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RE: Incest Porn Kahani माँ बनी सास
जब रज़िया बीबी घर के सहन में आई. तो देखा कि ज़ाहिद घर के दरवाज़े के पास खड़ा अपनी मोटर साइकल को स्टार्ट करने की कोशिश कर रहा था.
“आप क्यों बाहर चली आई अम्मी जान” ज़ाहिद ने जब अपनी अम्मी को अपने करीब आते देखा तो पूछने लगा.
“तुम्हारे स्कूल से कॉलेज जाने तक,में हमेशा एक माँ की हैसियत से तुम्हें घर के दरवाज़े से रुखसत करती रही हूँ, मगर अपने ही हाथों से पाले पोसे हुए अपने शोहर बेटे को आज में एक बीवी की हैसियत से रुखसत करने आई हूँ, मेरे मियाँ जीिइईईईईईईई” रज़िया बीबी ज्यों ही ज़ाहिद के नज़दीक हुई.
उस ने प्यार भरे अंदाज़ में ज़ाहिद के गले अपनी बहियाँ डालीं. और अपने जवान शोहर को अपनी बूढ़ी बाहों में ज़ोर से कसते हुए कहा.
“हाईईईईईईईई अगर आप ऐसी बातें करूँगी , तो किस कम बख़त का दिल नोकरी पर जाने को करे गा” अपनी अम्मी की बात सुन कर ज़ाहिद ने मोटर साइकल को उसी हालत में छोडा. और अपनी अम्मी के जिस्म से चिपकता हुआ रज़िया बीबी के लबों को चूमने लगा.
दोनो प्रेमियों का ये जोड़ा कुछ देर यूँ ही एक दूसरे के मुँह में मुँह डाले एक दूसरे के होंठो और ज़ुबान को सक करता रहा.
जब कि इस दौरान रज़िया बीबी के हाथ ज़ाहिद की कमर के साथ साथ उस के लंड को मसल्ते और दबाते रहे.
और दूसरी तरफ ज़ाहिद भी अपनी अम्मी के मम्मो और चूत को अपने हाथ से छेड़ते हुए रज़िया बीबी की चूत की आग को मज़ीद भड़काता रहा.
इस से पहले कि ज़ाहिद का दिल बेईमान होता और वो नोकरी पर जाने का इरादा टाल देता. कि उस के फोन की बेल बंज उठी.
ज़ाहिद ने फॉरन रज़िया बीबी से अलग होते हुए अपना फोन चेक किया. तो इस बार फोन डीएसपी साब का था. जो ज़ाहिद को जल्द अज जल्द अपने ऑफीस आने का कह रहे थे.
फोन को बंद करते ही ज़ाहिद ने एक बार फिर अपनी अम्मी को अपने गले से लगा कर एक ज़ोर दार चुम्मि ली. और फिर मोटर साइकल पर बैठ कर अपनी नोकरी पर रवाना हो गया.
उस रोज़ शाज़िया अपनी सोतन अम्मी को उस के सैयाँ ज़ाहिद का नाम ले ले कर उसी तरह तंग करती रही.
जिस तरह शाज़िया की ज़ाहिद के साथ सुहाग रात के बाद रज़िया बीबी ने अपनी बेटी शाज़िया को तंग किया था.
और रज़िया बीबी अपनी बेटी शाज़िया के ज़ू महनी जुमलों से महज़ूज़ और गरम होते हुए अपने घर के काम काज में मसरूफ़ रही.
अभी ज़ाहिद को घर से गये हुए चन्द ही गहनते गुज़रे होंगे . कि रज़िया बीबी की चूत की आग ने उस की शलवार में फिर से सर उठाना शुरू कर दिया.
“उफफफफफफफफफफ्फ़ अभी तो सिर्फ़ सुबह के दस बजे हैं, जब कि ज़ाहिद तो शाम से पहले नही लोटे गा” ज़ाहिद के मोटे लंड के लिए बे चैन होते हुए रज़िया बीबी ने कमरे में लगे वॉल क्लॉक की तरफ देखते हुए सोचा.और अपनी गरम चूत को अपने हाथ से तसल्ली देते हुए फिर अपने कामों में मसरूफ़ हो गई.
घर के सहन की सफाई के दोरान रज़िया बीबी ने आसमान की तरफ देखा. तो आसमान को बादलों से भरा हुआ देख कर रज़िया बीबी के दिल में ख्याल आया.“ लगता है आज ज़रूर बारिश हो गी”.
रज़िया बीबी फिर अपने काम में मसरूफ़ हो गई. मगर काम काज कर दोरान रज़िया बीबी की नज़र बदस्तूर वॉल क्लॉक की तरफ जा रही थी.
“आज बार बार घड़ी की तरफ देखे जा रहीं हैं, ख़ैरियत तो है ना छोटी बेगम” अपनी अम्मी की बे चेनी को समझते हुए शाज़िया ने अपनी अम्मी को छेड़ा.
“तुम खूब जानती हो मेरी बे चैनि की वजह,तो फिर क्यों बिना वजह मुझे तंग करती हो शाज़िया”अपनी बेटी की बात सुन कर रज़िया बीबी ने बे शर्मी शलवार के उपर से अपनी चूत को मसलते हुए कहा.
“अगर इतनी ही आग लगी है,तो ज़ाहिद को वापिस घर बुला कर इस सुहाने मोसम का मज़ा लो आप” अपनी अम्मी की हरकत पर महज़ोज़ होते हुए शाज़िया ने बादलों की तरफ इशारा किया. जो अब किसी भी लम्हे बरसने को तैयार थे.
“सच पूछो तो दिल मेरा भी ये ही चाह रहा है,अच्छा में अभी अपने जानू को कॉल मिलाती हूँ” शाज़िया की बात से अग्री करते हुए रज़िया बीबी ने ज़ाहिद को कॉल कर दी.
“ख़ैरियत है ना” ज़ाहिद ने फोन का जवाब देते ही अपनी अम्मी से पूछा.
“बहुत खूब मेरी सोई हुई फुद्दि के जज़्बात को अपने लंड से जगा कर पूछते हो ख़ैरियत है” ज़ाहिद के सवाल पर रज़िया बीबी ने नकली गुस्सा करते हुए कहा.
“उफफफफफफफ्फ़ अम्मी जल्दी से बताएँ, क्या बात है, क्यों कि मेरे पास टाइम नही है अभी” ज़ाहिद इस वक्त वाकई ही अपने किसी सरकारी काम में बिजी होने की वजह से अपनी अम्मी से ज़्यादा बात नही कर सकता था. इसीलिए वो थोड़ा झुंझलाते हुए अपनी अम्मी से बोला.
“आज ज़रा जल्दी घर आ जाओ ना,देखो मोसम कितना सुहाना हो रहा है,मेरे राजा” ज़ाहिद के रवैये को नज़र अंदाज़ करते हुए रज़िया बीबी ने बहुत प्यार से अपने बेटे से फरमाइश की.
“नही में जल्दी नही आ सकूँ गा आज, मजबूरी है” ज़ाहिद ने अपनी अम्मी को रूखा सा जवाब दिया.
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RE: Incest Porn Kahani माँ बनी सास
अपने जानू बेटे के रूखे पन पर गुस्से में आते हुए रज़िया बीबी ने ज़ाहिद को फोन पर इस गाने के बोल सुनाए. और फिर एक दम फोन बंद कर दिया.
“हाईईईईईईई अभी सुबह ही तो आप ने अपनी फुद्दि मरवाई है, और अब आप से शाम तक सबर नही हो रहा, मुझे समझ नही आती कि अब्बू की मौत के बाद से आज तक आप कैसे अपनी इस गरम फुद्दि को शांत करती रही हैं अम्मी” अपनी अम्मी को गुस्से से फोन बंद करते देख कर शाज़िया की हँसी निकल गई. और उस ने अपनी अम्मी को मज़ीद छेड़ते हुए कहा.
“अच्छा ज़्यादा टरर टरर मत करो और जा कर किचन में हंडी बनाओ” ज़ाहिद के लंड के लिए मचलती हुई रज़िया बीबी को शाज़िया का मज़ाक एक आँख ना भाया. और इसीलिए उस ने गुस्से में अपनी बेटी शाज़िया को भी डाँट दिया.
शाज़िया ने अपनी अम्मी को असली गुस्से में आते देखा. तो उस ने फॉरन किचन में जाना ही मुनासिब समझा.
अभी शाज़िया को किचन में गये चन्द मिनट्स ही गुज़रे थे. कि इतने में घर के गेट की बेल बजी.
रज़िया बीबी ने दरवाजा खोला तो साथ वाले पड़ोसी की बड़ी लड़की को शाज़िया को सामने खड़ा पाया.
ये लड़की शाज़िया शाज़िया की नई नई दोस्त बनी थी. इसीलिए कभी कभी शाज़िया से मिलने उन के घर चली आती.
“आंटी शाजिया घर है” ज्यों ही रज़िया बीबी ने दरवाजा खोला तो शाज़िया ने पूछा.
“शाज़िया किचन में है, जाओ जा कर मिल लो” कहते हुए रज़िया बीबी ने उस लड़की को अंदर आने का कहा.
शाज़िया घर के अंदर आई और फिर किचन में जा कर शाज़िया से बातों में मसरूफ़ हो गई.
उधर दूसरी तरफ रज़िया बीबी अब घर के टीवी लाउन्ज में झुक कर झाड़ू लगाने में मसरूफ़ थी. कि इतने में किसी मर्द की मज़बूत बाहों ने रज़िया बीबी के भारी वजूद को अपनी शिकंजे में कस कर उस की गरदन पर ज़ोर से प्यार किया.
“कोन्ंननननणणन्” रज़िया बीबी ने घबरा कर एक दम से पीछे मुड़ने की कोशिस की.
“डरो मत,में वो ही हूँ जिस के लंड के लिए तुम्हारी चूत को सबर नही हो रहा था. इसीलिए एसएचओ से बहाना कर के,तुम्हारी फुद्दि की तसल्ली करने जल्दी घर लौट आया हूँ आज,मेरी भिलो रानी” ज़ाहिद ने पीछे से अपनी अम्मी के मोटे मम्मो को अपने हाथों में दबाते हुए कहा.
“शीईईईआ आहिस्ता बोलो,और छोड़ मुझे ,साथ वालों की लड़की किचन में शाज़िया के पास बैठी है,अगर उस ने ये सब देख और सुन लिया तो कयामत आ जाएगी” रज़िया बीबी ने एक दम से अपने आप को ज़ाहिद की बाहों से आज़ाद करने की कोशिश करते हुए कहा.
“फिकर ना करो वो दोनो अपनी बातों में इतनी मसरूफ़ होंगी, कि उन तक मेरी आवाज़ नही पहुँचेगी,बस आप जल्दी से नाडा खोलो, ताकि में आप की गरम चूत में अपने लंड डाल कर इस की गर्मी दूर कर दूं” ज़ाहिद ने अपनी अम्मी को आज़ाद करने की बाजियाय रज़िया बीबी की शलवार के नाडे पर हाथ डाला. और रज़िया बीबी के समझाने के बावजूद ज़बरदस्ती अम्मी की शलवार उतारने की कोशिश करने लगा.
“उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ ज़ाहिद पागल हो गये हो क्या, में कह जो रही हूँ कि ज़रा सबर कर लो” रज़िया बीबी ने जब ज़ाहिद को अपनी शलवार के नाडे पर हाथ डालते देखा. तो गुस्से में देखा मार कर ज़ाहिद को अपने पीछे देखते हुए बोली.
ज्यों ही ज़ाहिद अपनी अम्मी के जिस्म से अलग हो कर थोड़ा पीछे हुआ. तो दूसरे ही लम्हे शाज़िया और उस की सहेली शाज़िया अचानक टीवी लाउन्ज में दाखिल हो गईं.
“उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ कहीं शाज़िया ने ज़ाहिद को मुझ से छेड़ छाड़ करते देख ही ना लिया हो” रज़िया बीबी को अपनी चोरी पकड़े जाने के डर था.इसी लिए साथ वालों की लड़की को एक दम अचानक आता देख कर रज़िया बीबी के चेहरे का रंग उड़ गया.
“आज आप बहुत जल्दी घर वापिस आ गये ज़ाहिद” शाज़िया ने ज़ाहिद को यूँ अचानक घर में देख कर हैरानी से ऐसे मुखातिब किया. जैसे एक बीवी अपने मियाँ से बात करती है.
“हां वो एक फाइल घर भूल गया था,वो ही लेने आया हूँ” ज़ाहिद ने शाज़िया की सहेली शाज़िया की तरफ देखते हुए अपनी बहन की बात का ऐसे जवाब दिया. जैसे ज़ाहिद ही शाज़िया का असली शौहर हो.
“फाइल तो एक बहाना है,असल में तो दूल्हा भाई आप को देखने आए होंगे भाभी” शाज़िया ने हाथ की कोनी मारते हुए शाज़िया से सरगोशी की.
(असल में झेलम से रावलपिंडी शिफ्ट होने के बाद ज़ाहिद ने अपने इर्द गिर्द रहने वालों को शाज़िया और अपना तारूफ़ मियाँ बीवी की हैसियत से ही करवाया था.ये ही वजह थी कि शाज़िया की नई सहेली ज़ाहिद को दूल्हा भाई और शाज़िया को भाभी कह कर बुलाती थी)
“बकवास नही करो, ऐसी को बात नही” शाज़िया ने भी सरगोशी में जवाब दिया.
इधर ज्यों ही रज़िया बीबी ने शाज़िया और उस की सहेली को एक दूसरे राज़ो नियाज़ की बातों में मसरूफ़ देखा.
तो इस मोके को गनीमत जानते हुए रज़िया बीबी ने बाथ रूम की तरफ दौड़ लगाई. और बाथरूम में जाते ही दरवाज़े को अंदर से बंद कर लिया.
“ये आपस में क्या ख़ुसर फुसर हो रही है, हमें भी तो बताओ” दूसरी तरफ टीवी लाउन्ज में खड़े ज़ाहिद ने जब शाज़िया और शाज़िया को आपस में सरगोशी करते देखा. तो वो उन दोनो से पूछने लगा.
“कुछ खास नही, में आप की बेगम को अपने साथ, अपने घर ले जाना चाह रही थी,मगर अब आप की घर मौजूदगी में शायद आप की ज़ोज़ा मोह्तर्मा अब मेरे साथ जाने पसंद नही करेंगी” शाज़िया की सहेली ने एक शरारती मुस्कुराहट के साथ ज़ाहिद से कहा.
“नही ऐसी कोई बात नही, मेरी वाइफ आप के साथ ज़रूर जाना पसंद करे गी,में सही कह रहा हूँ ना बेगम”ज़ाहिद ने शाज़िया की तरफ देखते हुए उस से पूछा.
“असल में शाज़िया बाज़ार से कुछ नये सूट खरीद कर लाई है,जो ये अब मुझे भी दिखाना चाहती है,आप अपनी फाइल देखे, में थोड़ी देर में वापिस आती हूँ” ये कहते हुए शाज़िया अपनी सहेली शाजिया के साथ उस के घर चली गई.
उधर बाथरूम में जा कर पेशाब करने के लिए रज़िया बीबी ने ज्यों ही अपनी शलवार उतारी. तो उस की शलवार उस के हाथ से छूट कर एक दम फर्श पर गिर पड़ी.
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RE: Incest Porn Kahani माँ बनी सास
सहन में आते ही ज़ाहिद की नज़र सामने भीची एक पुरानी चारपाई पर पड़ी. तो उस ने अपनी अम्मी को उधर लेटने का कहा.
रज़िया बीबी के चारपाई पर लेटते ही ज़ाहिद भी अपनी अम्मी के उपर चढ़ गया.और बोला “अपनी टाँगों को खोल दो और अपने शोहर के लंड का स्वागत करो मेरी जान”
इस के साथ ही ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की टाँगों को अपनी टाँगों पर रख कर अपने लंड को अम्मी की चूत में डाल दिया.
“आओ बेटा, पेल दो अपनी माँ की चूत में अपना लंड, तुम्हारी अम्मी बहुत प्यासी है,तुम्हारा बाप तो मर गया, अब तुम ही मेरी चूत को ठंडा कर सकते हो मेरे ज़ाहिद्द्द्द्द्द्दद्ड”रज़िया बीबी ने भी ज़ाहिद की गरम बातों का जवाब उसी गरम अंदाज़ में दिया. और फिर नीचे से अपने चूतड़ उठा उठा कर ज़ाहिद के मोटे लंड को अपनी चूत में जज़ब करने लगी.
कुछ देर यूँ ही अपनी अम्मी की फुद्दि मारने के बाद ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की चूत में अपने लंड का फव्वारा फिर से खोल दिया.
ज्यों ही ज़ाहिद ने अपना पानी अपनी अम्मी की फुद्दि में फारिग किया. तो अपने लंड का आखरी क़तरा अपनी दूसरी बीवी की चूत में डालते ही ज़ाहिद एक दम से उठा.और चारपाई पर लेटी रज़िया बीबी के साथ लेट कर अपनी अम्मी को 69 पोज़िशन में अपने उपर आने का कहा.
जैसे ही रज़िया बीबी ने ज़ाहिद के जिस्म के उपर आ कर 69 स्टाइल में अपनी चूत ज़ाहिद के मुँह पर रखी. और दूसरी तरफ से ज़ाहिद के मोटे लंड को अपने मुँह भरा.
तो ज़ाहिद अपनी अम्मी के भारी वजूद को अपने मज़बूत बाजुओं में अच्छी तरह कसते हुए चारपाई से उठ कर सहन के फर्श पर खड़ा हो गया.
ज़ाहिद के इस तरह अपनी अम्मी को अपने बाजुओं में उठ कर खड़ा होने से रज़िया बीबी का मुँह अब नीचे ज़ाहिद के पैरों की तरफ हो गया था.
जब कि रज़िया बीबी की फूली हुई चूत के लब फर्श पर खड़े ज़ाहिद के मुँह के ऐन सामने आ चुके थे.
“हाईईईईईईईईई मेरा जिस्म ना सिर्फ़ भारी है बल्कि गीला भी, में फिस्सल जाउन्गी तुम्हारी बाहों से ज़ाहिद” ज्यों ही ज़ाहिद ने रज़िया बीबी के जिस्म को अपनी बाहों में भर कर चारपाई से उठाया. तो रज़िया बीबी ख़ौफ़ के मारे चिल्ला उठी.
“मेरी जान मेरा तुम से वादा है कि में तुम्हारी पूरी तरह से हिफ़ाज़त करूँगा ,बस तुम मेरे लंड को अपने मुँह में भर कर इस पर लगा अपनी चूत का पानी सॉफ करो,मेरी रज़िया बेगम” ज़ाहिद ने अपनी बीवी माँ को होसला देते हुआ कहा.
ज़ाहिद कल दोपहर को भी इसी तरह अपनी अम्मी के भारी वजूद को अपनी बाहों मे भर कर चोद चुका था.
इसीलिए रज़िया बीबी को अपने जानू बेटे की मर्दानगी पर पूरा यकीन था. कि ज़ाहिद जो कह रहा है वो वाकई ही करेगा भी ज़रूर.
ये ही वजह थी कि ज़ाहिद के समझाने पर रज़िया बीबी के दिल में बैठा ख़ौफ़ एक दम दूर हो गया. और उस ने ज़ाहिद के मोटे लंड को अपने मुँह में ले कर अपनी ही चूत का पानी पीना शुरू कर दिया.
जब कि दूसरी तरफ ज़ाहिद भी अपनी अम्मी की कमर को ज़ोर से अपनी बाहों में जकड़ते हुए रज़िया बीबी के मोटे फुद्दे में छोड़ा हुआ अपना ही जूस चाटने में मसरूफ़ हो गया.
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इस दौरान बदिश का पानी ज़ोर ज़ोर से दोनो जिन्सी पदमियो के जिस्मो पर पड़ते हुए ज़ाहिद और रज़िया बीबी के लंड और चूत के पानी के ज़ायक़े को उन दोनो के लिए मज़ीद स्वाद वाला बना रहा था.
और ये दोनो मियाँ बीवी आज एक दूसरे के जिस्म के पानी को एक नये अंदाज़ में पी पी कर लुफ्त अंदोज़ हो रहे थे.
जब दोनो माँ बेटा एक दूसरे के लंड और चूत का पानी चाट चाट कर अच्छी तरह मुत्मिन हो गये.
तो ज़ाहिद ने रज़िया बीबी के जिस्म को दुबारा चारपाई पर लिटाया. और फिर बे सूध हो कर अपनी अम्मी के गीले बदन पर ढेर हो गया.
उस दिन के बाद रज़िया बीबी अपने बेटे की बीवी की हैसियत से अब हर रोज़ ज़ाहिद के साथ रात बसर करने लगी. और ज़ाहिद भी अब अपनी अम्मी को माँ से ज़्यादा एक बीवी की तरह ट्रीट करने लगा था.
ज़ाहिद अक्सर शाज़िया और रज़िया बीबी को एक साथ शॉपिंग के लिए ले जाता. और अपनी दोनो बीवियों को अपनी पसंद के मुताबिक कपड़े और अंडर गारमेंट्स खरीद कर देता.
शाज़िया की तरह रज़िया बीबी भी अब ज़ाहिद की ख्वाहिश के मुताबिक खुले गले वाले तंग शलवार कमीज़ पहनने लगी थी.
इन तंग कमीज़ों के खुले गालों से जब रज़िया बीबी के भारी मम्मे बाहर को छलकते.
तो अपनी अम्मी के नीम नंगे बदन को देख कर ज़ाहिद का लंड उस की शलवार में से उठ उठ खड़ा होता.
इस दौरान जब शाज़िया की चूत में आग ज़्यादा लगती. तो रज़िया बीबी एक माँ और सौतन का फ़र्ज़ निभाते हुए अपनी बेटी,बहू,और सोतन के गरम फुद्दे की आग को अपनी नुकीली ज़ुबान से सकून पहुँचा देती.
रज़िया बीबी को अब अपने बेटे से अपनी चूत को नंगा चुदवाते हुए तकरीबन एक महीना होने को था. और इस एक महीने में ज़ाहिद ने अपनी अम्मी को हर हर स्टाइल में चोद लिया था.
(कहते हैं कि जिस तरह अच्छा खाना खाने से इंसान की सेहत बेहतर तो है. उसी तरह रेग्युलर चुदवाने से अक्सर औरतों का वज़न भी बढ़ जाता है.
इस की मिसाल ऐसे दी जा सकती है. कि बहुत सारी कंवारी लड़कियाँ जो शादी से पहले काफ़ी दुबली पतली होती हैं. उन में से अक्सर का वज़न शादी के बाद पहले से ज़्यादा हो जाता है.)
लगता था कि शायद ऐसा ही कुछ रज़िया बीबी के साथ भी हो रहा था. रज़िया बीबी का वजूद तो पहले भी काफ़ी भारी था.
लेकिन ज़ाहिद से चुदवाने के बाद रज़िया बीबी का जिस्म ना सिर्फ़ पहले से भी थोड़ा भर गया था. बल्कि उसके साथ साथ रज़िया बीबी का पेट भी उस के कपड़ों में से पहले से कुछ ज़्यादा ही वज़िया नज़र आने लगा था.
मगर रज़िया बीबी ने अपने इस बेटे हुए वज़न की वजह जानने की ना तो कभी कॉसिश की. और ना ही टीन एज लड़कियों की तरह उस को अपना फिगर खराब होने की परवाह थी.
एक महीने के बाद ज़ाहिद को एक रोज़ किसी काम के सिलसिले में मुर्री जाना था. तो उसने अपनी दोनो ने शाज़िया और अम्मी को साथ जाने को कहा.
“नही भाई आप अम्मी को साथ ले जाओ, मेरी तबीयत खराब है, दोराने सफ़र हमारे बच्चे को कुछ हो ना जाए तो अच्छा नही हो गा ”
शाज़िया ने कमीज़ के उपर से अपने हमला पेट पर हाथ फेरते हुए अपने खाविंद ज़ाहिद को जवाब दिया.
“ठीक है तुम आराम करो,हम शाम तक वापिस आ जाएँगे” ज़ाहिद ने शाज़िया की बात मान ली.
“में कार बाहर निकालता हूँ,आप जल्दी से आ जाएँ अम्मी” शाज़िया से बात करने के बाद ज़ाहिद ने अपनी कार की चाभी उठी. और रज़िया बीबी को जल्दी आने का कह कर ज़ाहिद खुद बाहर निकल गया.
"तुम क्यों नही साथ जा रही शाज़िया” ज़ाहिद के बाहर जाते ही रज़िया बीबी ने शाज़िया से पूछा.
“में तो शादी के बाद मुर्री जा कर ज़ाहिद के साथ अपने हनी मून मना चुकी हूँ,इसीलिए आज आप को मोका देना चाहती हूँ कि आप अकेले ज़ाहिद के साथ जा कर एंजाय कर सको,अम्मी जान”
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रज़िया बीबी समझी कि शायद रेस्टोरेंट के खाने में कोई ऐसी चीज़ थी. जिस वजह से उस की तबीयत खराब होने लगी है.वो उठी और बाथरूम में जा कर उल्टी करने लगी.
“आप की तबीयत तो ठीक है अम्मी” फोन बंद करते ही ज्यों ही ज़ाहिद के कान में अपनी अम्मी की उल्टियो की आवाज़ पड़ी. तो वो दौड़ कर बाथरूम गया और अम्मी से पूछा.
“पता नही क्यों खाना खाते ही उल्टी होने लगी है,अभी ठीक हो जाउन्गी ,तुम फिकर ना करो” रज़िया बीबी ने जवाब दिया.
रज़िया बीबी बाथरूम में मुँह धो कर बाहर आई.मगर काफ़ी देर बिस्तर पर लेटा रहने के बाद भी रज़िया बीबी की तबीयत ठीक नही हुई.
ज़ाहिद इस दोरान कमरे की विंडो के पास खड़ा बाहर होती बारिश का नज़ारा ले रहा था.कि इतने में उस की नज़र होटेल के साथ ही लेडी डॉक्टर के क्लिनिक पर पड़ी.
“ये साथ ही एक क्लिनिक है, चलो जा कर डॉक्टर साहिबा से अपना चेक अप करवा लो अम्मी” अपनी अम्मी की हालत पर फिकर मंद होते हुए ज़ाहिद ने कहा.
“लगता है मुझे गॅस है, इसीलिए डॉक्टर के पास जाने की ज़रूरत नही,तुम बस मुझे सेवेन अप पिला दो, में थोड़ी देर में बैठर हो जाऊंगी” रज़िया ने ज़ाहिद के सामने ज़िद करते हुए कहा.
“अभी शाम नही हुई, इसीलिए डॉक्टर से दवाई ले लो,रात को तबीयत ज़्यादा खराब हुई तो मसला हो गा अम्मी” ज़ाहिद ने अपनी अम्मी को समझाते हुए कहा. और रज़िया बीबी की किसी बात को ना मानते हुए अम्मी को लेडी डॉक्टर के पास ले गया.
डॉक्टर की नर्स ज़ाहिद को वेटिंग रूम में बैठा कर रज़िया बीबी को लेडी डॉक्टर के पास चेक अप के लिए ले गई.
लेडी डॉक्टर ने रज़िया बीबी से उस की बीमारी के मतलक पूछ कर चेक अप से पहले रज़िया बीबी का यूरिन टेस्ट करवा लिया.
ज्यों ही रज़िया बीबी बाथरूम से फारिग हो कर दुबारा डॉक्टर के पास आई. तो लेडी डॉक्टर ने रज़िया बीबी को अपने पास पड़े चेकिंग टेबल पर लिटा कर रज़िया बीबी के पेट पर हाथ फेरते हुए अच्छी तरह चेक अप किया.
जितनी देर में डॉक्टर का चेकअप मुकम्मल हुआ. तो इतनी देर में नर्स ने रज़िया बीबी के पेशाब की रिपोर्ट डॉक्टर के टेबल पर आन कर रख दी.
चेक अप के बाद डॉक्टर आ कर अपनी चेयर पर बैठी. और रज़िया बीबी को भी अपनी डेस्क के सामने पड़ी चेयर पर बैठने का कहा.
ज्यों ही रज़िया बीबी डॉक्टर के सामने कुर्सी पर बैठी. तो डॉक्टर ने यूरिन रिपोर्ट पढ़ते हुए रज़िया बीबी के चेहरे की तरफ देखा और मुस्कुराते हुए बोली “ये गॅस की वजह से नही, बल्कि ये माँ बनने वाली उल्टियाँ हैं बीबी, मुबारक हो आप को,आप माँ बनने वाली हैं”
“कियययययययययययययययययययययययययययययययययययी, आप ये केसी बातें कर रही हैं डॉक्टर साहिबा” डॉक्टर के मुँह से ये इलफ़ाज़ सुन कर रज़िया बीबी को ऐसे लगा. जैसे उस का सिर पर आसमान ही गिर गया हो.
“में ठीक कह रही हूंन, आप को यकीन क्यों नही आ रहा बीबी” रज़िया बीबी का रिक्षन देख कर डॉक्टर ने दोबारा अपनी बात दोहराई.
“इसीलिए कि मेरी माहवारी (पीरियड्स) तो पिछले कई सालों से नॉर्मल नही, और वैसे भी उमर के इस हिस्से में मेरे लिए माँ बनना केसे और क्यों कर मुमकिन है डॉक्टर साहिबा”. रज़िया बीबी को समझ नही आ रही थी. कि वो लेडी डॉक्टर की सुनाई हुई इस आटम बॉम्ब खबर पर कैसे रिएक्ट करे. इसीलिए हैरान होते हुए वो लेडी डॉक्टर से बोली.
“क्या आप के पीरियड्स मुकमल तौर पर बंद हो चुके हैं बीबी” डॉक्टर ने रज़िया बीबी से सवाल किया.
“मुझे एक आध महीने बाद, कभी कभी अपनी शलवार पर स्पॉटिंग लगी हुई नज़र आती है, इसीलिए लगता है कि मेरे पीरियड्स मुकमल तौर पर बंद नही हुए शायद” रज़िया बीबी ने डॉक्टर की बात का जवाब दिया.
“वैसे आप कह तो सही रही हैं, कि आप की उमर में माँ बनने के चान्सस बहुत की कम होते हैं, लेकिन चूँकि आप के पीरियड्स अभी पूरी तरह बंद नही हुए, शायद ये ही वजह है कि आप के साथ ये मोजाज़ा (मिराकल) पेश आया है, और इस उमर में भी आप प्रेगनेंट हो गई हैं” रज़िया बीबी की बात सुन कर डॉक्टर ने जवाब दिया.
“मगर मेरी उमर इस वक्त 57 साल से उपर है, इस उमर में ये केसे मुमकिन है भला” रज़िया बीबी को अभी तक डॉक्टर की बात का यकीन नही आ रहा था. इसीलिए वो सवाल पर सवाल किए जा रही थी.
“आप के शोहर की उमर क्या है” डॉक्टर ने फिर पूछा.
“उन की उमररर्ररर, हो गी अंदाज़न 34 साल” रज़िया बीबी ने झिझकते हुए जवाब दिया.
“ओह तो आप के शोहर आप से उमर में छोटे हैं” रज़िया बीबी के मुँह से ज़ाहिद की उमर सुन कर डॉक्टर थोड़ी हैरान होते हुए बोली.
“जी हां वो मुझ से तकरीबन 22,23 साल छोटे हैं” रज़िया बीबी डॉक्टर के सलवाल पर शरमाते हुए बोली.
“इस का मतलब है कि शायद ये आप की दूसरी शादी है” रज़िया बीबी की बात सुन कर डॉक्टर भी अब शायद चस्के लेने के मूड में आ गई थी. इसीलिए उस ने रज़िया बीबी से ये सवाल पूछा.
“जीिइईईई डॉक्टर साहिबा” रज़िया बीबी ने शरम से सर झुकाते हुए जवाब दिया.
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10-24-2018, 01:15 PM,
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RE: Incest Porn Kahani माँ बनी सास
“ओह्ह्ह्ह, जब आप का शोहर इतना जवान हैं ,तो फिर आप को अपने हमला होने पर हैरत क्यों हो रही है” रज़िया बीबी के मुँह से ज़ाहिद की उमर के बारे में सुन कर डॉक्टर मुस्कुराइ. और उस ने शरारती अंदाज़ में रज़िया बीबी को फिर छेड़ा.
“मुझे कुछ समझ नही आ रहा, आप कहना क्या चाहती हैं डॉक्टर साहिबा” रज़िया बीबी ने डॉक्टर के मज़ाक को नज़र अंदाज़ करते हुए डॉक्टर से तफ़सील जानने की कॉसिश की.
इस के बावजूद कि ज़ाहिद से अपनी जिन्सी ताल्लुक़ात कायम करने के बाद रज़िया बीबी की ये दिली ख्वाहिश थी. कि काश वो अपने ही बेटे के बच्चे की माँ बन सके.
लेकिन आज जब उसे अचानक ये खबर मिल गई थी. कि वो ज़ाहिद के बच्चे की माँ बनने जा रही है. तो डॉक्टर के बार बार इसरार के बावजूद रज़िया बीबी का दिल इस बात को मानने पर तैयार नही हो रहा था.
“असल में बात ये है कि आप के मुक़ाबले में आप से ज़्यादा जवान होने की वजह से, आप के शोहर के स्पर्म काफ़ी ताक़त वर हैं ,इसीलिए लगता है कि ज्यों ही आप के शोहर का पानी आप की बच्चा दानी में गया,
तो आप को आप की कोख ने आप के जवान खाविंद के गाढ़े वीर्य को फॉरन अपने अंदर कबूल कर लिया, और इस कबोलियत का नतीजा अब आप की प्रेग्नेन्सी की शकल में आप के सामने है” रज़िया बीबी को तफ़सील से सारी बात समझाते हुए डॉक्टर बोली.
“में तो समझी थी कि 30,35 साल की उमर के बाद औरतों के माँ बनने के चान्सस काफ़ी कम हो जाते हैं,मगर आज पता चला कि मेरी उमर की औरत भी कभी माँ बन सकती है” वैसे तो लेडी डॉक्टर के मुँह से सारी बात तफ़सील से सुन कर रज़िया बीबी के दिल में खुशी के लड्डू फूट पड़े.
मगर शरम के मारे वो अपनी इस खुशी का इज़हार लेडी डॉक्टर से नही करना चाहती थी.
इसीलिए अपने जज़्बात पर बा मुश्किल काबू पाते हुए रज़िया बीबी आहिस्ता से बोली.
“सच पूछें तो मेरी सारी प्रॅक्टीस के दोरान, आप एक रेयर केस हैं जिन के साथ ये मामला हुआ है, अब आप प्रेगनेंट तो हो गई हैं, अब मेरा आप को मशवरा है कि आप कुछ अरसा अपने शोहर से परहेज करो, वरना आप की प्रेग्नेन्सी में कॉंप्लिकेशन्स हो सकती हैं”
शाज़िया की तरह रज़िया बीबी को चुदाई से परहेज का कह कर लेडी डॉक्टर ने रज़िया बीबी को भी कुछ हिफाज़ती टिप्स देने के साथ साथ ताक़त की चन्द टॅब्लेट्स लिख कर फारिग कर दिया.
पहले पहल तो रज़िया बीबी को डॉक्टर की बात सुनने के बाद चन्द लम्हे वाकई ही यकीन नही आया था. कि उस के साथ ये अन होनी भी हो सकती है.
मगर ज्यूँ ज्यूँ डॉक्टर उसे यकीन दिलाती गई कि वाकई ही उस के पेट में एक बच्चा पल रहा है. त्यु त्यु ये बात सुनते हुए रज़िया बीबी की फुद्दि में ज़ाहिद के हाथों की लगाई हुई आग अपना ज़ोर पकड़ती गई.
फिर जिस वक्त रज़िया बीबी ने लेडी डॉक्टर के कमरे से बाहर कदम रखे. तो अपने बेटे के बेटे को अपनी कोख में पालने के तसव्वुर से रज़िया बीबी के पूरे जिस्म में खुशी की एक लहर दौड़ गई.
जिस की वजह से एक तरफ रज़िया बीबी की आँखों से खुशी के आँसू भी जारी हुए. तो दूसरी तरफ नीचे से रज़िया बीबी की चूत ने अपने मुँह खोल कर अपना गरम पानी से उस की शलवार को भी भिगोना शुरू कर दिया था.
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RE: Incest Porn Kahani माँ बनी सास
“हां मेरे पेट में ,तुम्हारा बच्चा पल रहा है मेरे लाल” रज़िया बीबी ने ज़ाहिद के मोटे लंड पर अपनी भारी गान्ड को रगड़ते हुए कहा.
“आप तो कहती थी कि आप अब माँ नही बन सकतीं, तो फिर ये केसे मुमकिन है अम्मी जान” रज़िया बीबी की तरह ज़ाहिद को भी इस बात का यकीन नही हो रहा था. मगर इस के बावजूद अपनी अम्मी के मुँह से ये खबर सुन कर ज़ाहिद का लंड टाइट हो कर छत पर जा लगा था.
रज़िया बीबी ने मुस्कराते हुए अपने आप को ज़ाहिद की बाहों से निकाला. और बिस्तर पर चढ़ कर अपनी शलवार भी उतार दी.
अपनी शलवार को अपने जिस्म से अलग करने के दोरान रज़िया बीबी ने आहिस्ता आहिस्ता डॉक्टर की पूरी बात अपने बेटे ज़ाहिद के गोसे गुज़र कर दी.
अपनी शलवार और कमीज़ उतारने के बावजूद रज़िया बीबी अभी तक पूरी नंगी नही हुई थी. क्यों कि रज़िया बीबी के मोटे मम्मे और गरम चूत उस के अंडरवेअर और ब्रेज़ियर में अभी तक क़ैद थे.
“उफफफफफफफफफफफफ्फ़ इस का मतलब है कि मेरी अपनी सग़ी बहन शाज़िया के साथ साथ मेरी सग़ी अम्मी भी मेरे बच्चे की माँ बने गी आब्ब्ब्ब्ब्बबब ” अपनी अम्मी की सारी बात सुन कर ज़ाहिद की खुशी की इंतिहा ना रही और वो एक दम बोला.
इस के साथ ही मस्ती में आते हुए ज़ाहिद ने अपने सारे कपड़े भी उतार फैंके और सिर्फ़ अंडरवेअर में ही मलबूस हो कर अपनी अम्मी के साथ बिस्तर पर लेट गया.
“हां ना सिर्फ़ शाज़िया की तरह अब में भी तुम्हारे बच्चे की माँ बनूँगी,बल्कि तुम्हारे बच्चे को अपनी कोख से जनम दे कर शाज़िया की तरह में भी तुम्हारी असली बीवी का दर्जा पा लूँगी मेरे सरताज” ज़ाहिद की बात सुन कर रज़िया बीबी ने भी जोश में जवाब दिया.
“हाईईईई मुझे अपने इस हमला पेट का दीदार तो करवाओ, जहाँ मेरे लंड के बीज से बनने वाला, मेरा बच्चा परवरिश पाएगा मेरी जान” अपनी अम्मी के पीछे बिस्तर पर लेटते ही ज़ाहिद ने जोश से अपनी अम्मी के उभरे हुए मोटे नंगे पेट पर हाथ फेरते हुए कहा.
“हां क्यों अच्छी तरह से दीदार करो,मेरी इस कोख का जहाँ तुम्हारे प्यार की निशानी जनम ले रही है मेरे जानू” रज़िया बीबी भी ज़ाहिद की गरम जोशी देखते हुए मस्ती में आई. और उस ने भी ज़ाहिद की मस्ती भरी बात का उसी अंदाज में जवाब दिया.
“उफफफफफफफफफ्फ़ सिर्फ़ देखने से तो अब मेरा दिल नही भरे गा, इसीलिए बेहतर हो गा,कि में तुम्हारे बदन को चूम कर, तुम्हारे प्यार भरे इस तोहफे का शुकरिया अदा करूँ, मेरी छोटी ज़ोज़ा जान ”अपनी अम्मी के जिस्म के पीछे बिस्तर पर लेटते हुए ज़ाहिद ने रज़िया बीबी की लंबी और गुदाज रान को हाथ से पकड़ कर हवा में उठाया.
और पीछे से अपनी अम्मी के मोटे नंगे हमला पेट पर अपनी गरम ज़ुबान फेरते हुए कहा.
“हाईईईईईईईईईईईईई में क्या बताऊ कि आज तुम्हारे बच्चे की माँ बनने की ये खबर सुन कर मेरी चूत की क्या हालत हुई है मेरे बच्चे,मगर चाहने के बावजूद में अब तुम से अपनी फुद्दि नही मरवा सकती ज़ाहिद” ज्यों ही ज़ाहिद के गरम होंठो ने रज़िया बीबी के नंगे पेट को छुआ. तो मज़े की शिद्दत से रज़िया बीबी सिसकते हुए बोली.
“उउफफफफफफफफफफ्फ़ ये खबर सुन कर तो खुशी और जोश के मारे मेरा लंड फटने वाला है,और आप कह रही है कि में आप को अब चोद नही सकता,मगर क्यों” ये बात कहते हुए ज़ाहिद ने बिस्तर पर लेटी रज़िया बीबी को बेड पर बैठा कर पहले रज़िया बीबी के ब्रेज़ियर और पैंटी को उस के बदन से अलग किया.
और साथ ही अपना अंडरवेअर भी उतार कर पूरा नंगा होते हुए पीछे से अपनी अम्मी के नंगे वजूद को फिर अपनी बाहों में भर लिया.
“शाज़िया की तरह मुझे भी डॉक्टर ने चुदाई से कुछ महीने परहेज का कहा है,इसीलिए में अब तुम से एक दो महीने नही चुदवा सकती मेरी जान” ज़ाहिद के दिल और लंड पर बिजलियाँ गिराने वाली ये खबर सुनाते हुए रज़िया बीबी अपने मुँह को मोडते हुए पीछे को झुकी.और अपने बेटे ज़ाहिद के मुँह में मुँह डाल कर उस की ज़ुबान से ज़ुबान लहराते हुए बोली.
“हाईईईईईईईईईईईईईई आप ने ये खुशी की खबर सुना कर तो मेरे लंड को पागल कर दिया है,इसीलिए आज कुछ भी हो जाए, में एक दफ़ा तो आप की फुद्दि मार कर ही रहूं गा अम्मी जान”
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