10-12-2020, 12:58 PM,
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desiaks
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RE: Incest Kahani Incest बाप नम्बरी बेटी दस नम्बरी
रिया ने अपने बाप को अपनी बांहों में भर लिया।
रमेश बोला- बिना लण्ड लिए ही झड़ गयी साली रंडी?
रिया ने अपने डैड के सर को पकड़ लिया और चूमने लगी। अब रमेश रिया के ऊपर लेटा था।
एक हाथ से रिया ने रमेश के लण्ड को पकड़ लिया और सहलाने लगी। रमेश ने रिया की आंखों में देखा. वो मदहोश हो चुकी थी।
रमेश ने रिया को खड़ी होने के लिए कहा और खुद उठकर बैठ गया। उसने रिया की नाभि को चूमा और उसमें जीभ घुसाकर चाटने लगा। रिया खड़ी खड़ी आहें भर रही थी।
वो अपने दोनों हाथ रमेश के कंधों पर रखे हुए थी। उसकी आंखें बंद थीं और भवें कामुकता से तनी हुई थीं। रमेश ने रिया की चूत में उंगली घुसा रखी थी. वो रिया की चूत में तेजी से उंगली चला रहा था.
रिया इतनी गर्म हो गयी कि उसकी सिसकारियां कमरे की दीवारों को जैसे तोड़ने पर उतारू हो गयीं.
रमेश- बेटी इस समय क्या मस्त लग रही हो तुम। मन कर रहा है, तुमको हमेशा ऐसे ही देखूं, रुको कैमरा लाता हूं.
रमेश को रोकते हुए रिया बोली- नहीं डैड अभी नहीं, प्लीज बाद में … इस वक़्त तो मुझे तुम्हारा लौड़ा चाहिए। मैं बहुत चुदासी हो गई हूं. उफ़्फ़ … कितना अच्छा लग रहा है. लौड़ा डालोगे तो और मज़ा आएगा। हाय … डैडी मेरी चूत को चोद दो ना प्लीज.. आपकी रंडी बेटी की रिक्वेस्ट है.. डैडी प्लीज चोद दो मुझे।
रमेश- तेरा यही एक्सप्रेशन तो चाहिए साली रंडी। बस तुरंत आ जाऊंगा और जितना चाहेगी उतना पेलूँगा तुमको। रमेश ने उसकी चूत से उंगली निकाली और चाट गया।
रिया इतनी चुदासी थी कि वो अपने अंग अंग को खुद ही सहला रही थी। रमेश फौरन अपने कमरे में गया और अलमारी से कैमरा ले आया। रिया खड़ी खड़ी अपनी चूत को सहला रही थी। रमेश ने उसको बिना बताए कुछ फ़ोटो ली उसी अवस्था में। फिर उसने रिया को सोफे पर लेट कर छत की ओर देखने को कहा.
वो सोफे पर लेट गयी. रमेश ने उसे सर को सोफे के हैंडल पर रखने को बोला. उसके बाल समेटकर बाहर लटका दिए। फिर रिया ने एक हाथ से अपनी चूत को फैला दिया और दूसरे हाथ की पहली उंगली मुंह में दबा ली.
पोज देख कर रमेश बोला- परफेक्ट!
रिया- डैड जल्दी से मुझे लंड दे दो. ये फोटो बाद में भी ले सकते हैं. मैं लंड लिये बिना नहीं रह सकती हूं. जैसा तुम कहोगे वैसा करूंगी. बस मुझे एक बार चोद दो डैडी।
रमेश- साली रंडी … तेरे चेहरे पर अभी जो चुदने की प्राकृतिक लालसा है, जितनी चुदासी तू हो रही है लण्ड लेने के लिए, जो तुम्हारे मन की प्यास है, ये बहुमूल्य भाव तुम्हारे चेहरे पर किसी गहने की तरह तुम्हारी अंदर की रांड को निखार रहे हैं।
कहते हुए रमेश ने 4-5 तस्वीरें क्लिक कीं। रिया अपनी बुर को रगड़ते हुए भिन्न भिन्न मुद्राओं में तस्वीर खिंचवा रही थी। रमेश उसकी नग्नता को तस्वीरों में कैद कर रहा था।
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RE: Incest Kahani Incest बाप नम्बरी बेटी दस नम्बरी
रमेश धीरे से लण्ड घुसा रहा था मगर रिया की चीख अभी एक तिहाई सुपारा घुसने के समय ही निकलने लगी। रमेश डर गया और रुक गया. तब रिया पीछे मुडी और हंसते हुए बोली- अरे, डैड मजाक किया था, डालो ना।
इस पर रमेश ने उसके बालों को कसकर खींचा और बोला- साली देख अब तू, कैसे तेरी गाँड का गड्ढा बनाता हूं मैं. इतना चोदूंगा कि अपनी माँ को याद करोगी।
उसने एक जोर का धक्का मारा और पूरा लण्ड एक साथ रिया की कसी हुई गाँड में उतर गया।
रिया ने हालांकि गाँड बहुत मरवाई थी, मगर इतना मोटा तगड़ा लौड़ा ले रही थी इसलिए उसकी चीख निकल गयी। वो लगभग रोते हुए बोली- डैड आराम से तो पेलते, कहीं गांड फट जाती तो?
रमेश- तुमको अब पता चला ना कि कैसा लगता है गाँड में लण्ड घुसता है तो। अब तो घुस गया. थोड़ी देर में गाँड उसको जगह दे देगी और तुमको मज़ा आएगा।
रिया- अरे डैड, मैं अपना सब तुमको दे चुकी हूं और साथ में मज़ा लूटना है ना! आआहह … थोड़ी देर बस लण्ड को गाँड में स्थिर रखो फिर खूब चोदना। तुमने तो लंड ऐसे घुसाया कि लंड को गांड से डाल कर मुंह से निकाल दोगे!
रमेश- ठीक है साली रंडी, मगर तूने ही मुझे उकसाया था. तेरे मस्त चूतड़ और तेरी गांड के उभरे हुए छेद को देख कर मुझसे रहा नहीं गया.
कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद रिया ने कहा- हाँ अब लगता है कि गाँड अभ्यस्त हो गयी है। अब चोदो अपनी रंडी बेटी की गाँड को जितना जी चाहे। अब मज़ा आएगा डैडी।
ये सुन कर रमेश ने रिया की गाँड के छेद, जिसमें उसका लण्ड ऐसे फंसा था जैसे गूँथे हुए आटे में किसी ने लकड़ी गाड़ दी हो, पर थूक दिया। गाँड के छेद के किनारे गहरे भूरे रंग के थे।
रमेश ने अपनी उंगली से थूक को छेद के चारों ओर पोत दिया। फिर उसने लण्ड को धीरे धीरे आगे पीछे करना शुरू किया. लण्ड को वो बमुश्किल आधा इंच ही अंदर बाहर कर रहा था।
धीरे धीरे उसने अपनी रफ्तार बढ़ानी शुरू की। उसे अपने लण्ड पर गाँड का कसाव मूंग के हलवे की तरह लग रहा था। लण्ड का अहसास रिया को भी बहुत आनन्ददायक लग रहा था।
गाँड के अंदर जो नर्व एन्डिंग्स होती हैं वहां पर रिया को लंड का घर्षण बहुत मजा दे रहा था. इसलिए गाँड की चुदाई का मज़ा डबल हो रहा था। रमेश गाँड मारने में मस्त था तो रिया गाँड मरवाने में मस्त थी।
धीरे धीरे उनकी मस्ती अब आक्रामक कामुक जोश में बदलने लगी। रमेश अब आधे से भी ज़्यादा लण्ड अंदर बाहर कर रहा था। रिया भी अपनी गाँड पीछे करके लण्ड लेने में कोई कोताही नहीं बरत रही थी। रमेश एक हाथ से रिया के बाल खींच रहा था और दूसरे हाथ से उसके चर्बीदार चूतड़ों को मसल रहा था।
अब पूरी तेज़ी से गाँड की चुदाई चल रही थी। रिया की गाँड से कुछ ग्रीज़ की तरह तरल पदार्थ रिसने लगा और रमेश के लण्ड पर चिपकने लगा। रमेश ने ये देखा तो उसने सोचा कि क्यों न रिया की गांड के इस लसलसे पदार्थ को रिया से ही चटवाया जाये!
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RE: Incest Kahani Incest बाप नम्बरी बेटी दस नम्बरी
रमेश ने ये सोचकर कमर की हरकत रोक दी। फिर दोनों चूतड़ों को फैलाकर अपने लण्ड को धीरे धीरे बाहर निकाला। रिया की गांड का छेद रमेश के लंड की गोलाई के जितना चौड़ा हो गया था. लंड पर पूरा चिपचिपा पदार्थ लगा हुआ था.
रिया की गांड का अंदर का गुलाबी हिस्सा साफ साफ दिख रहा था. लंड बाहर निकला तो रिया की सांसों के साथ ही उसकी गांड के अंदर का हिस्सा भी ऊपर नीचे हो रहा था. रमेश ने गांड के अंदर ही थूक दिया। वो ये दृश्य देखकर जैसे मदहोश हो रहा था.
तभी रिया ने टोका- क्या हुआ डैड? क्यों निकाल लिया लण्ड बाहर?
रमेश ने उसकी ओर मुस्कुरा कर देखा और बोला- इधर आ साली कुतिया और चूस इस लण्ड पर लगे अपनी गांड के रस को.
रिया पीछे घूम गयी और उसने लण्ड को जड़ से पकड़ लिया. फिर रमेश की आंखों में देखते हुए अपनी जीभ बाहर निकाली और लण्ड के निचले हिस्से को चाटने लगी। फिर सुपारे पर चूसने लगी और फिर लंड के दायें बायें और फिर ऊपरी हिस्से पर अपनी जुबान फिराने लगी.
रमेश उसके बालों को संवारते हुए उसकी ओर प्यार से देख रहा था। रिया ने उसकी ओर देखा और कहा- मेरी गांड तो बहुत मीठी है डैड.
रमेश- क्यों ना होगी? तुम हो ही स्वीट, अब पता चला कि हम मर्द लोग गांड को क्यों चाटते हैं?
रिया के मुंह मे लण्ड था, मगर फिर भी उसकी हंसी रुक नहीं पाई।
वो बोली- अब रोज़ चटवाऊंगी और चाटूंगी लंड से चुदवाने के बाद। डैड, ये एक नई चीज पता चली मुझे आज।
फिर रमेश ने लण्ड को छुड़ा लिया और बोला- अभी पहले तुम्हारी गांड की चुदाई अधूरी है। तुम अपनी चूत को मसलती रहना, तब तुमको और मज़ा आएगा।
रमेश ने रिया को पीठ के बल अपने सामने लिटा दिया। उसके बाल बिखरे हुए थे। होंठों पर लण्ड चूसने के बाद चमक थी। आंखों में कामुकता की प्यास थी। चूचियां तनकर पहाड़ सी लग रही थीं। रमेश ने उसकी गांड़ के नीचे तकिया लगा दिया और फिर उसकी गांड में लण्ड घुसा दिया।
रिया अपनी चूत मसलने लगी और रमेश ने उसकी दोनों चूचियों को अपने पंजों की गिरफ्त में ले लिया। अब फिर से घमासान चुदाई शुरू होने वाली थी।
रमेश ने अब रिया की गांड फिर से मारनी शुरू कर दी।
अब रिया की गाँड भी ढीली हो चुकी थी। अब लण्ड के आवागमन में कोई दिक्कत नहीं थी। वो गांड मरवाते हुए अपनी चूत के दाने को छेड़ रही थी। रमेश ने उसकी चूत पर थूक दिया तो रिया उसे पूरी चूत पर मलने लगी।
रिया- आआहह डैड … ऐसे ही! आआहह … उफ़्फ़फ़ … चोदो इस्स! लण्ड चाहे चूत में घुसे या गाँड में, लण्ड को पाने के बाद लड़की मस्त हो ही जाती है।
रमेश- बेटी, देखो ना तुम्हारी गाँड कैसे लण्ड को अपने अंदर समा रही है। जैसे यह मेरे लण्ड का स्वागत कर रही है और कह रही है कि आओ और मुझे जरा और ज्यादा फैला दो।
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RE: Incest Kahani Incest बाप नम्बरी बेटी दस नम्बरी
अगले दिन सुबह दोनों फ्रेश हो गए. तब रमेश ने रिया को पूरी तरह से नंगी होकर डांस करने को कहा।
रमेश ने म्यूजिक ऑन किया और एक बेहद सेक्सी गाना
एक तो कम ज़िन्दगानी
कमरे में बजने लगा।
रिया उस गाने की बीट पकड़ कर नाचने लगी। रिया को अपनी माँ से नाचने की कला विरासत में मिली थी। अब तो रमेश का बुरा हाल होने लगा।
इस गाने पर नाचते हुए रिया बेहद कामुक मूव्स कर रही थी जो कि उस भद्दे गाने की बोल से मिल रहे थे- जैसे अपने चूतड़ों को ज़ोर ज़ोर से हिलाना। चूचियों को उठा उठा कर हिलाना। होंठों को रगड़ना, आंखे मारना, अपनी चूत को वो इस सब के दौरान छुपाए हुए थी।
रमेश खुश भी था और हैरान भी अपनी रंडी बेटी का ये रूप देखकर।
थोड़ी देर बाद गाना बंद हो गया और रमेश ने ताली बजाई। रिया ने हंसकर हाथ के इशारे से धन्यवाद किया।
फिर रमेश उसके पास आ गया और दूसरा गाना लगाया
भीगे होंठ तेरे … प्यासा दिल मेरा
इमरान हाशमी और मल्लिका वाला।
दोनों ही उस धुन पर नंगे होकर नाचने लगे। इस दौरान रमेश और रिया ने एक दूसरे को कितनी बार चूमा, सहलाया उसका कोई हिसाब नहीं था। दोनों बिल्कुल एक दूसरे में मग्न हो गए थे।
जब गाना खत्म हुआ तो रिया रमेश की कमर के आसपास कैंची बनाकर उसकी गोद में चढ़ी हुई थी। रिया को ऐसे ही उठाकर रमेश अब कमरे की ओर बढ़ चला। दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कराते हुए हांफ रहे थे।
रमेश रिया को कमरे में ले आया तो रिया ने रमेश से कहा- डैड आज का दिन यादगार बनाना होगा। तुम्हारे लण्ड की कसम, आज पूरा दिन चुदवाऊंगी. इसलिए आज हम तुम दोनों ही सेक्स की दवा खा लेते हैं।
रमेश- कहाँ रखे हुए हो जान सेक्स की दवा?
रिया- वहां रैक पर रखी है। आज के दिन की तैयारी है।
पहले उसने रिया को बिस्तर पर रखा. फिर वियाग्रा लाया. दोनों ने एक एक गोली खा ली.
फिर रमेश को देख रिया बोली- ये देखो डैड, तुमको ये देखकर अच्छा लगेगा।
रमेश- क्या?
रिया ने अपनी चूत फैला कर दिखा दी.
रमेश- साली रंडी, आज दिनभर तुमको खूब चोदूंगा. तू टेंशन मत ले।
रिया- जैसे मन करे वैसे चोदो डैड। मैं तुम्हारी दासी हूं.
रमेश- ठीक है, बेड से उतर और कुतिया बन जा फिर।
रिया ने वैसे ही किया। वो कुतिया की तरह चौपाया हो गयी। फिर रमेश उसके बालों को पकड़कर उसको अपने कमरे में ले गया और रिया के गले में कुतिया वाला पट्टा पहना दिया जिसमें चेन भी लगी हुई थी ।
फिर वह रिया को किसी कुतिया की तरह खींचते हुए उसके कमरे में ले गया।
उसने पूछा- लिपस्टिक कहां है तुम्हारी?
रिया- वो वहां दराज़ में है।
इतना कहना था कि रमेश ने एक थप्पड़ उसके गाल पर जड़ दिया और बोला- कुतिया बोलती नहीं सिर्फ भौंकती है. जीभ बाहर लटकाती है। इशारों से बात कर हरामज़ादी कुत्ती कमीनी, तेरी मां को चोदूं भोसड़ीवाली, कुतिया की पिल्ली।
रिया का चेहरा लाल हो उठा। मगर उसे समझ आ गया था कि रमेश शायद आज कोई नरमी नहीं बरतेगा। कहीं ना कहीं वो भी रमेश के हाथों जलील होना पसंद करती थी।
रिया- भौं-भौं … भौं-भौं … ठीक है?
रमेश- हां ये हुई ना बात, कुतिया साली।
रमेश ने लिपस्टिक निकाला और रिया के माथे पर हिंदी में लिखा- रंडी।
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