10-25-2018, 12:13 PM,
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sexstories
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RE: Porn Sex Kahani सास हो तो ऐसी
अन्दर आतेही उसने मुझे बाहोमे लेकर उठाया। मुझे उठाके वो नाच रहा था। धीरे धीरे मुझे थोडा निचे करके मेरे नितम्ब पे अपना हाथ लाया। मेरी चूत कपड़ोके उपरसे उसके लंडपे घिस रही थी। बेचैन होते हुए फटाफट अपने कपडे उतारे। उसी जोश में वो मेरे कपडे उतारने लगा। उसके जोश में कही कपडे फट न जाये इसीलिए मैंने उसे शांत होने को कहा और कपडे उतारने लगी मेरे बदन से एक एक कपड़ा दूर हो रहा था, वैसे वैसे रवि की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी। उसके हाथ में अब उसका लंड था। वो लंड सहला रहा था। मेरे बदन पे अब बस ब्रा और निकर बची थी। रविसे रहा नहीं गया। वो आगे आया और उसने मेरी ब्रा मेरे छाती से दूर की। मेरे गोरे गोरे वक्ष उसके सामने खुले थे। जैसेही मैंने मेरे दोनों हाथ से वक्ष छुपानेकी कोशिश की उसने तुरंत मेरी निकर मेरेसे अलग करनेकेलिएमेरी कमर से उसे निचा किया। मेरे समझ में नहीं आ रहा था के मै अपने वक्ष छिपाऊ या अपनि चूत। मै दोनों कोशिशोमें नाकामयाब रही। रवि मुझे उठाके मेरे बेड रूम में ले गया। मुझे मेरे बेडपे लिटाकर उसने मेरी निकर मेरे पैरोसे अलग की। अब मै बिलकुल नंगी मेरे दामाद के सामने थी। वो भी नंगा था। उसका लंड तावमें आके ऊपर निचे -ऊपर निचे हो रहा था। मुझे घूरते हुए रविने अपना मुह मेरे जान्घोके बीच लाया और मेरे चूतपे अपना नाक लगाके सूंघने लगा। थोड़ी ही देरमें वो मेरी चूतको चूसने लगा। अपने हाथसे कभी मेरे चुचे तो कभी मेरी गांड दबातेहुए वो सचमच बच्चे आइसक्रीम जैसे चाटते-कुरेदते है वैसे चटाने लगा। मै हवामें उड़ने लगी। मेरी चूत गीली होके लंडके लिए छुट छुट करने लगी। मेरी गांड अपने आप उचकने लगी। रवि नासमझ था। उसके दिमागमें ये बात घुस नहीं रही थी। अंतमें मैंने ही उसे अपना लंड चूतमें डालनेका इशारा किया। रवि झटसे अपने घुतनोपे बैठा। मेरे पैर पसारकर उसने अपने लंडकी टोपी मेरे चूतमें दबाई। मुझे नानी याद आ गयी। मैंनेही जल्दी में उसे लंड चूतमें डालनेको कहा था। उसने भी बिना लंड गिला किये मेरी चूतमें लंड का प्रवेश किया। अब रोके कोई फायदा नहीं था। रवि को तो बस मेरे चुतमे अपना लंड जल्दी से जल्दी डालने की पड़ी थी। अन्दर पूरा लंड डालनेकी फिराकमे उसे मेरी कहा सुध थी। जैसेही पूरा लंड अन्दर प्रवेश कर चूका उसने किसी विजयी वीर जैसे मेरी तरफ देखा। उसका इतना बड़ा लंड चुतके अन्दर लेते लेते मेरी आंखोमे आसू आये थे। ये देखके रवि घबराके बोला -सासुजी,इतनी तकलीफ होती होगी तो निकालता हु। मैंने उसे हाथसेही मना करते हुए धीरे धीरे चोदने को कहा। रवि मुझे चोदने लगा। मेरी बेरी उसका पूरा लंड अन्दर नहीं लेती होगी। तभी वो पूरा लंड अन्दर जानेसे बहोत खुश था। अपनेसे दस साल जवान लड़केका लंड बहोत टाइट था। उसका हार्डनेस मेरी चूत के अन्दर बहोत अच्छा फील कर रहा था। चूतके अन्दरकी स्किन एक साथ सब तरफ से रगड़ जा रही थी। धीरे धीरे मेरी चूत आराम महसूस करने लगी। मैंने रवि को इशारा करके जोर जोर से चोदनेको कहा। उसकी ट्रेन फुल स्पीडसे चलने लगी। वो जवान होने की वजहसे बहोत जोरसे और तेजीसे धक्के दे रहा था। उसका बड़ा और लम्बा लंड मेरे चुतमे घिसते हुए मेरे बच्चेदानीतक जा रहा था। दुनियामें कोई भी औरत किसी भी कीमतपर ये सुख हासिल करना चाहेगी। मै नसिबवाली थी जो मुझे ये सुख मिल रहा था। रवि जोरसे चोद रहा था। उसका हौसला बढ़ानेकेलिए मैभी निचेसे गांड उठाने लगी। शाबास मेरे दामाद, और जोरसे-और जोरसे, तुम्हारे लंडका जवाब नहीं, जिंदगीमें पहली बार इतना सुख मिल रहा है , क्या ताकत पाई है तुमने।
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