11-07-2017, 12:20 PM,
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RE: Muslim Sex Kahani अम्मी और खाला को चोदा
मुझे बाद में एहसास हुआ के नज़ीर गाली गलोच और मार पीट से मुझे और अम्बरीन खाला को डरा रहा था ताकि हम उसकी हर बात मान लें। ये नफ़सियाती हर्बा बड़ा कामयाब भी था क्योंकि हम दोनों वाक़य डर गये थे। उसने फिर मुझे कपड़े उतारने को कहा। मैं इल्तिज़ा-अमेज़ लहजे में बोला कि मेरा दिल नहीं है इसलिए वो मुझे मजबूर नहीं करे। लेकिन वो बा-ज़िद रहा के मैं वो ही करूँ जो वो कह रहा है। मुझे डर था के कहीं वो फिर मेरी और अम्बरीन खाला की और नंगी तस्वीरें ना ले ले।
वो अम्बरीन खाला को ले कर बेड पर चढ़ गया और उनके होठों के ज़ोरदार बोसे लेने लगा। वो भूखे की तरह उनका गदराये हुए गोरे-चिट्टे जिस्म को अपने हाथों से टटोल रहा था। उसने मुझे घूर कर देखा और अपनी तरफ बुलाया। मैं बेड पर चढ़ कर अम्बरीन खाला के पीछे आया तो वो सीधी हो कर बैठ गयीं। मैंने उनकी क़मीज़ को दोनों तरफ से ऊपर उठा कर सर से उतार दिया। उनके लंबे बाल उनकी गोरी कमर पर पड़े थे जिन के नीचे उनकी ब्रा का हुक था। मैंने उनके बाल कमर पर से हटा कर ब्रा का हुक खोला और उसे उनके मम्मों से अलग कर दिया। नज़ीर ने फिर कहा के मैं अपने कपड़े उतारुँ। मैंने जवाब दिया के मैं कुछ नहीं कर पाऊँगा, वो मेहरबानी कर के मुझे मजबूर ना करे। वो ज़ोर से हंसा और बोला – “साले मादरचोद नामर्द, तू क्या किसी औरत को चोदेगा। चल जा, वहाँ बैठ और देख मैं तेरी खाला को कैसे चोदता हूँ।” मैं सख़्त शर्मिंदगी के आलम में बेड से उतरा और सामने पड़ी हुई एक कुर्सी पर जा बैठा।
नज़ीर अम्बरीन खाला के नंगे मम्मों पर टूट पड़ा। उसने उनका एक मम्मा हाथ में पकड़ कर मुँह में लिया और उसे ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा। कमरे में ‘लपर-लपर’ की आवाज़ें गूँजने लगीं। अम्बरीन खाला होंठ भींच कर तेज़-तेज़ साँस लेने लगीं। उनका चेहरा सुर्ख हो गया। मम्मे चुसवाने से वो गरम हो गयी थीं। उनके भारी मम्मे चूसते-चूसते नज़ीर की साँस भी उखड़ गयी मगर वो उनके मम्मों से चिपका ही रहा और उन्हें चूसने के दौरान उन्हें मसलता भी रहा। उसने अम्बरीन खाला को कहा के वो उस के लंड पर हाथ फेरें। उन्होंने उस का लंड हाथ में लिया और अपने मम्मे चुसवाते हुए उस पर हाथ फेरने लगीं। उनकी हालत अब और ज्यादा खराब हो गयी थी। मैं ये सब कुछ देख रहा था।
नज़ीर ने अम्बरीन खाला के दोनों मम्मों को चूस-चूस कर बिल्कुल गीला कर दिया था। फिर उस ने अम्बरीन खाला को सलवार उतारने को कहा। उन्होंने अपनी सलवार का नाड़ा खोला और उसे उतार दिया। उन्होंने नीचे पैंटी नहीं पहनी हुई थी और अब अम्बरीन खाला भी अलिफ नंगी थीं। बस उनके पैरों में ऊँची हील वाले सैंडल मौजूद थे जो हकीकत में उनके नंगे हुस्न में चार चाँद लगा रहे थे। मुझे उनकी चूत नज़र आयी जो बिल्कुल साफ़ और गोरी-चिट्टी थी और झाँटों के नाम पे एक रेशा भी नहीं था। नज़ीर ने उनकी नंगी चूत पर अपना हाथ फेरा। कई दफ़ा उनकी चूत को सहलाने के बाद उसने उन्हें बेड की तरफ धकेल दिया। जब वो बेड पर लेट गयीं तो नज़ीर उनसे फिर लिपट गया और उनके पूरे जिस्म पर हाथ फेरने लगा। उसने उनकी कमर, चूतड़ों और रानों को मुठियों में भर कर टटोला। फिर उनकी मज़बूत टाँगें खोल कर उनकी फुली हुई गोरी चूत पर अपना मुँह रख दिया।
मैंने देखा के वो अपनी ज़ुबान अम्बरीन खाला की चूत पर फेर रहा था। उसने दोनों हाथ नीचे कर के उनके चूतड़ों को पकड़ लिया और उनकी चूत को चाटने लगा। अम्बरीन खाला क़ाबू से बाहर हो रही थीं और उनके मोटे चूतड़ बार-बार अकड़ कर उछल जाते थे। वो शायद नज़ीर के जिस्म को हाथ नहीं लगाना चाहती थीं इसलिये उन्होंने अपने हाथ सर से पीछे बेड पर रखे हुए थे। नज़ीर ने उनकी चूत से मुँह उठाया और कहा – “चुदक्कड राँड तेरा भोंसड़ा मारूँ! अभी खल्लास ना हो जाना। मेरा लंड अपनी चूत में लेकर खलास होना।“ अम्बरीन खाला शर्मिंदा हो गयीं और उनके होंठों से सिसकरी निकल गयी। वो शायद ये छुपाना चाहती थीं के अपनी चूत पर नज़ीर की फिरती हुई ज़ुबान उन्हें मज़ा दे रही थी। मगर वो इंसान थीं और मैं देख सकता था कि मज़ा तो उन्हें बरहाल आ ही रहा था।
इसी तरह कुछ देर उनकी चूत चाटने के बाद नज़ीर सीधा लेट गया और अम्बरीन खाला से कहा के वो उस का लंड चूसें। उसका मोटा लंड किसी डंडे की तरह सीधा खड़ा हुआ था। अम्बरीन खाला अपना चेहरा उसके लंड के करीब ले गयीं लेकिन फिर नाक सिकोड़ते हुए चेहरा दूर हटा लिया और लंड चूसने से इंकार कर दिया तो नज़ीर बोला – “क्यों, अपने शौहर का तो मज़े से चूसती होगी। मेरे लंड में कांटे लगे हैं क्या?” खाला कुछ नहीं बोली तो नज़ीर हंस कर बोला – “तुझे तो कोई मसला नहीं होना चाहिये लंड चूसने में! मुझे पता है तेरी जैसी अमीर औरतें खूब मज़े से लंड चूसती हैं!” अम्बरीन खाला ने कहा की उसका लंड बहुत बदबूदार है तो वो बोला – “साली रंडी नखरे करती है...!” फिर गुस्से से मुझे वोड्का की बोतल लाने को कहा। मैंने उसे बोतल दी तो अपने लंड पर वोडका डाल कर भिगोते हुए बोला – “ले कुत्तिया... धो दिया इसे शराब से... शराब की महक तो बदबू नहीं लगती ना तुझे पियक्कड़ी कुत्तिया!” अम्बरीन खाला ने कोई चारा ना देख उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगीं। उन्हें इतने मोटे लंड को मुँह के अंदर कर के चूसने में शायद दुश्वारी हो रही थी। उनके दाँत शायद नज़ीर के लंड को चुभ रहे थे जिस पर उसने उन्हें कहा वो उस के लंड पर ज़ुबान फेरें, दाँत ना लगायें। वो उस का लंड आहिस्ता-आहिस्ता चूसती रहीं। अम्बरीन खाला को लंड चूसते देख कर लग रहा था जैसे उन्हें अस्ब बुरा नहीं लग रहा था बल्कि मज़ा आ रहा था।
लेकिन जब दोबारा अम्बरीन खाला ने उसके लंड ओ दाँत लगाये तो नज़ीर ने नीचे से उनका एक मम्मा हाथ में पकड़ कर ज़ोर से दबा दिया। खाला मबरीन ने तेज़ सिसकी ली। नज़ीर ने कहा कि – “तू अगर अपने दाँत से मेरे लंड को दुखायेगी तो मैं तेरे मम्मे को दुखाउँगा।“ इसके बाद हैरत-अंगेज़ तौर पर अम्बरीन खाला नज़ीर का लंड बड़ी एहतियात और सलीके से चूसने लगीं। नज़ीर ने अपनी टाँगें फैला दीं और खाला उसके लंड को हाथ में लेकर मस्ती से चूसती रहीं। मुझे उनके मम्मे दिखाई दे रहे थे जिन्हे नज़ीर एक हाथ में पकड़ कर मुसलसल मसल रहा था।
यह सिलसिला देर तक चलता रहा। फिर नज़ीर ने अम्बरीन खाला को पीठ के बल लिटा दिया और खुद उनके ऊपर आ गया। उसने अपना लंड हाथ में ले कर उसे खाला की रानों के बीच फिराया। शायद वो लंड से टटोल कर अपना निशाना ढूंढ रहा था। उसे कामयाबी भी मिली। जब उसने अपने कूल्हों को आगे धकेल कर अपने लंड का अगला हिस्सा अम्बरीन खाला की चूत में घुसाया तो उनके मुँह से एक सिसकारी निकल गयी। मेरे दिल की धडकनें तेज़ हो गयी। नज़ीर ने कहा कि – “तेरी चूत तो बड़ी टाइट है बहनचोद!” और उनके होठों पर अपना मुँह रख दिया। कुछ लम्हो तक वो ऐसे ही रुका रहा और फिर उसने अचानक उनकी चूत में पूरी ताक़त से घस्सा मारा। उसका अकड़ा हुआ लंड अम्बरीन खाला की चूत को चीरता हुआ पूरा अंदर चला गया। अम्बरीन खाला ने ज़ोर से “आआआईईईई॥।“ कहा और उनका पूरा जिस्म लरज़ उठा। नजीर ने फौरन ही तावातुर के साथ उनकी चूत में घस्से मारने शुरू किये। कुछ देर बाद तो वो अम्बरीन खाला को बड़ी महारत से चोदने लगा। उसके मोटे लंड ने अम्बरीन खाला की चूत को फैला दिया था और जब घस्सों के दौरान वो अपना लंड उनके अंदर करता तो उनकी चूत जैसे चिर जाती।
हर घस्से के साथ नज़ीर के भारी टट्टे अम्बरीन खाला की गाँड के सुराख से टकराते। अम्बरीन खाला की टाँगें नज़ीर की कमर के दोनों तरफ थीं और उनके सैंडल पहने पांव मेरी जानिब थे। उनकी चूत से पानी निकल रहा था और उसके आसपास का सारा हिस्सा अच्छा-खासा गीला हो चुका था। चूत देते हुए उन के मुँह से मुसलसल “ऊँऊँऊँहह... ओहओहओह...ऊँऊँऊँ!” की आवाज़ें निकल रही थीं। उनकी आँखें बंद थीं। अम्बरीन खाला की चूत में बड़े ज़ोरदार और ताबड़तोड़ घस्से मारते हुए नज़ीर ने अपने दोनों हाथों में उनके हिलते हुए मम्मे दबोच लिये और अपने घस्सों की रफ़्तार और भी बढ़ा दी। अम्बरीन खाला ने अपनी आँखें खोल कर नज़ीर की तरफ अजीब तरह की कशिश भरी नज़र से देखा। उनका मुँह लाल सुर्ख हो रहा था। ज़ाहिर है कि उन्हें चुदाई में बेइंतेहा मज़ा आ रहा था।
अचानक अम्बरीन खाला ने अच्छी खासी तेज़ आवाज़ में “आआऊऊ.. आआहहह ... आआआऊँऊँ.... आआहहह!” करना शुरू कर दिया। वो अपने भारी चूतड़ों को ऊपर उठा कर नज़ीर के घस्सों का जवाब देने लगी थीं और उनके मोटे ताज़े चूतड़ों की हर्कत में तेज़ी आती जा रही थी। नज़ीर समझ गया कि अम्बरीन खाला खल्लास होने वाली हैं। वो उन्हें चोदते हुए कहता रहा कि – “चल अब निकाल अपनी चूत का पानी मेरी जान.. शाबाश निकाल... हाँ हाँ... ठीक है छूट जा... छूट जा... चल मेरी कुत्ती खल्लास हो जा... तेरा फुद्दा मारूँ... ये ले... ये ले!”
कोई एक मिनट बाद अम्बरीन खाला के जिस्म को ज़बरदस्त झटके लगने लगे और वो खल्लास हो गयीं। मुझे नीचे से उनकी चूत में घुसा हुआ नज़ीर का लंड नज़र आ रहा था। जब वो छूटने लगीं तो उनकी चूत से और ज़्यादा गाढ़ा पानी निकला जो उनकी गाँड के सुराख के तरफ़ बहने लगा। अम्बरीन खाला ने अपने होंठ सख्ती से बंद कर लिये और उनका जिस्म ऐंठ गया। मैं समझ गया कि खल्लास हो कर उन्हें बेहद मज़ा आया था।
अम्बरीन खाला के खल्लास हो जाने के बाद भी नज़ीर इसी तरह उनकी चूत में घस्से मारता रहा। अभी कुछ ही देर गुज़री थी कि अम्बरीन खाला ने बेड की चादर को अपनी दोनों मुठ्ठियों में पकड़ लिया और फिर अपने हील वाले सैंडल गद्दे में गड़ा कर निहायत तेज़ी से अपने चूतड़ों को ऊपर-नीचे हरकत देने लगीं। ये देख कर नज़ीर ने उनकी चूत में अपने घस्सों की रफ़्तार कम कर दी। जब उसने घस्से मारने तकरीबन रोक ही दिये तो अम्बरीन खाला खुद नीचे से काफी ज़ोरदार घस्से मारने लगीं। वो एक बार फिर खल्लास हो रही थीं और चाहती थीं कि नज़ीर उनकी चूत में घस्से मारना बंद ना करे। वो बिल्कुल पागलों की तरह नज़ीर के लंड पर अपनी चूत को आगे पीछे कर रही थीं।
नज़ीर ने अब उनका मम्मा हाथ में ले लिया। अम्बरीन खाला ने अपना एक हाथ नज़ीर के हाथ पर रखा जिसमें उनका मम्मा दबा हुआ था और दूसरा हाथ अपने पेट पर ले आयीं। फिर उनके जिस्म ने तीन-चार झटके लिये और वो दोबारा खल्लास होने लगीं। चंद लम्हों तक वो इसी हालत में रहीं। नज़ीर ने उनके मम्मे पर ज़ुबान फेरी और पूछा कि क्या उन्हें चुदने में मज़ा आया। अम्बरीन खाला की साँसें बे-रब्त और उखड़ी हुई थीं। वो चुप रहीं पर उनके चेहरे के तासुरात से साफ ज़ाहिर था कि उन्हें बेहद मज़ा मिला था।
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11-07-2017, 12:21 PM,
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RE: Muslim Sex Kahani अम्मी और खाला को चोदा
हमारे घर में बड़े दरवाज़े के अलावा एक दरवाज़ा और भी था जो ड्रॉइंग रूम से बाहर पोर्च में खुलता था। यहाँ से मेहमानों को घर के अंदर लाया जा सकता था। मैंने इस दरवाज़े के लॉक की चाबी की नक़ल बनवा कर रख ली। स्कूल में अब मैं राशिद की निगरानी करने लगा। कोई चार दिन के बाद ही मुझे पता चला कि राशिद आज स्कूल नहीं आया। मेरा माथा ठनका और मैं फौरन अपने घर पुहँचा। ड्रॉइंग रूम के रास्ते अंदर जाने में मुझे कोई मुश्किल पेश नहीं आयी। अंदर अम्मी और राशिद के बोलने की हल्की-हल्की आवाज़ें आ रही थीं। वो दोनों बेडरूम में थे लेकिन दरवाज़ा बंद था। मैं दबे पांव फिर से ड्रॉइंग रूम का दरवाज़ा लॉक करके घर के पीछे की तरफ बेडरूम की खिड़की के नीचे आ गया जिस पर अंदर की तरफ पर्दे लगे थे लेकिन बीच में से परदा थोड़ा सा खुला था और तक़रीबन दो इंच की दराज़ से अंदर देखा जा सकता था। मैंने बड़ी एहतियात से अंदर झाँका।
मैंने देखा कि राशिद बेडरूम में पड़ी हुई एक कुर्सी पर बैठा हुआ था और पेप्सी पी रहा था। वो स्कूल के बारे में कुछ कह रहा था। अम्मी सामने दीवार वाली अलमारी से कुछ निकाल रही थीं। उनकी पतली कमर के मुक़ाबले में मांसल चूतड़ बड़े नुमायाँ नज़र आ रहे थे। उनका तौर-तरीक़ा उस वक़्त काफ़ी मुख्तलीफ़ था। उन्होंने दुपट्टा भी नहीं लिया हुआ था और वो शायद कहीं जाने के लिये तैयार हो रही थीं वो भी अपने भांजे के सामने। उनके चेहरे पर वो तासुरात नहीं थे जो मैंने हमेशा देखे थे।
कुछ देर इधर उधर की बातों के बाद राशिद ने कहा – “खालाजान, अब तो मुझे चोद लेने दें। मैंने स्कूल वापस भी जाना है।” अम्मी ने जवाब दिया – “राशिद, चाहती तो मैं भी हूँ लेकिन आज वक़्त नहीं है अभी शाकिर की फूफी ने आना है और उसके साथ कुछ और औरतें भी आने वाली हैं। उनके साथ मुझे किट्टी-पार्टी में जाना है। तुम कल आ कर सकून से सब कुछ कर लेना।” राशिद बोला – “खालाजान, अभी तो घर में कोई नहीं है हम क्यों वक़्त ज़ाया करें? मैं आज जल्दी खल्लास हो जाऊँगा। नहीं तो मेरा पढ़ने में मन नहीं लगेगा और आपके बारे में ही सोचता रहुँगा!”
ये बातें मेरे कानो में पहुँचीं तो मेरे दिल-ओ-दिमाग पे जैसे बिजली गिर पड़ी। इन बातों का मतलब बिल्कुल साफ़ था। राशिद ना सिर्फ मेरी अम्मी को चोद रहा था बल्कि इस में अम्मी की भी पूरी मर्ज़ी शामिल थी। वो अपने भांजे से चुदवा रही थीं जो उनसे उम्र में चौबीस साल छोटा था और जिसे उन्होंने गोद में खिलाया था। अम्मी और अम्बरीन खाला की शादी एक ही साल में हुई थी और मेरी और राशिद की पैदाइश का साल भी एक ही था। फिर भी अम्मी अपने भांजे से चूत मरवा रही थीं जो उनके बेटे की उम्र का था। मैं बेडरूम की दीवार के सहारे ज़मीन पर बैठ गया। हैरत, गुस्से, शर्मिंदगी और नफ़रत के मारे मेरी आँखों में आँसू आ गये। मैं कुछ देर दीवार के साथ इसी तरह सर झुकाये बैठा रहा। फिर मैंने हिम्मत कर के दोबारा अंदर झाँका।
उस वक़्त राशिद कुर्सी से उठ कर अम्मी के क़रीब पुहँच चुका था जो बेड के साथ रखी ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ी लिपस्टिक लगा रही थीं। उस ने पीछे से अम्मी की पीठ के साथ अपना जिस्म लगा दिया और आगे से उनके मम्मों और पेट पर हाथ फेरने लगा। अम्मी ने लिपस्टिक लगानी बंद कर दी और ड्रेसिंग-टेबल पर अपने दोनों हाथ रख दिये। फिर राशिद एक हाथ से उनके मम्मों को दबाने लगा जबकि दूसरा हाथ उसने उनके मोटे चूतड़ों पर फेरना शुरू कर दिया।
अम्मी ने गर्दन मोड़ कर उसकी तरफ देखा। उनके चेहरे पर मुस्कुराहट थी जैसे उन्हें ये सब बड़ा सकून और लुत्फ़ दे रहा हो। वो थोड़ा सा खिसक कर साइड पर हो गयीं और बेड की तरफ आ कर उस के ऊपर दोनों हाथ रख दिये। राशिद उनके मम्मों और गाँड से खेलता रहा। अम्मी ने अपना हाथ पीछे कर के राशिद के लंड को पतलून के ऊपर से ही पकड़ लिया। साफ़ नज़र आ रहा था के ये सब कुछ उन्हें अच्छा लग रहा था।
राशिद ने अम्मी के मम्मों और कमर पर हाथ फेरते-फेरते सलवार के ऊपर से ही उनके चूतड़ों के बीच में अपनी उंगली डाल कर आगे पीछे हिलायी। अम्मी के मुँह से हल्की सी सिसकारी निकली। राशिद ने पतलून के बावजूद खड़े-खड़े ही अम्मी की गाँड के ऊपर दो-चार घस्से लगाये और उन्हें अपनी तरफ मोड़ कर चूमने लगा। अम्मी कुछ देर पूरी तरह उस का साथ देती रहीं। वो अपना मुँह खोल-खोल कर राशिद के होंठ चूस रही थीं। लेकिन फिर उन्होंने अपना मुँह पीछे कर लिया और बोलीं – “राशिद, ज्यादा वक़्त नहीं है। तुम बस अब अपना बेकाबू लंड अंदर करो और फटाफट फ़ारिग़ होने की कोशिश करो।“
अम्मी को इस अंदाज़ में बातचीत करते सुन कर में हैरान रह गया। अम्मी के लहजे में थोड़ी सी सख्ती थी जिसे महसूस कर के राशिद ने अपनी पतलून खोल कर नीचे की और अंडरवीयर में से उसका अकड़ा हुआ लंड एकदम बाहर आ गया। उस का लंड ख़ासा लंबा मगर पतला था। उसके लंड का टोपा सुर्खी-मायल था और मुझे साफ़ नज़र आ रहा था। अम्मी ने उस के लंड की तरफ देखा और उसे हाथ में ले लिया। राशिद उनकी क़मीज़ का दामन उठा कर मम्मों तक ले गया और फिर उनकी ब्रा बगैर खोले ही ज़ोर लगा कर उनके मम्मों से ऊपर कर दी। अम्मी के गोल-गोल और गोरे मम्मे उछल कर बाहर आ गये। उनके निप्पल तीर की तरह सीधे खड़े हुए थे जिससे अंदाज़ा लगाया जा सकता था के वो गरम हो चुकी हैं।
राशिद ने अम्मी के मोटे ताज़े मम्मे हाथों में ले लिये और उन्हें चूसने लगा। अम्मी ने अपनी आँखें बंद कर के गर्दन एक तरफ मोड़ ली और राशिद के कंधे पर हाथ रख दिया। राशिद उनके मम्मों को हाथों में भर-भर कर चूसता रहा। वो जज़्बात में जैसे होश-ओ-हवास खो बैठा था। दुनिया से बे-खबर वो किसी प्यासे कुत्ते की तरह मेरी अम्मी के खूबसूरत मम्मों को चूस-चूस कर उनसे मज़े ले रहा था। कुछ देर बाद अम्मी ने राशिद को ज़बरदस्ती अपने मम्मों से अलग किया और एक बार फिर उसे कहा के वो जल्दी करे क्योंकि मेहमान आते ही होंगे और अब तो उन्हें फिर से तैयार भी होना पड़ेगा।
राशिद बेड पर लेट गया और अम्मी को हाथ से पकड़ कर अपनी तरफ़ खींचा। अम्मी उसके साथ बेड पर बैठ गयीं तो उसने अपना लंड चूसने को कहा। अम्मी ने जवाब दिया कि – “आज लंड चूसने का वक्त नहीं है तुम बस जल्दी फ़ारिग हो जाओ!” राशिद बोला – “खाला जान बस दो मिनट चूस लें... मुझे मज़ा भी आयेगा और आपकी चूत कें अंदर करने में भी आसानी होगी!” ये सुनकर अम्मी झुक कर उसका लंड कुल्फी की तरह चूसने लगीं। राशिद ने हाथ नीचे कर के उनका दायाँ मम्मा हाथ में ले लिया और उसे मसलने लगा।
कुछ देर उसका लंड चूसने के बाद अम्मी ने फिर कहा कि – “राशिद देर ना करो!” राशिद फौरन बेड से उतरा और अम्मी को भी खड़ा कर दिया। फिर उसने अम्मी की सलवार का नाड़ा खोल दिया। अम्मी की सलवार उनके पैरों में गिर गयी। राशिद फुर्ती से अम्मी के पीछे आया और उनकी पैंटी भी टाँगों के नीचे खिसका कर पैरों के पास छोड़ दी और उनके चूतड़ों के ऊपर से क़मीज़ उठा कर उनकी कमर तक ऊँची कर दी। अम्मी के गोरे-गोरे मोटे और गोल चूतड़ नंगे नज़र आने लगे। राशिद ने अपने लंड पर ऊपर-नीचे दो-तीन दफ़ा हाथ फेरा और उसका टोपा अम्मी के मोटे चूतड़ों के अंदर ले गया। राशिद ने अपना लंड अम्मी की चूत के अंदर करने की कोशिश की मगर कामयाब नहीं हुआ। चंद लम्हों बाद राशिद ने फिर अपने लंड को अम्मी की गाँड के बीच रख कर हल्का-सा घस्सा मारा।
कोशिश के बावजूद राशिद के लंड को इस दफ़ा भी अम्मी की चूत में दाखिला ना मिल सका। अम्मी ने कहा – “ऐसे क्या कर रहे हो? थूक लगा कर डालो!” उन्होंने अपने पैरों में पड़ी सलवार से टाँगें बाहर निकलीं और अपनी सैंडल की ठोकर से उसे थोड़ा दूर खिसका दिया। पैंटी उनके एक पैर की ऊँची पेंसिल हील की सैंडल में उलझ कर रह गयी और उसकी परवाह किये बिना अम्मी सामने बेड पर हाथ रख कर थोड़ा सा और नीचे झुक गयीं ताकि राशिद को लंड उनकी चूत में घुसाने के लिये बेहतर एंगल मिल सके। राशिद ने अपने हाथ पर थूका और अम्मी की टाँगें खोल कर उनकी चूत पर अपना थूक लगाया। राशिद का हाथ उनकी चूत से लगा तो अम्मी के मुँह से ‘ऊँऊँ’ की आवाज़ निकली और उनके चूतड़ थरथरा कर रह गये।
राशिद ने अपने लंड पर भी थूक लगाया और उसे चूत से सटा दिया। अम्मी ने थोड़ा पीछे हो कर उस का लंड अपनी चूत में ले लिया। थोड़ी कोशिश के बाद राशिद अपना लंड पूरी तरह अम्मी की चूत के अंदर ले जाने में कामयाब हो गया। अम्मी ने आँखें बंद कर लीं। अब राशिद ने उनकी चूत में घस्से मारने शुरू किये। अम्मी का जिस्म भी आहिस्ता-आहिस्ता आगे-पीछे होने लगा। चुदवाते हुए अम्मी का मुँह हल्का सा खुला हुआ था और राशिद के धक्कों की वजह से उनका पूरा जिस्म हिल रहा था। मुझे अम्मी के चूतड़ आगे पीछे होते नज़र आ रहे थे। हर घस्से के साथ राशिद की रानों का ऊपरी हिस्सा अम्मी के चूतड़ों से टकराता और उनके खूबसूरत जिस्म को एक झटका लगता। क़मीज़ के ऊपर से उनके मम्मे हिलते हुए नज़र आ रहे थे। राशिद ने आगे से क़मीज़ के अंदर हाथ डाल कर अम्मी के बेक़ाबू मम्मे पकड़ लिये और अपना लंड उनकी चूत के अंदर बाहर करने लगा।
मुझे ना जाने क्यों उस वक़्त नज़ीर का ख़याल आया। मैंने अपना मोबाइल जेब से निकाला और अम्मी और राशिद की चुदाई करते हुए कई तस्वीरें ले लीं। राशिद चुदाई में नज़ीर की तरह तजुर्बेकार नहीं लग रहा था। चंद मिनटों के घस्सों के बाद उसका जिस्म बे-क़ाबू होने लगा। उसने अम्मी की कमर को पकड़ लिया और बुरी तरह अकड़ने लगा। वो अम्मी की चूत के अंदर ही खल्लास होने लगा। अम्मी ने अपने चूतड़ों को आहिस्ता-आहिस्ता तीन-चार दफा गोलाई में हर्कत दी और रशीद की सारी मनि अपनी चूत में ले ली।
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