03-20-2021, 08:26 PM,
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RE: Desi Porn Stories आवारा सांड़
अपडेट-16
राज :- तभी तो कहता हूँ जल्दी दिखा मुझे नही तो ये तेरी बच्चेदानी तक पहुच गयी तो फिर तू कभी माँ नही बन पाएगी. मुझे तेरी बहुत चिंता हो रही है और तू है की शरमाये जा रही है.
सोनम :- भैया आप कैसे ठीक करोगे...... ?
राज :- गाओं के बाहर नदी किनारे जो खंडहर है ना मैने वहाँ पर इस खुजली को दूर करने की दवाई का पेड़ लगा रखा है…..चल जल्दी से
वही पर तेरा जल्दी इलाज़ कर देता हूँ इससे पहले कि ये तेरी बुर के साथ साथ कोई और अंग मे फैल जाए.
सोनम :- आआआहह…..उूउउइमाआअ….भैयाअ…मुझे ठीक कर दो…..जैसा आप कहोगे मैं करूँगी…आआअहह अब तो खुजलाते खुजलाते मेरा हाथ भी दर्द करने लगा है और जलन भी होने लगी है वहाँ पर बहुत.
राज :- चल जल्दी से मेरे साथ वही खंडहर मे…..और किसी को बताना मत
सोनम :- चलो भैया....मुझे जल्दी ठीक कर दो
अँधा क्या चाहे दो आँखे…..सोनम के हाँ कहते ही मैने तुरंत उसका हाथ पकड़ कर घर से बाहर साइकल मे बिठा कर खंडहर की तरफ सोनम को लेकर निकल गया.
अब आगे……..
खंडहर मे पहुचते ही मैने सोनम को नीचे उतार कर जल्दी से साइकल को अंदर रख दिया जिससे किसी को कुछ पता ना चले वरना ऐसे वीरान जगह पर साइकल या बाइक खड़ी दिखने पर आज कल के लड़को को तुरंत समझ आ जाता है कि आस पास चुदाई चल रही है, और
बीच मे बहती गंगा मे हाथ धोने दौड़े चले आते हैं…साले बहुत चोदु किस्म के लड़के पैदा होने लगे हैं आज के युग मे.
ये खंडहर दो मंज़िला था, मैं सोनम को गोद मे उठा कर उपर ले गया और टेरेस का दरवाजा बंद कर दिया…उपर वाले कमरे मे मैने पहले से ही गाओं के ही मुखिया के खेत मे बने मकान से चारपाई और गद्दा रज़ाई चुरा कर यहा बिच्छा रखी थी ऐसे ही कामो के लिए.
खंडहर होने की वजह से वैसे भी यहाँ कोई ज़्यादा आता जाता तो नही था….मेरे चुदाई कार्य क्रम के लिए सबसे बेस्ट जगह थी यह.
सोनम को लेकर मैं रूम मे आ गया जहाँ बिस्तर देख कर वह चौंक गयी और मुझे घूर्ने लगी जैसे कि कुछ पूछना चाह रही हो.
सोनम—भैया ये बिस्तर यहाँ कौन लाया…? यहाँ कौन रहता है….?
राज—अरे कोई नही रहता…ये तो उस दिन का बिस्तर है जब मैं मेडम का इलाज़ करने यहाँ पर उन्हे लाया था.
सोनम—तो फिर करो ना मेरा इलाज़, मैं इस खुजली से मरी जा रही हूँ.
राज—अभी करता हूँ मेरी गुड़िया बहन….चल जल्दी से मुझे दिखा वो जगह खुजली वाली और अब मत शरमाना नही तो मैं अच्छे से इलाज़
नही कर पाउन्गा.
सोनम—ठीक है भैया….नही शरमाउंगी, आप शुरू करो.
राज—तो फिर बता मुझे कहाँ पर खुजली हो रही है….?
सोनम—आपको पता तो है भैया.
राज—लेकिन मैं तुम्हारे मूह से सुनना चाहता हूँ.
सोनम—वो….वो….मेरी…..ब..उ…र…..में,..आप बहुत खराब हो भैया
राज—चल जल्दी दिखा मुझे अपनी बुर, चड्डी उतार दे
सोनम—ऐसे ही चड्डी के अंदर हाथ घुसेड कर दवा लगा दो ना भैया.....मुझे दिखाने मे शरम आती है.
मैने सोनम को लिटा कर जल्दी से उसकी चड्डी खीच कर उतार दी….चड्डी उतारने के बाद जैसे ही मैने उसके पैर फैलाए तो सोनम की जाँघो की जड़ो मे देखते ही मेरी आँखो मे चमक आ गयी….दिल बल्लियो उच्छलने लगा.
सोनम की बुर पर छोटी छोटी रेशम की जैसी मुलायम झान्टो का झुर्मुट उगा हुआ था….मुझे अपनी बुर को घूरते देख कर सोनम ने लज़्ज़ा वश दोनो हाथो से अपनी बुर को ढक लिया.
राज—हाथ हटाओ नही तो मैं चेक कैसे करूँगा…..?
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03-20-2021, 08:27 PM,
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RE: Desi Porn Stories आवारा सांड़
सोनम—आपने मेरी चड्डी क्यो उतार दी….? मुझे लाज़ लग रही है.
राज—ठीक है तो फिर वापिस चलो, मैं इलाज़ नही कर सकता तुम्हारा.
सोनम—प्लीज़ भैया, ऐसा ना कहो....मैं खुजली से मर रही हूँ.....ठीक है, ये लो हटा दिया हाथ.....आप देख लो जी भर कर मेरी...
राज (खुश होते हुए)—मेरी क्या..... ? आगे क्या बोलने वाली थी….?
सोनम—मैं अब कुछ नही बोलूँगी…..आप को सब पता है….वोही जो आप देखना चाहते हैं….मेरी
राज—वही तो पूछ रहा हूँ मेरी बहन कि मेरी क्या…..?
सोनम—आपकी बहन की बुर……अब खुश
मैं सोनम की जाँघो मे हाथ फेरते हुए उनको जितना हो सकता था उतना चौड़ा करता गया….अपनी नज़रो को सोनम की हसीन बुर पर टिका दिया और उस पर हाथ चलाने लगा.
सोनम की बुर बिल्कुल एक दम गद्देदार पाव रोटी की तरह खूब फूली हुई थी…..बुर मे उपर से नीचे तक धागे के जैसी एक बारीक लकीर
बनी हुई थी जो कि उसके अब तक बिना चुदि होने की गवाही दे रही थी.
मैने सोनम की बुर मे उपर से नीचे तक सहलाने लगा…..उसकी बुर का भज्नासा (क्लिट) भी बहुत छोटा था जो कि किसी छोटे टापू की तरह
उसकी बुर के बीच मे उभरा हुआ थोड़ा सा बाहर दिख रहा था.
बुर को सहलाने से सोनम की सिसकिया निकलने लगी शायद उसको भी अपनी बुर सहलवाना अच्छा लग रहा था…..बुर मे हाथ फेरते हुए जैसे ही मैं उसकी क्लिट को रगड़ता तो गुदगुदी से वो उच्छल पड़ती सिसकी लेकर.
राज—सोनम कैसा लग रहा है….?
सोनम—बहुत गुदगुदी हो रही है भैया, जब आप वहाँ हाथ से छेड़ते हो तो.
राज—कहाँ छेड़ता हूँ तो.... ?
सोनम (हाथ रख के बताते हुए)—यहाँ टेंटा (क्लिट) पर.
राज—तुझे अच्छा लग रहा है ना जब मैं तेरी बुर सहलाता हूँ तो, बता ना मेरी लाडली बहन….?
सोनम—बहुत अच्छा लग रहा है भैया….ऐसा तो पहले कभी नही हुआ मेरे साथ.
राज—तू कहेगी तो मैं रोज तेरी बुर सहला दिया करूँगा.
सोनम—आआहह…..भैया….अच्छा भी लग रहा है और खुजली भी हो रही है, पर जब आप हाथ फेरते हो तब बहुत अच्छा लगता है और
खुजली भी उतनी नही होती जितना की मज़ा आता है…..आप दवा लगाओ ना जल्दी से भैया, अब और कितनी देर तक देखते रहोगे अपनी
बहन की बुर को
राज—बहुत ही खूबसूरत बुर है तेरी सोनम….मेरा तो दिल ही नही करता तेरी बुर से नज़र हटाने को.
सोनम—मैं खुजली से मर रही हूँ और आपको मेरी बुर देखने की पड़ी है……पहले मेरी खुजली तो मिटा दो फिर कभी बुर भी जी भर के देख लेना.
राज—तेरी बुर मे झान्टे निकल आई हैं…..कभी सॉफ की नही क्या…?
सोनम—नही भैया…..दवा लगाओ ना अब भैया.
राज—हाँ, अभी लाया
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03-20-2021, 08:27 PM,
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RE: Desi Porn Stories आवारा सांड़
सोनम—टाइट है तो आप चोद चोद के ढीली कर दो भैया अपनी बहन की बुर को…आआआआअ…..ऐसा मज़ा मुझे पहले क्यो नही दिया आप ने……आप को मेरी कसम भैया, अब रोज पेलना मुझे ऐसे ही नंगी कर के.
राज—हाँ मेरी बहन अब तो मैं तुझे हर रोज नंगी कर के रगड़ा करूँगा.
सोनम—आआहह….ऐसे ही…और ज़ोर से…..भैया आज से मैं जब भी मूतने जाऊं तो आप मुझे मूतते हुए मेरी बुर देखना……मैं आप के
सामने अपनी बुर चीर कर मूतना चाहती हूँ रोज……देखोगे ना भैया अपनी बहन को मूतते हुए…? बताओ ना भैया….?
राज—हाआँ, मेरी बहन आज से तू मेरे सामने ही मूतना दोनो जांघे फैला कर.
सोनम—और मुझे रोज स्कूल जाने से पहले नंगी कर के चोदा करना…..नही तो मैं स्कूल नही जाउन्गी.
राज—चिंता मत कर मेरी बहन, अब तो मैं तुझे बहुत जल्दी ही फुक्कला कर दूँगा चोद चोद के…..तेरी चूचियो को दबा दबा कर क़ालीनदार (गर्मी मे बिकनेवाला एक तरह का बड़ा फल) बना दूँगा और तेरी गान्ड मार मार के फुटबॉल जैसी कर दूँगा मेरी छोटी बहना बस तुम अपने भैया को ऐसे ही रोज अपनी देती रहना.
लगभग एक घंटे तक मैं सोनम को दनादन चोदता रहा…इस दौरान वो तीन चार बार झड गयी…आख़िर मे लंबे लंबे धक्के लगाते हुए मैं भी
सोनम की बुर मे ही झड गया.
सोनम की बुर मेरे गरम पानी को पीकर एक बार फिर से झड गयी…..उसकी पूरी बुर लबालब भर गयी थी मेरे लंड के पानी से…..वो मुझे पागलो की तरह चूमने लगी.
सोनम—भैया आइ लव यू……मैं अब आप के बिना नही रह पाउन्गी……प्लीज़ मेरा साथ कभी मत छोड़ना….मैं तो आप की दीवानी हो चुकी हूँ.
राज—तू चिंता ना कर मेरी बहन…एक दिन मैं तुझे अपनी बीवी बनाउन्गा और अपने बच्चो की माँ भी.
सोनम—सच भैया……आप बहुत अच्छे हैं
राज—अब चल जल्दी यहाँ से….और ये ले टॅबलेट….इससे तुझे दर्द कम होगा….घर मे चाची इंतज़ार कर रही होंगी….अगर वो कुछ पूछे कि कहाँ गयी थी और लंगड़ा के क्यो चल रही है तो कुछ भी बहाना बना देना.
सोनम—वो सब मैं संभाल लूँगी भैया.
मैने अपनी रुमाल से सोनम की बुर को सॉफ किया और उसको दर्द की गोली खिला कर कपड़े पहनाए…..फिर उसे घर छोड़ कर मैं कॉलेज के लिए निकल गया.
मैं अभी कॉलेज जा ही रहा था कि रास्ते मे एक सांड़ एक दुबली पतली गैया (काउ) के उपर ज़बरदस्ती चढ़ गया और उसकी बुर मे अपना एक हाथ का लंड ठूंस कर हचक हचक कर पेलने लगा.
मुझे ये सीन देख कर बड़ा मज़ा आया तो मैं वही रुक कर उन दोनो की चुदाई का आनंद उठाने लगा पर तभी किसी की आवाज़ ने मेरे इस अलौकिक आनंद मे खलल डाल दिया.
‘’ए मिस्टर. ये सांड़ मारता है क्या…..?’’ किसी लड़की ने पीछे से आवाज़ लगा कर मुझ से पूछा.
मैं पीछे पलट कर देखा तो एक खूबसूरत कन्या बिल्कुल मेरे करीब आ कर खड़ी थी....एक दम तीखे नैन नक्श... जवानी से पूरी तरह से
लबालब , बिल्कुल गोरी चिट्टी…मेरी आँखे उसके जिस्म को आँखो के ज़रिए टटोलने लगी.
लड़की—मैने पूछा कि क्या ये सांड़ मारता है क्या..... ?
राज—सामने वाली गाय (काउ) की तो खूब हचक हचक कर मार रहा है लेकिन आप की मारेगा की नही मारेगा ये पता नही है अभी मुझे.
लड़की—ईडियट, बदतमीज़ कहीं का, लफंगा...सांड़
वो लड़की मुझे अपनी सुरीली आवाज़ मे ऐसे ही मेरी तारीफ करते हुए वहाँ से चली गयी....उसके जाने के बाद मैं पलटा तो देखा वो सांड़ भी
अपना काम ख़तम कर के काउ के उपर से उतर आया था.
लिहाजा मैं भी आगे बढ़ गया तो रास्ते मे मुझे बाकी दोस्त भी मिल गये...हम पैदल ही चलने लगे बस स्टॉप की ओर... कॉलेज हमारे गाओं से
दस किलो मीटर की दूरी पर था सिटी मे.
रवि—यार मैं अपनी गर्ल फ्रेंड से बात करना चाहता हूँ….कैसे करूँ….कोई आइडिया दो ना तुम लोग…..?
राज—अगर मिल जाए तो बुला लो उसको मिलने अकेली
रवि—अगर ना मिले अकेली तो….?
राज—अगर ना मिले अकेली तो पकड़ लो उसकी सहेली.
आनवार—अगर ना मिले सहेली तो…..?
राज—‘’अगर मिल जाए तो बुला लो उसको मिलने अकेली
अगर ना मिले अकेली तो पकड़ लो उसकी सहेली
अगर ना मिले सहेली तो …तो.....तो
फिर ज़िंदा बाद हथेली…! ‘’
आयुष—हाहहहाहा…वाह..वाह
रवि—साला कमीना, हमेशा उल्टे सीधे ही आइडिया देता है ये..सांड़ कही का
थोड़ी देर मे हमारी बस आ गयी तो हम बस से कॉलेज आ गये….. रॅगिंग जोरो से चल रही थी…..लेकिन हम सब पीछे की बाउंड्री कूद कर सीधे क्लास मे घुस गये.
हम क्लास मे बैठ कर बातो मे मगन हो गये….तभी किसी ने क्लास मे प्रवेश किया जिसे देख कर सभी खड़े हो गये मेरा ध्यान उस तरफ नही था, तो मैं बैठा ही रहा
रवि—साले खड़ा हो जा…., ये हमारी इंग्लीश की मेडम हैं
मेडम सुन कर मेरा लंड जैसे नीद से जाग उठा….मैने उत्सुकतावश जैसे ही पलट कर सामने देखा तो मेरा मूह खुला का खुला रह गया.
राज (शॉक्ड)—क्याआअ…..ये मेडम हैं……? लौन्डे लग गये अब तो….
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03-20-2021, 08:28 PM,
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RE: Desi Porn Stories आवारा सांड़
अपडेट-18
हम क्लास मे बैठ कर बातो मे मगन हो गये….तभी किसी ने क्लास मे प्रवेश किया जिसे देख कर सभी खड़े हो गये मेरा ध्यान उस तरफ नही था, तो मैं बैठा ही रहा
रवि—साले खड़ा हो जा…., ये हमारी इंग्लीश की मेडम हैं
मेडम सुन कर मेरे लंड जैसे नीद से जाग उठा….मैने उत्सुकतावश जैसे ही पलट कर सामने देखा तो मेरा मूह खुला का खुला रह गया.
राज (शॉक्ड)—क्याआअ…..ये मेडम हाईईइ……? लौन्डे लग गये अब तो….
अब आगे………
रवि ने जैसे ही कहा कि ये हमारी मेडम है तो मैने उत्सुकतावश अपना चेहरा मेडम की तरफ घुमा लिया….मेडम का चेहरा देखते ही मुझे जोरदार शॉक लगा.
क्यों कि ये मेडम कोई और नही बल्कि वोही लड़की थी जो कॉलेज आते समय मुझसे बाते कर रही थी और मैने अपनी ही चिर परिचित शैली
मे उसकी बात का जवाब दिया था जिससे वो मुझे भला बुरा कहते हुए गुस्सा हो कर वहाँ से चली गयी थी.
वो मेरा चेहरा ना देख पाए इसलिए मैं जल्दी से बैठ गया और सर को झुका लिया….लेकिन शायद आज किस्मत मुझ पर कुछ ज़्यादा ही मेहरबान थी….कुछ ही पल मे मेरे कानो मे उस लड़की (मेडम) की सुरीली आवाज़ सुनाई देने लगी जो सभी स्टूडेंट्स से कुछ बोल रही थी.
मेडम—मेरा नाम किरण है….मैं आपको आज से इंग्लीश पढ़ाउंगी….पर सबसे पहले आप सब अपना अपना इंट्रोडक्षन मुझे दो जिससे किसी को पहचानने मे मुझे कोई दिक्कत ना हो.
रश्मि की बाते सुनते ही सभी खड़े होकर बारी बारी से अपना इंट्रोडक्षन देने लगे….मैं सबसे लास्ट वाली बेंच पर बैठा था….ये हम दोस्तो की
फ़ेवरेट जगह थी पीछे बैठने की…इसके कयि फ़ायदे हैं जो आगे आप को पता चल ही जाएगा.
हमारी आगे की सभी बेंच मे बैठे मुरझाए लंड वाले लड़के और कुछ चोदि चादि फटी, कुछ अब तक बिना चोदि चादि बिन फटी चूत वाली
लड़कियो ने जब अपना परिचय दे दिया तो हमारी बेंच की भी बारी आ गयी.
रवि, आयुष, कल्लू, अनवर के परिचय चालू हो गये.…लेकिन मैं चुप चाप बैठा रहा, सिर झुकाए नीचे देखते हुए…मुझे बड़े जोरो की सूसू लगी हुई थी रोकना मुश्किल हो रहा था.
तभी मेरी नज़र अपने सामने की बेंच पर बैठी लड़की की पानी की बॉटल पर पड़ी जो उसने साइड मे रखा हुआ था… जिसे देखते ही मुझे अपनी समस्या का समाधान मिल गया.
राज (धीरे से)—कल्लू वो बॉटल उठा ना.
कल्लू (फुसफुसाते हुए)—अबे वो उस लड़की का है....तुझे पानी पीना है तो थोड़ी देर मे चलते हैं.
राज—अबे तू उठा ना पहले...यहाँ मेरी जान जा रही है.
कल्लू (धीरे से उस लड़की का बॉटल उठा कर)—ये ले...बुझा ले अपनी प्यास...लेकिन इसमे तो थोड़ा सा ही पानी है...वो बेचारी क्या पिएगी.... ?
मगर मैने उसकी बात का जवाब दिए बिना ही जल्दी से पॅंट की चैन खोल कर लंड बाहर निकाला और बॉटल का ढक्कन खोल के उसके
छेद मे भिड़ा दिया.
कल्लू (शॉक्ड)—अबे भोसड़ी के..ये क्या कर रहा है तू... ?
राज—आआआ....साले गान्डू...असली सुख का एहसास मूतने के बाद ही महसूस होता है
मैं अपनी पानी की टंकी उस लड़की के बॉटल मे खाली करने लगा....जब सब का परिचय हो गया तो मेरा भी नंबर आ गया, लेकिन मैं अपने काम मे मगन था.
रश्मि—हेलो, तुम भी अपना इंट्रो दो…और सर नीचा कर के क्यो बैठे हो…? कोई तकलीफ़ है क्या…..?
रवि—अबे छोड़ू सांड़ खड़ा हो जा….वो तुझ से ही कह रही हैं…साले सांड़ ये क्या कर रहा है…? अबे साले वो लड़की वंदना हमारे गाओं के ठाकुर साहब की भतीजी है…अगर उसने तेरी ये हरकत कहीं घर मे बता दी तो ठाकुर साहब हम सबको परिवार सहित ज़मीन के अंदर
गढवा देंगे….उपर से उसका भाई यहाँ का बहुत बड़ा दादा है..तुझे से ही बोल रहा हूँ चूतिए…..वो हमारा यहाँ जीना हराम कर देगा.
मैं रवि की बात सुन कर उसकी ओर देख कर मुश्कुरा दिया और जैसे ही मेरा काम हो गया तो लंड को अंदर कर के बॉटल चुप चाप सामने जहाँ की तहाँ रख दी और पॅंट की चैन बंद किया और खड़ा हो गया….लेकिन बोला कुछ नही….अपना सर झुकाए खड़ा हो गया…..ये देख
मेडम हँसने लगी.
रश्मि (हँसते हुए)—अब कुछ बोलोगे भी…कि किसी नयी नवेली दुल्हन की तरह शरमाते ही रहोगे…..?
स्टूडेंट्स—हाहहाहा
राज (सर उठा कर सामने देखते हुए)—हिहिहिहिहीही
मेरा चेहरा देखते ही रश्मि मेडम के चेहरे की मुश्कान ही गायब हो गयी….वो बस आँखे फाडे मुझे देखती रही लेकिन उनके होठ मुझे कुछ
हिलते हुए महसूस हुए…हो सकता है कि शायद वो मन ही मन मेरी तारीफ कर रही होगी.
रश्मि (मन मे)—ये सांड़ यहाँ भी आ गया….मेरा स्टूडेंट बन कर…..बहुत ही बदतमीज़ किस्म का लड़का है….इसकी तो क्लास मे मैं अच्छी खबर लूँगी….सब के सामने कुछ बोल भी नही पाएगा.
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03-20-2021, 08:28 PM,
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RE: Desi Porn Stories आवारा सांड़
राज—मेडम जी…मेरा नाम राज है
रश्मि (मूह बनाते हुए)—अच्छा नाम है
राज—शुक्रिया मेडम जी…वैसे आपका भी नाम बहुत अच्छा है……रश….मी (रश्मि)….आपको पता है मेडम जी कि इसका मतलब क्या होता है.
रश्मि—बस..बस तुम्हारा इंट्रो हो गया…..(फिर मन मे)…कितना कमीना है…सब के सामने मुझ से कैसे बात करता है सीधा सीधा मुझे लाइन मार रहा है….सांड़ क्या बोला ….कि रश…मी…मतलब मैं रश से भरी हुई हूँ और उसको रश पिलाऊ अपना…साला कमीना….पूरा सांड़
है….कितनी बेशर्मी से सुबह उस गाय और सांड़ को करते हुए देख कर अपना हिला रहा था मुझे देख देख के.
राज—नही मेडम जी…मैं बता ही देता हूँ.
रश्मि—आज की क्लास ख़तम….ओके कल से मैं पढ़ाना स्टार्ट करूँगी.
राज—मेडम मेरी बात तो सुनती जाओ पूरी पहले.
इतना कह कर रश्मि तुरंत क्लास से बाहर निकल गयी मुझे घूरते हुए जैसे मैने उसकी गान्ड मार ली हो….मेडम के जाते ही मैं उनकी गान्ड को घूरता रहा.
उसके बाद कुछ खास नही हुआ….क्लास से निकल कर हम कॅंटीन मे आ गये….तभी मेरी नज़र सामने बैठी वही लड़की वंदना पर गयी…एकदम कड़क माल थी…उठी हुई चुचिया, फूले हुए चूतड़, बोले तो चोदने लायक पर्फेक्ट कंचा माल थी वो….गोरी चिटी, शॉर्ट स्कर्ट पहने थी
जिसमे से उसकी गोरी गोरी जाँघो के साथ साथ वाइट कलर की पैंटी भी नज़र आ रही थी.
अब मेरी तो ठहरी गिद्ध की आँखे…भला ऐसा नज़ारा मेरी आँखो से कैसे बच सकता था….मैं आँखे गढ़ा कर उसकी पैंटी के अंदर छुपि चूत की कल्पना करने लगा…उसके साथ मे कुछ लड़किया और भी बैठी हुई थी जो आपस मे बातचीत कर रही थी.
लड़की 1—वंदना.. ये कैसा पानी है….? अजीब टेस्ट है इसका, कुछ मिलाया है क्या इसमे….?
वंदना—क्या बात करती हो चारू…? प्योर् मिनरल वॉटर है…मैं ऐसा वैसा यहाँ का गंदा पानी नही पीती तुझे पता है ना…?
लड़की 2—अरे इसको क्या पता कि डिसटिल वॉटर क्या होता है...हिहीही... ?
चारू—तो ले तू खुद ही पी कर देख ले, सोनिया.
सोनिया (पानी पीते हुए)—हुउऊ...बात तो सही है तेरी...टेस्ट तो बड़ा अजीब है.
मेरी नज़र वंदना की पैंटी पर ही चिपकी हुई थी….अचानक उसकी पैंटी वाइट से लाल रंग मे बदलने लगी…शायद उसको एमसी हो गयी थी लेकिन उसको ध्यान नही था.
आयुष—अबे सांड़ क्या देख रहा है बड़े ध्यान से….?
राज—जाँघो के बीच चड्डी के अंदर से रिस रिस के पानी लाल आता है,
मैं ये सोच सोच के परेशान हूँ कि क्या भोसड़ा भी पान ख़ाता है
अनवर—अबे भोसड़ी के..तुझे भोसड़ा,बुर, चूची के अलावा भी कुछ दिखता है कभी…?
राज—अब इसमे मेरी क्या ग़लती है….जो दिखता है वही बताया….अच्छा मैं बाथरूम से आता हूँ..तुम लोग कुछ नाश्ता ऑर्डर करो तब तक.
मेरा लंड वंदना की गोरी चिकनी जांघे देख कर टनटना गया था…तो सोचा क्यो ना उसको थोड़ा रेस्ट दे दूं….मैं वहाँ से उठ कर बाथरूम चला गया….लेकिन बेखायाली मे मैं जेंट्स की जगह लॅडीस टाय्लेट मे घुस गया.
जेंट्स टाय्लेट समझ कर मैने दरवाजे की सिट्कॅनी भी नही लगाई और सीधा लंड बाहर निकाल कर मूठ मारना चालू कर दिया कभी रश्मि
मेडम की फूले हुए चूतड़ आँखो के सामने थिरकने लगते तो कभी वंदना की गोरी चिकनी जांघे दिखाई देने लगती.
मैं अपनी आँखे बंद कर के रश्मि और वंदना को याद करते हुए सटासट लंड राज की मालिश किए जा रहा था कि तभी किसी ने भड़ाक से दरवाजा खोला और सामने देखते ही चिल्ला उठी.
‘’तुम्हे पता नही कि ये महिलाओं (लॅडीस) के लिए है” उसने चिल्लाते हुए कहा.
‘’तो ये कौन सा मसाला कूटने के लिए है, ये भी तो महिलाओं के लिए ही है’’ मैने लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा.
‘’मैं अभी जाकर प्रिन्सिपल से बोल के तुम्हे कॉलेज से बाहर करवाती हूँ’’ उसने ज़ोर से कहा.
मैने अभी तक अपनी आँखे नही खोली थी…लेकिन जैसे ही उसने मेरी शिकायत प्रिन्सिपल से करने की बात कही तो मैने तुरंत आँखे खोल
दी…मेरी तो किस्मत ही आज खराब लग रही थी…ये वंदना थी…जो शायद अपनी चूत मे पॅड लगाने आई होगी.
उसने तुरंत दरवाजा ज़ोर से बंद कर के वहाँ से चली गयी और मैं अपना मूह लटका के खड़ा रहा….लंड तो पहले ही शिकायत की बात
सुनकर सिकुड कर छुहारा हो गया था.
मैने जल्दी से उसको पॅंट के अंदर बंद किया और बाथरूम से निकल कर कॅंटीन मे आ गया…किंतु वहाँ पहुचते ही मैने जो देखा तो मेरा दिमाग़ ही चकरा गया.
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