11-11-2020, 01:24 PM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,724
Threads: 1,147
Joined: Aug 2015
|
|
RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
सतीश जैसे ही मोना को उठाने के लिए झुकता है उसकी नज़र मोना की खुली हुई चुत पे पड़ती है और वो उसे देखता ही रह जाता है.
मोना जब सतीश को अपनी चुत पे घुरते हुए देखति है तो.
मोना : “वहाँ मत देखो वो तुम्हारे देखने की चीज़ नही,मुझे उठाके ले चलो जल्दी करो”.
सतीश मोना को अपनी गोद में उठा के बेड की तरफ बढ़ता है.
सतीश : “दीदी एक बात कहु तुम्हारे पुसी पे कितने बाल हैं, तूम साफ़ क्यों नहीं करती”?
मोना : “छिईईई.........!! गंदे, क्या कोई भाई अपनी बहन से ऐसी बात करता है”?
सतीश : “भाई बहन ऐसी बात नहीं करते, पर बॉय फ्रेंड तो अपनी गर्ल फ्रेंड से कर सकता है ना”.
मोना : “यहाँ बॉय फ्रेंड और गर्ल फ्रेंड कौन है”?
सतीश : “तुम हो ना मेरी गर्ल फ्रेंड्”
मोना : “मैं कब तेरी गर्ल फ्रेंड बन गयी”?
सतीश : “उसी वक़्त से जब मैंने तुम्हे एयरपोर्ट पे देखा था, तब से मेरी एंजेल मेरी प्यारी गर्ल फ्रेंड बन गयी,एक बात कहु मैं हमेशा तुमसे प्यार करता था, करता हु, और करता रहूंगा,एक भाई की तरह नही बल्कि एक बॉयफ्रेंड की तरह”
मोना मुस्कराते हुये सतीश को आँख मारती है
मोना : “तेरा मोबाइल फिर वाइब्रेट कर रहा है, संभालो उसे, इस बार बहुत ज़ोर ज़ोर से वाइब्रेट हो रहा है”.
सतीश शर्मा जाता है
सतीश- “चलो अब नाटक मत करो और बताओ ना”.
मोना : “अरे मेरे भोले भाई, मुझे तुम्हारे साथ ऐसी बाते करने में शर्म भी आती है और मज़ा भी आता है, पहले तूम अपने मोबाइल का तो कुछ करो, मुझे अपने निचे मेहसुस हो रहा है की तुम्हारी पैंट में बहुत ही तेज़ हलचल मची हुई है”.
सतीश : “तुम बताती हो के नहीं” ?
मोना : “बताती हूँ नाराज़ मत हो, वो क्या बात है, के मैं चाहे अपने बाल साफ़ करूँ, चाहे ना करूँ, क्या फरक पडता है,
मुझे रेजर यूज़ करना नहीं आता, और हेयर रिमूवर क्रीम से मेरे स्किन पे रेशेस हो जाते हैं, ओर वैसे भी कौन है देखने वाला, जिसके लिए मैं सफाई करु”.
सतीश : “मैं हूँ ना आप की सेवा में, मैं साफ़ करूँगा अपनी एंजेल के बाल”
मोना : तुम्हे शर्म नहीं आयेगी ऐसा करने मे”?
सतीश : “नहीं मैं तो शोक से करूँगा”.
सतीश मोना को बेड पे लिटाता है.
मोना : “भाई मुझे ठण्ड लग रही है”.
सतीश : “ठण्ड लग रही है या अपना ये खूबसूरत जिस्म मुझ से छूपाना चाहती हो”?
मोना : “नहीं भाई ऐसी बात नहीं है मुझे वाक़ई में ठण्ड लग रही है,ओर वैसे भी अब क्या छुपाना तूम ने तो सब कुछ देख लिया है”.
सतीश : “अच्छा एक बात बताओ तूम जब टॉयलेट में पेशाब कर रही थी तो सिटी की आवाज़ आई थी पर तुमने जब कार और बाइक पे मेरी गोद में पेशाब किया था तो उस वक़्त सिटी की आवाज़ क्यों नहीं आई”?
मोना : “क्यूँ की मैंने कार और बाइक पे तुम पे पिशाब नहीं किया था”
जैसे ही सतीश कुछ बोलने जाता है उसका मोबाइल बजने लगता है.
सतीश : “हल्लो”.
सानिया : “सतीश मेरी दोस्त का एक्सीडेंट हो गया है, और मैं उसके साथ हॉस्पिटल में हु, उसकी कंडीशन बहुत सीरियस है, और वो अभी बेहोश है, जब तक उसे होश नहीं आ जाता मैं यही हॉस्पिटल में रहुंगी, तुम अपने और मोना के लिए होटल से खाना मंगा लेना और मेरी चिंता मत करना”
सतीश : “ठीक है मम्मी, अपना ख़याल रखना. बाय”
मोना : “क्या हुआ, क्या कहा मम्मी ने”?
सतीश : “मम्मी की दोस्त का एक्सीडेंट हो गया है और वो हॉस्पिटल में है, मम्मी ने कहा है, के वो अभी वहीँ रुकेगी और मैं हमारे लिए होटल से खाना मंगा लू”.
मोना : “भाई मेरे बदन में बहुत दर्द हो रहा है, तूम थोडी मालिश कर दो ना”.
सतीश : “हाँ ज़रूर,मैं अभी गरम तेल लेके आता हु”
फिर सतीश उसके लेग्स की मालिश करने लगा..
क्या सॉफ्ट लेग्स थे मोना के..
उसकी लेग्स की सतीश ने मालिश करी तो उसे बडा आराम मिला उसने कहा की मैरे पुरे लेग्स में दर्द है, ....
उसने बोला की निचे से ले कर ऊपर मेरी थाइस तक मालिश कर दो प्लीज ..
सतीश- “अगर मैं तुम्हारे थाइस पर मालिश करूँगा तो तुम्हारी नाइटी पर सारा तेल लग जायेगा..”
मोना- “तुम मेरी नाइटी मेरी हिप्स तक ऊपर कर दो”
|
|
11-11-2020, 01:24 PM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,724
Threads: 1,147
Joined: Aug 2015
|
|
RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
सतीश पागल सा हुआ जा रहा था.
उसकी वाइट थाइस देख कर.
खैर सतीश ने तेल लगाना शुरू किया ..
निचे से धीरे धीरे ऊपर बढ़ रहा था..
जब सतीश उसकी थाइस पर पहुंचा तो वो अपने मुंह से सेक्सी आवाज़ें निकलने लगी,
सतीश- “क्या हुआ”?
मोना- “कुछ नहीं, दर्द हो रहा है, तुम मालिश करते रहो...”
जब सतीश उसकी इनर थाइस के अंदर मालिश करने लगा तो उसकी चुत की गर्मी का उसे एहसास हो रहा था..
उसकी मोनिंग और भी तेज हो गयी थी..
उसने सतीश को बीच मे ही रोका
मोना- “अब बस मेरे लेग्स को आराम आ गया है, तुम अब मेरी कमर की भी मालिश कर दो”.
सतीश तो इसी का इंतज़ार कर रहा था
सतीश- “ठीक है...पर तुमने तो नाइटी पहनी हुयी है, अगर ऐसे लगाउंगा तो सारा तेल लग जायेगा”
मोना- “तुम मेरी नाइटी थोड़ा ऊपर कर दो”
उसने अपनी कमर उठाइ और सतीश ने उसकी नाइटी को ऊपर कर दिया क्या सॉफ्ट और वाइट कमर थी उसकी ...
सतीश ने उसकी नाइटी को ऊपर किया पर वो अभी भी उसकी ब्रा के निचे थी..
सतीश ने मालिश करनी शुरू की .. और सतीश के लंड का बुरा हाल हुआ जा रहा था..
मोना- “तुम मेरी पूरी पीठ की मालिश कर दो...”
सतीश को पता था की मोना अब गरम होती जा रही है,
मोना- “तुम मेरी नाइटी को उठा कर शोल्डर तक कर दो”
ओर उसने अपना पेट् ऊपर उठाय ..और वो ब्लैक कलर की ब्रा पहने हुई थी...
जब वो निचे दुबारा हुई तो ...उसके स्तन साइड से बाहर आ गए ..और उन्हें देख कर सतीश के लंड का और भी बुरा हाल हो गया...
ओर बड़ी मुश्किल से सतीश ने अपने लंड को कण्ट्रोल किया...
ओर मालिश करना जारी रखा.
वह पेट् के बल लेटी हुई थी और सतीश उसके कंधे और पीठ की मालिश कर रहा था,
सतीश का 9" का लंड सतीश के पैजामे मे खड़ा हो कर उसे परेशान कर रहा था मोना उल्टा लेटी हुई थी वो उसे नहीं देख सकती है ये सोच के सतीश ने अपना पाजामा निकाल दिया और ऐसे ही मालिश करने लगा.
मालिश करते वक़्त जब सतीश आगे पीछे होता तो सतीश का लंड मोना की गांड पे रगड खाता और शायद अब इसका एहसास उसे भी हो रहा था पर वो कुछ बोल नहीं रही थी बस धीरे धीरे मोअन कर रही थी.
“म्म्म्ममम........”
“आआआआह्ह्ह्ह.........”
सतीश बस ऐसे ही उसके कंधे और पीठ की मालिश कर रहा था और अपना लंड उसकी गांड पे घास रहा था.
फिर थोड़ी देर बाद उसने कहा
मोना-“बस अब अच्छा महसुस हो रहा है...अब तुम मेरी कमर से लेकर मेरी जाँघ तक की मालिश करो.
ये सुनते ही सतीश खुशी में उछल पड़ा और सतीश के खड़े लंड ने जो उसकी गांड के ऊपर था फिसल कर उसके दोनों चूतड़ के बीच से होते हुए उसकी पेन्टी के ऊपर से उसकी चुत पे चोट की.
ओर..
मोना : “उईईईई............................ कया कर रहा है, मुझे वहां दर्द नहीं है, अपना मोबाइल संभालो गलत नंबर पे मिस कॉल कर रहा है"
ये कह के मोना मुस्कुराने लगती है.
सतीश : अरे नहीं, वो तो, मैं तो, बै............
मोना : “चल ठीक है, अच्छे से मेरे कमर की मालिश कर”.
सतीश : “तेरी चड्डी बीच में आ रही है”.
मोना : “तो उतार दे ना, मैने कब रोका है, जो चाहे कर पर मालिश अच्छे से होनि चहिये,मुझे मज़ा आना चहिये”.
सतीश ये सुन के खुश हो जाता है, और मोना की पेन्टी नीचे की, मोना ने अपनी गांड थोड़ी ऊपर उठायी और पेन्टी निकाल दी, बिलकुल क्लीन वाइट कलर की सेक्सी गांड थी मोना की. दो उभरे हुये, मोठे मोठे नरम नरम बलून जैसी,
सतीश ने सोचा के कहीं वो ख्वाब तो नहीं देख रहा इतनी हसीन गांड इतना क्यूट पिंक गांड का सुराख उस के सामने वो भी उस की अपनी बहन का.
सतीश ने तेल उस की गांड पर मलना शुरू कीया.
कहानी चालू रहेगी
|
|
11-11-2020, 01:24 PM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,724
Threads: 1,147
Joined: Aug 2015
|
|
RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
सतीशने मोना की पेन्टी नीचे की, मोना ने अपनी गांड थोड़ी ऊपर उठायी और पेन्टी निकाल दी, बिलकुल क्लीन वाइट कलर की सेक्सी गांड थी मोना की. दो उभरे हुये, बड़े बड़े नरम नरम बलून जैसी,
सतीश ने सोचा के कहीं वो ख्वाब तो नहीं देख रहा इतनी हसीन गांड इतना क्यूट पिंक गांड का सुराख उस के सामने वो भी उस की अपनी बहन का.
सतीश ने तेल उस की गांड पर मलना शुरू कीया.
मोना : “सतीश अच्छी तरहा से मालिश कर कोई भी कसर बाकी ना रहे,हर जगह की मालिश आज करनी है तुझे”.
फिर सतीश ने दोनों चूतड़ों को खोल कर मोना के गांड के गुलाबी सुराख को देखा और झुक के अपनी ज़बान से उसे चाट लिया.
जैसा ही मोना को अपनी गांड के छेद पे सतीश की जुबान महसुस हुई वो उछल पडी.
मोना : “छि..................सतीश वहा पे मत, वो गन्दी जगह है वहां से मैं टट्टी करती हु”.
सतीश मोना की बात को अनसुना कर अपनी ज़बान से पुरे गांड को चाटता है.
मोना : “सतीश दर्द वहां नहीं थोड़ा नीचे है”.
सतीश: “कहाँ ? मुझे नज़र नहीं आ रहा है”.
मोना: “ओके, मैं अपनी टाँगें खोलती हूँ, तू गौर से देख, नज़र आ जायेगा, छोटी वाली जगह है, बालों के घने जंगल के बीच”.
ओर मोना ने अपनी टाँगें खोली तो लाइट मे बिलकुल साफ़ नज़र आने लगी उस की प्यारी सी गुलाबी रंग की सॉफ्ट चूत.
जीस के एक मंज़र ने सतीश को पागल कर दिया.
सतीश ने बिना कुछ कहे फ़ौरन उसे चूम लिया,
सतीश को पागल कर दिया सो सतीश ने बिना कुछ कहे अपनी जुबान से चाटना शुरू केर दिया.
मोना की गांड से चुत तक अपनी जुबान फेरने लगा.
अब मोना की साँसें तेज़ हो गईं और वो खुद पर कण्ट्रोल नहीं कर पा रही थी और कह रही थी
मोना: “उफ्फ्फ भाई हाँ यहीं है दर्द, उफ्फ्फ अब कुछ सुकून मिल रहा है तुम कितने अच्छे हो, सतीश आई लव यू”
सतीश : “आई लव यु टु दीदी, मैं तुम्हारा हर दर्द निकल दूंगा जहाँ जहाँ दर्द है बताओ मुझे”.
ओर फिर सतीश उसकी चुत पे अपनी फिंगर से रब करने लगता है.
मोना : “सतीश ज़रा ज़ोर से रगड़ कर करो मालिश उस से मुझे सुकून मिलेगा, प्लीज भाई ज़ोर से हाँ ऐसे ही ज़रा फिंगर को ज़ोर लगा के रगड़ो ना प्लीज भाई अच्छा लग रहा है”.
सतीश ने अब मोना की क्लीट को रगडना शुरू कर दिया.
सतीश : “दीदी तुम्हे कैसा लग रहा है, अच्छा या बुरा और क्या दोबारा उस को रगडू, अगर तुम्हे अच्छा लग रहा है, तो तुम प्लीज माइंड ना करना मैं तुम्हारे लिए ही ऐसा कर रहा हु”.
मोना : “हाँ भाई अच्छा तो लग रहा है, लेकिन वो है क्या जिसको तुम रगड़ रहे हो”?
सतीश: “वो तुम्हारी चुत का सब से नाज़ुक हिस्सा है”
मोना : “मुझे नहीं पता था के ऐसे भी मज़ा लिया जाता है, मैं तो हवा में उड़ रही हु, तुम्हारी जुबान मे तो जादु है, तुमने आज दिल जीत लिया मेरा”.
सतीश : “मज़ा आ रहा है ना”?
मोना : “जीईई.................... अच्छा आआ..................... लग रहाआआ............ है..
मैं गईईई................”
मोना कापते हुए झड़ने लगती है.
ये सुनते ही सतीश मोना की चुत को अपने मुंह में भर लेता है और उसकी चुत से निकल रहे मीठे प्रेमरस को पीने लगता है.
ओर आखरी बूँद तक चाट के पी लेता है.
मोना मस्ती में आँखे बंद किये झड़ने का मज़ा ले रही थी की अचानक…...
सतीश ने मोना की गांड के गुलाबी सूराख को अपनी ज़ुबान से कुरेद के कहा.
सतीश : मोना क्या तुम्हारे इस सुराख में भी दर्द है तो बताओ मैं इसके अन्दर भी मालिश केर देता हूँ?
मोना: भाई सच बताऊँ तो है, लेकिन अन्दर कैसे मालिश करोगे आप क्या आयल वाली शीषी मीरे अन्दर डालोगे?
सतीश: नहीं बस देखति रहो मेरा कमाल का अन्दर आयल लगाना, लेकिन ज़रा अपने नीचे तकिया रख लो और अपनी गांड थोडी ऊपर कर लो.
मोना ने तकिया रखा और लेट गई अब उस के दिल की धड़कन तेज़ थी क्यों के आगे क्या होना है कुछ पता नहीं था बस इतना जानती थी के मज़ा लेना है कैसे?
जैसे भी बस मज़ा चाहिए था उस को.
|
|
11-11-2020, 01:24 PM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,724
Threads: 1,147
Joined: Aug 2015
|
|
RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
मोना को अभी भी दर्द हो रहा था लेकिन मज़ा भी आ रहा था और उस के मुह से मोना: उफ्फ्फ आहहहहह सतीश प्लीज भाआईई आराम से करो आआह्ह्हह्ह्ह्ह हाँ ऐसे सतीश और अन्दर थोडा ज़ोर दो हाँ अन्दर तक मालिश करनी है तुमको सतीश करो हाँ ऐसे थोडा और अन्दर उफ्फ्फ सतीश बस बस सतीश और ज़ोर न दो दर्द होता हाय ओह्ह्ह भाई तुम कितने अच्छे हो कितना ख्याल रखते हो मेरा आहहहह भाई तुम्हारी परी को बहुत मज़ा आ रहा है तुम को भी आ रहा है क्या?
सतीश: हाँ मेरी परी मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है उफ़ कितनी टाइट है तुम्हारी गांड बहुत मज़ा आ रहा है.
फिर सतीश ने लंड को मोना की गांड में पूरा अन्दर तक घूसा दिया.
मोना के मुह से दर्द भरी सिसकारी निकल गई आलललह्ह्हह्ह्ह्हह्हह्ह्ह्हह्हह उफ़ बहुत मज़ा आ रहा है भाई ऐसे ही मेरी क्लीट रगडते हुए मेरी गांड मारो.
मोना अब अपनी गांड ज़ोर से हिला हिला कर चुदवा रही थी अभी तक दर्द था उस को गांड में लकिन अब तो आउट ऑफ़ कण्ट्रोल थी इस लिए कोई होश नहीं था
अब दोनों भाई बहन एक दूसरे से सेक्स कर रहे थे.
सतीश ने मोना की चुत में तेज़ी से अपनी फिंगर डाली और क्लीट मसलना शुरू कर दिया. अचानक मोना की चुत ने पानी छोड़ दिया और वो निढाल हो कर सतीश पर गिर पड़ी.
सतीश अब ज़ोर से झटके मारने लगा नीचे से वो भी फ़ारिग़ होने वाला था और कुछ ही पल में उसने अपनी बहन की गांड में रस की बरसात कर दि.
दोनो भाई बहन मस्ती में नंगे एक दूसरे से लीपटे पड़े हुए थे. दोनो के होश गुम थे.
कुछ देर बाद जब दोनों की साँसे नार्मल होती हैं और दोनों को होश आता है.
ओर फिर सतीश मोना के मासूम चेहरे को देखते हुए कहता है
सतीश: मज़ा आया मेरी जान?
मोना : बहुत..............
मुझे तो पता ही नहीं था के ऐसे भी मज़ा लिया जाता है आज मुझे पहली बार पता चला है के सेक्स में इतना मज़ा होता है,
मुझे तो आज तक सेक्स के नाम पर सिर्फ तकलीफ ही मिली है,
आज तुमने मुझे ये एहसास कराया के प्यार क्या होता है,
सेक्स कैसे आप को स्वर्ग में पहुंचा देता है.
मैं आज इतनी खुश हु के बयान नहीं कर सकती,
आई लव यु सतीश काआआअश तुम मेरे पती होते.......................
सतीश : तो इसमें कौनसी बड़ी बात है, कर लो मुझसे शादी, बन जाओ मेरी दुल्हन फिर हम २४ गंटे स्वर्ग की सैर करेंगे.
मोना : एक परी की शादी एक कुली से..................
ये कह्के मोना मुस्कुराते हुए सतीश को धक्का देती है और पक्क की आवाज़ के साथ सतीश का लंड उसकी गांड से निकल जाता है.
सतीश के लंड पे मोना के गांड की मलाई लगी हुई है जिसे वो मोना की पेन्टी से साफ़ करता है.
मोना : छि......................
गंदे ये क्या किया तूमने.
मेरी पेन्टी खराब करदी. अब मैं क्या पहनुंगी?
सतीश : अरे नराज़ मत हो धूल जायेगी तो पहन लेना. और वैसे भी बिना पेन्टी के तू और भी ज्यादा खूबसूरत लगती है.
मोना : जी नहीं मैं नहीं पहनुंगी ये गन्दी पैंटी.
मेरी पेन्टी तूने खराब की है और अब तू मुझे नयी पेन्टी दिलायेगा.
सतीश : अच्छा बाबा दिला दूंगा, वैसे भी हमे खाना खाने बाहर जाना ही है.
हम मॉल चलते हैं शॉपिंग करने वहां मैं तुम्हे एक से एक नए ड्रेस और लिंगरिए दिला दूंगा.
कया हुआ ?
कया सोच रही है ?
कया मेरा साथ तुम्हे पसंद नहीं ?
मोना : ओह नहीं प्लीज, ऐसा मत बोल. मैं तो बस ये सोच रही थी के ऐसा क्यों होता है की हम जो चाहते है वो हमे नहीं मिलता??..
ओर जो हमने सोचा भी नहीं होता है वो हमे बिना मांगे ही मिल जाता है.
सतीश मोना को किस कर के कहता है
सतीश: चल अब ज़्यादा सेंटी मत हो और उठ नहा के तैयार हो जा,
बोल तो मैं नहला दु तुझे.
मोना : कोई ज़रूरत नहीं है, बहुत बदमाशी करने लगा है तू आजकाल.
बचपन में तो बड़ा शरीफ था आजकल तेरा मोबाइल भी हमेशा वाइब्रेट करता रहता है, उसको संभल के रखा कर बड़ा मिस कॉल करने लगा है,
देख अभी अभी ईसने कितनी लम्बी आउटगोइंग कॉल की है फिर भी ये बदमाश अभी भी सर उठाये खड़ा है, चल बदमाश कहीं का.
|
|
11-11-2020, 01:24 PM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,724
Threads: 1,147
Joined: Aug 2015
|
|
RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
ये कह के मोना सतीश के लंड पे हलकी सी चपट लगा के बाथरूम में भाग जाती है.
सतीश उसे देखता ही रह जाता है.
फिर सतीश अपने पसंद के नए कपडे (हॉटर टॉप और माइक्रो मिनी फ्रिल्ल स्कर्ट) जो वो सानिया के लिए लाया था निकाल के बेड पे रख देता है.
ओर खुद तैयार होने चला जाता है.
मोना जब नहा के बाहर निकलती है तो वो बेड पे रखे ड्रेस को देख के ख़ुशी से उछल जाती है.
उसे ऐसी ड्रेस पहनने की बहुत चाहत थी पर कोई भी लड़की कितनी भी मोर्डन क्यों न हो ऐसी ड्रेस अपनी ससुराल में अपने साँस ससुर के सामने नहीं पहन साकती.
मोना फ़ौरन अपनी फेवरेट ड्रेस उठा के पहन लेती है.
फिर मेकअप करके अपने गुलाब की पंखुड़ी के जैसे होंटो पे लिपस्टिक लगाती है और सतीश को आवाज़ लगाते हुए उसके बैडरूम में जैसे ही एंटर होती है के अचानक अन्दर का नज़ारा देख कर उसे हँसी आ जाती है.
ओर वो ज़ोर ज़ोर से खिलखिला के हंसने लगती है.
सतीश : क्या पागलोँ की तरहा हांसे जा रही.
बस वहां खड़े रह के मेरा मज़ाक़ बना,
ये नहीं के मेरी कुछ मदत कर दे
देख नहीं रही के मैं कितना परेशान हु.
चल इधर आ और मेरी मदत कर.
मोना : अब इसमें मैं तेरी क्या मदत करूँ ?
सतीश : तुम मदत नहीं करोगी तो कौन करेगा, तूने ही तो किया है यह.
मोना : मैंने क्या किया ?
सतीश : हाँ तू ने नहीं किया, पर ये हुआ तो तेरी वजह से ही है ना, कुछ तो मदत कर ना.
मोना : मैं क्या करूँ ? तेरा मोबाइल है तू सम्भाल.
सतीश : प्लीज…
मोना : पेंट में डाल के चल, मैं तैयार हु.
सतीश : कैसे डालूँ देख नहीं रही ये कैसे ग़ुस्से में है, अंदर जा ही नहीं रहा, कुछ मेरी मदत कर दे.
मोना : क्या करूँ मैं ?
सतीश : इसे चुस के शांत कर दे प्लीज...
मोना : छि....मैं नहीं करनेवाली ऐसा कुछ भी.
सतीश : ऐसा मत बोल मैंने भी तो चूसा था ना तेरा.
मोना : पर सतीश मैंने ऐसा पहले कभी नहीं किया.
सतीश : तुम एक बार करके तो देखो, सच बहुत मज़ा आयेगा तुझे.
मोना : कहीं कुछ गलत हो गया तो ?
सतीश : कुछ गलत नहीं होगा, बस अपने दाँत बचा के.
मोना अपने घुटनो पे आ जाती है नज़दीक से सतीश के लंड को पहले बड़े गौर से देख कर आश्चर्य से पूछती है.
मोना : सतीश क्या ये असली है ?
मैंने पहली बार रियल में इतना लम्बा और मोटा लंड देखा है, सीड का तो ४" का चुहा है,
ओर ये तो कितना मोटा और लम्बा है,
ये कैसे मेरी गांड में घूसा था?
इस देख कर मुझे इस बात का एहसास हो गया है, मुझे इतना दर्द क्यों हुआ था.
मोना लंड के सुपारे को पहले तो सूंघती है फिर उसपे हलके से किस करती है.
मोना के होंठो के स्पर्श से सतीश के लंड में हरकत होने लगती है और वो उछलने लगता है.
मोना लंड को उचलता देख कर खिलखिला के हंसने लगती है.
सतीश : क्या कर रही है ? जल्दी से चूस ना.
मोना : ये तो स्प्रिंग के जैसे हिल रहा है. मैं क्या करु.
सतीश : हाथ से पकड़ के चूसना.
मोना सतीश की बात सुन के लंड को अपने हाथ से पकड़ लेती है.
मोना : वॉव कितना गरम, नरम और लोहे की तरहा सख्त है.
फिर मोना अपनी ज़बान से सुपाडे से निकल रहे प्रीकम को चाट कर टेस्ट करती है.
उसे उसका नमकीन स्वाद लगता है.
वह सतीश को आँख मार के कहती है.
मोना : थोडा नमकीन पर टेस्टी है.
फिर उसके सुपाडे को मुह में लेके लॉलीपोप की तरहा चूसने लगी और सतीश के मुह से सिसकारी निकलने लगी
सतीश : उम्म्म......ओहहहहह??....आआअह्ह्ह्हह....
मोना ने फिर सतीश के लंड को मुह में ले कर अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
लंड काफी बड़ा था और वो पहली बार किसी का लंड अपने मुह में ले रही थी.
आधा लंड ही वो अपने मुहमे ले पा रही थी जिसे वो बड़े ही चाव से चूसे जा रही थी और सतीश की आण्ड को अपने हाथ में लेके हौले हौले मसल रही थी.
सतीश को इतना मज़ा तो तब भी नहीं आया था जब सानिया ने उसका लंड चूसा था.
मस्ती में आके सतीश ने मोना का सर अपने दोनों हाथों में लेके उसके मुह को चोदना शुरू कर दिया था.
अब सतीश का लंड मोना के गले तक पहुँच रहा था जिसे मोना के मुंह से गोओ गोओ की आवाज़ निकलने लगी,
मोना की ऐसी हालत देख के सतीश ने उसके सर पे अपनी पकड़ लूज कर दी और अपने लंड को उसके गले में उतारना बंद कर दिया.
सतीश को रुकते देख मोना ने खुद कमान संभाल ली और सतीश के लंड को खुद अपने मुह में भर कर चुसना शुरू कर दिया.
अब सतीश से बर्दाश करना मुश्किल हो रहा था.
उसके मुह से मस्ती में आवाज़े निकल रही थी.
फिर उसने अपने रस की पिचकारी मोना के मुह में छोड़नी शुरू कर दि.
मोना ने भी सतीश के लंड की मलाई को अपने मुह से निकलने नहीं दिया. जब तक पिचकारी निकलती रही वो सतीश के लंड के सुपाडे पे अपने होंट की पकड़ बनाये उसे पीती रही,
आखरी बून्द तक उसने नहीं छोड़ा एक चटोरी की तरहा पूरा वीर्य वो निगल गयी.
मोना : वाओ सतीश मज़ा आ गया, क्या टेस्टी मलाई है तुम्हारी.
ये कह के मोना ने सतीश को आँख मारी और एक नॉटी स्माइल के साथ उठ कर अपने होठो पे लिपस्टिक लगनी शुरू कर दि.
सतीश ने मोना को अपनी बांहो में भरना चाहा पर मोना ने उसे रोकते हुए कहा अभी हम लेट हो रहे हैं और अपनी गांड मटकाते हुए मेनगेट की तरफ चल दि.
सतीश ने मोना के गोल गोल मटकते चुत्तड़ को देख कर एक आह भरी और अपने पैंट में लंड को डाल कर वो भी मोना के पीछे पीछे चल दिया.
बाहर आके सतीश ने कार निकालि और दोनों उसमे बैठ कर शॉपिंग के लिए मार्किट निकल गये.
|
|
11-11-2020, 01:25 PM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,724
Threads: 1,147
Joined: Aug 2015
|
|
RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
मार्केट पहुँच कर सतीश ने कार पार्किंग में कार एंटर की और पार्किंग टिकट कटवाया.
पारकिंग अटेंडेंट की नज़रे मोना पर ही टीकी हुई है.
सतीश और मोना दोनों इस बात को नोट करते है. टिकट लेकर सतीश एक खाली जगह देख कर कार को पार्क करता है और कहता है.
सतीश : “वा मोना तूम कितनी खूबसूरत लग रही हो एक दम एक परी की तरह,
इसका अंदाज़ा तो तुम्हे उस पार्किंग अटेंडेंट से ही लग गया होगा, देखा कैसे घूर रहा है तुम्हे”?
मोना : लगता है तुम को शो ऑफ करना बहुत पसंद है.
सतीश कोई जवाब नहीं देता बस मुस्कुरा देता है.
नीचे उतर कर मोना की साइड में आकर दरवाज़ा खोलता है और हाथ आगे बढाता है.
मोना को अपने भाई का उसे इस तरह ट्रीट करना बहुत अच्छा लगता है.
मोना भी इस ट्रीटमेंट को एन्जॉय करने लगती है और फिल्मी स्टाइल में पहले एक पैर बाहर निकालती है और फिर नीचे उतरती है अपना हाथ सतीश के हाथ में रखती है और उसके हाथ का सहारा लेने के अंदाज़ में दूसरा पैर बाहर रख कर बाहर निकलती है. दोनों की नज़रे मिलति है और दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा देते है.
ईस हरकत से दोनों के मन में अजीब सी भावनाएं हिलोरे लेने लगती है.
एक दूसरे का हाथ पकडे दोनों बेसमेन्ट पार्किंग में सामने ही लिफ्ट से होकर मार्किट की ग्राउंड फ्लोर पर आते है.
देखने वाले कतयी अंदाज़ा नहीं लगा सकते की हाथ में हाथ पकडे ये दोनों भाई:बहिन है या प्रेमी जोडा.
फर्स्ट फ्लोर पर आकर दोनों एक कार्नर से विंडो शॉपिंग करते हुए चलने लगते है. बीच बीच में किसी शॉप के बाहर रूक कर डिस्प्ले में पड़ी चीज़े देखते है.
सतीश : “तो क्या शॉपिंग करनी है आज मेरी प्यारी बहना को”?
मोना : “ऐसा कुछ सोच कर तो नहीं आयी, देखते है क्या पसंद आता है”.
सतीश : “पर्स, सूट, साड़ी, जीन्स, टॉप, शर्त, नाइटी, ब्रा, पेंटी, थोंग्स बहुत स्टाइलिश डिज़ाइनर आ गए है मार्किट में और तूम कितनी सिंपल पहनती हो”.
मोना : [एकदम शॉकड हो जाती है] “तुम्हे कैसे मालूम”?
सतीश मुस्कुराते हुए उसके कान में धीरे से कहता है.
सतीश: “भूल गई मालिश करते वक़्त मैं ने ही तो तुम्हारी पेन्टी उतारी थी”
हलाकि सतीश ने धीमे से कहा लेकिन फिर भी रश होने से बहुत करीब खड़े लोगो द्वारा सुने जाने की पूरी गुंजाईश थी.
पब्लिक प्लेस पर इतने रश में अपने भाई के मूह से ये बात सुनते ही मोना को एक अलग ही तरह का एहसास होता है.
ओ अपनी गर्दन इधर उधर घुमा कर देखति है की कहीं इतने रश में किसी ने सुन न लिया हो.
उन्हें आपस में एक दूसरे को भाई:बहिन कह कर बुलाते हुए और इस तरह की बाते करते हुए किसी के भी सुन लेने का डर है,
पब्लिक प्लेस में सतीश की इस तरह की बात करने की हिम्मत से मोना को अस्चर्य होता है और उसमे उत्तेजना सी भर जाती है.
उसे लगता है की सतीश दिखने में जितना शरीफ, डिसेंट लगता है, वाक़ई में इतना शरीफ है नही पहले कुछ भी बात करने से कतराता था पर अब बिंदास्त कहता है कितना बदल गया है उसका भाई.
कुछ भी हो, उसे सतीश की बोल्ड कंपनी बहुत पसन्द आ रही थी. लेकिन फिर भी उसे थोडा डर लगता है.
ओ सतीश के कान के पास अपना मूह ले जाकर धीरे से कहती है,
मोना : “सतीश तू भी ना, यहाँ बाहर इतनी भीड़ में ये क्या बोल रहा है, किसी ने सुन लिया होता तो”?
सतीश : “तुम्हे डर लग रहा है इतनी भीड़ में ? यहाँ इतनी भीड़ में किसके पास टाइम है हमारी बाते सुन ने को”?
मोना : “फिर भी, डर तो लगता ही है, ऐसे पब्लिक प्लेस में ऐसी बातें.........!!
सतीश : “हम्म,अच्छा ये बताओ, यहाँ कितने लोग तुम्हे जानते हैं” ?
मोना : “क्यूँ”?मैं दो साल बाद यहां आयी हु,और मैंने अपनी पढ़ाई भी बाहर होस्टेल में रहकर पूरी की इस हिसाब से बहुत कम लोग मुझे जानते होंगे और यहां हमारे कोई रिश्तेदार भी नही है ना कोई दोस्त”
सतीश उसके हाथ को अपने हाथ में थोडा दबाते हुए एक कार्नर में ले जाता है और उसके दोनों कन्धो पर हाथ रख कर उसकी आँखों में देख कर कहता है...
सतीश : “जब हमे यहाँ कोई जानता नहीं तो फिर किसी के सुन ने से डरती क्यों हो? सुन लेने दे जो सुनता है. तुम बस इतना बताओ तुम्हे तो बुरा नहीं लग रहा ना? औरो की मुझे परवाह नही”
सतीश को इस प्यार से खुद को निहारते हुए देख मोना का दिल जोर से धड़कने लगता है. और ?
मोना का दिल जोर से धड़कने लगता है. घबरा कर वो आंखें बंद कर लेती और अपना सर सतीश की चौड़ी छाती पर टीका देती है.
सतीश उसे बाहो में भर लेता है और उसके होंठो पर मुस्कान तैर जाती है. उसे अपना प्लान सक्सेस होते हुए नज़र आता है.
मोना को पब्लिक में सिड्यूस करने में वो सफल हो रहा है और उसे लगता है की मोना को थोडा और पुश करने पर वो खुद ही रिश्तो की मर्यादा तोड़ कर उसकी प्यासी तपति बन्जर ज़िन्दगी को अपने बदन की महकती खुशबू रुपी फुहारो से सींच देगी.
|
|
11-11-2020, 01:25 PM,
|
|
desiaks
Administrator
|
Posts: 23,724
Threads: 1,147
Joined: Aug 2015
|
|
RE: Maa Sex Kahani मम्मी मेरी जान
सतीश को उस वक़्त उस के वर्ड्स का मीनिंग कुछ ऐसा लगा के मेंने तुम को कितना अन्दर तक ले लिया ना अब मुझे बहुत गर्मी लग रही है रश का फ़ायदा उठाओ तुम्हारे पास १०:१५ मिनट और हैं जल्दी से फ़ारिग़ हो जाओ फिर चलते हैं.
इस क बाद मोना पहले की तरह चूडीयों की चॉइस और खरीदी में बीझी हो गयी.
सतीश ने अपनी बहिन को गोद में उठा लिया और फिर से अपने आप को मोना की गांड से चिपका लिया इस बार ऐसे मूड में बिलकुल कॉन्फिडेंट स्टाइल में खडा हो गया की जैसे मोना उसकी बीवी है.
जो सतीश के यानि अपने हस्बैंड के साथ शॉपिंग पे आई है.
मोना को सतीश के साथ जो कोई भी देख रहा था वो ये ही समझ रहा था के मोना उसकी बीवी है और शोहर अगर बीवी से ऐसे टच हो रहा हो तो ये कोई अजीब बात नहीं वैसे भी इतने रश में इतना सा देखने की किसी को फुर्सत नहीं थी पर ये काम सतीश ने अपनी सेफ्टी क लिए किया था और दूसरा इस से उसे मोना के उसकी बीवी होने का एहसास भी मिल रहा था जो बहुत सेक्सी किस्म का था.
अब तो सतीश ने बिना किसी डर के मोना की पूरी गांड पर अपना लंड रगडना शुरू कर दिया कभी राईट से लेफ्ट कभी लेफ्ट से राईट कभी अस्स क्रैक में दबा देता. जब सतीश राईट पर ले जाता तो मोना अपनी गांड को भी राईट पे मूव कर सतीश के लंड को अपनी अस्स क्रैक में फ़साने की कोशिश करती ऐसे ही जब सतीश लेफ्ट पर मूव करता तो उस की गांड भी लेफ्ट पर मूव हो जाती.
जाने या अनजाने में जो भी था पर मोना को अब मज़ा आरहा था .. क्यों के ऐसे करते वक़्त ही मोना आहिस्ता आहिस्ता स्टाल के उपर थोड़ी सी झुक गई थी जिस से उस की गांड और बाहर को निकल आई थी और पूरी तरह सतीश के साथ चिपक गई थी और उस का क्रैक भी उसे और थोड़ा खुल के मिल गया था मोना उसे फुल मज़े देणे के मूड में थी थोड़ा सा झुकने की वजह से उस की स्कर्ट जो के आलरेडी थोड़ी शार्ट थी उस का एन्ड उस के हिप्स तक आ गया था सतीश का लंड अब मोटा होना शुरू हो गया था क्यों के सतीश के टेस्टीस का पानी अब सतीश के लंड में आ गया था और सतीश फ़ारिग़ होने के करीब था, सतीश ने मोना (जो के उसकी गोद में थी) को थोड़ा सा ऊपर खींचा और उस की गांड और सतीश के लंड के बीच सिर्फ सतीश का पतला सा पाजामा था
आब की बार सतीश ने अपना लंड चुपके से अपने पाजामे से बाहर निकल के झुकि हुई मोना की गांड पर जो रखा है तो उसे लगा के बस हो गया काम.
उस के पूरे जिस्म की गर्मी उस के अस्स क्रैक से होती हुई उसे अपने लंड पर फील हो रही थी.
सतीश अब पूरी तरह से मोना को खा रहा था मुझे अब किसी और चीज़ का एहसास नहीं था, सतीश तो इतना गरम था की उस वक़्त कोई उसे हाथ लगता तो उस को लगता मुझे १०४ बुखार है सतीश ऐसे सोच रहा था के उसकी बीवी मोना किसी टेबल पर नंगी झुकि हुई है,
ओर वह पूरा नंगा उस क पीछे चिपक कर खड़ा हो इस बार सतीश ने अपना लंड बजाये लेफ्ट राईट करने क उस की गांड में मूव करना शुरू कर दिया.
मोना इस दौरान अपनी चॉइस की हुई चीज़ें पैक करवा चुकी थी और अब शॉप वाले को पैसे दे रही थी सतीश अब फ़ारिग़ होने के बिलकुल करीब था .. सतीश ने चिपके चिपके अपनी लेग्स थोड़ी स्प्रेड की अपनी पोजीशन परफेक्ट उस की वाइड अस्स के साथ सेट की थोड़ा सा झुका और मोना को पूरी ताक़त से स्टाल क साथ चिपका दिया
अपणे जिस्म का पूरा वज़न उस के ऊपर छोड़ दिया और उसी लम्हे उसे एहसास हुआ के उस के लंड से कम का एक फ़व्वारा सा निकला है, सतीश ऐसे ही आराम से मोना की गांड में लंड घुसाये चिपका रहा,
मोना की शॉपिंग अब कम्पलीट हो चुकी थी पर वो स्टाल से हिली नहीं बल्कि वो ऐसे ही झुके झुके और चूड़ियां देखने लगी, सतीश को ऐसे लगा की वह अब टाइम जाया कर रही है और वो उसे पूरी तरह झड़ने देना चाहती थी, पहला फ़व्वारा निकलने के बाद थोड़े झटके झटके से सतीश ने बाक़ी कम को उसकी गांड में छोड़ना शुरू किया, सतीश को पूरा यक़ीन था हर झटके में फंसे हुए लंड की वाइब्रेशन का एहसास मोना को हो रहा था मगर वो मासूम बन क पूरी तरह सतीश का लंड खा रही थी ४:५ झट्को मे सतीश पूरी तरह झड गया था
|
|
|