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Sex Chudai Kahani फस गयी रिंकी
फस गयी रिंकी पार्ट--1
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक नयी कहानी लेकर आपके सामने हाजिर हूँ अब ये तो आप ही बताएँगे कहानी आपको कैसी लगी मुझे आपके जबाब का इंतजार रहेगा अब कहानी का मज़ा लीजिए
वैसे तो ये कहानी बहुत पुरानी है लेकिन इस घटना को मैं आज तक नही भूल पाया हूँ इसलिए सोचा इस कहानी को आपके साथ शेअर करूँ
मेरे घर के पास एक लड़की रहती है -नाम रिंकी शर्मा, उमर – कोई 18 साल , 12 थ क्लास में पड़ती थी, वैसे देखने ,मे तो वो कोई बोहत खोबसूरत नही थी पर मैने उसे इस लिए चुना क्योकि एक तो वो मेरे लिए आसान शिकार साबित हो सकती थी दूसरे मुझे उसकी शकल खास पसंद ना होते हुए भी उस के मम्मे / चुचे बोहत पसंद थे , आप यकीन करे या ना करे पर जिस वक्त मैं उस के चुचो को देखता था बस मेरी साँस उपर की उपर और नीचे की नीचे रह जाती थी. यकीन जानिए उस के बूब्स इस दिनिया की सब से मुलायम / सॉफ्ट चीज़ हैं.जीभ लगते ही ऐसा लगता है जैसे मूह मैं ही घुल जाएगे. उनकी बस एक झलक देखते ही मैं तो पागल हो उठा था दिल करता था उसे सबके सामने ही बाँहो मैं भर लू और चूसना शुरू कर दू. – और उस के बाद कभी ना रुकु- कभी भी नही.
बस इस तरह के मंसूबे ले कर मैं उस को पटाने की यानी फसाने की प्लॅनिंग करने लगा. वो अक्सर शाम को अपनी छत पर आ जाती थी , मैं भी अपनी छत पर चला जाता था , थोड़ा सा मैं भी घूरता था तो थोड़ा सा वो भी लाइन देती थी. पर समस्या एक थी की बात इस से आगे नही जा पा रही थी. वो अपने मा – बाप की अकेली संतान थी – मा घर पर ही रहती थी इस लिए उसका अपनी मा से अलग मिल पाना मुस्किल हो रहा था ,
कई बार मैने सोचा की उसे अपने घर बूलौऊ पर समस्या यह थी की मेरी कोई सिस्टर थी ही नही जिसके पास वो आ सके और मेरे पेरेंट्स वर्किंग हैं .इस लिए मेरे पास तो टाइम ओर स्पेस था पर उसके पास नही , और फिर मोहल्ले वालो का भी तो ध्यान रखना था ,
फिर अभी तक मैने कुछ कन्फर्म भी नही किया था यानी कि मैं पक्का यह नही जानता था कि वो मुझ मे किस हद तक इंट्रेस्टेड है, हो सकता है वो बस फ्लर्ट करती हो और अभी आगे के लिए तय्यार ना हो. इस कंडीशन मैं उसको पटाने मैं टाइम इनवेस्ट करना पड़ सकता था, जो की मेरे पास नही था या कहे की मुझ से सबर नही हो पा रहा था.
पर यह भी पासिबल था के वो भी बस मेरे सिग्नल का इंतज़ार कर रही हो.
फिर भगवान ने मेरी सनली , दशहरे से एक दिन पहले मैने अपनी चाल चली. जब वो घर से बाहर आ रही थी मैने ईक पर्ची जिस पर कुछ नही लिखा हुआ था उसके सामने फेक दी- यह देखने के लिए कि वो उठाती भी है के नही. पर जैसा की मैने कहा उस ने उठाई ओर अंदर चली गयी , पर उसके उठाने से एक बात तो कन्फर्म हो गयी की दोनो तरफ है आग बराबर लगी हुई.
बस मैने सोच लिया की अब वेट करने की कोई वज़ह नही, जल्दी से जल्दी उसे प्रपोज़ करना होगा, ताकि मैं उसके और करीब आ साकु.
दशहरे के दिन हमारे सहर मे राम की बारात निकलती है , यह एक बड़ा सा जल्लूस होता है जिस मैं सभी लोग सिरकत करते हैं. जब बारात हमारी गली के सामने से गुजर रही थी तो सब लोग वाहा आ कर खड़े हो गये. मैं जा कर रिकी के पास खड़ा हो गया और उस से बाते करने लगा. जैसे ही मैने देखा की सब लोगो का [ खास तोर पर उसकी मा का ध्यान कही और है मैने रिंकी को कहा की मैं उस से फ्रेंडशिप करना कहता हूँ यह सुन कर यो हल्का सा मुस्कुरई पर उस ने कोई जवाब नही दिया . इस का मतलब हां था .
वो भीड़ मैं जा कर कड़ी हो गयी मैं भी उसके पीछे गया, और फिर मैने राम का नाम ले कर उसका हाथ पहली बार पकड़ा. मेरा हाथ से अपना हाथ उसने छुड़ाने की कोशिश की पर बोहत ज़्यादा नही. [ दोस्तो यह हमेशा याद रहे की कोई भी लड़की कभी भी पहली बार मे आपको पसंद करते हुए भी आपको पूरा जवाब नही देगी, यानी हाँ नही कहेगी.] उसके जवाब हमेशा ना मे हाँ वेल होंगे.]कुछ सेकेंड्स का यह टाइम मुझे ऐसा लगा के बस मैं बयान नही कर सकता.
उस रात मैने फ़ैसला किया की अब दीपावली तक की सारी छुट्टिया मैं रिंकी पर ही इनवेस्ट करूँगा. सो अपने इधेर उधेर घूमने के सारे प्रोग्राम मैने कॅन्सल कर्दिये.
जब भी मुझे मोका मिलता मैं उसकी छत पर कोई रोमॅंटिक से लाइन लिख कर फेक देता.जल्द ही उधर से भी जवाब आने सुरू हो गये. मैं समझ चूक्का था की चिड़या जाल मैं आ चुकी है अब मुझे आगे बढ़ना चाहिए.
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RE: Sex Chudai Kahani फस गयी रिंकी
फिर उनके घर पैंट का काम शुरू हो गया. क्योंकि उनके घर पर कोई लड़का नही था जो पैंट वालो पर नज़र रख सके तो जब भी कोई बाज़ार का काम होता या किसी कमरे [ रूम ] का समान मूव करना होता तो उसकी मम्मी रिंकी से कहती की किसी को पड़ोस से बुला ले. और वो हुई सीधी मेरे ही पास आत्ती. मैं उनका काम करता और जब भी मोका देखता रिंकी की साथ फ्लर्ट भी करता , पर अब मेरे फ्लर्ट रोमॅंटिक से सेक्षुयल हो गये थे, कभी मैं उसके गालो पर किस करता तो वो शरमा जाती और भाग जाती, कभी मैं उसकी बॅक पर चूंटि भरता [ पिंच करता] या उसकी मस्त गान्ड पर स्लॅप करता . वो भी कभी गुस्से से देखती तो कभी कहती की मान जाओ ना. कोई देख लेगा. जब भी उसकी मम्मी बिज़ी होती जैसे नहा रही होती या पूजा मैं बैठी होती तो हम दोनो दूसरे कमरे मैं जा कर किस करते और किस क्या करते बस एक दूसरे पर टूट पड़ते. पहले पहले तो वो किस ओर स्मूद करना नही जानती थी. पर दो तीन बार करने से वो एकदम एक्सपर्ट हो गयी. जब हम डॉन वन पहला बार किस किया तो ऐसा लगा के बस अब कोई ना रोके , इसी पल मैं दुनिया थम जाए. जब हमारी जीभ एक दूसरे से रेसलिंग करती तो एक अजब ही स्वाद आता. अब भी वो पल याद करके वो उसके सासो की गर्मी महसूस करके मेरे लॅंड पठार की तरह सख़्त हो जाता है.
जल्द ही हम दोनो एक दूसरे के सरीरो से खेलने लगे .जब वो अपनी मम्मी से बात कर रही होती ओर आंटी का ध्यान कही और होता तो मैं उसके चूतड़ पर हाथ फेरने लगता. उसे भी जब मोक़्का मिलता तो वो मुँझे किस करके भाग जाती.
एक दिन जब उसकी मम्मी नहाने गयी तो मैं घर के अंदर आ गया. मैने उसे पीछे से पकड़ लिया.उसने कुछ नही कहा और इशारे से बताया की मम्मी नहा रही है. हम दोनो वही खड़े खड़े किस करने लगे. यह पल बोहत ही रोमांचक था क्योकि हम बाथरूम के ठीक सामने खफे थे. जैसा की हमेशा होता था किस करते ही मेरा लॅंड खड़ा हहोने लगा . मैंने ईक हाथ उसकी कमर पर रख रखा था ओर दूसरे हाथ से उसके चूतड़ दबा रहा था. फिर मैने उसका हाथ पकड़ कर अपने लॅंड पर रख दिया. पहले तो उसने हाथ एकदम से हटा लिया पर जब मैने दोबारा रखा तो उनसे उपर से ही उसे टच कर के महसूष किया . मेरा दिल तो बस खुशी के मारे झूम उठा , यह पहली बार था जब किसी लड़की ने मेरे लंड पर एहसान किया था. मैने धीरे से उससे कहा क्या तुम इसे देखना चाहती हो , उस ने कहा नही मुझे शरम आती है, फिर मम्मी भी बाहर आ सकती है. मैने किस करते हुए उससे कहा की तुम आज रात तो अपनी छत पर आ जाना. फिर मैं सोचने लगा की आधी रात को मैं कैसे उसकी छत पर पोहचू. जब मैं उनके बराबर वाले घर को देख रहा था तो मैने पाया की उनके गेट के उपर से चढ़ कर मैं छत तक पोहच सकता हूँ, और फिर वहाँ से रिंकी की छत तक जाने मैं कोई दिक्कत नही थी क्योंकि दोनो छतों की बीच बस एक 3-4 फुट की दीवार थी.जिसे मैं आसानी से पार कर सकता था. पर इसमे ख़तरा था. क्योकि , गेट से चड़ते समय आवाज़ हो सकती थी जिससे कोई जाग सकता था. तभी एक और ट्रिक मेरे दिमाग़ मैं आई. मैने देखा की पैंट वालो के पास बड़ी से सीढ़ी है जो वो हाइट पर पैंट करने के लिए लाए हैं, मैने देखा के वो उसे घर के अंदर रखे हुए हैं , मैं जा के उनके पास से वो सीधी माँग लाया- बल्ब चेंज करने के नाम पर. और फिर वापस नही की. क्योकि उन्हे भी अभी ज़रूर्रत नही थी तो यो भी वापस माँगेने नही आए. मैने प्लान की मुताबिक इस सीढ़ी का ईस्तमाल करके रिंकी की छत पर जाना था और किसी को पता भी ना लगता, बस मैं रात को कोई 10 बजे सीधे वापस करने के नाम पर उसे उनके गेट के बाहर रख आया,आंटी को बता दिया की सुबह पैंट वाले अपने आप इसे रख लेंगे.
सब कुछ सेट हो चुक्का था , मैं खुश था इस उम्मीद मैं कि हो सकता है की मुझे आज ही जॅक पॉट मिल जाए , नही तो कम से कम मैं उसके बूब्स को तो खा कर ही आउन्गा . रात एक बजे तक मैं यही सोच कर जागता रहा, नींद आई ही नही. फिर मैं चुपके से अपने कमरे से निक्कल कर बाहर गली मैं आया, गली मैं बिल्कुल अंधेरा था.मैने एक मिनिट रुक कर सब कुछ ध्यान से देखा फिर जा के सीढ़ी को चेक किया. अब मुझे घबराहट होने लगी थी ,डर लग रहा था कि कही कोई गड़बड़ ना हो गये , पर दिमाग़ मैं रिंकी का जादू कुछ इस तरह से छा चुका था कि अब वापस जाने का सवाल ही नही था,मैं राम का नाम ले कर सीढ़ीपर चढ़ गया.
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RE: Sex Chudai Kahani फस गयी रिंकी
छत पर पोहच कर मैने एक मिनिट तक चेक किया कि कोई देख तो नही रहा. फिर मैने अपने सेल से उसे मेसेज किया की मैं छत पर आ गया हूँ रिंकी थोड़ी देर बाद छत पर आई उसने टी-शर्ट और लोवर पहन रखी थी मैने उसे एक तरफ कोने मैं आने का इशारा किया तो उसने कहा की मुझे डर लग रहा है, कोई हमे देख ना ले, मैने उसे होसला दिया और कहा जब तुम मेरे साथ हो तो देखा जाएगा. उसने कहा क्या दिन ,मैं मन नही भरता तुम्हारा जो रात को यहाँ बुलाया. मैने कहा रिंकी यह प्यास तो और बढ़ती ही जाती है, मैं अब तुम्हे पाए बिना नही रह सकता. फिर हमने एक दूसरे तो किस करना शुरू कर दिया, इस अंधेरी रात मैं छत पर दो जवान प्रेमी एक दूसरे के साथ लिपटे हुए – एक अलग ही दुनिया का हिस्सा लगते थे पर ये सच था. फिर मैने उसे किस करते करते अपना हाथ उसकी टी-शर्ट मैं डाल दिया. कुछ रेज़िस्टेन्स के बाद उसने कुछ नही कहा. मैं उसकी सासे बढ़ती हुई महसूस कर सकता था. जो इस बात का सबूत थी की वो गरम हो रही थी. उसने भी अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया. और उपर से ही उसे महसूस करने लगी. मैने चुपके से उसके कान मैं कहा यह सब तुम्हारा ही है , शरमाओ मत – फिर उसका हाथ अपने लोवर मैं डाल दिया. उसने कहा मैने आज तक किसी का नही देखा है, मैने कहा की यह अब सिर्फ़ तुम्हारा है, तुम जिस तरह चाहो इस से खेल सकती हो.
रिंकी ने मेरा लॅंड हाथ मे पकड़ा ऑफ उसको मसलने लगी, उसके नरम हाथो मैं गरम लॅंड और सख़्त और मोटा होता जा रहा था, मुझे अपने लॅंड पर एक अजीब तरह की फीलिंग हो रही थी, यह ऐसा था जैसे कोई आपके लॅंड पर गुदगुदी [ टिक्कीलिंग ] कर रहा हो और आप को एक खुशी का एहसास करा रहा हो. वो बड़े ध्यान से उसे देख रही थी जैसे कोई बच्चा किसी खिलोने को देखता है,
इधेर वो मेरे हतियार से खेल रही थी तो मैने उसके चुचे दबाना चालू कर दिया, कुछ ही देर मैं वो गरम होने लगी , बीच बीच मैं हम दोनो किस करते . फिर मैने उसकी टी-शर्ट उपेर कर के बाहर कर दिया , इस पेर वो थोड़ा शर्ंमाई पर इसके बाद जैसे ही मैने उसके लेफ्ट बूब को मूह मे लिया तो उसके मूह से एक आह सी निकल गयी, मेरा गरम मूह उस के निपल पर लगते ही वो सख़्त हो गये . मेरे मूह मैं एक मीठा सा स्वाद घुल गया, पर सच कहु तो शायद टेस्ट बूब्स से ज़्यादा मेरे दिमाग़ मे था, पर उस वक्त तो मैं उन्हे ऐसे चूस रहा था जैसे कोई आइस क्रीम हो, मुझे तसल्ली थी की मैने अपना सपना पूरा कर लिया था.
फिर रिंकी बोली तुम इस से किस तरह मज़े करते हो?
मैने कहा – किस तरह मतलब?
रिंकी- मेरा मतलब लड़के अपने हथियार से कैसे मज़े लेते हैं. लड़की तो अक्सर अपने छेद मैं उंगली डाल कर या तकिये [ पिलोव ] पर उसे रगड़ कर मज़ा करती हैं, बाद मैं एक अजीब सा अहसास होता है. मैने सुना है कि कुछ लड़कियो के चूत से पानी भी छूटता है.
मैने कहा- लड़के भी अपने लंड को आगे –पीछे करते हैं जिससे कुछ टाइम बाद उनका पानी निकलता है. इसे मूठ मारना या मॅस्टरयेट करना कहते हैं. जब पानी निकलता है तो लड़को को बहुत मज़ा आता है.
रिंकी – मैं देखना चाहती हूँ कि लड़को का पानी कैसे निकलता है.
मैने कहा ठीक है, तुम मेरे लॅंड को टाइट पकड़ कर इसे आगे –पीछे करो .
रिंकी ने ऐसा ही किया , जब उसके नरम हाथ मेरे लॅंड को टाइट पकड़ने की कोशिस कर रहे थे तो मुझे जन्नत का मज़ा आ रहा था.
कोई 5 मिनिट बाद ही मेरा पानी निकालने को हो गया, मैने उसे बताया की अब पानी निकल ने वाला है , मैने अपने हाथ भी उसके हाथो पर रख दिया और ज़ोर ज़ोर से मूठ मारने लगा. कुछ ही सेकेंड्स मैं मैं चरम पर पोहुन्च गया. और मेरा पानी निकल कर उसके लोवर और टी- शर्ट पर जा गिरा.
मैने एक ज़ोर की सास ली और उसे चूम लिया, मैने कहा रिंकी आज से पहले मुझे कभी भी इतना मज़ा नही आया था. उसने मेरे पानी को हाथ लगा कर देखा और कहा , की यह तो बोहत गाढ़ा और चिकना है फिर इसे पानी क्यो कहते हैं, इसे तो क्रीम कहना चाहिए.
मेरा पानी निकल चुका था पर उत्तेजना के मारे मेरा लंड अभी भी खड़ा था. अब मेरी बारी थी उसके लिए जन्नत के दरवाजे खोल देने की.
मैने कहा- मैं भी तुम्हारी चूत को देखा चाहता हूँ. उसे प्यार करना चाहता हूँ.
रिंकी- मुझे शरम आती है.
मैने कहा – पर मैने भी तो तुम्हे अपना लंड दिखाया है.
रिंकी – तुम्हारी बात अलग है तुम लड़के हो, पर तुम उपेर से ही हाथ लगा कर देख सकते हो.
मैने कहा- मैं भी देखना चाहता हूँ की लड़किया कैसे अपना पानी निकालती हैं.
रिंकी – वो तो ठीक है ,पर मेरा तो पानी नही निकलता है. हाँ मैं कभी – कभी अपनी चूत को रगड़ती हूँ , तो मुझे बड़ा मज़ा आता है. खास तोर पर जब मेरे दाने पर रगड़ लगती है तो एक अजीब सा मज़ा आता है. मैं कभी ज़यादा तो नही रगड़ती हूँ , पर जब भी मैं अपने बॉल सॉफ करती हूँ तो कभी कभी मज़ा ले लेती हूँ.
मैने कहा – ठीक है तो मैं ऊपर से ही देख लेता हूँ.
मैं एक बार झाड़ चुका था पर ऐसा महसूस होता था की अभी तो कुछ हुआ ही नही. मैने उसे किस किया. उसका नीचे वाला होंठ मेरे होंठों के बीच था और मैं उसे ऐसे चूस रहा था जैसे कोई फ्रूट हो. मैने अपना हाथ उसके लोवर के नीचे किया और उपेर से ही उसकी चूत की शेप को महसूस किया. ऐसा लगता था जैसे कोई स्पंज सी चीज़ है जिस पर कुछ उभार हैं.
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RE: Sex Chudai Kahani फस गयी रिंकी
मैने उपेर से ही उसे रब करना शुरू किया, मैने बिल्कुल भी जल्दी नही की , मैं नही कहता था कि वो मज़ा ना ले सके , बल्कि मेरा मकसद ही उसे मज़े कराना था, उसकी चूत की फाकॉ की बीच से मेरी उंगली चल रही थी. उसकी आँखे बंद हो चुकी थी , उसने अपने पैर [ लेग्स] अंदर की तरफ दबा लिए थे , वो आनंद मैं थी, इस बार उसने मुझे किस किया और देर तक मुझे चूस्ति रही, मैने सोचा भी नही था की ऐक लड़की जो की बोहत खूबसूरत भी नही है और जिसने सेक्स भी नई किया हो , इतना अछा किस करसकती है, पर शायद हमारी हसरातों का हमारी शक्ल से कोई वास्ता नही होता,
जैसे जैसे मैं उसकी चूत मैं उंगली कर रहा था वो और गरम होती जा रही थी, मैने अपना हाथ अब उसके लोवर के अंदर डाल दिया , मैने महसूस किया की वहाँ परजीतने बाल थे वो रेशम की तरह मुलायम हैं, और दो फांको की बीच एक छोटी सेजगह है जिसे आप उंगली से महसूस तो कर सकते हैं पर उसमे उंगली नही जाती. फिर मैने उसका दाना ढूँढ लिया वो ठीक दोनो फाकॉ के नीचे की तरफ था, और करीब एक चने के दाने के बराबर होगा, जैसे ही मेरी उंगलिओ ने उसे छूआ तो वो मुझ से चिपक गयी , उसके मूह से एक हल्की से सिसकी निकल गयी. [मैं यहाँ पाठकों को एक बात और बताता चलू कि यह चूत का दाना ही असल मैं ऑर्गॅज़म पैदा करता है, कुछ लड़कियो मैं यह उपर की तरफ़ होता है या बोहत छोटा होता है तो वो ऑर्गॅज़म नही फील कर पाती.]मैं समझ गया की यह उसका सेन्सिटिव पॉइंट है , फिर क्या था मैने उसेके होंठों को अपने होंठों से मिला कर उसका दाना / क्लाइटॉरिस रगड़ना शुरू कर दिया , जैसे जैसे मैं उसे दबाता वो मुझसे और ज़ोर से चिपक जाती . कोई दस मिनिट ऐसे करने के बाद रिंकी ने कहा की मैं कुछ महसूस कर रही हूँ , मुझे एक अजीब सा नशा छा रहा है, प्लीज़ करते रहो , मैं नही चाहती की तुम अब रूको , लगातार इसे दबाते रहो , फिर उसने अपना हाथ भी अपने लोवर के अंदर कर किया और मेरा हाथ पकड़ कर जल्दी जल्दी अपना क्लिट रगड़ने लगी.उसकी सासे तेज हो गयी थी. कोई दो मिनिट करने के बाद उसने मेरा हाथ ज़ोर से पकड़ लिया और रुक गयी. उसने अपने लेग्स मोड़ लिए थे , उसकी चूत मैं मैने बोहत सा गीलापन महसूस किया मेरा हाथ उसने पकड़ रखा था इसलिया मैं चाह कर भी नही देख पाया की उसकी चूत ने कितना पानी छोड़ा है,
एक मिनिट तक इसी तरह रुकने के बाद रिंकी ने मेरे कान मैं कहा – थॅंक यू , आज तक मैने ऐसा कभी नही महसूस किया था, यह पहली बार था कि वो झड़ी थी, झदाने की सेन्सेशन का एक गुदगुदीसी अभी भी उसे घेरे थी. मैने अपना हाथ निकाल लिया , रात बोहत हो चुकी थी , ज़्यादा देर तक छत पर नही रहा जा सकता था, इसलिए मैने उसे गुड नाइट कहा और किस किया, उसने भी ऐसे ही जवाब दिया. अब वो बिल्कुल नही शर्मा रही थी. उसके चेहरे पर मुस्कान थी.
रात के एक घंटे के एक्सपीरियेन्स ने हम दोनो मैं एक आग जगा दी थी. अब हम दोनो बस सेक्स की नज़रो से ही एक दूजे को देख रहे थे. अगले दिन भी मैं उसके घर गया और मौका देख कर उसे उंगली करने लगा. उसने भी मेरे लॅंड को कस कर दबाया.पर हम दोनो ही फारिग ना हो सके, पर अगली रात को मैं उसकी छत कर नही जा सका. क्योकि वो सीढ़ी वहाँ से हट चुकी थी और रोज ही एक ट्रिक अपनाने का मतलब होता पकड़े जाना.
हम एक दूसरे को मेसेज करने लगे ,पर इस बार मेसेज सेक्सी थे सब मैं सेक्स की भूक दिखती थी.इंतज़ार था तो बस अब एक मौके का. पर क्योंकि दीवाली को अब दो तीन दिन ही रह गये थे इसलिए वो भी घर के काम मैं बिज़ी रहती थी और मैं भी.
फिर छोटी दीवाली के दिन उसकी मम्मी ने मुझे आवाज़ दी. और कहा की हमारे घर अभी तक लाइटिंग नही लगी है , बिजली वाले को कहा भी था , क्या तुम लगा दोगे. मैने फॉरन हां कर दी, जब मैं उनके घर गया तो देखा अंकल आंटी कहीं जाने के लिए तय्यार खड़े थे थे , मैने पूछा की आज आपलोग कही जा रहे हैं तो उन्होने बताया की हम दोनो एक पूजा मैं जा रहे हैं थोड़ी देर मैं आ जायगे. मैं लाइटिंग वाले को कहता जाउन्गा तुम ठीक से लगवा देना. मैने कहा ठीक है.
जैसे ही वो लोग गये , मैं और रिंकी तो मानो उछल ही पड़े , गेट बंद करते ही मैने उसे बाँहो मैं भर लिया और किस करने लगा , हम दोनो एक दूसरे को चूस रहे थे, मैं उसे गोद [ लॅप] मैं उठा कर उसके कमरे मैं ले गया. उसे मैने अपने उपर खींच लिया , रिंकी बोली- आज क्या इरादा है .
मैने कहा – बस थोड़ा सा प्यार करना चाहता हूँ
रिंकी- बस थोड़ा सा?
मैने कहा – यह तो बस बहाना है , असल मैं तो मैं तुम्हे पूरी तरह देखना चाहता हूँ.
रिंकी –तो देर किस बात की है , मैं अब तुम्हारी हूँ,
फिर मैने उसके होंठो को पीना शुरू किया और साथ ही उसकी चूत को सहलाने लगा.
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RE: Sex Chudai Kahani फस गयी रिंकी
मैने उसकी टी-शर्ट उतार दी आज पहली बार मैं उसे पूरी तरेह देख सकता था. उसने वाइट कलर की एक ब्रा पहेन रखी थी . और उसमे से दो बड़े से आम झाँक रहे थे. मैने उन्हे ऊपर से सहलाया और फिर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया. अब वो मेरे उपर से उतर कर नीचे आ गयी. मैने उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिया. एक हाथ से मैं उसकी चूत को सहला रहा था तो दूसरे से उसके बदन को छू रहा था.
जल्द ही वो गरम हो गयी, मैने उसको लोवर नीचे करने को कहा तो उसने कहा की क्या मैं अकेली ही कपड़े निकालुगी. तुम भी तो अपने कपड़े निकालो.
मैने कहा ठीक है और अपने टी –शर्ट निकाल दी.
मैने जो लोवर पहना था उसे भी निकाल दिया , अब मैं सिर्फ़ अंडरपॅंट्स मैं था जिसमे से मेरा खड़ा हुआ लंड दीख रहा था.मैने आगे बढ़ कर उसका लोवर भी खींच लिया.
इस पर वो थोड़ा शर्मा गयी और उसने अपनी टाँगे[ लेग्स] बंद कर के अपनी चूत को छिपाने की कोशिश की , वो एक मंदिर की मूरत लग रही थी मैं जैसे उसके अनुपम सौंदर्या खो गया उसके मुँह पर वो शरम की लाली सीने पर दो एवरेस्ट की चोटियाँ जिनसे अगर फिसल जाय तो सीधा खाई मैं जाकर ही गिरता और खाई यानी चूत जैसे एक पाव रोटी जिसे एक बार मैं ही मुँह मैं लेकर खा जाने को जी करे मैं उस सेक्स की देवी को देखता ही रह गया
मुझे ऐसे घूरते हुए देख कर उसने कहा- ऐसे क्या देख रहे हो.
मैने कहा- बस अब और नही इंतज़ार होता,
यह कह कर मैं उसके उपर आ गया और उसे किस करने लगा, मैं उसे हर जगह पर चूम रहा था, फेस नेक बूब्स अब्डोमन सब जगह, उसने भी मेरा लंड बाहर निकाल लिया था और उसे मसालने लगी.मैं मारे जोश के भर उठा. ऐसा लगा की कुछ करने से पहले ही मैं छूट जाउन्गा.. मैने उसके चुचो को एक एक करके खूब चूसा . जब मैं उसे चूस चूस कर गरम कर रहा था तो मेरा लॉडा अपने आप उसकी चूत पर जा टीका. उसके मूह से एक हाई सी निकली. यह पहली बार था जब हम दोनो के शरीरो का मिलन हुआ था, मैने उपर से ही उसकी चूत पर लंड रगड़ा, उसकी चूत पानी छोड़ने लगी उसकी चूतमैं अब बोहत पानी था जो की इस बात का सबूत था की वो अब चुदाई के लिए त्ययार है. मेरी और उसकी उततेज़ना अब बढ़ती जा रही थी , मैने अपने लंड को उसकी चूत के मूह और उसके दाने पर रख कर खूब रगड़ा. जल्द ही हम दोनो इतने गरम हो चुके थे कि चाह कर भी अब हम रुक नही सकते थे. मैं चाहता तो था की उसकी चुदाई करू पर मेरे पास कॉंडम नही था इसलिए मैने यही बेहतर समझा की अभी इस तूफान को टाल दिया जाए . जब मैं उसके क्लिट पर लंड रगड़ रहा था तो वो मुझ से चिपक ने लगी , उसने कहा की मैं आज फेर झड़ने वाली हूँ , मैने और ज़ोर लगा के रब किया, जल्द ही मैं भी चरम सीमा पर पहूच गया. हम दोनो का पानी एक साथ निकल गया, मैने अपनी सारी की सारी क्रीम उसकी चूत पर डाल दी. हम दोनो हैरान थे की बिना चुदाई के ही हम दोनो कैसे एक साथ झाड़ सकते हैं.कुछ टाइम ऐसे ही लेटे रहने के बाद हम दोनो ने कपड़े पहन लिए और वहीं एक दूसरे की बाँहो मैं लेट कर बाते करने लगे.
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RE: Sex Chudai Kahani फस गयी रिंकी
शाम को मैं मार्किट गया और कॉंडम खरीद लाया. मैं जानता था की इस बार मुझे वो मिलजाएगी जिस का हर लड़के को इंतज़ार रहता है. पर प्राब्लम यह थी की मैं अब उसके साथ जो खेल खेल रहा था अब जसका क्लाइमॅक्स आ गया था, पर मुझे काफ़ी टाइम की ज़रूरत थी, जो की दिन मैं नही मिल सकता था और रात को उसकी छत पर जाने मैं ख़तरा था. फिर कल दीवाली थी और सब लोग रात मैं देर तक जागते है, मैने फ़ैसला किया की अगर हम रात को जल्दी सो जाए तो सुबह जल्दी उठ सकते हैं, जबकि बाकी लोग देर से सोएगे तो सुबह भी लेट ही उठ पाएगे.
बस मैने तय कर लिया की दीपावली की रात मैं रिंकी को चोद कर ही छोड़ुगा.
मैने उसे मेसेज कर दिया की तुम रात को अपने कमरे [रूम] का गेट खुला रखना ,उसने कहा की मम्मी डॅडी के रहते यह मुश्किल है. तो मैने कहा की वो सब तुम मुझ पर छोड़ दो.मुझे पता था की अंकल कभी कभी ड्रिंक भी कर लेते हैं. मेरे घर मैं भी पापा ड्रिंक कर लेते हैं , दीवाली की रात को हम अक्सर जुआ [ कार्ड्स गेम] खेलते हैं. मैं रिंकी के पापा के पास गया और उनसे कहा की अंकल पापा कह रहे थे की इस बार आप को भी अपने साथ खिलाएँगे. अंकल ने कहा ठीक है. इस तरह दोनो और से मैने बात पक्की कर दी. इस बार पापा से कहा की रिंकी के पापा भी इस बार खेलने की लिए आना चाहते हैं.तो पापा ने कहा की क्यो नही मुझे कंपनी भी मिलजाएगी. फिर मैं रिंकी के घर आसानी से जा सकता था
अगले दिन रात को जब सब लोग पूजा वगेरा से फ्री होगये तो अंकल- आंटी [ रिंकी के पेरेंट्स] भी आ गये , वो मेरे पेरेंट्स के साथ बाते करने लगे तो मैने कहा की मैं जा के रिंकी को स्वीट्स दे आता हूँ . मैं जब उसके घर गया तो वो कहने लगी की तुम खाली हाथ ही आए हो कि मेरे लिए कोई गिफ्ट भी लाए हो. तो मैने कहा की मैं तुमहरे लिए एक बड़ी ही आन्माओल चीज़ लाया हूँ. तुम उसे सारी ज़िंदगी याद रखोगी. वो बोली तो फिर दो, मैने कहा ऐसे नही मिलगी पहले तुम मुझे प्रॉमिस करो के ना नही करोगी.
उसने प्रॉमिस किया. तो मैने अपनी पॅंट खोल कर पाना लंड उसके सामने कर्दिया, जिस पर मैने एक लाल रंग का रिब्बिओं लगा रखा था. वो देख कर हस्ने लगी और कहा की हाँ इसे तो मना नही किया जा सकता. पर अब यह मेरा हो चुका है.फिर हम एक दूसरे को किस करने लगे. मैने उसे बताया की अंकल अब पापा के साथ ही बात कर दो पेग लगाएँगे. तुम जल्दी सो जाना और रात को अपनी छत का गेट और अपने कमरे का गेट खुला ही छोड़ देना.
उसने कहा की इसमे ख़तरा हो सकता है. तो मैने कहा की सब आज रात को देर मैं सोएगे इसलिए सुबह सब गहरी नींद मैं होंगे , और तुम्हारे पापा तो वैसे भी नशे मैं होंगे.
फिर उसके यहाँ कुछ गेस्ट आ गये ,तो मैने कहा की मैं जा के तुम्हारी मम्मी को भेज देता हू. इधेर पापा ने अपना रंग जमा रखा था.दोनो दो दो पेग ले चुके थे और गेम मे मस्त थे, मैं कुछ देर छत पर लोगो को पटाखे [ फिरे क्राकेर्स] चलाते देखता रहा.फिर मैं अपने कमरे मैं आ कर सो गया , मैने सुबह 3 बजे का अलार्म लगा कर अपने पास रख लिया.पर मेरी आखो मैं नींद नही सपने थे.
मैं रात को अपने कमरे से बाहर सड़क पर आया और देखा की सब लोग सो चुके थे कही कोई आवाज नही आ रही थी. गली मैं रोशनी थी.मैं रिंकी के पड़ोसी के गेट से होता हुआ उनकी छत पर पहुचा और फिर वहाँ से रिंकी की छत पर. वहाँ जा कर मैने कुछ देर इंतज़ार किया की कोई उठा तो नही हुआ है. जब कोई आवाज़ नही सुनाई दी तो मैं रिंकी की छत से अंदर गया. मैने रिंकी की कमरे को थोड़ापुश किया तो वो खुल गया . रिंकी आराम से सो रही थी , रूम मैं नाइट लॅंप जला हुआ था, मैने गेट बंद किया, और उसके पास आकर बैठ गया, एक मिनट तक मैने उसे देखा और सोचा की अब बस मेरिमेहनत का फल मिलने ही वाला है, मैने उसके मूह को अपने हाथ से प्रेस किया ताकि उसकी आखे भी खुल जाए और वो डर के मारे आवाज़ भी ना करे. जब उसने देखा की मैं हूँ तो वो रिलॅक्स हो गयी, उसने पूछा की तुम यहाँ तक कैसे आए. कोई जाग तो नही रहा. तो मैने कहा की मैं छत के रास्ते आया हूँ.और सब सो रहे हैं. फिर भी एक बार तुम अपनी मम्मी का रूम चेक कर लो.
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09-20-2017, 11:54 AM,
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RE: Sex Chudai Kahani फस गयी रिंकी
रिंकी धीरे से दरवाजा खोल कर अंदर गयी, उसने अंकल आंटी का डोर पुश किया तो वो अंदर से बंद था. मैं तब तक अपने कपड़े उतार चुका था और सिर्फ़ अंडरपॅंट्स मैं उसका इंतज़ार कर रहा था. जैसे ही रिंकी अंदर आई मैने उसे अपने बाँहो मैं भर लिया और उसके कान मैं कहा – रिंकी तुम आज से सिर्फ़ मेरी हो, आज मैं तुम्हे प्यार करूँगा और तुम्हारी रामप्यारी तो चोद कर उसे चूत बना दुगा. रिंकी ने कुछ कहने की लिए अपने होंठ खोले तो मैने उसके होंठ चूमते हुए उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए.पहले मैने उसका लोवर नीचे खींच दिया और उसकी नर्म मुलायम जाँघो पर हाथ फेरने लगा. यह रिंकी को उत्तेजित करने लगा.फिर मैने पाया कि उसने अपने रेशमी बॉल [ प्यूबिक हेर] काट दिए थे, मैने उसकी तरफ़ देखा तो उसने कहा की मुझे लगा तुम्हे अच्छा लगेगा.मैने कहा हां मुझे प्संद आया. मैं रिंकी की पैरो [ लेग्स] से किस करता हुआ उपर की तरफ़ आया. फिर उसके प्यूबिक बालो पर किस किया और पेट [ अब्डोमन] पर. जब मैं उसे किस कर रहा था तो वो ऐसे तड़फ़ रही थी की जैसे कोई दर्द मैं तड़फता है बस यहाँ दर्द भी मीठा था. धीरे धीरे मैं उसके चुचो तक पहुँचा और उन्हे अपने हाथो से मसलने लगा. मैने इस बार थोड़ी सख्ती से उसके निपल दबाए और मुँह से पकड़ कर खींचे जिस से उसे एक नया ही मज़ा आया. उसके निपल भी अब खड़े हो चुके थे. मैने उसे उठा कर उसके बेड पर लिटा दिया. रिंकी की पॅंटी भी उतार दी. उसने इस बार काले रंग की पॅंटी पहनी थी जो बोहत ही पतली थी ,
उसने मुझे अब नीचे आने का इशारा किया और खुद मेरे ओपेर आ गयी. यह नज़ारा मुझे हमेशा याद रहेगा. एक कामुकता की देवी जिसके बड़े बड़े मम्मे आपके चेहरे के ऊपर हैं , आपको कभी होंठो पर तो कभी इयर्स पर किस करती है. मगर फिर जो उसने किया वो मैने कभी नही सोचा था .
रिंकी थोड़ा नीचे हुई और उसने मेरे निपल को किस किया और फिर चूसना शुरू कर दिया. मुझे एक बिजली का झटका सा लगा. मैं उसेंरोकना चाहता था पर मुझे भी एक अजीबसा स्वाद आ रहा था. मैने देखा की मेरे निपल भी खड़े हो गये थे.
पर उसके इस आक्ट ने मुझे बोहत ही बेताब कर दिया था, अब मैं कोई इंतज़ार नही करना चाहता था. मैने अपने हाथ से उसकी चूत के दाने को दबाना शुरू कर दिया. वो भी एक दम से झटका खा गयी और उसने मुझे किस करना छोड़ दिया. मैं उसके नीचे से निकल कर बैठ गया और अपने लोवर से कॉंडम निकाला और उसे दिया. उसने उसे खोला और मेरे खड़े लंड पर चढ़ा दिया मैने रिंकी से कहा कि चूत के मूह पर मेरा लंड रखे. उसकी चूत एक दम से गीली हो चुकी थी और पानी बाहर तक आ रहा था. मैने उसकी टाँगो के बीच मैं आ कर उसके होंठो को अपने मूह मे ले लिया. उसने मुझे किस करना शुरू किया. मैने हल्का सा फोर्स लगा के अपना लंड उसकी चूत मैं डालने की कोशिश की , पर मैं सफल नही हुआ. इस बार मैने ज़ोर लगाया तो लंड फिसल गया. और ऊपर चढ़ गया.
बिना कुछ कहे ही रिंकी ने लंड अपने हाथ से पकड़ कर चूत के मूह पर रखा और सर हिला कर इशारा किया. हम दोनो मैं से कोई नही बोल रहा था, बस इशारे ही सब कुछ कह रहे थे.मैने अपना लंड आगे की तरफ प्रेस किया और इस बार मैं रुका नही ज़ोर लगाता ही रहा, रिंकी ने लंड को सही पोज़िशन मैं पकड़ रखा था, इस बार मेरे लंड का टोपा अंदर चला गया. रिंकी के चेहरे पर मैं तकलीफ़ देख सकता था, पर ना उसने कुछ कहा , ना मैने रुकने की कोशिश की, एक ज़ोर की झटके के साथ ही उसकी झिल्ली[ हाइमेन] फॅट गयी. उसने दर्द के मारे मेरे होंठो मैं दाँत गढ़ा दिए. उसके नाख़ून[ नाइल्स] मेरी कमर मे घुस गई.दर्द की बावजूद रिंकी की चेहरे पर मुस्कान थी.मेरा लंड उसके अंदर फसा हुआ था. मैं भी दर्द और मज़ा दोनो फील कर रह था. कुछ सेकेंड्स तक हम दोनो इसी हालत मैं रुके रहे , ना उसने कुछ कहा ना मैने, ना मैने कोई मूव्मेंट किया ना उसने, फिर हम दोनो के एक साथ एक दूसरे के लाबो को चूमा लिया. हम दोनो के चेहरे [ फेस] पर मुस्कान आ गयी.
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RE: Sex Chudai Kahani फस गयी रिंकी
मैने अपने कमर को आगे पीछे किया , यह बड़ा ही मुश्किल साबित हुआ, एक दर्द और स्वेतनीस की ल़हेर हम दोनो से गुज़री. फिर धीरे धीरे मैं आगे पीछे हो रहा था. मैं अपना लंड अंदर करता और फिर रुक जाता.कुछ सेकेंड्स के बाद फिर बाहर करता और रुक जाता. इस तारह कोई 2-3 मिनिट तक हम एक दूसरे को प्यार करते रहे.जब भी मैं ऐसा करता तो मेरा लंड उसके दाना को पूरी तरह दबाता हुआ जाता. जिससे रिंकी और भी ज़्यादा अपने पैरो को सिकोड़ने की कोशिस करती . हम दोनो को पसीना आ रहा था, हमारे सासे बढ़ी हुई थी. शरीर तप रहे थे. फिर मैने अपने अंदर ऑर्गॅज़म बॅंट्स हुआ महसूस किया , मैने जल्दी जल्दी आगे पीछे होना शुरू किया. रिंकी भी उतनी ही गर्म होती गयी, कोई 10 -15 मूव्मेंट्स के बाद मैने महसूस किया की अब मैं और नही कर सकता, मैने अपनी सारी ताक़त से उसे एक ज़ोर जा धक्का दिया , जिससे सारा बेड हिल गया. रिंकी ने अपनी आँखें बंद करली, उसके हाथ मेरे से चिपक गये,उसने मुझे रोक दिया और अपनी आखे बंद कर ली. रिंकी झाड़ चुकी थी.अगर मैं भी एक दो धक्के और मार पाता तो मेरी भी क्रीम निकल गयी होती पर रिंकी ने मुझे कस कर पकड़ रखा था.कोई एक मिनिट ऐसे ही रुकने के बाद वो थोड़ा रिलॅक्स हुई तो मैने फिर से कमर आगे पीछे किया. मैं भी अब झड़ना चाहता था इसलिए मैने अपनी स्पीड तेज कर दी 2-3 मिनिट के धक्को के बाद मैं फिर से नज़दीक आने लगा. मेरी स्पीड अपने आप स्लो हो गयी, मेरी नस्से[ नर्व्स] इतनी तन चुकी थी की हर मूव्मेंट मैं इतनी सारी फीलिंग आती थी की मैं चाह कर भी जल्दी झाड़ नही कर पा रहा था.मैने रिंकी की चूत मैं से लंड पीछे किया और फिर जितना आगे जा सकता था ले गया. पर मन यही कर रहा था क़ी मैं ना रुकू. अब मुझसे और सहन नही हुआ और मैं उसकी चूत की अंदर ही छूट गया. यह वो फीलिंग थी जो बयान नही की जा सकती , इस से पहले मुझे इस तरह का कोई एहसास नही हुआ था, कोई भी मूठ जो आज तक मैने मारी थी या ,रिंकी ने अपने हाथो से मारी थी इस एहसास के पास भी नई आ सकती. अपनी स्पीड बढ़ा दी, अब रिंकी की चूत से मैने अपना लंड निकाला और
मैं उसके बराबर मे आ कर लेट गया. रिंकी मेरे उपर आ गयी और मेरे होंठो को चूसने लगी. कोई 2 घंटे तक यह राम लीला चली. इस बार दीवाली पर मैने भी पटाखे चलाए पर वो कुछ अलग तरह के थे. इसमे आग तो थी पर आवाज़ नही. मज़ा तो बोहत था पर रोशनी नही…
कहने को तो यह हम दोनो का पहला तजुर्बा था, और इस लिए भी ख़ास और याद गर कहा जा सकता है. पर इसने मुझे जिंदगी का एक एहम सबक सिखाया. वो यह कि किसी भी लड़की के पास हम पर कुर्बान करने के लिए सेक्स के अलावा भी बोहत कुछ होता है --- उसका दिल.उसका मन , उसका प्यार..
दोस्तो पहला पार्ट यहीं ख़तम होता है फिर मिलेंगे दूसरे पार्ट के साथ तब तक के लिए विदा
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RE: Sex Chudai Kahani फस गयी रिंकी
फस गयी रिंकी -2
रिंकी और मेरे बीच जो पिछली रात को हुआ उस से हम दोनो बोहत खुश थे, अगले दिन जब मैं उठा तो मैं एक अलग ही इंसान था मेरे व्यकित्व मैं परिवर्तन हो चुका था, आप कह सकते हैं की मैं मर्द बन चुका था –सच है पर बदलाव की इस लहर ने मुझे उस से कुछ ज़्यादा दिया था.मेरे अंदर की आग और ज़्यादा भड़क गयी थी.अब मैं और रिंकी दोनो ही सेक्स करते समय बोहत आक्रामक हो जाते थे.
जल्द ही यह मेरा रुटीन बन गया गया था की मैं रात को उसकी छत पर या उसके रूम मैं जाकर उसे चोद्ता था. हमारा चुदाई का टाइम भी अब बढ़ कर 15-20 मिनिट तक हो गया था लंड गहराई तक उसकी चूत मैं उतर जाता था. और उसका दाना भी बीच मैं दबा रहता था. यह बोहत ही थका देने वाला पर बेहद ही मज़ेदार गेम है. हमने अलग – अलग पोज़िशन्स मैं सेक्स का मज़ा लेना शुरू कर दिया था. मेरी पसंदीदा सेक्स पोज़िशन ‘बैल ऑन दा ट्री थे’[ इस पोज़िशन मैं लड़का अपने पैरो पर खड़ा होता है , लड़की उस पर ऐसे लिपटी होती है की उसके पैरे लड़के की कमर से लिपटे रहते हैं. उसकी चूत लॅंड खा रही होती है, लड़का – लड़की की कमर को हाथो से पकड़ कर उसे सहारा देता है और उसके चूचे या होंठ चूसेता है, धक्के आग्गे से पीछे की तरफ लगाने की बजाए , नीचे से उपेर की तरफ़ लगते है,-- इसे लिए इसे बैल ऑन दा ट्री कहते हैं] जब मैं रिंकी को इस तरह से चोद्ता था तो बोहत ही मज़ा आता था, मैं झटका दे कर उसे अपने लंड से उपेर की तरफ उछालता था और फिर वो अपने वज़न और ग्रॅविटी के कारण नीचे आती थी. इससे मेरा पूरालंड रिंकी की चूत
जड़ तक टक्कर मारता था
रिंकी की फॅवुरेट पोज़िशन लेडी ऑन टॉप है. इस मैं वो मेरे उपर होती हैं सारा काम लड़की को करना होता है लड़का सिर्फ़ अपने लंड को खड़ा रख के नीचे लेटा रहता है. यह रिंकी को इस लिए पसंद थी की उसे अपनी मर्ज़ी से धक्के मारने को मिलते थे स्पीड भी वो ही कंट्रोल करती थी , इसलिए वो अपने हिसाब से मज़ा ले सकती थी.
पर जैसा की होता है धीरे धीरे यह जो एक्सट्रा फ्लेवर वाला सेक्स है यह कम होने लगता है ओर सेक्स मैं मज़ा तो आता है पर यह रुटीन की तरह लगने लगता है,
इसलिए मैने तय किया की मैं उसके साथ अनुअल सेक्स क्यो ना ट्राइ करू. लड़को के लिए यह हमेशा ही एक आकर्षण का ब्न्दू होती है. कारण यह की जब हम किसी भी लड़की पर नज़र डालते हैं तो हम उसकी चूत नही देख रहे होते – जो चीज़ लड़को को आकर्षित करते हैं वो उसके हूथ , उसके बूब्स और उसकी गान्ड होती है- जी हाँ उसकी गान्ड . किसी भी लड़की की बॅक की फिगर बिना उभरी हुई गान्ड के पूरी नही होती .
हालाकी रिंकी की गान्ड कोई खास बड़ी नही है , वो गोरी तो है पर उसमे उभार की कमी है जो की मुझे आकर्षित करता है. मैं तो फूली हुई चीज़ें ही पसंद करता हूँ.मेरे लिए उभरी हुई छाती , फूली हुई चूत और भरी हुई गान्ड ही पर्फेक्ट लड़की की पहचान हैं .
पर क्यो की इस वक्त मैं रिंकी से लगा हुआ था और कुछ एमोशनल अटॅचमेंट भी थी तो मैने उसे त्यागने की बजाए अपनाने का फ़ैसला किया , मतलब की अब मैं उसकी गान्ड भी चाहता था. पर मुस्किल यह है की जितना लड़के गान्ड पसंद करते हैं लड़किया उतनी ही उससे दूर भागती है. क्योकि गान्ड के छेद पर कोई दाना तो होता नही जो लड़कियो को स्टिमुलेट करे . इसलिए उनके हिस्से मैं सिर्फ़ दर्द ही आता है, हालाँकि यह भी सच है की एक बार जब किसी को गान्ड देने की आदत पड़ जाए तो वो बिना दिए नही रह सकती.उसे चूत के बजाए गान्ड ही मरवानी अच्छी लगती है.
पर मसला रिंकी को राज्जी करने का था. मैं जानता था की अगर मैं उससे प्यार से कहुगा तो एक बार वो मना नही करेगी पर एक बार मैं कहाँ बात बनने वाली थी. जब तक उसकी गान्ड का छेद पूरा राव नही हो जाता तब तक उसे वो एंजाय नही कर पाएगी और फिर मैं उसे मजबूर[ फोर्स ] भी नही करना कहता था.इसलिए मैने एक प्लान बनाया . मैने थे किया की उसकी गान्ड मैं अपने लंड से मारने के बजाए पहले अपनी उंगली या की ऐसी ही चीज़ से मारूँगा . जब वो थोड़ा रिलॅक्स होकर लेने लगगी यानी एंजाय करना सीख जाए गी तो मैं उसे अपना लंड दूँगा. इस प्लान मैं उसे खोने का ख़तरा भी नही था.
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