bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
01-25-2019, 12:44 AM,
#71
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
जब वो लोग थियेटर से बाहर निकल रहे थे तो अरुण सोचने लगा कि आख़िर क्यू उसे ये डेट का चक्कर अपनाना पड़ा. वो सोचने लगा कि अगर बाहर वालो को खबर हो गयी कि उसके और उसकी बहनों के बीच क्या हो रहा है तो वो लोग क्या कहेंगे?

पहले तो वो अपनी चारो बहनों के साथ सेक्स कर रहा था और अब अपनी ही बहेन के साथ उसकी फ्रेंड और उसके भाई के साथ डबल डेट पर आया है जिससे कि वो दोनो भाई बहेन आपस मे सेक्स करने लगे. इन सबमे जो कुछ होगा उसके लिए अरुण को जेलासी की फीलिंग से भी दूर रहना पड़ेगा. और अगर प्लान गड़बड़ हो गया तो पक्का जैल ही होनी थी. अरुण अपने इस ख़याल पर हल्के से हंस पड़ा.

वो लोग थियेटर के पास बनी शॉप्स को देखते हुए हंसते और बातें करते जा रहे थे. कपड़े की शॉप्स, स्पोर्ट्स शॉप्स, वग़ैरह वग़ैरह शॉप्स थी वहाँ पे. कार्ड्स शॉप के पास से गुज़रते हुए अरुण ने एक बार अंदर देखा और वही ठहर गया.

"ये नही हो सकता," उसने सोचा.

"लग तो वही रहा है, भाई." आवाज़ ने जवाब दिया

बाकी तीनो आगे ही चले जा रहे थे, उन्होने ध्यान ही नही दिया कि अरुण उस शॉप के बाहर खड़े होकर अंदर ही देखे जा रहा था. अंदर 4 5 लड़के खड़े हुए कुछ देख रहे थे.

अरुण को बाकी लड़के तो पहचान मे नही आ रहे थे लेकिन आख़िर मे खड़े हुए लड़के को देखकर पुरानी बातें याद आ रही थी. बाकी तीनो ने नोटीस किया कि अरुण उनके साथ नही है तो रुक कर इधर उधर देखने लगे.

"अरुण?" आरोही ने थोड़ा तेज बोलकर पूछा,"चलना नही है क्या?"

अरुण तो जैसे उसकी बात सुन ही नही रहा था. आरोही उसके चेहरे को देखकर तुरंत ही समझ गयी कि कुछ तो गड़बड़ है. वो जल्दी से उसके पास पहुचि और उसकी नज़रो का पीछा करने लगी.

आरोही ने तुरंत ही अपने मूह पर दोनो हाथ रख लिए. वो जल्दी से अरुण को साइड मे खिचने की कोशिश करने लगी.

"प्लीज़ अरुण, अभी नही.." वो बार बार कह रही थी, लेकिन अरुण तो उन खून खौलने वाली यादो मे खोया हुआ था.

जिस लड़के को अरुण देख रहा था, उसने बाहर आरोही की आवाज़ सुनके उसकी तरफ मूह किया. उसके पास खड़े हुए लड़के ने भी उनकी ओर देखा और वो उससे कुछ कहने लगा. दोनो ने एक बार अरुण की ओर देखा और शॉप से बाहर आने लगे.

"ओह माइ गॉड," आरोही बोली. "नोट हियर, नोट नाउ."

"क्या हुआ?" रोहन भी उनके पास पहुच चुका था तब तक वो दोनो लड़के उनके पास पहुच चुके थे.

आरोही बिना कुछ सोचे अरुण के आगे खड़ी हो गयी. रोहन को ज़्यादा कुछ तो समझ मे नही आया लेकिन वो आगे बढ़के उन लड़को के पास पहुच गया. 

"कॅन आइ हेल्प यू?"

"तुझसे कोई काम नही है, मुझे बस इससे बात करनी है." उस लड़के ने अरुण की ओर इशारा करते हुए कहा.

अरुण ने अपने हाथ आरोही के दोनो कंधे पर रखे और उसे साइड मे कर दिया. अरुण का ध्यान आरोही को साइड मे करने मे था, इसका फ़ायदा उठाकर उस लड़के ने एक मुक्का अरुण के चेहरे पर मार दिया.
"ओये," रोहन चीख के आगे बढ़ा, अरुण लड़खड़ा रहा था, तभी उस लड़के के साथ वाले ने रोहन के सीने पर हाथ रख के रोक दिया.

"वेट डियर, उसने कहा ना तुम्हारा कोई काम नही है."

"अरुण, ठीक हो?" रोहन ने अपनी नज़रे उस लड़के से बिना हटाए पूछा.

"यॅ," अरुण ने जवाब दिया, और अपना सिर हिलाकर नज़र ठीक करने लगा जो मुक्के की वजह से धुधली हो गयी थी. "लेकिन वो सही कह रहा है, तुम्हे बीच मे पड़ने की ज़रूरत नही है."

"ओके नही पड़ूँगा, लेकिन.." रोहन बोला.

"लेकिन क्या स्वीटी?" उस लड़के ने पूछा.

"कोई अपने गंदे हाथ मुझ पर रखे, मुझे पसंद नही." रोहन ने उस लड़के की कलाई पकड़ते हुए कहा. उसने उसकी कलाई पकड़के एक मार्षल आर्ट का लॉक लगाया और अगले ही पल वो लड़का ज़मीन की धूल चाट रहा था.

वो लड़का जिसने अरुण को मारा था वो इंतजार कर रहा था कि उसका साथी भी मारेगा अरुण को लेकिन उसने जब रोहन के साथ उसे देखा तो मौके का फ़ायदा उठाकर दोबारा अपना हाथ अरुण के उपर चलाया.

अरुण तुरंत ही साइड मे हट कर बच गया और साइड से ही एक जोरदार मुक्का उसकी पसलियों मे दे मारा, फिर दो तीन लगातार पेट पर मारे तो वो लड़का तुरंत ही ज़मीन पर गिर पड़ा. तभी साइरन की आवाज़ गुज़्ने लगी. शायद दुकान वाले ने ये सब देखकर पहले ही पोलीस को कॉल कर दी थी.

"सब जहा हैं वही ठहर जाओ. कोई नही हिलेगा? किसी को पता है कि क्या हुआ है?"

***********

दोनो लड़को को हथकड़ी लगाकर पोलीस जीप के अंदर बैठा दिया गया था. अरुण वही सबके साथ खड़ा देख रहा था. उसका जबड़ा काफ़ी दर्द कर रहा था, लेकिन वो उसने उस पर इतना ध्यान नही दिया. उनके सामने एक पोलीस वाला जवाब का इंतजार कर रहा था.

"आह..सॉरी सर, मैं क्वेस्चन भूल गया?" अरुण ने पोलीस वाले से पूछा.

"यहाँ हुआ सब कुछ तो मुझे सबने बता ही दिया, जिसने भी देखा, मैं बस तुम्हारी तरफ से सुनना चाहता हूँ. आख़िर एक दम से 2 लड़के क्यू तुम्हे मारने आए?"

अरुण अपने जबड़े पर हाथ फिराने लगा.

"अभी एक या डेढ़ महीना पहले, मेरी छोटी बहेन, सोनिया रॉयल क्लब मे थी. मैं भी था लेकिन मैं जल्दी चला आया था. रास्ते मे ही मुझे आरोही की कॉल आई कि उसे सोनिया कहीं नही मिल रही. तो मैं जल्दी से पहुचा और ढूढ़ने पर मुझे वो एक कमरे मे बेहोशी की हालत मे मिली. वो लेफ्ट साइड वाला लड़का उसके साथ ज़बरदस्ती कर रहा था..तो.." अरुण वही पर रुक गया.

उस इनस्पेक्टर ने अरुण के कंधे पर हाथ रख दिया. "रिलॅक्स, ओके. मुझे बस पूरी बात बताओ तो मैं तुम्हारी कुछ मदद कर पाऊ."

अरुण ने एक गहरी सास ली फिर आरोही की तरफ देख कर बोलने लगा. "मैने वही पर इसको मारा फिर सोनिया को लेकर क्लब से बाहर जाने लगा. मैं बस एग्ज़िट तक पहुचा ही था कि पीछे से 10 12 लड़के जो कि आइ गेस इसी के साथ थे उन्होने एक साथ मुझ पर हमला कर दिया. उसके बाद ज़्यादा कुछ मुझे ध्यान नही क्यूकी मैं उनके वॉर से बेहोश हो गया था. आरोही ने मुझे बताया कि बाहर खड़ी सेक्यूरिटी ने मुझे बचाया और लड़ाई को रोका था."

"तुमने रिपोर्ट करी?" ऑफीसर ने पूछा.

अरुण तुरंत ही सिर हिलाने लगा, और सोचने लगा कि वो इतनी नॉर्मल बात कैसे भूल गया.

"नही सर, आइ गेस हम लोग बस इस बात को भूलना चाहते थे. मेरी बहेन अभी भी पूरे तरीके से उस किस्से से नही उबर पाई है."

"चलो, वैसे अगर तुमने रिपोर्ट फाइल करवाई होती तो ये दूसरा हमला गिना जाता. खैर, तो ये जो लड़का है उसने आक्चुयल मे कुछ तो..."

"नही सर, सोनिया की ड्रिंक मे आइ थिंक कुछ मिलाया था जिससे वो बेहोश हो गयी थी, लेकिन मैं सही टाइम पर पहुच चुका था...ये बस अपना..वो..हाथ मे लेकर आगे बढ़ रहा था."

"थॅंक गॉड. अब जब तुमने पोलीस रिपोर्ट नही करी थी तो पोलीस ज़्यादा कुछ तो नही कर सकती. आज रात की बात तो सबने बता ही दी है कि इसी ने लड़ाई शुरू करी. चेकिंग करने पर ये भी पता चला है कि इसने दारू भी पी रखी है. तो इन्ही सब चार्जस की वजह से ज़्यादा से ज़्यादा हम लोग एक दिन के लिए इसे जैल मे रख सकते हैं. लेकिन अगली बार ऐसा कुछ हो सबसे पहले रिपोर्ट फाइल करना. ओके?"

"यॅ सर. स्योर. थॅंक्स."

वो इनस्पेक्टर गाड़ी के पास खड़े पोलीस वाले के पास पहुचा और कुछ बातचीत करके अरुण की तरफ मुड़ा. "अभी जितना जानना था वो हम लोगो ने पता कर लिया है, अगर कुछ ज़रूरत पड़ती है तो तुम्हे कॉल करेंगे."

अरुण ने हां मे सिर हिला दिया और सबकी ओर देखने लगा.

"यू ओके?" रिया ने उसके पास बढ़के उसे ध्यान से देखते हुए पूछा.

अरुण ने मुस्कुरकर सिर हिला दिया. "मैं ठीक हूँ, बस कल ये जबड़ा बहुत दर्द करने वाला है. सॉरी यार, इस सबके लिए." उसने रोहन से कहा.

"अरे कोई नही यार, मैने सुना क्या हुआ. उपर से थॅंक्स बहुत दिनो से किसी को मारा भी नही था." रोहन हंसते हुए बोला.

तो अरुण भी हंस दिया.

आरोही रोते हुए उसके पास आई और उसके गले लग गयी.

"पक्का ना, तुम ठीक हो?" उसने पूछा.

अरुण हंसते हुए उसे कस्के गले लगाए रखा. "आइ'म फाइन, आरू. साची."

फिर आरोही अलग हुई और अपने आसू पोछने लगी.

"तो अब जब हम लोगो ने डिन्नर और एक फाइट का मज़ा ले लिया तो अब कहाँ.." आरोही ने मूड को हल्का करते हुए कहा.
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01-25-2019, 12:44 AM,
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रोहन ने अपनी घड़ी चेक की तो 9 बज रहा था. "अभी तो काफ़ी टाइम है. घर पर चले और वही कोई मूवी देखें?"

"गुड आइडिया. हमारे घर चलते हैं. कुछ ना कुछ अच्छा तो आ ही रहा होगा." आरोही बोली.

तो सभी कार मे बैठकर घर की ओर चल दिए. रास्ते मे अजीब सी खामोशी छाई रही तो अरुण ने रेडियो ऑन कर दिया और म्यूज़िक के साथ साथ टेन्षन को दूर करने लगा.

घर पहुच कर आरोही सबसे पहले कूद कर उतरी और अंदर पहुच कर सबको खबर करने लगी कि सभी अंदर आ रहे हैं. अरुण, रोहन और रिया अंदर आए ही थे तो सुप्रिया आधी नंगी अपने रूम का दरवाजा बंद कर रही थी. उसने सोचा अच्छा हुआ अगर एक मिनिट भी और लेट हो जाती तो शर्म से मूह ही नही दिखा पाती.

अरुण ने सभी को पानी दिया फिर हॉल मे सभी सोफे पर बैठ गये.

आरोही चॅनेल चेंज करके ढंग की मूवी ढूढ़ने लगी. जब उसे मन की मूवी मिल गयी तो उसने सबसे पूछ कर वही रहने दी. रोहन उसके पास जाके बैठ गया. इधर सोफे पर अरुण और रिया साथ मे बैठ गये तो रिया ने देर ना करते हुए उसके और अपने उपर चादर डाल ली.

तुरंत ही अरुण को रिया के हाथ अपने लंड के उपर महसूस होने लगे और वो अंदर ही खुद को कोसने लगा.

"कोसना ज़रूरी है? इतना अच्छा मौका है चोद डाल." अरुण के दिमाग़ मे आवाज़ ने कहा

"हम लोगो ने इस बारे मे बात की थी."अरुण ने मन मे कहा 

"तूने करी थी, मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता. तू बस चोदना शुरू कर." आवाज़ ने अरुण के दिमाग़ मे कहा

"आइ विल नोट फक रिया."अरुण ने कहा

"यार. क्या फ़र्क पड़ता है किसकी चूत हो, चूत तो चूत होती है." आवाज़ ने अपना तर्क दिया

"तुम समझना क्यूँ नही चाहते. एक तो मेरी इच्छा नही है और अगर मैने ऐसा कुछ किया तो सभी मुझसे नाराज़ हो जाएँगी और फिर कुछ नही मिलने वाला."

"लेकिन ये आइडिया भी तो उन्ही का है. कह देना कि प्लान के करना पड़ा. उधर देख वो रोहन तो हमारी चीज़ का भरपूर मज़ा उठा रहा है."

"फर्स्ट ऑफ ऑल, आरू कोई चीज़ नही है, वो मेरी बहेन है. और दूसरी बात, उसने सिर्फ़ कंधे पर हाथ रखा है. थर्ड, शट अप."

अरुण रिया का हाथ रोकने की कोशिश करने लगा लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. रिया का हाथ जीन्स के अंदर जाके उसके गर्म लंड को ठंडी उंगलियों से छू रहा था. अरुण ने आरोही की तरफ देखा तो उसने हंसते हुए आँख मार दी. उसे देखते हुए आरोही ने अपना सिर रोहन के कंधे पर रख दिया. अरुण के मन मे दोबारा जलन की भावना आई लेकिन उसने फिर जल्दी से उसे साइड मे कर दिया.

आरोही एक पल के लिए रोहन को अरुण समझ बैठी और उससे चिपकने लगी. उसका दिमाग़ भी उसके साथ खेल खेल रहा था, और वो सोचने लगी कि क्या वो ज़्यादा देर तक रोहन को दिखा पाएगी कि वो उसे पसंद करती है. रोहन की गर्मी उसे अपने शरीर पर महसूस हो रही थी, उसका हाथ जो उसके हाथ को धीरे धीरे सहला रहा था. वो बार बार अरुण की तरफ देख रही थी, और इस बात को अच्छे से जानती थी कि उसका प्रेमी उसे किसी दूसरे लड़के के साथ देख रहा था.

अरुण बड़ी मुश्किल से चादर के अंदर की हलचल को रोकने की कोशिश मे था. रिया मूवी देखते हुए अपना हाथ उसके लंड के उपर नीचे कर रही थी. काफ़ी देर तक यही चलता रहा. जैसे ही मूवी ख़तम हुई अरुण एक दम से खड़ा हो गया तो रिया ने जल्दी से हाथ खीच लिया.

"रात काफ़ी हो गयी है, आइ गेस वी बेटर टेक यू गाइस होम," वो अचानक आरोही और रोहन की ओर देखते हुए बोला.

अरुण के सोफे पर हुई हलचल से आरोही एक दम से चौंक कर असली दुनिया मे वापस आई. तुरंत ही उसे ध्यान आया कि वो लोग क्या पाने की कोशिश मे ये सब कर रहे थे. उसने खड़े होकर रोहन को उठने के लिए अपना हाथ दिया फिर उसके साथ गेट की तरफ चलने लगी.

अरुण ने मुड़कर रिया की ओर देखा और मुस्कुराते हुए अपना हाथ आगे बढ़ा दिया, जो उसने झट से थाम लिया और उसे लेकर बाहर कार की ओर चलने लगा.

कुछ देर बाद वो सब रिया के घर के बाहर थे. आरोही और रोहन बाहर उतरे लेकिन रिया कार मे ही बैठी रही, उसने अपना सर आगे किया किस करने के लिए तो अरुण ने भी जल्दी से बस उसके होंठो को अपने होंठो से छू दिया.

बाहर आरोही और रोहन गले मिल रहे थे.

"थॅंक्स फॉर आ ग्रेट ईव्निंग," आरोही उसके गले लगे ही बोली.

"आइ होप वी कॅन डू इट अगेन," रोहन बोला.

आरोही सिर हिला के सहमति देने लगी. रोहन ने आगे बढ़के उसके गाल पर एक छोटा सा किस किया और घर के अंदर जाने लगा. तब तक रिया भी कार से निकल आई और उसके साथ ही जाने लगी.

कार जब घर की तरफ जा रही थी, आरोही ने अरुण की तरफ देखा उसका मूड जानने के लिए.

"सब ठीक तो है ना?" उसने पूछा.

अरुण ने जल्दी से हां मे सिर हिला दिया, फिर कहा, "बस ये सब काफ़ी अजीब लग रहा है," उसने स्माइल करते हुए कहा.

"हां वो तो है," उसने भी कहा फिर दोनो शांत हो गये.

कुछ देर ऐसे ही ऑक्वर्ड साइलेन्स रहा कार मे, फिर आख़िर अरुण ने पूछ ही लिया,"सो, व्हाट डू यू थिंक?"

आरोही ने कंधे उचका दिए,"ही'स ओके, आइ गेस."

"तो तुम उसे रिया के साथ सेक्स के लिए तय्यार कर पाओगी?" उसने सीधे सीधे लफ़ज़ो मे पूछ लिया.

आरोही उसका सवाल सुन के हँसने लगी फिर नॉर्मल होके विंडो से बाहर देखती रही. "सच बताऊ तो, पता नही. पहले ही मुझे इतना बुरा और अजीब लग रहा था कि जिसके साथ मैं सेक्स करती हूँ, उसके सामने कोई लड़का उसकी चीज़ को छू रहा है और उपर से मेरा लवर भी मेरे सामने ही किसी और के साथ इंटिमेट हो रहा है."

अरुण तुरंत ही अपना सिर हिलाने लगा. "मैं पहले भी डिसकस कर चुका हूँ, तुम कोई चीज़ नही हो. यू आर आ पर्सन दट आइ लव."

"फक." आवाज़ ने अरुण को कहा

"डिसकस किया? किसके साथ?"

आरोही ने कन्फ्यूज़ होते हुए पूछा.

अरुण को तुरंत ही ध्यान आया कि उसने आवाज़ और आरोही की बातें मिक्स कर दी हैं.

"अरे यार, वो मैने बताया था ना, इस आवाज़ के साथ."

"ओह्ह्ह्ह. तो इसने भी कहा था कि मैं तुम्हारी प्रॉपर्टी हूँ?" आरोही ने पूछा.

"यॅ.." अरुण एक आह भरते हुए बोला.

आरोही ने अपनी सीट बेल्ट खोल दी और उसके हाथ को पकड़कर उसके कंधे पर अपना सिर रख दिया. "सही तो कहा, आइ'म युवर प्रॉपर्टी."

अरुण उसे सवालिया नज़रो से देखने लगा. 

"सीरियस्ली?"

आरोही ने अपना सिर धीरे से हिला दिया. "आइ कॅंट हेल्प इट, ब्रो. यू ओन मी."

अरुण अपना सिर हिलाकर कुछ बोलने ही वाला था कि आरोही ने उसके होठों पर अपनी उंगली रख दी. "मैं वो नही कह रही जो तुम सोच रहे हो, ईडियट. मेरे कहने का मतलब है कि मुझे पसंद है कि मैं तुम्हारी बन के रहूं, सिर्फ़ तुम्हारी. मुझे अच्छा लगा रोहन के साथ लेकिन पूरे वक़्त मैं बस यही सोचती रही कि काश इस डेट पर बस हम दोनो होते. आइ विश कि तुम मुझे डिन्नर पर ले गये होते, फिर मूवी फिर तुम मुझे अपने रूम मे ले जाकर मेरे साथ प्यार करो. आइ वॉंट यू टू मेक मी युवर्ज़. डू एनितिंग यू वॉंट टू मी."

अरुण बिना पलके झपकाए उसे देख रहा था.

"आरोही, मैं ये नही कह रहा कि मुझे तुम्हारे साथ अच्छा नही लगता है, लेकिन अगर तुम..रोहन के साथ...होना चाहती हो, तो यू कॅन."

"चूतिए, उसकी बात तो समझ." आवाज़ ने अरुण पर गुस्सा होते हुए कहा

आरोही कुछ देर चुप रही. "अरुण, मेरे ईडियट, स्टुपिड, डफर भाई, मेरा कहने का मतलब है मैं किसी और के साथ अपना नाम नही जोड़ना चाहती. आइ ओन्ली लाइक बीयिंग ओन्ली युवर्ज़. मुझे पसंद है जब तुम मुझसे कुछ कहो और वो मैं करूँ, आइ लाइक बीयिंग कंट्रोल्ड बाइ यू, पनिश्ड बाइ यू."

"मैं जो कहूँ वो करने से क्या मतलब है?" अरुण ने पूछा.

आरोही कुछ देर सोचती रही फिर उसके लंड को हल्के से रगड़ दिया.

"वेल, जैसे तुमने मुझसे कहा कि तुम्हे ब्लोव्जोब की ज़रूरत है, तो मैं तुम्हारी इच्छा पूरी करूँगी. कभी भी, कही भी. अगर तुम्हारी इच्छा है कि सबके सामने मुझे प्यार करो, देन आइ विल. और जो ये थॉट है ना कि अगर मैने नही करा, तुम्हारी बात नही मानी तो तुम मुझे जो पनिशमेंट दोगे, इट एग्ज़ाइट्स मी."

"आइ लाइक हर." आवाज़ ने अपनी खुशी प्रकट की

अरुण बड़े गौर से उसे देखने लगा. "यू मीन.."

"मेरा मतलब है, कि अगर तुमने मुझसे कहा कि मैं दिन भर सिर्फ़ ब्रा पैंटी मे रहूं तो मैं रहूंगी. मैं वो सब कुछ करूँगी जो तुम मुझे करने को कहोगे, लेकिन सिर्फ़ जो तुम कहोगे. यू कॅन हॅव मी व्हेनेवेर ऑर हवेवर यू वॉंट मी."

"शी ईज़ माइ न्यू फॅवुरेट." आवाज़ ने अरुण से कहा
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01-25-2019, 12:44 AM,
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RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
अरुण कुछ देर उसकी सारी बातों को अपने अंदर समझता रहा. उसे ये सब बातें एग्ज़ाइट तो कर रही थी. लेकिन वो कभी भी लिमिट से बाहर नही जा सकता था, और उसका दिल ये भी कह रहा था कि वो कह तो रही है लेकिन उसका हक़ नही है कि उसे ये सब करने को कहे.

"ये क्या बक्चोदि है बेहेन्चोद. उसे कोई दिक्कत नही तो तुझे क्या दिक्कत है."

अरुण के चेहरे पर कन्फ्यूषन के भाव देखकर आरोही हंस पड़ी. "तुम्हारे चेहरे पर ये जो शिकन है ना, इसे देखकर मुझे पूरा भरोसा है कि मैं तुम्हारे साथ सेफ हूँ. यही वजह है कि हम सब तुम्हारे साथ सेफ फील करते हैं. हम सबको पता है कि तुम हम पर कोई आँच आने ही नही दोगे." 

अरुण हल्के से मुस्कुरा दिया. "मुझे नही लगता कि मैं कभी ये सब चीज़े तुमसे करवा पाउन्गा."

"चूत." आवाज़ ने कहा

"कोई नही, हम लोग उस चीज़ पर काम करेंगे आगे." आरोही आँख मार के बोली.

तब तक वो लोग घर मे पहुच चुके थे. गॅरेज मे कार खड़ी करके अरुण बाहर निकला तो आरोही उसके पास आगे उससे चिपक गयी और उसकी गर्दन पर अपनी नाक रगड़ने लगी.

"युवर स्मेल सो गुड," वो बोली.

उसकी चूत लंड पर रगड़ते ही अरुण का लंड अपने जोश मे आने लगा. अरुण ने भी उसके टॉप के उपर से ही उसके दूध के उपर हाथ रख दिया और हल्के से दबाने लगा. 
आरोही की एक आह ही निकली थी कि बाहर की लाइट ओं हो गयी. दोनो जल्दी से एक दूसरे से अलग हुए और अंदर जाने लगे.

अंदर पहुच कर अरुण दरवाजा बंद करके पीछे मुड़ा तो तीनो देवियाँ उदासी से उसे देख रही थी. वो हंसते हुए आगे बढ़ा.

"क्या मुझे देख कर खुशी नही हुई?" अरुण ने पूछा.

सुप्रिया गुस्से से उसे देखने लगी. "परेशान करना बंद करो और जल्दी से बताओ क्या हुआ?"

आरोही हंसते हुए सुप्रिया और स्नेहा के बीच बैठ गयी जाके. अरुण आगे बढ़ा और सोनिया को स्नेहा के पास से उठा दिया और खुद बैठ कर उसे गोद मे बिठा लिया.

सोनिया अभी कुछ ही देर पहले नहाई थी तो उसके बाल भीगे हुए थे और उसकी शर्ट को भिगोने लगे.

"चोद डाल, नहाई हुई लड़की को चोदने का मज़ा ही अलग है." अरुण के दिमाग़ मे आवाज़ ने उसे उकसाते हुए कहा

उसने साइड मे देखा तो स्नेहा और सुप्रिया दोनो उसे देखे जा रही थी, तो उसने जवाब देने के लिए एक बार खांसा.

"ओके, वी हॅव सम इंट्रेस्टिंग न्यूज़," अरुण ने अनाउन्स किया.

"आज ही सब हो गया?" स्नेहा एग्ज़ाइट होके बोली.

अरुण हंस पड़ा और बोला.

"नही दी. ऐसा कुछ नही हुआ, बस जो कुछ हुआ सब ठीक हुआ. ऐसे ही चलता रहा तो आगे सब ठीक होगा." वो आरोही की ओर देखते हुए बोला.

वो भी मुस्कुरा दी.

फिर अरुण ने अपनी बात जारी रखी,"बाइ दा वे हमारी डियर आरोही वाज़ अमेज़िंग टुनाइट. फन्नी, हॉट और रोहन तो बस फिदा ही हो गया. और मैं, मैं बस किसी तरीके से उसकी उस बेहन से बचता रहा..मोस्ट्ली."

"मोस्ट्ली?" सोनिया ने गुस्से से उसे देखते हुए पूछा.

अरुण ने कस कर उसे खुद से चिपका लिया और हंस कर उसका गाल चूम लिया. "ओके, उसके हाथ कुछ ज़्यादा ही चले. आइ'म..वेल, वी'आर लकी कि उसने बस इतना ही ट्राइ किया."

"हः!" आरोही तेज़ी से बोली. "तो तुम कह रहे हो कि तुम 54 किलो की लड़की खुद से दूर नही कर सकते?"

अरुण ने गुस्से से उसे देखा फिर हँसने लगा. "ऑफ कोर्स आइ कॅन, लेकिन हम लोगो को अभी नाटक करना था, याद है, या भूल गयी भुल्लक्कड़."

चारो उसे खा जाने वाली नज़रो से देखने लगे.

"व्हाट?" उसने बचते हुए पूछा. "ये तुम लोगो का ही आइडिया था, याद है ना. मेरी इसमे कोई ग़लती नही है." अरुण बड़े धीरे धीरे ये बात एक एक शब्द पर ज़ोर देते हुए बोला.

"ओके ओके..रिलॅक्स. अब डेट के बारे मे बताओ. वहाँ क्या हुआ?" सुप्रिया हंसते हुए बोली.

"ओह, तो अच्छे से डिन्नर के बाद हम लोगो थियेटर गये और मूवी देखने की 'कोशिश' करी लेकिन कुछ टेक्निकल प्राब्लम हो गयी तो हम लोग बाहर निकले लेकिन थोड़ी प्राब्लम हो गयी."

सुप्रिया ने आरोही के शरीर मे एक अकड़न महसूस करी तो उसकी गंभीर शक्ल की ओर देखने लगी. अरुण सोचने लगा कि किस तरीके से उन्हे चिंता मे डाले बिना ये बात बतयाए.

"वहाँ वो लड़का था जिसे मैने सोनिया के साथ देखा था," अरुण ने कहा.

तीनो लड़कियाँ ने अपने मूह पर हाथ रख लिया.

"वो लड़का जिससे तुमने सोनिया को बचाया था," आरोही उसे ठीक करते हुए बोली.

अरुण ने उसकी बात मानी और अपना गला सॉफ करके बोलना जारी रखा,"वेल, वो एक कार्ड शॉप मे था अपने किसी फ्रेंड के साथ."

"आसहॉल्स," आरोही बोली.

"उन लोगो नो तुम सबको देख लिया क्या?" सोनिया मूड के अरुण की आँखों मे सीधे देखते हुए बोली.

अरुण ने धीरे से सिर हिला दिया.

"तुम दोबारा फाइट मे पड़ गये?" सोनिया ने बहुत ही केर के साथ उससे पूछा.

अरुण ने उसके गाल को सहला दिया.

"आइ'म ओके, सोनिया. आइ प्रॉमिस," उसने कहा.

"इसके एक पड़ गया लेकिन तब तक रोहन ने उसके साथी को ज़मीन की धूल चटवा दी. फिर अरुण ने भी एक के बाद एक मार के उसे नानी याद दिलवा दी. इट वाज़ सो कूल." आरोही सबका मूड ठीक करते हुए बोली.

"फाइट शुरू होने से पहले ही शॉपकीपर ने पोलीस को फोन कर दिया था. तो ज़्यादा गड़बड़ होने से पहले ही पोलीस आ गयी. उन्होने ये भी कहा कि अगर हम लोगो ने पहली बार मे ही रिपोर्ट फाइल कर दी होती तो इस बार ज़्यादा सज़ा होती. इस बार वो सिर्फ़ उसे रात भर के लिए जैल मे बंद कर पाएँगे."

कुछ देर शांति मे सभी उसकी बात को सुनते रहे.

"उसके बाद हम लोग घर आए. मूवी देखते वक़्त रिया ने तो बस मेरा रेप करने की सोचती थी, जैसे तैसे मूवी ख़तम करी. फिर उनके घर पहुच कर मुझे किस और आरोही को गाल पर किस मिला."

सोनिया थोड़ी रिलॅक्स हुई और उसकी आँख से एक आसू निकल कर गाल पर बहने लगा. अरुण ने उसे कस के खुद से सटा लिया ये जताने के लिए कि वो ठीक है.

"मैने कहा ना मैं ठीक हूँ." अरुण ने कहा

"ये बात नही है, ईडियट. मतलब पूरी बात नही है..मैं बस खुद को कोस्ती हूँ कि मेरी वजह से तुम्हारे साथ ये सब होता है."

अरुण ने कुछ नही कहा बस उसे पकड़े रहा. बाकी तीनो बहेनॉ भी उसके चारो तरफ आ गयी और कस के उन दोनो के गले लग गयी.

"मैं पहले भी बता चुका हूँ, और अब भी कह रहा हूँ. मैं तुम लोगो पर कभी आँच नही आने दे सकता चाहे उसके लिए मुझे कितनी भी मार खानी पड़े या मारना पड़े. और उपर से यू'आर दा ओन्ली सिस्टर्स आइ'हॅव गॉट."

तो उन लोगो ने अपनी पकड़ और मजबूत कर दी, फिर बाकी तीनो दोबारा अपनी जगह पर जाके बैठ गयी.

कुछ देर की चुप्पी को सुप्रिया ने तोड़ा. "तो अब ये बताओ..कि आख़िर किस तरीके से रोहन और रिया साथ मे सोएंगे?"

किसी के पास कोई जवाब नही था.

"मेरा आइडिया तो था कि पार्टी रखते हैं, हॉट टब मे फिर आँखो पर पट्टी बाँध देंगे." आरोही बोली.

"मैं क्या कहता हूँ, उससे सीधे ही क्यूँ नही पूछ लेते?" अरुण अपनी बात बोला.;

"नाइस आइडिया, चूतिए." आवाज़ ने गुस्सा होते हुए कहा

"व्हाट? क्या पूछेंगे अरे रोहन, क्या तुम अपनी बहेन के सेक्स करना चाहोगे? या तो वो समझेगा कि तुम बहुत ही गंदा मज़ाक कर रहे हो, या फिर तुम्हे मारने लगेगा."

"मैने पहले भी कहा था तू बस चुदाई कर सोचने का काम इन पर छोड़ दे." 

"आइ'हॅव अन आइडिया," सुप्रिया एक दम से एग्ज़ाइट होकर बोली. "पार्टी तो ठीक है लेकिन ब्लिंडफोल्ड्स की जगह हम लोग गेम रखते हैं..एनितिंग कॅन हॅपन इन दा हॉट टब...गेम."

"एक सेकेंड," अरुण एक दम से कुछ सोच के बोला. "हम लोग अभी तक सोच रहे थे कि रोहन रिया की तरफ अट्रॅक्टेड है. क्या होगा अगर उसने कभी रिया को उस नज़र से देखा ही ना हो, और हम लोग कुछ करवा रहे हो और गड़बड़ हो जाए."

सभी उसे देखने लगे कि आख़िर इसने ये बात सोची कैसे.

"फिर से हम लोग वही पर पहुच गये जहाँ से चले थे." स्नेहा बोली.

"नही आइडिया है ना. अरुण ने अभी कुछ देर पहले जो आइडिया दिया उसका क्या?"

"जिसके लिए तुमने इसकी बेइज़्ज़ती करी थी?" स्नेहा ने एक दम से पूछा.

"यस," आरोही ने सीधे सीधे जवाब दिया. "अरुण पार्टी मे रोहन को बताता है कि उसके मन मे अपनी बहनों के लिए अजीब ख़याल आ रहे हैं. अब रोहन नया दोस्त है, तो ज़्यादा से ज़्यादा वो गुस्से मे रिया को लेकर चला जाएगा, और अगर ये बात उसे अफेंड नही करती है तो अरुण कहेगा कि क्या रोहन उसकी हेल्प कर सकता है. आंड वी कुड होप कि रोहन भी कन्फेस कर दे कि उसके मन मे भी ऐसे ख़याल आते हैं. ऐसे फिर अरुण और ज़्यादा छोटे छोटे सीक्रेट उसे बता सकता है जैसे कि अरुण बताए कि उसने हम लोगो को पूल के साइड मे बिकिनी मे देखते हुए मास्टरबेट किया था."

सभी लास्ट लाइन सुन हँसने लगे. लेकिन फिर स्नेहा बोली.."दट'स आ नाइस आइडिया. इस तरीके से हमे उन्हे बेवकूफ़ बनाने के लिए ज़्यादा मेहनत भी नही करनी पड़ेगी और अगर कुछ गड़बड़ होने वाली होगी तो हम लोग हेल्प के लिए हैं ही."

अरुण ने एक आह भर ली, वो इन लोगो की होप नही तोड़ना चाहता था ये बताकर कि नयी दोस्ती मे लड़के एक दम से ऐसे सीक्रेट नही जाहिर करते.

"तुझे लगता है ये लोग कल बिकिनी पहनेंगी?"

"सीरियस्ली?"

"माना कि फुलप्रूफ प्लान नही है, लेकिन अभी तो यही बेस्ट लग रहा है," सुप्रिया बोली. "तो फिर कल चले शॉपिंग पर. और हम लोग पार्टी मे सबसे सेक्सी वाली बिकिनी पहनेंगे तो अरुण को हम लोगो को देखने मे आसानी होगी."

"ओह रियली?" आरोही ने पूछा और फिर सभी एक साथ हंस पड़े. स्नेहा फिर उठी और सबको किस करके अरुण के पास आई उसके होठों को चूमकर वो अपने रूम मे चली गयी. आरोही ने अपना सिर आगे बढ़ाया तो सुप्रिया ने उसका सिर चूम लिया फिर आरोही ने भी उसके गाल पर किस किया और दोनो अरुण और सोनिया को किस करके अपने अपने रूम मे चले गये.

"चले?" अरुण ने सोनिया से पूछा.

सोनिया ने पलटकर पूरे जोश के साथ उसके होठों को खुद के होठों मे क़ैद कर लिया. फिर जल्दी से वहाँ से कूदकर सीढ़ियों पर पहुच गयी.

"5 मिनिट्स." उसने बोला.

अरुण सोफे पर बैठे बैठे उसकी मटकती गान्ड को देखता रहा.

"5 को 10 कर देना." उपर से आवाज़ आई. 

10 मिनिट के लंबे इंतेज़ार के बाद अरुण जल्दी से उपर पहुचा और धीरे से रूम को खोला तो बस देखता ही रह गया.
सोनिया उसके बेड के किनारे खड़ी थी, उसके बाल साइड मे रिब्बन से बँधे थे, ब्लॅक कलर की नेग्लिजी, और चेहरे पर एक सेक्सी स्माइल.

"वाउ!"

"येआः..वाउ!"

"मुझसे बात मत कर चूतिए, वो देख रही है."

"ओह..माइ..गॉड" अरुण मूह खोल के बोला.

"हीही..कम हियर, लवर." सोनिया अपनी उंगली को हिलाते हुए बोली.

अरुण धीरे धीरे उसको नज़रो मे उतारते हुए आगे बढ़ा. आगे बढ़ने पर उसे पता चला कि सोनिया के हाथ मे एक कॅमरा भी था.

अपने होठों को सेक्सी तरीके से काट कर उसने कॅमरा को अरुण की तरफ बढ़ाया और आँख मार दी.

"आर यू शुवर?"

"आइ लव यू भाई. और मैं चाहती हूँ कि आपके पास हमेशा ऐसा कुछ रहे जो आपको मेरी याद दिलाता रहे. और जब आप क्लास मे उन बाकी सब होर्स के साथ हो तो आप मुझे इन तस्वीरों मे देख सकते हो. ये आपको हमेशा याद दिलाएगा कि घर पर मैं आपका इंतजार कर रही हूँ."

अरुण ने हंसते हुए कॅमरा को अपने चेहरे तक लाया तो सोनिया ने अपना हाथ अपने चूतड़ पर रख लिया और घुटने को मोड़ कर सेक्सी सा पोज़ देने लगी. अरुण ने एक क्लिक ली फिर दूसरी के लिए सोनिया और थोड़ा शिफ्ट हो गयी, फिर अपनी उंगली को काटते हुए, अपने होठों पर जीभ फिराते हुए, नाइटी खोलते हुए, हर पोज़िशन मे सेक्सी सी स्माइल.

"दिस ईज़ गुड, मॅन."

सोनिया मूडी और अपने चूतड़ को उसकी तरफ करके हिलाने लगी जब तक अरुण और पिक्चर्स खिचता रहा. उसकी जी स्ट्रिंक पैंटी से चिकने चूतड़ फ्लश की रोशनी मे दूधिया हो गये थे, जिन्हे देखकर अरुण का लंड खड़ा होकर उसे परेशान करने लगा.

सोनिया अपना एक हाथ पैर को सहलाते हुए अपनी गान्ड तक ले गयी फिर अपनी उंगली को पैंटी के उपर से ही चूत पर सहलाने लगी, लगातार फोटो खिचने की आवाज़ आती रही. फिर वो सामने बेड पर बैठ गयी और अपनी टाँगें आगे की तरफ खोल दी, और अब तक के सबसे सेक्सी लुक के साथ मूह मे उंगली रख के चूसने लगी.

"ओह गॉड,"

अरुण ने कॅमरा नीचे करके अपने लंड को ठीक किया फिर दोबारा कॅमरा उठाकर और क्लिक करने लगा.

सोनिया इधर उधर होकर, उसके लंड को झटके पर झटके देती रही. अरुण के लंड मे अब थोड़ा दर्द भी होने लगा था. वो दूसरी तस्वीर खिच रहा था तो सोनिया हँसने लगी.

अरुण ने कॅमरा नीचे करके पूछा.."व्हाट?"

उसने बस अपना सिर हिला दिया और उंगली को नीचे ले जाकर पैंटी को एक साइड मे कर दिया, अरुण ने देर ना करते हुए तुरंत ही एक पिक्चर ले ली फिर वो आँखें बंद करके अपनी चूत को रगड़ने लगी. अरुण आगे झुककर उसके दूधों से लेकर नीचे तक की क्लोसप पिक्स लेने लगा.

सोनिया ने अपनी फिंगर्स को चूत से हटाकर मूह मे रख के चूस लिया और अरुण के लंड की ओर देखकर हँसने लगी.

"नाउ, कम हियर," उसने कहा तो अरुण ने जल्दी से कॅमरा साइड टेबल पर रख के कपड़े उतारने लगा.

अरुण की जल्दबाज़ी देख कर सोनिया भी हंसकर अपनी पॅंटीस को उतारने लगी.

"अब यहाँ बेड पर लेट जाओ, लवर बॉय," जैसे ही अरुण के पूरे कपड़े उतरे उसने आदेश दिया.

अरुण जल्दी से कूदकर लेट गया, सोनिया ने साइड से कॅमरा उठाकर उसके पास फेक दिया,"और फोटो खिचना रोकने को किसने कहा?"
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01-25-2019, 12:45 AM,
#74
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
अरुण ने कॅमरा उठा लिया और उसके फोटो खिचने लगा. सोनिया उसके पैरो के पास झुक गयी और उसके घुटने को चूम लिया, फिर आगे बढ़ते हुए उसकी आँखो मे देखती रही और हर जगह पर चूमने लगी.

उसकी जाँघ से लेकर टाँगो के जोड़ तक उसने हर हिस्से पर अपनी छाप छोड़ दी और अपना हाथ आगे बढ़कर उसके गर्म लोहे जैसे लंड को पकड़ लिया. सोनिया अपना चेहरा लंड के उपर ले गयी और एक गर्म सास छोड़ दी, अरुण आह करके फोटो पर फोटो खिचता रहा. आँखों को बिना हटाए उसने धीरे से मूह खोला और लंड के सुपाडे को अपनी जीभ के साथ ही होठों के अंदर कर लिया.

अरुण ने आह भरके सिर पीछे किया तो सिर दीवार से "धड़" करके टकरा गया.

सोनिया अपनी हँसी रोक नही पाई और लंड को मूह मे रख रखे ही हँसने लगी. वो लंड को धीरे धीरे अपनी जीभ से सहलाती रही फिर एक दम से बाहर निकाल दिया,"कीप क्लिकिंग," ये कहकर उसने दोबारा लंड को मूह मे रख लिया और मसाज चालू कर दी.

अरुण ने कॅमरा को उठाया और उसकी नशीली आँखों का फोटो खीच लिया जो उसके मूह मे लंड होने की वजह से और नशीली हो रही थी.

"मुझे लगता है अब से ये मेरी फॅवुरेट है." आवाज़ ने अपना पुराना राग अलापते हुए कहा 

अरुण ने दोबारा आह भरी जब उसकी जीभ प्यार से रगड़ती हुई और अंदर चली गयी. अरुण से मस्ती मे कॅमरा संभालना मुश्किल हो रहा था.

सोनिया ने उसे बाहर निकाला फिर सास लेकर दोबारा पूरा का पूरा मूह के अंदर भर लिया, वो पिक्चर खिचने के लिए कॅमरा को संभालने की कोशिश करता रहा.

हर सेकेंड के साथ उसका लंड होठों से बाहर आता दिखता फिर अंदर चला जाता. अरुण ने अपने आप को संभालने के लिए अपने चेहरे पर हाथ रख लिया और फोटो खिचने लगा तो काफ़ी अच्छे फोटो आए, एक तकिया का, 2 सीलिंग के, और एक बेहतरीन ज़मीन का.

सोनिया ने हंस के लंड को छोड़ दिया और उसकी ओर देखके हँसने लगा. "आइ गेस जो मैं कर रही हूँ, वो पसंद आ रहा है."

अरुण ने धीरे से आँखें खोली तो वो धीरे धीरे अपने हाथ से लंड को सहला रही थी फिर लंड को किस करके वो उपर आ गयी.

"आइ जस्ट वांटेड टू थॅंक यू फॉर बीयिंग सच गुड ब्रदर आंड लवर. मैं बस आपका ख़याल रखना चाहती हूँ."

"यू'आर अन एंजल." अरुण उसकी आँखों मे देखते हुए बोला. सोनिया ने कॅमरा उसके हाथ से लेकर उसका फोटो खीच लिया.

फिर हंसते हुए उसने दोबारा लंड को मूह मे रख लिया. अरुण ने कॅमरा को साइड मे रख दिया और सोनिया पे ध्यान देना ठीक समझा. सोनिया उठी और अपनी चूत को सीधे उसके लंड के उपर ला दिया, फिर उसके कंधे पर हाथ रख के धीरे धीरे लंड को अंदर डालने लगी. जैसे जैसे लंड चूत मे समाता जा रहा था उसके हाथ अरुण के कंधो मे धंसते जा रहे थे. एक बार पूरा लंड अंदर जाने के बाद उसने जल्दी से उछलना शुरू कर दिया. हर इंच के साथ दोनो के शरीर मे चिंगारियाँ उठ रही थी और कुछ ही देर मे दोनो मस्ती के सागर मे डूबते हुए आहें भरने लगे. सोनिया को अपने अंदर उसका रस महसूस होने लगा और वो उसके उपर गिर कर अपनी सासें संभालने लगी.

अरुण ने उसको जल्दी से किस करना शुरू कर दिया, आज उसकी इच्छाएँ उसके शरीर को मजबूर कर रही थी, यही वजह थी कि लंड फिर से जल्दी ही खड़ा हो गया. अरुण ने उसे साइड मे लिटा दिया और उसके उपर चढ़ के उसकी उपर नीचे होती चूत पर लंड रगड़ने लगा.

"आपका अभी तक खड़ा कैसे है?" उसने पूछा फिर आँखें बंद करके किस का इंतजार करने लगी.

"तुम्हारी वजह से, सेक्सी," उसने कहा और किस करने लगा.

"प्लीज़ भाई, आइ वॉंट यू सो बॅड," उसने कहा. इतना ही काफ़ी था अरुण के लिए, उसने देर ना करते हुए दोबारा लंड को उस मखमली चूत के अंदर घुसा दिया. 

सोनिया मस्ती मे आह भरने लगी जैसे ही वो लोहे जैसे खड़ा और गर्म लंड उसकी कुलबुलाती चूत के अंदर गया. और हर धक्के के साथ उसकी चीखे तेज़ी से निकालने लगी.

********************

आरोही अपनी बेड पर लेटी हुई अरुण और सोनिया की प्यार भरी मादक आवाज़ें सुन रही है, जो उसके पास के ही रूम से आ रही हैं. इस वजह से उसकी आँखों से नींद कोसो दूर है. उसे उन लोगो के लिए खुशी है लेकिन उसकी काफ़ी इच्छा हो रही है कि वो भी उन लोगो के साथ ये पल व्यतीत कर सके. जहाँ तक उसे उम्मीद थी सोनिया उसे मना नही करेगी लेकिन फिर भी.

उसने मास्टर्बेटिंग के बारे मे सोचा. क्यू ना वो रोहन का नाम ले कर तेज़ी से मास्टरबेट करे और अरुण ये बात सुन ले तो उसे अच्छा सबक मिलेगा. लेकिन तभी उसे रियलाइज़ हुआ कि कितना स्टुपिड प्लान है क्यूकी उसके मन मे अरुण के अलावा और कोई ख़याल आ ही नही रहा था. वो बस ढंग से उससे चुदना चाह रही थी.

काफ़ी देर तक वो अपने बेड पर करवटें बदलती रही, फिर उसे दोबारा सोनिया की सिसकी सुनाई पड़ी, लेकिन साथ मे धक्को की धीमी आवाज़ भी आ रही थी.

"रेकॉर्ड बनाएँगे क्या दोनो?" उसने अपने आप से कहा.

वो सोचने लगी कि क्या बाकी लोग भी इन दोनो की आवाज़ें सुन रहे होंगे और तभी उसके मन मे एक आइडिया आया. वो बेड से जल्दी से उठती हुई और ताली बजाते हुए अपने रूम से बाहर निकली. वो बिना आवाज़ के अरुण के रूम के पास से निकली तो उसे दोबारा सोनिया के एक और ऑर्गॅज़म की आवाज़ आई.

"लकी बिच," उसने गुस्से से सोचा और धीरे से सीढ़ियाँ उतरती हुई स्नेहा के दरवाजे की तरफ जाने लगी.

दरवाजा हल्का सा खुला था तो उसे खोलने मे कोई दिक्कत नही हुई. अंदर स्नेहा अरुण की शर्ट मे अपनी टेबल पर बैठी नाइट लॅंप की रोशनी मे बुक पढ़ रही थी. उसका चंश्मा नाक पर था और बाल एक बुन मे बँधे हुए थे.

"ज़्यादा ही शोर हो रहा है ना, आज रात," उसने आरोही के अंदर आते ही पूछा. "कह भी क्या सकते हैं हम लोग, काफ़ी दिन हो गये उन दोनो को."

आरोही उसे देखती रही तो स्नेहा ने उसे बेड की ओर आने का इशारा कर दिया और खुद भी बेड पर आके बैठ गयी. उसका न्योता मिलते ही आरोही हंसते हुए एग्ज़ाइट होके दरवाजा बंद करने लगी और जल्दी से स्नेहा के साथ चादर के अंदर लेट गयी.

"कम ऑन बेबी गिर," स्नेहा उसे अपने पास करते हुए बोली. "अकेले तो नींद आने से रही, आज हम दोनो साथ मे सोएंगे." 

"हुउन्ह," आरोही उसकी महेक को अपने अंदर खिचते हुए बोली. "आप कितना अच्छा स्मेल करती हो, दी." कुछ देर बाद बोली.

"थॅंक्स, लेकिन आज तो मैने कोई पर्फ्यूम भी नही डाला." स्नेहा हंसते हुए बोली.

आरोही भी हंस पड़ी और दोबारा गहरी सास लेते हुए बोली. "नही, मेरा मतलब है कि आज सही मे आप बहुत ही अच्छी खुसबू दे रही हो," वो अपनी नाक को उसके क्लीवेज पर रगड़ते हुए बोली.

"ओह्ह..मैने अरुण की शर्ट पहनी है, स्वीटी." उसने कहा, फिर हंस पड़ी जब आरोही की नाक उसके निपल पर पड़ी.

"ओह," आरोही बोली,"तभी मैं इतनी एग्ज़ाइट हो रही हूँ. मेरे मन मे इस टाइम बहुत गंदे गंदे ख़याल आ रहे हैं, दी. यू कॅन'ट इमॅजिन." आरोही उसके दूधो को सूंघते हुए बोली.

स्नेहा भी अपनी छोटी बहेन के बालों को धीरे धीरे सहलाते हुए उसकी नाक का मज़ा लेती रही.

"तुम्हे पता है, जब तुम लोग अरुण को अपनी ज़िद छोड़ने पर मजबूर कर रहे थे तब हम दोनो ने इस बारे मे काफ़ी बात करी थी?" स्नेहा बोली.

"रियली?" आरोही उसके गाल को सहलाते हुए बोली. "क्या बातें हुई?"

आरोही का हाथ शर्ट के नीचे तक गया और अंदर घुस गया. निपल पर आरोही का हाथ पड़ते ही स्नेहा ने अपने होठ को दाँतों तले दबा लिया. आरोही की हरकत से स्नेहा की साँस तेज होने लगी. "वाह बस, इधर उधर..आ."

आरोही हंस पड़ी और अपना सिर उठाकर उसके होठों को धीरे से चूम लिया. "फोकस, दी" उसने निपल को दो उंगलियों के बीच दबाते हुए बोला. "युवर बूब्स आर सो नाइस."

"थॅंक्स, स्वीटी," स्नेहा दोबारा सिसकते हुए बोली. "ओह..यॅ...हम ने..बस..उःम्म..तुम्हारे बारे मे बात करी..ओह्ह..तुमने जो मेरे साथ किया..किचन मे..आह.."

आरोही ने स्नेहा की गर्दन पर हल्के हल्के चुंबन देना शुरू कर दिए थे.

"ओह, जब मैने आपके टेस्टी क्लीवेज को लिक्क किया था उस डफर को परेशान करने के लिए. अगर मेरी यादश्त ठीक है तो पिछली बार अपने मुझे बताया था कि आपको वो अच्छा लगा था और आप और ज़्यादा करना चाहती थी," आरोही उसके कंधे को शर्ट उठाकर चूमते हुए बोली.

"उःम्म्म, येअह..वही." स्नेहा बोली, उधर आरोही का हाथ उसकी कमर पर पहुच कर उसे उसकी तरफ खिच्ने लगा, फिर वहाँ से हटकर चूतड़ पर पहुचा और उसे मसल्ने लगा.

जैसे ही आरोही की उंगलियाँ उसकी चूत पर पड़ी स्नेहा ने कस के साँस भरी. उसे खुद भी पता नही चला तब तक उसके हाथ खुद ही शर्ट को उतार चुके थे. आरोही ने भी अपने हाथो से अपने टीशर्ट को उतार दिया. उसके हाथ बस टीशर्ट से निकलने ही वाले थे कि स्नेहा ने दोनो हाथो से उसे पकड़ लिया और अपने नीचे दबाते हुए नीचे कर दिया.

"माइ टर्न," स्न्हा उसके होठों पर किस करते हुए बोली, आरोही हंसते हुए अपने हाथ टीशर्ट से निकालने की कोशिश करने लगी. वो आसानी से स्नेहा पर हावी हो सकती थी लेकिन उसने इसके उलट स्नेहा को अपनी मनमानी करने दी. वो देखना चाहती थी कि स्नेहा किस हद तक जा सकती थी. वो स्नेहा की अरुण और सुप्रिया के साथ वाली हरकत से बिल्कुल अंजान थी.

तबसे तो स्नेहा बिल्कुल ही बदल गयी थी. वो उस मासूम, शांत पढ़ाकू स्नेहा से बहुत आगे निकल चुकी थी. 

उसने आरोही की गर्दन को चूमा जिससे आरोही हल्की हल्की आह निकलने लगी फिर नीचे बढ़कर दोनो दूधो को चूसने लगी. कुछ देर बाद ही उसके होठ आरोही की जांघों को चाटते हुए उसकी चूत के पास पहुच गये. स्नेहा ने अपनी गर्म साँस उसकी चूत पर छोड़ी तो आरोही कसमसाने लगी, उसे पता चल गया कि उसकी स्नेहा दी बिल्कुल ही बदल चुकी हैं. आरोही अपने हाथ छूटाने की बहुतेरी कोशिश कर रही थी कि तभी स्नेहा ने पलटकर अपना घुटना उसकी शर्ट पर रख दिया तो उसकी चूत आरोही के होंठो तक आ गयी, आरोही ने अपनी जीभ बाहर निकालकर उसकी चूत का स्वाद लेना चाहा लेकिन नाकाम रही.
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01-25-2019, 12:45 AM,
#75
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स्नेहा अंधेरे मे हंसते हुए उसकी इस मासूम सी कोशिश पर हँसने लगी. स्नेहा ने फिर से उसकी चूत पर हवा छोड़ी तो आरोही अपनी चूत को उपर उठाने लगी. स्नेहा ने फिर भी रहम नही किया और फिर से सिर्फ़ गर्म फूँक ही मार दी उसकी चूत पर और चूत के पास वाली खाल पर दाँत गढ़ा दिए.

"दी, प्लीज़..अहह." आरोही भीक माँगते हुए बोली,"आइ'म सो हॉर्नी...प्लीज़."

स्नेहा उसकी बात सुन हंस दी और इस बार जब आरोही ने अपनी चूत उपर करी तो छोटा सा प्यारा किस उसने चूत के बीचो बीच कर दिया. फिर अपनी जीभ को निकालकर लकीर पर फिराने लगी. पीछे उसकी टाँगें अब आरोही के मूह के दोनो तरफ थी तो आरोही ने भी देर ना करते हुए उसकी चूत को पूरा का पूरा मूह मे भर लिया तो स्नेहा ने अपनी टाँगें भिच ली. स्नेहा ने देर नही करी और जल्दी से जीभ से क्लाइटॉरिस ढूंड कर उस पर टूट पड़ी.

"दी, प्लीज़ ढीला करो,"आरोही अपने सिर को इधर उधर हिलाने की कोशिश करते हुए बोली.

"नोप," स्नेहा ने मना करके दोबारा अपनी जीभ को छेद मे घुसा दिया. उसने अपने हाथ को नीचे किया और आरोही के मूह मे 2 उंगलियाँ डाल कर गीली करी फिर उनही उंगलियों को उसकी चूत मे डाल दिया और जीभ से क्लाइटॉरिस को छेड़ने लगी.

"ओह्ह...गॉड,..प्लीज़," आरोही अपनी कमर बड़ी तेज़ी से हिलाए जा रही थी और स्नेहा की क़ैद से आज़ाद होने की कोशिश मे लगी थी. आख़िरकार उसका एक हाथ टीशर्ट से निकला तो उसने दूसरा हाथ भी छुड़ा लिया और अपनी ताक़त दिखाते हुए स्नेहा की कमर पकड़कर अपना मूह उसकी चूत मे घुसेड दिया.

"ओह..गोदडड़..." अब स्नेहा की बारी थी चीखने की जैसे ही आरोही की लसलसाती जीभ उसकी चूत मे अपना खेल दिखाने लगी और उसके बदन मे बिजली दौड़ने लगी. उसने दोनो उंगलियों को बाहर निकाला और अपनी बहेन के रस को चाट कर दोबारा अंदर डाल दिया और उसको ऑर्गॅज़म के करीब पहुचने लगी.

आरोही की जीभ अब थकने लगी तो उसने अपनी उंगलियों को खुद ही गीला किया और उन्हे काम पर लगा दिया.

***********************

"ओह्ह..गॉड..कितने हुए?" सोनिया ने पूछा जैसे ही उसके शरीर मे दोबारा एक और ऑर्गॅज़म की लहर दौड़ गयी.

"मैने गिना नही," अरुण बोला, उसका लंड अभी भी खड़ा हुआ था. "आइ थिंक, फाइव मेबी."

"मुझे खुद नही पता, इट वाज़ अमेज़िंग..हाहः..सो गुड." आवाज़ ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा

अरुण मुस्कुरा दिया लेकिन तुरंत ही उसे नीचे से हल्की सी सिसकी सुनाई दी. दोनो कुछ देर के लिए रुक गये और नीचे से आने वाली आवाज़ें सुनने लगे. एक और सिसकी के बाद सोनिया हँसी और दोबारा अपनी कमर हिलाने लगी.

"कोई नही है, बस हमारी दोनो बहने हैं, जिन्होंने शायद हमारी आवाज़ सुन ली और खुद पर काबू नही कर पाईं."

"वाउ," अरुण बोला,"हम लोग इतनी ज़्यादा तेज आवाज़ें कर रहे थे?"

सोनिया ने बस सिर हिला दिया और उसके धक्को का मज़ा लेने लगी.

"भाई, आपको पता नही है. आप इनसे काफ़ी तेज आवाज़ें निकालते हो. और सेम हैं सुप्रिया दी. इनफॅक्ट, आवाज़ से ही पता चल रहा है कि आरोही और स्नेहा दी हैं ना कि सुप्रिया दी के साथ कोई और. जब आप और सुप्रिया दी साथ मे होते हो तो जैसे भूकंप आ जाता है घर मे."

अरुण हंस दिया और अपने घुटनो के बल बैठ कर उसकी कमर को आगे खिच लिया और कस्के धक्के मारने लगा.

"आइ लव यू, भाई..अहहह" सोनिया बोली.

"आइ लव यू, टू." अरुण एक तेज धक्का मारते हुए बोला. एक और तेज सिसकी उन्हे सुनाई दी नीचे से.

**********

"डॅम इट!" सुप्रिया अपनी बिस्तर पर लेटी हुई उपर गुस्से से देखते हुए बोली.

अरुण ने उठाते हुए अंगड़ाई ली, खिड़की से आती सूरज की रोशनी उसके पास पड़े साए पर बिखर गयी. सोनिया के बदन पर अभी भी नाइटी थी, और उसके दूध अरुण के सीने मे धन्से थे. हाथ कंधे पर था और मूह गर्दन के नीचे. उसका लंड खड़ा हुआ था और उसकी चूत पर दस्तक दे रहा था. अरुण ने मुस्कुराते हुए हल्के से अपनी कमर हिलाई और अपनी आँखें बंद करके उसकी चूत का मज़ा लंड के उपर लेने लगा.

"घुसेड दे दोबारा.." आवाज़ ने अरुण को उकसाते हुए कहा

"सीरियस्ली, तुम कभी शांत नही होते क्या?" अरुण ने अपने मन मे कहा

"शांत? पी रखी है क्या? शांत जैसी कोई चीज़ नही होती." आवाज़ ने अरुण की हँसी उड़ाते हुए कहा

अरुण ने उसकी बातों को इग्नोर किया और हाथ को चादर के अंदर से निकालकर उसके चूतड़ पर रख दिया. अरुण ने उसकी आवाज़ की बात मानते हुए लंड को अंदर डालना शुरू कर दिया.

"यॅ. दट'स माइ बॉय."

इस हरकत से सोनिया जागने लगी तो उसने उसका माथा चूम लिया फिर नीचे बढ़ते हुए उसके होठों को भी चूमने लगा. थोड़ी सी हलचल के बाद ही उसका लंड फिरसे उसके अंदर था.

सोनिया ने आँखें खोलकर उसे देखा तो अरुण बहुत बड़ी स्माइल के साथ हंस रहा था, जिसे देख कर सोनिया भी हंस पड़ी और उठने की जगह अपनी कमर को गोल गोल घुमाने लगी.

"एम्म्म, गुड मॉर्निंग," उसने कहा और किस करने लगी.

"मैने सोचा सुबह की शुरुआत अच्छे काम से करूँ." उसने गर्दन को चूमते हुए कहा.

"ओह, थॅंक्स फॉर 'अच्छा काम'." सोनिया सिसकी लेते हुए बोली.

अरुण ने उसका इशारा मिलते ही अपने धक्को की स्पीड तेज करदी. सोनिया भी उसका साथ देते हुए तेज़ी से अपनी कमर हिलाने लगी. कुछ ही देर मे उसका पूरा शरीर काँपते हुए अरुण के उपर गिर पड़ा.

लगभग 20 सेकेंड्स तक उसके मूह से बस अरुण का नाम निकलता रहा फिर जाके वो शांत हुई.

"यू डिड्न'ट कम, डिड यू?" उसने सीने पर अपनी चिन रखते हुए पूछा. तो अरुण ने ना मे सिर हिला दिया.

"नो वरीस, आइ कॅन हेल्प दट." सोनिया हंसते हुए नीचे बढ़ने लगी. तो अरुण ने उसे रोक दिया.

"चूसने से भी तुझे दिक्कत है?"आवाज़ ने कहा

"हश" उसने सोचा.

"आइ थिंक मुझे अभी कुछ एनर्जी की ज़रूरत पड़ेगी, उपर से, सुप्रिया दी ने पक्का रात मे हम सबकी आवाज़ें सुनी होंगी, आंड इफ़ आइ'म राइट तो वो पक्का थोड़ा गुस्से मे होंगी."

सोनिया हंसते हुए आँखें बंद करके पिछली रात के कारनामे याद करने लगी.

"यू आर राइट," ये कहकर वो उपर से हट गयी और नीचे जाने लगी.

"लो हद हो गयी, चूतियापे की." आवाज़ ने गुस्सा होते हुए कहा

सोनिया नीचे बाथरूम की ओर जा रही थी तो खुद को रोक नही पाई और स्नेहा के रूम की ओर बढ़ गयी. उसने धीरे से गेट खोलकर देखा तो दोनो सुकून से सो रही थी.

आरोही स्नेहा की बाहों मे लेटी हुई सो रही थी. आरोही का मूह स्नेहा के निपल पर थी और किसी बच्चे की तरह कुछ कुछ देर मे वो अपनी जीभ से उसे चाट लेती. आरोही के चेहरे पर एक क्यूट सी स्माइल थी जिसे देख कर सोनिया के चेहरे पर भी एक मुस्कान आ गयी. उसने धीरे से दरवाजा बंद किया और बाथरूम मे चली गयी.

**********

जल्दी से शवर लेने के बाद अरुण कूदते हुए नीचे आया तो सोनिया टेबल पर बैठी मॅगज़ीन पढ़ रही थी और किचन मे सुप्रिया नाश्ता बना रही थी लेकिन उसके चेहरे पर गुस्से के भाव थे.

"आइ थिंक आज अच्छा दिन है, अपने सौदे को पूरा करने का." आवाज़ ने अरुण से कहा

"वेट आ सेकेंड, कैसा सौदा? ओह शिट." अरुण को शर्त की बात ध्यान आई तो उसने हाथ अपने माथे पर मार लिया.

"हः, मुझे पता था तू भूल गया होगा." आवाज़ ने अरुण से कहा

उसने फिर बिना बात करे सीधे पीछे से सुप्रिया को हग कर लिया और मुड़कर उसके होंठो पर किस करने लगा. सुप्रिया ने वापस किस तो किया लेकिन उसकी ओर नही देखा और किस के बाद दोबारा मूड कर अपना काम करने लगी. अरुण ने भी उसे छोड़ा नही और पीछे से उसकी गर्दन को चूमने लगा. 

"व्हाट आर यू डूयिंग?" सुप्रिया ने पूछा.

"मैं? मैं तो बस अपनी दी से थोड़ा प्यार कर रहा हूँ." उसने शर्ट के उपर से उसके दूध को दबाते हुए कहा.

"अपनी लवर के सामने ये करना प्यार नही होता, और दूसरी बात, आइ डोंट थिंक कि तुम्हारे पास मेरे लिए अब बिल्कुल भी ताक़त बची होगी, क्यूकी रात भर तुम्हारी आवाज़ से तो यही लग रहा था कि रात मे बहुत मेहनत की गयी है."

अरुण ने हंसकर उसे छोड़ दिया फिर कस के एक हाथ उसके चूतड़ पर मार दिया.

सुप्रिया मूड कर उसे गुस्से से देखने लगी. "आज मुझसे पंगे मत लो, अरुण. बहुत पछताओगे."

अरुण अपनी हँसी रोक नही पाया और पेट पकड़कर हँसने लगा.

सोनिया भी बाहर बैठी उनकी बातें सुन हँसी रोक रही थी. लेकिन फिर बात को संभालते हुए वो गेट पर आई. "दी, स्नेहा और आरोही दी की आवाज़ें भी थी. भाई अकेला नही था आवाज़ निकालने वाला."

"ओह, तब तो सब कुछ ठीक हो जाता है ना," उसने गुस्से मे पीछे मुड़ते हुए कहा.

"कम ऑन दी," अरुण अपने सिर को उसके कंधे पर रखते हुए बोला.

सुप्रिया ने उसे कनखियों से देखा और अपनी आइब्रोज से हटने का इशारा कर दिया.

"अगर आप इसी तरह करती रही, तो मुझे अभी आपको वॉशरूम मे ले जाकर मनमानी करनी पड़ेगी." अरुण बोला.

"ट्राइ इट आंड आइ विल फक यू अप." सुप्रिया उसे बेलन दिखाते हुए बोली.

अरुण ने दो पल उसे देखा और एक दम से उसे पकड़कर अपने से सटा लिया और किस करने लगा. कुछ देर तो सुप्रिया उसके सीने पर मारती रही लेकिन फिर वो भी साथ देते हुए किस करने लगी.

कुछ देर बाद उसने किस को तोड़ा और उसे देखते हुए वही खड़ा रहा. सुप्रिया भी मूड कर अपना काम करने लगी लेकिन मुड़ते वक़्त उसके चेहरे पर हल्की सी स्माइल थी.

उसने अपना मूह उसके कान के पास किया और कहा.."आइ प्रॉमिस दी, आइ'ल्ल मेक इट अप टू यू लेटर."

"यू बेटर." उसने मुस्कुराते हुए कहा.

"सी, फक हर नाउ. उसे खुद तेरी ज़रूरत है."

"नोट नाउ..डमबॉस्स."

सोनिया वही खड़े खड़े हँसने लगी और फिर जाके टेबल पर बैठ गयी. तब तक बाकी दोनो भी आकर टेबल पर बैठ गयी. सुप्रिया ने अरुण की हेल्प से टेबल पर नाश्ता लगा दिया.

"तो क्या आज पार्टी होगी?" सोनिया अपने चमकती आँखों से बोली.

सुप्रिया ने तीनो की शक्ल देखी तो तीनो के चेहरे चमक रहे थे यानी कि रात को सबने मस्ती की सिवाए उसके.

"स्योर, मैं भी चाहता हूँ ये रिया वाला किस्सा जल्दी ख़तम हो. क्या लाना है?"

"ओह, तुममे चलने की ताक़त भी बची है..वाउ!" सुप्रिया थोड़ा रुखेपन से बोली.

स्नेहा और आरोही दोनो हंस दी लेकिन अरुण बस मुस्कुराते हुए उसे देखता रहा.

सोनिया बोली,"दी आप और भाई क्यूँ नही चले जाते मार्केट साथ मे..आपको जो पसंद हो वो ले आना."

"मुझे कहीं नही जाना, किसी के साथ."

"दी, प्लीज़ ना, इतना भी क्या गुस्सा. और भाई ने कहा तो है कि ही विल टेक केयर ऑफ यू, लेटर." सोनिया हंसते हुए बोली. फिर बाकी सब के ज़ोर देने पर मान गयी. फिर सब साथ मे हँसी मज़ाक करते हुए नाश्ता करते हुए आगे का दिन प्लान करने लगे.

**********

आरोही ने अपना फोन बंद करते हुए सबको थंब्स अप का इशारा किया. "वो लोग आ जाएँगे, और किसी को भी बुलाना है?"

"और लोग होंगे तो सही रहेगा. और अगर अरुण अपने फ्रेंड्स को इन्वाइट कर ले तो हम लोग उनके साथ फ्लर्ट करके अरुण को जेलस भी फील करवा सकते हैं?" स्नेहा आँखें तरेरते हुए बोली.

"रियली? फ्लर्ट?" आरोही उसकी ओर देख के बोली.

"ऑलराइट? तेरी गुलामी आज से ही शुरू होती है?" आवाज़ ने खुश होते हुए कहा

अरुण कुछ देर सोचता रहा. "ओके? अभी से लेकर शाम तक. मंजूर?"

"यप."

"लेकिन एक रूल है. तुम मुझे फॅमिली से बाहर किसी को चोदने के लिए नही कह सकते."

"फक! तू तो हर चीज़ से मज़ा निकाल देता है. ओके फाइन! तू बस गुलाम बनाने के लिए तय्यार हो जा." आवाज़ ने अधीर होते हुए कहा

अरुण फिर अपनी सिस्टर्स की बातों पर ध्यान देने लगा जिन्होने अपने एक या दो फ्रेंड्स को बुलाने का डिसाइड किया था.

अरुण ने सोचा रोहित को भी बुला ले. वो वापस आ गया था वाकेशन से.

"पार्टी मेरे घर मे. यू इन?" उसने मेसेज किया.

"ओह यॅ." उधर से जवाब आया.

"2 3 बजे तक आ जाना, ओके." अरुण ने टाइप किया.

"रोजर दट. अरे निशा पूछ रही कि वो भी आ जाए क्या?" उसने अपनी बहेन की ओर इशारा करते हुए टेक्स्ट किया.

"व्हाई नोट..अब जल्दी आ जाना.बाइ." अरुण ने रिप्लाइ किया.

अरुण सोचने लगा कि बाकी सबको इस काम मे कितनी देर लगने वाली है. बस आरोही ही सबसे जल्दी ये मेसेज और कॉल वेल कम निपटाती थी. वो बिल्कुल उसी की तरह बात करती थी, शॉर्ट, स्वीट, तो थे पॉइंट. लेकिन बाकी तीनो तो पहले पूछेंगी कहाँ हो, क्या चल रहा है, इधर उधर की बातें फिर मुद्दे पर आना.

अरुण और आरोही दोनो ने बाकी तीनो की तरफ देखा तो तीनो फोन पर चिपकी बैठी चटर पटर कर रही थी, तो दोनो एक दूसरे को देख कर हँसने लगे.

काफ़ी देर बाद सबके फोन बंद हुए.

"आकांक्षा आ रही है." स्नेहा ने बताया.

"नैना भी" सोनिया बोली.

"मैने श्रुति को बुलाया है." सुप्रिया बोली.

"रोहित और निशा भी आ रहे हैं." अरुण बोला. "तो हो गये..11?" उसने पूछा.

"ट्वेल्व."

"तेरी गिनती नही होती, भाई." अरुण ने सोचा.

"ओह यॅ. राइट." आवाज़ ने कहा

"आइ थिंक..लेट'स सी..., अरुण, मैं, सुप्रिया दी, स्नेहा दी, सोनिया, आकांक्षा, नैना, श्रुति, रिया, रोहन, रोहित, निशा," आरोही उंगलियों पर गिनते हुए बोली. "ट्वेल्व डफर, खुद को गिना ही नही."

अरुण हंस पड़ा और सुप्रिया की तरफ देखने लगा. "चलें स्वीटी पिए." उसने पूछा.

सुप्रिया ने बनावटी गुस्से से उसे देखा फिर अपने रूम मे चेंज करने चली गयी. फिर बाहर आकर वो अरुण के साथ कार मे बैठ गयी. कार मे बैठते वो झुकी तो उसके दूध सॉफ सॉफ दिखने लगे.

"नो ब्रा, तूने देखा?" 

"हां भाई, देखा. काम डाउन."

आवाज़ को इग्नोर करते हुए उसने माल की तरफ कार मोड़ दी.

"यू ओके?" उसने चुप्पी तोड़ते हुए पूछा.

"आइ'म फाइन. आ लिट्ल.."

"तुमसे नही पूछा, यार."

"आइ'ल्ल बी फाइन, स्वीतू," सुप्रिया पहले की तरह खुश होते हुए बोलने की कोशिश करने लगी.

"आप रात मे आरोही या स्नेहा दी के पास जा सकती थी."

"आइ नो, मैं बस किसी को डिस्टर्ब नही करना चाहती थी." उसने विंडो से बाहर देखते हुए जवाब दिया.

"मुझे नही लगता किसी को प्राब्लम हुई होती." उसने मुस्कुरा कर कहा.

कुछ मिनिट बाद कार माल पहुच गयी.

"हाथ पकड़ ले." आवाज़ ने कहा

"सब देख रहे हैं, स्टुपिड."

"माइ डे, माइ रूल्स. अब पकड़." आवाज़ ने कहा

"शिट," अरुण ये सोचकर परेशान हो रहा था कि सुप्रिया इस बात से क्या मतलब निकालेगी.

वो अपनी साइड से उतरकर पॅसेंजर साइड आया तो सुप्रिया नीचे उतर कर अपनी ड्रेस सही कर रही थी. अरुण ने अपना हाथ आगे बढ़ाकर उसका हाथ थाम लिया. सुप्रिया ने चौंक कर उसकी ओर देखा.

"पागल हो गये हो क्या?" उसने पूछा, लेकिन हाथ पीछे नही किया.

"नोप." उसने सीधे शब्दो मे कहा. "आइ जस्ट वांटेड टू होल्ड युवर हॅंड्ज़." उसने कहा.

सुप्रिया मुस्कुरा दी और उसके साथ धीरे धीरे चलने लगी.

अंदर पहुच कर वो लोग ट्रॉली निकालने लगे.

"ओके. नेक्स्ट स्टेप. फ्लर्टिंग."

अरुण ने एक ठंडी आह भरी और ट्रॉली लेकर सुप्रिया को दे दी. फिर खुद उसके साइड मे आकर उसकी कमर मे हाथ डाले डाले चलने लगा.

पास वालो के लिए वो दोनो एक कपल थे जो अपने प्यार के संसार मे खोए हुए थे. काफ़ी सारे कपल्स अंदर बहस कर रहे थे, लेकिन ये दोनो बस एक दूसरे के प्यार के तले चले जा रहे थे.

सुप्रिया उसे देखकर मुस्कुराने लगी और उसके साथ चलती रही.

"अपना हाथ चुपके से उसकी पैंटी मे डाल, कुछ कर भाई."

"अगर मुझे जैल होती है, मैं कभी तेरी बात नही सुनने वाला," अरुण ने सोचा, लेकिन फिर क्यूकी शर्त थी तो जो कहा गया वो करने लगा.
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01-25-2019, 12:45 AM,
#76
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
वो लोग ग्रोसरीस की लाइन मे पहुचे तो वहाँ ज़्यादा लोग नही थे, 2 या 3 लोग ही थे. एक खाली लाइन मे पहुच कर सुप्रिया जैसे ही कुछ उठाने के लिए आगे झुकी अरुण ने उसकी ड्रेस के अंदर हाथ डाल दिया और पैंटी के अंदर उंगलियाँ डाल कर चूत को सहला दिया.

"व्हाट दा फक आर यू डूयिंग?" सुप्रिया ने एक दम से कहा और उसके हाथ को पकड़ने की कोशिश करने लगी.

"ष्ह्ह. आप बस समान पर फोकस करो." उसने धीरे से कान मे जवाब दिया. "मैं आप पर फोकस करता हूँ."

सुप्रिया एक डर और एग्ज़ाइट्मेंट के साथ आगे बढ़ने लगी. अरुण ने अपना हाथ और नीचे बढ़ाया और चूत की फांके उंगली से खोलकर उंगली को आराम से अंदर बढ़ाने लगा.

"तुम सही मे पागल हो गये हो," सुप्रिया खुद को सीधे रखते हुए धीरे से बोली.

"ओके हमें थोड़ा और मज़ा करना है. तो किसी तरीके से पैंटी निकाल लो."

वो लोग दूसरी लाइन मे मुड़े तो वहाँ भी कोई नही थी. उसी वक़्त अरुण ने उसे रोक दिया और जल्दी से हाथ डाल कर दोनो तरफ से पैंटी खीच कर नीचे कर दी.

सुप्रिया इस शॉक से उबर पाती उससे पहले ही अरुण घुटनो के बल बैठ गया और उसे सहारा देकर उसके पैर एक एक करके ज़मीन से उठा दिए और पैंटी को जेब मे रख लिया.

सुप्रिया उसका इंतजार ना करते हुए आगे आगे चलने लगी.

"इतनी जल्दी क्या है, दी." अरुण भागकर उसके पास पहुचा और बोला.

अरुण के हाथों ने दोबारा उसकी चूत को ढूँढ लिया और सुप्रिया बड़ी मुश्किल से लिस्ट पर कॉन्सेंट्रेट करके समान को निकालने लगी. ट्रॉल्ली मे समान आगे काफ़ी होने की वजह से कोई सामने से उनकी हरकत देख नही सकता था. पीछे से अरुण का चौड़ा शरीर काफ़ी कुछ छुपा रहा था. और साइड मे तो थी ही प्रॉडक्ट्स की लाइन. इन सब बातों को सोचते हुए सुप्रिया थोड़ा रिलॅक्स हो गयी.

अरुण ने उंगली को थोड़ा अंदर किया और बाहर निकाला तो सुप्रिया का रस बहने लगा.

"उंगली को इसके मूह मे डाल." आवाज़ ने अरुण से कहा

अरुण ने चूत के अंदर से उंगली निकाली और उसके होंठो के पास कर दी, जिसे देखकर सुप्रिया ने कस के अपना मूह बंद कर लिया और ना मे सिर हिला दिया.

"ओपन युवर माउत, स्वीटी पिए. आइ नो यू वॉंट टू टेस्ट इट."

हंसते हुए सुप्रिया ने एक दम से उसकी उंगली को मूह मे रख लिया और कुछ सेकेंड्स चूसने के बाद दोबारा वो उंगली उसके कपड़ो के अंदर से चूत मे चली गयी. अरुण ने आगे बढ़कर अपने लंड को जीन्स के साथ ही उसके चूतड़ पर रगड़ दिया.

"लगता है सिर्फ़ मैं ही हॉर्नी नही हो रही," सुप्रिया हंसते हुए बोली और उसके लंड का मज़ा लेने के लिए अपनी गान्ड को पीछे रगड़ने लगी.

कुछ लाइन्स तो वो लोग ऐसे ही मस्ती करते हुए समान ट्रॉली मे भरते रहे, एक लाइन मे सामने से बूढ़ा आदमी आ रहा था. दोनो मे से कोई भी अपनी हार नही मानना चाहता था तो दोनो मूह को सीधा रखते हुए चलते रहे. उस आदमी ने पीछे मूड के देखा तो हल्के से मुस्कुरा दिया.

"सामने स्टोर रूम मे घुस जा." आवाज़ ने अरुण को समझाया

अरुण ने उसे इशारे से स्टोर रूम मे जाने को कहा. सुप्रिया ने भी हंसते हुए हां कह दी और जल्दी से कार्ट को उधर ही बढ़ने लगी. दरवाजे पर पहुच कर दोनो ने चारो तरफ देखा, कोई नही था तो अंदर चला गया. अंदर पहुचते ही सुप्रिया सामने पड़े बॉक्स पर बैठ गयी और अपनी स्कर्ट उठाकर अरुण को अपनी गीली चूत दिखाने लगी. अरुण ने भी देर ना करते हुए बेल्ट खोलकर लंड को बाहर निकाल लिया.

दोनो एक पल का भी समय वेस्ट नही करना चाहते थे. और ये वक़्त था भी नही प्यार भरा सेक्स करने का. 

अरुण ने उसे पकड़ा और एक ही झटके मे लंड को चूत की गहराईयो मे पहुचा दिया. वो उसकी मजबूत बाहों को पकड़कर मज़ा लेने लगी, उसके पूरे चेहरे पर बाल बिखरे थे जो हर झटके के साथ इधर उधर हो रहे थे. उसकी चूत बस लंड को चूसने पर आमादा थी. उसने अपने हाथों से बालों को चेहरे से हटाया और अपने होठों को अरुण के होठों से जोड़ दिया. अरुण ने भी अपने हाथो को उसके नंगे चूतड़ पर रखा और गोदी मे उठाकर उपर नीचे करने लगा.

कुछ देर तक ऐसे ही चुदाई करने के बाद अरुण ने दोबारा उसे नीचे बिठाया और अगला धक्का लगाने ही जा रहा था कि सुप्रिया ने उसे हाथ दिखा कर रोक दिया. और दीवार से सट कर अपनी ड्रेस को कमर तक कर लिया और पीछे देखकर उसे नॉटी स्माइल दी.

"ओह माइ गॉड. ले ले.." आवाज़ ने अरुण को उकसाया

मुस्कुराते हुए अरुण उसके पीछे गया और पीछे से उसकी चूत मे लंड को डाल कर एक हाथ नरम चूतड़ पर मारा तो सुप्रिया की चीख निकल गयी. पाँच 6 धक्को के बाद ही सुप्रिया काँपति हुई झड़ने लगी. अरुण ने भी अपने अंदर ऑर्गॅज़म बनता महसूस किया तो और तेज़ी से उसके चूतड़ पर मार दिया.

"लंड को बाहर निकाल और उसे घुटनो पर बैठा दे." आवाज़ ने फिर से अरुण को कहा

अरुण ने बिना उसकी बात को टोके लंड को बाहर निकाल लिया और उसे पकड़कर घुमा दिया. सुप्रिया भी समझ गयी कि अरुण क्या चाहता है तो जल्दी से घुटनो के बल बैठ गयी और दोनो हाथो से लंड को पकड़ लिया. जीभ बाहर निकालकर उसने सुपाडे को चूसना शुरू कर दिया साथ मे हाथ से लंड की खाल को आगे पीछे करने लगी.

थोड़ी ही देर के बाद अरुण ने झड़ना शुरू कर दिया और सुप्रिया मुस्कुराते हुए उसके रस को गटाकने लगी.

"ओह्ह..गॉड..यअहह." अरुण बोला और पूरा का पूरा लंड उसके गले के अंदर उतार दिया.

पूरा का पूरा लंड चाटने और सॉफ करने के बाद सुप्रिया ने उसे देखते हुए आख़िरी किस देकर लंड को छोड़ दिया और अपनी उंगलियों पर लगे उसके वीर्य को चाटने लगी.

"मैने कहा था, आइ'ड फक यू अप," उसने आख़िरी बूँद को गटकते हुए कहा. फिर वो लोग जल्दी से कपड़े ठीक करके इधर उधर देख के निकल गये.
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01-25-2019, 12:45 AM,
#77
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
अरुण हँसने लगा ये देखकर. आरोही की रोहित से काफ़ी बनती थी. और ये भी सही था कि आरोही उसकी खटिया खड़ी कर सकती थी. और पहले भी काफ़ी बार आरोही ने उसे धूल चटाई थी. रोहित क्यूकी लड़की पर हाथ उठाएगा नही तो आरोही को ये एक फ़ायदा होता था. एक बार पार्टी मे जब नशे मे उसने ज़्यादा ही उल्टी हरकत करी थी जैसे कि उसके चूतड़ को पकड़ लिया था तब आरोही ने दो ही घुसो मे उसे नीचे गिरा दिया था.

और एक बार आरोही, निशा, अरुण और रोहित उसके फ्रेंड की पार्टी मे गये थे तो रोहित का दोस्त आरोही के साथ बात कर रहा था. क्यूकी रोहित ने ज़्यादा पी ली तो दौड़ता हुआ आया और अपने दोस्त के थप्पड़ मार कर कहने लगा कि मेरी बहेन से तमीज़ से बात कर. आरोही को लगा कि रोहित ज़्यादा नशे मे है तो एक पटखनी लगा कर नीचे गिरा दिया फिर सबके साथ घर ले आई. जिसके लिए अगले दिन रोहित और आरोही काफ़ी देर लड़ते रहे.

अरुण और रोहित कोल्ड्ड्रिंक ले ही रहे थे कि तब तक उनकी बहेन की फ्रेंड्स भी आ गयी. नैना भी अपना टॉप उतार कर अपने बड़े बूब्स ब्रा मे दिखाने लगी. 

"तुम्हारे भाई को दोबारा कपड़ो मे देखकर अच्छा लग रहा है." वो सोनिया के पास बैठते हुए बोली. सोनिया उस रात को याद करके हंस पड़ी.

"ओके, कोई मुझे बताएगा कि क्या हुआ..जल्दी." निशा दोनो से पूछने लगी.

अरुण और रोहित दोबारा अपना गेम खेलने लगे.

"हम लोगो ने अभी कुछ दिन पहले ऑल गर्ल्स पार्टी रखी थी, तो रात मे कोई अरुण के रूम मे घुस गया था."

"कोई?" नैना ने अपनी ड्रिंक का सीप लेते हुए पूछा.

"ऑलराइट, रिया," सोनिया ने झूठ बोल दिया. और जो स्टोरी बाकी सब को बतानी थी वो याद करने लगी. "वो हमेशा से अरुण को पसंद करती आई है. एनीवे, तो वो रात मे अरुण के रूम मे घुस गयी और उसके साथ कुछ करा होगा, जिसकी वजह से काफ़ी आवाज़ें आई और बाकी सब जाग गये. जब सभी लोग हॉल मे देख रहे थे कि आवाज़ कहाँ से आ रही है तो अरुण सीधा अपने रूम से भागता हुआ आया और सभी से टकरा गया."

निशा रोहित की तरह ही हँसे जा रही थी.

"और बेस्ट पार्ट, ही'स नेकेड. मतलब पूरे तरीके से नंगा, आंड अवेक, इफ़ यू फॉलो माइ मीनिंग," नैना ने उसे आँख मारते हुए कहा.

"तो जब वो नीचे आया, तो कहीं और जाने का रास्ता था नही. तो सीधे बॅकयार्ड मे आकर पूल मे कूद पड़ा और कुछ देर बाद भीगा हुए ही नंगा पूल से निकल आया."

"यॅ...नोट सो गुड डेज़." आवाज़ ने कहा

"और..उसकी नींद पर कोई फ़र्क़ नही पड़ा. व्हाट आ साइट, आइ कॅन टेल यू." नैना ड्रीमी आइज़ से बोली.

"हां. और फिर उसके बाद वो चुपचाप रूम मे चला गया." सोनिया ने अरुण को हंसते हुए देखकर कहा.

जा और नैना के चूतड़ पर कस के मार. आवाज़ ने अरुण हुकुम दिया

अरुण बेचारा माथा पीटने को हुआ लेकिन फिर बात मान कर बॉल लेकर उधर ही चलने लगा. नैना अपने पेट के बल लेटी हुई थी. अरुण ने उसकी चेयर के पास पहुच कर बॉल रोहित की तरफ फेकि और कस के उसके चूतड़ पर मार कर साइड मे भागने लगा.

हाथ लगते ही नैना एक दम से उछल पड़ी और उसके पीछे दौड़ने लगी.

"यू.." वो बस इतना बोलकर पीछे पकड़ने की कोशिश करने लगी.

बाकी सब ये देखकर हंस रहे थे. अरुण ने उसे ज़्यादा दौड़ना ठीक नही समझा और स्पीड कम कर दी. नैना जैसे ही उसके पास पहुचि, अरुण ने उसे पकड़ लिया और पानी के अंदर डाल दिया.

नैना हंसते हुए पानी से बाहर आई और अरुण को उंगली दिखाने लगी. "यू'आर गॉना पे फॉर दट, यू जस्ट वेट."

अरुण बस हंस दिया और वापस रोहित के साथ खेलने लगा. तभी दोबारा बॅकडोर खुला और रिया, रोहन, आरोही और श्रुति, सुप्रिया के पीछे पीछे आते दिखे. रोहन ने अरुण को हाथ हिलाकर हाई कहा और उसके पास आने लगा.

उधर आरोही अपने शॉर्ट्स और टीशर्ट को उतारने लगी.

"हाई, आरू. नाइस आस, बेब." रोहित ने आरोही को देखकर कहा.

आरोही ने उसे बिना देखे उसकी तरफ मिड्ल फिंगर कर दी. "ऐसे ही बोलते रहो, रोहित और दोबारा मार खाओगे रात होने से पहले ही."

"जब तक तुम्हारे सेक्सी हाथ होंगे, तब तक कुछ भी मंजूर है." रोहित बोला.

रोहन को थोड़ा अजीब लगा लेकिन वो भी अरुण के साथ हंस दिया और साइड मे शेड के नीचे जाकर बैठ गया.

"रोहन, रोहित. रोहित, रोहन. रिया का बड़ा भाई, आंड आरू की न्यू डेट."

"ओह शिट. आइ'म सॉरी, बडी. सीरियस्ली, आइ वाज़ जस्ट किडिंग. आइ लव आरोही जस्ट लाइक आ सिस्टर. हम बस एक दूसरे से मज़ाक मे ऐसी बातें करते हैं." रोहित ने तुरंत ही कहा.

"वेल, शी डज़ हॅव आ नाइस आस. हम लोग भी क्या कर सकते हैं?" रोहन ने सारी टेन्षन को ख़तम करते हुए कहा.

फिर वो लोग ऐसे ही अपने स्कूल और कॉलेज की बातें करते रहे. ऐसे ही धीरे धीरे शाम होने लगी. अरुण शाम तक जब भी मौका मिलता अपनी बहनों की तरफ ज़रूर देखता और ये बात रोहन भी नोटीस कर लेता लेकिन कहता कुछ नही. तभी आरोही उसके पास आई और कान मे बोली,"थोड़ा ढंग से ताडो, किसी को पता तो चले."

अरुण तो उनलोगो के साथ लड़कियों की साइड चलते हुए बातें करने लगा और बेजीझक उन्हे निहारने लगा. लेकिन उसे एक बात खटक रही थी, काफ़ी देर हो गयी आवाज़ नही बोली थी कुछ.

"मैं अभी नैना के दूधों मे खोया हुआ हूँ. नही, मतलब, सीरियस्ली, लुक अट दोज़ मॅसिव थिंग्स. मैं सोच रहा हूँ तुझसे कहूँ उन्हे एक बार तौलने के लिए." आवाज़ ने अरुण से कहा

उन तीनो की बातचीत मे कुछ कुछ देर एक दो कॉमेंट्स लड़कियों के बारे मे आ ही जाते. तीनो काफ़ी कंफर्टबल फील कर रहे थे अपनी अपनी बहेन के लिए कॉमेंट्स करते हुए, लेकिन थोड़ा ध्यान भी रख रहे थे.

"अरुण ने कल रात के बारे मे बताया?" रोहन ने रोहित से पूछा.

रोहित ने एक दम से अरुण की ओर देखा. "क्या? इसने किसी बुढ़िया के साथ सेक्स किया? अकेले? साले मुझे तो बुला लेता."

रोहन हँसने लगा और सिर हिलाते हुए पिछली रात का किस्सा बताने लगा.

"शिट यार, मैने भी बहुत दिनो से किसी को नही मारा." रोहित बोला.

अरुण अपना ध्यान अपनी बहनो की तरफ ही दे रहा था. तभी आरोही उठी और जानबूझकर उन लोगो के पास से गुज़री और अपनी गान्ड मटकाती हुई उन लोगो से दूर जाने लगी. तीनो की नज़रें उसकी गान्ड पर टिक गयी.

अरुण को लगा कि रोहन ने उसे अपनी बहेन की तरफ देखते हुए देख लिया है, लेकिन स्योर नही था, तो और देर देखता रहा. उसे अपने बारे मे अजीब फील होने लगा, कि किसी लड़के से खुद को पकड़वाना है वो भी अपनी ही बहेन को ताड़ते हुए.

आरोही पूल के किनारे खड़ी होकर स्ट्रेचिंग करने लगी.

"डॅम," अरुण बोला.

आरोही को देखकर बाकी लड़कियाँ भी पूल मे जाने की तय्यारी करने लगी. उधर अरुण के इस कॉमेंट पर तीनो मे खामोशी छा गयी और अरुण चाहने लगा कि रोहन या तो कुछ बोले या सीधा पूल मे कूद जाए. खैर फिर वो लोग दूसरी बातें करने लगे, और पूल से लड़कियों के खेलने की आवाज़ें आती रही. अरुण सोचसोचकर परेशान हो रहा था कि वो आख़िर ये बात शुरू कैसे करे रोहन के साथ.

तभी स्नेहा पूल से निकली और उसे इशारा किया. तो वो पास चला गया तो स्नेहा ने उससे स्नॅक्स लाने के लिए कहा और आँख मार दी. अरुण समझ गया कि स्नेहा के दिमाग़ मे कुछ चल रहा है. वो अंदर गया और स्नॅक्स और टॉपिंग्स ले आया. जो सुप्रिया ने अभी कुछ देर पहले ही तय्यार करे थे.

स्नेहा ने उससे रोल माँगा और सॉस ले ली. फिर प्लेट पर ज़रूरत से ज़्यादा सॉस लेकर रोल पे डाल ली और खाने लगी. और पहले की तरह पढ़ाकू स्नेहा बन के खाने लगी, जिसे इन चीज़ो के बारे मे जानकारी नही थी. अरुण ध्यान से उसे देखता रहा, और उसकी सास ही अटक गयी जब आज फिर से सॉस उसके होठों से बहता हुआ क्लीवेज पर गिर पड़ा. स्नेहा ने भी रोल ख़तम कर के अपनी उंगली से सॉस दूधो से उठा के मूह मे रख लिया. अरुण ने कनखियों से देखा तो रोहित और रोहन दोनो बस उधर ही देखे जा रहे थे. पड़ोस मे सोनिया बस अपनी हँसी रोके जा रही थी.

"ओह, गॉड.." अरुण बोला.

"व्हाट?" स्नेहा ने मासूम बनते हुए उसकी तरफ देखा.

सोनिया ने हंसते हुए टवल दी और उसके क्लीवेज की तरफ इशारा कर दिया. "ओह," स्नेहा ने बोला और अपना क्लीवेज सॉफ करने लगी.

"ओये अपनी बहेन को ताड़ना बंद कर और इधर आ." रोहित बोला.

"हां जैसे तू तो देख ही नही रहा था." अरुण उसके पास जाते हुए बोला.

"मैं देख रहा था, लेकिन वो मेरी बहेन नही है, मिया जी. मेरी खराब किस्मत." रोहित बोला, तो सभी हँसने लगे.

स्नॅक्स लेने के बाद अरुण पूल की साइड मे गया और अपनी टीशर्ट उतार कर स्ट्रेचिंग करते हुए सबको मसल्स दिखाने लगा. सभी लड़कियाँ पूल के अंदर से उसकी बॉडी को ताड़ने मे लगी थी. कुछ कनखियों से देख रही थी, लेकिन सोनिया, आरोही और नैना बिल्कुल भी अपनी आँखें उसकी बॉडी से नही हटा रही थी.

"हां, हो गयी मोडीलिंग, देख लिया सबने अब आप पूल मे कूदेन्गे," रोहित की तेज आवाज़ आई तो अरुण ने सबकी तरफ देखा तो तुरंत ही सभी की नज़रें अपनी प्लेट्स मे चली गयी. अरुण भी ज़्यादा देर ना करता हुआ पूल मे कूद पड़ा.

रोहित और रोहन भी जल्दी से पूल मे आ गये, पीछे से निशा, रिया, स्नेहा और आरोही भी. लड़कियाँ उनसे कुछ फीट दूर थी तो रोहित वहाँ तैरता हुआ गया और स्नेहा को उठाकर गहरे ताल की ओर फेक दिया. आरोही और निशा दोनो उसकी ओर बढ़े और आरोही ने आसानी से उसे पानी के अंदर खिच लिया.
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01-25-2019, 12:46 AM,
#78
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
रोहित पानी से निकला तो था आरोही के पैरो के बीच और उसको कंधे पर उठा लिया. आरोही ने भी उसके कंधे पर बैठे बैठे निशा को पानी के अंदर कर दिया.

अरुण हंसता हुआ हेल्प के लिए आगे बढ़ा और निशा को अपने कंधे पर बैठा लिया और रोहित और आरोही की तरफ बढ़ने लगा, जो रोहन को पानी मे डुबोने की कोशिश कर रहे थे. वो लोग अपनी कुश्ती मे लग गये. तब तक पूरा पूल सभी लोगो से भर गया और हर तरफ हँसने और चटर पटर की आवाज़ें आने लगी. स्नेहा और उसकी दोस्त आकाँशा ने सोनिया और नैना से हार मान ली थी.

लेकिन रोहित ने ये देखा तो आरोही को उठाए उठाए ही स्नेहा के गुदगुदी करने लगा, आकाँशा आरोही को गिराने की कोशिश कर रही थी. रोहित ने लेकिन उनका बॅकप नही देखा था जो तब देखा जब नैना ने आरोही को पानी मे खीच लिया. रोहित जल्दी से पानी के अंदर जाके दोबारा आरोही को अपने कंधे पर बिठाने लगा.

अरुण हंसते हुए निशा को रिया की ओर ले गया और निशा उसके गुदगुदी करने लगी. आरोही ने अपना मूह नीचे करके रोहित के कान मे कुछ कहा तो दोनो के चेहरे पर एक शैतानी भरी मुस्कान आ गयी. दोनो सोनिया और नैना की ओर बढ़े और गुदगुदी की जगह रोहित ने जल्दी से नैना का टॉप खोल दिया और आरोही ने सोनिया का. टॉप खुलते ही दोनो के दूध सबको नज़र आने लगे. रोहित तो बस नैना के सुडौल दूधों मे खो गया और नैना ने फ़ायदा उठाकर आरोही को आगे से पकड़लिया तब तक स्नेहा ने पीछे से आकर उसका टॉप भी खोल दिया.

रोहित अपने कंधे पर हुई हलचल से उसके दूधों से बाहर आया और नैना को दोबारा गुदगुदाने लगा.

अरुण और निशा ये देख कर हँसे जा रहे थे, तो रोहन और रिया चुपके से उनके पीछे आए, जिनके पीछे स्नेहा और आकांक्षा थे. जब अरुण रोहित की ओर बढ़ने लगा तो रोहन अपनी हल्की सी बहेन के साथ आगे बढ़ा और निशा का टॉप भी खोल दिया, जो बड़ी जद्दोजेहद से अपने दूध छुपाने की कोशिश करने लगी.

हंसते हुए रोहन ने पीछे से किसी को महसूस ही नही किया और तुरंत ही रिया का टॉप आकांक्षा के हाथ मे था. गेम ख़तम करते हुए निशा अपने टॉप की ओर तैरते हुए पहुचि और उसे पहनने लगी. नैना का कुछ और ही प्लान था, उसने अपना टॉप बाहर फेक दिया, तो सोनिया ने भी हंसते हुए उसका साथ दिया. चारो तरफ से तालियों ने उन दोनो का साथ दिया. आरोही और रिया ने भी हंसते हुए अपने टॉप्स बाहर फेक दिया. वो सभी निशा पर भी ज़ोर देने लगे तो उसने भी अपना टॉप बाहर फेकने पर मजबूर होना पड़ा.

"तुम मे से किसी को भी सनस्क्रीन की ज़रूरत है तो बंदा हाज़िर है." रोहित सबसे पानी की बौछार खाते हुए बोला. जैसे जैसे रात होने लगी वो लोग पानी मे ही कुछ गेम्स खेलने लगे. और थोड़े बहुत लोग घर को जाने लगे.

रात होते होते केवल, अरुण, रोहित, रोहन, निशा, स्नेहा, सुप्रिया, सोनिया, श्रुति, रिया और आरोही रह गये. सभी ने हॉट टब मे जाने का सोचा.

"मैं क्या कहता हूँ, एक रूल है. नो टॉप्स." सभी उसे गुस्से से देखने लगे लेकिन फिर मान भी गये. उपर से रात हो गयी थी तो उनके दूध इतने ज़्यादा दिखते भी नही. और अरुण की बहनों को वैसे भी प्लान को सक्सेस्फुल बनाना था तो इतना तो करना ही पड़ा.

रिया अरुण के पास ही बैठी. "पिछली बार याद है?" उसने पूछा.

अरुण हंसते हुए स्नेहा की ओर देखने लगा आफ़टेरल्ल वो रात उन दोनो के लिए स्पेशल थी. स्नेहा ने उसे स्वीट सी स्माइल दी और नैना के साथ बातों मे लगी रही.

"ट्रूथ आंड डेर." आरोही बोली और अरुण की ओर देखकर हँसने लगी.

"आइ डॉन'ट नो.." अरुण थोड़ा घबराते हुए बोला.

"अवव, कम ऑन.." सुप्रिया आँख मारते हुए बोली.

अरुण को तभी ध्यान आया कि उनका प्लान भी है.

"ओके, वी कॅन प्ले, लेकिन उससे पहले मुझे बियर लाने दो."

तीनो लड़के घर के अंदर जाके बियर ले आए और सबको एक एक बॉटल दे दी.

"ओके अब खेलना ही है, तो रूल्स पहले डिसाइड करो." अरुण अपनी बियर का सीप लेते हुए बोला.

"नो रूल्स," रोहित आगे बढ़ते हुए बोला. "तभी तो सबसे ज़्यादा मज़ा आएगा."

सभी ने एक बार अरुण की ओर देखा तो उसने कंधे उचका दिए.

"ही ईज़ अवर बेस्ट फ्रेंड."

"ऑलराइट, तो पहले कौन?" आरोही ने पूछा.

"तुमने गेम स्टार्ट किया तो पहले तुम." रोहित बोला.

"ऑलराइट, मेरे शेयर, ट्रूथ ऑर डेर?" आरोही ने रोहित से पूछा.

"डेर, कूडीए," रोहित अपने अंदाज मे बियर पीते हुए बोला.

"ओके, सकर, तुमने हम लोगो से टॉप्स उतरवाए ना तो डेर ये है कि अभी सबके सामने अपने ट्रंक्स उतारो."

आँखें घूमाते हुए रोहित खड़ा हो गया. "बस? इतना ही? अब कोई मुझसे जेलस मत होना, ये कहकर वो टब से बाहर निकला और ट्रंक्स उतारकर अपना सोता हुआ लंड दिखाया और वापस टब मे कूद पड़ा.

"उघ.." निशा बोली.

"मेरी प्यारी बहना, ट्रूथ ऑर डरे?" रोहित ने पूछा.

सास लेते हुए निशा ने कुछ देर सोचा. "खेलना ज़रूरी है?" उसने पूछा तो पानी के थपेड़े उसके उपर पड़ने लगे.

"निशा, मार खाएगी," आरोही बोली.

"ओके, ओके, फाइटर, ट्रूथ.." उसने कहा तो सभी अवव करने लगे.

"ओके, आइ हॅव सम्तिंग. पिछले साल की पार्टी मे तुम्हारे और पवन शर्मा के बीच कुछ हुआ था??"

अपना चेहरा छुपाते हुए निशा सिर हिलाने लगी.

"कम ऑन, निशा.." आरोही उसे चियर करते हुए बोली.

ज़ोर देने पर निशा ने हां मे सिर हिला दिया और अपने भाई को मिड्ल फिंगर दिखाने लगी.

"कुत्ते, बताया था कि आल्कोहॉल की वजह से हुआ," उसने कहा.

"ऑलराइट आरू," उसने कहा,"ट्रूथ ऑर डेर?"

"डेर," आरोही तुरंत ही बोल पड़ी.

"किस रोहन." निशा बोली.

आरोही ने ना चाहते हुए भी अरुण की ओर देखा, एक पल के लिए उसके चेहरे पर शिकन आ गयी थी. उसे पहले ही डर था कि ऐसा कुछ करने को कहा जाएगा. अरुण ने उसे आँखों से ही रिलॅक्स रहने का इशारा कर दिया. तो वो मुस्कुराते हुए रोहन की ओर बढ़ी और कुछ सेकेंड्स तक किस करके दोबारा अपनी जगह आ गयी.

चारो तरफ देखते हुए वो अपना शिकार ढूढ़ रही थी. "श्रुति दी," उसने अपने हाथ मलते हुए कहा.."डेर ऑर डेर," उसे पता ही था कि श्रुति वैसे भी डेर ही चूज़ करेगी.

"ह्म्म, टफ चाय्स, डेर," श्रुति बोली.

"रिया को किस करो," आरोही हंसते हुए बोली.

श्रुति को ऐसे डेर की आशंका नही थी, लेकिन कुछ पल सोचने के बाद उसने रिया को अपनी तरफ खीच लिया. "कम हियर, क्यूटी पिए," ये बोलकर उसने कस के रिया को चूमना शुरू कर लिया. एक मिनिट बाद पूरी तरीके से लाल रिया को छोड़कर उसने सुप्रिया को देखा.

"सुप्रिया?"

"ह्म्म, ट्रूथ." सुप्रिया बोली.

"ओह, तू तो गयी," श्रुति खुस होते हुए बोली. "तेरी लाइफ मे ये नया लड़का कौन है?"

"अवव शिट, अगर नही बताऊ तो पेनाल्टी क्या है?" सुप्रिया सोचते हुए बोली.

श्रुति कुछ देर सोचती रही कि सचाई बताने से ज़्यादा एम्बररासिंग क्या होगा.

"तुम्हे अरुण को किस करना पड़ेगा,"
श्रुति ने सोचा सुप्रिया तो मना कर ही देगी.

"ईज़ इट आ डेर ऑर ऑफर?"

कोई और रास्ता ना देखकर सुप्रिया आगे बढ़ी और अरुण को अपनी ओर खिचा. "ऐसे दिखाना जैसे हम ये पहली बार कर रहे हैं" उसने चुपके से कान मे कहा और जल्दी से किस करने लगी.

टब मे सभी के मूह खुले के खुले थे. कुछ सेकेंड्स के बाद सुप्रिया ने उसे छोड़ा और अपनी जगह पर बैठ गयी.

"सीरियस्ली? अब तो मुझे और तलब होने लगी है ऐसा कौनसा लड़का है तेरी लाइफ मे!"

"माइ सीक्रेट, युवर 'ट्रूथ', आंड युवर पेनाल्टी, वैसे भी अरुण एंबरस्स होते टाइम बड़ा क्यूट लगता है," सुप्रिया ने अरुण को आँख मारते हुए कहा.

अरुण बेचारा शर्म से लाल होते हुए अपनी जगह बैठने के अलावा कुछ नही कर सकता था.

"अरुण, ट्रूथ ऑर डेर," सुप्रिया डेर पर ज़्यादा ज़ोर देते हुए बोली. उसका क्लू समझकर, अरुण ने ट्रूथ चूज़ किया. वो अब ये गेम नही खेलना चाहता था.

"हम मे से किसी ने क्या कभी तुम्हे मास्टरबेट करते हुए पकड़ा है?" सुप्रिया ने बाकी तीनो बहेनॉ की तरफ इशारा करते हुए पूछा.

अरुण बेचारा सिर लटका कर बैठ गया. यहाँ भी उसे मात ही मिली थी. एक ठंडी आह भरते हुए अरुण ने पूछा,"पेनाल्टी क्या है?"

"तुम्हे रोहित को किस करना पड़ेगा?"

"यह तुझे गे बना के छोड़ेगी." आवाज़ ने कहा

"कभी नही," अरुण ने तुरंत ही डिसाइड करते हुए कहा. "यस, आरोही ने एक बार बाथरूम मे देख लिया था लेकिन ये बात आपको पता है क्यूकी उसी दिन अपने भी मुझे मेरे रूम मे पकड़ा था."

पूरा का पूरा हॉट टब ठहाको से भर गया और अरुण और शर्म से लाल होता गया.

"पकड़ा कैसे?" सोनिया ने हंसते हुए पूछा.

सिर हिलाते हुए अरुण ने जवाब देने से मना कर दिया.

"मैं बताती हूँ, ये किसी का नाम ले रहा था, वो भी तेज तेज," आरोही बात को छुपा नही पाई.

"ऊऊऊ," दो तीन लोगो की आवाज़ आई.

"कौन?" रिया, मन मे सोचते हुए कि उसका नाम हो. लेकिन ये बात सबको दिख रही थी.

अरुण तब भी अपना सिर हिलाकर कोई जवाब देने से मना कर रहा था. टॉपिक चेंज करते हुए उसने निशा से पूछा,"निशु, ट्रूथ ऑर डेर?"

निशा ने भी इस बार हिम्मत दिखाते हुए डेर चूस किया.

बदला लेने के लिए अरुण बिल्कुल तय्यार था. "आरोही के बूब्स को किस करो नही तो अपने भाई को किस करना पड़ेगा."

सभी एक दम से अरुण की ओर देखने लगी फिर निशा की तरफ.

"मुझसे क्यू नाराज़ हो? अपनी दुश्मनी थोड़ी ना है यार? प्लीज़ कुछ और दे दो, जैसे न्यूड डॅन्सिंग या वैसा कुछ?" निशा उसके हाथो पर मारते हुए बोली.

"रूल्स आर रूल्स," आरोही अपना सीना आगे की तरफ करते हुए बोली तो सभी हँसने लगे.

"डॅम इट, इधर आ जल्दी से." निशा रोहित की तरफ इशारा कर के बोली.

"ओह यस, ट्राइ टू कंट्रोल युवरसेल्फ, सिस." रोहित बीच मे आते हुए बोला.

"अगर तूने ये किसी और को बताया तो आइ'ल्ल किल यू, लिटरली," निशा बोली और कुछ सेकेंड तक किस करने के बाद अपने होठ पोछने लगी.

"टू गुड," रोहित आँखें बंद करके बोला. तो निशा के एक हाथ उसके कंधे पर पड़ा और वो उसे सहलाता हुआ अपनी जगह पर बैठ गया.

"अरुण, माइ डियर, ट्रूथ ऑर डेर?" निशा बहुत ही शैतानी के साथ बोली.
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01-25-2019, 12:46 AM,
#79
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
अरुण जान गया कि अब वो फस गया है. अगर उसने डेर चूज़ किया तो वो पक्का उसे रोहन को किस करने को कहेगी या फिर अपनी किसी बहेन के साथ कुछ सेक्षुयल. तो ट्रूथ. कोई और रास्ता ना देख कर उसने ट्रूथ ही चुना.

"तो किसका नाम ले रहे थे जब आरोही ने तुम्हे मास्टरबेट करते हुए पकड़ा?" आवाज़ ने कहा

"शिट." अरुण बोला. वो इस बारे मे बिल्कुल भूल ही गया था. "पेनाल्टी क्या है?" 

"दिक्कत क्या है? बता दे सबको. वैसे भी तो तू उसको चोदता है तो कौनसा छोड़ के चली जाएगी." आवाज़ ने कहा

"मेरी तरह तुम्हे आरोही के बूब्स किस करने होंगे," निशा बोली.

"शिट," अरुण आरोही की ओर देखते हुए बोला. उसने अपने हाथों मे अपना सिर ले लिया और सोचने लगा.

"कम ऑन, बडी, ऐसे कुछ नही होने वाला," रोहन बोला.

एक गहरी सास के साथ अरुण ने राज खोल दिया. "ओके ऑलराइट. मेरे मूह से एक पॉइंट पर "ओह सोनिया" निकल गया,"

"मुझे लगा तुम दोनो एक दूसरे से नफ़रत करते थे," श्रुति ने क्यूरियस होते हुए पूछा.

सोनिया ने कंधे उचका दिए. "पर्स्पेक्टिव चेंज, दी."

"अब खुश?" अरुण ने आरोही से पूछा. तो सभी हँसने लगे और सोनिया हंसते हुए उसे देखने लगी. "यू रियली साइड दट?"

"यस," उसने जवाब दिया,"पता नही कैसे आख़िरी पॉइंट पर तुम्हारी पिक्चर मेरे दिमाग़ मे आ गयी. आरू की बच्ची ने सुन लिया और तबसे इसे यूज़ करने के लिए बेचैन थी."

"फन्नी ये है, कि उस टाइम तुम दोनो एक दूसरे का खून करने को दौड़ते थे," आरोही अभी भी हंस रही थी.

"रियली?" सोनिया अपने भाई के लिए एंबॅरस फील करते हुए बोली.

"अवव, हेल बडी, मैने भी रिया को एक बार यही करते हुए देखा था." रोहन हंसते हुए बोल पड़ा.

"रोहन!" रिया चिल्लाती हुई उसके उपर कूद पड़ी और उसे मारने लगी. रोहन ने उसके पकड़कर अपने पास बिठा लिया.

"मैं एक दिन लेट आया. और उस दिन मोम बाहर गयी हुई थी. तो इसके रूम से बज़्ज़िंग की आवाज़ आ रही थी, मैने अंदर झाँका तुरंत ही ये बोल पड़ी,'ओह रोहन, यस'."

रिया का चेहरा शर्म से पूरा का पूरा लाल हो गया. "दट'स नोट फन्नी." वो शर्म से हंसते हुए बोली.

"और वो बज़्ज़िंग की आवाज़?" स्नेहा ने पूछा तो सभी उसकी मासूमियत पर हँसने लगे. स्नेहा को सच मे नही पता था कि वो किस की आवाज़ थी. सोनिया उसके पास आई और कान मे बोल दी. "ऊओ," उसने कुछ सेकेंड्स बाद कहा."ओह माइ."

"ओके, हम सबके कुछ डर्टी सीक्रेट हैं. इतने अजीब भी नही है ये बात. इनफॅक्ट, आइ'व गॉट आ डॅडी फॅंटेसी." 

"मेरी सिस के बूब्स देखें हैं?" रोहित बोला उसके बाद तो सभी दोबारा हँसने लगे और दोबारा उसके सीने पर हाथ पड़ा.

"हू'ज नेक्स्ट?" रोहन ने पूछा.

"अरुण, आइ थिंक." स्नेहा बोली.

अरुण चारो तरफ नज़रे फिराता रहा और रोहन पर आके रुक गया. "रोहन, ट्रूथ ऑर डेर?"

"आ, ट्रूथ," रोहन ने सोचकर कहा.

अरुण कुछ देर सोचता रहा फिर एक मुस्कान आ गयी उसके चेहरे पर.

"ज़्यादा स्मार्ट बनाने की कोशिश मत करना. तू चूतिया दिखेगा और सभी तुझ पर हंस रहे होंगे." 

अरुण ने उसे इग्नोर कर दिया. "तो तुमने अपनी बहेन को एंबॅरस किया और मुझे मेरी बहेन ने...तो क्या तुमने कभी तुम्हारे मन मे अपनी बहेन के लिए ऐसे ख़याल आए?"

सभी दोनो की तरफ ध्यान से देखने लगे. रोहन कोई जवाब सोच रहा था. "शुवर, आइ थिंक हर कोई एक ना एक बार तो सोचता ही है." रोहन ने असमततेरोफ्फकत की टोन मे बोल दिया.

रिया के चेहरे पर अजीब भाव थे. उसकी पकड़ अरुण पर ढीली हो गयी थी लेकिन उसका उपरी हिस्सा भी लाल था. रोहन उसी टाइम एक्सक्यूस माँग कर बाथरूम की तरफ चला गया. सुप्रिया तभी उठी और बोली कि रात बहुत हो गयी है और सबको वहाँ से हटने को कहा.

रोहन बाहर आया और बियर को उठाकर पीने लगा.

"अरे रोहन, रात काफ़ी हो गयी है. और हमारे घर का रूल है, ड्रिंक आंड ड्राइव नोट अलोड. तो आज रात यही रह लो." अरुण उसके साथ बियर पीते हुए बोला. तो जब वो लोग रुकने वाले थे तो कुछ देर और ट्रूथ ऑर डरे खेला और कुछ बियर पी. आधी रात तक गेम्स और ड्रिंकिंग चलती रही तो सभी अंदर चलने लगे.

सुप्रिया ने अपना रूम रोहन को दे दिया और खुद सोनिया के रूम मे चली गयी. रिया अरुण के रूम की ओर जा रही थी, तो रोहन ने उसे पकड़ लिया और सुप्रिया के रूम की ऑर ईशर किया,"नोट सो फास्ट, तुम बेड ले सकती हो, मैं फर्श पर सो जाउन्गा."

श्रुति गेस्ट रूम मे चली गयी. निशा और आरोही बातें करते हुए अपने रूम मे चली गयी. और अरुण अपने बेड पर और रोहन फर्श पर गद्दे पर सो गया. अरुण ने सोने से पहले उसके उपर चादर डाल दी.

एक बार नीचे जाकर उसने लॉक्स चेक किया फिर अपने बेड पर आकर तुरंत ही सो गया. 

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"मुझे यकीन नही होता, तुमने सबको वो बात बताई," रिया सुप्रिया के बेड पर बैठे हुए बोली.

"ऑ कम ऑन, रिया, इट वाज़ फन. किसी को कुछ याद नही रहने वाला. सभी तो बियर पी रहे थे." रोहन हंसते हुए बोला और अपनी टीशर्ट को उतार कर भीगे बॉक्सर्स भी उतारने लगा. कमरे मे अंधेरा था लेकिन रिया ने ये तो देख ही लिया कि वो नीचे से नंगा है.

"तुम यहाँ भी ऐसे ही सो जाओगे? दिस इस्न'ट अवर हाउस!"

रोहन ने नीचे देखा और कंधे उचका दिया. "कम ऑन, तुमने मुझे पहले भी ऐसे देखा है, उपर से मैने डोर लॉक कर दिया है. और सबसे मैं बात, मुझे क्या पता था हम लोग रात को रुकेंगे नही तो मैं एक और बॉक्सर नही ले आता."

"फिर भी," वो ध्यान से उसकी कमर की ओर देखते हुए बोली. उसे चादर की आवाज़ सुनाई पड़ी, फिर कुछ देर बाद चादर हिलने की आवाज़ आई और तुरंत ही सीलिंग फॅन चलने की आवाज़ आने लगी.

"रोहन, तुम्हे फर्श पर सोने की ज़रूरत नही है. आइ कॅन शेर वित यू. यू'रे माइ ब्रदर आफ्टर ऑल."

"पक्का ना? कोई दिक्कत नही है?" उसने ज़मीन से ही पूछा.

"यॅ, वैसे भी मुझे पता है तुम्हे ज़मीन पर नींद नही आती. कम ऑन," वो साइड मे होती हुई बोली. वैसे भी सुप्रिया का बेड काफ़ी बड़ा था कि आराम से 4 से 5 लोग अड्जस्ट हो सकते थे.

रोहन भी अपनी चादर लेके वहाँ आ गया और गेम्स और नंगी लड़कियों के बारे मे सोचते हुए सोने लगा. उसे काफ़ी खुशी थी कि वो आरोही के साथ डेट कर रहा था. रोहित भी काफ़ी सही लड़का था, फन्नी आंड ऑल. और उसकी बहेन के बूब्स भी मस्त हैं जस्ट लाइक आरोही. आख़िरकार ये सोचते हुए वो सो गया.

रात मे आरोही आई. वो उसके पास चादर मे घुस गयी तो उसे पता चला कि वो नंगी है. उसका नंगा बदन उसके साथ चिपकने लगा. उसे महसूस हुआ कि उसका लंड खड़ा होकर उसकी कमर छू रहा है. उसकी स्मेल बहुत ही अच्छी थी, और उसका अहसास बिल्कुल फूलों की तरह, ये सोचते हुए उसने अपने हाथ से उसे अपने करीब कर लिया. उसने भी अपने चूतड़ हिलाकर लंड को अपने पैरो के बीच कर लिया और उसके लंड को अपनी चूत पर महसूस करने लगी.

कसमसाते हुए उसने अपने चूतड़ को थोड़ा और हिलाया तो उसका लंड उसकी चूत के अंदर चला गया और दोनो की सासें भारी हो गयी. रोहन ने अपना हाथ उसकी कमर पर रखा और अपनी तरफ मोड़ दिया फिर उसके पैरो को थोड़ा खोलकर हल्के से लंड को अंदर डाल दिया. "चोदो मुझे," उसकी आवाज़ बिल्कुल धीमी थी. "ओह यअहह, अरुण चोदो मुझे.." उसकी आवाज़ उसके कानो मे पड़ी.

रोहन वही पर जम गया. उसने तुरंत ही आँखें खोली तो चौंक कर पीछे हट गया. उसे समझ ही नही आया कि वो सपना देख रहा है कि रियल लाइफ. उसने नीचे देखा तो अंधेरे मे एक साया अपनी कमर को उसकी कमर से जोड़े हुए थे.

"कम ऑन, फक मी," उसने दोबारा कहा. ये आरोही नही थी. हो क्या रहा है? उसने लंड को बाहर निकाल लिया.

"ओह्ह्ह, प्लीज़, रूको मत," एक विनती की आवाज़ आई.

"ओह शिट, हे भगवान," उसने दूसरी तरफ मूह करते हुए सोचा. ये तो रिया की आवाज़ थी. 'फक,' उसने सोचा.

उधर उसने महसूस किया कि वो उसकी तरफ मूडी और उसकी पीठ को सहलाते हुए लंड को पकड़कर उपर नीचे करने लगी.

"रिया, स्टॉप." रोहन ने कहा.

तुरंत ही दोनो रुक गये, कोई कुछ कहना नही चाह रहा था. आख़िरकार कुछ देर बाद रिया ने उसके लंड को छोड़ दिया लेकिन लंड उसी स्थिति मे रहा.

"रोहन?" उसने पूछा.

"सो जाओ, बस एक सपना था." रोहन बोला.

रिया कुछ देर शांति से वैसे ही लेटी रही. "रोहन." इस बार ये सवाल नही था. वो कन्फर्म कर रही थी कि ये रोहन था.

"रिया, सो जाओ. हम लोग इस बारे मे बाद मे बात करेंगे," वो बोला.

"रोहन, प्लीज़ इधर देखो." रिया ज़ोर देते हुए बोली.

"क्या है रिया," रोहन उसकी तरफ मुड़ा लेकिन उसने उसकी तरफ देखा नही.

"हमे कल नही, अभी बात करनी होगी," उसने कहा.

"इट वाज़ जस्ट आ मिस्टेक, रिया."

"क्या सच मे?" उसने पूछा.

"ऑफ कोर्स, यार. ये ग़लत है. यू'आर माइ सिस्टर."

"तो फिर मुझे ये सब अच्छा क्यू लगा, और मैं अभी तक एग्ज़ाइटेड क्यू हूँ?" उसने पूछा.

रोहन ने अपने आँखें बंद कर ली. "कम ऑन रिया," वो अपनी आँखो को मलते हुए बोला.

"कम ऑन व्हाट? कम से कम मैं सच तो बोल रही हूँ," उसने कहा.

"और मैं नही बोल रहा?" रोहन ने पूछा.

रिया ने खुद को उठाया और उसके सीने पर एक हाथ रखा और एक पैर उसके पैर पर रख दिया.

"तो बताओ कितनी बार तुमने मेरे बारे मे सोचा है? हमारे बारे मे सोचा है?" उसने पूछा.

"स्टॉप इट, आइ डोंट वॉंट टू प्ले गेम्स."

"रोहन, आइ'म नोट प्लेयिंग गेम्स," उसने कॉन्फिडेन्स से कहा. "मेरे मन मे तबसे तुम्हारे बारे मे ख़याल आ रहे थे जबसे मुझे अरुण और उसकी बहनों के बारे मे पता चला."

रोहन को कुछ समझ मे ही नही आया. 

"रिया, व्हाट आर यू टॉकिंग अबाउट?"

रिया ने अपना हाथ उसके पेट पर घुमाना शुरू कर दिया. "अरुण अपनी सभी बहेनॉ के साथ सेक्स करता है."

इस जवाब ने उसको हिला के रख दिया. "आर यू फक्किंग सीरीयस? आरोही के साथ भी?," उसने पूछा.

"हां," रिया बोली, और अपना हाथ गोल गोल घूमाते हुए उसके गुप्त अंगो की तरफ ले जाने लगी,"आरोही के साथ भी."

"दट'स क्रेज़ी," उसने कहा.

"ये वो कह रहा है जो अभी कुछ देर पहले अपनी ही बहेन के साथ वही कर रहा था, और दिख तो रहा है कि तुम्हे वो काफ़ी पसंद भी आया." उसने कहा और अपना हाथ धीरे से उसके लंड पर रख दिया. "देखो, तुम्हारा ये अभी तक खड़ा है."

"वो..अलग बात है," उसने कहा. "मैने वो जानबूझकर नही किया था. मैं तो सपना देख रहा था और मुझे लगा कि तुम आरोही हो."

"तो फिर तुम्हारा ये अभी तक खड़ा क्यूँ है?" उसने अपनी उंगली सुपाडे पर घूमाते हुए कहा. "कह दो, कि तुम्हे मज़ा नही आ रहा," उसने धीरे धीरे उसकी खाल को उपर नीचे करते हुए कहा.

"रिया.." वो बोलने की कोशिश करने लगा.

"रोहन," रिया उसका नाम लेके उसके उपर खिसकने लगी, उसका लंड उसकी चूत के बिल्कुल नीचे आ गया. "अगर तुम कहोगे तो मैं रुक जाउन्गी," उसने कहा.
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01-25-2019, 12:46 AM,
#80
RE: bahan ki chudai मेरी बहनें मेरी जिंदगी
रोहन अपनी आँखें बंद करके हिम्मत जुटा रहा था कि उसे अपने उपर से हटा सके. लेकिन फिर उसके मन मे आने लगा कि वो खुद यही चाहता था. 

उसने अपने हाथों से उसे दबा दिया और अपनी कमर हिलाकर लंड को चूत के अंदर दाखिल कर दिया.

"आइ'व ऑल्वेज़ लव्ड यू, बिग ब्रदर." उसने कहा और अपने होठ रोहन के होठों पर रख दिए. रोहन के हाथ उसके दोनो चुतड़ों पर चले गये और हल्का सा झटका देकर लंड को और अंदर डाल दिया.

"रिया ये ग़लत तो नही है ना?" रोहन ने पूछा.

"रोहन, बेबी, शट अप और चोदो मुझे."

रिया के मूह से ऐसी बात सुन के उससे रहा नही गया और उसने पूरा झटका देकर लंड को अंदर डाल दिया.

"युवर स्मेल सो गुड," उसने बहुत धीरे से कहा. रिया उसका सहारा लेकर उठी और दोबारा बैठ गयी, उसका लंड उसकी चूत मे रॉकेट की तरह मज़े की लहरे छोड़ रहा था जो दोनो को आनंद की एक नयी दुनिया मे ले जा रही थी.

रोहन के पास शब्द नही थे इस एहसास को बयान करने के. जितना कि उसे ये ग़लत लग रहा था उतना ही मज़ा भी दे रहा था. रिया की पूरी बॉडी उसे कब्ज़े मे लेना चाह रही थी, उसके हाथ कस्के उसे पकड़े हुए थे, उसके पैर उसके पैरो मे उलझे, उसके बाल रोहन के चेहरे पर लिपटे, उसके होठ रोहन की गर्दन पर और उसकी चूत उसके लंड को बस चूसे जा रही थी.

दोनो एक दूसरे के एहसास मे इतना खोए थे कि किसी ने दरवाजा खुलने की आवाज़ तक नही सुनी.

"ओह, रिया," रोहन ने कहा, और उसी वक़्त दरवाजा हल्के से बंद हो गया जो कि उसे फिर से सुनाई नही दिया.

"ओह, भाई, आइ'म कमिंग." रिया धीरे से बोली और अपनी कमर को बहुत तेज़ी से चलाने लगी, हर धक्के के साथ उसकी स्पीड तेज होने लगी. रोहन ने उसे कस के खुद से सटा लिया और धक्को की ताक़त बढ़ा कर उसे मज़ा देने लगा. 

रिया झड़ते हुए काँपने लगी, उसकी चूत पूरे तरीके से उसके लंड को अपने अंदर निचोड़ने लगी. उसने सास लेने के लिए मूह खोला. रोहन भी उसी टाइम झड़ने लगा और दोनो एक दूसरे को सासें देते हुए एक साथ झड़ने लगे.

फिर दोनो एक साथ बेड पर गिर पड़े, रिया अपने भाई के उपर ही गिर कर सो गयी.

********

आरोही निशा को संभालते हुए अपने बेडरूम मे ले गयी. निशा को कुछ ज़्यादा ही चढ़ गयी थी. आरोही ने उसे बेड पर लिटा दिया और सोचने लगी कि उसे टीशर्ट पहना दे या ऐसे ही नंगा सोने दी.

"छोड़ो," ये बोलकर वो खुद भी उसके पास बिस्तर पर लेट गयी. आँख बंद करते ही वो नींद के आगोश मे जाने लगी. नींद मे वो सपने देखने लगी लेकिन अरुण के नही. उसके सपने मे सुप्रिया थी. उसने सुप्रिया को बेड पर रस्सी से बाँध रखा था वो भी नंगा और उसके बदन पर पंख से गुदगुदी कर रही थी. उसने पंख को उसकी चूत पर रखा फिर उसकी चूत को मूह मे डाला.

सपना देखते देखते ही उसने अपने पास लेटी निशा के साथ छेड़खानी शुरू कर दी. निशा के दूधों को अपने हाथ मे लेकर वो उन्हे मसलने लगे. तभी उसकी आँख खुली और उसे रियलाइज़ हुआ कि वो किसके साथ ये सब कर रही थी. उसने तुरंत ही करवट ली तो कुछ समझ पाने से पहले ही धड़ से ज़मीन मे गिर पड़ी.

"ओह, शिट.." वो दोबारा बिस्तर पर चढ़ने लगी. लेकिन तभी उसके मन मे एक ख़याल आया.

सुप्रिया अपने रूम मे होगी. ये सोचकर वो धीरे से अपने रूम से होती हुई नीचे जाने लगी. जैसे ही वो उसके रूम के बाहर पहुचि उसने कमरे के अंदर से आह की आवाज़ सुनी, उसे लगा कि अरुण से रहा नही गया तो वो नीचे चला आया होगा. उसने मुस्कुराते हुए धीरे से दरवाजा खोला तो अंदर देखकर वही जम गयी.

"ओह, रिया," आवाज़ आई. ये तो अरुण की आवाज़ नही थी, उसे महसूस हुआ उसने तुरंत ही धीरे से दरवाजा बंद किया और अपने बेड पर आकर जो कुछ उसने सुना उसके बारे मे सोचने लगी. क्या उनका प्लान काम कर गया था?

********

अरुण अगली सुबह उठा तो कमरे मे बड़े तेज खर्राटे की आवाज़ गूँज़ रही थी. 

"ये तो बिल्कुल जानवर की तरह सोता है."

उसने साइड मे देखा तो उसकी कुर्सी पर आरोही मुस्कुराते हुए उसे देख रही थी. उसने उसी की टीशर्ट, और सिर्फ़ पैंटी पहनी थी. सुबह की वजह से उसके बाल बिखरे थे जो उसे और सेक्सी बना रहे थे.

अरुण ने पास पड़ी तकिया नीचे लेटे रोहित के मूह पर मारी, लेकिन कोई फ़र्क नही पड़ा.

"आइ हॅव सम न्यूज़, माइ डियर ब्रदर." आरोही ने उससे कहा.

अरुण तुरंत ही उसकी ओर देखने लगा. 

आरोही बिल्कुल ऐसे लग रही थी कि बस अगर उसने ये बात और देर पेट मे रखी तो पेट फाड़ कर बाहर आ जाएगी.

"प्लान वाज़ आ सक्सेस," उसने हल्के से ताली बजाते हुए कहा.

अरुण ने अजीब सा मूह बना लिया फिर उसे ध्यान आया कि वो किस प्लान के बारे मे बात कर रही थी तो उसका मूह खुलता चला गया.

"नो वे.." उसने कहा.

"यप," आरोही दाँत दिखाते हुए बोली. "मैं रात मे दी के कमरे मे गयी तो मैने एक आवाज़ सुनी. मैने सोचा तुम्हे ठरक चढ़ि होगी, तो मैने डोर खोलकर अंदर देखा. तो कोई "ओह रिया" बोला. मुझे पक्का तो नही पता लेकिन ये डफर तो यहाँ सो रहा है, और मुझे नही लगता तुम थे."

अरुण उसकी बात के बारे मे सोचने लगा.

"सीरियस्ली?" उसने पूछा.

आरोही ने हां मे सिर हिला दिया आंड मुस्कुरा दी. "अब हमारे पास भी रिया के खिलाफ हथियार है. अब अगर उसने तुम्हारे उपर डोरे डालने की कोशिश की तब मैं उसे बताउन्गी."

अरुण के चेहरे पर भी मुस्कान बढ़ने लगी. "मुझे नही लगता बात इतनी आगे बढ़ेगी अब?" उसने कहा.

इस बार आरोही कन्फ्यूज़ हो गयी. "व्हाट डू यू मीन?"

"देखो, अगर रोहन को 20% भी उतना मज़ा आया होगा जितना कि मुझे तुम्हारे साथ आता है तो वो दोनो कभी किसी और के साथ नही करने वाले. आइ थिंक वो तुम्हे मेसेज या कॉल से बता देगा कि यू गाइस डॉन'ट वर्क आउट या फिर कुछ और."

आरोही हंसते हुए आगे बढ़ी और अरुण के होठों को चूम कर बाहर जाने लगी.

"अरे, आरू," अरुण बोला,"मैं तुम्हारी उस बात के बारे मे सोच रहा था, वो बात मानने वाली."

आरोही हंस के उसे देखने लगी. "कुछ करने का आदेश है?" उसने हंसते हुए पूछा.

"स्टॉप दट," अरुण तुरंत ही बोला. "मैं ऐसा कुछ नही करने वाला, मैं बस सोच रहा था."

"जब कोई आदेश हो तो बता देना." आरोही अपनी गान्ड उसकी ओर हिलाते हुए बोली.

"आक्च्युयली," अरुण ने कहा. "एक चीज़ थी..अपनी पैंटी दो," उसने बिल्कुल ऑर्डर देने वाली टोन मे कहा.

मुस्कुराते हुए तुरंत ही आरोही ने अपनी पैंटी निकाली जो की वाइट कलर की थी वित पिंक हार्ट्स, बिल्कुल लड़कियों वाली. उसने वही से उसकी ओर फेक दी.

"यू कॅन गो," अरुण ने हंसते हुए कहा.

जाने से पहले आरोही आगे की तरफ झुकी और अपनी नंगी गान्ड उसे दिखाने लगी. "जैस आप कहे, मालिक." 

तुरंत ही खांसने की आवाज़ आई तो आरोही भाग खड़ी हुई. नीचे रोहित नींद मे खांस रहा था. कुछ देर बाद वो भी उठ गया.

"मुझे कोई मिली क्या?" उसने उठाते ही अंगड़ाई लेते हुए पूछा.

"नोप," अरुण ने कहा.

"चलो, तेरी बहने कहाँ हैं," रोहित ने हंसते हुए पूछा.

"कौन?" अरुण ने पूछा.

"कोई भी, मुझे तो कोई भी चलेगी." रोहित बोला तो तुरंत ही एक और तकिया उसके मूह पर पड़ी.

"जोक था, जोक.." रोहित कहते हुए नंगा ही बाहर चला गया.

"रोहित, बेशरम, कपड़े पहेन." निशा की तेज आवाज़ उसके कानो मे पड़ी.

फिर रोहित अंदर आके बॉक्सर पहेन के बाथरूम चला गया.

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