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RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
“बांकेलाल राठौर बनकर जो तेरे को काम करने हैं। मेरे काम ही ऐसे हैं।”
लेकिन ।
” कुछ पल चुप रह।” फिर मखानी पर जैसे अजीब-सा नशा सवार होता चला गया।
आधा मिनट ही ये सब रहा, फिर वो सामान्य हो गया।
“शौहरी ।” मखानी के होंठों से निकला–“यो म्हारे को का हो गयो हो?”
बन गया तू बांकेलाल राठौर, लेकिन एक कमी है।”
“म्हारे को बता, का कमी हौवे?
“तेरा दिमाग अभी, बांकेलाल राठौर जैसा नहीं है, वो भी कर देता हूं।”
तंम का जादूगरो हौवे ।”
नहीं, मैं कालचक्र का मामूली-सा अंश हूं। अब मैं तेरा दिमाग बदलता हूं।”
अगले ही पल मखानी के मस्तिष्क में सितारे जैसी रोशनी चमकी।
मखानी चकराकर बैंच पर जा बैठा। फिर वो सामान्य हालत में आ गया।
अब ठीक है। अब तेरे में दो दिमाग हैं। जवाहर मखानी का और बांकेलाल राठौर का।” ।
हां, मुझे अजीब-सा महसूस हो रहा है। मेरे दिमाग में बहुत कुछ आ रहा है। देवराज चौहान, जगमोहन, थापर, मोना चौधरी, महाजन, पारसनाथ और भी बहुत कुछ...”
तू बांकेलाल राठौर जैसी भाषा में बात कर ।”
“ठीको। म्हारो जैसो कहो, वैसो ही बातो करो ।” मखानी बोला–“वो देखो, म्हारी बूढ़ी पार्क में आयो हो म्हारी तलाश में।”
मखानी की नजरें पार्क के छोटे से प्रवेश गेट पर थीं। जहां से उसकी पत्नी ने भीतर प्रवेश किया था।
“अब वो तुम्हारी पत्नी नहीं है।”
लगो हो उसो ने म्हारे को पैचान लयो हो । वो इधर ही आयो हो ।
” वो तुम्हें नहीं पहचान सकती। तुम अब बांकेलाल राठौर हो ।
” बूढ़ी पास आकर कह उठी।।
बेटा, तुमने यहां बूढ़े से आदमी को देखा है, व...वो कुछ नशे में था।”
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RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
म्हारे से बोल्लो हो।” मखानी ने पूछा।
हां, तुमने कहीं उस बूढ़े को देखा हो।”
“मरो पड़ो हो कंई पे वो। म्हारे को का।”
“क्या?” बूढ़ी अचकचा उठी।
वो स्वर्ग सिधार गयो। ईब वो कभी वापस नेई आयो हो ।”
तेरे मुंह में भूसा।” बूढ़ी गुस्से में कह उठी-“तू मेरे आदमी को मार रहा है।”
“अंम ही थारा बूढ़ा हौवे ।”
“भाग यहां से।” बूढ़ी पलटते हुए बोली-“मैं भी किस पागल से बात करने लगी।” वो चली गई।
“मैंने तेरे को कहा था कि वो तेरे को नहीं पहचानेगी।
” “अंम भी, एक बारो चैक करो हो उस को।” मखानी ने कहा।
“अब तू काम के लिए तैयार हो जा।
” “अम्भी ?”
हां। तेरे को नए कपड़े दिलवा देता हूँ और समझा देता हूं तूने अब क्या काम करना है और कैसे करना है।” शौहरी की फुसफुसाहट जवाहर मखानी के कानों में पड़ी।
बांकेलाल राठौर टैक्सी से उतरा तो रात के ग्यारह बज रहे थे। टैक्सी वाले को पैसे देकर पारसनाथ के रेस्टोरेंट की तरफ बढ़ गया, जो कि सामने था। रेस्टोरेंट में अब काफी हद तक शांति थीं। ज्यादा भीड़ नहीं थी। दस-बारह टेबलें ही भरी हुई थीं। भीतर पहुंचकर बांकेलाल राठौर ने मूंछों पर हाथ फेरकर हर तरफ देखा।
तभी एक तरफ खड़ा डिसूजा, बांकेलाल राठौर की तरफ बढ़ने लगा।
“मखानी।” शौहरी की फुसफुसाहट, बांकेलाल राठौर के कानों में पड़ी—“वो जो तुम्हारी तरफ आ रहा है, वो डिसूजा है और...।”
“अम जाणो हो उसो को शौहरी ।”
ये तो अच्छी बात है।” तभी डिसूजा पास आ पहुंचा। मुस्कराकर बोला। “आप बांके साहब हैं, देवराज चौहान की पहचान वाले ।”
म्हारी यादों हौवे थारे को?”
“मैं आपको कैसे भूल सकता हूं।” डिसूजा ने कहा-“आप डिनर के लिए यहां आए हैं तो आपको शानदार खाना...।”
। “म्हारे को रोटी की जरूरत न होवे।” बांकेलाल राठौर पेट पर हाथ फेरकर बोला–“पारसनाथो किधर हौवे?”
ऊपर हैं, काम है तो उन्हें बुला देता...।”
“अंम ही ऊपरो जावे ।
” पल भर के लिए डिसूजा हिचकिचाया फिर बोला।
एक मिनट रुकिए।” कहकर वो काउंटर की तरफ चला गया।
ईब पूछो हो पारसनाथो से।” बांकेलाल राठौर हड़बड़ाया।
उसी क्षण शौहरी की फुसफुसाहट उसके कानों में पड़ी। “मालूम है तेरे को क्या करना है, कैसे बात...।
” “सबो कुछ मालूम हौवे ।” बांकेलाल राठौर कह उठा।
“तुम्हें घबराना जरा भी नहीं है तुम...” ।
अंम क्यों घबराव हो। अंम इस वक्तो बांकेलाल राठौर हौवे। वो ही दिमाग, वो ही शरीर, वो ही ताकत ।”
“खूब ।” शौहरी की हंसी कानों में पड़ी—“मैंने तुम्हें चुनकर अच्छा किया।”
“मखानी, बोत काम का हौवे शौहरी।”
तभी डिसूजा पास आकर मुस्कराकर बोला।
आप उस खाली टेबल पर बैटिए। सर, अभी आ रहे हैं।”
“तो म्हारे को वो ऊपरो न बुलावे हो। कोई बातो ना।” बांकेलाल राठौर सिर हिलाता टेबल की तरफ बढ़ गया।
डिसूजा उसके साथ रहा। बांकेलाल राठौर बैठा तो डिसूजा ने पूछा। *आप क्या लेना पसंद करेंगे?” ।
तंम म्हारी खातिरदारी करो हो। ठीको, म्हारे को लस्सी चाहियो। मक्खनों का गोला डालो के ।”
“अभी हाजिर करता हूं।” कहने के साथ ही डिसूजा चला गया।
कैसा लग रहा है मखानी?” शौहरी की फुसफुसाहट कानों में पड़ी।।
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RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
“उसो बोल्लो, सीधी तरहो नगीना भाभी को वापस दे दयो, वरनो अंम उसो को ‘वड' दयो।”
फोन लग गया। मोना चौधरी की आवाज कानों में पड़ी। "हैलो।” ।
मेरे सामने बांकेलाल राठौर बैठा है।” पारसनाथ कह उठा–“उसका कहना है कि तुमने नगीना को उठा लिया है।”
नगीना को?” मोना चौधरी की आवाज कानों में पड़ी। हां। क्या तुम मुम्बई में हो?"
नहीं, मैं तो अपने फ्लैट पर हूँ दिल्ली में। शाम को बाहर भी नहीं निकली। बांके ये बात कहता है?”
वो कह रहा है। गुस्से में है।”
“मैंने ये काम नहीं किया।” पारसनाथ ने फोन बंद किया और बांकेलाल राठौर से बोला।
मोना चौधरी कहती है कि उसने ये सब नहीं किया।” ।
“म्हारे को बेवकूफ बनायो हो।” बांकेलाल राठौर ने गुस्से से कहा और रिवॉल्वर निकाल ली।
उसकी ऊंची आवाज पर कइयों ने इधर देखा। पारसनाथ के होंठ भिंच गए। डिसूजा ने रिवॉल्वर निकाली और बांकेलाल राठौर की तरफ कर दी।
रिवॉल्वर वापस रखो।” डिसूजा गुर्राया।
बांकेलाल राठौर ने डिसूजा के रिवॉल्वर पर हाथ रखकर उसे पीछे किया।
“तंम इधर से चलो जायो। म्हारे को पारसनाथ से बात करने दयो ।” ।
डिसूजा खड़ा रहा। पारसनाथ के चेहरे पर कठोरता सिमटी पड़ी थी।
पारसनाथो, मोन्नो चौधरी झूठो बोल्लो हो। नगीनों उसे पासो हौवो हो, म्हारे को...।”
तभी पारसनाथ का फोन बजने लगा।
बातों कर, यो मोन्नो चौधरी का फोनो हौवे । ईब वो थारे से। कहो कि नगीनो उसो के पास हौवे ।”
हैलो ।” पारसनाथ ने बांके को घूरते बात की। पारसनाथ, मैं जगमोहन बोल रहा हूं दिल्ली से ।” पारसनाथ की आंखें सिकुड़ीं।
कहो।”
“मोना चौधरी यहां से नगीना को ले गई है।” जगमोहन की आवाज़ कानों में पड़ी।
पारसनाथ के माथे पर बल नजर आने लगे।
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RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
बांकेलाल राठौर इस वक्त मेरे सामने बैठा है और वो भी यहीं बात कह रहा है।” ।
“क्या कहते हो?" जगमोहन की चौंकी आवाज, पारसनाथ ने सुनी।
"इसमें हैरान होने की क्या बात है जगमोहन?” ।
ये नहीं हो सकता। भला बांके तुम्हारे पास और वो भी यही बात कह रहा है।”
“इस बारे में मैंने मोना चौधरी से बात की है। वो कहती है ये काम उसने नहीं किया।”
उसने किया है ये काम। नगीना उसके पास है।” ।
नहीं है।”
नगीना की नौकरानी सत्या ने मोना चौधरी को देखा है। नगींना ने मोना चौधरी का नाम लेकर बात की।”
ये गलत है।
” ये सहीं है। मोना चौधरी से मेरी बात कराओ।”
वो यहां नहीं है। उसका फोन नम्बर, मैं तुम्हें नहीं दे सकता।”
पल भर की खामोशी के बाद जगमोहन की आवाज कानों में पड़ी।
बांके से मेरी बात बराओ।”
पारसनाथ ने बांके की तरफ फोन बढ़ाया।
जगमोहन से बात करो।”
बांकेलाल राठौर ने फोन थामा और बात की।
हैलो।” । तुम वहां क्या कर रहे...।”
“मोन्नो चौधरी नगीनो भाभी को उठा लयो, अंम इधरो...।”
तुम्हें ये बात किसने कहीं कि भाभी को मोना चौधरी ले गई है।” उधर से जगमोहन ने पूछा।
म्हारे को पतो हौवे ।।
कैसे पता चली ये बात?”
बादो में बतायो थारो को । ईबो म्हारे को पारसनाथ से बातों कर लेने दयो।”
तुम उससे कोई बात नहीं करोगे। वापस आ जाओ।”
“अंम...।” बांकेलाल राठौर ने कहना चाहा।।
रुस्तम से बात कराओ।
” छोरो म्हारे पास न हौवे ।”
किधर है वो?"
वो मुम्बई में बिजी हौवे । तंम म्हारे को पूछने दो कि नगीना को किधर रखों हो, मोन्नो चौधरीं ।”
बांके तुम...।”
बांकेलाल राठौर ने फोन बंद कर दिया । टेबल पर रखा। रिवॉल्वर अभी भी पारसनाथ की तरफ थी।
“बोल्लो, म्हारे को नगीनो भाभी की जरूरत हौवे, मोन्नो चौधरी से पूछो कि...” ।
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03-09-2021, 03:15 PM,
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RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
“मोना चौधरी के पास नहीं है नगीना।” | उसी पल बांके ने पास खड़े डिसूजा की टांग पर गोली चला
दी।
फायर का तेज धमाका हुआ। डिसूजा की चीख गूंजी। वो टांग थामे नीचे बैठता चला गया। पारसनाथ ने उसी पल, बांकेलाल राठौर पर छलांग लगा दी। वहां बैठे लोगों की चीखें गुंज।
पारसनाथ और बांकेलाल राठौर, दोनों आपस में भिड़े नीचे गिरते चले गए।
“तंम म्हारे को पकड़ो हो।” बांकेलाल राठौर ने अपने ऊपर पड़े पारसनाथ को दूर उछाल फेंका।
पारसनाथ फौरन संभला। रिवॉल्वर बांके के हाथ से छूट चुकी थी।
पारसनाथ तेजी से बांकेलाल राठौर पर झपटा। बांके ने उसे चूंसा मारा, जिसे रोककर पारसनाथ ने जूते की जोरदार ठोकर उसके पेट में मारी।।
बांके चीखकर पीछे को हुआ।
पारसनाथ ने नीचे पड़ी बांके की रिवॉल्वर उठा ली। खतरनाक हो चुका था पारसनाथ का चेहरा।
बांकेलाल राठौर भी सुलग रहा था।
अगर मोना चौधरी ने नगीना को उठाया होता तो मैं तेरे को पक्का गोली मार देता बांके। लेकिन मामला कुछ और है। मोना चौधरी ने नगीना को नहीं उठाया। तेरे को गलतफहमी है, इसलिए तेरे को जाने दे रहा हूं।”
*अंम थारे को ‘वड' दयो।” बांकेलाल राठौर गुर्राया।
निकल जा यहां से ।”
“अंम फिर आयो हो ।” बांकेलाल राठौर ने दांत भींचकर कहा और बाहर की तरफ बढ़ गया।
पारसनाथ उसे तब तक देखता रहा, जब तक कि वो बाहर न निकल गया।
वहां खाना खाने वाले लोग घबराकर पहले ही जा चुके थे। पारसनाथ ने डिसूजा को चैक किया। खतरे से बाहर थी उसकी हालत। गोली मांस को छीलती निकल गई थी।
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मखानी।” कानों में शौहरी की फुसफुसाहट पड़ी—“तूने तो कमाल कर दिया।”
तो मैंने बढ़िया काम किया।” बांकेलाल राठौर मुस्कराया।
निःसंदेह ।”
अब बता लड़की कहां मिलेगी मुझे?”
“अभी काम बाकी है।”
क्या मुझे दोबारा पारसनाथ के पास जाना होगा?”
“नहीं। महाजन के पास जाना है। इसी तरह का झगड़ा उससे करना है। उससे थोड़ा ज्यादा झगड़ा करना।”
“समझ गया। लेकिन महाजन कहां है, मैं नहीं जानता।”
मुझे सब पता है। चल मैं तेरे को वहां ले चलता हूं।”
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03-09-2021, 03:15 PM,
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RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
फोन बंद होते ही जगमोहन ने देवराज चौहान को देखा। देवराज चौहान की निगाह पहले से ही जगमोहन पर थीं, वो
बोला।
क्या हुआ?
मेरा दिमाग खराब हो रहा है। कुछ समझ में नहीं आ रहा।” जगमोहन बोला-“बांके इस वक्त पारसनाथ के पास है और उससे पूछ रहा है कि नगीना भाभी को, मोना चौधरी ने कहां रखा है।”
“बांके को कैसे पता कि मोना चौधरी ने नगीना को उठाया है।” देवराज चौहान के होंठों से निकला।
ये ही तो दिमाग खराब करने वाली बात है।” ।
“कुछ देर पहले तो नगीना को मोना चौधरी ले गई है। ये बात बांके को पता चल गई। बांके पारसनाथ के पास भी पहुंच गया, जबकि वो दिन में, हमारे साथ ही मुम्बई पहुंचा। ये सब कैसे हों सकता है।”
"ये हो रहा है। एक और अजीब बात है, बांके और रुस्तम एक साथ ही जाते हैं, लेकिन पारसनाथ के पास बांके अकेला गया है।”
देवराज चौहान ने सत्या को बुलाकर पूछा।
बांकेलाल राठौर यहां आया था?" ।
मैं नहीं जानती, इस नाम वाले को ।” सत्या बोली।
“मूंछों वाला है वो।” देवराज चौहान ने बांके का हुलिया बताया।
ये आदमी तो यहां कभी नहीं आया।” सत्या ने कहा।
तुम जाओ।
” खाना लगा दें?” सत्या ने पूछा।
“नहीं।” सत्या चली गई।
जगमोहन हाथ में थमे फोन का नम्बर मिलाता बोला।
रुस्तम से पूछता हूं, वो बताएगा कि ये बात बांके को कैसे पता चली कि नगीना भाभी को मोना चौधरी ले गई।”
देवराज चौहान के होंठ भिंच गए।
पारसनाथ कहता है कि उसने मोना चौधरी से पूछा है, ये काम मोना चौधरी ने नहीं किया।” ।
“झूठ बोलती है मोना चौधरी।” देवराज चौहान गुर्रा उटा–“सत्या झूठ नहीं कह सकती कि यहां मोना चौधरी आई थी। नगीना ने ही सत्या से कहा कि वो मोना चौधरी से बात कर
लेकिन मोना चौधरी मुम्बई में है।” ये सम्भव नहीं हो सकता।”
हां, ये सम्भव हो ही नहीं सकता।” जगमोहन ने परेशान स्वर में कहा।।
बांकेलाल राठौर इतनी जल्दी पारसनाथ के पास कैसे पहुंच गया। उसे कैसे पता चला गया कि मोना चौधरी ने नगीना
को...।
तभी फोन लग गया। | "हैलो ।” रुस्तम राव की आवाज जगमोहन के कानों में पड़ी।
रुस्तम ।” जगमोहन ने कहा-“बांके को कैसे पता चला कि मोना चौधरी ने नगीना भाभी को उठा लिया है।” | पल भर की खामोशी के बाद रुस्तम राव की आवाज कानों में पड़ी।
“क्या बोला बाप, आपुन समझेला नेई ।”
जगमोहन ने अपनी बात फिर दोहराई।
तुम्हारा मतलब कि नगीना दीदी को, मोना चौधरी ने उठाईला हैं बाप?” रुस्तम राव की आवाज कानों में पड़ी।
तुम्हें नहीं पता?
” नेई बाप । अम्भी तुमसे ही पता चलेला है। आपुन अम्भी...।
” बांके दिल्ली कब गया?" ।
बाप तो तुम्हारे साथ ही मुम्बई पौंचेला है। आने के बाद नींद मारेला है। अभी तक उठा नहीं ।”
क्या कह रहे हो। बांकेलाल राठौर तुम्हारे पास है?
” सामने बाप–खुर्र-खुर्रा रईला है।
” बात करा।
” बाप से।
” हां, बात करा।”
जगमोहन तेज स्वर में बोला। देवराज चौहान के होंठ भिंच चुके थे। नजरें जगमोहन पर थीं।
“रुस्तम कहता है कि बांके दिल्ली से आने के बाद, अभी तक नींद ले रहा है।”
ये नहीं हो सकता।” देवराज चौहान के भिंचे होंठों से निकला।
“मैं भी तो यही कहता हूं कि नहीं हो सकता। बांके अभी तो दिल्ली में, पारसनाथ के पास था।” जगमोहन अजीब-से स्वर में बोला।।
तभी फोन द्वारा बांके की नींद से भरी आवाज जगमोहन के कानों में पड़ी।
“म्हारी नींद के दुश्मन तंम क्यों बनो हो । मन्ने थारी का भैंस खोली क्या?”
तुम दिल्ली में हो?"
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03-09-2021, 03:16 PM,
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RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
“ओह अंम किधर हौवे। थारे साथो तो विमान में बैठोकर मुम्बई पौंचो हो। टिकट भी थारी ही लगो हो।”
मतलब कि कुछ देर पहले तुम पारसनाथ के पास नहीं थे?” जगमोहन अचकचाया।
पारसनाथों के पासो। अंम उधर क्यों हौवे। अंम तो इधर, सपणे देखो है कि म्हारी गुरदासपुरो वाली ने चार बच्चों...” ।
बांके ।
” बोल्लो ।
” “मैंने कुछ देर पहले तुमसे बात की, जब तुम पारसनाथ के पास थे।” जगमोहन ने गम्भीर स्वर में कहा।।
अंम दो जगहों, एक साथ कैसे हौवे?
” मैंने तुमसे बात की।”
छोरे से पूछ लयो। अंम तो इथ ही नींदो मारो हो। बात का हौवे। थारी प्राबलमों का हौवे?”
“मोना चौधरी नगीना भाभी को, उसके बंगले से उठाकर ले गई है।”
कबो?
" थोड़ी देर पहले।” ।
“अंम मोन्नो चौधरी को ‘वड' दयो।” बांकेलाल राठौर की गुर्राहट कानों में पड़ी।
लेकिन मुझे कुछ गड़बड़ लग रही है।”
मैंने अभी तुमसे बात की और तुम कहते हो कि मैं नींद ले रहा था।”
पक्को ।”
अगर तुम रुस्तम के पास मौजूद न होते तो मैं तुम्हारी बात पर कभी यकीन नहीं करता।” जगमोहन गम्भीर स्वर में कह रहा था—“कहीं पारसनाथ तो तुम्हारे पास नहीं, मुम्बई में?"
“पारसनाथो?" बांके की आवाज कानों में पड़ी—“म्हारे को थारी खोपड़ी खराब हो गयो लागे हो ।”
“शायद ।” जगमोहन के होंठ भिंच गए।
“भाभी किधर हौवे ईब?" ।
पता नहीं ।”
अंम अम्भी पौंचो हो ।
” बंगले पर आना। हम भी वहीं पहुंच रहे हैं।”
“ईब किधरो हो?”
नगीना भाभी के बंगले पर।” जगमोहन ने कहा और फोन बंद करके देवराज चौहान को देखा।
देवराज चौहान को भी अपना दिमाग हिला सा लग रहा था वो बोला।
“क्या तुम्हें पक्का यकीन है कि पारसनाथ ने, बांके से ही तुम्हारी बात कराई थी?"
मैं धोखा खाने वाला नहीं। वो बांकेलाल राठौर ही था।” जगमोहन ने कहा।
तो फिर अभी तुमने किससे बात की?"
“बांके से ।”
तुम्हारा मतलब कि दो बांके हैं। एक दिल्ली में और एक मुम्बई में।” जगमोहन ने होंठ भींच लिए।
“पारसनाथ से फिर बात करो ।” जगमोहन पारसनाथ का नम्बर मिलाने लगा।
ये सब अजीब हो रहा है।” देवराज चौहान ने कहा-“ऐसा नहीं होना चाहिए। हम कहीं पर गलती कर रहे हैं।”
“हम कहीं भी गलती नहीं कर रहे। जो सामने है, वो ही बात कर रहे हैं।”
नम्बर लग गया। जगमोहन बोला।
बांके अभी भी तुम्हारे पास है पारसनाथ?”
नहीं।” पारसनाथ का कठोर स्वर जगमोहन के कानों में पड़ा।
“क्या हुआ तुम्हें?” उसके बदले स्वर पर जगमोहन ने पूछा।
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RE: XXX Sex महाकाली--देवराज चौहान और मोना चौधरी सीरिज़
वो मेरे आदमी को, टांग पर गोली मारकर गया है, डिसूजा को और मैंने उसे सही-सलामत जाने दिया।”
जगमोहन ने गहरी सांस लेकर कहा। “गलत किया उसने । बहुत गलत किया, लेकिन हम बहुत परेशान
क्यों?
” मोना चौधरी, नगीना भाभी को...।” ।
मोना चौधरी ने ऐसा कुछ नहीं किया। मैंने बात कर ली है। उससे। नगीना कहां पर थी?”
मुम्बई–बंगले पर ।”
और मोना चौधरी दिल्ली में है।”
ये कैसे सम्भव है। नौकरानी सत्या ने मोना चौधरी को देखकर, उसका हुलिया बयान किया है।”
“मुझ पर विश्वास करो। मोना चौधरी दिल्ली में है।”
“एक और परेशानी है। बांके अभी तुम्हारे पास था?" जगमोहन ने पूछा।
“तुम्हें यकीन है कि वो बांके ही था?”
पूरा यकीन है कि वो बांके था, परंतु तुम अजीब-सा सवाल क्यों पूछ रहे हो?”
“क्योंकि बांके मुम्बई में है, मैंने अभी उससे बात की है।”
ये कैसे हो सकता है?” उधर से पारसनाथ का अजीब-सा स्वर कानों में पड़ा।
“मैंने ठीक कहा है।”
“तुम्हारा मतलब कि दो बांके और दो मोना चौधरी नजर आ रही हैं।”
इस तरफ तो जगमोहन ने ध्यान नहीं दिया था। वो चौंका।
ये ही बात, ये ही बात है।
” क्या हो रहा है ये सब?”
“जथूरा का कालचक्र हो सकता है ये। जथूरा हममें झगड़ा कराना चाहता है।”
ओह।”
इधर नकली मोना चौधरी ने नगीना को गायब कर दिया, उधर नकली बांके ने तुम्हारे आदमी को गोली मारी।”
मुझे घूसा भी मारा।”
“तो झगड़े की पूरी कोशिश की गई।”
ऐसा ही समझ लो, परंतु मुझे विश्वास नहीं आ रहा था कि मोना चौधरी और बांके के डुप्लीकेट भी हैं कहीं।”
“ये जथूरा का कारनामा है। वो नकली चेहरे वालों से ऐसी हरकतें करा रहा है कि हम झगड़े...।” जगमोहन बोला-“लेकिन हमने बचकर रहना है। हमने झगड़ा नहीं करना है।”
“ज्यादा देर बचकर नहीं रहा जा सकता, जथूरा की इस चाल से।” पारसनाथ का स्वर कानों में पड़ा।
“बच्चों जैसी बातें मत करो, पारसनाथ ।”
“मैंने सही कहा है।”
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