06-05-2017, 02:29 PM,
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RE: चूतो का समुंदर
जब हमने किस कर लिया …तो हम बियर पीते हुए बाते करने लगे…
कामिनी-आहह…आज तो तुमने मार ही डाला…
मैं-अच्छा…फिर भी तुमने हार नही मानी क्यो..
कामिनी-हाँ....ऐसे कैसे हार मान जाती....खातिरदारी पूरी करने का जो बोला था...
मैं-ह्म्म....तो मज़ा आया..*???
कामिनी-हाँ…..बहुत मज़ा आया….एक साथ मे इतनी बार कभी नही झड़ी…
मैं-ह्म्म..तो अब तो मन भर गया ना…
कामिनी-मन तो नही भरा…अभी मन तो बहुत कुछ माँग रहा है…पर..
मैं-पर क्या..???
कामिनी- मेरे घर शादी जो है…आज रात मे बहुत काम है….नही तो…
मैं-नही तो..???
कामिनी(मेरे लंड की तरफ इशारा कर के)-नही तो इसको छोड़ती नही…
मैं-अच्छा…इतनी चुदाई के बाद भी…???
कामिनी—हाँ….बिल्कुल…मेरी चूत ने इस लंड का स्वाद नही चखा अभी..
मैं-जब तुम्हारी गंद फट गई मेरी चुदाई से तो सोचो चूत का क्या होता…
कामिनी-जो होता सो होता…मज़ा तो आता…
फिर हम दोनो हँसने लगे…ऑर कामिनी ने कहा
कामिनी-वैसे कितनी टॅबलेट खाई थी..???
मैं(मन मे )साली को पता चल गया…
कामिनी-बोलो ..???
मैं-टॅबलेट ..कैसी टॅबलेट..???
कामिनी-अरे मेरे राजा…वही टॅबलेट जो दीपा ने तुम्हे दी थी…समझे..
मैं-अच्छा तो ये प्लॅनिंग आपकी है…
कामिनी-हां…मैं चाहती थी कि मेरी दम से ठुकाई करो तुम..
मैं-वो तो मैं बिना टॅबलेट के कर सकता हूँ…दीपा ने बताया नही..???
कामिनी-हाँ..दीपा ने बताया ऑर रजनी ने भी.....तुम चुदाई लंबी ही करते हो...
मैं-फिर ये टॅबलेट का क्या ड्रामा है..*??
कामिनी-अरे टॅबलेट से तुमने ज़्यादा चुदाई की....इतनी की मैं 2 दिन चुदने की सोच भी नही सकती..
मैं-अभी तो कह रही थी की चूत बाकी है अब क्या हुआ..
कामिनी-अरे मन की बात बोली थी पर बॉडी साथ नही देती ना….इतनी ठुकाई हुई है ऑर उपर से अभी काम भी है तो 2 दिन तो रेस्ट बनता है..
मैं-तब तो चूत रह जाएगी….मैं तो चला जाउन्गा…
कामिनी-अरे जाओगे कहाँ…हम भी वही रहते है…आपके पास आ जाएँगे….ऐसे पीछा नही छोड़ेगे..
मैं-अच्छा पर मेरे पास आने की कीमत होती है…
कामिनी-हाँ…दीपा ने कहा था मुझसे…
मैं-तो फिर…क्या सोचा..
कामिनी-कीमत तैयार है…..बस इंतज़ार है सही वक़्त का..
मैं(हँसते हुए)-ओके...तब ठीक है....मैं इंतज़ार करूगा...
कामिनी-वैसे लंबी चुदाई की तरह बियर भी बहुत पी जाते हो…
मैं-हाँ…चुदाई के साथ बियर का नशा नही होता …तो पी लेता हूँ…पर अब तो मुझे भी रेस्ट की ज़रूरत है…
कामिनी-हाँ बिल्कुल…आप रेस्ट करो..रात मे जागना भी तो है….शादी जो है…
मैं-ह्म्म्म..
ऐसे ही हम बियर पीते हुए बाते कर रहे थे कि कामिनी की नौकरानी आ गई ऑर बोली
नौकरानी-मेडम ,,,,सॉरी,,,वो आपको अंदर बुला रहे है…
कामिनी-ओके..तुम जाओ..मैं आती हूँ..
मैं तो सोच रहा था कि नौकरानी ने हम दोनो को नंगे ही देख लिया तो कामिनी भड़केगी उस पर ....पर वो तो कुछ नही बोली....शायद वो भी जानती होगी कि कामिनी चुदक्कड़ औरत है...
मैं-चलो मैं भी थोड़ा रेस्ट कर लूँ…
कामिनी-ओके..चलिए…
इसके बाद हम ने अपने कपड़े पहने ऑर प्राइवेट पूल से बाहर आ गये…कामिनी मुझे किस कर के बाद मे मिलने का बोल के निकल गई ओर मैं फिर गार्डेन मे घूमने लगा…...
मैं घूमते हुए सोच रहा था कि अब क्या करू…मन तो कह रहा था कि आंटी को कॉल करू ऑर उनके साथ मस्ती करूँ बट बॉडी रेस्ट माँग रही थी….ऑर रात मे भी तो जागना है…
यही सोच कर मे पूल से बापिस हवेली की तरफ आने लगा…ऑर फिर मुझे मनु का ख़याल आया कि मनु आई ही नही…मतलब मेरी डाल नही गली मनु के साथ….फिर सोचा कोई नही…मनु को देखेगे बाद मे…
फिर मुझे चलते हुए उस लड़की का ख्याल आया…जो मुझे कामिनी की गंद मारते हुए देख रही थी….
मैं सोचने लगा कि क्या वो कोई गेस्ट है या इसी फॅमिली की कोई लड़की है….पता नही पर लड़की सच मे खूबसूरत थी…
मैने ज़्यादा तो नही देखा पर मस्त माल लग रही थी…शायद उससे फिर मुलाक़ात हो जाए…
मैं ये सब बातें सोचते हुए रूम की तरफ जा ही रहा था कि मुझे आंटी और दीपा मिल गई…
आंटी-अरे बेटा किस सोच मे हो जो हमें देखा भी नही
मैं-अरे नही आंटी कुछ नही…मैं बस थक गया था तो रेस्ट करने जा रहा हूँ..
दीपा-हां..थकोगे क्यो नही…आज तो कामिनी की फाड़ ही डाली
आंटी-सच मे…क्यो बेटा उस कुतिया की फाड़ दी..???
मैं-ह्म्म..
दीपा-अरे रजनी….मैने इसे टॅबलेट दे दी थी …वही वाली
आंटी-अरे मेरा बेटा तो बिना टॅबलेट के ही फाड़ देता है,…तुझे नही पता क्या
दीपा-हाए मेरी जान ..मुझे तो सब पता है…मैं भी गंद फड़वाने को घूम रही हूँ..पर तुम्हारा बेटा फाड़ता ही नही…
आंटी-सुना बेटा…अब इस कुतिया की भी फाड़ देना..
ऑर आंटी हँसने लगी…साथ मे दीपा ऑर मैं भी हँसने लगे..
मैं-आंटी…अब थोड़ा रेस्ट कर ले..रात मे शादी है…
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06-05-2017, 02:30 PM,
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RE: चूतो का समुंदर
सोनम-सो सॅड…पर अनलकी आप नही…वो लड़किया है जो आपकी गर्लफ्रेंड नही है…
मैं-अच्छा….ऐसा क्या..
सोनम-जी हां…
मैं-वैसे सोनम जी आपका बाय्फ्रेंड तो बहुत लकी होगा ना…
सोनम- ऐसा क्यो ..???
मैं-अरे इतनी प्यारी गर्लफ्रेंड जिसकी हो वो लकी ही होगा…
सोनम-सॉरी …आपकी तरह इस मामले मे मैं भी अनलकी हूँ…नो बाय्फ्रेंड
मैं-हो ही नही सकता…आप इसनी सुंदर है कि कोई भी लड़का एक नज़र देख कर ही आपको प्रपोज़ कर दे
सोनम(शरमाते हुए)-हट..इतनी भी अच्छी नही दिखती…
मैं-अच्छा ..अभी बताता हूँ….
और उसके बाद मैने सोनम की आँखो मे देखते हुए कहा कि..
मैं-सोनम जी …आप मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी….आइ रियली लाइक यू
सोनम का मुँह खुला का खुला रह गया …वो कुछ भी नही बोली…बस मुझे देखती रही…
मैं सोनम के आन्सर का वेट कर रहा था कि अब ये क्या कहेगी …इतने मे किसी ने रूम के अंदर से सोनम को आवाज़ देना चालू किया…ओर तब जाकर सोनम होश मे आई ऑर बोली
सोनम-मैं…वो…दीदी…मैं….जाती हूँ…वो बुला रही है…
मैं-जी आपको मैं रोक नही सकता…पर मैने अपने दिल की बात कही है आपसे…आगे आपकी मर्ज़ी…
सोनम-मैं जाती हूँ..बाइ…
मैं(पीछे से)-सोचिएगा ज़रूर…
ऑर मैं आगे कुछ कहता उससे पहले सोनम रूम मे एंटर हो कर रूम को बंद कर देती है....ऑर मैं अकेला खड़ा रह गया.......
खड़े हुए मैने सोचा कि मैने अभी-2 जो किया ...वो सही किया..???
मैने थोड़ी देर उसके इंतज़ार मैं खड़ा रहा कि शायद वो आ जाय पर वो नही आई....
और थोड़ी देर खड़े रहने के बाद मैं नीचे की तरफ निकल गया ऑर सोचने लगा कि ये मैं क्या करके आ गया….प्रपोज…पर क्यो…????
पता नही मुझे क्या हो गया था,,,,मैं जानता था कि सोनम अपने भाई से चुदती है फिर भी मैं उसके चेहरे की मासूमियत मे इतना खो गया कि उसे प्रपोज ही कर दिया…
पता नही सोनम क्या सोच रही होगी मेरे बारे मे कि पहली बार मिला ओर सीधा प्रपोज…क्या लड़का है…
ऑर मैं अपने आप से बाते करते हुए ऑर अपने आप पर हँसते हुए…हवेली के बाहर गार्डेन मे आ गया…….
वहाँ मेरे सामने जो खड़ा मिला उसे देख कर मैं अपने होश ही खो बैठा ऑर बस एक नज़र उसे ही देखने लगा….
मेरे सामने मनु खड़ी हुई थी …और मैं नज़र गढ़ाए हुए उसे देखने लगा…
क्या बताऊ दोस्तो कितनी सुंदर लग रही थी वो…..उसने शाइनिंग ब्लू साड़ी पहनी हुई थी ….साथ मे स्लीब्लेस्स ब्लाउस…होंठो पर शाइन मारती पिंक लिपस्टिक…ओह माँ....
मैं तो मनु को देख कर ही बेसूध सा हो गया…मैं उस समय ये भूल गया था कि मनु भी आंटी की आगे के बराबर ही है…ऑर शादीशुदा है…
मैं तो उस समय यही सोच रहा था कि क्या लड़की है…अगर ये हाँ बोले तो अभी शादी कर लूँ…
मनु मुझे ऐसे घूरते हुए देख कर शरमा गई और बोली..
मनु-हेलो….क्या हुआ…???
मैं(ख्यालो से बाहर आ कर)-म्म..मुझे ..कुछ नही….क्या होना था…
मनु-तो फिर ऐसे क्या घूर रहे थे…???
मैं-क्या बताऊ…तुम चीज़ ही ऐसी हो कि सामने आती हो तो होश उड़ जाते है….
मनु(शरमा जाती है)-अच्छा…झूट अच्छा बोल लेते हो..
मैं-झूट..???...बिल्कुल नही , किसी से भी पूछ लो...रूको अभी किसी से पूछता हूँ…
ऑर मैं किसी को ढूँढने का नाटक करने लगा…
मनु-ओके..ओके…मान लिया…किसी से पूछने की ज़रूरत नही….
मैं-मानती हो ना...तुम सच मे बेहद खूबसूरत दिख रही हूँ...
मनु(शरमा जाती है)-अब बस भी करो…
मैं-कैसे बस करू.....मेरे दिल मे तुम बसती ही जा रही हो...ऑर तुम तो मेरे बारे मे सोचती भी नही...
मनु(चुप खड़ी रही)-
मैं-क्या हुआ...बोलो ना...
मनु(बिल्कुल चुप, बस मेरी बात सुन रही थी)
मैने पास जाकर मनु का हाथ पकड़ा तो मनु सिहर उठी ओर फिर मैने उसके हाथ पर किस कर दिया…मेरे किस करते ही मनु का पूरा बदन काँप गया ऑर उसके मुँह से सिसकी निकल गई…
मनु-उम्म्म्मह..
मैं-आइ लव यू…
मनु-(बस मुझे देख रही थी ऑर उसके चेहरे पर शर्म ऑर डर के भाव आ गये थे…)
हम कुछ देर तक यू ही एक दूसरे की आँखो मे झाँकते रहे ऑर तब तक मैं मनु का हाथ मेरे हाथ मे ही थामे रहा...
अचानक मनु होश मे आई ऑर अपना हाथ छुड़ा कर बोली
मनु-मैं जा रही हूँ…मुझे थोड़ा काम है…
मैं-मनु, ऐसे मत जाओ…कुछ तो बोलो..
मनु-मैं जा रही हूँ…बाद मे मिलते है…
ऑर इसके बाद मनु तेज़ी से चलती हुई हवेली के अंदर चली गई ऑर मैं फिर अकेला रह गया...
थोड़ी देर बाद मैने गार्डेन मे उस तरफ चलना शुरू किया जहाँ शादी का फंक्षन होना था…
मैं चलते हुए फिर सोचने लगा कि यार मेरे साथ हो क्या रहा है…..चूत चाहता हूँ तो लाइन लग के मिल जाती है…ऑर किसी पर प्यार आता है तो साला कुछ होता ही नही..
आज भी पहले सोनम मिली….पता नही क्यो उसे प्रपोज किया ऑर वो बिना कुछ बोले चली गई और एक ये मनु है…2 दिन मे कितनी बार आइ लव यू कह चुका इसे , पर ये ना तो हाँ कहती है ऑर ना ही मना करती है…
ये सोनम ओर मनु…मुझे ना बोल देती तो टेन्षन नही होती पर इस दोनो की चुप्पी तो मार डालेगी मुझे…
ऐसे ही मैं फंक्षन की जगह पहुच गया…..
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06-05-2017, 02:30 PM,
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RE: चूतो का समुंदर
आज भी यहा संगीत के दिन जैसी ही रौनक थी….या उससे भी ज़्यादा,,,लाइट, म्यूज़िक, ड्रिंक ,स्टेज…सब आलीशान था…
आज गेस्ट भी ज़्यादा थे…लड़के वाले भी है ना….ऑर आज बार काउंटर सामने के साइड था….ऑर कुछ लोग टल्ली हो कर ड्रिंक कर रहे थे…
फिर मैं वहाँ आए हुए गेस्ट मे से लड़कियो ऑर औरतों को देखने लगा….
आज तो संगीत से ज़्यादा मस्त माल थे यहाँ पर…छोटी से लेकर बड़ी…सब लड़किया सजी हुई थी…ऑर अपने नखरो से सबको पागल कर रही थी…आज औरते भी मस्त थी…पर सभी वेड्डिंग ड्रेस मे…मतलब आज कुछ को छोड़ कर बाकी सब लड़की ऑर औरते फुल ड्रेस मे थी…संगीत के दिन की तरह मिनी ड्रेस मे नही…
मैं ऐसे ही घूमते हुए ऑर छूट वालीयो को आँखो से चोदते हुए बार काउंटर पर पहुचा… ऑर वहाँ 1 लार्ज स्कॉच ली ऑर जाम हाथ मे लेकर फिर से घूमते हुए मस्त मालो का मज़ा लेने लगा…
थोड़ी देर तक घूमने के बाद मुझे आंटी लोग आती दिखी….
आज तो आंटी, दीपा, रिचा, कामिनी…सब अच्छे से तैयार होकर…फुल ड्रेस मे सराफत से आ रही थी….उन्हे देख कर कोई कह भी नही सकता था कि ये सब मुझसे रंडियों की तरह चुदि है…
मैं भी आंटी के पास पहुचा ऑर हम ने आपस मे विश किया और फिर बाते होने लगी….
मैं-आप लोग तो आज मस्त दिख रहे हो….मार ही डालोगे…
आंटी-बेटा…तुम ज़्यादा कहर ढा रहे हो…मेरा तो मन हो गया…हहेहहे
दीपा- हाँ...तुझे तो बस यही दिखता है…आज मन मत बनाना…आज तो ये मेरा है…
रिचा-क्या बात कर रहे हो तुम दोनो
रिचा को हमारे बारे मे अभी पता नही था....तो कामिनी ने बात को संभाला....
कामिनी-अरे रिचा ये ऐसे ही मज़ाक कर रही है….
इतने मे कामिनी को किसी ने कुछ काम के लिए बुला लिया ऑर कामिनी , आंटी ऑर दीपा को भी साथ ले गई…कामिनी ने रिचा को भी कहा पर वो मेरे साथ रुक गई….
मैं-क्या हुआ…तुम क्यो रुक गई…??
रिचा-तुमसे बात जो करनी थी.
मैं-तो बोलो फिर..
रिचा-क्या बोलू…तुमने तो उस दिन से देखा भी नही मुझे…भूल ही गये…
मैं-अरे नही मेरी जान…पर क्या करूँ यहाँ मौका कहाँ मिलता है…ऑर तुम भी तो बिज़ी थी ना...
रिचा.- तभी तो ये बोलना था कि मैं कल जा रही हूँ….घर पहुचते ही मैं कॉल करूगी …आ जाना…पूरे 2 दिन मेरी चुदाई करना…
मैं(हँसते हुए)-दो दिन….सह पाओगी…
रिचा-हाँ सह लूगी…तुम दो दिन मे मेरी चूत ऑर गंद फाड़ देना…
मैं-अच्छा..ऐसा क्या..पर..
रिचा-पर क्या..*??
मैं-मैने तो सुना है तुम्हारी बेटी है , मेरे ही बराबर तो कैसे होगा...
रिचा-मैने सब सोच लिया है…मेरी बेटी कॉलेज फरन्ड के साथ टूर पर चली गई आज…ऑर 3 दिन बाद आयगी तो हमे दो दिन मिल जायगे…सिर्फ़ मैं और तुम ..
मैं-पर तुम्हारी बेटी तो यहाँ साथ मे आई थी ना...???
रिचा-हाँ आई थी पर उसकी सहेली का कॉल आया ऑर वो सुबह ही निकल गई…अच्छा ही हुआ…वरना मैं पूल पार्टी मे नही जा पाती…
मैं-तो आज खूब मज़े उड़ाए है पूल पार्टी मे….
रिचा-हाँ…पर मज़ा तो अब सिर्फ़ तुम ही दोगे…..ये मज़ा कुछ खास नही रहा…
मैं-ओके..ओके…शादी निपट जाए तो कल घर , फिर मैं तुम्हारी ऐसी चुदाई करूगा कि एक हफ्ते बेड से नही उठ पओगि..
रिचा-सच…ओह माइ गॉड…ऐसी ही करना…पूरी गर्मी निकल जाय कुछ दिन के लिए…
मैं-हाँ..पर मेरी कीमत याद है ना..
रिचा-कीमत..???
मैं-अरे मेरी प्यार की भूख…याद है ना…
रिचा-हाँ..याद है…उसका इंतज़ाम हो रहा है…घर पहुच कर पक्का बता दूगी..ओके..
मैं-ओके..
तभी आंटी ने रिचा को आने का कहा….ऑर रिचा मुझे बाइ कह कर आंटी के पास चली गई…
आंटी लोग किसी रसम मे बिज़ी थी , तो मैने फिर से स्कॉच के सीप लेते हुए घूमने लगा.......
घूमते हुए मुझे वो लड़की दिखाई दी जो मेरी ओर कामिनी की गंद चुदाई देख रही थी…
उस लड़की ने वेस्टर्न वेड्डिंग ड्रेस पहना हुआ था…ऑर बड़ी सेक्सी दिख रही थी…..परफ़ेक्ट फिगर था ,,,,
अचानक उसकी नज़र मुझ पर पड़ी ऑर उसके चेहरे के एक्सप्रेशन बदल गये…
वो खा जाने वाली नज़रो से मुझे देखने लगी….
मैने भी बिना डरे उससे नज़रे मिलाए रखी ऑर कुछ देर बाद वो मुझे घूर्ना छोड़ कर दूसरी लड़कियो के साथ निकल गई...
घूमते हुए मुझे पता चला कि अभी लड़के वालो मे कुछ लोग आए नही तो प्रोग्राम लेट ही होगा ...उनके आने के बाद...
तो मैने अपना स्कॉच का पेग ख़त्म किया ऑर काउंटर पर जा कर दूसरा पेग उठा लिया….
मैं फिर से घूम रहा था ऑर मेरी नज़र एक औरत पर पड़ी…वो मुझे ही देख रही थी…मैने भी उसे देखना शुरू कर दिया…
हम दोनो आखे मिलाए एक दूसरे को देखते रहे ऑर साथ ही साथ मैं अपना पेग भी पीता रहा…..
वो औरत मुझे सेक्सी लग रही…थी…उसके भरे हुए बूब्स…ऑर गोरे- गोरे बाजू..साथ मे उसका चिकना पेट ऑर नाभि जो कि साड़ी से बाहर झाक रही थी…सच मे पूरी सेक्सी औरत थी…
पता नही कुछ दिन से मुझे क्या हो गया था…मैं लड़की या औरत को देख कर उसे चोदने का सोचने लगा..था…
मैं(मन मे)-यार माल तो मस्त है ऑर मुझे देख भी रहा है…पता लगाना होगा…इसके माइंड मे क्या चल रहा है…
यही सोच कर मैं उसके पास जाने को हुआ..तभी उसके पास एक औरत आ गई ऑर वो उससे बात करने लगी….पर वो बात करते हुए भी मुझे देख रही थी…
मैने सोचा कि इसे साइड मे बुलाते है..अगर आ गई तो समझो कुछ बात बन सकती है..नही तो भाड़ मे जाय….
और कोई पंगा हो गया तो..???...अरे आंटी है ना..ऑर जिसके घर मे शादी है वो कामिनी…वो भी तो मेरे लंड की दीवानी है…वो दोनो सब संभाल लेगी…
यही सोच कर मेरी हिम्मत बढ़ गई ओर मैने आँखो से ही इशारा करके उसे एक साइड मे आने को कहा…ऑर उसने भी पलक झुका कर सिर को हिला दिया…
मतलब मेरा काम बन गया…अब आ जाएगी…आगे क्या..???...वो देखते है…
मैने साइड मे जाने लगा..ऑर भीड़ से अलग जा कर साइड मे रुक गया…थोड़ी देर बाद जब उसके साथ वाली औरत चली गई तो वो भी सबकी नज़र से बचाती हुई मेरे पास आ गई…
वो मेरे पास खड़ी हो गई…पर चुप थी..ऑर मैं भी सोचने लगा कि बुला तो लिया…अब आ भी गई…पर बोलू क्या..???
साला इससे ईज़ी तो चुदाई करना होता है…अजनबी औरत से क्या बात करू..???
मैं सोच ही रहा था कि वो पहले बोल पड़ी…
औरत-ही…मेरा नाम स्मिता है…ऑर आपका..???
मैं-ह्म्म..ओह…स्मिता..आइ एम अक…
स्मिता(कड़क आवाज़ मे)-तो बताइए आपने मुझे क्यो बुलाया…???
मेरी तो गंद ही चॉक ले गई कि अब क्या बोलू..होशियारी मे बुला तो लिया…...
मैं-वो..मैने ..तो…बस..यू ही..
स्मिता-यू ही..????...मतलब…आप किसी को भी यूँ ही बुला लेते हो…
मैं-हाँ..उसमे क्या बुराई है..थोड़ी बात करने के लिया….
स्मिता- अच्छा क्या बात करने के लिए बुलाया…
मैं-वो आप मुझे …वो…ऐसे…देख रही ..
स्मिता(ज़ोर से)-मतलब….आपने मुझे क्या समझ रखा है…मैं अच्छे खानदान से हूँ..ऑर हाँ…मैं शादीशुदा हूँ..समझे....
मैं(डरते हुए)-वो ..आप…..धीरे..बोलिए…मैने तो बस यू ही…
स्मिता –यू ही…???...क्या सोच कर बुला लिया….
दोस्तो मेरी तो सच मे फटने लगी थी कि अब फैल गया रायता…लोग मुझे धो डालेगे…
क्योकि हमारे यहा ग़लती चाहे लड़के की हो या लड़की की…लोग गंद तो लड़के की ही मारते है…
मैं(डरते हुए)-ओके..मेरी ग़लती…सॉरी…प्लीज़..आप…सॉरी...
ऑर ये कह कर मैं जाने को हुआ कि मुझे झटका लगा…
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06-05-2017, 02:31 PM,
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RE: चूतो का समुंदर
करीब 5-6 मिनिट मैं तेज़ी से स्मिता को चोदता रहा फिर मैने स्मिता को पट्टी से नीचे उतार कर खड़ा कर दिया…
ऑर स्मिता की एक टाँग को हाथ से पकड़ कर उठाया ऑर लंड को चूत मे डाल दिया…स्मिता ने भी एक हाथ से पट्टी का सहारा लिया ऑर मैने चुदाई पूरी स्पीड से शुरू कर दी….
स्मिता- आहह…मज़ा…एयेए…ग्ग्ग...
ययय्या…आहह…..आहह..आह...
मैं-ऐसे ही मज़े…लो…यीहह….टेक इट……
स्मिता-आहह..आह..तेज..तेजज्ज़..तेजज…..ऊहह…….म्मा
मैं-यस..बेबी….यस….टेक इट....फ़ील्ल..इट…बेबी
स्मिता-आअहह….फास्ट..फास्ट,,,उउंम..आअहह….फास्ट,….ईीस…यईी.स…ऊओ
मैं 10 मिनिट से स्मिता को पूरी तेज़ी से चोद रहा था….स्मिता फिर से चुदाई की मस्ती मे झड़ने लगी…
स्मिता-आहह...म्मायन्न्न...आइी...ऊहह...एसस्स...येस्स..आहह
ऑर स्मिता झड़ने लगी ओर चुदाई की आवाज़े बदलने लगी
आअहह…आह..यईीसस…..उउंम…फ़फफुऊूऊचह..फ्फ़ूचह…फ्फक्च……ईएहह..ईएहह..आअहह..ऊहह…आहह..आह…
.फ्फ़ूच..फ़्फुूक्च..आहह..अहहह….आअहह
ऐसी आवाज़ो के साथ स्मिता झड रही थी ओर मैं उसको चोदे जा रहा था……..
जब स्मिता झड चुकी तो थोड़ी थकि हुई लगने लगी ऑर पट्टी पर झुक कर आँहे भरने लगी…मैने भी स्मिता को चोदना बंद किया ऑर उसकी चूत से लंड निकाला ऑर पास मे पड़ी चेयर पर बैठ गया…..
स्मिता थोड़ी देर बाद मेरे पास आई ऑर झुक कर मेरे लंड को मुँह मे भर के चूसने लगी…..मेरा लंड तो खड़ा ही था…स्मिता की चुसाइ ने पूरा कड़क कर दिया…
फिर स्मिता ने लंड को मुँह से निकाला ऑर कहा…
स्मिता-अब रेडी हूँ…जल्दी से चोदो वहाँ लड़के वाले आ गये होगे…
मैं-ओकक..आ जा सवारी करवा दूं.…
ऑर मेरे कहते ही स्मिता मेरी गोद मे आकर बैठ गई ऑर लंड के दोनो साइड पैर रख कर लंड को चूत मे भरते हुए मेरी जाँघो पर बैठ गई..
मैने देर ना करते हुए उसकी गंद पकड़ कर नीचे से धक्के मारना चालू किया ऑर स्मिता मेरे सीने पर झुक कर उपर से गंद उछाल-उछाल कर लंड को चूत मे लेने लगी….
स्मिता-आहह..आहह..येस्स..य्स्स…कब्से तड़प रही थी…आअहह..ऐसी चुदाई को…ऊहह…यस..येस…
मैं-यह..बेबी….तेज़ी से उछलो…आहह…ऐसे ही ओर तेज..
स्मिता-यस..यस..यस….आहह….ये ..लो…ओर…तेजज्ज़..ह्म्म्म…ऑर तीज्ज्ज..
ऑर स्मिता चुदाई मे मस्त हो कर जितना तेज हो सके उतना मेरे लंड पर उछलने लगी ऑर मेरे होंठो को मुँह मे भर कर चूसने लगी…
स्मिता-उम्म्म…ओउंम…..उउउंम…
त्ाआप्प..त्ताप्प..उउउंम…ईसस्स…आहह..त्तप्प..त्ताप्प्प..त्ततापप्प..त्त्टहाहप्प्प…उउंम….उउंम्म…उउउंम..त्ताप्प…त्ततापाप…त्ताप्प..
स्मिता की गंद मेरी जाँघो पर टकरा रही थी ऑर स्मिता पूरे जोश के साथ अपनी चुदाई करवा रही थी…ऑर मेरे होठ तो ऐसे चूस रही थी जैसे कि , प्यासे को पानी मिल गया हो..
थोड़ी देर बाद स्मिता ने मेरे होंठो को आज़ाद कर दिया ऑर फिर से मस्ती मे उछलते हुए चिल्लाने लगी…
स्मिता-आअहह..आहह…ऊहह..एस्स…क्या लंड है..आहह…..यस…येस्स…चोदो…चोदो…ज़ोर से....
मैं-ये ले मेरी रानी…तेज़ी से..ले..अंदर तक…
फिर थोड़ी देर बाद स्मिता की स्पीड कम हो गई..वो तक गई थी...
मैने जल्दी ही उसे गोद से उतरा ओर फिर से उसे वाश्बेसन की पट्टी पर झुका दिया ओर पीछे से लंड उसकी चूत मे डाल दिया…
ऑर उसको पकड़ कर पीछे से चोदने लगा…
ऑर उसको पकड़ कर पीछे से चोदने लगा…
स्मिता-ऊहह…आअहह…डालो…ज़ोर से…आहह….आहह..
मैं-यस….बेबी…टेक इट..टेक इट…
स्मिता-आहह…जल्दी करो…मेरा पति..आहह….मुझे देख रहा…आअहह…ऊहह…जल्दी…
मैं-ऐसी बीवी हो जिसकी…उसे तो बीबी को अकेला नही छोड़ना चाहिए….
स्मिता-आअहह..नही छोड़ता तो…आअहह…तुम कैसे चोद पाते…ऊहह…आअहह….ज़ोर से,…
मैं स्मिता को तेज़ी से चोदे जा रहा था ऑर स्मिता ने मुझे पलट कर फिर से किस करना शुरू किया ….
स्मिता---उउम्म्म्म…..उउंम्म….उउउंम्म….उउउम्म्म्ममह
मैने स्मिता को पीछे से थक्का मारता ऑर स्मिता अपनी गंद को पीछे धकेल्ति…ऑर उसकी गंद मेरी जाँघो पर टकरा कर थप-थप की गूँज करती…
मेरा तो गंद पर दिल आ गया था…
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06-05-2017, 02:31 PM,
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sexstories
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RE: चूतो का समुंदर
मैं स्मिता को कुछ देर और तेज़ी से चोदता रहा ऑर वो झड़ने के करीब आ गई..ऑर उसने मेरे होंठो को छोड़ दिया..
स्मिता-ऊहह..म्म्माा…म्मैरईन्न…फ्फीयरर..सीए..आऐईइ..आहह…त्तीज्ज्ज…यएएसस..एस्स…ऊवार..तीज्ज…ऊहहूओ
ऑर ऐसी आवाज़े करती हुई स्मिता फिर से झड़ने लगी ऑर मैने वैसे ही स्पीड से उसे चोदना चालू रखा ऑर आवाज़े बाथरूम मे गूज़्ने लगी...
स्मिता-ऊहह….आअहह..अहहह..आ..ऊहह..ऊहह….ऊहह…
आअहह……अह्ह्ह्ह..त्ताप्प्प..त्तताप्प…फ़फफुक्च....फ़फफूूक्चह..आअहह..त्ताप्प्प….फ़फफ़ूूचह…ऊओह..ईससस्स..आअहह…
यईएहह…बेबी…..आअहह..ऊहह
ऐसी ही आवाज़े होती रही ऑर मैं स्मिता को चोदता रहा……जब मैं झड़ने के करीब आ गया तो मैने कहा…
मैं-आअहह..बेबी…मैं आ रहा हूँ…कहाँ डालु…
स्मिता-नही…मुझे चखना है…उस औरत ने चखा था..आहह..तो….तारीफ की थी…ऊहह…मेरे मुँह मे…ऊओह…डाअल्ल्लूओ
मैने तुरंत ही स्मिता को छ्चोड़ दिया ऑर स्मिता पलट कर घटनो पर नीचे बैठ गई ओर मेरे लंड को मुँह मे भरा कर हाथ से आगे पीछे करने लगी,,,,
थोड़ी देर बाद मैं झड़ने लगा,,,,ऑर स्मिता ने मेरा लंड रस मुँह मे भरा ऑर बाकी का रस दोनो बूब्स पर डलवा लिया…
स्मिता मुँह मे भरे लंड रस को पी गई ऑर बूब्स पे लगे लंड रस को बूब्स पर मसल्ने लगी ऑर थोडा -2 छाँट ने लगी..
स्मिता अपनी मस्ती मे लंड रस से खेल रही थी ऑर मैं जा कर चेयर पर बैठ गया…
थोड़ी देर बाद स्मिता भी आ कर मेरी गोद मे बैठ गई ऑर मुझे किस करने लगी…फिर किस ख़त्म करके बोली
स्मिता-मज़ा आ गया ..सच मे…मेरे पति ने ऐसा कुछ कभी नही किया था…
मैं-ह्म्म..पर मेरे मज़े का क्या…
स्मिता-क्यो तुम्हे मज़ा नही आया…
मैं-आया..पर जब तक मैं गांद ना मारु…मेरा मज़ा अधूरा रहता है…
स्मिता-ओह…ऐसा…पर अभी टाइम नही है ऑर मुझे आज रात मे ही जाना है…
मैं-कोई नही…तुम खुश हो ना,…बस…मैं भी खुश
स्मिता-नही...मैं तुम्हे गांद ज़रूर दूँगी...पर अभी नही
मैं-ओके..पर कैसे...तुम्हारा पति...
स्मिता-मेरा नंबर. ले लो....जब भी कहोगे मैं टाइम निकाल कर ज़रूर आउगि...एक बार और पति को धोका दूगी बस..तुम्हारे लिए...
मैं-ओके...अब चलो वरना तेरा पति पागल हो जायगा...
ऑर हम हँसने लगे...
उसके बाद हमने अपने आपको ठीक किया ऑर कपड़े पहन कर सरीफ़ बन गये ऑर गेस्ट हाउस से बाहर आ गये...
बाहर आ कर स्मिता ने मुझे किस किया ऑर बाद मे मिलने का बोल कर निकल गई....
मैं थोड़ा रुका ऑर उसके जाने के बाद मैने भी शादी के फंक्षन की तरफ चलना शुरू किया…..
मैं धीरे-धीरे गेस्ट हाउस से फंक्षन की मेन जगह पर आने लगा ऑर फिर से सोच मे डूब गया…
मैं(मन मे)-यार ये स्मिता हॉट थी…मूड बना दिया साली ने…पर ये समझ नही आती…एक तरफ कहती है कि पति को धोका नही दूगी…ऑर फिर मुझसे रंडी की तरह चुद के चली गई….
यार ये चूत होती ही ऐसी है कि जब गरम हो तो कुछ नही देखती बस लंड खाना है…
खैर छोड़ो , अपने को क्या….चूत मिल गई ऑर गांद देने का बोल गई है..बस... ऑर क्या चाहिए…
मैं ऐसे ही घूमते हुए बार कॉनटर पर गया ऑर फिर से 1 स्कॉच का पेग लिया ऑर घूमने लगा…
वहाँ की भीड़ देख कर मैं समझ गया कि लड़के वाले आ चुके है ऑर दूल्हा ऑर दुल्हन भी स्टेज पर दिखाई दे रहे थे…
आंटी लोग शायद आगे होगी..कही…
इसके बात मे स्टेज पर चल रहे प्रोग्राम को देखने लगा …स्टेज पर वरमाला का प्रोग्राम हुआ…फिर फोटोस लेना शुरू हो गया..ऑर मैं फिर से पेग पीते हुए घूमने लगा…
तभी मुझे पीछे से किसी ने आवाज़ दी…ऑर मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए बोला
पीछे से- हेलो मिस्टर.मल्होत्रा...हाउ आर यू..*???
मैने पीछे पलट कर देखा तो पाया कि ये तो मिस्टर.सोनी है जो मेरे डॅड के ऑफीस मे काम करते है…
( यहाँ मैं आप लोगो को फिर से बता दूं कि मेरे डॅड के 3 ऑफीस है जो इम्पोर्ट एक्सपोर्ट ऑर फाइनान्स का काम देखने के लिए है..मैं कभी-2 वहाँ गया भी हूँ..पर ज़्यादा नही…पर मैं मिस्टर.सोनी को जानता था…ये हमारे फाइनान्स डिपार्टमेंट मे है..
सोनी जी मुझसे काफ़ी बड़े है पर मस्का मारने के चक्कर मे मुझे सर कहते है…)
मैं-ओह…. मिस्टर.सोनी…..आप यहाँ…कैसे है आप…???
मिस्टर.सोनी-मैं ठीक हूँ..आप कैसे है…????
मैं-बिल्कुल मस्त…मज़े मे..आप यहाँ कैसे..?
मिस्टर.सोनी-वो आक्च्युयली मैं लड़के वालो की तरफ से हूँ..ऑर मैं उस लड़के का मामा लगता हूँ….
मैं-ओह ग्रेट..,,,,अच्छा है…
मिस्टर.सोनी-ऑर आप कैसे…??
मैं-ओह..हाँ…मैं आक्च्युयली अपने दोस्त की मोम के साथ आया हूँ…वो लड़की की साइड से है…मेरा दोस्त बीमार था तो मैं आ गया…
मिस्टर.सोनी-चलो अच्छा हुआ , इस बहाने आपसे मुलाक़ात तो हो गई…वैसे तो आप मिलते ही नही…
मैं-अरे ऐसी कोई बात नही है…मैं पढ़ाई मे बिज़ी रहता हूँ…वरना क्यो नही मिलता..
मिस्टर.सोनी-मैं तो कहता हूँ कि आप छुट्टियों मे ऑफीस आ जाया करे…आपका..दिला बहल जायगा…
मैं-सोनी जी मेरा दिल कैसे बहलता है ये आप जानते है ना…
मिस्टर.सोनी-जी सर बिल्कुल...आपने बताया था...याद है मुझे..तभी तो बोल रहा हूँ...हमारे सारे ऑफिसस मे कई मस्त माल है...
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