XXX Hindi Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
10-05-2018, 11:44 AM,
#61
RE: XXX Hindi Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
राधे अब मीरा के मम्मों को चूसने लगा था और स्पीड से झटके मारने लगा था।
मीरा- आह आईईइ.. तुम बहुत गंदे हो आओह्ह.. छोड़ो मुझे.. आह्ह.. नहीं ओह्ह.. आह्ह..
मीरा गाण्ड हिला-हिला कर चुदने लगी और बस झूट-मूट का नाटक करने लगी कि छोड़ो.. मुझे नहीं चुदना.. मगर इतना कड़क लौड़ा.. वो भी सुबह-सुबह.. चूत में घुसा हो.. शायद ही कोई पत्नी होगी.. जो चुदाई से इनकार करे.. क्योंकि इतनी सुबह चुदाई का मज़ा दुगुना हो जाता है..
राधे का लौड़ा ‘घपा-घप’ अन्दर-बाहर होने लगा और मीरा भी पूरे मजे लेकर चुदने लगी।
करीब 15 मिनट के घमासान युद्ध के बाद दोनों ढेर हो गए.. ये पता नहीं चला कि कौन किस पर भारी पड़ा.. मगर अंत तो दोनों का एक ही हुआ.. दोनों ठंडे पड़ गए।
कुछ देर दोनों एक-दूसरे की बाँहों में रहे.. उसके बाद मीरा के कहने पर राधे फ्रेश होने चला गया।
मीरा ने चाय बनाई और दोनों एक साथ बैठ कर चाय पीने लगे।
मीरा- राधे.. कल शायद पापा आ जाएँगे तब हम खुल कर मज़ा नहीं ले पाएँगे।
राधे- कुछ ना कुछ कर लेंगे हम.. मगर एक बात समझ में नहीं आई.. पापा को गए आज 4 दिन हो गए.. ऐसा क्या काम करने गए हैं पापा.. और कहाँ गए हैं?
मीरा- जब भी पापा का फ़ोन आता है.. तुमसे ज़्यादा बात करते हैं.. तुम खुद उनसे क्यों नहीं पूछ लेते.. आख़िर तुम उनकी बड़ी बेटी और दामाद हो.. हा हा हा हा..
राधे- मजाक मत कर यार.. बता ना.. पापा का फ़ोन आता है.. तब मैं घबरा जाता हूँ.. उनसे ठीक से बात कहाँ हो पाती है.. इसी लिए तो फ़ोन को तुम्हें पकड़ा देता हूँ।
मीरा- अरे मेरे आशिक.. वहाँ पापा पैसे लाने के लिए जाते हैं.. उनका अपना काम्प्लेक्स है.. जो पापा ने किसी दोस्त को चलाने दिया है.. हर महीने वहाँ जाते हैं और कुछ दिन वहाँ रुक कर आते हैं.. कई बार मैं भी उनके साथ वहाँ गई हूँ।
राधे- ओह्ह.. ये बात है.. तभी सोचूँ.. पापा क्या करने गए होंगे..
मीरा- अब ज़्यादा सोचो मत और चाय पी लो.. ठंडी हो जाएगी.. वैसे भी पापा उस काम्प्लेक्स को बेचने वाले हैं.. कहते हैं अब उमर हो गई है.. तो ज़्यादा घूमना-फिरना उनसे नहीं होता.. सब बेच कर पैसा बैंक में डाल देंगे.. ताकि उनको ज़्यादा भाग-दौड़ ना करनी पड़े।
राधे- अरे मैं हूँ ना.. अब सब संभाल लूँगा.. पापा को चिंता किस बात की यार?
मीरा- तुम उनकी बेटी हो.. समझे.. अब तक दामाद वाली बात उनको पता नहीं है…
राधे को अपनी ग़लती का अहसास हुआ- सॉरी.. भूल गया था.. यार मगर एक ना एक दिन तो उनको सच बताना ही होगा ना..
मीरा- वो दिन जब आएगा.. तब देखेंगे.. अभी बातें बन्द करो और मुझे चाय पीने दो..
वो दोनों काफ़ी देर तक वहीं बैठे बातें करते रहे।
राधे ने कहा- तुम पढ़ाई करो.. मैं थोड़ा बाहर खुली हवा में घूम कर आता हूँ..
राधे के जाने के बाद मीरा पढ़ाई में लग गई.. सुबह के 7 बजे ममता भी आ गई और मीरा को देख कर बड़ी खुश हुई।
ममता ने आज मेहंदी कलर की शादी पहनी हुई थी.. वो उस साड़ी में बहुत प्यारी लग रही थी।
ममता- क्या बात है बीबी जी.. आज जल्दी उठ गई.. या साहब जी ने पूरी रात जगा कर रखा है.. हा हा हा..
मीरा- तेरी तरह नहीं हूँ.. जो रात भर जगूंगी.. अभी उठी हूँ और मुझे तेरे कल के सारे खेल का पता है।
ममता- क्या बीबी जी.. मैं तो मजाक कर रही थी.. आप गुस्सा हो गईं..
मीरा- मैं भी मजाक ही कर रही थी.. हा हा हा.. चाल जल्दी से नास्ता बना.. मुझे स्कूल भी जाना है।
ममता- साहब उठे नहीं क्या.. पहले उनको उठा दूँ..
मीरा- ओ साहब की गुलाम.. वो बाहर गए हैं.. चल जल्दी कर..
ममता नाश्ता बनाने में लग गई और मीरा रेडी होने कमरे में चली गई। उसकी चाल में थोड़ा फ़र्क आ गया था और आएगा क्यों नहीं.. रात को 8″ का डंडा जो गाण्ड में गया था..
जब मीरा चल रही थी तो ममता ने उसे पीछे से देखा और वो एक पल में समझ गई कि माजरा क्या है।
ममता- ही ही बीबीजी.. आपकी चाल को क्या हो गया.. कहीं साहब ने रात को पीछे डाल दिया क्या?
मीरा- बड़ी बेशर्म है तू.. सीधे ही कुछ भी बोल देती है.. अब तुझे कौन सा बाकी छोड़ देंगे आज.. तेरी चाल भी बिगड़ने वाली है।
ममता- ना ना बीबी जी.. मैं तो गाण्ड नहीं मरवाने वाली.. कल आगे डाला तो पैर घूम गए.. पीछे तो पता नहीं कितना दर्द होगा?
मीरा- अरे डरती क्यों है.. कुछ नहीं होगा.. मुझे देख.. मैं मर गई क्या?
ममता- बीबी जी आपने तो बहुत बादाम-पिस्ता खाए हैं.. आप में तो ताक़त है.. मुझमें इतनी कहाँ.. जो इतना बड़ा लंड ले सकूँ..
मीरा- उसका नाम राधे है.. समझी वो कब तुम्हें मना लेगा.. तुम खुद नहीं समझ पाओगी.. अब चलो मुझे नाश्ता दो.. देर हो रही है.. उसके बाद तुम अपने काम जल्दी कर लेना.. राधे बाहर से आता ही होगा..
दोनों एक-दूसरे को छेड़ रही थीं.. मीरा स्कूल चली गई और ममता अपने काम में लग गई।
करीब 9 बजे राधे घर आया तो ममता उसको देख कर मुस्कुराई।
राधे- अरे वाह.. ममता रानी आज तो बड़ी क़यामत दिख रही हो.. क्या इरादा है मेरी जान?
ममता- इरादा तो नेक ही है मेरे राजा जी.. आप कहाँ घूम आए सुबह-सुबह.. और ये लड़की बनकर ज़्यादा बाहर मत निकला करो.. कहीं कोई लौंडा पीछे पड़ गया तो.. हा हा हा…
राधे- अच्छा.. हमसे मजाक.. साला कोई पीछे आए तो सही.. उसकी गाण्ड में लौड़ा घुसा कर नानी याद दिला दूँगा।
ममता- अरे बाप रे रात को मीरा बीबी जी से मन नहीं भरा क्या.. जो सुबह-सुबह गाण्ड मारने की बात कर रहे हो.. आज कहीं मेरी भी गाण्ड तो नहीं मारोगे मेरे राजा?
राधे- बिल्कुल ठीक समझी तू.. कल पापा आ जाएँगे.. तो ये चीखना-चिल्लाना होगा नहीं.. इसी लिए रात को मीरा की गाण्ड मारी.. अभी तुम्हारी मारूँगा.. उसके बाद तो कभी भी कहीं भी तुम दोनों की ठुकाई कर सकता हूँ। चलो.. मैं पहले थोड़ा फ्रेश हो जाता हूँ.. उसके बाद दोपहर तक तेरी ठुकाई करूँगा..
ममता- नहीं राजा… मुझे बच्चा चाहिए और गाण्ड मरवाने से बच्चा नहीं होगा.. आप तो मेरी चूत की प्यास ही मिटा दो बस..
राधे- अरे ममता रानी.. बच्चा ना चूत मारने से होता है.. ना गाण्ड मारने से.. बच्चा तो होता है वीर्य से.. जो मैं तेरी चूत में ही डालूँगा.. समझी.. चल अब कमरे में आ जा.. फ्रेश होने का प्लान कैंसिल.. अब तो तेरी गाण्ड मारकर ही सुकून आएगा..
ममता- आप मानोगे तो है नहीं.. तो चलो मैं भी कहाँ डरने वाली हूँ.. आज गाण्ड भी आपके नाम कर देती हूँ।
Reply
10-05-2018, 11:44 AM,
#62
RE: XXX Hindi Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
दोनों कमरे में चले गए.. राधे ने जाते ही अपने कपड़े निकाल फेंके.. उसका लौड़ा आधा खड़ा था।
ममता- हाय कैसा मस्त लौड़ा है.. कितनी चुदाई करता है.. फिर भी पूरा कभी नहीं मुरझाता.. जब देखो चोदने के लिए तैयार ही रहता है..
राधे बिस्तर पर लेट गया और ममता से कहा कि नंगी होकर आ जाओ.. आज वो थका हुआ है.. तो उसको थोड़ा मसाज चाहिए.. उसके बाद वो चुदाई करेगा।
ममता नंगी होकर बिस्तर पर राधे के बदन को दबाने लगी.. बीच-बीच में लौड़े को सहलाती.. कभी चूम लेती.. राधे का लौड़ा धीरे-धीरे खड़ा होने लगा.. ममता से रहा नहीं गया.. तो वो लौड़े को चूसने लगी।
राधे- आह्ह.. साली.. तू नहीं मानेगी.. आह्ह.. चूस.. मैंने सोचा.. आह्ह.. थोड़ा रेस्ट कर लूँ.. मगर तेरी चूत में आग लगी है.. चूस.. पहले तेरी चूत को ठंडा करूँगा.. उसके बाद गाण्ड मारूँगा.. आह्ह.. तू भी क्या याद करेगी कि किसी मर्द से पाला पड़ा है..
ममता ने लंड को चूस कर गीला कर दिया और खुद वो लौड़े को चूसते-चूसते ही गर्म हो गई। राधे कुछ बोलता.. इसके पहले ममता राधे के ऊपर आई और लंड को चूत पर सैट करके बैठ गई.. ‘पक्क’ की आवाज़ के साथ लौड़ा अन्दर घुस गया।
राधे- आह्ह.. क्या बात है.. बड़ी आग लगी है तेरी चूत में.. सीधे ही लौड़ा घुसा लिया.. मुझे थोड़ा चूसने तो देती मेरी जान..
ममता- आह्ह.. अइ.. कल जब से इधर से गई हूँ.. आह्ह.. तब से चूत में आग लगी हुई है.. आह्ह.. कल की रात बड़ी मुश्किल से कटी है.. मैंने.. आह्ह.. छोड़ो ये सब.. आह्ह.. मिटा दो मेरी चूत की प्यास को।
राधे नीचे से झटके मारने लगा और ममता लौड़े पर कूदती रही। करीब 35 मिनट तक राधे पोज़ बदल-बदल कर ममता को चोदता रहा। ममता दो बार झड़ चुकी थी.. मगर राधे अब भी उसको घोड़ी बना कर धकापेल चोद रहा था। उसकी गुलाबी गाण्ड देख कर राधे को और जोश आ गया। अब वो स्पीड से चुदाई करने लगा और पूरा लंड रस चूत में भर दिया।
राधे ने ममता की चूत का हाल-बेहाल कर दिया था.. अब दोनों पास-पास लेटे हुए लंबी साँसे ले रहे थे।
दस मिनट तक दोनों वैसे ही पड़े रहे.. उसके बाद राधे ने कहा कि अब दोनों साथ में नहा कर मज़ा लेते हैं.. उसके बाद गाण्ड मराई की रस्म पूरी करेंगे।
दोनों ही खड़े हुए और नहाने चले गए।
लो दोस्तो, सॉरी इस बार की चुदाई जल्दी में बता दी मैंने.. अब रोज-रोज एक ही चीज को लंबा लेना ठीक नहीं.. हाँ गाण्ड मराई की रस्म में आपको पूरा मज़ा मिलेगा। इनको नहा लेने दो.. हम स्कूल चलते हैं.. अरे नहीं यार.. पढ़ने नहीं ले जा रही.. रोमा के पास ले जा रही हूँ.. समझते नहीं हो बात को..
स्कूल में रोमा और टीना पास में बैठी थीं और धीरे-धीरे बातें कर रही थीं।
टीना- यार रोमा.. तू कल से मुझसे नज़रें क्यों चुरा रही है.. ठीक से बात क्यों नहीं कर रही?
रोमा- अरे कहाँ नज़रें चुरा रही हूँ.. बात कर तो रही हूँ ना..
टीना- अच्छा.. तो बता.. कल कहाँ गई थीं.. ऐसा क्या काम था.. जो स्कूल से भागना पड़ा?
रोमा- अरे यार.. जरूरी तो नहीं ना.. कि तुझे सब बात बताऊँ..
टीना- हाँ जरूरी है.. हम अच्छे दोस्त हैं और दोस्तों की बीच कोई बात छुपी नहीं रहती है।
रोमा- यार मैंने कब मना किया है.. समय आने पर बता दूँगी ना.. प्लीज़ तू मेरी अच्छी दोस्त है ना.. मेरी कुछ मजबूरी है.. समझो बात को..
टीना- देख रोमा.. ये तो मैं नहीं जानती कि तेरे दिमाग़ में क्या चल रहा है.. मगर एक बात याद रखना.. कुछ ऐसा मत करना.. जिससे बाद में पछताना पड़े..
रोमा- अरे तू कहाँ से कहाँ चली गई.. मैंने ऐसा कुछ नहीं किया.. ओके.. चल अब क्लास का समय हो गया..
टीना के दिल में बहुत से सवाल घूम रहे थे.. मगर वो रोमा को ज़्यादा परेशान नहीं करना चाहती थी। वो उसके साथ क्लास में चली गई।
दोस्तो, नए रिस्ते बनाना अच्छी बात है.. मगर जब आपका नया रिश्ता.. आपको मजबूर कर दे.. तो समझ लो.. ये किसी अनहोनी का अंदेशा है.. क्योंकि आपको मजबूर करके कोई आपका फायदा उठा रहा है.. तो प्लीज़ दोस्तो.. ऐसे रिश्तों से बचो.. चलो मैं भी क्या ज्ञान देने लग गई.. आओ राधे के पास चलते हैं।
ममता मजे से राधे के लौड़े को चूस रही थी और राधे आँखें बंद किए पड़ा हुआ था।
राधे- ओह्ह.. ममता रानी.. चूस आ.. एकदम गीला कर दे.. सुपाड़े को.. ताकि तेरी गाण्ड में आराम से चला जाए..
ममता- लो हो गया गीला.. मेरे राजा जी.. अब घुसा दो लौड़ा मेरी गाण्ड में..
राधे- हाए मेरी किस्मत क्या मस्त है.. रात को मीरा की कुँवारी गाण्ड मिली.. अब तेरी गाण्ड मुहूर्त करवाने के लिए मिल गई.. आह्ह.. आज तो थूक लगा कर ऐसा चोदूँगा कि याद करेगी मेरे लौड़े को..
ममता- आह्ह.. अब घुसा भी दो न.. मेरे राजा.. कब से बोले जा रहे हो.. लो मैंने गाण्ड भी खोल दी है..
ममता घोड़ी बन गई और अपने हाथों से गाण्ड के छेद को खोल दिया था उसने… जिसे देख कर राधे खुश हो गया और उसने ममता की गाण्ड पर अच्छे से थूक लगा कर अपने लौड़े को भी चिकना कर लिया।
राधे ने लौड़े को छेद पर रखा और ज़ोर से धक्का मारा..
ममता- ओई.. मर गई रे एयेए..
राधे- क्यों ममता रानी.. अभी तो आधा लौड़ा गाण्ड में गया और तू चिल्लाने लगी.. अभी देख.. कैसे पूरा लौड़ा एक ही बार में अन्दर घुसता हूँ.. तब चीखना.. जितना मन करे..
ममता- आह्ह.. ओई.. इतने बेदर्द मत बनो.. मेरे राजा.. आह्ह.. आराम से भी तो डाल सकते हो.. आह्ह.. मीरा की गाण्ड भी ऐसे ही मारी थी क्या… आह्ह..
राधे- नहीं जानेमन उसकी गाण्ड तो बड़े प्यार से घी लगा कर मारी थी.. मगर मेरा दिल था कि तेरी गाण्ड मारने के समय में जंगली बन जाऊँ और तेरी गाण्ड को फाड़ दूँ।
Reply
10-05-2018, 11:45 AM,
#63
RE: XXX Hindi Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
राधे- नहीं जानेमन उसकी गाण्ड तो बड़े प्यार से घी लगा कर मारी थी.. मगर मेरा दिल था कि तेरी गाण्ड मारने के समय में जंगली बन जाऊँ और तेरी गाण्ड को फाड़ दूँ।
ममता दर्द के मारे कराह रही थी.. तभी राधे ने एक और झटका मारा और पूरा लौड़ा गाण्ड की घाटी में घुस गया।
ममता- आह… आईईइ उई.. नहीं.. आह्ह.. बहुत दर्द.. आह्ह.. हो रहा है… उईई उइ.. रूको.. आह्ह.. निकाल लो.. आह्ह.. उइई..
ममता दर्द के मारे आगे को सरकना चाहती थी.. मगर राधे ने मजबूती से उसकी कमर को पकड़ रखा था।
राधे- आह्ह.. मज़ा आ गया.. साली क्या मस्त गाण्ड है तेरी.. आह्ह.. बहुत टाइट है.. ले आह्ह.. संभाल आह्ह..
ममता- उइई.. आह.. नहीं ओह्ह.. मर गई रे.. आह्ह.. उफ़..
पन्द्रह मिनट तक राधे दे पटापट.. दे पटापट.. ममता की गाण्ड को पेलता रहा और ममता कराहती रही। 
अब लौड़ा गाण्ड में अपनी जगह बराबर बना चुका था। ममता को थोड़ा दर्द कम हो गया था.. अब वो भी उत्तेजित हो गई थी। वो कूल्हे हिला कर गाण्ड मरवाने लगी थी।
दस मिनट तक और राधे उसको चोदता रहा और आख़िर उसका लौड़ा गाण्ड की गहराई में झड़ गया।
राधे ने जल्दी से लौड़ा बाहर निकाल लिया.. ममता को सीधा किया और उसके मुँह में लौड़ा घुसा दिया।
राधे- चूस ममता रानी.. आह्ह.. आख़िरी बूँद तक चाट ले लौड़े को.. आह्ह.. आज मज़ा आ गया.. तेरी गाण्ड बहुत टाइट थी रे… आह्ह.. एक बार और मारूँगा.. तब सुकून आएगा आह्ह..
ममता ने लौड़े को चाट कर साफ कर दिया और बेहाल सी होकर बिस्तर पर लेट गई। उसकी साँसें तेज़ी से चल रही थीं.. जैसे मीलों भाग कर आई हो।
राधे- क्या हुआ ममता रानी.. थक गईं क्या.. या मज़ा नहीं आया?
ममता- आप थकने की बात करते हो.. आह्ह.. मेरी तो जान निकल गई.. उफ़.. गाण्ड का हाल बिगड़ गया।
राधे- मेरी ममता.. शुरू में तो दर्द होता ही है.. तेरे को बाद में मज़ा आएगा ना..
ममता- अच्छा रात को मीरा को तो बड़े प्यार से घी लगा कर चोदा और मुझे इतना दर्द देकर.. ऐसी नाइंसाफी क्यों की आपने?
राधे- अरे मेरी ममता रानी.. मीरा अभी छोटी है.. उसको ज़्यादा तड़पाना ठीक नहीं.. तुम तो शादीशुदा हो.. तुम्हारी चाल बिगड़ भी गई तो कोई शक नहीं करेगा.. मगर ममता तो स्कूल जाती है.. उसको कैसे दर्द दे सकता हूँ।
ममता- ठीक है.. ठीक है.. मगर आपने पानी को गाण्ड में क्यों निकाल दिया.. उससे तो बच्चा कभी नहीं होगा।
राधे- मेरी जान.. हर बार पानी चूत में जाए.. ये कोई जरूरी नहीं.. मेरे ख्याल से पहली बार.. जो गया.. वो काफ़ी है.. एक महीने बाद पता चल जाएगा।
ममता- नहीं.. मैं कुछ नहीं जानती.. जब तक मुझे पता ना चल जाए कि मैं माँ बनने वाली हूँ.. तुम रोज मुझे चोदोगे और पानी चूत में ही निकालोगे..
राधे- ठीक है मेरी जान.. ऐसी बात है.. तो अभी फिर से आ जा.. अभी तेरी चूत को पानी से भर देता हूँ.. आ जा मेरी रानी..
राधे ने ममता को बाँहों में ले लिया और उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया। उसकी चूत पर लौड़ा रगड़ने लगा और दोनों प्यार की दुनिया में खो गए।
दोस्तो, अब बार-बार एक ही बात को क्या बताऊँ.. इनके बीच अब क्या होगा.. ये आप अच्छी तरह जानते हो.. तो चलो आपको यहाँ से आगे फास्ट फॉरवर्ड करके बताती हूँ।
राधे और ममता जब उत्तेजना की आग में जलने लगे.. तो राधे ने ममता को लेटा कर खूब चोदा.. उसकी चूत को पानी-पानी कर दिया.. दोपहर तक राधे ने ममता की गाण्ड और चूत को मार-मार कर लाल कर दिया था, वो ठीक से चल भी नहीं पा रही थी।
चुदाई के बाद ममता ने कपड़े पहन लिए.. मगर उसमें ज़रा भी हिम्मत नहीं थी कि वो खाना बना सके.. इसलिए वो बस बिस्तर पर पड़ी रही और मजबूरन राधे को खाना लाने के लिए बाहर जाना पड़ा।
मीरा जब घर आई.. तो ममता लेटी हुई थी और राधे अब तक आया नहीं था।
मीरा- ओ हैलो.. ममता.. क्या हुआ.. ऐसे औंधे मुँह क्यों लेटी हुई हो.. क्या हो गया और राधे कहाँ है?
ममता- वो.. माफी चाहती हूँ बीबी जी.. मेरी तबीयत खराब हो गई.. इसलिए मैंने खाना नहीं बनाया.. साहब बाहर से खाना लाने गए हैं।
मीरा- ओह्ह.. तो ये बात है.. आज ऐसा क्या कर दिया राधे ने.. जो तेरी ये हालत हो गई.. लगता है आज राधे ने तेरी गाण्ड फाड़ दी है… हा हा हा हा..
ममता- मजाक मत करो बीबी जी.. मेरी हालत खराब कर दी आज तो.. क्या ताक़त है उनमें.. अभी तक पीछे का पूरा हिस्सा सुन्न हुआ पड़ा है..। ऐसा लगता है.. अभी भी अन्दर कुछ घुसा हुआ है..
मीरा- अरे ममता.. सच्ची.. मेरे साथ भी यही हुआ.. आज स्कूल में पूरा दिन कैसे बैठी.. ये मैं ही जानती हूँ यार.. सच में राधे जैसा मर्द कोई दूसरा नहीं होगा।
राधे- क्या बुराई हो रही है मेरी.. हाँ.. पीछे से दोनों मिलकर क्या बात कर रही हो?
मीरा- अरे आ गए.. कुछ नहीं बस ऐसे ही बात कर रहे थे..
राधे- अच्छा अच्छा.. जाओ.. कपड़े बदल लो.. गरमा-गरम खाना तैयार है।
ममता बड़ी मुश्किल से उठी और खाने को टेबल पर लगाने लगी।
मीरा ने ममता को कहा- तू भी आज हमारे साथ ही बैठ कर खाना खा ले।
तीनों ख़ुशी-ख़ुशी वहाँ बैठ कर खाना खाने लगे।
Reply
10-05-2018, 11:45 AM,
#64
RE: XXX Hindi Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
शाम तक सब नॉर्मल रहा.. ममता अब ठीक हो गई थी.. उसने रात का खाना बनाया और घर चली गई।
इधर मीरा और राधे भी नॉर्मल ही थे.. बस इधर-उधर की बातें और टीवी में अपना समय पास किया।
दोस्तो, यहाँ सब देख लिया.. मगर वहाँ शाम को रोमा ने क्या किया.. यह आपको बता देती हूँ।
स्कूल से घर आने के बाद रोमा बेचैन सी हो गई थी। उसके दिमाग़ में बस नीरज ही घूम रहा था। 
उसने जैसे-तैसे जुगाड़ लगा कर अपनी माँ से कहा- मॉम मैं वो टीना के पास जाकर आती हूँ.. मुझे उससे कुछ नोट्स लेने हैं।
तो उसकी माँ ने उसे जाने दिया और वो सीधी पहुँच गई.. अपने यार नीरज के पास.. अब कहाँ और कैसे.. यह आप जानते ही हो.. तो आगे का हाल सुनो..
नीरज- ओह्ह.. रोमा ‘आई लव यू’ मुझे पता था.. तुम जरूर आओगी..
रोमा- पूरा दिन मैंने कैसे निकाला.. ये मैं ही जानती हूँ नीरज.. आपने क्या कर दिया मुझे… मेरे जिस्म में आग लगी हुई है.. उफ़.. कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा.. अब मैं क्या करूँ?
नीरज- मेरी जान.. तुम्हें कुछ नहीं करना है.. तुम यहाँ आ गई हो ना.. अब जो करूँगा.. मैं ही करूँगा..
इतना कहकर नीरज ने रोमा को बाँहों में भर लिया और उसके होंठों को चूसने लगा। इधर रोमा जो शरमीली बन रही थी.. अबकी बार उसका हाथ सीधे लौड़े पर गया और वो उसको मस्ती से मसलने लगी।
नीरज- क्या बात है जान.. बड़ी जल्दी में हो.. सीधे लण्ड पर हाथ मार रही हो.. क्या इरादा है?

रोमा- ज़्यादा बात मत करो.. मेरे पास समय कम है.. माँ को झूट बोलकर आई हूँ.. कि अभी वापस आती हूँ.. अब बस जल्दी से तुम अपना लौड़ा मेरी चूत में घुसा दो.. बड़ी आग लगी हुई है.. आह्ह.. उफ़फ्फ़..
दोस्तो, यह है हवस की आग.. जो आप देख रहे हो.. ‘ना.. ना..’ कहने वाली रोमा अब लौड़ा लेने के लिए तड़प रही है.. और कम उम्र में यही होता है.. एक बार चुदाई का चस्का लगा नहीं कि बस लड़की गई काम से.. और खास कर नीरज जैसे लड़कों के मज़े हो जाते हैं..
देखो अब नीरज का कमाल..
नीरज ने जल्दी से रोमा को नंगी कर दिया और खुद भी नंगा हो गया। उसको भी नई-नई कुँवारी चूत मिली थी.. तो उसका हाल भी रोमा जैसा ही था। अब दोनों नंगे बिस्तर पर लिपटे हुए थे.. जैसे चंदन के पेड़ से साँप लिपटा होता है।
रोमा एकदम पागल सी हो गई थी.. ना जाने.. उसमें इतनी उत्तेजना कैसे पैदा हो गई.. वो बस नीरज को चूमे जा रही थी और लौड़े को तो ऐसे चूस रही थी.. जैसे उसमें से अभी अमृत निकलने वाला हो और उसे पीकर वो अमर हो जाएगी।
रोमा का ये रूप देख कर तो नीरज भी हैरान हो गया था।
नीरज- उफ़.. आह्ह.. अरे मेरी जान.. आह्ह.. आज क्या हो गया है तुम्हें.. उफ़.. आह्ह.. चूसो आह्ह..
रोमा ने लौड़ा मुँह में पूरा ले रखा था और एक हाथ से वो अपनी चूत को सहलाए जा रही थी। कुछ देर बाद रोमा ने लौड़ा मुँह से निकाला और नीरज को बिस्तर पर लेटा दिया.. खुद लपक कर उसके मुँह पर बैठ गई..
नीरज समझ गया कि रोमा चूत को चटवाना चाहती है।
अब नीरज भी बड़े प्यार से उसकी चूत चाट रहा था.. कुछ देर बाद नीरज ने रोमा को नीचे लेटाया और लौड़ा उसकी चूत में पेल दिया। वो बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो गया था.. सो स्पीड से रोमा को चोदने लगा और रोमा भी उसका साथ देने में लगी हुई थी..
दोनों की उत्तेजना भड़की हुई थी और ये चुदाई ज़्यादा देर नहीं चल पाई। नीरज का लौड़ा चूत की गर्मी को सहन नहीं कर पाया और मोमबत्ती की तरह पिघल गया।
अरे.. अरे.. नहीं.. पिघल गया का मतलब.. झड़ गया और रोमा भी उसके साथ झड़ गई।
रोमा कुछ देर वैसे ही पड़ी रही और नीरज भी उसके साथ चिपक कर पड़ा रहा।

अब रोमा को घर जाने की जल्दी थी और चूत की आग पूरी तरह कम नहीं हुई थी.. तो वो दोबारा नीरज को तैयार करने लगी और जल्दी ही दोनों फिर से चुदाई की दुनिया में खो गए।
इस बार नीरज ने रोमा को पहले अपने लौड़े पर कुदवाया.. बाद में उसे घोड़ी बना कर चोदा और उसकी चूत को बड़े मज़े से चोदता रहा।
मजेदार चुदाई के बाद रोमा ने समय देखा और नीरज से कहा- तुम प्लीज़ मुझे जल्दी से मेरे घर के पास छोड़ आओ.. माँ को आधा घंटा बोल कर आई थी.. और एक घंटा से ऊपर हो गया है।
दोनों तैयार होकर गाड़ी में जाकर बैठ गए।
रोमा- ओह्ह.. नीरज अब जाकर मेरी चूत को आराम मिला है.. पता नहीं अब रोज-रोज मैं कैसे आ पाऊँगी..
नीरज- मेरी जान.. मेरा भी हाल तुम्हारे जैसा हो गया है.. प्लीज़ कैसे भी करके रोज आ जाना.. नहीं तो मैं तुम्हारे बिना तो मर ही जाऊँगा..
रोमा- नीरज प्लीज़.. दोबारा ऐसी बात मत कहना.. मैं आने की कोशिश करूँगी.. तुमने मुझे किसी को बताने से मना किया है.. नहीं तो मेरी फ्रेण्ड हमारी मदद कर सकती है।
नीरज- कौन फ्रेण्ड.. वो.. जो तुम्हारे साथ थी.. हाँ उसको बता दो.. ये सही रहेगा.. वो हमें मिलने में मदद कर सकती है।
बातों-बातों में कब रोमा का घर आ गया.. पता भी नहीं चला..
रोमा- नीरज बस यही रोक दो.. आगे मैं चली जाऊँगी..
नीरज- कल आओगी ना.. मेरी जान?
रोमा- ठीक है मेरे जानू.. आ जाऊँगी.. अब जाओ.. कोई देख लेगा..
नीरज वहाँ से चला गया और रोमा अपने घर आ गई.. वैसे उसकी माँ ने उसको गुस्सा किया.. मगर उसने कुछ बहाना करके माँ को शान्त करा दिया।
रात को मीरा और राधे बातें कर रहे थे तभी दिलीप जी आ गए।
मीरा- ओह्ह.. पापा हम आपका ही इन्तजार कर रहे थे।
दिलीप जी- अरे मैंने फ़ोन पर बताया तो था.. मुझे देर हो जाएगी.. तुम दोनों खाना खा लेना..
राधा- नहीं पापा.. आप इतने दिनों बाद आए हो.. तो हमने सोचा साथ ही खा लेंगे।
खाने के दौरान दिलीप जी ने एक ऐसी बात कही कि राधे के गले से निवाला नीचे नहीं उतरा..
दिलीप जी- अरे मीरा.. पता है विनोद अंकल का बेटा यूके से आ गया है.. विनोद कह रहा था.. उनके बेटे के लिए राधा का हाथ चाहिए..
राधा- उहह उहहू उहहुउ..
मीरा- अरे दीदी क्या हुआ.. पानी पी लो ना.. लो पी लो.. आराम से हाँ..
दिलीप जी- अरे क्या हुआ राधा.. शादी के नाम से घबरा गई क्या..
राधा- ऐसी बात नहीं है पापा.. मैं अभी तो कितने साल बाद आई हूँ.. आप मुझे दोबारा अपने से दूर करना चाहते हो।
मीरा- हाँ पापा.. दीदी सही बोल रही हैं। अभी तो ठीक से मैंने दीदी से बात भी नहीं की.. हम इतनी जल्दी अलग नहीं होंगे.. बस आप उनको मना कर दो..
दिलीप जी- अरे मेरी बच्चियों.. तुम दोनों का प्यार देख कर मेरा दिल ख़ुशी से भर गया। तुम मेरी बात पूरी तो सुनो पहले.. मैंने भी विनोद को यही कहा कि अभी तो राधा आई है.. और उसकी उमर ही क्या है.. कुछ साल बाद बड़ी धूम-धाम से उसकी शादी करूँगा.. मगर अभी फिलहाल मैं पहले अपनी बेटी को उसके हिस्से की ख़ुशी दूँगा।
इतना सुनते ही दोनों के चेहरे पर ख़ुशी के भाव आ गए और दोनों पापा से गले लग गईं।
यह प्यार भरा नज़ारा कुछ देर चला.. उसके बाद नॉर्मल बातें हुईं और दिलीप जी ने सफ़र की थकान कह कर.. सोने का बोल दिया.. वो दोनों भी अपने कमरे में चली गईं।
मीरा ने दरवाजा बन्द किया और बिस्तर पर जाकर बैठ गई।
Reply
10-05-2018, 11:47 AM,
#65
RE: XXX Hindi Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
राधे कुछ नहीं बोला और चुपचाप सीधा बाथरूम चला गया और कुछ देर बाद अपना रूप बदल कर पजामा पहन कर बाहर आ गया।
मीरा- क्या बात है पतिदेव.. आज नंगे नहीं आए.. ये कौन सी लीला है आपकी?
राधे- अरे कुछ नहीं यार.. आज थकान सी हो रही है.. तो सोच रहा हूँ.. आज तुम्हें भी थोड़ा रेस्ट दे ही देता हूँ.. रोज रोज चुदवाओगी तो बीमार हो जाओगी..
मीरा- अच्छा यह बात है मेरी इतनी फिकर है आपको.. या यूँ कहो कि डबल शिफ्ट से तुम थक गए हो.. हा हा हा..
राधे- अब ऐसा ही समझ लो यार.. इंसान हूँ.. कोई जानवर नहीं.. जो दिन-रात चोदता ही रहूँ.. मुझे भी कुछ तो आराम मिलना चाहिए ना..
मीरा- हाँ सही है.. वैसे भी अब पापा आ गए हैं तो ख़तरा उठाना ठीक नहीं.. आराम से ही सब कुछ करना होगा.. वैसे आज तुम बच गए..
राधे- बच गया क्या.. मैं कुछ समझा नहीं?
मीरा- अरे पापा तुम्हारी शादी करवा देते तो.. उस लड़के से क्या अपनी गाण्ड मरवाते हा हा हा..
राधे- मीरा तुम बहुत शैतान हो गई हो.. मैं क्यों मरवाता.. उस साले की गाण्ड ही न मार देता मैं?
मीरा- हाँ ये बात भी है.. तुम्हारा लौड़ा देख कर वो डर जाता।
आधे घंटे तक इन दोनों में बातें होती रहीं और उसके बाद दोनों चिपक कर सो गए।
सुबह का दिन हमेशा की तरह ही था.. बस आज दिलीप जी अपने अख़बार में मस्त थे और ममता अपने काम में.. और अपनी हीरोइन मीरा.. स्कूल के लिए तैयार हो गई थी।
राधे को भी सुबह-सुबह लड़की बनकर पापा के सामने आना पड़ा..
मीरा के स्कूल जाने के बाद करीब 9 बजे दिलीप जी भी बाहर चले गए। तब कहीं जाकर ममता की जान में जान आई.. क्योंकि उसकी चूत तो लौड़े के लिए तड़प रही थी और दिलीप जी के रहते यह मुमकिन ही नहीं था।
ममता- मेरे राजा.. आप ऐसे उदास क्यों बैठे हो.. क्या हुआ?
राधे- अरे होना क्या था.. पापा के रहते मुझे लड़की बन कर रहना पड़ता है।
ममता- अब लड़की बनो या लड़का.. मुझे तो हर हाल में आप अच्छे लगते हो मेरे राजा..
राधे- लगता है.. कल की ठुकाई भूल गई हो.. जो आज ऐसी बात कर रही हो..
ममता- नहीं मेरे राजा.. कल की क्या.. मैं तो शुरू से अब तक की सब बात याद रखे हूँ.. आह्ह.. सुबह से चूत पानी-पानी हो रही है.. अब जल्दी से इसको ठंडा कर दो.. नहीं तो साहब जी आ जाएँगे..
राधे- अब तेरे लिए ये सब निकालूँ क्या.. एक काम कर.. नंगी हो जा.. मैं बस यह सलवार निकाल देता हूँ.. तुझे तो लौड़ा लेना है ना.. अब बाकी कपड़े निकालने का क्या फायदा..
ममता- आह्ह.. मेरे राजा.. जो निकालना है.. निकाल दो.. उफ़.. मुझे तो बस चुदना है.. लो आह्ह.. घुसा दो अब..
ममता स्पीड से नंगी हो गई थी.. उसको देख कर राधे का भी मन मचल गया और उसने झट से लौड़ा उसकी चूत में घुसा दिया।
ममता दीवार के सहारे खड़ी हुई चुद रही थी।
राधे स्पीड से उसको चोदने लगा था। रात को आराम के बाद अब उसके लौड़े में गजब का कड़कपन आ गया था।
ममता- आह्ह.. उइ.. आह्ह.. उइ.. चोदो.. आह्ह.. मज़ा आ रहा है.. उफ़फ्फ़ आह्ह..
लगभग 35 मिनट तक राधे ममता को चोदता रहा.. इस बीच वो 2 बार ठंडी हो गई थी। तब कहीं जाकर राधे के लौड़े ने पानी उगला..
चुदाई के बाद ममता वापस अपने काम में लग गई और राधे टीवी देखने लगा।
दोस्तो, मीरा से लेकर रोमा तक सब चुद चुकी हैं.. अब कहानी को ख़त्म करने का वक़्त आ गया है.. तो थोड़ा स्पीड से आपको क्लाइमैक्स तक ले जाती हूँ।
दोस्तो, यह रोज का सिलसिला हो गया दिन में राधे.. ममता को.. और रात को मीरा को चोदता.. उसकी लाइफ में इन दोनों का मज़ा लिखा हुआ था। उधर रोमा की चूत की आग दिन पर दिन बढ़ती जा रही थी। वो किसी ना किसी बहाने नीरज के पास चली जाती और अपनी चूत को ठंडा करवा के आती थी।
हाँ… आपको एक बात बताना भूल गई रोमा ने खुलकर टीना को अपने और नीरज के प्यार के बारे में बता दिया था मगर सिर्फ़ प्यार के.. हाँ.. चुदाई के बारे में नहीं बताया था। अब वो कई बार स्कूल से सुबह ही गायब हो जाती और पूरा दिन चुदाई करवाती।
रोमा की मॉम को शक ना हो.. इसलिए रोमा ने टीना को अपने घर बुलाया ताकि उसकी माँ टीना से पूछ सके कि हर रोज शाम को टीना उसके घर जाती है या नहीं..
टीना तो पहले ही तैयार थी.. सो उसने वही कहा जो रोमा चाहती थी।
करीब 20 दिन तक यही सिलसिला चलता रहा।
एक रात नीरज को उसके दोस्त ने कहा- गाड़ी और फ्लैट का किराया कहाँ है.. अब ज़्यादा दिन वो पैसे के बिना नहीं रह पाएगा।
तब नीरज को अहसास हुआ कि पैसे के बिना वो कुछ नहीं कर पाएगा। अभी तो बस रोमा के मज़े ले रहा है.. उसको तो और बहुत सी कुँवारी लड़कियों को चोदना है।
Reply
10-05-2018, 11:47 AM,
#66
RE: XXX Hindi Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
नीरज को पता था.. अब पैसे कहाँ से लाने है.. तो बस वो पहुँच गया सीधा राधे के पास.. रात को 8 बजे नीरज और राधे एक कॉफी शॉप पर बैठे बातें कर रहे थे।
राधे ने नीरज को सब कुछ बता दिया था कि कैसे वो मज़े ले रहा है..
चूंकि नीरज चालाक था.. तो उसने बस राधे को यही बताया कि रोमा नाम की लड़की से उसको प्यार हो गया है.. अब उसके नखरे उठाने में काफ़ी पैसे लग रहे हैं।
राधे- अबे साले ऐसी क्या बात है.. जो तूने मुझे इतना अर्जेंट में फ़ोन करके यहाँ बुलाया?
नीरज- यार.. तू तो यहाँ मज़े कर रहा है और वहाँ मैं परेशान हूँ। पैसों के नाम पर मेरे पास कुछ नहीं बचा.. अब तेरे पास नहीं आऊँगा तो कहाँ जाऊँगा।
राधे- देख नीरज यह गलत है.. मैं मीरा से सच्चा प्यार करता हूँ और उसकी दौलत बस उसकी है.. उस पर मेरा कोई अधिकार नहीं है..
नीरज- अरे यार तू उससे शादी करेगा तो सब तेरा होगा ना.. अब अकेले-अकेले माल खाएगा.. अपने दोस्त को कुछ तो दे दे यार!
राधे- अच्छा ठीक है जो 5 लाख मेरे पास रखे हैं वो तुझे दे देता हूँ.. मगर उसके बाद कुछ नहीं.. हाँ.. तू दोबारा मेरे पास नहीं आएगा..
नीरज- अरे नहीं आऊँगा.. मेरे प्यारे दोस्त.. ला दे जल्दी दे..
राधे- अबे साले में कौन सा जेब में लिए घूमता हूँ.. तू अभी निकल.. मैं कल सुबह तेरे खाते में डाल दूँगा.. ठीक है.. और हाँ.. मैं एक बात कहता हूँ.. दोस्त उस लड़की से शादी कर लो.. सारा जीवन सुखी हो जाएगा।
नीरज- अरे तू मेरी शादी का टेंशन मत ले.. तू अपना देख.. अच्छा मैं चलता हूँ.. अब कल भूल मत जाना।
नीरज वहाँ से निकल गया.. तो राधे भी घर आ गया और जब कमरे में गया.. तो अन्दर का नजारा देख कर हैरान हो गया।
मीरा एकदम नंगी बिस्तर पर लेटी हुई थी.. उसके पास बीयर की बोतल आधी खाली पड़ी थी.. यानी उसने आधी बोतल गटक ली थी और उसने मम्मों और चूत पर चॉकलेट पेस्ट लगाया हुआ था। राधे के अन्दर आते ही वो सेक्सी मुस्कान के साथ राधे को देखने लगी।

राधे- यह क्या है.. त… त..तुम पागल हो गई हो क्या.. कमरा खुला हुआ है.. तुम ऐसे नंगी सोई हो.. इस्स.. कहीं पापा आ गए तो?
मीरा- हाय तेरी इस अदा पर मैं मार जाऊँ.. मेरे आशिक.. और पागल तो मैं पहले दिन ही हो गई थी.. जब तुमने मेरे अनछुए जिस्म को टच किया था.. बस उस दिन तुम्हें अपनी बहन समझ कर अपने जिस्म को चटवाया था.. अब पति बन कर चाट लो..
राधे- अरे मीरा… प्लीज़ होश में आओ.. अभी पति नहीं.. मैं तुम्हारी बहन हूँ.. क्या हो गया तुमको?
मीरा- अच्छा तुम मेरी बहन हो.. तो ठीक है.. बहन बनकर चाट लो.. हिच.. हिच.. मुझे तुम्हारा लौड़ा चाहिए.. हिच.. हिच..
राधे- मीरा सच में.. तुम पागल हो गई हो.. ये बीयर कहाँ से आई और तुमने पी कैसे.. उस दिन तो बड़ा नानुकुर कर रही थीं।
मीरा- मैं लाई हूँ.. मेरे आशिक.. आओ ना.. मुझे लौड़ा दो.. हिच.. मुझे तुम्हारा लौड़ा बहुत पसन्द है.. हिच.. इसलिए मैंने आज तुम्हारे लौड़े के नाम पर पी है.. हिच.. हिच.. नहीं.. नहीं.. मेरी बहन के लौड़े के नाम से पी है.. आज मैं सारी दुनिया को चीख-चीख कर बता दूँगी.. मुझे मेरी बहन का लौड़ा चाहिए.. हिच.. हिच..
राधे जल्दी से अन्दर गया, कमरा बन्द किया.. मगर लॉक नहीं किया और मीरा के पास जाकर बैठ गया।
मीरा- मेरी प्यारी बहन कपड़े निकाल दो ना.. हिच.. मुझे तुम्हारा लौड़ा चूसना है.. हिच..
राधे- अरे मीरा.. होश में आ पापा आ जाएँगे.. धीरे बोल.. कोई सुन लेगा तो गजब हो जाएगा।
मीरा- सुनता है.. तो सुने.. मैं बोल रही हूँ ना.. मुझे दुनिया में सबसे ज़्यादा बहन का लौड़ा पसन्द है.. हिच.. आह्ह.. लाओ दो ना.. मुझे लौड़ा.. हिच.. हिच..
राधे आगे बढ़ा और मीरा के मुँह पर हाथ रख दिया।
राधे- अरे देता हूँ मेरी जान.. तू चुप तो हो पहले.. और पापा कहाँ गए हैं? तुझे क्या जरूरत थी इतनी बीयर पीने की.. क्या तू पागल हो गई है?
मीरा ने राधे का हाथ हटाया और उसको प्यार से देखते हुए बोली- अरे मेरे भोले आशिक.. हिच.. हिच.. तुम्हारे जाने के बाद पापा का फ़ोन आया.. तो वो हिच.. मुझे बोल कर गए कि अर्जेंट काम आ गया है.. अब मैं कल तक आ पाऊँगा.. तुम राधा को हिच.. फ़ोन करके बुला लो हिच.. और दोनों जल्दी सो जाना.. तो मैंने सोचा आज बहुत दिनों बाद हिच.. खुल कर प्यार करेंगे.. तो बस मैं पूरी खुली हुई हूँ.. आओ ना.. प्यार करो ना मुझे..
राधे- ओह्ह.. तो ये बात है.. अब समझा तू इतनी बिंदास कैसे पड़ी है.. मगर ये बीयर कहाँ से आई.. ये तो बता.. मेरी जान?
मीरा- पापा के जाने के बाद मैंने सोचा.. हिच.. तुमको बीयर पसन्द है.. तो आज मैं तुमको अपने हाथों से पिलाऊँगी.. हिच.. यही सोच कर वो नुक्कड़ पर जो दारू की दुकान है ना.. वहाँ से ले आई..
राधे- अरे बाप रे.. तू खुद लेकर आई.. किसी ने देखा तो नहीं ना.. वरना कोई पापा को बोल सकता है कि मीरा बीयर लेकर गई थी।
मीरा- ही ही ही.. मुझे.. हिच.. पागल समझा है क्या.. मैं नहीं लाई.. वो दुकान के पास.. हिच.. एक छोटा लड़का खड़ा था.. उसको पैसे दिए.. हिच.. और मंगवा ली.. ही ही ही ही..
राधे- अरे वाह.. मेरी जान.. मान गया तेरे दिमाग़ को.. मगर ये बता तू मेरे लिए लाई.. तो खुद क्यों पी गई?
Reply
10-05-2018, 11:48 AM,
#67
RE: XXX Hindi Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
मीरा- अबे चुप.. हिच.. कब से अगर-मगर बोल रहा है.. हिच.. मैं तुम्हारी ख़ुशी के लिए लाई थी.. हिच.. तुम नहीं आए.. तो मैंने सोचा थोड़ी टेस्ट कर लूँ.. उस दिन कड़वी लगी थी.. मगर अच्छी भी थी.. हिच बस यही सोच कर थोड़ी पी गई.. हिच.. जब थोड़ी पी.. तो और पीने का मन हुआ। फिर बैठ गई.. तो ये बोतल हिलने लगी.. हिच.. मैंने सोचा ये बोल रही है.. और पी.. और बस थोड़ी और.. थोड़ी और.. के चक्कर में पूरी बोतल ख़त्म हो गई।
राधे- अरे पूरी कहाँ.. तुमने तो आधी बोतल ही पी है.. मेरी जान..
मीरा- चुप.. चुप साली.. तू मेरी कैसी बहन है.. हिच.. मैं कब से लौड़ा माँग रही हूँ.. तू देती ही नहीं.. हिच.. मैंने तुमको पूरी बात नहीं बताई.. मैंने 2 बोतल मँगवाई थीं।
राधे ने इधर-उधर देखा.. तो सच में एक बोतल बिस्तर के पास खाली पड़ी थी। दूसरी आधी बिस्तर पर रखी थी..
मीरा- इधर-उधर क्या देखता है.. चल निकाल ना लौड़ा बाहर.. हिच.. मुझे अब लौड़े का रस पीना है। अब कुछ मत बोल बस.. सीधा नंगा हो ज़ा..
राधे खड़ा हो गया और कपड़े निकालने लगा। वैसे भी मीरा को देख कर उसकी वासना जाग उठी थी.. मगर वो उसके साथ बातों में उलझा हुआ था.. इसलिए देर कर रहा था।
राधे- अच्छा मेरी जान.. एक बोतल पीने के बाद.. दूसरी आधी क्यों छोड़ दी..? इसे भी गटक जातीं.. और ये चूत पर चॉकलेट का आइडिया कहाँ से आया?
मीरा- ही ही ही.. तुम बहुत बदमाश हो.. हिच.. हिच.. सब बात की जानकारी ले कर रहोगे.. ही ही ही.. एक बोतल ख़त्म होने के बाद.. मुझे ये बहुत अच्छी.. हिच.. लगी.. तो दूसरी भी खोल ली.. मगर आधी.. हिच.. होने के बाद मैंने सोचा तुम क्या पीओगे.. तो बस.. हिच.. मैंने अपने प्यार के लिए आधी बोतल कुर्बान कर दी.. इसने हिल-हिल कर मुझे बहुत कहा कि हिच.. हिच.. आओ मुझे पी जाओ.. मगर नहीं.. मैंने नहीं पी.. देखो.. मैंने तुम्हारे लिए कितनी बड़ी कुर्बानी दी है.. हिच..
राधे- ओये होये.. तुम धन्य हो मीरा देवी.. जो मेरे लिए इतना बड़ा बलिदान दिया.. बरसों तक ये बलिदान याद रखा जाएगा.. और देवी जी वो चॉकलेट वाली बात भी बता देतीं.. तो आपका ये भक्त जान लेता कि इसमें आपकी कौन सी लीला छुपी हुई है..
मीरा- ही ही ही.. चल हट.. हिच.. इसमें कोई लीला-पीला नहीं है.. ये तो वहाँ.. हिच.. जब मैं नुक्कड़ पर खड़ी थी.. तो दो टपोरी खड़े थे.. हिच.. वहाँ उनमें से एक चॉकलेट खा रहा था और उसने हिच.. दूसरे को कहा.. ले खा ले.. तो तो..
राधे- क्या तो तो.. आगे बताओ.. क्या हुआ वहाँ?
मीरा- ही ही ही.. जाओ नहीं बताती.. ही ही ही.. तुम गुस्सा करोगे हिच..
राधे- अरे नहीं करूँगा.. अब बताओ भी.. मेरी जान..
मीरा- बताती हूँ.. जब उसने कहा.. ले खा ले.. तो उसने कहा.. उधर देख क्या रसमलाई खड़ी है.. अगर ये मिल जाए ना.. तो हिच.. कसम से इसकी चूत पर चॉकलेट लगा कर चाटूंगा.. तब असली मज़ा आएगा खाने का.. ही ही ही…
राधे- तुम पागल हो क्या.. ऐसी जगह गई क्यों.. कुछ हो जाता तो.. उनसे कुछ कहा तो नहीं ना तुमने?
मीरा- अरे वो दूर खड़े थे.. मैंने सुन कर हिच.. अनसुना कर दिया और घर आ गई.. हिच.. बाद में सोचा कि उनकी बात में हिच.. दम था.. ट्राइ तो करना ही चाहिए.. और मैंने पेस्ट लगा लिया.. मगर तुम तो हिच.. मुझे गुस्सा कर रहे हो.. जाओ मुझे तुमसे नहीं चटवाना..
राधे- अरे.. ऐसे कैसे नहीं चटवाना.. मेरी मीरा रानी.. अब तुमने इतनी मेहनत की है.. तो तुम्हें उसका फल भी दूँगा ना.. लाओ पहले गला गीला कर लूँ.. इस बीयर से.. नहीं तो तुम्हारा इतना बड़ा बलिदान ऐसे ही जाएगा..
राधे एक ही सांस में पूरी बीयर पी गया और अब उसकी निगाहें मीरा के नंगे जिस्म पर थीं.. उसकी जीभ पर पानी और लौड़े में तनाव आ गया था। वो झट से मीरा के ऊपर झपट पड़ा।
अब राधे मीरा के मम्मों पर लगी चॉकलेट चाटने लगा.. साथ ही साथ वो निप्पलों को दाँत से हल्का काट भी लेता.. जिससे मीरा पर बीयर के नशे के साथ-साथ वासना का नशा भी होने लगा। 
वो सिसकने लगी और राधे उसकी जवानी का मज़ा लूटने में मस्त हो गया।
मीरा- आह्ह.. उइ.. आराम से चूसो ना.. राधे आह्ह.. काटो मत.. दुखता है.. उई…
दोस्तो, उम्मीद है कि आप को मेरी कहानी पसंद आ रही होगी..
Reply
10-05-2018, 11:48 AM,
#68
RE: XXX Hindi Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
राधे धीरे-धीरे मीरा के जिस्म को चूमता हुआ उसकी चूत तक पहुँच गया था और मीरा की बेचैनी बढ़ने लगी थी।
मीरा- आह ऑउच राधे.. मेरी चूत तड़प रही है.. उईई… चूसो ना.. आह्ह.. चाट लो आह्ह.. प्लीज़ आह्ह..
पन्द्रह मिनट राधे बहुत कस कर मीरा की चूत को चूसता रहा, राधे ने उसके बदन में आग लगा दी, अब चूत अपने आप खुलने लगी.. उसको लौड़े के सिवाय कुछ नहीं चाहिए था। इस चुसाई से मीरा की हिचकियां भी बन्द हो गई थीं और सिसकिया शुरू हो गई थीं।
मीरा- आह्ह.. राधे उइ.. प्लीज़.. अब मत तड़पाओ.. आह्ह.. घुसा दो.. आह्ह.. मेरी चूत फट जाएगी.. आह्ह.. घुसा दो अपना लौड़ा.. आह्ह.. उह आह..

अब राधे का तापमान भी ‘आउट ऑफ हण्ड्रेड’ हो गया था.. उसका लौड़ा रिसने लगा था। उसको चूत रस के साथ मीठा स्वाद कुछ अलग ही अहसास दिला रहा था।
अब उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था.. वो सीधा बैठ गया।
मीरा नशे में धुत्त थी.. मगर सेक्स की आग उसको होश में रहने को मजबूर कर रही थी.. लौड़े की चाहत उसको तड़पा रही थी।
राधे- मेरी जान.. आज तो तुमने मुझे पागल बना दिया.. लौड़े को चूसे बिना गीला कर दिया.. ले अब घुसा रहा हूँ.. आह्ह.. तेरी चूत का हाल से बेहाल कर दूँगा आज.. आह्ह..
राधे ने सुपारे को चूत पर रखा और एक ही शॉट में पूरा घुसा दिया।
मीरा- आह्ह.. आईईइ.. चोदो आह्ह.. अब उइ.. फास्ट आह्ह.. और फास्ट.. आह उइ..।
राधे की कमर किसी मशीन की तरह ठकाठक.. ठकाठक.. हिल रही थी और मीरा बस उत्तेजना की दुनिया में खो गई थी।
पन्द्रह मिनट के बाद मीरा की चूत ने अपना जलवा बिखेर दिया.. मगर राधे का लौड़ा अभी भी अपने पूरे शवाब पर ठुकाई कर रहा था।
अगले 20 मिनट राधे ने मीरा को 2 अलग-अलग पोज़ में दम से चोदा और मीरा की चूत को एक बार और ठंडा किया। उसके बाद उसके लौड़े ने लावा उगला और वो ठंडा हुआ..
अब मीरा पर बीयर अपना असर दिखा चुकी थी और ज़बरदस्त चुदाई के कारण उसको नींद आने लगी थी। उसकी आँखें बन्द हो रही थीं।
राधे के सीने पर मीरा ने सर रखा हुआ था और उसकी आँखें बन्द थीं। वो नींद की गहराइयों में गोता लगा रही थी।
राधे- हैलो माय स्वीट मीरा.. क्या हुआ.. कुछ बात करो ना जान..
मीरा- उहह.. नहीं मुझे ब्ब..बहुत नींद आ रही है.. सो जाओ न.. गुड नाइट..
राधे- अरे ये क्या बात हुई.. मेरे अन्दर आग लगाकर तुम सोने की बात कर रही हो.. अभी तो पूरी रात बाकी है मेरी जान.. तेरी गाण्ड भी मारनी है मुझे.. मेरे लौड़ा का रस नहीं पिओगी क्या तुम.. आह्ह.. मीरा बोलो ना..
मीरा- मैं स..सोना नहीं चाहती.. मगर ये आह्ह.. आँखें.. अपने आप ब्ब..बन्द हो रही हैं।
राधे- ऐसा मत करो जान.. प्लीज़ आज कितने दिनों बाद तो मौका मिला है.. खुल कर चुदाई करने का.. उठो ना..
मीरा ने कोई जबाव नहीं दिया। अब वो नींद की दुनिया में चली गई थी।
राधे बस उसके बालों को सहला रहा था और हल्का मुस्कुरा कर अपने आप से बात कर रहा था।
राधे- अरे वाह रे.. मेरी भोली मीरा.. तेरे भी अजीब से फंडे हैं एक अंजान आदमी पर इतना भरोसा कर लिया कि अपना सब कुछ मेरे नाम कर दिया और आज मेरे लिए बीयर भी पी गई.. तू कितना कर रही है.. मगर मैं तुम्हें क्या दे पाऊँगा..
राधे मीरा के होंठों पर उंगली घुमा रहा था।
Reply
10-05-2018, 11:48 AM,
#69
RE: XXX Hindi Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
राधे- तू इतनी सेक्सी है कि क्या बताऊँ.. अब तू तो सो गई.. मैं कहाँ जाऊँ.. लगता है सोते हुए ही तुझे चोदना होगा.. नहीं तो मेरा ये शैतान मुझे नहीं सोने देगा.. चल थोड़ी देर तू मज़े से सो.. मैं भी इस लौड़े को आराम देता हूँ। उसके बाद तेरे साथ क्या करना है.. वो सोचूँगा.. साला पेशाब करके आता हूँ।
ये बीयर भी ना.. बड़ी कुत्ती चीज है.. पेट में पचती ही नहीं.. मूत बनकर निकल जाती है..
राधे ने मीरा को आराम से एक तरफ़ सुलाया और खुद उठकर बाथरूम की तरफ़ चला गया।
दोस्तो, आप जानते हो.. अब यहा से थोड़ी देर आपको कहाँ ले जाऊँगी.. तो सोचो मत.. चलो..
रात को रोमा अपने कमरे में पढ़ाई कर रही थी.. तभी उसकी माँ ने उसको बताया कि तेरी सहेली टीना को यहाँ क्यों नहीं बुलाती.. तू ही वहाँ जाती है?
तब रोमा ने झूट कहा- वहाँ और लड़कियाँ भी स्टडी करने आती हैं.. तो अब सबको यहाँ नहीं बुला सकती ना..
रोमा की माँ वहीं बैठ गई और थोड़ी देर उससे बात करके चली गई.. मगर जाते-जाते वो रोमा को ऐसी बात कह गई कि जिसे सुनकर रोमा की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। अब वो बात क्या है.. यह आपको सुबह बता दूँगी.. अभी वहाँ राधे बाहर आ गया है.. चलो वहाँ देखते हैं।
मीरा औंधे मुँह सोए हुई थी.. राधे उसके पास आया और मीरा के चूतड़ों पर हाथ घुमाने लगा।
राधे- अरे जान.. तुम तो बीयर के नशे में नींद का मज़ा ले रही हो.. मगर ऐसे सोकर मुझे क्यों तड़पा रही हो.. अब तुम्हें सोते में चोदना ठीक नहीं लग रहा.. क्योंकि तुम मेरी सच्ची मोहब्बत हो.. चलो आज लौड़े पर लगाम लगा देता हूँ.. तुम भी क्या याद करोगी मुझे..
राधे ने मीरा को किस किया और उसके पास लेट गया और बस मीरा के बारे में सोचते हुए उसको नींद आ गई। दोनों ही सुकून की नींद सो गए।
सुबह का सूरज तो निकला.. मगर आज आपको मीरा के पास नहीं.. सीधे रोमा के पास ले चलती हूँ।
आज रोमा का चेहरा किसी गुलाब से भी ज़्यादा खिला हुआ था क्योंकि रात उसकी मॉम ने उसको बात ही ऐसी बताई थी.. कि वो अपने कमरे से निकली और सीधी अपनी मॉम के पास चली गई।
रोमा- मॉम, मैं कुछ मदद करूँ आपकी.. पैकिंग करने में?
रोमा की मॉम ने उसको मना कर दिया और कहा- तू जल्दी तैयार हो जा.. स्कूल जाने में देर हो जाएगी.. मैं बस तैयार हूँ साथ में निकलते हैं।
दोस्तो, आप टेन्शन ले रहे हो कि यह क्या हो रहा है.. तो मैं आपको बता दूँ.. रात को रोमा की माँ ने उसको कहा कि उनको एक दिन के लिए गाँव जाना होगा.. उनके भाई का एक्सीडेंट हो गया है.. सो वहाँ जाना जरूरी है.. तुम्हें साथ नहीं ले जा सकती.. तेरे एग्ज़ाम भी आ रहे हैं तो तू अपनी फ्रेण्ड टीना के यहाँ रुक सकती है.. या उसको यहाँ बुला ले..
तो रोमा ने झट से ‘हाँ’ कह दी.. उसको ऐसा मौका कहाँ मिलता.. बस यही बात है जो रोमा आज इतनी खुश है। तो चलो अब आगे मजा लेते हैं।
रोमा और उसकी मॉम साथ ही निकले.. मगर रोमा स्कूल के लिए निकल गई और उसकी माँ गाँव के लिए…
तो दोस्तो, अब आपको क्या लगता है.. रोमा क्या करेगी.. नीरज के पास जाएगी या उसको यहाँ बुलाएगी.. नहीं.. नहीं.. हो सकता है.. स्कूल ही चली जाए।
चलो इसको बाद में देखना.. वहाँ ममता आ गई है। उसके पास घर के बाहर वाले लॉक की चाभी रहती है तो वो दरवाजा खोल कर अन्दर आ गई।
अब वहाँ क्या हो रहा है.. खुद देख लो पता लग जाएगा..
रात की बाहर ने ऐसा कमाल किया कि मीरा अभी तक बदहवास सी सो रही थी और सोने पर सुहागा देखो.. हमारा हीरो भी उसके साथ चिपका हुआ सोया हुआ था।
ममता अपनी आदत से मजबूर.. आते ही सीधे मीरा के कमरे की तरफ़ गई और दरवाजे पर हाथ लगाया और उसका हाथ लगते ही दरवाजा खुल गया..
अन्दर का नजारा देख कर ममता की आँखें फटी की फटी रह गईं।
राधे सीधा लेटा हुआ था.. उसका लौड़ा उसकी जाँघों पर सोया हुआ था.. मीरा उसके सीने पर बेसुध सोई पड़ी थी।
ममता- हे भगवान.. ये क्या है.. इनको देखो.. कैसे सब खोल-खुला कर सोए पड़े हैं.. इनको ज़रा भी डर नहीं कि कोई आ जाएगा..
ममता धीरे से बिस्तर के पास गई और राधे के लौड़े को सहलाने लगी। कुछ ही देर में सोया हुआ साँप जाग उठा और अपना फन फैलाने लगा।
ममता अपने होंठों पर जीभ फेरने लगी.. उसको राधे का लौड़ा किसी मीठे गन्ने जैसा दिख रहा था और उसका मन उसको चूसने का कर रहा था।
ममता ने धीरे से लौड़े को मुँह में ले लिया और उसको चूसने लगी।
राधे नींद में था.. मगर पूरी रात सोने के बाद अब लौड़े पर ऐसा गर्म स्पर्श किसी की भी आँखें खोल दे। तो राधे भी जाग गया.. मगर उसने आँख नहीं खोली.. बस लौड़े की चुसाई का मज़ा लेने लगा।
राधे- आह्ह.. जान.. सुबह-सुबह क्यों गर्म कर रही हो.. आह्ह.. रात को तो तुम मुझे तड़पता हुआ छोड़ कर सो गई थीं.. आह्ह.. अब दोबारा क्यों तड़पा रही हो।
मीरा उसके सीने पर सोई हुई थी और राधे का मुँह उसके कान के पास था।
तो उसकी बातों से मीरा की नींद टूट गई और जब उसने आँखें खोलीं.. तो वो घबरा गई क्योंकि ममता सामने लौड़ा चूस रही थी।

दोस्तो, उम्मीद है कि आप को मेरी कहानी पसंद आ रही होगी
Reply
10-05-2018, 11:48 AM,
#70
RE: XXX Hindi Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
मीरा झटके से बैठ गई और पास पड़ी चादर अपने ऊपर डाल ली, ममता भी घबरा गई और जल्दी से बाहर भाग गई।
राधे- अरे ये क्या हुआ.. ये ममता कहाँ से आ गई थी.. ये क्या हो रहा है यार.. समझ के बाहर है?
मीरा- सब तुम्हारी ग़लती है.. रात को दरवाजा बन्द नहीं किया और वो ममता की बच्ची है ना.. रूको.. उसको तो मैं बताती हूँ।
मीरा गुस्से में बाथरूम में चली गई और राधे ने शॉर्ट पहना और बाहर ममता के पास चला गया।
राधे- ममता, ये क्या है.. तुम सीधे अन्दर आ गईं.. मीरा बहुत गुस्सा हो गई है।
ममता- माफ़ करना साहब जी.. मुझे ऐसे नहीं करना चाहिए था।
राधे- अरे तुम अपनी जगह सही हो.. मगर मीरा को थोड़ा बुरा लग गया.. तो उसको मना लेना बस।
ममता थोड़ा घबरा गई थी और अपने काम में लग गई।
मीरा जब नहा कर बाहर आई तो उसका चेहरा साफ बता रहा था कि वो बहुत गुस्से में है। उसको देख कर राधे समझ गया कि ये कुछ पंगा करेगी। वो कुछ कहती.. इसके पहले राधे ने उसका हाथ पकड़ा और कमरे में ले गया।
दोस्तो, अब कहानी कुछ दिनों में ख़त्म हो जाएगी.. तो मैंने सोचा आपको घुमा कर कहानी सुनाती हूँ.. मज़ा आएगा.. तो चलो.. अब यहाँ से वापस रोमा के पास चलते हैं।
रोमा ने नीरज को फ़ोन करके बुला लिया था.. वो तो ऐसे मौके पर हमेशा भगा चला आता है.. उसको चुदाई का चस्का जो लगा हुआ था।
अब दोनों नीरज के फ्लैट में बैठे हुए थे।
नीरज- मेरी जान.. आज अपने प्रेमी पर ये मेहरबानी कैसे कर दी.. आज तुम सुबह-सुबह ही मेरे पास आ गईं।
रोमा- अब क्या बताऊँ मेरे जानू.. कल मैं आ नहीं सकी.. तो मेरा दिल बेचैन था.. आज मॉम गाँव गई हैं.. तो बस आ गई तुम्हारे पास।
नीरज- ओह्ह.. गुड.. कब तक आएंगी वो?
रोमा- कल वापस आ जाएंगी.. तब तक हम खूब मज़ा कर सकते है ना!
नीरज- हाँ जानेमन.. अब किसी बात का डर नहीं है.. चलो आज कुछ नया ट्राई करते हैं।
रोमा- नया क्या.. मैं कुछ समझी नहीं.. आप क्या बोल रहे हो?
नीरज- जान तुम नहीं आती हो… तो मन उदास रहता है.. तो मैंने सोचा आज अपने प्यार को मोबाइल में कैद करके रख लूँ.. ताकि जब तुम ना आओ.. तो मैं उस लम्हे को मोबाइल में देख कर खुश हो जाऊँ।
रोमा- यानि हमारी चुदाई की वीडियो बनाओगे.. नहीं नहीं.. ऐसा मत करना.. किसी ने देख ली तो?
नीरज- अरे पागल कौन देखेगा.. मैं बस अपने लिए ये कर रहा हूँ प्लीज़.. जान तुम मेरी होने वाली वाइफ हो.. अब तुम्हें मैं ऐसे बदनाम थोड़े करूँगा.. अपने नीरज को ऐसा समझती हो?
रोमा- नहीं नीरज.. वो बात नहीं है.. आजकल एमएमएस का जमाना है.. इस चक्कर में बहुत सी लड़कियों की जान चली गई.. प्लीज़ समझो।
नीरज- ओह्ह.. तो ये बात है.. यानि तुमको लगता है.. मैं इस वीडियो से तुम्हें ब्लकमेल करूँगा.. और तुम्हें अपनी जान देनी होगी.. ऐसा समझती हो मुझे तुम.. छी:.. तुमने मेरे बारे में ऐसा सोचा भी कैसे?
रोमा- ओहोह.. आप मुझे ग़लत समझ रहे हो.. मेरा कहने का ये मतलब नहीं है.. मान लो ये वीडियो किसी और के हाथ लग गया तो?
नीरज- यहाँ मेरा ना कोई दोस्त है.. ना कोई दुश्मन.. तो कौन मेरे मोबाइल में देखेगा.. यार अब वक्त खराब मत करो.. मान भी जाओ मेरी बात.. वरना मैं समझूँगा.. तुम्हें मुझ पर ज़रा भी भरोसा नहीं है।
रोमा- कैसी बातें करते हो.. मैंने अपना जिस्म तुम्हें सौंप दिया.. अब भरोसा करने को बचा क्या है.. अगर भरोसा नहीं होता तो बात यहाँ तक आती ही नहीं।
नीरज बहुत चालक था.. उसको साम.. दाम.. दंड.. भेद.. ये सारे पैंतरे पता थे। उसको लगा कि चिड़िया के पर निकल आए हैं.. ये मानेगी नहीं तो वो आगे बढ़ कर रोमा को किस करने लगा और उसके मम्मों को मसलने लगा।


*****************
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 2,257 11 hours ago
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 1,108 11 hours ago
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 913 11 hours ago
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,743,170 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 575,023 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,337,382 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,020,711 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,795,223 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,198,734 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,155,122 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 7 Guest(s)