Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
09-02-2021, 03:49 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
दो कमसिन जवान नाजुक कलियों के मधुर रस से भरे गुलाबी ओंठो के बीच में उसका तपता गरम लंड फिसल रहा था | आआअह्ह्ह्ह कपिल तो जैसे स्वर्ग पहुँच गया | दोनों ही अपने ओंठो को कपिल के गरम लंड पर बड़ी ही लयदार तरीके से फिसला रही थी | दोनों के नाजुक ओंठो का गीला नरम स्पर्श कपिल को मीनार की तरह अपने लंड पर बड़ा सुखद लग रह था | वो वासना के भंवर में और गहरे से डूबने लगा | उसके जिस्म की उत्तेजना और बढ़ गयी वो हवस की आग में और ज्यादा जलने लगा | उसके ओंठो पर फिसलते ओंठो के साथ साथ दोनों एक दुसरे की चुचियो को मसल रही थी | दोनों की गरम सांसे भाप की तरह कपिल के लंड पर लग रही थी | बीच बीच में वो एक दुसरे को चूमकर उनके रसीले ओंठो का रस पीने लगती |

काफी देर तक दोनों कपिल के लंड पर अपने रसीले ओंठो का रस बरसाती रही, फिर कपिल को बिस्तर पर फिर से लुढ़का दिया | मधुरिमा ने कपिल का लंड जड़ से हाथ में थामा और अपने मुहँ को चौड़ा कर उसमे सुपाडे सहित उसका लंड घुसेड़ कर उसे कसकर चूसने लगी |
कपिल फिर से कराह उठा - आआआआआआआआआआअह्हह्हह्हह |
सलोनी गौर से मधुरिमा का बंद ओंठो की सख्त जकड़न में कपिल के लंड का चुसना देख रही थी | मधुरिमा के ओंठ कपिल के गरम लंड की कसकर रगड़ रह रहे थे | मधुरिमा ने अपने मुहँ से मोटा लंड बाहर निकाला और सलोनी के मुहँ की तरफ करके - सक इट लाइक आई सक |

उसने सलोनो को बताया पहले लंड को जड़ से एक हाथ से थामे, सलोनी ने गोलिओ सहित कपिल के लंड को अपनी मुट्ठी में थाम लिया | फिर मीनार की तरह तने हुए लंड के लिए के सुपाडे पर अपने गुलाबी रसीले ओंठ रख दिए | सर को जोर से नीचे को ठेला और उसके नरम रसीले ओंठो को फैलाता कपिल का हवस की आग में जलाता मोटा लंड सुपाडे सहित सलोनी के मुहँ में सामने लगा |
मधुरिमा बोली - ओंठ कसकर चिपकाये रख, तभी लंड कसकर रगड़ खायेगा |
सलोनी ने बिल्कुल वैसा ही किया | उसके ओंठ सख्ती से कपिल के लंड को जकडे हुए थे और वो सर ऊपर नीचे करके कसकर पूरा दम लगाकर कपिल के लंड को चुस रही थी, उसने जड़ से कपिल के लंड को थम रखा था | उसका गीला सुपाडा सलोनी के नरम मुहँ में गीली जीभ पर रपट रहा था | सलोनी बार बार उसकी गोलियों को भीचने लगती | सलोनी अपने नाजुक ओंठो से कपिल का लंड बुरी तरह चूस रही थी और उसी तरह से उसकी गोलियों को अपने हाथ से मथ रही थी | कसकर लंड के सलोनी के नाजुक ओंठो से मसले जाने से कपिल की उत्तेजना बेकाबू होने लगी | वैसे भी उसका लंड पहले से ही उत्तेजना से कुछ ज्यादा ही भरा हुआ था | वो सलोनी के गरम मुहँ के नरम स्पर्श की जादुई चुसाई बर्दास्त नहीं कर पाया और उसके सब्र का बांध टूट गया | उसकी गोलियों से गरम सफ़ेद लंड रस निकलने लगा | उसकी कराहे अनुभवी मधुरिमा ताड़ गयी, उसने सलोनी के मुहँ से लंड बाहर खीच लिया और दोनों उसके सुपाडे से मुहँ टिकाकर अपनी गीली गुलाबी जुबान उसके सुपाडे पर फिसलाने लगी | दोनों के गीली खुरदुरी जुबान का सहलाना था की कपिल के लंड से पिचकारी छुटने लगी | उसके गोलिओ में भरा रस सुपाडे के छेद से रिसने लगा | दोनों उसके गरम सफ़ेद लावे की अपनी जीभ से चाटने लगी | कपिल आह आह करके झड़ने लगा | उसके लंड से गिर रही सफ़ेद रस की धार उसी के पेट के निचले हिस्से को गीला करने लगी | पांच सात पिचकारियो के साथ कपिल ने अपनी हवस की आग की पहली क़िस्त पूरी कर दी थी | कपिल के लंड से पिचकारियाँ निकली बंद हो गयी लेकिन सलोनी और मधुरिमा ने उसके लंड रस से सने गरम लंड को चाटना बंद नहीं किया | वो कामुक अदा से उसके लंड को बदस्तूर चाटती रही | फिर मधुरिमा उठकर कपिल के सीने के पास आगई और अपनी लांघे कपिल की छाती के दोनों ओर करके उसके लंड पर झुक गयी | सामने से सलोनी अभी भी उसके लंड पर लगी मलाई को चाट रही थी | मधुरिमा ने उसके नाभि के नीचे पड़ी कपिल के लंड की सफ़ेद मलाई चाटनी शुरू कर दी |

मिली - चोदो मुझे सर और जोर से चोदो, और अन्दर तक डाल कर मेरी चूत को फाड़ दो, मेरी हरामन चूत का कोना कोना कुचल डालो. मसल डालो इस रंडी चूत को |
मिली वासना की उत्तेजना में क्या क्या बडबडा रही थी उसे भी नहीं पता | सहाय का भी यही हाल था,
सहाय भी उत्तेजना से भरा हुआ था - चोद तो रहा हूँ साली रंडी की औलाद | क्या रंडी की चूत लेकर पैदा हुई है साली, इतना कसकर छोड़ रहा हूँ, फिर भी मरी जा रही है लंड के लिए साली हरामन कुतिया | कितना भी चोदो भूखी की भूखी ही रहती है | साली आधा घंटा हो गया है अपने मुसल लंड से तेरी चूत कूटते कूटते मसलते मसलते, इसकी चुदास अभी भी उतनी ही बरक़रार है |
मिली भी उत्तेजना के नशे में डूबी थी - सर ये मिली की चूत है, जितना चोदोगे उतना चुदास इसकी बढ़ जाती है |
आआआआआआआआ ह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आआआआआआअह आआईई |
सहाय ने एक जोरदार झटका मारा और मिली की चीखे निकल गयी - आआआआआआआआआआआअ
आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ माआर डालालालालालालालाल |
सहाय - ले रंडी की लौड़ी और ले मेरा लंड , ऐसे ही चीखे निकलूगा तेरी |
मिली - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ ऊ्ऊ्ऊ्ई्ई्ई्ई… मां्म्म्आ्आ्आ्आ्आ सर थोड़ा धीईईईईईईईईईईरेरेरेरेरे ईईईई रीरीरीरीरीरीरीईईईईए चोचोचोचोचोचोआआआआदो सर |
दर्द उसकी जांघो और पिंडलियों में घर कर गे और मिली का बदन फिर कांपने लगा | उसकी वासना झाड़ने लगी | आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् सर माआईईईईईइ तो झ झाझाझाझाझाझाड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ रही हूँ |

सहाय और जोर से ठोकर मरता हुआ - झड साली रंडी की औलाद आज तुझे रात पर बरसाऊंगा, रात पर ऐसे ही टप टप कर तेरी चूत बहेगी और तू ऐसे ही कांप काँप कर झाड़ेगी | सहाय ने फिर करार झटका मारा | मिली कांप कांप कर शांत हो गयी | लेकिन न उसकी चूत की चुदाई रुकी न सहाय ने ऐसी कोई कोशिश की | मिली को पाने हाथ पाँव में कमजोरी महसूस होने लगी थी, लेकिन नीचे उसकी चूत में आते जाते सटासट लंड की वजह से उसके बदन की गरमी बरकरार थी | कुछ देर बाद जब उसका शरीर पर नियंत्रण लौटा तो वो भी बीच बीच में अपनी कमर उठकर धक्के लगाकर अपनी चूत में लंड लेने लगती |
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09-02-2021, 03:49 PM,
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जब मिली कमर हिलाने लगती तो सहाय थम जाता | मिली में अब उतना दम नहीं बचा था वो दस बीस झटके लगाकर शांत हो जाती और सहाय की कमर फिर हिलने लगती और सहाय का लंड मिली की चूत को फिर चीरने लगता चोदने लगता | सटासट मिली की मखमली नरम चूत में जाता लंड दोनों को उत्तेजना के चरम की ओर ले जा रहा था | दोनों के तपते बदन एक दुसरे के अन्दर लगी हवस की आग को शांत करने की पुरजोर कोशिश कर रहे थे, इसी लिए दोनों अपने अपने जिस्म को जमकर निचोड़ने में लगे थे, जिससे दोनों के जिस्मो के सावनी फुहारों के फव्वारे फूटे और उनके बदन में लगी हवस की आग शांत हो सके | सहाय बिना रुके मिली की चूत को लगातार चोद रहा था और ऐसा बहुत कम होता है जब मर्द बिना ब्रेक लिए ऐसा कर पाए, तो मिली के लिए ये किसी जैकपोट से कम नहीं था | एक दो उसे इतना दमदार चोदने वाला मिला और उसे इसके पैसे भी मिलेगें | मिली के तो दोनों हाथो में लड्डू थे | उसे बस चुदते रहना था | यहाँ उसकी मर्जी चलने की गुंजाईश कम थी वैसे भी एक बार चुदाई शुरू होने के बाद औरतो की कहाँ चलती है | फिर तो जब तक पिचकारी न छुट जाये मर्द अपने हिसाब से ही औरत को चोदते है | फिर औरत चाहे टांग पटके या सर | जब तक आदमी झड़ नहीं जाता, चूत का रौदना रुकता नहीं | यहाँ तो मिली को तीन बार तो अपने होशो हवास में झड़ी बाकि भीषण चुदाई की ठोकरों के बीच उसके ओर्गास्म के कितने राउंड हुए उसे खुद ही नहीं पता | सहाय की भीषण चुदाई की ठोकरों में मिली बदहवास सी हो जाती और फिर उसे भी अपने ओर्गास्म नहीं पता चलते | उसे बस इतना पता होता उसे कई बार झाड़ कर झड़ने वालो में था सहाय | सहाय के इतनी देर तक चोदने के पीछे का राज शायद मिली ही थी जो उसे खाने में और नाश्ते में ताकत के सुप्प्लिमेंट्स देती रहती थी, जो मर्द की ताकत तीन से चार गुना बढ़ा देते थे | फिलहाल न तो इन सब बातो कि न तो मिली को परवाह थी , न सहाय को | सहाय धकाधक मिली की चूत में लंड पेले जा रहा था | उसकी चूत का गीलापन सुख गया था लेकिन उसकी चूत की नरम दीवारों के कारन सहाय का पूरा का पूरा लंड मिली की चूत में समाये जा रहा था | जब चूत गरम होती है तो उसकी दीवारे फ़ैल जाती है और बड़े से बड़ा या यूं कहे अपने साइज़ का चार गुना लंड तक ले सकती है | चूत २ से चार या 6 इंच तक गहरी होती है | सबका अलग अलग साइज़ होता है | अब ४ इंच की चूत अपने अधिकतम फैलाव में १६ इंच का लंड ले सटी है फिर यहाँ तो मिली 9 इंच लम्बा लंड ही अपनी चूत मे ले रही थी | मिली बस आहे कराहे भर रही थी और नज़रे नीची करके अपनी चूत में गायब होते लंड को देख रही थी | पीछे बुरी तरह हांफता सहाय थोड़ा थमकर अपने लंड को ठीक करता है और फिर चूत में घुसेड देता है और मिली के चूत दाने को रगड़ने लगता है | अपनी घनघोर चुदाई में मंत्रमुग्ध मिली और ज्यादा आनंदित हो जाती है | चूत दाने को मसलने के कारन उठने वाली वासना की तरंगो के कारन अपनी जांघे सिकोड़कर लंड को कसने की कोशिश करने लगती है, सहाय उसकी जांघे फैलाता है लेकिन् मिली फिर से जांघे सिकोड़ लेती है | जिससे लंड नरम जांघो की एक्स्ट्रा रगड़न खाने लगता है | सहाय फिर से मिली की जांघे फैलाता है और उसके चूत दाने को रगड़ने की बजाय उसके दोनों स्तन हथेलियों में भरकर मसलने लगता है | मिली के चेहरे पर स्तनों के बुरी तरह मसलने के कारन कामुक दर्द की लकीरे तैर जाती है | सहाय और ज्यादा गहरे धक्के मिली की चूत में लगाने लगता है |

मिली के मुहँ की सिसकारियां और तेज हो जाती है | कमरे में बस फच फच चट चट की आवाजे ही गूँज रही थी | फच फच चट चट की आवाजो के बीच मिली की कराहे तब तेज हो जाती जब सहाय मिली के दोनों निप्पल चुटकी से कसकर पकड़कर मसलने लगता है और भीचने लगता है | मिली के मुहँ से बस यही निकलता - ओह्ह्ह्ह्ह्ह मा्आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह ईईईईईर्र्ररररर | वो दर्द भरी मादकता से कराहकर रह जाती है लेकिन उसका उत्तेजना से भरा गरम शरीर ये बर्दाश्त कर ले जाता है | उसकी चूत में सहाय गहरे गहरे धक्के लगा रहा था | हर लगते धक्के का एक्सप्रेशन मिली के चेहरे पर दिख रहा था | सहाय के मिली के जिस्म को लगते धक्को के कारन शरीर में कराह पैदा कर दी थी | हर धक्के पर उसका कराहना बता रहा था अब वो अपनी शरीर की शक्ति से निढाल हो बस सहाय के झड़ने की आस में टिकी है और सहाय का मोटा लंड सटासटअपनी चूत मे ले रही है | सहाय ने भी पिछले आधे घंटे में उसकी चूत का कोना कोना बजा डाला था और उसके जिस्म का पुर्जा पुर्जा हिला डाला था | कोई इस तरह से एक औरत को चोद दे तो उसकी चूत में कम से कम तीन महीने तक खुजली नहीं मचेगी और न ही उसके जिस्म में हवस की भूख जगेगी | मिली को इस चुदाई की आदत हो गयी थी, उसके लिए हर हफ्ते के अंत में या कई बार हफ्ते में दो बार यही होना था, कभी लम्बा तो कभी शार्ट | सहाय को भी मिली कोक चोदकर बहुत मजा आता था| अब मिली को चोद पाना सामान्य लंड के बस का नहीं था | उसे सहाय जैसा ही कोई तगड़ा लंड चोद सकता था | सहाय मिली की चूत में लंड पेले जा रहा था | मिली को भी अपनी चूत के सूखे पन का अहसास हुआ | उसने मुहँ से ढेर सारी लार निकाली और अपनी चूत के मुहाने पर मल दी | सहाय ने दो चार करारे धक्के लगाये, जिससे मिली का पुर्जा पुर्जा हिल गया|

वो कराह पड़ी - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ सर थोड़ा धीईरीईईईई रीईईईईए ,
आआआआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह मममममर्र्र्र्र्र्र गय्य्य्यी्ई्ई्ई्ई्ई रे ऊऊऊऊऊउ ईईईईईईईईईइ फ्फ्फफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ प्लीजजजजजजजजजज सससससरररर रररररररररररर आआआआराआम्म्म्म स्स्स्से ओओओओओओफ्फ्फ्फ, आह ओओओओओओफ्फ्फ्फ, आह |
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09-02-2021, 03:49 PM,
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सहाय ने लंड बाहर निकल लिया और मिली को आराम के लिए पीठ के बल लिया दिया | उसके पेट पर आकर बैठ गया, उसने घुटनों को बिस्तर पर टिका दिया और अपने खड़े लंड को मिली के खरबूजे जैसे बड़े बड़े मुलायम उरोजो के बीच में रख दिया | मिली ने अपने मुहँ से ढेर सारी लार निकली और सहाय के गरम सख्त लंड पर मल दी | फिर उसने अपनी दोनों उरोजो को हथेली में भरकर आपस में सटा दिया ताकि सहाय उसके स्तनों को चोद सके | सहाय ने अपनी कमर हिलानी शुरू कर दी और मिली के रुई की तरह नरम नरम उराजो के बीच गरम तगड़ा लंड फिसलने लगा | सहाय मिली के स्पंज की तरह नरम स्तनों के बीच अपना कड़क गरम लंड मसल रहा था और मिली अपने दोनों उरोजो को थामे उसके लंड के चारो तरफ लपेटे हुई थी | मिली की चूंची चुदाई चल रही थी | उसकी नजरे सहाय की तरफ थी और सहाय की नजरे मिली के थके हुए कामुक चेहरे की तरफ | मिली को देखकर ही लग रहा था वो चुदाई से बुरी तरह थक गयी है | फिर भी वो सहाय का पूरा साथ दे रही थी, उसके जिस्म में जीतनी भी ताकत थी सब समेट के वो भी सहाय के साथ हवस का ये नंगा नाच बराबर खेल रही थी | सहाय ने लंड मसलते मसलते मिली को गोद में उठाया और एक टेबल पर आकर बैठ गया |

उसने अपना लंड मिली की चूत में घुसेड दिया और हलके हलके चोदने लगा | सहाय भी उत्तेजना के चरम पर पंहुचने के करीब था वो चाहता तो अगले कुछ मिनट मिली को जमकर चोदकर उसकी चूत में अपनी गरम सफ़ेद मलाई भर देता, लेकिन वो यहाँ जल्दी से फारिग होने नहीं आया था | वो तो यहाँ जितना ज्यादा हो सके चुदाई के मजे लेने आया था| उसने मिली को हौले हौले चोदना शुरू किया, उसके हाथ मिली के हाहाकारी मांसल चुदे चुताड़ो पर जमे थे और वो उन्ही के सहारे मिली को ऊपर उछाल उछालकर मिली की चूत में लंड पेल रहा था | मिली और सहाय के ओंठ आपस में सटे हुए थे दोनों एक दुसरे के अन्दर की सारी लार पी जाने पर उतारू थे | कभी सहाय मिली के ओंठ कचोटने लगता, तो कभी मिली अपनी जीभ सहाय के मुहँ में भरकर उसके ओंठो की प्यास बुझाने लगाती | सहाय का लंड बस आधा ही मिली की चूत में अन्दर बाहर हो रहा था | उस पर भी इतनी देर से एक्सप्रेस स्पीड से मारते तेज धक्को का असर दिखने लगा था | ऊपर से अब वो मिली का और कचूमर नहीं निकालना चाहता था | वो आराम आराम से चोदकर इस पल को जितना लम्बा खीच सके खीचना चाहता था | मिली भी आराम से चुद रही थी, उसे भी अपने बॉस से कोई शिकायत नहीं थी | मिली के मुहँ से धीमी मादक सिसकारियां फूट रही थी - आ्आ्आ्आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह, ओ्ओ्ओह्ह्ह् माई स्वीट बॉस बस मुझे ऐसे ही ययस्स्स्सस्स्सस यस्स्स्स्, प्यार करो, करते रहो |
मिली - आ्आआ््आआ््हह्ह, ओ्ओ्ओह्ह्ह् मेरी जा्आ्आ्आ्आन, इस्स्स्स्स ओ्ओ्ओह्ह्ह् माई स्वीट बॉस बस ऐसे ही मुझे चोदते रहो | ऐसे ही चोचोदचोचोचोद कररररर ल्ल्लंड अंदर घुस्स्स्स्आ्आ्आ्आ्ह्ह तेतेतेतेतेते रहोहोहोहो |
सहाय का चरम भी नजदीक ही आ रहा था उसका भी मूड बन चूका था - ओह्ह्ह्ह्ह्ह मेरी जान हां मेरी रानी, चोद रहा हूँ, तुझे |
मिली की कामुक बाते सुनकर सहाय से झटको की स्पीड बढ़ा दी - आह्ह् ओह्ह्ह्ह्ह्ह मार ही डालोगे क्या अपनी रानी को, उफ्फ्फ जालिम, ओह्ह्ह्ह्ह्ह मेरी जान | आह मेरे रज्ज्ज्ज्ज्आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह मेरे बॉस बना दो मुझे पूरी की पूरी रंडी |
सहाय - हहन्हान्हान्हन मेरी गुलाबी चूत, तुझे अपनी रानी बना लूंगा, तुझे पूरी की पूरी रंडी बना दूगा, ओह्ह्ह्ह्ह्ह मेरी जान, बस ऐसे ही चुदती रह तू |

सहाय के शरीर में उत्तेजना की तरंगे अब उफान पर थी, उसके दिली दिमाग में एक तूफ़ान उमड़ रहा था, उसके बदन में भरी हवस के दावानल की आग अब सफ़ेद पिचकारी के रूप में उसके जिस्म से बाहर आने को बेताब थी | उसके अन्दर के आवेग अब अपनी मंजिल की तरफ बढ़ने का इशारा कर रहे थे, लेकिन उनकी गति इतनी धीमी थी अगर सहाय ने जोर नहीं लगाया जो उसके सफ़ेद गरम लावे की झील कभी नहीं टूटेगी | सहाय अपनी ही गति से मिली को चोदता हुआ उसके गोरे गोरे नरम मांसल सुडौल सामने को तने हुए स्तनों में खोया था, उसका मुहँ मिली की छाती की पहाड़ियों की ओंट में गायब हो गया था | मिली के मुहँ से मादकता से भरी सिसकारियां फुट रही थी | सहाय उसके निप्पलो और स्तनों की चूम चाट रहा था उन्ही में मुहँ छिपा कर, मिली के चूतड़ पर हाथ जमाये उसे चोद रहा था | मिली भी सहाय को अपनी नरम छाती की जन्नत की सैर कराने को उसके गले में बाँहे डाले उससे चिपकी हुई थी | सहाय हौले हौले उसको चोद रहा था | अब सहाय के अन्दर की तरंगे बेकाबू होने लगी थी, अब उसका संयम भी जवाब दे रहा था | उसे भी लगने लगा था अपने अन्दर के गरम लावे को बाहर बाहर निकालने का वक्त आ गया है वरना उसी की हवस की आग उसे झुलसा डालेगी |

उसने मिली को चुमते हुए अपनी गोद से उतारा और बेड पर ले आया | मिली भी सहाय की आँखों में देख समझ गयी अब बॉस के चरम सुख पर पहुँचने की बेला निकट आ गयी है |

मिली ने उसका लंड मुहँ में ले चुसना शुरू कर दिया और जानना चाहा की कौन सी पोजीशन में अब उसे चोदेगा - बॉस अब इस इस अपनी जान को................ इस रंडी की चूत को कैसे चोदकर झड़ना चाहोगे ??

सहाय - हरामजादी कुतिया, साली अभी नहीं झड़ने वाला हूँ रंडी की चूत, मां की लौड़ी, ले ले ले ले और ले आह्ह, अभी तो मुहँ मे ले लंडखोर बुरचोदी, कुतिया बनाकर चोदूगा साली रंडी की चूत |

मिली समझ गयी अब सहाय बॉस ज्यादा देर के मालिक नहीं है, उसने अच्छे से चूस चूस कर उनके लंड को अपनी लार से गीला किया और बेड पर कुतिया की पोजीशन में आ गयी | उसने अपनी दोनों कोहनी और दोनों घुटने बेड पर टिका दिए | पीछे से सहाय ने आकर उसके चुताड़ो को हल्का सा ऊपर उठाया और अपने कड़क लंड को, जो अपने अन्दर से गरम लावा उड़ेलने को बेताब था, मिली की भाप छोड़ती गरम चूत पर लगा दिया |
कमरे में फच की आवाज आई और फिर फच फच फच फच फच फच फच फच फच फच फच जैसे कोई इंजन स्टार्ट कर दिया गया हो |

मिली के मुहँ से चुदाई की तेज आहे कराहे सिसकारियां सब शुरू हो गयी - उफ्फ्फ्फ्फ्फ, आ्आ्आ्आ्आ्आ्आ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्फ्फ ओह्ह्ह्ह्ह मां्आं्आं्आं, उफ्फ्फ्फ्फ्फ, ऊ्ऊ्ऊ्ऊ्ऊ्ऊ्ऊ्ऊ मां्आं्आं्आं मां्आं्आं्आं |

सहाय ने और टेक लंड पेलना शुरू कर दिया - हरामजादी कुतिया, रंडी की चूत, मां की लौड़ी, ले ले ले ले और ले आह्ह, ओह्ह्ह्ह्ह, लंडखोर बुरचोदी……
मिली को भी अब लंड लेने में मजा आ रहा था - ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह, चोद चूत खोर और जोर से चोद चोओ्ओ्ओ्ओ्ओदों, चोद चोद, की ओह्ह्ह्ह्ह, ओह्ह्ह्ह्ह, आह्ह आह्ह, उम्म्म्म्मा्आ्आ उम्म्म्म्मा्आ्आ, इस्स्स्स्स्स्स्स इस्स्स्स्स्स्स्स, उफ्फ्फ्फ्फ्फ चोद, उफ्फ्फ्फ्फ्फ मजा आ रहा है साले सहाय के लौंडे , उफ्फ्फ्फ्फ्फ |
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09-02-2021, 03:49 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
मिली की चूत की गर्मी भी बढ़ गयी थी, उसका बदन भी गरम हो तप रहा था | उसकी सांसे भी तेज हो गईथी | उसने चुदाई की ठोकर खा खा कर लाल हो चुके चूत दाने को रगड़ना शुरू कर दिया | उसका शरीर हिलकोरे लेने लगा, उसने और तेज स्पीड से चूत दाने को रगड़ना शुरू कर दिया | सहाय भी अपने चरम को पाने के लिए बुरी तरह से मिली की चूत में लंड पेल कर उसका कचूमर बनाये दे रहा था | मिली चूत दाने को बुरी तरह मसल रही थी और सहाय का मुसल लंड उसकी चूत को बुरी तरह मसल रहा था, दोनों तरफ से उसकी चूत की शामत आई पड़ी थी | उसकी चूत की सब्र का बांध टूट गया, उसकी चूत से तेज पानी की धार बह चली थी | सहाय भी मिली की हालत देख हल्का सा थम गया | आखिर मिली का शरीर अकड़ने लगा, जांघे अपने आप हिलने लगी | उसके चूतड़ थरथराने लगे | कमर में अपने आप झटके लगने लगे | चूत की दीवारों में हो रही सनसनाहट अब फडफडाहट में बदल गयी | उसकी चूत झरने लगी | उसका सारा शरीर कांपने लगा | वो खुद को संभाल नहीं पायी और उसकी कोहनियाँ मुड़ गयी वो बिस्तर पर धड़ाम हो गयी,उसके शरीर का सारा नियंत्रण ख़त्म हो गया | उसका शरीर जोर से कांपा और थम गया | मिली चरम सुख की गहरी लहरों में गोते लगाते लगाते वासना के चरमसुख के आनंद के गहरे सागर में डुबकी लगाने लगी | मिली झर झर के थमने लगी, उसने अपना चरम सुख हासिल कर दिया | शुरू से अब तक न जाने कितनी बार कांपी, कितनी बार झरी लेकिन ये ओरागास्म सबसे लम्बा था, सबसे प्रचंड था, सबसे सुखदायी था | उसके चूतड़ हवा में थे, सर बिस्तर में घुसा था और वो किसी त्रिकोण की तरफ बेड पर टिकी हुई थी | उसके हाथ पाँव सब शिथिल हो चुके थे | सहाय ने उसके बालों को पकड़ कर पीछे को खीचा | बालो के खीचने से होने वाले दर्द के कारन वो फिर से कुतिया बन गयी | सहाय ने दे दना दनादन बस चूत में लंड पेलना शुरू कर दिया | आखिर वो भी हांड मांस का इंसान था और चुदाई करने पर उसका भी अंत आना था | दवा के असर से वैसे भी उसने तीन गुना देर तक चुदाई करी, वरना अब तक तीन बार झड चूका होता | उसने एक करारा झटका मारा और उसके चुदाई की आग में जलते लंड के सुपाडे की दुआ उसकी गोलियों तक पहुँच गयी जो इतनी देर से किये जा रहे चुदाई के मंथन का सारा रस अपने में समेटे हुए थी | सहाय की गोलियों से गरम सफ़ेद रस का तेज आवेग ऊपर को लंड के सुपाडे की तरफ बढ़ चला | सहाय झट से मिली की चूत से लंड निकाल कर उसके मुहँ के पास आ गया | मिली ने भी अपना पूरा मुहँ खोल दिया | सहाय मिली के मुहँ पर झड़ने लगा |

सहाय के मुहँ से झड़ने की कराह निकलने लगी - आह्ह्ह्ह्ह मेरी रानी, ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह आआआआअ
आआआआआआआआआआआअ, ...............आआआआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह..........आआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह..........आआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह..........आआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह..........आआआआआआआआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह |
इतनी देर से मिली की चूत जमकर मथने से ढेर सारी क्रीम सहाय की गोलियों में इकठ्ठा हो गयी थी, उसने सारी की सारी मिली के मुहँ पर उड़ेल दी | एक के बाद एक दे दनादन सहाय की पिचकारियाँ थमने का नाम ही नहीं ले रही थी | उसने मिली का पूरा चेहरा सफ़ेद गरम लंड रस से पाट दिया | जब तक एक एक बूंद उसके गोलियों से निचुड़ कर बाहर नहीं आ गयी वो अपने लंड को मिली के मुहँ पर झाड़ता रहा | मिली उसकी गोलियों में बची इक एक बूँद निचोड़ने को उसका लंड को हाथ में थाम उसे मथने लगी | हर तीन चार स्ट्रोक के बाद उसमे से दो चार बूँद रिस कर बाहर आ जाता जिसे मिली अपनी जीभ से चाट लेती | सहाय के लंड को मिली तब तक चाटती रही और मसलती रही जब तक उसमे से उसने एक एक बूँद निचोड़ नहीं ली |

उसके बाद सहाय का लंड मुरझाने लगा | मिली अपने मुहँ पर फैले सहाय के गाढे सफ़ेद लंड रस का कुछ हिस्सा चाट गयी और कुछ उसके चेहरे से रिसता हुआ, उसकी सुराही जैसी गर्दन में लिपट गया कुछ और नीचे उसके उरोजो को भीगोने लगा | मिली सहाय की तरफ देखती और फिर उंगली से अपने बदन में लगे लंड रस को चाट कर सहाय को आंख मार देती | सहाय से उसके बालो सहित पकड़कर उसको ऊपर उठा लिया और उसके मुहँ में अपनी जुबान घुसाकर उसको किस करने लगा | दुसरे हाथ से उसके चौड़े चूतड़ मसलने लगा | कुछ देर बाद उसके चुताड़ो पर जोरदार चमाट मारते हुए - आज तो मेरी रंडी रानी तूने निचोड़ ही लिया कसकर लंड को | साला कितना भी हचक कर चोदो साली, ऊन्ह आंह करेगी और चुदती रहेगी, कभी मना नहीं करेगी | कितनी मजबूत है तेरी चूत जो मेरे मुसल लंड से भी नहीं फटती |
मिली खिलखिलाती हुई - आप ही के लौंड़े ने चोद चोदकर मेरी चूत मजबूत कर दी है, वरना मै तो पहली बार बेहोश हो गयी थी | आप ने बहुत कसकर रगड़ रगड़ चोद चोद कर इसे मजबूत बना दिया है |
सहाय - वो तो है, तेरी चूत कभी चुदने से मना नहीं करती चाहे दिनभर चोदते रहो |
मिली अदा से अपने दूध दबाती हुई - तो चोदिये न सर इस रंडी चूत को |
सहाय - चुप कर हरामजादी कुतिया, साली अभी अभी तो झड़ा हूँ लंद्खोर बुरचोदी, रंडी की चूत, कितनी चुदास भरी है तेरे अन्दर, कितनी खुजली है तेरी चूत में माँ की लौंडी, अभी अभी तो तेरा मुहँ और चूत फाड़ी है लंड खोर बुर चोदी | साली चुदते चुदते पस्त हो गयी है , सीधे खड़े होकर अपने पैरो पर चलने को जांघो में जान नहीं बची होगी, फिर से चुदने को बोल रही है | अब मेरे भी जवानी के दिन नहीं है साली, वरना पूरी रात तुझे चोद चोद कर तेरी चीखे निकलवाता, सुबह एक कदम चलते ही तेरी चूत की चिटकी खुनी दरारे और उनका दर्द एक साथ बाहर आ जाते, तो एक कदम भी बिना नहीं चल पाती, जब तेरा सुजा हुआ चूत दाना जांघो से रगड़ता और तेरे कदमो में लडखडाहट पैदा करता तब तुझे अहसास होता किस लंड से पाला पड़ा था, तब पता चलता असली मर्द के असली लंड की चुदाई क्या होती है |
इतना कहकर वो मिली को बांहों में भरकर बिस्तर पर पसर गया | मिली उसकी बांहों में खिलखिलाते हुए अपनी गोरी जांघ सहाय के लंड के बीच जांघो में फंसाकर उसके आगोश में समां गयी |
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09-02-2021, 03:49 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
रीमा को तो ये सब् देख दिलो दिमाग की नशे ढीली हो गयी | एक औरत ऐसे कैसे चुद सकती है,इतना दर्द, इतनी तेज झटके कैसे बर्दास्त कर सकती है | ये एक नंबर की रंडी है मिली, वरना किसी और की चूत हो तो उसके चीथड़े उड़ जाये | एक ये है एक नंबर की चुदक्कड़, सहाय ने इसका पुर्जा पुर्जा छोड़कर ढीला कर दिया फिर भी उन्हें चोदने को उकसा रही है | हाय हाय मै तो मर ही जाऊ ऐसे कोई चोदे तो | मै तो बिस्तर से न उठ पाऊँगी | कैसी कैसी चूत है और कैसे कैसे बुरी तरह से चुदती है | ठीक है चूत चुदने के लिए बनी है लेकिन ऐसे तो कोई रबर की बनी बेजान चूत को भी नहीं चोदता जिसमे न जान होती है , न दर्द होता है | कितनी मेहनत की होगी इस मिली ने ये स्टैमिना बनाने में | बड़ा मजा आता होगा जब इसे बेदर्दी से सुपर स्पीड से चोदता होगा | इसकी चूत तो आग की भट्ठी बन जाती होगी, इतनी तेज ठुकाई से तो इसकी चूत की दीवारे जलने नहीं लगती होगी | उनमे आग क्यों नहीं लग जाती वे झुलस क्यों नहीं जाती | सुबह कैसा महसूस होता होगा, क्या बदन टूटता नहीं होगा | क्या इतनी तेज चुदाई से कमर में जांघो में दर्द नहीं घर कर जाता | इतना कोमल औरत का बदन, उसमे भी मख्खन की तरह नाजुक गुलाबी चूत, कैसे झेल झाती है इतना भयानक ठोकरे | पता नहीं जो ऐसे चुदती है वही जाने | मुझे क्या, मै तो ऐसे नहीं चुद सकती, कोई लाख सोना चांदी में मुझे नहला दे मै ऐसी चुदाई को कभी नहीं राजी होउंगी | काश मिली से पूछ पाती कितना दर्द होता है और कैसे बर्दास्त करती है वो | मिली जिसे हर बार अनुभव्कारती है एक बार तो कोई भी औरत उसे बर्दास्त कर ही लेगी | आखिर क्यों नहीं बर्दास्त कर सकती, जब इसी चूत से बच्चा पैदा कर अक्ती है तो औरते तो सब कर सकती | नहीं रीमा बच्चा पैदा करना लगा चीज है और इस तरह से मशीन की तरह सुपर फ़ास्ट स्पीड में चूत में लंड झेलना बिलकुल अलग | ये चुदाई सब औरते बर्दास्त नहीं कर सकती | क्यों नहीं कर सकती, आखिर मिली के पास भी वही नाजुक जिस्म है जो हर औरत के पास होता है उसके पास भी वही चूत है जो हर औरत के पास होती है | दूसरी की क्या बात करू मै ही चुद सकती हूँ इस तरह से | तीन बार चोदा था रोहित ने हचक हचक के, तब तो मुझे कुछ नहीं हुआ तो मै ऐसे भी मिली की तरह भी चुदाई कर सकती हूँ और एक बार इस तरह से चुदने में बुराई क्या है ?

रोहित - क्या बोली एक बार इस तरह से चुदने में बुराई क्या है ????? किस तरह से चुदने में ..............|
रीमा अपने मन के अंतर्द्वंद में इस तरह खोयी की उसे कुछ होश ही नहीं रहा | अपने अन्दर दिलो दिमाग में मची उठा पटक कब उसके जुबान से शब्दों की तरह निकलने लगी उसे खुद भी नहीं पता चला |
रीमा शर्म से पानी पानी हो गयी, रोहित उसकी तरफ देखता हुआ - बोलो किस तरह से ????? मिली की तरह से |
रीमा -हाय हाय मै यहाँ ज्यादा देर और बैठी तो पता नहीं क्या हो जायेगा गजब हो जायेगा | ये सब गन्दगी मेरे दिमाग में घर करती जा रही है | मुझे यहाँ से जाना है |
रोहित - मेरे दिमाग में तो घर नहीं कर रही |
रीमा - तुमारी बात अलग है, तुम मर्द हो, बहुतो के साथ खेले खाए हो |
रोहित - तुमारी बात का मतलब है मै ज्यादा एक्सपीरियंस वाला हूँ, तो तुम्हे नहीं लगता की तुम्हे भी ज्यादा एक्सपीरियंस लेना चाहिए |
रीमा - हाय हाय हाय मै मर न जाऊ ऐसा कुछ करने से पहले |
रोहित - कोई नहीं मरता बस उसे अपने दिमाग के दरवाजे खोलने होते है |
रीमा - मुझे नहीं खोलने ऐसे दरवाजे जहाँ से सीधे नरक में जाकर गिरू ?
रोहित - स्वर्ग नरक कुछ नहीं होता, सब मन का वहम है, जो चीजे हमें समझ नहीं आती या तो उन्हें हम चमत्कारिक घोषित कर देते है या पाप | फिर वही अच्छे बुरे की नौटंकी |
रीमा - ये फर्जी ज्ञान अपने पास रखो मुझे न जरुरत है इसकी |
रोहित - इसी ज्ञान की तो तुम्हे जरुरत है, तुमारे इस कोमल मन को दुनिया की सच्चाई से रूबरू कराना है, जो अपने दिमाग में तुमने दुनिया और उसके लोगो के लिए एक इमेज बना रखी है वो सच नहीं है | हर जवान इंसान की कामना होती है, कुछ की सीधी साधी समाज के ढर्रे पर चलने वाली और कुछ बहुत ही वाइल्ड सबसे अलग, एडवेंचर से भरी |
रीमा - क्या समझाना चाहते हो ?
रोहित - तुम अलग हो रीमा, तुमारी जवानी की हसीन इक्छायेअलग है, तुम बहुत सी ऐसी चीजो की कल्पना करती हो जो किसी लो भी हैरान कर दे, लेकिन सच यही है तुम सेक्स को लेकर वाइल्ड सोचती हो, किसी के अनुमानों से परे सोचती हो | इसीलिए तुम्हे ये सारे सेक्सुअल एक्ट जो यहाँ तुमने देखे तुम्हे परेशान कर रहे है |
मुझे नहीं कर रहे, मै इन सब को लेकर बिलकुल ओके हूँ | तुम जरुर परेशान हो |
रीमा - मै परेशान नहीं हूँ, ओके अब मुझे पर अपने पैतरे अजमाना बंद करो |
रोहित हँसता हुआ - अन्दर से तो लगता है जैसे तुमारा वजूद ही हिला हुआ है, आत्मविश्वास कमजोर हो गया है, कही ऐसा तो नहीं कि तुमने ये सब तरीके की चुदाई कभी सोची नहीं..............अगर सोची तो सिर्फ ये मान भर लिया कि ये सब कल्पना है और ये हकीकत हो ही नहीं सकती |
रीमा - मैंने ऐसा कुछ नहीं इमागिन किया है |
रोहित - यही तो मैं भी कह रहा हूँ, इस सबकी वासनाओं के आगे तुम्हे अपने वासनाए बहुत छोटी लगने लगी है और ये तुमारा अहंकारी स्वाभाव कैसे हजम कर ले, जो ये कर सकती है वो तुम भला क्यों नहीं कर सकती, ये अवाज तुमारे अन्दर से बार बार निकल रही है | जब तक तुमने इन्हें देखा नहीं था तुम्हे लगता था तुमारी सेक्स और वासना की दुनिया में सब परफेक्ट है और कुछ होने को शायद ही बचा हो लेकिन ये सब देखने के बाद तुम तो अन्दर से खाली खाली महसूस कर रही हो, तुम्हे लगने लगा है, इन सबके आगे मैंने तो कुछ किया ही नहीं अपनी जवानी की जलती वासनाओं को बुझाने के लिए | असली जवानी की प्यास तो ये सब बुझा रही है, अपने जंगली तरीके से, वहशियाना तरीके से, उन्मुक्त होकर बिलकुल आदम ज़माने की तरह |
रीमा बेहद हल्की आवाज में - मुझे डराओ मत रोहित, प्लीज ..............|
रोहित - मै डरा नहीं रहा हूँ, ये सच्चाई है और इसका सामना करो, डरपोक मत बनो पहले की तरह |
रीमा - अब तुमने मुझे सचमुच में परेशान कर दिया है, मै इतनी बड़ी गधी हूँ मुझे कुछ नहीं आता, मैंने अपनी जिंदगी में कुछ नहीं किया |
रोहित - अपने अन्दर हीनता भरने से कुछ नहीं होगा, कोई भी परफेक्ट नहीं होता | अब अपने कपिल को ही देख लो | वैसे तुमारा क्या ख्याल है कपिल के बारे में |
रीमा - ये सब देखकर तो लगता है अब किसी का भरोसा करना मुश्किल है |
रोहित - अरे बताओ तो सही कपिल के बारे में तुमारा क्या ख्याल है, आचा बताओ इस समय वो क्या कर रहा होगा, तुमारे हिसाब से कहाँ पर होगा |
रीमा - कपिल तो यहाँ फैमिली के साथ आया है, आज तो उसके लड़के का बर्थडे है | वो अपनी फैमिली के साथ एन्जॉय कर रहा होगा |
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09-02-2021, 03:49 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
रोहित हँसता हुआ - तुम बहुत भोली हो रीमा, कपिल का लौंडा नशे में धुत सो रहा है, उसकी बीबी एक गिगोलो के साथ गुलछर्रे उड़ा रही है और वो खुद दो कमसिन लड़कियों की बांहों में जवानी का नाच कर रहा है |
रीमा - हाय हाय ये भी कितना गिरा हुआ आदमी निकला, मुझे पता था मेरे सामने मीठे मीठे बोलकर हमेशा मेरी छाती घूरता था | लेकिन तुम्हे ये सब कैसे पता |
रोहित फिर से हँसता हुआ - उसी के केबिन के नोड पर काम जो कर रहा हूँ | वो ही अपनी लड़कियों को अपनी बीबी को भद्दी सी गाली देकर ये बता रहा था कि उसकी बीबी कही किसी लौड़े से चुदवा रही होगी | सच भी था कपिल की बीबी ने ही बेवफाई की शुरुआत करी थी, कपिल तो बदले की आग में ऐसा हो गया | अब तो दोनों आपस में चुदाई तक बंद कर चुके है
रीमा ताना मरती हुई - तुम्हे ये सब बड़ा पता रहता है |
रोहित हँसता हुआ - मै पता लगाता हूँ इसलिए पता रहता है |
रीमा थोड़ा सकुचाते हुए - जरा दिखाना कपिल क्या गुल खिला रहा है रंडियों के साथ, मेरे सामने तो बड़ा सीधा बनता है, जैसे उसे ये सब कुछ पता ही न हो इतना अनजान बनता है |
रोहित - अब हर कोई मर्द मेरे जैसा नहीं होता न, जोअपना दिल खोलकर मेरे जैसे किसी औरत के सामने रख दे | रीमा अन्दर ही अन्दर अभिमान से भर गयी, कि कम से कम उसका चाहने वाला उससे कुछ नहीं छिपाता |

शीशे की दीवार पर एक नया डिस्प्ले चलने लगा | एक केबिन में एक आदमी सिगरट फूंक रहा था |
तभी दो लडकियां खिलखिलाती हुई उसके केबिन में घुसती है | दोनों ने बस दो पीस ही जिस्म पर पहन रखे है , एक छोटी से ब्रा और एक छोटी सी पैंटी |
लडकियों को देखते ही कपिल सिगरट बुझा देता है, लडकियां अपनी ही अदा में अपनी अपनी कमर हिलाती हुई आपस में एक दुसरे से बेल की तरह लिपट कर एक दुसरे के ओंठो को चूमने लगती है |

कपिल अपनी शर्ट उतरता है | दोनों आपस में जबदस्त तरीके से स्मूच कर रही है | दोनों लड़कियां स्लिम थी और उम्र में 20 से ज्यादा की नहीं लग रही थी | कपिल भी उनके पास आ जाता है, लेकिन लड़कियां उससे छिटक कर शीशे की तरफ चली जाती है | एक लड़की दूसरे की पैंटी उतारने लगती है | और उसकी क्लीन सेव चूत और उसकी पतली सी दरार पर एक चुम्बन दे उसकी चिकनी चूत की तारीफ करती है |

कपिल बिसतर पर आ कर लुढक जाता है और उन दोनों की लडकियों के चूमा चाटी और मादक हरकते देखने लगता है | एक लड़की दूसरी लड़की की चूत पर अपने ओंठ जमा देती है और कसकर उसके चूत दाने को चूमने लगती है | दूसरी लड़की चूत दाने को कसने से उठती कामुक तरंग से कसमसाने लगती है, कामुक तरंग इतनी तेज होती है कि लड़की के पुरे शरीर को झंकृत करने लगती है | लड़की के मुहँ से सिसकारियां फूटने लगती है | तभी पीछे से आकर कपिल उस लड़की के चूतड़ थम लेता है और उसे किस करने लगता, उसकी मुहँ से निकलती मादक सिसकारियां कपिल के मुहँ में घुटने लगती है | वो बस नीचे चूत के इलाके से उठ रही कामिक तरंग को बर्दास्त करने लगती है | तभी दूसरी लड़की उससे अलग हो जाती है | कपिल दूसरी लड़की को झट से अपने आगोश में ले लेता है और जब तक लड़की अपने शरीर का संतुलन बना पाती वो कपिल की सख्त भुजाओं की कैद में होती है, कपिल झट से उसकी ब्रा खोल कर नीचे गिरा देता है और नीचे को सरकता हुआ उसकी पीठ और कमर को चूमता हुआ नीचे बढ़ जाता है | वो अपनी उंगली उस लड़की की पैंटी में फंसा नीचे को खिसकाने लगता है | उसकी लम्बी लम्बी कमर तक जाती लटे, सीने पर स्थित नरम नरम स्तन, सीधा सपाट पेट, पतली कमर ........................................दूसरी लड़की बस उसके गोरे जिस्म का आँखों से रसपान कर मादक तरीके से अपनी उंगली मुहँ में डाल चूसने लगती है | कपिल उसकी पैंटी खिसका कर घुटनों तक पंहुचा देता है | उसका सफाचट चूत तिकोना और उसमे बीचो बीच में एक पतली सी दरार | बस इतना ही दिख रहा था | कपिल उसके गोरे गोरे दूध जैसे मुलायम मांसल चुताड़ो को चूमने चाटने लगता है | लड़की अदा से अपनी कामुकता का प्रदर्शन करने लगती है |

इससे पहले कपिल कुछ और कर पाता, दूसरी लड़की ने अपने जिस्म के बचे रेशे उतार फेंके और दोनों लड़कियां आपस में गुथ्थम गुथ्था हो गयी | दोनों के कोमल बदन जो गरम होने लगे थे, एक दुसरे से रगड़ने लगे | दोनों ने एक दुसरे को कसकर बांहों में भर लिया और अपने अपने गुलाबी रस टपकाते मधुर ओंठो को एक दुसरे से सटा कर एक दुसरे को चूमने लगी | दो नंगी लडकियों को इस मादकता से एक दुसरे को चुमते देख कपिल का लंड पेंट के अन्दर की झटके खाने लगा | दोनों अपनी आंखे बंद किये, बेहद ही कामुक अदा से एक दुसरे को चूम रही थी, दोनों के गीले ओंठ अपनी अपनी जवानी का रसपान एक दुसरे को करा रहे थे |

दोनों लडकियों के उत्तेजक चुम्बन से कपिल का लंड तो मीनार की तरह सीधा होने लगा | अगर इसी तरह से इन नंगी लडकियों को चुमते देखता रहा तो उसका लंड पेंट फाड़कर बाहर निकल आएगा | अभी तो बस उन्होंने शुरू किया है, अगर मेरी बेकाबू उत्तेजना को देखेंगी तो अच्छा मेसज नहीं जायेगा | उसने उत्तेजना बाटने को लडकियों से बातचीत शुरू कर दी |
कपिल - अप्सरा जैसी परियो क्या नाम है तुम दोनों का |
कामुकता के सागर में डूबी लड़कियां, जो बेहद अदा से एक दुसरे के मधुर रसीले ओंठो का रसपान कर रही थी, एकदम से खिलखिला कर हंस पड़ी | कपिल को समझ नहीं आया कि वो हंसी क्यों |
एक लड़की बोली - सॉरी सर, हमें इस तरह से कोई नहीं बुलाता, इसलिए हंसी आ गयी | मेरा नाम मधुरिमा है और ये सलोनी |
कपिल - तुम दोनों हुस्न की परी हो |
मधुरिमा ने थैंक्यू किया और सलोनी को फिर चूमने लगी | कपिल ने खुद को काबू करने को ध्यान बटाना जारी रखा |
कपिल - कितनी उम्र है तुमारी, बालिग तो हो न |
सलोनी बोली - मै १९ साल की हूँ और ये 20 साल की |
कपिल - तुम दोनों ने कब ये काम स्टार्ट किया |
सलोनी - सर आप मेरे चौथे क्लाइंट है |
मधुरिमा - सर मुझे ढेढ़ साल हो गया है |
कपिल - सिर्फ रिवर लाउन्ज ही आती हो या और भी कही जाती हो |
सलोनी - सर मै अभी और कही नहीं गयी, मुझे पढ़ाई के लिए पैसे चाहिए, हर महीने में एक बार आने से मेरा सारा खर्चा निकल आता है |
मधुरिमा - सर क्लाइंट से जान पहचान बढ़ाने को मेरी ऐजेंसी ने मना किया है | वही मेरी बुकिंग करते है और जहाँ बोलते है वहां चली जाती हूँ | बुकिंग अमाउंट का तीस परसेंटेज वो रख लेते है, दस परसेंट ड्राईवर लेता है बाकि सब मुझे मिलता है |
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09-02-2021, 03:49 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
मधुरिमा इस काम में ज्यादा अनुभवी थी, उसने सलोनी को चुमते चुमते उसके बदन पर हाथ फिराना शुरू किया | सलोनी का कमसिन जवान बदन अभी तो पूरी तरह से खिला भी नहीं था | उसकी स्लिम बॉडी में कही भी फैट का नामोनिशान नहीं था | उसके छोटे छोटे स्तन जो अभी पूरी तरह से अपने आकार में नहीं आये थे उनके उपर कच्ची कली की तरह निप्पल मौजूद थे , उसकी चूत के ओंठो की कसावट बता रही थी की उसकी चूत तो अभी ठीक से खुलना भी बाकि है | शायद कोई मोटा लंड अभी ठीक से गया नहीं अन्दर तक | उसके रसीले गुलाबी ओंठो से तो जैसे शहद टपकता हो | मधुरिमा को सलोनी के कमसिन बदन को सहलाने में बड़ा मजा आ रहा था | उसकी हथेली और नाजुक उंगलियाँ सलोनी की छाती को मसलते , सपाट पेट को सहलाते हुए उसकी कमर के नीचे चूत तिकोने पर पंहुच गयी | मधुरिमा ने उसके चूत दाने और गुलाबी कसे ओंठो पर अपनी उंगलियो का जादू चलाना शुरू कर दिया |

मधुरिमा ने सलोनी के चूत दाने को रगड़ना शुरू कर दिया और उसके मुहँ में जीभ डाल उसे कसकर चूमने लगी | ये सब देखकर कपिल के तो होश उड़ने लगे | मधुरिमा का अनुभव साफ दिख रहा था, वो लयबद्ध तरीके से अपने कमसिन जिस्म को लहराकर ना केवल सलोनी के जिस्म से रगड़ रही थी बल्कि उसको कसकर चूम रही थी और उसकी उंगलियाँ उसके चूत दाने पर फिसल फिसल कर उसके जिस्म में वासना की चिंगारी जगा रही थी, जो आगे चलकर जरा सी हवा पाने पर भयंकर आग में बदल सकती थी | सलोनी को तो अपनी सिकरियां लेने तक का मौका नहीं मिल रहा था वो सिसकारियां मधुरिमा के ओंठो की सख्त जकड़न से उसी के मुहँ में घुट जा रही थी | ये सब देखकर कपिल का लंड पूरी तरह से उसकी पेंट में ही तन गया | वो पेंट के ऊपर से ही अपने लंड को हलके हाथो से सहला रहा था | मधुरिमा और सलोनी की सांसे भाप बनकर एक दुसरे के नथुनों से निकल रही थी और एक दुसरे के चेहरे को तपा रही थी | ये सब देखकर कपिल से रहा नहीं गया, वो उन दोनों लडकियों के पास आ गया - आग लगा दी तुमने इस बदन में इन वासना की अदाओं से | अब रहा नहीं जा रहा |
मधुरिमा - बड़े बेसब्र हो रहे है सर डिस्क्रिप्शन में लिखकर बेजा था, लॉन्ग टर्म एंजोयमेंट और फक्किंग |
कपिल - हाँ भेजा था लेकिन हमें क्या पता था इतनी कमसिन कुवारी जवान गरम गरम हसिनाये बेज देगें |
दोनों ही खिलखिलाकर हंस पड़ी |
कपिल क्या हंसती हो तुम दोनों, जैसे चंपा चमेली के फूल मधुर संगीत से साथ झर रहे हो |
दोनों के खिलखिलाहट जारी रहती है | तभी कपिल अपनी पेंट की जिप खोलता है और उसमे मीनार बना हुआ बाहर निकालता है |
दोनों एक दुसरे को हवस भरी आदाओ से देखती है | और एक साथ मिलकर एक एक बांह पकड़कर कपिल को नीचे बेड पर गिरा देती है | मधुरिमा उसके पैरो में जाकर उसकी पेंट नीचे को खिचने लगती है | सलोनी ऊपर से कमर से पेंट उतारने में उसकी मदद करती है | फिर दोनों लड़कियां कपिल की कमर के पास आकर बैठ जाती है | मधुरिमा उसके तेज खून के दौरान के कारन तने हुए कांपते गरम मुसल लंड को अपनी मुट्ठी में भरने की कोशिश करती है |
मधुरिमा - ऊऊऊऊऊह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ये तो भट्ठी की तरह तप रहा है सर, मेरे तो नाजुक हाथ जल जायेगें इसकी गरमी से |
कपिल - इसमें तुमने, तुम दोनों में मिलकर आग लगा दी है अब ये बुरी तरह जल रहा है, अब इस आग को तुम्ही बुझा सकती हो, इसकी तड़प को तुम दोनों ही मिटा सकती हो |
मधुरिमा - आग लगी है तो फायर ब्रिग्रेड वालो को बुलाते, हम तो दो नादान लड़कियां है, हम क्या जाने कैसे आग बुझती है |
कपिल - इसकी आग नादान कमसिन जवान लड़कियां ही मिटा सकती है, देखो कैसे हवस की आग में जल रह है तप रहा है, इस पर बारिश की कुछ फुहारे डालो ताकि इसे कुछ आराम मिले | पेंट में मीनार बने बने अकडन आ गयी है, तोड़ी गीली फुहारों के साथ मालिश कर दोगी तो उसे आराम मिल जायेगा | देखो कैसे तड़प तड़प के कांप रहा है |
सलोनी - सर ओंठो से मालिश करू या हाथो से |
कपिल - ओंठो से भी करना, ऊपर के भी और नीचे के भी, अभी थोड़ा लोलीपॉप बना दो |
सलोनी और मधुरिमा ने एक दुसरे की वासना भरी आँखों में देखा और हल्का सा मुस्कुराई | मधुरिमा ने कपिल के कांपते लंड को जड़ से थाम छत की तरफ को सीधा किया, उसके लंड तो चार पांच बार मुथियाया और दोनों ने अपनी अपनी रसीली जीभ बाहर निकाल उसके लंड पर फिरानी शुरू कर दी | सलोनी उसके गरम फूले लाल सुपाडे पर अपनी गुलाबी गीली रसीली नम जीभ फिराने लगी, जबकि उसके उलट मधुरिमा उसके लंड की निचले भाग को अपनी जीभ से सहलाने लगी | आआआह्ह्ह्ह दोनों की गीली जीभ का कपिल के गरम मीनार बने हुए तपते लंड सुखद नरम स्पर्श................कपिल तो जैसे जन्नत की सैर करने लगा | दोनों बड़ी ही नजाकत नफासत के साथ बहुत ही आइस्ते आइस्ते उसके लंड को अपनी गीली जीभो से सहला रही थी | ये कपिल की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ा रहा था | आनंद से सरोबार हो उसने अपनी आँखे बंद कर ली | दोनों एक दुसरे की आँखों में आंखे डाले, कामुक तरीके से उसके गरम मीनार की तने लंड पर अपनी रसीली जीभ का नरम स्पर्श से कपिल को स्वर्ग की सैर कराती रही | कपिल वासना की उत्तेजना के भंवर में गोते लगाने लगा |
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09-02-2021, 03:49 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
मधुरिमा ने फिर सलोनी की आँखों में झाँका और कपिल के लंड की जड़ में अपनी हथेली की गिरफ्त सख्त कर दी | सलोनी ने अपने रसीले गुलाबी ओंठो को फैलाकर उसके सख्त लंड के गरम सुपाडे को अपने मुहँ में ले लिया, और अन्दर ही उसके चारो तरफ अपनी गीली जीभ घुमाने लगी |
कपिल इस वासनात्मक हरकत से कामुकता से तड़प कर रह गया - आआआआआआआह्हह्हह्हह बेबी आआअह्ह्ह्ह, इट फील्स सो गुड ...........................|
मधुरिमा - गुड गर्ल, डू इट अगेन |
सलोनी ने फिर से उसके लंड के सुपाडे पर फिर से जीभ फिराई और बाहर निकाल अपने गीले ओंठो का चुम्बन दिया | मधुरिमा उसके लंड के नीचे के संवेदनशील हिस्से पर अपनी खुरदुरी जुबान फिराने लगी | सलोनी ने कपिल के लंड के सुपाडे को फिर से मुहँ में भरा और टॉफी की तरह चूसने लगी | मधुरिमा उसके लंड को चाटते चाटते हाथ में भरकर कसकर मुठीयाने लगी | सलोनी उसके लंड का सुपाडा मुहँ में भरे हुए थी, मधुरिमा उसके लंड को चाट और मुठिया दोनों रही थी | ये हरकते कपिल के जिस्म की वासना की आग को और ज्यादा भड़का रही थी | अब तक उसके जिस्म में चिंगारी बनकर तैर रही हवस, अब आग में बदलने लगी थी और उसके जिस्म को जलाने लगी थी | कपिल की आहे बता रही थी दोनों लडकियों उसके लंड को बहुत ही कामुक तरीके से चूस चाट और मसल रही है | कपिल भी बस उसी वासना में डूबा हुआ तैर रहा है | उसके बदन की नमी बता रही थी उसका जिस्म पसीने पसीने हो चला है | मधुरिमा ने अपनी जीभ नीचे ले जाते हुए उसकी गोटियो पर अपनी जीभ फिराने लगी, जबकि सलोनी अब उसके लंड को सुपाडे सहित उअर ज्यादा अन्दर लेकर चूसने लगी थी | मधुरिमा उसके लंड पर बराबर स्ट्रोक लगा रही थी और अपनी जीभ से उसकी बड़ी बड़ी गोलियों से अठखेलियाँ कर रही थी | ये एक जादुई एक्सपीरियंस था, जब दो नाजुक बदन कमसिन हसीनाए तुमारे बदन की आग बुझाने को तन मन से जुटी है और तुम बस उनके नाजुक गोरे बदन की कामुक अठखेलियाँ देखकर हवस की आग में जलकर कराह रहे हो | मधुरिमा फिर से कपिल के लंड के पास आ गयी और उसने सलोनी की आँखों में देखा, जो कपिल के मोटा लंड अपने मुहँ में भरकर उसके सुपाडे को चूस चूस कर गीला कर रही थी | मधुरिमा का इशारा समझ उसने कपिल का लंड मुहँ से बाहर निकाल दिया, कपिल का लंड सलोनी की लार से पूरी तरह नहा गया था | सलोनी ने आगे बढ़कर मधुरिमा को डीप किस किया और उसके गरम बदन पर उत्तेजना के कारन तनकर सख्त हो चुके सुडौल स्तनों को मसलने लगी | मधुरिमा ने भी सलोनी के निप्पलो को मसल दिया, सलोनी चिंहुक उठी, दोनों की आँखों में कुछ इशारे हुए और दोनों ने कपिल को सीधा कर दिया | लंड के एक छोर से सलोनी ने और एक छोर से मधुरिमा ने अपने रस टपकाते गुलाबी ओंठो को गरम लंड पर सटा | कपिल कुछ समझ पाता इससे पहले ही दोनों जड़ से लेकर सुपाडे तक आगे पीछे अपने ओंठो को रगड़ने लगी |

दो कमसिन जवान नाजुक कलियों के मधुर रस से भरे गुलाबी ओंठो के बीच में उसका तपता गरम लंड फिसल रहा था | आआअह्ह्ह्ह कपिल तो जैसे स्वर्ग पहुँच गया | दोनों ही अपने ओंठो को कपिल के गरम लंड पर बड़ी ही लयदार तरीके से फिसला रही थी | दोनों के नाजुक ओंठो का गीला नरम स्पर्श कपिल को मीनार की तरह अपने लंड पर बड़ा सुखद लग रह था | वो वासना के भंवर में और गहरे से डूबने लगा | उसके जिस्म की उत्तेजना और बढ़ गयी वो हवस की आग में और ज्यादा जलने लगा | उसके ओंठो पर फिसलते ओंठो के साथ साथ दोनों एक दुसरे की चुचियो को मसल रही थी | दोनों की गरम सांसे भाप की तरह कपिल के लंड पर लग रही थी | बीच बीच में वो एक दुसरे को चूमकर उनके रसीले ओंठो का रस पीने लगती |

काफी देर तक दोनों कपिल के लंड पर अपने रसीले ओंठो का रस बरसाती रही, फिर कपिल को बिस्तर पर फिर से लुढ़का दिया | मधुरिमा ने कपिल का लंड जड़ से हाथ में थामा और अपने मुहँ को चौड़ा कर उसमे सुपाडे सहित उसका लंड घुसेड़ कर उसे कसकर चूसने लगी |
कपिल फिर से कराह उठा - आआआआआआआआआआअह्हह्हह्हह |
सलोनी गौर से मधुरिमा का बंद ओंठो की सख्त जकड़न में कपिल के लंड का चुसना देख रही थी | मधुरिमा के ओंठ कपिल के गरम लंड की कसकर रगड़ रह रहे थे | मधुरिमा ने अपने मुहँ से मोटा लंड बाहर निकाला और सलोनी के मुहँ की तरफ करके - सक इट लाइक आई सक |

उसने सलोनो को बताया पहले लंड को जड़ से एक हाथ से थामे, सलोनी ने गोलिओ सहित कपिल के लंड को अपनी मुट्ठी में थाम लिया | फिर मीनार की तरह तने हुए लंड के लिए के सुपाडे पर अपने गुलाबी रसीले ओंठ रख दिए | सर को जोर से नीचे को ठेला और उसके नरम रसीले ओंठो को फैलाता कपिल का हवस की आग में जलाता मोटा लंड सुपाडे सहित सलोनी के मुहँ में सामने लगा |
मधुरिमा बोली - ओंठ कसकर चिपकाये रख, तभी लंड कसकर रगड़ खायेगा |
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09-02-2021, 03:50 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
सलोनी ने बिल्कुल वैसा ही किया | उसके ओंठ सख्ती से कपिल के लंड को जकडे हुए थे और वो सर ऊपर नीचे करके कसकर पूरा दम लगाकर कपिल के लंड को चुस रही थी, उसने जड़ से कपिल के लंड को थम रखा था | उसका गीला सुपाडा सलोनी के नरम मुहँ में गीली जीभ पर रपट रहा था | सलोनी बार बार उसकी गोलियों को भीचने लगती | सलोनी अपने नाजुक ओंठो से कपिल का लंड बुरी तरह चूस रही थी और उसी तरह से उसकी गोलियों को अपने हाथ से मथ रही थी | कसकर लंड के सलोनी के नाजुक ओंठो से मसले जाने से कपिल की उत्तेजना बेकाबू होने लगी | वैसे भी उसका लंड पहले से ही उत्तेजना से कुछ ज्यादा ही भरा हुआ था | वो सलोनी के गरम मुहँ के नरम स्पर्श की जादुई चुसाई बर्दास्त नहीं कर पाया और उसके सब्र का बांध टूट गया | उसकी गोलियों से गरम सफ़ेद लंड रस निकलने लगा | उसकी कराहे अनुभवी मधुरिमा ताड़ गयी, उसने सलोनी के मुहँ से लंड बाहर खीच लिया और दोनों उसके सुपाडे से मुहँ टिकाकर अपनी गीली गुलाबी जुबान उसके सुपाडे पर फिसलाने लगी | दोनों के गीली खुरदुरी जुबान का सहलाना था की कपिल के लंड से पिचकारी छुटने लगी | उसके गोलिओ में भरा रस सुपाडे के छेद से रिसने लगा | दोनों उसके गरम सफ़ेद लावे की अपनी जीभ से चाटने लगी | कपिल आह आह करके झड़ने लगा | उसके लंड से गिर रही सफ़ेद रस की धार उसी के पेट के निचले हिस्से को गीला करने लगी | पांच सात पिचकारियो के साथ कपिल ने अपनी हवस की आग की पहली क़िस्त पूरी कर दी थी | कपिल के लंड से पिचकारियाँ निकली बंद हो गयी लेकिन सलोनी और मधुरिमा ने उसके लंड रस से सने गरम लंड को चाटना बंद नहीं किया | वो कामुक अदा से उसके लंड को बदस्तूर चाटती रही | फिर मधुरिमा उठकर कपिल के सीने के पास आगई और अपनी लांघे कपिल की छाती के दोनों ओर करके उसके लंड पर झुक गयी | सामने से सलोनी अभी भी उसके लंड पर लगी मलाई को चाट रही थी | मधुरिमा ने उसके नाभि के नीचे पड़ी कपिल के लंड की सफ़ेद मलाई चाटनी शुरू कर दी |

कुछ देर तक दोनों कपिल के लंड को चुसती और चाटती रही, उसके लंड के आसपास फैली सारी मलाई चाट गयी | कपिल का लंड मुरझा गया था | उसके बाद दोनों ने एक दूसरे को अपनी बांहों में भर लिया और अपने गुलाबी रस भरे ओंठ एक दूसरे से चिपका दिए दोनों एक दूसरे को बेतहाशा चूमने लगी, दोनों बारी-बारी से एक दूसरे के मुंह में अपनी गीली गुलाबी जीभ घुसेड़ कर एक दुसरे की जीभ को कस कर चूमने लगती थी, कभी मधुरिमा सलोनी को चुसती कभी सलोनी मधुरिमा को चूमती............... काफी देर तक यही सिलसिला चलता रहा, बीच बीच में दोनों एक दूसरे के नरम तने सुडौल दुधिया उरोंजो को मसलने लगती | उसके बाद दोनों एक दूसरे को चिपक कर एक दुसरे की पीठ सहलाने लगाती | एक दुसरे के चूतड़ अपने हथेलियों में भरकर उसे मसलने लगाती | कपिल दोनों की हरकते को गौर से देखते हुए अपने मुरझाये लंड पर हाथ फेर रहा था दोनों कपिल के आस पास ही बैठी हुई थी और कपिल दोनों की उत्तेजक हरकतों को देखकर फिर से अपने लंड को खड़ा करने की कोशिश कर रहा था | हालांकि उसके लंड में अभी हरकत नहीं हो रही थी क्योंकि वह अभी अभी झड़ा था फिर भी कपिल को दोनों को आपस में चूमते चाटते देख बहुत मजा आ रहा था इसी बीच मधुरिमा और सलोनी आंखों आंखों में एक दूसरे को इशारा किया और सलोनी ने अपनी लंबी जीभ मधुरिमा की गीली गुलाबी जी पर रगड़ने लगी यह देखकर कपिल बहुत ही उत्तेजित हो गया दोनों एक दूसरे के मुंह में अपनी गीली गुलाबी जीभ डालकर एक दूसरे को चाट रही थी |

और बारी-बारी से कपिल की ओर देख कर मुस्कुरा रही थी दोनों की गीली जीभ की मादक कामुक नूर कुश्ती देख देखकर कपिल के लंड में फिर से हरकत होने लगी | सलोनी और मधुरिमा के कमसिन जवान गोरे बदनो की उत्तेजक हरकतों ने फिर से कपिल के अंदर उत्तेजना भरनी शुरू कर दी और उसके खून का दौरान तेज हो गया, उसके मुरझाये लंड में फिर से जान लौटने लगी | कपिल दोनों जवान नंगी हसीनाओं के गोरे मादक जिस्म की अश्लील कामुक हरकतों को देखकर फिर से उत्तेजित होने लगा था और उसके लंड में फिर से खून भरने लगा, वो फिर से छत की तरफ को सीधा होने लगा | तभी मधुरिमा ने सलोनी को कुछ इशारा किया और सलोनी कपिल के लंड के ऊपर दोनों तरफ पैर करके घुटनों के बल सीधी हो गई, मधुरिमा उसके उलट सलोनी की तरफ मुंह करके सलोनी के शहद से भरे ओंठो को चूसने लगी, मधुरिमा का पीठ कपिल के मुहँ की तरफ थी, उसके भारी भारी गुलाबी मांसल चूतड़ कपिल के मुहँ पर छा गए | कपिल का मुंह बिल्कुल मधुरिमा की गुलाबी नरम चूत के नीचे था जबकि सलोनी की चूत कपिल के झड़े हुए लंड के ऊपर थी दोनों ने एक-दूसरे को बाहों में भर लिया और एक दूसरे के खूबसूरत स्तनों को मसलने लगी दोनों एक दूसरे को गहरे तरीके से किस करने लगी दोनों एक दूसरे को बहुत बुरी तरह से मसलने लगी |

कपिल की आँखों के सामने साक्षात् जन्नत की सैर करने वाली सुरंग के मुहाने की दरार थी | उसने मधुरिमा के भारी भारी गुलाबी मांसल चूतड़ दोनों हाथो से पकड़कर फैला दिया और मधुरिमा की जन्नत की गुलाबी सुरंग की दरार खुल गयी | उसके ओठ फ़ैल गए और कपिल को उसकी सुरंग का कसा हुआ बंद गुलाबी मुहाना दिखने लगा | उसने बिना देर किये अपने ओंठ उस मुहाने से सटा दिए और फिर अपने मुहँ से जीभ निकाल कर उसकी चूत के गुलाबी ओंठो और उसके गरम मुहाने को चाटने लगा | मधुरिमा के मुहँ से तेज सिसकारी निकल गयी | उसके उत्तेजना में कसकर सलोनी के स्तन मसल डाले | मधुरिमा की हारकर देख वो भी मदुरिमा के भारी भारी गुलाबी मांसल चुताड़ो को भी मसलने लगा | कपिल की जीभ मधुरिमा की गीली चूत पर ऐसे फिसल रही थी जैसे गरम तवे पर मक्खन फिसलता है | मधुरिमा के मुहँ से सिसकारियो की झड़ी लग गयी | यह देखकर सलोनी भी बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो गई थी उसके मुंह से भी किलकारियां फूटने लगी और सलोनी ने कसकर मधुरिमा के स्तनों को भींच लिया, उसके स्तनों को बहुत कस कर मसलने लगी | मधुरिमा तो जैसे स्वर्ग में पंहुच गयी | एक तरफ सलोनी उसके मांसल कठोर तने हुए उरोजों को मथ रही थी और दूसरी तरफ उसकी गीली गुलाबी चूत पर कपिल की खुरदुरी जीभ कहर बरपा रही थी | मधुरिमा के लिए वासना का ये खेल असहनीय हो गया था | वो अपनी उत्तेजना को काबू कर पाने में असमर्थ हो गयी थी | इसी बीच सलोनी का दूसरा हाथ मधुरिमा के गुलाबी संवेदनशील चूत दाने पर पंहुच गया और सलोनी के उसको कसकर मसलना शुरू कर दिया | अब मधुरिमा के लिए खुद को संभाल पाना मुस्किल हो रहा था और उसकी उत्तेजना अब उसकी सिसकारियो के रूप में पुरे कमरे में गूँज रही थी | उसके हाथ पाँव काबू में नहीं थे और वो कसकर सलोनी से लिपट गयी | नीचे से आ रही कामुक तरंगो के मधुरिमा के शरीर को कंपा कर रख दिया, उसके चूत बहने लगी और उसने कपिल के मुहँ को अपने चूत रस से भिगोना शुरू कर दिया | उसका पूरा शरीर जोरदार तरीके से काँप गया और उसके जांघे और पिंडलियाँ उत्तेजना के भंवर को संभाल नहीं पायी और मुहँ से निकली एक लम्बी कराह के साथ वो बुरी तरह कांप गयी | मधुरिमा के ओर्गास्म के बावजूद न तो कपिल ने उसकी चूत को चुसना छोड़ा और न ही सलोनी ने उसके चूत दाने को मसलना छोड़ा | मधुरिमा जल्द ही अपने में लौट आई और उसने सलोनी के गरम सांसो में अपनी गरम सांसे घोलते हुए उसके रस भरे गुलाबी ओंठो पर अपने ओंठ रख दिए और फिर उसकी जीभ से खेलने लगी | दोनों अपनी गुलाबी जीभे बाहर निकाल कर कबड्डी कबड्डी खेलने लगी | दोनों की आपसी नूर कुश्ती देखने लायक थी | कौन किसको चाटता है बस इसी की होड़ लगी थी और दोनों में से कोई भी हार मनाने को तैयार नहीं था |

दोनों की ये हरकते कपिल के लंड में खून का दौरान बढ़ा रहे थे, बीच बीच में सलोनी की नरम गुलाबी चूत कपिल के तने हुए लंड को छु जाती और अपनी चूत के गुलाबी ओंठो पर कपिल के लंड का गुनगुना स्पर्श पाते ही सलोनी तुरंत अपनी कमर ऊपर की ओर उचका देती | तीनों ही अपनी अपनी हरकतों में बिजी थे तभी मधुरिमा ने सलोनी को छोड़कर थोड़ा और आगे झुककर कपिल के कपिल के गरम आग में धधकते लंड को अपनी नाजुक हथेली में थाम लिया | सलोनी थोड़ा सा पीछे हटकर कपिल के घुटनों तक पहुंच गई दोनों ही अब कपिल की लंड को बारी-बारी से मुठीयाने लगी और कपिल की उतेजना बढ़ने लगी | उसने मधुरिमा के चुताड़ो को और ज्यादा फैला दिया और उसकी गीली गरम चूत के गुलाबी सुरंग मे अपनी जीभ घुसाने लगा | उसकी जीभ का खुरदुरा स्पर्श अपनी गीली गरम चूत में मुहाने में पाते ही मधुरिमा रोमांचित हो गयी | उसने जड़ से कपिल के लंड को पकड़कर जोर से मुठियाना शुरू कर दिया | सलोनी पहले मधुरिमा को देखती रही फिर वो भी वैसे ही कपिल को मुठीयाने लगी | दोनों बारी बारी से कपिल के लंड को मुठिया रही थी और कपिल में उत्तेजना के भंवर में गहराई तक गोते लगाने लगा था |

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09-02-2021, 03:50 PM,
RE: Antarvasnax दबी हुई वासना औरत की
कपिल तो बस मधुरिमा की गीली गुलाबी चूत में समां जाना चाहता था | उसे और कुछ दिख ही नहीं रहा था | कपिल के गीले गुलाबी स्पर्श से मधुरिमा फिर से उत्तेजित हो गयी थी | उसने कसकर कपिल के लंड को पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया इसके बाद उसने सलोनी को इशारा किया और सलोनी आगे की तरफ झुक कर कपिल के तने मोटे गरम तपते लंड के लाल सुपाडे को अपने मुंह में ले लिया और धीरे धीरे चूसने लगी | धीरे-धीरे कपिल का उत्तेजना बेकाबू होने लगी | उसकी आहे बता रही थी की वो वासना के भंवर में पूरी तरह डूब चूका है | दोनों ही कमसिन जवान नंगी लड़कियां उसके लंड से बहुत बुरी तरह से खेल रही थी इसी बीच सलोनी ने धीरे धीरे ने पूरा का पूरा लंड अपने मुंह में लेकर कपिल के चूसना शुरू कर दिया जिससे कपिल की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ गई दोनों लड़कियां कपिल के लंड से खेल रही थी और कपिल मधुरिमा की चूत से खेल रहा था पूरे कमरे में मादक माहौल भरा हुआ था इसी बीच में मधुरिमा ने खुद को पोजीशन किया, वो पीछे की तरफ झुक गयी और अपने हाथ पीछे टिका दिए , उसने अपने नरम मांसल भारी चूतड़ कपिल की कमर के ऊपर रख दिए और अपनी पीठ के बल कपिल पर झुक गयी | कपिल ने उसके पतली कमर को अपने हाथ से थाम लिया | मधुरिमा ने दोनों पैर आगे बढ़ा करके फैला दिए जिससे कि उसकी गुलाबी चूत पूरी तरह से खुल कर के बाहर सामने आ गई | सलोनी ने अपने मुहँ में भरे हुए लंड को बाहर निकाला जो की उसकी गीली लार से पूरी तरह सना हुआ था और उसे मधुरिमा की चूत के गुलाबी मुहाने पर सटा दिया | सलोनी का लंड मधुरिमा की चूत पर सटाना भर था की कपिल की कमर से झटका मार दिया और कपिल का आधा लंड मधुरिमा की गीली गुलाबी चूत में घुस गया | मदुरिमा के मुहँ से एक कामुक कराह निकल गयी |

मधुरिमा - आआआआआआआआ आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइह्हीईईईईईईईईईइ स्सस्सस्सस ईईईईईईइ |

कपिल ने बिना रुके दूसरा झटका मारा और लंड और गहराई तक मधुरिमा की गुलाबी गीली चूत सुरंग में पैबस्त होता चला गया | उसने मधुरिमा की गुलाबी चूत दीवारे जो आपस में चिपकी हुई थी को चीरता हुआ अन्दर तक घुस गया | मधुरिमा की चूत की दीवारों की सलवटे गायब होती चली गयी और उसकी चूत की रस छोड़ती गुलाबी दीवारे लंड की भीषण आक्रमण से फैलती चली गयी और लंड के चारो तरफ लिपटती चली गयी | कपिल ने फिर से पूरा लंड बाहर निकाला और जोरदार तरीके में पूरा जोर लगाकर झटका मारा | मधुरिमा की चूत लंड के भीषण आक्रमण से अन्दर तक फैलती चली गयी और कपिल के लंड को पूरा का पूरा निगल गयी | पूरी ताकत से मारे गए इस झटके से कपिल के लंड ने मधुरिमा की मखमली मक्खन जैसी गुलाबी चूत सुरंग की चीर के रख दिया | उसकी दीवारे मुसल लंड को रास्ता देते हुए आपस में अलग हो गयी और उसमे आकर लंड ने अपनी जगह बना ली | भीषण आक्रमण के कारन दहशत से भरी चूत की कसी दीवारे बेबस होकर कपिल के लंड से लिपट गयी और उसको जकड लिया | मधुरिमा की चूत का आखिरी कोना तक कपिल के लंड से भर गया और पूरा का पूरा लंड मधुरिमा की चूत में अन्दर तक जाकर धंस गया |

मधुरिमा बस दर्द से चीख कर रह गयी - आआआआआआआआ आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइह्हीईईईईईईईईईइ मामामामामामामा मामामामामाआआआअ ईईईईईईईईईईई मरररर रर रररर गाअयीईईईईईई | आआआआआआआआ ईईईईईईईईईईईइ ओओओओओओओओओओ ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइह्ही |

मधुरिमा दर्द से बेहाल हो गयी | कपिल कुछ देर के लिए थम गया | सलोनी के आगे बढ़कर मधुरिमा के गुलाबी चूत दाने की रगड़ना शुरू कर दिया | वो अपनी गीली जीभ से लाल चूत दाने को रगड़ने लगी | मधुरिमा दर्द से बिलबिला गयी थी लेकिन सलोनी के जीभ गीले स्पर्श से चूत दाने की मालिश से जल्दी ही उसका दर्द कम होने लगा और वो फिर से उत्तेजना के भंवर में वापस लौटने लगी | कपिल ने मधुरिमा की चूत में लंड पेलना शुरू कर दिया | उसकी कमर हिलने लगी | मधुरिमा को दर्द हो रहा था लेकिन अब कपिल को उसकी परवाह नहीं थी | मधुरिमा की चूत पूरी तरह से फैल गई थी और उसे ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने एक गर्म लोहे की रॉड उसकी चूत में घुसा दी हो वो अभी भी दर्द को बर्दाश्त करने की कोशिश कर रही थी इसीलिए उसने अपनी आंखें बंद कर ली थी | सलोनी मधुरिमा के चूत दाने को कसकर चाट रही थी जिससे कि मधुरिमा चूत में हो रहा दर्द जल्दी ही धुआं हो गया और कपिल जू अब तक हलके हलके झटके लगा रहा था उसने फिर से लंड को हल्का सा बाहर निकालकर से जोरदार झटका दिया और कपिल का मोटा लंड मधुरिमा की गीली गुलाबी चूत को चोदता हुआ अंदर तक घुस गया मधुरिमा के मुंह से एक और चीख निकल गई जबकि कपिल ने उसकी चीख को इग्नोर करते हुए लंड को फिर से बाहर निकाला और फिर से एक जोरदार झटका दिया लंड और लंड पूरा का पूरा मधुरिमा की गीली गुलाबी चूत में समां गया मधुरिमा के मुंह से फिर से चीख निकल गई थी हालांकि मधुरिमा को हर तीसरे चौथे दिन कोई न कोई चोदता ही था लेकिन वो पिछले एक महीने से छुट्टी पर गयी हुई थी इसलिए उसकी चूत की दीवारे कुछ ज्यादा ही सख्त होकर आपस में चिपक गयी थी इसलिए कपिल के लंड के अचानक से हुए हमले सेमधुरिमा की चूत की दीवारों में हाहाकार मच गया और वह भी भीषण दर्द से कराह उठी | मधुरिमा के चेहरे पर दर्द भरे कामुक भाव उभर आए थे, दर्द के कारण अपनी आंखें बंद कर ली थी |

कपिल सटासट मधुरिमा की चूत में लंड पेल रहा था, मधुरिमा अब किसी रंडी की तरह ही चुद रही थी और कपिल भी उसे किसी रंडी की तरह ही चोद रहा था | सलोनी सामने से कपिल के लंड से और उसकी गोलियों से खेल रही थी जब कपिल नीचे लेटा हुआ अपने ऊपर बैठी मधुरिमा गुलाबी रंडी चूत को हचक हचक के चोद रहा था तीनों ही कामुकता और वासना के सागर में गोते लगा रहे थे | तीनो की सांसे उखड़ी हुई थी और तीनो के जिस्म वासना और पसीने से टार बतर थे | तीनों ही मदमस्त होकर वासना का नंगा खेल खेल रहे थे इसी बीच कपिल ने मधुरिमा के स्तनों को अपने हाथों से जकड़ लिया और उन्हें मसलने लगा, अब मधुरिमा भी कपिल की चुदाई से मस्त होने लगी थी कपिल मधुरिमा की उन्नत छातियों के ऊपर स्थित चुचियों को कस कर मसलने लगा था जिससे मधुरिमा के शरीर में एक दर्द भरी मादक तरंग सी दौड़ गई थी जबकि सलोनी कपिल की गोलियों को अपने हाथ में लेकर सहला रही थी और बार-बार उन्हें चूम रही थी कपिल का लंड सटासट मधुरिमा की चूत में अंदर बाहर जा रहा था मधुरिमा तो जैसे जन्नत ही पहुंच गई हो |उसके लिए यह कोई नई बात नहीं थी हर रोज कोई न कोई उसे चोदता ही था लेकिन कपिल जिस तरह से एक ही झटके में पूरा का पूरा लंड मधुरिमा की गीली गुलाबी चूत में घुसा रहा था उससे उठने वाली एक अजीब सी कम्पित तरंग उसे मदहोश किए दे रही थी | मधुरिमा पूरा बदन वासना की गर्मी से गर्म होकर तप रहा था और पसीने से नहा गया था उसकी सांसे तेज हो गई थी और ऐसे लग रहा था जैसे एक्सप्रेस चुदाई से उसकी सांसे उखड़ने लगी हो | इसी बीच में मधुरिमा ने कपिल को इशारा किया और कपिल ने मधुरिमा की चूत से अपना लंड निकाल लिया |

मधुरिमा कपिल के ऊपर से उठकर अब बिस्तर पर अपने घुटनों और कोहनी के बल उल्टा हो गई, वो घोड़ी बन गयी थी और उसके चूतड़ हवा में उठ गए थे कपिल मधुरिमा के पीछे आ गया और उसने बिना देर किए ही मधुरिमा की वासना की आग में जलती हुई गर्म भट्ठी जैसी गुलाबी चूत में अपना लंड को पेल दिया|
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