08-08-2018, 11:58 AM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Maa Beti Chudai माँ का आँचल और बहन की लाज़
शशांक अपने लंबे लंबे कदमों से भागता हुआ फ़ौरन फोन उठाता है ...आवाज़ शिव की थी ..
" हां पापा क्या बात है ..?" शशांक ने पूछा..उसकी आवाज़ में चिंता सॉफ झलक रही थी
" शशांक बेटा , कोई खास बात नहीं .. तेरी मोम कहाँ है ?.."
" मोम तो किचन में हैं पापा .उन्हें बुलाऊं क्या ..?''
" नहीं रहने दे ..मोम को बोल देना मैं काफ़ी देर से आऊंगा ...कुछ पेंडिंग काम हैं , शो रूम में दीवाली का स्टॉक अरेंज करना है ...बोल देना वो समझ जाएँगी.और तुम लोग खाना खा लेना ..मेरा वेट मत करना ..."
" ओके पापा ..पर ज़्यादा देर मत करना ..टेक केर.."
और फोन रख देता है.
मोम अभी भी किचन में ही थी..शशांक किचन के अंदर जाता है..मोम के बगल खड़ा हो जाता है ..
" किसका फोन था बेटा .?" शांति उसकी ओर देखते हुए पूछती है .
"पापा का था मोम ..आज रात देर से आएँगे ..कह रहे थे दीवाली का स्टॉक अरेंज करने का मामला है ..हम लोग खाने पर उनका वेट नहीं करें.."
" हां बेटा दीवाली सर पर है...कस्टमर्स को नये नये डिज़ाइन्स और चाय्स चाहिए.मैं समझती हूँ ".
मोम कुक भी कर रही थी और साथ में शशांक से बातें भी करती जाती .
वो अभी भी उन्हीं कपड़ों में थी जिसे पहेन वो सुबेह दूकान गयी थी ..और शाम को घर वापस आई थी..
साड़ी और ब्लाउस में सिलवटें पड़ी थीं , बाल बीखरे हुए थे ...चेहरे और आँखों पर एक हल्की अलसाई सी थकान की छाया ....आँचल संभाले नहीं संभलता ..बार बार हाथों पर आ जाता ...और उनकी अभी भी सुडौल और मांसल चूचियाँ शशांक की आँखों के सामने आ जाती ...
शशांक उन्हें एक टक निहारता जा रहा था ..उनकी यह चाबी वो मंत्रमुग्ध हो कर एक तक देखे जा रहा था ..उसकी आँखों में अपने मोम के लिए प्यार , चाहत , तड़प सॉफ सॉफ झलक रहे थे ...
अभी तक शिवानी एक कोने में खड़ी उनकी बातें सुन रही थी ..भैया की आँखों में मोम के लिए उसका प्यार और प्यास देख ..उस ने भैया के लिए रास्ता साफ करते हुए किचन से बाहर निकल जाती है और जाते जाते कहती जाती है
" मोम मैं टीवी देखने जा रही हूँ.मेरा फवर्ट शो बस आने ही वाला है." जाते जाते भैया को आँख मारना नहीं भूलती ...
शिवानी के बाहर निकलते ही , थोड़ी देर वो मोम को देखता रहता है फिर पीछे से शांति के कंधों पर हाथ रखते हुए हल्के से जाकड़ लेता है और उनके गाल चूम लेता है
" क्या बात है .आज अपनी इस बूढ़ी मोम पर मेरे बेटे को बड़ा प्यार आ रहा है...? सर भी कितने अच्छे से दबाया तू ने ..." शांति ने पीछे मुड़ते हुए उसकी आँखों में झाँकते हुए कहा ..
" कम ऑन मोम बूढ़ी और आप..? अरे जवान लड़कियाँ भी आप के सामने कुछ नहीं ...क्या फिगर आप ने मेनटेन किया है ..सच बोलता हूँ मोम ...जी करता है आप को मैं अपनी गर्ल फ्रेंड बना लूँ .."
" वाह रे वाह ..अब मेरे इतने हॅंडसम बेटे की किस्मेत इतनी तो फूटी नहीं कि मेरी जैसी बूढ़ी उसकी गर्ल फ्रेंड बने ..क्या सारी जवान लड़कियाँ मर गयी हैं..?"
" हां मोम आप के सामने तो वो सब मुर्दे के ही समान तो हैं ..."
|
|
08-08-2018, 11:58 AM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Maa Beti Chudai माँ का आँचल और बहन की लाज़
"ह्म्म्म..बातें बनाना भी अच्छी सीख गया है तू ..." और इतना कहते हुए शांति उपर शेल्फ से कुछ सामान लेने को अपने पंजों से उपर उचकति है , नतीज़ा यह होता है उसके भारी भारी और मांसल चूतड़ , नज़दीक खड़ा शशांक के अब तक तन्ना उठे लंड से छू जाते है ..शांति को अपने चूतड़ पर चूभान महसूस होती है ....वो चौंक जाती है ..शशांक सीहर उठ ता है ...
शांति पीछे मुड़ती है ..शशांक को देखती है ..उसकी आँखें बंद थीं और चेहरे पर एक अजीब मस्ती और आनंद की झलक थी
" शशांक...! " उसकी आवाज़ में कुछ झुंझलाहट , कुछ आश्चर्य और कुछ कौतुहाल ..सभी का मिश्रण था
शशांक चौंक जाता है और उसकी आँखें खुलती है ..अपने आप को मोम से बिल्कुल चिपका हुआ पाता है ...
शशांक फ़ौरन अलग हो जाता है और मोम की झिड़की से .. पॅंट के अंदर भी सब कुछ सीकूड जाता है ..
शशांक को खुद नहीं मालूम था कब उसके पॅंट ने तंबू का शेप धारण कर लिया था ...अपनी मोम के सामने वो अपने होशो-हवास खो बैठता था ... बिल्कुल खो जाता था अपनी माँ के रूप और आकर्षक फिगर पर ...
शांति कुछ देर चूप रही , फिर नॉर्मल होते हुए कहा " बेटा तू अब जा और तुम दोनों भाई बहेन थोड़ी देर में डाइनिंग टेबल पर आ जाओ ..मैं भी बस कुछ देर में आती हूँ ..सब साथ बैठ कर खाएँगे..."
" हां मोम .." कहता हुआ शशांक फ़ौरन किचन से बाहर आ जाता है ..वो अपनी इस हरकत पर बहोत शर्मिंदा था ... पर क्या करे वो भी अपनी मोम की चाहत के सामने लाचार था ..विवश था ...
इधर शांति भी भौंचक्की थी .. उसे डांटना चाहती थी ..पर फिर इसे उसकी उम्र का तक़ाज़ा समझ अनदेखा कर देती है ... पर अपने दिमाग़ के कोने में उस से कभी बात करने की ज़रूरत का ध्यान रख लेती है ..
वो ड्रॉयिंग रूम में बैठे टीवी देख रही शिवानी का पास बैठ जाता है..उसका चेहरा अभी भी उतरा हुआ
था .... शिवानी उसे देखती है ..शशांक का चेहरा देख वो भाँप जाती है मामला कुछ गड़बड़ है...
पर उस ने उस समय कुछ कहना यह पूछना ठीक नहीं समझा ... उसका मन तो बहोत किया ..पर फिर उसके भैया के लिए प्यार और इज़्ज़त ने उसका मुँह बंद रखा ..वो समझती थी कि उसके पूछने से शशांक के ईगो को बहोत ठेस (चोट ) लगेगी ...
वो अंजान बनते हुए चहकति हुई कहती है .."उफ्फ भैया क्या इंट्रेस्टिंग सीरियल है ...तुम भी देखो ना.. " उसकी जाँघ पर हाथ मारती है...
उसकी इस हरकत पर शशांक झुंझला जाता है और कहता है " शिवानी ..क्या बच्पना है यार.. ऐसे सीरियल तुम्हें ही मुबारक....टीवी बंद करो और चलो ..मोम खाने को बोल रही हैं ..."
" भैया ..प्लीज़ मेरी सीरियल बस अब ख़त्म ही होनेवाली है ...तुम जाओ ना हाथ मुँह धो लो तब तक , मैं भी आती हूँ .."
"ठीक है बाबा मैं जाता हूँ ..यू आंड युवर सीरियल्स ..माइ फुट.."
शशांक उठता है जाने को , पर शिवानी उसके जाने के पहले उसके गाल चूम लेती है
" थॅंक्स माइ च्वीत च्वीत ब्रो.."
शशांक भून भुनाता हुआ उठता है " तू कभी नहीं सुधरेगी ...."
और शिवानी की गाल पर हल्की सी चपत लगाता हुआ वॉश लेने अपने बेड रूम में चला जाता है ...
पर शिवानी चौंक जाती है भैया के इस रवैय्ये से ....जिस जागेह उसने चपत लगाई वहाँ उसने अपनी हथेली से पोन्छा और और अपनी हथेली चूम ली ..भैया ने आज पहली बार उसके गाल चूमने पर प्यारी सी चपत लगाई थी ..वरना हमेशा बड़ी बेदर्दी से अपने गाल पोंछ लेते थे ....
शिवानी का चेहरा खील उठ ता है ...
तभी मोम की आवाज़ आती है " अरे कहाँ चले गये सब...मैने टेबल पर खाना लगा दिया है ..तुम लोग आ जाओ ,,मैं भी फ्रेश हो कर आती हूँ.."
शशांक भी तब तक वॉश ले चूका था ...और शिवानी का सीरियल भी उसे अगले एपिसोड में फिर मिलने का वादा करते हुए ख़त्म हो चूका था...
डाइनिंग टेबल पर दोनों मोम का इंतेज़ार करते हैं... !
|
|
08-08-2018, 11:59 AM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Maa Beti Chudai माँ का आँचल और बहन की लाज़
शशांक ने मन में ठान लिया था कि आज मोम को सब कुछ सॉफ सॉफ बता देगा ..उसकी नज़रों में उसका अपनी माँ के लिए आकर्षण कोई पाप नहीं था ..यह तो उसका प्यार था ...उसकी माँ से नहीं ..बल्कि एक सुंदर , सुगढ़ और सेक्सी औरत से ..जो उसकी माँ भी थी , पर एक औरत पहले ... माँ के आँचल को वो दाग भी नहीं लगने देगा ... अगर उसकी माँ की औरत ने उसे स्वीकार किया तो ठीक , वरना उसकी किस्मेत ...उस ने आज सर पर कफ़न बाँध लिया था ..चाहे इधर यह उधर ...
शशांक नपे तुले कदमों से मोम के कमरे में प्रवेश करता है...मोम बड़े सहज ढंग से अपनी नाइटी को अछी तरेह समेटे पलंग पर अढ़लेटी थी ..हमेशा की तरेह पीठ टीकाए और पैर सामने की ओर बड़े टरतीब से फैलाए ... उसकी इस सुगढ़ता में भी एक अलग ही आकर्षण था ...
शशांक उसके पैर के पास , चेहरा मोम की ओर किए चूप चाप बैठ जाता है ...
" अरे बेटा वहाँ उतनी दूर क्यूँ बैठा है...आ मेरे पास आ "...और शशांक को अपने बगल बिठा लेती है
" हां बोलिए मोम ..आप कुछ कहना चाहती थी ना..? " शशांक की आवाज़ में एक आत्म विश्वास था ..एक दृढ़ता थी ...शांति उसकी ऐसी आवाज़ से काफ़ी प्रभावीत होती है पर उसे आश्चर्य भी हुआ ..वो तो सोची थी बेचारा डरा सहमा सा होगा ...पर यह तो बिल्कुल निडर और बेधड़क है ....शांति ने सावधानी से काम लेने की सोची.
" अरे कुछ नहीं बेटा ..मैं देख रही हूँ तू आज बड़ा परेशान सा लग रहा था..खाना भी ठीक से नहीं खाया ... तबीयत तो ठीक है ना.? " शांति ने उस से पूछा .
" कुछ नहीं मोम ..मेरी तबीयत बिल्कुल ठीक है ... खाना मैने बिल्कुल पेट भर के खाया , और खाना तो बहोत टेस्टी था मोम....बल्कि आप बताइए आप की तबीयत ठीक है ना...आप के सर में दर्द था ..."
अब तक शशांक काफ़ी आश्वश्त हो चूका था और बड़ी कॉन्फिडॅंट्ली उस ने मोम को जवाब दिया ..
शांति को कुछ समझ में आ रहा था मामला उतना सीधा नहीं जितना वो समझती थी ..अगर शशांक उसे सिर्फ़ सेक्स की भावना से देखता होता तो उसके बात करने का लहज़ा इतना स्पष्ट और आत्मविश्वास से भरा नहीं होता ..बात कुछ और ही है ....पर फिर किचन में जो हादसा हुआ वो क्या था ? ..शांति सोच में पड़ गयी ..पर बात तो करना था ...शांति ने चूप्पि तोड़ी..
" हां शशांक अब मैं बिल्कुल ठीक हूँ ... तुम ने कितने प्यार से मेरा सर दबाया .... अच्छा यह बता तू हमेशा मेरी ओर एक टक क्या देखता रहता है बेटा ..मैं क्या कोई अजूबा हूँ ..?? " शांति ने अपने प्रश्न की दिशा को सही रास्ते पर मोड़ने की कोशिश करते हुए पूछा..
" हा हा हा !! मोम आप भी ना ..कैसी बातें करती हो....आप और अजूबा ..??? आप अजूबा नहीं मोम आप नायाब हो ...कम से कम मेरी नज़रों में .." शशांक ने बेधड़क जवाब दिया
" अच्छा नायाब ..? पर किस मामले में "
" हर मामले में.." उस ने फ़ौरन जवाब दिया ...
"फिर भी .... कुछ तो बता ना ...मेरी ईगो ज़रा बूस्ट होगी...." मोम ने उसे उकसाया ..
शशांक फिर हंस पड़ा मोम के ईगो वाली बात से ..." क्या क्या बताऊं मोम...आप की हर बात नायाब है..." शशांक ने मोम की आँखों में देखते हुए कहा ..
" अरे कुछ तो बता ना बेटा ..मैं भी तो सूनू ....प्लीज़ .." शांति ने " प्लीज़ " में काफ़ी ज़ोर देते हुए कहा ...
" ह्म्म्म्मम..ठीक है पहला नंबर तो आप की पर्सनॅलिटी का है ..कितना आकर्षक है ..अभी भी आप की फिगर इतनी अच्छी है...आप ने कितने अच्छे से अपने आप को मेनटेन कर रखा है...दूसरी बात आप की सुंदरता ..तीसरी बात आप हमेशा कितना खुश रहती हो ... आपके चेहरे पे हमेशा मुस्कुराहट रहती है ...चौथी बात आप की नाक ..कितनी शेप्ली है ... आप के चेहरे की सुंदरता को चार चाँद लगा देता है... पाँचवी बात ......"
" बस बस बस .....बाप रे बाप इतनी पैनी नज़र है तुम्हारी ...." शांति ने हंसते हुए शशांक के मुँह पर हाथ रख उसे चूप करती है ...."इतनी बात तो तेरे पापा ने भी नहीं बताई मुझे आज तक...."
" नहीं मोम ..अभी और भी सुनिए मैने यह सब बात आप को एक औरत की तरेह देख कर बताया ...आप . मेरे लिए सुंदरता की देवी हैं ...."
" ह्म्म्म..पर बेटा अगर तुम मुझे एक देवी की तरेह देखते हो तो फिर किचन में तुम ने अपनी देवी का अपमान कर दिया ना ..." शांति ने बड़ी टॅक्टफुली शशांक की ही बात पकड़ते हुए असली मुद्दे पर आ गयी ...
" हां मोम ..मैं समझता हूँ मुझ से बड़ी ग़लती हुई ....पर मैं क्या करूँ ..आप की पूरी पर्सनॅलिटी ऐसी है कि मुझे हर तरेह से प्रभावीत करती है...मेरा दिल , मेरा दिमाग़ ..मेरा एक एक अंग उस से प्रभावीत हो जाता है..आप एक संपूर्ण औरत हैं....और सब से बड़ी बात मैं आप से बेइंतहा प्यार करता हूँ ..बेइंतहा ...."
शशांक मोम की आँखों में झाँकता हुआ कहता है.. उसकी ओर एक तक देखता रहता है..बिना पलक झपकाए और फिर एक दम से चूप हो जाता है ..शांति भी उसके दो टुक जवाब से सन्न रह जाती है ...थोड़ी देर तक रूम में सन्नाटा छा जाता है....दोनों की धड़कनों की आवाज़ भी सॉफ सुनाई देती है....
शांति समझ जाती है कि मामला सही में उतना आसान नहीं था ... शशांक उस पर मर मिटा है ....यही बात अगर उस से किसी और ने कही होती ..तो यह उसके औरत होने की बहोत बड़ी उपलब्धी होती ...उसके औरत होने का कितना बड़ा सम्मान होता ..पर यही बात उसके बेटे के मुँह से ...उफफफ्फ़ ...मैं क्या करूँ ..शांति एक बड़े चक्रव्यूह में फँसी थी ..उसके चेहरे से परेशानी झलक उठती है ... वो उसे डाँट फटकार कर चूप कर सकती थी ..पर वो अब तक शशांक की बातों से जान गयी थी कि डाँटने से बात और भी बीगड़ सकती है ..कहीं शशांक कुछ कर ना बैठे ..उस पर जुनून सवार था अपनी मोम का ....
पर कुछ तो करना ही था ....
|
|
08-08-2018, 11:59 AM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Maa Beti Chudai माँ का आँचल और बहन की लाज़
शांति ने शशांक के चेहरे को अपने हाथों से थामते हुए अपनी ओर किया , उसकी आँखों में देखते हुए कहा ..
" पर बेटा मैं तुम्हारी माँ हूँ ..क्या कोई अपनी माँ से इस तरेह प्यार करता है..??."
शांति की आवाज़ में एक माँ की ममता , प्यार , दर्द और विवशता भरी थी .
" मैं जानता हूँ मोम ..पर मैने कहा ना आप के दो रूप हैं एक मोम का और दूसरा एक औरत का ...मैं आप की औरत से प्यार करता हूँ...... एक मर्द की तरेह ..मैं भी तो एक मर्द हूँ ना माँ "
शशांक की आवाज़ में कितना दर्द ,कितनी कशिश और तड़प थी शांति भी आखीर एक औरत थी , समझ सकती थी ..
जिस तरेह बिना किसी हिचकिचाहट ,बिना किसी रुकावट , जितने सॉफ सॉफ लफ़्ज़ों और जितनी सहजता से शशांक अपनी बात कहता जा रहा था..शांति दंग थी .. वो महसूस कर सकती थी कि शशांक जो भी कह रहा है....यह उसके दिल की गहराइयों से निकली आवाज़ है ..
शांति की मुश्किल बढ़ गयी थी ..वो बहोत बड़े पेश-ओ-पेश में थी ...
उसकी बातों ने उसे झकझोर दिया था ....
पर वो एक व्याहता औरत और माँ भी थी ...जो उसे इस हद तक जाने को रोक रहा था ...वो बहोत परेशान हो जाती है ....
" मोम तुम परेशान मत हो ..." शशांक शांति की परेशानी समझता था " देखो तुम यह मत समझना कि मुझ पर कोई जुनून सवार है ..बिल्कुल नहीं मोम..मैं पूरे होश-ओ-हवास में हूँ ...आप के लिए मेरा प्यार सिर्फ़ सेक्स नहीं ...एक पूजा है ...मैं आप की इज़्ज़त पर कभी भी आँच नहीं आने दूँगा .... आप मुझे एक औरत का प्यार नहीं दे सकतीं ..मत दीजिए ..पर मुझे मत रोकिए ....मेरी जिंदगी..मेरी शांति मेरा सब कुछ मत छीनिए प्लीज़ .....आप का प्यार मेरा सहारा है ....जब तक आप के अंदर की माँ आपके अंदर की औरत को इज़ाज़त नहीं देती ,,मैं आप को शर्मिंदगी का एक भी मौका नहीं दूँगा ...बिलीव मी ..एक भी मौका नहीं दूँगा ..पर मुझे कभी मत कहना कि मैं आप से प्यार नहीं करूँ ..कभी नहीं...आइ लव यू ..आइ लव यू ...मोम आइ लव यू .."
और वो फूट पड़ता है..उसकी आँखों से आँसू की धार बहती है .... फफक फफक के रोता है शशांक ..बच्चों की तरेह ..
शांति के अंदर की औरत शशांक की हालत पर रो पड़ती है ..इतना प्यार ..उफफफफफफफ्फ़ ..कितनी अभागन है यह औरत ....उसे ले नहीं सकती ..
पर एक माँ अपने बेटे की हालत पर बहोत दूखी हो जाती है .... उसे गले लगाती है .." मत रो बेटे , मत रो ..समय का इंतेज़ार करो बेटा ...समय बड़ा बलवान है .... सब ठीक करेगा "
दोनों माँ बेटे आँसू बहा रहे हैं ..बेटा अपने प्यार की मजबूरी पर ...माँ अपने बेटे की हालत पर..
और एक औरत बस मूक दर्शक है ..सन्न है.......क्योंकि शांति की औरत उसकी माँ और पत्नी की छवि के अंदर जाने कब से दबी पड़ी है ..कभी उठ पाएगी ...?????????
आज शशांक ने शांति की औरत की बेबसी और लाचारी को ललकार दिया था ...
शशांक अपने आँसू पोंछता है ... मोम के चेहरे को अपने हथेली से थामता है और उसके माथे को चूमता हुआ कहता है " मोम ...आप का आँचल मैला नहीं होगा ...विश्वास रखो ... " वो उठ ता है और बाहर निकल जाता है..
शांति के होश-ओ-हवस गूं हैं अपने बेटे का अपने पर प्यार देख .... कहाँ तो वो अपने बेटे को समझना चाहती थी पर वाह रे बेटा....उस ने तो उसे ही प्यार का पाठ समझा दिया अच्छी तारेह ...काश वो भी उसे प्यार कर पाती....काश.......
शांति को एक गाना याद आता है " ना उम्र की सीमा हो ना जन्म का हो बंधन ... जब प्यार करे कोई तो देखे केवल मन" कितना सटीक गाना था यह उसकी मजबूरी पर ......
तभी बाहर कार के हॉर्न की आवाज़ आती है ....शांति की तंद्रा भंग हो जाती है ...शायद शिव आ गये थे
वो बीस्तर से उठ ती है हाथ मुँह धो कर वापस आ जाती है एक पत्नी के रूप में ...
अपने पति का इंतेज़ार करती है....
|
|
08-08-2018, 12:05 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Maa Beti Chudai माँ का आँचल और बहन की लाज़
" बात तो तू पते की करती है......अब मेरी गुड़िया भी लगता है औरत बनती जा रही है..."
शशांक की इस बात से शिवानी की आँखों में चमक आ जाती है , और मन ही मन फिर सोचती है
" लगता है अब इस औरत को यह मर्द जल्दी ही अपनी बाहों में लेगा ...बस तू तैय्यार रह..."
" लो तू फिर कहाँ खो गयी शिवानी.... मोम सोचने पर मजबूर .हैं .? क्यूँ ..हाउ डू यू से दट ..?"
" अरे भोले भैया जब मोम तुम से गले लग रो रहीं थी उन्होने क्या कहा था ..???"
" क्या कहा था....? शिवानी मैं तो बस सिर्फ़ बोलता जा रहा था ..मुझे कुछ होश नहीं वो क्या बोल रही थीं..कुछ याद नहीं उन्होने क्या बोला ...बता ना प्लीज़ .."
शिवानी लेटे लेटे ही खीसकते हुए शशांक के बिल्कुल करीब आ जाती है और अपने हाथ उसके जांघों पर रखते हुए कहती है ..
" याद करो उन्होने कहा था ना ' बेटा समय बड़ा बलवान है ..सब ठीक करेगा ..??' .... "
" हां यार कहा तो था मोम ने " शशांक याद करते हुए बोलता है ..फिर अचानक उसे मोम की इस बात की गहराई समझ में आती है और वो खुशी से चिल्लाता हुआ बोल उठता है
" ...ओह गॉड..ओह गॉड...! ओह शिवानी ...मैं सही में कितना बेवकूफ़ हूँ ...कितनी बड़ी बात कही मोम ने .....शी नीड्स टाइम ....शी जस्ट वांट्स मी टू हॅव पेशियेन्स .... वेट आंड . ...उफ़फ्फ़ ..शिवानी मान गये यार तू सही में गुड़िया नहीं ...तू तो मेरी फ्रेंड , फिलॉसफर , गाइड है यार.....माइ बेस्ट फ्रेंड "
और वो अपनी कुर्सी से उठता हुआ शिवानी को गले लगा लेता है ..उसके गाल चूम लेता है ..बार बार गले लगाता है और गाल चूमता है ...और बोलता जाता है "उफफफफ्फ़ ,,इतनी सी बात मुझे समझ नहीं आई ..."
भैया के इस बादलव से शिवानी कांप उठ ती है ..उसका रोम रोम खुशी से झूम उठ ता है ....और भैया से लिपट ते हुए उसकी आँखों में झान्कति है और बोलती है
" भैया देखा ना समय कितना बलवान होता है..मैने भी वेट आंड . वाली पॉलिसी अपनाई ..और आज मेरी सब से प्यारी चीज़ मेरी बाहों में है ..बस तुम भी ऐसा ही करो .."
" यस शिवानी ...यस यस ..यू अरे सो राइट ..." शशांक भी उसकी आँखों के अंदर झाँकता हुआ कहता है.
शिवानी अपनी आँखें बंद किए शशांक के सीने पर अपना सर रखे.. उस पर हाथ फिराते हुए भर्राई आवाज़ में कहती है :
" बस भैया तुम भी वेट करो , बी पेशेंट ..मोम को टाइम दो .... "
शशांक शिवानी का चेहरा अपने हाथों से उपर उठाता है और कहता है
" हां शिवानी .."
थोड़ी देर उसे एक टक देखता है और फिर बोलता है
".तू जानती है तेरी नाक बिल्कुल मोम की जैसी है ..सो शेप्ली आंड सेक्सी.."
ऐसा बोलता हुआ वो उसकी नाक उंगलियों के बीच थामता हुआ प्यार से सहलाता है ....
" भैया और तुम जानते हो ना तुम जिस तरेह अपनी आँखें डालते हुए बातें करते हो , दुनिया की कोई भी औरत तुम पर मर मिटेगी .."
" मैं दुनिया की किसी औरत को नहीं जानता ..बस सिर्फ़ अपनी मोम को जानता हूँ और अब उसकी तरेह एक और भी है मेरी बाहों में ..बस उसे ..."
ऐसा बोलते हुए वो शिवानी को अपने सीने से चीपका लेता है और उसके होंठों को चूम लेता है ...
शिवानी कांप उठती है ... सीहर उठ ती है ....खुशी से पागल हो जाती है..आज उसे मन की मुराद मिल गयी ...
तभी बाहर किसी के चलने की आहट होती है ....पापा आ गये थे शायद ..
शिवानी फ़ौरन अपने को शशांक से अलग करती है ...बीस्तर से उठ ती है ..
और शशांक की ओर बड़ी हसरत भरी निगाहों से देखती हुई झूमते हुए..नाचते हुए कमरे से बाहर निकल जाती है .
शशांक बीस्तर पर नीढाल होता हुआ लेट जाता है ..हाथ पैर फैलाए
" उफ्फ क्या दिन था आज ... कितना कुछ हो गया..."
और सोचता हुआ आँखें बंद कर लेता है ....नींद उसे थपकी देती है , वो उसकी गोद में खो जाता है....
|
|
|