08-05-2019, 01:06 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
* * * * * * * * * *बिंदिया ने अपनी माँ सोनाली और पड़ोसी कमल की चुदाई देखी
रात के 2:00 बज रहे थे मगर बिंदिया की आँखों से नींद गायब थी। वो सोच रही थी की रोहन आज क्यों नहीं आया? और उसका मोबाइल भी बंद था। बिंदिया को रोहन पर बहुत गुस्सा आ रहा था। वो उठते हुए अपने कमरे से बाहर आते हुए फ्रीजर में से पानी की बोतल निकाली और वापस जाने लगी।
बिंदिया को अपनी माँ के कमरे से सिसकने की आवाज सुनाई दी। बिंदिया ने समझा की उसका वहम है और वो अपने कमरे में जाने लगी। बिंदिया को तभी एक और जोर की सिसकी सुनाई दी। बिंदिया अपनी माँ के कमरे । की तरफ बढ़ने लगी। बिंदिया जैसे ही कमरे के दरवाजे तक पहुँची उसे बहुत जोर की सिसकियां सुनने में आई। बिंदिया परेशान होते हुए इधर-उधर देखने लगी। उसे कमरे की खिड़की खुली हुई नजर आई और बिंदिया खिड़की के पास जाते हुए अंदर देखने लगी।
बिंदिया का जिश्म अंदर का नजारा देखकर सिहर उठा। अंदर देखते हुए उसका जिश्म काँपने लगा। उसकी सगी माँ किसी गैर मर्द के लण्ड को अपनी चूत में डाले हुए उसपर उछल रही थी और उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों को वो शख्स अपने हाथों से मसल रहा था। बिंदिया का पूरा जिश्म अंदर का नजारा देखकर पशीने में भीग गया था।
उसकी माँ अचानक उस शख्स के लण्ड पर बहुत तेजी के साथ उछलने लगी। वो बहुत ऊपर जाते हुए नीचे बैठ रही थी और बहुत जोर से सिसक रही थी। उसकी माँ का जिम भी पशीने से भीग चुका था और वो बहुत जोर से हाँफ रही थी। अचानक उसकी माँ बहुत जोर से चीखते हुए उस शख्स के ऊपर ढेर हो गई। वो शख्स उसकी माँ की चूचियों को चूसते हुए नीचे से अपना लण्ड उसकी माँ की चूत में अंदर-बाहर करने लगा।
बिंदिया समझ गई की उसकी माँ झड़ चुकी है। मगर वो शख्स कौन था? उसका सिर फटने लगा।
तभी उस शख्स ने उसकी माँ को अपने ऊपर से उठाते हुए उल्टा लेटा दिया। बिंदिया उस शख्स का चेहरा देखकर हैरान हो गई। वो शख्स और कोई नहीं उनका पड़ोसी कमल था। बिंदिया अपनी माँ के उल्टा लेटने से उसकी फूली हुई चूत को देखकर हैरान रह गई।
उसकी माँ की चूत बहुत बड़ी, फूली हुई थी और वो कमल के मोटे, लंबे काले लण्ड से चुदते हुए लाल हो गई
थी। कमल ने उसकी माँ के पीछे आते हुए अपना लण्ड उसकी चूत में डाल दिया, और उसके चूतड़ों पर थप्पड़ मारते हुए उसे चोदने लगा।
बिंदिया का बदन तपकर गरम हो चुका था और अब उसे अपनी चूत में हल्की-हल्की सरसराहट महसूस हो रही थी। बिंदिया इतनी गरम हो चुकी थी की उसकी चूत में से पानी निकल रहा था। वो अपना हाथ नीचे ले जाते हुए अपनी नाइटी के ऊपर से ही अपनी चूत को सहलाने लगी। कमल अब उसकी माँ की उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों से पकड़े हुए धक्के लगा रहा था। कमल उसकी माँ को बहुत तेजी के साथ चोदते हुए हाँफने लगा। बिंदिया समझ गई की वो झड़ने वाला है इसलिए वो वहाँ से जाने लगी।
बिंदिया ने अपने कमरे में जाते हुए फ्रीजर से बरफ के दो-तीन टुकड़े उठा लिए। बिंदिया ने अपने कमरे में आते हुए बरफ के टुकड़े जो वो एक प्लेट में डालकर लाई थी उसे बेड के पास रख दिया और दरवाजे की तरफ जाते हुए उसे अंदर से बंद कर दिया। दरवाजा बंद करने के बाद बिंदिया ने अपनी नाइटी को उतारकर फेंक दिया और ड्रेसिंग टेबल की तरफ जाने लगी।
बिंदिया ड्रेसिंग टेबल के सामने आते हुए आईने में अपने जिश्म को घूरने लगी, बिंदिया का गोरा जिश्म बल्ब की रोशनी में चमक रहा था। बिंदिया अपनी बड़ी-बड़ी चूचियों को छोटी सी ब्रा में कैद देखकर खुद ही शर्मा गई। बिंदिया ने अपने हाथों से अपनी ब्रा को भी उतारकर फेंक दिया। ब्रा के उतरते ही उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां बल्ब की रोशनी में चमकने लगी। बिंदिया आईने में अपनी चूचियों को बड़े गौर से देखने लगी। उसकी चूचियों के । क्लीवेज पर कहीं-कहीं लाल निशान थे। बिंदिया समझ गई की वो रोहन के दाँतों के निशान हैं और मन ही मन में हँसने लगी।
बिंदिया अपनी चूचियों को देखते हुए अपनी चूची के एक दाने को अपनी उंगलियों में लेकर मसलने लगी। अपनी चूचियों को मसलते हुए उसके मुँह से “आहहह...” की एक सिसकी निकल गई। बिंदिया ने अपनी चूचियों को छोड़ते हुए नीचे देखने लगी उसकी छोटी सी कच्छी में कैद उसके भारी चूतड़ जिसमें उसकी आधी गाण्ड ही समा पा रही थी। बिंदिया ने अपनी कच्छी में हाथ डालते हुए उसे नीचे सरकाते हुए अपने पैर से निकाल दिया।
बिंदिया अपनी चूत को देखकर हैरान रह गई, उसकी चूत बहुत बड़ी हो चुकी थी। रोहन से मिलने से पहले उसकी चूत बहुत छोटी थी, मगर अब वो बिल्कुल फूलकर बड़ी हो चुकी थी। मगर वो जिस चूत को अभी देखकर आई थी उसकी चूत के मुकाबले यह बहुत छोटी थी। बिंदिया अपनी चूत को गौर से देखने लगी उसकी चूत पर बहुत सारे बाल थे, क्योंकी उसने कई दिन से अपनी चूत साफ नहीं की थी। वो अपनी चूत के दाने को देखने लगी जो उत्तेजना में फूला हुआ था।
बिंदिया ने जैसे ही अपने हाथ से अपनी चूत के दाने को छुआ, उसके पूरे बदन में करेंट दौड़ गया और मजे से उसके मुँह से सिसकी निकल गई। बिंदिया ने अपने हाथ को वहीं पर रखे हुए अपने दाने को सहलाने लगी। बिंदिया को अपने पूरे जिम में गुदगुदी और मजे का अहसास हो रहा था। बिंदिया ने अब अपना हाथ नीचे करते हुए अपनी चूत के बालों को हटाते हुए उसके होंठों पर रख दिए। बिंदिया का हाथ उसकी चूत से निकलते हुए पानी से भीग गया।
उसने अपनी चूत के होंठों के बीच अपनी एक उंगली डालकर थोड़ा दबाव डाला। बिंदिया के मुँह से “इस्स्स्स...” की सिसकी निकली और उसकी उंगली आधी उसकी चूत में चली गई। बिंदिया का जिस्म बहुत ज्यादा गरम हो चुका था। अपनी आधी उंगली अपनी चूत में जाते ही उसे ऐसा महसूस हुआ की जैसे उसकी उंगली को गरम पानी में डाल दिया गया हो। बिंदिया ने अपनी उंगली को अपनी चूत से निकाला और वहाँ से जाते हुए बेड पर जाकर बैठ गई।
बिंदिया बेड पर बैठते हुए प्लेट में पड़ा हुआ एक बरफ का टुकड़ा उठा लिया जो अब बहुत छोटा रह गया था, बिंदिया ने अपनी टाँगों को खोलकर फैला दिया और उस बरफ के टुकड़े को अपनी चूत के छेद पर रखकर घिसने लगी। बरफ का टुकड़ा अपनी चूत पर घिसते हुए उसके मुँह से जोर की “आहहह...” निकलने लगी। बिंदिया को अपने पूरे शरीर में बहुत उत्तेजना हो रही थी और उसका बदन मजे से काँप रहा रहा। बिंदिया का पूरा शरीर । उत्तेजना के मारे पशीना पशीना हो गया था और वो बरफ का टुकड़ा भी अब पानी बनकर खतम हो चुका था।
बिंदिया ने प्लेट की तरफ देखा तो उसमें दो और टुकड़े थे, एक तो बहुत छोटा था, मगर दूसरा बड़ा था। बिंदिया ने काँपते हाथों से वो बड़ा वाला बरफ का टुकड़ा उठाया और उसे अपनी चूत के दाने से लेकर घिसते हुए नीचे ले जाते हुए अपनी चूत के छेद पर घिसने लगी। बिंदिया का पूरा शरीर अब झटके खा रहा था। बिंदिया भी अब उस बरफ के टुकड़े को अपनी चूत पर बहुत जोर से घिसते हुए थोड़ा अंदर-बाहर भी कर रही थी, ऐसा करते हुए। बिंदिया के मुँह से बहुत जोर की सिसकियां निकल रही थी। बिंदिया का बदन अचानक बहुत जोर से काँपने लगा और उसकी चूत बहुत जोर से झटके खाने लगी।
बिंदिया- “ओह... आह्ह्ह... इस्स्स्स ...” करते हुए झड़ने लगी।
बिंदिया ने झड़ते हुए अपने हाथों से वो बरफ का टुकड़ा पूरा अपनी चूत में डालकर जोर से चीखने लगी और मजे से काँपते हुए उसकी आँखें बंद हो गई। बिंदिया यूँ ही कुछ देर तक अपनी आँखें बंद किए हुए झड़ने का मजा लेने लगी, और कुछ देर बाद जब उसने आँखें खोली तो उसने अपनी चूत में से वो बरफ का टुकड़ा निकालकर प्लेट में रख दिया। बिंदिया अपना पूरा जिम हल्का महसूस कर रही थी और वो अपने पागलपन पर हँसते हुए बल्ब आफ करते हुए सोने की कोशिश करने लगी। बिंदिया करवटें लेते हुए सोने की कोशिश कर रही थी। उसके दिमाग में बार-बार अपनी माँ का खयाल आ रहा था। उसकी माँ किसी गैर मर्द से चुदवा रही थी।
बिंदिया के दिमाग में अचानक खयाल आया की इसमें माँ का क्या दोष है? उसका बाप तो बहुत पहले मर चुका था, वो एक औरत है और उसकी उमर भी इतनी बड़ी नहीं थी। उसको एक मर्द की कमी महसूस हुई होगी। इसलिए वो अपनी प्यास बुझाने के लिए गलत रास्ते पर भटक गई होगी। यह सोचते हुए उसे नींद आ गई।
* * * * *
|
|
08-05-2019, 01:06 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
धन्नो उठो सुबह हो गई है, देखो अब तो तुम्हारी खटिया पर सूरज की धूप भी आ गई है...” मौसी ने धन्नो को। झंझोरते हुए कहा।।
धन्नो अपनी आँखों को मलते हुए उठने लगी। उसने खटिया पर बैठते हुए एक बड़ी आलस लेते हुए कहा- “मौसी तुम ठीक से नींद भी नहीं करने देती...”
करुणा ने अचानक अंदर से निकलते हुए धन्नो को टोकते हुए कहा- “मौसी बेचारी धन्नो तो अभी सपना देख ही रही थी की तुमने उसे जगा दिया..." और मुश्कुराने लगी।
करुणा की बात सुनकर मौसी भी हँसने लगी। धन्नो मौसी को हँसता हुआ देखकर गुस्से से अपनी खटिया से। उठते हुए करुणा को मारने के लिए उसकी तरफ दौगी। करुणा धन्नो को अपनी तरफ आता हुआ देखकर जल्दी से अपने कमरे में भाग गई। धन्नो भी दौड़ते हुए उसके पीछे कमरे में पहुँच गई।
करुणा ने धन्नो को कमरे में देखकर अपने कान पकड़ते हुए कहा- “दीदी गलती हो गई माफ कर दो, आगे से तंग नहीं करूँगी...”
धन्नो करुणा के पास पहुँचते हुए करुणा की उखड़ती साँसों के साथ हिलती हुई चूचियों को देखने लगी। करुणा धन्नों को अपनी चूचियों की तरफ देखते हुए शर्माते हुए अपने हाथ अपने कानों से हटाते हुए नीचे कर दिये।
धन्नो ने करुणा को छेड़ते हुए कहा- “क्या बात है तुम्हारी चूचियां तो बहुत मस्त होती जा रही हैं?”
धन्नो की बात सुनकर करुणा ने शर्म के मारे लाल होते हुए कहा- “दीदी आप मुझे छेड़ो मत, मेरी चूचियां आपकी चूचियों से बहुत छोटी हैं.”
धन्नो ने करुणा का सिर ऊपर करते हुए उसके माथे को चूमते हुए कहा- “मैंने कब कहा की तुम्हारी चूचियां मेरी चूचियों से बड़ी हैं... तुम्हारी चूचियां तो मेरी चूचियों से ज्यादा खूबसूरत हैं...”
करुणा धन्नो की बात सुनकर शर्माते हुए कहने लगी- “दीदी तुम भी ना... जाओ फ्रेश हो जाओ...”
धन्नो ने हैरान होते हुए कहा- “क्यों कहीं जाना है क्या?”
करुणा ने कहा- “हाँ दीदी, पर अभी नहीं। दोपहर को हम लंच ठाकुर साहब की हवेली में करेंगे...”
धन्नो ने हैरान होते हुए कहा- “मगर कल तो ऐसी कोई बात नहीं हुई थी.."
करुणा ने हँसते हुए कहा- “रात को मनीष ने फोन किया था की कल का खाना आप हमारे घर पर करोगे...”
धन्नो करुणा की बात सुनकर कर उसे छेड़ते हुए कहा- “क्या बात है आजकल फोन पर बहुत बातें हो रही है?”
करुणा ने गुस्सा होते होते हुए कहा- “दीदी आप फिर से हमें छेड़ रही हैं."
धन्नो करुणा की बात सुनकर वहाँ से जाते हुए कहने लगी- “अच्छा बाबा मैं जा रही हूँ...” धन्नो वहाँ से जाते हुए फ्रेश होने चली गई।
धन्नो फ्रेश होने के बाद जब बाहर निकली तो सब लोग बाहर बैठकर नाश्ता की तैयारी कर रहे थे। धन्नो भी। वहाँ पर आकर बैठ गई। मोहित भी वहाँ पर बैठा हुआ था। धन्नो ने मोहित की तरफ देखते हुए कहा- “कैसी है। तबीयत अब..."
मोहित ने कहा- “अब बिल्कुल ठीक हूँ, तुम बताओ कैसा चल रहा है?”
धन्नो ने कहा- “बिल्कुल अच्छा चल रहा है, कल शाम को ठाकुर की हवेली घूमकर आए थे और आज ठाकुर साहब ने हमें लंच पर बुलाया है...”
धन्नो की बात सुनकर मोहित ने कहा- “मुझे भी आज दोपहर को डाक्टर के पास जाना है, शाम को बातें करेंगे...”
धन्नो और करुणा नाश्ता करने के बाद एक कमरे में बातें करने लगी, ऐसे ही बातें करते हुए टाइम गुजरता गया
और दोनों तैयार होकर मनीष का इंतजार करने लगी। करुणा को मनीष ने कहा था की वो उन दोनों को लेने आएगा। करुणा और धन्नो तैयार होकर बाहर वाले आँगन में बैठी थी।
रिया अचानक अंदर दाखिल हुई और उन दोनों को हाय कहते हुए मोहित के कमरे में जाने लगी।
धन्नो और करुणा रिया को देखती रह गई, धन्नो ने करुणा से कहा- “रिया तो आज सज संवर कर बिल्कुल हुश्न की देवी लग रही है। लगता है की आज मोहित की खैर नहीं..”
|
|
08-05-2019, 01:07 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
करुणा ने धन्नो की बात सुनकर कहा- “दीदी उस बेचारी को क्या पता की मोहित की हालत उसे देखकर खराब हो जायेगी, वो तो मोहित को बहुत शरीफ समझती है। अच्छा हुआ की जो उस लड़की ने उसे बस स्टैंड पर पिटवाया...”
करुणा की बात खतम होते ही दोनों जोर से हँसने लगी। तभी उन्हें बाहर से गाड़ी की हार्न सुनाई दी, दोनों समझ गई की मनीष आ चुका है और दोनों उठकर बाहर जाने लगी। दोनों गाड़ी के पास पहुँचते ही हैरान रह गई क्योंकी गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर रवी और पीछे मनीष बैठा था।
करुणा जल्दी से जाकर पीछे बैठ गई और धन्नो वहीं खड़ी रहकर सोचने लगी।
तभी रवी ने धन्नो से कहा- “छोरी आकर बैठ ना क्या देख रही है?”
धन्नो जैसे नींद से जागी और आगे जाकर रवी के साथ बैठ गई। रवी ने गाड़ी को चलाना शुरू कर दिया, रास्ते में बार-बार रवी का हाथ गियर चेंज करते हुए धन्नो की टाँगों से टकरा रहा था। गाड़ी चलते हुए हवेली तक पहुँच गई। हम सब कार से उतरते हुए हवेली में आ गये। धन्नो और करुणा अंदर पहुँचते ही हैरान रह गई। अंदर एक बहुत बड़ी टेबल पर नौकर खाना लगा रहे थे। उस टेबल पर खाने की बहुत ज्यादा डिसेस थी जो । धन्नो और करुणा ने कभी एक साथ खाई नहीं थी। कुछ डिसेस तो ऐसी थी जो दोनों ने आज तक देखी भी नहीं थी।
वहाँ खड़े एक नौकर ने मनीष और रवी को देखते हुए कहा- “छोटे ठाकुर, बड़े ठाकुर एक जरूरी काम में फँस गये हैं, उन्होंने फोन करके कहा है की वो आधे घंटे में आ जाएंगे...”
मनीष ने कहा- “हम कमरे में जाकर बैठते हैं, जब डैड आ जाए तो हमें बता देना..” यह कहते हुए मनीष सभी के साथ अपने कमरे में आ गया और वहाँ बैठकर सभी बातें करने लगे।
* *
*
लड़की- “हमें छोड़ दो ठाकुर हम आपके पैर पड़ते हैं, हम किसी को मुँह दिखाने के लायक नहीं रहेंगे.” एक 2830 साल की औरत सिर्फ एक ब्रा और कच्छी में आधी नंगी ठाकुर के पैरों में गिड़गिड़ा रही थी।
ठाकुर- "देखो लड़की यह सब तुम्हें उस वक़्त सोचना चाहिए था जब तुमने हमसे 50 हजार लेकर अपने उस यार
को दिए थे..." ठाकुर ने कड़क आवाज में कहा।
लड़की ने रोते हुए कहा- “मुझे नहीं मालूम था की वो इतना बड़ा कमीना निकलेगा। उसने कहा था की वो इन पैसों से शहर जाकर कोई बिजनेस करेगा और लौटकर यह पैसे भी वापस दे देगा और हमसे शादी भी करेगा...”
ठाकुर- “देख लड़की हमारा उन बातों से कोई लेना देना नहीं है। हमने पैसे देते वक़्त तुमसे साफ कहा था की अगर टाइम पर पैसे नहीं मिले तो हम उन पैसों को तुमसे वसूल करेंगे...” ठाकुर ने फिर से तेज आवाज में कहा।
लड़की- “ठाकुर साहब आप हमारे बाप जितने हैं, हम पर दया करो, अगर आपने हमारी इज्जत लूट ली तो हमसे कौन शादी करेगा?” उस लड़की ने फिर से गिड़गिड़ाते हुए कहा।
ठाकुर हँसते हुए- “हमारी हवेली में काम करती रह सारी जिंदगी पैसे और लण्ड की भूख नहीं देंगे...”
ठाकुर की बात सुनकर वो लड़की शर्म से पानी-पानी हो गई मगर अपनी इज्जत को बचाने के लिए वो फिर से ठाकुर के सामने गिड़गिड़ाते हुए कहने लगी- “ठाकुर साहब, हमें कुछ दिनों की मुहलत दे दो हम आपके सारे पैसे दे देंगे...” उस लड़की ने ठाकुर के चुंगल से छूटने की आखिरी कोशिश की।
ठाकुर- “नहीं हम तुम्हें दो दफा मुहलत दे चुके हैं, मगर तुम अपना वादा निभा नहीं पाई। अब हम कुछ नहीं कर सकते...” ठाकुर ने यह कहते हुए अपने सारे कपड़े उतार दिए।
ठाकुर को नंगा देखकर उस लड़की ने शर्म के मारे अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया।
ठाकुर- “देख लड़की हमारी शराफत का इम्तिहान मत ले, हमको अगर गुस्सा आ गया तो तुम्हारा ही नुकसान है...” ठाकुर ने उस लड़की को बालों से पकड़ते हुए उसका चेहरा अपनी तरफ मोड़ दिया।
|
|
08-05-2019, 01:07 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
फ्लैशबैक
खुशबू- “छोड़ो मुझे तुम झूठ बोलते हो, अगर तुम मुझसे प्यार करते हो तो बापू से मेरा हाथ क्यों नहीं माँग लेते...” खुशबू ने उस लड़के को अपने से दूर करते हुए कहा।
लड़का- “देखो खुशबू हमें अपने पैरों पर खड़ा होने दो, फिर हम तुम्हारे बापू से तुम्हारा हाथ भी माँग लेंगे..” उस लड़के ने कहा।
खुशबू- “कब तुम अपने पैरों पर खड़े होगे, जब हमारा हाथ कोई और माँग लेगा तब?” खुशबू ने गुस्सा होते हुए कहा।
।
।
।
लड़का- “वो हमने ठाकुर साहब से पैसे माँगे थे बियाज पर, मगर वो कह रहा है की अपनी कोई जमीन दो, अगर तुम पैसे ना लौटा सके तो हम उससे वसूल करेंगे...” उस लड़के ने खुशबू से कहा।
खुशबू- “ठाकुर साहब बहुत अच्छे आदमी है हमें उसके पास ले चलो, हम उन्हें मना लेंगे। मगर तुम पैसों से क्या करोगे?” खुशबू ने हैरान होते हुए पूछा।
लड़का- “पगली हम इन पैसों को शहर लेजाकर वहाँ पर कोई कारोबार करके ढेर सारा पैसा कमाएंगे और फिर हम दोनों ठाकुर के पैसे लौटाकर बियाह भी कर लेंगे...”
उस लड़के की बात सुनकर खुशबू ने कहा- “ठीक है, हमें ठाकुर साहब के पास ले चलो, हम उनसे बिनती करेंगे.."
खुशबू के बाप- “ओये छोरी इस लफंगे बिरजू के चक्कर में ना आ, यह तुम्हें भी फैंसा देगा...” खुशबू के बाप ने उसे समझते हुए कहा।।
खुशबू- “बापूजी आप तो खामखा इस बेचारे के पीछे पड़े रहते हैं, हम इसकी जरूर मदद करेंगे...” यह कहते हुए खुशबू बिरजू के साथ ठाकुर के फार्महाउस जाने लगी। ठाकुर के फार्महाउस में पहुँचकर उन दोनों ने ठाकुर को प्रणाम किया।
ठाकुर ने उन दोनों के प्रणाम का जवाब देते हुए कहा- “कैसे आना हुआ?”
बिरजू ने ठाकुर से हाथ जोड़ते हुए कहा- “हमने आपसे पैसे माँगे थे, उसी के लिए आए हैं..."
ठाकुर- “हमने तुम्हें कहा था की हमें सेक्योरिटी चाहिये..”
खुशबू ने हाथ जोड़ते हुए कहा- “ठाकुर साहब आप इन्हें पैसे दे दें, यह आपके पैसे लोटा देगा। हम आपसे वादा करते हैं की अगर यह पैसे नहीं दे पाया तो हम आपको पाई-पाई चुका देंगे...”
Page 256
ठाकुर खुशबू की बात सुनकर उसे ऊपर से नीचे तक निहारने लगा। ठाकुर ने उसे गौर से निहारते हुए कहा
सोच ले अगर तुम कह रही हो तो हम इसे पैसे दे देते हैं, मगर जब यह पैसे ना लौटा सका तो तुम्हें चुकाने पड़ेंगे...”
खुशबू ने ठाकुर की बात सुनते ही जल्दी से खुश होते हुए कहा- “हाँ ठाकुर साहब हमें इस पर पूरा भरोसा है, अगर यह पैसे ना दे सका तो हम चुका देंगे...”
ठाकुर ने अपने आदमी से कहा- “पेपर ले आओ...”
ठाकुर का आदमी जल्दी से पेपर लेकर आ गया, जो उन्होंने किसी को पैसे देते वक़्त साइन कराने के लिए रखे थे। ठाकुर ने कागज को खुशबू के सामने लाते हुए कहा- “इस पर अपना अंगूठा लगा दो। मगर एक बार और सोच लो, अगर यह पैसे नहीं दे पाया तो हम किसी भी तरीके से यह पैसे तुमसे वसूल करेंगे...”
खुशबू ने उस कागज पर अँगूठा लगाते हुए कहा- “हमने कहा ना की अगर यह ना दे सका तो हम चुका देंगे..”
ठाकुर ने वो कागज अपने आदमी को देते हुए अपनी जेब में से पैसे की एक गड्डी बिरजू को दे दी। बिरजू ने वो पैसे लेते हुए खुश होते हुए ठाकुर का शुक्रिया अदा किया। खुशबू ने भी ठाकुर का शुक्रिया अदा किया और बिरजू के साथ वहाँ से निकल गई।
बिरजू दूसरे दिन ही खुशबू से विदा लेकर शहर के लिए निकल गया। बिरजू एक महीने के लिए कहकर गया था, मगर 60 दिन बाद भी उसका कोई अता पता नहीं था। खुशबू का यहाँ रो-रोकर बुरा हाल था।
उसे ठाकुर के पैसों की चिंता थी। वो दो बार ठाकुर के पास जाकर उससे कुछ दिनों की मुहलत माँग चुकी थी। मगर उस मुहलत को भी आज 15 दिन हो गये थे। अचानक दरवाजा खटकने की आवाज आई, खुशबू वहाँ से उठकर दरवाजे की तरफ बढ़ी। उसने जैसे ही दरवाजा खोला तो ठाकुर के आदमी सामने खड़े थे।
वहाँ खड़े आदमियों में से एक ने कहा- “चलो ठाकुर साहब तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं."
खुशबू ठाकुर के आदमियों के साथ उसके फार्महाउस पर आ गई और अचानक वो खयालों से बाहर आई, वो गाँव से बाहर एक बड़ी नदी के पास पहुँच चुकी थी। उसने आखिरी बार अपनी नजरों से चारों तरफ देखा और छलाँग लगाते हुए अपने आपको नदी के गहरे पानी के हवाले कर दिया।
* *
* * *
* *
* * *
* * * * * * * * *
|
|
08-05-2019, 01:07 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
धन्नो और करुणा का ठाकुर की हवेली में खाना
छोटे ठाकुर खाना लगा दिया है, बड़े साहब अभी तक नहीं आए। आप चाहें तो खाना खा लें, वरना खाना ठंडा हो। जायगा...”
मनीष कुछ बोलने वाला ही था की ठाकुर अंदर दाखिल होते हुए बोले- “यार काम की वजह आज बहुत देर हो गई, चलो उठो खाने पर चलो..."
धन्नो और करुणा ठाकुर को देखते ही उठते हुए उनके पैर पड़ी।
ठाकुर ने उन्हें आशीर्वाद देते हुए उठा लिया, और अपनी बहुओं के साथ चलते हुए खाने की टेबल तक आ गया। ठाकुर ने एक कुर्सी पर बैठते हुए पानी से हाथ धोए और सब मिलकर खाना खाने लगे।
खाना खतम करने के बाद ठाकुर ने कहा- “चलो आज हमारे कमरे में चलकर बातें करते हैं, मुझे अपनी बहुओं से। बहुत बातें करनी हैं...”
ठाकुर की बात सुनकर सभी बड़े ठाकुर के कमरे में जाने लगे। कमरे में पहुँचते ही मनीष और रवी जाकर सोफे पर बैठ गए। ठाकुर ने बेड पर बैठते हुए धन्नो और करुणा को अपने पास बेड पर बैठने को कहा। ठाकुर धन्नो और करुणा के बैठने के बाद उनसे बातें करने लगा। थोड़ी ही देर बाद शिल्पा कमरे का दरवाजा खोलते हुए शरबत का एक जग और ग्लास लेकर कमरे में दाखिल हुई। शिल्पा ग्लासों में शरबत डालने लगी।
रवी ने मनीष से कहा- “सुना है गाँव में मेला लगा है...”
मनीष- “हाँ यार मैंने भी किसी के मुँह से सुना था...” मनीष रवी के बात सुनते हुए बोला।
रवि- “मनीष चलो ना आज शाम को भाभी और छोरी को मेला घुमाने ले चलें..." रवी ने मनीष की तरफ देखते हुए कहा।
रवी की बात सुनकर मनीष की आँखों में चमक आ गई और धन्नो और करुणा की तरफ देखते हुए कहा- “क्या
कहती हो, चलें शाम को मेला घूमने?”
करुणा ने कहा- “हाँ मैं तैयार हूँ चलने के लिए...”
करुणा की बात सुनकर धन्नों ने भी कहा- “सब राजी हो, तो भला मुझे क्या ऐतराज हो सकता है?”
शिल्पा शरबत के ग्लास सबके हाथों में देते हुए वहां से चली गई। ठाकुर सबकी बातें गौर से सुन रहा था, उसने कहा- “एक काम करो इन दोनों को अभी घर छोड़ आओ, शाम को इन्हें वहाँ से लेते जाना। वरना इनके रिश्तेदार बुरा मान जाएंगे...”
ठाकुर की बात सुनकर मनीष ने शरबत का खाली ग्लास टेबल पर रखते हुए कहा- “आप ठीक कह रहे हैं। हम कुछ देर के बाद इन्हें घर छोड़ आते हैं. और फिर सब आपस में बातें करने लगे। एक घंटे तक वो आपस में बातें करते रहे और फिर मनीष उन दोनों को घर पर छोड़कर आ गया।
घर के अंदर दाखिल होते हुए धन्नो ने करुणा से कहा- “आज शाम को तो बहुत मस्ती करेंगे मेले में..."
करुणा ने कहा- “हाँ दीदी घर में बैठे-बैठे बोर होते रहते हैं आज खूब मजे करेंगे मेले में..." धन्नो और करुणा जैसे ही अंदर दाखिल हुई, वो हैरान रह गई क्योंकी घर में कोई भी नहीं था और मोहित के कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। धन्नो ने दरवाजे के पास आते हुए अपने कान दरवाजे के करीब कर लिये।
रिया की आवाज- “छोड़ो ना तुमने कहा था सिर्फ गालों पर चुम्मी दोगे, मगर तुम तो बहुत गंदे हो मेरे होंठों को चूमने लगे...” अंदर से रिया की आवाज आई।
धन्नो समझ गई के मोहित रिया के साथ मजे कर रहा है। धन्नो ने फिर से गौर से सुनने की कोशिश की।
मोहित- “करने दो ना वैसे भी हमारी शादी होने वाली है और इन सबसे कुछ होता भी नहीं है...” मोहित ने गिड़गिड़ाते हुए कहा।
रिया- “नहीं तुम एक नंबर के झूठे हो। जब शादी हो जाये तो फिर कर लेना...” रिया ने गुस्से में कहा।
मोहित- “देख रिया गाँव में मेला लगा है अगर तुम मुझे अपने होंठों पर चूमने दोगी तो शाम को मैं तुम्हें मेला घुमाने ले जाऊँगा..” मोहित ने रिया को खुश करने के लिए आखिरी पत्ता फेंका।
रिया- “सच में तुम मुझे मेला घुमाने ले जाओगे?” रिया ने खुश होते हुए कहा।
मोहित अपनी कामयाबी पर खुश होते हुए- “हाँ जान तुम्हारी कसम मैं तुम्हें मेला घुमाने ले जाऊँगा..."
रिया- “ठीक है मगर थोड़ी देर ही चूमना...” रिया ने राजी होते हुए कहा।
मोहित ने रिया की इजाजत पाकर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और बहुत जोर से चूसने लगा। धन्नो को अब कोई आवाज सुनाई नहीं दे रही थी वो समझ गई की मोहित रिया के होंठों का रस पी रहा है। धन्नो को। अचानक आवाज सुनाई दी।
रिया- “हम्म्म्म ... छोड़ो तुम बहुत गंदे हो... ऐसे भी कोई होंठों को चूसता है। मेरा दम घुटा जा रहा था...” रिया ने गुस्सा होते हुए कहा।
मोहित- “यार अब क्या हुआ थोड़ी देर चूमने दो ना बहुत लजीज हैं तुम्हारे होंठ..” मोहित ने फिर से रिया को मिन्नत करते हुए कहा।
|
|
08-05-2019, 01:07 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
*बिंदिया और रोहन
होटल रूम में बिंदिया आज बहुत देर तक सोई थी जब वो उठी तो सुबह के 11:00 बजे थे। वो उठकर नहाने चली गई और फ्रेश होकर बाहर आ गई। उसकी माँ खाना पका रही थी। बिंदिया को देखकर उसने कहा- “उठ गई बेटी चाय बनाऊँ तुम्हारे लिए?”
बिंदिया ने कहा- “आप खाना पकाओ, मैं खुद बना लेती हूँ और वो खुद के लिए चाय बनाने लगी...”
सोनाली- “बेटी सुबह रोहन बेटे का फोन आया था, तुम सो रही थी। कह रहा था की जरूरी काम है तुम उसे फोन करना...”
बिंदिया- “जी माँ अभी चाय पीकर करती हूँ..” बिंदिया ने कहा। बिंदिया चाय बनाने के बाद उसे उठाकर अपने कमरे में चली गई और अपना फोन उठाया उसपर रोहन की मिस काल्स थी। बिंदिया ने रोहन के नंबर पर फोन लगा दिया।
रिहन- “हेलो गुड मार्निग डार्लिंग..” उस तरफ से रोहन की आवाज आई।
बिंदिया गुस्सा होते हुए- “अच्छा तो अभी साहब को फुर्सत मिली है हमसे बात करने के लिए?”
रोहन- “यार मत पूछो रात को तुम्हारे पास आने के लिए ही निकला था की रास्ते में दोस्तों ने रोक लिया। और एक पार्टी में ले गए, वहाँ पर कुछ ज्यादा ही पी ली इसलिए तुम्हारे पास नहीं आ सका..." रोहन ने एक साँस में ही अपनी पूरी बात कह दी।
बिंदिया ने कहा- “हम कुछ नहीं जानते। अब कोई इंतजाम करो, हम रात से जल रहे हैं...”
रोहन बिंदिया को चिढ़ाते हुए- “हुक्म करो मेरी जान अभी तुम्हारे कमरे में हाजिर हो जाता हूँ..”
बिंदिया- “मजाक छोड़ो यहाँ नहीं, कोई और जगह देखो...” बिंदिया ने रोहन को डाँटते हुए कहा।
रोहन- “ठीक है तुम तैयार रहो, मैं अभी आता हूँ.”
i
बिंदिया ने रोहन की बात सुनकर खुश होते हुए अपनी चाय खतम की और अपनी माँ के पास जाते हुए कहा
मोम मुझे अभी रोहन के साथ कहीं जाना है, मेरा खाना मत पकाना...”
सोनाली ने बिंदिया से पूछा- “बेटा कितनी देर लगेगी तुम्हें आने में?”
बिंदिया- “कुछ कह नहीं सकती, तीन-चार घंटे लग जाएंगे."
सोनाली बिंदिया का जवाब सुनकर खुश होते हुए खाना बनाने लगी।
रोहन कुछ ही देर में आ गया और बाहर से हार्न बजाने लगा। बिंदिया भागते हुए बाहर जाते हुए कहने लगी
आ रही हूँ बाबा...” बिंदिया बाहर आते हुए रोहन के साथ बाइक पर बैठ गई और रोहन बाइक को चलाने लगा।
रास्ते में बिंदिया ने रोहन को पीछे से अपनी बाहों में भरते हुए कहा- “कहाँ चल रहे हो जान?”
रोहन ने बिंदिया को चिढ़ाते हुए कहा- “एक होटेल में कमरा बुक कराया है, क्या करें तुम्हारा खयाल तो रखना ही पड़ेगा, ऐसा ना हो की तुम हमसे धोखा कर बैठो...”
रोहन की बात सुनकर बिंदिया ने गुस्सा होते हुए कहा- “क्या कहा तुमने... हम तुमसे धोखा करेंगे? अगर धोखा करना होता तो तुम्हें क्यों बुलाती, बहुत हैं गली में। रात को किसी एक को बुला लेती, तो भागता हुआ मेरे पास चला आता..."
रोहन- “क्या तुम ऐसा कर सकती हो?” गुस्सा होने की बारी अब रोहन की थी।
बिंदिया- “तुम तो कह रहे हो की मैं तुम्हें धोखा देंगी...” बिंदिया ने मुँह बनाते हुए कहा।
रोहन- “अच्छा बाबा माफ कर दो गलती हो गई.." रोहन ने बिंदिया को नाराज देखकर कहा।
रोहन की गाड़ी एक रेस्टोरेंट के सामने आकर रुक गई। रोहन बाइक को एक साइड में खड़ा करते हुए बिंदिया के साथ होटेल में दाखिल हो गया। बिंदिया बाइक से उतरी। सामने मैनेजर से रोहन ने अपना नाम बताते हुए अपने कमरे की चाबी माँगी।
मैनेजर ने बिंदिया की तरफ देखते हुए मुश्कुराकार चाबी रोहन को दे दी। रोहन और बिंदिया चलते हुए अपने कमरे में आ गए।
बिंदिया कमरे में अंदर पहुँचकर हैरान रह गई, यह एक 5 स्टार होतेल था, जिसमें जरूरत की हर चीज मौजूद । थी। बिंदिया के जिश्म को एसी की ठंडी हवा और ज्यादा उत्तेजित कर रही थी। बिंदिया के जिम में ठंडी हवा को झोंका गुदगुदी मचा रहा था।
रोहन ने अंदर आते ही दरवाजे को बंद करते हुए बिंदिया से पूछा- “खाने में क्या आर्डर दें?"
बिंदिया- “फिलहाल तो तुम्हें खाने का इरादा है...” बिंदिया ने रोहन की तरफ खाने वाली नजरों से देखते हुए कहा।
|
|
08-05-2019, 01:07 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
रोहन बिंदिया की बात सुनते ही रोमांटिक होते हुए कहा- “क्या बात है आज बहुत मूड में हो?”
बिंदिया ने रोहन की तरफ बढ़ते हुए उसके होंठों पर एक किस देते हुए कहा- “आज सिर्फ बरसो, गरजो मत.."
रोहन बिंदिया की बात का अर्थ समझते ही उसे अपने बाहों में भरते हुए उसके होंठों को बहुत जोर चूमने लगा। बिंदिया की बड़ी-बड़ी चूचियां रोहन के सीने से टकराते ही पैंट में उसका लण्ड जागने लगा। रोहन ने बिंदिया को अपनी बाहों से जुदा करते हुए उसकी साड़ी को उसके जिश्म से अलग कर दिया और उसे अपनी गोद में उठाकर बेड पर लेटा दिया। रोहन ने बिंदिया को बेड पर लेटाने के बाद अपनी शर्ट और पैंट को उतार दिया। रोहन के अंडरवेर में उसका लण्ड तनकर उछल कूद मचाना शुरू कर दिया था। रोहन ने बेड पर चढ़ते हुए बिंदिया को । सीधा करते हुए उसके जिम से पेटीकोट, ब्रेजियर और ब्रा को अलग कर दिया और बिंदिया को धक्का देते हुए सीधा लेटा दिया।
बिंदिया को एसी की ठंडी हवा अब सीधे अपनी नंगी चूचियों पर महसूस हो रही थी, जिस वजह से वो और ज्यादा गरम हो रही थी। रोहन बिंदिया के ऊपर चढ़ गया और उसकी बड़ी-बड़ी चूचियों को अपने हाथों से मसलते हुए अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। बिंदिया के मुँह से उत्तेजना के मारे सिसकियां निकलने लगी और उसकी चूत से निकलता हुआ पानी उसकी पैंटी को भिगोने लगा। रोहन कुछ देर तक उसकी चूचियों से खेलने के बाद नीचे होते हुए बिंदिया की पैंटी को उतारने लगा। रोहन ने बिंदिया की पैंटी उतारने के बाद उसकी छोटी सी कच्छी भी उतार दी, और बिंदिया की टाँगों को फैलाता हुआ अपना मुँह नीचे करते हुए अपने होंठ उसकी चूत के होंठों पर रख दिए।
रोहन के होंठ अपनी चूत पर पड़ते ही बिंदिया के मुँह से “आह्ह्ह... ओह...” की सिसकी निकल गई।
\
रोहन बिंदिया की पहले से भीगी चूत को चूमते हुए अपनी जीभ से चाटने लगा। रोहन को बिंदिया की चूत से । भीनी-भीनी गंध का अहसास हो रहा था, जो उसे पागल बना रहा था। बिंदिया की भी हालत बहुत बुरी थी। रोहन की जीभ अपनी चूत के होंठों पर महसूस करते ही बिंदिया ने मजे से अपनी टाँगों को जितना हो सकता था फैला दिया और बहुत जोर से आहें भरते हुए अपने हाथों से रोहन के सिर को पकड़ते हुए अपनी चूत पर दबाने लगी।
रोहन ने अपनी जीभ को बिंदिया की चूत में घुसा दिया, और अपने हाथ से उसकी चूत के दाने को सहलाने लगा। बिंदिया अपनी चूत में रोहन की जीभ के घुसते ही झटपटाने लगी और मजे से अपने चूतड़ उछाल-उछाल कर रोहन की जीभ को अपनी चूत में अंदर तक महसूस करने लगी। बिंदिया के पूरे जिश्म ने अकड़ना शुरू कर दिया। एसी की ठंडक में भी उसके जिश्म ने पशीना बहाना शुरू कर दिया।
बिंदिया की चूत में एक ज्वालामुखी फटने लगा। बिंदिया की चूत झटके खाने लगी, बिंदिया की आँखें मजे से बंद हो गई और वो मजे से हवा में उड़ते हुए जोर से सिसकते हुए- “आहहह.. आहह... ओहह..” करते हुए झड़ने लगी।
बिंदिया की चूत से ढेर सारा पानी निकालकर रोहन के मुँह और चहरे पर गिरने लगा। रोहन बिंदिया की चूत से निकलता हुआ पानी पीने लगा, मगर रोहन का चेहरा बिंदिया की चूत से निकलते हुए पानी से भीग गया। रोहन जितनी देर तक बिंदिया झड़ती रही उसकी चूत चाटता रहा और जब बिंदिया की चूत ने पानी बहाना बंद कर दिया तो रोहन उसकी टाँगों के नीचे से उठते हुए बेड पर सीधा लेट गया।
बिंदिया कुछ देर तक यूँ ही लेटे हुए लंबी साँसें लेने लगी। कुछ देर बाद बिंदिया ने उठते हुए रोहन के अंडरवेर को उसके जिम से अलग कर दिया। रोहन का अंडरवेर उतरते ही उसका मोटा और लंबा लण्ड तंबू की तरह सीधा खड़ा होकर बिंदिया की आँखों के सामने लहराने लगा। बिंदिया रोहन के तगड़े लण्ड को देखते ही भूखी शेरनी की तरह उसपर टूट पड़ी और रोहन के लण्ड को अपनी जीभ से चाटने लगी। बिंदिया रोहन के पूरे लण्ड को ऊपर से नीचे तक अपनी जीभ से चाटने लगी। बिंदिया ने रोहन के लण्ड को चाटते हुए अपना मुँह खोलकर उसको जितना हो सकता था अपने मुँह में भर लिया और आगे से अपने होंठों से चूसने लगी।
रोहन का लण्ड तनकर बिल्कुल लोहे की तरह ठोस हो गया था। बिंदिया से अब रहा नहीं जा रहा था, उसने रोहन का लण्ड अपने मुँह से निकल दिया। रोहन का लण्ड बिंदिया के थूक से बिल्कुल गीला हो चुका था और सीधा होकर झटके मार रहा था। बिंदिया ने अपनी दोनों टाँगों को फैलाते हुए रोहन के लण्ड को पकड़कर अपनी चूत पर सेट किया और एक ही झटके के साथ उसपर बैठ गई।
बिंदिया- “ओईई.. आह्ह्ह..” करके बिंदिया तकलीफ से चीख उठी।
रोहन का लण्ड उसकी चूत में पूरा घुस चुका था। रोहन का लण्ड वो कई दफा ले चुकी थी, मगर फिर भी एक ही बार में पूरा लण्ड घुसने से बिंदिया को दर्द होने लगा। बिंदिया पूरा लण्ड अपनी चूत में लिए हुए रोहन के सीने पर लेट गई। रोहन बिंदिया की एक चूची को अपने मुँह में भरकर चूसते हुए दूसरे हाथ से उसकी दूसरी चूची को सहलाने लगा। बिंदिया अपनी चूची के रोहन के मुँह में जाते ही गरम होने लगी और सीधी होते हुये रोहन के लण्ड पर उछलने लगी। बिंदिया अपनी चूत में रोहन के लण्ड की रगड़ से पागल होने लगी।
|
|
08-05-2019, 01:08 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Kamvasna धन्नो द हाट गर्ल
बिंदिया अब रोहन के लण्ड पर बहुत जोर से उछलने लगी। बिंदिया रोहन के लण्ड पर सुपाड़े तक ऊपर होते हुए फिर से एक ही झटके में नीचे बैठ रही थी, जिस वजह से उसके मुँह से बहुत जोर की सिसकियां निकल रही । थीं। बिंदिया 5 मिनट तक ऐसे ही बहुत जोर-जोर से रोहन के लण्ड पर ऊपर-नीचे होते हुए हाँफने लगी। बिंदिया का पूरा जिश्म अकड़ने लगा और उसकी चूत झटके खाते हुए झड़ने लगी। बिंदिया झड़ने के बाद निढाल होकर रोहन के ऊपर लेट गई।
रोहन ने बिंदिया को अपने ऊपर से उठाते हुए उल्टा लेटा दिया। रोहन अपना लण्ड बिंदिया की चूत में पीछे से डालते हुए उसे जोर-जोर से चोदने लगा। रोहन 5 मिनट बाद ही हाँफते हुए बहुत तेजी के साथ बिंदिया की चूत में अंदर-बाहर करने लगा। बिंदिया का जिश्म भी अकड़ने लगा और दोनों के जिश्म एक साथ जोर से झटके खाते हुए झड़ने लगे।
रोहन झड़ने के बाद बिंदिया के ऊपर ढेर हो गया। कुछ देर बाद वो बिंदिया के ऊपर से उठते हुए बाथरूम में । चला गया। बिंदिया की चूत में से अभी तक रोहन और उसका मिला जुला वीर्य निकल रहा था। रोहन जैसे ही बाथरूम से निकला बिंदिया बाथरूम में जाने लगी।
रोहन ने बिंदिया से पूछा- “खाने का आर्डर दें?”
बिंदिया- “हाँ खाना मंगवा लो। बहुत भूख लगी है मैं फ्रेश होकर आती हूँ..” बिंदिया ने जाते हुए जवाब दिया।
बिंदिया कुछ ही देर में फ्रेश होकर आ गई। बिंदिया के आते ही कमरे की बेल बजी। रोहन ने उठते हुए दरवाजा खोल दिया, सामने वेटर खड़ा था जो खाना लेकर आया था। रोहन के दरवाजा खोलते ही वेटर खाना अंदर रखते हुए वहाँ से चला गया। बिंदिया और रोहन ने खाना खाया और कुछ देर तक वहाँ पर बैठकर बातें करने के बाद कमरे से निकलते हुए जाने लगे।
रोहन ने कमरे की चाबी मैनेजर को वापस दी, जो उसने दाँत निकलते हुए ले ली। रोहन और बिंदिया बाइक पर बैठते हुए वहाँ से निकल गये। मैनेजर जल्दी से अपने मास्टर रूम में आ गया। मैनेजर रूम में दाखिल होते ही । दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया और वहाँ पर लगे हुए टीवी को ओन कर दिया। टीवी पर रेस्टोरेंट का एक रूम दिखाई देने लगा। मैनेजर ने एक रिमोट से टीवी पर कमरे को चेंज करते हुए वो कमरा लगा दिया जिसमें अभी बिंदिया और रोहन ठहरे थे।
मैनेजर ने एक दूसरा रिमोट निकलते हुए टीवी की तरफ कर दिया, टीवी पर दो लकीरें आ गई और बिंदिया और रोहन खाना खाते हुए पीछे होने लगे। अब दोनों की चुदाई टीवी पर नजर आने लगी। मैनेजर ने रिमोट से टीवी को बंद कर दिया और दाँत निकालते हुए बाहर आ गया। रोहन ने बिंदिया को अपने घर पर छोड़ दिया, बिंदिया बाइक से उतरते हुए घर जाने लगी। तभी उसने देखा की घर का दरवाजा लाक था। वो सोचने लगी अब क्या करे? तभी उसकी माँ उसे सामने से आती हुई नजर आ गई।
सोनाली- “बेटी तुम आ गई, मैं थोड़ा अपनी सहेली से मिलने गई थी...” यह कहते हुए सोनली ने दरवाजे का लाक खोल दिया और दोनों माँ बेटी घर में अंदर दाखिल हो गई।
बिंदिया अंदर आते ही अपने कमरे में चली गई। सोनाली भी अपने कमरे में जाते हुए सीधा बाथरूम में घुस गई,
और अपने कपड़े उतारकर नहाने लगी।
सोनाली भी कमल की चुदाई से बहुत संतुष्ट दिखाई दे रही थी।
* * * * * * * * *
|
|
|