फिर तो तुम भारी मुसीबत में हो।” सपन चड्ढा बोला।

“सच में।” मोमो जिन्न ने परेशानी से कहा।

हम तुम्हारे लिए कुछ कर सकते हैं?”

अभी मुझे किसी काम का आदेश नहीं मिला, जब मिलेगा तो...।।

“जथूरा आदेश देता है तुम्हें?”

नहीं। इस वक्त कालचक्र काम कर रहा है। मुझे भौरी और शौहरी आदेश देता है। जथूरा ने मेरी तारें कालचक्र के साथ जोड़ दी हैं। अब मुझे कालचक्र का हुक्म मानना पड़ रहा है। परंतु जब से मेरे मन में इच्छाएं जाग्रत हुई हैं, इन सब कामों से विद्रोह करने का मन कर रहा है। मेरी इच्छा नहीं कि मैं ये सब काम करूं।”

नहीं करोगे तो जथूरा तुम्हें मार देगा।” ।

“हां, अपने को बचाने और उसे दिखाने के लिए मुझे काम करते रहना होगा। तुम दोनों मेरी मदद करना।”

“मदद–हम?”

हां । जब मैं कोई काम करने को कहूं तो कर देना। इस तरह मैं जथूरा से बचा रहूंगा।” ।

लक्ष्मण दास और सपन चड्ढा की नजरें मिलीं।

ये मदद के लिए कह रहा है। पहले नंगा करके, बाहर घुमाने को कहता था।”

इसके मन में इच्छाएं आ गई हैं। ये बदल गया लगता है।” लक्ष्मण दास बोला।

तो क्या करें?” प्यार से मदद मांग रहा है तो कर देते हैं।”

धन्यवाद ।” मोमो जिन्न बोला-“तुम दोनों का ये मुझ पर एहसान होगा।”

“एक बात तो बता कि ये सब हो क्या रहा है, हम ज्यादा कुछ नहीं समझ पा रहे।”

“ये देवा और मिन्नो और उसके साथियों का पूर्वजन्म का कोई काम है, जो कभी अधूरा छूट गया था। इस जन्म में वो काम इन लोगों को पूरा करना है, तभी इनका जन्म सफल होगा और इनके झगड़े रुकेंगे ।” मोमो जिन्न गम्भीर स्वर में बोला।

“थोड़ा खुलकर समझाओ।” । मोमो जिन्न कुछ पल चुप रहा फिर कह उठा।

ये देवा और मिन्नो और इनके साथियों का तीसरा जन्म है। पहले जन्म में हालात कुछ ऐसे बिगड़े कि ये देवा और मिन्नो आपस में दुश्मन बन गए, जबकि इनकी शादी होने वाली थी।”

“पहले जन्म में?” लक्ष्मण दास ने पूछा।

“हां। परंतु हालात पलटे और दोनों में दुश्मनी हो गई। देवा की शादी मिन्नो की बहन बेला से हो गई।”
Reply
03-09-2021, 03:17 PM,
RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
बेला से, लेकिन अब तो नगीना, देवराज चौहान की पत्नी है।” बेला का ही दूसरा रूप है नगीना। दोनों एक ही तो हैं।”

ओह।”

देवा और मिन्नो की पहले जन्म में लड़ाई, पेशीराम (फकीर बाबा) की वजह से हुई। पेशीराम इधर की बात उधर, झूठ-सच लगाता रहा और दोनों में उठे झगड़े को बढ़ाता रहा। मिन्नो तो शुरू से ही बहुत गुस्से वाली रही है। सारा कसूर पेशीराम का था। पहले जन्म में नगरी तबाह हो गई, दोनों की लड़ाई की वजह से। देवा-मिन्नो, एक-दूसरे को मारकर स्वयं भी मर गए। इनके सारे साथी मारे गए। और भी बहुत जानें गईं।”

“बुरा हुआ।” सपन चड्ढा ने कहा।

“तब बड़ी शक्तियों के बीच तीव्र हलचल हुई। उन्होंने देवा और मिन्नो का जन्म इसलिए कराया था कि दोनों के ग्रह मिलकर, दुनिया के भले के बड़े-से-बड़े काम आसानी से कर सकते थे। परंतु पेशीराम ने दोनों की दुश्मनी कराकर, उन शक्तियों की सारी योजना पर पानी फेर दिया। ऐसे में उन बड़ी शक्तियों ने पेशीराम को श्राप दिया कि जब तक वो देवा और मिन्नो में दोस्ती नहीं कराएगा, उसे मोक्ष की प्राप्ति नहीं होगी। उसकी मृत्यु नहीं होगी।”

कैसी अद्भुद सजा है।”

“हां। क्योंकि इंसान ज्यादा-से-ज्यादा देर जिंदा रहना चाहता है। मरना नहीं चाहता। परंतु एक वक्त ऐसा भी आता है कि जब दुनिया को देखकर, थक चुका इंसान मौत चाहने लगता है। पेशीराम को मिले श्राप की वजह से वो मर भी नहीं पा रहा। जबकि वो मोक्ष चाहता है अब। पेशीराम ने हर सम्भव चेष्टा की कि देवा और मिन्नो में दोस्ती हो जाए। लेकिन हर बार वो नाकामयाब रहा। पहले जन्म में अब तक वो उसी शरीर के साथ जी रहा है। लेकिन साथ-ही-साथ एक काम उसने बढिया किया कि तपस्या कर-करके, उसने कई शक्तियां हासिल कर लीं। विद्वान बन गया वो। ऐसा उसने इसलिए किया कि किसी तरह कोई रास्ता मिले देवा और मिन्नो में दोस्ती करा पाने का ।”

मिला रास्ता?" ।

“नहीं। बड़ी शक्तियों ने दूसरे जन्म में देवा और मिन्नो को पति-पत्नी बना दिया। जो कि एक-दूसरे पर जान देते थे। ऐसा इसलिए किया कि पेशीराम तीसरे जन्म में देवा और मिन्नो में दोस्ती करा पाने की तैयारी कर ले ।”

क्यों तीसरा जन्म खास है क्या?” ।

“बहुत ही खास। बड़ी शक्तियां चाहती हैं कि इस जन्म में सारे झगड़े मिट जाएं। क्योंकि देवा और मिन्नो को सात जन्म मिले हैं। तीन जन्म तो झगड़े में बर्बाद हो गए। अगले चार जन्म दोनों मिलकर दुनिया का ज्यादा-से-ज्यादा भला कर सके। ये तभी होगा,

जब देवा और मिन्नो एक साथ काम करेंगे। दोनों के ग्रह ऐसे हैं। कि मिलकर काम करें तो फौरन काम होते चले जाएंगे।” (ये सब विस्तार से जानने के लिए पढ़े अनिल मोहन के पूर्व प्रकाशित उपन्यास हमला, जालिम, जीत का ताज, ताज के दावेदार, कौन लेगा ताज, पहली चोट, दूसरी चोट, तीसरी चोट, महामाया की माया, देवदासी, इच्छाधारी, नागराज की हत्या, विषमानव, गुड्डी, सरगना, मास्टर, मंत्र ।)

ये पूर्वजन्म में क्यों जाते हैं?" । |

“बताया तो पहले के बिगड़े काम संवारने जाते हैं। जब देवा और मिन्नो में दोस्ती हो जाएगी तो पूर्वजन्म में बिगड़े काम खुद-ब-खुद ही ठीक होते चले जाएंगे। फिर इनको पूर्वजन्म में जाने की जरूरत नहीं रहेगी।” मोमो जिन्न कहता जा रहा था—“एक बात और अगर बार-बार देवा और मिन्नो पूर्वजन्म में जाकर, पहले बिगड़े सारे काम ठीक कर देते हैं तो तब भी इनमें दोस्ती हो जाएगी।

जवखुद ही ठीक होने की जाएगी तो पाने जाते हैं। जब
परंतु उसमें बहुत वक्त लग सकता है। पेशीराम पूरी कोशिश में लगा हुआ है कि देवा-मिन्नो में किसी प्रकार दोस्ती करा दे।”

“बहुत अजीब मामला है।”

“ये बड़ी शक्तियां कौन हैं?”

जो मनुष्यों की दुनिया को कंट्रोल करती हैं। उनका भला करती हैं, बुरे कर्म वाले को सजा देती हैं और अच्छे कर्म वाले को फायदा देती हैं। इन शक्तियों के बारे में समझना आसान नहीं है।” मोमो जिन्न गम्भीर नजर आ रहा था।

“जथूरा कौन है?” । ।

“जथूरा कभी साधारण इंसान हुआ करता था। शैतानी दिमाग था उसका। वो कोई बड़ा काम करना चाहता था। बड़ा बनना चाहता था। देवा और मिन्नो की मौत के बाद, पहले जन्म में, जब बड़ी शक्तियों का कंट्रोल उस नगरी से हट गया और हर कोई अपना मनचाहा काम करने को आजाद हो गया तो जथूरा ने शक्तियां पाने के लिए तपस्या शुरू कर दी। जब उसने तपस्या करके ताकतें हासिल की तो उसके भीतर का शैतान जाग उठा। बुराई के रास्ते पर चल पड़ा। हादसों को अपनी मुट्ठी में लेने के लिए तपस्या कर उसने यत्न करने शुरू कर दिए। जबकि ये बेहद कठिन काम था। परंतु जथूरा के इरादे पक्के थे। जिस तरह अच्छी शक्तियों के देवता होते हैं, उसी तरह बुरी ताकतों के भी देवता होते हैं। जथूरा ने हादसों को संभालने वाले देवता को प्रसन्न कर, उससे हादसों का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया। इस तरह धीरे-धीरे जथूरा स्वयं हादसों का देवता बन गया। आज जथूरा बेहिसाब ताकत हासिल कर चुका है।”

ओह, कितनी अविश्वसनीय बातें जानने को मिल रही हैं।” लक्ष्मण दास ने कहा।

“इसमें इच्छाएं आ गई हैं, तभी तो ये प्यार से बातें कर रहा है।” सपन चड्ढा ने कहा-“वरना, ये तो हमें नंगा करके सड़कों पर घुमाने की कोशिश में था।”

मोमो जिन्न गम्भीरता से उसे देख रहा था। तभी लक्ष्मण दास ने पूछा।

जथूरा बहुत ताकतवर है?”

“बहुत।”

देवा और मिन्नो से ज्यादा ।

” बहुत ज्यादा।” ।

और जथूरा कोशिशें कर रहा है कि देवा और मिन्नो पूर्वजन्म में प्रवेश न कर सके।”

“ठीक कहा।”

जथूरा डर क्यों रहा है देवा-मिन्नो से, उन्हें रोक क्यों रहा है। वो ताकतवर है और आसानी से दोनों को...।” ।

जथूरा का डर जायज है।” मोमो जिन्न ने कहा।

वो कैसे?”

देवराज चौहान और मोना चौधरी एक साथ पूर्वजन्म में प्रवेश करेंगे और...।”

ये जरूरी तो नहीं?”

“बहुत जरूरी है। देवा और मिन्नो के ग्रह ही ऐसे हैं कि अगर एक पूर्वजन्म में प्रवेश करता है तो दूसरे के कदम खुद-ब-खुद ही पूर्वजन्म की धरती तक जाने वाले रास्ते की तरफ बढ़ जाएंगे। ग्रहों के दम पर वो दोनों ऐसे बंधे हैं कि उनमें से कोई अकेला पूर्वजन्म की यात्रा कर ही नहीं सकता।”

“ओह, नई बात पता चली।”

जब देवा और मिन्नो एक साथ हो जाते हैं तो उनके ग्रह बहुत बलशाली हो जाते हैं। तब दोनों बड़ी-से-बड़ी ताकत को भी हरा देने की हिम्मत रखते हैं। ये बात जथूरा को अच्छी तरह पता है।”

“समझा।”

इसलिए जथूरा देवा या मिन्नो में से एक को खत्म कर देना चाहता है कि दूसरा अकेला कुछ नहीं कर सकता। तब उसे किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचेगा। वो आसानी से सबका मुकाबला कर लेगा।”

क्या पूर्वजन्म की दुनिया में जथूरा ही बचा है।”

नहीं, वहां तो एक-से-एक खतरनाक शक्तियों के मालिक भरे पड़े हैं।” मोमो जिन्न ने कहा।

“तो जथूरा ने कैसे सोच लिया कि देवा-मिन्नो पूर्वजन्म में प्रवेश करके, उससे ही झगड़ा करेंगे। वो दूसरे से भी तो...।”

देवा-मिन्नो का झगड़ा जथूरा से ही होगा इस बार।” ।

क्यों-कैसे?” “जथूरा अपनी शक्तियों से जान चुका है कि देवा और मिन्नो उसी रास्ते पर आगे बढ़ेंगे, जो उसकी तरफ जाता है, तभी तो वो परेशान हुआ पड़ा है कि या तो उनका सफर न हो, हो तो पहले ही दोनों में से एक को मार दे। एक रास्ता और भी है जथूरा के पास कि देवा और मिन्नो का सफर रोक सके।”

कौन-सा रास्ता?”

जग्गू ।”

जग्गू?"

इस जन्म में उसका नाम जगमोहन है। देवराज चौहान का खास ।” ।

जानता हूं उसे ।” लक्ष्मण दास ने सिर हिलाया।

“जगमोहन के बारे में तुम क्या कहने वाले थे?” सपन चड्ढा बोला।
Reply
03-09-2021, 03:17 PM,
RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
जग्गू को जथूरा द्वारा रचित कुछ खास-खास हादसों का पूर्वाभास हो रहा है और जग्गू पहले ही हादसों वाली जगह पर पहुंचकर हादसों को रोक रहा है। अगर जग्गू पूर्वाभास के पश्चात, एक बार भी खामोश बैठा रहे और हादसों को रोकने की चेष्टा न करे तो, देवा-मिन्नो की पूर्वजन्म की यात्रा टल सकती है।”

ऐसा कैसे?" ।

कोई बड़ी शक्ति जग्गू को, उन खास-खास हादसों का पूर्वाभास करा रही है, जो कि योजना के तहत ही किया जा रहा है।”
“योजना के तहत?”
“हां। पूर्वाभास वाले उन खास हादसों की जगह पर जग्गू का पहुंचते जाना ही, देवा और मिन्नो के कदम पूर्वजन्म के प्रवेश द्वार की तरफ बढ़ा रहा है। जग्गू एक बार, पूर्वाभास वाले हादसे की जगह पर न पहुंचे तो सब कुछ जथूरा के हक में ठीक हो जाएगा। फिर देवा और मिन्नो की पूर्वजन्म की यात्रा ने होगी।”

ये तो बहुत आसान है।” लक्ष्मण दास बोला। कैसे?” मोमो जिन्न ने उसे देखा। जगमोहन को जबरन कोई बिठा ले उस वक्त, जब...।”

ये सम्भव नहीं। ऐसा करना गलत हो जाएगा।” मोमो जिन्न ने अपनी लम्बी नाक को मसला।

मैं समझा नहीं।”

जथूरा देवा-मिन्नो या इनके साथियों पर किसी भी तरह का बल प्रयोग करेगा तो उसकी शक्तियां कम होने लगेंगी। जब तक ये लोग पूर्वजन्म में नहीं प्रवेश कर जाते, तब तक जथूरा बल का इस्तेमाल इन पर नहीं कर सकता। उसकी कोई शक्ति भी किसी पर कामयाब नहीं हो सकती।” ।

“तुम्हारा मतलब ये लोग पूर्वजन्म में प्रवेश करेंगे, तब जथूरा इन पर अपनी ताकत का इस्तेमाल कर सकता है।”

“हां। ये ही बात है।”

तो क्या ये सब पूर्वजन्म में प्रवेश कर जाएंगे।”

कह नहीं सकता। परंतु सितारों की चाल तो यही कहती है। कि ये सब पूर्वजन्म में जल्दी ही प्रवेश कर जाएंगे।”

ये बात जथूरा को पता है?" पता है। परंतु वो अपनी कोशिश तो करेगा कि ऐसा न हो।”

जगमोहन को रोकने की जथूरा ने कोई कोशिश नहीं की?”

“की।

जथूरा ने पोतेबाबा को भेजा हुआ है, जो कि जग्गू के करीब ही रहने की चेष्टा करता है और उसे रास्ते पर लाने की चेष्टा करता है कि वो जथूरा के हादसों में दखल न दे।”

“जग्गू माना?”

“माना होता तो इतना झंझट ही नहीं पड़ता। लेकिन देवा और मिन्नो के ग्रहों का ही असर है कि जो जग्गू को मानने नहीं दे रहे। पोतेबाबा जितना उसे कहता है, जगमोहन उतना ही दृढ़ हो जाता है।”

“वो पोतेबाबा को पकड़ क्यों नहीं लेता?” ।

ये असम्भव है। पोतेबाबा साधारण नहीं है। वो महान जथूरा का सबसे खास सेवक है। बहुत बलशाली है। विद्वान है। ढेरों शक्तियों का मालिक है। उसका मुकाबला कर पाना इंसानों के बस में नहीं है।”

लक्ष्मण दास ने सिर हिलाया। सपन चड्ढा गम्भीरता से उसकी बातें सुन रहा था। “तुममें इच्छाएं कौन डाल रहा है?”

बताया तो, जथूरा की कोई दुश्मन शक्ति है, जो मुझमें इच्छाएं डालकर मुझे नकारा कर रही है कि मैं जथूरा की सेवा ठीक से न करूं और उसके काम बिगाड़ता जाऊं।”

ऐसा कैसे हो सकता है?”

“ऐसा होना शुरू भी हो गया है। जब से मेरे मन में इच्छाएं जागनी शुरू हुई हैं, तब से मैं अपने बारे में सोचने लगा हूं। तुम लोगों को गुलाम बनाने की अपेक्षा, तुम्हारा दोस्त बन गया हूं। जो बात तुमसे नहीं कहनी चाहिए वो भी कर रहा हूं। क्योंकि मेरी इच्छा है कि मैं किसी का गुलाम न रहूं। खुद की मर्जी से काम करूं और नाम कमाऊं ।”

दोनों चुप रहे।

“बातें बहुत हो गईं। अब मेरे लिए कुछ खाने का भी इंतजाम करो। भूख उठ रही है।”

“खाने का, लेकिन तुम तो खाते नहीं।”
अब खाने की इच्छा मन में जागी है। जब मैं इंसान था तो रबड़ी और जलेबी बहुत चाव से खाता था।”

“तुम कभी इंसान भी थे?”
“हां। इंसान के बाद ही जिन्न बना जाता है। सीधे थोड़ा ना जिन्न बन जाते हैं।”
“तुम जिन्न कैसे बन गए?” ।
Reply
03-09-2021, 03:18 PM,
RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
“मेरी पत्नी के चाहने वाले ने मुझे मारकर कुएं में फेंक दिया था। किसी को पता ही न चला कि मैं मर चुका हूं। सब यही सोचते रहे कि मैं कहीं चला गया। परंतु मेरी पत्नी जानती थी। उसकी मर्जी से ही तो उसके आशिक ने मुझे मारा था। मेरी लाश कुएं में पड़ी रही। लोग उसी कुएं का पानी पीते रहे। मरने के बाद मेरी आत्मा वहीं भटकती रही। मैं चिल्लाकर लोगों को बताता कि मेरी लाश कुएं में पड़ी है, उसे बाहर निकालो, परंतु मेरी आवाज को कोई भी सुन नहीं सकता था। मैं बहुत परेशान हो गया। मैं चाहता था कि मेरे शरीर का अंतिम संस्कार हो जाए तो मेरी आत्मा को शांति मिल जाए। परंतु मेरी आत्मा भटकती रही। कुएं के पास ही एक पेड़ पर मैं रहने लगा और धीरे-धीरे भूत बन गया। लेकिन मैंने किसी को तंग नहीं किया। बस, आते-जाते लोगों को देखा करता था, अब तो मैंने अपने उस शरीर की चिंता भी छोड़ दी थी, जो कुएं में पड़ा कब का गल चुका था। फिर एक दिन जथूरा के भेजे दो जिन्न उधर से निकल रहे थे। उन्होंने मुझे देखा तो मेरा हाल जान लिया। वे मुझे अपने साथ, पूर्वजन्म की दुनिया में ले गए और मेरे को जिन्न बनने की अच्छी शिक्षा दिलाई। तीस सालों में मैंने शिक्षा पूरी की और मैं जिन्न बन गया। तुमने याद दिला दिया, वरना मैं तो कब का भूल गया था कि मैं भी कभी इंसान हुआ करता था।”

लक्ष्मण और सपन ने एक दूसरे को देखा।

“मुझे भूख लगी है।” मोमो जिन्न कह उठा।

जलेबी-रबड़ी खाओगे?”

हां। बहुत जमाना बीत गया। खाई नहीं कभी। अब तो स्वाद भी भूल गया हूं।”

“सुबह का वक्त है, फिर भी कोशिश करता हूं कि कहीं से मिल जाए। नौकर को भेजता हूं।”

“सुनो।” मोमो जिन्न दोनों को देखता कह उठा–“ये बात किसी से कहना नहीं कि मुझमें इच्छाएं जाग गई हैं।”

ये बात हम तक ही रहेगी।”

“जथूरा को पता लग गया तो वो मुझे मार देगा।”

“हम किसी से नहीं कहेंगे।” सपन चड्ढा कमरे से बाहर निकल गया।

मेरा मन कपड़े पहनने को कर रहा है। जैसे तुम लोगों ने कपड़े पहन रखे हैं।” मोमो जिन्न बोला।

“तुम तो जिन्न हो। जिस चीज को भी चाहो हासिल कर सकते हो ।” लक्ष्मण दास बोला। ।

“हां वो तो है। मन से इच्छा करूं तो वो चीज फौरन मेरे पास आ जाएगी। परंतु अभी मेरी तारें जथूरा से जुड़ी हुई हैं। मेरी हरकतें जथूरा के जासूस पकड़ सकते हैं।”

“जथूरा के जासूस?" ।

“हां। यूं तो वो इस दुनिया में कम ही आते हैं। परंतु क्या भरोसा, कब क्या हो जाए।” ।

। “ठीक है। कुछ देर ठहरो, अभी सपन आकर कपड़े देता है तुम्हें ।”

इच्छाएं जागने से कितना अच्छा लग रहा है। लगता है जैसे मेरे में जान आ गई हो। बिना इच्छाओं के तो इंसान मरों की तरह होता है।” मोमो जिन्न मुस्करा पड़ा-“क्यों लक्ष्मण दास मैंने ठीक कहा न?" ।

“तुम गलत बात कह ही नहीं सकते।” लक्ष्मण दास ने जान छुड़ाने वाले ढंग में कहा।।

तभी सपन चड्ढा भीतर प्रवेश करता कह उठा।

“मैंने नौकर को भेज दिया है, रबड़ी और जलेबी लाने के लिए—वो...।”

“यार इसे कपड़े दे।” लक्ष्मण चड्ढा ने कहा-“कहीं ये मेरे न उतार ले ।”
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,554,575 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 550,388 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,255,258 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 949,100 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,684,581 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,106,755 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,995,553 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,203,174 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,085,938 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 290,105 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)