06-10-2017, 10:19 AM,
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RE: बहू नगीना और ससुर कमीना
डिनर करते हुए मालिनी और लड़कियाँ मस्ती करती रहीं। अब सब खाना खाके थोड़ी देर गप शप मारे फिर सोने चले गए। मालिनी को शिवा के साथ एक कमरा मिल गया था।
शिवा कपड़े बदलते हुए बोला: तो आज बहुत मस्ती हुई बहनों के साथ?
मालिनी: हाँ आज बहुत मज़ा आया। लड़कियाँ बड़ी हो गयीं हैं और शरारती भी।
शिवा: बड़ी तो हो गयीं हैं । मुन्नी में अभी भी बचपना है।
मालिनी: हाँ वो अभी छोटी भी तो है।
शिवा अब सिर्फ़ चड्डी में था और उसका मस्त भरा हुआ बदन देखकर मालिनी की बुर ऐसी हालत में भी गरम होने लगी।
शिवा बोला: वैसे मुन्नी शरीर से तो बड़ी हो गयी है। उसके दूध भी काफ़ी बड़े दिख रहे थे इस बार। कोई BF है क्या जो दबाकर बड़ा किए जा रहा है? अब उसका लौड़ा आधा तन गया मुन्नी के दूध का साइज़ सोच कर। मालिनी हँसकर बोली: देखो आपका तो खड़ा होने लगा, उसके दूध का सोचकर।
शिवा हँसते हुए लोअर पहना और बोला: अब क्या करे बिचारा , दो दिन से प्यासा है। तुमने तो लाल झंडी लगा रखी है।
मालिनी बड़े प्यार से बोली: ओह बिचारा। लाओ चूस देती हूँ।
शिवा आज चूसवाना नहीं चाहता था क्योंकि उसे सरला को चोदना था। इसके पहले कि वो कुछ कहता दरवाज़े में आवाज़ आयी और वो अपनी टी शर्ट भी पहन लिया। तभी सरला अंदर आइ और दो गिलास दूध का लाई। उसने एक गिलास शिवा को दिया और एक मालिनी को दिया। दोनों दूध पीते हुए बातें करने लगे और सरला बोली:मैंने राजीव जी को बता दिया था कि तुम लोग कल सुबह आओगे।
शिवा: थैंक्स मम्मी जी। मालिनी का ध्यान टी वी पर था और शिवा अपने लौड़े का शेप लोअर से सरला को दिखाया और इशारा किया कि ये कब तक सो जाएगी?
सरला: अच्छा बेटी अब तुम दोनों आराम करो मैं चलती हूँ। वो शिवा को आँख मारी।
शिवा बाथरूम में जाकर शॉवर लिया और बाहर आया तो मालिनी बोली: मुझे बहुत नींद आ रही है । आपको लौड़ा चूसवाना है तो जल्दी करो।
शिवा: अरे जान तुमको नींद आ रही है तो सो जाओ यार। इसको कल चूस देना।
मालिनी: सच आप बहुत अच्छे हो। चलो मैं सोती हूँ । गुड नाइट।
जल्दी ही वह गहरी नींद में समा गयी। अब शिवा उठा और बाहर आया और राकेश के कमरे में गया। वह अभी भी पढ़ाई कर रहा था। उसको देखकर वो बोला: आप जा रहे हो मम्मी के कमरे में?
शिवा: हाँ मैंने सोचा की क्या मिस्ड कॉल करूँ , इसलिए तुमको बताने ही आ गया। चलो अब शो चालू करता हूँ। अपनी मम्मी को मुझसे चुदता देख लो।
राकेश खड़ा हुआ और उसका लोअर पूरी तरह से सामने से उठा हुआ था। शिवा उसकी हालत देखकर मुस्कुराया और बाहर जाकर उसको एक खिड़की के पास खड़ा किया और बोला: मैं अंदर से खिड़की खोलता हूँ तुम पर्दा हटा कर देखना। राकेश ने हाँ में सर हिलाया। शिवा कमरे में दाख़िल हुआ और सरला को एक करवट सोते पाया। उसकी बड़ी सी गाँड़ उसकी तरफ़ थी। वो चुपचाप जा जाके खिड़की को धीरे से थोड़ा सा खोला और जाकर बिस्तर पर बैठ कर सरला को निहारने लगा। कमरे में नाइट लैम्प जल रहा था। उसने एक सेक्सी गाउन पहना था। उसे शायद इंतज़ार करते हुए नींद आ गयी थी। उसकी आधी चूचियाँ गाउन से बाहर झाँक रहीं थीं। वो मस्ती से उसे देखा और फिर खिड़की की तरफ़ देखा। वहाँ उसे परदे के पीछे एक हल्की सी परछाईं दिखाई दी । वो समझ गया कि राकेश अपनी जगह ले चुका है। वो मन ही मन मुस्कुराया। आज एक बेटा अपनी माँ को अपने दामाद से चुदते देखेगा। वो ये सोचकर गरम हो गया।
उसे लगा कि चोदने से ज़्यादा मज़ा तो ये सोच कर आएगा कि बेटा अपनी माँ को चुदते देख रहा है। अब उसने सरला के कमर से लेकर उसकी बग़ल से होकर उसके बाँह सहलाते हुए उसके गाल सहलाए। सरला हिली और उठकर बोली: बड़ी देर कर दी। मेरी शायद आँख लग गयी थी।
शिवा झुककर उसके गाल चूमा और बोला: मम्मी ,मालिनी के सोने का तो इंतज़ार करना ही था ना।
सरला: मैं ज़रा बाथरूम से फ़्रेश हो कर आती हूँ। तुम कपड़े उतारो। वह उसे चूमकर उठी और बाथरूम में चली गयी। शिवा ने लोअर और शर्ट उतारी और चड्डी में बिस्तर पर बैठ गया।
थोड़ी देर में सरला बाहर आयी और बोली: क्या बात है शर्म आ रही है चड्डी उतारने में ?
शिवा: नहीं मम्मी आप उतारोगी तो ज़्यादा मज़ा आएगा । वह पलंग के हेड बोर्ड के सहारे बैठा था। अब सरला उसके पास आयी और उसकी छाती में अपना सिर रख कर उसकी छाती के बालों से खेलने लगी। वह भी उसके मुँह को ऊपर किया और उसके होंठ चूमने लगा। दोनों क़रीब दस मिनट तक एक दूसरे के होंठ से चिपके रहे और जीभ चूसते रहे। शिवा के हाथ उसकी चूचियों और कमर और चूतरों पर घूम रहे थे। अब वो बोला: मम्मी इस सेक्सी नायटी में आप बहुत मस्त दिख रही हो। ज़रा गाँड़ मटका कर चल के दिखाओ ना।
सरला हँसती हुई खड़ी हुई और कमरे में एक कोने से दूसरे कोने तक अपनी गाँड़ हिला हिला कर चल कर दिखाई। उफफफफ क्या फाड़ू माल दिख रही थी। भरे बदन पर सेक्सी नायटी और उसके अंदर से उसके हिलते वक्ष और हिलते चूतर, किसी हिजड़े को भी मर्द बना सकते थे। शिवा और राकेश दोनों की हालत ख़राब हो रही थी। राकेश ने तो अपना लौड़ा बाहर निकाल लिया था। उधर शिवा का भी लौड़ा चड्डी से बाहर आकर झाँक रहा था।
शिवा: मम्मी प्लीज़ गाउन उतार दो ना सेक्सी तरीक़े से । नीचे क्या पहना है आपने?
सरला: ख़ुद ही देख लेना कि नीचे क्या पहना है। हा हा ।
अब वह गाउन की रस्सी खोली और धीरे धीरे गाउन को अपने कंधे से नीचे को खिसखाई। उफफफ जैसे जैसे उसका बदन नंगा होता जाता, उसका गोरा बदन ग़ज़ब ढा रहा था। जब गाउन उतरा तो नीचे उसने एक सेक्सी ब्रा और उससे भी ज़्यादा सेक्सी पैंटी पहनी थी।
राकेश के लौड़े ने अपनी माँ को इस रूप में देखकर झटका मारा और उसे लगा कि वो अभी झड़ जाएगा। उग्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या मस्त रँडी लग रही थी वो। अब शिवा बोला: मम्मी अब एक बार फिर से चलकर दिखाओ ना प्लीज़।
वो हँसकर अपनी गाँड़ मटका कर फिर से चल कर दिखाई। सामने से उसकी ब्रा में से निपल बाहर निकले थे एक जाली से । उसकी बड़ी बड़ी छातियाँ उस छोटी सी ब्रा में आधी भी नहीं छुप रहीं थीं। उसकी पैंटी के सामने हिस्से में एक जाली से उसकी बुर आधी नंगी दिख रही थी। पीछे का तो क्या कहना। सिर्फ़ एक रस्सी उसके चूतरों के दरार में फँसी हुई थी। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ उसके बड़े बड़े चूतर बुरी तरह से मटक रहे थे। वो तो जैसे पागल हो गया।राकेश अब अपने लौड़े को मुठियाने लगा। अब शिवा बोला: मम्मी एक बढ़िया गाना लगाता हूँ। आप डान्स करो प्लीज़। उसने मोबाइल में धीमी आवाज़ में - बिड़ी जला ले --बजाया। और फिर सरला ने एक ऐसी हरकत की जो दोनों मर्दों को पागल करने के लिए काफ़ी थी। वो अपनी छातियों को किसी रँडी की तरह हिलाकर और अपनी गाँड़ को भी मटका कर नाचने लगी। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या दृश्य था । शिवा के लौड़े ने प्रीकम छोड़ना शुरू किया। और बाहर राकेश का वीर्य ही झड़ गया। बिना आवाज़ के आऽऽऽहहह करे वो अपने रुमाल में पोंछा ।
शिवा अब मस्ती में आकर अपना लौड़ा बाहर निकाला और राकेश ने देखा कि उसका लौड़ा उसके हथियार से काफ़ी बड़ा है। वह अब देखा की शिवा भी अपना लौड़ा मूठिया रहा था।
अब शिवा बोला: मम्मी अब पूरी नंगी हो जाओ और एक बार फिर से नाचो।
सरला हँसकर बोली: आज पूरी रँडी बनाने का मूड है बेटा। चल ये भी कर देती हूँ। अब वो अपनी ब्रा धीरे से खोली और ब्रा के कप को एक हाथ से पकड़कर उसको और ललचाई । फिर उसने ब्रा फेंक दी। अब उसकी बड़ी बड़ी गोरी चूचियाँ उसके नज़रों के सामने थी। वह अब अपनी पैंटी नीचे को करी और धीरे से नीचे खिसका कर अपनी पैंटी शिवा के ऊपर फेंक दी। शिवा उसको नाक के पास लेज़ाकर सूँघने लगा। और बोला: हम्म मम्मी मस्त गंध है आपकी बुर की। फिर वह उसको अपने लौड़े पर रगड़ने लगा। अब शिवा ने फिर से गाना लगाया और वो अब अपनी चूचियाँ हिलाकर और गाँड़ मटका कर नाचने लगी।
राकेश ने कभी नहीं सोचा था कि मम्मी को इस हालत में भी देखेगा।
शिवा अब मस्ती में आकर उठा और नंगा ही उसके साथ उसको अपने से सटा कर नाचने लगा। दोनों हँसते हुए बिस्तर पर गिर गए। अब शिवा उसके ऊपर आकर उसके होंठ चूसने लगा। फिर वो उसकी चूचियाँ दबाकर मस्ती से उनको चूसने भी लगा। अब सरला उठी और उसको लिटा कर उसके जाँघों के बीच में आकर उसके लौड़े को क़रीब बीस मिनट तक चूसी और चाटी और डीप थ्रोट भी दी। वह पूरे समय उसके बॉल्ज़ को सहलाती भी रही। राकेश को मम्मी का मुँह साफ़ साफ़ ऊपर नीचे होते दिखाई दे रहा था उसके लौड़े के ऊपर। वो अब फिर से मूठ्ठ मारने लगा था।
अब शिवा बोला: मम्मी ६९ करोगी?
सरला मुस्कुराई और ख़ुद ही उलटा होकर शिवा के ऊपर आ गयी और फिर से उसका लौड़ा चूसने लगी। अब शिवा भी उसकी बुर के फाँकों को फैलाकर उसके गुलाबी छेद को चाटने लगा। उफफफफ राकेश सोचा कि जिस छेद से मैं बाहर आया हूँ वहीं जीजा जी मुँह घुसेडे हुए हैं। अचानक राकेश ने देखा कि शिवा अब उसकी भूरि सी मख़मली गाँड़ का छेद भी चाट रहा था। अब सरला आऽऽहहह उइइइइइइ माँआऽऽऽ कहकर और ज़ोर से लौड़ा चूस रही थी। राकेश का बुरा हाल था। वो इस सबके किए तय्यार नहीं था।
अब वह सरला को बोला: मम्मी अब रुका नहीं जा रहा है। चलो चुदाई करते हैं। उस दिन जैसे आप पहले चढ़ जाओ मुझ पर।
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06-10-2017, 10:20 AM,
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RE: बहू नगीना और ससुर कमीना
राजीव सोचा कि तभी तो सरला को शिवा से चुदवाने का मौक़ा मिला, वरना कहाँ मिलता। दोनों बड़ी देर तक बातें करे। फिर राजीव ने उसका कुर्ता उतारा और ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियाँ दबाया और उनको चूमा। फिर वह उसकी बाँह उठाया और उसकी बग़ल सूँघा और मस्त होकर चाटने लगा। मालिनी भी अपने गाँड़ के नीचे उसके लौड़े को कड़ा होते महसूस करने लगी।
अब वह उसकी चूचि चूमते हुए बोला: बेटा चूसोगी क्या अभी?
मालिनी: जी पापा , लूँगी निकाल दीजिए। और वह उसकी गोद से उठ गयी।
राजीव अब लूँगी निकाला और मालिनी नीचे ज़मीन पर बैठी और उसके लौड़े को बड़े प्यार से सहलाई और फिर चूमने लगी। लौड़े को ऊपर से नीचे चाटकर वो अब उसको चूसने लगी। राजीव इसकी छातियों को ब्रा के ऊपर से दबाए जा रहा था। जल्दी ही वो ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और हाथ से उसके बॉल्ज़ को भी सहलाने लगी। अब राजीव आऽऽह ह्म्म्म्म्म्म करके उसके मुँह में अपना रस छोड़ने लगा। वह उसको पी गयी और उसके सुपाडे को चाट कर साफ़ कर दी। आख़री बूँद जो कि उसके लौड़े के छेद में लगी थी उसे भी जीभ से चाट ली। अब वो मुँह पोंछकर खड़ी हुई तो राजीव उसकी सलवार के ऊपर से उसकी बुर दबाकर बोला: बेटा इसे चूस दूँ?
मालिनी: नहीं पापा अभी पूरा बंद नहीं हुआ है। कल चूस लेना। फिर वह अपनी कुर्ता पहनी और किचन में जाकर चाय बना कर लाई और दोनों चाय पीने लगे।
मालिनी: पापा आप बोले थे ना कि मैं गायनोकोलोजिस्ट से अपना चेक अप करवा लूँ। आप डॉक्टर से बात किए?
राजीव : हाँ बेटा अच्छा याद दिलाया । फिर वो मोबाइल से डॉक्टर को फ़ोन किया और बोला: हाँ डॉक्टर नमस्ते। मेरी बहु आपसे अपना चेक अप करवाना चाहती है। शादी को ६ महीने हो गए हैं और वो अभी तक प्रेगनेंट नहीं हुई है ।
डॉक्टर: -----
राजीव: हाँ हाँ आप सही कह रही हो अभी समय है पर एक बार चेक अप कर लो ना । इसमें कोई हर्ज है क्या ?
डॉक्टर: ------
राजीव: ठीक है मैं उसे कल १२ बजे लेकर आता हूँ। नमस्ते।
फिर उसने फ़ोन बंद किया और बोला: चलो कल १२ बजे तुमको दिखा ही देते हैं।
मालिनी उठकर उसके गोद में आकर बैठी और बोली: पापा मान लो मेरा सब ठीक हुआ तो? क्या शिवा का भी चेक अप करवाएँगे?
राजीव: तब की तब देखेंगे। अभी से क्यों सोच रही हो? वैसे डॉक्टर भी यही बोल रही थी कि आपको इतनी जल्दी क्या है? अभी एक साल भी नहीं हुआ है शादी को।
मालिनी: हाँ ये भी सच है। पर एक बार चेक अप करवा ही लेती हूँ। ठीक है ना पापा?
राजीव उसको चूमते हुए उसकी पीठ सहलाया और बोला: ज़रूर बेटा, चेक अप कराने में क्या हर्ज है।
फिर दोनों एक दूसरे से चिपके हुए प्यार से बातें करते रहे।
उधर सरला शिवा और मालिनी के जाने से थोड़ी उदास थी। सबने नाश्ता किया और अपने अपने स्कूल , कॉलेज और काम पर चले गए।अब वो ड्रॉइंग रूम में बैठी और पसीना पोंछने लगी। तभी पता नहीं कहाँ से राकेश आ गया।
सरला: तू कॉलेज से वापस भी आ गया ? अभी तो गया था?
राकेश: मम्मी मैं आज गया ही नहीं। थोड़ी देर बाहर घूम कर वापस आ गया।
सरला ग़ुस्सा दिखा कर: ये सही नहीं है बेटा, तुम्हारा आख़री साल है।
राकेश आकर उसके पास बैठा और बोला: मम्मी आप जानते हो की मैं पढ़ने में कितना तेज़ हूँ। एक दिन से कुछ फ़र्क़ नहीं पड़ेगा और मैं आगे से कभी भी क्लास मिस नहीं करूँगा। पर आज तो वो दे दो आप जिसे पाने को मैं सालों से पागल हूँ।
सरला मुस्करायी: अच्छा ऐसा क्या चाहिए मुझसे?
राकेश उसको पकड़कर अपने से सटा कर बोला: आप चाहिए मम्मी जी।
सरला: तो मैं बैठी तो हूँ। ले ले मुझे।
राकेश अब उत्तेजित होकर: मम्मी क्यों तड़पा रही हो। सच मुझे आप चाहिए। वो उसकी बाँह सहलाकर बोला: मम्मी जीजा जी को तो बहुत प्यार किया थोड़ा सा मुझे भी कर दो ना।
सरला: तुझे शर्म नहीं आयी अपनी मॉ के बेडरूम में झाँकता है?
राकेश: मम्मी आपको जबसे देख रहा हूँ जब मैं छोटा था। आप ताऊजी के साथ क्या क्या करती हो मुझे सब पता है। प्लीज़ सबको मज़ा दे रही हो तो मुझे क्यों तड़पा रही हैं आप।
सरला: पर तू मेरा सगा बेटा है मैं तेरे साथ ये सब नहीं कर सकती।
राकेश अपना लंड अपने लोअर के ऊपर से दिखाया और बोला: मम्मी देखो कैसे पगला रहा है ये आपके लिए। वो यह कहकर उसका हाथ पकड़कर अपने लण्ड के ऊपर रख दिया। सरला उसके कड़े लंड के अहसास से सिहर उठी। फिर बोली: देख बेटा मैं तेरे साथ ये सब नहीं कर सकती। ज़्यादा से ज़्यादा मैं तेरी मूठ्ठ मार सकती हूँ। वो इसके लंड को अब दबाने लगी थी।
राकेश: क्या मम्मी उसमें पूरा मज़ा थोड़ी ना आएगा। मुझे तो आपको चोदना ही है।
सरला: ओह कैसी बात कर रहा है अपनी मम्मी के साथ। ये नहीं हो सकता। बस अब मैं नहाने जा रही हूँ। छोड़ मुझे।
राकेश अब अपने आप को उसकी गोद में गिरा दिया और बोला: मैं तो नहीं उठूँगा जब तक आप हाँ ना कर दो चुदाई के लिए।
अब सरला ने अपनी आवाज़ को कठोर किया और बोली: उठो अभी और जाओ कॉलेज । कह दिया ना कि माँ बेटे में ये नहीं हो सकता। उठो।
राकेश आवेशित मम्मी के इस रूप से डर गया और बोला: ठीक है मम्मी अगर आपका यही जवाब है तो आप भी सुन लो कि मैं आज से भूक़ हड़ताल कर रहा हूँ। जब तक आप चुदाई के लिए हाँ नहीं करोगी मैं खाना नहीं खाऊँगा।
सरला: वाह तू दुनिया का इकलौता बेटा हो जो कि माँ को चोदने के लिए भूक़ हड़ताल करेगा। जा मर मुझे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता।
अब राकेश चुपचाप उठा और अपना बैग लेकर बाहर चला गया और बोला: मम्मी मैं कॉलेज जा रहा हूँ।
सरला ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया। वह नहाने को बाथरूम में घुस गयी और कपड़े उतारते हुए सोचने लगी। शाम तक उसकी अक़्ल ठिकाने आ ही जाएगी। फिर वह अपने बदन में पानी डालते हुए सोची कि उसके बेटे का लंड तो काफ़ी बड़ा लग रहा था। वह गरम हो गयी और अपनी बुर में साबुन से सनी ऊँगली डाल कर अपनी बुर रगड़ने लगी। अब वह अपनी छाती भी मसल रही थी और बुर भी और जल्दी ही वो उइइइइइइइ कहकर झड़ने लगी।
उधर राजीव ने सरला को खाने के पहले फ़ोन किया और बोला: फिर शिवा से भरपूर चुदीं या नहीं?
सरला हँसकर: आपका बेटा आप पर ही गया है। मस्त मज़ा दिया है।
राजीव: अब कुछ दिनों में यहाँ आओ और मालिनी को अपनी और शिवा की चुदाई दिखा दो।
सरला: ये बड़ा मुश्किल होगा । मेरी बेटी का दिल टूट जाएग। प्लीज़ और कोई रास्ता ढूँढिए ना। ये बहुत दुखदाई होगा , हम तीनों के लिए।
राजीव : मुझे लगता है कि इससे मालिनी की सेक्स के प्रति भ्रांतियाँ मिट जाएँगी। वो इसे रिश्तों से ऊपर उठकर आदमी और औरत की ज़रूरत की निगाह से देखेगी।
सरला: फिर भी प्लीज़ कुछ वक़्त दीजिए ना।
राजीव : ठीक है ।चलो रखता हूँ। कोई आ रहा है?
सरला अब खाना खाकर लेट गयी।
उधर रात को शिवा आया और मालिनी से बोला: जान आज बिज़नेस बहुत अच्छा हुआ । देखो मैं तुम्हारे लिए क्या लाया हूँ।
वो एक सुंदर सी लिंगरी लाया था । वो बोला : आज यही पहनना । बहुत सेक्सी लगोगी।
मालिनी: आह बहुत रोमांटिक मूड में लग रहे हो। लगता है रात भर परेशान करने वाले हैं आप।
शिवा: अब तुम्हारी लाल झंडी हरी हुई है तो गाड़ी तो दौड़ाएँगे ही जानू। फिर दोनों हंसने लगे। अब शिवा बाथरूम में जाकर नहाने लगा। मालिनी को पता नहीं क्या सूझा कि वो सीधे वो लिंगरी लेकर राजीव के कमरे में गयी और बोली: पापा देखो ये मेरे लिए क्या लाए हैं ?
राजीव कमरे में बैठकर टीवी देख रहा था। वो लिंगरी देखा और बोला: उफफफ क्या मस्त माल लगोगी इसमे ? कब पहनोगी इसको?
मालिनी: सोने से पहले।
राजीव: एक बार मुझे भी दिखाना कि कैसी लगती हो इसमें?
मालिनी: कोशिश करूँगी कि आपको दिखा सकूँ। वरना कल आपको दिन में दिखा दूँगी पहन कर।
राजीव उसको गोद में खींचकर उसके होंठ चूमते हुए बोला: बेटा कोशिश करो कि आज रात को ही दिखा दो।
मालिनी: पापा आज दिखाऊँगी तो आप उत्तेजित हो जाओगे। फिर शांत कैसे होगे?
राजीव: बेटा तुम दिखाओ तो मैं रास्ता निकालूँगा। प्लीज़ ।
मालिनी: ओके पापा मैं कोशिश करती हूँ। आप अभी खाना खाने आ जाओ। वो उसकी गोद से उठते हुए बोली। राजीव ने हाथ बढ़ाकर उसकी गाँड़ दबायी और बोला: ठीक है बेटा अभी आता हूँ।
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