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RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
पायल ने हां मे मुन्डी हिला दी और जैसे ही उसने मुझे पर्मीशन दे दी मैने पायल की दोनो मंडियो को कस्के जकड़ते हुए उसे अपनी ओर खीचा. ये पायल के लिए एक दम अनएक्सपेक्टेड था तो वो चीख पड़ी;
पायल: ऊऊहह माआ...!!!!
मैं तब तक पायल के जिस्म को खीचता रहा जब तक उसकी चूत मेरी गर्दन तक नही आ गयी... मैं उसकी चूत की खुश्बू को सूंघ पा रहा था. मैने एक लंबी साँस भरी और जितना हो सका पायल की चूत की महक को अपने अंदर समेट कर लिया.
मे: उम्म्म्मम....फ्रेश!!
मैने अपना राइट हॅंड पहली 2 उंगलियाँ पायल की मांदी पर रखी और जैसे बच्चो को घोड़े का चलना दिखाते हैं उस तरह से मैने अपनी 2नो उंलगिया उसकी मांदी पर;
मे: टिक...टोक...टिक.. टोक..
करके उसकी चूत की ओर बढ़ने लगा. और इस सब का पायल पर होता असर भी उसकी उखड़ती हुई साँस और हिलती हुई गान्ड से पता चल रहा था. आख़िर कार मैं पायल की पैंटी तक पहुँच गया. अपने हाथ से उसकी जाँघ की गोलाई को महसूस करते हुए मैं उंगलियो से हल्का सा पायल की चूत पर छूते हुए उसकी गरम चूत को पैंटी के उपर से महसूस करने लगा. चूत इतनी गीली हो गयी थी कि पायल की पैंटी भीग गयी थी आगे से और उस वजह से जैसे कि सेकेंड स्किन हो, मैं उसकी चूत की बंद पंखुड़ियो को सॉफ महसूस कर रहा था. मैं हल्के से अपनी उंगली को उसकी पैंटी पर उपर नीचे घिसना स्टार्ट किया तो;
पायल: सस्स्स्स्स्स्स्सिईईईईईईईईईईईईईई.....आआआआआआआअ..हह
उसकी सिसकिया बता रही थी कि अब उसे कोई नही रोक सकता.. उसकी जिस्म की भूक कितनी बढ़ गयी थी. अब पायल की चूत मेरे मूह से सिर्फ़ 1 इंच पर थी और मेरे और उसके बीच सिर्फ़ एक पैंटी का फासला था. मैं और तेज़ी से अपनी उंगलिया चलाने लगा. पायल अपनी गान्ड मेरे सीने पे रगड़ने लगी. उसकी स्किन मेरे सीने के बालो पर घिसने लगी. हर 30 सेकेंड्स मे उसकी चूत और भी ज़्यादा रस छोड़ने लगी थी..मैने उंगलिया और तेज़ कर दी. अब उसकी पैंटी सिर्फ़ नाम मात्र ही रह गयी थी. इतना पानी छोड़ चुकी थी पायल की क्या कहूँ यारो!!!
पायल: हुहह...आ..आआअहह,,,,म्म्म्म ममम...या..ईए......आआ.आ..उूउउ...
इस तरह की आवाज़े पायल के होंठो से निकलने लगी. उसकी चूत का खुलना बंद होना मैं महसूस कर रहा था, जान गया था कि अब कुछ ही देर मे पायल मेरे सीने पर अपनी ज़िंदगी का पहला ‘मॅनमेड’ ऑर्गॅज़म एक्सपीरियेन्स करने वाली हैं. उसकी गान्ड अब ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे हिल रही थी, उसके हाथ मेरे बालो मे थे,उसका सीना और बाहर की ओर निकला हुआ था और....
उूउउम्म्म्ममममममममम.आआआअ.....म्म्म्म़ममममममीईईईईई...हा.हा.हा...आआआआआआवउुुुुउउम्म्म्ममम....
ऐसी एक ज़ोरदार चीख के साथ पायल ने अपनी चूत का पानी मेरे सीने पर छोड़ दिया. पायल का जिस्म हिचकोले खाने लगा, जैसे कि एलेक्ट्रिक शॉक दे दिया हो उसे उस तरह से वो झट्के मार रही थी. उसकी आखे बंद नही थी मगर आइबॉस उसके दिमाग़ मे चले गये हो इस तरह से लग रहा था. पलके तक बंद नही कर पा रही थी वो.. मैं अपनी उंगली अब भी उसकी चूत पर चला रहा था. अभी तक तो उसकी पैंटी भी नही निकाली थी मैने और उसने अपना पहला ऑर्गॅज़म भी महसूस कर लिया था. कभी आप मे से किसीने किया हो या लड़किया तो जानती ही होगी कि अगर लड़की की चूत पानी छोड़ने के बाद भी अगर आप अपनी उंगलिया उस जूस मे चलाते रहो तो कुछ देर के बाद चूत सफेद और गाढ़ा कम छोड़ने लगती हैं.
उसकी चूत का रस मेरे सीने पर फैल गया था और मेरा सीना भीग गया था. मैने धीमे धीमे अपनी उंगलियो से पायल की चूत को छेड़ रहा था और मेरी हर हरकत पर पायल का जिस्म चहक उठता.. पायल की पैंटी उसकी चूत के होंठो मे अंदर तक घुस गयी थी जिससे उसका कॅमेल्टा सॉफ दिखाई पड़ रहा था. मैने अपना हाथ पायल की पैंटी मे घुसाते हुए उसकी गान्ड को ज़ोर से मसलना शुरू किया और अपना हाथ मैं उसकी गान्ड के छेद की ओर बढ़ाने लगा. पायल की मांसल मांदिया अब थरथरा रही थी..एक बार फिर से उसकी चूत एक ऑर्गॅज़म के लिए रेडी हो रही थी. वो अब खुद ही अपने निपल को मसल्ने लगी थी अपनी उग्लियो के बीच, उसके घने बाल उसकी नंगी पीठ की उपर लहरा रहे थे, उसकी नरम गान्ड मेरे खड़े लंड से बस कुछ इंच की दूरी पर ही नाच रही थी. एक जानवर जैसे मैं उसकी गान्ड को एक हाथ से मसल रहा था और दूसरे हाथ को उसकी चूत पर चल रहा था . उसकी गान्ड अब तेज़ी से आगे पीछे होने लगी थी... फॅन तक शुरू करने का होश नही था हमे.. हमारे जिस्म पसीने मे भीगने लगे थे. पायल का नंगा जिस्म, सिर्फ़ एक गीली पैंटी मे मेरे उपर झूल रहा था. सीन इतना हॉट था कि कोई देखते ही अपना चोद दे.. मैं अब बिल्कुल धीरे धीरे, गोल गोल सर्कल्स मे अपनी उंलगी को उसकी चूत की पंखुड़ी पर चला रहा था.
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RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
पायल : आआहहह.. आ..आ..आ...फफफफफफफ्फ़..उऊउक्कककककक....मीईईईईईई!!!
मैं तो जैसे इंतज़ार ही कर रहा था कि कब पायल ऐसा कहेगी और कब मैं उसे कस्के चोदता हूँ, क्योकि अब मेरा भी अपने आप पर कंट्रोल करना इंपॉसिबल हो चुका था .
मैने पायल की चूत पर से हाथ हटा कर उसकी दोनो बगलो मे हाथ डालते हुए उसके जिस्म को हल्का सा उठाया और कहा;
मे: शौक से!!
और मैं उसकी भीगी हुई पैंटी की ओर देखने लगा..वो समझ गयी और अपनी गान्ड को ज़रा सा उठा कर उसने अपनी पैंटी उतार कर साइड मे फेक दी.. अब पायल पूरी तरह नंगी थी..अपने हाथो को मेरे सीने पर रख कर वो सपोर्ट लेते हुए धीरे से मेरे लंड के ठीक उपर आ गयी. उसकी चूत से रस मेरे लंड पर टपक रहा था इतनी बुरी तरह से भीग गयी थी पायल की चूत. मेरा लंड राइट आंगल मे ठीक उसकी चूत के 2 सेंटीमीटर नीचे था. पायल मेरी आखो मे देखने लगी और मैं उसकी मे.. आखो आखो मे ही मैने उसे इशारा कर दिया और पायल अपने जिस्म को धीरे धीरे मेरे लंड पर उतारने लगी. उसकी चूत की गर्मी मेरे लंड पे महसूस कर पा रहा था. मैने अपने हाथ पे थोड़ा सा थूक लिया और लंड पर मल दिया. आख़िर कार पायल की चूत मेरे लंड पर टिक गयी...
पायल: सस्स्स्स्सिईईईईईईईईईई......उूुुुउउ....एम्म्म
सिर्फ़ उसकी चूत को छूते ही पायल सिसकिया भरने लगी. इंच बाइ इंच पायल उसकी चूत मे मेरा लंड घुसाते जा रही थी. हर इंच के साथ मैं पायल की मुलायम चूत की पंखुड़ियो को फील कर रहा था.. एक्सट्रीम्ली सॉफ्ट,वेट आंड स्मूद. उसकी चूत के होंठ मेरे लंड को अपने अंदर खीच रहे थे जैसे. मैं बयाँ नही कर सकता ऐसा एहसास हो रहा था मुझे. ऐसा लग रहा था कि मखमल की गरम चादर मेरे लंड के इर्द-गिर्द लपेट दी गयी हैं. पायल का पहली बार था तो मेरा लंड पूरा नही जा पा रहा था और उसे थोड़ा थोड़ा दर्द भी होने लगा था.. मगर हम दोनो पर हवस कुछ इस तरह से चढ़ गयी थी कि उस वक़्त कुछ भी हो जाता तो भी मैं पायल को चोद कर ही रहता और वो मुझसे चुदवाकर ही साँस लेती. मेरा ऑलमोस्ट आधा लंड पायल की चूत मे घुस गया था. मैं जानता था कि अगर मैं ज़ोर लगाऊ तो और भी अंदर जा सकता हैं, मगर मैं पायल पर ज़बरदस्ती नही करना चाहता था. हाफ लंड घुस जाने के बाद पायल रुक गयी और जैसे मेरे विशाल लंड को अपनी चूत को स्ट्रेच करते हुए महसूस करने लगी. हर मूव्मेंट के साथ उसकी सिसकियाँ निकल रही थी. उसकी आखे अब बंद हो चुकी थी. वो कुछ देर मेरे साइज़ को अड्जस्ट करने के लिए रुक गयी. मैने अपने हाथो से पायल की कमर को जाकड़ कर उसे सहारा देते हुए उसे उपर की ओर उठाया. पायल के हाथ अब भी मेरे सीने पर थे.उसके बूब्स मेरे मूह से कुछ उपर झूल रहे थे.एक हाथ को पायल की पीठ पर ले जाते हुए मैने उसे नीचे की ओर दबाया ताकि उसके निपल्स ठीक मेरे मूह मे ले सकूँ. अब मैं उसके राइट निपल को चूस रहा था और उसका असर भी हो रहा था. पायल की चूत और भी ज़्यादा रस छोड़ रही थी.
मेरा लंड बिल्कुल चिकना हो चुका था.. मैं पायल की कमर को उपर उठाते रहा और मेरा लंड जब 1 इंच तक ही अंदर घुसा हुआ था मैं रुक गया.
पायल समझ गयी. वो वापिस उसकी चूत को नीचे करते हुए मेरे लंड पर झुकने लगी. 1 स्ट्रोक, 2 स्ट्रोक और ऐसा करते हुए धीरे धीरे मैं उसे झट्के देने लगा. एक स्टेडी रिदम से मैं अब पायल को चोदने लगा था.
पायल: आहा...आआआ....आहा..आ...उउंम..उम्म्म..उम्म्म्मममम
पायल की आवाज़े रूम मे घूम रही थी. मैने अपने हाथ से पायल की कमर से हाथ लिए थे और अपने सिर के नीचे रख दिए थे. पायल अब पूरी तरह चुदाई करवा रही थी खुदकी. हर झट्के के साथ मेरा लंड और अंदर घुसता जा रहा था. अब मैं तेज़ी से अपनी कमर भी हिला रहा था और जितना अंदर हो सके अपने लंड को घुसा रहा था पायल की चूत मे.. मेरा लंड उसकी चूत के अन्द्रूनी हिस्सो को छू रहा था. कुछ देर बाद पायल का जिस्म शेक करने लगा.. जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत मे एक दम अंदर तक जाता वो झट्क मारने लगी, उसकी आखे कस्के बंद हो गयी थी, कमर बुरी तरह से हिल रही थी. उसका सिर उपर की ओर था. उसके गले की नसे तक मैं देख पा रहा था.. मैं समझ गया कि मेरा लंड पायल के जी-स्पॉट को टच कर रहा हैं. लड़कियो मे जी-स्पॉट होता हैं जो उन्हे जन्नत दिखाता हैं. वो अब ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी थी..
पायल: आआआआआआईयईईईईईईईईईईईई..ईईईईईईईईईईईईईईईई......एयेए...फफफफ्फ़....आअस्स...त.टत्त्तत्त
मैं पूरी ताक़त से पायल को चोदने लगा. तेज़ी से मेरा लंड उसकी चूत मे घुसता जा रहा था. पायल वाय्लेंट्ली अपनी चूत को मेरे लंड पर पटक रही थी. मेरा लंड अब पूरी तरह से उसकी चूत मे अंदर बाहर हो रहा था. पायल की सिसकिया, उसका पसीने से भीगा बदन, उस पसीने की वजह से चमकता हुआ उसका नंगा जिस्म जो पूरी तरह से मेरे ही लिए बना था, उसकी गीली चूत ये सब कुछ अब मेरे आपे से बाहर हो रहा था. मेरे आँड जो अब बड़े नींबू की साइज़ के हो गये थे उनमे मैं प्रेशर महसूस कर पा रहा था. एक जवान,कम्सीन बदन को मैं चोद रहा था इस बात के ख़याल तक से मुझे करेंट सा लग रहा था. हम दोनो एक दूसरे को तेज़ी से ठोकने लगे.
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RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
मे: आरगग्घह...आ..एयेए..ऊओह... ग्ग्गूऊऊओददड़...ऊऊ..प्प्प्प्प्पायाअलल्ल्ल्ल..
मैं भी अब आहे भर रहा था. मेरी कमर तेज़ी से झट्के मार रही थी. मैं समझ गया कि अंत नज़दीक आ रहा हैं. एक हाथ से मैं पायल के लेफ्ट बूब को मसल रहा था, जीभ से उसके राइट निपल से खेल रहा था, दूसरे हाथ से उसकी गान्ड की मखमली स्किन को दबोच रहा था. इस सब से पायल अब बावली हो गयी थी और उसका कंट्रोल छूट गया और वो चीख पड़ी;
पायल : आआआआआआआआआआअहहिईीईईईईईईईईईईईईईईईईईईई...आस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्साआम्र..आआआअ.टत्त्टटटतत्त..
वो हिचकोले मारने लगी और उसकी चूत पानी की तरह अपना रस मेरे लंड पर छोड़ने लगी. 4000 वोल्ट्स का झट्का लगा हो ऐसा ऑर्गॅज़म हुआ उसे. उसका सीना पूरी तरह से बाहर की ओर था . बूब्स इतने टाइट कि जैसे पिन मारने पर फट जाएगे. थरथराती हुई उसकी गान्ड जिसके वाइब्रेशन्स को मेरा लंड सॉफ महसूवस कर रहा था. मैं अब भी उसे झट्के दिए जा रहा था मगर अब मेरा भी बाँध टूट गया था और मैने झट्से अपना लंड उसकी चूत से निकाल दिया और ज्यों ही मैने लंड निकाला पिचकारी मे से निकलते पानी की तरह मेरा कम पायल की गान्ड पर गिरने लगा. बिना टच किए ही मेरा लंड मेरा सफेद वीर्य पायल की सुंदर गान्ड पर छोड़ता जा रहा था. एक के बाद एक स्पर्ट्स उसकी गान्ड को जैसे पैंट कर रहे थे. शायद ही अपनी ज़िंदगी मे मैने इतना कम छोड़ा होगा कभी. 5-6 लंबे लंबे शॉट्स के बाद कुछ छोटे स्पर्ट्स और फाइनली एक लास्ट बूँद मेरे लंड के छेद मे निकली और मेरा लंड धराशाई होकर पायल की गान्ड से टिक गया. पायल का ऑर्गॅज़म इतना ज़बरदस्त था कि वो मेरे उपर गिर पड़ी. उसकी तेज़ चलती साँसे, उपर नीचे होते हुए मम्मे, उनमे की गर्मी, उसके निपल्स मुझे सीने मे चुभ रहे थे. मेरे हाथ उसकी नंगी पीठ पर खेल रहे थे और लंड अब उसकी चूत पर दस्तक दे रहा था. उसके जिस्म से आती खुसबू से मेरी साँसे भर गयी और पता ही नही चला कब हमारी आख लग गयी.
"बुज़्ज़्ज़्ज़्ज़.ज़........बुज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़.........ब्बुज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़..."
मैं गहरी नींद मे था. सपने तो दिख नही रहे थे क्योकि हर मर्द का सपना मै कुछ घंटो पहले ही जी चुका था. रूम के फ्लोर पर कुछ झंझनाहट महसूस की मैने जिससे मेरी नींद खुल गयी. मैने आखे खोली. पायल का चेहरा मेरी छाती पर टिका हुआ था, उसका नंगा जिस्म किसी शॉल की तरह मेरे जिस्म से लिपटा हुआ था. उसके मुलायम और खुसबुदार बदन की गर्मी मैं महसूस कर रहा था. उसकी दोनो टाँगो के बीच ठीक उसकी चूत के उपर मेरा लंड टिका हुआ था.मैने आस पास देखा कि आख़िर कैसा वाइब्रेशन था ये. राइट साइड मे नज़र डाली तो मोबाइल वाइब्रट हो रहा था. शायद किसी का कॉल आ रहा होगा. मैने अपनी गर्दन थोड़ी उपर उठाई और देखा;
"मम्मी कॉलिंग...."
फोन उठाना ज़रूरी था. किसी और का होता तो जाने भी देता.. और इसीलिए भी नही कि मम्मी का था तो रिसीव करना ही होता हैं, बल्कि इसलिए कि अगर 3 कॉल नही उठाई तो लंडलिने पे आएगा और वो भी नही उठाया तो बाजू वाली आंटी टपक जाएगी डोर पे. मैं अपना हाथ आगे बढ़ा कर मोबाइल अपनी ओर खीचने की कोशिश करने लगा, मगर वो मेरे हाथ मे नही आ रहा था. पायल इतने सुकून से सोई थी कि उसे उठाने का दिल नही कर रहा था मेरा. मैने थोड़ी और कोशिश करना ठीक समझा और हाथ की उंगलियो को जितना हो सके उतना आगे ले गया, टच हो रहा था मगर हाथ मे नही आ रहा था. कॉल मिस हो गया! मैने सोचा पता नही कितना ज़रूरी कॉल था ये? कुछ ही सेकेंड्स मे फिर से कॉल आया. मैने आस पास देखा कि किसी चीज़ से मोबाइल खीच लूँ. पायल की पैंटी की सिवा कुछ नही दिख रहा था और वो थी क़ी उठने का नाम नही ले रही थी! मैने अपने लेफ्ट हॅंड से पायल की पैंटी को खीचा. आसानी से हाथ आ गयी वो. राइट हॅंड से उसकी पैंटी को एलास्टिक से पकड़ के जैसे मछुआरे मछली पकड़ने के लिए नेट डालते हैं वैसे मैने उसकी पैंटी को अपने मोबाइल की ओर फेका. मिस! फिर एक बात ट्राइ किया. अगेन मिस.. अब मुझे गुस्सा आ रहा था. पैंटी मे मोबाइल अटक तो रहा था पर साला आ नही रहा था. मैने 3सरी बार ट्राइ किया और ज्यों पायल की पैंटी मे मेरा मोबाइल फसा;
पायल: कब्से देख रही हूँ तेरी नौटंकी.. एक बार मुझे आवाज़ नही दे सकता था? पागल!!
पायल ने मेरे सीने मे अपने चेहरे को दबाते हुए मुझसे कहा. मैं थोड़ा सा चौक ही गया था उसकी आवाज़ से. पायल मेरी ओर देख कर स्माइल कर रही थी.. वाह! इतने सुंदर होंठ.. और उन्ही होंठो के बीचे मेरा लंड था कुछ घंटो पहले.. पायल स्माइल करते हुए मेरी छाती पे अपने दोनो हाथ रखते हुए उठ गयी और ठीक उसकी मुलायम और मांसल गान्ड के नीचे मेरा मासून लंड दब गया.
मे: सस्स्स्स्सिईईईईईईईईईईई.....हहाआआआआआअ...
मेरे मूह से सिसकी निकल पड़ी अपने आप.. पायल समझ गयी तो उसने एक बार अपनी गान्ड मटकाई.. मेरी हालत खराब हो रही थी;
मे: वो...वो...कॉल... उर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर......
कुछ कहूँ उसके पहले ही पायल ने अपने पैर थोड़े से फैला कर,गान्ड खोली और मेरा लंड ठीक उसकी गान्ड की मधुर गहराई मे धँस गया.
मे: ग्गगीणन्थ हैंन्णणन्..
पायल की हंसी सी छू गयी. मैं ज़मीन पर से उठने की कोशिश करने लगा तो अपने हाथ से मुझे नीचे दबाते हुए बोली;
पायल: मैं आन्सर कर देती हूँ..
उस वक़्त तो मुझे समझ नही आया कुछ, क्योकि मेरा लंड स्वर्ग मे था दोस्तो.. नरम गरम गान्ड के बीच सॅंडविच जैसा..मैने भी कुछ नही कहा मगर ज्यों मोबाइल लेने के लिए पायल मेरी दाई ओर झुकी और मेरा लंड तोड़ा सा उसकी गान्ड के बीच मे से निकला मेरे होश ठिकाने पर आ गये. तब तक पायल के हाथ मे मेरा मोबाइल आ चुका था..
मे: नई..नई नई नई नई नई पायल......मम्मी का हैं..रुक्ककक
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RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
मैं पायल की गान्ड पे अपना हाथ को थोड़ा दबाते हुए कहा;
मे: उस लड़की के हाथ पैर बाँध देते थे...और फिर...
पायल: फिर?
ज्यों पायल ने 'फिर' बोली मैने ज़ोर्से उसकी गान्ड पे एक थप्पड़ चढ़ा दिया..
पायल: आआआआवउुुुुुुुुुुुुुुुुउउ.........सस्स्साआम्म्मराआआआआअत....!!!
गोरी गोरी गान्ड पे फॅट्का पड़ते ही मेरे हाथ के लाल निशान छप गये..पायल छपटाने लगी.. एक थप्पड़ मे ही उसकी टाइट न्ड राइट गान्ड लाल हो गयी. वो अपने हाथ छुड़ाने की कोशिश कर रही थी, पैर को झट्के मारने लगी तो मैने एक पैर से उसकी दोनो टाँगो को दबा दिया... अब भी वो कोशिश कर रही थी मगर मैने दबाव डाल रखा था जिस वजह से वो अपनी कोशिश मे कामयाब नही हो रही थी.. उसके मम्मे नीचे लटक रहे थे.. आज तक मैने कभी नही सोचा था कि मुझे बीडीएसएम मे इंटेरेस्ट हो सकता हैं.. मगर पायल को उस हालत मे अपने सामने देख कर जैसे मेरे अंदर का शैतान जाग गया था. मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था. मुझे एक अजीब सी खुशी मिल रही थी पायल की तड़प को देख कर,
उसकी हल्की सी सिसकिया सुन कर, उसकी गोरी गान्ड पे मेरे हाथ के लाल निशान को देख कर. मैं जैसे अपने आपे मे नही था, और मैं आगे झुका पायल के कान मे कुछ कहने के लिए और मेरे आगे झुकने से मेरा लंड पायल की चूत से लेकर तो गान्ड के छेद तक सट गया था जिससे वो थोड़ी सी तिलमिला गयी. वो अब भी आह भर रही थी. मैने उसके मम्मे को अपने हाथ से दबोचते हुए पायल के कान मे कहा;
मे: ऐसे पनिश किया करते थे...बार बार.. जब तक गान्ड लाल ना हो जाए...
और उतना कह कर मैने उसकी लेफ्ट गान्ड पे एक फॅट्का जमा दिया और वो ज़ोर से चीख पड़ी...
'आआआ...म्म्म्मा आआआआअ............'
अब पायल की गान्ड पूरी तरह से लाल हो चुकी थी..वो सिसकिया भर रही थी और तभी मुझे कुछ ऐसा दिखा जिसे देख कर मैं बाद खुश हो गया. मैं जब पायल की गान्ड को हल्के से मसल रहा था तब मुझे उसकी चूत चमकती हुई दिखाई पड़ी.. मैने उंगली को उसकी चूत पे घुमाया. पायल की चूत इस कदर से भीग गयी थी कि उसकी चूत से टपक रहा था.. मैने उसकी चूत को छेड़ते हुए पायल से कहा;
मे: सम्वन ईज़ सुपेरवेट!!
पायल ने अपनी मुन्डी पीछे घुमाके सिर्फ़ एक कमिनि सी स्माइल दी और अपनी गान्ड को उपर की ओर उठा कर मुझे सिग्नल दिया.. मुझे तो बस जैसे उसका ही इंतेज़ार था. मैने पायल के बालो को राइट हॅंड से उसके बालो को खीचते हुए पायल की गान्ड की क्रॅक मे उसकी चूत तक मेरे लंड को रगड़ा और कहा;
मे: नॉक नॉक!!
और इतना कह कर पूरा लंड उसकी चूत मे घुसा दिया...
'ठप..............................................ठप..........................................ठप.........................................ठप.........................ठप..........................ठप...............ठप................ठप........ठप......ठप......ठप..ठप..ठप!!!'
बेडरूम मे एक ही आवाज़ घूम रहा था.. एक के बाद एक.. मेरा बिस्तर आगे पीछे हिल रहा था.. ठप ठप की इस आवाज़ के पीछे से एक और कम्सीन सिसकियो की आवाज़ रूम मे गूँज रही थी. मेरा लंड अब पायल की गीली, बहती हुई चूत मे ऐसे घुस रहा था जैसे किसी वेल-लूब्रिकेटेड एंजिन का पिस्टन.. अक्सर मैने पॉर्न मे देखा हैं कि लड़की की चूत मे चिकनाई के लिए लूबे डालना पड़ता हैं ताकि लंड आसानी से अंदर बाहर हो.. मगर दोस्तो, मेरा भारत महान.! देसी चूत की तो बराबरी शायद ही कोई चूत कर सकती हो. पायल की चूत नॅचुरली इतनी गीली थी मेरा लंड जैसे हवा मे हो इतनी आसानी से हलचल कर रहा था, इतनी टाइट कि मेरे लंड की हर एक नस नस को जन्नत महसूस हो रही थी. नरम गरम चूत का एक गीला ब्लंकेट मेरे लंड ने ओढ़ लिया हो जैसे. मेरे पेट का नीचला हिस्सा उसकी गोरी करारी गान्ड पर इतनी ज़ोर से पटका जा रहा था कि मैं अंदर तक उसकी गान्ड की नर्मी को महसूस कर पा रहा था. पायल के बाल मेरे हाथ से मैं खीच रहा था, नीचे की तरफ उभरा हुआ उसका सीना, हर झट्के से झनझनाता हुआ उसका बदन मेरी सीम्स से बाहर था...
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RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
पायल: आआमम्म...एयेए..हह..आआहह..अया..आआहह...ईईइ...सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.................ुआा....आआहाआहाहा.
..ज़ूऊओरर्र्रर्ससीईए
पायल किसी और ही दुनिया मे थी जैसे. रूम मे तो क्या पूरे घर मे उसकी आवाज़े गूँज रही थी. हर झट्के को उसका जिस्म पूरी तरह से महसूस ही नही बल्कि जी भी रहा था. ये बात उसकी चूत मेरे लंड को सॉफ बता रही थी. मेरा लंड उसके रस मे भीग गया था और मैं तेज़ रफ़्तार से उसे चोदने लगा. धक्को की रफ़्तार तेज़ होने लगी और साथ ही साथ हम दोनो की आहे भी..वो मोन कर रही थी और मैं ग्रोन कर रहा था. 2 खूबसूरत जिस्मो का वो नंगा संगम अब ज़्यादा देर नही चल सकता था इस बात की दस्तक मेरे आँड ने मुझे दे दी थी. पायल का थरथराता हुआ ऑर्गॅज़म आते ही कुछ ही सेकेंड्स मे मेरे लंड ने दम तोड़ दिया और अपने आप पे बड़ी मुश्किल से काबू करते हुए मैने 1 सेकेंड के लिए अपना लंड पायल की चूत की जन्नत मे से बाहर निकाला और सीधा उसके गान्ड के छेद पर टिका दिया.. मेरा सफेद,गरम पानी पायल की गान्ड के छेद मे घुसता गया और पायल पर तो जैसे हवस का भूत सवार था, जो ही मेरे वीर्य ने उसकी गान्ड के छेद मे एंट्री ली वो तिलमिला कर चीख पड़ी और उसकी चूत का बाँध टूट गया और उसने अपना सफेद रस छोड़ दिया.. ऑर्गॅज़म का चरम किसे कहते हैं, और जन्नत क्या होती हैं ये हम दोनो समझ गये थे. कुछ ही पलों के बाद मैने अपनी टाँगो को असमर्थ पाया और मैं धदामम्म से ज़मींदोस्त हो गया.. और वहाँ बिस्तर पर पायल अपने सिर को बिस्तर मे घुसाके साँस लेने की कोशिश कर रही थी. मैं ज़मीन पर से सिर्फ़ पायल की सेब जैसी गान्ड ही देख पा रहा था और सच कहूँ तो दोस्तो ऐसा लगा जैसे फरिश्ता देख लिया हो.. कुछ देर बाद मैं ज़मीन पर से उठा.. देखा तो पायल बेड पर पेट के बल लेटी थी..
मैं धीरे धीरे उसके नंगे जिस्म पे चढ़ते हुआ उपर गया अपने बेजान लंड को उसकी टाँगो से उपर उसकी जाँघो से होते हुए,गान्ड पे रगड़ता हुआ मैने उसकी गर्दन को चूमा और उसे पलटा कर उसके होंठो पे ज़ोरदार किस किया.. काफ़ी देर तक हम किस करते रहे. मैं हल्के हाथो से पायल के निपल को छेड़ रहा था और धीरे धीरे अपनी कमर को हिला कर उसकी चूत के पास लंड से दस्तक दे रहा था. सॅटिस्फॅक्षन की फीलिंग एक काफ़ी लंबे समय बाद मुझे महसूस हो रही थी.. ऑल थॅंक्स टू पायल.. हम कुछ देर वहॉ पड़े रहे, एक दम चुप चाप, बॅस एक दूसरे के जिस्म को महसूस करते हुए. पायल सन्नाटा तोड़ते हुए बोली;
पायल: भूक लगी हैं!
एक बड़ी ही क्यूट स्माइल के साथ वो मेरी ओर देख रही थी. मैने उसकी ज़ुल्फो की लटो से खेलते हुए उसे कहा;
मे: केला खाएगी??
वो अजीब तरह से मेरी ओर देखते हुए;
पायल: हुहह??
मैं समझ गया कि पायल को कुछ नही समझ आया..
मे: नेवेर माइंड! चलो कुछ खाते हैं.
इतना कह कर मैने पायल को एक किस किया और उठने लगा तो मेरा लंड पायल की मांडियो के बीच दबा था और मुझे चिपचिपा सा महसूस हुआ. पायल की चूत का पानी अब थोड़ा सूख गया था जिससे चिपचिपाहट सी हो गयी थी.
मे: पहले नहाना चाहोगी??
पायल: क्यू?? तुम्हे नही नहाना?
शरारती अंदाज़ मे पायल ने मुझसे कहा. मैने पायल को उसकी कमर से पकड़ कर उपर उठाया और उसकी दोनो टांगे मेरी कमर के इर्द-गिर्द लिपट गयी और उसकी बाहे मेरे गले के इर्द-गिर्द. इसी पोज़िशन मे हम दोनो बाथरूम मे चले गये. मैने गेयिज़र ऑन किया तो पायल बोली;
पायल: रहने दे ना! ठंडे पानी से ही नहा ते हैं. फ्रेश लगेगा थोड़ा..
मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता. मैने गेयिज़र ऑफ कर दिया और शवर स्टार्ट करने ही वाला था कि पायल मुझसे आके लिपट गयी.
पायल: स्टार्टिंग मे तो थोड़ा ठंडा लगता ही हैं ना..
मैने भी उसे जाकड़ लिया और शवर ऑन कर दिया.. कुछ देर,,'ऊओ..आ.आआअहह'' की आवाज़ के बाद पानी नॉर्मल लगने लगा. अब पता नही ये ठंडे पानी का असर था या एक दूसरे के जिस्म की गर्मी का शवर मे पायल ने मुझे एक सुहाना ब्लोवजोब दिया और मैने भी फेवर रिटर्न करते हुए पायल को टॉर्चर कर करके एक बढ़िया सा ऑर्गॅज़म दिया. एक दूसरे को अच्छी तरह से सॉफ करने लगे हम. मैं तो पायल के भीगे हुए जिस्म को देख कर ही पागल हो रहा था. हर एक इंच को मैने अपनी ज़ुबान से चाटा होगा शवर मे.. उसकी गान्ड के छेद को छेड़ते हुए मैने एक उंगली उसकी गान्ड मे थोड़ी सी घुसा दी तो वो चीख पड़ी..
पायल: ओईए!! क्या कर रहा हैं..??
मेरे पास कोई जवाब नही था क्योकि मैं तो नशे की हालत मे था उस वक़्त..
मे: एक्सपेरिमेंट..
पायल पलट गयी और उसकी टेस्टी गान्ड मुझसे दूर हो गयी..इतराते हुए वो बोली;
पायल: कोई ज़रूरत नही..
और खुद शवर बंद करते हुए टवल लेने चली गयी..मैने अपने आप से ही कहा,'चूतिया!' पायल कुछ दूर खड़े रह कर अपने आप को सूखा रही थी. मैं उसके पास गया और धीरे से उसके कान मे कहा,
मे: सॉरी!
पायल अपना एक हाथ मेरे गाल पे रखते हुए बोली;
पायल: डोंट बी! थोड़ा वक़्त चाहिए मुझे इस सब को डाइजेस्ट करने मे और इस सब का क्या मतलब हैं ये निकालने मे..
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11-01-2018, 12:22 PM,
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RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
पायल: सम्राट!!! नही हो रहा.. प्लीज़ खाने खाने दे ठीक से.. फिर सब कर लेना.. प्लीज़ ना!
मे: तुझे लगता हैं कि ये मेरा लंड हैं जो मुझसे ये सब करवा रहा हैं? हवस हैं?
पायल अपनी गर्दन मेरी ओर मोडते हुए बोली;
पायल: और नही तो क्या भविष्यवाणी की थी किसी ने जो तू ऐसे मुझे लेकर बैठा हैं?
मैने पायल का हाथ छोड़ दिया और कहा;
मे: पायल! एक लंबे के बाद मुझे कोई अपने करीब आया हुआ अच्छा लगा हैं. तू भी जानती हैं नेहा और मेरे बीच क्या हुआ था तो.. तू मेरे करीब होती हैं तो एक सुकून सा लगता हैं. ये हवस नही हैं. हां! मैं मानता हूँ कि ऐसे खड़े लंड को देख कर इस बात पे तू विश्वास नही करेगी.. मगर सच यही हैं.
मेरी बात सुन कर पायल कुछ देर बॅस मेरी ओर देखती रही.. कुछ नही बोली...
मे: उठ! जा बैठ जा किसी चेर पे..खाना खाते हैं अच्छे से..
मगर पायल उठी नही.. वो उसी जगह पर बैठी रही. मैं फिर से एक बार बोला;
मे: अर्रे? उठ भी जा अब.. भूक लगी हैं ना तुझे? चल..
मैने ज़रा सा पायल को उठाया भी ताकि वो उठ सके.
फिर भी वो ना कुछ बोली. बल्कि वो ज़रा सी उपर उठी, अपनी टांगे मेरी दोनो टाँगो के इर्द गिर्द डालते हुए मेरी ओर देखने लगी और मैं कुछ कहूँ उसके पहले ही अपने होंठो पे एक उंगली रखते हुए मुझे इशारा की;
'सस्स्शूऊऊ'.
और दूसरे हाथ से मेरे लंड को पकड़ते हुए उसने 1 2 बार हिलाई, जैसे चेक कर रही हो कि खड़ा हैं या नही ठीक से और इसके पहले मैं कुछ समझू या कहूँ मैने अपने लंड को पायल की सुहानी चूत की गरम वादियो मे पाया.. एक ही झट्के मे आधे से ज़्यादा लंड पायल की चूत मे चला गया. चूत थोड़ी सी ही भीगी थी जिस वजह से उसे थोड़ी तक़लीफ़ हुई और उसके मूह से,
पायल: उूउउइइ...सस्स्स्स्सस्स...की आवाज़ निकल गयी. मगर वो रुकी नही.. मैं पायल की चूत के बिल्कुल डीपेस्ट पार्ट को महसूस कर रहा था. मैने पायल के मम्मो को पकड़ते हुए उसे सहारा दिया और जब पायल मेरे लंड पे अड्जस्ट हो गयी तो बोली;
पायल: चुभ रहा था.. अब नही चुभेगा..खाना खाते चल.
मेरी तो समझ नही आया कि मैं रोऊँ या हँसू या करूँ तो क्या करूँ? मैं बस चेर पे बैठा रहा रहा और पायल खाना प्लेट मे परोसने लगी.
पायल: वाह! आलू-मटर.. फॅवुरेट..
मैं अब भी जो हुआ उसके बारे मे रियेक्शन देने का सोच रहा था मगर कुछ समझ नही आ रहा था कि ये लड़की जो आज दोपेहर तक मेरी सबसे अच्छी दोस्त थी अब अपनी चूत मे मेरा लंड घुसा कर बैठी हैं. और ये उसकी हवस नही हैं.. ना! हवस कभी किसी को किसी के बारे मे इतना दिल से सोचने पर मजबूर नही करती..ये अजीब रिश्ता हैं हम दोनो का.. बहुत अलग अलग तरह की फीलिंग्स मेरे दिल मे आ रही थी.
पायल ने मुझे ख़यालो की दुनिया से बाहर खीचते हुए कहा;
पायल: अर्रे!? खाना खा. मैं नही खिला के देने वाली...
पायल के मूह मे खाना भरा था, भरे हुए गाल, गोल मटोल आखे देख कर मैं मुस्कुरा दिया और उसकी पीठ पर मैने एक किस करते हुए कहा;
मे: हाँ हाँ..पता हैं मुझे.
और पायल की बगल मे से हाथ निकालते हुए मैं खाने लगा. थोड़ा मुश्किल लग रहा था मगर उस वक़्त तो चाहते कुछ भी क्यू ना हो जाता, मैं वहाँ से उठने वाला नही था. इसलिए नही कि पायल मेरे लंड को अपनी चूत मे लेकर बैठी थी, बल्कि इसलिए कि मुझे सच मे सुकून मिल रहा था.
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