08-12-2019, 12:52 PM,
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RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
नीलोफर की बात सुन कर शाज़िया को बहुत गुस्सा आया और वो फोन पर ही अपनी सहेली से लड़ने लगी.
मगर नीलोफर शाज़िया से दोस्ती के बाद उस की तबीयत को समझ गई थी. इस लिए उस ने शाज़िया की किसी तलख बात का जवाब ना दिया और खामोशी से शाज़िया की सारी गुस्से वाली बातों को सुनती रही.
कुछ देर बाद जब शाज़िया अपने दिल की भडास निकल चुकी तो उस का गुस्सा खुद ब खुद ठंडा हो गया.
नीलोफर को जब पूरा यकीन हो गया कि शाज़िया अब अपना सारा गुस्सा उस पर निकाल कर पुरसकून हो चुकी है. तो उस ने दुबारा से अपनी बात स्टार्ट की.
नीलोफर: शाज़िया में जानती हूँ कि में ने जो किया वो ग़लत है. मगर यकीन मानो मुझे तुम्हारा इस तरह घुट घुट कर जीना ज़रा भी पसंद नही. इस लिए तुम्हारी जिंदगी में एक नई बहार लाने के लिए तुम को बताए बैगर में ने कदम उठा लिया.
शाज़िया: मगर यार खुद सोचो कि यह कितनी ग़लत बात है कि तुम एक गैर मर्द को मेरी नंगी फोटो दिखा दीं.
नीलोफर: जानू जब तुम उस का नंगा जिस्म देख चुकी हो तो उस का हक भी तो बनता है कि वो भी तुम्हारे दिल कश बदन का नज़ारा ले. वैसे सच पूछो तो एक दूसरे के नंगे जिस्म देख कर तुम दोनो अब एक दूसरे के लिए गैर नही रहे.
नीलोफर यह बात कहते हुए हंस दी.
शाज़िया को समझ नही आ रही थी कि वो अब करे तो क्या करे.इस लिए अब उस ने नीलोफर की बात का जवाब देना मुनासिब ना समझा और खामोश हो गई.
“अच्छा में रिज़वान (ज़ाहिद) की दो फोटो तुम को सेंड कर रही हूँ.इन को देखो और एंजाय कर के सो जाओ,सुबह तुम से स्कूल में मुलाकात हो गी” नीलोफर को जब शाज़िया की तरफ से कोई जवाब नही आया. तो उस ने फिर फोन की लाइन पर छाई हुई खामोशी को तोड़ते हुए कहा और फोन बंद कर दिया.
नीलोफर के फोन काटते ही शाज़िया को “व्हाट्सअप” के ज़रिए नीलोफर की भेजी हुई फोटोस मिल गईं.
शाज़िया बिस्तर पर लेटी लेटी अपनी दोस्त नीलोफर की सेंड की हुई रिज़वान (ज़ाहिद) की फोटोस को देखने लगी.
उन दोनो फोटोस में रिज़वान (ज़ाहिद) के चेहरे को फोटो शॉप से छुपा दिया गया था. मगर वो फोटो में पूरा नंगा था.और उस का लंड अपनी पूरी आबो ताब से तन कर खड़ा नज़र आ रहा था.
अपने हाथ में पकड़े हुए स्मार्ट फोन को टच करते हुए शाज़िया ने फोन की स्क्रीन का साइज़ बड़ा किया. और उस रिज़वान (ज़ाहिद) के लंड को और नज़दीक करते हुए उस के लंड का बगौर जायज़ा लेने लगी.
इतने मोटे और बड़े लंड को अपने आँखों के इतने नज़दीक देख कर कर शाज़िया के मुँह में पानी आने लगा और नीचे से भी गरम हो कर उस की फुद्दि भी अपना पानी छोड़ने लगी.
शाज़िया अपनी आँखे फाड़ फाड़ कर फोन की स्क्रीन पर नज़र आते हुए लंड को देखने में मसरूफ़ थी.
लंड को देखने के दौरान ही वो अपने दिल ही दिल में रिज़वान (ज़ाहिद) के लंड की लंबाई और मोटाई के बारे में सोचने लगी.
फोटो को देखते देखते शाज़िया का हाथ बे इख्तियारी में उस की शलवार के अंदर दाखिल हुआ. और फिर आहिस्ता आहिस्ता सरकता हुआ उस की फुद्दि पर आन पहुँचा.
फुद्दी पर अपने हाथ को ला कर शाज़िया ने अपनी उंगली अपनी चूत मे डाली और चूत के दाने को रगड़ रगड़ कर अपनी प्यास को ठंडा करने की नाकाम कॉसिश करने लगी.
आज इतने अरसे बाद लंड की फोटो को ही देख कर शाज़िया इतनी गरम हो चुकी थी. कि अब अपनी उंगली से उस की चूत की आग काम होने में नही आ रही थी.
बल्कि आज तो उस की चूत की आग कम होने की बजाय और मज़ीद भड़क उठी थी.
शाज़िया ने फोन को अपने मुँह पर रखा और अपनी नुकीली ज़ुबान को अपने मुँह से बाहर निकाला और स्क्रीन पर नज़र आने वाले लंड पर अपनी ज़ुबान फेरने लगी.
फिर जब फोन की स्क्रीन को चाट चाट कर शाज़िया का दिल ना भरा. तो उस ने फोन को नीचे ले जा कर फोन को अपनी चूत पर रखा और अपनी गान्ड को हल्का से उठा कर ऐसे पोज़ में ऊपर नीचे होने लगी. जैसे हक़ीकत में कोई लंड उस की फुद्दि के अंदर जा रहा हो.
अपनी फुद्दि से खेलते कलीते शाज़िया को नीलोफर की बातें याद आने लगी, "शाज़िया यार जितनी आग तुम्हारी चूत में दबी हुई है.इस आग को ठंडा करने के लिए तुम्हे एक मोटे बड़े और सख़्त जवान लंड की ज़रूरत है और अगर तुम चाहो तो में तुम्हारे लिए लंड का बन्दो बस्त कर सकती हूँ”
आज अपनी चूत से खेलते हुए शाज़िया को यकीन हो गया. कि वाकई ही उस की प्यासी फुद्दि अब उस की उंगलियों से मज़ीद ठंडी नही हो सके गी.
अब वाकई ही उसे अपनी प्यासी चूत की प्यास बुझाने के लिए अपनी चूत में गरम और मोटा लंबा और असली लंड चाहिए था.
इस लिए अब शाज़िया ने फ़ैसला कर लिया कि अब चाहे जो भी हो. वो भी अब मज़ीद घुट घुट कर जीने की बजाय नीलोफर की तरह इस शख्स "रिज़वान" से अपनेताल्लुकात कायम कर के उस के लंड का स्वाद चख कर रहे गी.
यह फ़ैसला करने की देर थी. कि शाज़िया के जिस्म ने एक झटका लिया और उस की फुद्दि का बाँध टूट गया.
शाज़िया की चूत से झड़ते हुए पानी की एक नदी बहने लगी. और उस का पूरा हाथ अपनी चूत से निकलते हुए पानी से भीग गया.
शाज़िया आज से पहले कभी इतना नही छूटी थी. इस लिए उसे आज बहुत मज़ा आया.
फारिग होते ही शाजिया ने अपने हाथ को शलवार से बाहर निकाला और अपनी उंगली को अपने होंठो के दरमियाँ ला कर उंगली पर लगे अपनी चूत के पानी को चाट चाट कर सॉफ करने लगी.फिर कुछ देर बाद शाज़िया को भी नींद आ गई.
दूसरी सुबह जब शाज़िया और नीलोफर स्कूल के फारिग टाइम में इकट्ठी हुईं तो नीलोफर ने शाज़िया से पूछा “ सूनाओ फिर कैसी लगीं रिज़वान की तस्वीरे”.
“नीलोफर यार कोई और बात करो” शाज़िया ने शरमाते हुए मोज़ू चेंज करने का कहा.
“बताओ ना,मज़ा आया ना देख कर रिज़वान का बड़ा और मोटा लंड” नीलोफर ने फिर शाज़िया को छेड़ा.
“यार तंग ना करो मुझे शरम आती है” शाज़िया ने दुबारा नीलोफर को टालते हुए कहा.
“शाज़िया शरमाना छोड़ो और मान जाओ कि रिज़वान के लंड को देख कर तुम्हारी फुद्दि ने रात को पानी छोड़ा है” नीलोफर ने मुस्कराते हुए अपनी सहेली से कहा और उस के हाथ पर अपना हाथ रख कर ज़ोर से दबाया.
नीलोफर की बात सुन कर शाज़िया ने खामोशी इख्तियार की. तो नीलोफर को यकीन हो गया कि शाज़िया ने वाकई ही रात अपने भाई के लंड को देख कर अपनी चूत में उंगली मारी है.
“हां यार ऐसा ही कुछ हुआ मेरे साथ रात को,और क्या बताऊ कि रिज़वान का लंड तो मेरे सबका शोहर से इतना बड़ा है कि मुझे तो समझ नही आती कि तुम इस को कैसे अपनी फुद्दि में ले लेती हो” शाज़िया ने नीलोफर से कहा.
“बानू जल्द ही जब यह लंड तुम्हारी चूत की दीवारों को चीरता हुआ तुम्हारी फुद्दि के अंदर घुसे गा तो तुम को मालूम हो जाए गा कि मेरी क्या हालत होती है इस मोटे लंड को अपनी चूत में लेते वक्त” नीलोफर ने हँसते हुए शाज़िया को जवाब दिया.
“नीलोफर यकीन मानो मुझे शादी से पहले भी और तलाक़ के बाद भी इसी किस्म के मोटे बड़े और सख़्त जवान लंड की तलब रही है, और जब से इस लंड की फोटो को अपनी फुद्दि के ऊपर रगड़ा है, मेरी फुद्दि इतनी गरम हो गई है कि अब इस लंड को अपने अंदर लिए बिना इस को चैन नही मिले गा यार”शाज़िया ने झिझकते झिझकते नीलोफर से अपने दिल की बात कह दी.
“उफफफफफफफफफफफ्फ़ यार मुझे पता था. कि तुम्हारी गरम और प्यासी फुद्दि को ऐसा जवान और तगड़ा लंड ही चाहिए,फिकर ना करो में जल्द ही तुम दोनो का आपस में मिलाप करवा दूं गी, ताकि मेरी तरह तुम भी असली लंड का मज़ा दुबारा से ले सको” नीलोफर अपनी दोस्त शाज़िया की बात सुन कर बहुत खुश हुई और उस ने उफनते जज्वात में अपनी सहेली को अपनी बाहों में भरते हुए कहा.
शाज़िया: नही यार में इस तरह एक दम एक अंजान आदमी से नही मिल सकती.
नीलोफर: तो फिर तुम क्या चाहती हो.
शाज़िया: में रिज़वान (ज़ाहिद) से मिलने से पहले इस से फोन पर बात करना चाहती हूँ,ता कि जब इस से आमने सामने मुलाकात हो तो मुझे इस का सामना करने में कोई मुश्किल या शरम महसूस ना हो.
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08-12-2019, 12:53 PM,
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RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
ज़ाहिद ने शाज़िया का “हाई” का मेसेज पढ़ कर शाज़िया को रिप्लाइ किया “कैसी हैं आप”
“में ठीक हूँ आप कैसे हैं” शाज़िया ने जवाब लिखा.
“बस आप की याद और इंतज़ार में ही बैठा हुआ हूँ” ज़ाहिद ने लिखा.
“अच्छा मुझे नही पता था कि आप बहुत बे सबरे इंसान हैं” शाज़िया ज़ाहिद का मेसेज पढ़ कर खुश हुई और रिप्लाइ किया.
“बस क्या करूँ आप चीज़ ही इतनी मस्त हैं कि इंतज़ार मुश्किल होता जा रहा है” ज़ाहिद ने दुबारा शाज़िया को छेड़ा.
“अच्छा बाबा में आप को कल पक्का बता दूं गी कि आप से कब मिल सकती हूँ” शाज़िया अब मज़ीद ज़ाहिद को तरसाने के मूड में नही थी. इस लिए उस ने ज़ाहिद को खुश करने के लिए उसे रिप्लाइ कर दिया.
ज़ाहिद साजिदा (शाज़िया) का एसएमएस पढ़ कर बहुत खुश हुआ और उसे उम्मीद हो गई कि जल्द ही वो इस गरम और प्यासी लड़की को अपनी बाहों में भर कर उस की और अपनी प्यास बुझा सके गा.
ज़ाहिद: आप से एक बात पुच्छू नाराज़ तो नही हो गीं?.
शाज़िया: क्या?
“आप के मम्मे तो में ने देखे हैं.बहुत ही बड़े और प्यारे हैं आप के,और अगर आप को बुरा ना लगे तो क्या में आप के चूचों का साइज़ पूछ सकता हूँ?.
रिज़वान (ज़ाहिद) के उस खुले और बे शरम सवाल को पढ़ कर शाज़िया उस से गुस्सा होने की बजाय अब नीचे से गरम होने लगी थी.
“क्यों” शाज़िया ने फॉरन ही ज़ाहिद को जवाव लिखा.
शाज़िया के जवाब को पढ़ कर ज़ाहिद को और यकीन हो गया कि अब”मछली” उस के “जाल” में पूरी तरह से फँस चुकी हैं. क्योंकि अगर साजिदा (शाज़िया) उस के इस गंदे सवाल का बुरा मानती तो “क्यों” का रिप्लाइ हरगिज़ ना करती.
इस लिए अब ज़ाहिद नीलोफर की सहेली साजिदा (शाज़िया) से पूरी तरह बे शरम हो कर बात करने के मूड में आ गया.और वो एक हाथ से अपने लंड की हल्के हल्के मूठ लगाते हुए,दूसरे हाथ से मेसेज लिखने लगा.
“ वो में आप को तोहफे में ब्रेज़ियर और पैंटी देना चाहता हूँ, और मेरी ख्वाहिश है कि आप मुझे मेरी गिफ्ट की हुई ब्रेज़ियर और पैंटी में अपनी तस्वीर खींच कर मुझे सेंड करें.” ज़ाहिद ने लिखा.
अपनी सहेली नीलोफर से अपने लेज़्बीयन ताल्लुक़ात कायम करने के बाद शाज़िया रात को देर तक उस से इस किस्म की गंदी चॅट करने की आदि हो चुकी थी. मगर उस को अपनी सहेली से किसी भी गंदी से गंदी बात की चेट का वो मज़ा नही आया था. जो आज उसे रिज़वान(ज़ाहिद) से चॅट करते वक्त मिलने लगा था.
उस की वजह शायद यह रही हो गी कि जो भी हो आख़िर शाज़िया की तरह नीलोफर थी तो एक औरत.
और औरत और मर्द की आपस में अट्रॅक्षन एक क़ुदरती अमल है.जिस का अपना एक अलग ही मज़ा है.
वैसे भी ज़ाहिद की नगी फोटोस और वीडियोस देख कर और उस से चॅट के ज़रिए बात कर के शाज़िया अब अपनी शर्म-ओ-हया का परदा उठा कर नीलोफर की तरह पूरा बे शरम बनने का सोच चुकी थी.
इस लिए शाज़िया ने बिना किसी झिझक के,फोन के दूसरे एंड पर एक अजनबी आदमी को अपने ब्रेज़ियर का साइज़ बता दिया, “ मैं ब्रेज़ियर 40 डीडी की और पैंटी लार्ज साइज़ की पहनती हूँ”
“उफफफफफफफ्फ़ बड़ा मस्त साइज़ है आप का” ज़ाहिद ने मेसेज पढ़ कर जोश में अपने लंड को मसल्ते हुए रिप्लाइ किया.
“अच्छा में कल नीलोफर के हाथ आप को अपना पसंदीदा ब्रेज़ियर और पैंटी का सेट भिजवा दूं गा, आप कल उसे पहन कर मुझे अपनी फोटो ज़रूर सेंड करना प्लीज़” ज़ाहिद ने शाज़िया को एसएमएस किया.
“ठीक है में कॉसिश करूँगी” शाज़िया ने जवाब दिया. और फिर एक दो लतीफ़े शेयर करने के बाद दोनो में चॅट ख़तम हो गई.
दूसरे दिन ज़ाहिद ने झेलम वापसी से पहले लाहोर से साजिदा( शाज़िया) के बताए हुए साइज़ के मुताबिक ग्रे कलर में “नेट” वाला एक एक बहुत ही प्यारा और सेक्सी ब्रेज़ियर और पैंटी का सेट खरीद लिया.
ज़ाहिद सीधा पोलीस स्टेशन आया और उस ने जमशेद को फोन किया कि वो उस से पोलीस स्टेशन आ कर मिले.
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