09-10-2018, 02:38 PM,
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RE: Adult kahani पाप पुण्य
रिक्की चुपचाप टीवी देखने लगी. मैंने अब अगला स्टेप लिया.
मोनू: वैसे मैं रिशू से तुम्हारे बारे में ही बात करने आया था.
रिक्की: मेरे बारे में?
मोनू: हाँ तुम्हारे और तुम्हारे दोस्तों अंकुर और जय के बारे में.
रिक्की मेरी तरफ देखते हुए बोली “सॉरी भैया पर मैं इन दोनों लडको को सिर्फ जानती हूँ, ये मेरे दोस्त नहीं है.”
रिक्की की चूचियों को ललचाई नज़रों से देखते हुए मैं बोला, “तूम झूठ बोल रही हो रिक्की... मुझे तुम्हारे बारे में सब पता है इसलिए मैं रिशू से आज सब बात बता कर ही जाऊँगा.”
रिक्की को मुझ पर बहुत गुस्सा आया और रिक्की ने देखा कि मेरी आँखें उसकी चूचियों पे टिकी थीं.
रिक्की मोनू की और देखते हुए बोली, “क्या... क्या पता है भैया? मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है.”
मोनू रिक्की को वासना भरी नज़रों से देखते हुए बोला, “रिक्की तेरा चाल-चलन दिन-ब-दिन खराब हो रहा है, तू अवारा लड़कों के साथ घूमती है... तेरी कम्पनी भी अच्छे लड़के लड़कियों से नहीं है... इसलिए मुझे ये सब बाते रिशू और कामिनी आंटी को बतानी होंगी.”
रिक्की चौंक के मुझे देखते हुए सोचने लगी मोनू भैया को यह सब कैसे पता चला?
वो डरते हुए मोनू से बोली, “माना मैं लेक्चर बँक करती हूँ पर मेरा चाल-चलन क्या खराब है? सहेलियों के साथ कैन्टीन में होती हूँ मैं... कहीं घूमने नहीं जाती. प्लीज़ भैया... इतनी छोटी सी बात के लिए रिशू को क्यों बोल रहे हो?”
मोनू ने अब ज़रा गुस्से से रिक्की को देखा और रिक्की का हाथ पकड़के उसे खींचते हुए अपने पास बिठाते हुआ बोला, “इधर बैठ मेरे पास... रिक्की मैं तेरे बारे में सब जानता हूँ, मेरे मुँह से सुनेगी अपनी कहानी?”
अचानक खिसकने से रिक्की का स्कर्ट उठ गया. उसने जल्दी से अपना स्कर्ट ठीक किया पर तब तक मुझे रिक्की की गोरी जाँघों का दर्शन हो गया.
रिक्की ने अब घबराते हुए उठने की कोशिश करने लगी लेकिन मैंने उसे उठने नहीं दिया.
रिक्की अब ज़रा ऊँची आवाज़ में बोली, “वो अंकुर और जय की बात कर रहे हैं आप? यह अंकुर और जय की बहनें मेरी सहेलियाँ हैं... इसलिए कई बार उनसे मुलाकात होती है, बाकी जैसा आप सोच रहे हैं वैसा कुछ नहीं है.
मोनू रिक्की की कमर सहलाते हुए बोला, “अच्छा तो उन दोनों लड़कों की बहनें तेरी दोस्त हैं? अगर उनकी बहनें तेरी दोस्त हैं तो तू उन लड़कों के साथ कॉलेज कैन्टीन के पीछे हर दिन अकेली क्यों बैठी रहती है? तेरी सहेलियाँ क्यों नहीं होती तेरे साथ? क्योंकि अंकुर या जय की बहनें है ही नहीं. तू तो अंकुर और जय के साथ जाकर अपनी जवानी लुटाती है. क्यों रिक्की मैं सच कह रहा हूँ ना?
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RE: Adult kahani पाप पुण्य
रिक्की समझ गयी कि उसकी पोल खुल चुकी है. उसका सिर शरम से झुक गया.
रिक्की को चुप देख कर मैंने अपना हाथ उसकी टी शर्ट के अंदर डाल के उसके पेट को सहलाते हुए बोला, “रिक्की तू बोल क्या मैं झूठ बोल रहा हूँ.
रिक्की मुझे विनती करने लगी, “नहीं भैया पर प्लीज़ रिशू को मत बोलना. वो मम्मी पापा को बता देगा. आज के बाद मैं उन दोनों से कभी नहीं मिलूँगी”
मोनू: "तू ऐसी क्या गारंटी देती है कि तुझ पे मुझे भरोसा हो कि तू फिर से उन लड़कों पे अपनी जवानी नहीं लुटायेगी?”
रिक्की: “जो शर्त आप कहें, मैं आपका कोई भी कहना मानने को तैयार हूँ लेकिन रिशू और मम्मी को मत बोलना प्लीज."
मैंने रिक्की का चेहरा हल्के से सहलाते हुए उसे खड़ा किया और बोला, “ रिक्की साली बेवकूफ़ तू जितना अंकुर और जय के लिए करती है उतना तू मेरे लिए करेगी तो किसी से कुछ नहीं कहूँगा."
रिक्की सब समझती थी लेकिन उसे ऐसी उम्मीद नहीं थी. वो इतनी कनफ्यूज़ हो गयी कि उसने मेरा हाथ भी अपनी चूचियों से नहीं हटाया.
मैंने दोनों हाथों से रिक्की का स्कर्ट उठा के पैंटी पे हाथ घुमाते हुए कहा “एक मौका देता हूँ तुझे रिक्की... अगर तू अपना यह हुस्न हमें देगी तो जबान से एक शब्द भी नहीं निकालुँगा. अब तू बता तेरा क्या इरादा है? बोल साली?”
रिक्की को मोनू की भाषा सुन कर हैरानी हुई पर वो मोनू का मक्सद समझ गयी. वो थोड़ी पीछे हटी और बोली, “यह आप क्या कर रहे हो मेरे साथ? मुझे शरम आ रही है आपकी बातों से. आप जैसा बोल रहे हो वैसा कुछ नहीं होता अंकुर और जय के साथ मेरा. प्लीज़ मैं आपकी छोटी बहन की तरह हूँ?”
मैं रिक्की के पास आ के उसकी गर्दन पकड़ के उसे अपनी तरफ खींच के उसके गाल चूम लिए. फिर रिक्की के बदन को अपने से सटाता हुआ बोला, “साली तुझे मेरे मुँह से सुनना है ना कि वो दोनों तेरे साथ क्या-क्या करते हैं? चल अब बताता हूँ तुझे सब बात.”
रिक्की ने कुछ जवाब नहीं दिया और ना ही उसने मुझसे दूर हटने की कोशिश की. मैने उसकी चूचियों पे हाथ रखते हुए बोला, “ज़रा स्कर्ट उतार.”
रिक्की चौंकते हुए बोली, “नहीं भैया प्लीज़, यह क्या कह रहे हैं आप? मेरी स्कर्ट क्यों उतारने को बोल रहे हैं आप?”
मैंने रिक्की की चूचियों को मसलना ज़ारी रखा और बोला, “साली चुप-चाप खड़ी रह. नाटक मत कर और अपनी स्कर्ट उतार.”
रिक्की बिना कुछ जवाब दिए चुप-चाप खड़ी रही. मैंने उसका टी-शर्ट ऊपर किया और रिक्की के नंगे मम्मे देख के बहुत उत्तेजित हो गया. रिक्की के कच्चे आम जैसे कड़क मम्मे और ब्राउनिश गुलाबी निप्पल मुझे भा गए. फिर मोनू ने ही स्कर्ट के हुक खोले तो रिक्की का स्कर्ट पैरों में गिर गया. रिक्की आँखें बँद करके खड़ी थी और मोनू ने भी रिक्की के बदन से उसका टी- शर्ट हटा दिया. अब रिक्की सिर्फ़ एक लाल पैंटी और काले हाई हील के सैंडल पहने शरमाते हुए खड़ी थी.
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