09-20-2018, 02:28 PM,
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sexstories
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RE: Indian Sex Story वपरिवार हो तो ऐसा
तुम दोनो जल्दी से फ्रेश हो जाओ फिर हम सब एक साथ नाश्ता करेंगे... प्रीति ने राज और स्वीटी से कहा.. प्रीति पापा आ गये क्या... स्वीटी ने प्रीति से पूछा... हां आ गये और नाश्ते का ऑर्डर भी दे दिया अब जल्दी से रेडी हो जाओ जल्दी करो मुझे बहुत भूक लगी ... प्रीति ने जवाब दिया.. राज तुम रेडी होकेर पपाजी के रूम में आ जाओ हम सभी वहीं पर नाश्ता करेंगे.. मैं अपने रूम में जाकर फ्रेश हो लेती हूँ... स्वीटी ने कहा.. हां राज स्वीटी सही कह रही है.. प्रीति ने कहा... और दोनो राज के रूम से निकल कर अपने रूम में आ गयी...
कुछ ही देर बाद चारो मोहन के रूम में बैठे हुए नाश्ता कर रहे थे... आज का क्या प्रोग्राम है अंकल ---राज ने मोहन से पूछा . आज हम सब शॉपिंग करेंगे बाहर खाना खाएँगे और ढेर सारी मस्ती करेंगे मोहन ने जवाब दिया. ये तो बहुत ही बढ़िया है बहुत मज़ा आएगा ढेर सारी मस्ती मूवी म्यूजिक …... प्रीति और स्वीटी दोनो एक साथ बोल पड़ी और चहकने लगी. कब चलना है अंकल.... राज ने मोहन से पूछा. हम लगभग दो घंटे बाद चल्लेंगे तब तक मैं थोड़ा आराम करना चाहता हू.... मोहन ने कहा. तो ठीक है हम भी थोड़ा रेस्ट कर लेते हैं फिर ढेर सारी मस्ती होगी क्यूँ स्वीटी... प्रीति ने राज की ओर देखते हुए स्वीटी से कहा.. हाँ हाँ क्यू नही स्वीटी ने भी प्रीति के सुर मे सुर मिलाया... तब तक सभी नाश्ता भी कर चुके थे.. ओके तो मैं तो चलता हूँ कहकर राज उठकर अपने कमरे चला गया. हम चलते हैं स्वीटी प्रीति ने स्वीटी से कहा और वो दोनो भी अपने रूम में चली गयी.
दोस्तो अभी इस द्रस्य को यहीं छोड़ते हुए स्टोरी थोड़ा फ्लॅशबॅक में जा रही है राज, मोहन, स्वीटी और प्रीति के लंडन आने के बाद वहाँ क्या क्या हुआ ये समझने के लिए आइ होप आप को ये पसंद आएगा........
राज, मोहन, स्वीटी और प्रीति के लंडन जाने के बाद राज के घर पर सिर्फ़ दो लोग बचे थे राज के पापा देव और राज मम्मी वाशु(वाशुँढरा) और राज के अंकल के घर भी सिर्फ़ दो राज की चाची नेहा और राज की कज़िन शमा. राज, मोहन, स्वीटी और प्रीति के लंडन जाने के बाद वाशु ने नेहा और शमा कोअपने घर पर ही बुला लिया था रहने के लिए जिससे उन्हे अकेलापन फील ना हो और उनको भी कंपनी मिल जाए. अब घर पर सिर्फ़ एक मर्द देव और तीन औरते वाशु, नेहा और शमा ही थे. उसी शाम नेहा और शमा अपना समान लेकेर कुछ दिनो के लिए वाशु के घर रहने के लिए आ गयी. वाशु ने नेहा को गेस्ट रूम दे दिया रहने के लिए और शमा प्रीति के रूम मे शिफ्ट हो गयी.
देव, वाशु, नेहा और शमा रात को एक साथ डिन्नर करते हुए बातें कर रहे थे आज कितने सालों बाद नेहा वाशु के साथ रहने आए थे. परिवार और बच्चों की देखभाल के कारण नेहा और वाशु को साथ में रहने और रात गुजारने का बहुत कम वक्त मिलता था. दोनो को एक दूसरे के साथ बहुत अच्छा लगता था अभी कुछ टाइम पहले ही दोनो ने एक दूसरे के साथ मस्ती की थी और अब तो दोनो को कई रात साथ में गुजरने का मौका मिला था... बच्चो के बिना घर कितना सूना सूना लग रहा है ना .... वाशु ने नेहा की ओर देखते हुए कहा. आप सही कह रहीं है आंटी... मेरा तो मंन ही नही लग रहा है स्वीटी के बिना मुझे अब लगता है कि मुझे भी उनके साथ चले जाना चाहिए था..... शमा ने वाशु से कहा. उदास क्यूँ होती हो शमा हम सब हैं ना तुम्हारे साथ और कुछ दिनो की ही तो बात है तुम फिर साथ में होंगी.. देव ने शमा को दिलाषा देते हुए कहा.
आप सही कह रहें है भाई जी वैसे भी शमा ने खुद ही मना किया था जाने से राज प्रीति और स्वीटी ने बहुत कोसिस की थी के शमा भी उनके साथ जाए पर अब हो भी क्या सकता है... नेहा ने थोड़ा उदास होते हुए कहा. खैर जो होना था वो हो गया इससे ये तो अच्छा ही हुआ के हमे साथ मे कुछ वक्त गुजारने का मौका तो मिला... देव ने नेहा को उदास देखते हुए कहा. ये आपने बिल्कुल सही कहा देव वैसे भी हमे साथ में रहने को मिलता ही कहाँ है. वाशु ने नेहा की ओर देखते हुए कहा. नेहा भी वाशु का इशारा समझ रही थी पर वह बोली कुछ नही और इसी तरह से सबने खाना फिनिश किया और देव और शमा उठकर अपने अपने रूम में चले गये. वाशु झूठे बर्तनों को उठा कर रसोई में रखने लगी जिसमे नेहा उसका पूरा साथ दे रही थी दोनो ने जल्दी किचन की सफाई की और अपने अपने रूम में जाने लगीं कि तभी नेहा ने वाशु से कहा वाशु क्यूँ न तुम आज मेरे साथ मे ही सो जाओ.. ठीक है तुम चलो मैं चेंज करके और देव को बोलकेर आती हूँ ... वाशु ने नेहा से कहा और अपने रूम की ओर बढ़ गयी. नेहा भी अपने रूम में चली गयी. नेहा ने भी रूम में आकेर अपनी नाइट ड्रेस चेंज कर ली.
नेहा से बात करने के बाद वाशु अपने रूम में चली जाती है जहाँ देव पहले से ही मोजूद था जो पहले से ही अपने सारे कपड़े उतार कर अपने लंड को हाथ से सहला रहा था दरवाजे पर आहट सुनकर जल्दी से अपने उपर चादर ढक लेता है देव को लगा कहीं वाशु के साथ नेहा ना अंदर आ जाए उसको इस हालत में देख कर नेहा क्या सोचेगी मुझे ऐसा नही करना चाहिए था थोड़ा इंतज़ार करना चाहिए था सबके सोने का और वाशु के अंदर आने का इंतज़ार करना चाहिए था. देव ये सोच ही रहा था वाशु रूम में एंटर हुई..
वाशु को अकेली देखकर देव ने राहत की साँस ली.... नेहा अपने रूम में चली गयी... वाशु के अंदर आते ही देव ने पूछा.... हां और आज मैं ही नेहा के साथ ही सोउंगी बहुत दिनो के बाद ऐसा मौका मिला है. हमे साथ में रात एक साथ बिताने का... वाशु ने देव से कहा... तो इसका मतलब मुझे आज अकेले ही सोना पड़ेगा तुम्हारे बिना मुझे नींद कैसे आएगी.. देव ने थोड़ा उदास होते हुए कहा.... फिकर क्यों करते हो जानू कुछ ही दिनो की तो बात है हम फिर से एक साथ होंगे... वाशु ने देव के उदासी भरे चेहरे को देखते हुए कहा... और अपनी नाइटी ढूँढने लगी... देव अपने उपर पड़ी चादर को हटा कर खड़ा हो जाता है और वाशु के पास आकेर उसके पीछे खड़े होकेर अपने हाथों को वाशु की चूचियों पर रख देता है जो कबाड़ के सामने खड़ी अपने लिए नाइटी खोज रही थी...
अपने शरीर पर देव का स्पर्श पाकेर वाशु के शरीर में एक शन्सनि सी फैल जाती है उसकी चूत में चींटियाँ सी रेंगने लगती है आज सुबह से ही उसे अपनी चूत के साथ खेलने का मौका नही मिला था.... आहह ओह्ह .. क्या करते हो देव मुझे जाना होगा नेहा मेरा वेट कर रही होगी... वाशु ने मस्ती भरे स्वर में देव को आगाह किया... तो मैने कब मना किया है जाने को थोड़ी सी मस्ती करने के बाद चली जाना वैसे भी उसे पता है एक पति पत्नी क्या रहे होंगे... देव ने वाशु की चूचियों को मसल्ते हुए कहा. पर मैं नेहा को बोल कर आई हूँ कि मैं अभी आती हूँ वो वेट कर रही होगिइिईई इससे आगे कि वाशु कुछ बोलती देव ने वाशु को पलट कर उसके लबों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा... वशु भी तब तक पूरी गरम हो चुकी थी सब कुछ भूल कर वो भी देव का साथ देने लगी...
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