Desi Sex Kahani हीरोइन बनने की कीमत
12-27-2018, 01:35 AM,
#11
RE: Desi Sex Kahani हीरोइन बनने की कीमत
अगले दिन रहमान अंकल बोले, बेबी तुम्हें अब ऐक्टिंग की भी क्लास join करनी चाहिए, आज से फ़ोटो शूट के लिए तो अब जाना नहीं है,शिवा हमें अगले कुछ dino में तुम्हारा वीडीयो और ऐल्बम दे देगा , इसलिए आज से हम ऐक्टिंग के ट्रेडिंग के लिए सुबह और डान्स की ट्रेनिंग के लिए शाम को जाएँगे। मैं एक बहुत ही अछे ट्रेनर को जानता हूँ, वो तुम्हें अपने घर में अलग से सिखाने को तय्यार है, पर आदमी वो भी हरामी है, तुमसे मज़े तो लेगा ही, मैं बोली, मुझे हेरोयन बनने के लिए सब मंज़ूर है। वो मेरे गालों और छातियों पर हाथ फेरते हुए मुझे चूम लिए, फिर बोले , हेरोयन बनने के बाद मुझे भूल तो नहीं जाओगे। मैं उनसे ज़ोर से लिपट गयी और बोली, और उनकी छाती पर हाथ फेरते हुए बोली, आप मेरे सब कुछ हो, मैं आपको कभी नहीं भूलूँगी, और ये तो मेरा हमेशा मेरे साथ ही रहेगा, इसके बिना मैं कैसे रहूँगी, कहते हुए मैंने पाजामे के ऊपर से उनके आधे खड़े लंड को पकड़ लिया और हल्के से सहलाने लगी, वो मेरा होंठ चूसते हुए बोले, अरे जब हेरोयन बन जाओगी तो इससे भी ज़्यादा मस्त लंड मिल जाएँगे। मैं उनकी आँखों में देखते हुए बोली, मुझे तो यही चाहिए। वो हंस दिए , बोले ज़्यादा मत सहलाओ नहीं तो अभी चुदाई करनी पड़ेगी, पर हमारे पास अभी समय नहीं है , हमें राकेश से मिलना है,ऐक्टिंग की ट्रेनिंग के लिए। फिर हम राकेश से मिलने चल दिए, वो कभी एक दो फ़िल्मों हीरो भी रह चुका है, पर आजकल छोटे मोटे साइड रोल में ही दिखता है ।

रहमान अंकल के साथ जब मैं राकेश के घर पहुँची तो वो बड़े अच्छे से मिला, क्यूँकि अंकल उनको पहले से जानते थे ।मुझे देखकर वो बोले कि आजकल लड़कियों को ट्रेनिंग मेरी पत्नी देती है, मुझे लगा चलो जान बची ,क्यूँकि अंकल बोले थे की राकेश बड़ा हरामी है।पर उनकी आँखें जैसे मेरे कपड़े उतार रही थीं, और वो मुझे बहुत घूर भी रही थी । उन्होंने अपनी पत्नी को बुलाया ,वो जब आयी तो मैं हैरान रह गयी, उनकी पत्नी की उम्र कोई ३५ साल की होगी और उनका शरीर भी थोड़ा भारी था,पर वो बहुत ख़ूबसूरत थी।राकेश ki उम्र क़रीब ४० की होगी । फिर उन्होंने अपनी पत्नी से , देखो शीला ,ये निलिमा हैं और ये ऐक्टिंग की ट्रेनिंग लेकर हेरोयन बनना चाहती हैं , तुम्हें इनको ट्रेनिंग देनी होगी, इनकी फ़ीस रहमान देंगे क्यूँकि ये मेरा पुराना परिचित है, इसलिए हम आधी फ़ीस ही लेंगे ।वो मुझे देखकर बोलीं, तुम सच में बहुत सुंदर हो, और तुम्हारा फिगर भी फ़िल्मों कि हेरोयन के समान है।अगर तुम ऐक्टिंग भी सीख जाओगी तो देखना एक दिन बड़ी हेरोयन बन जाओगी। फिर वो मुझे अन्दर ke कमरे में ले गयी, वहाँ एक फ़िल्मी सेट laga हुआ था , उन्होंने मुझे ट्रेनिंग देना शुरू किया और मैं पूरे लगन से उनसे सीखने लगी।कैसे चेहरे पर भाव आते हैं , कैसे ख़ुशी या दर्द की ऐक्टिंग करते हैं, ये सब उन्होंने मुझे सिखाया। थोड़ी देर बाद वो बोली,चलो अब कुछ romance ka सीन करें।एसा कहते हुए उन्होंने मुझसे कहा ,चलो तुम मुझे लड़का समझो और मैं तुम्हें बाहों में लेकर प्यार की बातें करूँगी। फिर उन्होंने मुझे अपनी बाहों में लेकर मुझे चूमना शुरू किया, मुझे थोड़ा अजीब लगा पर ऐक्टिंग कर रही हैं, ऐसा सोचकर मैंने भी शर्माने की ऐक्टिंग की।वो अब मेरे होंठों को चूसने लगी, मुझे बड़ा अजीब लगा , फिर जब उन्होंने मेरी छातियाँ दबायी तो मुझे अटपटा लगा, समलिंगी सेक्स का सुना तो था पर कोई अनुभव नहीं था।मैंने अपने आप को छुड़ाने की कोशिश की पर उनकी जकड़न से अपने आप को छुड़ा नहीं पायी।फिर उन्होंने मेरी छातियाँ ज़ोर से दबाया, और मैं आह कर उठी।

मैंने शीला से कहा, ये आप क्या कर रही हैं? वो बोली, तुमने लेज़्बीयन सेक्स तो सुना होगा, मुझे तुम बहुत पसंद हो , मैं और मेरे पति तुम्हें हेरोयन बनने में पूरी मदद करेंगे बस तुम मुझे ख़ुश कर दो, मैं बोली, आपको मुझसे क्या मज़ा आएगा, वो बोली, एक बार ट्राई करो, फिर बताना , ये कहते हुए उन्होंने मेरीस्कर्ट के अंदर हाथ डाल कर मेरी पैंटी के ऊपर से चूत दबाने लगीं।मैं गरम होने लगी, और सीसी कर उठी। फिर उन्होंने मेरा टॉप उतार दिया ,और ब्रा में क़ैद मेरी चूचियों को चूमने लगीं , फिर ब्रा खोलकर चूचियों पर चुम्मियाँ लेने लगीं और निपल्ज़ को मुँह मैं लेकर चूसने लगीं।मैं अब सिसकारियाँ लेने लगी,फिर उन्होंने मेरी स्कर्ट उतार दिया और मेरे पैंटी के अंदर हाथ डाल दी, और मेरे चूत में ऊँगली डाल दी।अब मैं आह आह करने लगी, वो मुस्करयी और बोली, बेबी मज़ा आया ना? मैं बोली थी की जल्द मज़ा आएगा। फिर उन्होंने पैंटी भी उतार दी और मुझे बिस्तर लार लिटा दिया।फिर उन्होंने जल्दी से अपने कपड़े भी खोल कर पूरी नंगी हो गयी।क्या गोरा भरा हुआ बदन था, पेट मई थोड़ी चरबी एक्स्ट्रा थी पर बड़ी छातियाँ और मोटे चूतar उसकी ख़ूबसूरती को बढ़ा रहे थे । वो मेरे ऊपर आ गयीं, और अपनी चूचियाँ मेरे मुँह में रगड़ने लगीं, उन्होंने मेरे मुँह में अपना दूध दे दिया और बोलीं, चूसो बेबी।मैं थोड़ा झिझकते हुए चूसने लगी, फिर मुझे भी मज़ा आने लगा और मैंने उनके दूध भी दबाने लगी , वो अब आह आह करने लगी , फिर वो मेरी जाँघों को चूमते हुए अपनी जीभ मेरी चूत की फाँकों पर फेरने लगीं,और अपनी होंठों से मेरी चूत ka रस पीने लगीं।फिर वो मेरे ऊपर ६९ की पज़िशन में आ गयीं, aur ab उनकी चूत मेरे मुँह के सामने थी और उनका मुँह मेरी चूत के ऊपर था।वो अब मेरी चूत को चूमने और चूसने लगीं और अपनी चूत को मेरे मुँह में रगड़ने लगीं, मैंने भी उनकी चूत पर अपनी जीभ रखी और चूमने aur चूसने लगी।वो भी अपनी कमर हिला कर मेरे चूसने का मज़ा ले रही थीं , उधर मैं भी अपनी मस्ती में थी , मुझे भी चूत में झड़ने का एहसास हो रहा था उधर वो भी शायद झड़ने लगी थीं ,और उन्होंने अपना पानी मेरे मुँह में छोड़ दिया , और मैं भी उनके मुँह में झड़ गयी।थोड़ी देर बाद हम शांत हो गए।फिर wo बोलीं, बेबी मज़ा आया? मैंने शर्माकर बोली,जी आया, पर एक मर्द की बात दूसरी होती है,तभी दरवाज़े के पीछे se राकेश आए और अपने लंड को पजामा के ऊपर से दबाते हुए बोले, सच बेबी, देखो मर्द भी आ गया।और मैं चौंक गयी।
राकेश को सामने देखकर मैं थोड़ा चौक गयी, मैंने चादर ओढ़ने की कोशिश की क्यूँकि हम दोनों नंगी थीं। वो मेरे पास आया और मुझे चूमने लगा और मेरे सभी अंगों पर हाथ फेरने लगा , और दूसरे हाथ से अपनी वाइफ़ के बदन पर भी हाथ फेरने लगा। फिर वो मेरी चूचियाँ दबाने लगे और निपल्ज़ को उँगली और अंगूठे में लेकर मसलने लगे।मैं बहुत जल्दी गरम होने लगे, मर्द का हाथ अलग ही फ़ीलिंग दे रहा था, फिर वो मेरी चूचियों को चूसने लगे, और मुझे मस्त कर दिया, उधर शीला ने मेरी चूत में ऊँगली डाल दी और मैं आह करने लगी,तभी शीला ने मेरी चूत में अपना मुँह रख दिया और जीभ से मेरी चूत की चुदाअअअइ करने लगी, मैंने अपनी कमर उछालने लगील राकेश ने अपने कपड़े उतरे और उसका ६ इन का नोर्मल साइज़ का लंड फनफ़ाना रहा था, उसने अपनी बीवी को हटाया और मेरी चूत में अपना लंड पेल दिया। शीला ने मेरी छातियाँ मसलनी शुरू की और उनको मुँह में लेकर चूसने लगी और निपल्ज़ को होंठों और दाँतों के बीच दबाकर मुझे मस्त कर दिया।दस मिनट की चुदाई के बाद मैं डबल अटैक से थककर झड़ने लगी। तब राकेश ने लंड को मेरी चूत से निकालकर अपनी बीवी की चूत में डाल दिया, और बुरी तरह से उसे चोदने लगा, और वो मेरी और अपनी बीवी की चूचियाँ दबा रहा था, उसे भी बुरी तरह से चोदने के बाद वो dono भी झड़ने लगे।फिर हम सब कपड़े पहनकर बाहर आए, थोड़ी देर में रहमान भी आ गए, और हम डोनो wahan निकले। जब हम एक होटेल में खाना खा रहे थे तो रहमान ने पूछा, राकेश ने चोदा? मैं बोली, सिर्फ़ राकेश ने ही नहीं बल्कि उसकी बीवी ने भी, राकेश हँसे , ओह वो समलिंगी भी है, मैंने कहा,हाँ पर वो अपने पति से भी चुदवाई,उसे dono में मज़ा आता है ।चलो, तुमने दोनों को ख़ुश कर दिया ये बहुत अच्छा हुआ, वो बोले, इन लोगों का ट्रेनिंग स्कूल बहुत सफल माना जाता है, तुम मन लगाकर ट्रेनिंग लो ऐक्टिंग की, तुम्हें तो बस हेरोयन बनना हैं, कहते हुए उन्होंने मेरी जाँघें दबा दीं।मैं भी मुस्करयी, वो बोले चलो अब तुम्हें डान्स क्लास भी जाना है।
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12-27-2018, 01:35 AM,
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RE: Desi Sex Kahani हीरोइन बनने की कीमत
जब हम डान्स मास्टर के यहाँ पहुँचे तब वहाँ ३/४ लड़के और लड़कियाँ प्रैक्टिस कर रहे थे , और masterji बड़े लगन से सबको सिखा रहे थे, वो ज़्यादा ध्यान एक mascular नौजवान पर दे रहे थे जो क़रीब २२/२३ साल का तंदूरस्त शरीर वाला था , उसने जींस और टी शर्ट पहनी थी, उसके बाहों के मसल और पैंट के ज़िपर के सामने का भाग काफ़ी उभरा हुआ था । आपको याद होगा की masterji बड़े भारी बदन वाले थे और अपने छोटे से लंड से मुझे एक बार चोद चुके थे। मैं भी prectice में शामिल हो गयी। फिर क़रीब एक घंटे की डान्स प्रेक्टिस के बाद पसीने से भीग गए थे।थोड़ा आराम करने के बाद उन्होंने सिर्फ़ उस लड़के ko जिसका नाम मनु था,उसको और मुझे रोक लिया और बोले तुम दोनों को और प्रैक्टिस की ज़रूरत है और बाक़ी सबको जाने को बोल दिया ।सबके जाने के बाद उन्होंने हमसे फिर आधे घंटे की प्रैक्टिस कराई और इस दौरान उन्होंने मुझे और मनु को कुछ अजीब तरह से टच किया।मैंने साफ़ साफ़ देखा की वो कई बार मनु के ज़िपर वाले हिस्से और उसके चूतरों को दबा दिया और मेरी भी चूचियों और चूतरों को दबा रहा था । प्रैक्टिस के बाद हम सब अपने पसीना पोंछ रहे थे और उन्होंने हमें कोल्ड ड्रिंक्स लाकर दिया और हम सब बातें करने लगे, उन्होंने हम दोनो के डान्स की बहुत तारीफ़ की,और आकर हम दोनो के बीच सोफ़े पर आकर बैठ गए,उन्होंने बातें करते हुए एक हाथ से मेरी जाँघ और दूसरे हाथ से मनु की जाँघ सहला रहा था,वो बोला,तुम दोनों को मैं डान्स स्टार बनाऊँगा ,तुम्हें बहुत नए स्टेप्स सिखाऊँगा, और तुम्हारा डान्स हिट हो जाएगा।बस तुम दोनों को मेरे साथ सेक्स करना होगा ।मैंने मन में सोचा कि ये कमीना तो पहले ही मुझे चोद चुका है, पर मनु को एसा क्यूँ बोल रहा है।शायद वो मनु के साथ मुझे चोदना चाहता है। पर मैं कितनी ग़लत थी ?

Masterji ने मनु और मेरी तरफ़ देखा, मैंने हाँ में सर झुका दिया,और मनु भी मेरी तरफ़ देखकर मुस्कराया, वो सोच रहा था की चलो हम दोनो मिलकर इस लड़की को चोदेंगे।कितना ग़लत था वो? मास्टरजी ने हमें बेडरूम में चलने का इशारा किया, हम सब चुपचाप उनके पीछे चल पड़े। बेडरूम पहुँचकर मास्टरजी ने सबको कपड़े उतारने को कहा, और अपने कपड़े भी उतारने लगे। थोड़ी देर में हम सब अंतर वस्त्रों में आ गए, मनु की underwear बुरी तरह से फूली हुई थी , मुझे ब्रा और पैंटी में देखकर वो पगला रहा था, मास्टरजी की चड्डी में भी उनका छोटा लंड खड़ा था।फिर मास्टर जी मेरे पास आए और मुझे चूमते हुए मेरी ब्रा खोल दी, मेरे गोल बड़ी चूचियाँ बिलकुल नंगी ho गयीं थीं और दोनो मर्दों की हालत ख़राब थी।फिर दोनों मुझसे चिपक गए और उनके हाथ मेरी छातियों , पेट, कमर और चूतरों पर हाथ फेर रहे थे। फिर उसने मेरी पैंटी भी खोल दी।अब उनके सहलाने से मेरी गरमी पूरे उफान पर थी , और मेरी चूत उसकी मुट्ठी में थी,मैं सीसी कर उठी। फिर मनु ने अपनी चड्डी मेरी चूतron पर रगड़ने लगा और उसका तना हुआ लंड मुझे चुभ रहा था।फिर मनु ने अपनी चड्डी उतार दी,और उसका लम्बा लंड मेरे सामने था और ऊपर नीचे हो रहा था, तभी मास्टरजी ने अपनी चड्डी उतार दी और उसका छोटा सा खड़ा लंड भी तना हुआ था।मैंने मास्टरजी का लंड अपने हाथ में ले लिया,और मैंने मनु के बड़े लंड को भी हाथ में लेने के लिए आगे बढ़ी ,पर उसके पहले ही मास्टरजी ने मनु के लंड को अपनी मुट्ठी में ले लिया और मनु के मस्त लंड को सहलाने लगे।मैंने हैरानी से उनकी तरफ़ देखा ,तो वो मुस्कराए और बोले, देखो बेबी क्या मस्त लंड है मनु का।

फिर मास्टरजी ने मनु को बिस्तर में लेटने को बोला,और उसके लेटने के बाद वो उसके जाँघों के बीच आ गए और उसके लंड को सहलाने लगे, मैं हेरान। होकर ये देख रही थी। इसके बाद वो मुझे बोले बेबी, तुम मनु को अपने दूध दो चूसने के लिए ,ऐसा कहते हुए उन्होंने मेरे को मनु की तरफ़ थोड़ा सा पुश किया, मनु ने मुझे बाहों में खींच लिया और मेरे होंठ चूसते हुए मेरी चूचियाँ दबाने लगे, फिर मच में लेकर चूसने लगे, में मस्ती में आह आह करने लगी,फिर मनु के मुँह से भी आह निकल गयी। मैंने मुड़कर देखा, मास्टर जी मनु का लंड मुँह में लेकर चूस रहे थे, वो मनु के बॉल्ज़ भी हल्के से सहला रहे थे, और जीभ से उसे चाट भी रहे थे। मनु अब मज़े से सिसकारियाँ भर रहा था।उसे मेरी चूचियाँ चूसने और अपने लंड चूसवाने में दुगुना मज़ा आ रहा था। तभी उसने मेरी चूत में दो ऊँगली डाल दी, मैं भी चिहुंक उठी,और अपनी कमर पीछे करके उँगलियाँ अंदर कर ली ।इस बीच मनु कमर उछालकर मास्टरजी का मुँह चोद रहा था।फिर मास्टरजी बोले, चलो बेबी तुम नीचे लेटो और मैं तुम्हें चोदूँगा , मैं नीचे लेटी और अपनी टाँगें मोड़ ली , इसी बीच मास्टरजी एक क्रीम की शीशी उठा लाए,और उन्होंने मनु के लंड में क्रीम लगायी और फिर दो उँगलियों मैं क्रीम लगाकर अपनी गाँड़ में डाल दी ।मैं समझ नहीं पा रही थी की मास्टरजी का इरादा क्या है। फिर मास्टरजी ने मनु के मुँह में अपनी जीभ डाल दी ,वो भी उसे चूमने लगा और मास्टरजी के चूतरों को दबाने लगा ।फिर मास्टरजी ने मुझे बिस्तर पर सेट किया ,और अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और मुझे चोदने लगे, कुछ देर धक्के मारने के बाद वो रुक गए , फिर मैंने साइड के ड्रेसिंग टेबल के शीशे मेंदेखा कि मनु ने अपने लंड को मास्टरजी की गाँड़ में डालना शुरू किया। जैसे ही उसका सुपारा अंदर गया, मास्टरजी की चीख़ निकल गयी।फिर मनु ने थोड़ा ज़ोर से धक्का मारा और मास्टरजी की आह निकल गयी, अब मनु ने मास्टरजी की गाँड़ मरना शुरू की, उधर अब मास्टरजी का दर्द भी काम हो गया था और उनको मज़ा आने लगा था ,वो भी अपनी कमर ऊपर करके मज़े से गाँड़ मरवा रहे थे और नीचे आते समय मेरी चूत में अपना लंड भी पेल रहे थे।अब उनको डबल मज़ा आ रहा था , मुझे भी गरमी चढ़ गयी थी,मैं भी मज़े से चूदवॉ रही थी ,और मनु भी ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा। हम सब मज़े में मस्ती ले रहे थे, मास्टर जी की कमर भी ऊपर नीचे हो रही थी, फ़च फ़च और ठप ठप की आवाज़ों से कमरा गूँज रहा था ,और हम सबकी आह ओह और चुदायी की ख़ुशबू सब तरफ़ फैल गयी थी। सबसे पहले मनु ज़ोर की आवाज़ के साथ झड़ने लगा और अपने लंड को गाँड़ की जड़ तक पेल दिया, और अपना रस उनकी गाँड़ में छोड़ दिया। तभी मैं भी सी सी कर झड़ने लगी , फिर मैं भी मास्टर ji से बुरी तरह चिपक गयी, और तभी वो भी मेरे अंदर अपना रस छोड़ दिया। फिर हम सब अलग होकर वहीं बिस्तर पर लुढ़क गए।

जब मैं बाहर आयी तो रहमान अंकल मेरा इंतज़ार कर रहे थे, हम चल पड़े, रास्ते में हमेशा की तरह अंकल ने पूछा, की मास्टरजी ने चोदाऽऽ? मैंने सब बातें बतायीं की कैसे मनु ने भी मास्टरजी की गाँड़ मारी, वो हँसते हुए बोले, बेबी इस दुनिया में सभी तरह के लोग होते हैं, इस टाइप के लोग बाई सेक्शूअल कहलाते हैं, इनको मर्द और औरतों दोनों से मज़ा आता है। मेरे लिए नयी ये सब नयी जानकारियाँ थीं। फिर वो बोले, तुम्हें अब ऐक्टिंग और डान्सिंग दोनो की ट्रेनिंग लेनी है, मैंने आज शिवा से बात ki है, तुम्हारा vedioऔर अल्बम जल्दी तय्यार हो जाएगा, वो कह रहा था की तुम उसने बहुत हॉट और सेक्सी दिखायी दे रही हो । मैं ख़ुश हो गयी, और हम फ़्लैट में पहुँचे, खाना अंकल पैक करके लाए थे, खाने के बाद हम सोने गए, मैं अंकल se चिपक गयी,और उनके लंड को लोअर के ऊपर से पकड़ लिया, aur सहलाने लगी, वो मुस्कराए और , चूदायी का मूड है बेबी? मैं उनको चूमते हुए बोली, हाँजी , बहुत मूड है, वो बोले ,क्यूँ मास्टरजी ने ठीक से चोदा नहीं? मैं बोली,अंकल उनके छोटे से लंड में वो मज़ा कहाँ, जो इसमें है, कहते हुए मैंने उनका लंड मसल दिया। वो मेरा मुँह चूसने चाटने लगे, और मुझे नंगा kar दिया , और मेरी चूचियों को दबाने और चूसने लगे , फिर बोले, आज तुम्हें एक नया मज़ा देता हूँ, आओ aur मेरे मुँह पर अपनी चूत रख दो और ऐसे बैठ जाओ जैसे मेरे मुँह में पेशाब कर रही हो। मैं वैसे ही उनके मुँह पर बैठ गयी, उन्होंने मेरी चूत पर अपनी जीभ फेरनी शुरू की, और मैं झूम उठी, फिर थोड़ी देर में वो उसे चूसने और चाटने लगे, और जीभ से चोदने लगे।मैं सिसकारियाँ भरने लगी, सच में बहुत मज़ा आ रहा था, मैंने अपनी कमर हिलानी शुरू की, और जैसे जीभ से चूदवॉने लगी। थोड़ी देर में मेरी चूत एकदम पनिया गयी, और मैं बुरी तरह से चूदाँसी हो गयी। फिर उन्होंने अपने हाथ मेरे चूतरों पर दबाए और फिर दरार में उँगलियाँ डालते हुए गाँड़ और बाद में चूत में आग लगा दी। मैंने बोली , आह अंकल अब फाड़ दो मेरी चूत। उन्होंने मुझे अपने खड़े लंड पर बैठा दिया और बोले, अब इसे अंदर डाल लो ,और फिर मैं उनके लंड पर अपनी चूत रखकर धीरे से दबाने लगी, और अपनी कमर नीचे की, उनका सख़्त लंड मेरी चूत में घुस गया। अब मैं उनके ऊपर झुक गयी ,और वो मेरी लटकती हुई चूचियों को दबाने लगे और मुँह में लेकर चूसने लगे ,और निपल्ज़ को भी मुँह में लेकर होंठों से दबाने लगे, मेरी मस्ती ka आलम ही नहीं था।फिर मैंने अपनी कमर को उठाकर उनके ऊपर चढ़कर ज़बरदस्त चूदाँयी में लग गयी।फिर उनके हाथ मेरे चूतरों पर हाथ फेरते हुए उन्होंने मेरी गाँड़ में एक ऊँगली डाल दी, मैं बहुत मादक मज़े में मस्त होकर ज़ोर ज़ोर से अपनी कमर ऊपर नीचे कर रही थी।कमरा चूदायी की आवाज़ से भर गया था, मैं और अंकल दोनों मज़े से आह कर रहे थे। फिर मैं बोली,अंकल आप ऊपर आइए और मुझे ज़बरदस्त चोदीये।अंकल ने गाँड़ से उँगली बाहर निकालीऔर मुझे पलटकर नीचे किया और मेरे ऊपर चढ़ गए, फिर अपने लंड को एक ही झटके में मेरी चूत में डाल दिया। फिर उन्होंने इतने तेज़ धक्के मारे की मैं मस्ती से भर गयी ,और नीचे से कमर उछाल कर उनका साथ देनी लगी।थोड़ी देर में हम दोनों झड़ने लगे,और शांत होकर लेट गए ।
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दूसरे दिन हम नाश्ता कर रहे थे,तो अंकल बोले, अब तुम्हें एक ड्रेस डिज़ाइनर से मिलाऊँगा, और तुम्हें रोज़ डान्स और ऐक्टिंग की ट्रेनिंग लेनी है, नायडू सांब जो बहुत बड़े फ़िल्म producer हैं वो अगले ४/५ दिन में इंडिया वापस आ रहे हैं, उनसे मिलने का अप्पोईटमेंत लेना है नंदजी की मदद से , तुम्हें उनसे मिलकर अपने डान्स और ऐक्टिंग का telnet दिखाना होगा , और तुम्हारा विडीओ और अल्बम देखकर वो तुम्हें ज़रूर अवसर देंगे। मैं बहुत ख़ुश हो गयी और बोली , मैं बहुत मेहनत करूँगी और ऐक्टिंग और डान्सिंग पर पूरा ध्यान दूँगी । अंकल बोले, तुम्हें मास्टरजी और राकेश और उसकी बीवी शीला से पूरी ट्रेनिंग लेनी है, और एक फ़ैशन डिज़ाइनर है ,शिवा ने उसे फ़ोन किया है, आज पहले उससे मिलेंगे , उसका नाम बॉबी है, वो हिजरा हैं , और मर्दों से गाँड़ मरवाता है, इसलिए तुम्हें शायद वो कुछ नहीं करेगा, पर शिवा के अनुसार मुझे उससे ख़तरा है।मैं , आपको क्या ख़तरा है? वो हँसे, वो मुझसे गाँड़ मरवाना चाहेगा , पर मुझे ये अच्छा नहीं लगता। चलो देखते हैं क्या होता है। हमें २/३ अच्छे सेक्सी ड्रेस लेनी होंगी , जो वो हमें सस्ते में दिलवा देगा। फिर हम बॉबी के स्टूडीओ पहुँचे , वहाँ थोड़ी देर बाद हम उसके ऑफ़िस में उससे मिले,मैं तो हैरान हो गयी उसको देखकर ,वो आदमी कम औरत ज़्यादा दिखता था, उसने कानों में बालियाँ पहनी थी,लम्बे बाल और गोरा शरीर नाज़ुक सा । उसने मुझे कहा कि बेबी तुमपर तो सभी ड्रेसेज़ सूट करेंगे ,और रहमान अंकल को देखकर बोला, आप से अकेले में बात करनी है, अंकल ने मुझे बाहर जाने का इशारा किया,मैं बाहर आ गयी, थोड़ी देर में अंकल भी बाहर आए, और बोले चलो इस कमरे में तुम्हारा नाप लेगा एक दर्ज़ी ,और तुम्हारी ड्रेस्सस बॉबी बनाएगा।मैं कमरे में गयी, वहाँ २ आदमी बैठे थे , वो मुझे देखकर मुसकाए, उनकी उम्र २५ के आसपास थी । उन्होंने मेरा नाप लेना शुरू किया, हालाँकि वो आदमी थे, पर उन्होंने मेरे नाप लेने में कोई शरारत नहीं की ,मेरा नाप लेने के बाद वो मुझे बाहर लाए जहाँ अंकल मेरा इंतज़ार कर रहे थे।मैंने पूछा , आपसे बॉबी ने अकेले में क्या कहा? वो बोले , वही जिसका डर था, वो मुझसे गाँड़ मरवाना चाहता है, कहता है, ड्रेस आधे दाम पर दूँगा अगर मुझे ख़ुश कर दोगे तब। मैं बोली, आप क्या करेंगे? वो बोले, मेरे सामने कोई चारा नहीं था , इसलिए हाँ कर दी। मुझे अंकल के लिए बुरा लगा , पर मैं चुप रही। वो मुझे लेकर बॉबी के ऑफ़िस गए, वहाँ बॉबी उनको देखकर मुस्कराया और मुझे बोला, तुम यहाँ इंतज़ार करो,मैं और रहमान के साथ अभी आता हूँ, फिर वो दोनो ऑफ़िस से सटे अंदर के कमरे में चले गए ।मैंने थोड़ी देर बाद इधर उधर देखा फिर उस दरवाज़े को हल्के से खोला, सामने एक छोटा सा कमरा था, जोकि कपड़ों से भरा था, उसके आगे एक कमरा था जिसका दरवाज़ा बन्द था, पास एक खिड़की थी, मैंने उसके परदे को हटाया, तो सामने अंकल और बॉबी दिखायी दिए। बॉबी घुटनों पर था और अंकल के पैंट की ज़िपर खुली हुई थी, और वो उनके लंड और बॉल्ज़ को चूस रहा था, उनका लंड धीरे धीरे बड़ा हो रहा था, अंकल ने आँखें बन्द करी हुई थी। थोड़ी देर चूसने के बाद उनका लंड पूरी तरह से तय्यार हो गया था, फिर उसने अंकल के पूरे कपड़े उतार दिए और उनकी चौड़ी छाती को सहलाने लगा और अपने गाल वहाँ पर रगड़ने लगा।फिर उसने अंकल ki छाती को चूमना शुरू किया । अंकल चुपचाप खड़े थे, फिर उसने अपने कपड़े भी उतार दिए।उसका शरीर बिलकुल चिकना था, किसी लड़की की तरह, छाती पर एक भी बाल नहीं थे। उसके चूतर भी बड़े थे, बिलकुल चिकने, और जब वो पलटा तो उसके लंड की जगह एक छोटा सा छेद था , शायद पेशाब के लिए, भगवान ने उसके साथ बड़ा अन्याय किया था।मुझे उस पर बहुत दया आयी। फिर अंकल बेड पर लेट गए, और वो उनके ऊपर लेट गया, और अंकल को चूमने लगा, अंकल ने भी उसकी पीठ पर हाथ फेरना चालू किया, और उसके चूतरो को सहलाना और दबाना शुरू किया, फिर बॉबी नीचे आकर उनकी छाती, पेट , नाभि और नीचे जाकर उनका लंड चूमना शुरू किया ,और फिर ज़ोर से उनका लंड अपने गले के अंदर तक ले जाकर चूसना शुरू किया।थोड़ी देर बाद वो उठा और उनके लंड में बहुत सारा क्रीम लगाया , फिर दो उँगलियों मैं क्रीम लेकर अपनी गाँड़ में भी डाली। फिर उसने अंकल को उठने का इशारा किया और ख़ुद पेट के बल लेटकर अपने कमर के नीचे तकिया रख दिया और अपने चूतरों को उठा दिया , अंकल ने अपना खड़ा लंड उसकी गाँड़ में धीरे से उतार दिया ।मुझे एसा लगा की उसे इतना बड़ा लंड लेने में कोई तकलीफ़ नहीं हुई। बल्कि बहुत जल्द hi वो अपने कमर को उछाल कर अंकल के धक्के का जवाब देने लगा, उसके चेहरे और उसकी सिसकरियों से पता चल रहा था कि उसे बहुत मज़ा आ रहा था, अब रहमान अंकल भी मज़े में आकर बुरी तरह से गाँड़ मार रहे थे, वो अब उसके चूतरों पर थाप भी मार रहे थे । थोड़ी देर बाद अंकल ने अपनी स्पीड बढ़ाकर कमर हिलते हुए झड़ने लगे और बॉबी की गाँड़ में अपना रस छोड़ दिया, और बॉबी के नंगे बदन अपर लुढ़क गए।मैं जल्दिसे वहाँ से हट गयी।थोड़ी देर बाद दोनो बाहर आए, और main और अंकल बाहर निकल गए।
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12-27-2018, 01:35 AM,
#13
RE: Desi Sex Kahani हीरोइन बनने की कीमत
रहमान अंकल के साथ जब बॉबी के यहाँ से निकले तो उन्होंने ख़ुद ही बॉबी की गाँड़ मारने की बात मुझे बता दी। फिर हम वहाँ से ऐक्टिंग क्लास में गये और वहाँ मेरी काफ़ी देर ट्रेनिंग हुई, उस दिन वहाँ और कुछ नहीं हुआ , फिर हम डान्स ट्रेनिंग में गए वहाँ भी ख़ूब रिहर्सल हुई ओर कुछ नहीं हुआ। आख़िर में शाम को हम घर पहुँचे मैं बहुत थक गए थी, सो गयीं। अब यही रूटीन हो गया, कभी कभी मेरी चुदायी। भी कर देते थे वो लोग और रहमान अंकल भी रात को मज़ा करते थे।फिर ek दिन हम शिवा ke यहाँ गए, उन्होंने विडीओ और फ़ोटो अल्बम दिखायी, कितनीहॉट और सेक्सी लग रही थी मैं, सच में शिवा ने बहुत मेहनत की थी मेरी प्रोफ़ायल पर। मैंने उनका मुँह चूम लिया, अंगों भी गरम होकर मेरे ko अपनीं गोद में खिंच लिए , और uncle के सामने मेरी चूचियाँ दबोच लिए। अंकल मुस्कार्ये और बोले, बेबी शिवा ने तुम्हारी इतनी मदद की है ,तुम्हें भी उसे ख़ुश करना होगा । मैं बोली, मैंने कब मना किया है,और उनका लंड मैंने पैंट के ऊपर से सहलाना शुरू किया , शिवा ने मुझे गोदी मैं उठाकर पास रखे सोफ़े पर लिटा दिया और चूमना शुरू किया मेरे बदन को। फिर उन्होंने मेरे कपड़े उतारकर मेरे पूरे शरीर को चूमा और चाटा फिर अपना लंड मेरे मुँह मैं डाल दिया और main चूसने लगी ,फिर मैंने जीभ से उनका लंड चाटा , फिर शिवा ने मेरी गिली चूत मैं लंड डाल दिया और भरपूर चूदाँयी में लग गए। मैं भी अपनी कमर उछाल कर मज़ा ले रही थी,रहमान अंकल बग़ल में सोफ़े पर बैठकर हमको देख रहे थे, और पैंट के ऊपर से अपने तंबू को सहला रहे थे, मैंने उनको कहा की आप मेरे मुँह में इसको डाल दो, वो बोले रहने दो, बाद में देखेंगे। फिर थोड़ी देर में शिवा और मैं झरने लगे। बाद में हम विडीओ और अल्बम लेकर घर को चल दिए। अगला दिन हमारे लिए बड़ा khas था ,क्यूँकि मैं नायडू अंकल से मिलने जाने वाली थी और मेरी तीन सेक्सी ड्रेस भी आ गयी थी। नायडू अंकल फ़िल्म प्रडूसर थे ,जिनको नंदजी ने फ़ोन किया था, वही फ़ार्म हाउस वाले।

अगले दिन बाद महत्व पूर्ण था, क्यूँकि प्रडूसर नायडू से मिलना था, सुबह ही नंदजी का फ़ोन आया , बेटी कैसे हो? मैं समझ गयी कि वो अभी भी सेक्सी मूड में हैं,क्यूँकि पिछली बार जब उन्होंने मेरी चूदाँयी की थी, फ़ार्म हाउस में ,तब भी मुझे अपनी बेटी बनाया था , और मैं उन्हें पापा बोली थी। आज वो फिर उसी मूड में लग रहे थे ।सो मैंने भी उनका साथ दिया और बोली , पापा मैं ठीक हूँ पर आपको बहुत मिस कर रही हूँ, वो बोले, बेटी आज अभी तुम होटेल शलिमार में आजाओ अपने अंकल के साथ, फिर वहाँ थोड़ी देर पापा बेटी प्यार करेंगे फिर हम नायडू के पास जाएँगे, ठीक है? मैं बोली, जी पापा हम अभी आते हैं। रहमान अंकल सब सुन रहे थे, बोले, नंदजी नायडू से मिलवाने की फ़ीस लेंगे, कहते हुए मेरी चुचि दबा दिए, मैं हंस दी, बोली, सही है, पर वो चोदते अच्छा हैं, बहुत मज़ा आता है, बिलकुल आपकी तरह।अंकल ने मेरी गाँड़ दबाते हुए बोले, तो मज़ा लो , कौन रोक रहा है। हम दोनो हंस दिए।
थोड़ी देर बाद मैंने नयी ड्रेस पहनी, और मेकप किया, जब मैं तय्यार होकर आही, तो अंकल ख़ुश हो गए, और बोले, बेबी क्या पटाखा लग रही हो, तुम्हारी आधी नंगी चूचियाँ जो टॉप से बाहर झाँक रहें हैं, और तुम्हारी नंगी मांसल जाँघें जो स्कर्ट से बाहर हैं, किसी नपुंसक का भी लंड खड़ा कर देंगे, और ये तुम्हारी मस्त ग़दरयी गाँड़ देखो ये मेरा लंड भी खड़ा हो गया , कहकर वो अपने लंड को पैंट के ऊपर से दबाए। फिर वो विडीओ और फ़ोटो अल्बम लेकर मुझे एक जैकेट दिया पहन्ने को, बोले,रास्ते के लिए ये पहन लो, नहीं तो लोग रास्ते में बेहोश हो जाएँगे। मैंने जैकेट में अपनी मस्त जवानी छुपा ली और हम होटेल की ओर जाने के लिए टैक्सी पकडे।

जब हम नंदजी के होटेल के कमरे में पहुँचे तो वो हमारा इंतज़ार ही कर रहे थे, वो हमसे। गले लगे और मेरा गाल चूम लिया, फिर बोले, ये क्या जैकेट पहना हुआ है, ज़रा जलवे तो दिखाओ, ऐसा कहते उन्होंने मेरी जैकेट उतार दी, फिर मुझे ऊपर से लेकर नीचे तक देखे और बोले, बेबी क्या माल हो, बोलते हुए अपना लंड पैंट के ऊपर से ही मसलने लगे। रहमान बोले, साहब इसको बहुत जल्दी हेरोयन बना दीजिए , ज़िन्दगी भर आपकी सेवा करेगी। मैं भी नदजी से लिपट गयी और बोली,प्लीज़ सर मुझे मदद करो, मुझे एक ब्रेक दिला दो, वो मेरी बाहों को सहलाते हुए बोले, मैं पूरा ज़ोर लगा दूँगा बेबी, पर बाद में मुझे भूल तो नहीं जाओगी? मैं बोली, ऐसा क्यूँ कह रहें हैं, मैं हमेशा आपकी वफ़ादार ग़ुलाम रहूँगी, बस नायडू जी को बोलिए, मुझे ब्रेक दे दें। उन्होंने मेरी नंगी कमर सहलाया और मेरे नितम्बों को सहलाते हुए बोले, बस एक घंटे के बाद मैं तुम्हें उनसे मिलवाता हूँ, पर एक घंटे तो मुझे तुम्हारे साथ मज़े करना है, है ना? मैं बोली, क्यूँ नहीं सर। तभी रहमान बोले। सर। अगर आप नाराज़ ना हो तो मैं कुछ पूँछु ? वो बोले, हाँ हाँ बोलो? रहमान बोले, ये बेबी मुझे बतायी है की आप इसके साथ बाप। बेटी की कल्पना करके चूदाँयी करते हैं? वो बोले, ये तुम्हें बेबी ने बता दिया? वो बोले, बेबी मुझसे कुछ नहीं छिपाती। नंदजी बोले, हाँ ये सच है। रहमाने बोले, क्या सच में आप अपनी बेटी को चोदना चाहते हैं, मैं इसमें आपकी मदद कर सकता हूँ। नदजी बोले, वो कैसे, तुम तो उसे जानते भी नहीं हो। रहमान बोले, वो सब मुझपर छोड़ दीजिए, अगर आप चाहें तो मैं ऐसे हालात पैदा कर दूँगा की वो ख़ुद आपकी गोद में आकर बोलेगी पापा प्लीज़ मुझे चोदीये । नंदजी का मुँह खुल गया था और उनका सख़्त लंड मेरे पेट पर चुभ रहा था। वो बोले अगर ऐसा हो गया तो मैं तुम्हें ख़ुश कर दूँगा, तुम्हें जो चाहिए माँग लेना। रहमान बोले, मुझे तो बस बेबी को हेरोयन बनाना है, इसमें आप मदद कर दीजिए। वो बोले, ये तो मैं कर ही रहा हूँ। फिर रहमान बोले, आपका इंट्रेस्ट अपनी बेटी में कब और क्यूँ पैदा हुआ? नंदजी सोफ़े पर बैठ गए,और मुझे अपनी गोद में खींच लिया और बोलना शुरू किया ----

नंदजी के शब्दों में----
हमारी एक ही बेटी है , हम उसे प्यार से डाली बुलाते हैं, मैं क्यूँकि काम में बहुत व्यस्त रहता था, इसलिए मुझे पता ही नहीं चला और डाली आठवीं में पहुँच गयी। इधर मैं अपनी रूटीन सेक्स लाइफ़ से बोर हो चुका था, और मैंने और डाली की मोम आशा ने सभी सेक्स आसन ट्राई कर लिए थे, और अब हम कुछ नया करना चाहते थे। इसी बीच मुझे लगा जी हमारे बीच सेक्स की frequency कुछ कम हो गयी है, मैं अब बाहर की औरतों में भी इंट्रेस्ट लेने लगा और घर ke बाहर भी mere सेक्स सम्बंध बन गए। पर कई बार मैं सोचता की आशा क्या करती होगी। मैंने सोचा ज़रूर वो ऊँगली से सैटिस्फ़ाई करती होगी? ये सोच कर hi मैं उत्तेजित ho गया और मेरी इच्छा हुई कि उसको हस्त मैथुन करते देखूँ । मैंने अपने बेडरूम में एक कैमरा फ़िट किया, और फिर जब फ़ुर्सत मिलती मैं उसकी रिकॉर्डिंग चेक करता , लेकिन मैं हैरान हो गया की वो कभी भी हस्त मैथुन करती नहीं दिखी। फिर मुझे शक हुआ की शायद वो बाथरूम में ऐसा करती होगी, तो मैंने एक कैमरा बाथरूम में भी फ़िट कर दिया। इसबार मुझे सफलता मिली, आशा हर ३/४ दिन में एक बार हस्त मैथुन करती थी, बाथरूम में। वो नहाने के लिए नंगी होकर बाथ टब में लेट जाती और अपनीचूचियों को दबाती और निपल्ज़ को मसलती और एक साथ तीन उँगलियाँ अपनी चूत में डालकर क़रीब १०/१५ मिनट तक अपनी चूत रगड़ती और फिर आह करके पूरे शरीर ko अकड़कर झड़ जाती। मेरे लिए ये एक मस्त कर देने वाला सीन हुआ करता और मैं रिकॉर्डिंग देखकर गरम हो जाता और फिर उस पर चढ़ कर उसकी ज़बरदस्त चूदाँयी करता। इस तरह जीवन कट रहा था। 
डॉली आठवीं में पहुँच गयी थी और जवान हो रही थी, उसकी चूचियाँ अब संतरें जितनी हो गयी थीं और स्कर्ट से उसकी जाँघें भी गदरायी हुई दिखती थी, मुझे कुछ अच्छा लगता था, पर उसके आगे मैंने अपनी बेटी के बारे मैं कुछ सोचा नहीं था। फिर एक दिन सब बदल गया। हुआ ये कि मैं उस दिन देर से घर आया और डिनर के बाद लैप्टॉप खोला,और बाथरूम की रिकॉर्डिंग चेक किया, और मेरे सामने आशा कपड़े उतारी और टॉलेट सीट पर बैठकर शायद पेशाब की फिर वो नहाने लगी।उसने चूत और गाँड़ की जब सफ़ाई की , मेरा लंड खड़ा हो गया ।मैं अपने लंड को लोअर के ऊपर से मसलने लगा और आशा की चूदाँयी के बारे में सोचा, तभी मैं हेरान हो गया क्यूँकि अभी भी कुछ और रिकॉर्डिंग भी हो रखी थी। मैंने थोड़ा forwad करके जो विडीओ देखा तो मेरे होश ही उड़ गए। बाथरूम में अब हमारी बेटी घुस रही थी। (बाद मैं पत्नी ने बताया था कि उसके बाथरूम का गीज़र ख़राब हो गया था और वो उसदिन हमारे बाथरूम में नहाने आयी थी, उसे क्या पता था की वहाँ उसके बाप ने कैमरा लगा रखा था।)अब डॉली ने बाथरूम में प्रवेश किया और अपना तौलिया और कपड़े हैंगर में टाँगे, फिर वो शीशे के सामने खड़े होकर अपने चेहरे को सब ऐंगल से देखने लगी, फिर उसने अपने आगे का पोसे चेक किया, फिर पलटकर अपना बैक चेक करने लगी, अपनी चूतरों पर हाथ फेरा ,जैसे देख रही हो कि कितने बड़े हो गए हैं।फिर उसने अपनी फ़्रॉक के ऊपर से अपनी छोटी सी संतरें जैसे चूचियों पर हाथ फेरा और थोड़ा दबाकर मुस्कारायी। मेरा तो लंड एसे टाइट हो गया जैसे फट जाएगा गरमी से ।फिर उसने धीरे से अपनी फ़्रॉक उतारी और ब्रा में कसे उसके उरों बहुत ही मदमस्त लग रहे थे।उसने एक गुलाबी सी चड्डी पहनीं थी, जो उसके सिर्फ़ चूत और चूतरों के आधे भाग को ही छिपा रहे थे।उसने फिर आगे पीछे होकर अपने बदन को देखा और ख़ुद पर ही मुग्ध हो गयी।फिर उसने चूत को चड्डी के ऊपर से दबाया।मेरे मुँह से आह निकल गयी और मैंने लंड लोअर से बाहर निकाल लिया और उसे मूठियाने लगा।उधर वो अब अपनी ब्रा भी खोल चुकी थी और उसके मस्त संतरें मेरी नज़रों के सामने थे ।आह क्या चूचियाँ थीं, उनके ऊपर अभी निपल्ज़ पूरे बने भी नहीं थे। फिर उसने अपनी चड्डी भी उतार दी और कपड़े वहीं आशा के गंदे कपड़ों पर फेंक दिया।फिर मैंने उसकी चूत बड़े ध्यान से देखी, पूरी गोरी चूत जिसमें बाल के नाम पर सिर्फ़ थोड़े से रोएँ जैसे थे,और उसकी मस्त चूतरों का उभार किसी को भी पागल बना सकता था ,मेरी आँखों के सामने था, और मैं अपनी बेटी की उभरती जवानी को देखकर मस्त हो चुका था ।फिर वो शॉवर के नीचे खड़े हो कर नहाने लगी और साबुन लगाते हुए अपनी चुचिया मसलने लगी फिर जब उसने साबुन से अपनी चूत साफ़ की तो अपनी माँ की तरह वो भी वहाँ ज़्यादा ही देर रगड़ायी की।और उत्तेजना उसके चेहरे पर साफ़ नज़र आ रही मैं अपना लंड ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा। फिर वो तौलिए से अपने को सुखायी और चूत में ज़रा ज़्यादा देर तक रगड़ी फिर अपनी ब्रा और पैंटी पहनी और nighty पहनी और बाथरूम से बाहर निकल गयी। मुझे याद आया की उसने अपने गंदे कपड़े वहीं रखे थे,मैं तुरंत बाथरूम मैं गया और उसकी ब्रा और पैंटी लेकर सूँघने लगा, आह उसकी चूत की ख़ुशबू सूंघ कर मैं बहुत उत्तेजित हो गया और उसकी पैंटी पर अपना लंड रगड़कर झड़ गया, इस तरह मैं अपनी ही बेटी की तरफ़ आकर्षित हुआ और उसे चोदने के जुगाड़ में रहने लगा।।
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12-27-2018, 01:35 AM,
#14
RE: Desi Sex Kahani हीरोइन बनने की कीमत
नंदजी इतना कहकर चुप हो गए और रहमान अंकल अपने खड़े लंड को पैंट के ऊपर से मसल रहे थे और फिर बोले, सर आप अगर चाहें तो मैं डॉली को आपकी गोद में डाल सकता हूँ, नंदजी बोले, कैसे? रहमान बोले, आप मुझे उसकी हॉबी बताइए, वो बोले, उसको फ़िट रहने का बहुत शौक़ है ,तब रहमान बोले, बस आप मुझे उससे ये कहकर मिलवा दीजिए की मैं उसको फ़िट्नेस की ट्रेनिंग दूँगा। बस मैं उसे पटा कर चोद दूँगा और फिर उसे आपसे भी चूदवाँ दूँगा। नंदजी ख़ुश हो गए बोले, हाँ हाँ वो ठीक रहेगा ,वो कुँवारी तो है नहीं अब तक २/३ boy friends बदल चुकी है और उनसे चूद भी चुकी है, मैंने कैमरा में देखा है की अब वो दो उँगलियाँ अंदर डाल लेती है।अब वो दसवीं में हैं और पिछले २ साल में मस्त गदरॉ गयी है, उसके मम्मे भी अब अनार जैसे ho गए हैं,और चूतर भी बाहर निकल आए हैं। लौंडे उसे चोद रहे हैं और मैं अब भी तरस रहा हूँ।रहमान बोले, बस मुझे एक मौक़ा दीजिए,डॉली आपके लंड की दीवानी हो जाएगी। नंदजी ख़ुश हो गए और बोले, कल ही मैं तुम्हें डॉली से मिलवाता हूँ।फिर मुझे लेकर बेडरूम में घुस गए,और बोले,चलो मेरी रानी बेटी ,अब मुझे चोदने दो । मैं बोली, जी पापाजी। वो गरम थे,उन्होंने मेरे होंठ चूसे और मेरे मम्मे दबाने लगे। मैंने भी उनका लंड पकड़ लिया।फिर वो मुझे नंगी कर दिए,और ख़ुद भी नंगे हो गए,फिर बहुत देर तक मेरे चूचियाँ और चूत को चाटा ,फिर अपना लंड मेरी गिली चूत में डाल दिया ,और मेरे मम्मे दबाते हुए मुझे ज़बरदस्त तरीक़े से चोदने लगे,मैं भी उफ़्फ़्फ चिल्ला रही थी और नीचे से कमर उछाल कर उनका साथ दे रहे थी। थोड़ी देर में हम झड़ने लगे और उनका गाढ़ा वीर्य मेरी चूत में समा गया। थोड़ी देर मुझे सहलाने के साथ ही मुझे चूम रहे थे ।फिर वो बोले,चलो ,बेबी,तय्यार हो जाओ,नायडू से मिल लेते हैं ।

नंदजी के साथ मैं और रहमान अंकल नायडू के ऑफ़िस पहुँचे, वो हमें अंदर बुलाया,बहुत ही सुंदर था ऑफ़िस, इतना बड़ा प्रडूसर भी था वो।नायडू की उम्र ६५ के आसपास होगी,रंग बिलकल काला और शरीर मोटा ताज़ा । मुझे देखकर वो काफ़ी प्रभावित दिख रहा था,फिर वो नंदजी से बोला, आप लोग जायीये , मैं बेबी का दिन भर सभी तरह का टेस्ट लूँगा और फिर शाम को आप आना ,फिर मैं बता सकूँगा कि ये हेरोयन बन पाएगी या नहीं? नंदजी और रहमान बाहर चले गए ,नायडू ने बेल बजायी और एक आदमी अंदर आया ,उन्होंने उसे कहा कि बेबी को अंदर स्टूडीओ में ले जाओ, मैं वहाँ आता हूँ,मैं उस आदमी के साथ स्टूडीओ के अंदर गयी। वहाँ स्टूडीओ में एक सेट लगा था,मैं उत्सुकता से ये सब देख रही थी।तभी नायडू अंदर आए।मुझे कुर्सी पर बैठने को बोले, और कहा कि कोई विडीओ या फ़ोटो अल्बम है तो दिखाओ, मैंने अपने बैग से निकालकर उन्हें दे दिया। पहले अल्बम देखकर उनकी आँखें काफ़ी बड़ी हो गयी, फिर उन्होंने मेरा विडीओ चलाया जो वहाँ बड़े स्क्रीन में दिखायी दे रहा था ।मैंने उनकी तरफ़ देखा तो वो बहुत ध्यान से विडीओ देख रहे थे, फिर एक दृश्य में मैं स्विम सूट में थी, क़रीब सब कुछ दिख रहा था, वो मुस्कराए और बोले, काफ़ी सेक्सी हो। मैंने शर्मा कर सिर झुका लिया।फिर wo बोले , बेबी काफ़ी फ़ोटजेनिक चेहरा और सेक्सी फ़िग्यर है तुम्हारी।मैं ख़ुश हो गयी।फिर वो बोले चलो डान्स दिखाओ , मैंने उन्हें डान्स करके दिखाया ,अपनी कमर मटकायी, पैरों के स्टेप्स देखकर वो प्रभावित दिखे।फिर उन्होंने मेरी ऐक्टिंग का टेस्ट लिया, और मेरे अभिनय से भी प्रभावित हुए।फिर बोले , बेबी तुम्हारा भविष्य बहुत उज्जवल है,तुम एक दिन बहुत बड़ी हेरोयन बनोगी, मगर इसके लिए तुम्हें त्याग भी करना होगा, मैं बोली,मैं कुछ भी करके हेरोयन बनना चाहती हूँ , इसके लिए मैं त्याग करने को नहीं रुकूँगी। वो ख़ुश हो गए और बोले,नंदजी ने मुझसे मिलाने की क्या फ़ीस ली? मैंने सर झुका लिया,कैसे बताती की मैंने उन्हें अपना शरीर सौंप दिया। वो बोले,मैं नंदजी को जानता हूँ,उसने ज़रूर तुम्हारी चूदाईं की होगी, मैं उनके मुँह se ये शब्द सुनकर हैरान रह गयी। वो बोले,यहाँ फ़िल्म इंडस्ट्री में सब तुमसे मज़े लेंगे काम देने के बदले।मैं बोली, आप भी? वो मुस्करए, और बोले, हाँ मैं भी। मैं उनको देखती ही रह गयी।

नायडू ने मुझसे कहा, मैं आज तुम्हारे लिए अभी पिक्चर साइन करने की प्लानिंग कर रहा हूँ, मुझे ख़ुश करोगी ना? मैंने हाँ में सर हिला दिया, वो बोले, तुम प्यारी और समझदार लड़की हो।ऐसा कहते हुए उन्होंने मोबाइल पर एक नम्बर लगाया, दूसरे तरफ़ से स्वामी नाथन जो की बहुत बड़ा director है, को बोला, आज एक नयी लड़की मिली है, उसको लेकर मैं एक लव स्टोरी बनाऊँगा, कहानी मेरे पास है, बस तुम aa जाओ हम फ़िल्म फ़ाइनल कर लेंगे।उधर से स्वामी कुछ बोला, जिसपर नायडू मुस्कराया और बोला, हाँ, बेबी बहुत सहयोग कर रही है और सब अजस्ट्मेंट करने को तय्यार है। फिर उन्होंने प्रसिद्ध हीरो खान को नम्बर लगाया और नयी फ़िल्म और मेरी बात की। वो कुछ पूछा, जिसपर नायडू बोले, हाहां बहुत सुंदर, गोरी, और भरे बदन की लड़की है,हाँजी आपसे पहले मिलवा देंगे,आप फ़ाइनल करोगे तब ही फ़िल्म की घोषणा करेंगे। आज से एक हफ़्ते के बाद मुहूर्त है, तभी फ़िल्म की घोषणा करेंगे। फिर उन्होंने कुछ financers से भी बात की। तभी कमरे में एक नौकर आया और बोला,स्वामी आया है।नायडू ने उसे अंदर बुला लिया। थोड़ी देर में एक क़रीब ५० साल का काला सा भारी बदन का आदमी अंदर आया,उसने मुझे देखकर कहा ,तो यही। हैं नायडू, तुम्हारी नयी हेरोयन।नायडू ने मुस्कुराकर कहा, हाँ यही है,बोलो कैसी है? वो वो मुझे ऊपर से लेकर नीचे तक देखा और बोला,सच में बहुत मस्त है, फिर वो बोला,ज़रा खड़ी हो, मैं खड़ी हो गयी और थोड़ा आगे आ गयी ,वो मेरे आगे और पीछे से मेरे बदन को घूर रहे थे,फिर मेरी चूचियों को घूरते हुए और मेरी जाँघों और मेरे पिछवाड़े की तरफ़ देखकर बोले, क्या फ़िगर है,बेबी तुम तो परदे में आग लगा दोगी। फिर हम बैठ गए और फिर नायडू ने उसे मेरा अल्बम दिया,वो देखते हुए स्वामी का हाथ अपने लंड को पैंट में दबाने लगा, मैंने नायडू ko एसा करते नहीं देखा था। 
फिर स्वामी ने मेरा विडीओ देखा और बोला, वाह बेबी क्या जवानी लेकर घूम रही हो,फिर मुझे अपने पास आने को बोला,मैं उठकर उनके पास गयी, उन्होंने मुझे खींचकर मुझे अपनी गोद में खींच लिया , मैं चुपचाप उनकी गोद में बैठ गयी, और उनके लंड की चुभन महसूस कर रही थी। उन्होंने मेरे बाहों पर हाथ फेरा और उसे सहलाते हुए मेरी गर्दन सहलाने लगे,फिर उन्होंने मेरे होंठों को चूमना शुरू किया , उसके बाद उन्होंने मेरी चूचियाँ दबाने लगे, मेरे मुँह से आह निकल गयी। नायडू वहीं खड़ा सब कुछ देख रहा था, पर उसके पैंट के सामने कोई उभार नहीं दिखा, हालाँकि उसके मुँह से वासना टपक रही थी। फिर स्वामी बोला , चलो नायडू बेडरूम मैं चलो, और हम तीनों बग़ल में बने बेडरूम में घुसे।मेरे पीछे आते हुए स्वामी के बड़े हाथ मेरे चूतदों को मसल रहे थे, मेरी चूत भी गिली हो गयी थी।

बेडरूम में स्वामी ने मुझे बाहों में लेलिया और मेरे गाल चूमने लगे। दिर वो मेरे होंठ चूस रहे थे और मेरी कमर सहलाते हुए मेरे चूतरों पर हाथ फेरने लगे । अब मैं भी उस मज़बूत आदमी की पकड़ में मस्त होने लगी , फिर उन्होंने मुझे अपने से दूर किया और बोले, बेबी आज ख़ुश कर दो, तुम्हारी पिक्चर हिट करा दूँगा, मैं धीरे से मुस्करायी! वो और मस्त होकर मेरी चूचियाँ दबाने लगे, फिर उन्होंने मेरे स्कर्ट के अंदर हाथ डालकर मेरी चूत को पैंटी के ऊपर से दबाने लगे, मेरे मुँह से आह निकल गयी! 
मैंने देखा नायडू हमें देखकर अपने पैंट में लंड मसल रहे थे! फिर स्वामी ने मेरी टॉप उतार दी, और स्कर्ट भी खोलकर मुझे ब्रा और पैंटी में ले आए! मेरी लेस वाली ब्रा और पैंटी देखकर वो पागल हो गए और मेरी चूचियाँऔर चूत दबाने लगे और मेरी पैंटी से बाहर निकली बड़ी गाँड़ भी मसलने लगे । उनका पैंट आगे से बुरी तरह फूल गया था और मुझे पता चल गया की आज बड़े मोटे और लम्बे लंड से मुझे चूदना है। मेरी चूत अब पानी छोड़ रही थी। स्वामी ने मुझे ब्रा और पैंटी में कमर मटका कर चलने को कहा, मैं शर्माकर चल कर दिखायी , वो और पागल हो गया। उसने मुझे देखते हुए अपने कपड़े खोल दिए, काला बालों से भरा मज़बूत मर्द था वो , उसके underwear से उसका आधा लंड बाहर झाँक रहा था , उसमें समा ही नहीं रहा था! वो बेड पर बैठ गया और मुझे बोला, बेबी इसे खोलो और मज़ा लो। मैं उसके पास गयी और घुटनों के बल बैठकर उसके underwear को निकालने लगी, उसने अपनी कमर उठायी जिससे मैं उसके लंड को नंगा कर पायी। आह क्या काला नाग था , कम से कम ८ इंच लंबा और बहुत मोटा , सुपारा पूरा खुला हुआ और उसमें २ बूँद सफ़ेद रस लगा हुआ था। उन्होंने मेरा सर पकड़ कर उसे अपने लंड पर दबा दिया , मैंने पहले उनके सुपारे पर जीभ फिराकर रस को चाट लिया, फिर पूरा सुपारा मुँह में लेकर चूसने लगी। स्वामी मस्त हो गए और बैठकर ही कमर उछालकर मेरे मुँह को चोदने लगे। मैं भी गले के भीतर लेकर उनके मस्त लंड को चूसने का मज़ा ले रही थी। मैंने देखा कि नायडू अब भी पूरे कपड़े में ही था और लंड दबा रहा था, मुझे कुछ अजीब लगा , थोड़ी देर बाद स्वामी मुझे उठाए और मेरी ब्रा उतार दी, और मेरी चूचियों पर टूट पड़े । ज़ोर ज़ोर से दबाने के बाद मुँह में लेकर बहुत देर चूसे। फिर मुझे बिस्तर पर पेट के बल लिटा दिया और मेरे पेट के नीचे तकिए रख दिए जिससे मेरे चूतर ऊपर हो गए । वो मेरे पीछे आए और मेरे चूतरो को दाबने लगे , फिर उनको चूमने और काटने लगे, मेरे मुँह से मज़े में आह aah निकल रही थी। फिर उन्होंने मेरी चूतरो की दरार में अपना मुँह डाल दिया और मेरी गाँड़ और चूत को चूमने और चाटने लगे। वहाँ पर अपनी जीभ डालकर मेरे दोनों छेदों को मस्त कर दिया , फिर उन्होंने २ ऊँगली मेरी चूत में और एक ऊँगली मेरी गाँड़ में डाल दी। मेरी सिसकरियों से कमरा गूँज रहा था। नायडू अब कुर्सी में बैठकर हमको देख रहा था। फिर स्वामी ने अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगाया और अपने सपारे को मेरी चूत के मुँह में लगा दिया और उसको मेरी चूत की पूरी लम्बाई पर रगड़ने लगा। मेरी चूत बुरी तरह से पानी छोड़ रही थी, फिर उसने धीरे से मेरी चूत में अपना लंड अंदर किया , हालाँकि मैं कई बार चुदीं हुई थी, पर ये लंड सबसे बड़ा और मोटा था मेरी दर्द से चीख़ निकल गयी वो मेरे ऊपर सवार थे, बोले बेबी डरो नहीं अभी मज़ा आएगा और उन्होंने धक्के मार के पूरा लंड अंदर कर दिया। फिर रुके और मेरी चूचियाँ पीने लगे और निपल्ज़ मसलने लगे मैं भी गरम हो गयी। और उनको चोदने को बोलने लगी और नीचे से कमर भी उछालने लगी। अब वो मेरी चुचि दबाते हुए मेरे होंठ चूसते हुए अपनी कमर ज़ोर से दबाते हुए मेरी ज़बरदस्त चूदाँयी करने लगे। पलंग पर मानो भूचाल आ गया था। पूरा कमरा छप छप की आवाज़ से गूँज रहा था।
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12-27-2018, 01:36 AM,
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RE: Desi Sex Kahani हीरोइन बनने की कीमत
मैं तो आनंद से भीगी हुई चिल्ला रही थी आह और चोदो और फाड़ो , वो भी मस्ती में बेबी आह बेबी आह चिल्ला रहे थे , फिर मैं चिल्लायी, मैं झड़ रही हूँ तो वो और ज़ोर से धक्के मारने लगे और हम साथ साथ ही झड़ गए। फिर वो मुझे चूमते रहे और मेरे साइड में लेट गए, और मेरे गालों को चूमते हुए और एक चुचि दबाते हुए बोले, बेबी मज़ा आया? मैं शर्माकर उनकी बालों से भरी छाती में मुँह छिपाकर बोली, जी बहुत। वो ख़ुश हो गए और मेरे चूतरो पर हाथ फेरते हुए बोले मस्त माल हो बेबी तुम , बहुत हिट हेरोयन हो जाओगी, फिर मेरे चूतरो की दरार में ऊँगली डालकर गाँड़ के छेद सहलाते हुए बोले, बेबी ये भी चोदना है। मैं बोली, जिस दिन पिक्चर की पहली शूटिंग करेंगे उसी दिन इसकी भी शूटिंग कर लीजिएगा , वो ख़ुश होकर बोले, बस एक हफ़्ते में पिक्चर भी चालू हो जाएगी और तुम्हारी इस मस्तानी गाँड़ में मेरा लंड भी घुस जाएगा। तभी मुझे नायडू का ख़याल आया , वो अब भी पलंग के पास कुर्सी पर बैठा अपना लंड पैंट के ऊपर से दबा रहा था! अब स्वामी नायडू से बोला, ठीक है ना नायडू? हम अगले हफ़्ते पिक्चर चालू करेंगे ना? नायडू की आँख स्वामी की उँगली पर थी जो मेरी गाँड़ में अंदर बाहर हो रही थी।
नायडू बोला, हाँ हम अगले ही हफ़्ते बेबी की फ़िल्म चालू करेंगे , मैं बिस्तर से उठी और नायडू की गोद में बैठकर उसका मुँह चूम लिया और बोली थैंक यू सर , मैं आपकी हमेशा आभारी रहूँगी , नायडू मेरा हाथ सहला कर बोले जाओ अभी बाथरूम होकर आओ । मैं नंगी ही बाथरूम दोड गयी और वहाँ से फ़्रेश होकर आयी तबतक स्वामी ने कपड़े पहन लिए थे । मैंने भी अपने कपड़े पहने और हम सब बाहर ऑफ़िस में आ गए। नायडू ने खान को फ़ोन किया और बोला, स्वामी ने बेबी का टेस्ट ले लिया है और वो उससे बहुत प्रभावित है, अब बोलो क्या बोलते हो? फिर नायडू फ़ोन पर बोला , हाँ हाँ क्यूँ नहीं , वो आ जाएगी , हाँ हाँ बहुत समझदार है वो , तुम वो बहुत अच्छी लगेगी , ठीक है मैं उसे भेज दूँगा। फिर फ़ोन रख दिया और मुझे बोला, बेबी , परसों तुम्हें खान से मिलना है , उसने तुम्हें अपने फ़ार्म हाउस में उसने रात को ९ बजे बुलाया है । मैं बोली , इतनी रात को क्यों? स्वामी बोले, बेबी, वो भी तो तुम्हें taste करेगा और मेरी गाल की चुटकी ले ली! मैं शर्मा गयी तो स्वामी ने मुझे गोद में खिंचकर मेरी चुचि दबा दी । फिर स्वामी चला गया , तब नायडू बोला , बेबी तुम और तुम और रहमान कल रात हमारे घर डिनर पर आओ । मैंने हाँ में सर हिला दिया, मैं पूछना चाहती थी कि तुमने मुझसे मज़ा क्यूँ नहीं लिया , पर मैंने कुछ पूछा नहीं। मैं रहमान का इंतज़ार करने लगी , नायडू भी चला गया । रहमान पूरे २ घंटे बाद आया और हम घर के लिए निकल गए। मैंने रास्ते मैं रहमान को स्वामी की चूदयी की पूरी रिपोर्ट दी और पूछा की नंदजी ने आपको उनकी बेटी डाली से मिलाया? वो मुस्करकर बोले, हाँ मिलाया और बात आगे बढ़ गयी है! मैंने पूछा मतलब? वो मेरे चूतर थपथपा कर बोले, चलो घर चल कर पूरी बात बताऊँगा ।

रास्ते में अंकल ने खाना पैक करवाया और घर पहुँच के मैं सीधा बाथरूम में घुस गयी और आधा घंटा मज़े से नहायी , फिर नाईटी पहन कर बिना ब्रा और पैंटी के मैं हॉल में पहुँची तो अंकल खाना मेज़ पर लगा चुके थे। हमने खाना खाया और जब बाद में टी वी देखते हुए मैंने पूछा , अंकल बताओ ना नंदजी के यहाँ क्या हुआ ? वो बोले, बहुत कुछ , और पूरी बात बताने लगे।
आगे की कहानी , अंकल के शब्दों में-----
बेबी, तुम्हें नायडू के पास छोड़ कर मैं नंदजी की कर से उनके साथ उनके घर के लिए रवाना हुआ, रास्ते में मैंने पूछा , आपने कितने कैमरा लगाए हैं घर पर। वो बोले , एक मेरे बाथरूम में, जहाँ मैं पत्नी को नहाते और हस्त मैथुन करते हुए देखता हूँ ! दूसरा मैंने बेटी डॉली के बेडरूम में लगाया है। वो बोला, तुम्हें याद होगा जब से मैंने डॉली को पहली बार अपने बाथरूम में नहाते देखा था तभी से मैं उसे पाने के लिए पागल हो रहा हूँ। इसीलिए मैंने उसके बेडरूम में कैमरा लगाया है, अब मैं उसे कई बार कपड़े बदलते हुए और नंगी भी देख चुका हूँ। वो भी हस्थ मैथुन करती है। वो बोला, पिछले तीन दिनों मैं वो एक boy friend से दो बार अपने कमरे में चूदवॉ भी चूकी है। मैंने कहा, अरे वो तो अभी काफ़ी छोटी है, दसवीं में है ना , आपने बताया था, क्या वो लंड अंदर जाने पर चिल्ला नहीं रही थी? वो बोला, अरे नहीं वो लड़का भी तो छोटी उम्र का था , उसका लंड भी छोटा और पतला था , वो उसे आराम से ले रही थी, मुझे पक्का मालूम है कि वो अपनी सील पहले ही फड़वा चुकी थी , क्यूँकि वो उस लड़के से मज़े से चूदवॉ रही थी! क़सम से उसे चूदवाँते देख कर मेरी इच्छा हो रही थी कि उस लड़के को हटाकर मैं ही चढ़ जाऊँ उस पर, ऐसे बोलते हुए वो अपने लंड को पैंट पर से मसल रहा था। 
उसके घर पहुँचने पर उसकी बीवी , लाली से मुलाक़ात हुई, उसने सारी पहनी थी, क़रीब ३५ साल की गोरी भरे बदन की बहुत मादक औरत थी , मेरा लंड उसके ब्लाउस में क़ैद बड़े उरोज और गोरे पेट को देखकर खड़ा हो गया था। वो भी मुस्कराहट कर मिली । नंदजी अभी आता हूँ डॉली को लेकर , कहकर कमरे के बाहर चले गया। लाली फिर उठ कर फ्रिज से पानी निकलने के लिए झुकी और उसके बड़े चूतरों को देखकर मैं जैसे स्तब्ध रह गया। जब वो पानी का ग्लास मुझे दे रही थी, उसकी एक बड़ी चुचि पूरी साड़ी से बाहर थी और ऊपर से आधी नंगी चुचि भी ब्लाउस के बाहर झाँक रही थी। मैंने सोचा की नंदजी इतने मस्त माल को छोड़कर क्यूँ बाहर मुँह मरता है!! जब मैं उसकी चुचि को घूर रहा था, वो मुझे ऐसा करते देख मुस्करायी और मेरे खड़े लंड की तरफ़ देखा और फिर मेरी तरफ़ देखा। मैं लंड के ऊपर हाथ रख दिया । वो शरारत से मुस्करायी और सोफ़े में बैठ गयी। 
तभी कमरे में नंदजी आए साथ में एक जींस टॉप में डॉली भी थी, उसे देखकर मैं हैरान रह गया । वो भी अपनी माँ की तरह गोरी और सुंदर थी , उसकी बड़ी चूचियाँ उसके टॉप में समा नहीं रही थी । और उसका निचला हिस्सा अभी किसी कुँवारी लड़की जैसा ही था , छोटे गोल चूतरों को देखना बड़ा प्रिय लग रहा था जो उसके जींस पैंट से चिपके हुए थे । मेरा हाल बुरा हो गया , ये जानकर की इस कली को मैं बहुत जल्दी मसलने वाला हूँ। और उसकी माँ को तो मैं चोद कर रहूँगा । फिर नंदजी ने मेरा परिचय दिया, बोले, डॉली बेटी ये रहमान अंकल हैं , ये तुम्हें शारीरिक चुस्त रखने की ट्रेनिंग देंगे , इनको जिम का भी बहुत अनुभव है । डॉली ख़ुश हो कर बोली, पापा आपको धन्यवाद , मैं कबसे आपको इसके लिए बोल रही थी । मैंने कहा की डॉली मैं आपको अच्छी तरह से ट्रेन कर दूँगा। मैंने नोटिस किया, लाली अभी भी मेरे पैंट के तंबू को ध्यान से देख रही थी। 
फिर मैं बोला चलो तुम्हारा जिम देखते हैं, वो ख़ुश हो कर बोली चलिए और हम दोनों बाहर निकले हाल से , नंदजी मुझे देख कर आँख मारी। मैं हैरान था कि कैसा आदमी है जो अपनी बेटी को मुझसे चूदवाँने के लिए फँसा रहा है ताकि वो ख़ुद अपनी बेटी को चोद सके। मैं और डॉली जिम में पहुँचे , वहाँ सभी महँगी मशीन थी और वह बड़े उत्साह से मुझे सब दिखा रही थी और मेरा ध्यान उसकी उम्र से बड़ी हो गयी चूचियो पर थी। फिर मैंने उसे कुछ नए तरीक़े से करने वाले व्यायाम के बारे में बताया , वो काफ़ी ख़ुश लग रही थी। मैंने उसके हाथ को पकड़कर उसे ऐरोबिक्स भी सिखाया , ऐसा करते हुए मेरा और उसका शरीर कई बार टकराया , मैंने ध्यान दिया की उसे मेरे मज़बूत शरीर को छूने में मज़ा आ रहा है , फिर वो बोली, अंकल आपके बाहों की मसल कितनी मज़बूत हैं, मैंने उसको कहा की तुम मेरी बाँह में लटक जाओ , मैं तुम्हें उठता हूँ । ऐसा कहते मैंने अपनी बाँह मोड़कर मछली उभार कर दिखाया और वो मज़े से लटक गयी । मैंने उसे हवा में उठा लिया और थोड़ा झुलाकर अपने से सटा लिया । फिर उसके गाल चूम लिए और बोला , बेटी तुम बहुत स्वीट हो । वो शर्मा कर परे हो गयी। मैंने उसकी पीठ पर हाथ फेरकर कहा , डॉली तुम बहुत प्यारी और बहुत सुंदर हो । अब चलें , मैं कल से रोज़ कितने बजे आऊँ सिखाने ? वो बोली, मेरा स्कूल दोपहर दो बजे से शुरू होता है , आप दिन में कभी भी आ जयिये। 
हॉल में आकर मैंने नंदजी से पूछा कल से कितने बजे आऊँ ? वो बोले, १० से १२ बजे के बीच कभी भी आ जाओ । फिर मैंने लाली और डॉली को बाई कहा और नंदजी के साथ बाहर आ गया । बाहर आते ही नंदजी बोले, कुछ बात बनी? मैं मुस्कराहट से बोला की हाँ तीन चार दिन मैं पटा लूँगा , यह सुनकर वो बहुत ख़ुश हो गया और बोला, मुझे भी दिलवा दोगे ना उसकी मस्त बुर ? मैं बोला की पक्का , वो बहुत ख़ुश होकर अपना लंड दबाने लगा । क्या बाप है , मैंने सोचा , अपनी बेटी को चोदने को मारा जा रहा है। फिर मैं तुम्हारे पास आ गया नायडू के यहाँ । अबतक बस यही हुआ है , कहते अंकल ने मेरी चूचियाँ दबाने लगे , फिर उन्होंने मुझे नंगा करके मेरी भरपूर चूदायी की। फिर मैं उससे चिपक कर सो गयी।

सुबह मैंने रहमान अंकल को बताया की शाम को हम दोनों को नायडू के यहाँ डिनर पर जाना है, तो वो सोचते हुए बोले, मुझे ये समझ बही आया की उसने तुम्हें क्यूँ नहीं चोदा , जबकि उसके सामने स्वामी तुम्हारी बजा रहा था! फिर बोले, चलो शाम को पता चल ही जाएगा । फिर वो बोले बेबी, आज मुझे १० बजे फिर डॉली को ट्रेनिंग देने जाना है। मैंने उनके पजामा के ऊपर से लंड को दबाते हुए कहा की इसकी ट्रेनिंग ? तो वो हँसकर बोले, हाँ इसकी ही ट्रेनिंग देनी है , कहते हुए मेरी चुचि दबा दिए। फिर बोले, वो बेचारी अभी छोटी है, मेरा लंड लेने में उसे तकलीफ़ तो होगी, तब मैं बोली, उसकी फाड़ने में ही तो आपको मज़ा आएगा । वो बोले, मैं तो ये माल इस लिए तय्यार कर रहा हूँ ताकि इसका बाप इससे मज़े ले सके और हमसे ख़ुश होकर फिर तुम्हारी फ़िल्म में पैसा भी लगाए । फिर वो एक मस्त टी शर्ट और एक जींस की पैंट पहनकर डॉली के घर के लिए चले गए और मैं नहाने चले गयी । 
रहमान अंकल ५ बजे वापस आए और मुस्कुरा रहे थे। मैंने पूछा क्या हुआ? वो बोले सब हो गया और मुझे बाहों में लेकर चूम लिया । मेरे पूछने पर उन्होंने जो बताया ---
रहमान अंकल के शब्दों में----
मैं जब डॉली के घर पहुँचा तो वह उसी समय नहा कर आयी थी , और स्कर्ट टॉप में छोटी सी बच्ची दिख रही थी , सिवाय उसके उभारों के जो उसके चेहरे के भोलेपन के हिसाब से बहुत बड़े दिख रहे थे , मेरी जींस में हलचल शुरू हो गयी । तभी उसकी माँ भी आ गयी और सलवार कुर्ते मैं वो भी भरा हुआ माल दिख रही थी। मैंने सोचा कि आज अगर भाग्य ने साथ दिया तो दोनों से मज़ा लूँगा । फिर अभी हम बातें ही कर रहे थे कि लाली का फ़ोन बजा और उसे किसी ने कीटी पार्टी के लिए बुलाया तो वो बोली लेकिन पार्टी तो कल है , फिर थोड़ा विरोध करने के बाद वो आज ही जाने को राज़ी हो गयी। मेरे लंड ने अपना भाग्य पढ़ लिया और झटके मारने लगा। लाली बोली, मुझे अभी जाना पड़ेगा पर मैं लंच तक आ जाऊँगी और मुझे बोली कि हम सब लंच साथ ही करेंगे । मैंने भी हाँ में सर हिला दिया । वो तय्यार होने चले गयी और मैं डॉली के साथ जिम वाले कमरे में आ गया । डॉली अदा से बोली , आज क्या सिखाएँगे रो मैं बोला चलो ऐरोबिक्स से ही शुरू करते हैं । थोड़ी देर के बाद वो थक गयी और एक कुर्सी में बैठ गयी। मैंने उससे कहा मैं बाथरूम से आता हूँ और बाहर हॉल में आया तभी लाली तय्यार हो कर आयी और मैं उसे देखता ही रह गया । मैंने कहा की भाभीजी आज किस पर बिजलियाँ गिराओगी , तो वो बोली , वहाँ कोई देखने वाला नहीं होगा क्यूँकि लेडीज़ की पार्टी है। मैं बोला, मुझ पर तो आपने बिजली गिरा ही दी तो वो शर्मा गयी, और बोली , सच मैं क्या सुंदर दिख रही हूँ? मैं बोला, आप तो अप्सरा दिख रही हो, अगर मैं नंदजी की जगह होता तो आपको दिन भर अपने से चिपकाए रहता और ख़ूब प्यार करता । यह सुन कर उसके गाल लाल हो गए और वो बोली , मक्खन लगाना तो कोई आपसे सीखे । मैंने कहा की एक बार हमारा मख्ख्न चख तो लीजिए , आप हमारी दीवानी हों जाएँगी । उसने मेरे द्वी अर्थी बात को नहीं समझने का नाटक किया और बोली, मैं १ बजे आ जाऊँगी , हम साथ ही खाना खाएँगे , आप हमसे बिना मिले चले मत जयिगा ।फिर मेरी तरफ़ तिरछि निगाहों से देखते हुए सेक्सी अन्दाज़ मैं अपने होंठ चबाते हुए कमर मटका कर चली गयी। 
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12-27-2018, 01:36 AM,
#16
RE: Desi Sex Kahani हीरोइन बनने की कीमत
मेरा लंड तो अब डंडे की तरह सख़्त हो गया था।अब इतने टाइट लंड से पेशाब तो नहीं कर सकता था सो वापस जिम में पहुँचा और डॉली को पैर फैलाकर आराम करते देखा । पैर फैलने के कारण उसकी स्कर्ट ऊपर चढ़ गयी थी और उसकी गुलाबी पैंटी साफ़ दिख रही थी।मुझे एक विचार सूझा और मैंने उससे कहा , डॉली तुमने कभी शीर्षासन किया है? वो बोली ये क्या होता है? मैंने कहा चलो करके दिखाता हूँ । फिर मैंने एक तकिया लिया और उसे दीवाल के पास रखा और अपना सिर उसपर रख कर मैंने अपने पैर ऊपर कर दिए यानी मैं सिर के बल उलटा खड़ा हुआ। वो बोली, अंकल मुझे भी सिखाइए। मेरे मन में लड्डू फूटने लगे, मैंने कहा चलो आओ, वो मेरे पास आयीऔर मैंने उसको सिर तकिए अपर रखकर डॉगी पोज़ में आने को बोला, वो घुटनों के बल हो गयी , अब उसकी गोल गोल चूतर मेरे सामने थे जो चड्डी में से साफ़ दिख रहे थे क्यूँकि उसकी स्कर्ट ऊपर सिमट गयी थी । मैंने उसकी जाँघों को पकड़कर ऊपर की तरफ़ खिंचा और अब उसका पैर ऊपर हो गया और वो सिर के बल खड़ी हो गयी । उसकी स्कर्ट पूरी नीचे हो गयी थी और उसकी पैंटी के सिवा अब नीचे कुछ नहीं था । फूली हुई चूत पैंटी से साफ़ दिख रही थी और साइड से चूत के भी दर्शन हो रहे थे । मैंने उसे बैलेन्स करने के बहाने उसकी जाँघें को ख़ूब दबाया और पैंटी के ऊपर से चूत भी छुआ । फिर उसे खड़े करने के समय उसकी बग़लों में हाथ डालकर उसको सहारा देने के बहाने उसके मस्त उरोजों को भी दबाया । जब वो सीधी खड़ी हुई तो बोली , अंकल मुझे चक्कर आ रहा है तो मैंने उसे सहारा देने के बहाने अपने से सटा लिया , वो भी मुझसे चिपकी खड़ी रही । फिर मैंने उसको पूछा अब ठीक हो? वो बोली , जी अब ठीक हूँ। फिर मैंने उसे कुर्सी पर बैठा दिया और ख़ुद घुटनो के बल उसके सामने बैठ गया और उसकी जाँघों पर हाथ रख कर बोला , बेटी पानी लोगी? वो बोली , नहीं । फिर मैंने उसके जाँघों को सहलाते पूछा , डॉक्टर बुलाऊँ क्या, वो बोली नहीं , फिर मैंने उसको कहा चलो तुम्हें बिस्तर पर लिटा देता हूँ , उसने हाँ में सिर हिलाया । तब मैं खड़ा होकर उसको अपने गोद में उठा लिया और उसे उसके बेडरूम में ले गया और बिस्तर पर लिटा दिया , उसका टॉप ऊपर चढ़ गया था और उसका पेट नंगा था और उसकी ब्रा नीचे से दिख रही थी , उसकी पैंटी में छिपी चूत भी साफ़ दिख रही थी । अब मैं उसके बग़ल में बैठ गया और उसके चेहरे को सहलाने लगा फिर प्यार से उसके गाल चूमने लगा और बोला बेटी ठीक ना , वो मुझसे लिपट गयी और बोली जी अंकल। मैंने अब अपना हाथ उसके जाँघों ओर फेरना शुरू किया और उसके गाल से अब हटकर उसके नाक और माथा और फिर उसके होंठ चूमने शुरू किया। मैंने नोटिस किया की उसे अच्छा लग रहा था सो मैंने अब एक हाथ पैंटी के साइड में और दूसरा हाथ उसकी चुचि के पास ले आया। उसने आँखें बंद कर ली और कुछ नहीं बोली तो मैंने उसे खींच कर अपने से चिपका लिया और वो आधी अब मेरे गोद में थी और आधी बिस्तर पर। फिर मैंने उसके होंठों को चूसना शुरू किया और वो मुझसे और ज़ोर से लिपट गयी। अब मैंने उसकी चुचि दबानी शुरू की और पैंटी के ऊपर उसकी चूत भी मुट्ठी में भर कर हल्के से मसलने लगा। वो सी सी आह आह करने लगी । फिर मैंने उसको प्यार से पूछा , बेटी मज़ा आ रहा है? वो शर्माकर मेरी छाती में मुँह छुपाकर बोली, जी अंकल। बस मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया । अब मैंने उसे बैठाया और उसका टॉप उतार दिया , उसने भी दोनों हाथ उठाकर मुझे सहयोग किया। फिर मैंने ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियों को चूमा और उसकी ब्रा खोल दिया। अब उसके अर्ध विकसित उरोज मेरे सामने थे , जिनके ऊपर अभी घुन्डी भी अभी पूरी नहीं बनी थी।मेरे लिए इतनी छोटी लड़की के साथ सेक्स एक नया अनुभव था । फिर मैं उसकी चूचियों को बहुत देर तक दबाया और उसकी निपल्ज़ को भी उँगलियो मैं लेकर मसला , अब वो बहुत गरमा गयी थी । मैंने अब उसकी पैंटी उतरी तो उसने अपनी कमर उठाकर मेरा साथ दिया । उसकी चूत देखकर मेरे होश उड़ गए। मख़मल सी गद्दीदार फुली हुई , बीच में एक फाँक , मुझे लगा मेरा लंड अगर बाहर नहीं आया तो टूट जाएगा। मैंने उसकी चूत में हाथ फेरते हुए पूछा, बेटी तुम्हारी चूत में बाल नहीं आए क्या ? वो बोली, जी थोड़े से आए थे मैंने हेयर रेमूवर से साफ़ कर लिए। मैं फिर झुककर उसकी चूत चूम लिया, छी अंकल ये क्या कर रहै हैं आप, वो गंदी जगह है। मैं बोला, बेटी ये तो सबसे प्यारी जगह है तुम्हारी इसे चूमने और चाटने में बहुत मज़ा आएगा मुझे भी और तुम्हें भी । ऐसा बोलकर मैंने उसकी चूत चूमनी और चाटनी शुरू की , वो जल्दी ही मज़े से पागल होने लगी और आह आह करने लगी । फिर मैं बिस्तर से उतारा और उसको भी उतार दिया और बोला , बेटी अब मेरे कपड़े उतारो , वो हाँफ रही थी उसने मेरी टी शर्ट उतरी , फिर मेरा बेल्ट खोलने लगी , मैं चारों तरफ़ छत पर देख रहा था और उसके पापा द्वारा लगाए केमरे को खोज रहा था , पर मुझे वो नहीं दिखा! तबतकडॉली ने मेरी पैंट खोल दी वो नीचे गिर गयी , फिर उसकी आँखें बड़ी बड़ी हो गयी जब उसने मेरी चड्डी में फँसे मेरे लंड को देखा , बड़ा सा गोल सुपारा चड्डी के इलास्टिक से बाहर झाँक रहा था और उसने दो बंद सफ़ेद रस भी लगा था । वो बोली, अंकल आपका कितना बड़ा है, मैं इसे कैसे अंदर ले पाऊँगी । मैंने उसकी चूत में एक ऊँगली अंदर डाली वो आराम से चली गयी क्यूँकि उसकी चूत पूरी गिली हो चुकी थी , मैं बोला, बेटी तुम तो पहले भी लंड के चुकी हो, देखो तुम्हारी छेद तो खुली हुई है, फिर क्यूँ डर रही हो , वो बोली, अंकल वो तो बहुत पतले और छोटे थे पर आपका तो बहुत बड़ा लग रहा है, मेरी तो फट जाएगी! मैं बोला, चलो चड्डी तो निकलो , कुछ नहीं होगा , तुम्हें बहुत मज़ा आएगा । वो धीरे से चड्डी नीचे करी पर लंड उसने फँस गया फिर उसने अंदर हाथ डालकर लंड को अपने हाथ मई लेकर ऊपर की तरफ़ किया तब जाके चड्डी नीचे आयी और लंड झटके मारने लगा। वो फटी आँखों से मेरे ७ इंचि मोटे लंड को देख रही थी और तभी मैंने उसे अपनी बाहों में भींच लिया जिससे मेरा लंड उसके पेट पर दब गया और वो सिहर उठी ।मैंने फिर उसके होंठ चूसे और फिर चुचि भी चूसा , वो फिर से मस्त हो गयी और उसका डर निकल गया । अब मैंने उसको बिस्तर पर लिटाकर उसके चूतरों के नीचे तकिया रखा और फिर झुक कर उसकी चूत में जीभ फिराने लगा , जब वो आह आह करने लगी तब मैंने उसकी टाँगें उसकी छाती पर मोड़कर दबा दी और पूरा टांगों को फैला दिया , अब उसकी छोटी सी छेद मेरे आँखों के सामने था , मैंने अपने लंड मैं थूक लगाया और मोटे सुपारे को उसकी छेद में फंसा दिया और लंड को वहाँ रगड़ने लगा। वो मस्ती से भरकर अपने कमर को उठायी और तभी मैंने उसके मुँह पर अपना मुँह रखकर ज़ोर से धक्का लगाया । उसकी चीख़ मेरे होंठों के बीच दबी रहने के कारण बाहर नहीं पायी पर उसकी आँखों से आँसू आ गए। आधा लंड अंदर कर मैं रुका फिर उसकी चूचियाँदबामैं समझ गया की लौंडिया मस्त गयी है, फिर मैंने उसकी चुचि चूसते हुए उसकी ज़बरदस्त चूदाँयी शुरू की , वो भी ऐन मस्ती से फड़वा रही थी । मैंने पूछा बेटी कैसा लग रहा है, वो बोली , अंकल बहुत मज़ा आ रहा है, और ज़ोर से करिए , मैं झड़ने वाली हूँ। मैंने और स्पीड बढ़ा दी और फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए। मैंने अपने आप को उसके ऊपर से हटाया और साइड में लेट गया , वो मेरी तरफ़ आकर मुझसे लिपट गयी और बोली, अंकल पहले तो बहुत दुखा पर बाद में मज़ा आया । पर अब फिर वहाँ नीचे जलन हो रही है। मैं बोला, बेटी कोई बात नहीं , असल में तुम आज पहली बार मर्द के लंड से चूदी हो ना इसलिए थोड़ी देर दुखेगा फिर सब ठीक हो जाएगा । अब तुम किसी भी मर्द का लंड ले सकती हो , वो मेरे लंड को पकड़ ली और बोली, मुझे तो बस यही चाहिए। मैं बोला , बेटी मुझे ऐसा लगता है की तुम्हें एक और मर्द चोदना चाहता है, वो भी मेरी तरह तुम्हें बहुत प्यार करेगा और मज़े से चोदेगा । वो हैरान होकर बोली, कौन ? मैं बोला, पहले ये बताओ तुम्हें उन लौंडो से करवाने में ज्यादाँ मज़ा आया या मेरे साथ? वो मुझे चूमते हुए बोली, अंकल वो तो बिलकुल अनाड़ी थे , आपने मुझे बहुत मज़ा दिया। मैं बोला, फिर मेरे जैसा ही एक आदमी तुम्हें पाना चाहता है, बोलो उसे भी ऐसा ही प्यार दोगी? वो बोली, आप बताओ तो कौन है ? मैं उसके चूतरों पर हाथ फेरते हुए बोला, कल बताऊँगा। और उसे चूम लिया। फिर मैं उसको बोला , चलो अब तय्यार हो जाओ , माँ आने वाली होगी और खाना खाकर स्कूल जाओ। फिर मैं बाथरूम में फ़्रेश होकर बाहर आया और थोड़ी देर में स्कूल ड्रेस में वो भी बाहर आती हाल में। वो इतनी मासूम दिख रही थी की मेरा लंड गिर अकड़ने लगा । मैंने देखा वो थोड़ा लँगड़ा रही थी। मैंने पूछा , बेटी क्या नीचे दर्द हो रहा है, वो बोली , जी अंकल अभी भी जलन हो रही है। मैंने उसे कहा ३/४ घंटे में आराम आ जाएगा । फिर मैंने उसे अपने गोद में बिठाकर प्यार किया , उसके गाल चूमे। तभी उसके माँ की आने की आवाज़ आयी और वो अंदर आयी और धाम से सोफ़े पर गिर गयी । फिर डॉली सर्वंट क्वार्टर में जाकर एक नौकरानी को बुला लायी और उसने अपनी थाली में खाना लगाया और जल्दी जल्दी खाकर स्कूल चली गयी। लाली ने पूछा की पैर में क्या हुआ , मैंने कहा जियादा एक्सर्सायज़ करने से थोड़ी मोच है जल्दी ठीक हो जाएगी। उसने भी ध्यान नहीं दिया। डॉली जाने बाद लाली एक अँगड़ायी ली और बोली , मुझे बिलकुल मज़ा नहीं आया पार्टी में और मैंने वहाँ खाया भी नहीं , चलो अब साथ ही खाते हैं। नौकरानी ने खाना लगाया हम खाने लगे।मैं उसके चेहरे को देखते हुए बोला, एक बात बोलूँ, वो बोली , हैं बोलिए, मैंने कहा , आज आपकी सहेलियाँ तो आपके रूप और सुंदरता से जल भून गयी होंगी । वो हँसी और बोली, ऐसा कुछ नहीं हुआ, बल्कि मुझे तो लगता है की मैं अब बुढ़िया दिखती हूँ तभी तो नंदजी अब मुझमें इंट्रेस्ट माही लेते । मैंने कहा, ऐसे कैसे हो सकता है , आप जैसी सुन्दर और सेक्सी महिला को कोई कैसे बुढ़िया कह सकता है, आप तो डॉली की दीदी लगती हो माँ नहीं! मैंने जाल बिछाया । वो बोली, बस आप भी कुछ भी कह रहे हो , ऐसा कहते हुए मैंने साइड से देखा की उसने अपनी ओढ़नी एक तरफ़ कर दी और अपनी एक बड़ी चुचि मेरे दर्शनों के लिए उभार दी। मैं समझ गया की नदजी द्वारा ध्यान ना दिए जाने के कारण ये मेरी जाल में आसानी से फँसेगी ये महिला। फिर मैंने खाना ख़त्म करते हुए, उसकी चुचि को घूरते हुए कहा, भाभी आपका फ़िग्यर किसी नपुंसक को भी पागल कर देगा , और खड़े होते हुए बिलकुल खुलकर अपने लंड को पैंट में उसकी आँखों के सामने adjust किया। उसकी आँखें मेरे पैंट पर ही थी और आँखों में प्यास साफ़ दीख रही थी, उसका सीना भी अब वासना से ऊपर नीचे हो रहा था। खाना समाप्त कर हम सोफ़े में बैठ गए और नौकरानी सफ़ाई करके अपने क्वार्टर में चली गयी। फिर मैंने उनको बोला, भाभीजी क्या आपको ऐसा लगता है कि आपके पति जवान लौंडियों के पीछे लगे रहते हैं ? वो बोली, हाँ मुझे शक है पर कोई प्रूफ़ नहीं , कभी कभी उनके मोबाइल पर लड़कियों फ़ोन आते हैं। मैं फिर बोला, की आप जैसी भरी पूरी मदमस्त सेक्सी लेडी को छोड़कर कोई पागल ही दूसरी लड़कियों पीछे भागेगा। उनकी आँख में आँसू गए , बोली, पता नहीं वो ऐसा क्यूँ करते हैं। मैंने अवसर का फ़ायदा उठाया और उठकर उनकी बग़ल में जाकर बैठ गया और उनके कंधे पर हाथ रखकर उन्हें सांत्वना देने लगा। उनके गोरे कंधों गले को हुए मैंने नीचे कुर्ते में झाँका और उनकी बड़ी चूचियों के आधे दर्शन गए। अब मेरा लंड पूरा तन गया था। मेरी सहानुभूति पाकर और भावुक गयी , तो मैंने उनको अपनी ओर खींच लिया और चुपचाप मेरी बाहों में आ गयी , फिर मैंने उनके आँसू पोंछने के साथ ही मैंने उनके गालों चूम लिया। वो हैरानी से मुझे देखने लगी, मैंने कहा सॉरी मैं अपने आप को रोक नहीं पाया क्यूँकि आप इतनी सुंदर और प्यारी हो, पता नहीं उसे क्या सूझा वो भी मुझसे लिपट गयी और मेरे गाल चूम लिए। मैं समझ गया की लाइन क्लीयर है, मैंने उसे अपने लिपटाते हुए उसके होंठ चूमना शुरू कर दिया।ने लगा और होंठों में अपनी जीभ डाल दी . वो उसे चूसने लगी। थोड़ी देर बाद मैंने फिर धक्का लगाया और पूरा लंड उसके अंदर कर दिया। वो एक बार फिर चीख़ी पर मैंने उसके मुँह अपने मुँह बन्द कर दिया । फिर उसको प्यार करते हुए मैंने धीरे धक्के लगाने शुरू किए , अब उसको मज़ा आने लगा और वो मेरे पीठ को जकड़ने लगी फिर मेरे चूतरों पर हाथ रखकर उनको नीचे दबाने लगी।
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12-27-2018, 01:36 AM,
#17
RE: Desi Sex Kahani हीरोइन बनने की कीमत
अब वो पूरी तरह से मेरे बस में थी , मैंने उसकी चुचि पर हाथ रखा और दबाने लगा वो आह कर उठी, मैंने अब उसका हाथ पकड़कर जाँघ के साथ लम्बे हो उठे लंड पर रख दिया । वो सिसकती हुई उसे दबाने लगी , मैंने उसकी पीठ पर हाथ सहलाते हुए उसके भरे हुए मस्त बड़े बड़े गोल गोल चूतरों तक हाथ ले आया और उनको दबाने लगा । आह क्या मद्दमस्त औरत थी , बहुत दिनों के बाद अपनी उम्र के आसपास की औरत से मज़ा लेने जा रहा था, वो भी इतनी हसीन और जवानी से भरी हुई। फिर मैंने उसको कहा की चलें बेडरूम में? वो शर्माकर बोली, हाँ अब तो मुझे ये चाहिए ऐसा बोलकर मेरे लंड को ज़ोर से दबा दिया । मैं खड़ा हो गया , फिर मुझे याद आया की कैमरा तो सिर्फ़ डॉली के बेडरूम में है नंदजी और लाली के बेडरूम में बही है। पर मेरा प्लान था की मैं चाहता था की नंदजी मेरी और अपनी बीवी की भी चूदाँयी देखें अपनी बेटी की चूदाँयी के साथ । हालाँकि वो मुझे सिर्फ़ बेटी के लिए बोले थे पर मैं तो उनकी बीवी पर भी फ़िदा हो गया था और उनको ये भी दिखाना चाहता था की कैसे मैंने आपकी बीवी से भी मज़ा लिया। मैंने लाली के भरे ज़ुरे बदन को अपनी बाहों में उठा लिया और उसकी बेटी के बेडरूम में ले गया । वो बोली यहाँ क्यूँ मेरे कमरे में क्यूँ नहीं, मैं बोला , तुम्हारे कमरे में मुझे नंदजी की याद आएगी और यहाँ कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा । वो हंस पड़ी और मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसके बदन को चूमने लगा , वो भी चुम्बन का जवाब चुम्बन से दे रही थी । फिर मैंने उसका कुर्ता उतारा और ब्रा में क़ैद उसके बड़े कबूतरों को बहुत दबाया और फिर उसकी ब्रा खोल दी । आह क्या बड़ी बड़ी ठोस चूचियाँ थी मैं उन्हें दबा भी रहा था और चूम और चूस भी रहा था। वो आह आह कर रही थी । फिर मैंने उसकी सलवार खोलकर निकाल दी । बेटी की तरह उसकी पैंटी भी गुलाबी रंग की थी । पर यह चूत बहुत जियादा फूली हुई और मस्त गडराए जाँघों के बीच एक चीरा सा था जो बहुत लुभावना दिख रहा था। मैंने पैंटी के ऊपर से चूत को चूमा और उसकी फाँकों को चूमा और चाटा । वो सी सी कर उठी। फिर मैंने उनकी पैंटी भी उतार दी और उनकी चूत को पगलों की तरह चूमना और चाटना शुरू किया ।उसके चूत पर बाल सिर्फ़ पेड़ू पर थे , चूत पर कोई बाल नहीं था फिर मैंने उनकी चूतरों को ऊपर उठाया और उनकी गाँड़ के भरे छेद को भी चूम लिया , वो सिसकारियाँ भर रही थी । अब मैंने भी अपने कपड़े खोल दिए और पूरा नंगा होकर अपने लंड को उसके मुँह ke पास ले गया , उसने अपनी जीभ निकालकर मेरे सुपारे को चाटने लगी , फिर मैं उसके मुँह को चोदने लगा। फिर मैंने उसकी चूत में अपना लंड पेल दिया । वो आह कर उठी और आराम से चुदवा रही थी । उसके भरे बदन को चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था और वो भी बराबर से साथ दे रही थी , नीचे से कमर उठा उठा कर मज़ा ले रही थी । उसका एक एक अंग चुदायी का मज़ा दे रहा था। फिर हम दोनों क्लाइमैक्स के क़रीब आ गए और ज़ोर से धक्का मारते हुए झड़ गए । फिर काफ़ी देर तक एक दूसरे से चिपके रहे और चूमा चाटी करते रहे । बाद में मैं बाथरूम से आया और कपड़े पहन कर वापस तुम्हारे पास आ गया । 

मैं बोली, अंकल आज तो एक ही दिन में माँ बेटी दोनों को थोक दिया आपने । वो हँसे और बोले, वो दोनों ही गरम माल है और चुदायी के लिए मरी जा रही थीं। मैंने तो बस फ़ायदा उठाया और कुछ नहीं । मैंने पूछा कि अब जब नंदजी को पता चलेगा की आपने उनकी पत्नी की भी बजा दी है तो वो कैसे रीऐक्ट करेंगे। वो मुस्कराए , यही तो मेरा प्लान है बेबी फिर उन्होंने अपना मोबाइल निकला और नंदजी को बोले, आपके लिए ख़ुशख़बरी है की मैंने डॉली की मस्त चुदायी कर दी है , पर आपको विडीओ में दो चुदायी देखने को मिलेंगे । हाँ हाँ दो दो , ज़रूर देखना और मुझसे बात किए बग़ैर आप डॉली से कोई बात नहीं करना । वो बोले ठीक है । फिर हमने आराम किया और शाम को डिनर पर नायडू के घर भी जाना था।


शाम ६ बजे जब हम नायडू के यहाँ जाने को तय्यार हो रहे थे तभी नंदजी का फ़ोन आया , अंकल ने मुझे आँख मारी और अपने फ़ोन को स्पीक मोड में रख दिया ताकि मैं भी सुन सकूँ। नंदजी बोले, यार रहमान मज़ा आ गया क्या मस्त ठुकाई की ही तुमने डॉली की, मैं तो मस्त हो गया हूँ और अभी उसको चोदना चाहता हूँ , अंकल बोले, नहीं नहीं ये ग़लती नहीं करना , आपने दूसरा विडीओ देखा ? तो वो बोले, नहीं अभी नहीं , इसी को दो तीन बार देख चुका हूँ, तुम्हें तो बहुत मज़ा आया होगा उसकी टाइट छेद फाड़ने मैं? अंकल बोले, वो तो है , साली मस्त टाइट माल है, इतनी छोटी लौड़िया मैंने पहली बार चोदी है, पर तुम बिना दूसरा विडीओ देखे बग़ैर डॉली को कुछ नहीं करना। वो बोले, चलो मैं अभी देखकर फ़ोन करता हूँ । अब हम तय्यार होने लगे । आज मैंने एक नयी सेक्सी टॉप और कसी हुई जींस पहनी थी जो मेरे हिप्स पर मस्त कसी हुई थी। जब मैं तय्यार होकर हॉल में आयी तो अंकल बाथरूम से नहाकर नंगे ही बदन पोछते बाहर निकले । मुझे देखते ही बोले , बेबी क्या माल लग रही हो, तुम्हारी चूचियाँ अब ज़्यादा ही बड़ी हो गयी हैं अब तुम्हें अपनी ब्रा और टॉप का साइज़ बढ़ना पड़ेगा और तुम्हारी जींस भी तुम्हारे चूतरों का क्या नज़ारा दिखा रहे हैं, आह , ऐसा कहते हुए उनका लंड मेरी आँखों के सामने ही खड़ा होने लगा , मैं बड़े प्यार से उसको अकड़ते हुए देख रही थी और आगे बढ़ कर उसको अपने हाथ में ले लिया और सहलाने लगी , मैंने अपना सर अंकल की चौड़ी छाती ओर रख दिया , अंकल ने मेरे गाल चूमे और मेरे चूतरों को दबाने लगे और बोले चलो अब मुझे भी तय्यार होना है , नहीं तो हम लेट हो जाएँगे । मैंने झुक कर उनके लंड को चूम लिया और उनको छोड़ दिया। क़रीब ७ बजे फिर नंदजी का फ़ोन आया और वो थोड़ा ग़ुस्से में बोले, ये क्या तुमने लाली को भी चोद दिया? ऐसी बात तो नहीं हुई थी , अंकल बोले, मैंने ये सब प्लान करके किया है ताकि तुम हमेशा खुलकर अपनी बेटी डॉली को चोद सको, वो पूछे , ये कैसे होगा? अंकल बोले, ध्यान से सुनो, प्लान ये है की मैं कल संडे को तुम्हारे घर आऊँगा और तुम डॉली और लाली को वीडीयो के बारे में बताना और उनको घर से निकल जाने को कहना , जब दोनो गिडगिदाएँगी तब तुम दोनो को एक ही बिस्तर पर मेरे साथ चोदने की शर्त रखना , इससे तुम्हें हमेशा के लिए डॉली को चोदने का लाइसेन्स मिल जाएगा और लाली का विरोध भी ख़त्म हो जाएगा और तुम्हें डॉली को छुप छुप कर नहीं बल्कि लाली के सहयोग से चोदने मिलेगा। अंकल की बात सुनकर नंदजी का ग़ुस्सा ग़ायब हो गया और वो बोले, अरे वाह यार क्या प्लान बनाया है, मैं तो तुम्हारा ग़ुलाम हो गया अब कल आओ और सब कुछ सेट कर दो । अंकल बोले हाँ मैं कल १० बजे तक आ जाऊँगा और फिर सब वैसे ही होगा जैसे मैंने कहा है। फिर नंदजी ने फ़ोन रख दिया । हम दोनो हँसने लगे और फिर नायडू के घर के लिए निकल गए।रात के ८ बजे थे जब हम नायडू के बड़े से शानदार फ़्लैट में पहुँचे , वहाँ हॉल में नायडू और उनकी पत्नी ललिता ने हमारा स्वागत किया और नायडू ने हमारा परिचय कराया । ललिता ने रहमान अंकल से हाथ मिलाया और मुझे गले लगाया । फिर वो मुझसे मेरे परिवार और फ़िल्मों की तय्यारी वगेरॉ के बारे में पूछतीं रहीं , तभी हाथ में एक टेनिस का रैकट लिए और एक बैग लटकाए क़रीब १८/१८ साल का युवक अंदर घुसा और मॉम की आवाज़ लागते हुए अपनी माँ के पास जाकर बैठ गया । तभी उसने हमको देखा और सकपका गया । उसकी माँ ने हँसते हुए उसका हमसे परिचय कराया , उसका नाम वेंकटेश्वर था पर सब प्यार से उसे वेंकि बोलते थे। वो १२ वीं में पढ़ता था। वेंकि थका हुआ लग रहा था और पसीने से भीगा हुआ भी था, वो बोला, मॉम मैं नहा कर आता हूँ और चला गया। फिर ललिता ने हमें वाइन सर्व की, मैंने कहा की मैं नहीं पीती तो वो बोली, बेबी थोड़ी सी ले लो, मैंने ले ली , थोड़ी देर में सबने ३ ग्लास पी ली पर मैंने सिर्फ़ १ ही लिया। फिर नायडू बोले, बेबी तुम्हें हैरानी तो हो रही होगी की कल मैंने तुम्हारे साथ स्वामी के सामने मज़ा क्यूँ नहीं लिया? मैं हैरान रह गयी , कि कैसे ये अपनी पत्नी के सामने ऐसी बातें कर रहें हैं , तो वो बोले, मेरी पत्नी से कुछ छिपा नहीं है। ललिता मुस्करायी और बोली, बेबी फ़िल्म इंडस्ट्री में ये सब आम बात है। अंकल ने पूछा , तो बताइए ना आपने बेबी को क्यूँ नहीं छुआ ? वो आह भर के बोले, ये एक लम्बी कहानी है , मैं बोली, मुझे सुनना है । 
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12-27-2018, 01:37 AM,
#18
RE: Desi Sex Kahani हीरोइन बनने की कीमत
आगे की कहानी नायडू के शब्दों में----
क़रीब २ साल पहले तक में एक नोर्मल इंसान था और मेरी लाइफ़ बहुत मस्त चल रही थी , पर फिर मेरा एक कार ऐक्सिडेंट हो गया और उसने मैं मरते मरते बचा पर मेरे नर्वस सिस्टम में चोट के कारण मेरा पुरुषात्व समाप्त हो गया , और मैं नपुंसक हो गया । हम दोनो ये सुनकर स्तब्ध रह गए , मेरे मुँह से निकला ,ओह।।वो आगे बोले, मेरी तो ज़िन्दगी है जैसे ख़त्म हो गयी, तब ललिता ने मुझे दिलाया दिया , की आप चिंता मत करिए मैं बर्दाश्त कर लूँगी। पर मैं जानता था कि ये सब कहने की बातें थी, मैंने ललिता से कहा कि वो अपने लिए किसी को भी चुन सकती है और अपनी प्यास बुझा सकती है, उसने साफ़ मना कर दिया । पर कुछ दिनों के बाद ललिता के स्वभाव में परिवर्तन आने लगा वो चिड़चिड़ि हो गयी, और मूडी हो गयी । मेरे बार बार कहने पर भी वो किसी और से सेक्स सम्बंध बनाने के लिए राज़ी नहीं हुई। इस बीच मैं ललिता की संतुष्टि ऑरल सेक्स से करता था, पर वो पूरी तरह संतुष्ट नहीं होती थी। ( यह सुनकर ललिता का चेहरा लाल हो गया शर्म से ) 
मैं परेशान था ललिता के लिए , और एक रात मैं पानी पीने के लिए गया किचन में , तो मुझे वेंकि के कमरे से कुछ आवाज़ें आयीं, मैं सोचा शायद उसकी तबियत ठीक नहीं होगी, तो मैं उसके कमरे के सामने पहुँचा , कमरा बंद था, फिर मैंने एक खिड़की खुली देखी तो हल्के से पर्दा हटा कर झाँक तो देखा की वेंकि हस्त मैथुन कर रहा था , उसका लम्बा मोटा लिंग उसके हाथ में था जिसे वो ज़ोर ज़ोर से हिला रहा था। पहली बार मेरे अंदर गे वाली यानी समलेंगीग वाली भावना आइ , शायद इसलिए कि मैं नपुंसक हो चुका था, मेरी इच्छा हो रही थी की मैं अपने बेटे का लंड अपने मुँह में लेकर चूसूँ । ( उनके मुँह से ये खुले शब्द सुनकर हम सब स्तब्ध रह गए , वो भी इसलिए की वो अपनी पत्नी के सामने ये सब कह रहे थे ) वो बोलते रहे, मैंने अपने आप को रोका और वापस आ गया उसका ज़बरदस्त स्खलन देखकर। फिर मैंने एक प्लान बनाया और ललिता और वेंकि से कहा की मैं बैंकाक जा रहा हूँ , फ़िल्म की मार्केटिंग के सिलसिले में , तुम लोग चलोगे? ललिता ने माना कर दिया की २ दिन के लिए क्या जाना , पर वेंकि बोला, पापा मैं चलूँगा। फिर हम बैंकाक पहुँचे , मैंने वेंकि को होटेल में छोड़कर अपना काम किया और शाम को ये पता किया की live sex show कहाँ होता है । फिर रात को खाना खाने के बाद मैंने वेंकि को आँख मारते हुआ कहा, मस्ती करनी है , नाइट लाइफ़ का मज़ा लेना है ? वो , शर्मा कर बोला , हाँ पर आपके साथ? फिर क्या हुआ चलो boys day out करते हैं। फिर हम उस शो में पहुँचे , मैंने जानबूझकर बीच की सीट ली थी ताकि हम दूसरों को भी ठीक तरह से देख सकें । शो शुरू हुआ , नंगी लड़कियाँ और नंगे लड़के देखकर सब उत्तेजित हो गए थे, वेंकि के पैंट में भी तंबू तन गया था , और वो उसे दबा भी रहा था , तभी मैंने उसे बग़लवाली सीट को देखने को बोला, वहाँ एक गे जोड़ा बैठा था , और दोनों एक दूसरे का लंड पैंट ऊपर से दबा रहे थे । सामने वाली सीट में बैठी लड़की की चूचियाँ उसके दोनों तरफ़ बैठे दबा रहे थे। स्टेज पर चुदाई शुरू हो गयी थी। तभी बग़लवाले लड़कों ने अपने लंड बाहर निकाल लिए और एक दूसरे का लंड दबाने लगे।फिर एक लड़का झुका और दूसरे के लंड को चूसने लगा । वेंकि की आँखें जैसे फटने लगी और ज़ोर से अपने लंड को हिलाने लगा । मैं समझ गया कि यही समय है आगे बढ़ने का , मैंने हाथ बढ़ाकर उसका हाथ लंड से हटाकर अपना हाथ उसके लंड पर रख दीया और दबाने लगा , वेंकि हैरान होकर अपने पैंट पर रखे मेरे हाथ को देख रहा था , तभी वो बग़ल वाला लड़का आह करने लगा और उसके लंड ने पिचकारी छोड़ दी अपने साथी के मुँह में ।वेंकि हैरानी से उसे ही देख रहा था। मैंने मौक़े का फ़ायदा उठाया और उसके पैंट की ज़िपर खोल दी और उसका लंड पैंट के अंदर चड्डी मैं हाथ डालकर उसका मस्त लम्बा लंड बाहर निकाल लिया , क्या मस्त लंड था मेरे बेटे का , थोड़ी देर उसको सहलाया , फिर मैं भी सर झुकाकर उसके लंड को मुँह में ले लिया और चूसने लगा , वेंकि आह आह पापा करने लगा , और सिर्फ़ ४/५ मिनट में ही मेरे मुँह में झड़ गया , मैंने उसका रस पी लिया। फिर वो बोला, पापा होटेल चलें , उसने अपना लंड अंदर किया और हम होटेल आ गए होटेल आकर वो बोला, पापा आज आपको क्या हो गया था? मैं बोला की जब से मेरा खड़ा नहीं होता , मुझे किसी का लंड छूने की इच्छा होती थी, सो आज मैंने तुम्हारे लंड को पकड़कर और चूसकर वो इच्छा पूरी कर ली वेंकि बोला, पापा मुझे बहुत मज़ा आया , जब आपने मेरा चूसा , मैं बोला, आओ एक बार और चूस दें, वो बोला, सच पापा? मैंने कहा लेटो बिस्तर पर , वो लेट गया और मैंने उसकी पैंट उतार दी, चड्डी में उसका लंड फिर तन गया था ,मैंने चड्डी भी उतारी और उसके गोरे लंड का सुपारा बाहर निकालकर चूसने लगा , वो आह कर उठा और अपने लंड को मेरे मुँह में धक्का मारना शुरू किया ,और थोड़ी देर में मेरे मुँह में झड़ गया । मैंने उसका पूरा रस पी गया , और उसके लंड को चाटकर साफ़ कर दिया। खाना खा कर रात में डबल बेड पर हम दोनों सो गए , मेरी पीठ उसकी तरफ़ थी, थोड़ी देर में मैंने महसूस किया कि उसका लंड मेरी गाँड़ पर ठोकर मार रहा है, मेरी गाँड़ के छेद में सरसरी हुई और मैंने भी अपनी चूतरों को पीछे उसके लंड पर दबाया , वो अब समझ गया की मैं भी वही चाहता हूँ जो वो चाहता था । उसने कहा, पापा बहुत मन कर रहा है , छेद में डालने का, मैं बोला, कभी किसी से ये सब किया है? वो बोला, नहीं पापा। मेरे स्कूल के लड़के बोलते हैं की गाँड़ मारने में मज़ा आता है । मैं बोला , बेटा मैंने में कभी गाँड़ नहीं मरवायी है । फिर मैंने अपने कपड़े उतार दिए और वो भी नंगा हो गया । फिर मैं एक क्रीम लाया और उसके खड़े लंड पर लगाया और फिर २ ऊँगली में लेकर अपनी गाँड़ में डाला , फिर मैं चौपाया बन गया और गाँड़ ऊपर कर दी । वो मेरे पीछे आ गया और अपना लंड धीरे से मेरी गाँड़ मैं डालने लगा , मुझे बहुत दर्द हुआ पर जल्द ही उसके धक्कों से मज़ा आने लगा। उसने लगातार १५ मिनट मेरी गाँड़ मारी और मेरी गाँड़ में ही झर गया। मैं उसके साथ बाथरूम गया और उसके लंड को साफ़ किया फिर अपनी गाँड़ भी साफ़ की जिसने से थोड़ा sa ख़ून भी निकल था। वो बोला पापा मैंने आपकी सील तोड़ दी , मैंने उसे बाहों में ले लिया और हमने ख़ूब प्यार किया । दूसरे दिन हमारी वापिस की फ़्लाइट ३ बजे दिन की थी , उसने सुबह उठने से लेकर दोपहर तक मुझसे कई बार लंड चूसवाया और २ बार मेरी गाँड़ मारी। फिर जब हम बिस्तर पर लेते हुए थे तो मैंने कहा बेटा मुझे तो तुमने ख़ुश कर दिया पर तुम्हारी माँ का क्या? वो तो बेचारी बहुतदुखी है , क्यूँकि उसकी चूदाऽऽइ तो बिलकुल बंद है और वो लंड के लिए तरसती है। फिर मैंने उसके लंड को पकड़कर बोला, बेटा क्या तुम इसका सुख उसे भी दे सकते हो , उसका लंड एकदम टाइट हो गया और वो बोला, पापा क्या ये सम्भव होगा? मैं बोला, क्यूँ नहीं, वैसे तुम्हारी माँ तुम्हें सेक्सी लगती है कि नहीं ? वो बोला, पापा तो बहुत सेक्सी हैं पर वो मानेगी नहीं! ये मेरा काम है उसे मनवाना । चलो मैं तुम्हें तुम्हारी माँ का नंगा बदन दिखाता हूँ। फिर मैंने लैप्टॉप पर उसको ललिता की नंगी फ़ोटो दिखायीं , वो मदमस्त हो गया और बोला, पापा , माँ तो मस्त माल है आह उनको चोदने में बहुत मज़ा आएगा फिर इसने मेरा मुँह आपने लंड पर दबा दिया और मैं उसका चूसने लगा और वो अपनी माँ की नंगी फ़ोटो देख रहा था। फिर वो मेरे मुँह में झर गया । फिर हम airport पहुँचे मुंबई वापसी के लिए।
(रहमान अंकल का लंड पूरा खड़ा था और वो उसे हिला रहे थे, मेरी चूत भी गिली हो गयी थी , और ललिता तो खुले आम अपनी चूत सहला रही थी और उसकी नज़रें अंकल के लंड पर थीं, और अंकल भी ललिता को घूर रहे थे ) 
अगले पोस्ट में वेंकि अपनी माँ के साथ सम्बंध बनाता है -----

नायडू ने कहना जारी रखा-- जब हम घर पहुँचे ललिता हमें देखकर बहुत ख़ुश हुई , मैंने रात को सोने से पहले ललिता को कहा , देखो मैं तो तुम्हें अब संतुष्ट नहीं कर सकता और अभी तुम किसी और के साथ भी सम्बंध बनाना बही चाहती बदनामी के डर से, तो मुझे एक लड़का मिला है जो तुम्हें पूरा संतुष्ट कर सकता है, ऐसा कहते हुए मैंने उसकी चूचियाँ दबानी शुरू कर दी, और उसको चूम भी रहा था। वो बोली , आप जो मुझे मुँह से मज़ा दे देतो हो मेरे लिए काफ़ी है। मैं उसके चूत पर हाथ फेरते हुए बोला, देखो ऐसे मन को मार कर कब तक जियोगी , एक लड़का है जो तुमको बहुत पसंद करता है और वो तुम्हें बहुत मज़ा देगा ,और तुम्हें पूरा संतुष्ट कर देगा, और तुम्हारी बदनामी भी नहीं होगी , ऐसा कहते हुए मैंने उसकी नाइटी ऊपर उठा दी और उसकी चूत में दो ऊँगली डाल दी और उसके क्लिट के दाने को मसलने लगा । वो गरम हो रही थी और अपनी कमर हिलाने लगी, फिर सोचते हुए बोली , कौन है वो और वो किसी को नहीं बताएगा , आप इतने sure कैसे हैं ? मैं समझ गया की अब वो थोड़ा मेरे प्रस्ताव से सहमत हो रही है, और उसकी चूत भी गिली हो गयी थी। मैं बोला, तुम्हें मुझ पर विश्वास नहीं है, क्या मैं तुम्हारी बदनामी चाहूँगा? तुम्हारी बदनामी मेरी भी तो बदनामी होगी । वो बोली, फिर भी बताओ तो कौन है, मैंने कहा , पहले ये बोलो की तुम उस लड़के से चुदवाने के लिए तय्यार हो। तो वो शर्माकर बोली , हाँ अगर आप चाहते हो तो ठीक है। मैंने कहा, मैं तो चाहता ही हूँ तुम अपना बोलो। वो शर्माकर अपनी आँखें हाथों में छुपाकर बोली, हाँ । मुझे एक विचार सूझा , मैं बोला, देखो तुम्हें शर्म आ रही है ना, तो एक काम करते हैं , मैं तुम्हारी आँख में पट्टी बाँध देता हूँ , तो तुम्हें शर्म नहीं आएगी , वो बोली ठीक है वो जब आएगा तो बाँध देना, अभी तो तुम जीभ से ही मुझे चोद दो , उसकी छूट बहुत गरम हो गयी थी। मैंने देखा की मौक़ा अच्छा है, सो मैं बोला, अरे उसे मैंने बुलाया हुआ है और वो अभी तुमको चोदेगा । वो चौंक उठी, फिर बोली , ठीक है, पट्टी बाँध दो । फिर मैं बोला, डार्लिंग याद है मैंने कई बार तुम्हारी हाथ बाँधकर भी चोदाँ है , वो शर्मायी और बोली हाँ। आज भी मेरी इच्छा है की मैं तुम्हारे हाथ भी बाँध दूँ और उस लड़के का लंड ख़ुद अपने हाथ से तुम्हारे चूत में डालूँ। वो बोली, अगर आपको इससे ख़ुशी मिलेगी तो मैं इसके लिए भी तय्यार हूँ, और उसकी चूत में मेरी अब तीन उँगलियाँ पूरी गिली हो गयी थीं। मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया और उसे हाथ मैंने पलंग के headrest से बाँध दिए और फिर उसे चूमते हुए उसकी आँख पर पट्टी भी बाँध दी ।फिर मैंने वेंकि को योजना के मुताबिक़ समस किया कि वो पूरा नंगा होकर आए और बिलकुल कोई आवाज़ ना करे । दो मिनट में वो पूरा नंगा आ गया और उसका लंड बुरी तरह से अकड़ा हुआ था और जोश से ऊपर नीचे हो रहा था। कमरे के अंदर आते ही अपनी माँ को पूरी नंगी देखकर वो हैरान रह गया । मैंने उसे चुप रहने का इशारा किया । फिर मैंने उसे चूचियाँ दबाने का इशारा किया । मैंने ललिता से कहा की अब ये लड़का आ गया है और वो तुम्हारी चूचियाँ दबाएगा , ठीक हैं ना? वो सर हिलाई हाँ में, और वेंकि अपनी माँ की चूचियों अपर टूट पड़ा , उसने मज़े से उनको दबाया और बहुत देर तक मुँह में लेकर चूसा । अब ललिता आह आह कर रही थी । फिर मैंने ललिता से कहा , उसका लंड सहलाओगी? उसने हाँ में सर हिला दिया।तब वेंकि ने अपना लंड अपनी माँ के बांधे हुए हाथ के पास ले गया । उसने अपनी मुट्ठी में लंड को भर लिया और सिसकारियाँ भरने लगी, बोली, जी आप सच कह रहे हो इसका तो आपसे भी बड़ा है और ज़्यादा मस्त है, वो उसे सहलाए जा रही थी, फिर मैंने वेंकि को इशारा किया की वो लंड उसके मुँह मैं डाल दे, और जैसे ही वो लंड उसके मुँह पर लगाया , उसने अपना मुँह खोल दिया और जीभ और होंठों से उसके सुपारे को चाटने और चूसने लगी। आह क्या दृश्य था , मैंने भी वेंकि के बॉल्ज़ यानी गोतियाँ दबाने शुरू कर दिए । वेंकि का मज़ा दुगुना हो गया था । fir मैंने उसे नीचे आने का इशारा किया। वो खुली और पनियायी चूत के पास आ गया और अपने जन्मस्थली को बड़े ध्यान से देख रहा था । फिर वी झुका और चूत चाटने लगा । ललिता सी सी करने लगी और बोली, जी मुझे लंड चाहिए । मैंने कहा चलो अब लंड लो , और मैंने वेंकि का लंड अपने हाथ में लेकर उसको चूसा और फिर चूत के मुँह पर रख दिया और बोला , लो डार्लिंग अब चूत का मज़ा लो, ऐसा कहते हुए मैंने उसे धक्का लगाने का इशारा किया । वेंकि ने अपना फाँफनाया हुआ लंड अपनी माँ की चूत में पेल दिया और ललिता कराह उठी , बोले धीरे आह मैं बहुत दिनों के बाद चूद रही हूँ। फिर वेंकि ने धीरे धीरे चोदना शुरू किया , ललिता की चीख़ें और मस्ती से भरी आहें कमरे में गूँज रही थी और वो कमर उछालकर चूदवाँ रही थी। मैं भी उसकी चूचियाँ दबा रहा था, फिर मैंने कहा, डार्लिंग मज़ा आ रहा है, वो बोली, जी आप बहुत अच्छे हो जो मुझे इस लड़के से chudwa रहे हो, हाँ जी बहुत मज़ा आ रहा है । मैं बोला, तो बताओ , वो बोली, अब मुझे खोल दो , मुझे इस लड़के को देखना है। मैंने वेंकि को जाने का इशारा किया वो चुपचाप चला गया और मैंने पट्टियाँ खोल दी । वो बोली लड़का कहाँ है । मैं बोला, वो तो गया । वो नाराज़ होकर बोली, मैं उसे देखना चाहती थी , तुमने उसे जाने क्यूँ दिया ? मैं बोला, वो कल फिर आएगा । वो फिर उठाकर बाथरूम गयी और वापस आकर मुझे प्यार से थैंक्स बोलकर सो गयी। पर मेरी तो अजीब सी उत्तेजना हो रही थी माँ बेटा की चुदायी से ,
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12-27-2018, 01:37 AM,
#19
RE: Desi Sex Kahani हीरोइन बनने की कीमत
मेरे लंड में तो हलचल नहीं हुई पर गाँड़ खुजाने लगी । ललिता को सोते देख मैं धीरे से उठा और वेंकि के कमरे में दाख़िल हुआ , वो चादर ओढ़कर सो रहा था , मैंने चादर उठाई तो पूरा नंगा सो रहा था। उसका लंड आधा खड़ा था, मैंने उसे मुँह में ले लिया और चूसने लगा , वो जल्द ही पूरा तन गया और वेंकि की नींद खुल गयी । मुझे देखकर वो मुस्कार्या और बोला , पापा आज तो आपने मस्त मज़ा करा दिया माँ से थैंक्स । मैंने अपने कपड़े उतरे और उसकी तरफ़ पीठ कर लेट गया और बोला, चल अब पापा को भी मज़ा दे दे । वो उठा और उसने अपने लंड में क्रीम लगायी और मेरी गाँड़ मैं पहले एक बाद में दो ऊँगली क्रीम लगाकर डाली और अच्छी तरह से अंदर बाहर किया, फिर मेरे ऊपर एक जाँघ चढ़ाकर उसने अपना लिग मेरी गाँड़ में धीरे धीरे पेलना शुरू किया। मैं दर्द और मज़े से आहा कर उठा , फिर उसने पूरा लंड पेलकर मेरी गाँड़ मारनी शुरू की वी भी करवट के बल था और मेरी निपल्ज़ को दबा रहा था, उसने मेरे लंड को भी हिलाया पर उसने कोई हरकत माही हुइ । फिर ज़ोर ज़ोर से पेलकर वो मेरे अंदर झड़ गया । मैं उसे बाथरूम लेज़ाकर उसके लंड की सफ़ाई की और फिर अपनी गाँड़ साफ़ कर मैं उसके पास बैठा और बोला , बेटा , अब तुम्हें कल दिन भर अपनी माँ को छूना है ताकि उसकी प्यास बढ़े , उसको प्यार के बहाने चूमना , पीछे से उससे चिपकना , अपना लंड उसके चूतरों पर रगड़ना , उसके पेट और कमर को सहलाकर उसको मर्द के साथ होने का अहसास करना होगा, ताकि वो रात तक पूरी चुदासी हो जाए। इससे रात को तुमसे करवाने में आसानी होगी। वो बोला, पापा मैं कल स्कूल नहीं जाऊँगा और शाम तक उसको प्यासी कर दूँगा।मैंने उसे किस्स किया और अपने कमरे में आकर ललिता के साथ सो गया। दूसरे दिन मैं ऑफ़िस चला गया , दोपहर को वेंकि का फ़ोन आया , वो ख़ुश था बोला, पापा सब प्लान के हिसाब से चल रहा है।इससे रोज़ चुदवाओगी? वो बोली, हाँ जी। मैं बोला, फिर तो इसको अपने घर में रखना होगा। वो बोली, आह , वेंकि को क्या बोलेंगे की ये कौन है। मैं बोला, वो देखेंगे अपर इसे यहाँ रख लें, तुम्हें रोज़ ऐसा ही मज़ा देगा वो वेंकि के धक्कों का जवाब नीचे से कमर उछालते हुए बोली, आह , हाँ इसे रखेंगे और मैं रोज़ इससे करवाऊँगी । फिर वेंकि और वो दोनों झड़ने लगे और फिर वेंकि एक तरफ़ होकर लेट गया ।

वो phone पर बोला, सुबह माँ जब दूध देने आयी तो मैंने बिना चड्डी का लोअर पहना था, और चादर भी नहीं ओढ़ी थी। माँ अंदर आयी तो वो मेरे लोअर में तने तंबू को देखकर हैरान रह गयी। मैंने आँखों ओर हाथ रखकर सोने का नाटक किया। पर मैं उनको देख रहा था। उन्होंने मुझे आवाज़ दी , पर मैं चुप रहा , तब वो एक बार पास आकर मेरे लंड को ध्यान से देखीं, पर फिर शायद उनको कुछ गिल्ट हुआ और वो दूध रखकर मुझे हिलायी और जाने लगी। मैंने उनका हाथ पकड़कर उनको अपने ऊपर खिंच लिया और बोला, क्या माँ , दो मिनट भी मेरे पास बही बैठोगी क्या, 
और उनके सामने मैंने अपने लंड को लोअर में adjust किया और अपनी जाँघ की लम्बाई में उसे रख दिया। माँ ने मुझे एसे करते देखा, मैं मन ही मन में बहुत ख़ुश था। फिर उनके कमर और पीठ को छूते हुए मैंने उनको अपनी छाती से भींच लिया , उनकी चूचियाँ मेरी छाती से चिपक गयीं। आपने जैसा कहा वैसे ही मैंने अपनी मर्दानी बाहों में भींच कर उन्हें वो सुख दिया , और उनकी आँखें मज़े से बन्द हो गयीं, फिर मैंने अपनी कमर उठा कर अपना लंड उनके कमर से सटा दिया। वो हड़बड़ा कर उठ गयी, और मुझे दूध पीने को बोलकर बाहर चली गयी। फिर मैंने उनको किचन में पकड़ा पीछे से और लाड़ करते हुए अपने लंड को उनके चूतरों पर चुभा दिया , थोड़ी देर तो वो आँख बंदकर मज़ा लीं फिर मुझे हटाया और बोलीं, बेटा तू अब बड़ा हो गया है , ऐसे माँ से नहीं चिपकते । मैंने ग़ुस्सा दिखाया की तुम मुझे प्यार नहीं करती और आकर सोफ़े में बैठाया तो वो मुझे मनाने आइ और सोफ़े में मेरे बग़ल में बैठ गयी। मैं झट से नीचे आकर उनके गोद में सर रख दिया और बोला , आप मुझे प्यार नहीं करती ना? उन्होंने मेरे गाल चूमे और बोलीं, तू मेरा इकलौता बेटा है रे, ऐसा क्यूँ बोलता है। फिर मैंने अपने चेहरे को उनके पेट पर मलना शुरू किया वो बोलीं, गुदगुदी हो रही है, तेरी दाढ़ी गड़ रही है , फिर हँसते हुए मैंने अपना मुँह उनके गाउन के ऊपर से उनकी छातियों पर रख दिया। उन्होंने भी लाड़ में आकर मेरा सर अपनी छातियों पर दबा दिया। मैंने सर उठाकर कहा, माँ दूध पिलाओ ना, जैसे बचपन में पिलाया था, वो शर्म से लाल होकर बोली, चल हट , तू कोई बच्चा है, इतना बड़ा हो गया है, ये भी नहीं मालूम माँ से कैसे बात करते हैं। मैं बोला, प्लीज़ माँ , उन्होंने उठते हुए कहा, तेरे पापा से शिकायत करनी होगी और हँसती हुई चली गयी। मेरी बात सुनकर पापा ख़ुश हो गए, बोले,, अरे तुम तो मैंने जो कहा था , उससे भी आगे जा रहे हो। अब खाने के बाद उनके साथ सोने का जुगाड़ बनाओ। मैंने फ़ोन बंद कर दिया। 
शाम को फिर मैंने वेंकि को फ़ोन किया, वो बोला -- पापा मज़ा आ गया । मैंने खाना खाने के बाद माँ को t v पर एक मूवी देखने को बोला , वो मान गयी। मैं माँ की गोद में लेटकर फ़िल्म देख रहा था। मुझे उनकी ख़ुशबू पागल कर रही थी।फ़िल्म में कुछ बेडरूम सीन भी थे , मेरा लंड खड़ा हो गया , लोअर में तंबू बन गया था। मैंने धीरे से देखा माँ उस तंबू को ध्यान से देख रही थी, और उनका सीना फूलने लगा था। मैंने माँ के पेट की चुम्मी ले ली और बोला, माँ तुम्हारा पेट कितना चिकना है। वो चुप रही, फिर मैंने अपना हाथ उनके कमर में रख दिया और उसको सहलाने लगा । तभी माँ बोली, चल उठ , मुझे नींद आ रही है। मैं बोला, की एक शर्त पर अभी मैं आपके साथ सोऊँगा। तो वो बोली ठीक है आजा । हम आपके बेडरूम में गए और वहाँ माँ मेरी तरफ़ पीठ कर सो गयीं। मैं थोड़ी देर बाद माँ की तरफ़ करवट लेकर उनसे सट गया । उनकी तरफ़ से कोई प्रतिक्रिया ना देख कर मैंने अपना लंड उनकी गाँड़ से चिपका दिया । माँ चुप चाप पड़ी रही। फिर मैंने धीरे से अपनी कमर हिलाना चालू किया और लंड उनके चूतरों पर घिसने लगा। फिर भी वो शांत थीं, तो मैंने उनके चूतरों पर हाथ रख दिया फिर धीरे से सहलाने लगा , मेरी हिम्मत बढ़ गयी और मैंने गाउन के ऊपर से उनकी चूतरों की दरार में हाथ डाल दिया। फिर माँ सीधी हुई , और काँपती आवाज़ में बोली, उठो अपने कमरे में जाओ। मैं चुपचाप उठा और अपने कमरे में चला आया। पापा ने ख़ुश होकर कहा की शाबाश तुमने उसकी वासना को जगा दिया है, वो आज रात तुमसे खुलकर चुदवायेगी।ये कहकर पापा ने फ़ोन रख दिया। रात को जब मैं घर पहुँचा तो ललिता tv देख रही थी, पर उसका ध्यान कहीं और था। मैंने पूछा वेंकि कहाँ है, वो बोली, टेनिस खेलने गया है। फिर हम चाय पीने लगे, तभी वेंकि भी आ गया , वह आते ही माँ के पास आकर माँ को गाल में किस किया और माँ के गले में हाथ डालकर प्यार से चाय माँगा । वो मुस्कुराती हुई चाय देने लगी। वेंकि बोला, पापा माँ इतनी सुंदर है , और आप फ़िल्म बनाते हो तो आपने माँ को हेरोयन क्यूँ नहीं बनाया? मैं मन ही मन अपने बेटे की चालाकी समझ गया , पर बोला, पहले तुम्हारे माँ दुबली पतली थी पर अब वो भर गयी है और ज़्यादा हसीन और सेक्सी भी दिख रही है । वो हँसा और बोला, पापा . सच में माँ बहुत सेक्सी दिखती है। ललिता लाल होकर बोली, दोनों को शर्मा नहीं आती मुझे सेक्सी बोलते हुए। वेंकि बोला, माँ सच बोलने में कैसी शर्म। इस तरह हम दोनों उसको गरम करते रहे। फिर डिनर में भी यही सब हुआ और फिर हम सोने के लिए अपने अपने कमरे में चले गए। मैंने बेडरूम के पास रखे टेबल पर लैप्टॉप खोला और ऐसा दिखावा किया की बहुत काम है। मैंने देखा ललिता करवटें बदल रही थी, फिर वो बोली, क्या आज सोना नहींहै? मैंने कहा की बस थोड़ी देर । फिर अचानक वो उठी और बाथरूम गयी और वहाँ से आकर मेरे पास आकर खड़ी हो गयी। मैंने ललिता की ओर देखा, उसकी आँखें लाल हो रही थी, वो बोली, मुझे वो लड़का चाहिए अभी, आपने कहा था ना आप उसको आज भी बुलाओगे , बुलाओ अभी उसको, ऐसा कहते हुए उसका हाथ अपने गाउन के ऊपर से चूत पर चला गया और उसने वहाँ खुजाया । मैंने कहा, क्या बहुत इच्छा हो रही है, तो मैं चूस देता हूँ , कहते हुए मैंने उसकी चूत मसल दी। वो बोली, नहीं मुझे वो लड़का चाहिए। मैंने कहा चलो तुम नंगी होकर लेटो , मैं उसे बुलाता हूँ। पर तुम आँखों मैं पट्टी तो बाँध लो । वो बोली , नहीं आज मैं उसे देखना चाहती हूँ । मैंने कहा चलो ऐसा करो सिर्फ़ आँखों में पट्टी बाँध लो , हाथ खुले रखो , सो जब तुम्हारी इच्छा होगी पट्टी खोलकर उसे देख लेना। वो मान गयी।वो नंगी हो गयी और लेट गयी और मैंने उसकी आँखों में पट्टी बाँधकर वेंकि को नंगा आने का Sms किया। जब वेंकि अंदर आया तो वो चुपचाप लेटी थी, वेंकि उसकी चूचियाँ दबाने लगा और वो बहुत गरम हो गयी, फिर वेंकि ने उसकी चूत में दो ऊँगलियाँ डालीं और उसे गिला पाकर उसकी चूत में अपना लंड पेल दिया। ललिता आह कर उठी। अब वेंकि ने समय ना नष्ट करते हुए करारे धक्के मारने शुरू किए। वो मज़े से आह आह करने लगी फिर वेंकि ने उसके होंठ चूसने शुरू किया , मैं उसकी चूचियाँ मसल रहा था । वो बहुत प्यार से मज़ा ले रही थी । तभी मज़े के बीच उसने अपनी पट्टी उतार दी। और हम सबके लिए जैसे समय ठहर गया । उसकी नज़र वेंकि पर पड़ी जो उसके होंठ चूस रहा था, मैं उसकी चूचियाँ दबा रहा था और वेंकि अपने लंड के धक्के उसकी चूत मैं लगाए जा रहा था। उसने कहा, वेंकि तुम? और तभी वेंकि ने एक करारा धक्का मारा और बोला, हाँ माँ में , तुम्हारा प्रेमी , तुम्हारा दीवाना , और फिर उसके होंठ चूसने लगा।वो उसे धक्का देने की कोशिश करने लगी, वो चिल्लायी, बेटा ये पाप है, हटो , हटो, उसने उसके होंठ चूसते हुए अपना लंड निकाल लिया और मैं चूचियाँ दबाते हुए बोला, देखो ये तुम्हारा बेटा भी एक मर्द है और तुम्हें अपने मस्त लंड से तुम्हें मज़ा दे रहा है, वो तुम्हें बहुत प्यार करता है। और वो तुम्हें रोज़ ये सुख देगा और घर की बात घर में ही रहेगी। फिर वो रोने लगी, और बोली, ये ग़लत है, थोड़ी देर में वो शांत हुई, तब वेंकि ने मेरे इशारे पर सिर्फ़ सुपारा अंदर कर दिया, वो आह कर उठी, फिर शायद उसकी चूत की आग ने उसे मज़बूत कर दिया और वो नीचे से कमर उठा कर पूरा लंड अंदर कर ली। तब वेंकि ने धक्के मारने शुरू किए , और वो वासना से भरकर चिल्लाने लगी, आह और ज़ोर से , आह चोदो , आह मर गयी, ओह बेटा फाड़ दे अपनी माँ की चूत । अब वेंकि भी जोश में चूदाँइ करने लगा , और जल्द ही दोनों आह करके झड़ने लगे । और वेंकि अपनी माँ पर जैसे गिर गया। थोड़ी देर बाद वो बोली, क्या रात भर ऐसे ही चढ़े रहेगा मेरे ऊपर, चल उतर। वेंकि साइड में लुढ़क गया और हाथ से अपनी माँ के अंगों पर हाथ फेरे जा रहा था। मैंने ललिता को चूमा और पूछा, कैसा है हमारा बेटा , चोदने में, वो शर्मा कर बोली, झकास । हम सब हंस पड़े। फिर वो करवट बदल कर वेंकि को अपने बाहों में भर ली और बोली, थैंक्स बेटा , अपनी बुढ़िया माँ का ध्यान रखने के लिए। वो हँसकर बोला, माँ तुमसे हसीन औरत दुनिया में नहीं है और तुम अपने आप बुढ़िया बोल रही हो। ऐसा कहते उसने अपनी माँ को चूमा और फिर १० मिनट के बाद फिर उसे चोदने लगा । ललिता और में दोनों उसके स्टैमिना से हैरान हो गए । और उसने ललिता को पूरी तरह शांत कर दिया ।
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12-27-2018, 01:37 AM,
#20
RE: Desi Sex Kahani हीरोइन बनने की कीमत
फिर दो दिन बाद मैंने ललिता को अपने और वेंकि के gay रिश्ते के बारे में बताया तो वो पहले तो दुखी हुई फिर सामान्य हो गयी।

अब वेंकि हमारे साथ बेडरूम में सोता था और पापा के २ और माँ के ३ छेद का मज़ा लेता था। वो हर रात हम मज़े करते थे , एक दिन वेंकि बोला, माँ स्कूल में कई लड़कियाँ मेरे को लाइन मारती हैं।पर मैं किसी को नहीं देखता हूँ , पर कई बार सोचता हूँ , की अपनी उम्र की कड़कियों से कैसा मज़ा आएगा । मैं सोच में पड़ गया की कहीं ये बाहरी लड़कियोंके चक्कर में पड़ गया तो बहुत गड़ बड़ हो जाएगी । तभी रहमान और बेबी तुम आए और मैंने सोचा की इस बहाने बेबी को वेंकि से मिलवा दूँ और रहमान ललिता से मज़े ले ले । यही सोच कर मैंने तुम दोनों को यहाँ बुलाया । 
अब तक मैंने देखा की रहमान अंकल ने अपना लंड बाहर निकाल लिया था और उसको सहला रहे थे . वहीं ललिता ने भी अपनी सलवार खोल रखी थी और उसमें हाथ डाल कर अपनी चूत सहला रही थी। मेरी चूत भी पूरी गीली थी और मैं पैंटी के ऊपर से उसे सहला रही थी। तभी कमरे का दरवाज़ा खुला और वेंकि अंदर आया और वो हम सबको इस तरह नंगे अपने में मस्त देख कर हैरान रह गया । नायडू ने कहा , बेटा हैरान मत हो , मैंने अभी इन सबको हमारी सेक्स सम्बन्धों के बारे में बताया तो ये सब बहुत उत्तेजित हो गए हैं। और एक बात ये जो बेबी है आज तुमसे मज़े लेगी और तेरी माँ रहमान के इस मस्त लंड से , उसने रहमान ke बड़े लंड की तरफ़ इशारा किया। ललिता अपनी होंठों परजीभ देर रही थी । फिर वेंकि ने मुझे देखा और उसकी आँखों में वासना चमक उठी । तभी नायडू बोला, चलो अब सब लोग बेडरूम में चलो और वहाँ एक राउंड का मज़ा ले लो। हम सब उठ कर बेडरूम की तरफ़ चल पड़े। वहाँ नायडू ने सबसे कपड़े उतारने को बोला , जब सब नंगे हो गए तो मैंने नायडू का लटकता हुआ लंड देखा । रहमान अंकल और वेंकि का लंड मस्त टाइट था। ललिता भी भरी हुई एक्स सेक्सी औरत थी, और अंकल ने उसे अपनी बाहों में खींच लिया और उसके होंठों पर अपने होंठ चिपका दिए।तभी वेंकि में मुझसे चिपट कर मेरे होंठ चूसे और मेरी छातियाँ दबाने लगा। नायडू ललिता की गाँड़ दबाते हुए बोले , चलो अब लेट जाओ, ललिता और मैं बिस्तर पर लेट गए , और अंकल ललिता पर और वेंकि मुझ पर चढ़ गया। फिर वेंकि ने मेरी चूचियाँ दबायीं और उनको मुँह में लेकर चूसने लगा , मेरी आह निकल गयी, वो बग़ल में लेती अपनी माँ से बोला, माँ देखो बेबी की चूचियाँ कितनी गोल और सख़्त हैं , इस पर अंकल बोले, बेटा तुम्हारी माँ की भी मस्त बड़ी और सॉफ़्ट हैं और देखो निपल्ज़ कितने लम्बे हैं और ऐसा बोलते हुए अंकल उनको चूसने लगे । तभी नायडू ने मेरी चूत में २ उँगलयान डाल दी , मैं सी सी कर उठी, तभी ललिता भी सी सी करने लगी , मैंने देखा नायडू ने २ उँगलियाँ उसकी चूत में भी डाल दी है। फिर वेंकि उठा और ६९ की position में आ गया । वो मेरी चूत चाट रहा था और मैं उसका लंड और आंद चूस रही थी। नायडू ने मेरी चूचियाँ दबानी शुरू की। मैंने मस्ती में बग़ल में देखा तो अंकल ललिता के मुँह में लंड डालकर उसकेवेंकि ने सर मेरी चूत से ऊपर उठाया और जब अपनी माँ को चुदते देखा तो मुझे लिटा कर मेरी टाँगे फैलाकर अपना लंड मेरे अंदर डाल दिया , और मीने मस्ती से चोदने लगा। अब जैसे पलंग में डबल चुदायी के कारण भूचाल आ गया । नायडू भी ललिता की लटकी हुई चूचियाँ दबा रहा था। और कमरे में फ़च फ़च की आवाज़ होने लगी क्यूँकि अब तक हम दोनों के चूत पनिया चुकी थीं। नायडू ने रहमान अंकल के कान में कुछ कहा जिसपर अंकल मुस्कुराते हुए हाँ में सर हिलाए। थोड़ी देर में वेंकि और मैं झड़ गए । फिर ललिता चिल्लायी और झड़ने लगी। उसके झड़ने के बाद अंकल ने अपना खड़ा और पूरा गीला लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया और ललिता को हटा कर जगह बनायी , तब नायडू आकर अपनी बीवी की जगह doggie position में आ गया और अंकल ने पास रखी क्रीम अपने लंड में माली और कुछ उसकी गाँड़ में २ ऊँगली से डाल दी, फिर उन्होंने अपना लंड सेट किया और बोले, वेंकि डाल दूँ? वो बोला, जी अंकल डाल दीजिए , आख़िर पापा को भी तो कुछ मज़ा आना चाहिए , मैं और ललिता भी हंस पड़े । तब अंकल ने धीरे से अपना मोटा लंड पेलना शुरू किया, नायडू की दर्द से आँखें बाहर आने लगी , पर ५ मिनट में ही वो मस्त हो गए और ललिता की ही तरह कमर पीछे करके अंकल के मस्त लंड का मज़ा लेने लगे । फिर १० मिनट के बाद अंकल ने अपना रस उसकी गाँड़ में डाल दिया।और नायडू भी बिस्तर पर गिर गया और अंकल भी उसके ऊपर गिर गए। फिर वो दोनों अलग होकर लेट गए।हम सब झड़कर लेटे हुए थे, वेंकि ने अपनी माँ की चुचि दबाते हुए उसको चूसने लगा , रहमान अंकल भी ललिता के बड़े बड़े चूतरों पर हाथ फेर रहे थे। फिर उन्होंने उनकी गाँड़ के छेद में ऊँगली डाल दी, वो एकदम से आह भर उठी, तो अंकल ने उनके मस्त चूतरों पर एक ज़ोर का हाथ मारा और बोले, चलो बाथरूम चलो फिर खाना खाएँगे।हम सब एक साथ बड़े से बाथरूम में घुस गए , क्या सीन था, कोई पेशाब कर रहा था और कोई अपने शरीर को धो रहा था, वेंकि अपनी माँ की चूत धो रहा था , नायडू अंकल का लंड धो रहा था। और मैं सबको देखकर ख़ुश हो रही थी। फिर वेंकि मेरी चूत भी साफ़ किया तो उसकी माँ ने उसका लंड साफ़ किया । फिर हम सब नंगे ही टेबल पर खाना खाए । ललिता को मैंने खाना लगाने में मदद कर दी क्यूँकि सब नौकरों ki छुट्टी कर दी थी उसने पहले ही। मुँह को चोद रहे थे , और फिर उन्होंने ललिता को घोड़ी बनाकर पिच्छे से उनकी चूत में लंड पेल दिया, वो आह कर उठी, और मस्ती में अपनी गाँड़ पीछे करके चुदवाने लगी । ठप ठप की आवाज़ से कमरा गूँज उठा। ये आवाज़ सुनकर वेंकि ने सर मेरी चूत से ऊपर उठाया और जब अपनी माँ को चुदते देखा तो मुझे लिटा कर मेरी टाँगे फैलाकर अपना लंड मेरे अंदर डाल दिया , और मीने मस्ती से चोदने लगा। अब जैसे पलंग में डबल चुदायी के कारण भूचाल आ गया । नायडू भी ललिता की लटकी हुई चूचियाँ दबा रहा था। और कमरे में फ़च फ़च की आवाज़ होने लगी क्यूँकि अब तक हम दोनों के चूत पनिया चुकी थीं। नायडू ने रहमान अंकल के कान में कुछ कहा जिसपर अंकल मुस्कुराते हुए हाँ में सर हिलाए। थोड़ी देर में वेंकि और मैं झड़ गए । फिर ललिता चिल्लायी और झड़ने लगी। उसके झड़ने के बाद अंकल ने अपना खड़ा और पूरा गीला लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया और ललिता को हटा कर जगह बनायी , तब नायडू आकर अपनी बीवी की जगह doggie position में आ गया और अंकल ने पास रखी क्रीम अपने लंड में माली और कुछ उसकी गाँड़ में २ ऊँगली से डाल दी, फिर उन्होंने अपना लंड सेट किया और बोले, वेंकि डाल दूँ? वो बोला, जी अंकल डाल दीजिए , आख़िर पापा को भी तो कुछ मज़ा आना चाहिए , मैं और ललिता भी हंस पड़े । तब अंकल ने धीरे से अपना मोटा लंड पेलना शुरू किया, नायडू की दर्द से आँखें बाहर आने लगी , पर ५ मिनट में ही वो मस्त हो गए और ललिता की ही तरह कमर पीछे करके अंकल के मस्त लंड का मज़ा लेने लगे । फिर १० मिनट के बाद अंकल ने अपना रस उसकी गाँड़ में डाल दिया।और नायडू भी बिस्तर पर गिर गया और अंकल भी उसके ऊपर गिर गए। फिर वो दोनों अलग होकर लेट गए।हम सब झड़कर लेटे हुए थे, वेंकि ने अपनी माँ की चुचि दबाते हुए उसको चूसने लगा , रहमान अंकल भी ललिता के बड़े बड़े चूतरों पर हाथ फेर रहे थे। फिर उन्होंने उनकी गाँड़ के छेद में ऊँगली डाल दी, वो एकदम से आह भर उठी, तो अंकल ने उनके मस्त चूतरों पर एक ज़ोर का हाथ मारा और बोले, चलो बाथरूम चलो फिर खाना खाएँगे।हम सब एक साथ बड़े से बाथरूम में घुस गए , क्या सीन था, कोई पेशाब कर रहा था और कोई अपने शरीर को धो रहा था, वेंकि अपनी माँ की चूत धो रहा था , नायडू अंकल का लंड धो रहा था। और मैं सबको देखकर ख़ुश हो रही थी। फिर वेंकि मेरी चूत भी साफ़ किया तो उसकी माँ ने उसका लंड साफ़ किया । फिर हम सब नंगे ही खाना खाने लगे और मैंने खाना खिलाने में ललिता की मदद की क्यूँकि नौकरों की छुट्टी कर दी थी उन्होंने।

खाना खाने के बाद नायडू ने अंकल से कहा , रहमान भाई तुम भी अपना कुछ सेक्सी अनुभव बताओ ताकि सबका चुदायी का मूड बन जाए । रहमान बोले, चलो में भी अपना पहला सेक्स अनुभव सुनाता हूँ। आगे की कहानी रहमान अंकल की ज़बानी---
रहमान बोले-- मैं एक गाँव में एक मामूली से परिवार में पाला और बड़ा हुआ। मेरे पिता रेल्वे मैं T C थे और अकसर टूर पर रहते थे। मैं और मेरी बड़ी बहन शक़िला जो मुझसे २ साल बड़ी थी माँ के साथ घर पर रहते थे। हमारे पड़ोस में अब्बा के दोस्त सलाम रहते थे अपने परिवार के साथ उनकी बीवी और २ बच्चे थे, बड़ा लड़का और ३ साल छोटी लड़की भी थी। दोनों परिवारों में काफ़ी मेल मिलाप था। बात उन दिनों की है जब मैं आठवीं में मेरी बहन यानी बाज़ी दसवीं कक्षा में थी । पड़ोस की आंटी का लड़का बाज़ी के साथ पढ़ता था और उसकी बहन मेरे साथ। जब भी अब्ब्बा टूर पर जाते तो सलाम अंकल हमारे घर आते और अम्मी से पूछते कि कोई काम हो तो बताना । और हम सबको भी प्यार करते थे। एक दिन मेरी स्कूल में तबियत ख़राब हो गयी, तो मैं जल्दी ही वापस आ गया और उस दिन अब्ब्बा टूर पर थे। जब मैं घर पहुँचा तो मुझे घर के सामने पान दुकान में दो लोगों की बात करने की आवाज़ सुनाई दे , उन्होंने मुझे अभी देखा नहीं था। मैं अपनी जगह पर रुक कर उनकी बातें सुनने लगा, वो पान दुकान वाला बोल रहा था, अरे ये तो रोज़ का तमाशा है, इधर TC साहब गए उधर सलाम भाई उनके घर के अंदर , और वो नग़मा (मेरी माँ ) है भी ऐसी माल , सलाम भाई की क्या ग़लती है? ऐसा बोलकर वो दोनों अपने लंड खुजाने लगे। मुझे बड़ा धक्का लगा उनकी बातों से। फिर वो दुकान बन्द करने लगा लंच ke लिए और वो चले गए। उनके जाने के बाद मैंने सोचा की क्या वो सच कह रहे थे, मुझे पता करना चाहिए। तब मैं घर के पीछे की तरफ़ गया और एक खुली खिड़की से कूद कर अंदर आ गया । फिर मैं माँ के कमरे की तरफ़ बढा , वहाँ से बातों की आवाज़ें आ रही थी । मैंने धीरे से बन्द दरवाज़े में कोई छेद खोजा , पुराने दरवाज़े में कई छेद थे, मैंने अंदर झाँका तो मेरे होश ही उड़ गए। अंदर सलाम अंकल बिस्तर पर बैठे थे और माँ उनकी गोद में बैठी थी। माँ की कुरति ऊपर उठी हुई थी और ब्रा भी खुली हुई थी और अंकल माँ की चुचि दबा रहे थे और उन दोनों के होंठ चिपके हुए थे । अंकल बोले, नग़मा तुम्हारी चूचियाँ सच में बड़ी मस्त हैं , नीलम ( उनकी बीवी , हमारी आंटी ) की तो अब नीचे की तरफ़ लटक सी गयी हैं। माँ हँसते हुए बोली, आपने खिंच कर भाभी की लटका दी होंगी। दोनों हँसने लगे। फिर वो झुके और माँ की चुचि मुँह में लेकर चूसने लगे। मेरी बुरी हालत हो रही थी, मुझे बहुत ग़ुस्सा आ रहा था पर देखने में मज़ा भी आ रहा था ।मेरा छोटा सा लंड भी तन गया था। 
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