Desi chudai story राज और उसकी विधवा भाभी
07-12-2018, 01:11 PM,
#1
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राज और उसकी विधवा भाभी 

मेरा नाम राज है. मेरी उमर इस समय 24 साल की है. शादी के 3 साल 
बाद ही एक रोड एक्षसीडेंट में भैया का स्वरगवास हो गया था. मैं 
भाभी के साथ अकेला ही रहता था. भाभी का नाम ऋतु है. हमारा 
अपना खुद का बिज़्नेस था. भैया के ना रहने के बाद मैं ही बिज़्नेस 
की देखभाल करता था. भाभी बहुत ही खूबसूरत थी. वो मुझे राज 
कह कर ही बुलाती थी. पापा और मम्मी का स्वरगवास बहुत पहले ही हो 
चुका था. मैं एक दम हत्ता कॅट्ता नौजवान था और बहुत ही 
ताकतवर भी. भाभी उमर में मुझसे 1 साल छ्होटी थी. वो मुझे 
बहुत प्यार करती थी. भैया के गुजर जाने के बाद मैं भाभी की 
पूरी देखभाल करता था और वो भी मेरा बहुत ख़याल रखती थी. मैं 
सुबह 10 बजे ही घर से चला जाता था और फिर रात के 8 बजे ही 
घर वापस आता था. 

ये उस समय की बात है जब भैया को गुज़रे हुए 6 महीने ही हुए थे. 
एक दिन मेरी तबीयत खराब हो गयी तो मैने मॅनेजर से दुकान संभालने 
को कहा और दोपहर के 1 बजे ही घर वापस आ गया. भाभी ने पुचछा, 
क्या हुआ राज. मैने कहा, मेरा सारा बदन दुख रहा है और लग रहा 
है कि कुच्छ फीवर भी है. मेरी बात सुनकर वो परेशान हो गयी. 
उन्होने मुझसे कहा, तुम मेरे साथ डॉक्टर के पास चलो. मैने कहा, 
मैने मेडिकल स्टोर से कुच्छ मेडिसिन ले ली है. मुझे थोड़ा आराम कर 
लेने दो. वो बोली, ठीक है, तुम आराम करो. मैं तुम्हारे बदन पर 
तेल लगा कर मालिश कर देती हूँ. मैने कहा, नहीं, रहने दो, मैं 
ऐसे ही ठीक हूँ. वो बोली, चुप चाप अपने कमरे में जा कर लेट जाओ. 
मैं अभी तेल ले कर आती हूँ. मैं कभी भी भाभी की बात से इनकार 
नहीं करता था. 

मैं अपने कमरे में आ गया. मैने अपनी शर्ट और पॅंट उतार दी और 
केवल बनियान और नेकार पहने हुए ही लेट गया. मैं एक दम ढीला 
था और थोड़ा छ्होटा नेकर ही पहनता था. भाभी तेल ले कर आई. 
उन्होने मेरे सिर पर तेल लगाया और मेरा सिर दबाने लगी. उसके बाद 
उन्होने मेरे हाथ, सीने और पीठ पर भी तेल लगा कर मालिश किया. 
आख़िर में वो मेरे पैर पर तेल लगा कर मालिश करने लगी. आख़िर 
मैं भी आदमी ही था. उनके हाथ लगाने से मुझे जोश आने लगा. जोश 
के मारे मेरा लंड खड़ा होने लगा और मेरा नेकर टेंट की तरह से उपर 
उठने लगा. धीरे धीरे मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया और 
मेरा नेकर एक दम टेंट की तरह हो गया. मैं जानता था की नेकर के 
छ्होटा होने की वजह से भाभी को मेरा लंड थोड़ा सा दिखाई दे रहा 
होगा. वो मेरे पैरों की मालिश करते हुए मेरे लंड को देख रही थी 
और उनकी आँखें थोड़ा गुलाबी सी होने लगी थी. उनके चेहरे पर हल्की 
सी मुस्कान भी थी. मालिश करने के बाद वो चली गयी. उसके बाद मैं 
सो गया. 

शाम के 6 बजे मेरी नींद खुली और मैं उठ गया. भाभी चाय लेकर 
आई. मैने चाय पी. उसके बाद मैं बाथरूम चला गया. बाथरूम से 
जब मैं वापस आया तो भाभी ने कहा, अब लेट जाओ, मैं तुम्हारे बदन 
की फिर से मालिश कर देती हूँ. मैने कहा, अब रहने दो ना, भाभी. 
वो बोली, क्या मालिश करने से कुच्छ आराम नहीं मिला. मैने कहा, बहुत 
आराम मिला है. वो बोली, फिर क्यों मना कर रहे हो. मैने कहा, ठीक 
है, तुम केवल मेरे पैर की ही मालिश कर दो. वो खुश हो गयी. उन्होने 
मेरे पैर की मालिश शुरू कर दी. मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. इस 
बार मेरा नेकर थोड़ा पिछे की तरफ खिसक गया था जिस से भाभी को 
मेरा लंड इस बार कुच्छ ज़्यादा ही दिखाई दे रहा था. भाभी मेरे लंड 
को देखते हुए मेरे पैरों की मालिश करती रही.
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07-12-2018, 01:11 PM,
#2
RE: Desi chudai story राज और उसकी विधवा भाभी
थोड़ी देर बाद वो बोली, मैं जब तेरे पैर की मालिश करती हूँ तो 
तुझे क्या हो जाता है. मैं कहा, कुच्छ भी तो नहीं हुआ है मुझे. 
उन्होने मेरे लंड पर हल्की सी चपत लगाते हुए कहा, फिर ये क्या 
है. मैने कहा, जब तुम मालिश करती हो तो मुझे गुदगुदी सी होने 
लगती है, इसी लिए तो मैं मना कर रहा था. उन्होने मेरे लंड पर 
फिर से चपत लगाते हुए कहा, इसे काबू में रखा कर. मैने कहा, 
जब तुम मालिश करती हो तो ये मेरे काबू में नहीं रहता. वो बोली, तुम 
भी अपने भैया की तरह ही हो. मैं जब उनके पैर की मालिश करती थी 
तो वो भी इसे काबू में नहीं रख पाते थे. मैने मज़ाक करते हुए 
कहा, फिर वो क्या करते थे. वो बोली, बदमाश कहीं का. मैने कहा, 
बताओ ना भाभी, फिर वो क्या करते थे. भाभी शरमाते हुए बोली, 
वही जो सभी मर्द अपनी बीवी के साथ करते हैं. मैने कहा, तब तो 
तुम्हें भैया के पैरों की मालिश नहीं करनी चाहिए थी. उन्होने 
पुछा, क्यों. मैने कहा, आख़िर बाद में परेशानी भी तुम्हें ही 
उठानी पड़ती थी. वो बोली, परेशानी किस बात की, आख़िर मेरा मन भी 
तो करता था. मैने कहा, मेरा भी काबू में नहीं है, अब तुम ही 
बताओ कि मैं क्या करूँ. वो बोली, शादी कर ले. मैने कहा, मैं अभी 
शादी नहीं करना चाहता. उन्होने मुस्कुराते हुए कहा, फिर बाथरूम 
में जा कर मूठ मार ले. मैने अंजान बनते हुए पुछा, वो क्या होता 
है. वो बोली, क्या सच में तुझे नहीं मालूम है कि मूठ मारना किसे 
कहते हैं. मैने कहा, नहीं. उन्होने मेरे लंड की तरफ इशारा करते 
हुए कहा, इसे अपने हाथ में पकड़ कर अपना हाथ तेज़ी से आगे 
पिछे करना. थोड़ी ही देर में इसका जूस निकल जाएगा और ये शांत 
हो जाएगा. मैने कहा, तुम मुझे थोड़ा सा कर के बता दो. 
भाभी जोश में आ ही चुकी थी. वो बोली, तू बहुत ही बदमाश है. 
इसे बाहर निकाल, मैं बता देती हूँ की कैसे करना है. मैने कहा, 
तुम खुद ही इसे बाहर निकाल कर बताओ की कैसे करना है. उन्होने 
शरमाते हुए मेरे लंड को पकड़ कर नेकर से बाहर निकाल लिया. जैसे 
ही मेरा 9" लंबा लंड बाहर आया तो वो बोली, बाप रे, तेरा तो बहुत ही 
बड़ा है और मोटा भी. मैने पुछा, अच्च्छा नहीं है क्या. वो 
शरमाते हुए बोली, बहुत ही अच्च्छा है. मैने पुछा, भैया का 
कैसा था. वो बोली, उनका भी अच्छा था लेकिन तेरे जैसा लंबा और 
मोटा नहीं था. मैने कहा, अब बताओ कि कैसे करना है. उन्होने मेरे 
लंड को पकड़ कर अपना हाथ आगे पिछे करना शुरू कर दिया. मुझे 
बहुत मज़ा आने लगा. वो भी जोश में आने लगी. 

2 मिनट मूठ मारने के बाद वो बोली, ऐसे ही कर लेना. अब जा बाथरूम 
में. मैने कहा, बाथरूम में क्यों, अगर मैं यहीं कर लेता हूँ तो 
इसमें क्या बुराई है. वो बोली, तेरा जूस यहाँ गिरेगा और मुझे ही 
सॉफ करना पड़ेगा. मैने कहा, मैं ही सॉफ कर दूँगा. वो बोली, ठीक 
है, यहीं कर ले. मैं जाती हूँ. मैने उनका हाथ पकड़ कर कहा, 
तुम यहीं बैठो ना. वो बोली, तेरे लंड पर हाथ लगाने से मुझे 
पहले ही थोड़ा सा जोश आ चुका है. अगर मैं तुझे मूठ मारते हुए 
देखूँगी तो मुझे और ज़्यादा जोश आ जाएगा. फिर मेरे लिए बर्दास्त 
करना मुश्किल हो जाएगा. आख़िर मैं भी तो औरत हूँ और अभी जवान 
भी. मैने कहा, मुझ पर भरोसा रखो, मैं तुम्हारे साथ कुच्छ भी 
नहीं करूँगा. वो बोली, मुझे पूरा भरोसा है तभी तो मैने तेरे 
लंड को पकड़ कर तुझे मूठ मारना बताया है. मैने पुछा, नेकर 
उतार दूँ या ऐसे ही मूठ मार लूँ. वो बोली, क्या नेकर भी खराब 
करेगा. उतार दे इसे.
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07-12-2018, 01:11 PM,
#3
RE: Desi chudai story राज और उसकी विधवा भाभी
मैने अपना नेकर उतार दिया और मूठ मारने लगा. भाभी मुझे मूठ 
मारते हुए देखती रही. मैं भाभी को देखता हुआ मूठ मार रहा था. 
धीरे धीरे वो और ज़्यादा जोश में आ गयी. जोश के मारे मेरे मूह से 
आ... ऊ... की आवाज़ निकल रही थी. वो मुझे और कभी मेरे लंड को 
देख रही थी. उन्होने अपना एक हाथ अपनी चूत पर रख लिया और 
सहलाने लगी. मैने पुछा, क्या हुआ. वो बोली, तू मुझे एक दम पागल 
कर देगा. मैं जा रही हूँ. मैने उनका हाथ पकड़ लिया और कहा, 
बैठो ना मेरे पास. वो चुप चाप बैठ गयी. मैं मूठ मारता रहा. 
भाभी जोश के मारे पागल सी हो चुकी थी. थोड़ी ही देर में उन्होने 
मेरा लंड पकड़ लिया और बोली, अब रहने दे, अब मुझसे बर्दास्त नहीं हो 
रहा है. मैने पुछा, क्या हुआ. उन्होने अपना पेटिकोट उपर कर दिया 
और बोली, देख मेरी चूत भी एक दम गीली हो गयी. तूने तो मुझे पागल 
सा कर दिया है. अब मुझे बर्दास्त नहीं हो रहा है, तू मेरी चूत को 
सहला दे, मैं तेरा लंड सहला देती हूँ. मैने कहा, केवल सहलाना ही 
है या कुच्छ और करना है. वो बोली, अगर तेरा मन करे तो मेरी चूत 
को थोड़ा सा चाट ले जिस से मुझे भी थोड़ा आराम मिल जाएगा. मैने 
कहा, कपड़े तो उतार दो. वो बोली, तू खुद ही उतार दे. 

मैने भाभी के कपड़े उतार दिए. अब वो एक दम नंग हो गयी. उनकी चूत 
एक दम साफ थी. मैने कहा, तुम्हारी चूत तो एक दम साफ है. वो बोली, 
मुझे चूत पर बाल बिल्कुल भी पसंद नहीं हैं इसी लिए मैं इसे 
हमेशा ही सॉफ रखती हूँ. तेरा भी तो एक दम सॉफ है. मैने कहा, 
मुझे भी बाल पसंद नहीं हैं. वो लेट गयी तो मैने उनकी चूत पर 
अपनी जीभ फिरानी शुरू कर दी. वो बोली, ऐसे नहीं. मैने कहा, फिर 
कैसे. वो बोली, मुझे भी तो तेरा चूसना है. तू मेरे उपर उल्टा लेट 
जा और अपना लंड मेरे मूह के पास कर दे फिर चाट मेरी चूत को. 
मैं भाभी के उपर 69 की पोज़िशन में लेट गया. मैने उनकी चूत पर 
जीभ फिराना शुरू किया तो उन्होने मेरे लंड का सूपड़ा अपने मूह में 
ले लिया और चूसने लगी. मुझे खूब मज़ा आने लगा. भाभी भी जोश 
के मारे सिसकारियाँ भरने लगी. मैने उनकी क्लिट को अपने होठों से 
दबाना शुरू कर दिया तो उन्होने ज़ोर की सिसकारी ली. मैने पुचछा, क्या 
हुआ. वो बोली, बहुत मज़ा आ रहा है, और ज़ोर ज़ोर से दबा. मैने उनकी 
क्लिट को और ज़्यादा ज़ोर से दबाना शुरू कर दिया तो उन्होने मेरा लंड 
अपने मूह में और ज़्यादा अंदर ले लिया और तेज़ी के साथ चूसने लगी. 
मैने एक उंगली उनकी चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा. थोड़ी 
ही देर में भाभी की चूत से जूस निकल आया. वो बोली, चाट ले इसे. 
मैने उनकी चूत का सारा जूस चाट लिया. थोड़ी ही देर में मेरे लंड 
का जूस भी निकलने लगा तो भाभी सारा का सारा जूस निगल गयी. 
उसके बाद मैं हट गया और उनके बगल में लेट गया. 
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07-12-2018, 01:11 PM,
#4
RE: Desi chudai story राज और उसकी विधवा भाभी
भाभी मेरा लंड सहलाने लगी. थोड़ी देर बाद वो बोली, आज तो वो हो 
गया जो की नहीं होना चाहिए था. मैने कहा, मैने ऐसा क्या कर 
दिया. वो बोली, तूने मुझे अपना लंड दिखा कर आज मुझे पागल सा कर 
दिया. मैने कहा, मैने तो नहीं दिखाया था. वो बोली, तेरा नेकर ही 
इतना छ्होटा और ढीला था कि मुझे तेरा लंड दिखाई दे गया. मैं 
अपने आप को काबू में नहीं रख पाई इसी लिए मैने तुझसे पैर की 
दोबारा मालिश करने के लिया कहा था. मैं तेरा लंड देखना चाहती थी 
क्यों कि मुझे तेरा लंड बहुत ही लंबा और मोटा दिख रहा था. मैने 
कहा, अब तो देख लिया ना. वो बोली, हाँ, देख भी लिया और पसंद भी 
कर लिया. मैने कहा, अब क्या इरादा है. वो बोली, तू भी वही कर जो 
तेरे भैया मेरे साथ करते थे. मैने कहा, ये ठीक नहीं है. वो 
बोली, क्या ठीक है क्या नहीं, मैं कुच्छ नहीं जानती. अगर तू मेरे 
साथ नहीं करेगा तो मैं मर जाउन्गि. मैने पुछा, मैं तुम्हारे 
साथ क्या करूँ. वो बोली, जो तेरे भैया मेरे साथ करते थे. मैने 
कहा, मैने तो कभी देखा ही नहीं कि भैया तुम्हारे साथ क्या करते 
थे. भाभी ने मेरे गालों को ज़ोर से काट लिया और बोली, अब चोद दे 
मुझे. मैने कहा, दर्द होगा. वो बोली, तो मैं क्या करूँ, होने दे. जो 
होगा देखा जाएगा. मैने कहा, तुम मेरी भाभी हो, मैं तुम्हें कैसे 
चोद सकता हूँ. भाभी का तो जोश के मारे बुरा हाल था. वो बोली, तू 
मुझे नहीं चोदेगा लेकिन मैं तो तुझे चोद सकती हूँ. मैने कहा, 
फिर तुम ही चोदो. क्रमशः...........
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07-12-2018, 01:11 PM,
#5
RE: Desi chudai story राज और उसकी विधवा भाभी
गतान्क से आगे..........
मेरा लंड फिर से खड़ा हो चुका था. भाभी मेरे उपर आ गयी. उन्होने
मेरे लंड के सूपदे को अपनी चूत के बीच रखा और दबाने लगी. उनके
चेहरे पर दर्द की झलक साफ दिख रही थी फिर भी वो रुकी नहीं.
मेरा लंड धीरे धीरे उनकी चूत में घुसता ही जा रहा था. उनकी
चूत बहुत ही टाइट थी. उन्होने दबाना जारी रखा तो थोड़ी ही देर में
उनकी आँखों में आँसू भी आ गये. मैने पुचछा, क्या हुआ. वो बोली,
दर्द बहुत हो रहा है. मैने कहा, फिर रुक जाओ ना, क्यों इतना दर्द
बर्दास्त कर रही हो. वो बोली, मैं पागल हो गयी हूँ. अब तक मेरा
लंड भाभी की चूत में 7" तक घुस चुका था. दर्द के मारे भाभी का
बुरा हाल हो रहा था. तभी वो अपने बदन का सारा ज़ोर देते हुए
अचानक मेरे लंड पर बैठ गयी. मेरा पूरा का पूरा लंड उनकी चूत
में समा गया. उनके मूह से ज़ोर की चीख निकली. उनका सारा बदन थर
थर काँपने लगा. उनके चेहरे पर पसीना आ गया. उनकी साँसें बहुत
तेज चल रही थी.

वो मेरे उपर लेट गयी और मेरे होठों को चूमने लगी. मैं उनकी कमर
और चूतड़ को सहलाने लगा. तभी मुझे बदमाशी सूझी. मैने उनकी
गांद के छेद पर अपनी उंगली फिरानी शुरू कर दी तो उन्हें मज़ा आने
लगा. अचानक मैने अपनी उंगली उनकी गांद में डाल दी तो उन्होने ज़ोर की
सिसकारी ली और बोली, बदमाश कहीं का. पहले तो कह रहा था कि तुम
मेरी भाभी हो, मैं तुम्हें कैसे चोद सकता हूँ. अब मेरी गांद में
उंगली डाल रहा है. क्या मैं अब तेरी भाभी नहीं रह गयी. मैने
कहा, बिल्कुल नहीं, अब तो तुमने मेरा लंड तुमने अपनी चूत में डाल
लिया है. अब तुम मेरी भाभी नहीं रह गयी हो. वो बोली, फिर मैं अब
तेरी क्या लगती हूँ. मैने कहा, बीवी. वो बोली, फिर चोद दे ना अपनी
बीवी को. क्यों तरसा रहा है मुझे. अब तो मैने तेरा पूरा का पूरा
लंड अपनी चूत के अंदर ले लिया है. मेरी उंगली अभी भी भाभी की
गांद में थी. मैने फिर शरारत की और कहा, मैं तुम्हें एक ही
शर्त पर चोद सकता हूं. वो बोली, कैसी शर्त. मैने कहा, मैं
तुम्हारी गांद भी मारूँगा. वो बोली, अपनी बीवी से भी पुच्छना पड़ता है
क्या. मैने कहा, मुझे नहीं मालूम. वो बोली, तेरे भैया ने तो मुझसे
कभी नहीं पुछा, जब भी उनका मन किया उन्होने मेरी चुदाई की और
जब उनका मन हुआ तो उन्होने मेरी गांद भी मारी. मैने कहा, इसका
मतलब तुम भैया से गांद भी मरवा चुकी हो. वो बोली, तो क्या हुआ,
मज़ा तो दोनो में ही आता है. अब मुझे ज़्यादा मत परेशान कर, चोद दे
ना. मैने कहा, थोड़ा सा तुम चोदो फिर थोडा सा मैं चोदुन्गा. वो
बोली, ठीक है, बाबा.

भाभी ने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए तो उनके मूह से
चीख निकलने लगी. मैने पुछा, अब क्या हुआ. वो बोली, दर्द हो रहा
है. मैने पुछा, क्यों, अब तो पूरा अंदर ले चुकी हो. वो बोली, अंदर
लेने से क्या होता है. मेरी चूत अभी तेरे लंड के साइज़ की थोड़े ही
हुई है. मैने पुछा, मेरे लंड की साइज़ की कैसे होगी. वो बोली, जब
तू मुझे काई बार चोद देगा तब. वो धीरे धीरे धक्के लगाती रही.
मैने पुछा, तुम्हारी चूत को चौड़ा करने के लिए मुझे कितनी बार
चोदना पड़ेगा. वो बोली, ये तो तेरे उपर है की तू किस तरह से मेरी
चुदाई करता है. मैने पुछा, क्या एक बार में भी हो सकता है. वो
बोली, बिल्कुल हो सकता है, अगर तू मुझे पहली बार में ही कम से कम
1 घंटे चोद सके तो. लेकिन मैं जानती हूँ कि तू ऐसा नहीं कर
पाएगा. मैने पुछा, क्यों. वो बोली, तूने कभी किसी को पहले चोदा
है. मैने कहा, नहीं. वो बोली, तो फिर तू 10 मिनट से ज़्यादा रुकेगा ही
नहीं. मैने कहा, रुकुंगा क्यों नहीं. वो बोली, तुझे मेरी चुदाई
करने में जोश ज़्यादा आ जाएगा इस लिए.
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07-12-2018, 01:11 PM,
#6
RE: Desi chudai story राज और उसकी विधवा भाभी
भाभी को धक्के लगाते हुए लगभग 10 मिनट हो चुके थे और वो इस
दौरान 1 बार झाड़ भी चुकी थी. तभी मेरे लंड का जूस निकल पड़ा
और साथ ही साथ वो भी फिर से झाड़ गयी. वो मुस्कुराते हुए बोली,
क्या हुआ पहलवान. मैने कहा, वही हुआ जो तुम कह रही थी. वो बोली,
मेरी चूत ढीली करने के लिए तुझे कम से कम 1 घंटे तक मेरी
चुदाई करनी पड़ेगी. मैं ये भी जानती हूँ कि अगली बार तू ज़्यादा से
ज़्यादा 15 मिनट ही मुझे चोद पाएगा. इस तरह जब तू 3-4 बार मेरी
चुदाई कर देगा तब कुल मिलाकर 1 घंटे हो जाएँगे और मेरी चूत
ढीली हो जाएगी और तेरे लंड के साइज़ की हो जाएगी, समझ गये
बच्चू. मैने कहा, बिल्कुल समझ गया, मेडम.

भाभी ने मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर ही रखा और मेरे उपर लेट
गयी. वो मेरे होठों को चूमती रही और मैं उनकी चुचियों को
मसलता रहा. 10 मिनट के बाद मेरा लंड उनकी चूत में ही फिर से खड़ा
होने लगा तो वो बोली, अब तुम मुझे चोदो. मैने कहा, जैसी आप की
मर्ज़ी. वो मुस्कुराते हुए मेरे उपर से हट गयी और लेट गयी. मैं उनके
उपर आ गया. मैने उनकी चुदाई शुरू कर दी. मैं पूरे जोश में
था और ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाते हुए उनको चोद रहा था. वो बोली,
शाबाश बहादुर, बहुत ही अच्छि तरह से चोद रहे हो, चोद्ते रहो,
रुकना मत, थोडा और ज़ोर के धक्के लगाओ. मैने और ज़्यादा तेज़ी के
साथ धक्के लगाने शुरू कर दिए. लगभग 15 मिनट की चुदाई के बाद
मैं झाड़ गया. भाभी भी इस चुदाई के दौरान 2 बार झाड़ चुकी थी.
मैने उन्हें सारी रात खूब जम कर चोदा. वो भी पूरी तरह से
मस्त हो गयी थी और मैं भी. सुबह तक मैं उन्हें 6 बार चोद चुका
था. सुबह को मैने पुछा, तुम्हारी चूत मेरे लंड की साइज़ की हो गयी
या नहीं. वो बोली, जब तुमने मेरी 4 बार चुदाई कर दी फिर उसके बाद
मैं चिल्लाई क्या. मैने कहा, बिल्कुल नहीं. वो बोली, फिर समझ लो
की मेरी चूत तुम्हारे लंड की साइज़ की हो गयी.

थोड़ी देर बाद वो बोली, मैं एक बात तुमसे कहना चाहती हूँ. मैने
पुछा, अब क्या है. वो बोली, मुझे तो तुम्हारा लंड बहुत पसंद आ
गया है. अगर तुम्हें मेरी चूत भी पसंद आ गयी हो तो तुम मुझसे
शादी कर लो. मैं तुमसे 1 साल छ्होटी भी हूँ और जवान भी. मैं
तुम्हें पूरा मज़ा दूँगी और एक दम खुश रखूँगी. अगर तुम मुझसे
शादी नहीं करोगे तो मैं तो तुम्हारी रखैल बन कर रह जाउन्गि. जब
तुम्हारी शादी हो जाएगी तो मुझे कौन चोदेगा. भाभी खूबसूरत थी
ही. मैं उन्हें बहुत प्यार भी करता था और वो भी मुझसे बहुत प्यार
करती थी. उनकी बात सही भी थी क्यों कि मुहल्ले के लोग बाद में
उन्हें मेरी रखैल ही कहते. मैने मज़ाक किया, अगर तुम मुझसे शादी
करना चाहती हो तुम्हें एक काम करना पड़ेगा. वो बोली, मैं सब कुच्छ
करने के लिए तय्यार हूँ. मैने कहा, तुमने उस पागल को देखा है ना
जो हमारे मुहल्ले में घूमता रहता है. वो बोली, हां देखा है.
मैने कहा, तुमने उसका लंड भी देखा होगा. वो बोली, देखा है. मैने
पुछा, उसका लंड कैसा है. वो बोली, उसका तो तुमसे भी ज़्यादा लंबा
और मोटा लगता है. मैने कहा, मैं उसे एक दिन घर ले आता हूँ, तुम
उस से चुदवा लो. वो बोली, ठीक है, ले आना. मैं तुमसे शादी करने
के लिए कुच्छ भी कर सकती हूँ. मैं उस पागल से भी चुदवा लूँगी.
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07-12-2018, 01:12 PM,
#7
RE: Desi chudai story राज और उसकी विधवा भाभी
मैने कहा, मैं तो मज़ाक कर रहा था. वो बोली, तो क्या तुम समझे कि
मैं सच में ही उस पागल से चुदवा लूँगी. मैने कहा, मैं तुमसे एक
ही शर्त पर शादी करूँगा. वो बोली, मैने कहा ना कि मुझे तुम्हारी
हर शर्त मंज़ूर है. मैने कहा, सुन तो लो. वो बोली, फिर सुना ही
दो. मैने कहा, मैं तुम्हारी गांद मारूँगा तब ही तुमसे शादी करूँगा.
वो बोली, जब मैने तुम्हारा लंड अपनी चूत के अंदर लिया तब ही मैं
तुम्हारी बीवी बन गयी थी, भले ही हमारी शादी नहीं हुई थी. अपनी
बीवी से ये बात पुछि नहीं जाती. अभी मार लो मेरी गांद. मैने कहा,
फिर सुहागरात के दिन मैं क्या करूँगा. वो बोली, फिर रहने दो.
सुहागरात के दिन तुम मेरी गांद मार लेना. मैने कहा, एक दिक्कत और
है. वो बोली, अब क्या है. मैने कहा, तुमसे शादी करने के बाद मैं
सारी ज़िंदगी किसी कुँवारी चूत को नहीं चोद पाउँगा वो बोली, मैं
तुम्हारे लिए कुँवारी चूत का इंतेज़ाम भी कर दूँगी. मैने पुछा, वो
कैसे. वो बोली, ये मुझ पर छ्चोड़ दो. मैने कहा, फिर मैं पंडित से
पूच्छ लेता हूँ कि हमें शादी कब करनी चाहिए. वो बोली, पूच्छ लेना.

मैने पंडित से बात की तो उसने 3 दिनबाद का मुहूर्त बताया. 3 दीनो तक
मैने ऋतु की खूब जम कर चुदाई की. अब उसे और ज़्यादा मज़ा आने
लगा था. ऋतु चुदवा. समय मेरा पूरा साथ देती थी इस लिए मुझे
भी खूब मज़ा आता था. तीसरे दिन हम दोनो ने मंदिर में शादी कर
ली. रात में मैने ऋतु की गांद मारी. वो बहुत चीखी और चिल्लाई
लेकिन उसने एक बार भी मुझे रोका नहीं. उसकी गांद कयि जगह से कट
गयी थी और उसकी गांद की हालत एक दम खराब हो गयी थी. वो 2 दीनो
तक ठीक से चल भी नहीं पा रही थी. मैने पुछा, मैं जब
तुम्हारी गांद मार रहा था और तुम्हें इतनी ज़्यादा तकलीफ़ हो रही थी
तो तुमने मुझे रोका क्यों नहीं. वो बोली, मैं अपने पति को कैसे मना
करती. आख़िर बाद में मुझे भी तो गांद मरवाने में मज़ा आया.
मैने कहा, वो तो आना ही था. अब मेरे लिए कुँवारी चूत का इंतेज़ाम
कब करोगी. वो बोली, बस जल्दी ही हो जाएगा.

शादी के 4 दिन के बाद जब मैं दुकान से घर आया तो घर पर एक
लड़की बर्तन सॉफ कर रही थी. उसके कपड़े थोड़ा गंदे थे लेकिन वो
थी बहुत ही खूबसूरत. उसकी उमर लगभग 16 साल की रही होगी. मैं
सीधा अपने कमरे में चला गया. ऋतु भी मेरे पिछे पिछे आ
गयी. मैने ऋतु से पुछा, ये कौन है. वो मुस्कुराते हुए बोली, मैने
इसे घर का काम करने के लिए रखा है. इसका नाम लाली है. पसंद
है ना तुम्हें. मैं इसे तुम्हारे काम के लिए भी जल्दी ही तय्यार कर
लूँगी. मैने कहा, तुम्हारी पसंद का तो जवाब नहीं है. कहाँ रहती
है ये. ऋतु ने कहा, ये गाओं में रहती थी लेकिन अब यहीं रहेगी.
मेरे भैया जब शादी में आए थे तो मैने उन से कहा था कि मुझे
घर का काम करने के लिए एक लड़की चाहिए. उन्होने ने ही इसे यहाँ
पर भेजा है. ये हमारे साथ ही रहेगी. मैने कहा, जल्दी तय्यार
करो इसे. मैं इसे जल्दी से जल्दी चोदना चाहता हूँ. वो बोली, थोड़ा
सबर करो.

लाली बर्तन सॉफ कर के कमरे में आ गयी. उसने ऋतु से पुचछा,
मालकिन, मैने घर का सारा काम कर दिया है, और कुच्छ करना हो तो
बता दो. ऋतु ने कहा, तू तो मेरे गाओं की है, मुझे मालकिन मत कहा
कर. वो बोली, फिर मैं आप को क्या कह कर बुलाऊं. ऋतु ने कहा, तू
मुझे दीदी कहा कर और इन्हें जीजू. वो खुश हो गयी और बोली, ठीक
है, दीदी. ऋतु ने कहा, मेरी तबीयत कुच्छ खराब रहती है इस लिए
तू मेरे साथ ही सो जाना. वो बोली, फिर जीजू कहाँ सोएंगे. ऋतु ने
कहा, वो भी मेरे पास ही सोएंगे. वो बोली, फिर मैं आप के पास
कैसे सो पाउंगी ऋतु ने कहा, मेरे एक तरफ तुम सो जाना दूसरी तरफ
ये सो जाएँगे. वो बोली, ये तो ठीक नहीं होगा. ऋतु ने कहा, शहर
में सब चलता है. यहाँ ज़्यादा शरम नहीं की जाती. वो बोली, ठीक
है, मैं आप के पास ही सो जाउन्गि.
क्रमशः...........
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07-12-2018, 01:12 PM,
#8
RE: Desi chudai story राज और उसकी विधवा भाभी
गतान्क से आगे.......... 
हम सब ने खाना खाया उसके बाद मैं अपने कमरे में सोने के लिए आ 
गया. मैने केवल लूँगी ही पहन रखी थी. थोड़ी देर बाद ऋतु और 
लाली भी आ गये. ऋतु ने ब्रा और पॅंटी को छ्चोड़ कर अपने बाकी के 
कपड़े उतार दिए. उसके बाद उसने मेक्सी पहन ली. ऋतु ने लाली से कहा, 
अब तू भी अपने कपड़े उतार दे. मैं तुझे भी एक मेक्सी देती हूँ, उसे 
पहन लेना. वो बोली, नहीं, मैं ऐसे ही ठीक हूँ. ऋतु ने कहा, 
मैं जो कहती हूँ, उसे मान लिया कर. सोते वक़्त सारा बदन खुला 
छ्चोड़ देना चाहिए. वो बोली, जीजू यहाँ हैं. ऋतु ने कहा, जीजू से 
कैसी शरम, ये तुझे पकड़ थोड़े ही लेंगे. उतार दे अपने कपड़े. लाली 
ने शरमाते हुए अपनी शलवार और कमीज़ उतार दी. उसका बदन देखकर 
मैं दंग रह गया. उसकी चुचियाँ अभी बहुत ही छ्होटी छ्होटी थी. 
ऋतु ने उसे भी एक मेक्सी दे दी तो उसने वो मेक्सी पहन ली. 

ऋतु मेरे बगल में लेट गयी. लाली ऋतु के बगल में लेट गयी. हम 
सब कुच्छ देर तक बातें करते रहे. उसके बाद सोने लगे. थोड़ी ही देर 
में लाली सो गयी तो ऋतु ने मुझसे कहा, अब तुम मेरी चुदाई करो. 
मैने कहा, इसके सामने. वो बोली, मैं चाहती हूँ कि ये हम दोनो को 
देख ले, तभी तो मैं इसे तय्यार करूँगी. तुम मुझे खूब ज़ोर ज़ोर से 
चोदना जिस से ये जाग जाए. मैने कहा, ठीक है. 

मैने ऋतु को ज़ोर ज़ोर से चोदना शुरू कर दिया. सारा बेड ज़ोर ज़ोर से 
हिलने लगा. थोड़ी ही देर में लाली की नींद खुल गयी और वो उठ कर 
बैठ गयी. जैसे ही वो उठी तो मैने अपना लंड ऋतु की चूत से बाहर 
निकाल लिया. लाली ने जब हम दोनो को देखा तो शर्मा गयी. वो बोली, 
दीदी, मैं बाहर जा रही हूँ. ऋतु ने कहा, क्यों, क्या हुआ. वो बोली, 
मुझे शरम आती है. ऋतु ने कहा, पगली, इसमें शरमाने की कौन सी 
बात है. तू अपना मूह दूसरी तरफ कर ले और सो जा. लाली उठ कर जाना 
चाहती थी लेकिन ऋतु ने उसका हाथ पकड़ लिया. लाली कुच्छ नहीं बोली. 
वो ऋतु के बगल में ही लेट गयी लेकिन उसने अपना मूह दूसरी तरफ 
नहीं किया. ऋतु ने मुझसे कहा, अब तुम अपना काम जल्दी से पूरा करो, 
मुझे नींद आ रही है. 

मैने ऋतु को चोदना शुरू कर दिया. लाली तिर्छि निगाहों से हम दोनो 
के देखती रही थी. 15 मिनट की चुदाई के बाद जब मैं झाड़ गया तो 
मैने अपना लंड ऋतु की चूत से बाहर निकाला. ऋतु उठ कर बैठ गयी 
और उसने मेरा लंड चाट चाट कर साफ कर दिया. लाली ने शरम के मारे 
अपनी आखे बंद कर ली. ऋतु ने अपना मूह लाली की तरफ कर लिया और 
अपना हाथ उसकी चुचियों पर रख दिया. उसने कहा, दीदी, अपना हाथ 
हटा लो. ऋतु ने कहा, मुझे तो ऐसे ही सोने की आदत है. अब सो जा. 
लाली कुच्छ नहीं बोली. उसके बाद हम सब सो गये. 

सुबह हम सब उठ गये. लाली फ्रेश होने चली गयी. ऋतु ने मुझसे 
कहा, अब तुम इसे बार बार अपना लंड दिखाने की कोशिश करना लेकिन 
इसे हाथ मत लगाना. इसे ऐसा लगना चाहिए कि जैसे तुम अपना लंड 
इसे दिखाने की कोशिश नहीं कर रहे थे. मैने कहा, ठीक है. लाली 
फ्रेश हो कर आ गयी. ऋतु ने कहा, अब तू घर में झाड़ू लगा ले. वो 
झाड़ू लगाने चली गयी. ऋतु ने मुझसे कहा, अब तुम जा कर फ्रेश हो 
जाओ. आज से अपना टवल साथ मत ले जाना और एक दम नंगे ही नहाना, 
मैं लाली से तुम्हारा टवल भेज दूँगी. मैने कहा, ठीक है. 
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07-12-2018, 01:12 PM,
#9
RE: Desi chudai story राज और उसकी विधवा भाभी
मैं बाथरूम में चला गया. फ्रेश होने के बाद मैं एक दम नंगा ही 
नहाने लगा. थोड़ी देर बाद मैने ऋतु को पुकारा और कहा, टवल दे 
दो. ऋतु ने लाली से कहा, जा, जीजू को टवल दे आ. वो टवल ले कर 
आई तो मैने बाथरूम का दरवाज़ा खोल दिया. मेरा लंड पहले से खड़ा 
था. लाली की निगाह जैसे ही मेरे लंड पर पड़ी तो उसने अपना सिर नीचे 
कर लिया. वो मुझे टवल देने लगी तो मैने कहा, थोड़ा रुक जाओ. मैं 
अपने सिर को ज़रा साबुन से सॉफ कर लूँ. मैने अपने सिर पर साबुन 
लगाना शुरू कर दिया. मैने देखा की लाली तिर्छि निगाहों से मेरे 
लंड को देख रही थी. मैने कुच्छ ज़्यादा ही देर कर दी तो वो बोली, 
जीजू, टवल ले लो, मुझे और भी काम करना है. मैं कहा, थोड़ा रुक 
जाओ, मैं अपना सिर तो धो लूँ. 

मैने अपना सिर धोया और फिर अपने लंड पर साबुन लगाते हुए कहा, 
रात को तेरी दीदी ने इसे भी गंदा कर दिया था, ज़रा इसे भी साफ कर 
लूँ. फिर मुझे टवल दे देना. वो चुप चाप खड़ी रही. मैं अपने 
लंड पर साबुन लगाने लगा. वो अभी भी मेरे लंड को तिर्छि निगाहों 
से देख रही थी. मैने उस से मज़ाक करते हुए कहा, साली जी, तिर्छि 
निगाहों से मुझे क्यों देख रही हो. अपना सिर उपर कर लो और ठीक से 
देख लो मुझे. वो बोली, मुझे शरम आती है. मैने कहा, कैसी 
शरम, मैं तो तुम्हारा जीजू हूँ ना. बोलो, हूँ या नहीं. वो बोली, 
हां, आप मेरे जीजू हैं. मैने अब ज़्यादा देर करना ठीक नहीं समझा. 
मैने अपने लंड पर लगे हुए साबुन को धोया और उसके हाथ से टवल 
लेते हुए कहा, अब जाओ. वो मुस्कुराते हुए चली गयी. 

मैने अपना बदन साफ किया और लूँगी पहन कर बाहर आ गया. लाली 
ड्रवोयिंग रूम में झाड़ू लगा रही थी. मैने ऋतु को पुकारा और कहा, 
ज़रा तेल तो लगा दो. वो बोली, अभी आती हूँ. ऋतु मेरे पास आ गयी 
तो मैने अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा, आज तेल नहीं 
लगओगि क्या. ऋतु समझ गयी और बोली, लगाउन्गि क्यों नहीं. उसने मेरे 
लंड पर लगा कर मालिश करना शुरू कर दिया. लाली मेरे लंड को 
देखती रही. इस बार वो ज़्यादा नहीं शर्मा रही थी. तेल लगाने के 
बाद ऋतु जाने लगी तो मैने कहा, तुम कुच्छ भूल रही हो. ऋतु ने 
मेरे लंड को चूम लिया. उसके बाद मैने नाश्ता किया और अपने कमरे 
में आ गया. 

10 बजे मैं दुकान जाने लगा तो ऋतु ने कहा, लाली के लिए कुच्छ नये 
कपड़े और थोड़ा मेक-अप का समान ले आना. मैने कहा, अच्च्छा, ले 
आउन्गा. उसके बाद मैं दुकान चला गया. रात के 8 बजे मैं दुकान से 
वापस आया और मैने लाली को पुकारा. लाली आ गयी और उसने मुस्कुराते 
हुए कहा, क्या है, जीजू. मैने कहा, मैं तेरे लिए कपड़े ले आया 
हूँ और मेक-अप का समान भी. देख ज़रा तुझे पसंद है या नहीं. 
उसने सारा समान देखा तो खुश हो गयी और बोली, बहुत ही अच्च्छा 
है. मैने पुछा, ऋतु कहाँ है. वो बोली, फ्रेश होने गयी है. मैने 
कहा, जा मेरे लिए चाय ले आ. वो चाय लाने चली गयी. मैने अपने 
कपड़े उतार दिए और लूँगी पहन ली. वो चाय ले कर आई तो मैने 
चाय पी. तभी ऋतु आ गयी. उसने पुछा, लाली का समान ले आए. 
मैने कहा, हां, ले आया और इसे दिखा भी दिया. इसे बहुत पसंद भी 
आया. मैं टीवी देखने लगा. ऋतु लाली के साथ खाना बनाने चली गयी. 
रात के 10 बजे हम सब ने खाना खाया और सोने चले गये. आज लाली 
बहुत खुश दिख रही थी. उसने आज ज़रा सा भी शरम नहीं की और 
खुद ही अपने कपड़े उतार दिए और मेक्सी पहन ली. हम सब बेड पर लेट 
गये. ऋतु ने मुझसे कहा, मुझे नींद आ रही है. तुम अपना काम कर 
लो और मुझे सोने दो. मैं समझ गया. मैने अपनी लूँगी उतार दी. ऋतु 
ने भी अपनी मेक्सी खोल दी और पॅंटी उतार दी. लाली देख रही थी. आज वो 
कुच्छ बोल नहीं रह थी, केवल चुप चाप लेटी हुई थी. मैने ऋतु को 
चोदना शुरू कर दिया. मैने देखा की लाली आज ध्यान से हम दोनो को 
देख रही थी. 
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07-12-2018, 01:12 PM,
#10
RE: Desi chudai story राज और उसकी विधवा भाभी
15-20 मिनट की चुदाई के बाद मैं झाड़ गया तो आज मैने ऋतु की चूत 
को चाटना शुरू कर दिया. लाली ने मुझे ऋतु की चूत को चाट ते हुए 
देखा उसने अपना हाथ अपनी चूत पर रख लिया. मैं समझ गया कि अब 
वो धीरे धीरे रास्ते पर आ रही है. ऋतु की चूत को चाटने के बाद 
मैने अपना लंड ऋतु के मूह के पास कर दिया तो ऋतु ने भी मेरा लंड 
चाट चाट कर सॉफ कर दिया. उसके बाद मैं लेट गया. तभी लाली ने 
कहा, दीदी, आप दोनो को घिन नहीं आती एक दूसरे का चाट ते हुए. 
ऋतु ने कहा, कैसी घिन, मुझे तो मज़ा आता है और तेरे जीजू को भी. 
उसके बाद हम सो गये. 

सुबह मैं नहाने गया तो मैने लाली को पुकारा और कहा, टवल ले आ. 
वो बोली, अभी लाई, जीजू. वो टवल ले कर आ गयी. मैने अपने लंड की 
तरफ इशारा करते हुए कहा, थोड़ा रुक जा, मैं इसे साफ कर लूँ. 
मैने अपने लंड पर साबुन लगाना शुरू कर दिया. आज लाली ने अपना सिर 
नीचे नहीं किया और मेरे लंड को ध्यान से देखती रही. वो अब ज़्यादा 
नहीं शर्मा रही थी. मैने अपने लंड को साफ किया और फिर उस से 
टवल ले लिया. वो चली गयी. मैं बाथरूम से बाहर आया तो ऋतु ने 
मेरे लंड पर तेल लगाया और फिर मेरे लंड को चूमा और किचन में 
चली गयी. लाली इस दौरान मेरे लंड को ध्यान से देखती रही. मैने 
नाश्ता किया और दुकान चला गया. 

रात के 8 बजे मैं वापस आया तो मैं कुच्छ मिठाई ले आया था. 
मैने लाली को पुकारा. लाली आ गयी तो मैने उसे मिठाई दे दी. उसने 
मिठाई ले ली और कहा, आप के लिए भी ले आऊँ. मैने कहा, हां, 
थोड़ा सा ले आ. वो मिठाई ले कर आई तो मैने मिठाई खाने लगा. 
तभी ऋतु आई. उसने मुझे मिठाई खाते हुए देखा तो बोली, आज कल 
साली की बहुत सेवा हो रही है. मैने कहा, क्या करूँ. मेरी तो कोई 
साली ही नहीं थी. अब जब मुझे एक साली मिल गयी है तो उसकी सेवा तो 
करूँगा ही. लेकिन मेरी साली मेरा ज़्यादा ख़याल ही नहीं रखती. लाली 
बोली, जीजू, मेरी कोई बहन नहीं है इसलिए मेरा कोई जीजू तो आने 
वाला नहीं है. आप ही मेरे जीजू हो, आप हुकुम तो करो. मैने कहा, 
क्या तुम मेरा कहना मनोगी. वो बोली, क्यों नहीं मानूँगी. मैने कहा, 
ठीक है, जब मुझे ज़रूरत होगी तो तुम्हें बता दूँगा. 

अगले 2 दिनो में मैने लाली से मज़ाक करना शुरू कर दिया. धीरे 
धीरे वो भी मुझसे मज़ाक करने लगी. अब वो मुझसे शरमाती नहीं 
थी. अब लाली खुद ही टवल ले आती थी. उस दिन भी जब मैं नहा रहा 
था तो वो टवल ले कर आई और खड़ी हो गयी और मेरे लंड को देखने 
लगी. मैने कहा, साली जी, आज तुम ही मेरे लंड पर साबुन लगा दो. वो 
बोली, क्या जीजू, मुझसे अपने लंड पर साबुन लगवाएँगे. मैने कहा, तो 
क्या हुआ. वो बोली, दीदी क्या कहेंगी. मैने ऋतु को पुकारा तो वो आ गयी 
और बोली, क्या है. मैने कहा, मैं लाली से अपने लंड पर साबुन लगाने 
को कहा तो ये कह रही है कि दीदी क्या कहेंगी. अब तुम इसे बता दो की 
तुम क्या कहोगी. ऋतु ने कहा, मैं तो कहूँगी कि लाली तुम्हारे लंड पर 
साबुन लगा दे. आख़िर वो तुम्हारी साली है. मैं भला इसे कैसे मना 
कर सकती हूँ. मैने लाली से कहा, देखा, ये तुम्हें कुच्छ भी नहीं 
कहेगी. लाली ने कहा, फिर मैं साबुन लगा देती हूँ. 
क्रमशः...........
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