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RE: Indian Sex Story वक़्त के हाथों मजबूर
कॉलेज पहुँच कर वो अपनी क्लासस अटेंड करती है और दोपहर के बाद वो और निशा बिल्कुल फ्री हो जाती हैं और वो दोनो एक गार्डेन में चली जाती हैं.
निशा- बता मेरी जानेमन क्या हाल खबर हैं.
राधिका- यार मुझे तुझसे एक बात करनी है समझ में नही आ रहा कि तुझे कैसे बताऊ.
निशा- ओह........हो......... क्या बात हैं आज तो आपके तेवर कुछ बदले बदले से लग रहे हैं. कहिए जान क्या बात हैं.
राधिका-राधिका थोड़ी देर इधेर उधेर की बातें करती हैं फिर वो उसे कृष्णा भैया वाली सारी बातें बता देती हैं. लेकिन राहुल वाली बातें छुपा लेती है.
निशा- राधिका!!! आर यू मॅड!!!!!!!!!!!! क्या तुम पागल तो नही हो गयी हो. भला ये कैसी शर्त तूने अपने भैया से लगा दी. यार तू ऐसा कैसे कर सकती हैं. आइ कान'ट बिलीव.???
राधिका- लगता हैं जैसे मैने कोई बहुत बड़ी गुनाह कर दी हैं जो तू ऐसे बोल रही हैं.
निशा- बेवकूफी कहूँगी मैं इसे. जानती भी है अगर कृष्णा भैया शर्त जीत गये तो क्या ............ तू भला ऐसे कैसे कर सकती हैं.
राधिका- चिंता मत कर कुछ भी हो जाए निशा मैं खुद कभी अपने मूह से भैया से सेक्स करने को नही कहूँगी.
निशा- तू जानती नही हैं ये मर्द लोग बहुत पहुँची चीज़ होते हैं. खास कर तेरे भैया. ना जाने कितनी रंडिया के साथ अब तक सो चुके हैं.
राधिका- निशा माइंड युवर लॅंग्वेज. मुझे मेरे भैया के बारे में ये सब बातें बिल्कुल पसंद नही है. प्लीज़..............चुप हो जाओ.
निशा भी चुप हो जाती हैं. और कुछ देर तक गहरा विचार करती हैं.
निशा- एक बात कहना चाहूँगी राधिका ये जान ले कि अगर तू शर्त हार गयी और वो सब तू अपने भैया के साथ करेगी तो समाज़ में तेरी कितनी बदनामी होगी इसका तुझे अंदाज़ा भी है.. तेरे भैया पर तो कोई भी उंगली नही उठाएगा मगर तेरा जीना मुश्किल हो जाएगा. किस किस को तू जवाब देगी, कितनो का मूह बूँद करेगी. बता.....................
राधिका- मुझे इस समाज़ से कोई लेना देना नही हैं. मुझे बस अपने भैया की चिंता हैं. वो बस सुधर जाए अगर इसके बदले उन्हें मेरी इज़्ज़त भी दाँव पर लगानी पड़े तो मैं तैयार हूँ. और हां अगर भैया मेरे साथ सेक्स करने को बोलेंगे तो मैं उन्हें मना भी नही करूँगी.
निशा- मुझे समझ नही आ रहा कि तू ऐसा क्यों करना चाहती हैं. आख़िर क्या मिलेगा तुझे ये सब करके. क्यों तू अपनी जिंदगी दाँव पर लगा रही हैं.......
राधिका- निशा तू चिंता मत कर देख लेना एक दिन सब कुछ ठीक हो जाएगा मुझे पूरा विश्वास हैं.,राधिका मुस्कुरा देती हैं और निशा भी उसे गले लगा लेती हैं. और राधिका और निशा वापस घर चल देती हैं.
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जैसे ही राधिका घर आती हैं कृष्णा घर पर नही होता हैं. वो भी करीब 1 घंटे में वापस घर आ जाता हैं.
राधिका के लिए दो-धरी तलवार जैसी बात होने वाली थी. एक तरफ तो वो खुद कृष्णा भैया के हाथों में खुद को सौपना चाहती थी, वही दूसरी तरफ वो इकरार भी नही करना चाहती थी. पता नहीं क्यों पर कृष्णा भैया के करीब जाते ही वो एक दम मदहोश सी होने लगी थी. वो अपना सब कुछ भूल जाती थी. पता नही क्या बात थी उसके भैया में जो उसको बार बार उसके तरफ खींच रही थी.
राधिका- आरे भैया कहाँ गये थे आप आज इतनी देर कहाँ लगा दी.
कृष्णा- वो आज काम कुछ ज़्यादा था ना. इसलिए...
राधिका- आपको काम भी मिल गया क्या....
कृष्णा- हां जब मेहनत मज़दूरी ही करनी हैं तो काम की कमी हैं क्या. अगर बचपन में पढ़ लिख लिया होता तो ये मज़दूरी तो नही करनी पड़ती.
राधिका- एक दम से करीब चली जाती हैं और कृष्णा के हाथ को अपने हाथ में लेकर- भैया मुझे विश्वास ही नही हो रहा हैं कि आप मेरे लिए इतनी बदल सकते हैं. मैं आज बहुत खुस हूँ भैया. बोलो क्या सेवा करू आपकी.
कृष्णा- हां तो बस तू अपने मूह से हां बोल दे ना. मुझे समझ ले..................सब कुछ मिल जाएगा.
राधिका- भैया मैं आपको किसी भी चीज़ के लिए मना नही करूँगी. जो आपका दिल करे मेरे साथ कर लीजिए. और मैं आपको रोकूंगी भी नहीं. मगर मैं अपने मूह से खुद कभी नही कहूँगी. चाहे कुछ भी हो जाए..................
कृष्णा- अच्छा अगर यही तेरी ज़िद्द हैं तो मैं भी जब तक तेरे मूह से खुद ना कहलवा दूं मैं भी तेरे साथ सेक्स नहीं करूँगा. जब तू खुद आकर मेरे पास कहेगी तभी मैं तेरे साथ करूँगा.
राधिका- अच्छा आप मूह हाथ धो लीजिए मैं आपके लिए चाइ बना देती हूँ. और राधिका किचन में जाकर चाइ बनाने लगती हैं.
कृष्णा भी मूह हाथ धोकर किचन में राधिका के पीछे जाकर सॅट कर खड़ा हो जाता हैं. और राधिका चौक कर पीछे मुड़ती हैं.
राधिका- क्या है भैया आप वही बैठिए मैं चाइ लेकर आती हूँ.
कृष्णा- नही तुझे एक पल भी छोड़ने का दिल नही कर रहा. और फिर कृष्णा पीछे से राधिका के दोनो हाथों पर अपने दोनो हाथ रख देता हैं. और एक दम धीरे धीरे वो उंगली फेरना चालू कर देता हैं. राधिका की भी दिल की धड़कन एक दम तेज़ हो जाती हैं. और उखड़ी आवाज़ में बोलती हैं.
राधिका- भैया ..... मुझे कुछ....कुछ हो रहा है ...प्लीज़ आप ऐसे मत छुओ ...... ना मुझे.
कृष्णा- बताओ ना राधिका क्या हो रहा है तुम्हें. ज़रा मैं भी तो जानू.
राधिका- नही भैया मुझे शरम आ रही हैं. प्लीज़ मैं नही बता सकती. हटो मुझसे दूर ....
कृष्णा-अब जब तक तुम नही बताओगि तब तक ये हाथ नही रुकेंगे. और कृष्णा धीरे से अपनी गर्देन नीचे झुका कर राधिका की गर्देन पर अपने होठ रख देता है और धीरे से चूम लेता हैं. और राधिका एक दम सन्न रह जाती हैं.
राधिका अपनी आँखें धीरे से बंद कर लेती हैं और कृष्णा भी धीरे धीरे उसकी गर्देन से चूमता हुआ उसके कान तक पहुँच जाता हैं और राधिका के मूह से ज़ोर से सिसकारी निकल पड़ती हैं.
राधिका- आ.......हह.......प्लीज़ भैया, मुझे कुछ............ हो रहा हैं भैया.........प्लीज़ अब बस करो.........मैं मर जाउन्गि..........
कृष्णा- बोलो ना राधिका वही तो मैं जाना चाहता हूँ कि तुम्हें क्या हो रहा है.
राधिका कैसे बताए कि उसे क्या हो रहा था, लाख कोशिश करने के बाद भी उसके मूह से कोई शब्द बाहर ही नही निकल रहे थे. राधिका भी अब धीरे धीरे बहकती जा रही थी. अब धीरे धीरे उसके जिस्म से उसका कंट्रोल ख़तम हो रहा था. उसकी साँसें भी उखड़ने लगी थी. अगर ऐसे ही कुछ देर चलता रहा तो ...................
कृष्णा का भी हाथ धीरे धीरे राधिका के कंधे तक आ चुका था. और दूसरी तरफ वो राधिका के गर्देन को लगातार चूम रहा था. राधिका की भी आँखों में हवस सॉफ नज़र आ रही थी. मगर बहुत संघर्ष के बाद वो कृष्णा को अपने से दूर हटाने में सफल हो जाती हैं.
राधिका- लीजिए भैया चाइ बन गया. हटिए पीछे वरना चाइ गिर जाएगी.
तभी उसके घर का बेल बजती हैं .
कृष्णा जाकर डोर खोलता है. सामने उसका बाप (बिरजू) नशे में धुत था. वो लड़खड़ाते हुए घर के अंदर आता है और सोफे पर बैठ जाता है.
कृष्णा- कल रात तुम कहाँ थे बापू. रात भर घर नही आए.
बिरजू- अरे मैं वो बिहारी के वहाँ रुक गया था कल कुछ उसके वहाँ पार्टी थी,ना,. .......
बिरजू-और तू आज क्यों नही आया वहाँ पर. मालिक पूछ रहे थे तुझे.
कृष्णा- मुझे अब वहाँ उनकी गुलामी नही करनी है. अब मैं अपनी मेहनत मज़दूरी से इस घर को चलाउन्गा.
बिरजू- हंसते हुए.........ये तू कैसी बहकी बहकी बातें कर रहा है . तुझे क्या हो गया है कृष्णा .आरे वो ही हमारे माई बाप है.
कृष्णा- वो मैं नही जानता बस. अब मैं उसकी चौखट पर कदम नही रखूँगा.
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RE: Indian Sex Story वक़्त के हाथों मजबूर
राधिका- अच्छा तो अगर मैने तुम्हारा हाथ नही थामा तो तुम अब जबर्ज़स्ति पर उतर आओगे. क्या कर लोगे बताओ.
विजय- गुस्से से चिल्लाते हुए. साली तुझे अपनी खूबसूरती पर बहुत गरूर हैं ना.... देख लेना एक दिन तेरी इज़्ज़त सबके सामने ऐसा उतारूँगा कि साली दुनिया को मूह दिखाने के काबिल नही रहेगी...
राधिका का एक ज़ोरदार तमाचा विजय के गाल पर पड़ता हैं और उसका गाल एक दम लाल हो जाता हैं. उसके बाद फिर राधिका उसके दूसरे गाल पर एक ज़ोरदार तमाचा फिर से जड़ देती हैं.
राधिका- आपकी भलाई इसी में हैं कि आप यहाँ से फ़ौरन चले जाइए वरना मैं अभी राहुल को फोन करके तुम्हारी सारी करतूत बता दूँगी.
विजय- जा रहा हूँ राधिका, जा रहा हूँ. लेकिन याद रखना ये थप्पड़ तुझे बहुत भारी पड़ेगा. तेरा तो मैं वो हाल करूँगा कि जब तक तू जिएगी आपने आप को कोस्ती रहेगी , हमेशा भगवान से यही दुआ करेगी की भगवान मुझे मौत दे दे.
राधिका- गेट आउट, यू रास्कल, आइन्दा मेरे सामने दुबारा आए तो तेरा मूह नोच लूँगी.
और विजय तुरंत घर से बाहर निकाल जाता हैं.
विजय मन में बार बार राधिका से प्रतिशोध लेने को कर रहा था. उसकी ज़िंदगी में कभी किसी ने ऐसी बेइज़त्ती नही की थी. और उसने सोच लिया था चाहे कुछ भी हो जाए अब वो राधिका को नहीं छोड़ेगा.
राधिका का भी मूड ऑफ हो गया था. फिर वो जाकर बिस्तर पर लेट जाती हैं और सोचती हैं कि आज मेरी खूबसूरती ही मेरी दुश्मन बनती जा रही हैं. सब इंसान चाहते हैं कि मैं खूबसूरत दिखू, सब मुझे ही पसंद करे, पर मेरा तो जीना मुश्किल होता जा रहा है..
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वहाँ से दूर बिहारी की हवेली में.
बिहारी की उमर करीब 50 साल . मोटा और वजह करीब 90 किलो के आस पास. देखने में बहुत बदसूरत चेहरा, मूह में पान चबाते हुए वो अपनी सीढ़ी पर से नीचे उतरते हुए आता हैं. वैसे वो इस सहर का एमलए हैं तो उसकी पहुँच भी बहुत दूर तक थी. इस वजह से कोई भी उससे जल्दी दुश्मनी नही लेता था. जो भी उसके खिलाफ जाता या तो वो उसको गायब करवा देता या फिर जान से मरवा देता. आस पास उसके चम्चे काफ़ी थे. वो अक्सर उन्ही लोग से घिरा रहता था.
बिहारी- का रे ससुरा तेरा बिटवा क्यों नही आ रहा हैं दो दिन से . तबीयत तो नही खराब हो गयी उसकी.
बिरजू- मालिक !! ऐसी कोई बात नही हैं. बस उसका दिल नही लग रहा हैं शायद इसलिए.???
बिहारी- अरे बिरजू देख ना हमारा जूता पर धूल लग गया हैं, चल जल्दी से इसको सॉफ कर दे,
बिरजू- जी मालिक, और अपने कपड़े से ही वो बिहारी के जूते सॉफ करने लगता हैं.
बिहारी-कहीं ऐसा तो नही हैं कि तेरी बेटी के पल्लू में जाकर छुप गया वो , बिहारी हंसते हुए बोला.
बिरजू- मालिक ये आप क्या बोल रहे हैं. कृष्णा ऐसा नही हैं.
बिहारी- मैं जानता हूँ मगर राधिका तो ऐसी चीज़ हैं ना.कसम से क्या बेटी पैदा किया हैं तूने.
बिरजू- मालिक बस आप चुप हो जाइए मुझे मेरी बेटी के बारे में ये सब सुनना अच्छा नही लगता.
बिहारी- अरे तेरी बेटी की तारीफ ही तो कर रहा हूँ. खैर अभी क्या कर रही हैं वो.
बिरजू- जी मालिक अभी पढ़ रही हैं,
बिहारी- क्या करेगा उसको पढ़ा लिखा कर, कोई कलेक्टर वल्लेक्टोर तो नही बनाना हैं ना.बस ब्याह कर के अपने पति का बिस्तेर गरम करेगी और क्या??
बिरजू- मालिक, बस भी कीजिए,
बिहारी- मैं तो कहता हूँ बिरजू कि तू अपनी लड़की की शादी मुझसे करा दे, पूरी ज़िंदगी उसको रानी बनाके रखूँगा. किसी चीज़ की कमी भी नही होने दूँगा. देख मेरे पास क्या नही है आज. बड़े बड़े लोग मेरे पाँव छूते हैं और मेरे जैसे आदमी को तो कोई भी बाप अपनी बेटी देना चाहेगा, चिंता मत कर दहेज मैं बिल्कुल नही लूँगा बल्कि तुझे मैं पैसों से तौल दूँगा.
बिरजू- मालिक ये नहीं हो सकता, मैं राधिका से इस बारे में कभी बात नही कर सकता, वो पहले से ही मेरी वजह से दुखी है. अब मैं उसको और दुख नही दे सकता.
बिहारी- ठीक हैं कोई बात नहीं इस बारे में मैं खुद ही उससे बात करूँगा.
बिरजू- नही मालिक मेरी बेटी को आप बक्ष दीजिए. हम जैसे हैं उसी में खुस हैं. वो आपका प्रस्ताव कभी नही मानेगी.
बिहारी ज़ोर से एक लात बिरजू को मारता हैं औ वो वही दर्द से बैठ जाता हैं- कुत्ता कहीं का!!! मेरी ही ख़ाता है और मुझसे ही ज़ुबान लड़ाता हैं. अगर तेरी बेटी मेरी नही हुई तो मैं उसे और किसी की होने भी नही दूँगा. उसकी भलाई इसी में है कि मुझसे शादी करले, नही तो कल को तेरी बेटी किसी कोठे की शान ज़रूर बनेगी.
बिरजू- मालिक आप तो पहले से ही शादी शुदा हो. और राधिका तो आपके बेटी जैसी हैं. मालिक मुझे माफ़ कर दो.....
बिहारी- कुत्ता ,तू बहुत कमीना है रे, अगर तू इस वक़्त ज़िंदा है तो बस तू अपनी बेटी की वजह से वरना अब तक मैं तेरा यहाँ पर लाश बिछा दिया होता.
बिरजू- मालिक आपको जो मेरे साथ सुलूख करना है कर लीजिए पर मेरी बेटी को छोड़ दीजिए.
बिहारी- तेरी बेटी हैं ही ऐसी मैं क्या करू. कसम से वो एक नशा हैं. कभी ना ख़तम होने वाला एक नशा
बिरजू- मालिक आप सीधे कृष्णा से क्यों नही बात कर लेते. अगर वो चाहे तो ............... इतना बोलकर बिरजू चुप हो जाता हैं.
बिहारी अच्छे से जानता था कि कृष्णा से इस बारे में बात करना खुद से बग़ावत करने के बारबार हैं. क्यों कि राधिका के तरफ जो आँख उठा के एक बार देख ले तो उसकी आँखे निकाल लेगा. और बिहारी कृष्णा से बेवजह उलझना नही चाहता था. क्यों कि वो किसी के दबाव में नही रहता था. भले ही वो अपनी बेहन से कैसे भी पेश आता हो मगर राधिका की तरफ उठने वाले हाथ को वो ज़रूर तोड़ सकता था.कृष्णा को भी भनक थी कि बिहारी की नज़र उसकी बेहन पर हैं मगर आज तक उसे कोई पक्का सुबूत नही मिला था.इस वजह से वो चुप था.
वही दूसरी तरफ उसके बाप को कोई दुनियादारी से कोई मतलब नही था. उसे तो बस पीने से मतलब था. उसके लिए चाहे पैसे कहीं से मिले. इसी बात का बिहारी उससे हमेशा फायेदा उठाता था. इसी वजह से उसी के सामने वो अक्सर राधिका के बारे में बात करता रहता. लेकिन जब कृष्णा होता तो वो राधिका की बात ग़लती से भी नही निकालता.
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RE: Indian Sex Story वक़्त के हाथों मजबूर
वही दूसरी तरफ राधिका भी तैयार होकर राहुल से मिलने चली जाती हैं. अभी कुछ देर पहले उसके मोबाइल पर राहुल का फोन आया था. थोड़ी देर में वो दोनो एक गार्डेन में मिलते हैं.
राधिका- बोलो आज कैसे मुझे याद किया. आख़िर तुम्हें मेरी याद आ ही गयी. हर वक़्त काम और सिर्फ़ काम . काम से फ़ुर्सत मिलेगी तब तो मुझे याद करोगे ना.
राहुल- आइ आम सॉरी डियर पर क्या करू आज कल मैं बिल्कुल टाइम नही निकाल पाता. कैसे भी करके आज समय मिला हैं.
राधिका- अभी से ये हाल हैं तो शादी के बाद तो मुझे भूल ही जाओगे.
राहुल- मर जाउन्गा राधिका पर तुम्हें भूल जाउ ये कभी नही हो सकता.
राधिका- अच्छा चलो , बातें बनाना तो कोई तुमसे सीखे. राहुल मुझे तुम्हारा दोस्त विजय बिल्कुल भी अच्छा नही लगता तुम क्यों नही छोड़ देते उसका साथ.
राहुल- क्यों क्या हुआ?? कुछ प्राब्लम हैं क्या???
राधिका- कुछ प्राब्लम होगी तब ही उसका साथ छोड़ोगे क्या. मैं तुमसे पहले भी कह चुकी हूँ कि वो मुझे बिल्कुल पसंद नही.
राधिका वो सारी बातें (विजय के साथ ) राहुल को नही बताती हैं जो सुबह हुआ था.
राहुल- छोड़ो ना यार तुम भी क्या लेकर बैठ गयी. आज कुछ स्पेशल करें क्या.???
राधिका- अच्छा तो जनाब आज क्या स्पेशल करना चाहते हैं ज़रा मैं भी तो सुनू.
राहुल- सोच रहा हूँ कि आज किसी अच्छे से होटेल में चलते हैं.
राधिका- सच में!!! लेकिन तुम्हें तो वो सब बिल्कुल अच्छा नही लगता फिर आज कैसे मूड बदल गया.
राहुल- ओह गॉड!!! तुम नही सुधरोगी , मैं तो ये कह रहा हूँ कि चलो चल कर किसी अच्छे होटेल में खाना खाने चलते हैं और तुम कुछ और ही समझ रही हो.
राधिका- तो पूरी बात बोलनी थी ना, अब मेरे पर क्यों भड़क रहे हो.
राहुल और राधिका नज़दीक एक होटेल में चले जाते हैं और राधिका खाने का ऑर्डर करती हैं. थोड़ी देर में खाना आ जाता हैं और दोनो खाना खाते हैं.
राहुल- वैसे कल मैने छुट्टी ले ली हैं. कल मैं तुम्हारे साथ अपना पूरा वक़्त बिताना चाहता हूँ.
राधिका- सच में!!! वैसे कल क्या हैं.
राहुल- अरे कल मेरी जान का बर्तडे हैं तो कल हम आपका बर्तडे सेलेब्रेट करेंगे. इतना सुनते ही राधिका खुशी से उछल पड़ती हैं.
राधिका- राहुल तुम्हें मेरा बर्तडे कैसे मालूम तुम्हें किसने बताया.
राहुल- अरे जान, पोलीस वाला हूँ तुम्हारी हर बात की खबर रखता हूँ. बोलो खुस हो ना. अपना बर्तडे मेरे साथ सेलेब्रेट करोगी ना......
राधिका- हां राहुल मैं कल सुबह तुम्हारे घर आउन्गि. फिर हम दोनो मिलकर सेलेब्रेट करेंगे.
राहुल- बोलो क्या प्रेज़ेंट चाहिए. जो कहोगी दूँगा.
राधिका- मुझे बस तुम्हारा साथ चाहिए राहुल. मैं बस यही चाहता हूँ कि तुम मेरे साथ जिंदगी भर रहो. मेरे पास. मेरे दिल में, मेरी आत्मा में, मेरी धड़कन में. मैं अपने जिस्म के हर रोम रोम में तुम्हें बसा लेना चाहती हूँ. आइ लव यू राहुल.
राहुल- वो तो ठीक हैं पर प्रेज़ेंट क्या चाहिए.
राधिका जो तुम्हारा दिल करे दे देना.
और कुछ देर बाद राहुल बिल पे करता हैं और राधिका को घर ड्रॉप करता हैं. राधिका सच में बहुत खुस थी. आज उसे लगा कि उसे जानत मिल गयी है. घर आकर वो नहाने चली जाती हैं और फ्रेश होकर खाना बनाने लगती हैं.
शाम को उसके भैया घर आते हैं और मूह हाथ धोकर उसके नज़दीक जाते हैं. और फिर राधिका के कंधे पर अपने दोनो हाथ रखकर उसकी गर्देन पर चूम लेते हैं. राधिका का दिल फिर ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगता हैं.
राधिका- क्या भैया आप भी ना ,,,छोड़िए मुझे, आप तो दिन -ब-दिन बेशरम होते जा रहे हैं.
कृष्णा- अपनी बेहन के करीब ही तो हूँ. तो इसमें बेशरम की क्या बात हैं.
राधिका- भला कोई अपनी ही जवान बेहन के बदन को ऐसे छूता है क्या.आपको मालूम हैं ना आपके छूने से मेरे दिल पर क्या बीतति हैं.
कृष्णा- वही तो मैं जानना चाहता हूँ राधिका कि मेरे छूने से तुमको क्या होता हैं और कृष्णा धीरे धीरे अपने होंठ सरकाते हुए राधिका के कान से लेकर उसके लब तक पूरा चाटने लगता हैं.
राधिका भी अब धीरे धीरे बहकने लगती हैं. उसके निपल्स भी एक दम खड़े हो जाते है.
राधिका- बस करो भैया, मुझे कुछ हो रहा है मैं अब बर्दास्त नही कर पा रहीं हूँ.
कृष्णा-तो अपने मूह से एक बार बोल क्यों नही देती, जब तक तू नही बोलेगी मैं तुझे नही छोड़ूँगा.
राधिका- प्लीज़......... भैया क्यों मेरी जान लेने पर तुले हुए हो. भैया मैं बहक जाउन्गि प्लीज़.............
कृष्णा- मैं तो यही चाहता हूँ कि तू बहक जाए राधिका, पता नही क्यों तुझे देखकर तुझसे प्यार करने को जी चाहता हैं.
राधिका- तो मुझसे प्यार करो ना भैया मैने कब मना किया है, पर प्लीज़ ऐसे मत तडपाओ.
कृष्णा- जब तक तू अपने मूह से खुद नही कहेगी मैं तेरे साथ सेक्स नही करूँगा, ये कृष्णा की ज़ुबान हैं.................
राधिका- आख़िर मैने आपको पूरा छूट तो दे ही दी हैं आप चाहे तो मेरे पूरे जिस्म को छू सकते हैं, फिर ऐसा क्यों........
कृष्णा- तू नही समझेगी राधिका , जाने दे बस तू हां बोल दे बस .................
धीरे धीरे राधिका का भी जिस्म जवाब देता जा रहा था. उसे पता था ऐसे ही कुछ देर और चला तो वो अपना होश खो देगी और अपना सब कुछ भूलकर अपना जिस्म अपने भैया को सौप देगी.
लेकिन उसने ठान लिया था चाहे कुछ भी हो जाए वो अपनी वर्जीनीटी अपने राहुल को ही सौपेगी. क्यों कि वो राहुल से बे-इंतेहा प्यार करती थी और उसकी नज़रोमें में वो गिरना नही चाहती थी. इतना सोचकर वो कृष्णा भैया को अपने से दूर हटाने में सफल हो जाती हैं.
राधिका- बस भैया, रुक जाइए,अभी इसका सही समय नही आया हैं. जब वक़्त आएगा तो मैं खुद ही अपना जिस्म आपके हवाले कर दूँगी. ये राधिका का वादा हैं.
कृष्णा भी इतना सुनकर राधिका से दूर हट जाता हैं.
कृष्णा- मैं इंतेज़ार करूँगा राधिका. मुझे उस पल का बहुत बे-सबरी से इंतेज़ार रहेगा..
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09-01-2018, 11:50 AM,
(This post was last modified: 12-10-2023, 01:24 AM by desiaks.)
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RE: Indian Sex Story वक़्त के हाथों मजबूर
वक़्त के हाथों मजबूर--13
तारीख 1-4-2009
जब सुबह राधिका की आँख खुलती हैं तो सामने वो अपने भैया को देखकर चौंक जाती हैं. उसके भैया बिस्तर से एकदम सटे बैठे हुए थे. और राधिका के जागने का इंतेज़ार कर रहे थे.
राधिका-भैया आप इतनी सुबह , आप मेरे कमरे में क्या कर रहे हैं.
कृष्णा- हॅपी बर्तडे राधिका. और कृष्णा उसके पास जाकर उसके माथे को चूम लेता हैं.
राधिका- आपको मेरा जनमदिन याद था क्या भैया. सच में मैं बहुत खुस हूँ. और राधिका कृष्णा के गले लग जाती हैं.
कृष्णा वही पर एक गिफ्ट पॅक निकल कर राधिका को थामता हुआ कहता हैं- ये लो तुम्हारा प्रेज़ेंट.
राधिका- लगभग खुशी से चीखते हुए इसमें क्या हैं भैया.
कृष्णा- खुद ही खोल कर देख लो, शायद तुम्हें पसंद आए.
राधिका- ऐसा तो हो नही हो सकता कि आपका दिया गिफ्ट मुझे पसंद ना आए. और राधिका वो गिफ्ट पॅकेट खोल कर देखती हैं. जैसे ही वो गिफ्ट खोलती हैं वो खुशी से खिल उठती हैं.
गिफ्ट में एक कीमती साड़ी जिसका कलर लाल था, जो कि बहुत ही खूबसूरत लग रहा था. और एक ग्रीटिंग कार्ड भी था. राधिका ग्रीटिंग निकाल कर पढ़ती हैं तो उसमें कृष्णा का हॅपी विश लिखी होती हैं जिसे पढ़कर राधिका के आँख से खुशी के आँसू छलक पड़ते हैं.
राधिका- सच में भैया आज मैं बहुत खुस हूँ. मुझे आपका प्रेज़ेंट बहुत अच्छा लगा.
और कृष्णा भी मुस्कुरा देता हैं.
कृष्णा- मैं चाहता हूँ कि तू शाम को ये साड़ी मेरे लिए पहने. मैं तुम्हें इस साड़ी में देखना चाहता हूँ.
राधिका- ठीक हैं भैया मैं आपकी ख्वाहिश ज़रूर पूरी करूँगी. और फिर राधिका कृष्णा के एक बार फिर गले लग जाती हैं.
थोड़ी देर के बाद कृष्णा भी काम पर चला जाता हैं और राधिका भी झट से नहा धोकर तैयार होने लगती हैं. तभी उसका मोबाइल बजता हैं. फोन निशा का था. वो भी उसे हॅपी बर्तडे विश करती हैं और कुछ देर हाल चाल पूछकर फोन रख देती हैं. तभी फिर उसका मोबाइल पर कॉल आता हैं. इस बार फोन राहुल का था.
राहुल- मेरी जान हॅपी बर्तडे , मैं अभी थोड़ी देर में आ रहा हूँ तुम्हें लेने, तैयार रहना.
राधिका- तो जल्दी आओ ना, मैं भी कब से तुम्हारा वेट कर रही हूँ. और फिर वो फोन रख देती हैं.
थोड़े देर के बाद वो एक नया सूट पहन कर पूरी तरह से रेडी हो जाती हैं. कुछ ही मिनिट्स में राहुल भी आ जाता हैं.
राहुल उसे अपनी गाड़ी में बिठाकर उसे अपने घर की ओर ले जाता हैं. सुबह के 9 बज रहे थे इसलिए राहुल आज उसे पूरा समय देना चाहता था.
थोड़ी देर में वो दोनो राहुल के घर पहुँच जाते हैं. और राहुल के पीछे पीछे राधिका भी उसके घर में आ जाती हैं. घर पर रामू काका थे.
जैसे ही वो घर के अंदर पहुँची है वो घर को देखकर उसकी चेहरा खुशी से खिल उठता है. राहुल ने पूरे घर को सजाया हुआ था. जगह जगह बलून लगे हुए थे. कुल मिलाकर कमरा एक दम खूबसूरत लग रहा था.
राधिका- वॉट अ सर्प्राइज़ राहुल, मैने कभी सपने में भी नही सोचा था कि तुम मेरे लिए इतना सब कुछ..............
राहुल- तुम्हारे सिवा हैं की कौन मेरा जो मैं अब इतना भी नही कर सकता.
राधिका उसको अपने सीने से लगा लेती हैं. और अपना होन्ट राहुल के होंठ पर रखकर एक प्यारा सा किस देती है. आइ लव यू राहुल.वादा करो मेरा साथ तुम कभी नही छोड़ोगे .
राहुल- वादा करता हूँ राधिका ये हाथ मरते दम तक नही छोड़ूँगा. अब तो बस मुझे तुम्हारे लिए ही जीना हैं. तुमने ही तो मुझे जीना सिखाया हैं.
राधिका- मैं भी अब तुम्हारा साथ कभी नही छोड़ूँगी राहुल. चाहे कुछ भी हो जाए हमारा प्यार अब कभी कम नही होगा.
थोड़ी देर में वो नाश्ता करती हैं फिर राहुल राधिका को अपने गोद में उठाकर अपने रूम में ले जाता हैं.
राहुल- तुम्हारे लिए मैने कुछ प्रेज़ेंट भी लिया है, चलो चलकर दिखलाता हूँ.
राधिका- अब भी कुछ बाकी हैं क्या, इतना सब कुछ तो तुमने मुझे दिया ही हैं, अब क्या देने चाहते हो राहुल, जितना मैने सोचा था तुमने उससे कहीं ज़्यादा मुझे दिया है.
राहुल उसे एक बड़ा सा गिफ्ट पॅक देता हैं और राधिका को खोलने को बोलता हैं. वही पर एक बर्तडे केक भी रखा हुआ था कुछ देर में राधिका वो केक कटती हैं और फिर राहुल को अपने हाथों से खिलाती हैं.
राधिका फिर वो गिफ्ट पॅक खोलती हैं तो उसमें तीन साड़ी, और दो सूट थे. वो खुशी से राहुल को अपने गले लगा लेती हैं.
राधिका- इतने कपड़े खरीदने की क्या ज़रूरत थी राहुल, ये सब मुझे नही चाहिए राहुल. मुझे बस तुम्हारी ज़रूरत हैं.
राहुल- नही राधिका ऐसी बात नही हैं बस मेरा दिल किया ,और हां किसी के दिए गिफ्ट को मना नही करनी चाहिए.
राधिका- मुझे तुम्हारा गिफ्ट बहुत पसंद आया राहुल. आज का दिन मैं यादगार बनाना चाहती हूँ राहुल. हर एक पल मैं तुममें खोना चाहती हूँ.
राहुल- अब अपनी आँखें बंद करो मैं तुम्हें कुछ और भी देना चाहता हूँ.
राधिका भी चुप चाप अपनी आँखें बंद कर लेती हैं और राहुल अपने पॉकेट में से एक हीरे की अंगूठी निकालकर उसकी उंगली में पहना देता हैं. फिर वो उसे अपनी आँखें खोलने को बोलता हैं.
राधिका को तो जैसे विश्वास ही नही होता कि राहुल उसके लिए इतना सब कुछ कर सकता हैं. वो बस एक टक राहुल की आँखों में देखती रह जाती हैं.
राधिका भी उसके सीने से लग जाती हैं और फिर वो उसके लब चूम लेती हैं.
राधिका- मुझे तो विश्वास ही नही हो रहा हैं राहुल कि मेरा बर्तडे ऐसे भी कोई मुझे विश करेगा.
राधिका भी अब राहुल के करीब आती हैं और फिर धीरे से राहुल को बोलती हैं.
राधिका- मुझे और भी एक गिफ्ट चाहिए राहुल, बोले दोगे.
राहुल- अगर जान मग़ोगी तो भी दे दूँगा बोलो मेरी जान अब क्या चाहिए.
राधिका-राहुल अब मैं लड़की से औरत बनना चाहती हूँ. प्लीज़ मना मत करना मैं आज अपने आपको तुम्हारे हवाले करना चाहती हूँ. प्लीज़ राहुल मुझे पूरी तरह से अपना बना लो.
राहुल- ठीक हैं अगर यही तुम्हारी ख्वाहिश हैं तो आज मैं तुम्हें मना नही करूँगा. आज हमारा मिलन होगा,मगर जानती हो इसमें तुम्हें दर्द भी होगा, और मैं तुम्हारी आँखों में आँसू नही देख सकता.
राधिका- मैं तुम्हारी खातिर सब तकलीफें हंस कर सह लूँगी . मैं तैयार हूँ राहुल. मुझे बस तुम्हारा प्यार चाहिए.
थोड़ी देर मे राहुल बाहर चला जाता हैं और फिर आते वक्त वो अपने कमरे का दरवाजा बंद कर देता हैं. और राधिका के करीब चला जाता हैं.
अपने हाथ में एक लाल गुलाब लेकर राधिका को देता हैं और प्यार से कहता हैं आइ लव यू राधिका.
राहुल- विल यू लव मी???
राधिका एक दम से उसे अपने सीने से लगा लेती हैं और खुशी से उसके आँख से आँसू आ जाते हैं.
राधिका- अपनी जान से ज़्यादा तुम्हें चाहती हूँ राहुल, मर जाउन्गि मगर तुम्हारे उपर आँच तक नही आने दूँगी.
थोड़ी देर तक वो दोनो एक दूसरे की आँखों में देखते हैं और फिर राधिका और राहुल बेड पर जाकर बैठ जाते हैं.
राधिका- आओ राहुल मेरे एकदम करीब आओ ना, मुझे हमेशा हमेशा के लिए अपना बना लो.
राहुल भी धीरे से राधिका के करीब आता हैं और उसकी गर्देन को चूम लेता हैं और वो फिर फिर बहुत धीरे धीरे वो अपने होंठ और जीभ उसकी गर्देन पर फिराने लगता हैं. अब राधिका भी धीरे धीरे मदहोश होने लगती हैं. फिर वो अपने होंठो को राधिका के होंठो पर रख देता हैं और फिर धीरे धीरे चूसना चालू कर देता हैं. कुछ देर तक वो राधिका के उपर उसके होंठो को चूस्ता हैं फिर धीरे से नीचले होंठ को भी चूसना शुरू कर देता हैं.
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