10-12-2020, 12:52 PM,
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RE: Incest Kahani Incest बाप नम्बरी बेटी दस नम्बरी
कुछ देर बाद रमेश ने लंड को उसके मुंह से छुड़ाया और उसकी गांड को घुमाकर अपनी तरफ कर लिया. उसने ढेर सारा थूक अपने लंड पर लगाया और फिर अपने लौड़े को बीवी की गांड पर सेट कर दिया.
रति बोली- नहीं …नहीं … गांड नहीं रमेश।
रमेश- करने दो ना डार्लिंग? कब से तुम्हारी यह गाँड मारने की इच्छा है मेरी लेकिन तुम हो कि अब तक इस छेद को तुमने कुंवारा ही रखा हुआ है. एक बार चोदने दो इसे प्लीज। बहुत ही प्यार से चोदूंगा.
वो बोली- नहीं नहीं, वहां बहुत दर्द होगा.
रमेश- कुछ नहीं होगा, बहुत प्यार से डालकर चोदूंगा.
रति- नहीं मतलब नहीं। मेरी चूत ही चोदो।
निराश होकर रमेश ने अपना लंड रति की चूत में घुसा दिया और चोदते हुए सिसकारियां लेने लगा- ऊंहह … आह्ह … ले साली रंडी … तेरी चूत को फाड़ देता हूं. आह्ह … आज भी कितनी टाइट है तेरी चूत, आह्ह … इसको चोद चोद कर इसकी प्यास बुझा दूंगा.
रति भी ऐसे ही सिसकारते हुए चुदने लगी और दोनों की सिसकारियों से पूरा कमरा गूंज उठा. कुछ देर तक इसी स्पीड से चुदाई करने के बाद रमेश झड़ने लगा- आह्ह … आहाह आआ … मैं गया … आआह … ओहह … यस्स… करते हुए रमेश ने अपनी बीवी की चूत में अपना माल भर दिया.
दोनों शांत होकर बेड पर पड़ गये.
रमेश- होह … उफ्फ … थका दिया तुमने।
रति- अच्छा? सब कुछ शुरू किया तुमने और इल्ज़ाम मुझ पर लगा रहे हो?
रमेश- अरे जिसकी तुम्हारी जैसी बीवी हो, वह भला खुद को रोके भी तो कैसे?
रति- अच्छा, इस उम्र में भी इतनी रोमांटिक बातें।
वो बोला- भाई अभी हमारी उम्र ही कहाँ हुई है, हम तो आज भी जवान हैं, कहो तो एक राउंड और हो जाए?
रति- अच्छा?
दोनों ठहाका लगा कर हंसने लगे.
संडे का दिन आ गया और सब लोग नाश्ता कर रहे थे.
रिया- मां अब मैं चलती हूं. मुझे बहुत देर हो रही है. अभी बहुत सी तैयारी करनी बाकी है आज के इवेंट के लिए। बाय डैड।
रमेश- बाय बेटी। ठीक से अपना काम करना।
रति- बाय बेटा … अपना ध्यान रखना।
रिया के निकलने के बाद रति बोली- आपके दोस्त भी तो आने वाले हैं आज?
रमेश- हाँ, आज रवि आने वाला है।
रति- आप उन्हें कभी अपने घर पर क्यों नहीं बुलाते?
रमेश- अरे वह बहुत ही बिजी पर्सन है. उसे अपने काम से फुर्सत ही नहीं मिलती।
रति- फिर भी कभी कोशिश करके उन्हें घर भी लाइए. हम भी तो मिलें आपके दोस्त से।
बीवी की ख्वाहिश पर रमेश बोला- ठीक है, कोशिश करुँगा. अब मैं भी चलता हूँ. मुझे आज ऑफिस में बहुत काम है अब कल सुबह ही लौटूंगा। बाय।
रति- बाय। अपना ख्याल रखियेगा।
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RE: Incest Kahani Incest बाप नम्बरी बेटी दस नम्बरी
रमेश सीधे ऑफिस पहुँचकर अपने केबिन में चला गया.
रीता उसके केबिन में गयी तो उसके घुसते ही रमेश बोला- पता है आज कौन आने वाला है?
रीता- कौन?
रमेश- गेस्स करो।
रीता- जरूर रवि सर आ रहे होंगे।
रमेश- अरे यार, तुम्हें कैसे पता चल जाता है!
रीता- आज आपकी एक्साईटमेंट देख कर पता चल रहा है।
रमेश- आज तैयार रहना, दो-दो लंड एक साथ लेने के लिये।
रीता- आप फिक्र क्यों करते हैं सर, भगवान ने यह दो छेद दिए किसलिए हैं? आज आप दोनों के पसीने छुड़ा दूंगी.
दोनों जोर से हंसने लगे और तभी रमेश का फोन बज पड़ा.
रमेश- हाँ रवि बोल, कहाँ है तू?
रवि- अरे वहीं, अपने पुराने अड्डे पर, होटल मूनलाइट में।
रमेश- सफर कैसा रहा?
रवि- बिल्कुल ठीक रहा, अब यह सब छोड़ और यह बता तू कब आ रहा है?
रमेश- मैं शाम को 7 बजे तक आ जाऊँगा. हमारी रांड भी तैयार है।
रवि- अरे नहीं, उसे मत लेकर आना।
रमेश- मगर क्यों?
रवि- तू भी क्या यार … एक ही रंडी के पीछे पड़ा है।
रमेश- मतलब?
रवि- अरे मैंने यहाँ एक कॉलेज गर्ल सेट कर रखी है. आज रात उसके साथ ही मज़े करेंगे।
रमेश- साले, तू हरामी का हरामी ही रहेगा. जहाँ जाता है वहां सेटिंग कर लेता है। ठीक है रीता को नहीं लाऊंगा आज रात।
रवि- मगर तू कोशिश करके जल्दी आना. तुझसे कुछ काम की बातें भी करनी हैं. फिर 8 बजे हमारी रांड भी आ जाएगी।
रमेश- ठीक है, मैं जल्दी आने की कोशिश करूंगा. बाय।
रवि- बाय।
रमेश ने फोन रख दिया.
उन दोनों की बातें सुन कर रीता गुस्सा हो गयी.
रमेश- सॉरी जानेमन. उसने पहले ही कहीं सेटिंग कर ली है. तुम्हारी बारी अगली बार आएगी और फिर रगड़ कर तुम्हें चोदेंगे.
रीता- कोई जरूरत नहीं है. जहां चाहो वहां मुंह मारो, मुझसे पूछने की क्या जरूरत है?
रीता पैर पटकते हुए गुस्से में केबिन से बाहर निकल गयी.
शाम 6.30 बजे रमेश अपने केबिन से निकला और रीता से बोला- मैं जा रहा हूं. तुम सारा काम देख लेना.
रीता- हां, देख लूंगी.
फिर रमेश ऑफिस से होटल मूनलाइट के लिए निकल गया.
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RE: Incest Kahani Incest बाप नम्बरी बेटी दस नम्बरी
होटल मूनलाइट पहुंच कर रमेश सीधा रवि के रूम पर पहुंचा. उसने दरवाजा नॉक किया और रवि ने दरवाजा खोला तो रमेश ने उसे गले से लगा लिया.
रमेश को रवि अंदर ले गया. अंदर बैठने के बाद रमेश बोला- हां बता, इतनी जल्दी क्यों बुलाया है मुझे? क्या बात करना चाहता था तू?
रवि- साले, मैं इतनी दूर से यहाँ आ गया और तुझे इतनी जल्दी है यह बात जानने की? अच्छा चल छोड़, तो सुन- रॉयल फार्मा जानता है न?
रमेश- हाँ, वह दवा कम्पनी।
रवि- हाँ वही, मैं चाहता हूँ कि उसकी कंपनी को पैकेट्स की सप्लाई मैं करूं। अभी वह कंपनी भी नयी है और मुझे भी कुछ अच्छा कॉन्ट्रैक्ट मिल जाएगा. तू क्या कहता है?
रमेश- यह तो बहुत अच्छा है।
रवि- अच्छा तो है मगर मुझे इसमें तेरी मदद चाहिये।
रमेश- हाँ बोल, बता क्या मदद कर सकता हूं?
रवि- रॉयल फ़ार्मा का मालिक रजत रॉय तेरा अच्छा फ्रेंड है. अगर तू चाहे तो …
रमेश- ठीक है, समझ ले तेरा काम हो गया। मगर ये बता आज किसे सेट किया है तूने?
रवि- अरे है एक मेरा पुराना दल्ला, उसी के द्वारा एक हाई-प्रोफाइल रंडी को सेट किया है।
रमेश- माल कड़क तो है ना?
रवि- तू फिक्र मत कर, वह बिल्कुल कड़क माल ही भेजेगा. कह रहा था कि 10 नम्बरी लड़की है.
रमेश- 10 नम्बरी? इसका क्या मतलब हुआ?
रवि- अरे उसकी लिस्ट में कोई 10 नंबर की एक लड़की है। कहता है कि पूरी लिस्ट में सबसे ज्यादा डिमांड उसी की है।
रमेश- अच्छा आने दो, जरा हम भी तो देखें कितना डिमांड है उस रांड का?
फिर दोनों शराब पीते हुए बातें करने लगे. समय गुज़रता गया.
8.15 बजे रमेश ने घड़ी की ओर देख कर कहा- यार, वह रंडी अभी तक आयी नहीं?
रवि- आ जायेगी, वैसे भी सब्र का फल मीठा होता है।
रमेश- ठीक ही कहा तूने। अच्छा तब तक मैं बाथरूम से फ्रेश हो कर आता हूँ।
रमेश बाथरूम में घुस गया.
कुछ देर के बाद दरवाजे पर नॉक हुआ. रवि ने उठ कर दरवाजा खोला.
दरवाज़ा खुलते ही रवि की आँखें फटीं की फटीं रह गयीं. दरवाज़े पर एक बला की खूबसूरत बिल्कुल अप्सरा सी एक लड़की खड़ी थी।
रवि उसे देखता ही रह गया.
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RE: Incest Kahani Incest बाप नम्बरी बेटी दस नम्बरी
रवि रमेश की ओर देख कर बोला- क्या हुआ जनाब? होश उड़ गये न? मेरे भी होश ऐसे ही उड़ गये थे. देख कर यकीन नहीं हो रहा था कि ऐसी लड़की रंडी भी हो सकती है. सच ही कहा था उस दल्ले रतन लाल ने, बहुत ही कड़क माल है.
रमेश की बोलती बंद हो गयी थी. वो कुछ बोल ही नहीं रहा था.
कुछ देर के बाद वो संभल कर बोला- नहीं, नहीं यह गलत है.
रवि- क्या गलत है?
रमेश- यार ये तो हमारी बेटी की उम्र की है. इसको जाने दो.
रवि- जाने दूं? पागल हो गया है क्या? ऐसे माल को जाने दूं? अगर इसकी जगह मेरी बेटी रश्मि भी होती तो मैं उसे भी चोद देता, और फिर यह तो एक बाजारू रंडी है.
रवि की बात सुनकर रिया को थोड़ी राहत हुई क्योंकि उसको इस चुदाई के लिए अच्छी रकम मिलने वाली थी. मगर साथ में वह ये भी चाह रही थी कि उसके डैड वहां से चले जायें.
रमेश- तो तू नहीं मानेगा?
रवि- सवाल ही पैदा नहीं होता।
रमेश हार कर बोला- ठीक है, तो फिर मैं ही जा रहा हूं.
रवि- यार रमेश, क्या हो गया है तुझे? इसको मैंने तीस हजार दिये हैं, तू ऐसे कैसे जा सकता है?
रमेश को रोकता देख रिया सोचने लगी कि अगर रमेश यहां रहा तो उसे उसके तीस हज़ार से हाथ धोना पड़ेगा.
इसलिए रमेश को वहां से निकालने के लिए रिया ने कहा- जाने दो सेठ इनको, वैसे भी उनकी उम्र हो गयी है. अब इस उम्र में जवान लड़कियों को चोदना आसान बात नहीं, उनमें दम ही कहाँ बचा होगा अब?
रिया की इस बात का रमेश पर उल्टा असर गया. मन ही मन वो सोचने लगा- अगर ये रंडी बन ही गयी है तो मैं भी आज इसको अपनी मर्दानगी दिखा ही देता हूं.
रमेश बोला- रंडी, तेरी औक़ात क्या कि तू मेरा लंड सह सके! आज तो मैं तेरी चूत और गांड का भोसड़ा बना दूंगा।
रमेश की बात सुन कर रवि खुश हो गया.
मगर रिया चौंक गयी. वो सोचने लगी- ठीक है, जब इसे ही अपनी बेटी की चुदाई करने में परहेज नहीं तो फिर मैं क्यों पीछे हटूं? आज मैं भी इसको दिखा दूंगी कि कितना दम है मेरी इस लंडखोर चूत में और मेरी इस कातिल गांड में, आखिर मैं भी बेटी किसकी हूं!
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RE: Incest Kahani Incest बाप नम्बरी बेटी दस नम्बरी
रिया रमेश से बोली- ठीक है, देखते हैं, किसमे कितना है दम? मेरी चूत और गाँड में या फिर तुम्हारे लंड में?
रमेश रिया की बात सुन कर हैरत में पड़ गया कि कैसे उसकी बेटी इतनी बड़ी रांड बन गयी है जो कि अपने ही बाप से चुदवाने को तैयार है.
रवि- तो फिर ठीक है, शुरु हो जाओ. मगर पहले तू अपना नाम तो बता रंडी।
रिया रमेश की तरफ देख कर बोली- रिया! रिया नाम है मेरा।
रवि हंसने लगा और बोला- रमेश तू कह रहा था न कि ये हमारी बेटी की उम्र की है, ये ले … इसका तो नाम भी तेरी बेटी पर है. अब इसको तू अपनी बेटी सोच कर ही चोद देना.
मन ही मन रमेश बोला- साले, सोचना क्या है, ये मेरी बेटी ही है.
रमेश रवि से बोला- और तू कह रहा था कि अपनी बेटी रश्मि को चोदेगा, तो ये ले, मेरी ही बेटी आ गयी है. आज दोनों मिल कर इस रंडी की हेकड़ी निकाल देते हैं.
रिया- फिर बातें क्यों चोद रहे हो? आओ, शुरू हो जाओ।
रमेश ने झट से अपना तौलिया उतार कर फेंक दिया और अपनी बेटी के सामने पूरा नंगा हो गया.
रिया ने अपने बाप का लंड हैरत से देखा और बोली- इतना बड़ा और मोटा? और वो भी इस उम्र में? मानना पड़ेगा सेठ।
रमेश- देख ले रांड, आज इसी से फाडूंगा तेरी गांड।
रवि भी अपने कपड़े खोलने लगा.
तभी रमेश आगे बढ़ा और रिया को पकड़ कर उसकी ब्रा को खोल दिया. रिया अपनी पैंटी खोलने लगी.
रिया ने अपनी पैंटी को पैरों के नीचे कर दिया और बेड पर लेट कर अपने पैर हवा में उठा लिये और अपनी पैंटी को पैरों से निकालने लगी. रिया की गांड हवा में थी. रमेश ने जाकर रिया की पैंटी को ऊपर खींच दिया और रिया की गांड और चूत खुल कर रमेश के सामने आ गयी.
वो बोली- क्यों सेठ, बड़ी जल्दी है तुम्हें मेरे छेद देखने की?
रमेश- जरा मैं भी तो देखूं तेरे छेद बड़े होकर कैसे हो गये हैं?
तभी रवि मज़ाक़ में बोला- क्यों रमेश, तूने इसके छेदों को पहले कब देखा था?
रमेश बात बदलते हुए बोला- मेरा मतलब है यह इतनी बड़ी रंडी है तो इसका छेद भी तो बड़ा ही होगा ना।
रिया- देखते क्या हो सेठ, इस छेद में तो मैं तुम दोनों को पूरा घुसा लूंगी.
तभी रवि ने रिया की गांड पर एक जोरदार चाँटा मारा और बोला- रंडी तूने हमें अभी देखा ही कहाँ है, रुक… आज तेरी ऐसी चुदाई करेंगे कि तुझे तेरी रंडी माँ की याद आ जाएगी।
तब तक रमेश बेड पर चढ़ गया और रिया उसे देख कर मुस्कराने लगी. वो झट से कुतिया बन गयी और रमेश का लंड पकड़ लिया. उसने लंड को एक दो बार हाथ से सहलाया और फिर अपने मुंह में लेकर उसको चूसने लगी.
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