02-12-2022, 01:29 PM,
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RE: Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड
अपडेट ३३:
अनाजघर में गेहूं की बोरियों के पीछे सोनू और गोलू बैठे बातें कर रहे थे. माहोल गर्म था. सोनू बड़ी-बड़ी आँखे किये हुए गोलू से कहता है.
सोनू : तो उर्मिला भाभी ने तुझे सब कुछ बता दिया?
गोलू : हाँ सोनू, सब कुछ. मुझे तो यकीन ही नहीं हुआ की तेरा और पायल दीदी का चक्कर चल रहा है.
सोनू : हाँ गोलू, ये सच है. मैं तो एक साल से पायल दीदी के चक्कर में था. दिन रात दीदी के बदन को देख कर मुठियाता रहता था. वो तो उर्मिला भाभी थी जिसने मेरा काम बना दिया.
गोलू : सच में सोनू. उर्मिला भाभी तो देवी का ही रूप है.अगर ऐसी भाभियाँ ना हो तो हम जैसे भाई तो ज़िन्दगी भर बहनों के नाम की मुठ मारते ही रह जाए.
सोनू : तू बिलकुल सही कह रहा है गोलू. अच्छा एक बात बता. तू कम्मो दीदी के नाम की दिन में कितनी मुठ मार लेता है ?
गोलू : दिन में ५-६ बार तो कम्मो दीदी को याद करके मुठ मार ही लेता हूँ. किसी दिन उनकी चोली में झाँकने का मौका मिल गया तो ८-१० बार हो जाता है. और तू बता. तू पायल दीदी के नाम पर कितनी मुठ मार लेता था?
सोनू : मैं भी दिन में ७-८ बार तो मार ही लेता था. बहन की गदराई जवानी देख के तो हर भाई का लंड खड़ा हो जाता है ना गोलू....
गोलू : सही कहा सोनू. बहन साली चीज़ ही ऐसी होती है. घर में दिन भर मोटे दूध और चौड़ी चुतड लिए घुमती रहती है. देख कर भाई का लंड तो जोर मरेगा ही.
अपनी-अपनी बहनों की गरमा-गरम बातों से सोनू और गोलू का लंड झटके खाने लगता है. गोलू धोती पर से अपना लंड मसलने लगता है और सोनू शॉर्ट्स पर से. दोनों लंड मसलते हुए अपनी-अपनी बहनों की यादों में खो जाते है. गोलू धोती में हाथ डाल कर अपना लंड बाहर निकाल लेता है तो सोनू भी अपनी शॉर्ट्स से लंड निकाल लेता है. दोनों आँखे बंद किये और लंड हिलाते हुए मस्ती में बहनों के सपने देखने लगते है.
सोनू : ओह पायल दीदी.....!! बूर दे दो अपनी...आह्ह...!!
गोलू : ओह मेरी कम्मो दीदी...!! बोर चुदवा ले अपने गोलू से.....!!
सोनू बोरी पर लेट कर अपनी कमर उठा के लंड मुठीयाने लगता है और गोलू पास पड़े रबर के पानी के मोटे पाइप में लंड घुसा देता है.
गोलू : ओह मेरी कम्मो बहना ....आह...!! ले अपने भाई का लंड. भर ले अपनी बूर में....पूरा भर ले....
कम्मो के लिए बेहद ही गंदे शब्धों का प्रयोग करते हुए सोनू अपने मोटे लंड को रबर की पाइप में ठूंसे जा रहा था. वो इतने जोश में था की एक बार सोनू भी लंड मुठियाते हुए रुक कर उसे देखने लगा. तभी दोनों को क़दमों की आहट सुनाई देती है तो दोनों फटाफट कपडे ठीक करके बोरियों के पीछे से निकल आते है. कमरे से बाहर निकलते ही सामने से उर्मिला चली आ रही है. उर्मिला दोनों को देखती है तो इशारे से अपने पास बुलाती है. दोनों उर्मिला के पास जाते है. उर्मिला गोलू की तरफ देखते हुए कहती है.
उर्मिला : और गोलू महाराज, कैसे हो?
गोलू : (शर्माते हुए) ठीक हूँ भाभी. वैसे भाभी मैंने सोनू को सब बता दिया है.
उर्मिला : अच्छा..?? तो अन्दर दोनों भाई जरुर बहनचोदी कर रहे होंगे....
उर्मिला की बात पर सोनू हँस देता है और गोलू शर्माते हुए कहता है.
गोलू : छी भाभी..!! आप कुछ भी बोलती हैं.
उर्मिला गोलू के मोटे गालों को खींचते हुए कहती है.
उर्मिला : वाह रे गोलू...!! मैं कहूँ तो छी...और तू अपनी बहन की चोली में झांके तो वो कुछ नहीं....
उर्मिला की इस बात पर गोलू भी हँस देता है. उर्मिला आगे कहती है.
उर्मिला : ये शर्मना-वर्माना सब भूल जा और बेशरम बन जा. शर्माता रहेगा तो कम्मो की बूर क्या तुझे उसकी बूर का बाल भी नहीं मिलेगा.
सोनू : भाभी सही कह रही है गोलू. मैं भी बहुत शर्माता था भाभी के सामने. पर जब से भाभी से खुल के बेशर्मों की तरह रहने लगा तो पायल दीदी के साथ भाभी ने मेरी जल्दी से सेटिंग करा दी.
उर्मिला : सिख अपने भाई से कुछ...
गोलू : फिर ठीक है भाभी. अब मैं भी आपके साथ खुल के बेशर्मों की तरह रहूँगा.
उर्मिला फिर से गोलू के मोटे गालों को खींचते हुए कहती है.
उर्मिला : ये हुई ना बात. अच्छा अब दोनों मेरी बात ध्यान से सुनो. मैंने शाम के लिए कुछ सोचा है पर मुझे पहले कम्मो से बात करनी है. कम्मो से बात करके जब मैं तुम दोनों को आवाज़ दूंगी तो चले आना. और हाँ अपना ज्यादा दिमाग लगाने की कोई जरुरत नहीं है. बस मेरे इशारों पर ध्यान देना. समझ गए?
दोनों सर हिला कर हामी भर देते है.
उर्मिला : शाबाश...!! ये कम्मो कहाँ है?
गोलू : घर के पीछे होगी भाभी. आम का जो पेड़ है ना, उस पर झुला झूल रही होगी.
उर्मिला : (गोलू के बड़े पेट पर छुटी काटते हुए) चिंता मत कर, जल्द ही वो तेरे लंड पर झुला झूलेगी.
उर्मिला की बात सुन कर गोलू बहुत खुश होता है. उर्मिला वहां से निकल कर घर के पीछे वाले आँगन में जाने लगती है. वहां पहुँच कर वो देखती है तो कम्मो आम के पेड़ पर झूला झूल रही है. कम्मो की नज़र जैसे ही उर्मिला पर पड़ती है वो कूद कर उर्मिला के पास आ जाती है और उर्मिला का हाथ पकड़ कर कहने लगती है.
कम्मो : चलिए ना भाभी, आप भी झुला झूलिए.
उर्मिला : धत पागल. मेरी उम्र है क्या झुला झूलने की. और तू भी कब तक झुला झूलेगी? चल आ मेरे साथ बैठ कर बातें कर.
दोनों आम के पेड़ के निचे बैठ जाते है. कम्मो पास के पौधे से फूल तोड़ कर सूंघने लगती है. उर्मिला उसकी ओर देखती है और कहती है.
उर्मिला : कम्मो एक बात तो बता....
कम्मो : हाँ भाभी...!!
उर्मिला : तू १८ साल की जवान लड़की हो गई है. कभी तेरी जाँघों के बीच खुजली नहीं होती?
उर्मिला की बात सुन कर कम्मो सोच में पड़ जाती है. कुछ देर सर खुजाते हुए सोचने के बाद तो आँखे बड़ी-बड़ी करते हुए कहती है.
कम्मो : हाँ भाभी होती है....
उर्मिला : (मुस्कुराते हुए) कब होती है कम्मो रानी?
कम्मो : भाभी जब मैं धुप से खेल कर घर आती हूँ ना तब पसीने से मेरी जाँघों के बीच बहुत खुजली होती है. तब मैं झट से साबुन लगा कर अच्छे से नाहा लेती हूँ तो ठीक हो जाती है.
कम्मो की बात सुन कर उर्मिला अपने माथे पर हाथ मार लेती है. "इस लड़की का कुछ नहीं हो सकता", उर्मिला मन ही मन सोचती है और वहां से सर हिलाते हुए जाने लगती है. कुछ ही दूर जाने पर उसे कम्मो की आवाज़ सुनाई देती है.
कम्मो : भाभी...!! भाभी..!!
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RE: Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड
उर्मिला : ( मुड़ कर पूछती है ) क्या हुआ कम्मो?
कम्मो : (उर्मिला के पास आ कर) भाभी आपने जाँघों के बीच की बात की ना तो मुझे एक खेल याद आ गया...
उर्मिला : कैसा खेल कम्मो?
कम्मो : (धीरे से) पर भाभी आप किसी से कहियेगा नहीं. वो खेल अकेले में सब के सोने के बाद खेला जाता है.
ये सुनकर उर्मिला के दिमाग की घंटी बजने लगती है.
उर्मिला : वो कौनसा खेल है कम्मो?
कम्मो : (उर्मिला का हाथ पकड़ कर) आप मेरे साथ चलिए भाभी मैं आपको दिखाती हूँ.
कम्मो उर्मिला का हाथ पकडे उसे एक कमरे में ले जाती है जहाँ पर सब्जियां और अनाज रखा हुआ था. एक बोर से कम्मो बड़ा और मोटा सा भुट्टा उठा कर हाथ में लेती है और उर्मिला को ले कर पास वाली दीवार के पीछे चली जाती है.
कम्मो : आप निचे बैठ जाइये भाभी.
उर्मिला : (निचे बैठ कर) हाँ अब बता किस खेल के बारें में कह रही थी.
कम्मो : (निचे बैठते हुए) अभी दिखाती हूँ भाभी.
कम्मो उर्मिला के सामने टाँगे खोलकर बैठ जाती है और अपनी कच्छी झट से घुटनों के निचे तक खींच देती है. उर्मिला बड़ी ही हैरानी के साथ उसे देखने लगती है. उर्मिला कम्मो की बूर देखती है. बूर घने बालो से भरी है और बूर के ओंठ थोड़े खुले हुए है. देख के लग रहा था की बूर में पहले भी कुछ जा चूका है. कम्मो मोटा और लम्बा भुट्टा ले कर अपने मुहँ में डालकर चूसने लगती है. उर्मिला ये सब बड़े ही गौर से देख रही थी. कुछ देर भुट्टे को चूसने के बाद कम्मो अपनी लार भुट्टे पर लगा देती है और भुट्टे को पकड़ कर अपनी बूर के मुहँ पर रख देती है. इस से पहले की उर्मिला कुछ समझ पाती, भुट्टा धीरे-धीरे कम्मो की बूर में धंसने लगा था. ये देख कर उर्मिला की आँखे फटी की फटी रह जाती है. वो जो देख रही थी उस पर उसे यकीन नहीं हो रहा था. वो लड़की जो दिमाग से पैदल है, चुदाई का जिसे 'च' तक नहीं आता है वो अपनी बूर में इतना लम्बा और मोटा भुट्टा आराम से घुसाए जा रही थी. देखते हे देखते कम्मो भुट्टे को पूरा अपनी बूर में घुसा लेती है और धीरे-धीरे अन्दर बाहर करने लगती है. अब उर्मिला से रहा नहीं जाता है. वो बोल पड़ती है.
उर्मिला : क..क..कम्मो....ये कौनसा खेल है...??
कम्मो : अहह...!! भाभी...ये अपने आप को मजा देने वाला खेल है. इसमें बहुत मजा आता है.
उर्मिला : रुक जा कम्मो...!!
उर्मिला की बात सुन कर कम्मो अपने हाथो को भुट्टे से हटा लेती है. भुट्टा अब भी उसकी बूर में पूरा घुसा हुआ था.
कम्मो : क्या हुआ भाभी?
उर्मिला : तू पहले बता की ये खेल तुने सिखा कहाँ से है?
कम्मो : (अपनी बूर में भुट्टा घुसाए हुए) भाभी वो भैया आते है ना गाड़ी ले कर...क्या नाम है उनका....ह्म्म्म...!! हाँ...!! छेदी भैया....
छेदी का नाम सुनकर उर्मिला का दिमाग घूम जाता है. वो बड़ी-बड़ी आँखे करके कहती है.
उर्मिला : छे..छेदी ने तुझे ये खेल सिखाया है?
कम्मो : अरे नहीं भाभी...छेदी भैया ने नहीं. वो तो घर आते है गाड़ी ले कर और बापू के साथ अनाज ले कर मंडी चले जाते है. वो उनकी बहन है ना, खुशबू , उसने सिखाया था.
उर्मिला : ओह तो खुशबू ने तुझे सिखाया है ये खेल....
कम्मो : हाँ भाभी. छेदी भैया जब आते है और बापू के साथ मंडी चले जाते है तब मैं और खुशबू घर में ही रहते है. उसी ने मुझे ये खेल सिखाया है. और कहा है की सब के सोने के बाद ही इसे खेलना अकेले में. बहुत मजा आता है भाभी, आप भी एक बार खेल के देखो ना...
ये कहते हुए कम्मो अपनी बूर से मोटा भुट्टा निकाल कर उर्मिला की तरफ बढ़ाती है. भुट्टे का आकार देखकर उर्मिला डर जाती है.
उर्मिला : अरे नहीं नहीं कम्मो, तू ही खेल. मैं फिर कभी खेल लुंगी.
उर्मिला की बात सुन कर कम्मो फिर से भुट्टे को अपनी बूर में घुसा देती है. उर्मिला ने कम्मो के बारें में जो सोचा था, बात अब अलग ही हो चुकी थी. कम्मो भले ही भोली थी पर अपनी बूर में बड़ा और मोटा भुट्टा तक ले रही थी. उर्मिला समझ जाती है की गोलू का लंड तो ये बड़े आराम से ले लेगी. कुवारी बूर के चुदने के बाद जो खलबली मचती है उससे कम्मो बच गई थी. उर्मिला अब सोचने लगी थी की अब इसे गोलू के सामने नंगा कैसे किया जाए. कम्मो अपनी बूर में मजे से भुट्टे को लिए जा रही थी और उर्मिला वहीँ बैठ कर सोच रही थी. कुछ देर सोचने के बाद उर्मिला कम्मो से कहती है.
उर्मिला : तू तो बहुत बदमाश है रे कम्मो...!!
उर्मिला की बात सुनकर कम्मो रुक जाती है. उर्मिला की तरफ हैरानी से देखते हुए कम्मो कहती है.
कम्मो : क्या हुआ भाभी? आपने मुझे बदमाश क्यूँ कहा?
उर्मिला : बदमाश नहीं तो और क्या कहूँ? खुद तो भुट्टा बूर में डाले मजे कर रही है और बेचारे गोलू को अपना तील भी नहीं देखने देती है.
कम्मो : कैसे देखने दूँ भाभी? वो तो सबसे पहले मेरे पति देखेगा ना?
उर्मिला : और उसे पसंद नहीं आया तो? क्या कभी किसीने तेरे तील की तारीफ़ की है?
कम्मो : नहीं भाभी. मैंने अपना तील अब तक किसी को भी नहीं दिखाया है.
उर्मिला : फिर? कोई देख के तारीफ करेगा तभी तो तुझे पता चलेगा ना की तेरे पति को पसंद आएगा भी या नहीं.
उर्मिला की बात पर कम्मो सोच में पड़ जाती है. सोचने के बाद वो कहती है.
कम्मो : भाभी मैं आपको दिखा देती हूँ, आप ही देख कर बता दीजिये ना.
उर्मिला : धत्त..!! तू क्या किसी लड़की से शादी करेने वाली है? ये तो कोई लड़का ही बताएगा ना? और तू क्या किसी बाहर वाले को दिखा कर पूछेगी?
कम्मो : कभी नहीं भाभी..!! ऐसा तो मैं कभी नहीं करुँगी.
उर्मिला : तो फिर? अब गोलू तेरा छोटा भाई है. बचपन से दोनों एक साथ हो. तू उसे राखी बांधती है. अब उस से अच्छा और कौन बताएगा तुझे...बोल?
उर्मिला की बातों में कम्मो को सच्चाई नज़र आती है. वो भी सोचने लगती है की भाभी सही कह रही है. किसी बाहरवाले से तो अच्छा है की वो अपने ही भाई को दिखा कर पूछ ले.
कम्मो : भाभी आप बिलकुल सही कह रही हो. मैं अभी जा कर गोलू को अपने सारे तील दिखा कर पूछती हूँ.
उर्मिला : चुप कर..!! ये बात घर में पता चली तो पता है ना माँ और बापू तेरा क्या हाल करेंगे. अभी नहीं. मैं बताउंगी की कब दिखाना है. समझी..?
कम्मो : जी भाभी.
उर्मिला : (मुस्कुराते हुए) और सुन. तेरे छाती का तील बहुत ही सुन्दर है. देखना गोलू को भी पसंद आएगा. ऐसी सुन्दर चीज़ को छुपा के रखती है. दिखा दिया कर गोलू को. देखना वो तेरी कितनी तारीफ करेगा.
कम्मो : (खुश हो कर) सच भाभी?
उर्मिला : और क्या. वो तो तेरी राजकुमारी वाली तारीफ करेगा और हो सकता है वो तेरा गुलाम भी बन जाए.
कम्मो : (खुश होते हुए) तब तो बड़ा मजा आएगा भाभी. मैं राजकुमारी और गोलू मेरा गुलाम. मैं तो उस से अपने पैर पढ़वाउंगी.
उर्मिला : हाँ बाबा पढ़वा लेना. चल अब जल्दी से अन्दर जा और मैं जबबुलाऊँ तो आ जाना. और सुन ये बात किसी से कहना नहीं.
कम्मो : नहीं कहूँगी भाभी....
कम्मो उच्छालती हुई वहां से चली जाती है. उर्मिला भी मुस्कुराते हुए घर के अन्दर चली जाती है.
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RE: Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड
केशव से विदा ले कर चरों आगे बढ़ते है. खेतों के बीच छोटा सा रास्ता बना हुआ है और दोनों तरफ घनी और ऊँची फसल. उर्मिला पीछे घूम कर देखती है तो पीछे भी घनी और ऊँची फसल नज़र आ रही थी. उर्मिला समझ जाती है की अब वो लोग सब की नज़रों से कोसो दूर हैं. कम्मो अब भी आगे वैसे ही उच्छालती-कूदती चल रही है. उर्मिला अपनी कोहनी गोलू के हाथ पर मारती है और इशारे से उसे कम्मो की बड़ी चुतड की और देखने कहती है. गोलू जैसे ही कम्मो की चुतड देखता है उसका हाथ अपने आप ही धोती के ऊपर से लंड पर चला जाता है. पर जैसे ही उसे उर्मिला और सोनू की उपस्थिती का एहसास होता है वो अपना हाथ झट से हटा लेता है और दोनों की ओर देखता है. दोनों गोलू की तरफ देखते हुए मुस्कुराकर आँख मार देते है. गोलू को हरी झंडी मिल जाती है. अब वो पूरी मस्ती में कम्मो की चूतड़ों को देखते हुए अपना लंड धोती पर से मसलते हुए उसके पीछे चलने लगता है. जोश में गोलू धोती से अपने मोटे लंड को बाहर निकाल कर उसकी चमड़ी पूरी पीछे खींच लेता है पर तभी उर्मिला उसे आंख्ने दिखा कर मन कर देती है तो वो लंड फिर से धोती में घुसा लेता है. थोड़ी दूर आगे जाने पर वो सभी तालाब के पास पहुँच जाते है. वो नज़ारा देख कर उर्मिला और सोनू खो से जाते है. तालाब का साफ़ पानी, ठंडी हवा और चरों तरफ बड़े और घने खेत. ये नज़ारा देख कर दोनों मंत्र मुग्ध हो जाते है.
गोलू : हैं ना सबसे अच्छी जगह?
सोनू : हाँ गोलू. सच में, ये तो बहुत अच्छी जगह है.
उर्मिला : सच में गोलू. एक दम सही जगह ले कर आया है तू हमे.
कम्मो : भाभी तालाब में नहा ले क्या?
उर्मिला : हाँ और तबीयत खराब कर ले अपनी. नहाना नहीं है. बस येही पर बैठ कर बातें करेंगे और नज़ारा देखेंगे. चलो यहाँ पर बैठ जाते है.
चारों तालाब के किनारे बैठ जाते है. कम्मो उर्मिला के साथ बैठ जाती है. कुछ देर गाँव की बातें करने के बाद उर्मिला कहती है.
उर्मिला : बहुत खुबसूरत नज़ारा है.
सोनू : हाँ भाभी. बहुत खूबसूरत है.
उर्मिला : पर यहाँ पर एक चीज़ ऐसी भी है जो इस से ज्यादा खूबसूरत है.
उर्मिला की बात पर सभी सोच मिएँ पड़ जाते है. गोलू, सोनू और कम्मो एक साथ कहते है. "क्या है भाभी?"...
उर्मिला मुस्कुराते हुए कम्मो की तरफ देखती है और कहती है.
उर्मिला : क्यूँ कम्मो...बता दें इन्हें की वो कौन सी खूबसूरत चीज़ है.
उर्मिला की बात को कम्मो समझ नहीं पाती है और बड़ी-बड़ी आँखे करते हुए कहती है.
कम्मो : क्या बता दें भाभी?
उर्मिला मुस्कुराते हुए कम्मो की जाँघों की तरफ देखती है. अब कम्मो उर्मिला की इशारा समझ जाती है. गर्व से उसका सीना फूल जाता है और इतराते हुए वो कहती है.
कम्मो : हाँ भाभी...बता दीजिये. ये भी जान ले की वो खूबसूरत चीज़ क्या है.
उर्मिला गोलू और सोनू की तरफ देख कर आँख मारते हुए कहती है.
उर्मिला : देखोगे की वो खूबसूरत चीज़ क्या है?
दोनों एक साथ सर हिला कर हामी भर देते है. फिर उर्मिला कम्मो की तरफ देख कर कहती है.
उर्मिला : इधर आ कम्मो. मेरी गोदी में बैठ जा.
कम्मो उठ कर उर्मिला की गोदी में बैठ जाती है. उर्मिला गोलू और सोनू को देख कर कहती है.
उर्मिला : और तुम दोनों कम्मो की टांगों के सामने बैठ जाओ. वो खूबसूरत चीज़ देख कर तुम दोनों के होश उड़ने वाले है.
दोनों झट से कम्मो की टांगो के सामने आ कर बैठ जाते है. उर्मिला धीरे से कम्मो का लहंगा उठा कर कमर तक कर देती है और हाथों से उसकी जाँघों को खोल देती है. जांघे खुलने से कम्मो की कच्छी, जो बूर पर चिपकी हुई है दिखने लगती है. कच्ची के दोनों तरफ हलके काले बाल निकले हुए है. गोलू और सोनू की नज़र जैसे हे कम्मो की बूर पर कसी हुई कच्छी पर पड़ती है, दोनों के मुहँ खुल जाते है और लंड अकड जाता है. उर्मिला एक ऊँगली कम्मो की जांघ के तील पर रखती है और कहती है.
उर्मिला : कैसा है?
गोलू : (नज़रे कम्मो की बूर पर कसी हुई कच्छी पर) बहुत अच्छा है भाभी.....बहुत खूबसूरत....
सोनू : (नज़रे कम्मो की बूर पर कसी हुई कच्छी पर) हाँ भाभी...बहुत खूबसूरत है.
कम्मो : (इतराते हुए) अच्छा लगा दोनों को?
सोनू : हाँ कम्मो...बहुत अच्छा है...
गोलू : कम्मो...कितना खुबसूरत है.
पीछे बैठी उर्मिला धीरे से कम्मो की जाँघों को थोडा और खोल देती है. जाँघों के और खुलने से कच्छी के अन्दर कम्मो की बूर भी खुल जाती है और कच्छी के दोनों तरफ बूर का बाहरी हिस्सा दिखने लगता है. बूर का बाहरी हिस्सा कच्छी के दोनों तरफ से दिखने लगा था जिसे देख कर गोलू और सोनू की हालत खराब हो गई थी.
उर्मिला : अरे गोलू...वहां से क्या देख रहा है. पास आ कर अच्छे से देख.
गोलू झट से उच्छल कर कम्मो की टांगों के बीच आ कर बैठ जाता है और झुक कर कम्मो की जाँघों के बीच देखने लगता है.
कम्मो : अच्छे से देख ले गोलू. इसके बारें में मैंने आज तक किसी से नहीं कहा है. तू किस्मत वाला है जो इसे इतने पास से देख रहा है, हैं ना भाभी?
उर्मिला : हाँ और नहीं तो क्या.... इतनी खूबसूरत चीज़ गोलू को और कहाँ देखने मिलेगी. अच्छे से देख गोलू.
गोलू आँखे फाड़-फाड़ के कम्मो की हलकी सी दिख रही बूर को देखने लगता है. धोती के अन्दर उसका लंड झटके ले ले कर उच्छलने लगता है. गोलू को जोश में आता देख उर्मिला डर जाती है. गोलू कोई गड़बड़ ना कर दे ये सोच कर वो कहती है.
उर्मिला : अच्छा अब बहुत देख लिया. अब कम्मो अपनी चोली में छुपी हुई खूबसूरत चीज़ दिखाएगी.... हैं ना कम्मो?
कम्मो : हाँ भाभी.... आज इन्हें भी पता चल ही जाए की मैं किसी राजकुमारी से कम नहीं हूँ....
उर्मिला : (कम्मो के गाल मसलते हुए) हाँ री मेरी राजकुमारी....दिखा दे इनको आज....
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02-12-2022, 01:33 PM,
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RE: Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड
अपडेट ३४ :
रात के ८:३० बज रहे थे. घर के आँगन में सभी नीहे बैठ कर खाना खा रहे थे. गाँव में अक्सर सभी घरों में रात का खाना जल्दी खा लिया जाता है. मोहन अपनी कुर्सी पर बौठे कर खाना खा रहे थे और ज़मीन पर गोलू, सोनू, उमा, उर्मिला, बिमला और कम्मो. उर्मिला तालाब पर घुमने के झूठे किस्से सुना रही थी. मोहन, उमा और बिमला सुन कर मजे ले रहे थे. गोलू, सोनू और कम्मो, जो सच जानते थे खाते हुए मुस्कुरा रहे थे. कम्मो जिसे खेल समझ कर मुस्कुरा रही थी, गोलू और सोनू के लंड उस 'खेल' को याद कर के फुदक रहे थे. बातें करते हुए उर्मिला रात का इंतज़ाम करने लगी.
उर्मिला : मामी... हमारे खेत पास ही में हैं ना?
बिमला : हाँ उर्मिला. बस १० मिनट का रास्ता है.
उर्मिला :अभी तो फसल भी लगी हुई है. रात में उसकी रखवाली कौन करता है?
बिमला : तेरे मामाजी करते थे. पर जब से उनका पैर टुटा है, गोलू करता है.
उर्मिला : बापरे...!! वो रात भर वह अकेले रहता है?
बिमला : हाँ तो क्या हुआ? सिर्फ जंगली सूअर और गाय-भैंस का डर होता है. यहाँ कौनसा शेर आ रहा है.....
इस बात पर सभी हंसने लगते है.
उर्मिला : (हँसते हुए) वो बात तो ठीक है मामी पर फिर भी. कोई तो चाहिए ना उसका साथ देने के लिए. (सोनू की तरफ देखते हुए) सोनू...तू भी चेल जाने गोलू के साथ. दोनों भाई बातें करते हुए वक़्त बिता लेंगे.
सोनू : हाँ भाभी....वैसे भी खेतो में सोने का मजा ही कुछ और ही है.
गोलू : खेत में एक कुटिया भी है और मचान भी. हम कही भी सो सकते है.
सोनू : फिर तो मजा आएगा....
उर्मिला : मचान भी है???
गोलू : हाँ भाभी....
उर्मिला : (बिमला की और देखते हुए) मामी....मेरा बड़ा दिल करता है की मैं भी खेत में मचान पर सोऊ. अगर आप लोह इजाज़त दो तो मैं भी चले जाऊं इन दोनों के साथ?
उमा : (हँसते हुए) कभी-कभी तू एकदम बच्ची बन जाती है उर्मिला.
उर्मिला : प्लीज मम्मी जी...!! वैसे अगर आप मन करोगी तो नहीं जाउंगी.
उमा : अरे नहीं बाबा, मैंने कब मन किया. चल... तू भी मजा लेले मचान पर सोने का....
मोहन : बस बहु एक बात का ध्यान रखना. सुबह होते ही घर आ जाना. क्या है की गाँव की औरतें घर में ही सोती है. कोई देख लेगा तो लोग तरह-तरह की बाते करेंगे.
उर्मिला : समझ गई मामाजी. हम लोग सुबह होते ही दौड़ कर आ जायेंगे.
उर्मिला की बात पर सभी हंसने लगते है. तभी सब की नज़र कम्मो पर पड़ती है. ज़मीन पर बैठी कम्मो अपनी आँखों में आंसू थामे हुए गुस्से में बैठी है. उसके बंद ओंठों पर हलकी सी कपंन थी. ऐसा लग रहा था की मानो अभी आंसुओ का सैलाब फट पड़ेगा. मोहन देखते ही सारा माजरा समझ जाते है.
मोहन : अरे तुम लोग क्या मेरी कम्मो को घर में छोड़ दोगे ? कम्मो भी साथ जाएगी...
मोहन की बात सुनते ही कम्मो के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है. आँखों से बहने को उतावले आंसू फुर्र से गायब हो जाते है.
कम्मो : और नहीं तो क्या बापू...!! ये लोग खेतों में खेलेंगे और मैं घर पर रहूंगी...
उर्मिला : नहीं मेरी नानी ... तू भी हमारे साथ ही चलेगी...अब खुश...?
उर्मिला की बात सुन कर कम्मो दोनों हाथों को उठा कर जोर से चिल्ला देती है " हेये.........!!"
सभी जोर-जोर से हंसने लगते है. उर्मिला गोलू और सोनू को देख कर कम्मो की तरफ इशारा करती है. दोनों मुस्कुराते हुए चुपके से अपनी धोती पर से लंड को मसल देते है. खाना ख़तम करके थालियाँ धो कर उर्मिला और बिमला घर के आँगन में आते है.
बिमला : ध्यान रखना उर्मिला. वैसे तो रात में खेतों में कोई भी नहीं होता है पर फिर भी. सुबह जल्द ही निकल जाना.
उर्मिला : जी मामी जी. आप चिंता मत करिए. हम सभी भोर होते ही लौट आयेंगे.
गोलू लोटे में पानी ले कर आता है और सोनू एक लालटेन लिए. घर वालों से विदा ले कर गोलू, सोनू , कम्मो और उर्मिला खेतों की तरफ निकल पड़ते है. मोहन के कहने पर वो लोग घर के पीछे के रास्ते खेतों से होते हुए जाने लगते है ताकि कोई उन्हें देख ना ले. ३-४ मिनट में ही वो सभी घने खेतों के बीच बने छोटे से रास्ते पर आ जाते है. हमेश की तरह इस बार भी कम्मो सबसे आगे उछलती हुई चल रही थी. सोनू लालटेन उठा के उसकी रौशनी कम्मो की चूतड़ों पर डालता है तो गोलू का लंड धोती में तांडव करने लगता है. उर्मिला गोलू को देख कर आँख मार देती है तो गोलू भी अपनी धोती उठा के अपना खड़ा लंड कम्मो की चूतड़ों की तरफ कर के कमर को ४-५ झटके मार देता है.
ऐसे ही मौज मस्ती करते हुए चारों खेत में पहुँच जाते है. खेत के पास एक कुटिया बनी हुई है और घने खेत के बीच एक मचान. मचान को देख कर कम्मो उच्छालती हुई उर्मिला से कहती है.
कम्मो : वो देखिये भाभी, हमारे खेत की मचान.
उर्मिला : वाह कम्मो.... ये तो खेतो के बीचो-बीच है. हम रात एहिं पर गुजरेंगे ना?
कम्मो : हाँ भाभी... गोलू तो रात में मचान पर ही सोता है.
उर्मिला : तो फिर ठीक है. आज रात हम सब मचान पर ही सोयेंगे और रात भर खूब मस्ती करेंगे.
कम्मो : (खुश होते हुए ) हाँ भाभी.... खूब मस्ती करेंगे.
चरों खेतों के बीच से होते हुए मचान के पास पहुँच जाते है. सबसे पहले सोनू झट-पट लकड़ी की बनी सीढ़ी से ऊपर चढ़ जाता है. गोलू उसे लालटेन उठा के देता है तो सोनू उसे पास के खूंटे पर टांग देता है. फिर कम्मो लकड़ी की सीढ़ी पर चढ़ने लगती है तो उर्मिला गोलू को इशारा करती है. उर्मिला का इशारा समझ कर गोलू झट से सीढ़ी के नीचे खड़ा हो जाता है. कम्मो के घुटनों तक लंबे लहंगे के निचे गोलू अपनी आँखे फाड़े हुए खड़ा है. लहंगे के अन्दर का नज़ारा देख कर धोती में उसका लंड कसमसाने लगता है. वो धीरे-धीरे कम्मो के पीछे सीढ़ी पर चढ़ने लगता है और उसकी नज़र कम्मो के लहंगे के अन्दर टिकी हुई है. कम्मो ऊपर आकर अपने दोनों हाथों को मचान पर रख लेती है तो सोनू उसका हाथ पकड़ कर उसकी मदद करने लगता है. ये देख कर उर्मिला झट से गोलू से कहती है.
उर्मिला : देख क्या रहा है गोलू? अपनी दीदी की मदद कर.
गोलू उर्मिला की तरफ देखता है और उसके चेहरे के भाव पढ़ कर समझ जाता है. वो झट से अपने दोनों हाथों को कम्मो की बड़ी-बड़ी चूतड़ों पर रख देता है. अपनी बहन की चूतड़ों का स्पर्श पाते ही गोलू ताव में आ जाता है और हाथों से कम्मो की चूतड़ों को दबोचते हुए उसे आगे की ओर धकेल देता है. कम्मो मचान पर चढ़ जाती है. गोलू के बाद उर्मिला भी मचान पर आ जाती है. उर्मिला खड़ी हो कर चारों और देखती है. दूर-दूर तक घने खेत और गुप्प अँधेरा था. दूर खेतों में कुछ लालटेन जलते हुए प्रतीत हो रहे थे पर वो भी काफी दूर थे. उर्मिला समझ जाती है की अगर आज रात मचान पर चुदाई का नंगा नाच भी हो जाए तब भी किसी को पता नहीं चलेगा.
चरों निचे बैठ जाते है और यहाँ-वहां की बातों का सिलसिला शुरू होता है. खूब हँसी-मजाक और ठहाकों का दौर भी शुरू हो जाता है. कुछ देर बाद उर्मिला सोनू को इशारा करती है. खेत में आने से पहले उर्मिला ने सोनू और गोलू को सब कुछ अच्छे से समझा दिया था. उर्मिला का इशारा समझते ही सोनू कहता है.
सोनू : देखिये ना भाभी. मैं कब से गोलू से कह रहा हूँ की मुझे भी गाय का दूध दोहन सिखा दे पर ये मेरी एक नहीं सुनता.
गोलू : मैं क्या करूँ भाभी. ये गाय का दूध ठीक से नहीं दोहता है और गाय पैर मारने लगती है.
उर्मिला : गोलू ठीक ही तो कह रहा है. तू अगर ठीक से गाय के थन पकड़ कर दूध नहीं दोहेगा तो गाय तो पैर मारेगी ही ना.
गोलू : हाँ भाभी. जब तक सोनू को गाय के थन ठीक से पकड़ना नहीं आएगा वो गाय का दूध नहीं दोह पायेगा.
उर्मिला : ये बात तो एकदम सही है तेरी गोलू... क्यूँ कम्मो?
कम्मो : हाँ भाभी. अगर गाये के थन ठीक से नहीं पकड़ो तो उसे तकलीफ होती है और वो पैर मार देती है.
उर्मिला : देखा सोनू... ये बात तो सभी को पता है.
सोनू : पर भाभी मुझे गाय से डर लगता है और अगर मैं थन पकड़ना ही नहीं सीख पाया तो दूध दोहन कैसे सीख पाउँगा?
उर्मिला : मेरे पास एक उपाय है. इधर आ मेरे पास....
सोनू झट से उर्मिला के सामने जा कर बैठ जाता है. उर्मिला अपनी साड़ी का पल्लू निचे गिरा देती है और ऊँगली के इशारे से ब्लाउज के ऊपर से अपने एक दूध की और इशारा करते हुए कहती है.
उर्मिला : यहाँ ध्यान से देख. लड़कियों के दूध और गाये के थनों में ज्यादा अंतर नहीं होता है. और ये देख रहा है...(अपने निप्पल की तरफ इशारा करते हुए), जैसे गाये के थन होते है वैसे ही ये लड़कियों के थन है. इसे इस तरह से पकड़ कर धीरे-धीरे खींचते है तो दूध निकलता है.
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