Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
09-02-2021, 03:47 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
मिली को तो इस लंड की आदत थी इसलिए उसका न चौकना स्वाभाविक था और न ही वो पहली बार सहाय की पतलून उतार रही थी | फिर भी चुदाई और सेक्स का हर एक अनुभव अपने आप में अलग होता है | मिली सहाय का तना लंड देख उत्तेजना और खुसी से भर गयी | उसने झट से सहाय के लंड को अपनी नाजुक हथेली से थाम लिया | सहाय का लंड इतना मोटा था कि बमुश्किल उसकी हथेली में समां पा रहा था | उसने सहाय को लंड को पांच छह बार मुठियाया, और अपने गुलाबी रस भरे ओठो से उसका फूला सुपाडा मुहँ में जकड़ लिया | सहाय के लंड के सुपाडे से जब मिली की गीली जीभ टकराई तो उसने ने एक लम्बी आह भरी | मिली ने अपना सर हिलाते हुए किसी लोलीपोप की तरह लंड को अपने मुहँ में लेकर चूसने लगी | अपने रसीले ओंठो को सख्त जकड़न से उसके लंड पर स्ट्रोक लगाने लगी | उसका एक हाथ लंड पर फिसल रहा था और दूसरा हाथ उसकी गोटियों से खेल रहा था | मिली एक हाथ से सहाय के लंड को मसलते हुए अपने रसीले होंठो से चूस चूस कर उसे अपने मुहँ में ले रही थी | मिली के रस टपकाते ओंठो की लाल लिपस्टिक सहाय के लंड पर फ़ैल गयी थी |

मिली सहाय के लंड पर अपने रसीले ओंठो को सरपट दौड़ा रही थी | कभी कभी बीच में उसके लंड को मुहँ में भरकर उसके सुपाडे को टॉफी की तरह चूसने लगती | कभी उसके सुपाडे पर अपनी गीली जीभ गोल गोल घुमाने लगती | अपने सर को हिलाकर लंड को मुहँ में ले रही थी | जब वो लंड को अपने सख्त ओंठो की जकड़न से रगड़ते हुए मुहँ के अन्दर ले जाती, और जब वो उसी तरह से लंड को ओंठो से रगड़ते हुए बाहर की तरफ लाती, तो साथ ही साथ उसका एक हाथ भी लंड पर उसी लय में फिसलता | जब सहाय का आग में तपता जलता लंड, मिली के नाजुक रसीले ओंठो की जकड़न में रगड़ता मसलता उसके मुहँ की गीली सुरंग में जाता और वहां रस भरी जीभ उसे अपनी गीली लार से नहला देती, तो सहाय के आनंद की सीमा नहीं रहती | सहाय ने उत्तेजना और आनंद से अपनी आंखे बंद कर ली थी और वो मिली द्वारा लंड चुसे जाने से मिलने वाले परमानन्द में डूबा हुआ था | बीच बीच में मिली उसके लंड को दोनों हथेलियों में भरकर मुठीयाने लगती और सहाय के रिएक्शन के लिए उसके चेहरे की तरफ देखने लगती | मिली का चेहरा लार से सान गया था | वो सहाय के लंड को हाथ से मुठिया रही थी मुहँ में भर कर उसे चूस रही थी |

सहाय भी उत्तेजना से भर गया था | वो भी मिली के मुहँ से लगाते स्ट्रोक्स के साथ ही अपनी कमर हिलाने लगा | मिली उसके लंड को मुहँ से निकालकर दोनों हाथो से मुठीयाने लगी, उसके लंड का निचला हिस्सा चटाने लगी | उसकी गोलियां मुहँ से भरने लगी | उसके लंड पर उसने ढेर सारी लार उड़ेली और दोनों हाथो से उसके गरम तपते खड़े लंड पर ठंडी लार की लिसलिसी मालिश करने लगी | उसने गप्प से मुहँ में लंड लेकर फिर स्ट्रोक लगाने लगी | सहाय भी कमर हिलाकर उसके मुहँ में लंड ठेलने लगा | मिली ने लंड पर से हाथ हटा लिया और अपने ओंठ चौड़े कर दिए ताकि सहाय आराम से उसके मुहँ को चोद सके | मिली के मुहँ से लार निकल निकल कर उसकी ठोड़ी से होती हुई उसके सीने को भिगो रही थी | थोड़ी देर कमर हिलाने के बाद सहाय थम गया, मिली ने फिर से लंड को थमते हुए उस पर ढेर लार लगा दी, और उसके लंड की लार से मालिश करने लगी, फिर मुहँ में लेकर सर हिलाकर हिलाकर उस पर अपने नरम ओंठो का स्ट्रोक लगाने लगी | सहाय से अब बर्दाश्त नहो हो रहा था | मिली काफी देर से उसका लंड चूस रही थी और उसका लंड भी पत्थर की तरह कठोर हो गया था | उसका बदन पूरी तरह उत्तेजना से भरा हुआ था, उसकी सांसे भी तेज थी, अब उसे चूत की दरकार होने लगी थी |

उसने मिली की गर्दन थाम उसे उठाया और उसके लार से सने ओंठो को बुरी तरह चूमने लगा | वो भी सहाय का पूरा साथ देने लगी | सहाय ने उसके उरोजो को कसकर मसल दिया , जिससे वो चिहुंक उठी लेकिन उसकी आवाज उसके मुहँ में ही घुट गयी क्योंकि सहाय उसके ओंठो को बुरी तरह चूम रहा था | उसने एक हाथ से उसके चूत दाने को बुरी तरह से रगड़ने लगा, ताकि ठन्डे हो गए उसके शरीर में थोड़ी गर्मी आ जाये और उसकी चूत में गीली हो जाये | सहाय बिना रुके कुछ देर तक उसके चूत दाने को बेदर्दी से मसलता रहा और उसके रसीले ओंठो का रसपान करता रहा | चूत दाने पर हो रहे भीषण मर्दन से मिली फद्फड़ाने लगी | सहाय के ओंठो से अपने ओंठ अलग करते हुए - आआआह अब सर मुझसे रहा नहीं जा रहा है, अपना मुसल लंड घुसा ही दीजिये मेरी गीली चूत में, जमकर चोद दीजिये, चूत में बहुत पनिया रही है |

सहाय - हाँ साली रंडी की जनी, तुझे ही चोदने जा रहा हूँ, साली तूने भी तो चूस चूस के मेरी गांड फाड़ रखी थी, अब इस लंड को लोहे की राड की सख्त बना दिया है अब इसे तेरी चूत की भठ्ठी की आग ही पिघला कर नरम करेगी | जब तक तक ये लोगे जैसा सख्त लंड नरम नहीं होता तेरी चूत में की भट्ठी को चोद चोदकर उसमे हवा भरता रहूँगा और तेरी गुलाबी गरम चूत की भट्ठी की आग बढाता रहूँगा |
मिली कामवासना की उत्तेजना से बडबडाती - ओह्ह्ह्ह्ह्ह सरररर अब लंड घुस ही दो इस मुई चूत में, देखो कैसे फड़क रही है लंड लेने को |
सहाय - हाँ साली कुतिया, पता है तू बहुत गरम हो चुकी है इस वक्त, बस तेरी ही चूत फाड़ने जा रहा हूँ |
मिली - सर थोड़ा आराम से करना, आप एक बार चूत में लंड घुसाने के बाद कोई रहम नहीं दिखाते हो |
सहाय - साली चूत भी चुदवायेगी रंडियों की तरह और कहती है आराम से करना, एक बार चूत में घुसने तो दे फिर देख तेरी कैसी चीखे निकलता हूँ | साला लंड चूस चूस के मेरी गांड ही फाड़ दी | बिलकुल रंडियों की तरह चूसा है लंड तूने , तो अब रंडियों से भी बुरी तरह से चोदुंगा तुझे हरामजादी | तेरी चूत के चीथड़े न उड़ा दिए तो मै भी तेरा चूत खोर बॉस नहीं | साला कह रही है बहुत फड़क रही है, अभी फाड़ता हो तेरी फडकती चूत |
मिली - हाँ सर बहुत फड़क रही है |
सहाय - साली कुतिया, उसके चुताड़ो पर एक जोरदार चमाट मारते हुए, साली अभी देख कसी तेरी नाजुक चूत को चीर के भोसड़ा बनाता हूँ |
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09-02-2021, 03:48 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
सहाय ने मिली को मेज पर पीठ के बल लिटा दिया, उसकी दोनों टांगे हवा में उठा दी , फिर उसे थोडा सा आगे की तरफ मेज के किनारे पर खीचकर उसकी जांघे अपने कंधो पर टिका दी | अब मिली की गुलाबी मखमली चूत बिलकुल सहाय के भूखे तड़पते, हवस की आग में भट्ठी बने लंड की सामने थी | अपने सामने गुलानी चिकनी साफ़ सुथरी चूत देख सहाय का लंड और पगला गया,उसमे खून का दौरान और तेज हो गया और वो वासना की आग में तपता जोर जोर से कांपने लगा | सहाय ने भी देर नहीं करी | उसने मिली को गोरी मांसल जांघे पकड़ कर उसे थोड़ा और अपनी तरफ खिसकाया, अब मिली के एक तिहाई चूतड़ मेज से बाहर लटक रहे थे | सहाय ने अपने लड़ का गरम सुपाडा मिली की गीली गरम चूत पर रखा और कमर में जोर लगाकर हचक के धक्का दे मारा |

सहाय का आग की तरह तपता मोटा लंड लंड मिली की भट्ठी बनी गुलाबी चूत को चीरता हुआ अन्दर तक जाकर धंस गया | मिली की तो चीखे उबल पड़ी |
मिली - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ मरररररररररर ररररररररररर ममामामामामामाम्मा
ईईईईईईईईईई गगागागाआआआआ आआआईईईईईईई ईईईईईईईईईइ |
एक ही झटके में लंड मिली की चूत की गुलाबी सुरंग की आधी से ज्यादा दूरी तय कर चूका था | इससे पहले मिली अपनी पहली चीख ख़त्म कर पाती, सहाय ने लंड को बाहर खीचा और फिर से और जोर से कमर को झटका दिया | सहाय का मोटा लंड मिली की चूत की चिपकी गुलाबी दीवारों को चीरता हुआ और अन्दर तक धंस गया |
मिली - मरररररर रररररररररर गाआआआआआआआ ईईईईईईईईई ईईईईईईईइ मरररररररररररररररर गाआआआआआआ आईईईईईईईई ईईईईईईईईइ, मार डाला बॉस आपने ने, आहआह्ह, ऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ऊओफ़्फ़फ़्फ़, आऐईईईईई माआआआअ, मरररर गाईईईइ | ऊऊऊऊऊ आआऐईईईईईईईईईई आआआईईईईइऊऊऊऊऊऊऊउ |
सहाय अभिमान से हुंकारता हुआ - साली कुतिया फट गयी न गांड |
मिली - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ बाआह्ह्हूऊऊत्त्त दर्र्रर्रर्रर्ररद होहोहोहोहोहोहो र्र्रर्र्हहहहाहा है | आईईईईईईईई ईईईईईईईईइ माँआआआआअईईईईईईईईई |
सहाय फिर हुंकारा - साली अम्मा याद आ गयी अब, कैसे उछल उछल कर कह रही दी चोदो मुझे |ले अभी तो पूरा लंड खाया ही कहा है तेरी चूत ने |
सहाय ने फिर से सटक से लंड बाहर खीचा और फिर से करारा झटका दिया - सहाय का आग की तरह तपता लंड मिली की हवस की आग की गुलाबी भट्ठी में, उसकी चूत की गुलाबी दीवारों की हर अड़चन को चीरता हुआ चूत के अंतिम छोर तक जाकर धंस गया | सहाय ने एक हुंकार भरी और अपनी कमर को जोरो से हिलाने लगा |
मिली की चूत की दीवारे फट के दो फाड़ हो गयी, उसके बीच में सहाय के मोटे लंड ने अपना मुसल ठूंस दिया था , मिली की चीखे निकल आई और इस दर्द भरे झटको से भरी लंड पेलाई से मिली का कलेजा तो मुहँ को आ गया - हाय्य्य्य्य हाय्य्य्य्य साआअ ररर माआआआआआआ रररररर गाआई, फट्ट्ट्ट्ट गय्य्य्य्ई्ई्ई्ई मेरी चूत, ओह्ह्ह्ह्ह्ह जालिम लाआआआआड ने , मार्रर ही डाला रेएएएएएए | आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ रीईईईईए |
मिली खुद को संभाल नहीं आई इस भीषण दर्द में भी उसको ओर्गास्म हो गया |
मिली - आअहाआअहाआह्ह सर्र्र्रर्र्र मीईईरीईइ गाआईईईईईईईइ | आः आःह हाहाह आआह | मिली कांपने लगी |

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09-02-2021, 03:48 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
सहाय मिली के कांपने तक थम गया, मिली का कांपना कुछ देर में ही रुक गया और सहाय ने फिर से एक भीषण ठोकर मरी और पूरा का पूरा लंड मिली की नाजुक गुलाबी दीवारों को चीरता हुआ उसकी मखमली गरम चूत सुरंग में घुस गया | झाड़ने से मिली की काम वासना की उत्तेजना कम हो चुकी थी, हालाँकि उसका बदन अभी भी गरम था फिर भी मिली दर्द से बिलबिला गयी, उसकी आँखों में आंसू छलछला आये | उसकी चूत पर हुए सहाय के लंड के इतने भीषण हमले से उसकी चूत में उठने वाला भीषण दर्द उसकी कमर चूतड़ जांघो तक फ़ैल गया | उसने सहाय के हाथो को कसकर थाम लिया क्योंकि चूत की दीवारे चीरने के बाद अब तो वो बेतहाशा जोरदार धक्के मार मार कर उसकी कमर तोड़ देगा | मिली जानती थी सहाय कैसी चुदाई करता है और अब तो बस लंड घुसाने तक ही दर्द होता है लेकिन पहली बार जब नौकरी के तीसरे महीने उसे सात दिन की छुट्टी चाहिए थी तब वो पहली बार बॉस के आगे गिदगिड़ाई थी और सहाय ने उसे गिव नाद टेक की पालिसी समझाई थी | फिर उस रात वो सहाय के घर गयी और रात में जो भीषण तरीके से उसकी चूत को रौंदा था सहाय ने | वो रात आज तक नहीं भूली, जब सुबह उसके बदन का पुर्जा पुर्जा दर्द से चीख चीख रहा था | सहाय ने उसे उस रात तीन बार चोदा था, रात के १० बजे से रात के एक बजे तक तीन बार बीस बीस मिनट तक उसे चोदा था | वो उससे पहले ऐसे कभी नहीं चुदी थी | पहली बार उसकी चूत कमर और चूतड़ पर इतने करारे झटके पड़े थे सहाय ने इतने करारे करारे झटके मार मार कर मिली को चोदा कि उसकी चूत, कमर, पिंडलिया, चूतड़, जांघे, पीठ, गर्दन सब सुबह बुरी तरह से दुःख रही थी | हालाँकि सुबह वो ही मिली को क्लिनिक इस डर से लेकर गया कही उसने रात में चुदाई के जोश में कही मिली को चोट तो नहीं पंहुचाइ | मिली चौड़े मजबूत जिस्म की मालकिन थी, इसलिए उसका शरीर सहाय की ठोकरों से चूत चूर तो हो गया लेकिन वो टूटी नहीं | तब से लेकर आज तक वो मिली को ऐसे ही चोदता था, उसे फर्क नहीं पड़ता था की मिली के किस अंग में दर्द है, वो कराह रही है चीख रही है | जब तक उसका लंड मिली की चूत में रहता था उसे बस दनादन चुदाई याद रहती, जोरदार धक्के याद रहते थे, पूरी ताकत से लगाने वाले करारे धक्के, जिससे मिली का रोम रोम, पुर्जा पुर्जा हिल जाता था | मिली के बड़े बड़े चूतड़ और बड़े बड़े उरोर्जो का भी यही राज है | सहाय ने उन्हें कसकर इतना मसला है इतना मसला है की मिली के शरीर पर भी वो दोनों अलग चमकते है | उसकी उठी हुए भारी भरकम गांड और छाती के बड़े बड़े उरोज सहाय की मिली के जिस्म पर की गयी बेदर्दी भरी बेशुमार मालिश का ही नतीजा है | उसने मिली के खूब चूतड़ मसले है, खूब उरोजो को दबाया है | इसलिए आज मिली की छाती और चूतड़ दोनों कुछ ज्यादा ही उठे हुए बड़े बड़े नजर आते है | बदले में मिली ने भी सहाय से खूब पैसे कमाए है और सुविधाए ली है | मिली अपनी सैलरी से 6 गुना से ज्यादा कमा रही है, इसके अलावा सहाय से मिलने वाले गिफ्ट अलग | तो इस चुदाई के दर्द की उसने भी पूरी कीमत वसूली है |

सहाय जोरदार तरीके से मिली को ठोकर मार रहा था, अचानक चूत के चिरने से उसकी कमर चुताड़ो जांघो में घर कर गया दर्द अब गायब होने लगा था | उसके जिस्म में वासना की चिंगारियां फिर भरने लगी | उसका तपता बदन फिर से वासना की आग में झुलसने लगा | किसी चलते इंजन के पिस्टन की तरह सहाय का लंड मिली की गिलबी चिकनी चूत को रम रहा था | सहाय को लगा कही इस तरह से भीषण ठोकर मारते मारते मिली की पिंडली में दर्द न हो जाये | उसने मिली की चूत में लंड डाले डाले उसे गहरे से चूमने लगा | एक हाथ में ढेर सारी लार उधेली और मिली की चूत पर लंड निकालकर मलने लगा | मिली की चूत शुरूआत में लगे लंड के झटको के दर्द से उबर रही थी | सहाय ने इस समय धक्के रोककर उसे बड़ी राहत दी | चूत को चीरते लंड की ठोकरों से मिली के मुहँ से बड़ी दर्द भरी चीखे ही निकल रही थी | सहाय की भीषण चुदाई से आग की तरह तपती गुलाबी चिकनी चूत पर सहाय की गीली लार बारिश जैसी फुहार की तरह लगने लगी | मिली की चीखे सिसकारियो में बदल गयी | इससे पहले मिली कुछ सोच पाती तभी सहाय ने मिली को पलट कर उल्टा मेज पर टिका दिया, मिली भी फुर्ती से पलट गयी | अब मिली की पीठ सहाय के सामने थी और उसके भारी भरकम मांसल चौड़े चुतड सहाय के लंड पर नरम गुदगुदी कर रहे थे | उसका भट्ठी की आग की तरह तपता लंड मिली के पसीने से नम नरम नरम चुताड़ो पर गुनगुना लग रहा था | मिली ने अपने दोनों हाथ मेज पर टिका दिए और पीछे को गर्दन घुमाकर देखने लगी | सहाय ने उसकी कमर पर हाथ रखकर थोड़ी से कमर हिलाई, फिर उसके मांसल चुताड़ो को कसकर मसलने लगा, उसके चुताड़ो पर एक एक थपाक मारी और अपना लंड उसकी गरम चूत के गुलाबी मुहाने में सटा दिया और जोर से धक्का देकर सटाक से अन्दर पेल दिया | मिली की चिकनी गीली गरम आग में धधकती चूत की गुलाबी दीवारों को चीरता हुआ लंड पूरी तरह से समां गया | सहाय ने जोर जोर से कमर हिलानी शुरू कर दी | मिली के लिए इसमें कुछ भी अजीब नहीं था | वही बॉस, वही उसका मोटा लम्बा लंड, वही चुदाई का वहसी भीषण अंदाज, ऐसे धक्को की तो अब मिली को आदत पड़ गयी थी | अब तो उसे हर तीसरे दिन चुदना ही था फिर क्यों न इन धक्को को बर्दास्त करना सीख ले | उसका गोरा मांसल बदन भी ऐसे धक्को का अभयस्त हो चूका था लेकिन कमोवेश पहली चुदाई के बाद हर तीसरे दिन अपनी चूत सहाय का लंड लेकर उससे ऐसे ही बुरी तरह चुदने के बावजूद सहाय उसकी चीखे निकाल ही देता था | अगर दो चार दिन तक उसकी चूत में सहाय का लंड न जाये तो मिली की चुदाई की भूख अपने आप ही उसके जिस्म को कचोटने लगाती | उसके लिए खुद की चुदाई की ललक को छिपाना मुश्किल हो जाता | वो अलग बात है सहाय ने ऐसे मौके बहुत कम ही आने दिए | दो ही बार ऐसा हुआ जब सहाय ने मिली को हफ्ते भर तक ना चोदा हो | एक जब वो विदेश गया था और दूसरा जब वो हॉस्पिटल में एडमिट हो गया था | बाकि उसकी मिली की चुदाई की कहानी हर बार सेम रहती जब भी वो मिली की गुलाबी चूत में पहली बार लंड पेलता, मिली की चीखे उबल पड़ती थी, जबकि सहाय ने उसकी चूत को चोद चोदकर चुदाई के लिए मजबूत बना दिया था सोचो अगर मिली की जगह किसी घरेलु औरत की चूत होती तो सहाय तो उसकी चीखे निकाल निकाल कर उसे बेहोश कर देता | मिली को करारे झटके लग रहे थे | मिली की चूत में सटासट एक बार में लंड पूरा सफ़र तय करके अपने अंतिम स्टेशन पहुँच जा रहा था और बिना रुके फिर वापस लौट लेता | ये सिलसिला इतनी तेज हो रहा था की लग था जैसे इंजन के बोर में पिस्टन आ जा रहा हो | मिली दनादन धक्को के बीच में ही अपना काबू खो बैठी, भीषण झटको से हिलती उसकी कमर में कम्पन होने लगा, जांघे कांपने लगी, उसके हाथो पर से उसका नियंत्रण छुटने लगा | उसके दिलो दिमाग में थरथराहट होने लगी, उसके अन्दर उमड़ रहा वासना का तूफ़ान उसे अपने साथ उड़ा कर ले जाने लगा | वो फिर से कांपने लगी, वो फिर से झड़ने लगी लेकिन इस बार सहाय न रुका न थमा | उसके धक्के बदस्तूर जारी रहे | इतना तेज घर्षण, इतना घनघोर चूत की मखमली दीवारों का मर्दन, इतनी तेज मिली के चुताड़ो पर थप थप कर लगते झटके, उसका पूरा शरीर उन झटको से हिल रहा था और उसके बड़े बड़े सुडौल गोरे उरोज तो जैसे किसी मेले में झुला झूलने आये हो | हर धक्के के साथ उनका झूलना बदस्तूर जारी था | मिली कांप कर थम गयी और उसके चुताड़ो पर सहाय के धक्के बदस्तूर जारी रहे, सहाय उसे अपनी ही स्पेद्द से चोदता रहा | मिली के आह आह की कराहे और सहाय के मिली के चुताड़ो पर टकराती टांगो की थप थप की आवाजे कमरे में गूज रही थी | सहाय के धक्को से मिली का पूरा शरीर हिल रह रहा था | पंजो से लेकर सर तक कुछ भी स्थिर नहीं था |उसके चूतड़ सहाय की जांघो से चोट खाकर थलर थलर कर रहे थे | उसके स्तन, उसके बदन की तरह आगे पीछे झूला झूल रहे थे | वो बार बार अपनी रेशमी जुल्फे सँभालने की कोशिश करती लेकिन जब वो खुद ही अपने काबू में नहीं थी तो भला उसकी लटे कैसे काबू आती | उसके बदन पर फिर से वासना की तरंग चढ़ने लगी, उसके झड़ने की मिनट के अन्दर फिर से मिली अपनी चुदाई की तरंग में लौट आई | उसकी उत्तेजना फिर से उसके दिलो दिमाग पर छाने लगी | उसके बदन पर फिर से हवस का बुखार चढ़ गया और उस बुखार में उसका बदन का रोम रोम तपने लगा |
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09-02-2021, 03:48 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
सहाय के मोटे लंड की की भीषण चुदाई से उसके अन्दर कही हवस का एक दावानल उबलने लगा, जिसकी आग से उसका पूरा बदन तप रहा था और उस आग को बुझाने की प्यास में उसके बदन का रोम रोम प्यासा हो गया था, उसे अपने जलते बदन की आग बुझाने को उसे सावन की बारिश की ठंडी ठंडी फुहारे चाहिए थी जो सिर्फ उसकी चूत की भीषण चुदाई से निकलेगी |

इसलिए सहाय के हाहाकारी झटके और उसकी कोमल गुलाबी चूत को चीरता मोटे लंड का दर्द भी उसे मीठा मीठा गुनगुना लग रहा था | ये झटके ही अपनी बारिश की फुहारों से उस दावानल की आग को शांत करेगें | सहाय को सिर्फ मिली की चूत को चोदने से मतलब था लेकिन इसी हाहाकारी चुदाई में मिली अपने जिस्म की प्यास बुझा लेती थी | उसको मिलने वाला दर्द उसके लिए अमृत बन जाता | वो इसी दर्द में झटको से मिले कम्पन में अपनी उत्तेजना की तरंगे महसूस कर लेती | हर ठोकर से कांपते उसके बदन को एक अजीब सी संतुष्टि मिलती | मेज पर हाथ टिकाये सहारा लिए खड़ी मिली को सहाय पीछे से जबदस्त तरीके से चोद रहा था | मिली भी उतनी ही लगन से चुद रही थी | जब आदमी और औरत दोनों को चुदाई में दिलचस्पी हो और दोनों के बदन में हवस की आग बराबर लगी हो तो ऐसे ही औरत के चूतड़ कुचल कुचल के, उसके सुडौल स्तनों को मसल मसल के चुदाई होती है और औरत भी इस दर्द में बराबर मजा लूटती है, न कोई शिकवा न कोई शिकायत,बल्कि खुद ही गपागप चूत में अन्दर तक लंड लेती है | जिससे मर्फ को भी पूरा मजा आये और औरत को भी | सहाय का मिली से भावनात्मक लगाव नहीं था और मिली को ऐसे किसी चीज की उम्मीद नहीं थी | उसे इस चुदाई के बदले बहुत कुछ मिलता था इसलिए यहाँ सेंटीमेंटल बकवास के लिए कोई जगह नहीं थी | सहाय को पता था वो यहाँ क्यों आया है और क्या करना है और मिली को भी अच्छे से पता था कि उसे बॉस यहाँ क्यों लता है और उसे क्या करना होता है | एक चोदने आया था और दूसरी चुदने आई थी, दोनों के जिस्म में बराबर आग लगी थी, दोनों ही यहाँ अपने जिस्मो की आग बुझाने आये थे | एक चोदकर तो दूसरी चुदवाकर | तो जब दोनों एक ही काम के लिए आये थे और दूसरा कोई काम नहीं था तो दोनों दिल, आत्मा, मन ,तन ,बदन सब लगाकर वो एक काम क्यों न करते |

सहाय की बेदर्द ताड़बतोड़, टॉप गियर में बुलेट ट्रेन की स्पीड से की गयी चुदाई से हांफती मिली ने कमरे में उठ रही चुदाई की कराहे और ठोकरों की थाप के शोर को तोड़ते हुए सहाय से गन्दी गन्दी बाते शुरू कर दी - बॉस अपनी इस गुलाम को रंडियों की तरह चोदने में मजा आ रहा है | आपने तो शुरुआत में जान ही निकाल दी |
सहाय भी हांफता हुआ - हाँ मेरी चुदैल रंडी, तुझे चोदने में ......... बेबी तुझे चोदने में बहुत मजा आ रहा है, साला कितना भी चोदो, तुमारी चूत हमेशा उतनी ही टाइट रही है |
मिली - सच्ची बॉस,मेरी चूत टाइट है |
सहाय - साली कुतिया कौन सी क्रीम लगाती है जो हर बार ये इतनी टाइट हो जाती है, हर अपने लंड से चोद चोद कर इसको फैलाता हो, इसके छेद को खोलता हूँ, इसको भोशड़ा बनाता हूँ | तू हर बार इसे कच्ची काली जैसी चूत बनाकर ले आती है |
मिली - आपको मेरी कसी चूत चोदने में मजा तो आ रहा है न बॉस |
सहाय - हाँ बहुत मजा आ रहा है तेरी कसी चूत में पूरा लंड पेलने में | साला तेरी चूत चोदने के चक्कर में गांड में पसीना आ गया है | आआह्ह्ह्ह्ह्ह् क्या मख्खन मलाई जैसी चूत है, जैसे ही लंड डालो, कसकर जकड़ लेती है |
मिली - तो चोदो न बॉस, जमकर चोदो,जैसे मर्जी हो वैसे चोदो, जब तक मर्जी हो तब तक चोदो | ये चुदने के लिए ही तो है बॉस | हर रात इसे आपके लिए ही तो तैयार करती हूँ. ताकि अगले दिन आप इसमें अपना मुसल लंड डाल इसकी कुटाई कर सके |
सहाय - हाँ बेबी तुम बस ऐसे ही कसी कसी चूत लेकर आया करो और मै इसे चोद चोद कर भोसड़ा बनाता रहूँ |
तुमारी इस गुलाबी मांस की ओखली को कूट कूट कर मेरा मुसल भी कभी थकता नहीं है |
मिली - इतना कुटी जाती है बॉस फिर भी नहीं सुधरती ये मुई चूत |
सहाय कुछ देर मिली को धीमे चोदता, फिर एक दम से स्पीड बढ़ा देता और कुछ देर तक उसी भयानक स्पीड से मिली की चूत में लंड पेलता और तब तक पेलता रहता जब तक मिली की कराहे चीखों में नहीं बदल जाती या उसकी सांसे नहीं उखड़ने लगती | जब मिली के लिए चुदाई बर्दास्त से बाहर हो जाती तो सहाय फिर से अपना गियर बदल देता और धीमे धीमे चोदने लगता | जब फिर से मिली की सांसे काबू में आ जाती, सहाय फिर टॉप गियर डाल देता और दे दनादन दे दनादन धक्के पर धक्के धक्के पर धक्के मर मार कर मिली की चूत के रेल बना देता | इस हाहाकारी लंड पेलाई से मिली का कलेजा तो मुहँ को आ गया - हाय्य्य्य्य हाय्य्य्य्य साआअ ररर माआआआआआआ रररररर गाआई,मार्रर ही डाला आआआआआआआह्हीईईईईई ईईईईइ रीरीरीरीरीरीईईईईए |

लगातर लगते झटके से उसका शरीर हिल हिलकर चूर हो जाता, उसकी चूत और कमर में दर्द पैठ जाता और उसके मुहँ से निकलने वाली मादक कराहे आह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह करते करते आआआआआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हा आआआआआआआह्हीईईईईई ऊऊऊऊऊऊऊऊऊओओ सस्सस्सस्सआआहह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह तक और फिर दर्द भरी आआआआआआआआआआआआह्हह्हह्हह्हआआआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह की कराह तक पंहुच जाती | एक समय आता जब उसका मुहँ उसकी चूत में लग रहे लगातार लग रहे झटको के आघात से बंद ही नहीं होता और एक लम्बी न टूटने वाली रिदम में उसके मुहँ से आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह की कराह बस निकलती ही रहती | उसके चेहरे पर पीड़ा के भाव आ जाते | वो बार बार सहाय की तरफ देखती, जो मशीन की तरह अपनी कमर हिला हिलाकर मिली की चूत का कचूमर निकालने पर आमादा है | मिली की आँखों में याचना का स्वर होता है और मुहँ में दरद भरी लम्बी चुदाई की कराह लेकिन सहाय को फुर्सत कहाँ मिली की कराह सुनने की, उसे कहाँ फुर्सत मिली की आँखों में चुदाई का दर्द देखने की जो वो झटके धीमे कर दे | दर्द और भीषण झटको से बेहाल मिली आपने हाथ पाँव ढीले छोड़ मेज पर पसर गयी| उसका बदन नॉन स्टॉप इतनी स्पीड की चुदाई के बाद अपने आप ही निढाल होने लगा, तब जाकर सहाय ने मिली के बाल पकड़कर उसे चोदना शुरू कर दिया | बाल खीचे जाने से उसके चूतड़ फिर से सहाय की जांघो से सात गए | वो आगे की तरफ झुककर मिली को चूमने लगा तब उसे अहसास हुआ की उसने तो मिली को चोद चोदकर चूर कर दिया है, उसने आपने धक्के धीमे कर दिए और उसे गहरा चुम्बन करने लगा | मिली की जान में जान आई, उसका चेहरा दर्द से भर गया था, उसकी आँखों में वो पीड़ादायक झटकों और चुदाई का असर साफ़ दिख रहा था | सहाय ऐसे ही चोद चोद कर मिली का कचूमर निकाल देता था | कभी कभी मिली चुदते चुदते ही पूरी तरह पस्त हो जाती, न जांघो में जान बचती न हाथो में दम, बस सहाय की गिरफ्त में चुदती रहती, जमकर चुदती रहती, चाहे जितना भी दर्द हो थकान हो लेकिन मजाल है जो कभी सहाय को चुदाई के बीचो बीच चोदने से रोका हो |
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09-02-2021, 03:48 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
सहाय के मोटे लंड की की भीषण चुदाई से उसके अन्दर कही हवस का एक दावानल उबलने लगा, जिसकी आग से उसका पूरा बदन तप रहा था और उस आग को बुझाने की प्यास में उसके बदन का रोम रोम प्यासा हो गया था, उसे अपने जलते बदन की आग बुझाने को उसे सावन की बारिश की ठंडी ठंडी फुहारे चाहिए थी जो सिर्फ उसकी चूत की भीषण चुदाई से निकलेगी |

इसलिए सहाय के हाहाकारी झटके और उसकी कोमल गुलाबी चूत को चीरता मोटे लंड का दर्द भी उसे मीठा मीठा गुनगुना लग रहा था | ये झटके ही अपनी बारिश की फुहारों से उस दावानल की आग को शांत करेगें | सहाय को सिर्फ मिली की चूत को चोदने से मतलब था लेकिन इसी हाहाकारी चुदाई में मिली अपने जिस्म की प्यास बुझा लेती थी | उसको मिलने वाला दर्द उसके लिए अमृत बन जाता | वो इसी दर्द में झटको से मिले कम्पन में अपनी उत्तेजना की तरंगे महसूस कर लेती | हर ठोकर से कांपते उसके बदन को एक अजीब सी संतुष्टि मिलती | मेज पर हाथ टिकाये सहारा लिए खड़ी मिली को सहाय पीछे से जबदस्त तरीके से चोद रहा था | मिली भी उतनी ही लगन से चुद रही थी | जब आदमी और औरत दोनों को चुदाई में दिलचस्पी हो और दोनों के बदन में हवस की आग बराबर लगी हो तो ऐसे ही औरत के चूतड़ कुचल कुचल के, उसके सुडौल स्तनों को मसल मसल के चुदाई होती है और औरत भी इस दर्द में बराबर मजा लूटती है, न कोई शिकवा न कोई शिकायत,बल्कि खुद ही गपागप चूत में अन्दर तक लंड लेती है | जिससे मर्फ को भी पूरा मजा आये और औरत को भी | सहाय का मिली से भावनात्मक लगाव नहीं था और मिली को ऐसे किसी चीज की उम्मीद नहीं थी | उसे इस चुदाई के बदले बहुत कुछ मिलता था इसलिए यहाँ सेंटीमेंटल बकवास के लिए कोई जगह नहीं थी | सहाय को पता था वो यहाँ क्यों आया है और क्या करना है और मिली को भी अच्छे से पता था कि उसे बॉस यहाँ क्यों लता है और उसे क्या करना होता है | एक चोदने आया था और दूसरी चुदने आई थी, दोनों के जिस्म में बराबर आग लगी थी, दोनों ही यहाँ अपने जिस्मो की आग बुझाने आये थे | एक चोदकर तो दूसरी चुदवाकर | तो जब दोनों एक ही काम के लिए आये थे और दूसरा कोई काम नहीं था तो दोनों दिल, आत्मा, मन ,तन ,बदन सब लगाकर वो एक काम क्यों न करते |

सहाय की बेदर्द ताड़बतोड़, टॉप गियर में बुलेट ट्रेन की स्पीड से की गयी चुदाई से हांफती मिली ने कमरे में उठ रही चुदाई की कराहे और ठोकरों की थाप के शोर को तोड़ते हुए सहाय से गन्दी गन्दी बाते शुरू कर दी - बॉस अपनी इस गुलाम को रंडियों की तरह चोदने में मजा आ रहा है | आपने तो शुरुआत में जान ही निकाल दी |
सहाय भी हांफता हुआ - हाँ मेरी चुदैल रंडी, तुझे चोदने में ......... बेबी तुझे चोदने में बहुत मजा आ रहा है, साला कितना भी चोदो, तुमारी चूत हमेशा उतनी ही टाइट रही है |
मिली - सच्ची बॉस,मेरी चूत टाइट है |
सहाय - साली कुतिया कौन सी क्रीम लगाती है जो हर बार ये इतनी टाइट हो जाती है, हर अपने लंड से चोद चोद कर इसको फैलाता हो, इसके छेद को खोलता हूँ, इसको भोशड़ा बनाता हूँ | तू हर बार इसे कच्ची काली जैसी चूत बनाकर ले आती है |
मिली - आपको मेरी कसी चूत चोदने में मजा तो आ रहा है न बॉस |
सहाय - हाँ बहुत मजा आ रहा है तेरी कसी चूत में पूरा लंड पेलने में | साला तेरी चूत चोदने के चक्कर में गांड में पसीना आ गया है | आआह्ह्ह्ह्ह्ह् क्या मख्खन मलाई जैसी चूत है, जैसे ही लंड डालो, कसकर जकड़ लेती है |
मिली - तो चोदो न बॉस, जमकर चोदो,जैसे मर्जी हो वैसे चोदो, जब तक मर्जी हो तब तक चोदो | ये चुदने के लिए ही तो है बॉस | हर रात इसे आपके लिए ही तो तैयार करती हूँ. ताकि अगले दिन आप इसमें अपना मुसल लंड डाल इसकी कुटाई कर सके |
सहाय - हाँ बेबी तुम बस ऐसे ही कसी कसी चूत लेकर आया करो और मै इसे चोद चोद कर भोसड़ा बनाता रहूँ |
तुमारी इस गुलाबी मांस की ओखली को कूट कूट कर मेरा मुसल भी कभी थकता नहीं है |
मिली - इतना कुटी जाती है बॉस फिर भी नहीं सुधरती ये मुई चूत |
सहाय कुछ देर मिली को धीमे चोदता, फिर एक दम से स्पीड बढ़ा देता और कुछ देर तक उसी भयानक स्पीड से मिली की चूत में लंड पेलता और तब तक पेलता रहता जब तक मिली की कराहे चीखों में नहीं बदल जाती या उसकी सांसे नहीं उखड़ने लगती | जब मिली के लिए चुदाई बर्दास्त से बाहर हो जाती तो सहाय फिर से अपना गियर बदल देता और धीमे धीमे चोदने लगता | जब फिर से मिली की सांसे काबू में आ जाती, सहाय फिर टॉप गियर डाल देता और दे दनादन दे दनादन धक्के पर धक्के धक्के पर धक्के मर मार कर मिली की चूत के रेल बना देता | इस हाहाकारी लंड पेलाई से मिली का कलेजा तो मुहँ को आ गया - हाय्य्य्य्य हाय्य्य्य्य साआअ ररर माआआआआआआ रररररर गाआई,मार्रर ही डाला आआआआआआआह्हीईईईईई ईईईईइ रीरीरीरीरीरीईईईईए |

लगातर लगते झटके से उसका शरीर हिल हिलकर चूर हो जाता, उसकी चूत और कमर में दर्द पैठ जाता और उसके मुहँ से निकलने वाली मादक कराहे आह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह करते करते आआआआआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हा आआआआआआआह्हीईईईईई ऊऊऊऊऊऊऊऊऊओओ सस्सस्सस्सआआहह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह तक और फिर दर्द भरी आआआआआआआआआआआआह्हह्हह्हह्हआआआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह की कराह तक पंहुच जाती | एक समय आता जब उसका मुहँ उसकी चूत में लग रहे लगातार लग रहे झटको के आघात से बंद ही नहीं होता और एक लम्बी न टूटने वाली रिदम में उसके मुहँ से आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह की कराह बस निकलती ही रहती | उसके चेहरे पर पीड़ा के भाव आ जाते | वो बार बार सहाय की तरफ देखती, जो मशीन की तरह अपनी कमर हिला हिलाकर मिली की चूत का कचूमर निकालने पर आमादा है | मिली की आँखों में याचना का स्वर होता है और मुहँ में दरद भरी लम्बी चुदाई की कराह लेकिन सहाय को फुर्सत कहाँ मिली की कराह सुनने की, उसे कहाँ फुर्सत मिली की आँखों में चुदाई का दर्द देखने की जो वो झटके धीमे कर दे | दर्द और भीषण झटको से बेहाल मिली आपने हाथ पाँव ढीले छोड़ मेज पर पसर गयी| उसका बदन नॉन स्टॉप इतनी स्पीड की चुदाई के बाद अपने आप ही निढाल होने लगा, तब जाकर सहाय ने मिली के बाल पकड़कर उसे चोदना शुरू कर दिया | बाल खीचे जाने से उसके चूतड़ फिर से सहाय की जांघो से सात गए | वो आगे की तरफ झुककर मिली को चूमने लगा तब उसे अहसास हुआ की उसने तो मिली को चोद चोदकर चूर कर दिया है, उसने आपने धक्के धीमे कर दिए और उसे गहरा चुम्बन करने लगा | मिली की जान में जान आई, उसका चेहरा दर्द से भर गया था, उसकी आँखों में वो पीड़ादायक झटकों और चुदाई का असर साफ़ दिख रहा था | सहाय ऐसे ही चोद चोद कर मिली का कचूमर निकाल देता था | कभी कभी मिली चुदते चुदते ही पूरी तरह पस्त हो जाती, न जांघो में जान बचती न हाथो में दम, बस सहाय की गिरफ्त में चुदती रहती, जमकर चुदती रहती, चाहे जितना भी दर्द हो थकान हो लेकिन मजाल है जो कभी सहाय को चुदाई के बीचो बीच चोदने से रोका हो |
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09-02-2021, 03:48 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
मिली लम्बी लम्बी तेज सांसो से हांफती हुई - सर आज क्या हो गया, आज तो आप सुपर फ़ास्ट एक्सप्रेस की तरह दौड़ रहे है, ऐसे ही स्पीड से चोदते रहे तो मै तो हांफ हांफ के ही मर जाउंगी |
सहाय भी हांफता हुआ बोला - आआअह्ह्ह्ह्ह्क्या बेबी इस्स्स्सस्स्स करू तुमारी चिकनी गुलाबी चूत जब चोदना शुरू करता हूँ, तो कुंवारी चूत जैसी फीलिंग करा देती है अआह्ह और फिर जब तुम्हे चोदते चोदते, चुदाई की ठरक इतनी तगड़ी हो जाती है की लंड न मुरझाने का नाम लेता है और न झड़ने का | तुमारी जवानी की गंध इतनी तेज है मेरा लंड मदहोश हो जाता है , ओह्ह्ह ह्ह्ह्हह तुमारे कोमल नाजुक बदन का जादू इस कदर मेरे दिलो दिमाग पर नशे की तरह चढ़ जाता है की कुछ याद ही नहीं रहता | तुम साक्षात् वासना की देवी लगने लगती हो | अब जिसके पास हवस की देवी खुद ही उसकी हवस की आग बढ़ाने के लिए मौजूद हो वो भला क्या थकेगा क्या रुकेगा | तुम लगता है पस्त हो गयी हो पूरी तरह | कोई नहीं आज मुझे भी कुछ ज्यादा टाइम लग रहा है, मैंने देर से झड़ने की दवा खा ली, मुझे लगा आज तुम पूरी रात चुदने के लिए तैयार होगी | इसलिए बहुत भीषण तरीके से तुमारी चूत चोदने की सोच कर.................................. |
सहाय अपनी बात पूरी कर पाता इससे पहले ही मिली बोल पड़ी - आआह्ह्ह्ह सार्र्र्रर्र्र्रर मै रेडी हूँ बाआआआअस्स्स्स, आप मुझे रात भर चोदिये, बस बीच में थोड़ा साँस सँभालने का मौका दे दीजिये | आप भी थक गए होंगे |
सहाय बुरी तरह हांफता हुआ - अरे अभी कैसे मै थक गया |
मिली - सर आपका लंड इतनी देर से मेरी गुलाबी गरम भट्ठी बन चुकी सुरंग को चीर कर अन्दर तक रपट रहा है, उसे भी तो सटासट चलने के लिए ग्रीस और तेल की जरुरत होगी |
सहाय - आआह्ह ह्ह्ह्हह्ह अच्छा हाँ लंड की गीली मालिश की जरुरत तो है कर दो अपने नाजुक ओंठो से, बहुत कसकर चुदाई करी है बेचारे ने, उसका भी ग्रीस कम हो गया होगा, हमेशा की तरह मजा आ गया तुझे चोदकर, साला जन्नत की सैर करा देती है बिना उफ्फ्फ्फ़ सूउफ़्फ़्फ़्फ़ किये | दूसरी चुते तो चीख चीख कर कान फोड़ डालेगी जो ऐसे चोड़ दिया तो, ऊपर से पांच दिन बिस्तर से नहीं उठेगी सो अलग | कितना भी चीखे चिल्लाये लेकिन चुदाई में खलल नहीं डालती साली तू .................................बहुत ही रंडी चूत है कितना भी चोदो थकती ही नहीं |
मिली भी खिलखिला पड़ी |
मिली ने सहाय का लंड अपने मुहँ में ले लिया | मिली ने ऐसे सहाय के सामने मुहँ खोल दिया जैसे वो लंड चूसने के लिए बरसो से प्यासी हो, तड़प रही हो | मिली की लंड चूसने की ललक देखकर सहाय भी हल्का सा कामुकता से मुस्कुरा दिया | उसने अपने तने सख्त लंड को जड़ से थामा और मिली के सर के बाल पकड़कर उसके खुले मुहँ में ठेल दिया और कमर हिलाकर उसका मुहँ चोदने लगा | मिली के मुहँ में धक्के लगाने के बाद जब उसने लंड बाहर निकाला तो वो मिली के मुहँ की लार से सना हुआ था, उसके सुपाडे पर ढेर सारी लार चिपकी हुई थी |

सहाय ने अपनी दोनों हथेलियों से मिली का सर थम लिया ताकि उसका सर स्थिर रहे और उसके कमर हिलाने से उसका मोटा गरम खड़ा लंड सीधे उसके मुहँ में जाये, और इधर उधर उसके चेहरे पर लगकर उसे कोई नुकसान ना पंहुचाये | मिली भी ऊपर की तरफ गर्दन करके सहाय की आँखों में आंखे डाले देख रही थी | सहाय भी नीचे की तरफ मिली की आँखों में देख रहा था | सहाय ने मिली के खुले मुहँ में लंड घुसेड़ दिया | पहले से इतर इस बार वो लंड को मुहँ में गहराई में घुसेड़ कर मुहँ चोदने लगा | उसका लंड मिली के मुहँ के नीचे गले तक जाकर टकरा रहा था | वो लंड को मिली के मुहँ में अन्दर घुसाकर ही उसे चोद रहा था | मिली के मुहँ से बेतहाशा लार बह रही थी, मिली बार बार अपने नाजुक गुलाबी ओंठो से सहाय के मोटे गरम सख्त लंड के चारो ओर घेरा बनाने की कोशिश करती लेकिन मुहँ पर लगते सहाय के लंड के झटके से उसके ओंठो का घेरा टूट जाता | वो पूरी कोशिश कर रही थी कि सहाय का लंड उसके नरम ओंठो के कसे हुए गुलाबी छल्ले से गुजरता हुआ उसकी खुदुरी जीभ पर से रपटता हुआ गले तक उतरे लेकिन न उसकी सांसे काबू में थी न ही सहाय की | बस दोनों वासना की आग में जल रहे थे और अपने बदन की आग बुझाने की उत्तेजना में हर वो काम क्रीड़ा कर रहे थे जो दो जवानी के आग में धधकते जिस्म कर सकते है | हर एक राउंड की मुहँ चुदाई के बाद ढेर सारी लार मिली सहाय के लंड पर उड़ेल देती | उसके मुहँ से लार की तो जैसे नदी बह रही थी | बीच में बीच में मादक कराहे निकालती, जिससे सहाय उत्तेजित होता | उसका लंड चूसते हुए भी उसके मुहँ से ऐसी कराहे घुटी घुटी आवाजो में निकलती जी सहाय के दिलो दिमाग को बहुत आनंदित कर जाती | मुहँ चूसते चोदते समय निकलने वाली मादक आहे सहाय की उत्तेजन में उत्प्रेरक का काम करती | मिली ने सहाय का लंड जड़ से थम कर उसे अच्छी तरह से कसकर चुसना शुरू कर दिया और लंड बाहर आते ही उसके मुहँ से आआहा आहाहहह्हाहा की कराह निकल ही जाती जो कमरे की उत्तेजना और बढ़ा देती | मिली कभी सिर्फ सुपाडे को चूसती, कभी जड़ से लंड से थाम पूरा का पूरा लंड मुहँ में घोट लेती, जो उसकी गर्दन में जाकर अड़ जाता और फिर वो जबदस्ती सहाय के लंड को जड़ तक साबुत निगलने का प्रयास करती और वापसी में लंड मुहँ से निकालते समय आह आ्आ्आ्आ्आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह्ह आह आ्आ्आ्आ्आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह्ह और स्ल्स्लस्ल्स्लस्ल्स च्प्च्पच्प्च्प चप चप चप के साथ एक लम्बी साँस लेती |

सहाय फिर कमर हिलाने लगा | मिली ने अपना मुहँ को खोलकर ओंठो का गोल छल्ला बना दिया ताकि सहाय के लंड के लिए मुहँ का छेद चूत की तरह एक सुरंग बन जाये और वो उसके मुहँ की चुदाई कर सके | सहाय मिली के मुहँ को चोदने लगा | स्ल्स्लस्ल्स्लस्ल्स च्प्च्पच्प्च्प खप चप स्लप इस्सस उस्स्स्सस, लंड मिली की रस भरे गुलाबो ओंठो की गिरफ्त को चीरता हुआ, मिली का नाजुक मुहँ में जाने लगा | उसकी गीली जीभ पर उसके नाजुक सुपाडे की ठोकर मिली और सहाय दोनों को वासना से आनंदित कर रही थी | उसके मुहँ से गो गो गो की आवाजे निकल रही थी | सहाय का लंड मिली के मुहँ लार से पूरी तरह नहा गया | सहाय ने मिली के मुहँ से लंड निकाल लिया और फिर से पीठ के बल लेट गया | मिली उसके ऊपर आकर फिर से पंजो के बल उसकी कमर के ऊपर बैठ गयी | इस बार उसके भारी भरकम मांसल चूतड़ सहाय के मुहँ की तरफ थे उसने सहाय की तरफ पीठ करके अपना मुहँ सहाय के पैरो की तरफ कर रखा था | अपने गोरे गोरे मजबूत चिकने पैरो के बल पर खुद को सोफे से टिकाये और ऊपर के शरीर को पीछे पीठ की तरफ हल्का सा झुकाकर अपने हाथो को सहाय के सीने पर टिका दिया | सहाय हर बार तीन चार पोजीशन में मिली को चोदता था | सहाय ने अपने एक हाथ से लंड को सीधा किया और मिली की चिकनी गुलाबी चुदी हुई चूत के खुले छेद के मुहाने पर रखकर एक धक्का मार कर उसकी चूत में घुसा दिया | मिली के मुहँ से बस हल्की सी आह निकली | मिली का शरीर स्थिर था और सहाय नीचे से कमर उठकर धक्के लगा रहा था | मिली की चिकनी नरम चूत में सहाय का लंड सटासट अन्दर बाहर का सफर करने लगा |
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09-02-2021, 03:48 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
मिली के मुहँ से - ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ऊऊऊऊऊऊ ऊऊऊऊऊफ़्फ़फ़्फ़ फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़ फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़ूऊऊ ऊऊऊऊऊऊऊ आअहाआअहाआह्ह ऊऊऊऊऊऊह्हह्ह ह्हह्हह्हह्हह्हह्हह ही निकल रहा था | चोदो सर मुझे और जोर से चोदो | आप बहुत अच्छा चोदते हो | आपका लंड मेरी चूत की सारी खुजली आज मिटाए दे रहा है | आपका मोटा लंड मेरी चूत को चीर रहा है | बस ऐसे ही चूत को चोदकर इसकी सारी खुजली मिटा दो सर | चोद दो मेरी पनियाती चूत को |
सहाय मिली की अनुसुनी कर अपनी ही धुन मे लगा था | मिली की चूत में उसका लंड पूरी स्पीड में पूरी गहराई तक जा रहा था | वो मिली की चूत का एक एक कोना अच्छे से चोद रहा था | उसकी जांघे मिली के नरम नरम चुताड़ो से टकरा रही थी, उसकी गोलिया उछाल मार कर उसके चूत दाने से टकरा रही थी | पूरा का पूरा लंड जड़ तक मिली की चूत में आ जा रहा था | मिली बस वासना में डूबी मादक चुद्दकड़ गालियां निकाल रही थी | अब सचमुच में वो चुदाई की वासना की गिरफ्त में थी |

रीमा को तो ये सब् देख दिलो दिमाग की नशे ढीली हो गयी | एक औरत ऐसे कैसे चुद सकती है,इतना दर्द, इतनी तेज झटके कैसे बर्दास्त कर सकती है | ये एक नंबर की रंडी है मिली, वरना किसी और की चूत हो तो उसके चीथड़े उड़ जाये | एक ये है एक नंबर की चुदक्कड़, सहाय ने इसका पुर्जा पुर्जा छोड़कर ढीला कर दिया फिर भी उन्हें चोदने को उकसा रही है | हाय हाय मै तो मर ही जाऊ ऐसे कोई चोदे तो | मै तो बिस्तर से न उठ पाऊँगी | कैसी कैसी चूत है और कैसे कैसे बुरी तरह से चुदती है | ठीक है चूत चुदने के लिए बनी है लेकिन ऐसे तो कोई रबर की बनी बेजान चूत को भी नहीं चोदता जिसमे न जान होती है , न दर्द होता है | कितनी मेहनत की होगी इस मिली ने ये स्टैमिना बनाने में | बड़ा मजा आता होगा जब इसे बेदर्दी से सुपर स्पीड से चोदता होगा | इसकी चूत तो आग की भट्ठी बन जाती होगी, इतनी तेज ठुकाई से तो इसकी चूत की दीवारे जलने नहीं लगती होगी | उनमे आग क्यों नहीं लग जाती वे झुलस क्यों नहीं जाती | सुबह कैसा महसूस होता होगा, क्या बदन टूटता नहीं होगा | क्या इतनी तेज चुदाई से कमर में जांघो में दर्द नहीं घर कर जाता | इतना कोमल औरत का बदन, उसमे भी मख्खन की तरह नाजुक गुलाबी चूत, कैसे झेल झाती है इतना भयानक ठोकरे | पता नहीं जो ऐसे चुदती है वही जाने | मुझे क्या, मै तो ऐसे नहीं चुद सकती, कोई लाख सोना चांदी में मुझे नहला दे मै ऐसी चुदाई को कभी नहीं राजी होउंगी | काश मिली से पूछ पाती कितना दर्द होता है और कैसे बर्दास्त करती है वो | मिली जिसे हर बार अनुभव्कारती है एक बार तो कोई भी औरत उसे बर्दास्त कर ही लेगी | आखिर क्यों नहीं बर्दास्त कर सकती, जब इसी चूत से बच्चा पैदा कर अक्ती है तो औरते तो सब कर सकती | नहीं रीमा बच्चा पैदा करना लगा चीज है और इस तरह से मशीन की तरह सुपर फ़ास्ट स्पीड में चूत में लंड झेलना बिलकुल अलग | ये चुदाई सब औरते बर्दास्त नहीं कर सकती | क्यों नहीं कर सकती, आखिर मिली के पास भी वही नाजुक जिस्म है जो हर औरत के पास होता है उसके पास भी वही चूत है जो हर औरत के पास होती है | दूसरी की क्या बात करू मै ही चुद सकती हूँ इस तरह से | तीन बार चोदा था रोहित ने हचक हचक के, तब तो मुझे कुछ नहीं हुआ तो मै ऐसे भी मिली की तरह भी चुदाई कर सकती हूँ और एक बार इस तरह से चुदने में बुराई क्या है ?

रोहित - क्या बोली एक बार इस तरह से चुदने में बुराई क्या है ????? किस तरह से चुदने में ..............|
रीमा अपने मन के अंतर्द्वंद में इस तरह खोयी की उसे कुछ होश ही नहीं रहा | अपने अन्दर दिलो दिमाग में मची उठा पटक कब उसके जुबान से शब्दों की तरह निकलने लगी उसे खुद भी नहीं पता चला |
रीमा शर्म से पानी पानी हो गयी, रोहित उसकी तरफ देखता हुआ - बोलो किस तरह से ????? मिली की तरह से |
रीमा -हाय हाय मै यहाँ ज्यादा देर और बैठी तो पता नहीं क्या हो जायेगा गजब हो जायेगा | ये सब गन्दगी मेरे दिमाग में घर करती जा रही है | मुझे यहाँ से जाना है |
रोहित - मेरे दिमाग में तो घर नहीं कर रही |
रीमा - तुमारी बात अलग है, तुम मर्द हो, बहुतो के साथ खेले खाए हो |
रोहित - तुमारी बात का मतलब है मै ज्यादा एक्सपीरियंस वाला हूँ, तो तुम्हे नहीं लगता की तुम्हे भी ज्यादा एक्सपीरियंस लेना चाहिए |
रीमा - हाय हाय हाय मै मर न जाऊ ऐसा कुछ करने से पहले |
रोहित - कोई नहीं मरता बस उसे अपने दिमाग के दरवाजे खोलने होते है |
रीमा - मुझे नहीं खोलने ऐसे दरवाजे जहाँ से सीधे नरक में जाकर गिरू ?
रोहित - स्वर्ग नरक कुछ नहीं होता, सब मन का वहम है, जो चीजे हमें समझ नहीं आती या तो उन्हें हम चमत्कारिक घोषित कर देते है या पाप | फिर वही अच्छे बुरे की नौटंकी |
रीमा - ये फर्जी ज्ञान अपने पास रखो मुझे न जरुरत है इसकी |
रोहित - इसी ज्ञान की तो तुम्हे जरुरत है, तुमारे इस कोमल मन को दुनिया की सच्चाई से रूबरू कराना है, जो अपने दिमाग में तुमने दुनिया और उसके लोगो के लिए एक इमेज बना रखी है वो सच नहीं है | हर जवान इंसान की कामना होती है, कुछ की सीधी साधी समाज के ढर्रे पर चलने वाली और कुछ बहुत ही वाइल्ड सबसे अलग, एडवेंचर से भरी |
रीमा - क्या समझाना चाहते हो ?
रोहित - तुम अलग हो रीमा, तुमारी जवानी की हसीन इक्छायेअलग है, तुम बहुत सी ऐसी चीजो की कल्पना करती हो जो किसी लो भी हैरान कर दे, लेकिन सच यही है तुम सेक्स को लेकर वाइल्ड सोचती हो, किसी के अनुमानों से परे सोचती हो | इसीलिए तुम्हे ये सारे सेक्सुअल एक्ट जो यहाँ तुमने देखे तुम्हे परेशान कर रहे है |
मुझे नहीं कर रहे, मै इन सब को लेकर बिलकुल ओके हूँ | तुम जरुर परेशान हो |
रीमा - मै परेशान नहीं हूँ, ओके अब मुझे पर अपने पैतरे अजमाना बंद करो |
रोहित हँसता हुआ - अन्दर से तो लगता है जैसे तुमारा वजूद ही हिला हुआ है, आत्मविश्वास कमजोर हो गया है, कही ऐसा तो नहीं कि तुमने ये सब तरीके की चुदाई कभी सोची नहीं..............अगर सोची तो सिर्फ ये मान भर लिया कि ये सब कल्पना है और ये हकीकत हो ही नहीं सकती |
रीमा - मैंने ऐसा कुछ नहीं इमागिन किया है |
रोहित - यही तो मैं भी कह रहा हूँ, इस सबकी वासनाओं के आगे तुम्हे अपने वासनाए बहुत छोटी लगने लगी है और ये तुमारा अहंकारी स्वाभाव कैसे हजम कर ले, जो ये कर सकती है वो तुम भला क्यों नहीं कर सकती, ये अवाज तुमारे अन्दर से बार बार निकल रही है | जब तक तुमने इन्हें देखा नहीं था तुम्हे लगता था तुमारी सेक्स और वासना की दुनिया में सब परफेक्ट है और कुछ होने को शायद ही बचा हो लेकिन ये सब देखने के बाद तुम तो अन्दर से खाली खाली महसूस कर रही हो, तुम्हे लगने लगा है, इन सबके आगे मैंने तो कुछ किया ही नहीं अपनी जवानी की जलती वासनाओं को बुझाने के लिए | असली जवानी की प्यास तो ये सब बुझा रही है, अपने जंगली तरीके से, वहशियाना तरीके से, उन्मुक्त होकर बिलकुल आदम ज़माने की तरह |
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09-02-2021, 03:48 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
रीमा बेहद हल्की आवाज में - मुझे डराओ मत रोहित, प्लीज ..............|

रोहित - मै डरा नहीं रहा हूँ, ये सच्चाई है और इसका सामना करो, डरपोक मत बनो पहले की तरह |

रीमा - अब तुमने मुझे सचमुच में परेशान कर दिया है, मै इतनी बड़ी गधी हूँ मुझे कुछ नहीं आता, मैंने अपनी जिंदगी में कुछ नहीं किया |

रोहित - अपने अन्दर हीनता भरने से कुछ नहीं होगा, कोई भी परफेक्ट नहीं होता | अब अपने कपिल को ही देख लो | वैसे तुमारा क्या ख्याल है कपिल के बारे में |

रीमा - ये सब देखकर तो लगता है अब किसी का भरोसा करना मुश्किल है |
रोहित - अरे बताओ तो सही कपिल के बारे में तुमारा क्या ख्याल है, आचा बताओ इस समय वो क्या कर रहा होगा, तुमारे हिसाब से कहाँ पर होगा |
रीमा - कपिल तो यहाँ फैमिली के साथ आया है, आज तो उसके लड़के का बर्थडे है | वो अपनी फैमिली के साथ एन्जॉय कर रहा होगा |
रोहित हँसता हुआ - तुम बहुत भोली हो रीमा, कपिल का लौंडा नशे में धुत सो रहा है, उसकी बीबी एक गिगोलो के साथ गुलछर्रे उड़ा रही है और वो खुद दो कमसिन लड़कियों की बांहों में जवानी का नाच कर रहा है |
रीमा - हाय हाय ये भी कितना गिरा हुआ आदमी निकला, मुझे पता था मेरे सामने मीठे मीठे बोलकर हमेशा मेरी छाती घूरता था | लेकिन तुम्हे ये सब कैसे पता |
रोहित फिर से हँसता हुआ - उसी के केबिन के नोड पर काम जो कर रहा हूँ | वो ही अपनी लड़कियों को अपनी बीबी को भद्दी सी गाली देकर ये बता रहा था कि उसकी बीबी कही किसी लौड़े से चुदवा रही होगी | सच भी था कपिल की बीबी ने ही बेवफाई की शुरुआत करी थी, कपिल तो बदले की आग में ऐसा हो गया | अब तो दोनों आपस में चुदाई तक बंद कर चुके है
रीमा ताना मरती हुई - तुम्हे ये सब बड़ा पता रहता है |
रोहित हँसता हुआ - मै पता लगाता हूँ इसलिए पता रहता है |
रीमा थोड़ा सकुचाते हुए - जरा दिखाना कपिल क्या गुल खिला रहा है रंडियों के साथ, मेरे सामने तो बड़ा सीधा बनता है, जैसे उसे ये सब कुछ पता ही न हो इतना अनजान बनता है |
रोहित - अब हर कोई मर्द मेरे जैसा नहीं होता न, जोअपना दिल खोलकर मेरे जैसे किसी औरत के सामने रख दे | रीमा अन्दर ही अन्दर अभिमान से भर गयी, कि कम से कम उसका चाहने वाला उससे कुछ नहीं छिपाता |
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09-02-2021, 03:48 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
शीशे की दीवार पर एक नया डिस्प्ले चलने लगा | एक केबिन में एक आदमी सिगरट फूंक रहा था |
तभी दो लडकियां खिलखिलाती हुई उसके केबिन में घुसती है | दोनों ने बस दो पीस ही जिस्म पर पहन रखे है , एक छोटी से ब्रा और एक छोटी सी पैंटी |
लडकियों को देखते ही कपिल सिगरट बुझा देता है, लडकियां अपनी ही अदा में अपनी अपनी कमर हिलाती हुई आपस में एक दुसरे से बेल की तरह लिपट कर एक दुसरे के ओंठो को चूमने लगती है |

कपिल अपनी शर्ट उतरता है | दोनों आपस में जबदस्त तरीके से स्मूच कर रही है | दोनों लड़कियां स्लिम थी और उम्र में 20 से ज्यादा की नहीं लग रही थी | कपिल भी उनके पास आ जाता है, लेकिन लड़कियां उससे छिटक कर शीशे की तरफ चली जाती है | एक लड़की दूसरे की पैंटी उतारने लगती है | और उसकी क्लीन सेव चूत और उसकी पतली सी दरार पर एक चुम्बन दे उसकी चिकनी चूत की तारीफ करती है |

कपिल बिसतर पर आ कर लुढक जाता है और उन दोनों की लडकियों के चूमा चाटी और मादक हरकते देखने लगता है | एक लड़की दूसरी लड़की की चूत पर अपने ओंठ जमा देती है और कसकर उसके चूत दाने को चूमने लगती है | दूसरी लड़की चूत दाने को कसने से उठती कामुक तरंग से कसमसाने लगती है, कामुक तरंग इतनी तेज होती है कि लड़की के पुरे शरीर को झंकृत करने लगती है | लड़की के मुहँ से सिसकारियां फूटने लगती है | तभी पीछे से आकर कपिल उस लड़की के चूतड़ थम लेता है और उसे किस करने लगता, उसकी मुहँ से निकलती मादक सिसकारियां कपिल के मुहँ में घुटने लगती है | वो बस नीचे चूत के इलाके से उठ रही कामिक तरंग को बर्दास्त करने लगती है | तभी दूसरी लड़की उससे अलग हो जाती है | कपिल दूसरी लड़की को झट से अपने आगोश में ले लेता है और जब तक लड़की अपने शरीर का संतुलन बना पाती वो कपिल की सख्त भुजाओं की कैद में होती है, कपिल झट से उसकी ब्रा खोल कर नीचे गिरा देता है और नीचे को सरकता हुआ उसकी पीठ और कमर को चूमता हुआ नीचे बढ़ जाता है | वो अपनी उंगली उस लड़की की पैंटी में फंसा नीचे को खिसकाने लगता है | उसकी लम्बी लम्बी कमर तक जाती लटे, सीने पर स्थित नरम नरम स्तन, सीधा सपाट पेट, पतली कमर ........................................दूसरी लड़की बस उसके गोरे जिस्म का आँखों से रसपान कर मादक तरीके से अपनी उंगली मुहँ में डाल चूसने लगती है | कपिल उसकी पैंटी खिसका कर घुटनों तक पंहुचा देता है | उसका सफाचट चूत तिकोना और उसमे बीचो बीच में एक पतली सी दरार | बस इतना ही दिख रहा था | कपिल उसके गोरे गोरे दूध जैसे मुलायम मांसल चुताड़ो को चूमने चाटने लगता है | लड़की अदा से अपनी कामुकता का प्रदर्शन करने लगती है |

इससे पहले कपिल कुछ और कर पाता, दूसरी लड़की ने अपने जिस्म के बचे रेशे उतार फेंके और दोनों लड़कियां आपस में गुथ्थम गुथ्था हो गयी | दोनों के कोमल बदन जो गरम होने लगे थे, एक दुसरे से रगड़ने लगे | दोनों ने एक दुसरे को कसकर बांहों में भर लिया और अपने अपने गुलाबी रस टपकाते मधुर ओंठो को एक दुसरे से सटा कर एक दुसरे को चूमने लगी | दो नंगी लडकियों को इस मादकता से एक दुसरे को चुमते देख कपिल का लंड पेंट के अन्दर की झटके खाने लगा | दोनों अपनी आंखे बंद किये, बेहद ही कामुक अदा से एक दुसरे को चूम रही थी, दोनों के गीले ओंठ अपनी अपनी जवानी का रसपान एक दुसरे को करा रहे थे |

दोनों लडकियों के उत्तेजक चुम्बन से कपिल का लंड तो मीनार की तरह सीधा होने लगा | अगर इसी तरह से इन नंगी लडकियों को चुमते देखता रहा तो उसका लंड पेंट फाड़कर बाहर निकल आएगा | अभी तो बस उन्होंने शुरू किया है, अगर मेरी बेकाबू उत्तेजना को देखेंगी तो अच्छा मेसज नहीं जायेगा | उसने उत्तेजना बाटने को लडकियों से बातचीत शुरू कर दी |
कपिल - अप्सरा जैसी परियो क्या नाम है तुम दोनों का |
कामुकता के सागर में डूबी लड़कियां, जो बेहद अदा से एक दुसरे के मधुर रसीले ओंठो का रसपान कर रही थी, एकदम से खिलखिला कर हंस पड़ी | कपिल को समझ नहीं आया कि वो हंसी क्यों |
एक लड़की बोली - सॉरी सर, हमें इस तरह से कोई नहीं बुलाता, इसलिए हंसी आ गयी | मेरा नाम मधुरिमा है और ये सलोनी |
कपिल - तुम दोनों हुस्न की परी हो |
मधुरिमा ने थैंक्यू किया और सलोनी को फिर चूमने लगी | कपिल ने खुद को काबू करने को ध्यान बटाना जारी रखा |
कपिल - कितनी उम्र है तुमारी, बालिग तो हो न |
सलोनी बोली - मै १९ साल की हूँ और ये 20 साल की |
कपिल - तुम दोनों ने कब ये काम स्टार्ट किया |
सलोनी - सर आप मेरे चौथे क्लाइंट है |
मधुरिमा - सर मुझे ढेढ़ साल हो गया है |
कपिल - सिर्फ रिवर लाउन्ज ही आती हो या और भी कही जाती हो |
सलोनी - सर मै अभी और कही नहीं गयी, मुझे पढ़ाई के लिए पैसे चाहिए, हर महीने में एक बार आने से मेरा सारा खर्चा निकल आता है |
मधुरिमा - सर क्लाइंट से जान पहचान बढ़ाने को मेरी ऐजेंसी ने मना किया है | वही मेरी बुकिंग करते है और जहाँ बोलते है वहां चली जाती हूँ | बुकिंग अमाउंट का तीस परसेंटेज वो रख लेते है, दस परसेंट ड्राईवर लेता है बाकि सब मुझे मिलता है |
मधुरिमा इस काम में ज्यादा अनुभवी थी, उसने सलोनी को चुमते चुमते उसके बदन पर हाथ फिराना शुरू किया | सलोनी का कमसिन जवान बदन अभी तो पूरी तरह से खिला भी नहीं था | उसकी स्लिम बॉडी में कही भी फैट का नामोनिशान नहीं था | उसके छोटे छोटे स्तन जो अभी पूरी तरह से अपने आकार में नहीं आये थे उनके उपर कच्ची कली की तरह निप्पल मौजूद थे , उसकी चूत के ओंठो की कसावट बता रही थी की उसकी चूत तो अभी ठीक से खुलना भी बाकि है | शायद कोई मोटा लंड अभी ठीक से गया नहीं अन्दर तक | उसके रसीले गुलाबी ओंठो से तो जैसे शहद टपकता हो | मधुरिमा को सलोनी के कमसिन बदन को सहलाने में बड़ा मजा आ रहा था | उसकी हथेली और नाजुक उंगलियाँ सलोनी की छाती को मसलते , सपाट पेट को सहलाते हुए उसकी कमर के नीचे चूत तिकोने पर पंहुच गयी | मधुरिमा ने उसके चूत दाने और गुलाबी कसे ओंठो पर अपनी उंगलियो का जादू चलाना शुरू कर दिया |

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09-02-2021, 03:48 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
मधुरिमा ने सलोनी के चूत दाने को रगड़ना शुरू कर दिया और उसके मुहँ में जीभ डाल उसे कसकर चूमने लगी | ये सब देखकर कपिल के तो होश उड़ने लगे | मधुरिमा का अनुभव साफ दिख रहा था, वो लयबद्ध तरीके से अपने कमसिन जिस्म को लहराकर ना केवल सलोनी के जिस्म से रगड़ रही थी बल्कि उसको कसकर चूम रही थी और उसकी उंगलियाँ उसके चूत दाने पर फिसल फिसल कर उसके जिस्म में वासना की चिंगारी जगा रही थी, जो आगे चलकर जरा सी हवा पाने पर भयंकर आग में बदल सकती थी | सलोनी को तो अपनी सिकरियां लेने तक का मौका नहीं मिल रहा था वो सिसकारियां मधुरिमा के ओंठो की सख्त जकड़न से उसी के मुहँ में घुट जा रही थी | ये सब देखकर कपिल का लंड पूरी तरह से उसकी पेंट में ही तन गया | वो पेंट के ऊपर से ही अपने लंड को हलके हाथो से सहला रहा था | मधुरिमा और सलोनी की सांसे भाप बनकर एक दुसरे के नथुनों से निकल रही थी और एक दुसरे के चेहरे को तपा रही थी | ये सब देखकर कपिल से रहा नहीं गया, वो उन दोनों लडकियों के पास आ गया - आग लगा दी तुमने इस बदन में इन वासना की अदाओं से | अब रहा नहीं जा रहा |
मधुरिमा - बड़े बेसब्र हो रहे है सर डिस्क्रिप्शन में लिखकर बेजा था, लॉन्ग टर्म एंजोयमेंट और फक्किंग |
कपिल - हाँ भेजा था लेकिन हमें क्या पता था इतनी कमसिन कुवारी जवान गरम गरम हसिनाये बेज देगें |
दोनों ही खिलखिलाकर हंस पड़ी |
कपिल क्या हंसती हो तुम दोनों, जैसे चंपा चमेली के फूल मधुर संगीत से साथ झर रहे हो |
दोनों के खिलखिलाहट जारी रहती है | तभी कपिल अपनी पेंट की जिप खोलता है और उसमे मीनार बना हुआ बाहर निकालता है |
दोनों एक दुसरे को हवस भरी आदाओ से देखती है | और एक साथ मिलकर एक एक बांह पकड़कर कपिल को नीचे बेड पर गिरा देती है | मधुरिमा उसके पैरो में जाकर उसकी पेंट नीचे को खिचने लगती है | सलोनी ऊपर से कमर से पेंट उतारने में उसकी मदद करती है | फिर दोनों लड़कियां कपिल की कमर के पास आकर बैठ जाती है | मधुरिमा उसके तेज खून के दौरान के कारन तने हुए कांपते गरम मुसल लंड को अपनी मुट्ठी में भरने की कोशिश करती है |
मधुरिमा - ऊऊऊऊऊह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ये तो भट्ठी की तरह तप रहा है सर, मेरे तो नाजुक हाथ जल जायेगें इसकी गरमी से |
कपिल - इसमें तुमने, तुम दोनों में मिलकर आग लगा दी है अब ये बुरी तरह जल रहा है, अब इस आग को तुम्ही बुझा सकती हो, इसकी तड़प को तुम दोनों ही मिटा सकती हो |
मधुरिमा - आग लगी है तो फायर ब्रिग्रेड वालो को बुलाते, हम तो दो नादान लड़कियां है, हम क्या जाने कैसे आग बुझती है |
कपिल - इसकी आग नादान कमसिन जवान लड़कियां ही मिटा सकती है, देखो कैसे हवस की आग में जल रह है तप रहा है, इस पर बारिश की कुछ फुहारे डालो ताकि इसे कुछ आराम मिले | पेंट में मीनार बने बने अकडन आ गयी है, तोड़ी गीली फुहारों के साथ मालिश कर दोगी तो उसे आराम मिल जायेगा | देखो कैसे तड़प तड़प के कांप रहा है |
सलोनी - सर ओंठो से मालिश करू या हाथो से |
कपिल - ओंठो से भी करना, ऊपर के भी और नीचे के भी, अभी थोड़ा लोलीपॉप बना दो |
सलोनी और मधुरिमा ने एक दुसरे की वासना भरी आँखों में देखा और हल्का सा मुस्कुराई | मधुरिमा ने कपिल के कांपते लंड को जड़ से थाम छत की तरफ को सीधा किया, उसके लंड तो चार पांच बार मुथियाया और दोनों ने अपनी अपनी रसीली जीभ बाहर निकाल उसके लंड पर फिरानी शुरू कर दी | सलोनी उसके गरम फूले लाल सुपाडे पर अपनी गुलाबी गीली रसीली नम जीभ फिराने लगी, जबकि उसके उलट मधुरिमा उसके लंड की निचले भाग को अपनी जीभ से सहलाने लगी | आआआह्ह्ह्ह दोनों की गीली जीभ का कपिल के गरम मीनार बने हुए तपते लंड सुखद नरम स्पर्श................कपिल तो जैसे जन्नत की सैर करने लगा | दोनों बड़ी ही नजाकत नफासत के साथ बहुत ही आइस्ते आइस्ते उसके लंड को अपनी गीली जीभो से सहला रही थी | ये कपिल की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ा रहा था | आनंद से सरोबार हो उसने अपनी आँखे बंद कर ली | दोनों एक दुसरे की आँखों में आंखे डाले, कामुक तरीके से उसके गरम मीनार की तने लंड पर अपनी रसीली जीभ का नरम स्पर्श से कपिल को स्वर्ग की सैर कराती रही | कपिल वासना की उत्तेजना के भंवर में गोते लगाने लगा |

मधुरिमा ने फिर सलोनी की आँखों में झाँका और कपिल के लंड की जड़ में अपनी हथेली की गिरफ्त सख्त कर दी | सलोनी ने अपने रसीले गुलाबी ओंठो को फैलाकर उसके सख्त लंड के गरम सुपाडे को अपने मुहँ में ले लिया, और अन्दर ही उसके चारो तरफ अपनी गीली जीभ घुमाने लगी |
कपिल इस वासनात्मक हरकत से कामुकता से तड़प कर रह गया - आआआआआआआह्हह्हह्हह बेबी आआअह्ह्ह्ह, इट फील्स सो गुड ...........................|

मधुरिमा - गुड गर्ल, डू इट अगेन |

सलोनी ने फिर से उसके लंड के सुपाडे पर फिर से जीभ फिराई और बाहर निकाल अपने गीले ओंठो का चुम्बन दिया | मधुरिमा उसके लंड के नीचे के संवेदनशील हिस्से पर अपनी खुरदुरी जुबान फिराने लगी | सलोनी ने कपिल के लंड के सुपाडे को फिर से मुहँ में भरा और टॉफी की तरह चूसने लगी | मधुरिमा उसके लंड को चाटते चाटते हाथ में भरकर कसकर मुठीयाने लगी | सलोनी उसके लंड का सुपाडा मुहँ में भरे हुए थी, मधुरिमा उसके लंड को चाट और मुठिया दोनों रही थी | ये हरकते कपिल के जिस्म की वासना की आग को और ज्यादा भड़का रही थी | अब तक उसके जिस्म में चिंगारी बनकर तैर रही हवस, अब आग में बदलने लगी थी और उसके जिस्म को जलाने लगी थी | कपिल की आहे बता रही थी दोनों लडकियों उसके लंड को बहुत ही कामुक तरीके से चूस चाट और मसल रही है | कपिल भी बस उसी वासना में डूबा हुआ तैर रहा है | उसके बदन की नमी बता रही थी उसका जिस्म पसीने पसीने हो चला है | मधुरिमा ने अपनी जीभ नीचे ले जाते हुए उसकी गोटियो पर अपनी जीभ फिराने लगी, जबकि सलोनी अब उसके लंड को सुपाडे सहित उअर ज्यादा अन्दर लेकर चूसने लगी थी | मधुरिमा उसके लंड पर बराबर स्ट्रोक लगा रही थी और अपनी जीभ से उसकी बड़ी बड़ी गोलियों से अठखेलियाँ कर रही थी | ये एक जादुई एक्सपीरियंस था, जब दो नाजुक बदन कमसिन हसीनाए तुमारे बदन की आग बुझाने को तन मन से जुटी है और तुम बस उनके नाजुक गोरे बदन की कामुक अठखेलियाँ देखकर हवस की आग में जलकर कराह रहे हो | मधुरिमा फिर से कपिल के लंड के पास आ गयी और उसने सलोनी की आँखों में देखा, जो कपिल के मोटा लंड अपने मुहँ में भरकर उसके सुपाडे को चूस चूस कर गीला कर रही थी | मधुरिमा का इशारा समझ उसने कपिल का लंड मुहँ से बाहर निकाल दिया, कपिल का लंड सलोनी की लार से पूरी तरह नहा गया था | सलोनी ने आगे बढ़कर मधुरिमा को डीप किस किया और उसके गरम बदन पर उत्तेजना के कारन तनकर सख्त हो चुके सुडौल स्तनों को मसलने लगी | मधुरिमा ने भी सलोनी के निप्पलो को मसल दिया, सलोनी चिंहुक उठी, दोनों की आँखों में कुछ इशारे हुए और दोनों ने कपिल को सीधा कर दिया | लंड के एक छोर से सलोनी ने और एक छोर से मधुरिमा ने अपने रस टपकाते गुलाबी ओंठो को गरम लंड पर सटा | कपिल कुछ समझ पाता इससे पहले ही दोनों जड़ से लेकर सुपाडे तक आगे पीछे अपने ओंठो को रगड़ने लगी |
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