Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
07-11-2019, 12:38 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
करीब 10-15 मिनट बाद फुल मस्ती मे लंड ने पिचकारी मारना शुरू कर दिया ऑर सारा पानी दीदी के मुँह मे निकाल दिया,,दीदी ने पानी गले से नीचे गटक लिया ऑर लंड को अच्छी तरह चाट कर सॉफ कर दिया,,,जो थोड़ा बहुत पानी दीदी के लिप्स से बहता हुआ उनकी चिन पर आ गया था दीदी ने उंगली से उसको भी मुँह मे भर लिया ऑर एक भी बूँद स्पर्म की जाया नही होने दी,,,,,

चल अब उठ जल्दी से,,,,,अब तो ये भी सो गया हल्का होके आराम से,,,दीदी ने मेरे लंड की तरफ इशारा करते हुए बोला ऑर खुद उठके रूम से बाहर चली गई,,,,,,,

मैं भी उठा ऑर बाथरूम जाके फ्रेश होके तैयार हो गया,,,,दीदी ने नाश्ता बना दिया था ऑर हम लोग बाहर बैठ कर नाश्ता करने लगे,,,,

भाभी कहाँ है दीदी,,,,,,,,,,मैने नाश्ता करते हुए दीदी से पूछा,,,,

वो तो सुबह जल्दी ही चली गई सन्नी,,,,दीदी ने भी कॉफी का सीप लेते हुए बोला,,,,

अब वापिस कब आएगी भाभी,,,मेरा मतलब है दोबारा कभी आएगी चुदाई करने के लिए,,

वो दोबारा नही आएगी सन्नी तुझे तो पता है वो मजबूरी मे यहाँ आई थी,,,अब नही आएगी कभी,,,,वैसे तू क्यू दोबारा मिलना
चाहता है भाभी को,,,,,मज़ा आया क्या उनकी चूत मार कर,,,,,

हाँ दीदी बहुत मज़ा आया चूत मार के,,,,,,लेकिन अभी उनकी गान्ड नही मारी इसीलिए बेताब हूँ उनकी गान्ड मारने के लिए ,,,एक दम टाइट गान्ड थी उनकी,,,,देख देख कर ही लंड मे पानी आने लगा था,,,,,

हां ये बात तो सही बोली तूने सन्नी,,,,,,,,लगता है सूरज ने कभी गान्ड मे उंगली भी नही डाली होगी कामिनी भाभी की,,,एक दम टाइटगान्ड थी उनकी,,,,नकली छोटा लंड भी बड़ी मुश्किल से अंदर घुसा था,,,,,,लेकिन अब दोबारा कब आएगी ये नही बता कर गई भाई,, ऑर मुझे लगता भी नही वो दोबारा आएगी,,क्यूकी जिस काम के लिए आई थी वो तो पूरा हो गया,,,,

क्या बोल रही हो दीदी,,,,भला ऐसा हुआ है कभी जो चूत सन्नी के लंड का स्वाद चख चुकी हो वो दोबारा नही तडपे सन्नी के लंड को चखने के लिए,,,,,

ये बात तो बिल्कुल सही बोली तूने सन्नी,,,,,,,,हो सकता है वो दोबारा फिर मस्ती करने चाहे तेरे साथ,,,,,,,,,,लेकिन अब इन बातों को छोड़ ऑर जल्दी कर मुझे कॉलेज भी जाना है,,,,ऑर तूने भी तो जाना है,,,,,, अभी घर जाके हमें चेंज भी करना है,,,,,

तू घर जाके माँ को बोलना कि तू करण के घर से आ रहा था तो रास्ते मे मुझे भी बुटीक से लेता आया है,,,,इतना बोलते ही दीदी ने कॉफी कप टेबल पर रखा जो खाली हो चुका था,,,,मैं भी नाश्ता कर चुका था,,,,,

हम दोनो वहाँ से घर चले गये ,,,,,,,,,

घर पर सोनिया नही थी वो शायद कविता के साथ कॉलेज चली गई थी,,,,शोबा दीदी भी अपने रूम मे चली गई तैयार होने
मैं भी तैयार होके कॉलेज जाने के लिए नीचे आया तो नीचे माँ ने मुझे नाश्ते के बारे मे पूछा,,,,,

बेटा नाश्ता तो करता जा ,,,,,माँ नाश्ते की प्लेट हाथ मे लेके खड़ी हुई थी,,,,

माँ मैं नाश्ता करके आया हूँ करण के घर से,,,

इतना बोलके मैं जाने लगा तो माँ फिर से बोली,,,,,,,,,,,,,,,,आज कॉलेज जाना ज़रूरी है क्या,,,छुट्टी नही कर सकता आज,,,,,,,,,

मैं समझ गया माँ ऐसा क्यूँ बोल रही थी,,,लेकिन मेरा मूड नही था,,,,,,,,क्यूकी रात भर की चुदाई से मैं थक गया था,,,,,

नही माँ आज कॉलेज जाना बहुत ज़रूरी है,,,,,लेकिन हो सका तो जल्दी आ जाउन्गा,,,,मैने माँ को आँख मार दी ऑर माँ भी मेरी बात समझ कर हँस के मुझे देखने लगी,,,,,,,

मैं वहाँ से निकला ऑर कॉलेज चला गया,,,,

रास्ते मे मैने देखा कि करण एक लड़की को बाइक पर लेके जा रहा था,,,,वो मेरे पास से गुजर गया लेकिन उसने मुझे नही देखा,,लेकिन मैने उसको देख लिया था ऑर उस लड़की को भी,,,,वो लड़की वही थी जो उस दिन शिखा दीदी के साथ कॉलेज मे थी,,,,जिसको अमित ने धक्का देके नीचे गिरा दिया था,,,,,पहले सोचा कि इसका पीछा करूँ देखु ये कहाँ जा रहा है ऑर पता करूँ ये लड़की कॉन है,,,लेकिन बाद मे सोचा कि करण खुद ही मुझे सब बता देगा क्यूकी मेरा अच्छा दोस्त है,,,इसलिए मैं सीधा कॉलेज चला गया,,,,,,,,

बहुत थक गया था इसलिए क्लास मे नही गया ऑर कॉलेज की पार्क मे जाके बैठ गया,,,पेड़ के नीचे लेट गया ऑर आराम करने लगा,,रात भर सोया जो नही था,,,,,

अभी कुछ ही टाइम हुआ था आराम करते हुए तभी किसी कमिने की आवाज़ से आराम हराम हो गया,,,,,,,,,

क्या सन्नी भाई हमारी नींद हराम करके खुद आराम से सो रहे हो,,,,,,ये साला वही कुत्ता था,,,सुमित,,,,अमित का चमचा,,,,

अबे तेरे आराम को क्या हुआ है,,,,चारपाई मे ख़टमल है क्या तेरी,,,,,,,

उसने हँसते हुए मुझे देखा,,,,,साला हँसता हुआ भी कितना बुरा लगता था,,,अरे भाई जबसे आपकी वजह से अमित से पंगा लिया है उसने जीना मुश्किल कर दिया है मेरा,,,,रोज किसी ने किसी बता पे पंगा करता है,,,उसके साले भडवे दोस्त भी जीना मुश्किल कर रहे है मेरा ,,,,,,,,,,,,

पहले तो सोचा कि साले तू भी तो भड़वा था कभी अमित का,,,,जाके मर अब उसके हाथों,,,,,,,,,,,,,

क्यू क्या कहते है वो लोग तुझे,,,,,,,,,,,,,

अरे भाई क्लास मे भी तंग करते है,,,,कॅंटीन मे भी,,,,कहीं जीने नही देते मुझे,,,,कल मिलकर सबने ने बहुत मारा मुझे,,,,उसने अपनी टी-शर्ट उपर की ऑर पीठ पर मार के निशान दिखाने लगा,,,ऑर रोने लगा,,,,,,,,,,

साला इतना बड़ा होके लड़की की तरह रोता है,,,,कुछ तो शरम कर,,,,,,,

क्या करूँ भाई ,,जबसे आपका साथ दिया अमित के खिलाफ तब से रोज मरते है मेरे को,,एक दिन भी ऐसा नही जब किसी बता पे पंगा नही करते मेरे साथ,,,,

चल आज के बाद कोई हाथ नही लगाएगा तेरे को,,,,,

वो कैसे भाई,,,,,

अभी मैं बात कर ही रहा था कि करण भी वहाँ आ गया,,,,,

तू आज लेट क्यूँ आया है करण,,,,,,,,कहीं गया हुआ था क्या,,,,,,

हाँ भाई वो घर का कुछ समान लेके आना था इसलिए लेट हो गया,,,,,,,

करण ने मेरे से झूठ बोला,,,अभी साला लड़की के साथ घूम रहा था ऑर बोलता है घर का समान लेने गया था,,,मुझे अभी सुमितकी बातें सुनके अमित पर इतना गुस्सा नही आया था जितना करण का झूठ सुनके उसपे आया था,,,लेकिन मैं गुस्सा पी गया ,,,,

अरे इसको क्या हुआ है लड़की की तरह रो क्यूँ रहा है ये,,,,करण ने सुमित की तरफ उंगली करते हुए हँसते हुए मज़ाक मे बोला,,,,

कुछ नही करण भाई ,,,अमित ऑर उसके चम्चे तंग करते है इसको,,,,रोज किसी ना किसी बात मे पंगा करते है इसके साथ,,,,

सन्नी भाई ये भी तो उनका चमचा था कभी,,,अब क्या हुआ,,,,,

मैने करण को उस दिन की बात बोली जब सुमित ने अमित के खिलाफ हम लोगो का साथ दिया था,,,,,

ओह अच्छा इसलिए इसके दोस्त अब इसके दुश्मन बन गये है,,,,तो क्या हल निकाला इसकी परेशानी का सन्नी भाई,,,,

देखते है करण क्या होता है,,,चल कॅंटीन मे चलते है वहीं बैठ कर बात करते है,,,,

हम लोग कॅंटीन की तरफ जा रहे थे तभी मैने देखा कि अमित अपने कुछ दोस्तो के साथ खड़ा हुआ था,,,,मैं जान भूज कर
करण ऑर सुमित के साथ उसके करीब से गुजरा,,,,वो हम लोगो की तरफ देख रहा था ऑर ख़ासकर सुमित को गुस्से से देख रहा था,,,,

देख सुमित भाई आज के बाद तू सन्नी ऑर करण की गॅंग मे शामिल हो गया है,,,,अब अगर तुझे किसी ने हाथ भी लगाया तो उसको बोल देना कि तू हमारी गॅंग का बंदा है,,,,ऑर अगर इसके बावजूद भी किसी ने तेरे से पंगा किया तो हमको बोल देना,,,ऐसी माँ चोदेन्गे उस कमिने की सारी उमर याद रखेगा,,,,,मैं इतना सब गुस्से मे बोल रहा था ऑर अमित मेरी तरफ देख रहा था लेकिन वो कुछ बोला नही क्यूकी वो मेरे गुस्से से अच्छी तरह वाकिफ़ था,,,,वो तो उल्टा अपने दोस्तो एक साथ वहाँ से चला गया,,,,जब सुमित ने देखा कि मेरी बात सुनके अमित वहाँ से भाग गया तो वो बहुत खुश हुआ,,,,
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07-11-2019, 12:39 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
थॅंक्स्क्स भाई अपने मुझे अपनी गॅंग मे शामिल कर लिया,,,,अब अमित क्या कोई भी हाथ नही लगाएगा मुझे,,,,,थॅंक्स्क्स्क्स भाई

वो खुश होके बार बार मुझे थॅंक्स्क्स्क्स बोल रहा था,,,,,

अबे ऐसे नही ,,,कॅंटीन मे चलके थॅंक्स बोल ओर कुछ मुँह मीठा करवा अब तू हमारी गॅंग मे है,,,

हम लोग कॅंटीन मे चले गये,,,

देख सुमित तू अमित ऑर उसके दोस्तो से डरना छोड़ दे अब ,,,,,,उनको पता चल गया है तू मेरी गॅंग मे है अब तुझे हाथ नही लगाने वाले वो लोग,,,अब तो तू उसको डराना शुरू कर,,

वो कैसे सन्नी भाई,,,,,मैं अमित को कैसे डरा सकता हूँ,,,,,,

तभी मैने करण को आँख मार कर इशारा किया,,,,,,,,,,,,,,,करण भाई तू जाके ज़रा 3 कॉफी तो लेके आना,,,,करण भी मेरी बात समझ गया और वहाँ से चला गया,,,,लेकिन करण ने जाते ही मुझे भी इशारा किया दूसरे टेबल की तरफ,,,,मैने सुमित से आँख बचा कर सुमित के पीछे पड़े टेबल की तरफ देखा तो वहाँ अमित के 2 दोस्त बैठे थे,,,,वो लोग सुमित के पीछे थे इसलिए सुमित उनको नही देख सकता था,,,,ऑर मैने इसी बता का फ़ायदा उठाया ऑर अपनी गेम शुरू करदी,,,,,

देख भाई तूने बोला था ना कि अमित तेरे घर मे लड़कियाँ लेके जाता था,,,,,

वो गौर से मेरी बात सुनने लगा,,,,,,हाँ भाई लेके जाता था,,लेकिन अब नही ले गया काफ़ी टाइम से,,,,ऑर अब तो कभी लेके भी नही जाएगा,,

बात तो सुन चुप करके,,,,मैने हल्के गुस्से मे बोला,,,,,,

वो थोड़ा डर गया ऑर मेरी बात सुनने लगा,,,,,,

तेरे घर वो लड़कियाँ लेके जाता था,,,,फिर उनकी चुदाई करता था,,,,तूने बोला था कि अमित ऑर उसके दोस्त लड़की की वीडियो बना लेते थे फिर उसको ब्लॅकमेल करते थे ,,,

हां भाई करते थे,,,,,,,मैने खुद कयि बार देखी वो वीडियोस,,,,,

उन लोगो ने वो वीडियोस अपने मोबाइल मे ही रखी थी या कहीं ऑर भी है वो वीडियोस,,,,

वो थोड़ा डर गया,,,,,,भाई वो वीडियोस की सीडीज़ बना ली थी उन लोगो ने,,,ऑर अपने मोबाइल मे भी रखी थी वो वीडियोस लेकिन पोलीस के डर से मोबाइल से डेलेट कर दी वो वीडियोस,,,,

मोबाइल से डेलेट कर दी तो क्या हुआ सीडीज़ तो है ना अभी,,,,क्या तुझे पता है वो सीडीज़ कहाँ है,,,,,क्या तूने कभी वो सीडीज़ देखी है,,,,

हां भाई पता है,,,,,वो मेरे घर पर ही थी,,,,एक बॉक्स मे रखी हुई थी,,,,,

बॉक्स मे रखी हुई थी क्या मतलब,,,,,,,,,क्या मतलब रखी हुई थी,,,,,,,,,,,,अब कहाँ है वो बॉक्स ऑर सीडीज़,,,,,

भाई कुछ महीने पहले वो ले गया उस बॉक्स को ऑर सारी सीडीज़ को,,,,,

क्या तुझे पता है अब वो सीडीज़ कहाँ है,,,,

नही पता भाई,,,,,उस अमित एक पास ही होंगी,,लेकिन भाई आपको क्या करना उन सीडीज़ का,,,,,

अबे मैने कुछ नही करना ,,,मैं तो तेरे लिए बोल रहा था,,,,अब हर टाइम तो मैं कॉलेज मे नही रहता ना,,,अगर मेरे पीछे
से अमित या उसके दोस्तो ने तेरे से पंगा किया तो तू उनको सीडीज़ का डर दिखा पंगा ख़तम कर सकता था,,,अगर सीडीज़ तेरे पास होती तो तू उसको ब्लेकमेल कर सकता था,,,,,फिर कभी अमित या उसके चम्चे तेरे से कभी पंगा नही करते,,,,,मैं थोड़ा तेज बोल रहा था इतना तेज भी नही कि सारी कॅंटीन वालो को मेरी बात सुनाई दे लेकिन इतना तेज तो बोल रहा था कि सुमित के पीछे की टेबल पर बैठे अमितके चम्चे मेरी बात सुन सके,,,,,,

भाई मेरे पास नही है वो सीडीज़,,,उसने उदास होके कहा,,,,,,

फिर तेरा कुछ नही हो सकता,,,मेरे ऑर करण की गैर मोजूदगी मे अमित ने तेरे से पंगा ज़रूर करना है,,,,,

वो थोड़ा ज़्यादा डर गया,,,,,अब मैं क्या करूँ भाई,,,,,

देख तेरे पास एक ही रास्ता है तू अमित के पास वापिस चला जा ऑर उसके गॅंग मे शामिल हो जा,,,माफी माँग ले अमित से

क्यूँ भाई आपको मुझे मरवाना है क्या,,,,ऑर वैसे भी अभी उसके सामने आपने बोला कि मैं आपकी गॅंग मे हूँ,,,,

अबे उसको जाके सॉरी बोल ,,बोल कि तेरे से ग़लती हो गई,,,,तू तो बस ऐसे ही सन्नी ऑर करण के साथ हुआ है,,,,दिल से तू अभी भी अमित की इज़्ज़त करता है,,,,,कुछ झूठ बोलके उसकी गॅंग मे वापिस चला जा,,,,फिर बातों ही बातों मे पता कर कि वो सीडीज़ वाला बॉक्स कहाँ है,,,,ऑर जब वो बॉक्स तेरे पास आ गया तो तू अमित को अपनी उंगली के इशारे पर नचा सकता है,,,,,,,,

मेरी बात सुनके सुमित के चहरे पर हल्की खुशी आ गई,,,,आँखें चमक गई उसकी ,,,अमित को अपनी उंगली के इशारे पर नचाने की बात से ही वो खुश हो गया,,,,,,

देख अगर वो बॉक्स तेरे पास होगा तो अमित क्या कॉलेज का कोई भी लड़का तेरे से पंगा नही लेगा,,,,कॉलेज का लड़का क्या कॉलेज का कोई प्रोफेसर ऑर यहाँ तक कि प्रिन्सिपल भी डर कर रहेगा तेरे से,,,,,क्यूकी वो लोग अमित से डरते है ऑर बॉक्स की वजह से अमित तेरी मुट्ठी मे होगा,,,,,,,,,,,

मैं उसको आसमान पे पहुँचा रहा था बातों ही बातों मे ऑर वो पहुँच भी गया था,,,,,

इतने मे मैने देखा कि अमित के दोस्त वहाँ से उठ कर चले गये थे,,,,,,,,,,,ऑर करण भी कॉफी लेके आ गया था,,,,

फिर हम लोगो ने ज़्यादा बात नही की बस कॉफी पीने लगे,,,,,लेकिन सुमित को जो बातें बोली थी मैने वो काम कर गई थी वो तो खुशी से पागल हुआ जा रहा था यही सोच सोच कर कि अमित की वजह से सारा कॉलेज उसकी मुट्ठी मे होगा,,,,,,मेरा प्लान काम कर गया था,,,,,,

हम लोगो ने कॉफी ख़तम की ऑर वहाँ से बाहर चले गये,,,,,

अच्छा सन्नी भाई अब मैं चलता हूँ ऑर आगे के बारे मे सोचता हूँ कि अमित की गॅंग मे वापिस कैसे जाना है,,,उसकी बात सुनके करण थोड़ा परेशान हो गया,,,,,,,,,,

सुमित वहाँ से चला गया,,,,,,,,,

ये क्या बोल रहा था भाई ये वापिस अमित की गॅंग मे जा रहा है,,,ये पागल हो गया है क्या,,,,,

फिर मैने करण को सारी बात बताई,,,,,,,देख अमित को सज़ा देने का यही तरीका है,,,वो सीडीज़ सुमित के पास आए या नही आए लेकिन मेरा प्लान काम ज़रूर करेगा ऑर अमित ने जो कुछ किया उन लड़कियों के साथ ऑर तेरी बेहन शिखा के साथ उसको उसकी सज़ा भी ज़रूर मिलेगी,,,,,,,,,,

भाई ऐसे सज़ा मिले या नही लेकिन मैं अपने तरीके से उसको सज़ा ज़रूर दूँगा,,,,

कोनसे तरीके से करण,,,,कहीं तू फाइट तो नही करेगा दोबारा अमित के साथ,,,,,,,,,,

नही भाई फाइट से नही मैं तो प्यार से बदला लूँगा अमित से,,,,,,,,इतना बोलकर वो हँसने लगा,,,,,,,,,

मुझे कुछ समझ नही आया तू क्या बोल रहा है,करण,,,,,,,,,,,

भाई सब बता दूँगा लेकिन पहले ये बताओ अपने मेरा काम किया या नही,,,,

कॉन्सा काम करण,,,,,,,,,,,,

वही भाई आपने मेरे लिए किसी चूत का बंदोबस्त किया या नही,,,,,,,,,

नही यार अभी तक तो नही,,,,,लेकिन जल्दी ही कर दूँगा,,,,,,,,,,,,,लेकिन तूने बताया नही कैसी चूत चाहिए तेरे को,,,,

कैसे भी हो सन्नी भाई,, कुवारि लड़की हो भाभी हो या आंटी हो,,,कैसी भी हो लेकिन जल्दी करो मेरे से ऑर इंतजार नही होता,,बहुत दिल करता है कोई नई चूत लेने को,,,,
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07-11-2019, 12:39 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं पहले कहने तो लगा था कि एक चूत तो आज तू बाइक पे लेके घूम रहा था लेकिन मैं उसके मुँह से सब सुनना चाहता था,,,तभी मेरे दिमाग़ मे एक बात आई,,,सोचा क्यू ना इसको थोड़ा गुस्सा दिलाया जाए,,,,,साला लड़की लेके घूम रहा था ओर बोल रहा था घर का कोई काम था इसलिए लेट हो गया,,,,मेरे को तडपा रहा है अब इसकी बारी है,,,,,,

देख करण भाई एक चूत का बंदोबस्त किया है मैने लेकिन तुझे वो चूत पसंद आएगी या नही मैं नही जानता,,,,,,

अरे भाई मुझे सब चूत पसंद आएगी वो कैसी भी हो,,,,,,करण एग्ज़ाइट्मेंट मे बोल रहा था,,,,,कॉन है वो जल्दी बताओ भाई,,ऑर कहाँ है,,,,

पहले बता तू गुस्सा तो नही करेगा ना,,,,,,


अरे भाई आप मेरे लिए चूत का बंदोबस्त करो ओर मैं गुस्सा करूँ,,,,,,,,,,,,क्या मज़ाक करते हो,,,,,,जल्दी बोलो कॉन है वो,,,,

नही करण पहले बता तू गुस्सा तो नही करेगा,,,,,क्यूकी जो बात मैं बोलने वाला हूँ तू पक्का गुस्सा करेगा,,,,

अरे भाई नही करता गुस्सा लेकिन बताओ तो सही क्या बात है,,,,,

ठीक है बतता हूँ लेकिन यहाँ नही,,,,कहीं ऑर जहाँ तू ऑर मैं हो बस,,,,,,,

ठीक है भाई तो मेरी कार मे चलते है,,,,,,

मैं बोलने तो लगा कि साले लड़की को लेके बाइक पर घूम रहा था ऑर अब कार पर आया है कॉलेज,,,,

ठीक है चलो कार मे बैठकर बात करते है,,,,,,

हम लोग करण की कार मे बैठ गये ओर उसके कार स्टार्ट करके एसी ऑन कर लिया,,,,,,,,

जल्दी बोलो कॉन है वो भाई,,,,,मेरे से वेट नही होता,,,,,,

तू पहले बोल कि गुस्सा नही,,,,,,,,,,,,,,

नही करता मेरे बाप तू जल्दी बता क्यू तडपा रहा है,,,,

करण मैने तेरे लिए चूत का बंदोबस्त किया है,,,,ऑर ऐसी चूत का कि जिसको तू हर टाइम चोद सकता है बिना किसी डर के जैसे शिखा दीदी को चोदता है,,,,,,

मेरी बात सुनके करण बहुत ज़्यादा खुश हो गया,,,,,,कॉन है वो भाई जल्दी बोलो,,,,,

मैं अलका आंटी यानी तेरी मोम की बात कर रहा हूँ,,,,,,

ये क्या बकवास कर रहा है तू सन्नी ,,,,,करण पूरे गुस्से मे बोला,,,,,,,,तुझे पता है तू क्या बोल रहा है,,,,तू होश मे तो है
वो मेरी माँ है,,,,,,,,



मैं जानता था तू मेरी बात सुनके गुस्सा करेगा इसलिए नही बता रहा था मैं तेरे को,,,,वैसे तूने ही बोला था चूत किसी की
भी हो तुझे कोई फ़र्क नही पड़ता,,,

गुस्सा नही करूँ तो क्या करूँ सन्नी भाई ,,,तू एक बेटे के सामने उसको उसी की माँ के साथ,,,,,,,,,मुझे तो बोलते टाइम ही शरम आती है ऑर तू कहता है मैं गुस्सा नही करूँ,,,,,चूत किसी की भी हो लेकिन मेरी ही माँ की ,,,,,,,,,,,,,,,,करण फिर चुप कर गया,,,,,

तब शर्म नही आई थी जब अपनी ही बेहन की चुदाई की थी तूने,,,,,ज़रा सोच जब तेरी बेहन का मुँह बेडशीट से कवर किया हुआ था' ऑर तू उसकी चुदाई कर रहा था तब तुझे पता चला था कि नीचे लेटी हुई लड़की जिसकी तू चूत मांर रहा है वो तेरी बेहन है,,,,अगर उस टाइम तेरे नीचे तेरी बेहन की जगह तेरी माँ होती तब भी तुझे कुछ पता नही चलता,,,,तू बस मस्ती से चुदाई करता उसकी,,,,

ऐसा मत बोलो सन्नी भाई,,,वो मेरी माँ है

जानता हूँ वो तेरी माँ है तभी बोल रहा हूँ,,,,,कभी तूने उसके बड़े बड़े बूब्स नही देखे,,उसकी मस्त ऑर मोटी गान्ड नही
देखी,,,,उसका भरा हुआ बदन नही देखा,,,,,क्या तेरा दिल कभी नही किया अपनी माँ को चोदने को,,,,

वो थोड़ा चुप हो गया,,,,

देख करण मेरे भाई,,,,अगर तेरी माँ भी तेरे से चुदाई करना शुरू कर देगी तो सोच ज़रा कि तू अपने ही घर मे अपनी बेहन
शिखा को जब दिल करे तब चोद सकता है,,,,ना कोई टेन्षन ना कोई डर ओर तो ऑर तेरी माँ भी तुम दोनो के साथ होगी चुदाई के खेल मे,,,,

करण चुप रहा कुछ नही बोला,,,,,,

देख भाई मैं इसी चूत का बंदोबस्त कर सकता था ऑर किसी चूत का बंदोबस्त नही कर सकता,,,,,

तभी करण एक दम से बोल पड़ा,,,,,,,,,,,,,,क्या तू अपनी माँ को चोद सकता है,,,क्या तू उसको मना सकता है चुदाई के लिए ताकि तू भी अपनी बेहन शोबा को जब दिल करे तब चोद सके,,,,बोल क्या तू ऐसा कर सकता है,,,,,,

मैने सोचा कि अब इसको क्या बोलू कि मैं तो पता नही कब्से अपनी माँ की चुदाई कर रहा हूँ,,,,

हाँ मैं कर सकता हूँ,,,मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता मेरे सामने मेरी बेहन की चूत हो या माँ की ,,,,वैसे भी मुझे तेरी माँ
की तरह अपनी माँ भी बहुत सेक्सी लगती है,,,,,,,,,,तेरी माँ की तरह मेरी माँ भी बड़े बड़े बूब्स ओर बड़ी गान्ड की मालिक है ,,जिसको देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता है,,,वैसे मेरे घर मे ऑर भी लोग है ,,,मैं अपनी माँ को मना भी लूँगा तो भी शोबा की चुदाई जब दिल करे तब नही कर सकता,,,लेकिन तेरे घर मे तो तेरे ऑर तेरी माँ के अलावा कोई नही है,,,तूने तेरी माँ को मना लिया तो हर टाइम चुदाई का मज़ा ले सकता है तू वो भी बिना किसी डर के,,,,,

मेरे से मेरी माँ की चुदाई की बात सुनके उसका मुँह खुला का खुला रह गया,,,,,,क्या तू सच मे अपनी माँ के बारे मे ऐसा सोचता है

हाँ करण,,ऑर क्या तू नही सोचता,,,खा अपने लंड की कसम कि तुझे तेरी माँ की मस्त गान्ड अच्छी नही लगती,,,,या तुझे मेरी माँ के बड़े बूब्स अच्छे नही लगते,,,,,

वो चुप हो गया,,,,,कुछ नही बोला,,,,,

बोल ना जवाब दे मेरी बात का,,,,क्या तेरा दिल नही करता तेरी माँ को चोदने का ,,क्या तुझे बड़ी गान्ड वाली लॅडीस अच्छी नही लगती जैसे तेरी माँ ऑर मेरी माँ,,,,,,,,,,,

लगती है भाई,,,,,,लेकिन डर भी लगता है,,,,,,,,,वो अपनी माँ है,,,,,चुदाई का दिल करे तो भी हिम्मत नही पड़ती,,,,

उसकी बात सुनके मैं खुश हो गया कि ये तो उतर गया बॉटल मे,,,,,

डरने की कोई बात नही करण ,,,,,,बस हिम्मत से काम लेना होगा,,,,ऑर सच बता तेरा दिल करता है क्या तेरी माँ ऑर मेरी माँ को चोदने का ,,,,,,,वैसे तुझे बता देता हूँ कि मेरा तो बहुत दिल करता है,,,,,,मेरी माँ मुझे अभी बोले तो मैं नंगी करके गान्ड मारनी शुरू कर दूं उसकी,,,,,,तू बता तेरा दिल क्या करता है,,,,,,

मेरा भी बहुत दिल करता है सन्नी भाई,,,,,,,,,,जब भी अपनी माँ को देखता हूँ तो मस्ती मे लंड खड़ा होने लगता है लेकिन ऐसा पहले कभी नही हुआ लेकिन जबसे शिखा दीदी को चोदना शुरू किया है तबसे माँ की मस्त गान्ड अच्छी लगने लगी है,,,,मैं तो कई बार मूठ भी मांर चुका हूँ माँ के नाम की ऑर कयि बार शिखा को चोदते टाइम सोचता हूँ कि मेरी माँ है शिखा की जगह जिसको मैं चोद रहा हूँ,,,,,,,,,,,,,,,वैसे ही मुझे तेरी माँ सरिता आंटी भी अच्छी लगती है,,,,उनके बारे मे भी सोच सोच कर बहुत मूठ मारी है मैने,,,,

साला तू तो बाद कमीना है मेरी तरह,,,,,,,,,,,,,,तो चल ठीक है तू आज से तेरी माँ को पटाने की कोशिश कर ऑर मैं मेरी माँ को

नही भाई मुझे बहुत डर लगता है,,,ना मैं आपकी माँ को पटा सकता हूँ ना अपनी माँ को,जो भी करना है आपको ही करना है,,,मेरी तो गान्ड ही फॅट जानी है एसी वैसी हरकत करते टाइम,,,,

चल साला फट्टू,,,,,,,,,,,,,,,,ठीक है मैं ही कुछ करता हूँ,,,,,,,,,,,बस तू मेरा साथ देना,,,देख मैं कैसे अपनी माँ को ऑर तेरी माँ
को पटाता हूँ फिर मिलकर मज़ा लेंगे अपनी अपनी माँ की मस्त गान्ड का
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07-11-2019, 12:39 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
करण के फेस पर चमक ऑर खुशी देख कर सॉफ पता चल रहा था कि वो कितना खुश हो गया है अपनी ही माँ की चुदाई की बारे मे सोच सोच कर,,,,,,लेकिन अब करना क्या है आगे,,,,कुछ समझ नही आ रहा,,,,,,,,,,,,,,,चलो देखते है क्या होता है,सबसे बड़ा पंगा तो था इसको मनाने का,,,,,, ये मान गया अब कोई टेन्षन नही,,,,,

बात ख़तम करके मैं कार से निकला ऑर करण को बाइ बोलके वहाँ से चला गया,,,,,

ओके बाइ अब मैं घर चला ,,,,,तू भी घर जा ऑर ऐश कर शिखा के साथ,,,,,,,,,,,,करण हँसने लगा ऑर फिर बाइ बोलके वहाँ से चला गया,,,,,,,,,,

मुझे बड़ा गुस्सा आया साले पर,,,,,अपनी माँ ऑर मेरी माँ को चोदने को तैयार हो गया लेकिन साले ने एक बार भी बात नही की उस लड़की के बारे मे जो उसके साथ बाइक पर थी सुबह,,,,,,,,,लगता है कोई खास ही मामला है जिसको ये खुद खाना चाहता है ऑर मेरे से बचना चाहता है,,,,,,,,,,चलो कोई बात नही साले की माँ तो चोदने को मिल जाएगी,,,,,,

फिर मैं भी बाइक लिया ऑर घर आ गया,,,,अभी कॉलेज से छुट्टी होने मे टाइम था इसलिए पता था कि माँ ऑर मामा घर मे चुदाई कर रहे होंगे लेकिन बेल बजाने के 1 मिनट बाद ही दरवाजा खुल गया,,,,,,वो माँ ने खोला था,,,,,,

अरे बेटा आ गया इतनी जल्दी,,,,,,माँ ने खुश होके मुझे गले से लगा लिया,,,,

हाँ माँ बोल कर तो गया था कि जल्दी आ जाउन्गा,,,,तेरी वजह से आया हूँ जल्दी,,,,,लेकिन ये क्या आप लोग मस्ती नही कर रहे,,,,

धीरे बोल शोबा उपर ही है,,,माँ ने मेरे मुँह पर हाथ रखते हुए बोला,,,,,,

दीदी भी जल्दी आ गई क्या,,,,,,

नही बेटा वो तो आज गई ही नही कॉलेज,,,,,,,,,,,माँ ने उदास होके कहा,,,,

लेकिन मेरे सामने तो गई थी,,,,,,फिर क्या हुआ वापिस क्यूँ आ गई,,,,,,

पता नही बेटा ,,,,,पहले चली गई थी ,,जब मैं ऑर तेरे मामा मस्ती की तैयारी करने लगे थे तभी वापिस आ गई,,,बोल रही थी कि तबीयत ठीक नही है,,,,,

वो आराम कर रही थी तो आप बाद मे खेल शुरू कर लेते,,,,,,वो तो अपने रूम मे ही थी,,,,,

यही सोचा था बेटा लेकिन शोबा के घर आते ही तेरा मामा घर से बाहर चला गया,,,,,,,,,अब नही आता वो रात से पहले,,,,,

मैं जानता था मामा नशे का समान लेने गया होगा ऑर कहीं बैठकर पार्क मे नशा करने लग गया होगा,,,,जब नशा दूर होगा
तभी घर आएगा वो,,,,,,

तेरे लिए कुछ खाने को बना दूँ,,,,,,भूक लगी होगी,,,,,

भूख तो लगी है माँ लेकिन कुछ ऑर ही खाने को दिल कर रहा है,इतना बोलते ही मैने माँ के बूब्स को ब्लाउस के उपर से पकड़ लिया ऑर ज़ोर से दबा दिया,,,,

चल हट बदमाश,,,,शोबा उपर ही है,,,,जब देखो मसखरी करता रहता है,,,,,,,,,,,जा जाके नहा ले गर्मी मे पसीने की बदबू
आ रही है तेरे से तब तक मैं तेरे लिए कुछ खाने को बना देती हूँ,,,,,,,,,,,,,

अभी हटा रही हो ओर सुबह कॉलेज जाने से रोक रही थी,,,,,,ठीक है अभी नहा कर आता हूँ फिर पेट भर कर खाउन्गा तेरे को माँ इतना बोल कर मैने माँ की लिप्स पर हल्की किस की ऑर उपर अपने रूम मे चला गया,,,,

अपने रूम मे जाके मैं नहा धो कर बाहर निकला ऑर नीचे जाने लगा तभी मुझे शोबा उपर वाले ड्रॉयिंग रूम से निकलकर
किचन मे जाती नज़र आई,,,,,,,

मैं उसके पास चला गया,,,,,,,,,, वो किचन मे कुछ काम कर रही थी,,,,,,,,,,,

यहाँ क्या कर रही हो दीदी,,,,,,,मैने किचन के बाहर खड़े होके उस से पूछा,,,,,

उसने पलट कर मेरी तरफ देखा ,,,,,,,कोफ़ी बनाने लगी हूँ सन्नी ,,,,,,,,,तू पिएगा क्या,,,,,,,,

नही दीदी शुक्रिया वैसे भी माँ नीचे मेरे लिए कुछ खाने को बना रही होगी ,,,,,आपकी तो तबीयत ठीक नही थी माँ ने बताया
आज आप कॉलेज नही गई,,,,,,,,

हाँ सन्नी तूने रात भर इतनी दमदार चुदाई की पूरी रात सोने नही दिया ,,,सुबह कॉलेज जाती तो क्लास रूम मे ही सो जाती इसलिए सर दर्द का भाना करके वापिस घर आ गई,,,,,थोड़ी देर सो गई थी अभी कॉफी पीने को दिल किया तो यहाँ आ गई,,,,,

अब तबीयत कैसी है दीदी,,,,

तबीयत को क्या होना भाई तबीयत तो एक दम ठीक है बस आग लगी हुई है चूत मे ,,,दीदी ने बर्म्यूडा के उपर से ही अपनी चूत पर हाथ फेरते हुए बोला,,,,,,

मैं हँसने लगा,,,बोलो तो आग भुजा दूं दीदी,,,,,,,,,,

अभी नही ,,पहले नीचे जाके माँ को खा ले,,,,,,आइ मीन माँ के हाथ का पका हुआ खाना खा ले,,,,,

दीदी के बोलने का अंदाज़ ठीक नही लगा मुझे,,,,,,

क्या बोला दीदी फिर से बोलना,,,,,,,,,,मैने भी उसी अंदाज़ मे बोला जैसे दीदी बोल रही थी,,,,

अरे बुद्धू माँ तेरे लिए खाने को कुछ बना रही है वही बोला कि पहले नीचे जाके कुछ खा ले फिर मेरे पास आना,,,,,वैसे भी
तुझे माँ के हाथ का बना खाना ज़्यादा अच्छा लगता है तभी तो हर टाइम माँ के पास रहता है,,,,,दीदी फिर मज़ाक मे बोल रही थी,,,,,

मैं चुप चाप दीदी के करीब चला गया ऑर दीदी को बाहों मे भर लिया,,,,,,

क्या कर रहे हो सन्नी इतनी भी क्या जल्दी है पहले माँ के पास तो चला जा,,,,,वो तेरा इंतेज़ार कर रही होंगी,,,,,

मैने कुछ नही बोला ऑर दीदी के लिप्स को किस करने लगा,,,,,दीदी भी एक ही पल मे मेरी बाहों मे पिघलने लगी ऑर किस का रेस्पॉन्स देने लगी,,,,,,फिर दीदी ने मुझे पीछे किया ,,,,,,,,बुद्धू नीचे जा माँ के पास वर्ना माँ ने उपर आ जाना है,,,,,

मुझे नही जाना दीदी ,,मुझे अभी यहीं रहना है आपके पास ,,,पहले आपकी खुजली दूर करूँगा फिर नीचे जाके माँ के हाथ का
खाना खाउन्गा,,,,,,,,,,मैने फिर से दीदी को किस करना शुरू कर दिया,,,,,

माँ के हाथ का खाना खाएगा या माँ को खाएगा,,,,

दीदी ने हसके इतनी बात बोली ऑर मुझे किस करने लगी अब दीदी ने कुछ ज़्यादा ही मस्ती मे किस की थी,,,,

मैने भी दीदी को किस करते हुए अपने दोनो हाथों की दीदी की पीठ पर से उनकी गान्ड पर रखा ऑर उनको गान्ड से पकड़ कर गोद मे उठा लिया ऑर किचन की शेल्व पर बिठा दिया,,,,,,

क्या बोला दीदी फिर से बोलो,,,,,,,,,,,

वही बोला मैने सन्नी जो तूने सुना,,,,,,,,,जब तू माँ से बात कर रहा था मैं नीचे की सीडियों मे खड़ी हुई थी ऑर सब सुन रही थी

अब तू इसलिए नहा धो कर जा रहा है ताकि माँ के साथ मस्ती कर सके,,,,,

पहले आपके साथ मस्ती करूँगा फिर माँ के साथ ,,,,,,,,,

नही तू उनके पास चला जा पहले ही मेरे घर वापिस आ जाने की वजह से मामा ऑर माँ मस्ती नही कर सके अब तू मेरे पास रहेगा तो माँ की आग ऑर ज़्यादा भड़क जानी है,,,,मैं तो बाद मे भी अपनी खुजली दूर करवा लूँगी तेरे से,,,,,

तो आप भी चलो मेरे साथ नीचे ,,,,,हम तीनो मिलकर मस्ती कर लेते है,,,,,

दीदी पहले खुश हो गई लेकिन एक ही पल मे वापिस उदास हो गई,,,,,,,,,,,नही सन्नी मुझे नही जाना ,,,

क्यू दीदी,,,,,,,,क्या हुआ ,,,,,आपका दिल नही करता मेरे ऑर माँ के साथ मिलकर मस्ती करने को,,,,

दिल तो करता है सन्नी लेकिन डर भी लगता है,,,,मैं कैसे माँ के सामने जाउन्गी,,,मुझे तो शर्म आती है,,,,,ऑर वैसे भी अगर इस बात का डॅड ऑर बुआ को पता चल गया तो मुश्किल होगी,,,,,

दीदी की बातों से एक बात तो सॉफ हो गई थी कि दीदी भी नीचे जाके मेरे ऑर माँ आके साथ मस्ती करने को तैयार थी,,,,लेकिन डर रही थी

कुछ पता नही चलेगा दीदी,,,,,,कॉन बताएगा उनको,,,,,,,,आप तो नही बताओगी ऑर ना मैं बताने वाला हूँ,.,, ऑर ना ही माँ बोलेगी उनको ,,,,,,

नही भाई,,मुझे डर लगता है,,,,,

डरो नही दीदी ,,,,ऑर वैसे भी जब आप माँ के बड़े बड़े बूब्स देखोगी तो डर खुद-ब-खुद निकल जाएगा आपका,,,मैं दीदी को
मनाने की कोशिश कर रहा था,,,,

आपने देखे है ना माँ के बूब्स ,,,,,ज़रा सोचो अपने कभी इतने बड़े बूब्स को मुँह मे भरके मज़ा लिया है,,,,

दीदी सोच मे पड़ गई थी शायद माँ के बड़े बड़े बूब्स के बारे मे सोच रही थी,,,,


तभी मैने दीदी को ऐसे ही गोद मे उठा लिया ऑर किचन से बाहर की तरफ आने लगा,,,,,,

कहाँ लेके जा रहा है बुद्धू,,,,नीचे उतार मुझे,,,,,,दीदी समझ गई मैं दीदी को नीचे लेके जा रहा हूँ,,, जल्दी नीचे उतार मुझे,,,

इतना मत डरो दीदी कुछ नही होता,,,,कोई किसी को कुछ नही बताएगा आपको पता है,,,,ना तो माँ इस बारे मे डॅड से बात करेगी ऑर बुआ से तो माँ बात भी नही करती,,,,फिर बचे आप ऑर मैं,,भला हम बुआ ऑर डॅड को क्यू बताने लगे इस बारे मे,,,
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07-11-2019, 12:39 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
दीदी फिर कुछ सोचने लगी ऑर कुछ पल के बाद दीदी ने मेरे कान मे कुछ कहा ऑर मैने दीदी को गोद से नीचे उतार दिया

दीदी किचन के अंदर चली गई ऑर मैं किचन के बाहर खड़ा दीदी को देखने लगा दीदी ने मुझे आँख मारी ऑर मैं दीदी को
वहीं छोड़ कर नीचे चला गया

नीचे माँ ने मेरे लिए मिल्क शेक ऑर सॅंडविच बना कर रखा था ,,,,,मैने डाइनिंग टेबल पर बैठ गया ऑर सॅंडविच खाने
लगा,,,,तभी माँ मेरे पास वाली चेयर पर बैठ गई ऑर हाथ मेरी निक्केर के उपर से मेरे लंड पर रख दिया,,,,

थोड़ा सबर करो माँ सॅंडविच तो खाने दो,,,,लेकिन माँ ने मेरी बात नही सुनी ऑर लंड को हाथ मे लेके मसल्ने लगी तभी माँ
ने निक्केर की एक टाँग की साइड से मेरे लंड को बाहर निकाल लिया ,,,,,,,,,,

मैने निक्केर के नीचे अंडरवेार नही पहना था वैसे भी जबसे घर मे चुदाई का सुख लेना शुरू किया था मैने अंडरवेार
पहनना ही बंद कर दिया था,,,,,,,,,,,,,,,,,,

माँ ने निक्केर की एक साइड की तरफ से लंड को बाहर निकाल लिया ऑर हाथ मे लेके मसल्ने लगी,,,,सुबह शोबा ने घर आके मेरा ऑर तेरे मामा के प्रोग्राम बिगाड़ दिया ऑर अब तू कहता है थोड़ा सबर करो,,,,माँ ने लंड को मुट्ठी मे लेके हाथ को उपर नीचे करना शुरू कर दिया,,,,,,,,,,,,

मेरे को एक ही पल मे मस्ती चोदने लगी वैसे भी कुछ देर पहले शोबा के साथ किस करने की वजह से लंड पहले से ओकात मे आना शुरू हो गया था,,,,,लेकिन मस्ती की वजह से मुँह मे जो नीवाला था सॅंडविच का उसको चबा कर हल्के से नीचे उतारने मे मुश्किल हो रही थी,,,,,इसलिए माँ को हटाने के लिए शोबा का डर दिखाना पड़ा,,,,,,,,,,,,

माँ रूको शोबा अभी उपर वाले किचन मे थी मैं देख कर आया हूँ,,,,,,,,,,,,तभी शोबा का नाम सुनके माँ ने एक दम से अपना
हाथ मेरे लंड से हटा लिया ऑर थोड़ा पीछे की तरफ हट गई,,,,,

वो आराम नही कर रही क्या,,,बोल रही थी तबीयत ठीक नही ,,,मैने उसको मेडिसिन लेके आराम करने को बोला था,,,,उपर किचन मे क्या कर रही थी वो ,,,,,,

उसका सर दर्द हो रहा था माँ वो कॉफी बना रही थी अपने लिए,,,,,,,,,,,

खुद कॉफी बना रही थी मेरे को नही बोल सकती थी,,,,,तबीयत ठीक नही फिर भी चैन नही इस लड़की को,,,,खुद किचन मे चली गई मेरे को बोल देती,,मैं बना देती कॉफी उसको,,,,,

तभी मेरे दिमाग़ मे एक आइडिया आया ,,,,,,,,,मैने जल्दी से लास्ट बाइट खाया सॅंडविच का ऑर मिल्कशेक को एक ही बार मे पूरा पीने लगा

अरे आराम से पियो अब तुझे क्या जल्दी आन पड़ी,,,,,,,,,,माँ ने मुझे जल्दी से मिल्कशेक पीने से रोकते हुए बोला,,,,,,

जल्दी है माँ एक आइडिया आया है मुझे,,,,,,मैने जल्दी से ग्लास को टेबल पर रखा ऑर मामा के रूम मे चला गया,,,,ऑर मामा के रूम से एक नींद की गोली लेके बाहर आ गया,,,,,



माँ अभी डाइनिंग टेबल के पास खड़ी हुई थी,,,वो मेरे इस तरह मामा के रूम मे जाने से थोड़ी हैरान थी उसको कुछ समझ नही आ रहा था,,,,,,,

तू इतनी जल्दी मे मामा के रूम मे क्या करने गया था,,,,

मैने जल्दी से अपने हाथ मे पकड़ी हुई नींद की गोली माँ की तरफ की ऑर माँ सब समझ गई,,,,,

अरे बाप रे मुझे ऑर तेरे मामा को ये आइडिया क्यू नही आया,,,,हम लोग शोभा को नींद की गोली दे देते ओर आराम से मस्ती करते,,,,

यही तो फ़र्क है माँ आप लोगो मे ओर मुझमे,,,,,मैने हँसते हुए माँ को किस करदी ,,,,,

मैं उपर जाके किसी बहाने से उसकी कॉफी मे ये गोली डालके आता हूँ बाद मे हम लोग मस्ती करते है,,,,,

माँ ने भी मुझे एक हल्की किस करदी,,,,जा मेरे बेटा ऑर जल्दी वापिस आना ,मेरी खुजली पहले से ज़्यादा बढ़ने लगी है ,,,,,

माँ किचन मे चली गई ओर मैं उपर शोभा के पास ,,,,,,,,,शोभा अपने रूम मे थी ,,,,

क्या हुआ सन्नी अपना काम बना क्या,,,,,,दीदी ने रूम मे अंदर घुसते ही मेरे से पूछा,,,,

मैने भी हाथ मे पकड़ी नींद की गोली उसको दिखाते हुए बोला ,,हाँ दीदी काम बन गया,,,,,

दीदी हँसने लगी ऑर मैं भी,,,,,ये दीदी के प्लान था कि मैं नीचे जाके नींद की गोली लेके आ जाउ ऑर माँ को बोलू कि मैं नींद की गोली शोभा की कॉफी मे मिला कर आया हूँ ,,,,,फिर माँ टेन्षन फ्री हो जाएगी ऑर खुल कर मस्ती करने को तैयार हो जाएगी,,,,,,,

लेकिन दीदी आपको कैसे पता था मामा के रूम मे ये नींद की गोलियाँ पड़ी हुई है,,,,,,,मैने दीदी से हैरान होके सवाल किया

सन्नी मुझे सब पता है ,,,कैसे मामा ओर माँ ने विशाल भाई के पास जाके तुझे नींद की गोली देके सुला दिया था ताकि बाद मे वो लोग आराम से मस्ती कर सके,,,दीदी ने हँसते हुए बोला लेकिन मैं हैरान हो गया

आपको ये सब कैसे पता दीदी,,,,,,

,अरे बुद्धू रेखा ने बताया था मुझे,,,,
ऑर तू क्या संजता है कि माँ मामा ऑर विशाल ही है जो ऐसा करते है,,,,,,,,,,,,,,,,,,बुआ ऑर डॅड ने भी मुझे नींद की गोली देना शुरू किया था जब भी माँ ऑर मामा के जाने पर वो इसी रूम मे चुदाई करते थे,,,,,
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07-11-2019, 06:55 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं तो ऑर भी ज़्यादा हैरान हो गया था,,,,क्या सच मे दीदी,,,,डॅड ऑर बुआ भी ऐसा करते थे

ऑर नही तो क्या ,,,बुआ मेरे दूध के ग्लास मे नींद की गोली मिला देती थी फिर डॅड उपर इसी रूम मे आके बुआ के साथ मस्ती करते थे ,,,,,,,,ये तब की बात है जब बुआ ने अभी मुझे डॅड के लिए तैयार नही किया था,,,,,मैं रोज रोज सुबह उठती तो सर मे दर्द होता फिर एक दिन बुआ को बात करते सुन लिया था कि वो मेरे दूध के ग्लास मे नींद की गोली डालती थी,,,एक दिन दूध नही पिया मैने ऑर नज़रे बचा कर दूध को फेंक दिया उस रात पहली बार मैने डॅड ऑर बुआ की मस्ती देखी थी,,उसी के बाद बुआ ने मुझे डॅड के लिए तैयार किया था,,

पहले तो मैं ओर बुआ मस्ती करते थे लेकिन एक दिन बुआ ने मुझे नकली की जगह असली लंड लेने का पूछा तो मैने हाँ करदी,,नकली लंड से इतना मज़ा आता था मैने सोचा कि असली लंड से कितना मज़ा आएगा ,,,लेकिन जब पता चला कि वो लंड डॅड का होगा तो मैने मना कर दिया ,,,,

क्यूकी मैं अपने ही बाप से ऐसा कुछ नही करना चाहती थी ,,फिर एक दिन डॅड ऑर बुआ ने मुझे बताया कि मामा माँ की चुदाई करता है ऑर साथ मे विशाल भाई भी होता है ,,,,,,,,,पहले तो मुझे यकीन नही आया लेकिन जब अपनी आँखों से देखा तो यकीन आया,,,,,,,,,,,

क्या दीदी,,आपने देखा था उन लोगो को मस्ती करते,,,,,,,,,,,,,,,मैने बड़ी हैरत से पूछा,,,,,,,,

ऑर नही तो क्या सन्नी,,,,,,,क्या घर की ड्यूप्लिकेट चाबी सिर्फ़ तेरे पास है,,,,इतना बोलके दीदी हँसने लगी,,,,

चल अब जल्दी नीचे जा बाकी बात फिर कभी करते है वैसे भी मेरा मूड बहुत खराब हो रहा है ऑर ज़्यादा इंतेज़ार नही होता मेरे से,, जल्दी से माँ के बड़े बड़े बूब्स को मुँह मे भरने का दिल कर रहा है,,,,,,,,

ठीक है दीदी मैने चलता हूँ लेकिन आप जल्दी मत आना मुझे सब तैयारी करने देना,,,,,,,,,

ठीक है अब जा तू,,ऑर जब मेरे नीचे आने का टाइम हो जाए मोबाइल से मिस कॉल कर देना,,,,मैं आ जाउन्गी,,,,,,

मैने वहाँ से उठा ऑर नीचे चला गया ,,,,,,हम लोगो का प्लान था आज मिलकर माँ के साथ मस्ती करने का,,लेकिन हम माँ को सरप्राइज देना चाहते थे इसलिए ये सब नाटक कर रहे थे,,,,नींद की गोली वाला,,,,,,,,,,,

लेकिन मैं एक बात से थोड़ा हैरान हो गया ,,कैसे साला मेरी माँ ऑर बुआ ने मुझे नींद की गोली दी थी ताकि वो लोग आराम से देल्ही मे विशाल भाई के रूम मे मस्ती कर सके ऑर यहाँ घर पर डॅड ऑर बुआ शोभा को नींद की गोली देते थे ताकि आराम से उसी रूम मे मस्ती कर सके बिना किसी टेन्षन के,,,,,,,,साला मेरा पूरा परिवार ही कमीने ऑर हरामी लोगो का था,,,,,,,चुदाई के लिए कुछ भी करने को तैयार थे सब लोग,,,,,,,,,अब मैं भी तो उतना ही हरामी हो गया हूँ,,,,,,,,,चुदाई करने के लिए मैं भी अब कुछ भी करने को तैयार रहता हूँ,,,जैसे आज कर रहा हूँ,,,,,,,,,,

मैं नीचे गया तो देखा माँ किचन मे बर्तन धो रही थी,,मैने माँ को पीछे से जाके अपनी बाहों मे भर लिया,,,,,

माँ को पता नही था कि मैं किचन मे आ गया हूँ इसलिए जैसे ही मैने माँ को बाहों मे भरा माँ एक दम से डर गई ऑर पीछे मूड गई,,,,,

क्या हुआ माँ इतना डर क्यू गई,,,,,,मैने थोड़ा पीछे हटते हुए बोला,,,,,

तुम हो सन्नी बेटा मुझे लगा कहीं सुरिंदर आ गया है वो भी ऐसे ही आ टपकता है ऑर शुरू हो जाता है,,,ये भी नही सोचता कि घर मे कॉन है ऑर कॉन नही,,,,,अभी भी मुझे ऐसा ही लगा कि उसने मुझे पकड़ा है ऑर मैं इसीलिए डर गई क्यूकी शोभा घर पर है,,,,,,

माँ अब मत डरो शोभा सो चुकी है ,,मैने उसकी कॉफी मे नींद की गोली मिला दी थी ,,अब वो आराम करने लगी थी,,,,थोड़ी देर मे गहरी नींद मे होगी वो,,,

माँ ने आगे बढ़ कर मुझे हल्की किस की,,,,,,,,,,सुरिंदर को या मेरे को पहले ये आइडिया क्यू नही आया नींद की गोली वाला ,,पहले ही शोभा को नींद की गोली दे देते ऑर आराम से मस्ती करते,,,,सुरिंदर को ऐसे बाहर भी नही जाना पड़ता ऑर मेरी चोट की खुजली भी इतनी बेक़ाबू नही होती,,,,,,,,,चल कोई बात नही अब तूने तो सुला दिया है शोभा को अब सुरिंदर नही तो क्या हुआ हम दोनो मस्ती करते है लेकिन अगर सुरिंदर भी साथ होता तो मज़ा आ जाता ,,,,,

जानता हूँ माँ तेरे को 2 लंड से ही ज़्यादा मज़ा आता है,,,,,तुम मामा को फोन क्यूँ नही करती,,,,,,

बेटा जब तूने नींद की गोली डालने को बोला था शोभा की कॉफी मे ऑर जैसे ही तू उपर गया था मैने तेरे मामा को फोन किया था लेकिन वो नशेड़ी कमीना अपना फोन घर पर ही छोड़ कर गया है,,,,,

चलो कोई बात नही माँ एक बार शोभा को सो जाने दो फिर मैं इतना मज़ा दूँगा कि तुमको मामा की कमी महसूस नही होगी,,,,,मैने अपने हाथ माँ के बूब्स पर रख दिए ओर ज़ोर से दबा दिए,,,,,

माँ की हल्की आअहह निकल गई ऑर मैने माँ का मुँह खुलते ही अपनी ज़ुबान को माँ के मुँह मे घुसा दिया ऑर देखते ही देखते हम माँ बेटे की जबरदस्त किस शुरू हो गई,,,,माँ मेरे लिप्स को खाने लगी ऑर मैं भी माँ के लिप्स को खा जाने वाले अंदाज़ मे चूसने ऑर हल्के से काटने लगा,,,,,साथ ही माँ के बड़े बड़े बूब्स को हाथों मे लेके ब्लाउस के उपर से मसल्ने लगा,,,

कुछ देर हम ऐसे ही खड़े किस करते रहे ,,,मैं माँ के बूब्स को दबाता रहा ऑर माँ ने भी मेरे लंड को निक्केर के उपर से दबाना शुरू कर दिया था,,,,,

चल बेटा जल्दी चल मेरे रूम मे अब ऑर ज़्यादा सबर नही होता,,,,,,

मैं ऑर माँ दोनो माँ के रूम मे चले गये,,,,,

माँ ने अंदर जाते ही जल्दी से साड़ी निकाल दी ऑर मैने भी अपनी निक्केर ऑर टी-शर्ट निकाल दी,,,,जितनी देर मे माँ की साड़ी निकली उतनी देर मे मैं बिल्कुल नंगा हो गया,,,,,नंगा होते ही मेरा 9 इंच का लंड अपनी पूरी ओकात मे अपना सर उठा कर खड़ा हो गया ,,,,माँ अपने ब्लाउस ऑर पेटिकोट को खोलते टाइम मेरे लंड को घूर रही थी मानो नज़रो ही नज़रो मे खा रही थी मेरे लंड को,,,,,

कुछ 2 मिनट मे ही मैं ओर माँ दोनो नंगे हो गये,,,,
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07-11-2019, 06:55 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं नंगा होके बेड पर बैठ गया माँ चलके मेरे पास बेड पर आ गई ऑर आते ही मेरे करीब बैठ कर मेरे लंड को हाथ मे लेके सर को नीचे झुका कर मेरे लिप्स को किस करने लगी साथ ही मेरे लंड को प्यार से सहलाने लगी,,,,मैने भी माँ ने बूब्स को अपने हाथों मे पकड़ लिया ऑर हल्के हल्के दबाने लगा,,,,,

हल्के से नही बेटा थोड़ा ज़ोर से दबा ,,,,माँ ने अपना सर उपर उठाते हुए बोला ऑर मेरे लंड को प्यार से देखने
लगी,,,,,हाई कितना बड़ा ऑर मोटा है ये मूसल तेरा,,,जिसको एक बार चोद देता है दीवानी बन देता है,,,,गाओं मे
रेखा का भी बुरा हाल है तेरे इस मूसल के बिना उसका बस चलता तो तेरे को कभी गाओं से वापिस नही आने देती,,,ऑर
मैं भी तरस गई थी वहाँ रहके तेरे लंड के लिए,,जबसे तू वापिस आया है मेरा तो बुरा हाल हो गया,,,कहाँ मैं
ऑर रेखा एक टाइम 2 लंड लेने की शोकिन कान हम दोनो को तेरा मामा अकेला चोदता था,,,,,आज तो सारी प्यास भुजा लूँगी अपनी छूट की,,,,,इतना बोलके माँ ने मेरे लंड को मुँह मे भर लिया,,,,माँ किसी भूखी शेरनी की तरह टूट पड़ी थी
मेरे लंड पर ऑर तेज़ी से पूरा लंड मुँह मे लेके चूसने लगी थी मुझे भी मस्ती के सातवे आसमांं तक जाने मे देर
नही लगी,,मैने माँ को बेड पर ठीक तरह से आने को बोला तो माँ जल्दी से बेड पर चढ़ गई ऑर मेरा इशारा समझ कर
अपनी चूत को मेरे मुँह पर कर दिया ऑर मैने भी कोई देर किए बिना माँ की चूत को मुँह मे भर लिया,,,,,हम 69 के
पोज़ मे एक दूसरे के प्राइवेट पार्ट को मस्ती मे चूसने ऑर चाटने लगे,,,,,

माँ की चूत काफ़ी पानी बहा चुकी थी जिसका नमकीन स्वाद मुझे बहुत अच्छा लगा रहा था मैने माँ की
पूरी चूत को मुँह मे भरके चूसने लगा था बीच बीच मे हल्की ज़ुबान बाहर निकाल कर माँ की चूत
को अच्छी तरह चाटने लग जाता,,,माँ भी मस्ती मे मेरे पूरे लंड को मुँह मे लेके गले से नीचे उतारकर चूसने
लगी थी ऑर बीच बीच मे लंड की टोपी को किस करने लग जाती ऑर अपनी ज़ुबान से चाटने लग जाती,,,माँ की लंड
चूसने की स्पीड बहुत तेज थी शायद वो मेरे लंड का पानी जल्दी पीना चाहती थी इसलिए वो पूरी रफ़्तार से अपने
सर को उपर नीचे करने लगी थी ,,वो एक हाथ से बेड का सहारा लेके ओर एक हाथ से मेरी बाल्स को सहला रही थी,,
मैं समझ गया कि माँ मेरे लंड का पानी जल्दी निकालना चाहती थी लेकिन मैं जल्दी नही करना चाहता था इसलिए
मैने जल्दी से माँ को अपने से नीचे उतार दिया माँ मेरे उपर से हट कर बेड पर गिर गई ऑर अजीब नज़रो से मुझे
देखने लगी,,,,मेरे पास इस हरकत का कोई जवाब नही था लेकिन ज्वाब देने की जगह मैं माँ के बूब्स पर टूट
पड़ा ऑर जल्दी से अपनी 2 उंगलियाँ भी माँ की चूत मे घुसा दी,,,,माँ ने भी मस्ती मे अपने दोनो बूब्स को अपने
हाथों से पकड़ लिया ऑर ज़ोर से दबा दबा कर मेरे मुँह मे डालने लगी मैने भी पागलो की तरह माँ के बूब्स को
चूस्ते हुए तेज़ी से माँ की चूत मे उंगली डालना शुरू कर दिया ऑर पूरी रफ़्तार से माँ की चूत को उंगलियों से चोदने
लगा,,फिर मैने देखा कि माँ ने अपनी आँखें बंद करली थी ऑर आराम से लेट गई थी वो समझ गई थी कि मैं उसको
ऐसे ही थोड़ी देर खुश करने वाला हूँ इसलिए उसने अपने हाथों से अपने बूब्स को मुझे चुसवाना शुरू करके
आराम से आँखें बंद करली थी ऑर मस्ती के आनंद लेने लगी थी,,,,मैने भी मोका 'देखा ऑर बेड के पास पड़ी अपनी
निक्केर से मोबाइल निकाला ऑर शोभा को कॉल करने लगा लेकिन जैसे ही मैने उसका नंबर डाइयल करने लगा मैने
देखा कि शोभा रूम के दरवाजे के पास खड़ी हुई थी ऑर सब देख रही थी,,,मैं माँ के बूबा चूस्ता हुआ
दरवाजे की तरफ देख रहा था जबकि माँ आराम से सर को बेड से लगा कर लेटी हुई इसलिए माँ का ध्यान दरवाजे की तरफ नही गया था,,,,,,

शोभा पूरी नंगी होके दरवाजे पर खड़ी हुई थी,,,,,ऑर एक हाथ से अपने बूब्स को सहलाती हुई एक हाथ से अपनी
चूत मे उंगली कर रही थी,,,, साली इतनी ज़्यादा उतावली थी अपनी ही माँ के बूब्स चूसने को की मेरे कॉल करने से पहले
ही नीचे आ गई थी,,मैने एक पल के लिए बूब्स को मुँह से निकाला ओर हंस कर शोभा की तरफ देखा ऑर उसको बेड पर आने का इशारा किया वो तो मेरे से भी ज़्यादा जल्दी मे थी ऑर एक ही पल मे इशारा मिलते ही बेड के करीब आ गई,,,,,माँ की आँखें अभी भी बंद थी,,,मैने उसको माँ की चूत की तरफ इशारा किया तो उसने जल्दी से खुद को माँ की चूत के करीब कर दिया,
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07-11-2019, 06:55 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
,,,,उसके बेड पर चढ़ने से माँ की आँखें खुल गई लेकिन मैने जल्दी से खुद को बेड पर ज़ोर से हिलाया ऑर माँ के
लिप्स को किस करने के लिए अपने सर को माँ के सर के उपर कर दिया ताकि माँ को शोभा के आने का पता नही चले ऑर बेड को भी इसीलिए थोड़ा ज़ोर से हिला दिया था ताकि माँ को लगे कि मेरे हिलने की वजह से ही बेड हिला था,,,,,,

माँ ने फिर से अपनी आँखे बंद करली ऑर मुझे किस का रेस्पॉन्स देने लगी ऑर अपनी बाहों को मेरे गले मे डालके
मुझे अपने से सटा लिया ,,,,माँ ने मेरे सर ओर पीठ पर हाथ फिराना शुरू किया ऑर मैं माँ को किस करते हुए माँ
की चूत मे उंगली करने लगा,,,फिर मेरे उस हाथ को शोभा ने अपने हाथ मे पकड़ा जो माँ की चूत मे था ऑर मेरे हाथ
को वहाँ से हटा दिया ऑर खुद माँ की चूत मे अपनी उंगली घुसा दी ऑर हल्के से माँ की चूत मे उंगली करने लगी लेकिन एक ही पल मे उसने स्पीड तेज करदी इतनी ज़्यादा तेज की उतनी तेज़ी से तो मैं भी उंगली नही कर रहा था माँ की चूत मे,,,माँ को एक दम से ज़्यादा मस्ती का एहसास हुआ तो माँ ने मेरे लिप्स को कस्के चूसना शुरू कर दिया ऑर अपनी टाँगों को भी खोल दिया,,,


माँ ने मस्ती मे मेरे सर ऑर पीठ को भी प्यार से सहलाना शुरू कर दिया,,,,,वो कुछ ज़्यादा ही मस्त हो गई थी क्यूकी शोभा के हाथ की स्पीड बहुत तेज थी,,,,मैं किस करते हुए माँ की तरफ देख रह था तभी एक दम से माँ की आँखें खुल गई ऑर शोभा का हाथ भी रुक गया ,,इस से पहले मैं कुछ समझ पाता माँ ने मेरे सर को पीछे कर दिया ,,,मैने पीछे हटके जल्दी से शोभा की तरफ देखा तो उसने अपने सर को माँ की चूत से लगा रखा था ऑर माँ की चूत को चूसने लगी थी,,,फिर मैने माँ की तरफ देखा तो माँ सर को उठा कर अपनी चूत की तरफ देख रही थी,,,माँ बहुत हैरान हो गई शोभा की उनकी चूत चूस्ते देख कर ,,

लेकिन बोली कुछ नही क्यूकी शोभा का चूत चूसने का अंदाज़ इतना मस्ती भरने वाला था कि माँ की सिसकियाँ निकलनी शुरू हो गई थी,,,फिर भी माँ हैरान होके सिसकियाँ लेते हुए कभी मेरी तरफ ओर कभी शोभा की तरफ देख रही थी,,मैने वापिस
माँ को किस करना शुरू किया लेकिन माँ ने मुझे किस का थोड़ा सा भी रेस्पॉन्स नही दिया इसलिए मैं फिर से पीछे हो गया ,,,,,,,,,

शोभा द्वारा चूत चूसे जाने पर माँ मस्ती मे तो आने लगी थी लेकिन इसी बात से माँ थोड़ी बहुत हैरान ऑर परेशान
भी थी इसीलिए तो मुझे भी किस का रेस्पॉन्स नही दे रही थी,,,,,शोभा को कोई फ़र्क नही पड़ रहा था वो तो मस्ती मे माँ
की चूत को मुँह मे भरके चूसने मे बिज़ी थी,,उसने दोनो हाथों से माँ की चूत को दोनो तरफ खोल दिया ऑर अपनी
ज़ुबान से उपर से नीचे तक माँ की छूट को चाटने लगी,,माँ मस्ती मे ह भरने लगी लेकिन चहरे पर हैरत के
भाव कम नही हुए थे माँ के,,,,,,मेरी हालत खराब होने लगी थी क्यूकी माँ की चूत चूस्ते टाइम शोभा अपने हाथ
से बीच बीच मे अपनी चूत को सहलाने लगी थी ऑर माँ भी मस्ती मे चूत चुसवाने का मज़ा लेती हुई आहे भर
रही थी,,,,मेरे से भी अब रहा नही गया ऑर मैं जल्दी से बेड से नीचे उतर गया,,माँ मेरी तरफ देखने लगी,,मैने बेड
से नीचे जाके माँ को बेड की एक तरफ लास्ट मे खेंच लिया जिस से माँ की चूत शोभा से दूर हो गई लेकिन शोभा भी जल्दी से माँ की चूत के करीब हो गई,,,,मैने माँ की लास्ट मे खींच लिया था जिस से माँ का सर बेड से नीचे लटक गया था ऑर मैं बेड से नीचे ज़मीन पर घुटनो के बल बैठ गया था,,मेरा लंड माँ के मुँह के करीब था माँ ने भी
आहह भरते हुए मस्ती मे अपना मुँह खोल दिया ऑर मेरे लंड को मुँह मे लेने की कोशिश करने लगी मैने
भी आगे बढ़ कर लंड को माँ ने मुँह मे घुसा दिया ऑर हल्के से अपनी कमर को आगे पीछे करने लगा क्यूकी माँ
को अपना सर हिलाने मे मुश्किल होनी थी इसलिए मैने अपनी कमर को हल्के से आगे पीछे करना शुरू किया ऑर लंड को
माँ की मुँह मे अंदर बाहर करने लगा ,,,उधर शोभा भी कुतिया की तरह माँ की चूत पर झुकी हुई थी
ऑर माँ की चूत को चूस्ते हुए अपनी चूत मे उंगली कर रही थी,,,,,फिर शोभा ने अपनी उंगली माँ की चूत मे
घुसा दी ऑर हाथ ही अपनी ज़ुबान से माँ की चूत को चाटने लगी ,,,

मैने अपने हाथ माँ के बूब्स पर रख दिए ऑर बूब्स को मसल्ते हुए कमर हिलाते हुए लंड को माँ के गले
से नीचे तक उतारने लगा,,,माँ मेरी तरफ देख रही थी मानो पूछ रही थी कि शोभा को यहाँ तुम लेके आए
हो,,,,मैने हसके माँ की तरफ़ देखा ऑर इशारा कर दिया कि हाँ माँ दीदी को मैं ही यहाँ लेके आया हूँ,,,,माँ
ने आँखों से मुझे कुछ इशारा किया ऑर राहत की साँस लेते हुए अपने सर को हल्के से आगे पीछे करने की कोशिश
करने लगी लेकिन मैने माँ को मना कर दिया अपना सर हिलाने से क्यूकी माँ को मुश्किल हो रही थी,,,बल्कि मैने
अपनी कमर की स्पीड को तेज करते हुए लंड को तेज़ी से माँ के मुँह मे पेलने लगा,,,,,,करीब 10-15 मिनट तक
मैं माँ के मुँह को चोदता रहा ओर शोभा माँ की चूत को चुस्ती रही,,,फिर माँ के बदन को झटके लगने
शुरू हो गये मैं ऑर दीदी समझ गये माँ का काम होने वाला है इसलिए दीदी ने अपने मुँह को माँ की चूत पर
कस्के सटा दिया ऑर तेज़ी से उंगली भी करने लगी माँ की चूत मे मैने भी माँ के बूब्स को कस्के मसलना शुरू
कर दिया ऑर लंड को भी तेज़ी से माँ के मुँह मे पेलने लगा,,,,कुछ 2 मिनट बाद ही माँ ने पानी निकालना शुरू कर दिया
ऑर शोभा ने माँ की चूत से निकलने वाला सारा पानी पीना शुरू कर दिया ऑर तब तक माँ की चूत से मुँह नही हटाया
जब तक सारा पानी नही पी लिया,,,फिर शोभा उठके बैठ गई ऑर मुझे माँ के मुँह से लंड निकालने को बोला ऑर मैने
भी लंड को माँ के मुँह से निकाल लिया ऑर सहारा देके माँ को बेड पर बिठा दिया,,,इस से पहले माँ कुछ सोचती शोभा
ने माँ को जल्दी से बेड पर लेटा दिया ऑर खुद माँ के उपर चढ़ गई,,,माँ फिर इस एक दम से हुए हमले से डर गई लेकिन ....शोभा को ऐसे हालात पर क़ाबू करना अच्छे से आता था,,,,उसने जल्दी से अपने हाथ माँ के बूब्स पर रख दिया ऑर ज़ोर से मसल्ने लगी एक ही पल पहले ही माँ झड़ी थी लेकिन शोभा द्वारा बूब्स के इतने ज़ोर से मसले जाने पर माँ को फिर से मस्ती का तेज झटका लगा ऑर मुँह से हल्के मीठे दर्द भरी अह्ह्ह्ह निकल गई,,,,
Reply
07-11-2019, 06:55 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
शोभा ने माँ के लिप्स को अपने लिप्स मे जकड लिया ऑर माँ ने भी एक ही पल मे अपने हाथ शोभा की पीठ पर रख दिए ऑर मस्ती मे शोभा की पीठ को प्यार से सहलाने लगी,,,दोनो माँ बेटी एक दूसरे को पागलो की तरह किस करने लगी थी

,,,शोभा माँ के बूब्स को मसल रही थी ओर माँ शोभा की पीठ पर प्यार से अपने हाथ फिरा रही थी,,,शोभा माँ के बूब से अपना हाथ हटाया ओर मुझे पकड़ कर अपने पीछे जाने को बोल दिया,,मैं बेड के उपर आ गया ऑर जल्दी से शोभा के पीछे चला गया,,माँ की टाँगे आपस मे जुड़ी हुई थी मैने उनकी टाँगो को खोला ऑर उनके बीच घुटनो के बल बैठ गया
शोभा ने जल्दी से अपने हाथ को पीछे की तरफ किया ऑर अपनी गान्ड मे उंगली घुसा कर मुझे गान्ड मे अपना लंड घुसाने को बोला मैने भी लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर थोड़ा थूक लगा कर लंड को शोभा की गान्ड मे घुसा दिया ,,,लंड एक बार मे
थोड़ा सा अंदर गया तो मैने वापिस बाहर निकाल कर खूब सारा थूक लंड पर लगा लिया ऑर 2-3 बार मुँह मे थूक जमा करके शोभा की गान्ड पर थूक दिया ओर शोभा ने खुद अपनी उंगली से थूक को गान्ड के होल मे भर लिया जिस से उसकी गान्ड अंदर से भी चिकनी हो गई थी,,,,फिर मैने लंड को हाथ मे लेके उसकी गान्ड पर रखा ऑर हल्के धक्के से ही आधा लंड फिसल कर उसकी गान्ड मे घुस गया ऑर मैने हल्के झटके मारते हुए थोड़ा थोड़ा करने सारा लंड उसकी गान्ड मे घुसा दिया,,,

जब पूरा लंड उसकी गान्ड मे घुस गया तो मैने स्पीड थोड़ी तेज करते हुए अपने हाथ शोभा की पीठ पर रख दिए जहाँ
माँ के हाथ भी शोभा की पीठ को सहला रहे थे ,,,माँ के हाथ मेरे हाथ पर लगे तो माँ ने मेरे हाथ को पकड़ लिया
ऑर तभी अपनी टाँगो को उठा कर मेरे पीठ पर लगाने लगी ,,माँ ने अपनी टाँगो से तोड़ा कासके मुझे अपनी टाँगों
मे जाकड़ लिया ऑर टाँगो को तेज़ी से आगे पीछे करके मुझे स्पीड तेज करने को बोलने लगी,,,,मुझे पता चल गया कि माँ भी अब फुल मस्ती मे आ चुकी है मैने भी माँ के हाथ पकड़े ऑर तेज़ी से शोभा की गान्ड को मारने लगा अब मेरा लंड शोभा की गान्ड की जड़ तक घुसने लगा वो भी पूरी तेज़ी के साथ शोभा मस्ती मे तो पहले से थी लेकिन गान्ड मे मेरा मूसल जाने की वजह से उसकी मस्ती ऑर भी ज़्यादा हो गई ऑर माँ की किस करते हुए ही उसकी सिसकियाँ निकलने लगी,,,उसने एक पल के लिए माँ के लिप्स से अपनी लिप्स दूर किए ऑर आँहे भरते हुए मुझे तेज़ी से उसकी गान्ड मारने को बोलने लगी,,,,आहह भ्हाई आईसीए हहिि ऊरर त्तीज्ज छ्छूड्डू मुउज़्झहक्कू आहह उसकी आवाज़ ज़्यादा तेज नही थी लेकिन मस्ती पूरी थी उसकी आवाज़ मे वो शायद माँ की वजह से थोड़ा जीझक कर बोल रही थी वर्ना जब भी मेरा लंड उसकी गान्ड मे जाता वो तो चिल्ला चिल्ला कर लंड पेलने को बोलती थी,,,,,तभी उसकी आवाज़ के साथ की एक ऑर आवाज़ गूंजने लगी रूम मे,,,,,,

आहह बायेट्टया ऐसी हहीी छूद्दू आपपननीी ब्बीहानन्न क्कूव ऊरर त्तीज्ज्जी ससी छूद्दू
आपपननीी ब्बीहहानं क्कू प्पूउरा ल्लुउन्न्ड्ड़ ग्घुउस्स्सा द्दूव उउन्नड़दीर्रर ऊओरर टटेजज काररूव
ब्बीत्टता ,,,ये आवाज़ माँ की थी ओर माँ भी मस्ती मे मुझे शोभा की चुदाई करने को बोल रही थी माँ की मस्ती
भारी आवाज़ सुनते ही शोभा मे जोश बादने लगा,,,,,,,,,,,,,,आहह भाई ओररर त्तीज्ज म्माम्ररू म्मीरीइ
गाणनदडड़ प्प्प्ुउउर्रा म्मूस्साल्ल ग्घुउस्स्सा दडिईई म्मीरीईइ गगाणन्ंदड़ म्मीई आहह इतने बोलते
हुए शोभा ने अपने हाथ को अपनी पीठ पर रखा जहाँ मेरा हाथ था उसने अपने हाथ से मेरे हाथ को
पकड़ा ऑर जल्दी से माँ की चूत की तरफ ले गई मैने भी जल्दी से अपने हाथ को माँ की चूत पर रखा ऑर 2 उंगलियाँ
माँ की चूत मे घुसा दी माँ की एक दम से अहह निकल गई लेकिन एक दम से माँ की आवाज़ बंद भी हो गई मैने आगे की तरफ देखा तो शोभा ऑर माँ फिर किस करने लगे थे,,,मैने शोभा की गान्ड मारते हुए एक हाथ शोभा की पीठ पर
रखा हुआ था जिसको माँ ने अपने हाथ मे पकड़ा हुआ था ऑर मेरा एक हाथ माँ की चूत मे उंगली करने लगा था ,,,



मैने जितनी तेज़ी से शोभा की गान्ड मांर रहा था उतनी तेज़ी से ही माँ की चूत मे उंगली कर रहा था,,,तभी मुझे मेरे
लंड के नीचे बॉल्स पर कुछ महसूस हुआ मैने देखा कि एक हाथ मेरे लंड के नीचे से मेरी बॉल्स को सहला
रहा था ये हाथ कुछ भारी था देखने से पता चलता था कि ये हाथ माँ का था ,,माँ ने अपने ऑर शोभा के
पेट ऑर टाँगो के बीच से अपना हाथ मेरे लंड के नीचे बॉल्स पे रख दिया ऑर हल्के से सहलाने लगी ऑर मेरी
बॉल्स को मुट्ठी मे भरके हल्के हल्के दबाने लगी,,कुछ ही देर मे माँ का हाथ मेरे लंड से हट कर शोभा की
चूत पर चला गया ऑर माँ ने अपनी उंगलियाँ शोभा की चूत मे घुसा दी शोभा एक दम से मस्ती मे उछल गई में ने
शोभा की चूत मे उंगली पेलना शुरू कर दिया,,,,अब हम तीनो लोग पूरी मस्ती मे थे ,,,

कुछ देर बाद मुझे एहसास होने लगा कि शोभा झड़ने वाली है ऑर झड़ती भी क्यूँ नही मैं कम से कम 20 मिनट
से उसकी गान्ड मांर रहा था ऑर एक हाथ से माँ की चूत को सहला रहा था माँ का भी एक हाथ शोभा की पीठ पर था
जबकि दूसरे हाथ से माँ शोभा की चूत को सहला रही थी शोभा अब डबल मस्ती मे थी इसीलिए उसका पानी निकलने वाला
हो गया था,,,माँ ने जब देखा कि शोभा झड़ने वाली है तो माँ ने मेरे हाथ को पकड़ा ऑर अपनी चूत
से निकल कर शोभा की चूत पर रख दिया ऑर अपने हाथ को वापिस शोभा की पीठ पर ले गई फिर मेरे हाथ को अपने
हाथ से अलग करने अपने दोनो हाथों से शोभा को कस्के अपनी बाहों मे भर लिया ऑर तेज़ी से किस करने लगी,,मैने
शोभा की गान्ड को तेज़ी से चोदते हुए अपने हाथ से शोभा की चूत को सहलाने लगा मेरे हाथ ऑर लंड की स्पीड एक जैसी
थी शोभा ने माँ को किस करना बंद करके अपने सर को उपर उठा लिया ऑर ज़ोर से चिल्लाने लगी,,,,आहह
ब्बाहहिि ऐसी हहिईिइ ज़ूर्र्रर ससी कच्छूओद्दूऊ ऊऊररर त्तीह्ज्ज्ज्ज्ज्ज्जीइ ससी चछूड़दूव आपपंनी ब्बीहानन्न
ककूऊ आहह ऊओरर जजूर्र ससी ग्गाअंन्दड़ म्माम्ररूव आपपनन्ी ब्बीहानन्न क्क्कीईईई पफाड्दड़ द्दूव म्मीररीइ
कचहूवतत कककूऊव शोबा के मुँह से ऐसी बातें सुनके माँ भी बोलने लगी,,,,,,ओरर ज्जूओर्र ससी क्काररूव ससुउउन्नयी ब्बीतता
स्शूब्बा ज्झाड्ढनने व्वाल्ली हहाइईइ ऊरर त्टीजज गगाणन्दड़ म्माम्ररू उउस्स्ककिी उूउउन्नगगल्लीी बभिि त्तीजीइ ससी द्दाल्लू ईसस्ककिी
चूत्त म्मी फिर माँ चुप हो गई लेकिन शोभा की आवाज़ फिर शुरू हो गई,,,ऐसी हहिि म्मामाआ ऊरर जजूर्र ससी कच्छुउऊस्स्ूओ
म्मीरररी ब्बूबबस क्कूव प्प्प्ुउउर्रा म्मूउहह म्मी बभ्ाररल्ल्लूओ ऊरर जजूर्र ससी ककाटटूऊ मीररी ब्बूबबसस
प्पीररर क्क्हा ज्जाऊओ म्मीर्रे ब्बूबबसस कक्कूव अहह म्मामाआ उूुउऊहह हहययययययययययययययययययययययी
शोभा ने ऐसे ही तेज़ी से चिल्लाते हुए पानी निकालना शुरू कर दिया ,,,,मैं तब तक उसकी गान्ड मारता रहा ऑर चूत मे उंगली करता रहा जब तक उसकी चूत से सारा पानी नही निकल गया जब वो निढाल होके माँ के जिस्म पर गिर गई तो मैने ऑर माँ ने मिलकर उसको माँ के जिस्म से नीचे किया ऑर बेड पर लेटा दिया ऑर मैं खुद जल्दी से माँ के उपर लेट गया ऑर लंड को माँ की चूत मे घुसा दिया,,,,माँ ने भी एक ही पल मे मुझे अपनी बाहों मे भर लिया,,


मैं माँ के उपर लेट गया ऑर अपने लंड को जल्दी से माँ की चूत मे घुसा दिया माँ ने भी जल्दी
ही मुझे अपनी बाहों मे भर लिया ऑर मेरी पीठ को कस्के अपने हाथ मेरी पीठ पर घुमाने
लगी,,तभी माँ का ऑर मेरा ध्यान शोभा की तरफ गया तो शोभा मुझे ऑर माँ को देख कर बहुत खुश थी ,,
माँ ने एक पल शोभा की तरफ़ देखा ऑर फिर हसके मुझे किस करने लगी मैने भी माँ को उसी अंदाज़
मे किस का रेस्पॉन्स देना शुरू कर दिया,,,,,तभी मैने देखा की शोभा बेड से उठी ऑर नंगी ही
बाहर चली गई,,पहले मुझे लगा शायद वो बाथरूम चली है लेकिन वो तो रूम से बाहर चली गई थी,,,,

खैर हमे क्या लेना देना मैं ऑर माँ तो मस्ती के सातवे आसमांं पर थे ,आज तो माँ बहुत खुश
थी क्यूकी शोभा हमारे साथ शामिल हो गई थी वैसे तो माँ को एक लंड चाहिए था लेकिन मैने माँ
के लिए एक चूत का बंदोबस्त कर दिया था ,,,,,इस से माँ को कोई फ़र्क नही पड़ने वाला था माँ चूत
को चुस्के भी उतनी ही खुश होती थी जितना लंड से चुदके खुश होती थी ,क्यूकी ये सब मैने गाओं
मे देख लिया था माँ कैसे रेखा की चूत चाटने मेमस्त हो जाती थी,,,,,माँ ने अपनी टाँगो को
घुटनो से मूड लिया ऑर थोड़ा खोला कर घुटनो को हवा मे उठा लिया,,,जिस से माँ की टाँगे बहुत ज़्यादा
खुल गई ऑर मुझे माँ की चूत पर कस्के झटके मारने मे आसानी होने लगी,,,मेरा लंड माँ की खुली
चूत मे पकच पकच की आवाज़ करता हुआ तेज़ी से अंदर बाहर हो रहा था उसी आवाज़ मे मेरी ऑर माँ की
हल्की हल्की दबी सिसकियाँ घूंज रही थी जो रूम मे मस्ती का महॉल पूरी तरह गर्म कर चुकी थी



तभी मुझे महसूस हुआ कि बेड पर कोई आया है इस से पहले कि मैं पीछे मूड के देखता माँ की एक
हल्की सी लेकिन लंबी आहह निकल गई ऑर माँ ने मुझे ऑर भी ज़्यादा कस लिया अपनी
बाहों मे ऑर हल्की हल्की सिसकियाँ अब थोड़ी तेज हो गई मैने पीछे मूड कर देखा तो शोभा मेरे
ऑर माँ के पीछे बैठी हुई थी ऑर मुझे देख कर हँस रही थी ,,,,,मैने गौर से देखा तो शोभा का
हाथ मुझे माँ की टाँगों की तरफ जाता हुआ नज़र आया जिसको वो हल्के से आगे पीछे करके हिला रही थी ,,,,
Reply
07-11-2019, 06:55 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
उसका हाथ आगे पीछे हो रहा था तभी उसने अपने हाथ को पीछे किया ऑर मेरी नज़र उसके हाथ मे
पकड़े हुए नकली लंड पर गई,,,,,,,,,,,,,उसके हाथ मे वही पिंक कलर का नकली लंड था उसने उस लंड को
अपने मुँह मे डाल लिया ऑर फिर पूरा मुँह मे भरके चूसने लगी,,,,उसने लंड को अच्छी तरह से थूक से
चिकना कर दिया ऑर हाथ को वापिस मेरी ऑर माँ की टाँगों के बीच मे ले गई जैसे ही उसका हाथ
माँ की टाँगों के बीच मे गया मैने महसूस किया कि माँ ने खुद को अड्जस्ट करते हुए अपनी
टाँगों की थोड़ा पीछे की तरफ मोड़ लिया जिस से उनकी गान्ड उपर की तरफ हो गई,,,,,शोभा दीदी ने शायद
नकली लंड को माँ की गान्ड पर रखा था क्यूकी माँ की चूत मे तो पहले से ही मेरा लंड था,,,शोभा ने
हाथ को फिर से आगे पीछे करना शुरू किया ऑर माँ की सिसकियाँ फिर से तेज होने लगी,,,इधर माँ मेरी पीठ
पर हाथ रखके मुझे तेज़ी से उपर नीचे करने लगी मैने भी अपनी स्पीड तेज करदी ऑर माँ को तेज़ी से चोदने लगा,,,,

आहह ईएसस्सीए हहिईिइ कच्छूओद्द म्मीररी ब्बीत्ताआ पफाद्दद्ड डदीए
आपपननन्िईीई मामा क्क्कीईइ कचूतततटतत्त ककूऊ आआअहह उूुुुुउऊहह
हयीईईईईईईईई हमम्म्ममममममममममम ऊरर त्तीज्ज ककककार्र्रूऊओ
ब्बीत्त्ताआअ प्प्प्ूउर्राा ग्घुउस्स्साआ दद्दूव आपपन्ना म्मूस्सालल्ल्ल म्मीरीईई कच्छूटतत म्मीईए
आहह हहयइईई ततुउुुउउम्म्म्म बभहिि ब्बीत्तीईईईईईईई प्प्प्ूउर्राआ ल्लुउउउन्न्ड़डड़ ददाालल्ल्ल
दद्दूऊव म्मीररीई ग्गगाणन्ँद्दद्ड म्मीईए ऊओररर त्टीज्जज्जििइई ससीईए आग्गगीई प्प्पीीिकचह्ी
क्कार्रूऊऊओ पफहाआद्द्दद्ड द्दूऊव द्दूओन्नूऊ ब्ब्बबभहाइईइ ब्ब्ीएहाआनन्न ममिल्ल्लक्काआरररर आपपन्नदननिईीई
म्मामाआ क्क्कीईईई cछ्हूत्त्त ऊऊऊररर्ररर गगाआंनद्दद्ड ककूऊऊऊ आआआहह

माँ ने अपने हाथों से मेरी पीठ को कस्के जकड लिया ओर मैने भी अपने हाथ माँ के शोल्डर्स पर
रखे ऑर कस कस के लंड पेलने लगा माँ की चूत मे माँ फुल मस्ती मे थी ऑर मस्ती फुल हुई थी नकली लंड
से तभी तो माँ की मस्ती भरी सिसकियाँ शुरू हो गई थी..माँ को कभी एक लंड से मज़ा ही नही आता था लेकिन
जब 2 लंड एक साथ माँ की चुदाई करते थे तो मज़ा उनकी सिसकियों मे झलकने लगता था इस बात का एहसास
शोभा को भी हो गया था तभी तो उसके हाथ की स्पीड तेज हो गई थी ,,,,जितनी स्पीड से मैं माँ की चूत मे लंड
घुसा रहा था वो भी उतनी तेज़ी से माँ की गान्ड मे नकली लंड घुसा रही थी...माँ की सिसकियाँ तो मानो पूरे
घर मे गूँज रही थी तभी माँ की आवाज़ ऑर भी ज़्यादा तेज होने लगी साथ ही मेरी स्पीड भी तेज होने लगी मैं
समझ गया था कि माँ शायद झड़ने वाली है तभी तो शोभा के हाथ की स्पीड भी तेज हो गई थी,,,,,अगर मैं अकेला
माँ को चोद रहा होता तो माँ इतनी जल्दी नही झड़ती लेकिन 2 लंड से मज़ा डबल हो जाता है ऑर जल्दी ही पानी निकल जाता है माँ का ,,,माँ ने फिर से चिल्लाते हुए मुझे ऑर शोभा को स्पीड तेज करने को बोला,,,,,,,,,,,,,

ऊऊरररर त्टीज्जज क्कार्रूऊ मीररी ब्बाच्छू ऊओररर त्टीज्जज्ज आहह उूुुुुुुुुुुउऊहह हहययययययययययययययए
म्मांरररर गगयययययीीई आहह क्कीिट्त्न्ना मांज़्जाआ एयेए र्राहहाअ हहाइईईईई उूुुुउउइईईईईईईईईईईईईईईई म्मामाआआआ आईसीए हहूओ चछूड्डतट्तीए र्राहहूओ
आपपनन्िईीईई माँाआ क्कूव ब्बाक्चूऊऊ ऊरर त्टीज्जज्ज तुउउउम्मछार्रीई मामा ज्झाड्दननी हहिि वाल्लीइी हहाइईइ ऊओरर त्टीजज क्कार्रूऊऊ आहह
हहययययययययययययययययई ब्बेट्ट्ट्टाया ऊरर त्टीज्जज क्काररर म्मीररी लालल्ल्ल आपपनन्ी माँ क्कीिई छ्छूटतत क्कू बभहिईिइ लालल्ल्ल्ल क्कार्र्रडदीई
चहूऊ कचहूऊद्दद क्कीए ऊऊरर त्टीज्जज क्काररर ष्ूवब्बा ब्बीत्तीईईईईई मामा क्कीी गगाणन्दड़ क्कूव प्फ़ादद्ड़ डीईए आहह मामाआअ
ब्बबास्स ज्झहहाड्दननी हहिईीई व्वाल्लीइी हहाइईइ ब्बाचहूऊ ऊररर त्टीज्जज्ज क्कार्रूऊऊऊओ हहययययययययईए,,,,,,,,,,,,,,,

माँ की मस्ती ने मुझे भी मस्त किया था ऑर वैसे भी मैं काफ़ी टाइम से चुदाई कर रहा था एक बार शोभा
की चूत का पानी भी निकाल चुका था इसलिए अब मैं भी झड़ने ही वाला था मस्ती मे मेरी स्पीड अपनी चरम
सीमा पर पहुँच गई ऑर शोभा का हाथ भी तेज हो गया जो तेज़ी से मेरी आँड से टकरा रहा था,,,,मैं भी माँ
के साथ झड़ना चाहता था ऑर ऐसा ही हुआ,,माँ ने ज़ोर से चिल्लाते हुए पानी निकलना शुरू कर दिया ऑर जैसे ही
माँ की चूत मे सैलाब आया मेरे भी लंड ने माँ की चूत मे पिचकारी मारना शुरू कर दिया ,,,,,,,देखते ही
देखते मेरे लंड ने माँ की चूत को स्पर्म से भर दिया ऑर मैं हांफता हुआ माँ के उपर गिर गया माँ भी भी हल्की
सिसकियाँ ले रही थी ऑर शोभा का हाथ भी माँ की गान्ड मे हल्के से नकली लंड पेल रहा था तभी उसका हाथ भी
रुक गया ऑर माँ ने भी सिसकियाँ लेना बंद कर दिया,,

फिर माँ ने मुझे उपर से हटा दिया ऑर मैं बेड की साइड मे लेट गया ,,,,,,,,मैं ऑर माँ ज़ोर से साँस लेते हुए
हाँफ रहे थे जबकि शोभा खुशी से मुझे ऑर माँ को देख रही थी तभी उसने माँ की टाँगों को फिर से
खोला ऑर अपने सर को माँ की टाँगों के बीच मे कर दिया ऑर माँ की चूत को अपने ज़ुबान से चाटने लगी,,


वो शायद माँ की चूत के पानी को पी रही थी ,,,तभी कुछ देर बाद वो उठी ऑर मैने उसके चहरे पर देखा
तो मेरा स्पर्म लगा हुआ था उसने मुझे जानभूज कर अपनी ज़ुबान दिखाई जिसमे मेरा स्पर्म लगा हुआ था
वो माँ की चूत से माँ की चूत का पानी ऑर मेरा स्पर्म चाट रही थी ....उसने माँ की चूत को चाटने के बाद
मेरे करीब आके मेरे लंड को मुँह मे भर लिया ,,,,,,मेरा लंड अब तक सो चुका था उसने उसी सोए हुए
लंड को मुँह मे भरा ऑर अच्छी तरह से चूस ऑर चाट कर' सॉफ करने लगी,,फिर जब लंड सॉफ हो गया उसने
लंड को मुँह से निकाला ऑर माँ की साइड मे जाके लेट गई,,,,,,,,बेड पर मैं माँ ऑर शोभा नंगे ही लेटे हुए थे ,,माँ
बीच मे ऑर दोनो तरफ मैं ऑर शोभा थे,,,,,,,,,,,,,,,,
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