XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
08-18-2021, 12:04 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
चाची थोड़ी नानुकर करने के बाद तैयार हो गई और सब लड़कियाँ उनको लेकर अपने कमरे में चली गई.चाची के जाते ही सब लड़कियाँ मेरे ऊपर टूट पड़ी और चूमा चाटी और बारी बारी से आलिंगनों की झड़ी लगा दी.मैं उनके गोल और सॉलिड मम्मों के बीच दब सा गया.थोड़ी देर बाद आबिदा और कुछ लड़कियाँ चाची को लेकर आ गई और चाची वाकयी में किसी हीरोइन से कम नहीं लग रही थी.
जब आबिदा और हेमा के बीच में चाची खड़ी हुई तो वो उन दोनों से किसी तरह से भी कम नहीं लग रही थी.चाची का शरीर भरा हुआ था और उनके गोल और तन्ने हुए उरोज और उभरे हुए चूतड़ उनकी सुंदरता में चार चाँद लगा रहे थे.
चाची ने मुझसे पूछा- क्यों सतीश, मैं कैसी लग रही हूँ? सच सच बताना.मैंने सच बोलते हुए कहा- वाह चाची, तुम तो कमाल की सुन्दर लग रही हो!! सच एकदम सच कह रहा हूँ फिल्मों की हीरोइन जैसी लग रही हो.तारीफ सुन कर चाची फूल के कुप्पा हो गई.वैसे भी चाची की उम्र शायद 25-26 की रही होगी, काफी सुन्दर थी.
फिर चाची बोली-सतीश राजा, क्या मुझ को अपनी कॉटेज की सैर नहीं करवाओगे?मैंने कहा- क्यों नहीं चाची, आओ मैं तुमको सारी कॉटेज की सैर करवाता हूँ.
मैं चाची को लेकर अंदर जाने लगा तो चाची ने एक हाथ मेरी कमर में डाल दिया और मुझसे बिल्कुल चिपक कर घूमने लगी कॉटेज में!उनके दोनों स्तन मेरे बाएं बाज़ू से रगड़ रहे थे और मैं उनके सिल्क के ब्लाउज और साड़ी के अंदर और उसकी ब्रा में छुपे मम्मों के चूचुकों को अपने बाज़ू पर महसूस कर रहा था.
चाची के निप्पल एकदम से अकड़े हुए थे और वो साड़ी के बाहर से साफ़ दिख रहे थे. चाची बार बार कनखियों से मेरे चेहरे को पढ़ने की कोशिश कर रही थी.अब चाची की बोल्डनेस को देखते हुए मैंने उनकी गांड पर भी हाथ फेरना शुरू कर दिया.
जब हम पहले कमरे में घुसे तो एक डांसर अपने कपड़े समेटने की तैयारी में लगी थी, उसने सिर्फ एक ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी और चाची यह दृश्य देख कर भौंचक्की रह गई और मुझको जल्दी ही उस कमरे से घसीटने लगी लेकिन मैंने बड़े तपाक से कहा- हेलो जूली, गुड मॉर्निंग यार, अभी पैकिंग चल रही है तुम्हारी?
वो उसी ड्रेस में दौड़ कर आई और मेरे से लिपट गई और मेरे होटों पर एक गर्म किस जड़ दी जिसे देख कर चाची की आँखें और फ़ैल गई.मैं शर्माते हुए बोला- इनसे मिलो, ये मेरी चाची हैं. हैं न बहुत सुन्दर?जूली चाची से बोली- हेलो आंटी, आप तो बहुत ही सुंदर लग रही है. क्या फिल्मों में काम करती हैं?चाची मेरे से और भी ज़्यादा चिपकते हुए बोली- नहीं, मैं तो हाउसवाइफ हूँ.
यह कह कर चाची मुझ को घसीटते हुए आगे बढ़ गई और अगले कमरे का दरवाज़ा खोला तो देखा कि हेमा ने सिर्फ पैंटी ही पहन रखी था, उसकी ब्रा भी नदारद थी और वो पैकिंग में मस्त थी.यह देख कर चाची ने अपना एक हाथ मेरी आँखों पर रख दिया और मुझको खींचते हुए आगे ले गई और मुझको कमरे के बाहर ही रोक कर स्वयं दरवाज़ा खोल कर झाँका और जब मैदान साफ़ पाया तो मेरे को अंदर आने दिया.
लेकिन जैसे ही मैं कमरे में घुसा तो बाथरूम का दरवाज़ा खुला और उसमें से सैंडी बिल्कुल नंगी ही नहा कर बाहर आ गई और उसने अभी तक हम दोनों को नहीं देखा था तो वो बेड पर पड़े तौलिये से अपना शरीर पौंछने लगी और साथ ही वो कोई गाना भी गुनगुना रही थी.मैंने दरवाज़े से आवाज़ लगाई- हेलो सैंडी, गुड मॉर्निंग यार!
सैंडी ने चौंक कर मुड़ कर देखा और मेरे साथ किसी औरत को देख कर वो अकचका गई और जल्दी से अपने शरीर को तौलिये से ढकने की कोशिश करने लगी जिसमें वो नाकामयाब रही क्यूंकि उसकी बालों से भरी गीली चूत मुझको साफ़ दिख रही थी.हैरानी के खत्म होते ही वो भी भाग कर आई और मेरे गले लग गई और मेरे होटों पर ताबड़तोड़ चुम्मियाँ देने लगी.
मैंने चाची की तरफ देखा जो हैरान और परेशान हो रही थी यह देख कर हर कमरे में मुझ को जफ्फी और चुम्मियाँ मिल रही थी.मैंने सैंडी का ध्यान चाची की तरफ दिलाया और उसको और आगे बढ़ने से रोक दिया.
चाची मुझको लगभग खींचते हुए अगले कमरे में ले गई जहाँ दरवाज़ा खोलते ही एक बहुत ही गर्म नज़ारा देखने को मिला.हमने देखा कि बेड पर दो लड़कियाँ नंग मलंगी आपस में गुत्त्मम गुत्था हो रही थी ही एक दूसरे के गुप्तांगों को चूस और चाट रही थी और उनके मुंह सी हाय हाय के अस्फुट शब्द निकल रहे थे.ध्यान से देखने पर पता चला कि वो दोनों आबिदा और नंदा थी.मैंने चाची को इशारा किया कि चुपचाप बाहर निकल चलो!
मैंने धीरे से दरवाज़ा फिर से बंद कर दिया और उन दोनों को आनन्द लेने दिया.अब चाची यह सब देख कर गर्मी से उबलने लगी थी और मैं समझ गया कि चाची चुदने के लिए तैयार है तो मैं उनका हाथ पकड़ कर ऊपर वाले कमरे में ले गया जो उस वक्त बिल्कुल खाली था.
Reply
08-18-2021, 12:06 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें

चुदासी चाची की चूत चूस कर जोरदार चुदाई

मधु मैडम और रूबी मैडम ने हम सबको आलिंगनबद्ध किया और फिर उनकी कार और लड़कियों से भरी मिनी बस लखनऊ के लिए रवाना हो गई.उधर देखा चाची लड़कियों के जाने से बहुत खुश लग रही थी और खूब चहक रही थी, नैना मुंशी जी के साथ बैठ कर सब काम करने वालों की तनख्वाह का हिसाब कर रही थी.
मुझको खाली देख कर चाची मेरे पास आ गई और बोली- सतीश राजा, आओ कमरे में चलते हैं.मैं बोला- थोड़ा ठहरो चाची, सब काम वालियों को भुगतान कर दें तो फिर चलेंगे.
मुंशी जी ने नैना को जिन लड़कियों को पेमेंट करनी थी, उनकी लिस्ट बना कर दे दी थी और उतने पैसे भी गिन कर दे दिए थे.बाहर लॉन में दो तीन कुर्सी बिछा दी थी और एक मेज भी रख दिया था.
मैं, नैना और मुंशी जी बैठ गए और नैना बारी बारी से सब लड़कियों के नाम बोल रही थी और सब आगे आकर अपने पैसे ले रही थी और रजिस्टर में अंगूठा भी लगा रही थी.जब सब पैसे बंट गए तो सब काम वाली लड़कियों से मैंने पूछा- आप सबको अपने पैसे मिल गए और किसी का कुछ बाकी तो नहीं बचा?सबने ज़ोर से हाँ कहा और फिर फुलवा ने खड़ी होकर मेरा और बड़े मालिक का शुक्रिया भी कहा जिनकी वजह से यह फिल्म वाले यहाँ आये शूटिंग के लिए और उन सबको काफी सारे पैसे भी दिलवाये.

जब सब चले गए तो मुंशी जी ने मुझको और नैना को भी बहुत सारे पैसे दे दिए जो हमारे लिए फिल्म वाले दे गए थे.जब यह पैसे का मामला निपट गया तो मैं अपने कमरे में चला गया और नैना कुछ लड़कियों को लेकर कॉटेज की सफाई के लिए चली गई.
अब हवेली में मैं और चाची अकेले ही रह गए, मैं तो अपने कमरे में चला गया और चाची अपने कमरे में!थोड़ी देर ही लेटा हूँगा कि चाची धड़धड़ाती मेरे कमरे में आ गई और आते ही उन्होंने मुझ को पलंग पर ही धर दबोचा, मेरे चेहरे को पकड़ कर चुम्मियों की बारिश कर दी और मेरे शरीर के सारे अंगों को सहलाने लगी. बिना किसी शर्म के उस ने मेरे लंड को पैंट से बाहर निकाल कर चूसना शुरू कर दिया.
मैंने कहा भी कि चाचा किसी वक्त भी आ सकते हैं तो वो बोली- तुम्हारे चाचा आज रात नहीं आ सकते क्यूंकि वो मुझको कह कर गये थे कि शायद आज रात वो नहीं लौट पाएंगे तो तुम सतीश उनकी फ़िक्र ना करो.मैं बोला- तब तो चाची हमारे पास सारी रात है, आलखन से मैं आपकी सेवा कर दूंगा रात में, अभी आप अपने कमरे में जाओ!चाची बोली- सतीश यार, मेरा दिल एक छोटी चुदाई के लिए बहुत बेकरार है, तुम सिर्फ एक छोटी सी चुदाई कर दो मेरी प्लीज.
यह कह कर चाची ने अपनी सिल्क की साड़ी और पेटीकोट ऊपर कर दिया.लेकिन मैं बोला- ऐसे नहीं चाची, अगर चुदाई की इतनी ज़्यादा इच्छा है तो पूरी नंगी होना पड़ेगा!चाची थोड़ी असमंजस में पड़ी फिर बोली- कोई आ गया तो क्या होगा?मैं बोला- वो तुम जानो, मैं तो अपने कमरे में हूँ, सारा दोष तुम्हारे माथे पड़ेगा.
चाची एकदम जोश के साथ उठी और अपने कपड़े उतारने लगी. पहले उन्होंने अपनी सिल्क की साड़ी उतार दी और फिर अपने उभरे हुए उरोजों के ऊपर से सिल्क की ब्रा उतारी और अपने मुम्मों को मेरे मुंह के पास लाकर हिला हिला कर मुझको ललचा रही थी.फिर उन्होंने अपने पेटीकोट के नाड़े को धीरे धीरे खोलना शुरू कर दिया और ऐसा करते हुए उनकी नज़रें मेरे लौड़े पर ही टिकी हुई थी जो पैंट के थोड़ा बाहर हो कर ही हवा में लहरा रहा था.
चाची जब पूरी नंगी हो गई तो वो अपनी नग्नता को मेरे सामने बार बार ला कर मुझको रिझाने की कोशिश कर रही थी. फिर उन्होंने मुझको पलंग से उठा लिया और एक एक कर के मेरे कपड़े उतारने लगी.अब मैंने उनको ध्यान से देखा तो वो भी एक ख़ूबसूरती का मुज़स्समा निकली, हर अंग शरीर का सांचे में ढला था, गोल उभरे हुए सॉलिड चूचे और स्पाट पेट और गोल और उभरे हुए चूतड़… कुल मिला कर ज़न्नत का नज़ारा पेश कर रही थी चाची का बदन.चूत पर छाये घने काले बाल बहुत ही सेक्सी दिख रहे थे.
अब मैंने चाची को आगे बढ़ कर गले से लगा लिया और उनके चूतड़ों को हाथों से मसलने लगा..फिर मैंने चाची को बिस्तर में लिटा दिया और जल्दी से उनकी जांघों के बीच अपना मुंह डाल कर उनकी चूत को चूसने लगा.चूत बेहद गर्म और नर्म हो रही थी और वो उछल उछल कर मेरे मुंह से चिपक रही थी और मुझको मजबूर कर रही थी कि मैं उनकी भग को चूसूं.
मेरे मुंह के उनकी चूत के साथ छूते ही वो एकदम से मस्ती से उछल पड़ती जिससे मैं समझ गया कि चाची का यह पहला मौका है चूत चुसाई का!वैसे भी बाद में मुझको ज्ञान हुआ कि चूत चुसाई उस वक्त के आदमियों में बहुत ही बुरी नज़र से देखी जाती थी और कोई भी पति या प्रेमी इस क्रिया को नहीं करता था.पतियों द्वारा ना किये जाने के कारण तकरीबन सब औरतें इस क्रिया से मिलने वाले आनन्द से वंचित थी.लेकिन यह क्रिया उस ज़माने की औरतों में आपस में काफी प्रचलित थी और वो एक दूसरी के संग इसको अक्सर इस्तेमाल करती जानी गई थी.
मेरी चूत चुसाई से चाची इतनी अधिक कामुक हो गई थी कि मुझको तकरीबन आधा घंटा लग गया उनकी चूत को शांत करने में और इस दौरान वो कई बार स्खलित हुई, ऐसा मुझको महसूस हुआ.जब उन्होंने मुझको अपने ऊपर खींचा चोदने के लिए, तो चाची एकदम मदहोश सी हुई लग रही थी और जैसे ही अकड़ा हुआ गर्म लंड उनकी रसभरी चूत में डाला तो चाची ने मुझको कस के अपनी छाती से लगा लिया और स्वयं ही नीचे से धक्के मार मार कर चुदवाने लगी.
ऐसा चुदाई का नज़ारा मैंने अपने जीवन में अभी तक नहीं देखा था जिसमें एक औरत इतनी ज़बरदस्त चुदाई की इच्छुक हो.जब चाची की चूत 2-3 बार झड़ने के कारण सिकुड़ चुकी तो मैंने उनके ऊपर से हटने की कोशिश की लेकिन हर बार चाची की सॉलिड जांघें मेरी कमर के चारों तरफ लिपटी होने के कारण मैं उनकी गिरफ़्त से निकल नहीं पाया और मजबूरन उनको चोदना जारी रखा..
जब मैं इस पोज़ से थक गया तो मैंने चाची को कहा- चाची, मैं तुमको अब घोड़ी बना कर चोदता हूँ, उसमें और भी मज़ा आएगा.चाची एकदम से चहक उठी- वह कैसे होता है सतीश? वैसे मैंने कभी किया ही नहीं, चलो जल्दी से घोड़ी बनाओ मुझको?मैंने चाची को घोड़ी बना दिया और उसके पीछे घुटनों के बल बैठ कर चुदाई करने लगा.
चाची को इस पोज़ में बहुत आनन्द आने लगा क्यूंकि लंड का पूरा स्वाद मिल जाता है और औरत को कोई मेहनत भी नहीं करनी पड़ती.चाची को घोड़ी पोज़ की चुदाई बहुत पसंद आई और वो दो तीन मर्तबा झड़ जाने के बाद अपने आप ही अलग होकर बिस्तर पर लेट गई.मैंने शुक्र किया कि चलो ‘पीछा तो छूटा’ और जल्दी से कपड़े पहन कर बाहर निकलने से पहले चाची को बोल आया कि आप भी कपड़े पहन लो, कहीं मम्मी पापा ना आ जायें.

कहानी जारी रहेगी.
Reply
08-18-2021, 12:06 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें

चाची और नौकरानियों की चूत चुदाई


थोड़ी देर बाद मुझको एक फ़ोन कॉल आया जो लखनऊ से था और दूसरी तरफ निर्मला मैडम थी, उन्होंने बताया कि कॉलेज 3 दिन बाद खुलने वाला है तो मैं हो सके तो निम्मो उनकी नौकरानी को लखनऊ भेज दूँ.मैंने उनको आश्वासन दिलाया कि मैं स्वयं नैना और निम्मो के साथ 2 दिनों के बाद लखनऊ पहुँच रहा हूँ.मैंने मैडम से पूछा- आपकी तबियत तो ठीक है ना हर प्रकार से?उन्होंने ने हाँ में उत्तर दिया और कहा कि वो नैना की इंतज़ार कर रही हैं, वो आएगी तो उनकी जांच करेगी.
पर्बती ने आकर मुझको और चाची को चाय पिलाई और फिर हम चाचा के बारे में बातें करने लगे.चाची ने बताया कि चाचा को चुदाई का इतना शौक नहीं है, वो अक्सर कई दिनों तक उनके पास नहीं आते लेकिन चाची को हर वक्त चुदाई की गर्मी चढ़ी रहती है तो वो अक्सर केले और खीरा इत्यादि सब्ज़ियों का इस्तेमाल करती है ताकि उनका शरीर और मन ठंडा रह सके.
मैंने पूछा- क्यों चाची, यह दशा आपकी कब से है?चाची बोली- सतीश राजा, तुम लड़के हो न, तुम समझ नहीं पाओगे.मैं बोला- चाची तुम एक काम करना, अभी नैना आएगी न, तो उससे बात करना, वो बड़ी जानकार है, शायद वो आपकी समस्या का हल ढूंढ दे! वो ट्रेन्ड नर्स और दाई भी है, वो जानती होगी इस बिमारी का हल!
एक घंटे के बाद नैना आई तो मैंने उसको निर्मला मैडम के फ़ोन के बारे में बताया और यह भी कहा कि परसों हम लखनऊ के लिए चल पड़ेंगे.तभी चाची नैना के लेकर अपने कमरे में चली गई.

जब दोनों वापस आई तो हम सब बैठक में आ गए और वहीं नैना ने बताया कि चाची को एक बिमारी है जिसमें औरतों को हर वक्त चुदने की इच्छा सताती है. इस बिमारी का नाम है NYMPHOMANIA और यह भी मेरी बिमारी की तरह ही है. यह बहुत ही कम औरतों में पाई जाती है और इसका भी कोई इलाज नहीं है.
नैना बोली- मैंने चाची को समझाया है कि वो गर्म मसालेदार खाने की चीज़ें त्याग दे और मीट, मछली और अंडा बहुत ही कम खाया करे. चाची बता रही थी कि उसने आपको कोई दस बार चोदा है आज के दिन में! रात को भी तुमसे चुदवाने का प्रोग्राम बना रही है लेकिन मैं एक तरीका जानती हूँ उसको शांत करने का, रात को वही आज़माएंगे.
चाची यह सब सुन रही थी, वो अब रोने लगी और नैना के पैर पड़ गई कि उसको किसी तरह ठीक कर दे.नैना उठी और चाची को चुप कराने लगी और वायदा किया कि वो उनको ज़रूर ठीक कर देगी लेकिन हौसले की ज़रूरत है.
फिर मैं और नैना खाना खाकर मेरे कमरे में आ गए और सब चाची को समझाने लगे- आप फ़िक्र ना करें, सब ठीक हो जाएगा.तब चाची अपने कमरे में चली गई यह कह कर कि वो नाईट ड्रेस पहन कर अभी वापस आती हैं.
उनके जाने के बाद नैना बोली- छोटे मालिक, अगर आप बुरा न मानें तो एक बात कहूँ?मैं बोला- हाँ हाँ कहो नैना रानी, क्या बात कहना चाहती हो?नैना बोली- छोटे मालिक, आपने फिल्म वालों की तो बहुत चुदाई कर दी लेकिन घर में आपकी चाहने वाली किसी का भी कल्याण नहीं किया आपने!मैं बोला- उफ्फ्फ, कितनी बड़ी गलती हो गई रे…
Reply
08-18-2021, 12:06 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
लेकिन नैना इसमें मेरी कोई गलती नहीं है, वहाँ चुदाई का इतना बड़ा भार था सर पे कि लंड खुजाने की भी फुर्सत नहीं मिलती थी.
नैना हँसते हुए बोली- हाँ, वो तो मैं देख ही रही थी कि कैसे आप मस्ती में एक के बाद एक हसीना को मज़े से चोद रहे थे, आपके पास अब सिर्फ दो दिन बचे हैं इस गाँव में, इन दिनों में पर्बती, निम्मो और नई दुल्हन की इच्छा पूरी कर दो.मैं चकराया- यह नई दुल्हन की क्या इच्छा है?नैना बोली- वही जो फुलवा और चंदा की थी.मैं बोला- यानि वो भी मेरे से गर्भवती होना चाहती है? ठीक है, जैसे तुम चाहो वैसा ही कर देंगे पर पहले चाची की प्यासी चूत की इच्छा पूरी करनी है. तुम ऐसा करो, तुम सबको यहाँ इकट्ठा कर दो, यानि निम्मो और पर्बती को, फिर देख लेते हैं कैसे किसकी हरी करनी है.‘अरे वो तो याद ही नहीं कि जो नई लड़की आई है उषा… उसको भी तो चखना है ना?’नैना बोली- छोटे मालिक, आप चाची का फ़िक्र छोड़ दो, उसको मैं ठीक कर दूंगी जल्दी ही! लेकिन यह उषा कब आई है मैं तो नहीं जानती, कुछ पता नहीं? वो कॉटेज में बिजी थी मैं, लेकिन अब पर्बती से पूछती हूँ.
थोड़ी देर में चाची आ गई और आते ही मुझको बड़ी कामुक जफ़्फ़ी डाली और मेरे पायज़ामे के ऊपर से मेरे लौड़े को भी हाथ लगाती रही.मैंने उनको रोका और कहा- चाची, अभी थोड़ा रुको ना, सब औरतें आ रही हैं, उनसे मिलो, फिर हम सब मिल कर आपकी खातिर करेंगे.
चाची राज़ी हो गई और थोड़ी देर में पर्बती, निम्मो और नैना आ गई मेरे कमरे में. तीनों ने आते ही चाची को घेर लिया और उनके साथ खूब जफ्फी और चुम्मी चाटी शुरू कर दी.फिर नैना ने चाची की नाइटी उतार दी और उनको निम्मो और नैना दोनों मिल कर गरम करने लगी.
पर्बती को मैंने पकड़ लिया और उसको एक गर्म चुम्मा देने के बाद उसके कपड़े उतारने लगा.जब वो एकदम नंगी हो गई तो उसने भी आगे बढ़ कर मेरे कुर्ते और पयज़ामे को भी उतार दिया और झुककर मेरे अकड़े हुए लंड को चूसने लगी.मेरे हाथ भी निश्चल नहीं बैठ रहे थे, वो भी पर्बती के शरीर हर हर अंग से खेल रहे थे..
सबसे पहले मैंने उसके गुदाज़ गोल मुम्मों को खूब चूसना शुरू किया और एक ऊँगली से उसकी पनियाई चूत में उसकी भग को भी मसलने लगा और उसकी चूत को भी सहलाने लगा.जब पर्बती चुदने के लिए तैयार लगी तो मैं उसको लिटा कर उसकी गोल गुदाज़ जांघों में बैठ कर चोदने लगा. कभी तेज़ और कभी आहिस्ता चुदाई के साथ, मैं उसके मुम्मों को चूसता रहा था.
पर्बती की दोनों टांगें मेरी कमर के गिर्द थी और वो अपनी कमर उठा उठा कर चुदवा रही थी.जब मैंने उसकी तेज़ रफ्तार से चुदाई शुरू की तो पर्बती जल्दी ही स्खलित हो गई और बड़ी ज़ोर से हाय हाय करती हुई वो झड़ गई और मेरे शरीर को अपनी कम्कम्पी से झनझना गई.
पर्बती के ऊपर से उठा तो निम्मो चाची को मुंह और ऊँगली से चोद कर मेरे साथ सम्भोग के लिए तैयार थी.निम्मो अपनी बहन नैना की तरह ही थी शारीरिक बनावट में लेकिन नैना ने अपने शरीर को बड़े ही सुन्दर ढंग से रखा था जिसके कारण उसका शरीर बहुत ही आकर्षक लगता था.
निम्मो को घोड़ी बना कर चोदना शुरू किया क्यूंकि मैंने नोट किया था कि वो इस ढंग से चुदना बहुत पसंद करती थी.निम्मो भी चाची के साथ मुख मैथुन से काफी गरमा चुकी थी तो वो भी कुछ समय के चुदाई के बाद झड़ गई.
अब नैना ने मुझको आँख के इशारे से बताया कि चाची फिर से चुदने के लिए तैयार है, मैं निम्मो को फ़ारिग़ करके चाची की तरफ मुड़ पड़ा और उसको झट से घोड़ी बना दिया और चाची की गीली मगर टाइट चूत में अपना सख्त लंड डालने लगा लेकिन चाची ने अपनी चूत को एकदम बंद सा कर दिया था, बड़ी कोशिश के बावजूद भी लंड चूत में प्रवेश नहीं कर पा रहा था.मैंने नैना की तरफ देखा, उसने इशारा किया कि चाची की चूत को रगड़ो और सहलाओ.
मैंने ऐसा ही किया और दो तीन बार यह करने के बाद चाची की चूत अपने आप खुलने लगी और मैंने झट लंड का गृह प्रवेश करवा दिया.चाची भी बहुत अधिक गरमा चुकी थी, वो भी जल्दी ही झड़ गई और वहीं बिस्तर पर ढेर हो गई लेकिन मैंने इस बार अपना वीर्य चाची की चूत में स्खलित किया.निम्मो और पर्बती भी जल्दी ही अपने कपड़े पहन कर अपनी कोठरियों में चली गई.चाची को भी मैंने उनकी नाइटी पहना दी और उनको उनके कमरे तक छोड़ आया.
कहानी जारी रहेगी.
Reply
08-18-2021, 12:06 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें

चाची और जूही दुल्हन का गर्भाधान


चाची भी बहुत अधिक गरमा चुकी थी तो वो भी जल्दी ही झड़ गई और वहीं बिस्तर पर ढेर हो गई लेकिन मैंने इस बार अपना वीर्य चाची की चूत में ही स्खलित किया.निम्मो और पर्बती भी जल्दी ही अपने कपड़े पहन कर अपनी कोठरियों में चली गई.चाची को भी मैंने उसकी नाइटी पहना दी और उनको उसके कमरे तक छोड़ आया.
अगले दिन नैना ने प्रोग्राम बनाया कि चाची और मैं कॉटेज में जायेंगे और उनका गर्भाधान करने की कोशिश करेंगे. बाद में अगर कुछ समय हुआ तो जूही दुल्हन को भी गर्भवती करने का प्रयास किया जाएगा.
जब चाची को लेकर हम कॉटेज पहुँचे तो चाची एकदम हॉट हो चुकी थी और वो अंदर जाए बिना ही मुझ से लिपटने का प्रयास करने लगी लेकिन नैना ने उसको टाइम पर संभाल लिया और लगभग खींचते हुए अंदर ले गई.बैडरूम में पहुँचते ही चाची ने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए और जैसे ही वो नंगी हुई, वो फ़ौरन मुझ से आकर लिपट गई और मेरे भी कपड़े उतारने लगी.

फिर चाची मुझको या फिर नैना को मौका दिए बगैर ही मुझको खींचते हुए बिस्तर पर ले गई और मुझको लिटा कर मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे खड़े लंड को अपनी निहायत गीली चूत में डाल कर ऊपर से मुझे चोदने लगी और बिना सांस लिए उन्होंने मुझको कई बार धक्के मार दिए और जब मैंने नैना की तरफ देखा तो उसने भी अपने हाथ खड़े कर दिए.
चाची की तरफ देखा तो उनका चेहरा एकदम लाल हो रहा था और बिना रुके मेरी सवारी करती रही और 3-4 बार उनका छूटने के बाद वो मेरे ऊपर से उठी और बिस्तर पर निढाल होकर लेट गई.
अब नैना ने उनके कान में कहना शुरू किया- चाची, अगर तुम अपनी इस बिमारी से निजात पाना चाहती हो तो अपने को थोड़ा संभाल लीजिये, वर्ना मैं आपकी मदद नहीं कर पाऊँगी. जैसे मैं कहती हूँ वैसे ही करिये, नहीं तो मैं कुछ नहीं कर सकूँगी.चाची रुआंसी हो गई और बोली- नैना, मेरी मदद करो, नहीं तो मैं मर जाऊँगी या फिर पागल हो जाऊँगी.
नैना मुझसे बोली- छोटे मालिक, चाची की जांच मैंने की है, वो गर्भाधान के लिए बिल्कुल तैयार है, अगर वो कुछ ठीक से व्यव्हार करे तो उनका गर्भाधान हो सकता है.चाची बोली- मुझको माफ़ करना नैना, जब मुझ पर काम का भूत चढ़ता है तो कुछ भी मेरे कंट्रोल में नहीं रहता! सॉरी नैना!
नैना चाची को लेकर दूसरे बैडरूम में चली गई और कुछ देर बाद लौटी और मुझको भी उसी हालत में यानि मेरे खड़े लंड के साथ चाची के पास ले गई और उनको घोड़ी बनने के लिए कहा और मुझको समझाया कि यह घोड़ी बड़ी जंगली है, इसको तरकीब से काबू करना पड़ेगा. पहले धीरे धक्के मारना, फिर जब वो छूट जाए तो फिर तेज़ धक्कों में अपना वीर्य उसके अंदर गर्भ का मुख ढूंढ कर छूटा देना और उस को आनन्द देने की ज़्यादा कोशिश मत करना.
नैना के बताये हुए ढंग से मैंने चाची की चुदाई शुरू कर दी पहले धीरे धक्के और बाद में तेज़ धक्कों से उसको 2 बार स्खलित किया और फिर उनकी चूत के अंदर लंड द्वारा गर्भ का मुख ढूंढने के बाद वहीं अपने वीर्य की पिचकारी छोड़ दी.चाची की चूत में वीर्य स्खलित करने के बाद चाची एकदम थक कर बिस्तर पर लेटने लगी, नैना ने फ़ौरन उनकी कमर को ऊपर उठा दिया और उसको पीठ के बल लिटा कर उसकी चूत के द्वार पर एक मोटा तौलिया लगा दिया ताकि सारा वीर्य गर्भाशय में ही रहे.
फिर नैना ने चाची को एक ख़ास काढ़ा पिलाया और चाची को बिस्तर पर चित लिटा कर मुझको चाची को ऊपर से चोदने के लिए कहा.नैना के बताये तरीके से मैंने चाची को चोदना शुरू कर दिया और पहले बहुत ही धीरे से चोदता रहा और साथ में चाची के मोटे और सॉलिड मुम्मों को चूसता रहा.
चाची ने अपनी दोनों टांगें मेरी कमर के इर्दगिर्द लपेट रखी थी और वो हर धक्के का ज़ोरदार जवाब दे रही थी और फिर वो एकदम से बहुत ही गर्म हो गई और मुझको अपने से चिपका कर ज़ोर ज़ोर चिल्लाती हुई स्खलित हो गई.लेकिन मैंने उनकी चुदाई में ज़रा भी ढील नहीं डाली और पूरे ज़ोर शोर से उसकी ताबड़तोड़ चुदाई करता रहा.लंड को पूरा निकाल कर फिर से पूरा अंदर डालने की मेरी प्रक्रिया से चाची हाय हाय करने लगी और उछल उछल कर अपनी गांड को मेरे लंड से जोड़ने लगी और अपनी रसीली चूत का भरपूर आनन्द मुझको प्रदान करने लगी.
चाची को चुदाई का अति आनन्द आ रहा था और जब वो 3 बार स्खलित हो गई तब उसकी चुदाई की स्पीड में कुछ कमी आई. नैना ने यह मौका अछा समझा और मुझको चाची की चूत में गर्भ के अंदर अपना वीर्य छोड़ने के लिए कहा.मैंने भी ऐसा ही किया, चाची के गर्भ के मुख पर लंड द्वारा वीर्य छोड़ दिया और कुछ देर अपने लंड को चूत के अंदर डाल कर ही मैं चाची के ऊपर लेटा.
Reply
08-18-2021, 12:06 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
फिर धीरे से लंड को बाहर निकाला और नैना ने चाची की चूत पर तौलिया रख कर मुझको उसके ऊपर से उठ जाने के लिए कहा.नैना ने चाची की दोनों टांगें हवा में लहरा दीं और उनको पकड़ कर वहीं बैठी रही ताकि वीर्य अधिक से अधिक मात्रा में चूत में पड़ा रहे.
फिर हमने अपने कपड़े पहन लिए और जाने के लिए तैयार हो गए लेकिन नैना ने कहा कि वो तो अभी रुक रही है क्यूंकि थोड़ी देर में शायद जूही दुल्हन आ जाएगी.मैं चाची को बाइक पर बिठा कर हवेली वापस ले आया और हमारे पहुँचने के थोड़ी देर बाद ही चाचा जी भी वापस लौट आये और चाची को कहा कि वो शाम को घर वापस जा रहे हैं, सामान पैक कर लें.
खाना खाकर मैं फिर कॉटेज वापस आ गया और जल्दी ही वहाँ चला गया जहाँ जूही दुल्हन बैठी हुई नैना से बातें कर रही थी और वो मुझको देख कर बड़ी ख़ुश हुई.मैंने उससे पूछा- क्यों दुल्हन, आजकल पति के साथ कैसी कट रही है रात में?
दुल्हन थोड़ी शरमाई और फिर बेझिझक होकर बोली- क्या बताएँ छोटे मालिक, उनका हर ढंग ही अति निराला है, कहते हैं स्त्री के संग समागम से पुरुष एकदम कमज़ोर और बूढ़ा हो जाता है तो वो तो सिर्फ हफ्ते या फिर 15 दिन बाद ही मेरे निकट आते हैं.मैं हैरान होकर बोला- अरे वाह, ऐसा उससे किस ने कहा?दुल्हन बोली- वो गाँव में एक स्वामी जी आये थे कुछ दिन पहले, उन्होंने सत्संग में यह कहा था. तब से मेरे पति क्या गाँव की दूसरी औरतों के पति भी यह उपदेश सुनने के बाद अपनी औरतों के पास कम ही जाते हैं, बेचारी सब सूखी घूम रही हैं.
मैं और नैना इस बात पर बहुत ही हँसे.
फिर मैंने दुल्हन से पूछा- क्यों दुल्हन, तेरा पति अब तो तेरी तसल्ली करवा देता है ना? कितनी देर करता रहता है तेरी चूत की सेवा?दुल्हन फिर उदास हो कर बोली- कहाँ छोटे मालिक !! मेरा पति तो अंदर डालते ही 5-6 धक्के के बाद ही झड़ जाता है. मेरा तो वो कुछ भी नहीं कर पाता.नैना बोली- घबरा मत दुल्हन, मैं तुझको कुछ दवाएँ दूंगी, अपने पति को खिला देना, फिर देखना क्या मज़ा आता है. चल फिर तुझ को गर्भधान करवाना छोटे मालिक से या रहने दें अभी?
दुल्हन बोली- नैना दीदी, मैं अभी गर्भधान करवाना चाहती हूँ छोटे मालिक से, बाद में फिर मौका मिले या ना मिले.नैना दुल्हन को साथ लेकर बैडरूम में चली गई और दस मिन्ट के बाद मुझको भी बुला लिया.वहाँ दुल्हन एकदम नंगी लेटी हुई थी और अपनी काले बालों से ढकी चूत को मसल रही थी.
मैंने भी जल्दी से कपड़े उतारे, दुल्हन के साथ बिस्तर पर लेट गया और फिर मैंने उसको लबों को चूमना शुरू कर दिया और अपने हाथों से उसके गोल गदाज़ मुम्मों को भी सहलाना शुरू कर दिया.
फिर मैंने उसकी मस्त जांघों के बीच बैठ कर उसकी चूत को चूमना और चाटना शुरू कर दिया, बार बार उसकी भग को मुंह में लेकर गोल गोल घुमाया और जीभ से चाटा और जब मैंने देखा कि दुल्हन पूरी तरह से मस्त हो चुकी है तो मैंने अपने अकड़े हुए लोहे की रॉड के समान लंड को उसकी चूत पर रख कर उसको थोड़ी देर आगे पीछे किया.
फिर जब दुल्हन अपने को कंट्रोल नहीं कर सकी और झटके से चूत को ऊपर कर लंड को पूरा अंदर ले गई और मुझ को अपनी छाती से चिपका कर बेतहाशा मेरे होटों को चूमने लगी.मैं भी लंड को पूरा चूत में डाल कर दुल्हन के साथ मस्ती से धीरे धीरे चोदने लगा.लेकिन दुल्हन काफी दिनों से लौड़े की प्यासी थी, वो जल्दी जल्दी ऊपर नीचे हो रही थी और मैं भी उसकी स्पीड से मैच करते हुए चुदाई का आनन्द लेने लगा.
इस कामातुर चुदाई के दौरान दुल्हन 3 बार झड़ गई है ऐसा मेरा अंदाजा है.और अब नैना के इशारे के मुताबिक़ मैंने बड़ी तीव्रता से दुल्हन की चुदाई शुरू कर दी और उसको एक बार फिर स्खलित करके मैंने अपना वीर्य उसके गर्भ के मुख के ऊपर छोड़ दिया और नैना ने मुझको उसके ऊपर लिटाये रखा.
फिर नैना ने वो सब किया जो वो चाची के साथ कर चुकी थी और उसी प्रकार मैंने दुबारा दुल्हन को नैना के प्लान के मुताबिक़ चोदा.यह काम खत्म करके हम वापस हवेली आ गए और लखनऊ वापस जाने की तैयारी में जुट गए.
रात को मम्मी पापा भी लौट आये और मुंशी जी ने और मैंने उनको फिल्म वालों का पैसों का सार हिसाब भी बता दिया जिसे सुन कर वो बहुत खुश हुए और फ़ौरन ही उन पैसों में से मुझको एक नई मोटरसाइकिल लेने के लिए पैसे भी दे दिए.अपनी बाइक लेने की ख़ुशी से मैं फूला नहीं समा रहा था.
अगले दिन सुबह ही मैं, नैना और निम्मो लखनऊ वापस जाने के लिए चल पड़े और 3-4 घंटे में लखनऊ पहुँच गए. सबसे पहले निम्मो को मैडम जी के घर में छोड़ा और फिर अपनी कोठी में आ गए.

कहानी जारी रहेगी.
Reply
08-18-2021, 12:06 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें

कॉलेज की जेनी और रश्मि की चुदाई


अगले दिन सुबह ही मैं, नैना और निम्मो लखनऊ वापस जाने के लिए चल पड़े और 3-4 घंटे में लखनऊ पहुँच गए.सबसे पहले निम्मो को मैडम जी के घर में छोड़ा और फिर अपनी कोठी में आ गए.
लखन लाल चौकीदार हमको देख कर बड़ा खुश हुआ और उसने यह भी बताया कि पारो हमारी रसोई वाली भी आज वापस आ गई है और बाकी वहाँ सब ठीक रहा हमारी गैरहाज़री में!
पारो हमको कोठी के हाल कमरे में ही मिल गई और हम दोनों को बड़ा ही भाव भीना आलिंगन किया.थोड़ी देर बाद मैं और नैना मोटर साईकल के शो रूम में पहुँच गए और अपनी लिए एक नई मोटर साइकिल बुक कर के आए.
रात को मैंने पारो को, जो बहुत ही कामुक हो रही थी, और नैना को दिल खोल कर चोदा.

अगले दिन मैं कॉलेज समय पर पहुँच गया और सब संगी साथियों से मिल कर बड़ी ख़ुशी हो रही थी.नैनीताल ट्रिप और आगरा ट्रिप वाली सारी लड़कियों को भी मिला और उन दिनों की याद करके बहुत ही मस्त ख़ुशी से सबको कैंटीन में जलपान करवाया.
कई लड़कियों ने तो छुपे छुपे इशारे भी किये फिर से प्रोग्राम बनाने के लिए लेकिन मैंने उन सबको हंस कर टाल दिया.निर्मला मैडम ने बताया कि उसका सब कुछ ठीक चल रहा है और वो जल्दी ही नैना से मिलने कोठी आएँगी.
दो दिन बाद मुझ को बाइक की डिलीवरी मिल गई और पहली बार मैं जब बाइक ले कर कॉलेज पहुंचा तो कई दोस्त इकट्ठे हो गए और बाइक की तारीफ करने लगे.कुछ जानकार लड़कियों के अनुरोध पर उनको बाइक पर बिठा कर एक दो चक्कर भी लगा आया.
बाकी साल में मैंने कई लड़कियों के साथ समागम किया और उनकी इच्छा के अनुसार उनको चोदा.इसी तरह मेरा कॉलेज का प्रथम वर्ष समाप्त हुआ और मैं परीक्षा में भी अच्छे नंबरों से पास होकर इंटर के फाइनल ईयर में पहुँच गया.अब पढ़ाई थोड़ी मुश्किल हो गई थी तो काफी समय पढ़ने में ही निकल जाता था लेकिन अच्छी और सुन्दर लड़कियाँ अभी भी मुझसे आकर मिलती थी और कई बार खुले इशारे भी फेंकती थी!
नैना ने बताया था कि मेरे द्वारा गर्भवती हुई औरतों ने सुन्दर और हृष्ट पुष्ट बालकों को जन्म दिया. उन्ही दिनों निर्मल मैडम ने भी एक सुन्दर सी कन्या को जन्म दिया, ऐसा मुझको समाचार मिला.
फिर एक दिन मेरी पुरानी आशिक जेनी मुझको कॉलेज के कॉरिडोर में मिल गई, बोली- कैसे हो सतीश राजा? आजकल किस को निहाल कर रहे हो?मैं उदासी के लहजे में बोला- क्या बताएँ जेनी यार, जब से तुम्हारा ग्रुप मुझ से बिछड़ा है कोई ढंग का फकिंग पार्टनर ही नहीं मिल रहा?जेनी बोली- आज दोपहर को तुम्हारे साथ कोठी चलें क्या? मैं और रश्मि?मैं बोला- आजकल मैं थोड़ा पढाई में बिजी हूँ लेकिन फिर भी तुम दोनों दो घंटे के लिए आ सकती हो. कॉलेज खत्म होने पर मुझको गेट पर मिल जाना मैं तुम दोनों को अपनी बाइक पर बिठा कर कोठी ले जाऊँगा. ठीक है ना?जेनी ने खुश हो कर सर हिला दिया.
छुट्टी के बाद में उन दोनों को बाइक पर बिठा कर कोठी ले आया और दोनों नैना से मिल कर बड़ी खुश हुई.चाय नाश्ते के बाद जैसा कि पहले हुआ करता था, हम तीनों मेरे कमरे में आ गए और वो दोनों मुझ से बेतहाशा लिपट गई और मुझ को चूमने चाटने लगी और दोनों एक साथ ही बोली- सतीश यार, तुम जैसा चोदू हम को आज तक नहीं मिला. क्या चुदाई का स्टाइल है तुम्हारा, कितनी देर तक चुदाई करने की क्षमता है तुम में. उफ्फ, ऐसा चोदू हमको कभी नहीं मिल सकता. हर पल हम दोनों ही क्या सारी कॉलेज की लड़कियाँ तुम्हारी याद में तड़पती रहती हैं.
मैं बोला- रहने दो जेनी डार्लिंग, तुम खामख्वाह मेरी इतनी तारीफ कर रही हो! मैं समझता हूँ सब लड़कियाँ मुझको तकरीबन भूल चुकी हैं.रश्मि बोली- ऐसा नहीं है सतीश यार, सब लड़कियों के दिलों के कोने कोने में तुम और तुम्हारा लंड समाया है!
नैना वहाँ बैठी सब बातें सुन रही थी, बोली- ये दोनों ठीक कह रही हैं, वो तुम को जानने वाली औरतें भी तुमको बहुत याद कर रही थी, मुझसे कई बार पूछ चुकी हैं फिर कब होगा सतीश से मिलन?
मैं बोला- नदी के पुल के नीचे से निकला हुआ पानी और लंड के अंदर से छूटा हुआ वीर्य कभी वापस नहीं आ सकता.जेनी बोली- नदी के पुल के नीचे से नया पानी और लंड से नया वीर्य तो छूट सकता है ना, हम तुम को नई नदी के नए पानी और नई चूत के दर्शन करवा देते हैं, सब कुछ नया होगा, लेकिन इस शर्त पर कि हमारा भी कभी कभी कल्याण कर दिया करना.
मैंने नैना की तरफ देखा और वो बोली- हाँ छोटे मालिक, ऐसा तो हो सकता है! अच्छा चलो अब तुम दोनों तैयार हो तो चुदाई प्रोग्राम शुरू करें क्या?फिर नैना ने दोनों महज़बीं लड़कियों को धीरे धीरे वस्त्रहीन किया और मेरे भी वस्त्र जेनी ने उतारे.मेरे खड़े हुए लौड़े को देख कर दोनों एकदम उस पर झपट पड़ी और दोनों ही उसको चूमने और मेरे अंडकोष के साथ खेलने में लगी रही.
Reply
08-18-2021, 12:07 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
उन दोनों की चूत में ऊँगली डाली तो दोनों ही पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और चुदाई के लिए पूरी तरह से तैयार थी.सबसे पहले मैंने जेनी को पलंग के साथ हाथ पकड़ कर खड़ा कर दिया और पीछे से उसकी चूत में अपने मोटे लंड को धीरे से डाल दिया.उसकी सुलगती हुई चूत ने लंड को एकदम जकड़ लिया और फिर मैंने धीरे धीरे धक्के मारना शुरू कर दिया.
थोड़ देर में जेनी झड़ गई और ज़ोर ज़ोर से कांपने लगी और बड़बड़ाने लगी- बहुत अरसे के बाद मेरी चूत की ढंग से चुदाई हुई है सतीश, थैंक्स.मैंने जेनी को खड़ा किया और उसके लबों पर एक ज़ोरदार चुम्मी जड़ दी और उसके गुदाज़ और गोल चूतड़ों को भी थोड़ा मसला.
रश्मि जो तैयार खड़ी थी और जिसको नैना ने बड़ा ही गर्म कर दिया था, झट से आगे बढ़ी और जेनी को हटा कर मुझ से लिपट गई और ताबड़तोड़ मेरे लबों को चूमने लगी, उसकी चूत के काले बालों में मेरा गीला लंड ऊपर नीचे होने लगा.रश्मि भी कामातुर थी, वो जल्दी ही बिस्तर पर घोड़ी बन कर बैठ गई और मैंने भी झट उसकी भूखी चूत में अपना लौड़ा जमा दिया.
धीरे धीरे उसकी पनियाई चूत में अपने लंड का गृह प्रवेश करवाया और जड़ तक लंड को अंदर डाल कर फिर धीरे धीरे से उसको चोदना शुरू किया.रश्मि भी काफी लंड की प्यासी हो रही थी सो वो भी जल्दी चुदवाने की कोशिश करने लगी.मैं भी उसको उसकी इच्छा अनुसार जल्दी जल्दी चोदने लगा और चंद ही धक्कों में रश्मि भी छूट गई लेकिन मैं उसकी प्यास को समझा गया था, मैंने उसको सीधा लिटाया और ऊपर से उसकी टांगों के बीच बैठ कर उसकी ज़ोरदार चुदाई करने लगा.
जेनी भी अब मेरे को चूम रही थी और मेरे अंडकोष को मसल रही थी. मैंने रश्मि के चूतड़ों के नीचे हाथ रख कर ज़ोरदार धक्कमपेल शुरू कर दी और चंद मिनटों में ही रश्मि फिर से कंपकपी के साथ छूट गई.अब मैंने जेनी को उसके बालों से पकड़ा और उसका मुंह अपने मुंह से जोड़ दिया और एक बड़ी ही कामुक चुम्मी उसके होटों पर जड़ दी.
मैंने उसको अपने हाथों को उसके चूतड़ों के नीचे रख कर उठा लिया और खड़े खड़े ही अपना गरम लंड उसकी रसीली चूत में डाल दिया और उसको लेकर मैं सारे कमरे में घूमने लगा.ऐसा करते हुए भी मैं उसकी चूत में धक्के मारता रहा ताकि जेनी की चूत को गर्मी पहुँचती रहे और वो भी उछल उछल कर मेरे हाथों के सहारे से मुझको धक्के मारती रही.
जेनी को उठाये हुए मैंने कमरे के दो तीन चक्कर काट लिए फिर कहीं जाकर जेनी का पानी छूटा और उसने मुझसे लिपट कर बेहिसाब चुम्मियों से मेरे मुंह को एकदम गीला कर दिया.फिर दोनों कुछ देर लेट कर विश्राम करने लगी.
मैं और नैना उनकी सेक्सी फिगर्स को परख रहे थे.जेनी दोनों में से ज़्यादा सेक्सी लग रही थी और वो चुदाई का पूरा आनन्द उठा रही थी जबकि रश्मि की शारीरिक सुंदरता अधिक थी लेकिन सेक्स करवाने की कला से ज़्यादा वाकिफ नहीं थी.
जब वो रेस्ट कर चुकी तो जेनी बोली- सतीश यार, तुम्हारी क्लास में एक बहुत ही सुन्दर लड़की आई है ज़रा उसको गौर से दखना तो सही, उसका नाम है रति और वो पूरी उर्वशी अप्सरा लगती है! कहो तो कल मिलवा दूँ उससे?मैं बोला- ज़रूर मिलवाओ. दोस्ती करने में क्या हर्ज है?
जेनी बोली- लेकिन सतीश, उसके बारे में कुछ अजीब बातें सुनने में आई है, सुना है वो चुदाई करवाने की शौक़ीन नहीं है ज़्यादा. और कुछ लड़के जो उसको पहले से जानते हैं, उनका कहना है कि वो बर्फ के माफिक ठंडी है बिस्तर में! मैं नहीं मानती कि कोई साधारण लड़की सेक्स के मामले में बर्फ की तरह ठंडी हो सकती है?
नैना बोली- नहीं जेनी कुछ औरतें या लड़कियाँ वाकयी में सेक्स के मामले में ठन्डे स्वभाव की होती हैं, उनको यौन क्रिया में कोई आनन्द नहीं आता है, यह उनके फीमेल हॉर्मोन्स की कमी की वजह से होता है, अगर इसका उपचार कराया जाए तो ऐसी लड़कियों को यौन क्रिया में रुचि होने लगती है.
मैं बोला- चलो छोड़ो इस किस्से को, जब रति से मिलेंगे तो सोचेंगे कि क्या करना है. तुम सुनाओ पिछले साल मेरे अलावा कितने लड़कों से चुदाई करवाई दोनों ने?दोनों ही रोनी सूरत बना कर बोली- कहाँ सतीश यार, कोई ढंग का लड़का ही नहीं मिला था हमको, हम दोनों तो कुंवारी जैसी हैं जबसे सतीश ने हमको आखरी बार फ़क किया था.
मैं बोला- तभी तो काफी सेक्स की प्यासी लग रही थी तुम दोनों? अगर और चुदवाना है तो बात करो?दोनों ही अपनी चूत के काले घने बालों में ऊँगली से खुजाते हुए बोली- मर्ज़ी तो है बहुत लेकिन हम इस डर से चुप बैठी हैं कि सतीश तो थक गया होगा.मैं बोला- नहीं यारो, मैं सेक्स के मामले में कभी नहीं थकता. आ जाओ मैदान में और मुझको चोदो जब तक तुम दोनों ना नहीं करती. ठीक है?
यह कह कर मैं बिस्तर पर सीधा लेट गया और दोनों ने बारी बारी से मेरे ऊपर चढ़ कर मेरे लंड को जी भर के चोदा. यहाँ तक कि मेरे पेट पर उनकी चूतों से टपका हुए रस का तालाब सा बन गया जिसको नैना ने साफ़ कपड़े से पौंछ दिया.करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद दोनों ने ही तौबा कर ली और हम सबने अपने कपड़े पहन लिए.
अगले दिन कॉलेज में जेनी ने मेरी क्लास में बैठी हुई रति से मेरी मुलाकात करवाई.रति देखने में निहायत ही खूबसूरत लड़की थी और अब मैंने महसूस किया कि क्लास के सारे लड़के केवल अपनी दृष्टि उसी बेंच पर केंद्रित कर के बैठे थे.
ब्रेक में जेनी रति को लेकर कैंटीन में मुझसे मिली और हम दोनों का परिचय करवाया.बातों ही बातों में पता चला कि रति की कोठी भी हमारी कोठी के एकदम निकट थी जहाँ वो अपने भाई और भाभी के साथ रहती थी.समोसे खाने और कोका कोला पीने के बाद हम तीनों एक दूसरे से विदा हुए लेकिन रति मेरे साथ ही क्लास में लौट आई.
क्लास खत्म होने से पहले रति ने मुझको अपने घर आने का निमंत्रण दिया और यह भी कहा वो और उसके भैया भाभी मुझसे मिल कर बड़े खुश होंगे.बातों बातों में मैंने उस को बता दिया था कि इस कोठी में मैं अकेला ही अपने कुछ नौकर और नौकरानिओं के साथ रहता हूँ.

कहानी जारी रहेगी.
Reply
08-18-2021, 12:07 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें

रति के साथ रोमांस


क्लास खत्म होने से पहले रति ने मुझको अपने घर आने का निमंत्रण दिया और यह भी कहा वो और उसके भैया भाभी मुझसे मिल कर बड़े खुश होंगे.बातों बातों में मैंने उस को बता दिया था कि इस कोठी में मैं अकेला ही अपने कुछ नौकर और नौकरानिओं के साथ रहता हूँ.
अगले दिन कॉलेज जाने से पहले मैं रति की कोठी के सामने रुका और यह देख कर हैरान हो गया कि रति वहाँ अपनी पुस्तकें लिए मेरा इंतज़ार कर रही थी.वो जल्दी से बाइक पर मेरे पीछे बैठ गई और मेरे कंधे पर हाथ रख दिया जिसको महसूस करके मेरे शरीर में एक झुरझुरी से उठ गई.
रति वाकयी में इतनी खूबसूरत थी कि सड़क पर चलते अक्सर लोगों की निगाहें हम दोनों पर टिक जाती थी.एक दो बार बाइक में ब्रेक लगाने के कारण रति मेरी पीठ से अपने मुम्मों के साथ चिपक गई थी और उसके गोल और सॉलिड मुम्मों का दबाव मुझको बहुत ही आनंदित कर रहा था.
कॉलेज पहुंचे तो कुछ मनचले लड़के आवाज़ें कसने लगे- देखो क्या खूबसूरत जोड़ी है यार! ठाकुर को तो मज़ा ही आ गया!यह सुन कर रति थोड़ा शरमा जाती थी, ऐसा मैंने महसूस किया.
लंच में रति और मैं कैंटीन में इकट्ठे बैठ कर खाना खाने लगे और रति बोली- सतीश तुम मत कुछ लेना कैंटीन से मैं तुम्हारा भी खाना लाई हूँ.मैं बोला- वाह रति, क्या स्वादिष्ट खाना है तुम्हारा लेकिन मैं कोल्ड ड्रिंक्स ले आता हूँ!

रति का खाना वाकयी ही बड़ा स्वादिष्ट था और मैंने भी उसके खाने की जी भर कर तारीफ की.छुट्टी के बाद मैं फिर रति को बाइक पर बिठा कर उसकी कोठी तक छोड़ आया लेकिन जैसे ही वापस आने लगा, उसकी भाभी ने हमको देख लिया और ज़ोर डाल कर मुझको कोठी के अंदर ले गई.
रति की भाभी भी काफी सुन्दर थी, पूरा गठा हुआ शरीर और सारे शरीर के अंग एकदम सॉलिड लग रहे थे.बैठक में जाकर बैठे तो भाभी के कहने पर हम दोनों ने बड़ा ही स्वादिष्ट जलपान किया.
थोड़ी देर गपशप मारने के बाद ही बातों बातों में पता चला भाभी कि कोई संतान नहीं हुई अभी तक, हालाँकि विवाह हुए 5 साल हो गए थे.तब मैंने कहा- भाभी जी, अगर आप बुरा ना मानें तो एक बात कहूँ?भाभी बोली- हाँ हाँ कहो, सतीश क्या कहना चाहते हो?मैं बोला- हमारी एक हाउसमेड है नैना, वो एक्सपर्ट दाई है और उसको इसके बारे में काफी ज्ञान है. आप चाहें तो उसको कंसल्ट कर सकती हैं, वो हमारी कोठी में ही रहती है.भाभी खुश होकर बोली- अच्छा, यह तो अच्छी बात बताई सतीश तुमने! उसको मैं कब मिल सकती हूँ?मैं बोला- रुकिये, मैं उसको अभी यहाँ बुला देता हूँ.
यह कह कर मैंने उनके फ़ोन से नैना से बात की और फ़ौरन साथ वाली कोठी में आने के लिए बोला.थोड़ी देर में नैना कोठी में आ गई और उसका सबसे परिचय करवाया और भाभी को लेकर नैना दूसरे कमरे में चली गई और मैं और रति वहीं बैठे रहे.
रति मुझको चोर नज़रों से देख रही थी यह मैंने भांप लिया था, मैं इस इंतज़ार में था कि देखो वो कब खुल के सामने आती है.थोड़ी देर बाद नैना भाभी के साथ वापस बैठक में आई और तब भाभी बोली- मैं कल दिन को तुम्हारे पास अपनी सारी रिपोर्ट्स ले कर आऊँगी और सब देख कर बताना क्या इलाज किया जा सकता है इसका.थोड़ी देर में हम दोनों बाइक पर बैठ कर अपनी कोठी आ गए.
अगले दिन फिर मैंने रति को उसकी कोठी से पिक किया और कॉलेज पहुँच गए और रास्ते में फिर वही झटकों का सिलसिला जारी रहा.कॉलेज में उस दिन कुछ ख़ास ही गहमा-गहमी थी, पूछने से पता चला कि कॉलेज में होने वाले सालाना फेस्टिवल में कुछ डांस और ड्रामों का आयोजन करने वाले है कॉलेज की सांस्कृतिक कार्यक्रम वाली सोसाइटी और जो छात्र इन कार्यकर्मो में भाग लेना चाहते हैं वो अपना नाम दे सकते हैं.
रति और मैं डांस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अपना नाम दे आये.बाकी कई छात्रों ने अपने नाम दिए और उनमें से अच्छे कलाकारों का चयन करने वाली समिति ने अगले दिन छात्रों को चयन करना था.
अगले दिन चयन समिति ने रति को और मुझको डांस के लिए चुन लिया और छुट्टी के बाद प्रैक्टिस भी शुरू हो गई.कुछ अन्य छात्रों के डांस को देखने के बाद मुझको और रति को डांस करने के लिए कहा गया और एक बहुत ही थिरकते हुए गाने पर हम दोनों ने बहुत ही सुन्दर तालमेल के साथ डांस किया, हालाँकि यह पहला मौका था हम दोनों के एक साथ डांस करने का!
Reply
08-18-2021, 12:07 PM,
RE: XXX Kahani मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
हमारे डांस के बाद डांस मैडम ने बड़ी ख़ुशी से तालियाँ बजाई और कहा- वाह रति और सतीश, तुमने तो ऐसा डांस किया जैसे कि तुम काफी अरसे से एक साथ डांस की प्रैक्टिस करते रहे हो!यह सुन कर रति एकदम शरमा गई और फिर डांस प्रैक्टिस खत्म होने के बाद हम दोनों बाइक पर बैठ कर रति की कोठी पर पहुंचे जहाँ पता चला कि रति की भाभी तो नैना से मिलने हमारी कोठी गई है तो मैं में रति को लेकर अपनी कोठी पहुंचा.नैना और रति की भाभी बैठक में बैठे बातें कर रहे थे.
पारो हम सब के लिए नाश्ता ले आई और हम सब ने एक साथ जलपान किया.फिर भाभी और रति अपने घर के लिए चल पड़ी और नैना ने भाभी को विश्वास दिलाया कि अगर ईश्वर ने चाहा तो आपकी मुराद ज़रूर पूरी होगी.
उनके जाने के बाद नैना बोली- यह रति तो बड़ी खूबसूरत है छोटे मालिक, बिल्कुल आपके लायक लड़की है. लेकिन एक प्रॉब्लम है?मैं बोला- क्या प्रॉब्लम है नैना?नैना बोली- भाभी बता रही थी कि रति काफी ठन्डे स्वभाव की है और उसको सेक्स के प्रति कोई लगाव नहीं है हालाँकि वो जवानी की देहलीज़ लांघ चुकी है.
मैं बोला- ऐसा तो कभी सुना नहीं था? क्या ऐसा होता है औरतों में?नैना बोली- हाँ, कई औरतों को यह बीमारी हो जाती है, जैसे तुम्हारी चाची को हर वक्त चुदवाने की इच्छा सताती थी, वैसे कई औरतों को चुदवाने की कोई इच्छा ही नहीं होती. इस कारण उनका विवाहित जीवन नरक बन जाता है और वो किसी बच्चे को जन्म भी नहीं दे सकती.
मैं बोला- तो क्या इस बीमारी का इलाज हो सकता है?नैना बोली- हाँ हाँ, हो सकता है, और मैंने भाभी से वादा किया है कि मैं रति का इलाज कर सकती हूँ अगर रति और भाभी राज़ी हों तो?मैं बोला- और भाभी की क्या प्रॉब्लम है?नैना हंस कर बोली- वही प्रॉब्लम है जो चाची की और कई दूसरी औरतों की थी जिनका आपने गर्भाधान किया!
मैं बोला- उफ़ फिर एक और गर्भाधान? नहीं अब मैं गर्भाधान करते हुए थक चुका हूँ, किसी और से करवा लें, मैं नहीं करूंगा.नैना थोड़ी गुस्से में बोली- वाह छोटे मालिक, यह कैसे संभव है? जब वो मेरे द्वारा अपना इलाज करवाएगी तो गर्भाधान करने वाला सांड भी तो मुझको लाकर देना पड़ेगा न? और सोचो इस चक्कर में आपको नई नकोर चूत को भी चोदने का मौका मिलेगा.
मैं बोला- वह कैसे?नैना बोली- अगर रति का इलाज भी मुझसे करवाती है भाभी, तो सोचो उसकी चूत का ट्रायल चुदास भी तो आपको करनी पड़ेगी.मैं अब हँसते हुए बोला- नैना यार, तुम भी पूरी घाघ औरत हो? घेर घार कर मुझको बीच में ले ही आती हो!
नैना बोली- अच्छा सुनो, मैं एक प्लान बना रही हूँ जिसमें भाभी के साथ रति की चुदाई भी आप आसानी से कर सको!मैं बोला- रति की चुदाई ज़रा मुश्किल लग रही है क्यूंकि वो बहुत ही सुलझी हुई लड़की है और वो आसानी से चुदाई के लिए तैयार नहीं होने वाली.नैना बोली- वो आप मुझ पर छोड़ दो, मैं किसी तरह से दोनों को एक साथ चोदने का बहाना ढूंढ लूंगी.
ये बातें करते हुए हम दोनों मेरे बैडरूम में आ गए और क्यूंकि चुदाई की बातें सुन कर मैं काफी गरम हो चुका था तो मैंने नैना को पकड़ लिया और उसकी साड़ी ऊपर करके पीछे से चोदने लगा.वो भी काफी गीली हो चुकी थी और हम दोनों बड़े मज़े से एक दूसरे को चोद कर मज़ा देने लगे.
चुदाई के दौरान मुझ को लगा कि नैना की चूत सिकुड़ और खुल रही थी जैसे दूध धोने की प्रक्रिया कर रही हो, ऐसा पहले उसने कभी नहीं किया था और मुझको लगा कि यह क्रिया उसने अभी कुछ समय पहले ही सीखी होगी.लेकिन इस जुगल बंदी से मुझको बड़ा ही मज़ा आ रहा था और मैंने भी सर फ़ेंक कर चुदाई शुरू कर दी और कुछ ही धक्कों में नैना का पानी छूट गया, अब मैंने भी पूरे जोश से चोदते हुए अपना वीर्य नैना की चूत की गहराई में छोड़ दिया.
यह देख कर नैना थोड़ी हैरान हो गई क्यूंकि मेरा छूटना और वो भी उसकी चूत के अंदर बहुत ही कम बार हुआ होगा.लेकिन वो फ़ौरन उठी और बाथरूम में चली गई और थोड़ी देर बाद चूत को धो पौंछ कर वापस आई, आते ही बोली – यह क्या किया छोटे मालिक? मैं फंस जाती ना अगर अभी तुम्हारा वीर्य साफ़ नहीं किया होता?मैं घबरा कर बोला- सॉरी नैना डार्लिंग, वो क्या है, मुझ से रहा नहीं गया क्यूंकि बहुत दिनों से छुटाया नहीं था ना!
नैना हँसते हुए बोली- जाने दो छोटे मालिक, कहीं ऐसे ही रति की चूत में ना छूटा देना, नहीं तो वो बेचारी फंस जायेगी.

कहानी जारी रहेगी.
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,548,611 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 549,727 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,252,472 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 946,991 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,681,745 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,103,970 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,990,713 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,186,471 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,080,363 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 289,504 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 14 Guest(s)