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RE: Incest Porn Kahani माँ बनी सास
ज़ाहिद की बात ख़तम होते ही नीलोफर ने ज़ोर का कहकहा लगाया और इंडियन फिल्म निकाह का गाना ,
“दिल के अरमां आँसुओं में बह गये
हम वफ़ा कर के भी तेन्हा रह गये”.
की तर्ज का एक शेर बोली,
“ लंड के अरमां ,मूठ लगा कर बह गये.
हम लंड नंगा कर के भी, कंवारे रह गये.”
ज़ाहिद नीलोफर की हँसी और उस का सुनाया शेर सुन कर गुस्सा हो गया और बोला “ बहन की लौडी मुझे शर्मिंदा करवा कर तेरी हँसी निकल रही हैं”.
“गुस्सा मत करो में कोई हल निकालती हूँ” नीलोफर ने ज़ाहिद को गुस्से में आते सुना तो फॉरन जवाब दिया.
कहते हैं ना कि “चोर चोरी से जाय,मगर हेरा फेरी से ना जाय” की मिसाल के मुताबिक नीलोफर की बात सुन कर ज़ाहिद को अपने आप से किया रात वाला वादा भूल गया. और अपने गुस्से को ठंडा करते हुए उस ने नीलोफर से इश्तियाक भरे लहजे में फॉरन पूछा “ तुम क्या करो गी अब”
“इस जुम्मे (फ्राइडे) को जो तुम्हारे पड़ोस में शादी हो रही है,वो हमारे रिश्ते दार हैं,और में भी उस शादी में शामिल हो रही हूँ” नीलोफर ने ज़ाहिद से कहा.
“ इस शादी में तो में भी हूँ गा,तो फिर?” ज़ाहिद ने नीलोफर की बात काटते हुए कहा.
“जिस लड़की की शादी है वो शाज़िया की अच्छी दोस्त है,इसीलिए शाज़िया और तुम्हारी अम्मी भी इस में ज़रूर शामिल हों गीं, तो में पूरी कोशिश करूँगी कि शाज़िया की अपने साथ नाराज़गी दूर करवा लूँ” नीलोफर बोली.
“मगर शादी के रश में तुम उस से मेरी बात कैसे करो गी” ज़ाहिद नीलोफर की बात को ना समझते हुए पूछने लगा.
“तुम जुम्मे को अपनी अम्मी और शाज़िया के साथ मुझे शादी वाले घर मिलो,बाकी सब तुम मुझ पर छोड़ दो” कहते हुए नीलोफर ने फोन काट दिया.
नेक्स्ट डे ज़ाहिद फिर अपनी ड्यूटी पर था कि उसे नीलोफर का फिर फोन आया.
“ख़ैरियत तो है, अभी कल ही तो तुम से बात हुई थी?” ज़ाहिद ने नीलोफर का फोन सुनते ही पूछा.
“यार आज में भाई के साथ बाज़ार आई हुई हूँ. सोचा तुम फ्री हो तो तुम से मुलाकात ही कर लूँ”नीलोफर को ज़ाहिद से चुदाये काफ़ी दिन गुज़र चुके थे. इसीलिए उसे आज ज़ाहिद के मोटे लंड की शिद्दत के साथ अपनी फुद्दि में तलब हो रही थी.
ज़ाहिद समझ गया कि नीलोफर को उस के लंड की प्यास लगी हुई है.इसीलिए वो उस से मिलना चाह रही है.
नीलोफर की तरह ज़ाहिद को भी फुद्दि मारे काफ़ी दिन हो चुके थे. इसीलिए नीलोफर की बात सुन कर उस ने एक घंटे बाद उस को अपने पुराने मकान पर मिलने का कहा.
नये थाने में पोस्ट होने के बाद भी ज़ाहिद ने काला गुजरं पोलीस चोकी के करीब लिया हुआ किराए का मकान अभी तक अपने पास रखा हुआ था.
ज़ाहिद के बताए हुए टाइम पर जमशेद अपनी बहन को ले कर ज़ाहिद के पास आन पहुँचा.
मकान के कमरे में जाते ही नीलोफर ने अपने गले में लटके हुए बॅग और दुपट्टे को एक झटके से अपने जिस्म से उतार कर कमरे में पड़े सोफे पर फैंका. और तेज़ी के साथ दौड़ती हुई ज़ाहिद की खुली बाहों में जा गिरी.
नीलोफर को अपनी बाहों के हसार में जकड़ते ही ज़ाहिद ने नीलोफर के मुँह,गालो और होंटो पर किस्सस की बरसात कर दी.
जमशेद अपनी बहन को एसआइ ज़ाहिद के साथ इस तरह गरम जोशी से मिलता देख कर मुस्कुराया. और उस ने नीलोफर के बॅग में से उस का सॅमसंग गॅलक्सी नोट मोबाइल फोन निकाल कर अपनी बहन और एसआइ ज़ाहिद की वीडियो बनाना शुरू कर दी.
जमशेद अपनी बहन और ज़ाहिद की वीडियो बनाने के साथ साथ एक एक कर के अपने कपड़े उतारने लगा और आख़िर कार बिल्कुल नंगा हो गया.
ज़ाहिद ने जब जमशेद को वीडियो बनाने के साथ साथ नंगा होते देखा. तो उसे भी जोश आया और उस ने आहिस्ता आहिस्ता कर के पहले नीलोफर के कपड़े उतार के उसे बे लिबास कर दिया.
फिर वो खुद भी जल्दी से अपने कपड़े उतार कर नीलोफर और जमशेद के सामने मुकम्मल नंगा हो गया.
जब जमशेद ने देखा कि उस समेत कमरे में सारे जिस्म अपने अपने कपड़ो से बे नियाज़ हो गये हैं. तो उस ने अपने हाथ में पकड़ा हुआ अपनी बहन का मोबाइल कमरे के टेबल पर इस पोज़िशन में रखा. जिस एंगल पर ज़ाहिद के कमरे में बिछा हुआ बेड पूरे का पूरा कवर हो सकता था.
जमशेद मोबाइल फोन की वीडियो रेकॉर्डिंग को ऑन छोड़ कर ज़ाहिद की बाहों में जकड़ी अपनी बहन के पीछे आया.और नीलोफर की गान्ड को अपने हाथों में दबोचते हुए पीछे से उस की गर्दन पर प्यार से काटने लगा.
अपनी बहन की गर्दन को चूमने के साथ साथ जमशेद के हाथ आगे बढ़े और ज़ाहिद की छाती में दबे दबे अपनी बहन के जवान मम्मो को हाथ में ले कर मसलने लगा.
“हाई आज फिर मेरी बहन को दो लंड से एक साथ चुदवाने का दिल कर रहा है” जमशेद ने ज़ाहिद की तरफ देखते हुए उस से कहा. और अपने तने हुए लंड को पीछे से अपनी बहन की गान्ड की दरार में फैरने लगा.
“क्यों ना हम इसे बिस्तर पर लिटा कर एक साथ प्यार करें” ज़ाहिद ने जमशेद की बात का जवाब देते हुए कहा.
साथ ही ज़ाहिद ने नीलोफर को पास पड़े पलंग पर पीठ के बल लिटा दिया. इस के साथ ही ज़ाहिद नीलोफर की एक तरफ लेट कर उस के एक मम्मे को अपने मुँह में लेते हुए सक करने लगा.
जब कि जमशेद ने नीलोफर की दूसरी तरफ लेट कर उस के दूसरे मम्मे को अपने मुँह में भरा. और अपनी एक उंगली अपनी बहन की चूत में गुस्सेड कर आहिस्ता आहिस्ता अंदर बाहर करने लगा.
दोनो मम्मो को एक साथ चुसवाने और चूत के देने पर अपने भाई की रगड़ को महसूस कर के नीलोफर बे इंतेहा गरम हो गई.
मज़े का ये आलम नीलोफर की बर्दाश्त से बाहर हो रहा था. इस लिए गरम होते हुए नीलोफर चली, "आह आह अब रहा नहीं जाता अब तुम लोग जल्दी से मुझे चोदो दो प्लीज़."
नीलोफर की लज़्ज़त भरी आवाज़ सुन कर मम्मे को चूस्ते हुए जमशेद ने ज़ाहिद की तरफ देखा. और उसे अपनी आँखों के इशारे से नीलोफर की चूत चोदने का कहा.
साथ ही जमशेद नीलोफर के पहलू से उठा और उठते साथ उस ने अपना मोटा लंड अपनी बहन के खुले हुए होंठो के दरमियाँ रख दिया.
अपने भाई के गरम सख़्त लंड को अपने होंठो के ऊपर पा कर नीलोफर ने बेचैनी से अपना मुँह खोला. और जमशेद के लंड को अपने मुँह के अंदर ले जा कर उस का चुसाइ लगने लगी.
ज़ाहिद,जमशेद की हिदायत पर अमल करते हुए नीलोफर की टाँगों के दरमियाँ बैठा. और उस ने नीलोफर की टाँगों को उठा कर अपने कंधो पर रख लिया. इस के साथ ही ज़ाहिद ने एक झटके में अपना लंड नीलोफर की चूत में पूरे का पूरा दाखिल कर दिया.
नीलोफर की चूत में ज़ाहिद का लंड फिसलता हुआ उस की गान्ड तक अंदर चला गया. तो नीलोफर मज़े से चिल्ला उठी "हाईईईईईईईईईई ज़ाहिद तुम्हारा लंड तो सीधा मेरी बच्चे दानी पर जा कर चोट मार रहा है,अहह मुझे बहुत मज़ा मिल रहा है.”
“आज काफ़ी दिनो बाद तुम्हारी चूत को चोद कर मुझे भी बहुत ही स्वाद मिल रहा है मेरी जान” ज़ाहिद ने नीलोफर की चुदाई करते हुए उस के मम्मो को हाथ में थामा और जोश से बोला.
“ज़ाहिद आज मेरी चूत को अपनी बहन शाज़िया की चूत समझ कर चोदो” नीलोफर ने ज़ाहिद की बात के जवाब में कहा.
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नीलोफर ने ज्यों ही शाज़िया का नाम अपने मुँह से निकाला. तो अपनी बहन का नाम सुनते ही ज़ाहिद के जिस्म में एक करंट से दौड़ गया.
ज़ाहिद के लंड की रगों में खून पूरे जोश से दौड़ने लगा.जिस से ज़ाहिद का लंड पहले से भी ज़्यादा सख़्त हो गया.
ज़ाहिद ने मज़ीद जोश में आते हुए अपनी आँखे बंद कीं. और अपनी बहन शाज़िया के गरम प्यासे बदन को ज़हन में लाते हुए .नीलोफर की फुद्दि को अपनी बहन शाज़िया की चूत समझ कर ज़ोरदार तरीके से चोदना शुरू कर दिया.
ज़ाहिद के जोशीले और तेज घस्सो ने नीलोफर के जिस्म को उधेड़ कर रख दिया. और फिर चन्द ही लम्हों बाद ज़ाहिद "शाज़िय्ाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ,मेरिइईईईईईईईईई बहन कहते हुआ नीलोफर की चूत में फारिग हो गया.
“हां भर दो अपनी बहन शाज़िया की गरम फुद्दि अपने लंड के पानी से ज़ाहिद” नीलोफर ने ज़ाहिद के जिस्म के गिर्द अपनी बाहों और टाँगों को लपेट कर उस के लंड को अपनी चूत की तह तक ले जाने पर मजबूर कर दिया.
ज़ाहिद ने आज अपनी बहन शाज़िया के नाम पर उस की सहेली नीलोफर की चूत में इतना पानी छोड़ा. कि ज़ाहिद खुद भी हेरान हो गया कि ये इतना ज़्यादा पानी उस के लंड से कैसे निकला.
ज़ाहिद ज्यों ही नीलोफर को चोद कर उस के ऊपर से हटा. तो जमशेद फॉरन अपना लंड नीलोफर के मुँह से निकाल कर अपनी बहन की टाँगों के दरमियाँ आया. और अपनी बहन की चूत से बह बह कर निकलते ज़ाहिद के पानी को देखने लगा.
ज़ाहिद के गरम पानी से भरी हुई बहन की चूत को देख कर जमशेद को ना जाने किया सूझी. कि वो एक दम आगे बढ़ा और अपनी बहन की चूत पर अपना मुँह रख कर ज़ाहिद के लंड के पानी को अपनी बहन की फुद्दि से चूसने लगा.
“उफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ जमशेद ये तुम क्या कर रहे हो मेरे भाई” नीलोफर ने अपने भाई को ज़ाहिद का वीर्य चाटते देखा तो हडबडाती हुई बोली.
“कुछ नही बाजी में तो बस आप से अपने प्यार का इज़हार कर रहा हूँ” जमशेद ने ज़ाहिद के पानी से तर होती अपनी बहन की गान्ड के सुराख पर अपनी ज़ुबान फेरते हुए कहा.
“मगर भाई ये बहुत गंदी हरकत है जो तुम इस वक्त कर रहे हो” नीलोफर ने अपने भाई को ज़ाहिद की मानी चाटने से रोकने के लिए कहा.
“बाजी आप जानती हैं कि में आप से कितना प्यार करता हुआ,इसीलिए मुझे आप मत रोको ” जमशेद ने अपनी बहन की गान्ड से ले कर उस की चूत तक अपनी ज़ुबान को फेरते हुए कहा.
नीलोफर अपने भाई की बात सुन कर खामोश हो गई. और मज़े से बे हाल होते हुए अपनी चूत उठा उठा कर अपने भाई के होंठो पर रगड़ने लगी. जिस वजह से जमशेद के होंठ ज़ाहिद के लंड के जूस से भर गये.
कुछ देर मज़ीद अपनी बहन की चूत को सक करने के बाद जमशेद उठा और उस ने ज़ाहिद के पानी से भरी हुई अपनी बहन की फुद्दि में अपना लंड डाल दिया.
ज़ाहिद के पानी से पच पुच करती चूत में जमशेद का लंड बगैर किसी दिक्कत के टहलता हुआ एंटर हुआ.
जमशेद भी ज़ाहिद की तरह पूरे जोश में था. उस ने अपने लंड को अपनी बहन की चूत में पेलते हुए नीलोफर के मुँह पर अपने मुँह रखा. और चुदाई के साथ साथ अपनी बहन के होंठो को सक करते हुए अपने होंठो पर लगा ज़ाहिद का वीर्य अपनी बहन से शेयर करने लगा.
नीलोफर भी ज़ाहिद के लंड का ज़ायक़ा मज़े दार महसूस हुआ. और उस ने भी जोश में आते हुए अपने दाँतों से अपने भाई के नमकीन होंठो को काटना और खाना शुरू कर दिया.
जमशेद अपनी बहन और ज़ाहिद की चुदाई और नीलोफर की चुसाइ की वजह से पहले ही बहुत गरम हो चुका था.
इसीलिए ज़ाहिद के पानी से तर अपनी बहन की फुद्दि में जमशेद का अंदर बाहर होता हुआ लंड कुछ ही देर में अपना पानी छोड़ने लगा. और जमशेद के लंड का पानी भी अपनी बहन की बच्चा दानी में जा कर ज़ाहिद के पानी से मिल गया.
ज़ाहिद और जमशेद की ज़ोरदार चुदाई ने नीलोफर की फुद्दि और जिस्म को थका कर रखा दिया. और वो बिस्तर पर दो मर्दो के दरमियाँ पड़ी अपनी बिखरी सांसो को संभालने लगी.
जब कि बिस्तर के कोने पर पड़े नीलोफर के मोबाइल फोन ने उन तीनो की मस्त चुदाई के सारे मंज़र को अपने अंदर महफूज़ कर लिया.
अगले जुम्मे वाले दिन ज़ाहिद और उस की अम्मी शादी पर जाने के लिए तैयार हो रहे थे. तो रज़िया बीबी ने देखा कि शाज़िया तैयार नही हो रही.
रज़िया बीबी जानती थी कि दुल्हन शाज़िया की सहेली है. इसीलिए जब रज़िया ने शाज़िया को तैयार होते नही देखा तो उन को हैरत हुई और रज़िया बीबी ने शाज़िया से पूछा “ शाज़िया क्या बात है तुम क्यों तैयार नही हो रहीं”
“अम्मी मेरा दिल नही कर रहा,आप हो आएँ” शाज़िया ने अम्मी को जवाब दिया.
“बेटी कैसी बातें करती हो,एक तो दुल्हन तुम्हारी पुरानी सहेली है,ऊपर से पड़ोस का मामला है,इसीलिए तुम्हारा जाना लाज़मी है,उठो तैयार हो जाओ” रज़िया बीबी ने शाज़िया की बात सुन कर अपनी बेटी को समझाते हुए कहा.
शाज़िया का दिल जाने को नही था.मगर अपनी अम्मी के कहने पर तैयार होने लग गई.
शाज़िया ने अपने चेहरे पर हल्का हल्का मेक अप किया. और अपनी शादी के दिनो वाला एक पुराना मगर तेज कलर वाला एक सूट निकाल कर पहन लिया
जब शाज़िया तैयार हो कर कमरे से बाहर निकली. तो रज़िया बीबी आज काफ़ी अरसे के बाद अपनी बेटी को मेकप किए हुए और शादी के शोख रंगो वाले कार्प्डों में मलबोस देख कर एक दम बोलीं “ चश्मे बद्दूर मेरी बेटी आज कितनी प्यार लग रही है”
शाज़िया अपनी अम्मी के मुँह से अपनी तारीफ सुन कर मुस्करा दी और बोली “ अम्मी आप भी ना”.
“बेटी तलाक़ के बाद तो तुम ने अपना ध्यान रखना ही छोड़ दिया है,जो कि अच्छी बात नही” रज़िया बीबी ने शाज़िया को शरमाते देखा तो फिर बोली.
इस से पहले कि शाज़िया से मज़ीद और बात करती. ज़ाहिद एक दम घर में दाखिल हुआ और बोला “ चलो अम्मी देर हो रही है”.
घर में दाखिल होते वक्त ज़ाहिद की नज़र भी जब शादी में जाने के लिए तैयार अपनी बहन पर पड़ी.तो अपनी अम्मी की कमरे में मौजूदगी के बावजूद ज़ाहिद ने अपनी बहन के हुश्न का एक भरपूर जायज़ा लिया.
और अपने दिल ही दिल में अपनी अम्मी की तरह अपनी बहन के जवान गरम बदन की तारीफ किए बिना ना रह सका.
जब सब घर वाले एक साथ शादी वाले घर पहुँचे. तो नीलोफर को वहाँ पहले से माजूद देख कर शाज़िया को हैरत हुई.
शाज़िया नीलोफर के सामने नही होना चाहती थी. मगर रज़िया बीबी की नज़र कुर्सी पर बैठी हुई नीलोफर पर पड़ी.
रज़िया बीबी जानती थी कि नीलोफर शाज़िया की सहेली है. (मगर उन दोनो की नाराज़गी का उस को ईलम नही था)
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अब शाज़िया ने खुद ही इस बात को दुबारा से स्टार्ट कर दिया. तो नीलोफर के लिए ये सुनेहरी मोका था. कि वो अब शाज़िया को किसी तरह दुबारा अपनी राह पर चलाते हुए शाज़िया और ज़ाहिद की चुदाई का आगाज़ करवा सके.
“यार क्या बातों तुम तो जानती हो कि ये जवानी की आग कितनी ज़ालिम हो होती है. जब इस आग का शोला जिस्म में भड़कता है तो फिर इंसान को कुछ होश नही रहता,कि वो क्या कर रहा है” नीलोफर ने शाज़िया को उस के सवाल का जवाब देते हुआ कहा. और अपने एक हाथ को शाज़िया की मोटी रान पर आहिस्ता से रख दिया.
“ठीक है मगर फिर भी जो तुम कर रही हो वो बहुत ग़लत है नीलोफर” शाज़िया ने नीलोफर को समझाने के अंदाज़ में कहा.
“हां तुम कह तो सही रही हो मेने जो किया वो सब ग़लत और गुनाह है,मगर तुम ही बताओ इस दुनिया में कौन सा ऐसा इंसान है जो कोई गुनाह नही करता.मेरे शोहर ने शादी के बाद भी दूसरी औरत अपने पास रखी, क्या ये गुनाह नही” शाज़िया ने नीलोफर की बात का जवाब दिया.
“मगर फिर भी नीलोफर” शाज़िया ने नीलोफर की बात के जवाब में कुछ कहना चाहा.
“अगर मगर कुछ नही शाज़िया, चोर जानता है चोरी करना ग़लत है,लेकिन वो करता है,इसी तरह दुनिया में गुनाह और सवाब का पता होने के बावजूद भी हमारी तरह के लोग शैतान के बहकावे में आ जाते हैं, नीलोफर ने शाज़िया की टाँग पर अपने हाथ रखे हुए कहा.
ये शायद नीलोफर के लबो लहजे और उस की बातें करने का अंदाज़ था. की आज अपनी सहेली की बातें सुनते हुए शाज़िया को नीलोफर की कोई भी बात अजीब नही महसूस हुई. बल्कि ना जाने क्यों आज वो बहुत गौर से अपनी सहेली की जानिब मोत्वजो थी.
“तो तुम इस काम से बाज़ क्यों नही आ जाती” शाज़िया ने अपनी सहेली की बात सुन कर उसे फिर समझाते हुए कहा.
“क्या करूँ मेरा भाई मुझे प्यार ही इतना करता है कि चाहते हुए भी उसे रोकना अब शायद मेरे लिए ना मुमकिन बात है” ये कहते हुए नीलोफर ने अपने पर्स से अपना मोबाइल निकाला. और फोन में रेकॉर्ड की हुई जमशेद और ज़ाहिद के साथ अपनी चुदाई की मूवी को ऑन कर के मोबाइल शाज़िया के हाथ में पकड़ा दिया.
शाज़िया ने नीलोफर का दिया हुआ फोन अपने हाथ में ले लिया था .और मोबाइल पर चलती नीलोफर की चुदाई की मूवी को आँखे फाड़ फाड़ कर देखने लगी.
ये शायद नीलोफर से गुनाह और सवाब के बारे में की गई गुफ्तगू का असर था. या अपने ही प्यास ए जिस्म की गर्मी की मेहरबानी थी. कि शाज़िया आज काफ़ी टाइम बाद जब दुबारा अपने भाई के मोटे,सख़्त और तने हुए लंड को मोबाइल की स्क्रीन के ज़रिए अपनी सहेली की गरम फुद्दि में जाते देखने लगी.
तो नज़ाने क्यों आज अपने ही भाई का नंगा जिस्म और मोटा लंड देख कर शाज़िया को शरम ना सिर्फ़ पहले के मुक़ाबले ज़रा कम महसूस हुई. बल्कि आज तो शाज़िया अपने ही भाई के लंड को बड़े गौर से देखने भी लगी थी.
शाज़िया आज पहली बार अपने भाई का पूरा वजूद बिना किसी एडटिंग या चेहरे को छुपाए बगैर देख रही थी.
शायद अपने भाई के पूरे जिस्म और लंड को उस के चेहरे समेत देखने का ही ये असर था. कि शाज़िया की फुद्दि जो कि उस के तलाक़ शुदा होने की वजह से गुज़शता दो साल से चुदाई की लज़्ज़त से महरूम थी.उसे आज पहली बार अपने ही सगे भाई के लंड की तड़प महसूस होने लगी.
शाज़िया ने तो कभी ख्वाब में भी नही सोचा था. कि अपने ही भाई के लंड को देख कर उस की चूत कभी इतनी गीली हो गई . कि वो गर्मी से बहाल हो कर अपनी चूत का पानी भी छोड़ने लगेगी.
शाज़िया के अंदर इस तब्दीली की वजह शायद ये रही हो गी. कि वक्त गुज़रने के साथ साथ शाज़िया जाने अंजाने में अपने भाई की उस से छेड़ छाड़ और गंदी हरकतों की आदि होने लगी थी.
इसीलिए ज्यूँ ज्यूँ स्क्रीन पर चलती मूवी के सीन बदलते गये. त्यू त्यू शाज़िया के चेहरे के रंग बदलने के साथ साथ उस के जिस्म में भी बेचैनी सी होने लगी.
मूवी देखते देखते शाज़िया ने जब वो सीन देखा जिस में नीलोफर, ज़ाहिद को उसे अपनी बहन शाज़िया समझ कर चोदने का कहती है. और फिर ज़ाहिद, नीलोफर को चोदते चोदते “शाज़िया मेरी बहन्ंननननननणणन्” कहता हुआ नीलोफर की फुद्दि में अपना पानी गिरा देता है. तो मूवी का ये मंज़र देख कर शाज़िया की चूत की तह में एक हल चल मच गई.
शाज़िया तो अभी इस सीन से अपने आप को संभाल नही पाई थी. कि ज़ाहिद के वीर्य से तर नीलोफर की चूत पर जमशेद का लपकने और अपनी बहन की ताज़ा ताज़ा चुदि हुई फुद्दि को वहशियों की तरह सकिंग ने शाज़िया की रही सही कसर निकाल दी.
मूवी के ये दोनो मंज़र शाज़िया के लिए बे इंतिहा इरोटिक थे. जिन को देख कर शाज़िया को अपनी चूत का पानी अपनी टाँगो पर बहता हुआ महसूस होने लगा था.
शाज़िया के लिए पूरी मूवी देखना मुहाल हो गया. और उस ने घबरा कर मूवी बंद कर के मोबाइल फोन नीलोफर को वापिस लोटा दिया.
नीलोफर अपनी सहेली की बदलती हुई रंगत और हालत को देख कर ब खूबी समझ चुकी थी. कि चुदाई की इस मूवी ने शाज़िया की चूत और बदन में जवानी की आग को भड़का दिया है.
नीलोफर ने सोचा कि अब मोका है कि शाज़िया से छेड़ छाड़ कर के उसे मज़ीद गरमा दे.
ये ही सोचते हुए नीलोफर ने शाज़िया की रान पर रखे हुए अपने हाथ को आहिस्ता आहिस्ता हरकत में लाते हुए पूछा” शाज़िया अगर तुम्हारे पास मेरे जिस्म की गर्मी को दूर करने का कोई और हल है तो बता दो”
शाज़िया ने अपनी रान पर अपनी सहेली का हाथ महसूस तो किया. मगर उस ने ना तो नीलोफर को कुछ कहा और ना ही खुद अपनी सहेली के हाथ को अपनी गुदाज रान से हटाने की कोशिश की.
शाज़िया की तरफ से किसी भी किसम की मोज़मत ना पा कर नीलोफर समझ गई. कि शाज़िया अब बहुत गरम हो चुकी है. इसीलिए नीलोफर अब जो कुछ भी करे गी शाज़िया उस को माना नही कर सके गी.
ये ही सोचते हुए नीलोफर शाज़िया के नज़दीक हुई और उस ने अपना मुँह आगे बढ़ा कर अपने होंठ अपनी सहेली के होंठो पर रख दिए.
नीलोफर के होन्ट अपने होंठो से टकराते हुए महसूस कर के शाज़िया के गरम जिस्म में एक झटका लगा. और उस ने भी बिना कुछ सोचे समझे अपने होन्ट खोल दिए.
दोनो सहेलियो की ज़ुबान एक दूसरे के साथ टकराई और दोनो ने एक दूसरे के जिस्म को अपनी बाहों में कसते हुए एक दूसरे की ज़ुबान को चूसना शुरू कर दिया.
“हाईईईईईईईईईईई शाज़िया यकीन मानो मुझे इतना मज़ा अपने या तुम्हारे भाई के साथ किस्सिंग का नही आता जितना मज़ा मुझे तुम्हारे साथ आता है” नीलोफर ने शाज़िया की ज़ुबान को चुसते हुए कहा और साथ ही हाथ बढ़ा कर शाज़िया के मोटे मम्मे को अपनी हथेली में थाम कर दबाना शुरू कर दिया.
“उफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ निलो क्यों मुझे गरम कर के पागल करने पर तुली हो तुम” शाज़िया ने भी गरम जोशी से अपनी ज़ुबान को नीलोफर के मुँह में डालते हुए उसे जवाब दिया.
“यार मुझे तुम्हारी गरम जवान चूत को छेड़ने और उस में से निकलते पानी को पीने का बहुत मज़ा आता है,मेने तुम्हारी चूत के बिना इतने दिन कैसे गुज़ारे हैं,ये में ही जानती हूँ मेरी जान,अब जल्दी से अपने कपड़े उतार कर मुझे अपनी चूत का दीदार करवा दो ना” नीलोफर ने बेताबी से शाज़िया के कपड़ों को उस के जिस्म से अलग करने की कॉसिश करते हुए कहा.
दोनो की साँसें तेज़ी से चल रही थी. और दोनो बिल्कुल दीवानी और पागल होती जा रही थीं.
“नही यार आज नही अम्मी लोग आने वाले होंगे ” शाज़िया ने नीलोफर को रोकने की कॉसिश करते हुआ कहा.
“तुम फिकर ना करो वो अभी नही आएँगे” कहते हुए नीलोफर ने शाज़िया की शलवार और कमीज़ को खोल कर उस के बदन से अलग कर दिया.
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नीलोफर का जवाब सुन कर शाज़िया समझ गई. कि ये सब कुछ जो इस वक्त हो रहा है ये नीलोफर ने उस के भाई ज़ाहिद के साथ पहले से प्लान किया हुआ है. और जब तक नीलोफर नही चाहेगी उस वक्त तक ज़ाहिद भाई और उस की अम्मी घर वापिस नही लोटेंगे.
इसीलिए नीलोफर की देखा देखी शाज़िया को भी जोश आया. और उस ने भी नीलोफर की शलवार के नाडे पर हाथ डाल कर पहले नीलोफर की शलवार उतारी और फिर फॉरन ही नीलोफर के जिस्म को कमीज़ के बोझ से भी बेपरदा कर दिया.
अब शाज़िया और नीलोफर के जिस्म पर उन के ब्रेजर्स और अंडरवेार्स ही बाकी रह गये थे. और ब्रेजर्स में मलबूस दोनो सहेलियाँ एक दूसरे की आँखों में आँखे डालते हुए एक दूसरे के मम्मो को हाथ में थाम कर प्यार से मसल रही थी.
दोनो सहेलियो के हाथ एक दूसरे की छातियों पर बहुत बेताबी और गरम जोशी से फिस्सल रहे थे.
“हाईईईईईई बन्नो तुम्हारी छातियाँ तो पहले से भी ज़्यादा भारी हो गईं हैं”नीलोफर ने बड़े प्यार से शाज़िया को कहा.
फिर देखते ही देखते नीलोफर और शाज़िया के लिप स्टिक्स से भरे होन्ट आपस में टकराए .और दोनो सहेलियाँ एक दूसरे के होंठो को ऐसे सक करने लगीं. जैसे आज के बाद ये होन्ट उन को दुबारा नही मिलेंगे.
किस्सिंग करते करते दोनो के लब तो जैसे जुवैसी से हो गये थे. और अब होंठो की सकिंग के साथ साथ दोनो की ज़ुबान की सकिंग भी शुरू हो गई थी.
नीलोफर और शाज़िया की ज़ुबाने एक दूसरे के मुँह से बाहर आ कर आपस में टकराने लगी थी.
इस दौरान नीलोफर ने अपना एक हाथ नीचे ला के शाज़िया के अंडरवेार को अपने हाथ में थामा. और अंडरवेार को शाज़िया की फुद्दि से थोड़ा नीचे करते हुए शाज़िया की फुद्दि पर अपना हाथ फेरा .तो नीलोफर के हाथ को अपनी गरम प्यासी फुद्दि पर महसूस कर के शाज़िया की चूत की आग मज़ीद भड़क उठी.
शाज़िया ने आहिस्ता से अपनी टाँगें थोड़ी सी मज़ीद खोल दीं.तो नीलोफर की उंगली शाज़िया की चूत के नरम होंठो को आहिस्ता आहिस्ता सहलाने लगी.
अपनी सहेली की इस हरकत से शाज़िया की तो जैसे सांस ही रुकने लगी.
“हाईईईईईईईईईई निलो क्या जादू है तुम्हारे हाथो में मेरी जान,आज मेरी तड़पती फुद्दि की प्यास बुझा दो मेरी जान” शाज़िया ने अपनी फुद्दि को अपनी सहेली की उंगली पर रगड़ते हुए कहा.
“तुम फिकर ना करो,में आज तुम्हारी फुद्दि का सारा गरम पानी पी जाऊंगी शाज़िया” नीलोफर ने अपनी बे चैन होती सहेली को तसल्ली दी और शाज़िया का अंडरवेअर और ब्रेज़ियर उतार कर उसे मुकम्मल नंगा कर दिया.
शाज़िया को अंदाज़ा तो हो चुका था कि उस के घर वाले अभी इतनी जल्दी वापिस नही लोटेंगे. मगर इस के बावजूद वो कोई रिस्क लेने के मूड में नही थी.
इसी लिए वो नीलोफर को अपने जिस्म से हटा कर नंगी हालत में उठ कर ड्राइंग रूम के दरवाज़े की तरफ गई. और जल्दी से दरवाज़े को अंदर से लॉक लगा कर बंद कर लिया.
नीलोफर ने जब शाज़िया को अपनी मोटी और भारी गान्ड मटकाते हुए दरवाज़े की तरफ जाता देखा. तो अपनी सहेली की उठी हुई और हिचकोले खाती गान्ड की पहाड़ियों को देख कर नीलोफर सबर ना कर सकी. और वो भी सोफे से उठ कर शाज़िया के पीछे ही चली आई.
ज्यों ही शाज़िया दरवाज़े को लॉक लगा कर वापिस पलटी. तो पीछे खड़ी नीलोफर ने शाज़िया को कमरे की दीवार से लगाया. और खुद शाज़िया की लंबी गुदाज टाँगों के दरमियाँ बैठ कर अपना मुँह उस की पानी छोड़ती चूत पर रख कर शाज़िया की फुद्दि का पानी चाटने लगी.
नीलोफर के होन्ट ज्यों ही शाज़िया की फुद्दि से टच हुए. तो शाज़िया के मुँह से सिसकारियों का सैलाब उमड़ आया और नीलोफर के मुँह को अपने हाथ से अपनी फुद्दि में घुसेड़ती हुए चिल्लाई, “ओह निलूऊऊऊऊऊओ.”
शाज़िया मज़े से इतनी बे हाल हुई. कि उस के लिए दीवार से लग कर खड़े होना और अपनी तवज्जो कायम रखना मुहाल हो गया.
शाज़िया की फुद्दि को चाटती नीलोफर को भी ये अंदाज़ा हो चुका था. कि शाज़िया के लिए अब दीवार के सहारे खड़ा होना मुश्किल हो रहा है.
और इस से पहले के नीलोफर की सकिंग से बहाल हो कर शाज़िया फर्श पर गिर पड़ती.
नीलोफर शाजिया की टाँगों के दरमियाँ से उठी. और उस ने देखते ही देखते अपने से भारी शाज़िया को अपने बाजुओं में उठा लिया.
(लगता था कि जिस तरह पॉपी दा सेलर कार्टून में पॉपी, स्पीनेच खा कर अपनी बॉडी में ताक़त पेदा करता है. इसी तरह शाज़िया की चूत का गरम और नमकीन पानी पीने से नीलोफर के जिस्म में भी इतनी ताक़त पेदा हो गई थी .कि उस ने अपने से ज़्यादा वज़नी शाज़िया को अपनी बाहों में उठा लिया था.)
ज्यों ही नीलोफर ने शाज़िया को अपनी बाहों में उठाया. तो शाज़िया ने गरम जोशी से अपनी बाहों का घेरा नीलोफर के गले में डालने के साथ साथ अपनी टाँगों को भी नीलोफर की कमर के गिर्द कस लिया.
नीलोफर ने शाज़िया को अपनी बाहों में उठा कर पास ही रखे सोफे पर लिटा दिया.
शाज़िया की फुद्दि को टेस्ट कर के नीलोफर पर ना जाने क्या नशा तरी हो गया था. कि वो शाज़िया के सोफे पर लेटते ही उड़ती हुई आई. और सोफे पर लेटी शाज़िया की खुली टाँगों के दरमियाँ अपना मुँह रख कर उस की फुद्दि को जोंक की तरह चिमटाए हुए शाज़िया की फुद्दि का रस पीने लगी.
नीलोफर लपर लपर कर के शाज़िया की फुद्दि को पागलों की तरह चाटे जा रही थी.
“उफफफफफ्फ़ हाईईईईईईईईईईईईईई ओह” शाज़िया के मुँह से सिसकारियाँ अपनी पूरी रफ़्तार से जारी थी.
शाज़िया की फुद्दि में ज़ुबान फिराते हुए नीलोफर ने शाज़िया को थोड़ा करवट बदल कर साइड के बल लेटा दिया .
जिस की वजह से शाज़िया की भारी मोटी गान्ड की पहाड़ियो में पोषीदा शाज़िया की गान्ड की मोरी नीलोफर की नज़रों के समाने पूरी तरह नंगी हो गई.
अपनी सहेली की कंवारी गान्ड की सावली मोरी को देख कर नीलोफर की आँखों में एक अजीब सी चमक आई. और उस ने शाज़िया के पीछे आ कर शाज़िया की गान्ड की मोरी पर अपनी ज़ुबान की नौक रखी और फिर शाज़िया की गान्ड के ब्राउन सुराख को मज़े ले ले कर चाटने लगी.
“हाईईईईईईईईईईईई निलूऊऊऊऊओ क्या खूऊऊब मज़ेययययययययी देती हो तुम,कश्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह तुम एक लड़का होटिईईईईईईईईईईईईई मेरी जनंननननणणन्” शाज़िया मज़े की शिद्दत से बे हाल होते हुए नीलोफर से बोली.
“शाज़िया में तो तुम को कब से कह रही हूँ कि तुम अपनी जवानी को यूँ ही बर्बाद कर रही हो, मेरी मानो और इक बार अपनी जवानी का रस अपने भाई को चखा दो यार” नीलोफर ने शाज़िया के जिस्म को फिर से सीधा लिटाया और उस की टाँगों के दरमियाँ आ कर अपनी ज़ुबान शाज़िया की चूत में फैरने लगी.
"तुम सुधरोगी नही, यार तुम क्यों नही समझती कि ये गुनाह है” शाज़िया ने नीलोफर की बात का जवाब दिया.
“शाज़िया में तो कहती हूँ कि तुम ये गुनाह सवाब की बात को अपने दिल से निकाल कर सिर्फ़ और सिर्फ़ अपने जिस्म की आवाज़ सुनो, अपनी चूत की आवाज़ सुनो” नीलोफर ने अपनी सहेली को काल करने की कोशिश की.
“मुझे अपनी जवानी की प्यास बुझाने के लिए अपने भाई की मदद की ज़रूरत नही” शाज़िया ने सिसकते हुए नीलोफर को उस की बात का जवाब दिया.
“अच्छा अगर तुम्हारी चूत को अपने भाई के लंड की ज़रूरत नहीं तो फिर उस के लंड ने तुम्हारी फुद्दि को आज इतना गीला क्यों कर दिया है?" ये कहते हुए नीलोफर ने शाज़िया की पानी छोड़ती गरम चूत से अपना मुँह ऊपर उठाया. और शाज़िया को अपनी ज़ुबान और होंठो पर लगा उस की गरम चूत का पानी देखते हुए पूछा.
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RE: Incest Porn Kahani माँ बनी सास
आज वाकई ही शाज़िया अपने भाई की चुदाई की मूवी को देख कर अपने भाई के लंड के लिए बहुत ही गरम हो चुकी थी.और अब उस के लिए नीलोफर से अपनी जिस्मानी हालत को छुपाना ना मुमकिन हो रहा था.
“नीलोफर जब तुम मेरे भाई के गधे जैसे लंड से चुदवाने की अपनी मूवी मुझे दिखाओ गी.तो ये सब देख कर मेरी चूत गीली नहीं होगी क्या ?" शाज़िया ने अपनी सहेली को जवाब दिया.
शाज़िया को अपने भाई के मोटे लंड का पहली बार इतने खुले अंदाज़ में ज़िक्र करता सुन कर नीलोफर समझ गई कि उस की मेहनत रंग ला चुकी. इसीलिए वो बोली”अच्छा जब तुम्हारे भाई के लंड ने तुम्हारी चूत को इतना गीला कर ही दिया है तो उसे अपनी प्यारी खूबसूरत सी चूत का रस भी पी लेने दो ना,और अब तुम अपनी आँखे बंद कर के ये तस्व्वुर करूँ के तुम्हारी चूत में इस वक्त मेरी नही बल्कि तुम्हारे अपने सगे भाई ज़ाहिद की ज़ुबान फिर रही है."
(कहते हैं जब जिस्म की आग का शोला सुलगता है तो फिर वो किसी चीज़ की परवाह नही करता. आख़िर कार शाज़िया थी तो एक औरत. जिस की प्यासी जवानी की आग के शोले को आज फिर उस की अपनी सहेली की हरकतों ने भड़का दिया था.और अब अपनी जिस्मानी प्यास के आगे बेबस होते हुए शाज़िया के जज़्बात इस मुक़ाम पर आन पहुँचे थे. कि वो अपने जिस्म के हैवानी जज्बातों की असीर बनते और नीलोफर और उस के भाई जमशेद की तल्कीद करते हुए ग़लत,सही,गुनाह,सवाब सब कुछ भुला बैठी थी.)
इसीलिए ज्यों ही नीलोफर ने ये बात कहते हुए अपनी ज़ुबान को शाज़िया की चूत पर फिराना शुरू किया.
तो शाज़िया ने बिना कुछ सोचे समझे एक रोबोट की तरह नीलोफर की हिदायत पर अमल करते अपनी आँखे बंद कर लीं.
अपनी आँखे बंद कर के ज्यों ही शाज़िया अपने भाई ज़ाहिद के चेहरे को अपने तसव्वुर में लाई. तो उस को पहले से पानी छोड़ती अपनी फुद्दि में एक भूचाल सा आता हुआ महसूस हुआ.
शाज़िया के लिए अपनी चूत पर अपने भाई की ज़ुबान का तसव्वुर ही इतना दिल कश और मज़े दार था. कि शाज़िया के लिए अपने जज़्बात को संभालना मुश्किल ही नही था बल्कि ना मुमकिन हो रहा था.
शाज़िया की फुद्दि के लिप्स के दरमियाँ ज़ुबान फेरते फेरते नीलोफर ने अपना मुँह हटाया और शाज़िया से पूछा “ कैसा लग रहा है अपने भाई से अपनी चूत को सक करवाना शाज़िया”
नीलोफर के इतना कहने की देर थी कि शाज़िया को यूँ लगा जैसे उस की फुद्दि में एक आतिश फिशन फॅट पड़ा हो.
शाज़िया ने नीलोफर के सर पर हाथ रख कर उसे ज़ोर से अपनी चूत के साथ चिपका लिया. और “हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ज़ाहिद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड भाईईईईईईईईईईईई कहते हुए अपनी गरम प्यासी फुद्दि का सारा लावा अपनी सहेली के खुले मुँह में उडेल दिया.
शाज़िया के मुँह से अपने सगे भाई के नाम की पुकार सुन कर नीलोफर के होंठो पर एक शैतानी मुस्कराहट फैल गई. और वो शरप शारपप्प्प करते हुए अपनी सहेली शाज़िया की फुद्दि से उस के भाई के नाम का निकलता हुआ पहला ताज़ा पानी अपने मुँह के रास्ते अपने हलक में डालने लगी.
जब शाज़िया के जिस्म को लगते हुए झटके की शिद्दत कुछ कम हुई. तो नीलोफर शाज़िया की टाँगों के दरमियाँ से उठ कर शाज़िया के नंगे जिस्म के ऊपर लेट गई.
निलफोर ने शाज़िया की चूत के पानी से भरे हुए अपने होन्ट अपनी सहेली के होंठो पर रख कर शाज़िया को उस की फुद्दि के पानी का स्वाद चखाया.
अपनी सहेली के होंठो पर लगे हुए अपनी ही चूत के पानी के गरम और नमकीन ज़ायक़े को चख कर शाज़िया को बहुत मज़ा आया. और उस ने भी जोश से नीलोफर के होंठो को अपने होंठो में ले कर सक करते हुए नीलोफर के होंठो पर लगा हुआ अपनी चूत का पानी पीना शुरू कर दिया.
नीलोफर के मुँह और हाथों की मेहरबानी की बदोलत शाज़िया की फुद्दि की गरमी तो पहले की मुक़ाबले कुछ कम हो चुकी थी. मगर शाज़िया के बदकस नीलोफर की फुद्दि का पानी अभी तक उस की चूत से बाहर आने के लिए रास्ता तलाश कर रहा था.
इसीलिए शाज़िया को उसी की फुद्दि का पानी पिलाने के बाद नीलोफर ने शाज़िया के मुँह से अपना मुँह अलग किया.
और शाज़िया की भारी छातियों के साथ अपनी जवान चुचियाँ रगड़ने के साथ साथ अपनी चूत को भी शाज़िया की फुद्दि के साथ मिला कर रगड़ना शुरू कर दिया.
दोनो सहेलियो की गरम फुद्दियो का आपस में मिलाप हुआ. तो दोनो के जवान जिस्मो में ऊपर से ले कर नीचे तक एक करंट सा दौड़ गया.
शाज़िया की तरह नीलोफर भी एक बहुत ही गरम लड़की थी. और अपनी सहेली शाज़िया की फुद्दि को चाट चाट कर नीलोफर तो पहले ही मज़े में बे हाल हो रही थी.
इसीलिए ज्यों ही दोनो सहेलियों की गरम,प्यासी और पानी से तर होती चूते आपस में एक दूसरे से टकराई. तो नीलोफर की चूत में उबलता हुआ उस की फुद्दि का पानी गरमी की शिद्दत को बर्दाश्त ना कर सका. और नीलोफर को भी मंज़िल मिल गई.
शाज़िया ने अपने जिस्म के ऊपर हिचकोले खाते हुए नीलोफर के बदन को अपनो बाहों में क़ैद करते हुए अपने चौड़े और भारी सीने के साथ लगा कर नीलोफर को अपने साथ चिपका लिया.
थोड़ी देर बाद जब नीलोफर की हालत संभली. तो दोनो ने एक दूसरे की आँखों में आँखे डाल कर देखा. और मुस्कुराते हुए एक दूसरे के होंठो को चूस चूस कर एक दूसरे का शुक्रिया अदा करने लगीं.
नीलोफर ने पास पड़े अपने फोन को उठा कर टाइम चीक किया.तो उसे अंदाज़ा हुआ कि शाम का वक्त हो चुका है.
“हाईईइ बाहर तो शाम हो चुकी है अब मुझे चलना चाहिए” कहते हुए नीलोफर जल्दी से शाज़िया के ऊपर से उठी और फरश पर बिखरे अपने कपड़े उठा कर पहनने लगी.
नीलोफर की देखा देखी शाज़िया ने भी उठ कर अपने कपड़े पहन लिए.
ज्यों ही दोनो सहेलिया अपने अपने कपड़े पहन चुकीं.तो नीलोफर ने फिर से सोफे पर बैठे हुए शाज़िया को खैंच कर उस का सर अपनी गोद में रखा और बोली “क्यों बनो मज़ा आया क्या ”.
“यार ये भी कोई पूछने वाली बात है भला,मज़ा तो बहुत आया मगर जिस्म में अभी भी काफ़ी गरमी बाकी है निलो”. शाज़िया ने हंसते हुआ जवाब दिया.
“तुम्हारे जिस्म की ये गर्मी सिर्फ़ मेरे मुँह या हाथों से कम नही हो गी बनो,इस के लिए तुम्हारे भाई के मोटे और सख़्त लंड की हेल्प चाहिए ,तो फिर ज़ाहिद को भेज दूं आज रात तुम्हारे पास” नीलोफर ने अपनी सहेली के गाल पर प्यार से हाथ फेरते हुए पूछा.
“नीलू जो आग तुम ने मेरी चूत में लगा दी है,वो में अब अपने भाई के बड़े लंड से बुझवाऊगी तो ज़रूर,मगर वादा करो कि तुम ज़ाहिद भाई से मेरे बारे में कोई बात नही करो गी अभी” नीलोफर अपनी सहेली की बात सुन कर थोड़ी हेरान तो ज़रूर हुई.मगर फिर भी उस ने शाज़िया से वादा कर लिया कि वो ज़ाहिद से इन की आज की गरम मुलाकात का ज़िक्र नही करे गी.
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RE: Incest Porn Kahani माँ बनी सास
शाज़िया अपने कमरे से निकल कर अपनी अम्मी के कमरे में गई. शाज़िया ने अपनी अम्मी की अलमारी से नीलोफर के हाथों भिजवाया हुआ अपने भाई का ब्रेज़ियर और पैंटी का गिफ्ट उठा कर
तेज़ी से अपने कमरे में दुबारा आई.और कमरे के दरवाज़े की कुण्डी लगा दी.
कमरे में आते ही शाज़िया ने एक एक कर अपने सारे कपड़े उतारे और अपने भाई के दिए हुए ब्रेज़ियर और पैंटी बॅग से निकाल कर पहन ली.
अपने भाई के गिफ्ट को पहन कर शाज़िया ने कमरे के शीशे के सामने खड़े हो कर अपने भारी जिस्म का जायज़ा लिया. तो वो अपने बड़े बड़े मोटे मम्मे और अपनी भारी कूल्हे को अपने भाई के दिए हुए तोहफे में लिपटा देख कर मस्ती से खुद भी शर्मा गई.
शाज़िया को ना जाने क्या सूझी. कि उस ने पास ही रखा हुआ अपना मोबाइल फोन उठाया.और भाई के दिए हुए ब्रेज़ियर और पैंटी में मलबूस अपने नीम नंगे जिस्म की दो तीन “सेल्फी” तस्वीरे खैंच लीं. शाज़िया का पूरा जिस्म ऐसा करते हुए कांप रहा था.
(आज कल अपने मोबाइल फोन पर अपनी फोटो खुद ही खैंचने के अमल के लिए लोग सेल्फी की टर्म यूज़ करते हैं)
शीशे में अपने जिस्म को अपने भाई के दिए हुए तोहफे में लिपटा हुआ देख देख कर शाज़िया की चूत ना सिर्फ़ गरम हो चुकी थी. बल्कि गर्मी की शिद्दत से शाज़िया की फुद्दि का पानी उस की चूत से बाहर निकल कर शाज़िया की रानो को भी भिगो रहा था.
नीलोफर की बातें बार बार शाज़िया के दिमाग़ में गूँज रही थी. कि शाज़िया तुम्हारी चूत और जिस्म में एक आग सुलग रही है.शाज़िया तुम्हारी चूत तो एक प्यासी ज़मीन की मानद है. जिस को सराब होने के लिए एक भर पूर मर्द का साथ चाहिए.जो तुम को अपने सीने से लगा कर तुम्हारे अरमानो और जज़्बात को ठंडा कर सके. और वो मर्द कोई और नही बल्कि तुम्हारा अपना सगा भाई ज़ाहिद है,शाज़िया….
नीलोफर की बातों और हरकत को याद कर के शाज़िया इतनी गरम हुई.कि उस ने अपने धोने वाले कपड़ों की टोकरी में से अपनी वो शलवार निकाली. जिस पर उस के भाई ज़ाहिद ने अपनी मानी खारिज की थी.
ज़ाहिद के लंड का पानी शाज़िया की शलवार पर जमने की वजह से शलवार का चूत वाला हिस्सा सख़्त हो कर अकड चुका था.
शाज़िया ने अपनी शलवार को हाथ मे पकड़ कर अपनी पैंटी को अपनी चूत से थोड़ा हटाया.और अपने भाई की सुखी हुई मनी को अपनी नंगी फुद्दि पर रगड कर अपने भाई के लंड के पानी का मज़ा लेने लगी.
अपनी शलवार को अपने भाई का भीगा लंड समझ कर मज़ा लेते लेते शाज़िया को एक दम झटका लगा और वो फारिग हो गई.
फारिग होते ही उस की फुद्दि ने पानी कर फव्वारा निकाला. जो उस की टाँगों से बैठा हुआ उस की शलवार में जमी उस के भाई ज़ाहिद की खुशक मनी से मिलाप कराने लगी.
इस से पहले कि शाज़िया कुछ और कर पाती. कि घर का मेन गेट खुलने की आवाज़ शाज़िया के कानो में पड़ी.
शाज़िया समझ गई कि उस की अम्मी और भाई ज़ाहिद वापिस आ चुके हैं. इसीलिए शाज़िया ने जल्दी से अपने कपड़े पहने और किचन में जा कर ऐसे काम काज में मसरूफ़ हो गई. जैसे कुछ हुआ ही नही.
थोड़ी देर बाद जब शाज़िया ने अपनी अम्मी को अकेले ही घर में एंटर होते देखा.तो वो समझ गई कि उस का भाई ज़ाहिद अम्मी को बाहर की उतार कर जा चुका है.
दूसरे दिन सुबह दस बजे शाज़िया की रावलपिंडी से कराची की फ्लाइट बुक थी.
शाज़िया ने कुछ दिन पहले ही अपनी छोटी बहन से मिलने कराची जाने का प्रोग्राम बनाया हुआ था. और उस का इरादा था कि वो एक हफ़्ता अपनी बहन के पास गुज़ार कर वापिस चली आए गी.
इसीलिए उस रात शाज़िया घर के सारे काम निपटा कर अपने कमरे में चली आई.और सुबह कराची जाने की तैयारी में मसरूफ़ हो गई.
अगले दिन ज़ाहिद और उस की अम्मी रज़िया बीबी शाज़िया को एरपोर्ट छोड़ने गये.
एरपोर्ट पर अपना बोरडिंग पास ले कर शाज़िया जब एरपोर्ट के वेटिंग लाउन्ज में पहुँची. तो उस के दिल में एक प्लान आया.
अपने प्लान पर अमल करते हुए शाज़िया ने अपने मोबाइल फोन में दुबारा उस ही नंबर की सिम डाल ली. जिस को वो “साजिदा” बन कर इस्तेमाल करते हुए पिछले कुछ महीने पहले तक अपने ही भाई ज़ाहिद (रिज़वान) से चाट्टिंग करती रही थी.
मोबाइल में सिम डालते वक्त शाज़िया के हाथ कांप रहे थे और उस का दिल बहुत ज़ोर ज़ोर से धक धक कर रहा था.
अपने हाथ में फोन थामे शाज़िया ने एक लम्हे को कुछ सोचा.
और फिर उस ने अपने फोन की फोटो गॅलरी से अपने भाई के तोहफे में मलबूस अपनी सेल्फी को सेलेक्ट कर के व्हाट्सअप के ज़रिए उस तस्वीर को अपने भाई के (रिज़वान) वाले नंबर पर सेंड कर दिया.
उधर दूसरी तरफ अपनी बहन शाज़िया को एरपोर्ट पर सी ऑफ करने के बाद ज़ाहिद अपनी अम्मी को कार में बिठा कर बाथ रूम यूज़ करने चला आया.
ज्यों ही ज़ाहिद एरपोर्ट के बाथ रूम में घुसा . तो उस को अपने खास नंबर वाले मोबाइल पर मेसेज आने की आवाज़ सुनाई दी.
ज़ाहिद ने जल्दी से अपनी पॉकेट से फोन निकाल कर चेक किया.तो उसे साजिदा का नाम मेसेज पर लिखा नज़र आया.
कल नीलोफर की बात सुन कर ज़ाहिद के दिल में अपनी बहन शाज़िया के मुतलक कोई भी खुश फहमी बाकी नही रही थी.
इसीलिए अब व्हाट्सअप पर साजिदा के नाम का मेसेज देख कर ज़ाहिद को बहुत हैरानी हुई.
उस ने जल्दी से व्हाट्सअप को अपडेट कर के मसेज चेक किया. तो नीलोफर के ज़रिए साजिदा ( शाज़िया) को भिजवाए हुए ब्रेज़ियर और पैंटी वाले तोहफे में मलबूस अपनी बहन शाज़िया की नीम नंगी फोटो देख कर ज़ाहिद का मुँह खुला का खुला रह गया.
(वो कहते हैं ना कि “आक्षन स्पीक्स लौढ़र देन वर्ड्स”.)
बिल्कुल इसी तरह शाज़िया की साजिदा के नाम से रिज़वान (ज़ाहिद) के नंबर पर भेजी गई इस तस्वीर ने ज़ाहिद को बिना कुछ कहे सुने भी सब कुछ बता दिया.
क्यों कि “ कुछ भी ना कहा और कह भी गये” वाले गाने की तरह इस एक फोटो में शाज़िया की तरफ से अपने भाई ज़ाहिद को अपनी रज़ा मंदी का एक निहायत खुला पेगाम पोषीदा था.
अपनी बहन की रज़ा मंदी के मेसेज को देख कर ज़ाहिद का दिल खुशी से झूम उठा.
ज़ाहिद ने जल्दी से टाइम चेक किया. तो उसे अंदाज़ा हो गया कि इस वक्त तक शाज़िया जहाज़ में जा चुकी हो गी. और कुछ देर बाद उस का ऐरो प्लेन कराची के लिए रवाना हो जाए गा.
ज़ाहिद का दिल चाहने लगा कि किसी तरह वो उड़ के जाए और अपनी बहन के जहाज़ को उड़ने से रोक ले. मगर ज़ाहिद जानता था कि अब ये बात मुमकिन नही है.
इसीलिए अपने दिल में उठी हुई अपनी इस ख्वाहिश को उस ने दिल में ही दबा कर सबर का घूँट पी लिया.
अपनी बहन की आधी नंगी तस्वीर देख कर ज़ाहिद का लंड भी उस की पॅंट में खड़ा हो कर उसे अपनी बहन की चूत में घुस जाने की फरमाइश कर रहा था.
ज़ाहिद ने अपनी पॅंट की ज़िप खोल कर अपने मोटे बड़े लंड को पॅंट से बाहर निकाला. और उस ने हाथ में पकड़े हुए अपने मोबाइल से अपने फुल हाइयर हुए लंड की फोटो खैंच ली.
शाज़िया की फोटो को देख कर ज़ाहिद का लंड इतना सख़्त हुआ. कि लंड की इस सख्ती की वजह से ज़ाहिद के लिए पेशाब करना मुहाल हो गया.
ज़ाहिद ने बहुत मुश्किल से अपने लंड को तसल्ली दे कर उस के जोश थोड़ा ठंडा किया. तो फिर कहीं जा कर वो पेशाब करने के काबिल हो सका.
पेशाब से फारिग होते ही ज़ाहिद ने फॉरन शाज़िया के मेसेज का रिप्लाइ किया,“साजिदा मुझे बहुत खुशी है कि तुम ने मेरा भेजा हुआ तोहफा कबूल किया,तुम पर ये ब्रेजियर और पैंटी बहुत सज रही हैं मेरी बहन, तुम्हारी भेजी हुई तस्वीर की वजह से मेरे लंड की जो हालत हुई है, उस की एक झलक तो इस फोटो मे भेजी है,मगर अपने लंड की प्यास बुझाने के लिए मुझे अब तुम्हारी वापसी का बहुत शिद्दत से इंतज़ार रहे गा मेरी जान”.
ये मेसेज लिख कर ज़ाहिद ने अपनी बहन शाज़िया को उस के साजिदा वाले नंबर पर रिप्लाइ कर दिया.
साथ ही साथ ज़ाहिद ने कुछ मिनट्स पहले खैंची हुई अपने लंड की फोटो भी शाज़िया को सेंड कर दी.
ज़ाहिद की तरह शाज़िया भी अपने भाई का रिप्लाइ पढ़ कर और उस के लंड की भेजी हुई तस्वीर देख कर मस्ती में आ गई. मगर वक्त की कमी और इर्द गिर्द दूसरे लोगो की मौजूदगी की वजह से उस ने मज़ीद मेसेज करना मुनासिब ना समझा.
वैसे भी अपनी भेजी हुई फोटो के ज़रिए शाज़िया का मकसद ना सिर्फ़ पूरा हो चुका था. बल्कि वो ये बात भी ब खूबी जान चुकी थी. कि उस के भाई ज़ाहिद के लंड को उस की फुद्दि की तलब अब एक हफ़्ता सकून नही लेने देगी . और वो दिन रात पागलों की तरह शाज़िया के घर वापिस आने का इंतिज़ार करे गा.
इस के साथ ही शाज़िया अपनी चूत के लिए बे चैन होते अपने भाई ज़ाहिद के ख्याल और बेचैनि को अपने ज़हन में सोच सोच कर खुद ही मुस्कुराने लगी.और इस के साथ ही उस के जहाज़ ने कराची के लिए अपनी उड़ान भर ली.
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