12-07-2018, 01:52 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 53,061
Threads: 4,452
Joined: May 2017
|
|
Desi Sex Kahani पहली नज़र की प्यास
पहली नज़र की प्यास
दोस्तो जैसा कि मैं पहले ही कह चुका हूँ मुझे कहानी लिखने का एबीसी भी नही पता हाँ पर नेट से आपके लिए कई अच्छी कहानियाँ ज़रूर पोस्ट कर दूँगा जिन्हें पढ़ कर आपको आनंद आएगा . दोस्तो इसी शृंखला में ये तीसरी कहानी स्टार्ट कर रहा हूँ
आशा है आप अपना साथ बनाए रखेंगे .
हमेशा की तरहा आज भी कुणाल अपने दोस्त जय के साथ दिल्ली के एक पब में बैठा बियर पी रहा था की अचानक उसे एक आवाज़ सुनाई दी..
"कामिनी.....ओ कामिनी......कम ओंन.....लेट्स प्ले वन मोर गेम ....''
ये एक ऐसा नाम था, जिसके साथ कुणाल का बचपन से ही एक अलग ही तरह का लगाव था...
इसलिए खुद ब खुद उसकी नज़रें उसी तरफ घूम गयी जहाँ से उस 'कामिनी' को बुलाया जा रहा था...
वो क्लब के डांस फ्लोर पर अपनी एक और फ्रेंड के साथ नाच रही थी.
एक पिंक कलर की सिंगल ड्रेस कयामत लग रही थी...
एकदम दूध से नहाई हुई...
मांसल जांघे...
भरी हुई छातियाँ...
और सबसे ख़ास बात, उसका आलिआ भट्ट जैसा छोटा सा क्यूट सा फेस.
जिसे देखकर वो एक बार फिर से 'अपनी' कामिनी के ख़यालो में डूब गया..
वो भी ऐसी ही लगती थी.
कामिनी उसके बचपन की साथी...
उसके हर दुख दर्द का इलाज...
उसकी जिंदगी का पहला प्यार
वो उसकी सब कुछ थी...
आज भी उसके साथ बिताए हर पल याद थे कुणाल को...
हालाँकि वो दोनो ही उस वक़्त 14 साल के थे , यानी 10 साल पुरानी बात थी ये...
उन दिनों उन दोनो की नादान मोहब्बत को परवान चढ़ना शुरू ही हुआ था की उसके पिता का ट्रान्स्फर कलकत्ता हो गया...
उसके बाद उसकी कोई खबर नही आई..
कुणाल भी ग्रॅजुयेशन के बाद दिल्ली शिफ्ट हो गया, जहाँ से उसने कंप्यूटर इंजिनियरिंग की, और आज वो नेहरू प्लेस की मल्टिनॅशनल कंपनी में आई टी मैनेजर था.
और हर वीकेंड की तरह आज भी वो अपने दोस्त के साथ बियर पीने पब में आया था, जहां उसे ये कामिनी दिखाई दी.
उसे देखकर वो ये तो समझ ही गया की ये उसकी वाली कामिनी नही है, वो इतनी गोरी नही थी...
और ना ही उसका चेहरा उससे मिलता जुलता था.
पर एक बार उसे देखकर वो अपनी वाली कामिनी को भूल जरूर गया था.
इतनी खूबसूरत लड़की शायद ही उसने देखी थी दिल्ली आने के बाद..
वो तितली की तरह उड़ती हुई उसके करीब से निकल गयी और सीधा जाकर अपने सहेलियो के बीच बैठ गयी..
वो शायद कॉलेज के लड़के-लड़कियो का कोई ग्रूप था...
बीच में एक बड़ा सा केक भी रखा था, यानी वो किसी का बर्थडे सेलेब्रेट करने आए थे वहां ..
करीब 10 लोगो का ग्रूप था..
लड़के लड़किया सब बियर और दारू पी रहे थे.
कुणाल को उस लड़की की तरफ घूर कर देखते हुए उसका दोस्त जय बोला : "भाई...आज सूरज कौनसी दिशा से निकला था जो तू ऐसे काम कर रहा है...आज से पहले तो मैने तुझे कभी भी किसी लड़की की तरफ देखते हुए नही देखा...फिर आज क्या हुआ..तू जानता है क्या उस लड़की को...''
निखल ने सिर हिला कर मना कर दिया..
और बोला : "नही यार...पर उसे देखकर किसी की याद आ गयी...''
जय :"अब ये मत बोलियो की तेरी वो गाँव वाली गर्लफ्रेंड की याद आ गयी...यार, तेरी वो स्टोरी सुन सुनकर तो मैं पक चुका हूँ.''
कुणाल ने हंसते हुए अपना ग्लास खाली किया और बोला : "हाँ, याद तो उसी की आई है पर इसे देखकर पता नही क्यों कुछ-2 हो रहा है दिल में ...''
जय : "अबे साले ...ये लड़की तो मेनका निकली, इसने तो हमारे विश्वामित्र की तपस्या भी भंग कर दी है...अब तो पता लगाना ही पड़ेगा की ये कौन है...''
इतना कहकर जय ने भी अपने ग्लास का बॉटम उप किया और उठकर उनकी तरफ चल दिया..
|
|
12-07-2018, 01:52 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 53,061
Threads: 4,452
Joined: May 2017
|
|
RE: Desi Sex Kahani पहली नज़र की प्यास
पर कुणाल की नज़रें तो कामिनी पर ही जमी हुई थी...
जो सबके बीच जाकर बैठ गयी अपनी 'गेम' खेलने.
गेम, यानी ताश के पत्तो का खेल चल रहा था वहां.
4 लड़कियो के बीच चल रहा था वो खेल.
और उनकी गेम भी बड़ी सिंपल सी थी...
चारो के सामने 1-1 पत्ता फेंक दिया गया और सभी ने अपनी पॉकेट से 500 का एक नोट निकाल कर बीच में रख दिया..
और जिसका पत्ता बड़ा हुआ, वो गेम जीत जाएगा...
कुणाल को ये सब देखने में भी बड़ा इंटेरेस्ट आ रहा था..
सभी ने एक-2 करके अपना पत्ता सीधा किया...
पहली लड़की के पास 2 नंबर था...
दूसरी के पास 5 और तीसरी के पास बादशाह...
सभी की नज़रें कामिनी की तरफ थी, जो अपने पत्ते को सीधा करते हुए ऐसे इतरा रही थी जैसे बहुत बड़ी खिलाड़ी हो..
या फिर उसे पता हो की उसके पास सबसे बड़ा पत्ता ही आया है...
और हुआ भी ऐसा ही..
उसके पास इक्का था...
वो देखते ही कामिनी के साथ-2 उसकी फ्रेंड्स भी चिल्ला पड़ी...
पूरे पब में सिर्फ़ उन्ही की आवाज़ें गूँज रही थी...
कामिनी ने ठहाका लगाते हुए 500 के चारो नोट उठा कर अपनी जेब में रख लिए..
सभी तालियां बजा रहे थे...
और उनके बीच कुणाल भी था, जो उसकी जीत पर किसी छोटे बच्चे की तरह दूर बैठा हुआ ताली बजा रहा था...
और उसे देखकर मुस्कुराए जा रहा था..
और ठीक उसी वक़्त कामिनी की नज़रें सीधा उसके उपर आई...
दोनो की नज़रें मिली और उस पल सब कुछ थम सा गया...
इतनी दूर बैठी होने के बावजूद एक नशा सा था उसकी आँखो में...
पर एक सवाल भी था उनमे की 'जीती तो मैं हूँ , तुम क्यो ताली बजा रहे हो मिस्टर ?'
कुणाल ने अपनी नज़रें घुमा ली पर कुछ ही देर में फिर से वही देखने लगा..
कामिनी अपनी सहेली के कान में कुछ बोली और उसकी सहेली भी कुणाल की तरफ देखकर हँसने लगी...
फिर दूसरी लड़कियो के कहने पर फिर से गेम स्टार्ट हो गया..
वहां इस बार एक अलग ही लेवल का गेम स्टार्ट हो चुका था..
उनमे से एक लड़की ने कामिनी से कहा : "यार कामिनी, ये पैसे-वैसे का खेल बहुत हो गया...चल ना, वो डेयरिंग वाली गेम खेलते है...''
कामिनी : "ओहो....उस दिन जैसी, जो तेरे घर पर खेली थी...सोच ले, यहाँ वो काम करेगी तो तेरा एमएमएस बन कर पूरी दिल्ली में घूम जाएगा...हा हा..''
उसकी सहेली, जिसका नाम रजनी था, वो बोली : "ओहो...लगता है किसी को अपने उपर कुछ ज़्यादा ही ओवर कॉनफिडेंस है...लेट्स प्ले...मै भी देखती हूँ की तेरी किस्मत तेरा कब तक साथ देती है...''
इतना कहकर उसने फिर से चार पत्ते निकालकर सभी के सामने फेंक दिए..
कुणाल को समझ नही आ रहा था की ये कैसी गेम होगी अब..
क्योंकि इस बार किसी ने भी पैसे बीच में नही रखे थे...
और इस बार बाजी पलट ही गयी..
क्योंकि पहली ही लड़की रजनी ने जब अपना पत्ता उठाया तो वो खुशी से चिल्ला पड़ी...
उसके पास हुकुम का इक्का आया था...
जाहिर था, उससे बड़ा पत्ता तो किसी के पास हो ही नही सकता था..
फिर भी बाकी सबने अपने पत्ते देखे...
और बुरा सा मुँह बनाते हुए नीचे फेंक दिए..
कामिनी के पास 7 नंबर आया था.
उसका चेहरा देखने लायक था..
शायद उसे हार पसंद नही थी..
और फिर उसकी दोस्त रजनी ने मेरी तरफ इशारा करके पता नही उसके कान में क्या कहा की वो आँखे तरेर कर उसे घूरने लगी...
पर उसकी सहेली ने सिर्फ़ यही बात कही "रूल इस रूल....तूने भी मेरे साथ लास्ट टाइम ऐसा ही किया था''
कामिनी मुँह में कुछ बड़बड़ाती हुई सी उठ खड़ी हुई और सीधा कुणाल की तरफ आने लगी...
कुणाल के तो दिल की धड़कन ही बढ़ गयी जब वो एकदम उसके सामने आकर खड़ी हुई...
उसका भोला सा चेहरा देखकर ...
काली और गहरी आँखे देखकर ...
और सबसे ख़ास बात उसके होंठ देखकर ...
जो इतने फूले हुए थे जैसे उनमे जेल्ली भरी हुई हो...
और अचानक वो हुआ, जिसकी कुणाल ने सपनो में भी कल्पना नही की थी..
|
|
12-07-2018, 01:53 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 53,061
Threads: 4,452
Joined: May 2017
|
|
RE: Desi Sex Kahani पहली नज़र की प्यास
वो एक बार फिर से 10 साल पीछे पहुँच गया..
जहां वो हर रोज स्कूल से आते हुए बाहर खड़ा होकर उसका इंतजार करता था..
उसे अपनी साइकल पर बिठाकर वो रोज उसके घर छोड़ता, जो उसके घर से करीब 10 किलोमीटर दूर था...
और फिर वापिस अपने घर आता..
और ऐसे ही एक दिन जब घनघोर बारिश की वजाह से वो रास्ते में एक पुराने बस स्टॅंड के नीचे खड़े थे तो उसने अपने दिल की बात उसे बोल ही दी..
कामिनी को भी शायद इसी बात का इंतजार था शायद पिछले 3 सालो से...
उसने भी उसे गले लगाकर अपने प्यार का इज़हार कर दिया था..
और उस दिन कुणाल ने कामिनी के नन्हे होंठो को जी भरकर चूमा था...
बाहर घनघोर बारिश हो रही थी और इन दोनो के बारिश से भीगे जिस्मो में एक तूफान उठ रहा था...
पर उम्र की नादानी ही ऐसी थी की उन्हे ये नही पता था की उस आग को कैसे बुझाना है..
इसलिए एक दूसरे के होंठो और अर्धविक्सित अंगो को मसलकर ही वो काम चलाते रहे..
हालाँकि उस दिन के बाद उन्हे वैसा कुछ करने का मौका नही मिला,
पर दोनो के बीच फुल टू प्यार की पींगे ज़रूर बढ़ती रही थी दोनो के बीच..
और फिर अगले ही महीने उसके पापा का ट्रान्स्फर कोलकत्ता हो गया...
जहां जाने के बाद उसकी कोई खबर नही आई...
और उसके बाद का हर दिन और रात कुणाल ने अपनी कामिनी के बारे में सोचकर ही निकाली थी.
अचानक उसके दोस्त जय ने उसे झंझोड़ा : "ओये हीरो....ओ हेलो...कहाँ खो गया भाई...घर नही चलना क्या...12 बज रहे है भाई...चल...सब जा चुके है..''
कुणाल ने झत्ट से गर्दन घुमा कर दूसरी टेबल पर देखा, वहां कोई नही था...
इन्फेक्ट पूरे पब में सिर्फ़ वही दोनो बैठे थे अब...
अपनी जिंदगी के बारे में सोचकर पता नही कितना टाइम वो सपने देखता रहा था फिर से...
अगले दिन ऑफीस जाना भी ज़रूरी था...
इसलिए जल्दी से पेमेंट करके दोनो बाहर आ गये...
जय ने अपनी बाइक निकाली और वहां से निकल गया...
कुणाल के पास कार थी, और जैसे ही वो कार के करीब पहुँचा उसे कुछ ही दूरी पर कामिनी खड़ी हुई दिखाई दी.
जिसे देखकर एक बार फिर से उसके दिल की धड़कन बढ़ सी गयी..
और वो सोचने लगा की इतनी रात को वो यहाँ अकेले में क्या कर रही है..
और वो भी उसकी कार के पास खड़ी होकर..
खैर, धड़कते दिल से वो अपनी कार की तरफ चल दिया..
और अंदर ही अंदर ना जाने क्यो उसे ये महसूस हो रहा था की आज कुछ होकर रहेगा उसके साथ.
कुणाल जब उसके करीब पहुँचा तो कामिनी ने मुस्कुराते हुए एक बार फिर से अपना हाथ आगे बढ़ाया और बड़ी ही सैक्सी आवाज़ में बोली : "हाय ....कामिनी अगेन....''
कुणाल ने भी बड़े प्यार से उसका हाथ अपने हाथो में ले लिया....
और अचानक कामिनी उसके करीब आई और उसके गले से लग गयी..
कुणाल के लिए ये एकदम अजीब सा था..
क्योंकि आज से पहले इतनी खूबसूरत लड़की ने उसके साथ ऐसी हरकत नही की थी.
पर जो भी उसके साथ हो रहा था, वो उसे अच्छा भी बहुत लग रहा था...
कामिनी के जिस्म से महंगे परफ्यूम की महक आ रही थी और साथ ही जो दारू उसने पी थी उसकी स्मेल भी आ रही थी...नशे में तो वो थी ही पर इतना भी नही की अपने बुरे भले का ख्याल ना रख सके.
कामिनी ने कुणाल के कान में फुसफुसा कर कहा : "मुझे जो चीज़ पसंद आती है उसके बारे में मैं खुल कर बोल देती हू...एंड आई लाइक द वे यू किस्ड मी टुडे...''
कुणाल के पूरे शरीर में झुरजुरी सी दौड़ गयी...
|
|
12-07-2018, 01:54 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 53,061
Threads: 4,452
Joined: May 2017
|
|
RE: Desi Sex Kahani पहली नज़र की प्यास
लंड बाहर निकालकर उसने देखा की ढेर सारा खून भी उस रस में शामिल था...
जो कामिनी के कुंवारेपन का सबूत था.
दोनो बाथरूम में गये और अच्छे से एक दूसरे के अंगो को सॉफ किया..
करीब आधे घंटे बाद कामिनी के नंगे जिस्म को अपनी बाहों मे लेकर अपने बिस्तर पर नंगा लेटा हुआ था
अब उसे अपने दिल में उठ रहे उन सभी सवालों के जवाब लेने थे जो उसे काफी समय से परेशान कर रहे थे
कुणाल : "मुझे एक बात समझ नही आ रही कामिनी...तुम मुझसे आज ही मिली हो....और पहली ही बार में तुमने अपने आप को मेरे सुपुर्द कर दिया...अपनी वर्जिनिटी मुझे सौंप दी''
कामिनी ने मुस्कुराते हुए उसे देखा और बोली : "किसने कहा की मैं तुमसे आज ही मिली हूँ .... मैने तो तुम्हे अक्सर उस बार में देखा है...एक कोने में आकर बैठ जाते हो अपने दोस्त के साथ और चुपचाप बियर पीकर निकल जाते हो....कभी ये देखने की कोशिश भी नही की की कोई तुम्हे भी देख रहा है...और सच कहूं मुझे तो तुम्हे देखकर पहली बार में ही लव हो गया था...मेरी सहेली है ना रजनी , वो जो मेरे साथ कार्ड गेम खेल रही थी, ये उसी का आइडिया था...उसके बर्थडे पर हमने शोर मचाकर तुम्हारा ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया....मुझे अपनी खूबसूरती का एहसास है और इतना कॉन्फिडेंस तो है ही की एक बार जो मुझे देख ले तो अपनी नज़रें मुझसे दूर नही रख सकता...इसलिए तुमने जब मुझे देखा तो बार-2 देखने लगे...और फिर हमने वो गेम प्लान की ताकि तुम्हे किस्स करके मैं रिझा सकूँ ...''
इतना कहकर वो चुप हो गयी..
कुणाल का चेहरा देखने लायक था उसके बाद...
यानी वो जिसे अभी तक इत्तेफ़ाक़ समझ रहा था वो उसकी सोची समझी चाल थी...
पर जो भी थी, उसे इस बात का ज़रा भी बुरा नही लग रहा था...
आख़िर एक लड़की ने अपनी भावना को व्यक्त करने का जो तरीका सही समझा उसने वो वही किया...
इस बात से साबित होता है की वो कितने खुले विचारो की है..
कामिनी : "और सच कहूं ..तुम्हे देखने से पहले मैने अपने आप को किसी से टच भी नही करवाया था...एक दो लड़कों ने गुस्ताख़ी की थी, पर उनके हाथ तोड़कर रख दिए थे मैने...उसके बाद किसी की हिम्मत नही हुई थी मुझसे पंगा लेने की...इनफॅक्ट मैने तो पहली बार किस्स भी आज ही किया...''
कुणाल ये सब सुनकर हैरान हो रहा था...
उसने तो उसे मन में चालू और ना जाने क्या-2 सोच लिया था...
और ये कामिनी तो अपने पहली नज़र के प्यार के लिए ये सब कर रही थी...
कुणाल : "पर...ये ये मेरे साथ ही क्यों...और ये फकिंग...इसकी क्या ज़रूरत थी...और वो भी पहली ही बार में ...''
कामिनी : "मैने तो मन में तुम्हे अपना सब कुछ मान लिया है..इनफॅक्ट मैं तो तुमसे शादी भी करना चाहती हूँ ..पर ... ये तुमपर डिपेंड करता है...मैं कोई दबाव नही बना रही तुमपर...और रही बात इस फकिंग की तो ये भी मैने आज गेम में हारकर ही करवाई है...तुम्हे याद है वो डेयरिंग वाली गेम ...जिसमें आज मैं हार गयी थी...वो इसलिए ही थी की मैं हारने के बाद तुमसे फकिंग करवाउंगी ...''
कुणाल हैरान रह गया...
की कैसे सिर्फ़ एक गेम के लिए उसने अपनी चूत की बाजी लगा दी ...
हालाँकि इसके पीछे उसका प्यार भी शामिल था, पर कोई लड़की अपना कुँवारापन भला कैसे दाँव पर लगा सकती है...
इसी बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता था की ये जुआ उसकी लाइफ में कितना महत्व रखता है...
कामिनी ने उसके चेहरे के भाव पड़ लिए और बोली : "तुम इस बात को लेकर इतना परेशान मत हो जाओ....हमे एक दूसरे को सोचने और समझने के लिए अभी पूरी लाइफ पड़ी है....लेकिन आज जो मौका हमे मिला है पहले उसका अच्छे से इस्तेमाल तो कर ले...''
इतना कहते हुए उसने एक बार फिर से कुणाल के लंड को अपनी गिरफ़्त में लेकर उसे चूसना शुरू कर दिया...
और कुणाल अपनी आँखे बंद करके कराहते हुए यही सोचने लगा की एक ही रात में इस लड़की ने उसके दिमाग़ के सारे फ्यूज़ उड़ा कर रख दिए है...
आगे पता नहीं और क्या-2 देखने को मिलेगा..
रात भर कामिनी वहीं रही...
और पूरी रात वो एक दूसरे के नंगे जिस्मों का आनंद लेते रहे...
जब मन करता चुदाई शुरू कर देते और जब मन करता सकिंग.
सुबह एक साथ नहाते हुए भी जोरदार चुदाई की उन्होने...
कामिनी को दीवार के सहारे खड़ा करके बाथरूम में उसकी चूत मारते हुए जब कुणाल ने उसकी बाहर निकली हुई गांड को देखा तो उसने उसे पकड़ कर ज़ोर से भींच दिया...
उसकी हमेशा से यही फेंटसी रही थी की ऐसी भरे कूल्हे वाली लड़की को वो नंगा करके चोदे और मौका मिले तो उसकी गांड भी मारे
कुणाल ने अपनी उंगली जैसे ही उसकी गांड के छेद पर लगाई वो उछल पड़ी और बोली : "ओये मिस्टर....इतनी जल्दी क्या है वो दूसरा दरवाजा खोलने की...पहले जी भरकर इस दरवाजे के तो मज़े ले लो...''
कुणाल मुस्कुरा दिया...
यानी कामिनी को कोई प्राब्लम नही थी अपनी गांड मरवाने में भी...
ऐसी मस्त गांड मारने में कितना मज़ा आएगा, ये सोचते हुए वो और ज़ोर लगाकर उसकी चूत का बेंड बजाने लगा..
नहा धोकर दोनो बाहर आए, कपड़े पहने और कामिनी ने दोनो के लिए नाश्ता बनाया जो सच में काफ़ी स्वादिष्ट था..
कुणाल को तो उसकी हर अदा पर उससे प्यार होता जा रहा था.उसने तभी डिसाईड कर लिया की वो शादी करने के लिए हर लिहाज से परफेक्ट है, इसलिए उसने भी अपनी तरफ से हाँ कर दी.
|
|
|